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विटनेस प्रोटेक्शन और रेपिस्ट ह्युमिलिएशन एक्ट - Season - 1

साल २०२४

इंडियन गवर्नमेंट ने दो नए कानूनों को लांच किया, जिसे पूरी सहमति के साथ सदन में पास कर दिया गया। ये दो नए कानून थे, विटनेस प्रोटेक्शन एक्ट और रेपिस्ट ह्युमिलिएशन एक्ट। चूँकि कानून की नज़र में गुनेहगार तबतक गुनेहगार साबित नहीं होता, जबतक उसके खिलाफ ठोस सबूत नहीं मिल जाते और इन्ही हो मद्देनज़र रखते हुए इंडियन गवर्नमेंट ने इन दो कानूनों को मान्यता दी। 

विटनेस प्रोटेक्शन एक्ट- इस एक्ट के तहत विटनेस को प्रोटेक्शन देने के लिए और सही न्याय देने के लिहाज़ से उन्हें दो कमांडो सिक्योरिटी के साथ कुछ अलग ऐसी सुविधाएं भी देने के प्रावधान थे, जिनके तहत विटनेस को ये हक़ था कि वो अपनी पहचान छिपा सके। मर्द हो या औरत, इसके लिए विटनेस को हॉर्मोन्स रिप्लेसमेंट थेरेपी की मदद से अपना जेंडर चेंज करने की भी सुविधा मिली ताकि एक नए नाम के साथ विटनेस अपनी लाइफ को सेफ्टी के साथ आगे बढ़ा सके।

रेपिस्ट ह्युमिलिएशन एक्ट- इस एक्ट के तहत देश भर के जेल में इकट्ठे रेपिस्ट को पांच साल की सजा देने का प्रावधान रखा गया। इस एक्ट के तहत वो पांच साल रेपिस्ट को जेल में नहीं बिताने थे बल्कि उन रेपिस्ट को एचआरटी यानि हॉर्मोन्स रिप्लेसमेंट थेरेपी की मदद से शीमेल बनाकर वेस्ट इंडीज़ भेजा जाएगा और वहां उनके साथ अगले पांच साल तक हर रोज़ ठीक वैसा ही व्यव्हार किया जायेगा, जैसा व्यव्हार उन रेपिस्ट ने उन लड़कियों के साथ रेप करते समय किया होगा। वेस्ट इंडीज गवर्नमेंट के साथ इंडियन गवर्नमेंट ने एक कंसेंट साइन किया, जिसमे वेस्ट इंडीज गवर्नमेंट की स्वीकृति के साथ वे अगर चाहें तो इन रेपिस्ट की वीडियो को पोर्न साइट्स पर अपलोड भी कर सकते हैं। लेकिन अगर रेपिस्ट हॉर्मोन्स रिप्लेसमेंट थेरेपी से शीमेल बनने के बजाय, औरत बनने का फैसला करता है तो उसे औरत बनाकर सोनागाछी में तीन साल तक प्रोस्टीच्यूट की लाइफ जीनी होगी। रेपिस्ट के पास दोनों ऑप्शंस होंगे ताकि वे भी अपने लिए जो फैसला करना चाहें कर सकें।

ऐसे सख्त कानूनों को मान्यता प्राप्त होने के साथ ही मानवाधिकार आयोग ने इस कानून का विरोध करने शुरू कर दिया, लेकिन फिर इन दोनों नियमों को मानवाधिकार आयोग के दायरे से बाहर कर दिया, जिससे देश भर में खौफ का माहौल चा गया था। अरब देशों की तरह एक ऐसे कट्टर कानून को देश में मान्यता मिल चुकी थी, जिसकी इस देश को सख्त जरुरत थी। अब समय आ चूका था देश के रेपिस्ट को इस एक्ट की एक झलक दिखाने का और इसके लिए सबसे पहले उन चार लड़कों को चुना गया, जिन्होंने निर्भया कांड जैसे कुकृत्य को अंजाम दिया था। निर्भया के रेपिस्ट फांसी की सजा पाकर तो मर ही चुके थे। 

लेकिन इन चार लड़कों को ये कभी नहीं पता था कि भारत सरकार कभी ऐसा भी कानून लेकर आएगी, जिसे सुनकर रेपिस्ट्स की गांड फटकर हाथ में आ जाएगी। ये चारो लड़के बहुत ही आमिर घराने और अपर क्लास सोसाइटी से बिलोंग करते थे और इनके नाम राहुल चौबे, सुमित श्रीवास्तव, रवि चोपड़ा और अंकित भल्ला था। राहुल, सुमित,  रवि और अंकित को जब इस सजा के लिए चुना गया, तब उन चारों ने सुसाइड करने की कोशिश की! लेकिन उन्हें सुसाइड करने से रोकने में जेल प्रशाशन कामयाब रही और उन चारों को एक अलग सेल में शिफ्ट कर दिया गया। दिन में एक बार खाने को मिलता और तीन टाइम हॉर्मोन्स से मेडिसिन्स दिए जाने लगे। इधर इस रेप के एकलौते क्राइम विटनेस सौरभ तंवर को विटनेस प्रोटेक्शन एक्ट के बारे में बताया गया और उसे काफी ऑप्शंस दिए गए। 

सौरभ एक अनाथ था और उसके आगे पीछे कोई भी नहीं था और उसे डर था कि आज नहीं तो कल उन चारो लड़कों के माँ बाप उसे मरवा ही देंगे। क्यूंकि वे काफी ऊँची जाती और पैसों वाले थे और उन्होंने ना जाने कितनी बार सौरभ को केस से नाम वापस लेने के लिए धमकी भी दी। लेकिन जिस लड़की का रेप हुआ था, वो लड़की सौरभ की गर्लफ्रेंड थी जिससे वो बहुत प्यार करता था और एक वही थी जो सौरभ की अपनी थी। उसके सिवा सौरभ का कोई नहीं था दुनिया में और सौरभ उन चारों के लिए मौत से बदतर सजा चाहता था और वैसा ही हुआ। उन चारों को हॉर्मोन्स रिप्लेसमेंट थेरपी पर रखा जा चूका था और उन्हें सजा दी जा चुकी थी। गवर्नमेंट की ओर से सौरभ को भी अपना डिसीज़न बताने को कहा गया और सौरभ ने एक सायकेट्रिस्ट की मदद ली। सायकायट्रिस्ट ने सौरभ को अपना सेक्स चेंज करवाने की सलाह दी, क्यूंकि सौरभ दिखने में काफी स्मार्ट था और उसके नैन नख्श काफी शार्प और बॉडी स्ट्रक्चर काफी स्लिम था। सौरभ को एक नयी आइडेंटिटी के साथ एक नए शहर में घर और एक प्राइवेट जॉब की सुविधा भारत सरकार की ओर से देने की बात कही गयी। सौरभ ने अपना जवाब दिया, हाँ में! और उसे भी हॉर्मोन्स रिप्लेसमेंट थेरेपी पर रख दिया गया। 

इधर राहुल, सुमित, रवि और अंकित को हॉर्मोन्स रेप्लसेमेन्ट थेरेपी पर रखा गया और साथ ही उन्हें क्रॉसड्रेसिंग की ट्रेनिंग दी जाने लगी। इधर सौरभ को भी हॉर्मोन्स रिप्लेसमेंट थेरेपी पर रखा गया और उसे भी क्रॉसड्रेसिंग की ट्रेनिंग दी जाने लगी। एक महीने बाद राहुल, सुमित, रवि और अंकित के नाक और कान छेद दिए गए और उनमे पीतल के नथिया और बाली पहना दी गई। चारो बहुत रोये, बहुत गिड़गिड़ाए लेकिन कोर्ट आर्डर की अवहेलना करना पॉसिबल नहीं था। दो महीने गुज़र चुके थे और राहुल, सुमित, रवि और अंकित के चेस्ट अब ब्रैस्ट बन चुके थे और उनके बाल भी थोड़े घने हो चुके थे। इन चारों के बॉडी हेयर्स गायब हो चुके थे और उनके चेहरे पर दाढ़ी मुछ आने भी बंद हो चुके थे। तीसरे महीने के अंत तक राहुल, सुमित, रवि और अंकित को फैसला करना था कि उन्हें वेस्ट इंडीज जाना है या सोनागाछी! राहुल और रवि ने फैसला किया कि वो सोनागाछी जायेगा ताकि तीन साल में ही सजा ख़त्म हो जाये। इधर सुमित और अंकित ने वेस्ट इंडीज जाने का फैसला किया ताकि उनकी मर्दानगी को उनके बॉडी से हटाया ना जा सके। तीन महीने के ख़त्म होते ही राहुल और रवि को औरतों की तरह तैयार करके वेस्ट इंडीज भेजने के लिए डोक्युमेंटेशन्स शुरू कर दिए गए। सुमित और अंकित के सेक्स चेंज के लिए उनके सर्जरी को प्रोसेस करने लिए डोक्युमेंटेशन्स शुरू कर दिए गए। दो तरीके से औरत बनाने का प्रोसेस था, एक जिनमे सुमित और अंकित को बाहरी रूप से औरत बनाया जाना था। और दूसरा जिनमे सुमित और अंकित को पूरी तरह से अंदर और बाहर दोनों रूप से औरत बनाया जाना था ताकि तीन साल की सजा के बाद वे किसी मर्द के साथ सेटल होकर अपनी लाइफ स्पेंड कर सकें। डॉक्यूमेंटेशन कम्पलीट होने में चौबीस घंटे लगे और उसके बाद अप्रूवल मिलते ही सबसे पहले मीडिया के सामने दोनों रेपिस्ट को औरत के रूप में ले जाया गया और उन्हें सबके सामने ह्युमिलियेट किया गया। राहुल और रवि मीडिया के सामने रोने लगे और अपनी गलती के लिए माफ़ी मांगने लगे और पुरे देश ने ये देखा। उसके बाद राहुल और रवि को दो इंडियन कमांडो की संरक्षण में वेस्ट इंडीज भेज दिया गया। इधर सुमित और अंकित ने फैसला किया कि वे सिर्फ बाहरी रूप से ही औरत बनेंगे और उन्हें ऑपरेशन के लिए ले जाया गया। सुमित और अंकित को आर्मी हॉस्पिटल में एडमिट किया गया और उनके सेक्स चेंज ऑपेरशन की तयारी शुरू कर दी गयी। इधर सौरभ को अगले एक साल तक हॉर्मोन्स पर ही रखने का फैसला किया गया ताकि सौरभ के बॉडी में फीमेल ऑर्गन्स धीरे धीरे डेवेलोप करें।

एक साल बाद,

राहुल और रवि को वेस्ट इंडीज में एक ऐसी जगह रखा गया, जो एक सीक्रेट प्लेस थी। राहुल और रवि के साथ हर रोज़ दो अलग अलग काले मर्द सेक्स करते और उन दोनों के रोने और चिल्लाने के बावजूद उन्हें पलंगतोड़ सेक्स करता और उनके बेहोश होने तक सेक्स करते। 

इधर सोनागाछी के एक सीक्रेट जगह पर सुमित और अंकित को औरत बनाकर रखा गया और उन्हें प्रोस्टीच्यूट की तरह हर रोज़ अलग अलग मर्दों के साथ सोना पड़ रहा था। उनके साथ सिर्फ फॉरेनर्स को सेक्स करने की अनुमति थी और उनमे से ज्यादातर इंडो अफ्रीकन मर्द ही होते। वे सुमित और अंकित के साथ जी भर कर सेक्स करने को आज़ाद थे वो भी बिना कंडोम के। सुमित और अंकित पूरी रात रोते और चिल्लाते, रहम की भीख मांगते, लेकिन उन्हें एक भी दिन की राहत नहीं मिल सकी थी।


और इधर सौरभ के शरीर में फीमेल ऑर्गन्स का डेवलपमेंट पूरा हो चूका था और उसे फाइनल ऑपरेशन के लिए अपोलो हॉस्पिटल में एडमिट कर दिया गया था।  


    

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