कुछ ऐसे क्रॉसड्रेसेर्स, जो अपनी पहचान छिपाकर ही रखना चाहते हैं, ऐसे ही एक क्रॉसड्रेस्सेर के साथ आज हमारी बातचीत हो रही है जिन्हे क्रॉसड्रेस्सेर कहना अब सही नहीं होगा क्यूंकि अब हमारी गेस्ट पूरी तरह से औरत बन चुकी हैं और एक प्रॉपर हाउसवाइफ वाली जिंदगी जी रही हैं। आज हमारी खूबसूरत मेहमान हैं, मिसेज़ आलिया मेहरा। यहाँ हमारे गेस्ट का नाम बदल दिया गया है क्यूंकि मिसेज़ आलिया नहीं चाहतीं कि इस इंटरव्यू का उनके निजी जीवन पर कोई इम्पैक्ट हो।
मी - हाय! मिसेज़ आलिया, आपका स्वागत है इंडियन फिक्शनल स्टोरीज के प्लेटफार्म पर।
आलिया - थैंक्स सोनिया!
मी - तो अपने बारे में बताएं!
आलिया - मैं नागपुर का रहने वाला हूँ और मेरी उम्र 23 साल है। मेरे परिवार में मेरे पति देव मेहरा और एक प्यारी से बिटिया रिया है। जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ, मैं अब उनके टच में नहीं हूँ, लेकिन अगर वो मेरी इस इंटरव्यू को कभी सुन सकें या पढ़ सकें तो मैं उनसे कहना चाहती हूँ कि आई लव यू अम्मी एंड अब्बू!
मी - बेशक, एक ना एक दिन आपकी इंटरव्यू के बारे में वे जरूर पढ़ सकेंगे। तो आप हमेशा से ही क्रॉसड्रेस्सेर थीं?
आलिया - जी नहीं! साल २०१३ में मैंने एक ऑनलाइन साइट "राजिबलान जिमडो" पर पहली बार क्रॉसड्रेसिंग कहानियां पढ़ी और धीरे धीरे मुझे ये कहानियां बहुत पसंद आने लगीं। चाहे वो कहानियां राधिका की रही हो या प्रिंसेस काजल कपूर की, मुझे ये कहानियां पढ़नी बहुत अच्छी लगने लगी और मेरी जिंदगी पूरी तरह से बदल गयी।
मी - कैसे?
आलिया - मैं सबकुछ छोड़कर दिनभर ऐसी कहानियां पढ़ने लगी और धीरे धीरे मेरा मन भी करने लगा कि मैं भी एक बार लड़की बनकर देखूं और एक दिन मैंने हिम्मत की और अपनी बहन की अनारकली सूट पहनकर आईने के सामने खुदको देखने लगी, तब मुझे एहसास हुआ कि मैं तो अपनी बहन से भी ज्यादा खूबसूरत हूँ।
मी - वाओ! फिर क्या हुआ?
आलिया - फिर क्या था, घर में सबसे छोटी थी मैं, बारहवीं के बाद मुझे तो अब्बू की साड़ी की दूकान ही संभालनी थी तो मैंने अगले ही दिन अब्बू की दूकान पर जाना शुरू कर दिया। अब्बू की दूकान पर साड़ी बेचने के साथ साथ साड़ी पहनकर ग्राहक को दिखाना यूँ तो आम बात थी सबके लिए लेकिन मुझे इसमें मज़ा भी आता और अब्बू को भी बुरा नहीं लगता। कुछ ही दिनों में मैं अपने ही साड़ी की दूकान का मॉडल बन गया था जहाँ सभी मर्द मुझे ही साड़ी पहनाते और लेडीज को दिखाते कि साड़ी कितनी सुन्दर है।
मी - क्लेवर! सही है, इससे तो किसी को भी इस बात का शक भी नहीं हुआ होगा कि आप एक सीक्रेट क्रॉसड्रेस्सेर हो।
आलिया - हांजी, बिलकुल! अब्बू की साड़ियों की सेल बढ़ने लगी तो उन्होंने दूकान में लहँगा, सलवार सूट और ब्रा पैंटी भी रखना शुरू कर दिया और मेरी ख़ुशी का तो कोई ठिकाना ही नहीं था। देखते ही देखते दो साल ऐसे ही निकल गया। अम्मी और मेरी बहन भी कभी कभी मुझे साड़ी पहनकर दिखाने को कहती तो मैं भी बिना किसी हिचकिचाहट के साड़ी पहन लेती और उनके सामने इतराती तो वे जोर जोर से हंसतीं। सबके लिए तो ये एक मज़ाक भर ही था लेकिन मेरे लिए तो ये मेरी लाइफ बन चूका था।
मी - हम्म, ब्रावो! फिर क्या हुआ?
आलिया - एक दिन एक कस्टमर को ऐसे ही साड़ी दिखा रही थी मैं। एक मैडम अपने पति के साथ आयी थीं और ऐसा लग रहा था मानो दोनों की नई नई शादी हुई है। वो मैडम इतनी खूबसूरत दिख रही थी उस साड़ी में कि मुझसे रहा नहीं जा रहा था। उनकी कलाइयों में ढेरों कंगन, सुहाग का चूड़ा था, बैकलेस डीप नेक ब्लाउज और लाल रंग की बनारसी साड़ी में वो मैडम सच में इतनी हसीं दिख रही थी। वो आदमी सच में बहुत खुशनसीब था जिसे इतनी सुन्दर पत्नी मिली थी। उसके शर्माने का ढंग, इतराना, अपने पति के छेड़ने से गुस्सा होकर कजरारी आँखों से उसे देखना, बार बार साड़ी की पल्लू को सरकाना और ये अदाएं मुझे इतनी अच्छी लगी कि मैंने उन अदाओं की प्रैक्टिस शुरू कर दी। अब मैं सिर्फ क्रॉसड्रेसिंग ही नहीं करती थी बल्कि औरतों के हावभाव की प्रैक्टिस भी करने लगी थी।
मी - सीरियसली?
आलिया - हाँ, लेकिन मैं अभी भी सीक्रेट क्रॉसड्रेस्सर ही थी। मेरे अम्मी अब्बू भाई बहन किसी को इस असलियत के बारे में कुछ भी नहीं पता था। ऑफ सीज़न चल रहा था, दूकान खाली थी और दूकान में ना तो अब्बू थे और ना ही कोई स्टाफ था। मुझे तरह तरह की साड़ियों का अच्छा नॉलेज हो गया था, साड़ी को देखकर बता सकती थी कि साड़ी जॉर्जेट की है, सिल्क की है, साटन है या कांचीवरम है। उस दिन बहुत दिनों के बाद वो कपल फिर से दूकान पर आया, लगभग पांच महीने बाद और उन्हें देखकर मैं बहुत खुश हो गया था।
मी - ऐसा क्यों?
आलिया - वो लेडी जिसे मैं इतना एडमायर करता था वो मेरे सामने थी तो मेरी ख़ुशी सातवे आसमान पर थी। शायद वो गर्भवती थी और उसका पेट थोड़ा निकला हुआ था, लेकिन फिर भी बहुत खूबसूरत दिख रही थी। उसे साड़ी दिखाने के दौरान उससे काफी बातचीत हुई और उसने बताया कि उसे मेरे दूकान की साड़ियां बेहद पसंद हैं। उसके पति ने मुझे अपना नंबर दिया ताकि नयी नई साड़ीयों के कलेक्शंस मैं उन्हें व्हाट्सप्प के थ्रू भेज सकूँ। उस दिन उन्होंने लगभग 20000 की साड़ी खरीदीं। जब अब्बू दूकान पर आये और उन्हें मैंने पैसे दिए तो वे बहुत खुश हुए। अब्बू खुश तो मैं भी खुश, आखिर अब्बू अम्मी की ख़ुशी से ज्यादा मेरे लिए कुछ भी नहीं था। अब मुझे नंबर मिल गया था तो मैं हर रोज़ के कलेक्शंस को अपने ऊपर पहनकर उस कपल को भेजने लगा और महीने में एक बार वे मेरी दूकान से अच्छी खासी शॉपिंग करते। कुछ महीनों के बाद अचानक उस कपल का रिस्पांस आना ऐसा बंद हुआ कि वो तो मेरे मैसेज भी नहीं देखते और इससे मुझे बहुत दुःख हुआ।
मी - क्यों? उन्होंने अचानक रेस्पॉन्स देना बंद क्यों कर दिया?
आलिया - बहुत दिनों तक तो मैं भी यही सोचती रही कि आखिर उन्होंने ऐसा क्यों किया। फिर मैंने सोचा शायद वो लेडी प्रेग्नेंट थी तो हो सकता है बच्चे के पालन में व्यस्त हो गयीं हो।
मी - हाँ! ये भी तो हो ही सकता है।
आलिया - नेक्स्ट छह महीनों में उस कपल ने मुझे एक भी रिप्लाई नहीं किया तो मुझे भी समझ में नहीं आया कि आखिर क्या हुआ। मैंने उन्हें दूसरे नंबर से कॉल किया तो उस लेडी के हस्बैंड ने कॉल पिक किया। मैंने उनसे पूछा कि ऐसी क्या बात हो गयी जिससे वो अब मेरी दूकान में आते ही नहीं?
मी - तो क्या कहा उन्होंने?
आलिया - उन्होंने बताया कि उनका डाइवोर्स हो गया है। मैं तो शॉक्ड ही रह गयी, इतना क्यूट कपल डाइवोर्स कैसे ले सकता है? जबकि वो लेडी तो प्रेगनेंट थी, फिर भी डाइवोर्स। फिर मैंने उस आदमी से पूछा तो उसने बताया कि गलती उसकी ही थी और उसी ने अपनी गर्भवती पत्नी के साथ धोखा किया। उसे सेक्स की तलब हुई और जब उससे बर्दाश्त नहीं हुआ तो एक दिन वो अपनी पड़ोसन के साथ सेक्स करने लगा और ये बात उसकी पत्नी को जैसे ही पता चला, उसने डाइवोर्स दिया और अपने मायके शिफ्ट हो गयी।
मी - सो सैड!
आलिया - हाँ! लेकिन उस आदमी की इतनी भी गलती नहीं थी। अपनी पत्नी की गर्भावस्था के दौरान उसे सेक्स करने का मन हो रहा था और पड़ोसन भी उसे उकसा रही थी तो उनके बीच ये सब हो गया, आखिर मर्दों को भी तो मन होता है सेक्स करने का। वैसे उसने गलत तो किया ही था, लेकिन उसकी पत्नी को भी उसकी मनोदशा समझनी चाहिए थी कि एक मर्द को जब सेक्स की तलब मचती है तो उसे कितनी बेचैनी होती है।
मी - ओके! फिर क्या हुआ!
आलिया - फिर मेरी और उस आदमी की अच्छी दोस्ती हो गयी। वो सरकारी नौकरी में था, अस्सी हज़ार की सैलरी थी लेकिन बिलकुल अकेला था। जब हमारी दोस्ती अच्छी हो गयी तो पहली बार उसने मुझे अपने बर्थडे पर इन्वाइट किया। जब मैं उसके बर्थडे पर उसके घर गया तो इतना बड़ा घर देखकर मुझे यकीन नहीं हुआ। इतना बड़ा बंगलो तो करोड़ों में भी नहीं आता है। जब मैं उसके घर में गया तो मैंने देखा, वहां हमदोनो के अलावे कोई और नहीं था।
मी - तो क्या आपदोनो अकेले थे वहां!
आलिया - हाँ! लेकिन घर में सबकुछ बिखरा हुआ था। उसके बैडरूम में मेरे दूकान की साड़ियां बिस्तर पर ड्राय क्लीन होकर रखी थीं और किचन में भी सबकुछ अस्त व्यस्त हो रखा था। मैंने उससे पूछा तो उसने बताया कि अब मेड काम पर आती नहीं है और उसे ड्यूटी जाना रहता है तो बर्तन धोने के अलावे उससे ज्यादा कुछ नहीं होता है। वो कपडे धोबी से धुलवा लेता है और खाना घर से बाहर ही खा लेता है। वो कुछ बियर, स्नैक्स, तंदूरी चिकन और छोटा सा केक लेकर आया था और फिर भी बहुत दुखी था।
मी - ओह्ह! फिर!
आलिया - हाँ! मैंने उससे कहा कि उसे इतना दुखी रहने की जरुरत नहीं है। अगर उसकी पत्नी उसे छोड़कर गयी है तो उसे लाइफ में आगे बढ़ना चाहिए! लेकिन वो अपनी एक्स वाइफ को बहुत मिस कर रहा था। मैंने उससे फिर से कहा कि आज उसका बर्थडे है और मैं उसके लिए कोई गिफ्ट भी लेकर नहीं आया। मैंने उससे पूछा कि उसे गिफ्ट में क्या चाहिए?
मी - क्या कहा उसने?
आलिया - उसने मुझसे कहा कि वो मुझे अपनी पत्नी की साड़ी में देखना चाहता है, ताकि कम से कम आज की रात वो अपनी पत्नी को मिस ना करे!
मी - तो क्या एक रात कि लिए आप उसकी पत्नी बनने को राज़ी हो गयी?
आलिया - पहले तो मैं इसके लिए राज़ी नहीं थी लेकिन जब वो रोने लगा तो मुझसे रहा नहीं गया। मैंने उसकी एक्स वाइफ की साड़ी और बैकलेस ब्लाउज पहन ली, मेकअप कर लिया और बाल संवार लिए और शर्माते हुए उसके पास जाकर बैठ गयी। ये मेरी लाइफ में पहली बार था जब मैंने किसी मर्द के लिए क्रॉसड्रेसिंग की हो और इतना शरम आ रहा था कि नज़रें उठाये नहीं उठ रही थी।
मी - ओह्ह! तब तो डर भी लगा रहा होगा?
आलिया - बहुत डर! ऐसा लग रहा था कि मैंने कहीं कोई गलती तो नहीं दी थी। लेकिन मुझे अपनी एक्स वाइफ की साड़ी में देखकर ये बहुत खुश था। पहले केक खाया हमने और फिर चिकन तंदूरी और बियर की बोतल खुली और स्नैक्स के साथ हम शुरू हो गए। हमने देर रात तक बियर पी और बातों बातों में हम कब सो गए इसका पता भी नहीं चला। वो तो अच्छा हुआ कि अब्बू ने मुझसे पहले ही कहा ही था कि अगर लेट हो तो वहीँ रुक जाने को।
मी - हम्म! फिर क्या हुआ?
आलिया - अगली सुबह जब मेरी नींद खुली तो मुझे एहसास हुआ कि मेरी कमर पर उसका हाथ था, मैं पूरी तरह न्यूड थी और वो भी।
मी - तो क्या तुम दोनों के बीच सेक्स हुआ था?
आलिया - खुद को पहली बार ऐसी सिचुएशन में देखकर मेरी धड़कनें बढ़ गयीं और मैंने अपने ऊपर से उसका हाथ हटाया और वाशरूम में गयी। मैं फ्रेश हुई, चेंज किया और नहाकर वापिस आयी और जीन्स टीशर्ट पहनकर तैयार हो गयी। ऐसे मुझे एहसास तो हो रहा था कि कुछ तो हुआ था हमारे बीच और मेरे होंठ के निचले हिस्से में हल्का सा दर्द भी था लेकिन मैंने इसपर ज्यादा ध्यान नहीं दिया। मैंने उसे जगाया और उसे बताया कि मैं जा रही हूँ और उसने मुझे बाय कहा। मैं उसके घर से निकल गयी और दूकान पर आ गयी। अब्बू ने अभी तक दूकान नहीं खोला था तो मैं घर आ गया। अब्बू ने मुझे दूकान खोलने को कहा और मुझे चाबी पकड़ा दिए। मैं दूकान पर गयी और अपने काम में लग गयी।
मी - आपको अजीब नहीं लगा, एक मर्द के साथ न्यूड हमबिस्तर होना।
आलिया - दो मर्द एक साथ सो जाए तो क्या होगा, यही सोचकर तब मैंने इस बात को नेग्लेट किया, लेकिन उस रात के बाद से सबकुछ हमेशा हमेशा के लिए बदल गया था।
मी - ऐसा क्या हुआ?
आलिया - उस दिन के बाद से मुझे उस सख्स के साथ टाइम स्पेंड करना अच्छा लगने लगा था। जब कभी उसकी छुट्टी होती तो वो या तो मेरी दूकान पर साड़ी खरीदने के बहाने आ जाता या मुझसे कभी लहँगा चोली में तो कभी साड़ी में फोटो की डिमांड करता। मुझे तो वैसे भी क्रॉसड्रेसिंग पसंद थी और अगर कोई मेरी खूबसूरती की तारीफ करने वाला मिल ही गया था तो मैं क्यों रूकती। मैं भी उसकी हर डिमांड को पूरा कर देती लेकिन उसके घर दुबारा नहीं गयी और ना ही उसने मुझे अपने घर पर दुबारा इन्वाइट किया।
मी - अच्छा! लेकिन क्यों? आपदोनो की दोस्ती तो इतनी अच्छी थी, फिर उससे मिलने जाने में क्या हर्ज़!
आलिया - आई डोंट नो, अल्लाह जाने क्यों उसने मुझे कभी दुबारा अपने घर पर नहीं बुलाया लेकिन उसकी डिमांड अब कुछ ज्यादा ही बढ़ने लगी थी।
मी - ऐसा क्या हो गया?
आलिया - एक दिन अचानक वो मेरी साड़ी की दूकान पर आया, उस दिन मेरा बर्थडे था और उसने मुझसे ही महारानी स्टाइल लहँगा चोली खरीद कर मुझे ही गिफ्ट करके चला गया और मेरे दिल में पहली बार इतनी घबराहट हुई। मैं उस लहँगे को अपने घर ले गयी और रात को उसे पहनकर वीडियो कॉल करके उससे बात करने लगी। बातों बातों में उसने मुझसे कहा कि उसका ट्रांसफर हो गया है, दूसरे शहर में और वो अगले ही दिन निकलने वाला था। मेरे तो पैरों तले जमीन ही खिसक गयी ये सब सुनकर और मेरी आँखों में ना जाने क्यूं आंसू आ गए।
मी - आप बहुत इमोशनल लगती हो, हो जाता है कभी कभी!
आलिया - नहीं, मेरे साथ ऐसा पहली बार हुआ था जब मैं एक गैर मर्द के लिए आंसू बहा रही थी। उससे बात करने के बाद मैं सच में बहुत रोई, ऐसा लगा मानो मेरे दिल के दो टुकड़े हो गए हों। अल्लाह जाने, क्यों लेकिन उसका जाना मुझे जरा भी अच्छा नहीं लग रहा था। उससे मेरी दोस्ती इतनी ज्यादा अच्छी थी कि मैं बता नहीं सकती कितनी अच्छी थी। मेरे जज्बात मेरे कण्ट्रोल में नहीं थे और मैं उससे दूर होना नहीं चाहती थी लेकिन मुकद्दर में जो लिखा था, उसे कौन मिटाता। अगले दिन वो चला गया लेकिन जाते जाते अपने घर की चाबी मुझे दे गया, ताकि मैं उस घर में अपनी क्रॉसड्रेसिंग को खुलकर एन्जॉय कर सकूँ। उसने कहा कि वो बहुत जल्द वापिस आ जायेगा और फिर वो चला गया। मैंने उसे रेलवे स्टेशन पर सीऑफ किया और जाते जाते उसने इतने सारे लोगो के सामने मेरे गाल पर किस किया और अपनी मर्दानगी दिखाते हुए मुझे हग करके वहां से चला गया। कुछ औरतें, कुछ मर्द हमदोनो को देख रहे थे लेकिन उससे मुझे घंटा फ़र्क़ नहीं पड़ रहा था।
मी - ओह्ह! ये तो बहुत हार्ट फेल मोमेंट रहा होगा आपके लिए।
आलिया - हाँ था तो जरूर, लेकिन जाते जाते वो सख्स मुझे घर की चाबियों के रूप में एक ख़ुशी दे गया। अब मेरे पास एक सेपरेट घर था जहाँ मैं खुलकर अपनी क्रॉसड्रेसिंग को एन्जॉय करने वाली थी।
मी - वाओ, तुम्हारे लिए तो ये बहुत बढ़िया ओप्पोरच्युनिटी रही होगी?
आलिया - हाँ, बहुत बड़ी ओप्पोरचुनिटी। जाते जाते उसने मेरे दुःख को ख़ुशी में तब्दील कर दिया था। अब मैंने भी सोच लिया था कि मैं उस घर को स्वर्ग बना दूंगी। जब जब मुझे टाइम मिलता मैं उस घर चली जाती, वहां की साफ़ सफाई का पूरा ध्यान रखती और क्रॉसड्रेसिंग को खुलकर एन्जॉय करने लगी थी। मेरी क्रॉसड्रेसिंग सेशंस को अब मैं खुलकर एन्जॉय करने लगी थी और कभी कभी वीडियो कॉल पर उससे भी बातें करती। इन सब के कारण मेरे अंदर बहुत ही बड़ा बदलाव हुआ और इसके बारे में मुझे उस रात को पता चला जब मैं उस घर में अकेले स्टे कर रही थी।
मी - क्या हुआ था उस रात को?
आलिया - उस रात मुझे सेक्स की तलब हुई तो मैंने सोचा क्यों ना मास्टरबेट कर लूँ। इट्स बीन सेक्स मंथ्स और इन महीनों में मैंने एक बार भी मास्टरबेट नहीं किया। उस रात मैंने एक पोर्न वीडियो डाउनलोड किया और उसे देखकर मास्टरबेट करने की कोशिश करने लगी लेकिन मुझे इरेक्शन नहीं हुआ।
मी - क्यों?
आलिया - आई डोंट नो! जबतक मैं खुद को उस मर्द की नज़र से देख रही थी तबतक मुझे इरेक्शन नहीं हुआ लेकिन अचानक जब मैंने खुदको उस औरत की तरह अज़्यूम करना शुरू किया जिसे वो मर्द बेदर्दी से चोद रहा था, अचानक मुझे इरेक्शन शुरू हो गया। ऐसा तो पहले कभी भी नहीं हुआ था और फिर मुझे अपनी छाती मसलने की तलब हुई तो मैंने अपने लंड की जगह अपनी छाती को दोनों हाथों से मसलना शुरू कर दिया और देखते ही देखते कुछ ही पल में मुझे डिस्चार्ज हो गया और मैं बहुत कमज़ोर महसूस करने लगी। उसके बाद अगली सुबह जब मेरी नींद खुली तो मैं अली नहीं रह गयी थी, अब मैं खुद को आलिया समझने लगी थी। शरीर भले ही मेरा मर्द का था, लेकिन मेरी रूह अब आलिया की थी जो हमेशा हमेशा के लिए आलिया बनी रहना चाहती थी।
मी - तो क्या तब से ही आप हमेशा के लिए ऐसे हो गयीं?
आलिया - अरे नहीं! ये सब इतना भी आसान नहीं रहा मेरे लिए। क्रॉसड्रेसिंग से शुरू होकर आज मैं खुद को एक औरत समझने लगी थी। मास्टरबेट के दौरान अब मैं अपने लंड की जगह अपनी छाती मसलती तो मुझे इरेक्शन भी होता और डिस्चार्ज के टाइम असीम सुख का अनुभव भी। इन दोनों मैं दूकान पर बैठकर क्रॉसड्रेसिंग कहानियां भी पढ़ती, जिससे मेरे अंदर की आलिया इतनी एक्साइटेड रहती कि मुझे उसे शांत करना पड़ता। दूकान पर दिनभर में मैं एक मॉडल की तरह सभी औरतो को साड़ी, लहँगा पहनकर दिखाती और मेरी क्यूटनेस की वजह से दूकान की बिक्री भी बढ़ने लगी थी। अब्बू मेरी वजह से रिटायरमेंट लेना चाहते थे, लेकिन मैं नहीं चाहती थी कि वो कभी रिटायर हों तो मैं जानबूझ कर एक दो दिन दूकान पर नहीं जाती, इससे अब्बू को दूकान संभालना पड़ता और मुझे भी थोड़ा टाइम मिल जाता। क्रॉसड्रेसिंग कहानियां पढ़कर मेरे मन की औरत अब बाहर आना चाहती थी और क्रॉसड्रेसिंग से मैं अब आगे बढ़ना चाहती थी। एक दिन मैं अपने कमरे में लहँगा चोली पहने उस आदमी से वीडियो कॉल पर बात कर रही थी और उस रात सबकुछ हमेशा के लिए बदल गया। मेरी बड़ी बहन कमरे में आयी और लगभग आधे घंटे बिना कुछ कहे खड़ी रही और मेरी और उसकी बातें सुनती रही। मैं बेफिक्र होकर उसके साथ अपने दिल की बातें कर रही थी, इसी दौरान जैसे ही मैने करवट ली, सामने अमीना को देखकर चौंक गयी, मैं घबरा गयी और कॉल डिसकनेक्ट कर दी।
मी - आपको आपकी बहन ने देख लिया, ओह्ह गॉड! फिर तो प्रॉब्लम हुई होगी।
आलिया - प्रॉब्लम तो हुई, लेकिन आज मैं जो कुछ भी हूँ, उसी की वजह से हूँ। उस रात अगर मेरी बहन ने मुझे ऐसे ना देखा होता तो आज मेरी लाइफ कुछ और ही होती।
मी - तो क्या हुआ उस रात? पूरी बात बताओ!
आलिया - मैं अमीना को देखकर बहुत घबरा गयी और मैंने तुरंत फ़ोन डिसकनेक्ट किया और अमीना के सामने हाथ जोड़कर खड़ी हो गयी। अमीना मुझे देखकर ऐसे मुस्कुरा रही थी मानो उसे कोई जादू का चिराग मिल गया हो और उसने मुझे अपने पास बिठाया। मैं बहुत देर तक कुछ ना बोली और वो भी मेरा रूप निहारती रही। फिर उसने मुझसे पूछा कि क्या मुझे लड़की बनना पसंद है? मैंने कहा हाँ आपा, मुझे ऐसे लड़कियों की तरह सजना संवारना बहुत अच्छा लगता है। फिर उसने मुझसे पूछा कि सिर्फ लड़कियों की तरह सजना संवरना पसंद है या लड़के भी पसंद हैं? मैं आपा की उस बात को सुनकर थोड़ा घबराने लगी तो उसने हँसते हुए मुझसे कहा कि अगर मुझे कोई लड़का पसंद है तो उसे बता दूँ। मैंने भी उस आदमी के बारे में उसे सबकुछ सच सच बता दिया जिसके घर जाकर मैं लड़की बन जाती थी। अमीना मेरी बात सुनकर कुछ सोचने लगी लेकिन फिर मुस्कुराकर बोली कि अगर मैं कहूं तो वो मुझे हमेशा के लिए औरत बना देगी। मैंने उससे पूछा कि ऐसा क्या है उसके पास तो उसने मुझे बताया कि उसके अंदर भी लेस्बियन वाली फीलिंग है और समीरा नाम है उसकी लेस्बो पार्टनर का। समीरा अपने औरत होने पर बहुत दुखी रहती थी, फिर एक दिन उसे एक बाबा मिले जिन्होंने उसे एक जादुई गोली दी और उससे कहा कि अगर कोई मर्द उसे अपना शरीर देने को तैयार हो जाए तो वो हमेशा के लिए मर्द बन सकती है और सामने वाला मर्द हमेशा हमेशा के लिए औरत बन जायेगा।
मी - कमऑन आलिया, जादुई गोली, ऐसा भी भला होता है क्या। आई डोंट बिलीव इन जादू टोना।
आलिया - मुझे भी पहले बिलीव नहीं था, लेकिन अब तो मुझे यकीन है। अगले दिन अमीना दूकान पर आयी तब मैं साड़ी पहनकर एक कस्टमर को दिखा रही थी। उसने स्टाफ को दूकान संभालने को कहकर मुझे अपने साथ समीरा के घर ले गयी। समीरा मुझे देखकर बहुत खुश हुई और तभी मेरा मन में कश्मकश शुरू हो गया। मैंने सोचा कि मैं अगर सच में जादू काम कर गया और मैं हमेशा के लिए औरत बन गयी तो मेरी तो लाइफ ही बदल जाएगी। अल्लाह, ये मैं क्या करने जा रही थी, मैंने अमीना से कहा कि मुझे सोचने के लिए थोड़ा टाइम चाहिए। मैं ये चाहती भी हूँ या नहीं, आई डोंट नो। लेकिन अमीना ने मुझे समझाया कि ऐसा मौका लाइफ में बार बार नहीं आता। मैं उससे कहा कि ये करने से पहले अम्मी अब्बू से मुझे बात करनी है। अमीना ने मुझसे कहा कि अगर मैंने ऐसा किया तो अम्मी अब्बू घर से बेदखल भी कर देंगे। अमीना ने मुझसे कहा कि एक बार मैं औरत बन जाऊं और समीरा मर्द बन जाए तो फिर अम्मी अब्बू को सब सच सच बता देंगे। बहुत हिम्मत करके मैंने अमीना को हाँ कहा और समीरा ने मुझे वो जादुई गोली दी। बहुत डर लग रहा था, मन में एक डर सा बैठ गया था कि ना जाने क्या होगा। मैंने वो गोली खा ली और थोड़ी ही देर में मेरा सर चकराने लगा। मैं बेहोश हो गयी, उधर समीरा भी बेहोश हो गयी।
मी - तो क्या सच में वो गोली जादुई थी? क्या सच में तुम पूरी तरह से औरत बन गयी?
आलिया - शाम को मुझे होश आया तो मैंने देखा अमीना के साथ एक आदमी खड़ा था, वो कोई और नहीं समीर था। और जब मैं बिस्तर से उठी तो मेरे सीने पर बहुत भारीपन का एहसास हो रहा था। मैं तुरंत आईने के सामने गयी, मेरी शक्ल तो अभी भी वैसी ही थी लेकिन मेरी छाती बूब्स में तब्दील हो चुकी थी और जब मैंने अपने लंड को छूने की कोशिश की, वहां खालीपन सा फील हुआ। मैंने फिर से उस जगह अपने लंड को टटोला, लेकिन वहां सपाट खाली जगह थी, जिसे वजाइना कहते हैं। आई वज इन डीप सोक, मैं पूरी तरह से औरत बन चुकी थी, शक्ल छोड़कर मेरा पूरा जिस्म अब एक औरत का था और मैं वहीँ बैठकर रोने लगी। ये क्या कर लिया मैंने, मर्द से औरत बन गयी अल्लाह। अब तो मेरी लाइफ है होने से कोई नहीं रोक सकता, मैं तो अम्मी अब्बू को फेस भी करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही थी। लेकिन अमीना ने मुझसे कहा कि वो और समीरा जो कि अब एक मर्द बन चुकी थी, दोनों निकाह करना चाहते हैं। अब वो समीरा था और मैं अलीशा, मैंने अपनी मर्दानगी समीरा को दे दिया था और अब समीरा का स्त्रीत्व मेरा था। मेरे मन में अम्मी अब्बू को लेकर बहुत ज्यादा डर समाया हुआ था, मैंने पुरे रस्ते यही सोच रही थी कि अम्मी अब्बू मुझे ऐसे देखकर क्या सोचेंगे एयर अमीना तो बहुत ज्यादा ही खुश थी। क्यूंकि समीरा उसके सपनों का शेह्ज़ादा बन चुकी थी।
मी - आर यू सीरियस? ऐसा क्या सच में होता है?
आलिया - तुम मेरा वोटर आईडी देख लो, आधार कार्ड देख लो और मुझे देखो। मैं पहले ऐसी थी, देखो, मेरी हाइट आज भी साढ़े पांच ही है।
मी - सच में यकीन ही नहीं होता।
आलिया - मुझे भी पहले यकीन नहीं हो रहा था, ये सब किसी सपने के जैसा लग रहा था। जब मैं, अमीना और समीरा अम्मी अब्बू के पास गए तो अमीना ने अब्बू को तो पहले समीर से मिलवाया। अम्मी अब्बू को समीर पसंद आ गया और उन्दोनो के निकाह के लिए अम्मी अब्बू मान गए। फिर अमीना ने अम्मी अब्बू को मेरे बारे में बताया तो वे बहुत गुस्सा हुए, अमीना पर भी और मेरे ऊपर भी। मैंने अम्मी अब्बू को समझाने की कोशिश की कि मुझे औरत बनकर कितना अच्छा लग रहा है कि तभी अम्मी अब्बू मेरी पतली कलाई पकड़कर मुझे घर से बाहर निकाल दिए और मुझसे बोले कि आज से मैं उनके लिए मर चुकी हूँ। मैंने उसने हज़ारों मिन्नतें की कि वे जैसा कहेंगे मैं वैसा करने को तैयार हूँ, लेकिन उन्होंने दरवाज़ा नहीं खोला। मेरे पास अभी भी उस घर की चाबी थी और मैं वहीँ चली गयी। रस्ते में आवारा लड़के मुझे छेड़ रहे थे और मैं आँखों में आंसू लिए उस घर में आकर खुद को अंदर से लॉक कर ली। आई डोंट नो कि मैंने सही किया कि गलत लेकिन अब मैं सच में औरत बन चुकी थी और मुझे लाइफ में आगे बढ़ना था। मैंने कॉल लगाया उसी शख्स को और उसे पूरी बात बताई। अगली सुबह वो घर पर आ गया और घर में आते ही उसने मेरी रिंग फिंगर में हीरे की अंगूठी पहनाकर मुझे प्रोपोज़ किया।
मी - वाओ, हाउ रोमांटिक!
आलिया - इट वज और मुझे बहुत अच्छा लगा तो मैंने भी प्रपोजल को एक्सेप्ट कर लिया। उसके बाद मैंने ये बात अमीना से शेयर की तो बहुत खुश हुई। उसने मुझे लाइफ में आगे बढ़ने की सलाह दी। मैंने अम्मी अब्बू के बारे में पूछा तो वो बोली कि अम्मी अब्बू दोनों बहुत दुखी हैं इस बात से और वो कोशिश करेगी उन्हें मनाने को। मैंने आंसू पोछे और कॉल कट किया। मैंने इन्हे देखा, इनकी मुस्कराहट ने मुझे शर्माने को मजबूर कर दिया। चूँकि अब मैं सच में औरत बन चुकी थी तो बात बात पर शर्माना और इमोशनल हो जाना आम बात हो गयी थी मेरे लिए।
मी - हाउ क्यूट!
आलिया - इन्होने पंडित जी फ़ोन पर बात की और शादी का डेट निकलवा लिए।
मी - अब तो इनका नाम बता दो!
आलिया - देव नाम है इनका, मैंने पहले भी तो बताया था ना!
मी - हाँ, सॉरी! प्लीज कंटीन्यू!
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