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साजिद से मिसेज़ साज़िया बनने का सफर

मेरा नाम साजिद खान है और मैं कानपूर का रहने वाला हूँ। मैं बचपन से ही पढ़ने में बहुत ही ब्रिलियंट था और मेरी समझदारी से मेरे काफी क्लास मेट्स जलते थे। लेकिन फिर भी मेरे जैसे इंटेलीजेंट लड़के को हमेशा अपने ग्रुप में रखते ताकि मैं उन्हें एग्जाम पास करवाने में उनकी मदद कर सकूँ। स्कूलिंग के ख़त्म होने के बाद ट्वेल्थ में जब मैं ट्वेल्थ के एग्जाम देने की तयारी कर रहा था तब इलेवेंथ में एक लड़के ने एडमिशन लिया जिसका नाम मोंटी था। और हम सभी ने मिलकर मोंटी की रैगिंग ली और फिर हम अपने एक्साम्स पर ध्यान देने लगे। ट्वेल्थ ख़त्म होने के बाद मैं कॉलेज में गया और वहां भी मैंने सेकंड ईयर, थर्ड ईयर और फोर्थ ईयर के स्टूडेंट्स की रैगिंग ली। तीन साल कब बीते, पता ही नहीं चला और बहुत जल्द कॉलेज ख़त्म करके मैंने एक सरकारी नौकरी भी पा लिया। गवर्नमेंट जॉब मिलने में बाद मैं बहुत ही ज्यादा बिज़ी रहने लगा और अपने काम में इतना मशगूल हो गया कि इस बात का ध्यान ही नहीं रहा कि मैं कब इक्कीस का हो गया। पढ़ाई पूरी तरह छोड़कर मैं सिर्फ नौकरी ही कर रहा था और मेरे इक्कीस के होते ही मेरे अम्मी अब्बू ने मेरा निकाह हिना से करवा दिया।

 

हालाँकि मैं इस निकाह के लिए तैयार नहीं था, लेकिन इतनी खूबसूरत लड़की, मुझे दुबारा नहीं मिलती और मैंने हिना को निकाह के बाद अपना बना लिया। हिना बहुत ही खूबसूरत थी, उसे देखकर लगता था मानो अल्लाह ने अपने हाथों से तराश के बनाया है मेरी बीवी को। निकाह के बाद मैं बहुत खुश रहता, क्यूंकि हिना मेरे अम्मी अब्बू, मेरी बहन के साथ बहुत ही अदब से पेश आती और रात को हिना बिस्तर पर आते ही मेरी मेहबूबा बनकर मेरे आगोश में समा जाती। हमारा परिवार बहुत खुश था और देखते ही देखते दो साल गुज़र गए। मेरे बड़े भाईजान और भाभी, दोनों ही राजस्थान के भीलवाड़ा में रहते थे और वो भी समय समय पर घर पर पैसे भेज दिया करते। सोहैल भाईजान का नाम हुआ और सुनैना मेरी भाभी का और उनके दो बच्चे जिनका नाम इरशाद और फ़िरोज़ था, बड़े ही नटखट बच्चे थे। लेकिन भाईजान के काम की वजह से भाभी और बच्चे कभी कभी ही घर आतें और बच्चों को देखकर मेरा और हिना का भी मन करता कि काश हमारे भी ऐसे नटखट बच्चे हों! भाभी से मेरी बहुत जमती, वो मुझे बड़ा लाड करती थीं। हम दोनों में कुछ भी कभी भी छुपा नहीं रहता। भाभी देवर के रिश्ते के अलावे भी हमारा दोस्ती का रिश्ता था और हमदोनो में बहुत स्नेह भी था। 



जब जब भाभीजान घर आतीं, उनका ज्यादातर समय मेरे साथ ही गुज़रता, लेकिन जब मेरा निकाह हुआ तबसे भाभी से मेरी कुछ ज्यादा जमती नहीं। भाभी चाहती थीं कि मैं हिना से शादी ना करके उनकी बहन से शादी कर लूँ, लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया और हमारे बीच का रिश्ता पहले जैसा नहीं रहा। मेरी सरकारी नौकरी लग चुकी थी और मैं अब तेईस का हो चूका था। और इतनी काम उम्र में सरकारी नौकरी पाकर मैं सातवे आसमान में था। ऑफिस में मेरी दोस्ती सूरज यादव से हुई, मेरा सीनियर, गज़ब का फुर्तीला आदमी था वो। सूरज जयपुर का रहने वाला था और काफी दिनों से कानपूर में पोस्टेड था। सरकारी नौकरी करते करते लोगों के पेट निकल आते हैं और पिछले छह सालों की नौकरी बॉडीबिल्डर बनकर हमारे ऑफिस की शान बना हुआ था। हमदोनो की दोस्ती इतनी ज्यादा थी कि सूरज के साथ मैं अपने दिल की बात भी शेयर कर देता वो भी बिना हिचकिचाहट के। तीस साल की उम्र का सूरज और मैं इक्कीस साल का था लेकिन दोस्ती ऐसी मानो कितनी पुरानी हो। बहुत कुछ बदल रहा था लाइफ में, लेकिन अम्मी अब्बू को उनका वारिस देने में मैं और हिना दोनों ही नाकाम थे अब तक। अम्मी अब्बू इस बात को लेकर हमेशा मुझे या हिना को इस बात के लिए अक्सर टोक देते और हमे इस बात का एहसास करवाते कि हमें वारिस की कितनी जरुरत है। मैं अम्मी अब्बू की बात समझ सकता था और हिना भी समझ रही थी, लेकिन एक दिन हिना भी मुझसे गुस्सा हो गई। 



हिना बोली- आपसे निकाह करके तो मेरी जिंदगी ही बर्बाद हो गयी। आप मुझे एक बच्चा नहीं दे सकते, कैसे शौहर हैं आप!

मैं बोला- हिना, ऐसे क्यों बोल रही हो मेरी जान, हम कोशिश कर रहे हैं ना। खुदा की रेहमत होगी और हमारी झोली खुशियों से भर देगा।

हिना बोली- खुदा की रेहमत तो बरस रही है लेकिन मेरी सुनी कोख कब भरेगा खुदा।

मैं बोला- हिना, भरोसा रखो!

हिना बोली- नहीं, कल ही आप मेरे साथ डॉक्टर के पास चलेंगे।

मैं हिना की बात मान गया और उसे अपनी बाहों में समेटकर सो गया। अगली सुबह मैं हिना को लेकर डॉक्टर के पास पहुंचा तो डॉक्टर ने मेरे और हिना के ब्लड सैम्पल्स, सिटीस्कैन्स, एमआरआई, एक्सरे के रिपोर्ट्स सबमिट करने को कहा। मैंने और हिना ने अपने अपने सैम्पल्स, सिटीस्कैन, एमआरआई, एक्सरे के रिपोर्ट्स डॉक्टर को सबमिट किये और डॉक्टर ने बड़ी ही गंभीरता से हमारे रिपोर्ट्स की जांच की।

डॉक्टर ने कहा- मिस्टर साजिद, आपके और आपकी पत्नी की रिपोर्ट्स के हिसाब से आप के अंदर मेल होर्मोनेस के मुकाबले फीमेल हॉर्मोन्स की संख्या काफी ज्यादा हैं। और आपकी पत्नी के अंदर फीमेल हॉर्मोन्स के मुकाबले मेल होर्मिनेस की संख्या ज्यादा है। कुल मिलकर आपके और आपकी पत्नी के हॉर्मोन्स डिस्बैलेंस्ड हैं और उन्हें समय से ठीक नहीं किया गया तो आगे चलकर काफी प्रोब्लेम्स हो सकती हैं। 



मैंने पूछा- तो डॉक्टर इसका उपाय क्या है?

डॉक्टर ने कहा- आप दोनों को अगले एक साल तक मेडिसिन्स लेने होंगे और फिजिकल वर्कआउट भी करना होगा। आपकी पत्नी वर्कआउट ना भी करे तो चलेगा लेकिन आपको वर्कआउट करना बहुत जरुरी है, इसके बिना आपके ऊपर मेडिसिन्स का प्रभाव नहीं पड़ेगा और उल्टा आपके हॉर्मोन पहले से ज्यादा डिस्बैलेंस हो जायेंगे।

मैंने पूछा- डॉक्टर साब, मेरी सरकारी नौकरी है और दिन भर काफी सिटींग वर्क रहता है। आप कुछ ऐसे मेडिसिन्स दे दीजिये ताकि मुझे वर्क आउट ना करना पड़े और मैं ठीक हो जाऊं।

डॉक्टर- ऐसा कोई दूसरा उपाय नहीं है मिस्टर साजिद खान। आपको वर्क आउट करना होगा, आपके पास टाइम नहीं है तो सुबह में योग ही कर लो और शाम को टाइम मिले तो जिम ही ज्वाइन कर लो। देखो मिस्टर साजिद खान, आपको अगर ठीक होना है तो आपको वर्कआउट करना होगा और आपने वर्कआउट नहीं किया तो आप मेडिसिन खाओ या ना खाओ कोई फरक नहीं पड़ेगा।

मैं बोला- अरे सर, आप समझ नहीं रहे हैं। सुबह तैयार होते होते नौ बज जाते हैं और ऑफिस ख़त्म होते होते रात हो जाती है। मेरे पास सिर्फ नाईट का ही टाइम बचता है और उसमे मैं वर्क आउट कैसे कर सकता हूँ!

डॉक्टर- ठीक है, अच्छा मैडम, आप केबिन से बाहर जाइये। मुझे आपके शौहर से अकेले में बात करनी है।

हिना केबिन से बाहर चली गयी।

डॉक्टर ने कहा- देखिये मिस्टर साजिद, मेरे पास दूसरा उपाय है लेकिन आपसे ये उपाय हो नहीं पायेगा!

मैं बोला- आप पहले उपाय बताइये!

डॉक्टर ने कहा- ऐसा करो आप रात को देर रात तक अपनी पत्नी के साथ सेक्स किया करो ताकि आपका पसीना निकले और आपको थकान महसूस हो सके। इतना कर सकते हो आप?

मैंने कहा- इतना तो मैं रोज़ करता हूँ लेकिन एक राउंड के बाद मुझसे दूसरा राउंड सेक्स नहीं हो पाता है।

डॉक्टर- मेरे पास एक उपाय है, तुम उसे फॉलो करोगे तो शायद तुम एक राउंड से ज्यादा सेक्स कर सको!

मैं बोला- टेल मी डॉक्टर!

डॉक्टर- इट्स सिंपल, जब रात को तुम अपनी बीवी के साथ हमबिस्तर हो, उससे पहले क्रॉसड्रेसिंग करना!

क्रॉसड्रेसिंग क्या होता है, मुझे इसका जरा भी अनुमान नहीं था और लाइफ में पहली बार इस बारे में डॉक्टर के मुँह से सुनकर मुझे समझ में नहीं आया कि आखिर डॉक्टर मुझे क्या करने को कह रहे हैं।

मैं डॉक्टर से पूछा- ये क्रॉसड्रेसिंग क्या होता है?

डॉक्टर- जब कोई मर्द औरतों के कपडे पहने या कोई औरत मर्दों के कपडे पहने तो उसे क्रॉसड्रेसिंग कहते हैं।

मैं बोला- लेकिन डॉक्टर, ये कैसे कर सकता हूँ मैं! आई एम् अ मैरिड मैन, मेरी पत्नी मुझसे बहुत प्यार करती है और डॉक्टर मैं मर्द होकर औरतों के कपड़ों कैसे पहन सकता हूँ!

डॉक्टर ने कहा- क्यों नहीं पहन सकते साजिद, सिर्फ रात को जब तुम अपनी पत्नी के साथ हमबिस्तर हो, तभी क्रॉसड्रेसिंग करना है और सुबह चेंज कर लेना।

मैं काफी घबरा गया और बोला- नहीं डॉक्टर, ये सब मुझसे नहीं हो सकेगा!

डॉक्टर बोला- देखो साजिद, लड़कियों के कपडे पहनने से तुम औरत नहीं बन जाओगे और क्रॉसड्रेसिंग भी तुम्हे अपनी पत्नी के साथ करना है। मेरी बात मानकर देखो साजिद, मेरे बहुत 75 प्रतिशत पेशेंट्स इस प्रॉसेस से ठीक हुए हैं।

मैं बोला- ठीक है डॉक्टर साब, अगर मेरी बीवी को आप इसके लिए मना सकते हैं तो मैं इसके लिए रेडी हूँ!

डॉक्टर ने हिना को केबिन में बुलवा लिया और उसे पूरी बात बता दी। पूरी बात सुनने के बाद हिना काफी शॉक्ड थी वो मेरी ओर देखने लगी और उसकी आँखों ने आंसू थे।

मैंने कहा- मैंने कहा था ना डॉक्टर साब, मेरी हिना इसके लिए नहीं मानेगी!

इसी बीच हिना बोली- नहीं डॉक्टर साब, मैं इसके लिए तैयार हूँ। मुझे क्रॉसड्रेसिंग का ये कांसेप्ट अच्छा लगा। शायल अल्लाह मिया को यही मंजूर है। आप मेडिसिन दे दीजिये और ये बता दीजिये कि ये सब हमें कब तक करते रहना होगा जिससे हमे फायदा मिले।

डॉक्टर ने कहा- पूरी तरह से ठीक होने के लिए कम से कम एक साल तक मेडिसिन्स लेनी हैं आप दोनों को और उसके बाद आकर मुझसे मिलना। जैसा समझाया है, बिलकुल वैसा ही करना और गुड लक, ये रहा आप दोनों का प्रिस्क्रिप्शन!

हमने मेडिसिन्स लिए और घर आने के बाद अपनी अपनी मेडिसिन्स को सेप्रेटली रखकर रात को क्या करना है, कैसे करना है इस बारे में सोचने लगे। हिना तो बेफिक्र थी क्यूंकि उसकी और मेरी हाइट और वैस्ट साइज़ काफी हद तक सेम थी। वैसे भी आये दिन रात को हिना मेरी टीशर्ट या शर्ट पहनती ही थी तो उसे इनसब का आदत थे। मेरे साथ ऐसा नहीं था और भले ही सिर्फ रात को ही क्रॉसड्रेसिंग करना था, लेकिन अपनी बीवी हिना के सामने मैं औरतों की ड्रेसअप कैसे कर सकता था। आज मैं अपने आप को बहुत ही असहाय महसूस कर रहा था, क्यूंकि आज की रात से अगले एक साल तक हर रात मुझे क्रॉसड्रेसिंग करनी थी। 



हिना- साजिद, ये साड़ी मेरे लिए नहीं, तुम्हारे लिए है।

मैं- ये क्या फालतू की बातें कर रही हो! मैं साड़ी क्यों पहनूं?

हिना- डॉक्टर ने क्या कहा था सुबह, आज से हर रोज़ रात को आप लड़कियों की तरह कपडे पहनेंगे और मैं मर्दो की तरह कपडे पहनूंगी।

मैं- हाँ तो ये जरुरी थोड़े ना है कि ये सब आज से ही शुरू करूँ?

हिना- तो आप ठीक नहीं होना चाहते है ना?

मैं- ठीक होना चाहता हूँ हिना, लेकिन ये सब मुझे काफी अजीब लग रहा है!

हिना- एक दिन की बात नहीं है जी, पुरे साल ये सब करना है। आप जानते हैं ना कि अगर आप ठीक हो गए तो हमे अल्लाह की रेहमत मिल सकेगा!

मैं- जानता हूँ मेरी जान! लेकिन लड़कियों की तरह मैं कैसे.... !

हिना- लेकिन वेकिन कुछ भी नहीं, चलिए अब आप एक शब्द नहीं कहेंगे, जो मैं कहूँगी, वैसे ही करेंगे आप!

मैं- ठीक है मेरी रानी!

हिना- आई लव यू!

मैं- आई लव यू टू मेरी जान!

फिर हिना बोली कि मैं जल्दी से ब्रा, पैंटी के साथ पेटीकोट पहन कर रेडी हो जाऊं और तबतक वो मेकअप का सामान निकाल कर ले आएगी। इट वाज़ नॉट सो टफ फॉर गर्ल्स लेकिन मेरे लिए काफी टफ बात थी। हिना ने मुझे ब्रा पहनने में मदद की और मेकअप का सामान निकालने लगी। लेकिन ये कुछ अलग टाइप की ब्रा थी, जिसे पहनने के बाद मेरा चेस्ट लड़कियों की ब्रैस्ट की तरह ऊपर उठ गयी थी। फिर पैंटी पहनकर मैंने पेटीकोट पहन ली और इतने में हिना मेकअप का सामान लेकर मुझे आईने के सामने बिठा दी।

हिना- साजिद, ये पेटीकोट नाभि के ऊपर नहीं पहनते, नाभि के नीचे पहनते हैं।

मैंने पेटीकोट को नाभि के नीचे टाइट करके पहन लिया।

मैं: अब ठीक है ना मेरी जान?

फिर हिना ने मुझे लाल बैकलेस चोली पहनाई और उसे डोरी से बाँध दिया। ये सब मेरी लाइफ में पहली बार हो रहा था। एक्साइटमेंट, डर और एमबररस्मेंट तीनो ने एक साथ मेरे मन पर कब्ज़ा कर रखा था, पीली रंग की साड़ी पहनाते समय उसके ट्रांसपेरेंट होने के कारण मुझे काफी अजीब लग रहा था। साड़ी पहनने के बाद हिना ने मेरे पैरों में हैवी चाँदी की पायल और हाई हील्स पहना दी। मेरे गले में में नेकलेस, हाथों में दो दो दर्जन हरे कांच की चूड़ियां पहना दी और क्लिप वाली झुमकी के साथ मेरे माथे पर एक लाइट वेट मांगटीका पहना दी। उसके बाद हिना ने मेरा मेकअप किया, ना जाने क्या क्या अप्लाई किया उसने मेरे चेहरे पर, लेकिन जब मैंने अपने आप को देखा तो खुद को देखकर यकीन नहीं कर पा रहा था कि क्या मैं भी इतना सुन्दर दिख सकता हूँ! फिर हिना ने मेरे नाक पर एक क्लिप वाली नोज रिंग पहनाने लगी। 



मैं- हिना, इसकी क्या जरुरत है, ये रहने दो!

हिना- अच्छा, जब मैं तैयार होती हूँ, तब तो आप मुझे नोज़ रिंग पहनने को कहते हैं, याद नहीं?

मैं- याद है मेरी जान, लेकिन मैं औरत नहीं हूँ ना! ये नाक में नोज़ रिंग कैसे पहन सकता हूँ!

हिना- आज से हर रोज़ रात को आप औरत ही होंगे, वैसे भी क्लिप वाली नोज़ रिंग है, पहन लो ना, प्लीज्!

मैं- इट्स सो ह्युमिलिएटिंग हिना!

हिना- चलो भी!

फिर हिना ने मेरे नाक की लेफ्ट साइड में छोटी सी क्लिप वाली नोज़रिंग पहना दी और उसकी चेन मेरे बालों में फंसा दी। आई वज लुकिंग डिफरेंट, आईने में खुद को देखकर ऐसा लग रहा था मानो मैं सच की लड़की बन गया हूँ!

हिना-अल्लाह, कितने खूबसूरत लग रहे हैं आप! बिलकुल रुखसाना जैसी!

मैं- अरे नहीं, रुखसाना तो भाभी के भाई की बीवी है।

हिना- सच्ची, अल्लाह कसम, आप बिलकुल रुखसाना जैसे दिख रहे हो!

मैंने खुद को गौर से देखा, सच में मैं रुखसाना जैसा दिख रहा था। हिना भी जीन्स और टीशर्ट पहनकर रेडी हो चुकी थी और अब वक़्त था, हमारे पहले ऐसे रात का जब लाइफ में पहली बार मैं हिना की तरह सकुचाया हुआ बिस्तर पर बिठा था और हिना किसी मर्द की तरह गर्वान्वित मुझे ऐसे देख रही थी, मानो मुझे खा जाएगी।

आज मैं अपनी दुल्हन को मर्द के रूप में देख रहा था और वो मुझे अपनी दुल्हन के रूप में। हिना मेरे करीब आयी और मुझे ठीक वैसे ही किस करी जैसे मैं उसे किस करता था। अद्भुत एहसास था, मैं बता नहीं सकता और ना ही एक्सप्रेस कर सकता था कितना अच्छा एहसास था। कुछ देर तक तो हिना मेरे ऊपर हावी रही, लेकिन मेरे अंदर की मर्दानगी मेरे ऊपर हावी होने लगी और मैंने हिना को अपनी बाहों में समेट कर अपनी आगोश में लेकर उसे बेतहाशा चूमने लगा। कुछ देर बाद ना तो मेरे बदन पर साड़ी थी और ना ही हिना के बदन पर जीन्स टीशर्ट थी, लेकिन मेरे नाक में अभी भी क्लिप वाली नोज़ रिंग थी जो मेरे क्लिप वाली झुमकी से कनेक्टेड थी। हमदोनो ही न्यूड थे और हिना के उरोजों को अपने होंठों से प्यार करने का मजा आ रहा था। थोड़ी देर के रोमांस के बाद अब हिना और मैं दोनों ही उत्तेजित हो चुके थे और मैंने हिना के वजाइना के अंदर अपना लंड घुसा दिया। हिना की चीख निकल गयी लेकिन उसने अपनी आवाज़ को दबा लिकर अपने नाख़ून मेरे पीठ में चुभोने लगी। मैं एक्साइटेड हो गया और पुरे जोश में हिना के साथ सेक्स करने लगा और उसे भी मजा आने लगा। काफी दिनों बाद सेक्स करने में मजा आ रहा था, जितना मुझे उतना ही हिना को भी। दस मिनट्स बाद मुझे अचानक बहुत ही तेज़ उत्तेजना का एहसास हुआ और मैंने हिना के अंदर ही अपना स्पर्म डिस्चार्ज कर दिया और ठीक उसी समय हिना को भी ओर्गास्म हो गया। हम दोनों एक दूसरे ही बाहों में करीब आधे घंटे तक वैसे ही थे और स्पर्म डिस्चार्ज के बाद मेरा लंड सिकुड़कर फिर से छोटा हो गया। हिना एक राउंड और सेक्स करना चाहती थी, लेकिन मेरी उत्तेजना ख़त्म हो चुकी थी। हिना को बुरा नहीं लगा और हमदोनो एक दूसरे को आगोश में लेकर सो गए। मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा था कि क्रॉसड्रेसिंग से ऐसा कुछ बेनिफिट भी होता है। मैंने नाक से नोज़रिंग और कानों से झुमकी निकालकर टेबल पर रखा और हिना को बाहों में लेकर सो गया। बहुत अच्छी नींद आयी और अगली सुबह मैं काफी देर तक सोता रहा। अब हर रोज़ मैं और हिना क्रॉसड्रेसिंग करते, टाइम टू टाइम मेडिसिन लेते और जी भर कर सेक्स करते।

पांच महीने गुज़र चुके थे, अब मुझे क्रॉसड्रेसिंग करने में मजा आने लगा था। खुद से साड़ी पहनता, तो कभी खुद से हिना की शादी वाला लहँगा चोली पहनकर खुद से मेकअप करता। खुद को संवारने में, अपनी खूबसूरती को निहारने में जो मजा आता, मैं एक्सप्लेन नहीं कर सकता। हिना अब खुश खुश रहने लगी थी और मैं भी हिना को कम से कम एक बार तो सटिस्फाय करने में सक्षम ही था। मेडिसिन्स का असर हिना पर तो साफ दिख रहा था, लेकिन मेरे शरीर पर बाल आने बंद हो गए थे, चेहरे पर दाढ़ी मूछ के नाम पर रोएं ही बचे थे और मेरे हिप्स काफी राउंड हो गए थे। इतने राउंड की अब मेरी जीन्स मेरी हिप्स से ऊपर नहीं आते। इन पांच महीनों में मैंने जिस्मानी बदलावों को महसूस किया और मेरा हेयरग्रो भी काफी बढ़ चूका था। मेरे सर के बाल अब मेरे पीठ को छूने लगे थे और मैंने हिना से बाल कटवाने की बात कई दफा कही लेकिन उसे मेरे लम्बे घने बाल काफी पसंद थे। हिना की रिक्वेस्ट पर मैंने अपने दोनों कान भी छिदवा लिए थे और अब मैं सलमान खान के जैसे अपने दोनों कानों में सोने की बाली पहनने लगा था। हिना मेरे लिए दिन में सजती संवरती और मैं रात को हिना के लिए सजता संवरता। इतने महीनों में मेरी क्रॉसड्रेसिंग के बारे में घर में किसी को कुछ पता नहीं चला था। बड़े भाईजान और भाभी घर आने वाले थे और उनके साथ भाईजान के साले और उसकी पत्नी भी घर आने वाली थी। घर तो हमारा काफी बड़ा था और सबके रहने को काफी था। लेकिन प्राइवेसी ख़त्म हो जाती ये डर मुझे और हिना को खाये जा रही थी।

कुछ दिन बाद भाईजान भाभी और उनके दो बच्चे एक साल बाद घर आये और साथ ही उनके साले साहब जिनका नाम रौशन भी आये थे अपनी नई नवेली बेगम जिनका नाम निशा था, उनके साथ। जब सोहैल भाईजान, सुनैना भाभी, रौशन, निशा और चारो बच्चे घर पर आये मैं हर वक़्त समय निकालकर उनके साथ टाइम स्पेंड करने लगा था। और बच्चों के साथ मुझे बहुत अच्छा लगता, काश मेरे भी दो चार बच्चे होते तो आज अब्बू बनने की ख़ुशी मुझे भी मिल पाती। घर में खुशनुमा माहौल था और सोहैल भाईजान और रौशन दोनों के साथ एक दिन मैं बात करने बैठा।

सोहैल भाईजान- अच्छा तुम अब तक बच्चों के लिए कुछ प्लान क्यों नहीं करते साजिद!

रौशन- हाँ भाईजान, देखो आपकी शादी को तो हमारी शादी से भी ज्यादा साल हो गए हैं। बच्चों के बारे कुछ करो भाईजान!

मैं बोला- भाईजान, अल्लाह के रहमोकरम से जब बच्चा होना होगा, हो जायेगा! सरकारी नौकरी है और काम का लोड अभी कुछ ज्यादा है, अगले साल पक्का सोच लेंगे इस बारे में!

सोहैल भाईजान- देखो साजिद, टाइम से बच्चा कर लो भाई! चार पांच बच्चे कर लो उसके बाद आराम से काम करो जिंदगी भर। ये सरकारी नौकरी वालों की सोच भी ना! एक्सेर्साइज़ भी किया कर थोड़ा नहीं तो जिम ज्वाइन क्यों नहीं कर लेते हो। कैसा स्लिम था और अब कैसी बॉडी बना रखा है तुमने, गांड भी इतना बड़ा हो रहा है, बिलकुल भी अच्छा नहीं लग रहा है। स्मार्टनेस मेन्टेन क्यों नहीं करता साजिद!

काफी देर तक सोहैल और रौशन भाई मुझे इस बारे में समझाते रहे। रौशन भाई के साल को दूसरा साल होने को जा रहा था और उनकी बीवी सुनैना गर्भवती थी वो भी तीसरे बार। दोनों ने लव मैरिज की थी लेकिन घरवालों को मना कर। निकाह के टाइम भी सुनैना गर्भवती थी। इधर मेरे भाईजान भी तीसरे बच्चे की ताक में थे। हालाँकि भाभी अब बच्चे नहीं चाहती थी लेकिन भाईजान पांच बच्चों की जिद लिए बैठे थे। रौशन भी सोहैल भाई के इस फैसले से काफी खुश थे। वैसे तो भाभी और मेरी बहुत जमती थी लेकिन इस बार भाभी कुछ नासाज़ सी थी। आज रविवार की छुट्टी थी तो मैंने सोचा क्यों ना भाभीजान के साथ थोड़ा टाइम स्पेंड करूँ।

भाभी से मिलने जब मैं उनके कमरे में गया तो देखा हिना और भाभी आपस में बातें कर रहे हैं। हिना की आँखों से आंसू पोंछते भाभीजान के कोमल हाथ देखकर मैं समझ गया था कि हिना ने मेरी प्रॉब्लम का डिस्कशन भाभी के साथ किया था। मैंने दरवाज़ा नॉक किया तो हिना आंसू पोछते हुए कमरे से बाहर चली गयी और मैं भाभी के पास चला गया।

मैंने पूछ लिया - क्या बात है भाभीजान, हिना रोते हुए गयी, कुछ बात हुई क्या आप दोनों के बीच!

भाभी ने मुझे अपने पास बिठाया और मुझे हग करके बोली- आई एम् सॉरी साजिद, इतने साल तक मैं तुमसे नाराज़ रही, लेकिन हिना से अच्छी हमसफ़र तुम्हे कभी नहीं मिलती।

मैं बोला- नहीं भाभीजान, आप क्यों माफ़ी मांग रही हैं। मैं आपसे नाराज़ नहीं था, छोटा हूँ ना, थोड़ा रूठना तो बनता है भाभी!

भाभी बोलीं- साजिद, हिना ने मुझे पूरी बात बता दी है और ये बात मैं किसी से शेयर नहीं करुँगी। लेकिन ये सब कैसे हुआ और क्या सच में तुम क्रॉसड्रेस्सेर बनकर हिना के साथ सोते हो!

मैं बोला- ये हिना भी ना! भाभी, डॉक्टर ने ऐसा करने को कहा है, लेकिन आज तक इस बारे में अम्मी अब्बू या घर में किसी को कुछ भी नहीं पता चला। बंद कमरे में हमारे बीच क्या होता है ये सिर्फ मेरे और हिना के बीच था और अब आपको भी इस बारे में मालूम चल गया।

भाभी बोलीं- कब से चल रहा है ये सब?

मैं बोला- भाभी, पिछले पांच छह महीनों से!

भाभी बोलीं- डॉक्टर ने कब तक ऐसा करने को कहा है?

मैं बोला- भाभी, पुरे एक साल तक!

भाभी बोलीं- तो एक साल तक रोज़ ये सब चलेगा?

मैं बोला- हाँ भाभी, डॉक्टर के मेडिसिन से काफी इम्प्रूवमेंट है और आई बिलीव एक साल बाद हमपर खुदा की रेहमत बरसेगी।

भाभी बोलीं- आई होप, तुम ठीक हो जाओ साजिद। अच्छे हर महीने जो ड्राई फ्रूट्स, खजूर और पिस्ता बादाम मैं भेजती हूँ, तुम खाते तो हो ना!

मैं बोला- हाँ भाभी, एक आपके भेजे ड्राई फ्रूट्स ही तो मुझे इतने पसंद हैं कि अगर आप मुझे ड्राई फ्रूट्स भेजने बंद कर दोगी तो हमारी कट्टी हो जाएगी।

मेरी बात सुनकर भाभी हंस पड़ी और उनका मुस्कुराता चेहरा देखकर मैं भी खिलखिला कर हंस दिया!

भाभी बोली- मुझे भी देखना है, लड़की के रूप में मेरा देवर कैसा दीखता है?

मैं बोला- भाभी अब जब राज़ खुल ही गया है तो आज रात ही देख लेना!

फिर भाभी को बाय बोलकर मैं किचन में आ गया और हिना को हग किया।

मैं हिना से बोला- सब ठीक हो जायेगा मेरी जान, बस पांच छह महीने बचे हैं, उसके बाद अल्लाह की रेहमत बरसेगी और हमारे लाइफ का कुहासा बहा ले जाएगी!

हिना शांत हो गयी और मैंने उसे बताया कि भाभी को आज रात मुझे क्रॉसड्रेसिंग करते हुए देखने का मन है और मैंने उन्हें रात में इन्वाइट भी किया है। हिना ने मुझे बताया कि उसने पहले ही भाभी को रात को कमरे में आने को कहा था और ऐसा कहकर हंसने लगी।

उस रात हिना ने मुझे अपनी दुल्हन के लाल जोड़े में रेडी होने को कहा और मैंने लहँगा चोली पहन लिया और साथ में हिना ने क्लिप वाले नोज़रिंग के साथ क्लिप वाले झुमकी भी पहना दी। माथे पर मांगटीका और गले में नौलखा हार मैंने पहली बार पहना था। लाल ग्लॉसी लिपस्टिक और लाइट मेकअप, आँखों में काजल, नाखूनों पर लाल नेल पोलिश के साथ घूँघट करके मैं बिस्तर पर बैठ गया। थोड़ी देर मैं और हिना आपस में मेरी खूबसूरती के बारे में डिस्कस करता रहा और तभी भाभी कमरे में आ गयी, उनके साथ सुनैना भी थी।

मैं हिना से बोला- व्हाट द फ़क हिना, भाभी तो सुनैना को कमरे में ले आयीं!

हिना बोली- मैं देखती हूँ, तुम शांति से बैठो!

हिना भाभी से बोली- भाभी, आप सुनैना को लेकर क्यों आ गयीं। क्या आपने इनके बारे में सुनैना को बता दिया?

भाभी बोलीं- सॉरी हिना, बताना पड़ा। हमदोनो आपस में सबकुछ शेयर करतीं हैं, लेकिन अब किसी और को कुछ पता नहीं चलने देंगे, आई प्रॉमिस!

हिना बोली- ओके भाभी!

उस रात हिना ने मुझे अपनी दुल्हन के लाल जोड़े में रेडी होने को कहा और मैंने लहँगा चोली पहन लिया और साथ में हिना ने क्लिप वाले नोज़रिंग के साथ क्लिप वाले झुमकी भी पहना दी। माथे पर मांगटीका और गले में नौलखा हार मैंने पहली बार पहना था। लाल ग्लॉसी लिपस्टिक और लाइट मेकअप, आँखों में काजल, नाखूनों पर लाल नेल पोलिश के साथ घूँघट करके मैं बिस्तर पर बैठ गया। थोड़ी देर मैं और हिना आपस में मेरी खूबसूरती के बारे में डिस्कस करता रहा और तभी भाभी कमरे में आ गयी, उनके साथ सुनैना भी थी।

मैं हिना से बोला- व्हाट द फ़क हिना, भाभी तो सुनैना को कमरे में ले आयीं!

हिना बोली- मैं देखती हूँ, तुम शांति से बैठो!

हिना भाभी से बोली- भाभी, आप सुनैना को लेकर क्यों आ गयीं। क्या आपने इनके बारे में सुनैना को बता दिया?

भाभी बोलीं- सॉरी हिना, बताना पड़ा। हमदोनो आपस में सबकुछ शेयर करतीं हैं, लेकिन अब किसी और को कुछ पता नहीं चलने देंगे, आई प्रॉमिस!

हिना बोली- ओके भाभी!

भाभी के साथ सुनैना को देख मेरी हालत वैसे ही बहुत ख़राब हो रही थी। मैं नहीं चाहता था कि सुनैना मुझे ऐसे देखे लेकिन कमरे में भाभी अपने साथ सुनैना को भी ले आई थी। मैं उनसे लड़ भी नहीं सकता था, हिना मेरे पास आयी और मुझे शांत रहने को बोली। मैंने घूँघट में अपना सर झुका लिया और चुपचाप बैठ गया। भाभी मेरे पास आयी मेरे घूँघट को उठाई और मुझे देखते ही रह गयी, सुनैना भी मुझे देखकर अवाक् थी।

भाभी बोली- अल्लाह, कितनी सुन्दर दिख रहे हो साजिद!

सुनैना बोली- भाभी, ये तो मेरी ट्विन जैसे दिख रहे हैं!

भाभी बोली- हाँ साजिद तुम तो सुनैना जैसे दिख रहे हो। हिना, जब सुनैना दुल्हन बनकर हमारे घर आई थी तो बिलकुल डिट्टो ऐसी ही दिख रही थी।

हिना बोली- भाभी, ये एक संयोग है बस!

भाभी बोली- लेकिन कुछ भी कहो, अल्लाह सुनता सबकी है। मैं हमेशा से एक ननद चाहती थी मेरे लिए और देखो आज साजिद औरत बनकर मेरी ननद का सपना भी पूरा कर रहा है। साजिद तुम्हारे साथ कुछ फोटो ले लूँ, फिर चली जाउंगी, अम्मी कसम!

फिर भाभी ने करीब आधे घंटे तक मेरे साथ, सुनैना और मेरी और मेरे साथ हिना की काफी तस्वीर क्लिक कीं और मुझे गुडलक बोलकर आपस में बात करते हुए कमरे से बाहर चली गयीं। भाभी और सुनैना के जाने के बाद मैंने हिना को समझा दिया कि वो भाभी और सुनैना को समझा दे कि ये बात हम तीनो के बीच ही रेहनी चाहिए।

हिना बोली- आप फिक्र ना करो जी, मैं भाभी को समझा दी हूँ, वो किसी से कुछ नहीं कहेंगी और सुनैना भी इस बात को हम तीनो तक ही सिमित रखेंगी।

मैंने कहा- हम्म! ऐसा रहे तो ठीक होगा, अम्मी अब्बू को इस बारे में पता चला तो उन्हें काफी दुःख होगा।

हिना के पीरियड्स चल रहे थे तो हमदोनो के बीच थोड़ा रोमांस हुआ और हम दोनों सो गए। कुछ हफ़्तों तक, भाभी और सुनैना हर रोज़ रात को मुझे देखने आ जातीं, मुझे अपनी ननद कहकर चिढ़ातीं, खूब एन्जॉय करतीं और फिर चली जातीं। इधर भाईजान और रौशन ने रिटर्न होने का फैसला कर लिया था और एक हफ्ते बाद भाईजान और रौशन दोनों राजस्थान को चले गए। भैया भाभी और बच्चों के जाने के बाद घर फिर से सूना सूना सा हो गया था। एक साल पुरे होने में अब सिर्फ एक महीना ही रह गया था और अम्मी अब्बू अब मुझे बच्चे के लिए पहले से ज्यादा फ़ोर्स करने लगे थे।

अम्मी अब्बू के ज्यादा फाॅर्स करने पर मैं हिना को लेकर उसी डॉक्टर के पास गया। डॉक्टर ने मेरी और हिना की फिर से टेस्ट्स करवाए और रिपोर्ट देखने बैठ गया।

डॉक्टर बोला- मिस्टर साजिद, आपकी पत्नी हिना का हार्मोन बैलेंस हो चूका है और अब उन्हें मेडिसिन्स लेने की कोई जरुरत नहीं है, लेकिन आपके हॉर्मोन्स का डिस्बैलेंस अभी भी ठीक नहीं हुआ है और इसका बुरा असर आपके लंड पर पड़ने लगा है। या तो आप मेडिसिन्स समय से नहीं लेते हैं या फिर मेरी दी हुई मेडिसिन्स के साथ कोई दूसरी मेडिसिन भी लेते हो!

मैं बोला- लेकिन डॉक्टर, आपके मेडिसिन्स के सिवा मैं कोई दूसरा मेडिसिन नहीं लेता।

डॉक्टर- लेकिन आपके रिपोर्ट्स तो कुछ और ही कहते हैं! खैर आपको नए मेडिसिन्स दे रहा हूँ, इन्हे टाइम से लेने के साथ साथ आप एक्सरसाइज करना शुरू कर दो।

मैं बोला- डॉक्टर, मैं ठीक तो हो जाऊंगा ना?

डॉक्टर- आई एम् श्योर आप ठीक हो जाओगे!

हिना- आप कितना परसेंट श्योर हो?

डॉक्टर- फिफ्टी परसेंट!

हिना- आप चलो यहाँ से, हम किसी और डॉक्टर से मिल लेते हैं!

मैं बोला- नहीं हिना, डॉक्टर साब के मेडिसिन्स से मुझे बहुत फायदा हुआ है, आगे भी होगा!

फिर मैंने डॉक्टर से अपने लिए मेडिसिन्स ख़रीदे और हिना को लेकर घर आ गया। हिना बहुत अपसेट थी, कि अब मैं कभी ठीक नहीं होऊंगा! लेकिन मुझे यकीन था कि मैं मैं जरूर ठीक हो जाऊंगा! एक महीने बाद मेरा ट्रांसफर शिमला में कर दिया गया और मुझे शिमला शिफ्ट होना पड़ा। पहले तो मैं शिमला अकेले ही गया, वहां फ्लैट लिया और जब सबकुछ सेट हो गया तो मैं हिना को भी कुछ दिनों के लिए शिमला ले आया। जॉब अच्छा चल रहा था और हमारी लाइफ भी, बस एक कमी थी और उसे पूरा करने के लिए मैं कुछ भी करने को रेडी था। ऑफिस में मैंने सुना कि सूरज दिल्ली कर दिया गया है और मैंने उससे कॉल पर बात की।

मैं- हे सूरज, हो आर यु सुपरमैन!

सूरज- फैंटास्टिक बडी! यू नो, दिल्ली ट्रांसफर हुए एक महीना गुज़र चूका है, सोच रहा हूँ, घूमने हिमाचल आ जाऊं!

मैं- हाँ हाँ, आजा ना, यहाँ तेरी भाभी भी है, खूब मजा आएगा! और यहीं किसी पहाड़न को पसंद करके शादी कर ले! बत्तीस का होने जा रहा है, कब करेगा शादी!

सूरज- कर लूंगा, पहले लाइफ तो एन्जॉय कर लूँ!

मैं- ठीक है, तू आ जा, मुझे भी तुझसे कुछ बात करनी है!

सूरज- ओके!

एक हफ्ते बाद गुड फ्राइडे से एक दिन पहले सूरज शिमला आ गया। हिना ने सूरज को पहली बार देखा तो वो उसे देखती ही रह गयी। मैं सूरज को कॉफी शॉप ले गया, क्यूंकि मैंने अकेले में उससे कुछ इम्पोर्टेन्ट बात करने का सोचा हुआ था।

मैंने सूरज को पूरी बात बताई कि मैं किस प्रॉब्लम में हूँ।

सूरज बोला- तुम फिक्र मत करो साजिद, तुम मेरे साथ दिल्ली चलो, वहां अपोलो हॉस्पिटल, मैक्स हॉस्पिटल जैसे बड़े हॉस्पिटल्स हैं। वहां के डॉक्टर काफी एक्सपेरिएंस्ड और वेल क्वालिफाइड होते हैं। कल तुम अपने टेस्ट रिपोर्ट्स और मेडिसिन्स के साथ मेरे साथ दिल्ली चलो, भाभी को भी साथ ले लेना और दिल्ली भी घूम लेना। और वहां डॉक्टर से अपना चेकअप भी करवा लेना।

मैं बोला- सूरज थैंक्स, मैं छुट्टी की बात कर लेता हूँ! लेकिन तुम तो शिमला घूमने आये थे।

सूरज बोला- तुम ठीक हो जाओ, फिर दुबारा आकर घूम लूंगा!

मैं बोला- नहीं सूरज, पहले तुम शिमला घूम लो! मैं फिर कभी चल लूंगा तुम्हारे साथ !

सूरज बोला- नहीं साजिद, तुम मेरे दोस्त हो और तुम्हारे हेल्थ से ज्यादा जरूरी नहीं है शिमला घूमना। शादी के बाद अपनी पत्नी के साथ हनीमून शिमला में ही मनाऊंगा, आई प्रॉमिस। तुम मेरे घूमने की फिक्र नहीं करो, जो ज्यादा जरुरी है वो है तुम्हारा ट्रीटमेंट, समझे तुम!



मैं बोला- ओके!

सूरज बोला- तो अपने सीनियर को कॉल करो कल से एक हफ्ते की छुट्टी ले लो और कल चलो मेरे साथ।

मैं बोला- ओके सूरज!

मैंने अपने सीनियर को कॉल किया और एक हफ्ते की छुट्टी ली और सूरज के साथ फ्लैट पर आ गया।

हिना- कहाँ गए थे आप दोनों, खाना ठंडा हो रहा है।

फिर मैंने और सूरज ने एक साथ लंच किया, काफी बातें की और मैंने गौर किया कि हिना भी सूरज से काफी देर बातें करती रही! रात हो चुकी थी और मुझे क्रॉसड्रेसिंग करनी थी और सूरज मेरे फ्लैट में ही था।

हिना- आज क्रॉसड्रेसिंग रहने दो आप, आज आप मेरी नाईटी पहनकर सो लो, वैसे भी मेरा दो दिन का पीरियड बाकी है अभी!

मैं बोला- कल मैं सूरज के साथ चेकअप करवाने दिल्ली जा रहा हूँ, एक हफ्ते के लिए।

हिना बोली- ठीक है, आप जाइये, मैं अकेले रह लुंगी।

मैं बोला- कोई जरूरत हुई तो, अकेली रह लोगी!

हिना बोली- हाँ मेरे राजा, रह लुंगी आप बस मर्द बनकर वापिस आना दिल्ली से!

मैं बोला- वो तो मैं अभी भी हूँ, सटिस्फाय तो करने में आज भी सक्षम हूँ।

हिना- हाँ हाँ, बच्चा हो जाये, एक ही बच्चा दे दे अल्लाहमियां। कमी पूरी हो जाएगी!

मैं बोला- मैं जब दिल्ली से आऊंगा तो खुदा की रेहमत से हमे बच्चा जरूर होगा।

हिना के साथ सेक्स तो करना नहीं था तो मैंने भी नाईटी पहन ली और हिना के साथ सो गया। अगली सुबह सूरज के साथ मैं दिल्ली आ गया और छह घंटे के लम्बे सफर के बाद मैं थक चूका था। सूरज ने मैक्स हॉस्पिटल में नेक्स्ट डे की अपॉइंटमेंट ली और नेक्स्ट डे हम हॉस्पिटल गए। डॉक्टर ने मेरे टेस्ट रिपोर्ट्स को देखा और उसने मुझे केबिन के बाहर जाने को कहा। मैं केबिन से बाहर चला गया, अंदर सूरज से डॉक्टर क्या बात कर था, मुझे कुछ नहीं पता चला।

थोड़ी देर बाद सूरज केबिन से बाहर आया और वो मुझे सेलेक्ट सिटी मॉल, साकेत के एक कॉफी शॉप में ले गया। मुझे लगा कि कुछ ज्यादा ही इम्पोर्टेन्ट बात है, तभी सूरज इतना अपसेट दिख रहा है।

मैंने सूरज से पूछा- क्या कहा डॉक्टर ने जो तुम इतने अपसेट दिख रहे हो सूरज!

सूरज ने कहा- कुछ नहीं, इम्पोर्टेन्ट नहीं है। दूसरे डॉक्टर से अपॉइंटमेंट ले रहा हूँ शाम का, वहां चलते हैं!

मैंने कहा- यार डॉक्टर ने क्या कहा, ये तो बता दो कम से कम!

सूरज बोला- समझ नहीं आ रहा है साजिद, जो बातें डॉक्टर ने कही, वो मैं तुम्हे कैसे बताऊँ!

मैंने कहा- तुम बताओ सूरज!

सूरज बोला- तुम्हारे रिपोर्ट्स देखने के बाद डॉक्टर ने कहा कि तुम्हारे लंड में कैंसर की शुरुआत हो चुकी है और तुम्हारे शरीर में लड़कियों के इंटरनल पार्ट्स आलरेडी डेवेलोप हो चूका है। इट मीन्स, तुम पूरी तरह से लड़की बन चुके हो और तुम्हारा लंड और तुम्हारी आवाज़ के सिवा कुछ भी मरदाना नहीं है। डॉक्टर ने कहा है कि तुम्हे अपना लंड रिमूव करवा लेना चाहिए और इसमें सिर्फ एक महीने का टाइम जायेगा। और अगर एक महीने के अंदर तुमने अपना लंड रिमूव नहीं करवाया तो हो सकता है कि जिस कैंसर के बारे में डॉक्टर ने कहा, वो कैंसर तुम्हारे शरीर में फैलने लगेगा।

सूरज की बात सुनकर मैं काफी शॉक्ड था, ये कैसे हो सकता है? मैं लड़की बन चूका हूँ और मुझे अपना लंड रिमूव करवाना पड़ेगा?

मैं बोला- या अल्लाह! ये तुम क्या कह रहे हो सूरज, ये कैसे हो सकता है? मैं एक मर्द हूँ यार, कोई औरत नहीं! क्या और कोई उपाय नहीं है?

सूरज- आई एम् सॉरी साजिद, नो ऑप्शन्स लेफ्ट यार!

मैं बोला- लाइफ का इतना बड़ा डिसिशन मैं खुद से नहीं ले सकता। मुझे अब्बू अम्मी भाईजान और हिना से इस बारे में बैठकर बात करनी पड़ेगी।

सूरज बोला- क्यों कम्प्लीकेट कर रहे हो साजिद, तुम्हारी लाइफ का डिसीज़न तुम्हे ही लेना होगा।

मैं बोला- तो क्या डॉक्टर ने मेडिसिन्स नहीं लिखे ?

सूरज बोला- डॉक्टर ने कहा है कि मेडिसिन लेने से कुछ नहीं होगा।

मैं बोला- नहीं सूरज, मुझे इस बारे में अपने बड़े भाईजान और भाभी को सबकुछ बताना होगा। और मुझे हिना का भविष्य सुरक्षित करने के लिए भी कुछ करना पड़ेगा। हिना को बच्चा चाहिए और मैं उसे बच्चा नहीं दे सकता। लाख दवाइयां खाने के बाद भी मैं शारीरिक तौर पर लड़की बनता जा रहा हूँ और मैं इसे रोक भी नहीं पा रहा हूँ।

सूरज बोला- तुम लड़की बनते नहीं जा रहे बल्कि डॉक्टर की मानो तो तुम लड़की बन चुके हो साजिद। तुम्हारे लंड और आवाज़ के सिवा कुछ भी ऐसा नहीं है जो तुम्हे मर्द साबित करे। लंड जिसमे कैंसर पनप रहा है और ऐसे में हिना भाभी की लाइफ को खतरा हो सकता है और आवाज़ तो वैसे भी बहुत सॉफ्ट है तुम्हारा। तुम अपना लंड रिमूव करवा लो सिर्फ ऐसा डॉक्टर ने सजेस्ट किया है और मैं भी यही सजेस्ट करूँगा।

मैं बोला- फिर हिना को बच्चा कैसे होगा? मैं हिना के साथ इतना बड़ा अन्याय नहीं कर सकता। कम से कम हिना को सटिस्फैक्शन को पूरा देता हूँ, ये लंड भी रिमूव करवा दिया तो वो भी नहीं कर पाउँगा कभी!

सूरज बोला- तुम फिक्र क्यों करते हो साजिद, डॉक्टर ने बताया है कि आर्टिफिशियल लंड भी आता है फॉर एव्री स्किन टोन। वो सर्जरी के बाद तुम्हे एक आर्टिफिशियल लंड भी देंगे, तुम जो साइज़ का चाहो उस साइज़ का। फिर तुम हिना के साथ लाइफटाइम उसे सटिस्फाय करते रहना। और ये बात हमदोनो के बीच ही रहेगी!

मैं बोला- और मेरे बच्चे का क्या? वैसे मेरे पास एक आईडिया है लेकिन क्या तुम मेरी हेल्प करोगे?

सूरज बोला- हाँ क्यों नहीं करूँगा!

मैं बोला- पहले सुन तो लो यार। क्या तुम हिना को की सूनी कोख को भर सकते हो? क्या तुम हिना के साथ एक रात गुजारोगे सूरज? मैं तो पता नहीं कुछ नहीं कर पाउँगा अब! लेकिन तुम मेरे दोस्त हो सूरज, क्या तुम मेरे लिए इतना कर सकते हो?

पहले तो सूरज शॉक्ड हो गया, फिर बोला- देखो साजिद, हिना भाभी के लिए मैं ऐसा सपने में भी नहीं सोच सकता! सॉरी यार, मुझसे नहीं हो सकेगा ये सब!

मैं बोला- सूरज प्लीज्, अपने इस मजबूर दोस्त के लिए इतना नहीं कर सकते तुम! मैं हिना को नशा करवा दूंगा और किसी को कुछ पता नहीं चलेगा!

सूरज बोला- आर यु श्योर साजिद? तुम कह रहे हो तो ओके लेकिन!

मैंने पूछा- लेकिन क्या सूरज!

सूरज बोला- मेरी एक प्रॉब्लम है साजिद, मैंने पहले भी सेक्स किया है लड़कियों के साथ।

मैंने कहा- वाओ, फिर तो कोई दिक्क्त नहीं होनी चाहिए, है ना!

सूरज बोला- यार, सेक्स के दौरान मेरे अंदर का जानवर जाग जाता है और जब तक उसे शांत ना कर दूँ, तबतक सेक्स करते ही रह जाता हूँ! क्या तुम्हे यकीन है, हिना मुझे झेल सकेगी!

मैंने कहा- जरूर, उसे तो वैसे भी जानवर ही जगाना होता है!

सूरज बोला- तो उस जानवर की हवस शांत नहीं हुई तो प्रॉब्लम हो जाएगी यार!

मैंने कहा- ऐसी भी क्या प्रॉब्लम यार, चिल! यू कैन हैंडल दिस!

सूरज बोला- पहले तुम हॉस्पिटल में एडमिट हो जाओ, तुम्हारी ऑफिस की छुट्टी और हॉस्पिटल का खर्च मैं देख लूंगा।

मैं बोला- नहीं सूरज, पैसे हैं मेरे पास। मैं हिना से एक दो महीने का टाइम ले लेता हूँ।

फिर मैंने हिना को कॉल किया और उसे कहा- हिना, मुझे दो महीने के लिए हॉस्पिटल में एडमिट होना पड़ेगा, उसके बाद सब ठीक हो जायेगा!

हिना बोली- कोई बात नहीं, आप बस ठीक होकर आइये!

फिर अगले दिन मैं हॉस्पिटल में एडमिट हो गया और सूरज ने पूरी फॉर्मेलिटी पूरी की। हॉस्पिटल में एडमिट होने के एक हफ्ते बाद मेरा ऑपरेशन हुआ और मेरे लंड को मेरे जिस्म से रिमूव कर दिया गया। ऑपरेशन के बाद अगले एक हफ्ते तक बहुत दर्द रहा। चलना भी दूभर हो रहा था, वाशरूम जाने के लिए भी मुझे नर्स से सहारा लेने पड़ता था, या व्हील चेयर से जाना पड़ता था। दो हफ्ते बाद अब मैं ठीक था और मुझे टॉयलेट करने में भी कोई प्रॉब्लम नहीं होती। पांच हफ्ते बाद अब मैं नार्मल हो चूका था और मुझे एक वाइब्रेटिंग स्लीपिंग मशीन में सुलाया जाने लगा।

डॉक्टर ने मेरा चेकअप किया और बोला- साजिद अब तुम शारीरिक तौर से औरत बन चुके हो और जैसे ही तुम्हारे पीरियड्स आ जाते हैं, तुम पूरी तरह से वैवाहिक जीवन में एंटर कर सकते हो, मर्द से शादी कर सकते हो, उसके बच्चे को अपने कोख में पाल सकते हो, माँ बन सकते हो।

डॉक्टर की बातें सुनकर मुझे बहुत शर्मिंदगी हुई, मैं बोला- मैं शादीशुदा हूँ डॉक्टर, दुबारा शादी नहीं करनी मुझे!

डॉक्टर बोला- इट्स ऑल योर चॉइस साजिद! मुझे तुम्हारे लिए नेम चेंजिंग सर्टिफिकेट इशू करना है, एक फीमेल नाम बता दो, ताकि मैं सर्टिफिकेट इशू प्रोसेस कर सकूँ।

मैंने डॉक्टर से कहा- मुझे सोचने के लिए थोड़ा टाइम चाहिए!

डॉक्टर- ओके! तुम जल्दी ही बता देना!

सातवे हफ्ते में लाइफ में पहली बार मुझे पीरियड्स आ गया और मैं कुछ समझता, इससे पहले नर्स मुझे पैड्स पहना दी। नर्स ने मुझे समझाया कि लड़की बनने की सबसे बड़ी सजा है पीरियड्स और जिन लड़कियों में पीरियड्स नहीं आती, वो माँ नहीं बन सकतीं। मैं लड़की बन चूका था और मुझे मालूम भी नहीं चला और जब नर्स मुझे पीरियड्स के बारे में बता रही थी, तो शर्मिंदगी से मैं पानी पानी हुआ जा रहा था। चार दिन की ब्लीडिंग, कमर दर्द और कमज़ोरी के बाद पांचवे दिन जाकर मेरा दर्द, ब्लीडिंग और वीकनेस कम हुआ।

उस दिन सूरज मुझसे मिलने आया तो मैंने उससे कहा कि डॉक्टर नाम बदलने को कह रहा है।

सूरज बोला- तुम रेस्ट करो, वो मैं देख लूंगा!

फिर सूरज वहां से चला गया और मैं रेस्ट करने लगा। छठे दिन नर्स मुझे वाशरूम में लेजाकर साफ़ से नहाने को बोली और मुझे शैम्पू पकड़ा दी। मैंने शैम्पू किया और अच्छे से नहाने के बाद वापिस बेड पर आ गया। उस दिन शाम में डॉक्टर मुझसे मिलने आया और एक बैग नर्स को देकर मुझे वाशरूम में भेज दिया।

नर्स बोली- साजिद इसे अपने वजाइना पर चिपका लो। ये स्पेशल ग्लू है, इससे ये लंड तुम्हारे वजाइना पर ऐसे चिपका रहेगा मानो ये तुम्हारा नार्मल लंड है। और ये दूसरा ग्लू है, जब तुम्हे इसे निकालना हो तो ये ग्लू लगाकर निकाल सकते हो।

फिर मैंने उस सिलिकॉन के लंड पर वो ग्लू अप्लाई किया और अपने वजाइना वाले जगह पर चिपका लिया। लेकिन वो लंड काफी बड़ा था, जब मैंने जीन्स पहना तो उसका उभार क्लियरली झलक रहा था, लेकिन अपने खुद के लंड की कमी मुझे बहुत खल रही थी। मेरी आँखों में आंसू आ गए, मैंने अपने इमोशंस को कण्ट्रोल किया और टीशर्ट पहनकर रेडी हो गया। बालों को अच्छे जुड़ा बना लिया और फ्रेश होकर सूरज के आने का इंतज़ार करने लगा।

नर्स ने मुझे रिमोट दिया और बोली- इससे तुम इस आर्टिफिशियल लंड का साइज छोटा बड़ा कर सकते हो। और ये लंड दोनों तरफ एक्सपेंडेबल है। मीन्स अगर तुम खुद भी एन्जॉय करना चाहो तो कर सकते हो। और अब से तुम्हारा नाम साजिद नहीं बल्कि साज़िया खान है। गुड लक फॉर योर फ्यूचर साज़िया, शादी करना तो मुझे जरूर बुलाना।

उसके बाद, मेरे डिस्चार्ज के प्रोसेस को शुरू कर दिया गया। शाम में सूरज हॉस्पिटल आया और मुझे डिस्चार्ज करवा के फ्लैट पर ले आया। आज मुझे बहुत सुकून सा लगा रहा था। सूरज को वाशरूम से सेमिन्यूड आते देख ना जाने मुझे क्यों शर्म सी आने लगी और मैंने अपना सर झुका लिया। ऐसा तो पहले कभी नहीं हुआ था कि किसी मर्द को देखकर मुझे इतनी लाज आयी हो, लेकिन सूरज को सेमिन्यूड देखकर मेरा दिल तो ऐसे जोर जोर से धड़कने लगा था कि मैं बयान नहीं कर सकता। सूरज के साथ इतने सालों से एक साथ था, लेकिन कभी मुझे ऐसा अनुभव नहीं हुआ था। सूरज ही नहीं, टीवी में जॉन अब्राहम को टॉपलेस देखकर भी मेरी धड़कनें ऐसे ही बढ़ गयीं थी। थोड़ी देर बाद सूरज मेरे पास आकर बैठ गया।

मैंने सूरज से कहा- सूरज, मुझे बाल कटवाना है!

सूरज ने कहा- चलो सैलून चलते हैं, मुझे भी शेव करवाना है।

मैं सूरज के साथ एक यूनिसेक्स सैलून गया था। एक आदमी सूरज की शेविंग करने लगा और एक लड़की मेरे बाल काटने लगी, वोलुमिनियस पिक्सी कट करने के लिए वो लड़की जिद करने लगी, क्यूंकि मेरे बाल काफी ज्यादा घने थे। मैंने उसे कहा कि वैसा हेयरस्टाइल कर दो जिसमे मैं बेकार ना लगूं। फिर उस लड़की ने मेरे बाल काटे और उसे वोलुमिनियस पिक्सी कट लुक दे दिया। फिर वो लड़की मेरी आयब्रो बनाने की जिद करने लगी, लेकिन मैंने मना कर दिया और बाल कटवाने के बाद मैं और सूरज फ्लैट पर आ गए। सूरज का कद काफी लम्बा सवा छह फिट लम्बा और देखने में कितना हैंडसम दिख रहा था। वहीँ मैं साढ़े पांच फिट लम्बा स्लिम, आदमी होने के बावजूद लड़की जैसा दिख रहा था। मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर हो क्या रहा था मेरे साथ?

हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होने के बाद मैं शिमला आ गया और नौकरी ज्वाइन कर ली। अब मेरी बीवी बहुत खुश रहती थी, क्यूंकि सेक्स के दौरान मैं अब तीन चार राउंड सेक्स करने में सक्षम था। वैसे तो अब मुझे क्रॉसड्रेसिंग की कोई जरूरत नहीं थी, लेकिन हिना मुझे हर रोज़ क्रॉसड्रेसिंग करवाती और छुट्टियों वाले दिन तो पुरे दिन साड़ी पहना कर रहने को कहती। मैं हिना को नाराज़ नहीं करना चाहता था तो मैं उसकी बात भी मान लेता। बच्चे की कमी को पूरा करने के लिए सूरज से पहले ही बात कर चूका था और मैंने सूरज को छुट्टी लेकर शिमला आने को कहा, लेकिन उसकी हिचकिचाहट को मैं समझ पा रहा था। सूरज ने बताया कि काम का लोड कुछ ज्यादा है लेकिन वो बहुत जल्द शिमला आएगा। वैसे तो मुझे देखकर कोई कह नहीं सकता कि मैं मर्द नहीं लेकिन मेरी दाढ़ी मुछ का ना आना और मेरे सॉफ्ट स्किन टोन को देखकर सबकी आश्चर्य होता। ऑफिस में वैसे भी किसी को भी एक दूसरे से कुछ ज्यादा मतलब नहीं रहता। एक दिन सूरज ने मुझे कॉल करके बताया कि वो नेक्स्ट वीक पुरे एक हफ्ते के लिए शिमला आ रहा है और वो शिमला भी मेरे और हिना के साथ ही घूमेगा। आई वज सो हैप्पी टू हेअर दैट। अगले हफ्ते सूरज आ गया और उस दिन हम एक बार फिर से शाम में कॉफी पीने गए।

कॉफी शॉप में,

सूरज बोला- यार साजिद ये तुम मुझसे क्या करवा रहे हो!

मैं बोला- देखो सूरज, यू नो कि मेरी कंडीशन क्या है। इतना कर दो मेरे लिए ताकि एक बच्चा हो जाये हिना को।

सूरज बोला- लेकिन हिना को बिना बताये उसके साथ ये सब करना गलत है यार!

मैं बोला- आई नो सूरज, ये गलत है लेकिन मैं उसे सच नहीं बता सकता और उसे दुखी भी नहीं देख सकता।

सूरज बोला- वो ठीक है लेकिन मेरी मानो तो हिना को सच बता कर ये सब करने के लिए रेडी कर लो। बाद में कभी इस बारे में हिना को पता चला तो उसे बहुत दुःख होगा।

मैं बोला- सूरज, आई नो कि तुम हिना को बहुत रेस्पेक्ट देते हो और मैं तो बस इतना चाहता हूँ कि किसी को कुछ भी बताये बगैर मुझे बच्चा मिल जाये।

सूरज बोला- मैं समझ सकता हूँ, लेकिन तुम ये सब करोगे कैसे?

मैं बोला- पिछले कुछ दिनों से मैं हिना के साथ कभी कभी बियर पीता हूँ, वो बियर पीना पसंद करती है। एक मेडिसिन भी है जिसका हाफ टुकड़ा भी अगर मैं बियर में मिला दूँ तो हिना बेहोशी की ऐसी हालत में चली जाएगी, जिसमे वो सेक्स तो एन्जॉय करेगी, लेकिन उसे पता नहीं होगा कि सेक्स कौन कर रहा है उसके साथ!

सूरज बोला- वैसे तुम अभी भी क्रॉसड्रेसिंग करते हो या ऑपरेशन के बाद वो सब छोड़ा दिया!

मैं बोला- कभी कभी, हिना कहती है तो क्रॉसड्रेसिंग करता हूँ!

सूरज- तो फिर आज भी क्रॉसड्रेसिंग करना, मैं तुम्हे औरतों के ड्रेसअप में देखना चाहता हूँ!

मैं बोला- ओके, मुझे कोई इशू नहीं है, जब हिना सो जाएगी तो मैं ड्रेसअप कर लूंगा!

सूरज- हम्म! इट्स टाइम देन! चलो फिर!

थोड़ी देर बाद अँधेरा होने लगा तो मैं और सूरज कुछ बियर की बॉटल्स के साथ फ्लैट पर आ गए और तबतक स्नैक्स और डिनर दोनों रेडी था।

पहले तो मैंने हिना को डिनर कर लेने को कहा और जब हिना ने डिनर कर लिया, मैंने उसे एक बॉटल बियर में हाफ मेडिसिन मिलकर दे आया। उधर हिना बियर पी रही थी और मैं और सूरज बियर पीने बैठ गए। हिना बियर ख़त्म करके बिस्तर पर लेट गयी और वो नशे में थी। मौका अच्छा था तो मैंने सूरज से हिना का पास जाने को कहा। सूरज खड़ा हुआ और उसने अपनी टीशर्ट और जीन्स निकालकर रख दिया। सूरज पूरी तरह से न्यूड था और मेरे सामने खड़ा था, मुझे बहुत अजीब लग रहा था। बहुत शर्म आ रहा था मुझे लेकिन मैंने सूरज की तरफ नहीं देखा और बियर पीने लगा। सूरज कमरे में गया तो कमरे की लाइट्स ऑफ हो गयी और थोड़ी देर में कमरे से हिना की आह उह्ह की तेज़ आवाज़ें और पलंग की चुई चुई की आवाज़ भी आने लगी। ऐसा लग रहा था कि सूरज हिना के साथ पुरे जोश में हार्डकोर सेक्स कर रहा था और लगभग आधे घंटे तक हिना की आवाज़ें आ रही थी। थोड़ी देर बाद उस कमरे से आवाज़ें आनी बंद हो गयी और पूरी तरह से सन्नाटा सा छा गया। मैं उठकर गया कमरे में देखा, सूरज हिना को अपनी बाहों में समेटे लम्बी लम्बी सांसें ले रहा था। मुझे बहुत बुरा फील हो रहा था हिना के लिए लेकिन मुझे यकीन था कि सूरज मेरी हिना को जरूर प्रेग्नेंट कर देगा। इधर सूरज ने फिर से हिना के साथ हार्डकोर सेक्स करना शुरू कर दिया और मैं फिर से हॉल में आकर बैठ गया। मैंने नाईटी पहन लिए और मेकअप कर के हील्स पहनकर तैयार होकर बैठ गया। उधर मैंने हिना के रोने और चिल्लाने की आवाज़ सुनी तो मैं भागा भागा कमरे में गया, सूरज उसे फुल स्पीड में चोदे जा रहा था और वो नशे में थी, फिर भी उससे बर्दाश्त नहीं हो पा रहा था। मैं सूरज के सामने गया और उसे रुकने को कहा, लेकिन वो नहीं माना और तबतक हिना को चोदता रहा जबतक वो बेहोश नहीं हो गयी। मैंने सूरज को रोकने की बहुत कोशिश की, लेकिन उसके सामने मैं काफी कमज़ोर था और उसने मेरी एक बात नहीं मानी!

उसके बाद सूरज ने मेरी तरफ देखा और बोला- ये क्या है साजिद, तुम मेरा पूरा मजा ख़राब कर रहे हो!

मैं बोला- सूरज, वो बेहोश हो चुकी है, इससे ज्यादा वो नहीं कर सकती!

सूरज बोला- तो फिर तुम आ जाओ!

मैं बोला- ये क्या बोल रहे हो तुम सूरज!

सूरज ने मेरी कमर से मुझे जकड लिया और मेरी आँखों में देखने लगा!

मैं बोला- सूरज छोड़ो ना! ये तुम क्या कर रहे हो?

सूरज बोला- छटपटाओ मत साज़िया, अब तुम मेरी आग को शांत करो।

मैं बोला- दिमाग ख़राब हो गया है क्या तुम्हारा सूरज, तुम मेरे साथ ऐसा कैसे कर सकते हो!

सूरज बोला- साज़िया प्लीज्, मना मत करो, आई लव यू!

मैं शॉक्ड था, सूरज को ये क्या हो गया था और जब उसने मुझे अपनी बाहों में भरकर मुझे आई लव यु बोला, मेरी धड़कनें तेज़ हो गयी, आँखें शर्म से नीचे हो गयी और मैं समझ नहीं पा रहा था कि अब मैं क्या करूँ। सूरज ने मेरे चेहरे को ऊपर उठाया और मेरे होंठों को अपने होंठ से चूमने लगा। आई वज लाईक शॉक्ड, मेरी आँखें आंसू से भर गए, नाक और कान गर्म होने लगे और सूरज मुझे स्मूच किये ही जा रहा था। सूरज की बाहों से छूटने की मैंने बहुत कोशिश की लेकिन मैं उसके सामने काफी कमज़ोर था और उसकी गर्म सांसें मेरी साँसों में घुलने लगी। मैं फिर भी इसी कोशिश में था कि सूरज की जकड़ से कैसे छूटूं, लेकिन एक तो बियर का नशा इतना तेज़ चढ़ा हुआ और उसपर से मेरे पतले कलाइयों में इतनी ताकत भी नहीं थी कि सूरज का सामना कर सकूँ। मैं रेसिस्ट करता रहा और सूरज मुझे स्मूच करता रहा। उसने मुझे हिना के बगल में लिटा दिया और मेरी पैंटी को उतारकर मेरी वजाइना पर अपना लंड टिका दिया। मैं रेसिस्ट करता रहा लेकिन सूरज नहीं माना और वही हुआ जो नहीं होना चाहिए था। सूरज ने मेरी वजाइना में अपना लंड घुसा दिया और तेज़ दर्द ने मेरे जिस्म को झकझोर कर रख दिया। मैं चिल्लाने लगा तो सूरज वहीँ रुक गया, मेरे होंठों को फिर से स्मूच करने लगा और मेरे अंदर अपना पूरा लंड घुसा दिया। अल्लाह, मुझे तो ऐसा लगा मानो किसी ने मेरे अंदर गर्म लोहा डाल दिया हो, मुझसे दर्द बर्दाश्त नहीं हो रहा था और मैं रोने लगा, सूरज के पीठ पर अपने नाख़ून चुभोने लगा, लेकिन सूरज नहीं रुका। सूरज मुझे चोदने लगा, मुझे यकीन नहीं हो रहा था, मैं औरतों की तरह एक मर्द से चुद रहा था और सूरज बहुत ही ज्यादा जोश में था। अभी दस मिनट्स भी नहीं हुए थे कि मुझे ओर्गास्म हो गया और साथ ही सूरज ने भी आप स्पर्म मेरे अंदर डिस्चार्ज कर दिया। मेरा पूरा बदन थरथराने लगा और मैं कब बेहोश हो गया, मुझे नहीं पता चला। अगली सुबह जब मेरी नींद खुली तो मैंने देखा, मेरे बगल में हिना थी लेकिन मेरी शरीर पर कुछ गर्म सा और मेरी गांड में कुछ मोटा सा होने का एहसास हुआ तो मैंने मुड़कर देखा, या खुदा, सूरज अभी भी मेरे कमर में हाथ डाले सो रहा था और उसका लंड मेरी गांड में था। ऐसे में हिना जाग गयी तो सब बर्बाद हो जायेगा, मैंने तुरंत सूरज को जगाया तो वो जाग गया।

मैंने सूरज से धीम आवाज़ में कहा- सूरज, ये सब क्या है, अपना लंड निकालो मेरे अंदर से और कमरे से बाहर जाओ!

सूरज ने मुझे दो स्ट्रोक्स दिए और मेरे अंदर से अपना लंड बाहर निकाला और कमरे से बाहर चला गया। अल्लाह, कितना दर्द हुआ मुझे जब सूरज ने मेरे अंदर से अपना लंड बाहर निकाला। मैंने हिना को देखा, वो अभी भी लम्बी लम्बी सानें ले रही थी और गहरी नींद में भी थी। मैं बिस्तर से उतरा और सूरज से बात करने के लिए जैसे ही एक कदम बढ़ाया, मुझे पेट के निचले हिस्से और गांड में तेज़ दर्द हुआ। मैं वहीँ बैठ गया और मेरी आँखों से आंसू निकलने लगे। किसी तरह मैं दिवार का सहारा लेकर हॉल में गया तो देखा सूरज चाय बिस्कुट खा रहा था। मैंने हिना के रूम को लॉक किया और सूरज के सामने जाकर खड़ा हो गया।

मैंने गुस्से में सूरज से पूछा- सूरज, कल रात तुमने मेरे साथ जो कुछ भी किया, वो गलत था और तुमने मेरे साथ ऐसा क्यों किया?

सूरज बड़े प्यार से मुस्कुराते हुए बोला- क्यों, मुझे तो बहुत मजा आया साज़िया! तुम्हारे जिस्म की भीनी खुशबू, मुझे अभी भी मदहोश कर रही है, यहाँ आओ, मेरे पास बैठो!

मैंने सूरज से कहा- ये क्या अनाप शनाप बोल रहे हो सूरज! तुम्हे जरा भी एहसास है कि तुमने कल रात मेरे साथ क्या किया है और तुम्हे जरा भी अफ़सोस है इस बात का!

सूरज खड़ा हो गया और मेरे सामने आ गया। उसने मुझे फिर से अपनी बाहों में ले लिया, मैं उसकी जकड से छूटने की कोशिश की, लेकिन उसके सामने मैं कमज़ोर था।

सूरज बोला- आई लव यू साज़िया, जब से तुम साजिद से साज़िया बनी हो, मुझे प्यार हो गया है तुमसे और कल रात जो कुछ भी हुआ, मुझे उसका जरा भी अफ़सोस नहीं है क्यूंकि आई लव यू साज़िया! तुम सिर्फ मेरे दोस्त नहीं हो, अब तो मैं तुमसे शादी करना चाहता हूँ, तुम्हे एक नया कल देना चाहता हूँ, अपने बच्चों की माँ बनाना चाहता हूँ।

मैंने सूरज को धकेलते हुए कहा- सूरज, हटो, चले जाओ यहाँ से!

सूरज बोला- लेकिन आई लव यू साज़िया! मुझसे शादी कर लो साज़िया, मैं तुम्हे और हिना को और होने वाले बच्चों को अपना नाम देने को भी तैयार हूँ साज़िया।

मैंने कहा- मैं कुछ नहीं सुनना चाहता सूरज, तुम अभी निकल जाओ मेरे घर से!

सूरज बोला- हाहाहा, हाय कितनी भोली हो तुम! मैं एक हफ्ते की छुट्टी लेकर आया हूँ और तुम मुझे भगाना चाहती हो मेरी जान! ये ना हो पायेगा साज़िया, अब तो मैं एक हफ्ते बाद ही दिल्ली जाऊंगा!

मैं बोला- नहीं सूरज, तुम आज ही दिल्ली वापिस जाओगे और वो भी हिना के नींद से जागने से पहले!

सूरज बोला- ठीक है साज़िया, मैं हिना को सब सच बता देता हूँ। कि कल रात हिना मेरी बाहों में थी और उसके बाद उसका शौहर मेरी आग शांत करता रहा, फिर मैं आज ही चला जाऊंगा।

मैं बोला- सूरज, तुम मेरे साथ ऐसा नहीं कर सकते! तुम मुझे ब्लैकमेल कर रहे हो?

सूरज बोला- सोच लो मेरी रानी, क्या करना है। हिना को सब सच बताना है या फिर इस एक हफ्ते को अच्छे से एन्जॉय करोगी! हिना को भी फुल एन्जॉयमेंट मिलेगा और एक रात से क्या होगा, हिना के साथ कम से कम सात रातें तो सोने दो तभी तो वो मेरे बच्चे को अपनी कोख में पालने के काबिल बन सकेगी।

मैं बोला- सूरज, मेरे साथ प्लीज् ऐसे मत करो। मैं तुम्हारा दोस्त हूँ सूरज, तुम मेरे साथ ये सब करने के बारे में सोच भी कैसे सकते हो?

सूरज बोला- सॉरी मेरी जान, अब तो तुम्हे हिना को भी खुश रखना है और मुझे भी!

मैं बोला- सूरज, प्लीज् ऐसा मत करो मेरे साथ!

सूरज बोला- देखो साज़िया, तुम मेरी सुबह ख़राब मत करो। जाओ चाय बना कर लाओ और मुझे भूख भी लग रही है, तुम खाने पीने का भी कुछ इंतज़ाम करो!

सूरज की बात सुनकर मैं जवाब देता, लेकिन फिर मैं किचन में चाय बनाने चला गया। मुझे एक चाय के सिवा कुछ बनाने भी नहीं आता था और सूरज के लिए चाय बनाना पड़ रहा था। इतने में हिना भी जाग गयी और कमरे से बाहर आयी।

हिना बोली- आप इतनी सुबह किचन में क्या कर रहो हो?

मैं बोला- चाय पीने का मन था।

हिना बोली- तो आप मुझे जगा देते ना, मैं बना देती!

मैं बोला- कोई बात नहीं!

सूरज बोला- हाँ हाँ, वैसे भी भाभी के हाथ की चाय की बात ही कुछ और है।

मैं सूरज से कुछ नहीं बोला और फिर हिना से बोला- हिना, दिन का खाना मत पकाना हमदोनो के लिए, सूरज को घुमा के लाता हूँ!

हिना बोली- हाँ हाँ, बिलकुल! आपके दोस्त को शिमला घुमा लाइए! हम नाईट में एक साथ डिनर कर लेंगे और सुनिए ना, एक बियर लेते आइयेगा मेरे लिए!

मैं बोला- हिना! रोज़ रोज़ नहीं पीना होता!

सूरज बोला- पी लेने दो भाभी को, वैसे भी भाभी की सेहत के लिए अच्छा ही रहेगा!

मैंने सूरज को देखा और फिर हिना को और उसे कहा- नहीं!

हिना उदास सी हो गयी थी, लेकिन मैंने उसपर ध्यान नहीं दिया और थोड़ी देर बाद चाय पीकर सूरज के साथ शिमला घूमने के बहाने घर से बाहर आ गया!

मैं सूरज को एक होटल में ले गया और वहां अगले छह दिनों की बुकिंग कर दिया।

सूरज बोला- ये क्या है साज़िया, तुमने मुझसे पूछे बगैर मुझे होटल में रोकने के बारे में सोच भी कैसे लिया!

मैं बोला- ताकि, इस बहाने तुमसे कुछ चीज़ें क्लियर कर सकूँ!

सूरज बोला- हम्म! तो पहले होटल रूम में चलो, वहीँ बैठकर बात करते हैं।

सूरज के साथ मैं बुक्ड कमरे में चला गया और जाते ही उससे बात करनी चाही, लेकिन उस कमरे में इधर उधर कुछ ढूंढने लगा।

जब मैंने पूछा तो सूरज बोला- कमरा छोटा है लेकिन बेड सॉफ्ट है।

मैं बोला- तो फिर इस बारे में बात करें! तुम आज से यहीं रहोगे और बिन बुलाये मेरे फ्लैट पर नहीं आओगे!

सूरज बोला- हाहाहाहा, अच्छा, बोल तो ऐसे रही हो जैसे मेरी बीवी हो तुम! अगर ऐसा ही है तो शादी कर लो मुझसे, पत्नी बन जाओ मेरी। यकीन जानो, शादी के बाद तुम्हे पूरी जिंदगी आराम ही आराम दूंगा!

मैं बोला- सूरज तुम्हे हो क्या गया है। रात भर तुम मेरे साथ सेक्स करते रहे, इतना रोकने के बावजूद तुम नहीं रुके। तुम्हे इतने से सुकून नहीं मिला, मैं तुम्हारा दोस्त हूँ सूरज, तुम खुद ही सोचो, क्या एक दोस्त दूसरे दोस्त के साथ ऐसा करता है?

सूरज बोला- तुम साजिद थे तब मेरे दोस्त थे लेकिन अब तुम साज़िया हो, मेरी रानी हो जिससे मैं बहुत प्यार करता हूँ। मैं तुम्हे एक अच्छी जिंदगी देना चाहता हूँ साज़िया, बेहतर कल देना चाहता हूँ।

मैं बोला- लेकिन सूरज, मैं शादीशुदा हूँ और मेरी बीवी से मैं बहुत प्यार करता हूँ।

सूरज बोला- तुम्हारी बीवी बहुत खूबसूरत है लेकिन तुम उससे भी कहीं ज्यादा खूबसूरत हो साज़िया! मेरी मानो, मुझसे शादी कर लो। मैं तुम्हे रानी बनाकर रखूँगा, बहुत प्यार करूँगा और तुम्हे हमेशा खुश रखूँगा!

मैं बोला- तुम पागल हो गए हो सूरज! तुम यहां घूमने आये हो ना, जाओ शिमला घूमो अकेले और यहीं से दिल्ली भी वापिस चले जाना!

सूरज बोला- तो फिर ठीक है साज़िया, मैं तुम्हारी बीवी को बता देता हूँ कि उसका शौहर अब मर्द नहीं रहा। तो मैं बता दूँ ना! अरे हाँ, उसे ये तो जरूर बताऊंगा कि तुमने मुझे उसके साथ सोने को भी कहा और मैंने वो किया भी!

मैं बोला- नहीं सूरज प्लीज् ऐसा कुछ मत करना, नहीं तो मैं सुसाइड कर लूंगा!

सूरज बोला- तुम सुसाइड नहीं कर सकती साज़िया, अगर तुमने ऐसा किया तो मैं तुम्हारी बीवी की जिंदगी को हेल बना दूंगा।

मैं बोला- नहीं सूरज, प्लीज्, मत करो मेरे साथ ये सब!

सूरज बोला- फिलहाल तो मैं तुम्हारे साथ सेक्स करना चाहता हूँ।

मैं बोला- नहीं सूरज, प्लीज्, नो सेक्स!

सूरज बोला- तुम इस हालत में नहीं हो साज़िया कि मेरी बात नकार सको!

मैं बोला- सूरज, मत करो मेरे साथ!

मैं वहीँ बैठकर रोने लगा तो सूरज ने मुझे अपनी बाहों में भर लिया। अल्लाह, ये क्यों हो रहा है मेरे साथ! मैंने क्या बिगाड़ा था किसी का, जो मुझे ऐसा दिन देखना पड़ रहा है।

फिर सूरज बोला- रो मत मेरी जान, चलो थोड़ी शॉपिंग कर के आते हैं!

मैंने सूरज से कुछ नहीं कहा और उसके साथ चल दिया। सूरज ने दो साड़ियां खरीदी, कुछ ज्वेलरीज और खाने को बिरयानी ली और मुझे अपने साथ मेरे ही फ्लैट पर ले आया।

मुझे और सूरज को देखकर हिना बोली- आप दोनों घूमने नहीं गए!

सूरज बोला- सोचा तो था कि शिमला घूमूं लेकिन अपनी इतनी सुन्दर भाभी के लिए मैं कोई गिफ्ट नहीं लाया तो मैं आपके लिए ये साड़ी ले कर आया हूँ!

हिना को साड़ी पकड़ा कर सूरज ने उससे पूछा- हिना भाभी, गिफ्ट कैसा लगा आपको?

हिना बोली- सूरज, साड़ी तो बहुत खूबसूरत है, मैं कब से सोच रही थी इस साड़ी को खरीदने के लिए। लेकिन आप एक जैसी ही दो साड़ीयाँ ले आये!

सूरज बोला- हाँ भाभी, आपने बताया था ना कि साजिद भी क्रॉसड्रेसिंग करता है, एक साड़ी उसके लिए है!

सूरज की बात सुनकर हिना जोर से हंसी और मुझे साड़ी पकड़ा दी।

हिना बोली- पकड़िए अपनी साड़ी!

मैं बोला- मैं क्या करूँगा इसका!

सूरज बोला- आज रात में जब हिना भाभी ये साड़ी पहनेंगी तो तुम भी साड़ी पहन लेना। मैं आप दोनों को एक साथ साड़ी में देखना चाहता हूँ!

हिना बोली- मुझे तो ये साड़ी बहुत पसंद है, मैं तो जरूर पहनूंगी! अब साजिद पहनेंगे कि नहीं, वो तो इनके ऊपर ही डिपेंड करता है।

सूरज बोला- तुम साड़ी पहनोगे ना साजिद!

अब मैं बुरी तरह से फंस चूका था, दूसरा कोई उपाय नहीं था मेरे पास। अगर मैं मना करता तो मुझे डर था कि कहीं सूरज हिना को सब सच ना बता दे। मैंने हाँ कर दिया और सोफे पर बैठकर पेपर पढ़ने का नाटक करने लगा। सूरज और हिना अभी भी आपस में बातें कर रहे थे और मैं उनकी बातें सुन रहा था।

हिना सूरज से बोली- तो आपने शादी क्यों नहीं की?

सूरज बोला- आपके जैसी खूबसूरत लड़की जिस दिन मिल जाएगी, मैं भी शादी कर लूंगा!

हिना सूरज की बातें सुनकर हंसने लगी और बोली- सूरज जी, आप भी ना। मैं कहाँ खूबसूरत हूँ। वैसे भी आप तो इतने हैंडसम हैं कि दिल्ली की खूबसूरत लडकियां आपके ऊपर जान छिड़कती होंगी।

सूरज बोला- भाभी, ऐसा कुछ भी नहीं है। सच कह रहा हूँ, जिस दिन आपके जैसी मिलेगी, उसी दिन शादी कर लूंगा, चाहे उसके लिए उस लड़की को घर से भगाना ही क्यों ना पड़े!

हिना बोली- हाहाहा, अरे वाह, लव मैरिज। वैसे भी, वो लड़की बहुत ही खुशनसीब होगी, जो आपकी दुल्हन बनेगी! शादी में बुलाएंगे ना?

सूरज बोला- अरे भाभी, आपको शादी में मैं ना बुलाऊँ, ये नहीं हो सकता! मेरी शादी में आपको तो आना ही पड़ेगा और मैं तो आपके पुरे परिवार को इन्वाइट करूँगा!

हिना बोली- मैं जरूर आउंगी सूरज जी, आपलोग बातें कीजिये, मैं कुछ खाने को ले आती हूँ।

फिर सूरज मुझसे बोला- देखा, हिना भाभी को भी लगता है, तुम सच में खुशनसीब हो जो मेरी दुल्हन बनोगी!

मैं बोला- सूरज, प्लीज्! तुम ज्यादा दिन मुझे ब्लैकमेल नहीं कर सकोगे!

सूरज बोला- आर यू श्योर साज़िया, तुम कहो तो मैं हिना भाभी को सब सच बता दूँ!

मैं बोला- सॉरी, प्लीज् सूरज, डोंट डू दिस!

सूरज बोला- ओके, ऐज़ यू विश मेरी रानी!

इतने में हिना स्नैक्स लेकर आ गयी और हमने साथ में खाया और मैं हिना को लेकर कमरे में आ गया।

मैं हिना से बोला- देखो हिना, माना कि सूरज मेरा दोस्त है लेकिन उससे ज्यादा बात करने की जरुरत नहीं!

हिना हँसते हुए बोली- जेल्स हो रहे हो!

मैं बोला- नहीं हिना, बस ऐसे ही बोल रहा हूँ!

वैसे भी सूरज होटल में रहना चाहता है ताकि हमारी प्राइवेसी बनी रहे। आज ही सूरज होटल चला जायेगा रात को।

हिना बोली- हमारे पास काफी जगह तो थी साजिद, आप सूरज को यहीं रहने देते!

मैं बोला- मैंने रोका था लेकिन वो नहीं माना!

हिना बोली- हम्म! सच में आपके दोस्त बहुत अच्छे दिल के इंसान हैं।

मैं बोला- हम्म!

फिर मैं हिना के साथ रोमांस करने लगा, लेकिन पहले जैसी बात नहीं रह गयी थी। मुझे लड़कियों में इंटरेस्ट ख़त्म होता जा रहा था। हिना को देखकर, उसका मेरे पास आने पर मेरी हार्ट बीट बढ़ जाती थी लेकिन अब ऐसा कुछ नहीं होता। मैं हिना की ख़ुशी के लिए एक्साइटेड होने का नाटक तो करता लेकिन मुझे सटिस्फैक्शन नहीं मिलता कभी।

शाम हुई तो हिना ने सूरज की दी हुई साड़ी, बैकलेस ब्लाउज पहनकर रेडी हो गयी।

मैंने हिना से कहा- वाओ, कितनी खूबसूरत दिख रही हो इस साड़ी में।

हिना बोली- अच्छा, चलो आओ बैठो, मैं आपको भी तैयार कर देती हूँ!

मैं बोला- यार सूरज के सामने साड़ी पहनना अच्छा नहीं लग रहा है!

हिना बोली- चलो रोल प्ले करते हैं, आज तुम सिर्फ साड़ी ही नहीं पहनोगे बल्कि आज का बाकी टाइम लड़की बनकर स्पेंड करोगे!

मैं बोला- ओके! हद हो तुम भी!

हिना मेरी बात सुनकर हंसने लगी और बोली- देखिये सूरज बियर लेने गया है, उसके आने से पहले रेडी करना है आपको!

मैं बोला- हम्म!

फिर हिना ने मुझे भी साड़ी और बैकलेस ब्लाउज में तैयार किया। एक जैसा मेकअप और एक जैसे साड़ी पहनने का स्टाइल। मैं और हिना तैयार होकर आईने के सामने खड़े थे और मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि मैं हिना से भी ज्यादा खूबसूरत दिख रहा था। थोड़ी देर के बाद सूरज बियर लेकर फ्लैट पर आया तो मैं दरवाज़े पर गया और सूरज ने मुझे देखा तो वो मुझे देखता ही रह गया। मैं अंदर आ गया और सूरज दरवाज़े पर ही था।

हिना बोली- क्या हुआ सूरज बाबू, बाहर ही खड़े रहेंगे या अंदर भी आएंगे!

सूरज बोला- ओह्ह! सॉरी भाभी! वो कौन थी?

हिना जोर से हंसी और बोली- आपको क्या लगता है, वो कौन हो सकती है!

सूरज बोला- भाभी, चाहे जो कोई भी हो, बड़ी सुन्दर है! बताइये ना, कौन है वो?

हिना फिर से हंसी और बोली- वो साजिद है, तुम ही साड़ी लेकर आये थे दिन में।

सूरज बोला- मुझे तो यकीन नहीं होता भाभी, साजिद तो आपकी तरह खूबसूरत दिख रहा है।

हिना बोली- तो मैं रिश्ता पक्का समझूँ!

सूरज बोला- क्या भाभी, आप भी ना!

फिर सूरज मुझसे बोला- यू आर लुकिंग सो ब्यूटीफुल साजिद!

फिर सूरज ने हिना से कहा- भाभी, साजिद इतना सुन्दर लग रहा है तो इसका तो कोई फेमिनिन नाम भी तो होना चाहिए!

हिना बोली- आप ही सजेस्ट कर दो!

सूरज बोला- साज़िया कैसा रहेगा भाभी?

हिना बोली- अरे वाह! तो साज़िया, आपको पसंद है क्यों?

सूरज बोला- भाभी, पसंद होने से क्या होता है, लड़की होती तो शादी के बारे में सोच सकता था!

सूरज की बातें सुनकर हिना जोर से हंसी और बोली- आइये, आपसे तो बात करने का कोई लिमिट ही नहीं है। आपका बस चले तो रात भर बातें करते रहोगे। रात हो गयी है, डिनर कर लो साथ में और फिर होटल चले जाना!

सूरज बोला- नहीं भाभी, मैं होटल में ही खा लूंगा!

हिना बोली- नहीं, जब तक शिमला में हैं, घर का खाना खाइये और तब होटल चले जाया कीजिये!

सूरज बोला- इतनी प्यारी भाभी की बात मैं कैसे काट सकता हूँ!

फिर हमने साथ में डिनर किया और हम बियर पीने बैठ गए। कल से आज में इतना कुछ बदल चुका था, सूरज से बात करने का भी मन नहीं कर रहा था मेरा और मैं चाहता था कि वो जल्द से जल्द चला जाये। इधर हिना के लिए भी सूरज बियर लेकर आया था और उसमे चुपके से दवाई मिलाकर उसने हिना को पीने को बोतल पकड़ा दिया। मैं और हिना भी बियर पी रहे थे और सूरज भी। थोड़ी देर बाद हिना होश खोने लगी और आधी बोतल बियर पी कर आधी अधूरी नींद की आगोश में समा चुकी थी। सूरज को पता था कि उसे क्या करना है और उसे रोकने वाला कोई भी नहीं था। सूरज हिना को अपनी गोद में उठाकर बैडरूम में ले गया और जब मैं कमरे में गया तो देखा दोनों न्यूड थे। हिना की नींद कच्ची थी और कमरे में अँधेरा था, सूरज हिना के अंग अंग को चूमे जा रहा था और हिना को उत्तेजित कर रहा था। थोड़ी देर बाद सूरज ने हिना को चोदना शुरु कर दिया और आधे घंटे तक हिना की चुदाई करने के बाद सूरज के उसके वजाइना में अपना स्पर्म डिस्चार्ज कर दिया और एक जोर की आह्ह निकली हिना के मुँह से और वो पूरी तरह बेहोश हो गयी। हिना के बेहोश होने के बाद सूरज मेरी ओर बढ़ने लगा।

मैं बोला- नहीं सूरज प्लीज्, तुम मेरे साथ ऐसा नहीं कर सकते! भगवन के लिए मुझे छोड दो सूरज!

लेकिन सूरज नहीं माना, उसकी हाथों में मेरी साड़ी का पल्लू था और वो मेरी साड़ी को धीरे धीरे उतारने लगा था।

मैं फिर से शॉक में था, सूरज को ये क्या हो गया था, आज दूसरी बार मैं सूरज की बलिष्ठ बाहों में फंसा था और जब उसने मुझे अपनी बाहों में भरकर मुझे आई लव यु बोला, मेरी धड़कनें तेज़ हो गयी, ना जाने क्यों मेरी आँखें शर्म से नीचे हो गयी और मैं समझ नहीं पा रहा था कि अब मैं क्या करूँ। सूरज ने मेरे चेहरे को ऊपर उठाया, मेरी आँखों में देखने लगा और मेरे होंठों को अपने होंठ से चूमने लगा। आई वज लाईक शॉक्ड, मेरी स्ट्रेंथ ख़त्म हो रही थी, आँखें आंसू से भर गए, नाक और कान गर्म होकर लाल होने लगे और सूरज मुझे बेतहाशा कल की तरह ही स्मूच किये ही जा रहा था। सूरज की बाहों से छूटने की मैंने बहुत कोशिश की, लेकिन सूरज काफी ताकतवर था और मैं उसके सामने काफी कमज़ोर था और उसकी गर्म सांसें मेरी साँसों में घुलने लगी। मैंने फिर से कोशिश की कि सूरज की जकड़ से कैसे छूटूं, लेकिन एक तो बियर का नशा इतना तेज़ चढ़ा हुआ और उसपर से मेरे पतले कलाइयों में इतनी ताकत भी नहीं थी कि सूरज के मजबूत शरीर का सामना कर सकूँ। मैं रेसिस्ट करता रहा और सूरज मुझे स्मूच करता रहा। उसने मुझे हिना के बगल में लिटा दिया और मेरी साड़ी, पेटीकोट और ब्लाउज के बाद मेरी पैंटी को उतारकर मेरी वजाइना पर अपना लंड टिका दिया। मैं रेसिस्ट करता रहा, बहुत रोया, उसे हज़ार बार रोकने की कोशिश की लेकिन सूरज नहीं माना और वही हुआ जो नहीं होना चाहिए था। सूरज ने मेरी वजाइना में अपना लंड घुसा दिया और एक बार फिर से तेज़ दर्द ने मेरे जिस्म को झकझोर कर रख दिया। मेरी रूह भी रो रही थी और मैं दर्द से चिल्लाने लगा तो सूरज वहीँ रुक गया। सूरज ने मेरे होंठों को फिर से स्मूच करने लगा और मेरे अंदर अपना पूरा लंड घुसा दिया। या खुदा, ये कैसा दिन देखना पड़ रहा है मुझे, कौन से गुनाह की सजा मिल रही थी मुझे, मैं नहीं जानता लेकिन सूरज मेरा रेप कर रहा था और मैं खुद को बचाने में समर्थ। मुझे तो ऐसा लगा मानो किसी ने मेरे अंदर गर्म लोहा डाल दिया हो, मुझसे दर्द बर्दाश्त नहीं हो रहा था और मैं रोने लगा, लेकिन सूरज नहीं रुका। सूरज अब फुल स्पीड में मुझे चोद रहा था, और मैं एक अबला की तरह आंसू बहा रहा था। मैंने कई दफा सूरज की पीठ में नाख़ून से खरोंच कर उसे दर्द देने की कोशिश भी की ताकि वो मुझे छोड़ दे! लेकिन वो नहीं माना और बिना रुके मुझे आधे घंटे तक चोदता रहा। मैं अंदर से टूट चूका था, मेरी रूह भी मुझे धिक्कार रही थी कि मैं ऐसा कैसे होने दे रहा था। आधे घंटे के बाद जब सूरज ने मेरे अंदर अपना स्पर्म डिस्चार्ज किया तो मुझे भी ओर्गास्म हो गया और मैं कमज़ोर पड़ने लगा, मेरा शरीर ठंडा पड़ चूका था और मेरा शरीर थरथराने लगा था। आँख खोलने की हिम्मत नहीं बची थी लेकिन सूरज की आग शांत होने का नाम नहीं ले रही थी। सूरज ने मेरी कमर में अपना हाथ डाला और मुझे अपनी बाहों में उठाकर खड़ा हो गया और मेरे साथ रोमांस करने लगा। मैं अभी भी रो रहा था, उससे मिन्नतें कर रहा था कि वो मेरे साथ ये सब ना करे लेकिन वो फिर नहीं माना और मुझे खड़े खड़े ही चोदना शुरू कर दिया। उसके लंड का मेरी वजाइना में अंदर बाहर होना वो भी फुल स्पीड से, मुझे दर्द और जलन के सिवा कुछ भी नहीं दे रहा था। मैं जोर जोर से रोने लगा, उससे रुकने को कहता रहा लेकिन वो नहीं माना और मुझे अगले आधे घंटे तक चोदता रहा, जब तक उसने दुबारा मेरे अंदर अपने स्पेर्म्स को डिस्चार्ज नहीं कर दिया और मुझे भी दूसरा ओर्गास्म नहीं हो गया। मैं अब बुरी तरह से टूट चूका था, मेरी आँखें रो रो कर लाल हो चुके थे, लेकिन अभी भी मैं सूरज की बाहों में ही था और उसका लंड मेरी वजाइना में। अब हिम्मत नहीं बची थी कि मैं टॉयलेट करने के लिए भी उठ सकूँ। थोड़ी देर बाद सूरज मुझे फिर से अपनी बाहों में उठाकर बालकनी में ले गया।

मैं नशे में था, आवाज़ नहीं निकल रही थी फिर भी मैंने सूरज को रुकने को कहा लेकिन वो नहीं माना और मुझे सोफे पर पटककर मेरे साथ सेक्स करने लगा और इस बार पंद्रह मिनट्स में ही उसका स्पर्म डिस्चार्ज हो गया और मुझे तीसरा ओर्गास्म हो गया। सूरज ने मुझे सोफे पर नंगा ही लिटा दिया और तैयार होने लगा। सूरज ने कल आने की बात कही और वो चला गया। बड़ी मुश्किल से मैं उठा और बड़ी मुश्किल से चलकर दरवाज़ा लॉक किया और नाईट गाउन पहनकर हिना के बगल में जाकर सो गया। मेरे लिए चलना भी दूभर हो रहा था, मैं लंगड़ाकर चल रहा था और मुझे बहुत दर्द भी हो रहा था। सुबह के पांच बजे मेरी नींद खुली और मैं किसी तरह बिस्तर से उतरकर वाशरूम की ओर बढ़ा, ऐसा लगा मेरे पैर कितने कमज़ोर हो गए थे कि मैं लड़खड़ा कर वहीँ गिर पड़ा। किसी तरह वाशरूम में पहुंचा और फ्रेश होने के बाद बहुत आराम मिला मुझे। वाशरूम में मैंने गौर किया कि मेरा आर्टिफिशियल लंड अभी भी बैडरूम में ही पड़ा था। किसी तरह मैं बैडरूम में आया और अपने आर्टिफिशियल लंड को अपने वजाइना से चिपकाकर सेट किया और हिना को अपनी बाहों में लेकर सो गया। मुझे बहुत डर लग रहा था, मैंने हिना को प्रेग्नेंट करने के लिए सूरज से रिक्वेस्ट किया था लेकिन अब तो मुझे ये डर था कि कहीं मैं भी प्रेग्नेंट ना हो जाऊं! अगर ऐसा हुआ तो मैं हिना को कैसे फेस कर पाउँगा!

अगले पांच दिनों तक सब वैसा ही चलता रहा जैसे पिछले दो दिनों से चल रहा था। रोज़ दोपहर सूरज फ्लैट पर आ जाता, हिना से मुझे क्रॉसड्रेसिंग करने की फरमाईश करता और वो भी मना नहीं करती। हर रोज़ रात को हम तीनो बियर पीते, फिर सूरज हिना के साथ एक राउंड हार्डकोर सेक्स करता और उसके बाद मेरे साथ तीन राउंड तो कभी चार राउंड हार्डकोर सेक्स करता। मुझे सूरज ने जितना रुलाया इतना तो मुझे किसी ने भी कभी रुलाया हो। सूरज का मेरे साथ ऐसे जबरदस्ती करना, मेरा रेप करना और वो भी मेरे ही घर में, मुझे अंदर ही अंदर तोड़ने लगा था। हालात ये था कि सूरज को सामने देखकर मेरा बदन ही नहीं मेरी रूह भी कांप जाती। वो आखिरी दिन था और सूरज दिल्ली वापिस जाने वाला था। उस रात सूरज ने मेरे साथ पांच राउंड हार्डकोर सेक्स किया, मेरी वजाइना में स्पर्म डिस्चार्ज करने के अलावे उसने मुझे ब्लोजॉब देने को भी मजबूर किया और आखिर में अपना स्पर्म पीने को भी मजबूर किया। मैं अंदर से टूट चूका था, अपनी मर्दानगी का यूँ एक मर्द के हाथों मर्डर होता देख भी मैं कुछ नहीं कर पा रहा था। रविवार का दिन था वो जब सूरज चला गया और उस दिन के बाद से मेरी जिंदगी पूरी तरह से बदल चुकी थी। जब हिना की नींद खुली, तो मैं उसके पास गया।

हिना बोली- सर दुःख रहा है साजिद!

मैंने हिना को नीबू पानी पीने को दिया और हिना का सर दर्द ठीक हुआ, वो सूरज को ढूंढने लगी। मैंने हिना को बताया कि सूरज को ऑफिस से इमरजेंसी में बुला लिया गया है।

हिना बोली- सूरज हर बार शिमला घूमने आता है उसे हर बार कोई ना कोई काम आ जाता था, लेकिन इस बार वो शिमला एन्जॉय करके गया है। ख़ुशी की बात है, और सूरज जितना देखने में हैंडसम है उतना ही स्वीट भी है।

मैंने कहा- हां, अब तुम भी रेडी हो जाओ, कुछ खाने को पका दो, बहुत भूख लगी है। हिना फ्रेश होने चली गयी और मैं हिना के साथ शिमला घुमा और खूब एन्जॉय किया। सूरज को मैं भूल चूका था और जब जब हिना सूरज की बात करती, मुझे वो डरावनी रात और अपने लाइफ की सबसे बड़ी गलती याद आ जाती। सबकुछ भूलकर मैं लाइफ में आगे बढ़ना चाहता था और हिना बार बार सूरज का नाम लेकर मुझे मेरी गलती को याद करने को मजबूर कर देती। उस रात हिना के साथ जो कुछ भी हुआ, वही मेरे साथ भी हुआ था और इस बात का जिक्र मैं हिना से मरते दम तक नहीं कर सकता था। इस बीच सूरज मुझे अक्सर कॉल करता, लेकिन उस रात को उसने मेरे साथ जो कुछ भी किया उसके बाद मुझे सूरज से बात करने का या उसकी बात सुनने का जरा भी मन नहीं था।

एक महीना होने को था और सूरज हर रोज़ मुझे लगातार कॉल करता और मैं उसके कॉल को हमेशा कट कर देता। मेरे और सूरज के बीच जो कुछ भी हुआ था मुझे उस बात को लेकर काफी दुःख और तकलीफ था, लेकिन मुझे उम्मीद थी कि सूरज से हिना जरूर प्रेग्नेंट हो जाएगी। एक दिन ऑफिस से जब मैं घर आया तो मैंने हिना को वोमिटिंग करते हुए देखा। मेरे पूछने पर हिना ने मुझे बताया कि वो ठीक है और उसे खट्टा खाने का मन कर रहा है। मैं हिना को लेकर लोकल डॉक्टर के पास गया और जब डॉक्टर ने हिना का चेकअप की तो उसने मुझे बताया कि हिना प्रेग्नेंट है। डॉक्टर की बात सुनकर मैं बहुत खुश हो गया, क्यूंकि मैं भी बाप बनने वाला था और तभी मैंने हिना को सबके सामने हग कर के अपनी ख़ुशी का इज़हार किया। मैंने तुरंत अम्मी अब्बू और सोहैल भाईजान को कॉल करके बताया कि हिना गर्भवती है और मैं अब्बू बनने वाला हूँ। सभी बहुत खुश हो गए और अगले ही दिन अम्मी ने हिना के घरवालों को ये बात बताई और मेरे बड़े साले साहब इम्तियाज़ हिना को लेने शिमला आ गए और हिना को उसके मायके ले गए ताकि उसकी अच्छे से देखभाल हो सके। हिना के जाने के बाद एक दिन जब सूरज का कॉल आया तो मैंने उसका कॉल पिक कर लिया।

मैंने कहा- बोलो सूरज!

सूरज बोला- आई एम् सॉरी हिना, जो कुछ भी हुआ उसके लिए। मैं बहक गया था, लेकिन मैंने इस बारे में तुम्हे पहले भी आगाह किया था कि सेक्स के दौरान मेरे साथ क्या हो जाता है।

मैंने सूरज से कहा- इट्स ओके सूरज एंड आई एम् सॉरी। मैंने तुम्हे उस दिन घर से निकाल दिया, मैंने बहुत गलत किया तुम्हारे साथ!

सूरज बोला- कोई बात नहीं साजिद, उस दिन के किसी भी बात का मैं बुरा नहीं मान रहा क्यूंकि मैं जानता हूँ कि जो कुछ भी एग्रेशन में हुआ जिसके लिए मैं खुद भी बहुत शर्मिंदा हूँ!

मैंने कहा- इट्स ओके सूरज एंड थैंक्स, हिना प्रेग्नेंट है और वो तुम्हारी वजह से है।

सूरज बोला- साजिद, क्या अब भी तुम मुझसे नाराज़ हो!

मैंने कहा- नहीं सूरज!

सूरज बोला- मैं एक बात पूछूं, अगर तुम्हे बुरा ना लगे तो!

मैंने कहा- पूछो सूरज!

सूरज बोला- क्या तुम सच में अपनी आधी अधूरी जिंदगी ऐसे ही बिताओगे! तुम मुझसे शादी कर लो साजिद, मैं तुम्हे रानी बनाकर रखूँगा और हमेशा तुमसे प्यार करूँगा!

मैंने बोला- सूरज, मैं आज किसी का राजा हूँ और पूरी जिंदगी राजा बनकर ही जीना चाहता हूँ, आई एम् सॉरी, मैं तुम्हारी इस हसरत को पूरा नहीं कर सकता। मुझे बहुत काम है, चलो बाय!

सूरज बोला- आर यू श्योर साजिद! तुम कुछ भूल तो नहीं रहे?

मैं बोला- सूरज प्लीज्! अब फिर से मुझे ब्लैकमेल करने की कोशिश मत करना!

सूरज बोला- नहीं साजिद, मैं तो शिमला आने की सोच रहा था। हिना तो वहां है नहीं, हम फिर से एन्जॉय करेंगे!

मैं बोला- नहीं सूरज! ये गलत है।

सूरज बोला- प्यार में सब जायज़ होता है मेरी रानी! तुम भले किसी की राजा रही हो लेकिन मुझे यकीन है, एक ना एक दिन तुम मेरे प्यार को जरूर समझोगी।

मैं बोला- कभी नहीं सूरज, तुम्हारे हवस की आग के कारण मुझे ना जाने कितनी दिनों तक खुद को जलाना पड़ा है। अब मैं दुबारा ये नहीं होने दूंगा।

सूरज बोला- हम्म! अगर तुम ऐसे नहीं मानोगे तो मैं सच में हिना को सब बता दूंगा!

मैं बोला- प्लीज् सूरज, फिर से शुरू मत हो जाओ! बाय!

इससे पहले सूरज कुछ कहता, मैंने कॉल कट कर दिया। इधर इस महीने के दूसरे हफ्ते के बाद भी मेरे पीरियड्स नहीं आये थे और जैसा कि नर्स ने मुझे बताया था कि पीरियड्स हर आते रहने चाहिए और अगर नहीं आये तो चेकअप जरूर करवा लूँ! तीसरा हफ्ता शुरू होने को था, मेरे अम्मी अब्बू मुझसे मिलने को कह रहे थे तो मैंने उन्हें शिमला बुला लिया। मुझे अपने अम्मी अब्बू के साथ टाइम स्पेंड करना बहुत पसंद था और उन्हें सैटरडे को शिमला से रामपुर घुमाने को ले गया। रामपुर घूमकर जब मैं अपने अम्मी अब्बू के साथ फ्लैट पर रिटर्न आया तो हमसब आलरेडी थके हुए थे। मैंने अम्मी से कहा कि वो सिर्फ रोटियां बना ले और मैंने चिकन तंदूरी और मटन हांड़ी आर्डर करके मंगवा लिए। हम तीनों ने खाना खाया और रात को हिना से कॉल पर बात करके मैं सो गया। जब से हिना प्रेग्नेंट हुई थी, मुझे उसकी और अपने होने वाले बच्चे की बहुत परवाह होने लगी थी और मैं हर रोज़ हिना से बात करने का बहाना ढूंढ ही लेता। इधर एक दिन ऑफिस से घर आया तो अम्मी अब्बू काफी परेशां थे। मैंने उनसे उनकी परेशानी की वजह पूछा तो उन्होंने बताया कि वे सोहैल भाईजान से मिलने जाना चाहते थे। मैंने उन्हें कहा कि एक हफ्ते रुक जाने को लेकिन वे मानने को रेडी नहीं थे। मैंने उनकी टिकट्स बुक कर के अगले ही दिन उन्हें जयपुर के लिए रवाना कर दिया। अम्मी अब्बू के जाने के बाद घर फिर से सूना सा हो गया और मैंने इस बारे में हिना से भी बात की। हिना मेरे पास आने को तैयार थी, लेकिन मैंने उसे रेस्ट करने को कहा और उसे शिमला आने से रोक दिया। दो तीन दिन बाद एक दिन सूरज का कॉल आया और उसने बताया कि वो किसी काम से शिमला आया हुआ है और मुझसे मिलकर माफ़ी माँगना चाहता है। मैंने उसे नहीं रोका और उसे शाम में फ्लैट पर बुला लिया। काफी अरसे बाद मैं सूरज से मिला था और सूरज ने मुझे देखते ही मुझसे माफ़ी मांगी। मैंने उसे माफ़ कर दिया लेकिन अचानक मुझे चक्कर आ गया और मैं बेहोश हो गया। जब मेरी आँख खुली तो मैं हॉस्पिटल में था और मेरे सामने एक डॉक्टर मुस्कुरा रही थी और उसके बगल में सूरज खड़ा था।

मैंने डॉक्टर से पूछा- क्या हुआ मुझे!

डॉक्टर बोली- कॉन्ग्रैचुलेशन्स साज़िया, तुम गर्भवती हो!

डॉक्टर की बात सुनकर मैं शॉक्ड हो गया, आखिर कैसे!

मैंने डॉक्टर बोली- ये सच है साज़िया, तुम गर्भवती हो और बहुत जल्द तुम माँ बनने वाली हो!

इससे पहले कि मैं डॉक्टर से कुछ कहता, सूरज ने डॉक्टर को थैंक्स कहा और मुझे अपने साथ लेकर मेडिसिन्स के साथ मेरे फ्लैट पर आ गया। मैं अभी भी शॉक्ड था, आखिर मैं प्रेग्नेंट कैसे हो सकता था, फिर मुझे याद आया कि दिल्ली में ऑपरेशन के बाद मैं औरत बन चूका था। अल्लाह ये क्या कर लिया मैंने?

सूरज बोला- क्या सोच रही हो साज़िया?

मैं गुस्से में बोला- फिर से साज़िया, तुम्हारा दिमाग ख़राब है या तुम मेरी परेशानी का मजाक बना रहे हो सूरज!

सूरज बोला- देखो साज़िया, ऑफिशियली तो अब तुम्हारा यही नाम है। तुम मेरी वजह से गर्भवती हो और आई एम् सॉरी, मुझे अपनी गलती का भी एहसास है!

मैं फिर गुस्से में बोला- तुम्हारे सॉरी कह देने से अब सब पहले जैसा नहीं हो जायेगा सूरज। तुम्हे पता भी है कि तुमने मुझे किस प्रॉब्लम में डाल दिया है। उस रात अगर तुमने कण्ट्रोल किया होता तो आज मुझे ये दिन नहीं देखना पड़ता। ये सब तुम्हारी वजह से हुआ है और अब मुझे एबॉर्शन करवाना है।

सूरज बोला- नहीं करवा सकती!

मैंने पूछा- क्यों नहीं करवा सकता मैं एबॉर्शन!

सूरज बोला- क्यूंकि इस बारे में मैंने पहले ही डॉक्टर से बात की है और उसके मुताबिक़ ये तुम्हारा पहला बच्चा है और अगर तुमने एबॉर्शन करवाया तो इसका तुम्हारे बॉडी पर बहुत ही गंभीर परिणाम होगा। ये तुम्हारे हेल्थ के लिए सही नहीं है साज़िया, मेरी मानो तो तुम इस बच्चे को जन्म दो।

मैंने सूरज से कहा- तुम अब मेरा दिमाग ख़राब कर रहे हो सूरज, मैं इस बच्चे को जन्म नहीं दे सकता, एक तरफ मेरी बीवी प्रेग्नेंट है और यहाँ मैं प्रेग्नेंट हूँ। अब क्या होगा मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा है, मेरी पूरी लाइफ बर्बाद हो गयी है।

सूरज बोला- ऐसे मत बोलो साज़िया, तुम इस बच्चे को जन्म दो और मैं इस बच्चे को अपना नाम देने के लिए और तुम्हे अपनाने के लिए तैयार हूँ!

मैं बोला- सूरज, तुम्हारी प्रॉब्लम क्या है? तुम समझ क्यों नहीं रहे कि ऑपरेशन से पहले से मैं शादीशुदा हूँ और हिना मेरी बीवी है जिससे मैं तहेदिल से मुहब्बत करता हूँ। तुम्हारी हेल्प से आज हिना प्रेग्नेंट है लेकिन तुम्हारी जबरदस्ती से मैं भी प्रेग्नेंट हो गया हूँ। कैसा लगेगा मेरे अम्मी अब्बू, भाईजान और मेरी बीवी को जब उन्हें पता चलेगा कि मैं हिना का शौहर होते हुए भी आज प्रेग्नेंट हूँ। इस सिचुएशन से कैसे निकलना है इस बारे में सोचने के बजाय तुम ये सोच रहे हो कि तुम मुझे अपना कैसे बनाओगे! तुम्हारी हेल्प से मेरी बीवी की प्रेग्नेंसी के लिए थैंक्स और तुम्हारी एक गलती से मुझे प्रेग्नेंट करने के लिए सॉरी। लेकिन इससे क्या बदल जायेगा, मैं अपने प्रेग्नेंसी को कैसे छुपाऊंगा, जॉब कैसे करूँगा और हिना के सामने कैसे जाऊंगा, उसे कैसे फेस करूँगा, अम्मी अब्बू को मेरे बारे में जब पता चलेगा तो उनके ऊपर क्या गुज़रेगा!

सूरज बोला- आई एम् सॉरी साज़िया लेकिन मैं तुम्हे अपना सकता हूँ, तुमसे शादी कर सकता हूँ, तुम्हे रानी बनाकर रख सकता हूँ और तुम्हे कभी नौकरी की जरुरत नहीं पड़ेगी, इस बात की गारंटी देता हूँ। तुम्हारा हाथ मैं तुम्हारे अम्मी अब्बू से मांगने को तैयार हूँ, लेकिन इससे ज्यादा तुम्हारे लिए मैं कुछ भी नहीं कर सकता।

मैं बोला- तुम फिर से अपनी बात कर रहे हो सूरज, मुझे तुमसे शादी नहीं करनी, तुम्हारी रानी बनकर मुझे लाइफ नहीं गुज़ारनी और ना ही मुझे अपनी नौकरी छोड़नी है। मुझे हिना का राजा बनकर अपनी लाइफ गुज़ारनी है ना कि तुम्हारी रानी बनकर।

सूरज बोला- साज़िया, लेकिन तुम इस सच को कैसे ठुकरा सकती हो कि तुम अब मर्द नहीं रही, औरत बन चुकी हो और बहुत जल्द मेरे बच्चे की माँ भी। बिन ब्याही माँ को इस दुनिया में कितनी तकलीफों का सामना करना पड़ता है ये तुम नहीं समझ सकती। और तुम अकेले इन नौ महीने नहीं रह सकती, ऑफिस में भी किसी को ये नहीं पता कि तुम साजिद से साज़िया बन चुकी हो। सिर्फ मैं जानता हूँ कि तुम अब औरत बन चुकी हो और मैं सिर्फ इतना चाहता हूँ कि तुम अपनी आइडेंटिटी को एक्सेप्ट करो और आगे की लाइफ में खुशियां लाने की जिम्मेदारी मेरे कन्धों पर छोड़ दो।

मैं अब और भी गुस्सा हो चूका था और मैं बोला- सूरज, तुम मुझे ब्लैकमेल करने की कोशिश कर रहे हो और अब तुम सच में मेरा दिमाग ख़राब कर रहे हो! आज से मेरी और तुम्हारी दोस्ती ख़त्म, निकल जाओ मेरे घर से, मेरी लाइफ से और दुबारा ना तो मुझे कॉल करना और ना ही मुझसे कांटेक्ट करने की कोशिश करना कभी। अब तुम जा सकते हो और दुबारा मेरी जिंदगी में आने की कोशिश भी मत करना।

सूरज बोला- ठीक है साज़िया, लेकिन मैं तुमसे प्यार करता हूँ और इन फ्यूचर भी तुम्हे अगर मेरी नीड रहे तो मुझे जरूर कॉल कर लेना। और आज के बाद तुम्हारे पास अगर मेरा कोई कॉल आया तो समझ लेना ऑफिस के काम से ही कॉल करूँगा। तुम गर्भवती हो साज़िया, मेरा अंश तुम्हारी कोख में है और ऐसे हालत में तुम्हे मेरी कितनी जरुरत है, शायद तुम समझ नहीं पा रही हो, लेकिन बहुत जल्द समझ जाओगी। एक दोस्ती का रिश्ता मेरे तुम्हारे बीच है जिसे आज तुम ख़त्म कर रही हो लेकिन याद रखना, इसी दोस्त की जरूरत पड़ेगी तुम्हे, लेकिन दोस्ती का रिश्ता मुझसे दुबारा मत जोड़ना। मैं जा रहा हूँ, हमेशा के लिए और आई लव यू साज़िया!

मैं सूरज से मुँह फेरकर खड़ा हो गया और सूरज जा चूका था। सूरज के जाने के बाद मैं अपने फ्लैट में बैठकर जोर जोर से रोने लगा, मैं बहुत रोया उस दिन लेकिन मेरे रोने से कुछ बदलने वाला नहीं था। इधर मेरे बॉडी में हो रहे अनवांटेड चेंज ने मुझे और भी परेशां करना शुरू कर दिया था और मैं उसी डॉक्टर से मिलने गया जिसने मुझे मेरे प्रेग्नेंसी के बारे में बताई थी।

डॉक्टर ने मेरा चेकअप किया और बोलीं- देखो साज़िया, चूँकि ये तुम्हारी पहली प्रेग्नेंसी है इसीलिए तुम्हारे ब्रैस्ट अब बड़े हो रहे हैं और इनमे धीरे धीरे दूध बनना शुरू हो जायेगा। तुम्हारे निप्पल्स का हार्ड होना और पेट का फूलना भी प्रेग्नेंसी के कारण ही है। तुम्हे अब प्रीकॉशन्स और मेडिसिन लेते रहना होगा और टाइम टू टाइम अल्ट्रासाउंड करवाते रहना होगा और मुझसे आकर मिलते रहना। बच्चे की सही ग्रोथ और तुम्हारे हेल्थ के लिए प्रेसैशन्स और मेडिसिन बहुत ज्यादा जरुरी है, मेक श्योर कि तुम हर महीने अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट के साथ मुझसे मिलने आते रहना। ज्यादा स्ट्रेस मत लेना और वजन भी ज्यादा मत उठाना। थोड़ी इचिंग वाली प्रोब्लेम्स होंगी, पहली बार गर्भवती हुई हो ना, लेकिन जब तुम बच्चे को जन्म दे दोगी तो वो प्रॉब्लम अपने आप ख़त्म हो जायेगा। अभी तो तुम्हारा तीसरा महीना शुरू होने जा रहा है और घबराने की जरा भी जरुरत नहीं है, सब ठीक होगा।

मैंने डॉक्टर से कुछ भी नहीं कहा और मेडिसिन्स लेकर फ्लैट पर आ गया। डॉक्टर की बात अभी भी मेरे कानों में गूंज रही थी और हिना का कॉल आ रहा था। मैं उससे क्या कहता कि मैं किस प्रॉब्लम में हूँ लेकिन फिर भी हिना का कॉल पिक किया। हिना से मेरी आधे घंटे बातें हुई और वो अपनी प्रेग्नेंसी एक्सपीरियंस मेरे साथ शेयर करती रही। हिना से बात ख़त्म करके मैं ये सोचने बैठ गया कि जैसे जैसे मेरा पेट फूलने लगेगा, मैं ऑफिस कैसे जाऊंगा। अगर किसी ने मुझे देखा तो क्या सोचेगा मेरे बारे में और अगर किसी ने या सूरज ने हिना या मेरी अम्मी अब्बू को कॉल करके मेरे बारे में बता दिया तो मैं क्या करूँगा, ऐसे सिचुएशन का सामना करना मेरे लिए बहुत मुश्किल था। मुझे बिलकुल भी समझ नहीं आ रहा था कि अब मैं साजिद की आइडेंटिटी के साथ लाइफ जियूं या फिर साज़िया के आइडेंटिटी के साथ। ऑपरेशन के बाद डॉक्टर ने मुझे औरत तो बना दिया था लेकिन मैं तबभी अपने मर्द वाली आइडेंटिटी के साथ लाइफ जीना चाहता था और अगर उस रात सूरज ने मेरे साथ जबरदस्ती ना की होती तो शायद आज भी मैं साजिद ही होता लेकिन अब सब बदल चूका था। मेरी प्रेग्नेंसी के साथ ही मेरी लाइफ में अचानक ऐसा बदलाव आ गया था जिसे मैं एक्सेप्ट नहीं करना चाहता था लेकिन आज नहीं तो कल मुझे अपनी उस आइडेंटिटी के साथ लाइफ गुज़ारनी होगी, इस बात का मुझे एहसास था। मैं मन ही मन बहुत दुखी था क्यूंकि मेरे साथ वो हो चूका था जिसकी मैंने कभी उम्मीद भी नहीं की। ये कैसा फैसला है अल्लाह मिया का, जब बच्चा नहीं हो रहा था तो एक भी बच्चा नहीं दे रहा था अल्लाह लेकिन जब बच्चा दिया तो हिना को तो दिया ही, लेकिन उसके साथ मुझे भी बच्चा दे दिया। ऐसा क्यों किया खुदा तुमने, मुझे शर्मिंदगी भरी जिंदगी जीने के लिए ऐसे क्यों मजबूर किया तुमने। रोते रोते मैं कब सो गया मुझे कुछ पता नहीं चला और अगली सुबह मेरी नींद खुली तो मैं झटपट रेडी हुआ और नाश्ता करके ऑफिस को निकल गया।

आज ऑफिस की सीढ़ी चढ़ते वक़्त मुझे फील हुआ कि मेरे चेस्ट में कितना भारीपन आ गया है और वो काफी बड़ा भी हो गया है। मुझे काफी अजीब लग रहा था, सच्चाई तो थी कि मैं अब मर्द नहीं रहा और प्रेग्नेंट भी था, लेकिन उस फैक्ट एक्सेप्ट करने की हिम्मत मेरे अंदर नहीं थी। काफी ऑक्वर्ड लग रहा था मुझे, आज तक तो मैंने सबसे अपनी आइडेंटिटी छिपाई रखी लेकिन अब मुझे साज़िया की आइडेंटिटी को छिपाना मुश्किल हो रहा था। शाम को ऑफिस से घर आने वाले रस्ते में भी कुछ लड़के मुझे ऐसे घूर रहे थे मानो मुझे खा ही जायेंगे, खैर मैं अपने फ्लैट पर पहुंचा तो राहत की सांस मिली। अब मेरी लाइफ में प्रॉब्लम्स का आना शुरू हुआ था और ना जाने कितनी प्रॉब्लम्स को झेलना बाकी था उसका कोई अनुमान नहीं था मुझे। रात को सूरज ने मुझे फिर से कॉल किया और उसने मुझसे फिर से माफ़ी मांगी और मुझे शादी के लिए प्रोपोज़ भी किया और मैंने उसके प्रपोजल को फिर से रिजेक्ट कर दिया। थोड़ी देर बाद हिना का कॉल आया और उसके साथ मैंने काफी घंटों बातें की। हिना से बात खत्म होने के बाद अम्मी अब्बू से बात हुई मेरी और भाईजान, भाभी और भतीजों से बात करने के बाद मैं डिनर करके सोने बिस्तर पर चला गया। एक बार फिर सूरज का कॉल आया, मैंने कॉल पिक करने के साथ ही उसे कहा कि जो पॉसिबल नहीं है उसके लिए बार बार वो मुझे क्यों कॉल कर रहा है। सूरज ने बताया कि उसने कुछ और बात करने के लिए मुझे कॉल किया था।

सूरज बोला- ऑफिस में लोगों को डाउट हो रहा है तुम्हारे बारे में। आज रौशन सिंह का कॉल आया था और उसने मुझे बताया कि तुम्हारे डाक्यूमेंट्स अपडेटेड नहीं हैं और तुम अपने आईडी रिलेटेड डाक्यूमेंट्स को ऑफिस में अपडेट करवा लो।

मैंने कहा- मैं अपडेट करवा लूंगा, और कुछ?

सूरज बोला- और कुछ नहीं, तुम्हारे पास तो आलरेडी वो सर्टिफिकेट है जो हॉस्पिटल में इशू करवाया गया था। वो सरकारी पेपर है, उसे जरूर अपडेट करवा लेना!

मैंने कहा- सॉरी व्हाट? मैं उन पेपर्स को कैसे अपडेट करवा सकता हूँ?

सूरज बोला- गवर्नमेंट की नज़र में तुम्हारा सेक्स चेंज हो चूका है और अब तुम्हारी आइडेंटिटी एक औरत की है, ना कि एक मर्द की!

मैंने कहा- ये मैं नहीं कर सकता!

सूरज बोला- सॉरी साज़िया, तुम्हे ये करना पड़ेगा! इट्स नेसेसरी!

उसके बाद सूरज ने बाय कहे बिना ही कॉल डिसकनेक्ट कर दिया और मैं फिर से एक नयी उलझन में था। अगर मैंने वो सर्टिफिकेट ऑफिस में दिया तो सबको पता चल जायेगा कि मैं अब मर्द नहीं रहा! लेकिन मैं कैसे कर सकता हूँ ऐसा, मैं अपनी आइडेंटिटी नहीं बता सकता किसी को भी। अब इससे भी बुरा कुछ हो सकता था मेरे साथ, मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं करूँ तो क्या करूँ! अगर मैंने अपनी आइडेंटिटी को रिवील नहीं किया तो मेरी नौकरी चली जाएगी और अगर मैंने अपनी आइडेंटिटी को रिवील किया तो फिर भी मेरी नौकरी के चले जाने के चान्सेस ज्यादा हैं। अगर मेरी नौकरी नहीं भी गयी तो भी मुझे उसके बाद ऑफिस में औरतों की तरह ही ट्रीट किया जायेगा, तरह तरह की बातें होंगी, मुझे औरतों की तरह ड्रेस पहनकर ऑफिस जाना होगा, औरतों की तरह बातें करनी होगी और साथ ही मुझे औरतों के बीच ही रहना भी पड़ेगा, जो कि काफी ज्यादा शर्मिंदगी भरा होगा मेरे लिए। मैं क्या करूँ कुछ समझ नहीं आ रहा और सूरज से इस मामले में हेल्प नहीं लेना चाहता था। मेरे साथ ऐसा क्यों हो रहा है, अल्लाह, मुझे सच में कुछ समझ में नहीं आ रहा है। सूरज से हेल्प लूँ, क्या इस मामले में वो मेरी मदद करेगा, नहीं करेगा, क्यों करेगा, मैने उसे घर से निकाला, उसके प्रपोजल को रिजेक्ट किया और उससे बात भी नहीं की। जबकि सूरज ने मेरे ऑपरेशन के टाइम मुझे काफी मेन्टल सपोर्ट किया, शायद सूरज के बिना मैं ऑपरेशन सर्वाइवल बहुत मुश्किल था मेरे लिए। अब तो मेरे पास बस एक ही ऑप्शन बचा था, या तो मैं सुसाइड कर लूँ या फिर ये जॉब छोड़कर कहीं दूर चला जाऊं। लेकिन मैं ये भी नहीं कर सकता, प्रेग्नेंसी में मैं कही और शिफ्ट होने के बारे में सोच भी नहीं सकता और इतना स्ट्रेस लेना भी मेरे हेल्थ के लिए ठीक नहीं।

मैंने सूरज को कॉल किया लेकिन उसने मेरा कॉल पिक नहीं किया। अगले दिन सुबह मैंने सूरज को तक़रीबन दस कॉल्स किये लेकिन उसने एक बार भी मेरा कॉल पिक नहीं किया। सूरज मुझसे कुछ ज्यादा ही नाराज़ था और वो मुझसे बात भी नहीं करना चाहता था, इस बात से समझा जा सकता था कि वो मेरे कॉल का जवाब नहीं दे रहा था। मैंने सूरज को एक मैसेज ड्राप किया जिसमे लिखा था कि आई नीड यू और उसी पल सूरज का कॉल आ गया। सूरज मेरे लिए कितना अग्ग्रेसिव था, वो एक कॉल उसे साबित करने के लिए काफी था।

सूरज बोला- हाय साज़िया!

मैं बोला- सूरज मुझे तुम्हारी एक हेल्प चाहिए!

सूरज बोला- सॉरी साज़िया, मैं तुम्हारी कोई हेल्प नहीं कर सकता! मुझे बहुत काम है, सॉरी!

मैं बोला- सूरज प्लीज्, सिर्फ तुम ही हो जो मेरी मदद कर सकते हो, तुम मेरे दोस्त हो सूरज!

सूरज बोला- सॉरी साज़िया, शायद तुमने ही मुझे कहा था कि मेरी तुम्हारी दोस्ती ख़त्म हो चुकी है!

मैं बोला- सॉरी सूरज, उस दिन मैं बहुत ही ज्यादा स्ट्रेस्ड था।

सूरज बोला- सॉरी साज़िया, मैं तुम्हे हमेशा सपोर्ट करता, लेकिन अब हमारे बीच ऐसा कोई रिश्ता नहीं जिसकी वजह से मैं तुम्हे सपोर्ट करूँ!

मैं बोला- ऐसा मत बोलो सूरज, तुम मेरी मदद नहीं करोगे तो मेरी नौकरी चली जाएगी।

सूरज बोला- साज़िया, उसके लिए तुम्हारे साथ मेरा कोई रिश्ता होना जरूरी है। तुम मेरी दोस्त होती और अगर तुम मेरी बात मानती तो शायद मैं तुम्हारी मदद करता लेकिन तुमने मेरे प्रोपोज़ल्स ठुकराए, मुझे घर से निकाला और मेरी दोस्ती तोड़ने में एक पल भी जाया नहीं किया।

मैं बोला- आई एम् सॉरी सूरज!

सूरज बोला- सॉरी बोलने से कुछ नहीं होगा साज़िया। अगर तुम्हे मेरी हेल्प चाहिए तो तुम्हे मेरा प्रपोजल एक्सेप्ट करना पड़ेगा।

मैं बोला- सूरज मैं तुम्हारा प्रपोजल एक्सेप्ट नहीं कर सकता, तुम जानते हो क्यों!

सूरज बोला- अगर तुम मेरा प्रपोजल एक्सेप्ट करती हो तो मैं तुम्हारी मदद करने को रेडी हूँ, अदरवाइज़ मैं तुम्हारी कोई मदद नहीं कर सकता!

मैं बोला- सूरज, लेकिन मैं ऐसा नहीं कर सकता! मेरे ऊपर मेरे परिवार की जिम्मेदारी है। मेरी तनख्वाह से मैं हिना और अपनी फॅमिली को सपोर्ट करता हूँ। अगर मेरी नौकरी चली गयी तो मैं उन्हें सपोर्ट नहीं कर पाउँगा।

सूरज बोला- मुझे तुम्हारी सैलरी नहीं बल्कि तुम चाहिए! तुम चाहो तो मुझसे शादी के बाद भी अपनी सैलरी हिना को दे सकती हो! वैसे भी डॉक्यूमेंटेशन का पूरा डिपार्टमेंट मेरे अंडर ही आता है और मुझे तुम्हे हेल्प करने में कोई प्रॉब्लम नहीं होगी। तुम मुझसे शादी कर लो तो तुम्हारा ट्रांसफर भी दिल्ली करवा दूंगा। अगर तुम्हे मेरी शर्त मंजूर है तो बताओ और नहीं है तो तुम इस सिचुएशन को खुद हैंडल करो!

मैं बोला- सूरज तुम मुझसे शादी करने के लिए फोर्स नहीं कर सकते!

सूरज बोला- मैं शादी के लिए फ़ोर्स नहीं कर रहा साज़िया, मैं तो तुम्हारे साथ अपनी पूरी जिंदगी बिताना चाहता हूँ, तुम्हे जिंदगी जी भर के प्यार करना चाहता हूँ। तुम्हे एक अच्छा कल देना चाहता हूँ, जब तुम मेरे बच्चे को जन्म दो तब मैं उसे अपना नाम दे सकूँ, मैं ये चाहता हूँ। आज नहीं तो कल तुम्हारी पत्नी के सामने, तुम्हारे परिवार वालों के सामने तुम्हारी आइडेंटिटी रिवील होगी ही और तब तुम्हारी बीवी तुम्हे तलाक दे देगी और तुम्हारे अम्मी अब्बू तुम्हारा निकाह किसी मर्द से ही करवाएंगे। वो तुम्हे प्यार करेगा, या नहीं करेगा तुम्हारा खुदा जानता है, लेकिन मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ और जिंदगी भर तुम्हे प्यार करूँगा! तुम सोच के बता देना, मैं कुछ इम्पोर्टेन्ट काम कर रहा हूँ!

सूरज का बार बार प्यार का इज़हार करना मेरी रूह को झकझोर रहा था और मैं मेरी हिना से बहुत प्यार करता हूँ, उसे धोका नहीं दे सकता और ना ही उससे अलग हो सकता हूँ। मैं ये डिसाइड नहीं कर पा रहा था कि मैं करूँ तो क्या करूँ। सूरज से शादी करने का फैसला बिना अपने पेरेंट्स से डिस्कस किये, नहीं कर सकता था मैं। लेकिन अपने पेरेंट्स से इस बात को डिस्कस करूँ भी तो कैसे करूँ और शायद उसके बाद हिना मुझे तलाक दे देगी और मेरे अम्मी अब्बू किसी मर्द से मेरी निकाह करवा देंगे। सूरज के साथ शादी करने का फैसला कैसे कर लूँ, एक मर्द की पत्नी बनने का फैसला, या अल्लाह ये कैसी प्रॉब्लम है और इस प्रॉब्लम से निकलने का कोई तो रास्ता होगा। मैं दिन भर बैठकर इस बारे में सोचता रहा, शाम को अम्मी अब्बू, हिना और भाभीजान से बात की लेकिन इस बारे में किसी से भी बात करने की हिम्मत नहीं हुई मेरी। मैंने इस प्रॉब्लम से निकलने की बहुत कोशिश की लेकिन मेरे लिए पॉसिबल नहीं था कि इस सिचुएशन से बाहर निकल सकूँ। सूरज से शादी करने के बारे में सोच कर ही दिल घबराने लगता, शरीर में कंपकंपी होने लगती और आँखों से आंसू बहने लगते। लेकिन मैं करूँ भी तो क्या करूँ। नेक्स्ट डे ऑफिस गया तो मेरे लैंडलाइन पर डॉक्यूमेंट सबमिट करने को कॉल आ गया। ऑफिस वर्क के अलावे मेंटली डिस्टर्बेंस काफी ज्यादा हुआ जा रहा था और मैं करता भी तो क्या करता। आख़िरकार मैं हार मान चूका था और उस दिन मैंने सूरज को कॉल किया! सूरज ने एक बार में कॉल पिक कर लिया।

सूरज बोला- हाय साज़िया!

मैं बोला- हाय सूरज, कैसे हो?

सूरज बोला- तुम्हारे जवाब के इंतज़ार में दिन गिन रहा हूँ, तो क्या फैसला किया तुमने?

मैं बोला- सूरज, मैं तुमसे शादी करने को तैयार हूँ लेकिन इससे पहले मुझे तुमसे कुछ डिस्कस करना है और कुछ बातों को क्लियर भी करना है!

सूरज बोला- आई न्यू इट साज़िया, तुम एक ना एक दिन मेरे प्यार को जरूर एक्सेप्ट करोगी और मैं ये बात जानता था। मैं तुम्हारे डोक्युमेंटेशन्स और शादी की तयारी करने से पहले अपनी फॅमिली से मिलवाना चाहता हूँ। तुम्हे दिल्ली आने की जरुरत नहीं साज़िया, मैं उन्हें शिमला लेकर नेक्स्ट वीक आ जाऊंगा और तुम्हारे डॉक्यूमेंटेशन के साथ तुम्हारे दिल्ली ट्रांसफर का इंतेज़ाम भी कर देता हूँ। आई लव यू, आई एम् सो हैप्पी टुडे साज़िया!

मैं बोला- लेकिन सूरज, पहले डिस्कस तो कर लेते हैं!

सूरज बोला- नहीं साज़िया, पहले मॉम डैड के साथ शिमला घुमाने लेकर आता हूँ, तुम भी हमारे साथ चलना। फिलहाल तुम ड्यूटी करो और अपना ख्याल रखना। तुम्हारी कोख में जो मेरा अंश पल रहा है उसे संभाल कर रखना।

सूरज की बातें सुनकर मुझे बहुत अजीब लग रहा था। आखिरकार किसी नार्मल लड़की से शादी करने के बजाय सूरज मुझसे शादी करने को इतना उतावला क्यों था, मुझे समझ नहीं आ रहा था। खैर मैंने फैसला तो कर लिया था लेकिन उसका परिणाम क्या होना था, उसका मुझे बिलकुल भी अंदाजा नहीं था। मंडे से सैटरडे होने में बिलकुल भी वक़्त नहीं निकला और मेरे पास ट्रांसफर के पेपर्स भी पोस्ट से आ चूका था। जब मैंने ट्रांसफर पेपर्स देखे तो उसमे मेरा नाम साज़िया खान और मेरा फोटो चिपका हुआ था। मुझे दिल्ली ट्रांसफर कर दिया गया था और अब ऑफिशियली मेरा नाम भी साज़िया खान कर दिया गया था। मेरे पुरे डोक्युमेंटेशन्स कम्पलीट हो चुकी थी और अब नेक्स वीक मुझे दिल्ली शिफ्ट होना बाकी था। उस दिन रविवार को सुबह सुबह सूरज का कॉल आ गया।

सूरज बोला- साज़िया, कल मैं मॉम डैड के साथ शिमला आ रहा हूँ। तुम पैकिंग कर लेना और फ्लैट छोड़ने की बात भी कर लेना लैंडलॉर्ड से।

मैं बोला- फ्लैट ओनर को एक महीने एडवांस में बताना पड़ता है सूरज!

सूरज बोला- इट्स ओके, मैं एक महीने का पैसा दे दूंगा, तुम लैंडलॉर्ड को कॉल करके उसे फ्लैट खाली करने को इत्तिला कर दो।

मैंने कहा- ओके सूरज!

सूरज बोला- हमारे घराने में पत्नियों को पति का नाम लेने की इज़ाज़त नहीं है साज़िया।

मैंने कहा- सॉरी! नाम लेकर ना बुलाऊँ तो क्या कहकर पुकारूँ!

सूरज बोला- सुनिए जी भी कहोगी तो चलेगा।

मैंने कहा- ओके जी! अब ठीक है ना!

सूरज बोला- हाँ ठीक है। और अब से जब भी मुझसे बात करना तब आप कह कर बात करना, समझ रही हो ना साज़िया!

मैंने कहा- ओके जी!

सूरज बोला- और हाँ, मॉम डैड से ऐसे लड़कों की तरह बात मत करना, अब तुम लड़की हो और मेरे मॉम डैड अपनी होने वाली बहु से मिलने आएंगे, तो लड़कियों की तरह ही उनसे बात करना और संस्कारी लड़की की तरह घूँघट कर के रहना उनके सामने। जब मेरे मॉम डैड तुमसे पहली बार मिलें तो उनके पैरों को छूकर उनसे आशीर्वाद लेना, उन्हें अपने हाथों से खाना पका के खिलाना और एक हफ्ते उनकी सेवा करना।

मैंने कहा- जी! इतना कुछ नहीं होगा मुझसे!

सूरज बोला- आर यू श्योर कि ये सब तुमसे नहीं होगा!

मैंने कहा- मैं कोशिश करूँगा!

सूरज बोला- कोशिश करूँगा!

मैंने कहा- ठीक है, मैं कोशिश करुँगी!

सूरज बोला- हम्म! तुम बहुत ही अच्छी बहु साबित होगी और तुम्हारी गर्भावस्था में मैं तुम्हारा ख्याल रखूँगा, तुमसे बहुत प्यार करूँगा। तुम्हे मेरी पत्नी बनने के बाद कभी अफ़सोस नहीं होगा साज़िया!

सूरज की बातें सुनकर मैं शाय फील करने लगा और उधर से सूरज ने कॉल कट कर दिया। आई डोंट अंडरस्टैंड कि मैं अम्मी, अब्बू और हिना को इस बारे में कैसे समझा पाउँगा और सूरज अपने मॉम डैड को मेरी असलियत के बारे में कैसे इत्तिला करेगा। पूरा दिन कश्मकश में गुज़रा और शाम हुई तो फिर से सूरज का कॉल आ गया।

सूरज बोला- मैंने ब्यूटीशियन को तुम्हारा नंबर दे दिया है, वो कल घर आकर तुम्हे रेडी कर देगी।

मैंने कहा- इसकी क्या जरुरत थी, मुझे ड्रेसअप करना आता है।

सूरज बोला- आई नो कि तुम्हे सजना संवरना आता है लेकिन मैं तुम्हे जिस साड़ी में अपनी मॉम डैड के सामने ले जाना चाहता हूँ, वो साड़ी ब्यूटीशियन लेकर आ तुम्हे तैयार कर देगी।

मैंने कहा- इसकी क्या जरुरत थी?

सूरज बोला- जरुरत थी साज़िया, मैं चाहता हूँ कि जब तुम मेरे मॉम डैड के सामने जाओ तो वो तुम्हे एक नज़र में पसंद कर लें।

मैंने पूछा- अगर आपके मॉम डैड को मैं पसंद नहीं आई तो!

सूरज बोला- तो क्या, उन्हें तो फिर भी तुम्हे ही अपनी बहु के तौर पर एक्सेप्ट करना है। मैं तो सिर्फ ये देखना चाहता हूँ कि जब मेरे मॉम डैड तुम्हे देखते हैं तो उनकी क्या प्रतिक्रिया होती है।

सूरज ने कहा- देखो साज़िया, मैं चाहता हूँ कि मॉम डैड तुम्हे एक नज़र में पसंद कर लें और फिर मैं तुम्हारे अम्मी अब्बू से तुम्हारा हाथ मांगने तुम्हारे घर जाऊं!

मैंने कहा- अल्लाह, पागल हो गए हैं क्या आप! मेरी अम्मी और अब्बू से आप मेरा हाथ मांगने जायेंगे, आपका दिमाग ठीक तो है! नहीं नहीं, आप ऐसा कुछ नहीं करेंगे, आपको मुझसे शादी करनी है तो मैं आपसे शादी करने को तैयार हूँ। लेकिन अगर आपने ऐसा कुछ किया तो!

सूरज बोला- तो क्या साज़िया?

मैंने कहा- तो मैं सुसाइड कर लुंगी!

सूरज बोला- उससे क्या हो जायेगा, तुम सुसाइड कर लोगी तो तुम्हारे बीवी और होने वाले बच्चे की देखरेख कौन करेगा? मुझे नहीं लगता तुम्हारे अम्मी अब्बू हिना को एक पल के लिए भी सपोर्ट करेंगे, उसे दूसरा निकाह करने को मजबूर करेंगे और मुझे पता है, दूसरी निकाह के लिए हिना को निकाह हलाला जैसे गंदे कानून से होकर गुज़रना पड़ेगा। लेकिन अगर मैं तुम्हे अपनी दुल्हन बनाऊंगा और धूमधाम से बारात लेकर तुम्हारे घर आऊंगा और सबके सामने तुम्हे अपनी दुल्हन बना कर ले जाऊंगा। अगर तुम चाहो तो होटल से भी शादी कर सकता हूँ तुमसे, तुम्हारे अम्मी अब्बू और हिना को कैसे मनाना है, वो मैं देख लूंगा! अगर मैं उन्हें शादी में बुलाऊंगा तो वो जरूर आएंगे और तुम्हे आशीर्वाद भी देंगे!

मैं बोला- नहीं सूरज प्लीज्, ऐसा कुछ ही करना प्लीज्! मैंने क्या बिगाड़ा है तुम्हारा, तुम मेरे पीछे क्यों पड़े हो, मेरी जिंदगी तबाह हो रही है।

सूरज बोला- नहीं मेरी जान, मैं तो तुम्हारी जिंदगी संवारना चाहता हूँ। तुम्हे अपनी रानी बनाना चाहता हूँ, तुम्हे प्यार करना चाहता हूँ।

मैं बोला- हां, जैसा उन छह दिनों में तुमने मेरा रेप किया था, वैसे ही ना!

सूरज बोला- आई एम् सो सॉरी मेरी जान, लेकिन तुम्हारे हुस्न के आगे मैं मजबूर था। तुम्हारा अप्सरा जैसा जिस्म देखकर तो मैं आज भी कण्ट्रोल नहीं कर पा रहा, मन कर रहा है कि तुम्हे अपनी बाहों में भर लूँ और जी भर कर प्यार करूँ!

मैं बोला- तुम हवसी हो सूरज, तुम्हे प्यार नहीं सिर्फ सेक्स चाहिए! लेकिन मेरी जान छोड़ दो सूरज, मैं तुम्हारे साथ जिंदगी बिताने के बारे में सोचना भी नहीं चाहता! आप मेरे साथ ऐसा क्यों कर रहे हैं, मैंने आपका क्या बिगाड़ा है।

सूरज बोला- तुम तो मेरी जान हो साज़िया! और ये सब तो मैं तुम्हारी ख़ुशी के लिए करना चाहता हूँ।

मैंने कहा- इसमें मेरी ख़ुशी नहीं है, आप समझते क्यों नहीं हैं!

सूरज बोला- ठीक है मेरी जान, जैसा तुम ठीक समझो! हम दोनों की शादी किसी होटल से हो जाएगी, लेकिन तुम्हारे अम्मी अब्बू और बीवी का क्या? उन्हें तो ये बात बतानी पड़ेगी ना कि मैं तुमसे शादी करने जा रहा हूँ!

मैंने कहा- नहीं, आप ऐसा कुछ भी नहीं करेंगे और अगर आप मुझसे शादी करना चाहते हैं तो साजिद को हमेशा के लिए मरना होगा। अगर आप ऐसा कर सकते हैं तो ठीक है, लेकिन मेरे अम्मी अब्बू या हिना को इस बारे में कुछ भी पता चला तो मैं एक पल बर्बाद नहीं करुँगी और मैं सुसाइड कर लुंगी!

सूरज बोला- नहीं मेरी जान, ऐसे मत कहो! ठीक है, मैं किसी को कुछ भी नहीं बताऊंगा। मेरी रानी, तुम रेस्ट करो, इतना स्ट्रेस लेना तुम्हारे लिए ठीक नहीं। सुबह आठ बजे ब्यूटीशियन फ्लैट पर आ जाएगी और दोपहर बारह बजे तक मैं मॉम डैड के साथ आ जाऊंगा। आई लव यू, टेक केयर!

मैंने धीमी आवाज़ में कहा- हम्म, ओके!

सूरज ने कॉल डिसकनेक्ट किया तो मैंने अम्मी अब्बू और हिना से बातें की और फिर डिनर करके सो गया!

अगली सुबह आठ बजते ही मेरे फ्लैट की डोरबेल बजने लगी। मैं नींद में था और बिस्तर से उठा और दरवाज़ा खोला। सामने सोलह साल की बहुत ही खूबसूरत लड़की खड़ी थी। उस लड़की ने अपना नाम नेहा बताया और उसके हाथ में चार बड़े बड़े बैग्स थे। उसने बताया कि वो वही ब्यूटीशियन है जिसे सूरज ने भेजा है तो मैंने उसे फ्लैट में आने दिया और बैठने को कहा।

नेहा बोली- साज़िया जैसा सूरज जी ने बताया था, तुम सच में अप्सरा जैसी दिखती हो।

मैंने कहा- थैंक्स, तुम बैठो, मैं फ्रेश होकर अभी आई!

फिर मैं वाशरूम में गया और फ्रेश हुआ। फिर हॉट बाथ लेकर अपने सीने पर टॉवल लपेटकर वाशरूम से बाहर आ गया और तैयार होने अपने कमरे में जाने लगा। तभी नेहा ने मुझे रोक लिया और मुझे ऊपर से नीचे घूरने लगी!

नेहा बोली- वाओ साज़िया तुम्हारा फिगर तो बहुत ही ज्यादा सेक्सी है। लेकिन सूरज तो इतने लम्बे बॉडीबिल्डर टाइप और तुम किसी ब्रुनेट जैसे छोटी सी, तुम दोनों आखिर एक दूसरे से शादी का फैसला कैसे कर लिया!

मैंने कहा- लम्बी कहानी है नेहा, तुम अपना काम करो!

नेहा बोली- ओह्ह, हाँ, यार सच में मैंने इतनी खूबसूरत, हॉट और सेक्सी लड़की इतने करीब से कभी नहीं देखी, आओ यहाँ बैठो! वैसे मुझे नहीं लगता कि इतनी खूबसूरत लड़की को किसी मेकअप की जरुरत है लेकिन थोड़ा मॉडिफिकेशन तो कर ही सकती हूँ ना!

नेहा बोली कि मैं जल्दी से ब्रा, पैंटी के साथ पेटीकोट पहन कर रेडी हो जाऊं और तबतक वो मेकअप का सामान प्रेपर कर लेगी। इट वाज़ नॉट सो टफ, ब्रा तो मैं वैसे भी पहनता था लेकिन ये कुछ अलग टाइप की पुशअप ब्रा थी, जिसे पहनने के बाद मेरा चेस्ट लड़कियों की ब्रैस्ट की तरह ऊपर उठ गयी थी। फिर पैंटी पहनकर मैंने पेटीकोट पहन ली और इतने में नेहा मेकअप का सामान प्रेपर कर चुकी थी।

नेहा: साज़िया, ये पेटीकोट नाभि के ऊपर नहीं पहनते, नाभि के नीचे पहनते हैं।

मैंने पेटीकोट को नाभि के नीचे टाइट करके पहन लिया।

मैं: अब ठीक है?

फिर नेहा ने मुझे लाल बैकलेस चोली पहनाई और उसे डोरी से बाँध दिया। ये सब मेरी लाइफ में पहली बार हो रहा था। आज मैं पहली बार साड़ी पहनकर घर के बाहर कदम रखने वाला था। एक्साइटमेंट, डर और एमबररस्मेंट तीनो ने एक साथ मेरे मन पर कब्ज़ा कर रखा था। लाल रंग की जॉर्जेट साड़ी पहनाते समय उसके ट्रांसपेरेंट होने के कारण मुझे काफी अजीब लग रहा था। साड़ी पहनने के बाद नेहा ने मेरे पैरों में हैवी चाँदी की पायल और हाई हील्स पहना दी। मेरे गले में में नेकलेस, हाथों में दो दो दर्जन हरे कांच की चूड़ियां पहना दी और क्लिप वाली झुमकी के साथ मेरे माथे पर एक लाइट वेट मांगटीका पहना दी। उसके बाद नेहा ने मेरा मेकअप किया, मेरे ऑय ब्रोव्स शार्प किया और माथे पे एक लाल बिंदी चिपका दी। ना जाने क्या क्या अप्लाई की मेरे चेहरे पर, लेकिन जब मैंने अपने आप को देखा तो खुद को देखकर यकीन नहीं कर पा रहा था कि क्या मैं भी इतना सुन्दर दिख सकता हूँ! फिर नेहा ने मेरे हाथों और पैरों के नाखूनों गहरे लाल रंग के नेलपोलिश से अच्छे से सजा दी और मेरी शाइनी नेल्स भी काफी खूबसूरत दिख रहे थे। फिर उसने मेरे नाक पर एक क्लिप वाली नोज रिंग पहनाने लगी। मैंने मना किया तो वो बोली कि सूरज ने कहा है और मैं चुप रह गया। मुझे तैयार करने के बाद नेहा ने मुझे एक सोने की हार मेरे गले में पहना दी जो काफी हैवी, बड़ी और डिज़ाइनर थी, उसमे अलग अलग किस्म के कीमती स्टोन्स जड़े थे। मैं तैयार था और हील्स पहनने के बाद थोड़ा लम्बा भी दिख रहा था। अभी सूरज और उसके मॉम डैड के आने में काफी टाइम बाकी था।

नेहा बोली- तुम निहायती खूबसूरत दिख रही हो साज़िया! मैंने सच में इतनी खूबसूरत लड़की पूरी जिंदगी में नहीं देखा।

मैंने बोला- थैंक्स नेहा, लेकिन तुम मुझसे कहीं ज्यादा खूबसूरत हो!

नेहा बोली- नहीं साज़िया, ये सच नहीं है। तुम सच में बहुत खूबसूरत हो और सूरज बहोत नसीबवाला है जिसे तुम्हारे जैसी खूबसूरत पत्नी मिलने वाली है!

नेहा की बातों से लग रहा था कि वो सूरज को काफी दिनों से जानती है।

मैंने नेहा से पूछा- नेहा, तुम सूरज को कब से जानती हो!

नेहा बोली- बचपन से!

मैंने कहा- बचपन से? तुम साथ में पढ़े हो?

नेहा बोली- नहीं साज़िया, सूरज और मैं हमउम्र है ना और वो मेरा चचेरा कजिन भाई है!

आई वज शॉक्ड, क्या नेहा सूरज की बहन है! सूरज ने मुझे इस बारे में कुछ भी नहीं बताया और मुझसे तो उसने कहा था कि ब्यूटीशियन को भेज रहा है।

इतने में नेहा बोली- साज़िया, तुम सूरज को कैसे जानती हो! तुम दोनों कैसे मिले?

मैंने कहा- हम ऑफिस में मिले!

नेहा बोली- सूरज तुमसे बहुत प्यार करता है साज़िया, वो जब जब तुम्हारे बारे में बात करता है, वो सिर्फ तुम्हारी और तुम्हारी खूबसूरती की तारीफ करता है।

मैंने कहा- थैंक्स!

नेहा बोली- तुम्हे सूरज कैसा लगता है?

मैं बोला- अच्छे लगते हैं!

नेहा बोली- चलो बढ़िया है, जल्दी से भाभी बनकर हमारे घर में खुशियां बिखेर दो साज़िया!

मैं बोला- हम्म!

फिर नेहा ने मेरी सौ से ज्यादा फोटो क्लिक की, वो पोज़ देने को कहती रही और मैं उसे फॉलो करता रहा। उसके बाद हमने थोड़ा नाश्ता किया और बारह बजे से पहले ही मेरे फ्लैट का डोरबेल बज उठा!

मेरा तो दिल इतनी जोरों से धड़कने लगा कि मैं कंपकंपाने लगा।

नेहा ने मेरी साड़ी की आँचल से मेरे नाक तक घूँघट कर दी और बोली- लो आ गए तुम्हारे पिया जी और होने वाले सास ससुर! जब वो तुम्हारे सामने आएं तो झुककर दोनों हाथों से उनके पैरों को छूकर उनसे आशीर्वाद लेना!

नेहा की बात सुनकर मैंने हाँ में सर हिलाया लेकिन मेरी घबराहट बढ़ने लगी और मैं अभी भी इस डर से कांप रहा था कि आगे क्या होगा! नेहा को मेरी अस्तित्व के बारे में ज्यादा कुछ नहीं पता और उसे तो ये भी नहीं पता कि मैं एक शादीशुदा मर्द था जिसे मज़बूरी में सूरज से शादी के लिए हाँ करना पड़ा है। नेहा ने दरवाज़ा खोला और सामने सूरज अपने मॉम डैड के साथ खड़ा था। सूरज के मॉम डैड अंदर आये, नेहा ने उन्हें लगेज रखने में हेल्प की और अब वो तीनों मेरे सामने खड़े थे। सूरज के मॉम डैड भी उसी की तरह काफी अच्छी हाइट के थे और जैसा मुझे बताया गया था, मैंने झुककर सूरज की मॉम और डैड के पैरों को छूकर उनका आशीर्वाद लिया।

सूरज की मॉम बोलीं- सदा सुहागन रहो बिटिया, कितनी संस्कारी है ना मेरी होने वाली बहु, जरा चेहरा तो देखूं!

फिर सूरज की मॉम ने मेरा घूँघट उठाया और मेरी ठुड्डी को ऊपर उठाकर मेरे चेहरे को देखकर स्माइल करने लगी।

फिर सूरज की मॉम बोली- शी इज़ सो ब्यूटीफुल लाईक ए प्रिंसेस! शी इज़ लिटिल पेटीट बट आई लाइक हेर! कहीं नज़र ना लगे मेरी बहु को!

और फिर सूरज की मॉम ने मेरे गाल पर एक काला टीका लगा दीं!

सूरज के डैड बोले- हाँ बहु बहुत ही ज्यादा सुन्दर है, लेकिन सूरज। हमारी बहु नबालिग़ तो नहीं है ना?

सूरज बोला- नहीं डैड, शी इज़ ट्वेंटीफाइव और देखने में छोटी और कितनी क्यूट है ना!

सूरज के डैड बोले- हाँ, तुम्हे तो हमेशा से ऐसी ही दुल्हन चाहिए था ना!

सूरज बोला- हाँ डैड, साज़िया मेरे सपनों की रानी है, आपको पसंद आयी ना!

सूरज की मॉम बोली- हाँ सूरज, तुम्हारे सपनों की रानी हमें बहुत पसंद है। हम बहुत जल्दी अच्छा सा मुहूर्त देखकर तुमदोनो की शादी करवा देंगे!

मुझे उन सभी की बातें सुनकर काफी अजीब लग रहा था। आखिरकार सूरज के मॉम डैड को मैं पसंद आ चूका था, उनकी बहु और सूरज की दुल्हन के तौर पर। लेकिन मैं ये क्या करने जा रहा था, मेरी शादी सूरज से होने के बाद हिना का क्या होगा, मेरे अम्मी अब्बू से दूर होने के बारे में तो मैं सोच भी नहीं सकता। लेकिन अब मैं करूँ भी तो क्या करूँ, सूरज और उसके मॉम डैड, मुझे एक्सेप्ट कर चुके थे और अब मैं खुद को सूरज की दुल्हन बनाने के लिए प्रेपर कर रहा था।

उस दिन सूरज की मॉम डैड ने रेस्ट करने का फैसला किया तो सूरज भी मान गया। उन्होंने नेहा से रुकने को कहा और साथ में शिमला घूमने को भी कहा लेकिन नेहा के कॉलेज के एक्साम्स आने वाले थे और वो चली गयी। अगले दिन सूरज की मॉम ने मुझे साड़ी में तैयार होने में मदद की और मेरा मेकअप करने बैठ गयीं। हालाँकि मैंने उनसे कहा भी कि मैं ये सब खुद कर सकता हूँ, लेकिन वो नहीं मानीं और उन्होंने मुझे रेडी होने में मदद की। सूरज की मॉम ने जब मेरी नाक को चेक किया और उन्हें पता चला कि मैंने अभी तक नाक नहीं छिदवाये हैं, उन्होंने मुझसे कहा कि वो खुद मुझे ब्यूटीपार्लर ले जाकर मेरे नाक छिदवा देंगी। शिमला उत्तर भारत के सबसे लोकप्रिय हिल स्टेशन में से एक है जो हिमाचल प्रदेश की राजधानी है। शिमला अपने मॉल रोड, रिज, टॉय ट्रेन और औपनिवेशिक वास्तुकला, के लिए पूरे देश में जाना जाता है। 2200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित, शिमला देश के सबसे खूबसूरत पर्यटन स्थलों में से एक है जो हनीमूनर्स के लिए काफी प्रसिद्ध है। हम मॉल रोड, रिज, इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस स्टडीज और जाखू मंदिर जरुर घूमने के लिए गए। उसके बाद सूरज मुझे और अपने मॉम डैड यानि मेरे होने वाले सास ससुर के साथ कालका से शिमला के लिए चलने वाली टॉय ट्रेन से सफर करने निकले, जो यहां की कई खूबसूरत पहाड़ियों और घाटियों से होकर गुजरती है। सबकुछ भुलाकर मैं सूरज के साथ शिमला घूम रहा था, हालाँकि साड़ी और हाई हील्स में चलना थोड़ा दुष्कर था, एक दो बार तो मैं लड़खड़ाया भी लेकिन सूरज ने मुझे हर बार संभाल लिया। एक बार तो सूरज की मॉम ने सूरज से मुझे अपनी गोद में उठा लेने को भी कहा लेकिन सूरज उनके सामने काफी शाय महसूस कर रहा था।

अगले तीन दिन हम शिमला के अलग अलग टूरिस्ट प्लेस पर घूमते रहे और काफी एन्जॉय किया। सूरज की मॉम बहुत ही ज्यादा केयरिंग थीं, मेरा बहुत ख्याल रखतीं और मेरे लिए तरह तरह के स्वादिष्ट खाना पकाती भीं। मैंने उनकी किचन में भी मदद की लेकिन वो मेरे स्किल्स समझ चुकीं थी कि मुझे किचन का कोई काम नहीं आता। सूरज की मॉम जितनी केयरिंग, उसके डैड उतने ही प्यारे थे, वो मुझे साज़िया बिटिया कहकर ही पुकारते और मुझे भी उनके साथ टाइम स्पेंड करना अच्छा लग रहा था। इस बीच सूरज की मॉम मुझे अपने साथ ब्यूटीपार्लर ले आयीं और मुझे बस इसी दिन का डर था। सूरज की मॉम ने ब्यूटीशियन को बताया कि मेरे नाक के लेफ्ट साइड पर छेद करना है और ब्यूटीशियन पियर्सिंग गन के साथ मेरा नाक छेदने को तैयार खड़ी थी। मेरी होने वाली सास ने पेंसिल से मेरे नाक के लेफ्ट साइड पर मार्क किया और ब्यूटीशियन ने मेरे उसी मार्क पर पियर्सिंग गन को सेट किया। मेरी आँखें भर चुकीं थी और मुझे कसम से बहुत डर लग रहा था तभी ब्यूटीशियन ने पियर्सिंग गन का ट्रिगर दबाया और उसमे से एक बारीक़ सी पिन मेरे नाक के आर पार हो गयी। बहुत दर्द हुआ और मैं बहुत रोया लेकिन सूरज की मॉम ने मेरे माथे पर हाथ रखा और मुझे समझायीं कि औरतों को ऐसे छोटे मोटे दर्द झेलने पड़ते हैं। और फिर सूरज की मॉम ने मुझे नाक छिदवाने के फायदे गिनाये और बतायीं कि पीरियड्स में इससे काफी राहत होती है। मुझे इन सब की कोई जानकारी नहीं थी और मुझे इनमे कोई इंटरेस्ट नहीं था लेकिन सूरज की मॉम सच में बहुत अच्छी थीं, सूरज से भी अच्छी!

उस दिन ब्यूटीपार्लर से आने के बाद सभी ने, सूरज ने, सूरज के डैड और उसकी कजिन नेहा सब ने मेरे नाक छिदवाने पर मुझे काफी कॉम्प्लिमेंट्स दिए। मैं अपनी छिदी हुई नाक के साथ आईने के सामने बैठकर अपने भविष्य के बारे में सोच रहा था। आखिर ये सब मैंने क्या कर लिया, आज मैं मर्द नहीं रहा, औरत बन चूका था जो अपने होने वाले पति के बच्चे की माँ बनने जा रही थी और वो भी शादी से पहले। उधर मेरी बीवी भी प्रेग्नेंट थी और वो भी मेरे साथ ही माँ बनने जा रही थी। ये क्या कर लिया था मैंने, मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था और मुझे यकीन था कि सूरज से शादी के बाद सबकुछ बदल जायेगा और शायद ही उसके बाद मैं अपने अम्मी अब्बू या हिना से कभी दुबारा मिल सकूंगा। मुझे अपने अस्तित्व के खोने का काफी दुःख था और मैं आज भी सूरज से शादी नहीं करना चाहता था लेकिन मेरी मज़बूरी थी कि अब मुझे सूरज से शादी करना पड़ेगा।

वो सूरज, उसकी मॉम और डैड का आखिरी दिन था शिमला में और वो कहीं घूमने नहीं गए उस दिन। मेरे नाक का छेद अब क्लियर हो चूका था और सूरज की मॉम के साथ मैं अपने कमरे में बैठा था।

सूरज की मॉम बोली- साज़िया बिटिया, आई नो ये सब इतनी जल्दीबाज़ी में हो रहा है कि तुम्हे शादी की तयारी करने का समय नहीं मिल पा रहा है। और मुझे ये भी पता है कि हमारे खानदान का वारिस तुम्हारे कोख में पल रहा है। शादी की पूरी तयारी की जा चुकी है और दिल्ली पहुंचने के साथ ही तुम्हारी और सूरज का इंगेजमेंट करवाकर तुमदोनो की शादी करवा दूंगी। शादी के बाद मैं तुम्हारा और अपने खानदान के वारिस का खुद से ख्याल रखूंगी।

मैं शॉक्ड था लेकिन फिर भी मैंने सूरज की मॉम से पूछा- आपको पता था? मतलब आपको सूरज ने बता दिया था कि मैं प्रेग्नेंट हूँ?

सूरज की मॉम बोली- सूरज हमारा बेटा है साज़िया, वो हमसे कुछ नहीं छिपाता। मुझे तो ये भी पता है कि तुम नेचुरल औरत नहीं हो और सेक्स चेंज करवा कर औरत बनी हो लेकिन इट्स ओके बेटी। सूरज को हमेशा से ही ट्रांसवूमन्स में काफी इंटरेस्ट था और उसके लिए तुमसे बेहतर दुल्हन तो हो ही नहीं सकती।

आई वज शॉक्ड अगेन! सूरज की मॉम मुझे एक्सेप्ट करने को तैयार थी। वो जानती हैं कि मैं मुस्लमान हूँ और ऊपर से ट्रांसवमन हूँ, फिर भी। मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि ये सब सच है लेकिन सूरज की मॉम जैसी माँ हर किसी को मिलनी चाहिए।

लेकिन सूरज की मॉम को मेरे बारे सब पता होना, मेरे लिए सच में काफी शॉकिंग था। मैं अभी तक इस शॉक से बाहर नहीं निकल पाया था कि आखिर सूरज ने अपनी मॉम को मेरे सेक्स चेंज सर्जरी और मेरे प्रेग्नेंसी के बारे में आखिर बताया ही क्यों।

तभी सूरज की मॉम बोली- देखो साज़िया, मैंने तुम्हारे लिए कुछ ऑर्नामेंट्स ख़रीदे हैं, इन्हे ट्राय नहीं करोगी!

पहले तो मैंने ऑर्नामेंट्स देखे, अल्लाह, ये तो काफी बड़े बड़े झुमकी और जरूरत से ज्यादा बड़े बड़े नथिया थे। मैंने ऐसे नथिया, हिमाचल की औरतों को पहनते पहले भी देखा था लेकिन ये बड़े बड़े नथिया तो जरुरत से ज्यादा बड़े, डिज़ाइनर और हैवी थे। चांदी की पायल भी इतनी बड़ी, मानों चांदी की पायल ना हो, घुंघरू हो और तीन सोने से बड़े डिज़ाइनर नेकलेस जिन्हे नौलखा हार भी कह सकते हैं, वो भी थे। साथ ही दो बड़े बड़े मांगटीका, पांचों उँगलियों के साथ कलाई में पहने जानी वाली सोने की हाथफूल और साथ में बालों में पहने जाने वाले सोने के ऑर्नामेंट्स। लेकिन सबसे बड़ी बात, चांदी की पायल को छोड़कर बाकी सब चौबीस कैरट सोने के ऑर्नामेंट्स थे और बिस पच्चीस लाख से कम की नहीं रही होंगी वे।

मैंने सूरज की मॉम से कहा- ये तो काफी हैवी और बड़े बड़े ऑर्नामेंट्स हैं।

सूरज की मॉम बोलीं- हाँ बहु, लेकिन अभी तो मैं तुम्हे सिर्फ नथिया पहनाकर देखना चाहती हूँ कि कौन सी नथिया तुमपर जंचती है।

इससे पहले की मैं कुछ कहता, सूरज की मॉम ने मेरे नाक से वो पिन निकाल दी और मेरे नाक में एक बड़ा सा नथिया पहना दी और उसकी चेन को मेरे बालों में सेट कर दी।

सूरज की मॉम बोलीं- ये किन्नौरी नथुली है बिटिया, ये नथिया शादी में पहनने के लिए हैं।

फिर उन्होंने मेरे नाक से उस किन्नौरी नथिया को उतार दी और मेरे नाक का भारीपन कुछ कम हुआ। लेकिन इससे पहले मैं राहत की सांस लेता, उन्होंने मेरे नाक में दूसरी नथिया पहना दी, जिसमे मोर का डिज़ाइन बना हुआ था और उसमे काफी लाल सफ़ेद मोती जड़े थे। उस नथिया का वजन किन्नौरी नथिया से कुछ कम था। फिर उन्होंने उस नथिया से तीन चेन को मेरे बालों में फंसा कर मुझे देखने लगीं। ऐसे में मुझे बहुत शरम आ रहा था लेकिन मैं सर झुकाने के सिवा कुछ कह भी नहीं सकता था।

सूरज की मॉम ने मेरे चेहरे को ऊपर उठाया और बोलीं- वाओ कितनी खूबसूरत दिख रही साज़िया, क्यों ना शादी में तुम ये वाली नथिया पहनो। हिमाचल की औरतें पूरा जीवन इस नथिया को पहनती हैं और इसका नाम कुमाऊनी नथिया है। फिर बोलीं, हम्म! मैं ना कन्फ्यूज़ हो रही हूँ, चलो दूसरी नथिया ट्राय करते हैं।

फिर सूरज की मॉम ने मेरे नाक से उस कुमाऊनी नथिया को भी उतार दीं और फिर उन्होंने मेरे नाक में दूसरी नथिया पहनाने लगीं, काफी बड़ी नथिया थी वो, मेरा पूरा चेहरा ही ढँक गया और इतना बड़ा नथ मैंने लाइफ में कभी नहीं देखा था। वो नथिया काफी हैवी था, मेरे नाक में दर्द होने लगा और मैंने अपने हाथ से उसे सपोर्ट देने के लिए अपने हाथ से सहारा दिया लेकिन उसका तार काफी मोटा था और मेरे नाक का दर्द अब मुझसे सहा नहीं जा रहा था तो सूरज की मॉम ने उस नथिया की चेन को मेरे झुमके में फंसा दी लेकिन उससे मेरे दर्द में कोई कमी नहीं हुई।

सूरज की मॉम बोलीं- हाय, कितनी खूबसूरत दिख रही हो बहु। ये फाइनल है तुम्हारी शादी के लिए और बाकी वाले शादी के बाद ही पहनना।

मैंने हाँ में सर हिलाया, कोई ऑप्शन नहीं था मेरे पास। फिर सूरज की मॉम ने बाकी तीन छोटी छोटी नथिया को ट्राय भी नहीं की और बोलीं कि ये चारो नथिया शादी के बाद के गिफ्ट्स हैं। रात हो चुकी थी और मुझे तो डिनर पकाना भी नहीं आता था। सूरज की मॉम को भी भूख लगी थी और मुझे भी। इतने में किचन से बहुत ही अच्छी खाने की खुशबु आ रही थी। मैं और सूरज की मॉम किचन की तरफ बढ़े तो देखा सूरज और उसके डैड डिनर पका रहे थे और आपस में बातें भी कर रहे थे। फिर सूरज की मॉम मुझे सूरज और उसके डैड के सामने ले गयीं और उनसे मेरे नथिया के बारे में पूछने लगीं। सूरज ने तो कुछ भी नहीं कहा लेकिन उसके डैड ने मुझे बहुत कॉम्प्लिमेंट्स दिए और मेरी खूबसूरती की तारीफ भी की।

फिर मैंने सूरज की मॉम की ओर देखा और कहा- क्या मैं अभी ये नथिया उतार सकती हूँ!

सूरज की मॉम बोलीं- नहीं!

मैं डर गया।

सूरज की मॉम फिर से बोलीं- हाहाहा, आई वज किडिंग बेटा। ऑब्वियस है ये काफी हैवी है, इसे उतार दो!

मैं बोला- मुझे इसे खोलना नहीं आता!

सूरज की मॉम मुझे कमरे में ले गयीं और उन्होंने मेरे नाक से नथिया उतार दी और मेरे नाक में डायमंड की सोने की लौंग पहना दी। रात को हम सभी ने एक साथ डिनर किया और हम सोने चले गए। सूरज की मॉम मेरे साथ सोतीं और सूरज और उसके डैड एक साथ। अगले दिन सूरज मुझे बैग एंड बैगेज अपने साथ दिल्ली ले आया। वहां सूरज की मॉम मुझे शॉपिंग के लिए कनॉट प्लेस ले आयीं और मेरे लिए महारानी स्टाइल लहँगा और बैकलेस चोली के साथ काफी और ऑर्नामेंट्स के साथ हाई हील्स और कुछ साड़ियां भी खरीदीं। शादी का लाल जोड़ा और साथ में काफी सारे मेकअप का सामान, सुहाग का चूड़ा सेट के साथ सोने के कंगन भी खरीदीं। शॉपिंग के दौरान आज भी मैं साड़ी में ही था और बड़ी मुश्किल से अपनी होने वाली सास के कदम से कदम मिला पा रहा था। उन्होंने भी हाई हील्स पहने थे लेकिन उन्हें चलने में थोड़ी भी मुश्किल नहीं हो रही थी, लेकिन मुझे हाई हील्स में चलने में काफी दर्द हो रहा था मेरी एड़ी में। शॉपिंग के बाद हम फ्लैट पर पहुंचे जहाँ सूरज ने भी अपने डैड के साथ काफी शॉपिंग की हुई थी। शाम को हम जयपुर को रवाना हुए और चार घंटे बाद मैं सूरज के हवेली से सामने खड़ा था, जहाँ दरवाज़े पर दो पहरेदार और पूरी तरह से सिक्योरिटी वाला दिख रहा था। सबकुछ इतना तेज़ हो रहा था मानो मैं कोई सपना देख रहा होऊं। ये सब इतनी तेज़ी में सिर्फ सपनों में ही होता है लेकिन क्या ये सच था। मैंने खुद को चिकोटी काटी और सामने देखा, या अल्लाह, ये तो सच है। इतने बड़े हवेली के अंदर गया तो दंग रह गया, इतना खूबसूरत महल मैंने सिर्फ सिनेमा में ही देखा था। मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि इतने बड़े घराने की बहु बनने जा रहा था।

वैसे तो मैंने सूरज की मॉम को कभी घूँघट करते नहीं देखा लेकिन आज उन्होंने लम्बी घूँघट कर रखा था और उन्होंने मुझे भी घूँघट कर लेने को कहा। मैंने सूरज की मॉम से पूछा तो उन्होंने बताया कि उनकी सास बहुत गुस्सैल और खड़ूस हैं और उनके सामने घूँघट में ना रहा जाए तो वो गुस्सा हो जाती हैं। सूरज की मॉम मुझे उनकी सास के सामने ले गयीं और मुझे उनके सामने खड़ा कर के पीछे हट गयीं। सूरज, उसके डैड और उसकी मॉम पीछे सर झुका कर खड़े हो गए। मुझे यकीन नहीं हो रहा था, ये क्या था! सूरज के मॉम डैड इतने कूल और सूरज की दादी इतनी गुस्सैल!

सूरज की मॉम की सास ने मेरा घूँघट उठाया और बोलीं- तेरा नाम क्या है लड़की?

मैंने कहा- साज़िया!

सूरज की दादी बोली- हाय राम, तू मुस्लमान है लड़की? सूरज तुझे कोई यादव लड़की नहीं मिली शादी करने को?

किसी ने एक लफ्ज नहीं कहा और सभी सर झुकाये खड़े रहे!

सूरज की दादी बोली- हम्म, तू खूबसूरत तो है लेकिन शादी के बाद तुझे हिन्दू बनना होगा। तू मेरे हिसाब से रहेगी जैसे तेरी होने वाली सास इस घर में रहती है। तू इतनी छोटी सी है और मेरे पोते के सामने तो बहुत ही ज्यादा छोटी और दुबली पतली। तू झेल पायेगी मेरे पोते को? और सूरज ये लड़की तेरी पसंद है!

सूरज बोला- जी दादी!

सूरज की दादी बोली- तो ठीक है, पंडित जी को बुलवा लो और शादी की तयारी करो!

फिर सूरज की दादी ने मेरे हाथ में एक बड़ा सा संदूक रख दी और बोली- बहु, तू सूरज की दुल्हन को इन गहनों में सजा कर मेरे सामने ले कर आ!

सूरज की मॉम ने कुछ नहीं कहा और वो मुझे अपने साथ सूरज के कमरे में ले आयीं। मैं सूरज की मॉम के साथ सूरज के कमरे में गया तो इतना बड़ा और सजावट वाला कमरा बहुत अच्छे से फर्निश्ड था, किंग साइज बेड भी था और एक सोफे सेट और उसके बीच में गिलास टेबल रखा था। सूरज की मॉम ने मुझे बिस्तर पर बिठा दीं, वो काफी सॉफ्ट बेड था।

सूरज की मॉम ने मुझे चोकर सेट और रानी हार पहनाई जो मेरे गले से चिपका हुआ था। उन्होंने मुझे बताया कि चोकर हार और रानी हार राजस्‍थानी दुल्‍हन के श्रृंगार का महत्‍वपूर्ण हिस्‍सा हैं और इनके बिना मैं राजस्‍थानी दुल्हन का लुक नहीं पा सकती। फिर उन्होंने मेरे माथे पर बोरला पहना दी। जैसा कि उन्होंने मुझे बताया कि बोरला सिर पर पहना जाता है और यह मांगपट्टी की तरह होता है। फिर उन्होंने मुझे बाजुबंद पहनायीं, उन्होंने बताया कि बाजुबंद वैसे तो अब हर तरह की ब्राइड्स पहनने लगी हैं, मगर यह एक राजस्‍थानी ज्‍वेलरी आइटम है और इसे एक हाथ में बांधा जाता है। फिर उन्होंने मेरे कमर में एक कमरबंद बाँध दीं। उन्होंने मुझे बताया कि कमरबंद भी राजस्‍थानी ब्राइडल लुक में चार-चांद लगाता है और राजस्‍थानी ब्राइडल लुक के लिए इसे दुपट्टे के ऊपर कमर में बांधना बेस्‍ट रहता है। फिर उन्होंने मेरे पैरों में हैवी चाँदी की पायल पहना दिए और मुझसे बोलीं कि जब मैं इस घर में इस पायल को पहनकर चलूँगा तो मेरे पायलों की छन छन से इस घर में लक्ष्मी का वास् होगा। फिर उन्होंने मेरे पैरों की सभी उँगलियों में चाँदी की बिछिया और मेरे हाथों की सभी उँगलियों में सोने की अंगूठियां पहना दी और उसे मेरे दोनों कलाइयों में पहने सोने के ब्रेसलेट्स से अटैच कर दिए। फिर मुझे ये बात बताई कि दुल्हन साज़ शृंगार में रहे तो घर में खुशहाली रहती है। अब बारी थी झुमकियों की जो काफी हैवी और बड़े बड़े थे। जब मैंने झुमकी पहनी तो वे मेरे कंधों को छू रहे थे और काफी हैवी थे। फिर उन्होंने मेरे बालों का जुड़ा बनाया और बालों में पहनने वाली सोने के ऑर्नामेंट्स मेरे बालों में पीछे से सेट कर दिए और उसे मेरी झुमकियों से अटैच कर दिए। आखिर में सूरज की मॉम ने मेरे नाक से सोने की लौंग जिसमे हिरा जड़ा था, उसे निकाल दिए और मेरे नाक में बड़ी सी राजस्थानी नथ पहना दिए जो जड़ाऊ होती हैं और इसमें मोतियों का काम किया हुआ था और साथ ही इसका वजन भी काफी ज्यादा था। मैंने सोचा कोई सोने की चेन का सपोर्ट इसमें भी अटैच किया जायेगा लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। मेरे नाक में काफी वजन था, लगभग सौ ग्राम से ज्यादा और दर्द से मेरी आँखों में आंसू आ रहे थे। मैंने आँखों में आंसू लिए सूरज की मॉम को देखा तो उन्होंने मेरे माथे पर हाथ रखा।

सूरज की मॉम बोली- बहु, इस दर्द को तुम्हे झेलना होगा! आई एम् नॉट श्योर कि तुम ये कैसे करोगी, लेकिन मुझे यकीन है कि तुम मेरी सास की परीक्षा को पास कर लोगी। आई नो कि तुम्हे रसोई का कोई आइडिया नहीं है बेटी, लेकिन अगर मेरी सास पूछे तो उन्हें नहीं मत कहना! कहना कि तुम्हे रसोई का काम आता है।

सूरज की मॉम के सपोर्ट के आगे ये दर्द कुछ भी नहीं था। फिर सूरज की मॉम ने मेरा घूँघट किया, मेरे गले तक और मुझे अपनी सास के सामने ले जाकर बिठा दीं।

सूरज की दादी ने मेरा घूँघट उठाया और बोलीं- हम्म! अब लग रही है तू इस घर की बहु। तू बहुत सुन्दर है लड़की, लेकिन तू थोड़ी लम्बी होती तो ज्यादा अच्छा होता, तेरी और मेरे पोते की जोड़ी जमती फिर। वैसे तुझे रसोई और घर के काम काज आते हो हैं ना, या मेरे पोते को भूखा मारेगी!

मैंने कहा- जी आता है!

सूरज की दादी बोलीं- हम्म! चल कुछ तो आता है तुझे, सफर से आई है तो थक गयी होगी। जा आराम कर अपनी सास के साथ और याद रहे, ये गहने अब शादी के दिन तक एक पल के लिए भी मत उतारना, तेरे नाक में दर्द हो रहा होगा, ये ले सोने की चेन, अपनी नथिया से जोड़ ले इससे और आराम कर!

सूरज की दादी के सामने मेरी होने वाली सास मेरा घूँघट करके सूरज के कमरे में ले आयी और मुझे आराम करने को बोल कर चली गयीं! मैं बहुत थक गया था, सूरज की दुल्हन बनने के लिए क्या क्या करना पड़ेगा, मैं सोच भी नहीं सकता। इतना एम्बरसमेंट तो लाइफ में कभी नहीं हुआ जितना आज हो रहा था, खुद को एक मर्द की दुल्हन बनते और इससे बचाव में कुछ ना करने का एहसास। मैं कब से अपना मोबाइल ढूंढ रहा था लेकिन पता नहीं कहाँ रखा था और ना जाने पिछले तीन दिनों से हिना और मेरे अम्मी अब्बू कितने परेशान हो रहे होंगे। मैंने अपने पुरे बैग्स को चेक कर लिया, लेकिन मुझे कहीं मेरा फ़ोन नहीं मिला! इतने में सूरज कमरे में आ गया।

मैंने सूरज से पूछा- आपने मेरा फ़ोन देखा है क्या?

सूरज बोला- हां, वो दिल्ली वाले फ्लैट पर है!

मैंने कहा- आप समझते नहीं हैं ना, अम्मी अब्बू और हिना कितने परेशान हो रहे होंगे, आपको जरा भी एहसास है!

सूरज बोला- मैं तुम्हारा होने वाला पति हूँ साज़िया और अब तुम्हे अपनी पुरानी जिंदगी, तुम्हारे अम्मी अब्बू और अपनी बीवी रुखसार को भुलाना होगा। आगे की जिंदगी अब तुम मेरी पत्नी बनकर गुज़रोगी, समझी तुम!

मैंने कहा- ऐसे कैसे कर सकते हैं आप मेरे साथ! मैंने आपका हर कहा माना और आप मेरे साथ ये कर रहे हैं!

सूरज बोला- हाँ मेरी रानी, तुम्हे लाइफ में आगे बढ़ने की जरुरत है।

मैंने कहा- लाइफ में आगे बढ़ने की जरुरत है लेकिन आप मेरे साथ ऐसे जबरदस्ती नहीं कर सकते!

सूरज बोला- प्यार में सब चलता है मेरी रानी! अब एक लफ्ज़ नहीं, शादी तक मैं किसी का भी डिस्टर्बेंस बर्दाश्त नहीं कर सकता।

इससे पहले मैं कुछ कहता, सूरज मुझे कमरे में अकेला छोड़कर चला गया और मैं बिस्तर के एक कोने में बैठकर रोने लगा। ये क्या कर लिया था मैंने, सूरज मेरे साथ ऐसा कैसे कर सकता है? या खुदा कुछ तो रहम कर और कितने कहर बाकी है। मैं अब और बर्दाश्त नहीं कर सकता, अब मैं समझ चूका था कि मैं एक ऐसी कैद में था जहाँ से अब मैं कभी नहीं निकल सकता। मैं नहीं जानता कि मेरा फेट क्या है लेकिन अब मुझे यकीन है कि सूरज ने मेरे साथ ये सब जानबूझ कर किया है। शाम को जब सूरज कमरे में आया तो मैं गहरी नींद में सो रहा था। उसने आते ही मुझे अपनी बाहों मे समेट लिया और मुझे गाल पर किस करने लगा। सूरज की गर्म सांसें जैसे ही मेरे गालों पर पड़ी, मेरे गाल जलने लगे और मेरी नींद खुल गयी। सूरज अभी भी मुझे अपनी मजबूत बाहों में जकड़े हुए मेरे गले पर पीछे से किस्स कर रहा था। किसी तरह मैंने खुद को सूरज से अलग किया और उससे दूर हट गया।

सूरज बोला- ये क्या बदतमीज़ी है साज़िया, तुम मेरी होने वाली दुल्हन हो और मेरे बच्चे की होने वाली माँ! अपने पति से ऐसे दूर नहीं रहते, आओ मेरे पास आओ!

मैंने कहा- आप मेरे साथ ये सब मत कीजिये, प्लीज्!

सूरज बोला- उफ्फ तुम्हारी अदाएं, तुम्हारा यूँ नखरे करना मेरी जान लेकर छोड़ेगा!

मैंने कहा- आप मुझे प्लीज् ये बताइये कि आप मेरे साथ ये सब क्यों कर रहे हैं। आपको कोई भी लड़की मिल जाती शादी करने के लिए लेकिन आपने मुझे ही क्यों चुना। जबकि मुझे आपसे शादी करने में, आपकी दुल्हन बनने में या आपके बच्चे को जन्म देने में कोई इंटरेस्ट नहीं।

सूरज बोला- बस साज़िया, तुम तमीज मत भूलो। तुम मेरी होने वाली दुल्हन हो और तुम्हे मेरी हर बात को सर झुकाकर मानना है और ऐसे ही पूरी जिंदगी गुज़ारनी है। तुम मेरे एक बच्चे को जन्म दो या दस, ये मैं डिसाईड करूँगा, तुम नहीं!

मैंने कहा- मैं कोई मशीन नहीं हूँ, जो आप मेरे साथ ऐसा कर रहे हैं!

सूरज बोला- मेरे लिए तुम एक मशीन ही हो, जिससे मैंने बेइंतिहा मुहब्बत की है।

मैंने कहा- लेकिन ये अब मुझसे और नहीं होगा!

सूरज बोला- तमीज़ मत भूलो साज़िया, याद रहे मैं कौन हूँ और तुम्हारे प्यार के लिए जब इतना कर सकता हूँ तो मेरी नफरत को न्योता मत दो!

इससे पहले मैं सूरज से जुबान लड़ता, सूरज ने मुझे एक थप्पड़ जड़ दिया और मैं बिस्तर पर गिर कर रोने लगा। सूरज मुझे रोता छोड़कर कमरे से बाहर जा चूका था और मैं अभी भी रो रहा था। तभी कमरे में सूरज की मॉम आयी और मुझे रोता देखकर मुझे गले से लगा लीं।

सूरज की मॉम बोलीं- तुम्हारे और सूरज के बीच कुछ हुआ क्या?

मैंने अपने आंसू पोंछे और सूरज की मॉम से गले लगकर खूब रोया। सूरज की मॉम को लगा कि मैं शादी को लेकर इतना इमोशनल हो गया हूँ या फिर दादी के सख्त रूप को देखकर।

सूरज की मॉम बोली- साज़िया, तुम चिंता मत करो, मैं हूँ ना!

मैं बोला- थैंक्स मॉम!

सूरज की मॉम ने मुझे शांत किया और अपना फ़ोन कमरे के बिस्तर पर ही छोड़कर चली गयीं। मैंने लाइफ में पहली बार सूरज की मॉम के फ़ोन को ध्यान से देखा, उसमे जो वॉलपेपर लगा था वो किसी पंद्रह साल के लड़के का था जो कुछ जाना पहचाना तो लग रहा था लेकिन मैं याद नहीं कर पा रहा था कि मैंने उस लड़के को कहाँ देखा था!

थोड़ी देर तक तो मैं सोचता रहा कि मैंने इस लड़के को कहाँ देखा और तभी सूरज की मॉम कमरे में आ गयीं।

सूरज की मॉम बोली- ओह्ह, तुम ये फोटो देख रही हो? ये मेरे छोटे बेटे की फोटो है।

मैंने पूछा- मैंने इन्हे कभी नहीं देखा!

सूरज की मॉम बोलीं- हम्म! पंद्रह साल की उम्र में किसी वजह से मेरे बेटे की जान चली गयी, मोंटी नाम था मेरे छोटे बेटे का!

कहते कहते सूरज की मॉम की आँखों में आंसू आ गए और ये नाम सुनते ही मैं शॉक्ड होकर बिस्तर पर बैठ गया, मैं पसीने पसीने हो रहा था। मैं समझ नहीं पा रहा था कि अतीत मेरे सामने ऐसे आएगा और मैं अब क्या करूँ! मैं कैसे बताऊं सूरज की मॉम से कि मैंने मोंटी की रैगिंग की थी जिसके बाद वो कभी स्कूल में नहीं दिखा। इतने में सूरज कमरे में आ गया और अपनी मॉम को शांत करके उनके कमरे में ले गया। उसके बाद सूरज कब कमरे में आया, मुझे कुछ पता नहीं क्यूंकि मैं पास्ट के बारे में मोंटी के बारे में सोच रहा था। सूरज में बगल में आकर बैठ गया तो मैं उससे नज़र नहीं मिला पा रहा था।

सूरज बोला- तुम्हे याद नहीं होगा साज़िया, जब तुम स्कूल में थी और मेरे भाई का एडमिशन तुम्हारे ही स्कूल में हुआ था। और तुमने, साजिद खान ने, मेरे भाई की रैगिंग की। उसे लड़कियों के कपडे पहनाकर पुरे दिन क्लास अटेंड करने पड़ा और वो उसी ड्रेस में घर आया। नन्ही सी उम्र में मेरा छोटा प्यारा भाई पूरी तरह से टूट चूका था, इतना टूट चूका था कि उसने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। तुम्हे साजिद से साज़िया मैंने ही बनाया और तुम्हे प्रेग्नेंट भी मैंने जानबूझ कर। आई एम् श्योर तुम इस फेमिनिटी को उस दिन की तरह ही एन्जॉय करोगी, साज़िया।

मैं बोला- आई एम् सॉरी सूरज, मैंने ये सब जानबूझ कर नहीं किया था!

सुरज बोला- मैं कुछ नहीं जानता साज़िया, मैं बस इतना चाहता था कि तुम्हे अपने किये का एहसास हो!

मैं बोला- सॉरी मैं ऐसा कभी नहीं चाहती थी, आई एम् सॉरी सूरज!

सूरज बिना कुछ कहे बाहर चला गया और मैं रोता रहा। मैंने इतना बड़ा गुनाह कैसे कर दिया कि मेरी वजह से एक सख्स की जान चली गयी। अल्लाह, मैं ऐसा कभी नहीं करना चाहता था और फिर भी मोंटी ने मेरी वजह से सुसाइड कर लिया। मैं बहुत दुखी था, रो रहा था और अपने किये पर बहुत ही ज्यादा शर्मिंदा था, लेकिन मैं मोंटी को वापिस नहीं ला सकता। पूरी रात मैं मोंटी और उसके फॅमिली के बारे में सोचता रहा, और मुझे इतना दुःख हो रहा था कि मैं पूरी रात रोता रहा। मैं समझ चूका था कि ये सब सूरज ने मुझे सजा देने के लिए किया है और अब मैं अपना सबकुछ खो चुका था। अब मेरा कुछ नहीं हो सकता था, सूरज मुझे अपनी दुल्हन बनाने वाला था और मैं उसे ये करने से रोक नहीं सकता था। मुझे अपने इस फेट को एक्सेप्ट करना था लेकिन मैं आज भी अंदर से साजिद ही था और मैं साज़िया बनकर लाइफ नहीं बिताना चाहता था। लेकिन मैं करूँ भी तो क्या करूँ, मैं सूरज, उसके मॉम डैड और उसकी फॅमिली का गुनहगार था और मेरी वजह से मोंटी की जान गयी और ये बात मुझे अंदर ही अंदर दुखी कर रहा था। लेकिन मेरा भी अपना परिवार है, मेरी बीवी मेरे बच्चे की अम्मी बनने जा रही थी, मेरे अम्मी अब्बू मुझसे इतना प्यार करते हैं, मैं उनसब के बिना कैसे जियूँगा। क्या मैं भी सुसाइड कर लूँ, नहीं नहीं, ये गलत होगा। लेकिन अगर सूरज ने मुझसे शादी कर ली तो पूरी जिंदगी मुझे टॉर्चर करेगा। अब मैं कुछ नहीं कर सकता, मेरे अम्मी अब्बू, मेरी बीवी हिना, मेरे होने वाले बच्चे सबसे दूर मुझे अब इस घर में अपनी पूरी लाइफ जीना पड़ेगा और भले ही मज़बूरी ही सही, मुझे सूरज की पत्नी बनकर अपनी पूरी लाइफ स्पेंड करना पड़ेगा। अगली सुबह जब मेरी नींद खुली तो मैं बिस्तर पर अकेला लेटा था, कमरे में कोई भी नहीं था। मैं कमरे के अटैच्ड वाशरूम में फ्रेश होने गया और आईने में खुद को देखकर अपनी मज़बूरी का एहसास होने लगा और मैं आईने के सामने बैठकर रोने लगा। मेरे पुरे शरीर पर इतने सारे गहने, कानों में बड़ी बड़ी झूमकियाँ और नाक का इतना भारी नथिया मुझे इस बात का एहसास करवा रही थी कि अब मुझे पूरी लाइफ ऐसे ही बिताना होगा और कोई मेरी मदद नहीं कर सकता। फ्रेश होकर मैं कमरे में आया तो देखा सूरज और उसकी माँ बिस्तर पर बैठकर शादी की तैयारी के बारे में डिस्कस कर रहे थे।

मुझे देखते ही सूरज की मॉम मेरे पास आयी और मेरा माथा चुम लिया। सूरज उठकर कमरे से बाहर चला गया और सूरज की मॉम ने मुझे साड़ी पहनाई और मुझे फिर सजने संवारने में मेरी मदद की। मेरे तैयार होने के बाद सूरज की मॉम ने मेरे घूँघट उठाया और मेरी तरफ बहुत ही प्यार से देखने लगी।

सूरज की मॉम बोली- साज़िया, तुम्हारी शादी परसो होनी है और आज मेरे बेटे के साथ तुम्हारा रोका होने वाला है और देखो जरा होने वाली दुल्हन को, कितनी सुन्दर हो तुम! सच कहूं, तुम बुरा मत मानना प्लीज् बेटा, लेकिन ट्रांसवुमेन होने के बावजूद तुम मेरे बेटे के अंश को अपने गर्भ में पाल रही हो और अब बहुत जल्द हमारे पोते को जन्म भी दोगी और तुम इतनी सुन्दर हो कि इस बात का यकीन कर पाना उतना ही ज्यादा मुश्किल लगता है।

मैं बोला- आई एम् सॉरी मॉम!

सूरज की मॉम बोलीं- अरे, सॉरी क्यों बिटिया?

मैं बोला- क्यूंकि मैं एक ट्रांसवुमेन हूँ!

सूरज की मॉम बोलीं- अरे, नहीं साज़िया! मेरे कहने का मतलब ये था कि तुम्हे देखकर कोई ये नहीं कह सकता कि तुम एक ट्रांसवुमेन हो तो इस डार्क सीक्रेट को तुम अपने तक ही रखना और हम सब के लिए तुम एक नार्मल लड़की हो। और तुम जब से मेरे बेटे की लाइफ में आयी हो, वो पूरा हो गया है। वो तुमसे बहुत प्यार करता है बेटी और मुझे उम्मीद है कि तुम भी उससे उतना ही प्यार करोगी।

मैं बोला- जी मॉम!

सूरज की मॉम बोलीं- थोड़ी देर में ब्यूटीशियन आएगी तो तुम्हे तैयार कर देगी, तबतक तुम रेस्ट करो बहु! और मैं कुछ खाने को भिजवाती हूँ, तुम्हे भूख लगी होगी ना, सुबह से कुछ खाया तुमने?

मैंने कहा- नहीं मॉम!

सूरज की मॉम बोलीं- ओह्ह! मेरी बच्ची, मैं खाने को नाश्ता भिजवाती हूँ! तुम अपना ध्यान रखो और आराम करो! बहुत मेहमान आने वाले हैं, नेहा भी पहुंचने ही वाली है। वो आ जाएगी तो तुम्हे अकेलापन नहीं लगेगा!

फिर मुझे घूँघट करके बिठाकर सूरज की मॉम रोका की तैयारी करने हॉल में चली गयीं। थोड़ी देर में एक लड़की नाश्ते लेकर कमरे में आ गयी और मैंने नाश्ता किया और हर निवाले के साथ अपने बीते दिनों को याद करता रहा।

जब ब्यूटीशियन कमरे में आयी तो उसके साथ नेहा भी थी और वो मुझे देखते ही हग करके मुस्कुराने लगी।

नेहा बोली- ओह्ह्ह वाओ साज़िया, तुम्हे देखकर लगता नहीं कि तुम्हे तैयार करने की जरुरत है। तुम तो ऐसे ही दुल्हन जैसी दिख रही हो!

मैंने कहा- थैंक्स!

ब्यूटीशियन जिसका नाम पूजा था, उसने मुझे मेकअप टेबल के सामने बिठा दिया।

पूजा बोली- हाँ नेहा, लेकिन सूरज जी ने कहा है कि उनकी दुल्हन को लहँगा चोली में तैयार करना है।

नेहा बोली- ओह्हहो, सूरज भाई भी हमारी भाभी को सताने के लिए कुछ ना कुछ जरूर करते रहते हैं। आपका रोका होने वाला है साज़िया भाभी, कैसा लग रहा है आपको?

मैं बोला- आई एम् सो नर्वस नेहा, मुझे बहुत डर लग रहा है!

नेहा बोली- आप नर्वस हो, हाउ क्यूट भाभी!

पूजा बोली- ओह्ह साज़िया जी, आईये पहले आपको तैयार कर देते हैं।

थोड़ी देर बाद मैं तैयार था, पर्पल साटन साड़ी और चुस्त बैकलेस ब्लाउज के साथ ढेर सारे ज्वेलरीज में। मेरे तैयार होने के बाद नेहा मुझे अपने साथ हॉल में ले गयी जिसे बहुत ही खूबसूरती से सजाया गया था। हर एक कदम के साथ मेरे ब्रैस्ट ऊपर नीचे हो रहे थे और वो साफ़ विजिबल भी थे। बड़े डिज़ाइनर नथिया का बार बार मेरे गाल से टकराना और उसका भारीपन, मुझे बहुत ज्यादा शर्म आ रही थी, मैं घूँघट में था और मेरी सगाई होने जा रही थी, सूरज के साथ। घूँघट से ज्यादा कुछ दिख तो नहीं रहा था, लेकिन काफी सारे गेस्ट्स आये हुए थे। कुछ ड्रिंक्स एन्जॉय कर रहे थे तो कुछ स्नैक्स! सूरज कहीं भी नहीं दिख रहा था और मेरी होने वाली दादी सास अपने उम्र की औरतों के साथ हंस हंस कर बातें कर रहीं थी। नेहा मुझे स्टेज पर ले जाकर बिठा दी और मैंने गेस्ट के बीच से सूरज को आते देखा! सूरज की इतनी अच्छी पर्सनालिटी थी, वो इतना हैंडसम दिख रहा था, वाइट सूट, शाइनी शूज और कलाई में रोलेक्स, उसे देखकर ना जाने क्यों मेरा दिन क्यों इतने स्पीड में धड़कने लगा था। सूरज के बगल में मुझे बिठाया गया और गेस्ट्स हमें घेर कर खड़े हो गए थे। मैं बहुत ज्यादा नर्वस था और मेरे सामने सूरज खड़ा था जिससे नज़र मिला पाना, मेरे लिए मुमकिन नहीं था। सूरज की मॉम ने मुझे एक अंगूठी दी और मैंने जब सूरज की रिंग फिंगर में वो अंगूठी पहनाई तो उसके सख्त हथेली का एहसास महसूस कर पा रहा था। फिर सूरज ने मेरे रिंग फिंगर में एक प्लैटिनम जिसमे डायमंड जड़ा था, वो पहना दिया। सभी हमपर फूल बरसा रहे थे और सूरज को बधाई दे रहे थे। मैं चुपचाप स्टेज पर घूँघट में बैठा रहा और सूरज अपने दोस्तों के बीच एन्जॉय कर रहा था। इधर मेरी सास और दादी सास बहुत सी औरतों को मुझसे मिलवा रहीं थी।

एक एक करके सभी औरतों को मैंने झुककर प्रणाम किया और उनसब में मुझे सौभाग्यवती भवः का आशीर्वाद दिया। सभी ने मुझसे बड़े ही प्यार से अपना आशीर्वाद दिया सिवाए मेरी दादी सास के। पूरी पार्टी में वो मेरे अंदर की खामियां निकालती रही। भला हो सूरज की मॉम और नेहा मेरे साथ थीं और उन्होंने मेरा ढाढस बंधाया, जिससे मुझे अच्छा लग रहा था। कोई तो ऐसा है इस घर में जिससे मैं अपने दिल की बातें शेयर कर सकता था और जिनके साथ भर से मैं अपने गम भुला पा रहा था। आज मैं दुखी था इस बात से क्यूंकि सूरज के साथ मेरी सगाई मेरी मर्ज़ी के खिलाफ हुई थी और दो दिन बाद वो मुझसे शादी कर के हमेशा के लिए अपनी दुल्हन बनाकर रखेगा। सूरज की पत्नी बनने के बाद वो मेरे साथ कैसे सुलूक करेगा, मोंटी के साथ जो कुछ भी हुआ, वो बताने के बाद तो अब मैं उसका सामना कैसे करूँगा। एक हाउसवाइफ बनकर कैसे लाइफ स्पेंड करूँगा, सूरज से नज़र मिलाना भी मेरे लिए आसान नहीं अब! अब तक मुझे लग रहा था कि सूरज मुझसे प्यार करता है, शायद इसीलिए वो मुझसे शादी करना चाहता था। लेकिन वो अपने भाई की बर्बादी का बदला लेने के लिए मुझसे शादी करने का फैसला किया था। मुझे बहुत डर लग रहा था और मैं बहुत ज्यादा नर्वस और टेंस था। आगे क्या होगा, इस बात को सोचकर ही मेरी हालत खराब हुई जा रही थी। रोका का प्रोग्राम खत्म होते होते शाम हो गयी और मैं तबतक स्टेज पर सूरज के दोस्तों की भाभी बना बैठा रहा, वे मेरे साथ फोटो खिचवाते रहे और अंटियाँ मुझे आशीर्वाद देती गयीं।

रोका की रस्मे ख़त्म होने के बाद मुझे फिर से मेरे कमरे में ले जाया गया और वहीँ कमरे में मैंने नेहा के साथ डिनर किया। डिनर के बाद आज मेरी और सूरज की प्री वेडिंग फोटोशूट थी, तो मैं नहाने चला गया। वाशरूम में गया तो खुद को देखकर हैरान रह गया, आज मैं किसी 18 साल की लड़की से थोड़ा भी कम नही दिख रहा था, मेरे बूब्स नेहा और हिना से भी काफी बड़े और इतने दूधिया कि उनमें नसों को भी साफ देख पा रहा था मैं। आज मैं वाकई एक खूबसूरत लड़की में तब्दील हो चुका था और मेरे ऑवर गिलास बॉडी फिगर देख कर कोई भी मर्द पागल हो जाये। मेरे बाल ज्यादा लम्बे तो नहीं लेकिन मेरे सिल्की बाल अब मेरे गर्दन तक आ चुके थे और मेरी गोरी त्वचा और वो भी हेयरलेस, मखमल सी, खुद को जब जब छूता, मुझे अजीब सा सेंसेशन फील होता। ये मैं क्या सोचा रहा था, अल्लाह! ये क्या हो रहा है मेरे साथ, डेढ़ घण्टे बाद जब मैं स्नान करके वाशरूम से बाहर आया तो देखा कमरे में नेहा और पूजा बैठे आपस मे बातें कर रहीं थी।

मुझे देखकर दोनों हसने लगी और मैं कपड़े ले कर वाशरूम में चेंज करने आ गया। थोडा देर में साड़ी पहनकर, जब मैं कमरे में आया तो देखा नेहा और पूजा आपस मे मेरी शादी के बारे में डिस्कशन कर रहीं थीं। मुझे देखते ही, नेहा मुझे आईने के सामने बिठाकर बोली कि आज वो मेरा मेकअप करना चाहती है। मैं ओके कहा तो पूजा ने भी कुछ नही कहा और मैं आईने के सामने बैठ गया। नेहा ने सबसे पहले एयर गन से मेरे बालों को सुखाने लगी। मेरे बाल, घने और काले थे और आज मैंने शैम्पू किया था तो बाल और भी रेशमी हो गए थे।

नेहा: वाओ साज़िया भाभी, कितने खूबसूरत और रेशमी बाल है।

मैं: थैंक्स!

नेहा ने मेरे बालों को मॉडर्न थिन हेयर लुक दे दिया। फिर नेहा मेरे हाथों और पैरों के नाखूनों पर डार्क रेड नेल पॉलिश लगाई और मेरा मेकअप भी की। फिर मुझे महारानी स्टाइल लहँगा पहनाई जो कि बहुत बड़ा और हैवी थी और बिना ब्रा पहनाए ही बैकलेस चोली भी पहनाई, जो डिज़ाइनर होने के साथ काफी शार्ट और स्ट्रेची थी। पहली बार मैंने ऐसी चोली पहनी थी, जिसे पहनने के बाद मैं शर्म से लाल हुआ जा रहा था क्योंकि चोली से मेरे बूब्स का ऊपरी भाग साफ झलक रहा था। फिर नेहा ने मेरे हाथों में ढेर सारे सोने कंगन और रंग बिरंगी सुहागिन का चूड़ा सेट पहना दी फिर दोनों हाथों में सोने के हाथफूल, गले मे सोने का चोकर सेट और दो तीन नेकलेस, कमर में कमरबन्द, बाजुओं में बाजूबन्द, पैरों में हैवी चांदी के पायल और गोल्डन हाई हील्स पहनने के बाद मैं रेडी था। मुझे नेहा के साथ प्री वेडिंग फोटोशूट के लोकेशन पर ले जाया गया। लहँगा चोली पहनकर अर्जुन के साथ प्री वेडिंग फोटोशूट के दौरान कैमरामैन के कहे अनुसार सूरज ने ढेर सारे रोमांटिक पोज़ दिए, मुझे भी उसे सपोर्ट करना पड़ा। कभी टाइटैनिक वाला पोज़ तो कभी दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे वाला पोज़! सूरज के इतने करीब आकर मैं जब भी उसकी ओर देखता तो मुझे बड़ी शर्मिंदगी होती, सामने फोटोग्राफर अपने कैमरा में मेरी और सूरज की रोमांटिक फोटोशूट को रिकॉर्ड कर रहा था। इट वज क्वाइट एम्बैरसिंग, कभी सूरज मुझे अपनी बाहों में उठा लेता तो कभी कमर में हाथ से ऐसे जकड लेते मानो मेरी जान ही निकाल देंगे। फिर एकदम अचानक से सूरज ने मेरी आँखों में देखा, मेरी चिन को अपने हाथों से ऊपर उठाया और मेरे होंठों को चूमने लगे, उनका एक हाथ मेरी कमर में था और फोटोग्राफर हम दोनों की तस्वीर ले रहा था। सूरज की गर्म साँसों की खुशबु, जब मेरी साँसों में समायी तो मेरी सांसें तेज़ हो गयी, चेहरा लाल हो गया और आँखें शर्म से झुक गयी। नेहा ये सब देख रही थी, उसको मुस्कुराता हुआ देख मुझे बहुत बुरा लगा। किसी गैर मर्द के साथ रोमांटिक प्री वेडिंग फोटोशूट और ऊपर से लिप टू लिप किस, ओह्ह गॉड, मैं शरम से गड़ा जा रहा था। समझ में नहीं आ रहा था कि नेहा से नज़रें कैसे मिलाऊँ। फोटोशूट ख़त्म होने के बाद सूरज ने मुझे और नेहा को घर पर ड्राप किया और मेरे कार से निकलने से पहले मुझे एक बार फिर से स्मूच किया, जो मेरे लिया काफी ह्युमिलियटिंग था। घर पहुंचने के बाद नेहा सूरज की मॉम के साथ मेरी फोटोशूट का डिस्कशन करने बैठ गयी और मैं अपने कमरे में आ गया।

एक मर्द का मुझे ऐसे रोमांटिक अंदाज़ में स्मूच करना, मेरी लाइफ का पहला किस था। आई डोंट नो नेहा ने सूरज की मॉम को क्या क्या बताया, लेकिन मेरे ख्यालों में सिर्फ और सिर्फ मेरा फ्यूचर था जो अब पूरी तरह तबाह हो चूका था। आँखें बंद करूँ तो सूरज के साथ का रोमांस याद आने लगता और आँखें खोलूं तो मेरा कमरा देख कर काफी एम्बारसमेंट होता। कभी मैं एक मर्द था, फ्री था कुछ भी करने के लिए, सरकारी नौकरी थी मेरे पास, एक खूबसूरत बीवी थी जो अब भी है लेकिन उसे नहीं पता कि उसका शौहर किसी मर्द की पत्नी बनने जा रहा है। जहाँ मन करता था मैं जाता था, घूमता फिरता, ना सजने संवरने का झंझट था और ना ही इतने हैवी ऑर्नामेंट्स पहनने होते थे, इतना बड़ा नथिया को पूरी लाइफ अपने नाक में पहनना और दिन भर घूँघट में रहना। कितना खुश था मैं लेकिन ना जाने किसकी नज़र लग गयी मेरी खुशियों को, जो मेरा अस्तित्व ही मुझसे छीन लिया गया है। लड़के के रूप में जन्म लेना, बचपन से लड़कों के बीच पला बढ़ा, पढ़ाई भी लड़कों के साथ, मर्द बनकर हिना से शादी की। जब हिना से मुझे बच्चे की उम्मीद को ख़त्म होते देख अल्लाह से इतनी शिकायतें की तो उन्होंने हिना को बच्चा दिया ही लेकिन साथ में आज मैं भी गर्भ से हूँ और सूरज मुझसे शादी करने जा रहा है, जिसके बारे में हिना या मेरे अम्मी अब्बू या मेरे बड़े भाईजान भाभीजान किसी को कुछ नहीं पता। मोंटी के आत्महत्या करने की वजह मैं था और इसी गिल्ट के कारण मैं खुद को माफ़ नहीं कर पा रहा था, आखिर मोंटी ने इतने से के लिए सुसाइड नहीं करना चाहिए था, आज मेरी लाइफ अलग होती।

थोड़ी देर बाद नेहा, पूजा और मेरी होने वाली सास कमरे में आयीं और हल्दी उबटन, मेहँदी और संगीत के रस्मों के मुझे पीली साड़ी पहनाई गयी। फिर मुझे घूँघट करके बिना गहनों के हॉल में ले जाया गया। हल्दी उबटन की रस्में शुरू होने से पहले सूरज को भी मेरे बगल में बिठाया गया। सूरज ने पीली रंग की धोती पहनी हुई थी और उसने ऊपर कुछ भी नहीं पहना था। पहले सूरज के पैरों को साफ़ पानी से धोया गया और फिर मेरी होने वाली सास ने वो किया, जिसकी उम्मीद मैंने सपने में भी नहीं किया था। सूरज की मॉम ने एक कटोरे में सूरज के धुले पैरों का बचा हुआ पानी मुझे पीने को दिया और मुझे वो पानी ये कहकर पिलाया गया कि ये रस्म है। अल्लाह! हर पल मैं खुद को संभालता हूँ, अपने आत्मसम्मान को बचाने की कोशिश करता हूँ, लेकिन हर बार मेरे आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाने में कोई कमी नहीं छोड़ा जा रहा था। लाख कोशिश की मैंने कि उस पानी को मैं ना पियूँ लेकिन सबके सामने मेरी हिम्मत अब जवाब देने लगी थी, मैं नहीं चाहता था कि मेरे एक कदम का असर मेरे आने वाले भविष्य पर पड़े और मेरी आँखें भर आई थी। मैं नहीं जानता, इतना ह्युमिलिएशन मैंने लाइफ में पहली बार झेला था, सूरज के पैरों को जिस पानी से धोया गया था उसी पानी को मुझे पीने को दिया गया था वो भी रस्म रिवाज़ के नाम से और मुझे ये सब करना भी पड़ रहा था। उसके बाद उसी हल्दी के उबटन को मेरे पुरे शरीर पर लगाया गया, जिस उबटन से सूरज के शरीर पर अप्लाई किया गया था। मेरे शरीर का कोई ऐसा पार्ट नहीं बचा था जिसपर हल्दी का उबटन ना लगाया गया हो, चाहे वो बाहरी भाग रहा हो या फिर इंटरनल भाग! खुदा कसम ऐसे ऐसे रीती रिवाज़ होते हैं हिन्दुओं में और हिन्दू औरतें इन रिवाज़ों को कितने सरलता से निभा भी लेती हैं और उन्हें ह्युमिलिएशन भी नहीं होता। हल्दी उबटन की रस्में जब ख़त्म हुईं तो मुझे नहाने के लिए नेहा के साथ भेज दिया गया। वाशरूम में खुद से भी नहीं नाहा सकता था मैं और नेहा के सामने न्यूड होकर नहाना, काफी एम्बरर्सिंग था। नहाने के बाद कुछ देर कमरे में रेस्ट किया तो नेहा खाने को कुछ लेकर आ गयी। मैंने कुछ खा तो लिया लेकिन मुझे बहुत नींद आ रही थी लेकिन मुझे सोने भी नहीं दिया गया। नेहा मुझे फिर से दूसरी लाल बनारसी सिल्क साड़ी में तैयार की और मुझे ढेर सारे गहने पहना दिया गया। मेरे नाक में मेरी दादी सास का दिया नथिया फिर से पहना दिया गया था और इतनी ज्वेलरीज पहनकर चलने में हर कदम के साथ मेरे गहनें काफी आवाज़ कर रहे थे और सबसे ज्यादा मेरी चाँदी की हैवी पायल की आवाज़ हो रही थी। मुझे घूँघट करके मेहँदी और संगीत की रस्मों के लिए फिर से हॉल में ले जाया गया और वहां मर्दों का आना मना था। सिर्फ लेडीज को ही मेहँदी संगीत में आना अल्लॉव था। नेहा और पूजा मुझे मेहँदी लगाने बैठ गयी और औरतें शादी के तरह तरह के गाने और डांस करने लगी। कोई औरत नाच रही थी, कोई ढोलक बजा रहीं थी तो कोई गाना गए रही थी। ढाई घंटे तक मुझे नेहा और पूजा ने मिलकर मेरे हाथों में कुहनी तक और पैरों में घुटनों तक मेहँदी लगाई। मेहँदी संगीत के रस्मों के ख़त्म होने के बाद मुझे दुबारा कमरे में ले जाया गया। मुझे बहुत ही जोरो की भूख लगी थी तो मैंने नेहा और पूजा से इस बारे में कहा। पूजा डिनर ले आयी और नेहा ने मुझे अपने हाथों से डिनर कराया। एक पल के लिए मैं अपने सारे गम भूल गया और दूसरे पल मुझे फिर से एहसास हुआ कि मेरी लाइफ कितनी बदल चुकी है।

रात भर मेरे हाथों और पैरों में मेहँदी वैसी ही रही और बड़ी मुश्किल से मैं सो पाया। अगली सुबह जब नेहा ने मुझे जगाया तब सुबह के चार बज रहे थे। मेरे जागने के बाद नेहा ने मुझसे कहा कि आज मेरी शादी है, बहुत सी तैयारियां करनी हैं और मुझे एक ऑइंटमेंट देते हुए अपने हाथों और पैरों पर अप्लाई करने को बोली। मैंने ठीक वैसा ही किया, बहुत ही खूबसूरत और डार्क मेहँदी रची थी मेरे हाथों और पैरों में। आज मेरी शादी होनी थी, मेरी मर्ज़ी के खिलाफ और मैं कुछ नहीं कर सकता था। फ्रेश होने के बाद जब मैं कमरे में आया तो नेहा ने मुझे लाल ट्रांसपेरेंट जॉर्जेट साड़ी में रेडी होने में मदद की और फिर मुझे ऑर्नामेंट्स पहनाकर घूँघट करके बिठा दिया गया। सुबह के सात बजे सूरज कमरे में अपने कपडे लेने आया और मुझे देखे बिना अपने कपडे लेकर चला गया। मुझे थोड़ा अजीब लगा लेकिन फिर मैं चुपचाप बैठा रहा। मुझे दुल्हन की तरह तैयार करने के लिए पूजा भी दस बजे तक आ गयी। पूजा ने मुझे वो लहँगा चोली दिखाया जो मेरे लिए सूरज की दादी ने डिसाईड किया था। वो लहँगा काफी बड़ा, हैवी और कढ़ाईदार थी, इतना बड़ा लहँगा पहनने के बाद मैं चलूँगा कैसे, यही सोच रहा था। फिर नेहा ने मुझे छोटी सी चोली दिखाई जो पूरी तरह से बैकलेस और उसमे भी सोने के तार से कढ़ाई का काम किया गया था। पुशअप ब्रा और पैंटी भी काफी डिज़ाइनर थी और बड़ी सी ट्रांसपेरेंट लाल ओढ़नी थी और बहुत सारे सोने के ऑर्नामेंट्स जिनमे बहुत बड़ी किन्नौरी नथिया, जो सूरज की मॉम ने शिमला से खरीदी थीं, छोटा सा सोने का मांगटीका, सोने के कंगन और सुहाग का चूड़ा सेट जो कि मेरी कलाइयों को भरने के लिए काफी थे। दोनों हाथों के लिए सोने के बाजूबंद, कमरबंद, चाँदी का हैवी पायल, सोने के बड़े बड़े झुमके, गले में पहनने को सोने का चोकर सेट और बड़ी सी सोने डिज़ाइनर हार जिनमे काफी ज़ेम्स जड़े थे। बालों में पहनने के लिए सोने के ऑर्नामेंट्स और इतने सारे ऑर्नामेंट्स मुझे पहनाये जाने थे। आज बहुत भूख लगी थी लेकिन नेहा ने मुझसे कहा कि आज मुझे फास्टिंग करना पड़ेगा। मैं नेहा को समझा नहीं पा रहा था कि मैं फास्टिंग नहीं कर सकता था क्यूंकि मेरी कोख में एक बच्चा पल रहा था। लेकिन थोड़ी देर बाद सूरज की मॉम कमरे में आयी और नेहा को बाहर भेज दीं! फिर सूरज की मॉम ने मुझे अपने हाथों से नाश्ता खिलायीं। सूरज की मॉम मुझे बहुत प्यार करतीं थीं, एकदम मेरी अम्मी की तरह। नाश्ता कर लेने के कुछ देर बाद वो मुझसे सूरज के बारे में बातें करतीं रहीं और वो उसके बचपन से लेकर अबतक की बहुत सी बातें की। उन्होंने बताया कि सूरज मोंटी से कितना प्यार करता था और वो मोंटी को पढ़ाता था, उसका ख्याल रखता था और उसने बहुत से सपने संजोये थे मोंटी के लिए। लेकिन उस हादसे के बाद सूरज खुद को संभाल नहीं पा रहा था, जबतक कि मैं उसकी लाइफ में नहीं आया। सूरज मेरे बारे में उन्हें सब कुछ बताता और अब जब मैं सूरज की दुल्हन बनने जा रहा था, वो बहुत खुश थीं। थोड़ी इमोशनल हुईं लेकिन उन्होंने खुद को संभाल लिया, लेकिन मैं अब खुद को नहीं संभाल पा रहा था। मैं फिर से अपने उसी गिल्ट के गर्त में समा चुका था जिससे निकलने के लिए मैंने खुदको कितना कोसा था। एक घंटे बाद सूरज की मॉम कमरे से बाहर जा चुकीं थी और नेहा और पूजा मुझे तैयार करने कमरे में आ चुकी थी। मैनीक्योर, पैडीक्योर, आई ब्रोव्स, और आई लैशेज ट्रीटमेंट के बाद वो मेरा मेकअप करने बैठ गयी।

अगले चार घंटे के बाद वाटर प्रूफ लाइट मेकअप, ग्लॉसी रेड लिपस्टिक, आँखों में गहरा मोटा काजल अच्छे से अप्लाई की, मेरे हाथों के नेल्स पर फेक लॉन्ग नेल्स सेट किया और साथ ही पैरों के नेल्स पर रेड नेलपोलिश अप्लाई की और मेरे बालों में एक्स्ट्रा बालों को सेट करने लगीं। थोड़ी देर बाद मेरे बालों और नकली बाल सेट की जा चुकी थी और अब नेहा ने मेरे बालों का जुड़ा बना दी जो काफी डिज़ाइनर थी। शाम के छह बजने जा रहे थे और अभी तक मैं तैयार नहीं था और सूरज की मॉम तीन बार ये चेक करने कमरे में आकर लौट चुकी थीं कि मैं तैयार हुआ या नहीं। मैंने ब्रा और पैंटी पहन लिया और फिर नेहा ने मुझे लहँगा पहनने में मदद की, जो सच में काफी बड़ी थी। मेरी नाभि विजिबल थी और मेरा लहंगा काफी बड़ा, मतलब मैं एक कदम भी चलना चाहूँ तो मुझे अपने लहँगा को दोनों हाथों से काफी ऊपर तक उठाना पड़ेगा। फिर बारी आयी बैकलेस चोली की और उसे पहनने के बाद तो मुझे आज बहुत ही ज्यादा शर्मिंदगी हो रही थी। मेरे दोनों बूब्स का आधा से ज्यादा ऊपरी हिस्सा साफ़ झलक रहा था और जब मैंने आईने में खुद को देखा तो यकीन नहीं हो रहा था। मैं किसी सेक्सी ब्राइडल मॉडल से जरा भी कम नहीं लग रहा था। मेरे कलाई में सुहाग का चूड़ा पहनाया गया जिससे मेरी पूरी कलाई भर चुकी थी। फिर मेरे हाथों में डिज़ाइनर हाथफूल पहना दिया गया और मेरे दोनों बाजुओं में बाजूबंद पहना दिया गया। फिर मुझे कानों में झुमके और गले में सोने का चोकर सेट और सोने का बड़ा सा हार पहनाया गया जो मेरी चोली के बीचोबीच मेरे बूब्स पर आकर लटक गया। फिर मुझे कमरबंद पहनाया गया, पैरों में चाँदी का हैवी पायल और गोल्डन हील्स पहनाया गया। मेरे माथे पर छोटा सा मांगटीका और मेरे बालों के जुड़े में सोने का ऑर्नामेंट्स पहनाया गया जिसे आगे से मेरे मांगटीका से और पीछे से मेरे झुमकों से जोड़ दिया गया। फिर मेरे माथे को चमकीली लाल बिंदी से सजा दिया गया और मेरे दोनों भौहों के बीच एक बिंदी से सजाया गया। सबसे आखिर में मेरे नाक में किन्नौरी नथिया पहनाया गया, जिसका वजन काफी ज्यादा था और उससे एक चेन को जोड़कर मेरे बालों में सेट कर दिया गया। लेकिन उस चेन से मुझे कोई सपोर्ट नहीं मिल रहा था और मेरे नाक में नथिया के वजन के कारण काफी दर्द हो रहा था। आखिर में उस लाल ट्रांसपेरेंट ओढ़नी से मुझे घूँघट कर दिया गया और अब मैं दुल्हन बनने को तैयार था।

मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि आज मैं दुल्हन के इस रूप में तैयार एक मर्द से शादी करने जा रहा था और मेरी खुद की दुल्हन, मेरे अम्मी अब्बू या मेरे भाईजान, भाभीजान को इसकी कोई खबर नहीं थी। मुझे बहुत डर लग रहा था, रुक रुक के रोना आ रहा था, अपनी मज़बूरी पर, सूरज की दुल्हन बनने जा रहा था मैं। डर और शेम से मैं बुरी तरह कांप रहा था और एक अनजान सा वीकनेस मुझे घेरे हुए था कि मैं सोच भी नहीं पा रहा था। बस मुझे रोने का मन कर रहा था, लेकिन मैं रो भी नहीं सकता था लेकिन अपने आँखों में आंसू आने से रोक नहीं पा रहा था।

नेहा बोली- दुल्हन बनकर कैसा लगा रहा है साज़िया?

मैं बोला- आई डोंट नो!

नेहा बोली- आर यु क्राइंग!

मैं बोला- नहीं!

नेहा बोली- शादी के दिन दुल्हन का इमोशनल होना लाज़मी होता है, क्या तुम नर्वस हो!

मैं बोला- हम्म!

नेहा हँसते हुए पूजा से बोली- देखो ना साज़िया दुल्हन बनी है आज और कितनी नर्वस हो रही है।

फिर पूजा बोली- हाँ, शादी के दिन तो दुल्हन को काफी नर्वसनेस होता है, एक मर्द को अपना पूरा जीवन सौंपने का फैसला आसान नहीं होता नेहा!

नेहा बोली- हाँ पूजा, लेकिन साज़िया कितनी खुसनसीब है ना! वैसे शादी के बाद हनीमून का कुछ डिसाईड किया है भाभी आपने?

मैं बोला- नहीं!

नेहा बोली- तो शादी के बाद हनीमून मनाने गोवा जाना!

पूजा बोली- नहीं साज़िया भाभी, हनीमून तो कश्मीर में ही मनाना।

नेहा बोली- गोवा!

पूजा बोली- कश्मीर!

इतने में मेरी होने वाली सास कमरे में आ गयीं और बोलीं- पहले शादी तो हो जाने दे नेहा! हाय मेरी बहु कितनी सुन्दर है, किसी की नज़र ना लगे। शादी की वेन्यू पर पहुंचने में आधा घंटा लगेगा, तुमदोनो भी रेडी हो जाओ!

फिर मेरी होने वाली सास ने मेरे गले के पीछे अपनी आँखों से काजल निकालकर काला टीका लगाया और वो भी तैयार होने चली गयीं। दो घंटे बाद सभी शादी वाले वेन्यू पर जाने को तैयार थे, लेकिन सूरज कहीं भी नहीं दिख रहा था।

नेहा ने मेरा घूँघट ठीक किया और मैंने अपना लहँगा को दोनों हाथों से काफी ऊपर उठाया और पहला कदम बढ़ाया, लेकिन फिर रुक गया।

नेहा बोली- क्या हुआ साज़िया भाभी!

मैं बोला- आई डोंट नो!

मैंने वैसे तो नेहा को कुछ बताया नहीं लेकिन मुझे पता था कि कितना बुरा लग रहा था मुझे। मैं फाइनली एक मर्द की रियल दुल्हन बनने जा रहा था और अपनी मज़बूरी को किसी के भी साथ शेयर नहीं कर पा रहा था। हर एक कदम के साथ मेरे गहने छन छन की आवाज़ करते तो मेरी पायल छम छम की आवाज़ करती। किसी तरह मैं नेहा और पूजा के साथ उस कार के पास पहुंचा, जिससे मुझे शादी के वेन्यू तक ले जाया जा रहा था। वो रोल्स रॉयस कनवर्टिबल विंटेज कार था, जिसमे मुझे नेहा और पूजा के साथ बीच में बिठा दिया गया और थोड़ी ही देर में शादी के वेन्यू पर मैं आ पहुंचा था। वहां मुझे एक कमरे में ले जाया गया और वहां बैठकर मुझे सिर्फ इंतज़ार करना था। मैं चुपचाप बैठ गया और नेहा और पूजा की बातें फिर से शुरू हो गयी। थोड़ी देर के बाद, धूम धड़ाके की आवाज़ ने मेरी धड़कनों को तेज़ होने पर मजबूर कर दिया। नेहा और पूजा के साथ मुझे स्टेज पर ले जाय गया, जहाँ सूरज पहले से ही मौजूद था। आसमानी रंग की शेरवानी में, कलाई में गोल्ड प्लेटेड रोलेक्स, आँखों में काजल, सधे बाल और इतना हैंडसम था कि मैं उसे देखता रह गया। सच में, मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि आज ये हैंडसम मर्द मुझे अपनी दुल्हन बनाने जा रहा था। नेहा ने आरती की थाल मुझे पकड़ा दी और मुझे सूरज की आरती उतारने को बोली। मैं चुपचाप सर झुकाये सूरज की आरती उतारने लगा तो सब हसने लगे और तालियां बजाने लगे। सूरज किसी नवाब की तरह तनकर पुरे जोश में खड़ा था। सूरज को देखने के लिए मैं अपना सर उठाना चाहता था लेकिन मारे शरम के मैं वो भी नहीं कर सका। फिर मुझे और सूरज को वरमाला थमाकर नेहा और पूजा स्टेज से नीचे उत्तर गयीं। नेहा और पूजा थीं तो मुझे कम डर लग रहा था लेकिन अब जब दोनों मेरे साथ नहीं थीं तो मुझे बहुत ही ज्यादा डर लगने लगा था और मेरा पूरा बदन उस डर से कंपकंपा रहा था। मेरे हाथों में फूलों की माला थी और सूरज के हाथ में भी। पहले मुझे सूरज को फूलों की माला पहनाना था लेकिन वो इतना लम्बा था और फूलों की माला हाथ में लिए उसे पहनाना चाहता था, मुझसे ये नहीं होने वाला था और मैं इसे समझ चुका था लेकिन तभी सूरज घुटनों पर बैठ गया और मैंने उसके गले में फूलों की माला पहना दिया। फिर सूरज ने मेरे गले में फूलों की माला पहना दिया और तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा कैंपस गूंज उठा। थोड़ी देर बाद मुझे मंडप पर ले जाया गया, जहाँ सूरज पहले से बैठा था और मुझे उसके बगल में बिठा दिया गया। पंडित मन्त्र पढ़ रहा था और जैसे जैसे वो कहता गया, सूरज ने वैसे वैसे पहले मेरे गले में मंगलसूत्र पहनाया फिर मेरे नाक से नथिया निकालकर दूसरा नथिया पहना दिया उससे भी भारी और बड़ी थी। फिर सूरज ने मेरे मांग में भखरा सिन्दूर भरा और मेरे साथ फेरे लिया। पंडित ने मुझे सूरज की पत्नी घोषित किया और अब मैं सही मायनों में सूरज की पत्नी बन चूका था। या अब मैं सूरज की पत्नी बन चुकी थी और अब यही मेरी सच्चाई थी कि अब मुझे पूरी जिंदगी एक स्त्री जीवन जीना था तो आज से मैंने इस फैक्ट को एक्सेप्ट कर लिया था। आज से मैं सूरज की दुल्हन थी, जो सिर्फ अपने पति की सेवा में अपनी जिंदगी बिताना चाहती थी और शायद इसी से मोंटी की आत्मा को शांति मिलता और यही मेरा पश्चाताप था।

शादी पूरी होने के बाद सूरज मुझे अपनी विंटेज रोल्स रॉयस कनवर्टिबल कार में बिठाकर अपने साथ घर ले आया और साथ ही मेहमानों को छोड़कर घर के सभी रिलेटिव्स भी घर आ गए। कार से मुझे नहीं उतरने दिया गया और सूरज ने सबके सामने मुझे अपनी बाहों में उठाकर गृहप्रवेश किया। फिर मुझे अपनी गोद से उतारकर मुझे सभी बड़ों से आशीर्वाद लेने को कहा। मैंने सभी बड़ों के पैर छुए और सभी से एक एक करके सौभाग्यवती रहने का आशीर्वाद लिया। सूरज को भी सभी ने यशश्वी भवः का आशीर्वाद दिया और फिर मुझे मेरे कमरे में ले जाया गया। ये वही कमरा था जिससे शाम के सात बजे मैं सूरज की दुल्हन बनने निकली थी। अब ये कमरा फूलों से सजा है वो भी इतनी खूबसूरती से, ऐसा लग रहा था मानो जन्नत आ गयी थी मैं। इतने खुशबूदार फूलों की खुशबु मुझे बहुत ही आराम दे रही थी, आज की रात मेरे और सूरज के बीच जो कुछ भी होना था, उसके लिए अब मैं तैयार थी। नेहा मुझे सुहागरात के लिए रेडी करने के लिए आईने के सामने बिठाकर, सुहागरात में क्या होगा, इस बारे में पूजा से बातें करने लगी। पूजा ने मुझसे लहँगा उतारने को कहा तो मैंने लहँगा उतार कर बिस्तर पर रख दी, वैसे भी ये लहँगा काफी हैवी थी। मुझे इतनी फुर्ती दिखाते हुए देखा पूजा और नेहा हंसने लगी।

पूजा बोली- बड़ी जल्दी में हैं हमारी साज़िया भाभी!

नेहा बोली- हाँ, देखकर तो ऐसा ही लग रहा है, तुम जरा जल्दी से भाभी को रेडी कर दो पूजा, क्या पता दूल्हे राजा भी हड़बड़ी में आएं और सब गड़बड़ कर दें।

पूजा बोली- हाहाहा, लगता तो ऐसा ही है, सुबह कमरे को अच्छे से देखना और खासकर के पलंग ना टुटा मिले!

मैंने पूजा को आँख दिखाई तो वो चुप हो गयी लेकिन नेहा चुप नहीं हुई!

नेहा बोली- आज सुहागरात है भाभी की, देखो वैसे ही बहुत नर्वस हैं हमारी भाभी! चलो टाइम नहीं है, जल्दी से रेडी करो भाभी को सुहागरात के लिए, भैया से दरवाज़े पर पैसे भी लेने हैं और वो आते ही होंगे।

फिर नेहा ने मुझसे चोली भी उतरवा दी और उसके बाद ब्रा और पैंटी भी। दो लड़कियों के सामने आज मैं सिर्फ गहने में न्यूड खड़ी थी और दोनों बेशर्मों की तरह मुझे ऐसे घर रहीं थी जैसे वो लेस्बियन्स हों!

फिर पूजा ने मुझे एक लाल बनारसी साड़ी पहनाई, बिना ब्रा पैंटी, पेटीकोट और ब्लाउज के और उसी साड़ी के पल्लू से घूँघट करके मुझे फूलों से सजे किंग साइज बीएड के कार्नर पर बिठा दी।

फिर नेहा बोली- अच्छा भाभी, भैया कमरे में आएं तो उन्हें ये केसर वाला दूध पीला देना और अगर कम पड़े तो अपना दूध पीला देना।

पूजा बोली- हाँ भाभी, वैसे भी आपके बूब्स काफी बड़े बड़े हैं!

मैंने कहा- आप दोनों बेशर्मों की तरह क्यों बात कर रही हो!

नेहा बोली- भाभी आज की तो रात ही बेशरम बनने की है, हाहाहा!

मुझे बहुत बुरा लग रहा था, ऐसे बेशर्म लड़कियों के बीच सुहागरात की बातें सुनना मुझे कितना एम्बैरस कर रहा था, मैं बयां नहीं कर सकती।

दरवाज़े पर आहट हुई तो नेहा और पूजा दरवाज़ा रोकने चली गयीं और जाते जाते मुझे गुड लक बोल गयीं। मारे शरम के मेरी हालत ख़राब थी, आज मेरी सुहागरात थी और अब मैं कोई मर्द नहीं बल्कि एक मर्द की दुल्हन बन चुकी थी और ना जाने सुहागरात में क्या क्या होगा। मुझे बहुत डर लगने लगा था, अब तो नेहा और पूजा भी जा चुकी थी और तभी दरवाज़े के बंद होने की आवाज़ सुनाई दी। सूरज अंदर आ चूका था और उसके कदम मेरी तरफ ही बढ़ रहे थे। जब सूरज मेरे पास आकर खड़ा हुआ तो मैं बिस्तर से उतरी और जैसा मुझे समझाया गया था, मैंने झुककर अपने दोनों हाथों से सूरज के पैरों को छुआ और सूरज ने मुझे सीने से लगा लिया।

सूरज बोला- तुम्हारी जगह मेरे पैरों में नहीं, मेरे दिल में है जान!

सूरज ने मेरा घूँघट उठाना चाहा तो मैं शरमाने लगी, ना जाने क्यों सूरज का यूँ मुझे सीने से लगाना मुझे क्यों अच्छा सा लगा। मैंने टेबल पर से कैंसर वाला दूध सूरज को पीने को दे दी।

सूरज बोला- इतने दूध से मेरा क्या होगा।

जब सूरज ने ऐसा बोला तो मारे शर्म के मुझसे रहा नहीं गया और मैं बिस्तर पर अपने दोनों पैरों को अपने हाथों से सिकोड़कर बैठ गयी। एक घूंट में सूरज ने पूरा दूध पी लिया और अब वो मेरे पास आकर बैठ चूका था। मेरी धड़कनें सुपर स्पीड में थीं और मेरा पूरा बदन डर से कांप रहा था। मैंने लाइफ में कभी ऐसा नहीं सोचा था कि एक दिन अपनी गर्भवती पत्नी को छोड़कर मुझे एक मर्द की पत्नी बनना पड़ जायेगा और उसके साथ सुहागरात भी मनाना पड़ेगा।

फिर इन्होने मुझे लिटा दिया और मेरे ऊपर ही चढ़ गए। मैं तो एकदम दब गयी उनके नीचे। मेरी बड़ी वाली नथिया और चूड़िया गड़ने लगी और मेरी आखों में आंसू आ गए। लेकिन सूरज पर मेरे आंसुओं का कुछ असर नहीं हुआ और ये बोले की आज तुम्हे औरत बनाता हूँ अच्छे से। फिर इन्होंने मेरी साड़ी को मेरे शरीर से अलग आकर दिए और अब मेरे शरीर पर सिवाय गहनों के कुछ भी नहीं था। सूरज मेरे साथ रोमांस करने लगे, उनका एक एक चुम्बन मेरे अंग अंग को उत्तेजित करने लगा था और ये मेरे बूब्स को चूमने लगे और फिर अपने हाथों से धीरे धीरे मसलने लगे। धीरे धीर ये मेरे कमर को चूमने लगे और फिर मेरी वजाइना को अपने जीभ से चाटने लगे। मुझे यकीन नहीं हो रहा था, सूरज जब अपने जीभ से मेरे वजाइना को सेहलाने लगे तो मेरी उत्तेजना और भी बढ़ने लगी थी और मेरे मुँह से आह निकल रही थी। फिर सूरज ने अपनी शेरवानी और पायजामा उतरा और जब इन्होने अपना अंडरवियर निकाला तो इनका कम से कम 8 इंच लंबा मोटा लिंग दिखा जिसे देखते ही मानो मेरी तो जान निकल गयी।

मैं बोली- सूरज जी, मुझसे नहीं होगा, आपका बहुत बड़ा और इतना मोटा है!

सूरज बोला- डोंट वोर्री साज़िया, तुम्हे अच्छा लगेगा!

मैं बोली- प्लीज् सूरज जी, इतना बड़ा मैं अपने अंदर नहीं ले सकती!

सूरज बोला- मेरी जान, तुम टेंशन मत लो!

इससे पहले मैं कुछ कहती, सूरज ने मेरे कमर को अपने हाथों से अपने सीने से टिका कर जकड लिया और मेरे होंठों पर अपने होंठ रखकर मुझे स्मूच करने लगे। मेरी आँखें बंद होने लगी और बहुत ही ज्यादा कमज़ोर होने का एहसास हो रहा था। सूरज मुझे लगातर स्मूच कर रहा था, उसकी गर्म सांसें मेरी साँसों में घुलने लगे थे और मैं बहुत कमज़ोर होते जा रही थी। इतनी कमज़ोर कि मेरे तन बदन अब मेरा साथ छोड़ रहे थे और अब ऐसा लग रहा था मानो मेरा बीपी लौ हो गया हो। इतने में सूरज ने अपना मोटा काला लंड मेरी वजाइना पर टिका कर थोड़ा सा प्रेस किया। मेरी तो जान ही निकल गयी, अब मैं क्या करूँ! सूरज का लंड मेरी वजाइना को बीचोबीच चीरता हुआ मेरे अंदर समा गया और मैं रोने लगी। मुझसे ये दर्द बर्दाश नहीं हो रहा था, लेकिन शायद सूरज को इसी में मजा आ रहा था। फिर इन्होंने उसे अंदर बाहर करना शुरू किया, ऐसा लग रहा था मानो कोई गर्म रोड डाल दे रहा हो। मुझे बहुत दर्द हो रहा था और खून भी निकल रहा था। सूरज बोले कि चलो अब सब तो ये समझेंगे कि तुम कुंवारी थी। इन्होंने स्पीड बढ़ दी और मुझे तो लग रहा था कोई मुझे दो हिस्सो में काट रहा है। इन्हें मेरे दर्द और आंसू से कोई मतलब नहीं था और ये पूरा मज़ा ले रहे थे। मेरे दोनों बूब्स इनके लव बाइट से भर गए थे। मेरे बूब्स पूरे लाल हो गए थे, पंद्रह मिनट्स के बाद जैसे ही इन्होने मेरे अंदर अपना गर्म लावा डाला मुझे भी ओर्गास्म हो गया, मैं निढाल हो चुकी थी। मेरे अंदर अब जरा भी ताकत नहीं थी कि मैं अपनी आँखें भी खोल कर सूरज से नज़र मिला सकूँ। लेकिन सूरज फिर से शुरू हो गए लेकिन मुझे अब बिलकुल भी मज़ा नहीं आ रहा था, सिवाय जलन के कुछ भी नहीं।

सूरज बोले- साज़िया, यहीं तुम्हारा लंड था ना, जहाँ आज मेरा लंड घुसा हुआ है।

मैंने कहा- सूरज जी, मैं एक औरत हूँ बस और आपकी बीवी भी, मैं प्रेग्नेंट भी हूँ, आप थोड़ा तो रहम करो! मेरी कोख में आपका ही बच्चा है प्लीज्!

किसी तरह मैंने बच्चे की बात करके सूरज को रोका, लेकिन ये मानने वालो में से तो थे नहीं। सूरज ने मेरे दोनों पैरों को हवा में फैला कर मेरी गांड में अपना लंड घुसा कर मेरे साथ आधे घंटे तक सेक्स किये और इस दौरान मैं कब बेहोश हो गयी थी, मुझे भी नहीं पता चला! अगले दिन सुबह सो कर उठी तो ये सो रहे थे और मुझे एहसास हुआ कि इनका लंड अभी भी मेरी गांड में था। किसी तरह मैंने खुद को सूरज से अलग किया और बिस्तर से उतरी। मैंने एक कदम बढ़ाया तो मैं लड़खड़ा कर गिरने वाली थी कि मैंने बिस्तर का सहारे खुद को संभाला और एक एक कदम के साथ, मैं बाथरूम गयी और शावर के नीचे बैठ गयी। मैं शावर के नीचे बैठकर रोने लगी, पछताती रही अपने औरत बनने पर, अपने इन बूब्स पर, इस वजाइना पर, इन मेहँदी लगी हाथो पर, अपने नाक के नथिया पर, इन गहनों पर, अपने इस कमज़ोर शरीर पर, हर चीज़ देख कर मुझे खुद नफरत हो रही थी। औरत बनने के बाद पहली बार मुझे लगा की इस औरत के शरीर के मैं शायद आज भी एक मर्द हूँ जो यहाँ कैद है। पूरा शरीर जल रहा था, हर जगह घाव और छिलने के निशाँ थे। मैंने अपने पुरे शरीर को अच्छे से साफ़ किया और बाहर आयी। फिर एक पिंक रंग की साड़ी निकाली और मैचिंग चूड़ियां पहनी और मेकअप करके तैयार हुई। फिर सिन्दूर लगाया और मंगलसूत्र पहना, चाहे जो भी हो अब यही जीवन है। मैं भाग कर कहीं नहीं जा सकती। बाकि लडकिया तो अपने माँ बाप के घर जा भी सकती हैं पर मुझे तो अब उम्र कैद हो गयी। चाहे वो सूरज का बिस्तर हो या औरत का ये शरीर, अब इन्ही में रहना है, मैं तैयार हुई ही थी कि सूरज उठ गए और मुझे गोद में उठा कर वापस बिस्तर पर फेंक दिया।

मैंने कहा- सुनिए, मॉम और पूरा परिवार वेट कर रहा है, आज इस घर की बहु के तौर पर मेरा पहला दिन है, जल्दी जाने दीजिये।

पर ये कहाँ सुनने वालो में से हैं, फिर मेरे कपडे उतार दिए और मेरे ब्रैस्ट को अपने होंठों से चूमने लगे, अपने दांतों से काटने लगे, बहुत दर्द हो रहा था पर अचानक मज़ा सा भी आ रहा था, लेकिन इस एहसास को जाहिर करने में बहुत शर्म आ रही थी। फिर इन्होने अपनी पैंट उतार दी और इनका मोटा काला लंड तनकर खड़ा हो गया। इससे पहले मैं कुछ समझ पाती कि ये अब मेरी गांड में डालने वाले हैं या मेरी वजाइना में, उससे पहले इन्होने मेरे बाल पकड़कर मुझे घुटनों पर बिठा दिया और मेरे मुँह में अपना लंड घुसाकर आगे पीछे करने लगे। ये मेरे बालों को पकड़कर मुझे कण्ट्रोल कर रहे थे और मैं असहाय अवस्था में अपने पति के लंड को अपने मुँह में रखकर ब्लोजॉब दे रही थी। इनको तो बहुत मज़ा आया और लाइफ में पहली बार मैंने अपने पति के स्पेर्म्स को पीने को मजबूर होना पड़ा, मुझे काफी अजीब लग रहा था पर दोबारा बलात्कार करवाने से तो अच्छा था कि सूरज की बात मानूं। सूरज ने ब्लोजॉब सेशन एन्जॉय किया और मुझे ऐसे ही छोड़कर कमरे से बाहर चला गया। मैं बहुत ही ज्यादा रो रही थी, ये देखकर भी सूरज को मेरे इमोशंस की कोई परवाह नहीं थी। मेरी साड़ी पर सूरज के स्पेर्म्स से गीले हो रखे थे और मेरी साड़ी गंदी हो गयी थी, बाल बिखर चुके थे और मेरा मेकअप भी खराब हो गया था। मैंने पहले फ्रेश होने वाशरूम में चली गयी और जब फ्रेश होकर बाहर आयी तो नेहा कमरे में मेरा इंतज़ार कर रही थी। मुझे लंगड़ाकर चलते देख नेहा जोर से हंस दी और मुझे बड़ी शर्मिंदगी हुई।

नेहा बोली- भाभी, आज ससुराल में आपका पहला दिन है और आप आलरेडी लेट हो! आओ मैं आपको रेडी कर दूँ!

मैंने कहा- हम्म! सॉरी!

थोड़ी देर में मैं फिर से तैयार थी, ब्राउन कांचीवरम सिल्क साड़ी में, ढेर सारे गहने मेरे शरीर पर थे, कानों में झुमके, माथे पर मांगटीका और नाक में नथिया पहनकर मैंने घूँघट कर लिया और नेहा के साथ चलने को तैयार हो गयी।

नेहा बोली- साज़िया भाभी, अपनी मांग तो भर लो और मंगलसूत्र कहाँ है आपका!

मैंने देखा कि मेरा मंगलसूत्र सिरहाने रखा था और मैंने तुरंत मंगलसूत्र पहन लिया और साथ ही मांग में सिंदूर भी भर ली!

नेहा बोली- भाभी, आगे से इस बात का ख्याल रखना। ये सुहाग का चूड़ा कौन पहनेगा!

फिर मैंने सुहाग का चूड़ा पहना और मैं नेहा के साथ सबके सामने जाने को तैयार थी। इतने में मेरी सास यानी सूरज की मॉम कमरे में आ गयी। फिर वो मुझे अपने हाथों से नाश्ता करवाकर मुझे हॉल में ले गयीं जहाँ बहुत सी औरतें आयीं हुईं थीं, मुँह दिखाई की रस्म के लिए। पूरा दिन मुँह दिखाई की रस्म में ही निकल गया और सभी ने मुझे सौभाग्यवती और पुत्रवती होने का आशीर्वाद दिया और रात के डिनर के बाद मैं और सूरज अपने कमरे में एक बार फिर से अकेले थे। सूरज ने मुझे बताया कि वो कल दिल्ली जा रहा है और वो अगले महीने रिटर्न आएगा। मैने सूरज से जॉब के बारे में पूछा तो वो बोलै कि इस घर की बहुएं नौकरी नहीं करती, दिन भर घूँघट में बड़ों की सेवा करती हैं और रात को अपने पति की सेवा करती हैं। बहुत ऐम्बर्रास्मेंट हुआ ये सुनकर और मेरी इच्छा के बगैर एक बार फिर से मैं सूरज की बाहों में थी और न्यूड होने में ज्यादा वक्त भी नहीं लगा। दो राउंड हार्डकोर सेक्स के बाद मैं कब अपना होश खो बैठी और कब नींद की आगोश में समा गयी, इसका पता मुझे नहीं चला।

अगली सुबह जब मेरी नींद खुली तो सुबह के छह बज चुके थे और मैं बिस्तर पर अकेली थी। मेरे बदन पर एक चादर में मैं लिपटी थी और सूरज भी कहीं दिखाई नहीं दे रहे थे। पहले तो मैं फ्रेश होकर तैयार हुई तब तक नेहा कमरे में आ गयी और मुझे तैयार होने में हेल्प की। नेहा का मेकअप स्किल काफी एडवांस था और वो मेरा मेकअप करने में बहुत एक्साइटेड रहती। जब मैं तैयार हो गयी तो नेहा मुझसे बातें करने बैठ गयी।

नेहा बोली- भाभी, शिमला जाकर मैं आपको बहुत मिस करुँगी!

मैंने पूछा- अभी तो आप यहाँ रुकोगी ना?

नेहा बोली- नहीं भाभी, सूरज भैया के साथ दिल्ली चली जाउंगी और वहां से शिमला। आज मैं भी भैया के साथ दिल्ली जा रही हूँ, काश आप भी हमारे साथ चलतीं लेकिन आंटी ने कहा है क़ि अगले एक साल तक आपको इसी घर में रहना है और वो आपको हाउसहोल्ड थिंग्स सिखाना चाहती हैं।

मैंने कहा- हम्म! वो तो है!

नेहा बोली- तो आप भैया को तो बहुत मिस करोगी भाभी!

मैंने कहा- ऐसा कुछ भी नहीं है, काम इम्पोर्टेन्ट होता है!

नेहा बोली- ओह्ह! भाभी, आप नाराज़ हो भैया के दिल्ली जाने से! और हो भी क्यों ना, नई नवेली दुल्हन हो, अपने पति के बगैर रहना आसान नहीं होगा आपके लिए!

मैंने कहा- ऐसा कुछ भी नहीं है नेहा, इट्स ओके!

नेहा बोली- मैं सब समझती हूँ भाभी, चलो कोई बात नहीं, भैया बीच बीच में आते रहेंगे! वैसे आंटी के रहते आपको किसी भी चीज़ की फिक्र करने की जुर्रत नहीं, बस दादी से थोड़ा बचकर रहना, उन्हें संस्कारी बहु की तरह ही सेवा करना।

मैंने कहा- हम्म!

नेहा के जाने के बाद सूरज कमरे में आ गए और बोले- साज़िया, मैंने तुम्हारे साथ जो कुछ बी किया उसका मुझे कोई अफ़सोस। मॉम ये बात नहीं जानती कि मोंटी के साथ जो कुछ भी हुआ, उसकी वजह तुम हो, जिसकी वजह से मैंने तुम्हारे साथ ये सब किया। लेकिन अब तुम इस खानदान की बहु हो और तुम इस बात को भूले बगैर मेरी मॉम, डैड और दादी की दिलोजान से सेवा करना।

मैंने कहा- जी!

फिर सूरज के मेरे होंठों को चूमा और वो चला गया। सूरज के जाने के टाइम आई डोंट नो मुझे क्या हो गया था, मैं सूरज से लिपट कर रोने लगी और उसे रुकने को कहने लगी। सूरज ने मुझे समझाया कि वो बहुत जल्द रिटर्न आ जायेगा और वो चला गया। मेरे अंदर की औरत को जगा कर खुद दिल्ली चला गया और अब मैं इस इमोशन को कण्ट्रोल नहीं कर पा रही थी।

सूरज के साथ मैं अचानक ऐसे इमोशनली अटैच भी हो सकती हूँ, आज पहली बार इसका एहसास हो रहा था। सूरज को जाता देख मेरे अंदर एक अधूरापन सा महसूस होना और सूरज के चले जाने के बाद उसके लिए मेरी आँखों से आंसुओं का निकलना मैं रोक नहीं पा रही थी। मेरी सास जब कमरे में आयीं और मुझे ऐसे इमोशनल देखा तो मेरा माथा चूमकर मुझे शांत किया।

मेरी सास बोलीं- मुझे अपने बेटे के चॉइस पर आज फ़क़्र महसूस हो रहा है बेटी। तुझसे अच्छी दुल्हन मेरे बेटे के लिए कोई और हो नहीं सकती थी।

मैं इस दिन के कटने के इंतज़ार में थी कि कैसे आज का दिन निकल जाए, शाम ढले और जल्दी रात हो ताकि मैं इस इमोशन से बाहर निकल सकूं। लेकिन आज का दिन काफी लंबा रहा और मैंने मेरी सास से किचन में चलकर कुछ सीखाने को कहा। मेरी सास मुस्कुराते हुए मुझे किचन में ले गयीं और मुझे आता गूँथना और रोटी बनाना सिखायीं! मुझे ज्यादा समय नहीं लगा रोटी बनाना सिखने में। उस दिन मेरी अम्मी जैसी मेरी सास के साथ मैंने पूरा दिन स्पेंट किया और मुझे बहुत सुकून मिला।

मेरी सास के साथ टाइम स्पेंड करने में मुझे अच्छा लगने लगा और धीरे धीरे मैं किचन खुद से संभालने लगी थी। कभी कभी सूरज घर आते तो मैं सारा दिन उनकी सेवा करती और उनके पास ही रहने की कोशिश करती, मानो मुझे सूरज से प्यार होने लगा था। जब सूरज चले जाते तो मैं बहुत रोती, सूरज से दूर रहना अब मेरे बस की बात नहीं रह गयी थी। सूरज की बाहों की गर्माहट, उनकी गर्म सांसें, उनका रोमांस करना, मुझे अपनी आगोश में लेकर पूरी रात मुझे प्यार करना मुझे बहुत अच्छा लगने लगा था। मेरी प्रेग्नेंसी अब आठवाँ महीना भी क्रॉस कर चूका था और डॉक्टर ने मुझे हैवी सामान नहीं उठाने और आराम करने की सलाह दी थी तो मेरी सास ने मेरी देखभाल करना शुरू कर दिया। वो बिलकुल मेरी अम्मी की तरह मेरा ख्याल रखतीं, मुझे बहुत प्यार करतीं और मुझे किचन का काम भी नहीं करने देतीं! नौवे महीने के शुरुआती दस दिनों के भीतर ही मुझे बहुत तेज़ दर्द होना शुरू हो गया और मुझे हॉस्पिटल में एडमिट कर दिया गया। आठ घंटे के असहनीय लेबरपैन और पूरा शरीर बुरी तरह से टूटने का वो एहसास मैं अपनी पूरी जिंदगी में नहीं भूल सकती। मेरी सास ऑपरेशन थिएटर में ही रहीं, मेरे पास, मेरा हाथ थामे और मुझे मेंटली सपोर्ट करती रहीं और फिर मैं अपने पति की पहली संतान को बेटी के रूप में जन्म देने के बाद मुझे नहीं पता कि मैं कब बेहोश हो गयी। जब मुझे होश आया तो मेरे सामने मेरी बेटी थी, मेरी सास की गोद में। मेरी दादी सास और मेरे ससुर भी सामने आपस में बातें कर रहे थे। जब मुझे होश आया तो सबकी आँखें चमक उठीं लेकिन मेरी नज़रें मेरे बच्चे को देखने को तरस रहीं थीं। मेरी सास ने मुझे बताया कि मुझे बेटी हुई है और उन्होंने मेरी बेटी को मेरे बगल में लिटाकर, मुझे मेरी बेटी को दूध पिलाने को बोलीं। मेरे ससुर और दादी सास केबिन से बाहर चली गयीं और मेरी सास मुझे देखने लगीं! जैसे ही मैंने अपनी बेटी को अपने सीने के करीब लेकर आयी, उसने मेरे बूब्स के निप्पल्स को अपने होंठों से चूसना शुरू कर दिया, मेरे बूब्स से दूध की फुहार छूट पड़ी और मैं अब मातृत्व के ऐसे एहसास को जी रही थी, जो मुझे माँ होने का एहसास करवा रही थी। मैंने अपनी बेटी को अपने दोनों बूब्स से अपना दूध पिलाकर सुला दी, उसके नन्हे हाथ, छोटी सी मेरी गुड़िया मेरी बाहों में कितने सुकून की नींद सो रही थी, ये देखकर मेरी आँखों में आंसू भर आये। मेरी सास ने मुझे इमोशनली संभालने की कोशिश की और मेरी नज़रें अब मेरे पति को ढूंढ रहीं थीं, लेकिन सूरज कहीं नज़र नहीं आ रहे थे। ऐसे मौके पर तो उन्हें मेरे पास होना चाहिए था लेकिन मेरी सास ने बताया कि वो नेक्स्ट वीक आएंगे। बहुत दुःख हुआ मुझे, सूरज मेरे साथ ऐसा कैसे कर सकते थे।

अब मैंने भी सोच लिया था कि जब वो आएंगे तो मैं उनसे बात नहीं करुँगी। पांच दिन बाद मुझे हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया गया और मैं अपनी बेटी को लेकर घर आ गयी। एक हफ्ते बाद सूरज भी घर आ गए और उन्होंने हमारी बिटिया को गोद में उठाकर दिनभर शक्ल मिलाते रहते। वो बहुत खुश थे, घर में सब बहुत खुश थे, मेरी दादी सास ने मेरी बेटी का नाम लक्ष्मी रखा और मुझसे एक पोते की डिमांड करने लगीं। मैंने उनसे कहा कि इस बारे में मैं सूरज से बात करुँगी। उस रात सूरज ने मुझे हिना के बेटे की फोटो दिखाई तो उस फोटो को देखकर मैं इमोशनल होकर रोने लगी। ये मेरा ही बेटा था, जो हिना की गोद में था। मैं हिना से मिलना चाहती थी, अपने बच्चे को गोद में उठाकर उसे बहुत प्यार करना चाहती थी, लेकिन अब शायद ये सब पॉसिबल नहीं था। लेकिन मैं हिना से मिलकर क्या कहती उससे? कैसे मैं उसे बताती कि उसके बच्चे को मैं अपना नाम नहीं दे सकती थी, क्यूंकि अब मैं खुद सूरज की पत्नी बन चुकी थी और ये बात बताने की हिम्मत मेरे अंदर तो बिलकुल भी नहीं थी। सूरज से कब मैं प्यार कर बैठी मुझे भी नहीं पता लेकिन अब मैं अपनी जिंदगी सूरज की पत्नी के तौर पर निभाना चाहती थी और अपने पास्ट को भूलने की कोशिश करने लगी थी। हिना ने जिस बच्चे को अपनी कोख से जन्म दिया, वो था तो मेरा ही बेटा लेकिन मैं भी जानती थी कि वो बच्चा भी सूरज का ही है। छह महीने बाद लाइफ फिर से ट्रैक पर आने लगी थी, मेरी बेटी अब छह महीने की हो चुकी थी। सूरज अब दादी से बात करना चाहते थे ताकि वो मुझे अपने साथ दिल्ली ले जा सकें, लेकिन इतनी हिम्मत ना तो सूरज में थी और ना ही मुझमे जो मैं सूरज के साथ दिल्ली सेटल होने की बात अपनी दादी सास से कर सकूँ!

लेकिन इसके लिए मेरे ससुर ने मेरी दादी सास को मना लिया और वो मुझे सूरज के साथ दिल्ली भेजने को मान गयी। सूरज मुझे और हमारी बेटी को अपने साथ दिल्ली ले आया। जब मैं सूरज के साथ दिल्ली आ रही थी तो मेरी सास ने मुझे अच्छे से समझाया कि वहां भी मुझे ऐसे ही दुल्हन की तरह रहना है, सूरज की सेवा करनी है, बेटी का ख्याल रखना है और दिन में दो बार वीडियो कॉल करके उनसे बात करनी है। मुझे ऐसा लग रहा था कि मुझे एक जेल से दूसरी जेल में शिफ्ट किया जा रहा है। दिल्ली वाले फ्लैट पर जब मैं पहुंची तो वहाँ बहुत कुछ बदल चूका था, दोनों कमरों में बड़े बड़े किंग साइज बेड लगवा दिया गया था, मुझे साड़ियाँ और ज्वेलरीज रखने के लिए अलग से एक गोदरेज दिया गया था। मेरी सभी सुविधाओं का पूरा ख्याल रखा गया था और एक मेड जो सुबह शाम घर का झाड़ू पोछा, बर्तन के अलावे, दिन भर घर में रहने को उसे भी कमरा दे दिया गया था। मुझे घर में ज्यादा काम नहीं करना पड़ता, सुबह उठती तो नहाने के बाद पूजा करती, सूरज के लिए नाश्ता और लंच बनाकर उन्हें दे देती, फिर बेटी जागती तो उसको अपना दूध पिलाती, खाना पकाती, टीवी देखती, गृहशोभा पढ़ती, दिन में दो बार दादी सास से वीडियो कॉल पर बातें करती और उसके बाद मेरी अम्मी जैसी सास से बातें करती और अपना दिल हल्का कर लेती। उसके बाद का ज्यादातर टाइम मैं आराम करने को फ्री थी। बेटी अब डेढ़ साल की होने जा रही थी और अब मेरी बॉडी भी नार्मल होने लगी थी। सूरज ने इसके लिए भी हॉस्पिटल में बात करते एक वाइब्रेटिंग मशीन थेरेपी का इंतेज़ाम कर दिया था और इसके लिए मुझे हर रोज़ सूरज हॉस्पिटल ले जाता, जहाँ वाइब्रेटिंग मशीन में मुझे सुला दिया जाता। एक महीने बाद मेरी बॉडी में कसावट होने लगी और मैं काफी स्लिम होने लगी थी, मेरे बूब्स भी अब बेहद आकर्षक दिखने लगे थे और उनकी कसावट से मेरा फिगर किसी मॉडल से कम नहीं लगता था।

मैं बहुत खुश रहती अब, अपना पास्ट भुलाकर प्रेजेंट में जी रही थी, अम्मी अब्बू और हिना और मेरे बच्चे के बारे में सोचकर कभी कभी इमोशनल हो जाती, लेकिन अपन गम भुलाकर अपने पति और बेटी के साथ एक नयी जिंदगी जी रही थी। उस दिन सूरज ने कॉल किया और उन्होंने बताया कि शाम को कुछ गेस्ट्स आ रहे हैं, सभी के लिए खाने पीने का ख़ास इंतज़ाम करने को भी कहा। मैं उसी समय से उन गेस्ट्स के लिए प्रिपरेशन करने लगी, मेड ने मेरी मदद की। शाम के छह बजे से पहले सबकुछ प्रेपर था। मुझे नहीं पता था कि कितने गेस्ट्स आने वाले थे या कहाँ के गेस्ट्स थे, कुछ पता नहीं था।

जब सूरज घर आये तो मुझे भी तैयार होने को बोले, मैं तो वैसे भी तैयार ही थी। लेकिन सूरज मेरे लिए पिंक बंधिनी प्रिंट फेस्टिव जॉर्जेट साड़ी और मैचिंग बैकलेस ब्लाउज ले कर आये और मुझसे तैयार होने को बोले। आज बड़े दिनों बाद मेरे लिए वो कोई गिफ्ट लेकर आये थे और मुझे बहुत अच्छा लगा। पहले इन सब में उतना इंटरेस्ट भी नही आता था लेकिन अब तो अपने लम्बे घने बालों को सँवारने में या मेकअप करने में या ज्वेलरीज को सेलेक्ट करने में, नाक में नथिया और कान में तरह तरह के झुमकियां पहनना अब बहुत अच्छा लगता। दिन भर मैं इसी इंतज़ार में रहती कि कब वो ऑफिस से रिटर्न आएंगे और कब हम बिस्तर में एक साथ होंगे। सूरज से मुझे अब इतना प्यार होने लगा था कि उनका मुझे छूना ही काफी होता है और मैं गरम हो जाती हूँ। सूरज की दी हुई साड़ी में तैयार होकर जब मैं आईने के सामने खड़ी होकर इठला रही थी तब वो अंदर आये, मुझे स्मूच करने लगे और काफी देर रोमांस करने के बाद मुझसे जल्दी से तैयार हो जाने को बोले क्यूंकि गेस्ट्स के आने का टाइम हो गया था। वो तो कमरे से बाहर चले गए और मैं फिर से अपना बाल बनाने बैठ गयी और थोड़ी देर मैं भी तैयार थी। तैयार होने के बाद मैं आईने के सामने बैठकर सोचने लगी कि नक् में नथिया पहनूँ या डायमंड वाली लौंग पहन लूँ। मेरा मन था कि मैं उनके गेस्ट्स के सामने एक अच्छी बहु के तौर पर जाऊं तो मैंने नाक में सबसे बड़ा वाला नथिया पहनकर तैयार हो गयी। मैंने घूँघट किया और डाइनिंग टेबल सजाने लगी, इतने में डोरबेल की आवाज़ आयी। मैंने मेड को दरवाज़ा खोलने को कहा और मैं घूँघट करके मेहमानों के सवागत के लिए इनके पीछे खड़ी हो गयी।

गेस्ट हमारे फ्लैट में एंटर हुए और उन्हें देखते ही मेरे पैरों तले जमीन खिसक गयी। ये तो सुनैना का बड़ा भाई अब्दुल और हिना थे और हिना की गोद में जो बच्चा था, वो बेशक मेरा ही बेटा था। हाऊ, कैसे, अब्दुल और हिना एक साथ, एक कपल की तरह मेरे सामने आएंगे, आई वज सो सुरप्राइज़्ड, ये कैसे हो सकता है, दिस इज़ सो हार्ड टू बिलीव! लेकिन मुझे डर था कि कहीं हिना मुझे ना ले, क्यूंकि अगर ऐसा हुआ तो वो कैसे रियेक्ट करेगी, आई डोंट नो! इसीलिए मैंने घूँघट कर लिया और फिर दोनों के सामने गयी।

सूरज- बेबी, घूँघट की जरुरत नहीं है, दे आर माई फ्रेंड्स! मीट दिस ब्यूटीफुल कपल, अब्दुल एंड हिना और ये इनदोनो का प्यारा सा बेटा, कितना क्यूट है ना?

मैंने कहा- जी!

सूरज ने कहा तो मुझे घूँघट उठाना पड़ा और जैसे ही मैंने घूँघट उठायी, हिना और अब्दुल एकटक मेरी तरफ देखने लगे। हिना मेरे पास आकर बैठ गयी और मुझे देखने लगी, आई वज श्योर कि उसने मुझे पहचान लिया था।

हिना बोली- सूरज जी, आपकी दुल्हन तो बहुत सुन्दर है!

सूरज बोला- थैंक्स भाभी, क्यों नहीं आप दोनों कमरे में जाकर आपस में बातें करो और मैं और अब्दुल कुछ काम की बातें कर लूँ!

मैं हिना और उसके बेटे को लेकर कमरे में आ गयी। हिना की गोद में उसका बेटा था जिसकी शक्ल बिलकुल मेरी बेटी के जैसी थी। दोनों उम्र में एक बराबर थे, शायद सूरज से ही मुझे भी बेटी हुई थी और हिना को बेटा हुआ था।

हिना बोली- तो साज़िया, फाइनली! हाउ इज़ लाइफ ऐज़ अ हाउसवाइफ? मुझे यकीन नहीं हो रहा है साजिद, ओह्ह सॉरी, साज़िया, क्या से क्या हो गया? अच्छे खासे मेरे शौहर थे, अब देखो खुद को, मांग में सिंदूर, गले में मंगलसूत्र, नाक में नथिया, कानों में झुमके पहनकर सूरज की पत्नी बने और उसकी बेटी को जन्म दे चुकी है, इस बात का मुझे बिलकुल भी यकीन नहीं होता।

मैं बोली- अच्छी है! आई एम् सॉरी हिना! जो कुछ भी हुआ, वो मेरे कण्ट्रोल मे नहीं था। शायल अल्लाह को यही मंजूर था।

हिना बोली- चलो जो हुआ अच्छा हुआ, वैसे भी तुम तो सिर्फ नाम के ही मर्द थे। अब्दुल को देखो, मर्द इसको कहते हैं। वो मुझे कभी निराश नहीं करता, हमेशा तैयार रहता है, जॉब से वापिस घर आता है तो मेरे साथ खूब रोमांस करता है और हमारे बेटे को बहुत प्यार भी करता है। चलो, अब तुम साज़िया बन चुकी हो तो भूली बिसरि बातों का क्या फायदा। मुझे उम्म्मीद है कि सूरज तुम्हारा ख्याल रखता होगा और तुम्हे बेटी भी है, तुमने गोद ली है ना!

मैंने कहा- नहीं हिना, ये मेरी और सूरज की बेटी है। मैंने नौ महीने अपनी बिटिया को अपनी कोख में रखा था और फिर मैंने हमारी बेटी को जन्म दिया। मैं मेरी बेटी की ओरिजिनल माँ हूँ!

हिना- सीरियसली शाज़िया, तुम बच्चे को जन्म दे सकती हो! आई एम् नॉट सुपराईज़्ज़्ड साज़िया, सूरज एक रियल मर्द है! वैसे भी तुम्हारे जैसे नामर्द को औरत बन जाना चाहिए और अपने पति के बच्चों को जन्म देना, उनकी परिवरिश करना, यही तो तुम्हारा फेट है साज़िया! तुम एक मर्द की दुल्हन बनने के लिए ही पैदा हुई थी और देखो, आज तुम सूरज की दुल्हन बन चुकी हो।

मैंने कहा- बस करो हिना, मुझे कितना शर्मिंदा करोगी!

हिना बोली- आई एम् सॉरी मिसेज़ साज़िया सूरज यादव! जब मैंने तुम्हारी और सूरज की शादी की बात सुनी थी तो मेरा दिल बुरी तरह से टूट गया था। तुम्हे जरा भी एहसास है कि मेरे दिल पर क्या गुज़रा होगा जब मैंने तुम्हारी और सूरज की शादी की खबर सुनी होगी। मेरी कोख में तुम्हारा बच्चा था और अपनी बीवी को छोड़कर एक मर्द की दुल्हन बने तो मेरा जरा भी ख्याल नहीं आया तुम्हे। तुम्हारे अम्मी अब्बू ने भी मुझे जरा भी सपोर्ट नहीं किया, मेरा निकाह हलाला करवाया गया और फिर अब्दुल ने मुझसे निकाह कर मुझे और मेरी कोख में जो तुम्हारा बेटा था, उसे स्वीकारा। तुम्हे क्या लगता है मेरे लिए कितना आसान रहा होगा!

मैं हिना की बातें सुनकर इमोशनल हो रही थी, मैं बोली- आई एम् सो सॉरी हिना, तुम बहुत अच्छी हो और तुम्हारे साथ जो कुछ भी मैंने किया, उसके लिए मैं तहे दिल से माफ़ी मांगती हूँ!

हिना बोली- इट्स ओके साज़िया, अब तुम मेरे शौहर नहीं, सूरज की पत्नी हो। तुम्हे मुझसे मांगने की कोई जरुरत नहीं। मैं तो बस इतना ही चाहती हूँ कि सूरज तुम्हे अपनी रानी बना कर रखे।

मैं बोली- वो बहुत अच्छे हैं, मेरा बहुत ख्याल रखते हैं और मैं इस घर की बहु बनकर बहुत खुश हूँ। मुझे तुम्हारा अब्दुल के साथ सेटल होना देख बहुत अच्छा लगा। अब्दुल के साथ तुम खुश हो और मैं भी यही चाहती हूँ कि तुम हमेशा खुश रहो हिना।

हिना बोली- हम्म! वैसे तुम्हारी बेटी और मेरे बेटे की शक्ल कितनी मिलती जुलती है?

मैं बोली- दोनों तो मेरे ही बच्चे हैं, शक्ल तो एक सी ही होनी है!

हिना बोली- हम्म! तो आगे का क्या प्लान है साज़िया?

मैं बोली- कुछ भी नहीं, जो हाउसवाइफ की ड्यूटी होती है उसे दिल से निभाऊंगी।

हिना बोली- हम्म! चलो डिनर कर लेते हैं, वैसे तुम सच में बहुत खूबसूरत दिख रही हो साज़िया!

मैं बोली- थैंक्स हिना!

फिर हम डाइनिंग के लिए हॉल में आ गए, साथ में हमने डिनर किया और फिर अब्दुल हिना और हमारे बेटे को अपने साथ ले गया। हिना के जाने के बाद मैंने सूरज को हग किया और उसे आई लव यू भी बोली। देर रात हो चुकी थी, हमारी बिटिया सो चुकी थी और सूरज ने मेरे साथ रात भर हार्डकोर सेक्स किया।

अब मैं खुद से ही न्यूड हो जाती और बिस्तर में सूरज के प्यार को पाने किसी भी हद को पार करने को तैयार रहती। डॉटेड कंडोम का इस्तेमाल अब रेगुलर बात हो गयी थी लेकिन उसका फ्लेवर क्या होगा, ये मैं डिसाईड करती। हर वो रात जो मैंने अपने प्यारे पति की बाहों में गुज़ारी है, इससे हसीं पल को मैं हर रोज़ जीना चाहती हूँ। अपने पति की बाहों में आँहें भरना, उनके चुम्बन से मेरे होंठों का जी उठना, उनका रोमांस करना, हाय, मैं क्या बताऊँ! अब मेरी जिंदगी में खूबसूरती का वो एहसास था, जो मैं कभी भी मर्द बनकर नहीं पा सकती थी। अब मैं सही मायने में सूरज जी की पत्नी बन चुकी थी, अब सब मुझे मिसेज़ साज़िया सूरज यादव के नाम से ही जानते हैं। पास्ट को भुलाकर अब अपने प्रेजेंट में जी रही थी मैं और मेरी बेटी जो इतनी क्यूट है और इतनी प्यारी है कि मैं बता नहीं सकती। सूरज जी की दादी ने हमारी बिटिया का नाम राधिका रखा है और इससे खूबसूरत नाम दूसरा नहीं हो सकता मेरी बिटिया के लिए। मैं खुश थी अपने पति के साथ और मुझे उम्मीद थी कि इस बार मैं फिर से गर्भवती हो जाउंगी, क्यूंकि, वो मुझसे इतना प्यार जो करते हैं। बाय!

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