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प्रपंच पार्ट - १

6 महीने तक बेहोश रहने के बाद आज राजेश और शेखर को होश आया। हॉस्पिटल में किसी को उम्मीद नही था कि इतने भयानक एक्सीडेंट के बाद भी किसी इंसान की जान बच सकती है। होश आने के 15 दिनों तक राजेश और शेखर दोनो बिस्तर पर ही रहे, 16वे दिन डॉक्टर ने उन्हें उठकर चलने फिरने को कहा। दोनो पहले की तरह अब फिर से चले फिरने में सक्षम थे, उन्होंने डॉक्टर को थैंक्स कहा और डॉक्टर ने लीगल डॉक्यूमेंटशन्स करने के बाद उन्हें हॉस्पिटल से फ्री कर दिया। दिल्ली पुलिस की नौकरी में राजेश और शेखर दोनो सी आई डी डिपार्टमेंट में इंस्पेक्टर थे और हॉस्पिटल से डिसचार्ज होने के बाद दोनों अपने अपने घर वापिस आ चुके थे। 28 साल का राजेश और 30 साल का शेखर दोनो ने एक साथ पुलिस फोर्स में तैनात हुए थे। अपने 4 साल के नौकरी में दोनों ने अपने लिए 2 बड़े बड़े दुश्मन, सारंग और राजन, जो उनके जान के दुश्मन बन गए थे। 6 महीने पहले राजन और सारंग ने ही राजेश और शेखर पर हमला करवाया था, लेकिन इस बार दोनो की जान बच गयी थी। राजेश और शेखर इस बात को जानते थे और उन दोनों ने सारंग और राजन के खिलाफ सुबूत इकट्ठा करने में और जोर देने लगे।

एक महीने बाद सी आई डी हेडक्वार्टर में जब राजेश और शेखर इन्वेस्टिगेशन में लगे हुए थे तभी उन्हें एक कॉल आया। वो कॉल सविता नाम की लड़की का था जो सारंग और राजन के खिलाफ गवाह बनने को तैयार थी और उसके साथ उसकी दोस्त अनु भी गवाह बनने को तैयार थी। अनु ने बताया कि वो सारंग के डांस बार मे डांसर थी और सविता राजन के डांस बार मे डांसर थी। सविता के दो भाई उनके गैंग में काम करते थे, जो समय आने पर पुलिस के लिए कुछ सबूत इकट्ठा करने में लगे थे और जिन्हें राजन और सारंग ने बड़े ही बेरहमी से कत्ल करवा दिया। सविता के भाइयों ने सबूत उसकी बहन को दे दिया, जिसके बाद दोनों मर गए। अपने भाईयों के मरने के बाद सविता ने फैसला किया कि वो इन दोनो को सलाखों के पीछे डलवा कर ही दम लेगी। अभी सारंग और राजन के गुंडे उनके पीछे पड़े हैं और उन्हें पुलिस प्रोटेक्शन की सख्त जरूरत है। राजेश ने अनु से उसका लोकेशन लिया और शेखर को लेकर उस लोकेशन को ट्रैक करते हुए कुतुब इंस्टिट्यूशन एरिया के संजय वन जो एक हॉन्टेड जगह भी है, वहां रात के टाइम पहुचे।

संजय वन का एरिया काफी घना और गहन अंधेरा था, शेखर ने राजेश से कहा कि यहां खतरा भी हो सकता है, इसीलिए तुम मुझे कवर करो और मैं आगे चलता हूँ। राजेश और शेखर ने अपनी अपनी रिवोल्वर निकाल ली और दोनों एक दूसरे को कवर करते हुए आगे बढ़ने लगे। थोड़ी दूर जाने के बाद उन्हें उनके मोबाइल पर कॉल आया और उन्होंने बताया कि आगे चलकर एक पीर बाबा का मजार है, वो दोनों वहीं इंतेज़ार कर रही है। आगे बढ़ने पर एक पीर बाबा का मजार आया जहां दो लड़कियां बुर्के में उनका इंतेज़ार कर रहीं थी। शेखर और राजेश ने दोनो लड़कियों को अपनी पुलिस वैन में बिठाया और अपने साथ अपने कमरे पर ले आए, जहाँ उन दोनो को किसी से कोई खतरा नही था। जब सविता और अनु ने अपना बुर्का उतारा तो उनका रूप और सौंदर्य देखकर शेखर और राजेश दोनो के होश उड़ गए, और होश उड़ते भी क्यों ना, जब बुर्के के अंदर इतनी हॉट लड़कियां, लहँगा चोली में होंगी तो अच्छे अच्छे के होश उड़ जाते। अब शेखर और राजेश ने विटनेस प्रोटेक्शन प्रोग्राम के मद्देनज़र किसी से कुछ भी नही कहा और ना ही किसी भी सीनियर अफसर को इसकी जानकारी दी। सविता और अनु के सेफ्टी का पूरा इंतेज़ाम करने के बाद उन्होंने दोनों को कहा कि वो दोनों फ्रेश होकर चेंज कर लें, और उनदोनो के लिए खाने के इंतेज़ाम करने के लिए दोनों मार्किट के लिए निकल गए।

जब दोनों मार्केट से वापस लौट कर आए तो उन्होंने देखा कि दोनों ने उनकी सफेद शर्ट और लुंगी पहनी हुई है और दोनों बिस्तर पर लेटे हुए थे। वैसे तो दोनों काफी सेक्सी लग रहे थे, लेकिन शेखर और राजेश ने खुद को संभालते हुए उनदोनो को नींद से जगाया और कहा कि वो खाना खा लें और रेस्ट करें, हम कल सुबह बात करेंगे। वो दोनो मान गयीं और डिनर करके सो गयीं। 

अगली सुबह, सविता और अनु जब फ्रेश होकर आयीं तो उनके लिए पंजाबी सलवार कमीज रखीं थी जो उनदोनो को एकदम फिट आ गयी। जब दोनों कमरे से बाहर आयीं तब डाइनिंग टेबल पर शेखर और राजेश उनका इंतजार कर रहे थे। अनु और सविता डाइनिंग टेबल पर बैठकर नास्ता करने लगीं और राजेश और शेखर को देखकर मुस्कुराते हुए कहा कि नास्ता बहुत ही टेस्टी बना हुआ है। राजेश ने कहा कि अब ये सब बातें छोड़ो और शुरू से अपनी कहानी सुनाओ। अनु ने सविता की ओर देखा और सविता ने कहा कि आपको हम हमारी पूरी कहानी बताएंगी, लेकिन आप लोग मेरी बातों को एक रिकॉर्ड कर लीजिए, ताकि कल को कुछ हो भी जाये तो भी आपके पास पुख्ता सबूत हो सारंग और राजन को हवालात की हवा खिलाने के लिए। राजेश ने कहा कि ठीक है सविता, तुम पूरी कहानी सुनाओ, ये सब कैसे शुरू हुआ और कैसे तुम दोनों उन दोनों के चंगुल से आजाद हुईं।

सविता ने कहानी सुनना शुरू किया,

राजू और सोनू मेरे दो भाई शुरू से गुंडागर्दी करना, बदमाश टाइप इंसान थे। मैं कॉलेज में पढ़ती थी और मेरा बॉयफ्रैंड अनुराग मेरा पूरा ख्याल रखता और हद से ज्यादा प्यार करता था। मेरे भाइयों को मेरा और अनुराग का रिश्ता मंजूर नही था लेकिन मुझे इस बात से कोई फर्क नही पड़ने वाला था, सो मैने अपने दोनों भाइयों को अच्छे से समझ दिया कि मुझसे और अनुराग से दूर रहे और अपना काम देखें। लेकिन मेरे दोनो भाई नही माने और एक दिन तो उनदोनो ने मिलकर मेरे अनुराग को बहुत मारा और उसे धमकाया कि वो मुझे छोड़ दे और मेरे साथ ना रहा करे। मैं और अनुराग एक दुसरे से बहुत प्यार करते थे, तो हमने फैसला किया कि हम दिल्ली छोड़ कर हमेशा के लिए यहां से दूर चले जाएंगे लेकिन हमारे वहां से भागने से एक दिन पहले उन्हीने अनुराग का अपहरण कर लिया और अपने बॉस के पास ले गए। उसके बॉस का नाम सारंग, और उसने मेरे भाइयों से कहा कि अनुराग को यहां से दूर भिजवा दो, और उन लोगों ने अनुराग को बैंकाक भिजवा दिया और जब मुझे इस बात का पता चला कि मेरे अनुराग का अपहरण मेरे भाइयों ने किया है तब मैं अपने भाइयों से बहुत लड़ी लेकिन अब कुछ नही हो सकता था। मैंने सोचा कि अपनी कॉलेज की पढ़ाई पर ध्यान दूँ और हर रोज़ भगवान से प्रे करती की कैसे करके भी मेरे अनुराग का कोई सुराग मिल जाता लेकिन मुझे तो पता भी नही था कि अनुराग कहाँ और किस हालात में है। एक दिन कॉलेज से लौटते वक्त मेरे ही भाइयों के साथ काम करने वाले उस गैंग के गुंडों ने मेरे साथ रास्ते मे बदसलूकी की। जब मेरे भाइयों को इस बात का पता चला तो वो उन गुंडो से जाकर भीड़ गए और उनदोनो के बीच बहुत बवाल हुआ।

बाद में मेरे भाइयो को पता चला कि सारंग मुझे अपने डांस बार मे नचनिया बनाना चाहता है तब मेरे भाइयों के पैर तले जमीन खिसक गई, और जब उनदोनो ने सारंग के खिलाफ जाने की बात कही तो सारंग और उसके गुंडों ने मेरे दोनो भाइयों को मरवा दिया और मुझे अपने डांस बार मे नचनिया की जिंदगी बिताने को मजबूर कर दिया। मेरे अस्तित्व को खत्म कर दिया गया था, हर रोज़ मुझे एक नए कस्टमर के साथ रात बिताने पर मजबूर किया गया और कुछ पैसे देते ताकि मैं खाना खा सकूँ। कुछ दिनों पहले मेरे पास एक कस्टमर आया जिसने मुझे बताया कि अनुराग अभी भी दिल्ली में ही है और उसने मुझे अनुराग का पता भी दिया। मैं किसी तरह चोरी छुपे अनुराग से मिलने गयी और जब मैंने अनुराग को इतने दिनों बाद देखा तो वो पहले से बहुत बदल चुका था। अनुराग को अब मेरी तरह ही एक औरत बना दिया गया था और उसे भी मेरी तरह राजन के डांस बार मे नचनिया बनाकर रखा गया था। अनुराग को ऐसी हालत में देखकर मुझसे रहा नही गया क्योंकि उसके इस हालत की जिम्मेदार मैं थी। मैने उसी दिन अनुराग को अपने साथ किसी तरह वहां से निकाला और अपने साथ ले आयी। अनु कोई और नही मेरा पहला प्यार अनुराग ही है, और हमदोनो को आप दोनों जैसे ईमानदार पुलिस ऑफिसर के अलावे कोई नही बचा सकता है, इसीलिए हमदोनो आपके पास आये।"

राजेश और शेखर को यकीन नही हो रहा था, इतनी सेक्सी लड़की कभी मर्द हुआ करती थी। राजेश ने शेखर से कहा,  "ऐसा भी हो सकता है, इस सारंग और राजन के गैंग के लोग ऐसे भी लड़कियों को तैयार करते हैं। तभी आज के दिनों में 17, 18 साल के लडकों का अपहरण हो रहा है, हम तो लड़कों को ढूंढने जाते हैं और उसके गैंग के लोग उन लड़कों को लड़की बनाकर अपने बार मे नचनिया बनाकर रखते हैं, तभी हमें कोई सुराग नही मिलता है।"


शेखर ने कहा, "लेकिन अब हमें पता है कि अपहरण के बाद उन लड़को की रिकवरी कैसे करनी है।"

"हाँ राजेश लेकिन मामले के तह तक जाना उससे ज्यादा जरूरी है। अनु और सविता के बयान के हिसाब से तो ये सब सच लग रहा है लेकिन क्या ऐसा सच मे हो भी रहा है या नही, इसका पता करना ज्यादा जरूरी है", शेखर बोला।

"आपदोनो को मेरी बातों पर यकीन नही है, मैं आपको हर उस जगह लेकर जाऊंगी, जहां से लड़को को लड़की बनाया जाता है, जहां बेचा जाता है और जहां रखा जाता है", अनु बोली।

अनुराग की बात सुनकर राजेश और शेखर दोनो तैयार हो गए और कहा कि उस जगह ले चले जहां ये सब होता है। अनु और सविता ने उनकी बात मान ली और उनके साथ पुलिस वैन में बैठकर उस जगह लेकर गयी। एक मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल के बाहर उनको रुकने को कहा। राजेश और शेखर ने गाड़ी रोक दी और अनु और सविता को लेकर हॉस्पिटल में एंटर किया। हॉस्पिटल के बेसमेंट में 5000 स्क्वायर फ़ीट के हॉल में, कुछ लोग बैठे थे जो देखने मे गुंडे प्रवृत्ति के दिखाई दे रहे थे। जब शेखर और राजेश अनु और सविता को लेकर आते देख उन लोगो ने सभी को रोका। शेखर और राजेश ने पुलिस आई डी दिखाया और आगे बढ़ने लगे तभी उनके सिर पर किसी ने जोर से डंडा मारा और दोनों बेहोश हो गए।

होश आने पर शेखर और राजेश ने देखा कि दोनों के बेड के सिरहाने पर अनु और सविता बैठी मुस्कुरा रही है, दूसरी ओर राजन और सारंग खड़े मुस्कुरा रहे थे। राजन और सारंग को देखकर राजेश और शेखर बिस्तर से उठने की कोशिश करने लगे लेकिन उनके हाथ पैर बंधे हुए थे। राजन और सारंग जोर जोर से हँसने लगे, अनु और सविता भी हँस रही थी और राजेश और शेखर को समझ नही आ रहा था कि उनके साथ हो क्या रहा है।

"तुमदोनो यही सोच रहे हो, कि तुम्हारे हाथ पैर बंधे हैं, तुम्हारी गवाह तुम्हारे सामने खड़ी है और हम दोनो भी, हाहा हाहा .... बिल्कुल सही सोच रहे हो तुम दोनों, अनु और सविता हमारे लिए काम करती है और ये हमदोनो का प्लान था। वैसे तो तुमदोनो बहुत सख्त जान हो जो इतने भयानक एक्सीडेंट से बच गए। लेकिन हम दोनों ने तय किया है कि अब तुम दोनों को अपनी आइडेंटिटी को खोना पड़ेगा, तुम दोनों को एक नई आइडेंटिटी दी जाएगी। तुम दोनों का मकसद हम दोनों को गिरफ्तार करना था, है ना! अब तुम दोनों की बाकी की जिंदगी हमारे बार मे कटेगी। हम तुम दोनों को बैंकाक भेज रहे हैं, अनु और सविता और मेरे कुछ लोग वहां जाएंगे तुम दोनों के साथ। चालाकी करने की कोशिश मत करना क्योंकि अब तुम्हारी चालाकी तुम्हारे किसी काम की नही, 6 महीने बाद जब तुम दोनों लौटोगे तब तुम अपनी पहचान खो चुके होंगे और एक नए पहचान के साथ तुम दोनों हमारे बार मे हमारे लिए काम करोगे", सारंग बोला।

"जो सपना तुम दोनो देख रहे हो, वो कभी पूरा नही होगा सारंग, एक काम कर, हम दोनों को यहीं मार दे, क्योंकि तूने हम दोनों को जिंदा रखा तो हम तुम्हे जान से मार देंगे", शेखर बोला।

"हाहाहाहा, देखते हैं इंस्पेक्टर, कौन सपना देख रहा है और कौन हकीकत बयान कर रहा है। तुझे तो हम मरेंगे नही लेकिन इतना तड़पाएँगे कि तुम्हारी पुश्ते भी सी आई डी में भर्ती होने से खौफ खाएंगी", सारंग बोला।

फिर वहां एक अनजान लड़की आयी, शेखर और राजेश के बांह में इंजेक्शन लगाया। इंजेक्शन लगते ही दोनों बेहोश हो गए। जब दोनों की आंख खुली तो उन्होंने देखा कि वो हॉस्पिटल में हैं और उन दोनों का पूरा शरीर दर्द कर रहा था।

"डॉक्टर, पेशेंट को होश आया गया, जल्दी आइए", नर्स ने डॉक्टर को बुलाया।

"हेलो मिस शिखा एंड हेलो मिस रागिनी, वेलकम बैक। आप दोनों 5 महीनों से गहरे नींद में बेहोश थीं और आज आप दोनों को होश आया है", डॉक्टर ने मुस्कुराते हुए कहा।

राजेश और शेखर अपने आस पास देखने लगे, कि शायद डॉक्टर किसी और से बात कर रहा था लेकिन डॉक्टर उन्ही से बात कर रहा था।

"वी आर मेंन डॉक्टर, आप किससे बात कर रहे हैं", राजेश बोला।

"सॉरी तो से बट आप दोनो अब एक फुल्ली फंक्शनल लड़की बन चुके हैं, मिस्टर राजेश आप मिस रागिनी बन चुके हैं और मिस्टर शेखर आप मिस शिखा बन चुके हैं। आप दोनों अब लड़की हैं, और 2 हफ्तों में आप दोनों का पीरियड्स भी शुरू हो जाएगा", डॉक्टर बोला।

"व्हाट द फ़क डॉक्टर, हम अभी भी मर्द हैं और हमारी आवाज़ भी, तो तुम कैसे कह सकते हो कि अब हम दोनों औरत बन गए हैं?", गुस्से में शेखर ने डॉक्टर से कहा।

"आपदोनो की आवाज़ अभी भी मर्दो जैसी है क्यूंकि सारंग सर ने आपके आवाज़ को लड़कियों की तरह करने को मना किया था। आज से आप दोनों की ट्रेनिंग शुरू की जाएगी, तो उससे पहले अच्छा होगा कि आप दोनो खुद को तैयार कर लें", ऐसा बोलकर डॉक्टर वहां से चला गया।

सविता और अनु उनके साथ हॉस्पिटल में थी, सविता राजेश की देखभाल करती और अनु शेखर की देखभाल करती। शेखर और राजेश को शाम में एक कमरे में ले जाया गया जहां दो ब्राज़ीलियाई आदमी पहले से खड़े उनका इंतेज़ार कर रहे थे। इससे पहले की राजेश और शेखर कुछ समझ पाते, उससे पहले एक नए राजेश को और दूसरे ने शेखर को कमर से पकड़ लिया और उन्हें किस करने लगे। राजेश और शेखर रेसिस्ट करने लगे, लेकिन एक तो वो दोनों ब्राज़ीलियाई आदमी 6.5 ft के थे और ऊपर से काले सांड़ की तरह दोनो पर टूट पड़े। 

उनदोनो के सामने राजेश और शेखर कमज़ोर और काफी छोटे लग रहे थे, एक ने राजेश के गाउन को फाड़ दिया और दूसरे ने शेखर की गाउन को। फिर दोनों ने राजेश और शेखर के बाल पकड़े और उनके मुह में अपना लन्ड डाल दिया और दोनों के मुह को चोदने लगे। राजेश ने शेखर की ओर देखा तो शेखर सच मे किसी 23 साल की लड़की के जैसा लग रहा था और वही हाल राजेश का भी था। फिर उन दोनों काले सांड़ ने राजेश और शेखर के गांड में अपना लन्ड डाल दिया और उन्हें फिर से चोदने लगे। पहली बार राजेश और शेखर ने गांड मरवाना क्या होता है, इसे अनुभव किया था। दर्द से दोनों का बुरा हाल था और थोड़ी देर तक शेखर और राजेश का गांड मारने के बाद उनदोनो ने शेखर और राजेश को गोद मे उठा लिया और उनके चूत में अपना लन्ड एक झटके में घुसा दिया। 

आधे घंटे तक दोनों को भरपूर चोदने के बाद राजेश और शेखर के चूत से लन्ड निकाल लिया और उनके मुह में दुबारा डाल कर उनके मुह को चोदने लगे। थोड़ी देर बाद उन दोनों ने अपना वीर्य राजेश और शेखर के मुह में डाल दिया और उनके मुह को दबा कर उन्हें पीने को मजबूर कर दिया। उन दोनों ब्राज़ीलियाई आदमी से चुदने और उनका वीर्य पीने के बाद राजेश और शेखर रोते रहे, उन्हें रोता हुआ छोड़कर वो दोनों ब्राज़ीलियाई आदमी वहां से बाहर निकल गया। कमरे के एक कोने में बैठकर राजेश और शेखर रो रहे थे कि तभी वहाँ अनु और सविता आ गयी।

"शिखा और रागिनी, कैसा लगा तुमदोनो को अपनी लाइफ का पहला सुहागरात मनाकर, वो भी इतने तगड़े आदमियों के साथ!", अनु बोली।

"तुमदोनो ने हमारे साथ ऐसा क्यों किया, तुमने हमें धोखा क्यों दिया। हमारे साथ जो हो रहा है वो बहुत गलत हुआ", राजेश बोला।

"हाहाहाहा, तुमदोनो को इस हालत में देखकर तुम्हे नही पता कि हमे कितनी खुशी हो रही है। तुमदोनो के सुहागरात की पूरी वीडियो हमने रिकॉर्ड कर ली है। तुम्हारी एक गलती, इस वीडियो को ऑनलाइन सोशल मीडिया पर शेयर करने में मुझे एक पल नही लगेगा।", सविता बोली।

"व्हाट द फ़क, डिलीट करो उसे अभी", शेखर गुस्से में बोला।

"फ़क तो अब तुम्हारी जिंदगी की सच्चाई बनने वाली है। अब जाओ जाकर फ्रेश हो लो और डिनर कर लो, समझी तुम दोनों", अनु बोली।

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