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नयन कहूँ या नयना

नयना का मन आज थोड़ा उदास था। वो बार बार सोच रही थी कि ये सब कैसे हो सकता है। वो बार बार अपने दुपट्टे से खेल रही थी। उसकी जिंदगी एक ऐसे मुकाम पर थी जहां से लौटना कम से कम उसके लिए तोह संभव नहीं था। वो बेहद खूबसूरत और सेंसेटिव लड़की थी। अपने परिवार से अलग एक फ्लैट में रहती थी। एक सफल कैरियर वुमन के साथ वो व्यवहार कुशल लड़की भी थी। लेकिन मैं आपको बता दूं कि नयना शुरू से लड़की नहीं थी। वो एक सुंदर सा लड़का थी जो क्रॉस ड्रेसिंग करते करते कब एक सुंदर सी लड़की मैं तब्दील हो गई उसे खुद पता न चला।

बात शुरू होती है छह साल पहले……!


नयन शुरू से ही बेहद सुंदर लेकिन शर्मीला सा लड़का था। उसकी मां एक मानी हुई स्टेज डांसर थी। जहां उनका डांस होता था तो ये समझो कि स्टेज पर आग लग जाती थी। उनकी एक डांस एकेडमी भी थी जहां शहर की जानी मानी हस्तियों के बच्चे डांस सीखने आते थे। उनका कुल मिला कर काफी प्रभाव था। नयन से बड़ी एक बहन भी थी जो सबसे अलग स्वभाव कि लड़की थी। उसे बस पढ़ने का शौक था, वो फैशन डिजाइनर बनने का कोर्स कर रही थी। पैसों की कोई दिक्कत नहीं थी क्यूं की नयन कि मां के स्टेज शो से अनाप शनाप पैसा आता था। फिर अकेडमी की कमाई अलग से थी।

नयन के नैन नक्श अपनी मां के जैसे थे। और शरीर की कोमलता भी ऐसी कि लड़कियां भी मात खा जाएं। पढ़ने में उसका भी जबाव नहीं था। स्कूल में हमेशा अव्वल आता। साथ में ड्रामा वगैरह में भी उसका रुझान बहुत था। उसकी इस रुचि के कारण उसको सब छेड़ते भी बहुत थे। लेकिन वो मुस्करा के रह जाता।

क्रॉस ड्रेसिंग उसकी आदत थी, लेकिन अब तक घर वालों से छिप कर कर रहा था। लड़कियों के कपड़े पहनना, उनकी तरह सजना संवरना उसे अच्छा लगता था। यहां तक कि उसने अपने नेल्स और बाल भी काफी हद तक लड़कियों की तरह बढ़ा लिए थे। उसकी अलमारी मैं तरह तरह के रंगों की नेलपॉलिश और लिपस्टिक रखी रहती थीं। जब वह अकेला होता तब खूब सजता था। 



ऐसे ही एक दिन..

उस दिन उसकी मां एक प्रोग्राम के लिए शहर से बाहर गई हुई थी। किसी स्कूल का वार्षिकोत्सव था। चीफ गेस्ट के तौर पर उनका सम्मान होना था। घर में वो अकेला था। बहन भी किसी सहेली के घर गई थी। बस उसने नहा धोकर अपने शरीर पर लोशन लगाया और फिर एक ब्लू कलर की ब्रा और पैंटी पहनी, काफी समय से ब्रा पहनते पहनते उसके स्तनों के उभार अलग नजर आते थे। और ब्रा पहनते ही एक अजीब सी गुदगुदी महसूस होने लगती थी। खैर अब अपनी बहन का सूट निकाला ये ब्लू कलर का पटियाला सूट था जो उसके गोरे बदन पर बहुत फबता था। कुर्ती पहनते ही उसके स्तन एक दम बाहर निकल आए। क्यूं की उसने अपनी ब्रा मैं इंहेंसर लगाए थे। इन्हेंसेर को चिपकाना नहीं होता है, बस ब्रा के कप में डाल दो। अब आइने के सामने बैठ कर मेकअप किया आई ब्रो पहले ही शेप में थीं। ज्यादा काम नहीं करना पड़ा। आंखों में काजल की बारीक लकीर उसकी आंखों को बेहद खूबसूरत बना रही थी। फिर ब्लू कलर की नेल पेंट से अपने बीसो नेल्स को रंग दिया। फिर अपनी नाज़ुक कलाइयों में ढेर सारी ब्लू कलर की चूड़ियां डालीं। अब जरा सा हाथ हिले तो समझो चूड़ियां शोर मचा के रख देती। अब उसने बेड पर बैठ कर पैरों में पायल भी पहन ली। जैसे ही उसने दुपट्टा अपने कंधों पर डाला और अपने आप को शीशे में देखा तो देखता ही रह गया।

शीशे में एक बेहद कमसिन बाला ब्लू पटियाला सूट में गजब ढा रही थी। अब उसने एक विग निकाला, जो अक्सर डांस या ड्रामा मैं पहनता, उसको अपने सिर पर सेट किया। बालों को खुला ही छोड़ दिया। तभी… 



“नयन, दरवाजा खोलो।” किसी ने पुकारा।

“धत् तेरे की!” उसके मुंह से निकला।

“ओह! नो ये तो नेहा दी की आवाज़ है।” वो अब थोड़ा नर्वस हुआ।

“ क्या बात है नयन, दरवाजा क्यूं नहीं खोलते?” नेहा दी ने फिर कहा। अब क्या करूं? यार दी अब तो छोड़ेंगी नहीं वैसे भी लड़की कह कर चिढ़ाती हैं, अब इस रूप में मुझको देखेंगे तो निश्चित ही मुझे लड़की बना कर ही छोड़ेगी।

अब कब तक छिपाकर रखूंगा अपना राज, किसी दिन तो खुलना ही है क्यूं न आज ही सही… ये सोच कर उसने दरवाजा खोल ही दिया। भगवान का शुक्र था कि दरवाजे के आस पास कोई और नहीं था।

“क्या है ये सब?,क्या आज किसी ड्रामे में जा रहा है?”

नेहा दी हंस कर बोली।

“नहीं दी, बस मन कर रहा था।” उसने सर झुकाकर कहा।

“ओह! तो मेरा भाई लड़की बनना चाहता है? “अब वो कुछ सोच कर बोली।

“वैसे एक बात बताऊं, यार तू मस्त लग रहा है। एक दम चिकनी चमेली। ये मेकअप, ये पटियाला सूट, ये नाज़ुक कलाइयों में ढेर सारी चूड़ियां। मुझे तो डर लगता है कि कोई तुझे किडनेप न कर ले।” दी अपनी मस्ती में बोले जा रही थीं।

“दी, अब ज्यादा मत सताओ। शर्म आती है मुझे।” उसने शर्म से अपना मुंह दुपट्टे में छिपा लिया।

“हाय राम! अब लड़कियों की तरह शर्माना भी सीख गया।” दी अब छेड़ते हुए बोली। 



“वैसे अब तू नयन तो रहा नहीं क्यूं कि इस वेशभूषा में कोई पागल भी तुझको लड़का नहीं कहेगा। इस लिए अब तू मेरे लिए सिर्फ एक लड़की है और तेरा नाम है ‘नयना ‘

समझी कि नहीं।” दी ने मुझे चिकोटि काटते हुए कहा।

“जी समझ गया।” उसने धीरे से कहा।

“समझ गया नहीं समझ गई बोल यार, अब तू लड़की है।”

फिर हम दोनों ने मिल कर खाना बनाया। किचेन में भी नेहा दी कि शरारत बंद नहीं हुई।

“अरे ठीक से सब्जी काट, नहीं तो सास कहेगी कि हमने अपनी बहन को कुछ सिखाया तक नहीं।”

“ अरे दी आप भी कहां तक सोच लेती हो, मेरे को नहीं बनना किसी की बहू।” उसने भी इतराते हुए कहा।

“ चल कोई बात नहीं, अब फटाफट काम कर” दी ने प्यार से झिड़कते हुए कहा।

“कर ही तो रही हूं” उसने भी लड़कियों की तरह कहा।

खाना बनाने के बाद दोनों ने साथ साथ ही खाया। फिर नयना ने सारे बर्तन साफ किए।

अब दोनों बेड रूम में आ गए। नेहा दी ने नयना को एक नाइटी देते हुए कहा। “ चल अब सूट उतार कर ये पहन ले”

उसने नाइटी पहन ली, बिल्कुल फिट आई। फिर दोनों रात भर बातें करते रहे। एक ही बेड पर दोनों चिपक कर सो गए। रात भर नेहा दी नयना को सीने से चिपका कर सोती रही। बड़ा प्यार आ रहा था उसको अपनी नई बहन पर। सुबह नेहा दी की आंख खुली तो देखा कि नयना उनके आंचल में मुंह लगा कर सो रही थी। उन्होंने प्यार से उसे किस किया और उठ कर बाथरूम चली गई। 



“ नयना उठ, ले चाय पी ले।” नेहा दी ने उसे प्यार से उठाया।

“ अं…दी... अभी सोने दो न।” नयना ने कसमसाते हुए कहा।

“ बेटू अब उठ मम्मी कभी भी आ सकती हैं। दी ने उसे बताया।

“ ओह अच्छा!” नयना बोली।

अब नयना एक बार फिर नयन बन गई। सारा मेकअप साफ, नेल पेंट, काजल सब साफ़, चूड़ियां, पायल, इयररिंग्स सब वापस अलमारी में रख दिए। विग को भी अपनी जगह मिल गई। कुलमिलाकर अब फिर से घर में एक भाई और एक बहन रहने लगे। दोपहर को नयन की मम्मी भी आ गई। थकी हुई थी इसलिए चेंज करने के बाद वो अपने रूम में आराम करने चली गई। आज नेहा दी के कॉलेज की छुट्टी थी इस लिए अब खाना बनाने की जिम्मेदारी नेहा दी की थी।

“ देख जब तक मम्मी आराम कर रही हैं तब तक हम लोग खाना बना लेते हैं।” वो नयन से बोली।

“ ठीक है दी, लाओ मैं भी आपकी हेल्प कर दूं।” नयन ने कहा।

“ अरे भाई रहने दे, बस तू भी आराम कर।” दी ने प्यार से उसे समझाया।

“ ओह! कल तो बड़ी बड़ी बातें हो रही थी, और आज ?” नयन ने दी को चिढाया।

“ कल मेरे पास मेरी बहन थी, जो सूट, चूड़ियां, मेकअप करके एक पत्नी बनना चाहती थी, पर आज मेरे पास मेरा भाई है।” दी ने नयन के गाल खींच कर कहा 



“उई! दी लगता है।” उसने भोली सूरत बना कर कहा।

“ मुझे तो लगता है…?” दी ने बात अधूरी छोड़ दी।

“ क्या लगता है, बोलो क्या लगता है?” नयन ने कमर पर हाथ रखकर कहा।

“ यही कि अब मम्मी को एक बहू के बजाय दामाद खोजना चाहिए।” वो हंसते हुए बोली।

“ दी!!आप बहुत मक्कार हो, जाओ मुझे आपसे बात नहीं करनी।” नयन ने मुंह फुलाकर कहा।

“ अरे मेरी लाडो गुस्सा हो गई, छौली मेली बहना।” दी ने तुतलाकर कहा तो नयन की हंसी निकल गई।

फिर ऐसे ही हंसी मज़ाक में दोनों ने खाना बनाया और फिर दी ने नयन को कहा कि मां को उठा कर खाने पर बुला लो।

सब ने मिलकर खाना खाया। नयन के हाव भाव उसकी मां से भी नहीं छिप सके। वो बार बार उसको देख रही थी क्यूं की नयन का हाथों को लड़कियों की तरह चलाना, मुंह पर हाथ रखकर हंसना, आंखों को नचाना सब कुछ जनाना अदाएं थी जो सिर्फ लड़कियां ही कर सकती थी।

“ नयन यहां आओ।” उन्होंने सोफे पर बैठ कर कहा।

“ जी मम्मी।” नयन इतना कह कर उनके पास जाकर बैठ गया।

नयन की मम्मी का नाम गायत्री देवी है।

अब गायत्री देवी ने उसके हाथ को पकड़ कर पूछा,” क्यूं ये सब क्या है?”

“ मम्मी ये हाथ है मेरा।” वो हंसकर बोला।

“ ये तो मुझे भी दिख रहा है, लेकिन इतने बड़े बड़े नेल्स वो भी एक दम manicured कमसे कम लड़कों के नहीं हो सकते।” उन्होंने उसके नेल्स देख कर कहा।

“ अरे मम्मी आज कल ड्रामा की रिहर्सल चल रही है…” नेहा दी ने सफाई देनी चाही।

“ तुम चुप रहो, मैंने इससे पूछा है।” वो नेहा दी कि तरफ देख कर बोली।

“ मम्मी.. दी सच कह रही हैं।” नयन ने बताया। 



“ बेटा देखो माना कि तुमको भी डांस वगैरह का शौक है और मेरी राय में ये ग़लत भी नहीं है पर लड़कों का इस तरह लड़कियों की तरह सज धज कर नाचना कुछ अजीब सा महसूस होता है।” गायत्री देवी ने समझाते हुए कहा।

“ लेकिन मम्मी आप भी एक डांसर हैं, एक सेलेब्रिटी हैं बस आपकी तरह मुझे भी बनना है।” नयन ने अपने मन की बात कही।

“ बेटा मैं एक औरत हूं, ये सब मेरे लिए मामूली सा काम है, पर तुम एक लड़के हो तुम ऐसा करोगे तो लोग क्या कहेंगे?” मां ने फिर समझाया।

“ मम्मी प्लीज!” नयन ने धीरे से कहा।

“ ठीक है, तुम जो कहो मैं मानती हूं लेकिन मेरी शर्त है?” गायत्री देवी ने हथियार डालते हुए कहा।

“ बताइए” नयन बोला।

“ पहले तो तुम अपनी पढ़ाई अच्छी तरह से करो, फिर जॉब की कोशिश करो। बाकी तुम जो चाहो कर सकते हो।” उन्होंने बताया।

“ मम्मी, I love you!” नयन खुशी से अपनी मां से लिपट गया।

अब नयन ने जी तोड़ कर मेहनत की बारहवीं कक्षा में उसने टॉप किया और नेहा दी की तरह फैशन डिजाइनर बनने का फैसला किया। नेहा दी के ही कॉलेज में उसका भी एडमिशन हो गया। चूंकि इस तरह की पढ़ाई में कोएजुकेशन का सिस्टम होता है इस लिए नयन को कोई खास परेशानी नहीं हुई। यहां उसकी चाल ढाल को लेकर कोई दिक्कत नहीं थी ज्यादातर उसकी दोस्ती लड़कियों से ही थी। उनके हि साथ पढ़ना उठना बैठना सब कुछ होता रहा। धीरे धीरे लड़कियां उसकी क्रॉस ड्रेसिंग की आदत को भी जान गई। एक आध बार नयन ने उनके सामने सूट पहन कर डांस भी किया था। जहां लड़कियां उसकी पढ़ाई की कायल थी अब उसके डांस की भी कायल हो गई थी। इनमें एक लड़की थी पायल। पायल एक बेहद खूबसूरत लड़की थी और काफी पैसे वाले परिवार से थी। उसका एक भाई था जो उससे दो साल बड़ा था और MBA की पढ़ाई के लिए अमेरिका गया हुआ था। केवल टाइम पास के लिए वो ये कोर्स कर रही थी। उसकी नयन के साथ काफी अच्छी दोस्ती हो गई थी।

ऐसे में एक दिन…

दोनों लाइब्रेरी में अकेले बैठे थे और आज नयन कुछ कहना चाहता था। उसने पायल के हाथ को पकड़ कर पूछा

“पायल.. मैं कुछ कहना चाहता हूं..?”

“बोलो” वो बोली

“ मैं..!” अब फिर चुप।

“बोलो यार, लड़कियों की तरह क्यूं शरमाते हो?” उसने हंसते हुए पूछा।

“मुझे तुम बहुत अच्छी लगती हो।” एक सांस में सब बोल गया वो।

“हम्म! तुम भी बहुत अच्छे लगते हो मुझे।” उसने उसका हाथ पकड़ कर कहा। 



फिर दोनों कुछ बातें करते रहे।

नयन की पढ़ाई भी बहुत अच्छे तरीके से आगे बढ़ रही थी और उसके अंदर की लड़की भी दिन प्रति दिन नया सीख रही थी। घर में वो अक्सर अब सलवार सूट पहन कर ही रहता था। क्यूं की गायित्री देवी घर में कम ही रहती थी। और नेहा दी अपनी सहेलियों के साथ मस्ती में मस्त रहती थीं। कॉलेज से आने के बाद नयन नयना बन जाती थी। कभी सूट तो कभी साड़ी पहन कर वो घर में अकेली रहती थी और डांस करती थी। अब उसके स्तन भी बड़े होने लगे। एक उभार उसकी शर्ट या टी शर्ट से भी नजर आने लगा था। बाहर जाते वक्त वो अब ढीले ढाले कपड़े पहनता था। लेकिन उसकी शर्ट या टी शर्ट के नीचे ब्रा जरूर होती थी। आदत जो पड़ गई उसको।

एक दिन कॉलेज में वो और पायल दोनों बैठे थे और बात चल रही थी कि पायल ने अपना हाथ उसकी पीठ पर रखा तो वो चौंक गई।

“नयन ये क्या! तुमने ब्रा पहनी है?” उसने आश्चर्य से पूछा।

“हां,” नयन ने धीरे से कहा।

“ फिर तो पैंटी भी पहनी होगी?” उसने हंसते हुए पूछा।

“ हां” वहीं जबाव।

“यार तुम लड़की हो या लड़का?” उसने फिर पूछा।

“लड़का हूं, कोई शक है क्या?” उसने पूछा।

“ब्रा पैंटी पहनते हो, नेल्स और बाल भी बढ़ा लिए है फिर भी अपने आप को लड़का कहते हो?”वो बोली।

“पायल ये मेरा शौक है बस।” उसने कहा।

“और ये क्या तुम्हारे कान भी छिदे हुए हैं, मेरी समझ में नहीं आता कि तुमको दोस्त कहूं या सहेली?” वो हंसते हुए बोली। 



“अरे मुझे ड्रामा का शौक है इसीलिए दी ने कान छिदवा दिए थे।” उसने बताया।”

“उस दिन जब तुमने सूट पहन कर डांस किया तो मैंने यहीं समझा कि तुम एक आर्टिस्ट हो लेकिन आज पता चला कि तुम मेरी सहेली नयना हो जो गलती से नयन बन गई ।” पायल ने कुछ सोचते हुए कहा।

“अब क्या करूं? मुझे शुरू से ही यही लगता है कि मैं एक लड़की ही हूं जो गलती से लड़के के शरीर में पैदा हो गई।”

नयन की आंखों में आसूं आ गए।

“पागल रोते क्यूं हो, मैं हूं न आज से तुम मेरी सहेली नयना हो बस।” उसने नयन को गले लगा कर कहा।

बस उस दिन के बाद से नयन की जिंदगी बदल गई। वैसे भी उसको पायल से कोई लवर वाली फीलिंग नहीं थी। पायल उसकी वो सहेली थी जो उसके दिल की बात सुनती, उसको मेकअप के टिप्स देती, उसके साथ लड़कियों जैसी बातें करती। 

एक दिन…

“नयना आज क्या है?” पायल नयन को नयना कह कर ही बुलाती थी।

“अं... यार ध्यान नहीं आता, तुम ही बता दो।” नयना ने कुछ सोचते हुए कहा।

“मेरी पागल सहेली आज मेरा बर्थडे है।” पायल हंसते हुए बोली। 



“ओह! यार सो सॉरी भूल गई, happy birthday to my sweet heart ❤️” नयना उसको किस करके बोली।

“कोई विश नहीं, आज तू मेरे घर आ रही है बस।” पायल ने उसे बताया।

“आज.. मम्मी से पूछूंगी।” नयना कुछ सोचते हुए बोली।

“आंटी से मैं बात कर लूंगी। बस तू तैयार रहना।” पायल ने उसका हाथ पकड़ कर कहा।

छुट्टी के बाद जब नयन घर पहुंचा तो नेहा दी घर पर ही थीं।

“दी एक बात करनी है आपसे?” नयन ने कहा।

“बताओ।” दी ने कहा।

“दी आज पायल का बर्थडे है, उसने पार्टी में मुझे भी बुलाया है।” नयन ने बताया।

“कोई बात नहीं है। चले जाना मैं मम्मी को बता दूंगी तू टेंशन मत कर।” दी ने प्यार से कहा।

“लेकिन दी एक प्रॉब्लम है!” नयन बोला।

“वो क्या है? दी ने पूछा।

“वो नयना को बुला रही है, नयन को नहीं।”

“क्या??” दी ने आश्चर्य से पूछा। 



“हां दी, अब मैं क्या करूं आप ही बताओ?” नयन परेशान होकर बोला।

“हम्म! वैसे तेरा क्या विचार है?” दी ने सोचते हुए कहा।

“दी अब सब लोग मेरे बारे में जान ही गए हैं तो अब छिपाने से क्या होने वाला है?” नयन बोला।

“बात तो सही है।” दी बोली। “फिर भी अभी सबके सामने खुल कर मत आओ सही समय आने पर मैं खुद नयना को इस समाज के सामने लाऊंगी।” दी उसको समझाया।

“अब सुन आज एक दम मस्त होकर जाना और खूब मज़ा लेना, इच्छा हो तो रात को लौट आना नहीं तो कल दिन में आ जाना।” दी ने नयन के सिर पर हाथ रखकर कहा।

अब नयन तैयारी करने लगा नयना बनने की। सबसे पहले उसने क्रीम से अपने बदन के सारे बाल साफ़ कर लिए। फिर लोशन लगाकर बेड पर बैठ गया। एक दम कसी हुई पैंटी के अन्दर उसने एक सेनेटरी पेड लगा लिया जिससे उसके आगे का मर्दाना उभार लगभग समाप्त हो गया। बिल्कुल ऐसा लग रहा था कि उसके पास भी लड़कियों की तरह योनि है। फिर ब्रा पहनकर उसमे इनहेंसर डाल दिए। अब उसकी छाती उभर कर सामने आ गई। फिर एक डार्क पिंक कलर का पेटीकोट पहना। इसी तरह से पिंक ब्लाउस पहना जो थोड़ा डीप नेक वाला था। अब उसके स्तन ब्लाउस में से बाहर आने को उतावले होने लगे। साड़ी पहनने में वो काफी एक्सपर्ट हो गया था। इसलिए उसने जो साड़ी पहनी वो नाभिदर्शना स्टाइल की थी उसकी नाभि में जो रिंग पड़ी थी वो ग़ज़ब ढा रही थी। 



अब मेकअप की बारी थी एक दम सिम्पल मेकअप किया उसने। काजल, गालों पर हल्का सा रूज़ ,और पिंक लिपस्टिक फिर उसी मैचिंग की नेलपॉलिश। एक हाथ में चूड़ियां और दूसरे हाथ में बेहद प्यारी कलाई घड़ी। उंगलियों में अंगूठियां भी सुंदर लग रही थीं। साड़ी का पल्लू उसने अपने लेफ्ट कंधे पर सेट किया। और सीधे कंधे पर एक लम्बी बेल्ट वाला पर्स लटका दिया।

“क्या बात है! नयना ये बेली पियर्सिंग कब करवा ली?” दी ने नयना के पेट पर उंगली रख कर पूछा।

“दी, पिछले हफ्ते पायल ने करवा दी थी। वो तो नाक के भी पीछे पड़ी थी लेकिन मैंने मना कर दिया।” नयन ने बताया।

“बाय द वे मस्त लग रही है।” दी ने तारीफ की

अब नयन पूरी तरह से तैयार हो कर सोफे पर बैठ कर पायल का इंतजार करने लगा। बेचैनी उसके चेहरे पर साफ नजर आ रही थी। क्यूं की ये पहला मौका था जब वो औरत की तरह कहीं बाहर जा रहा था। बार बार उसकी निगाह अपनी कलाई घड़ी पर जाती और उसकी चूड़ियां खनखना उठती थी।

नेहा दी उसकी बेचैनी को समझ रही थीं। तभी बाहर कार का हॉर्न बजा।

“लो आ गई तुम्हारी सहेली, आराम से जाओ और जरा भी नर्वस मत होना। तुम नयना हो एक बेहद खूबसूरत लड़की जो किसी भी पार्टी की शान है।” इतना कहकर दी ने नयन को अपने सीने से चिपका लिया और फिर उसकी हथेलियों को किस किया। 



“बाय! दी,” नयन ने हाथ हिलाकर कहा।

“बाय मेरी बहना, बस मस्त रहना और मज़े करना।” दी ने भी हाथ हिलाकर कहा।

“अब चलें मैडम?” पायल ने स्टेयरिंग संभाला।

“ओके!” नयन ने मुस्करा कर कहा।

“By the way miss Naina you are looking stunning and beautiful.” पायल नयना कि तरफ देख कर बोली।

“ थैंक्स यार,” नयना ने कहा।

“ यार तुम इतना अच्छा मेकअप कर लेती हो, इतना तो मैं लड़की होकर भी नहीं कर पाती।” पायल ने उसकी तरफ देख कर कहा।

“ पायल मैंने आज तक अपने आप को लड़का माना ही नहीं, शुरू से ही मुझे सजना संवरना अच्छा लगता था।।”

“ चलो आज तुमको किसी से मिलवाती हूं ।” पायल ने आंख मारते हुए कहा।

पायल के घर के बाहर कार रुकी और पहले पायल बाहर आई और नयना की तरफ का दरवाजा खोला। किसी अभिनेत्री की तरह नयना ने अपना एक पैर बाहर निकाला एक दम भक्ख गोरे गोरे पैर नेल पेंट की वजह से बेहद खूबसूरत लग रहे थे।

अब पायल ने नयना का हाथ पकड़ कर चलना शुरू किया। आज नयना की चाल में नज़ाकत, कोमलता सब कुछ था।

पार्टी में काफी लोग शामिल थे। लेकिन पायल की एक आध सहेली के अतिरिक्त कोई और कॉलेज का दोस्त नहीं था। अब नयना को पायल की दोस्तों ने घेर रखा था।

“ वाओ! नयना यार गजब ढा रही हो!” एक ने कहा।

“ क्या बात है, आज तो पूरी तरह औरत बन गई हो क्या पार्टी में बिजली गिरानी है?” दूसरी ने कहा।

नयना को बड़ी शर्म आ रही थी। वो बार बार अपने साड़ी के पल्लू को अपनी उंगली मै लपेट रही थी। उसके हाथ कांप रहे थे। होंठ सूख रहे थे। पायल ने जब नयना को परेशान देखा तो उसने उसे सबसे अलग ले जाकर एक कुर्सी पर बैठा दिया। 



“ बेबी परेशान मत हो, बस दो मिनट में आती हूं।” इतना कहकर वो वहां से चली गई।

अब नयना अकेली बैठी थी। बेचारी पहली बार औरत बन कर बाहर आई वो भी एक अनजानी जगह पर। खैर अब वो नॉर्मल हो चुकी थी कि तभी..

“ एक्सक्यूज मी,” एक आवाज़ आई।

उसने मुड़ कर देखा। एक बड़ा हसीन सा बंदा उससे कुछ पूछ रहा था। उम्र होगी पच्चीस वर्ष एक दम कसा बदन, गोरा रंग कुल मिलाकर मर्दानगी का जीवंत उदाहरण था वो।

“ अं..आप ?” नयना के मुंह से बस इतना ही निकला।

“ पायल को देखा क्या ?” उसने पूछा।

“ नहीं.. हां.. अभी गई थी.. अंदर।” वो हड़बड़ा कर बोली।

“ थैंक्स, “ इतना कहकर वो वहां से चला गया। 



“ अजीब इंसान है?” नयना बड़बड़ाई।

“ कौन है अजीब?” तभी वहां पायल आ गई।

“ कुछ नहीं, एक महाशय आपको पूछ रहे थे।” नयना मुस्कराकर बोली।

“ ओह जरूर सिड होगा।” पायल बोली।

“ सिड ??” नयना ने पूछा।

“ अरे सिद्धांत नाम है उनका हम लोग सिड बोलते है उनको।” पायल ने बताया।

“ अच्छा।” नयना बोली।

तभी एक नौकर ने बताया कि सब लोग हॉल में इकट्ठे हो क्यूं की पायल का बर्थडे केक कटने वाला है। काफी रईस और प्रभावशाली लोग इस पार्टी में शामिल थे। नयना चुपचाप सी खड़ी सब देख रही थी। फिर वो कोल्डड्रिंक का ग्लास लेकर एक कुर्सी पर बैठ गई। हालांकि पार्टी में सभी लोग उसको एक लड़की ही समझ रहे थे। वो थी भी बेहद खूबसूरत। अब डांस चालू हो गया। सभी अपने अपने पार्टनर के साथ नाच रहे थे। नयना चुपचाप सब देख रही थी। तभी…

“ एक्सक्यूज मी! क्या मैं यहां बैठ सकता हूं?” उसके बगल में कोई बोला।

“ अं..जी ।” वो कुछ घबराकर बोली।

“ Don’t worry, मैं ऐसा वैसा नहीं हूं।” वो बेफिक्री से बैठ कर बोला।

“ मैंने कुछ कहा क्या?” वो उसकी तरफ देख कर बोली।

“ By the way I am सिड.” उसने अपना हाथ उसकी ओर बढ़ाया।

“???” वो चुप।

“ मैडम मैं आपसे ही कह रहा हूं।” उसने उसकी तरफ चुटकी बजाते हुए कहा।

“ मै नहीं जानती आपको।” अब नयना ने कहा।

“ मैं पायल का भाई हूं, आज ही लंदन से लौटा हूं।” वो बोला।

ओह! तो आप है मेरी सहेली के भाई, मैं नयना हूं ।” अब उसने अपना हाथ उसकी ओर बढ़ाया।

सिड ने उसका मखमली हाथ अपने हाथ में लेकर कहा,” आपके हाथ बेहद खूबसूरत हैं, लोगों की नजर से बचाना इनको।”

“ हा हा, आप डायलॉग बढ़िया मारते हैं।” नयना अब कुछ फ़्री हुई।

“ रियली नयना, मैं इतने दिनों से लंदन में रहा लेकिन तुम जैसी लड़की नहीं देखी। इंडियन ब्यूटी वो भी साड़ी में, you are stunner.” वो बोलता चला गया।

नयना परेशान ‘अब क्या करूं ‘वो सोचने लगी। अगर इसको पता चला कि मैं कोई लड़की नहीं हूं तो ये क्या सोचेगा?

कहीं इसने सब को मेरे बारे में बता दिया तो मैं तो गई।

उसका हाथ अभी भी सिड के हाथ में ही था। वो उसके लंबे नेल्स से खेल रहा था।

“ अगर आप मेरा हाथ पकड़ कर ऐसे ही बैठे रहेंगे तो लोग क्या कहेंगे?” वो कसमसाकर बोली।

“ ओह! Sorry “ उसने उसका हाथ छोड़ दिया।

‘ हाय, मेरी कलाई!’ वो अपने हाथ को सहलाते हुए बोली।

तभी वहां पायल आ गई। “ अरे सिड तुम यहां ?” उसने आते ही पूछा। 



“अरे यार। मैं जरा एकांत चाहता था इस लिए यहां आ गया। और ये मैडम भी अकेली थी इसलिए मैंने सोचा कि क्यूं न मैं इनको भी कंपनी दे दूं, मेरा भी मन बहल जाएगा। तुम जानती हो कि मुझे भीड़ भाड़ पसंद नहीं है।” उसने कहा।

“ तुम मिली इनसे, ये है मेरे प्यारे भाई जिनके बारे में तुमको बताया था।” पायल ने मेरे हाथ को सहलाते हुए कहा।

“ सिड ये मेरी प्यारी सी सहेली नयना है। हम दोनों एक ही कॉलेज में है।” पायल ने नयना को सिड का परिचय दिया।

पार्टी देर रात तक चली। नयना ने फोन करके नेहा दी को बता दिया कि वह अब कल आएगी।

काफी रात तक सिड, नयना, पायल बातें करते रहे। फिर नयना पायल के रूम में ही सो गई। लेकिन काफी रात तक उसकी आंखों के सामने सिड का ही चेहरा नजर आता रहा।

अगले दिन पायल के कहने पर सिड खुद अपनी मर्सिडीज कार से नयना को उसके घर छोड़ गया।

नेहा दी ने एक लड़के के साथ नयना को कार से बाहर आते देखा तो वो भी आश्चर्य में पड़ गई। एक दम हैंडसम नौजवान जब इतनी महंगी कार से निकल कर नयना को घर तक छोड़ रहा है तो निश्चित ही उसका नयना से कोई संबंध तो होगा ही। और नेहा दी को ये बहुत ही अच्छा लगा।

“ क्या बात है, महंगी गाड़ी, गबरू जवान!” दी ने उसे चिढाया।

“ दी, आप भी न, एवंई कुछ भी तो नहीं है।” नयना शरमा कर बोली।

“ चल अब कपड़े बदल कर आजा।” दी ने उसे प्यार से ठेलते हुए कहा।

आज नयना को बड़ा अजीब सा लग रहा था। जब भी वो कल की रात के बारे में सोचती उसके सामने सिड का चेहरा नजर आता। ये पहली बार हुआ कि उसका दिल किसी लड़के के लिए धड़का।

सुबह जब वो उठी तो उसके चेहरे पर मुस्कान थी लेकिन ये मुस्कान बनावटी थी। नेहा दी सब समझ गई। लेकिन अब नयन को नयना के रूप में मां के सामने कैसे लाए ये सोच रहीं थीं। क्यूं की गायत्री देवी अब तक नयन की वास्तविक स्थिति से अवगत नहीं थीं।

इधर नयना के अंदर एक लड़की धीरे धीरे बड़ी हो रही थी। 



सिड वापस लंदन चला गया था। लेकिन वो नयना से मिल कर गया था। एक अनौपचारिक बातचीत के बाद उसने नयना को किस किया और चला गया। सिड की इस हरकत से नयना थोड़ी विचलित हो गई, लेकिन पायल ने उसे प्यार से समझा दिया। 

अब नयना की डिग्री पूरी हो चुकी थी और उसको तमाम फैशन डिजाइनर के कॉल आ रहे थे। वैसे भी उसका लुक लड़कियों जैसा ही था इसलिए उसको एक बड़े फैशन शो में हिस्सा लेने का मौका मिला। उसके डिजाइन्स सभी को बेहद पसंद आए। देश भर में वो एक फैशन मैगजीन की कवर गर्ल भी बन गई।। अब वो नामचीन हस्तियों में शुमार हो गई। इधर सिड के भी फोन आते रहते थे घंटों दोनों बतियाते रहते। नेहा दी अब थोड़े सुकून में हो गई। उसने अपने कैरियर की कुर्बानी सिर्फ नयना की वजह से से दी। क्यूं कि वो चाहतीं थीं कि नयना का कैरियर बन जाए तो वो अपनी जिंदगी खुद संवार लेगी।

एक दिन गायत्री देवी ने नेहा दी से पूछा, “ नयन का क्या होगा? “

“ मम्मी आप किसी सेक्स specialist से मिलो, शायद कोई बात बन जाए?”

“ ठीक है बेटा, कल ही नयन को लेकर जाती हूं।” गायत्री देवी ने लम्बी सांस लेकर कहा।

अगले दिन नयन और उसकी मां दोनों एक लेडी डॉक्टर के पास गई। नयन ने जीन्स और टीशर्ट पहन रखी थी। लेकिन उसके हाव भाव अब लड़कियों जैसे हो गए थे। एक दम चिकना बदन, नेल्स पर क्लियर पॉलिश लगी थी जिससे उसके हाथ लड़कियों जैसे ही लग रहे थे। बस मां ने उसके कान से टॉप्स उतार दिए थे। डॉक्टर ने नयन को देखा फिर उन्होंने उसको एक अलग रूम में बुलाया और अकेले में उसके लिंग को देखा फिर उसके टेस्टिकल्स भी देखे। चेकअप के बाद वो बाहर आई।

“ गायत्री मैंने सब चेक किया मुझे लगता है कि तेरे बेटे की बॉडी में फीमेल हार्मोन्स जरूरत से ज्यादा हैं। और इसके गुप्तांग भी विकसित नहीं हो रहे हैं, मैं कुछ टेस्ट लिखती हूं तुम ये सारे टेस्ट कराकर लाओ फिर मैं देखूंगी की आगे क्या करना है।” डॉक्टर ने बताया।

अगले दिन उसके तमाम ब्लड टेस्ट हुए। फिर शाम को डॉक्टर ने गायत्री देवी को बुलाया।

“ गायत्री, नयन के सारे टेस्ट हो चुके हैं और मुझे तुमसे बात भी करनी है।” डॉक्टर ने कहा।

“ जी बताओ क्या कहना चाहती हो?” गायत्री देवी ने पूछा।

“ देखो नयन के अंदर फीमेल हार्मोन्स जरूरत से ज्यादा हैं, और इसका मेल रिप्रोडक्शन पार्ट भी लगभग निष्क्रिय हो गया है। ऐसे में इसका एक लड़के के रूप में लाइफ गुजरना बेहद कष्टकारी हो सकता है।” डॉक्टर ने बताया।

“अब क्या करना होगा?” गायत्री देवी ने पूछा।

“अब एक ही उपाय है, आप इसकी SRS करवा दो क्यूं की एक लड़की के रूप में इसकी जिंदगी कहीं हद तक सही हो जाएगी। वरना ये न तो लड़का होगी और न ही लड़की। उपर से समाज के ताने इसे जीने नहीं देंगे।” डॉक्टर ने उनको समझाया। 



“ठीक है, आप जो उचित समझो।” गायत्री देवी ने कहा।

अब घर आकर उन्होंने सारी बात नेहा दी और नयन को बताई। नयन का मुंह खुला का खुला रह गया। और नेहा दी भी सोच में पड़ गई।

“ तो मम्मी SRS के अलावा कोई और रास्ता नहीं बचा?”

नेहा दी ने पूछा।

“ बेटा उन्होंने साफ कह दिया कि यही उपाय है।” गायत्री देवी बोलीं।

“ ठीक है फिर,” इतना कहकर उन्होंने नयन को अपने सीने से चिपका लिया।

“ तू टेंशन मत ले,जब हमको कोई परवाह नहीं तो दुनिया से हमें क्या लेना देना। अब बिंदास जिंदगी जी ले।” उन्होंने नयन को दिलासा देते हुए कहा।

“ थैंक्स दीदी, थैंक्स मम्मी “ इतना कहकर वो दोनो से लिपट गया।

अगले दिन से डॉक्टर ने नयन का एक साल का HRT का कोर्स शुरू कर दिया। उसको फीमेल हार्मोन्स के इंजेक्शन भी लगाए गए। अब नयन पूरी तरह से लड़कियों की तरह रहने लगा। उसने अब घर में सलवार सूट, साड़ियां और स्कर्ट पहनने की भी शुरुआत कर दी। 



गायत्री देवी ने भी नयन को नयना बनाने की पूरी आजादी देदी। हार्मोन्स की दवाइयां अपना असर दिखाने लगी थीं। नेहा दी ने पहले से ही नयन के अंदर जो लड़की वाली फीलिंग पैदा कर दी थी उस वजह से नयन का नयना के रूप में विकास काफी तेजी से हो रहा था। फीमेल हार्मोन्स की वजह से नयना अब बेहद सेंसेटिव हो गई थी। बात बात में वो इमोश्नल हो जाती थी।

इन सबके बीच उसकी डिजाइनिंग का कैरियर भी काफी मजबूत स्थिति में पहुंच गया था। उसके पास ढेरों ऑर्डर्स हमेशा पड़े रहते थे। अब उसके स्तन भी बड़े बड़े होने लगे। उसके कूल्हे भी गोल गोल हो चुके थे। कुल मिलाकर वो अब बेहद खूबसूरत लड़की बन गई थी। सिड को भी उसने अपने बारे में सब कुछ बता दिया था। अब पायल उसके और भी करीब आ गई। पायल एक सगी बहन की तरह उसके साथ साथ रहती थी। अब चाहे पार्लर जाना हो या ड्रेस खरीदनी हो दोनों एक साथ ही जाते थे। नयना भी कभी कभी सोचती की पायल ऐसा क्यूं कर रही है लेकिन पायल के निस्वार्थ प्रेम की भावना उसे ऐसा नहीं करने देती।

दिन गुजर रहे थे। अब गायत्री देवी ने एक नया फ्लैट नयना को दिलवा दिया। शहर से दूर रहने के लिए ये फ्लैट था। यहां अब नयना पूरी तरह से लड़की बन कर रहती थी। पायल समय समय पर उसके पास आती और उसका मन बहलाती। नेहा दी के लिए भी एक लड़का पसंद आया, अब नयना उदास हो गई क्यूं कि नेहा दी शादी के बाद लंदन शिफ्ट होने वाली थी। लेकिन शादी को करीब छह महीने बाकी थे। एक दिन ऐसे ही नयना के फ्लैट पर नेहा दी और पायल के साथ नयना बातें कर रही थी, तभी नेहा दी की शादी का जिक्र छिड़ गया।” दीदी अब आप भी चली जाओगी फिर नयना को कौन देखेगा।” पायल ने दी से पूछा।

“अरे तुम हो तो सही, फिर मुझे क्या चिंता?” दी बोलीं।

“दी, पायल अब मेरे लिए सब कुछ है, अपने नयना को जन्म दिया, लेकिन पायल ने मुझे जीना सिखाया।” नयना ने पायल का हाथ पकड़ कर कहा।

“पागल मैं यही तो कह रही हूं, मेरे बाद तेरी जिम्मेदारी पायल की है।” दी पायल के सिर पर हाथ फेरने लगी।

“अब आप दोनों मुझे रुलाओ मत! दीदी ये नयना तो पागल है कुछ भी कहती रहती है।” पायल ने नयना की चोटी खेंचते हुए कहा।

उई मम्मी!पायल की बच्ची!” नयना अपनी चोटी पकड़ कर बोली।

“दी!! I love you so much! नयना नेहा दी से लिपट गई।

“I love you too beta!” नेहा दी ने कहा।

“और मैं क्या दुश्मन हो गई आप दोनों की?” पायल भी दोनों से लिपट गई।

तीनो काफी देर तक इसी तरह एक दूसरे से लिपट कर लेट गए।

नेहा दी के जाने के बाद नेहा फिर से सोच में पड़ गई। अब ये कहानी वहीं आ गई जहां से शुरू हुई थी। अब आगे क्या…

नयना को कल रात सिड ने बताया कि अगले महीने वो इंडिया आ रहा है और वो गायत्री देवी से मिलना चाहता है।

अब नयना का दिल धड़का,” क्यूं मिलना चाहता है?”

उसने उसे बता दिया था कि पायल गायत्री देवी को नयना के फ्लैट पर लेकर आएगी जहां सिड की बात होगी।

नयना ने सारी बातें नेहा दी को बता दी। नेहा दी ने भी नयना को समझा दिया।

अब नयना का HRT का कोर्स भी पूरा हो चुका था। हार्मोन्स का असर अब नजर आ रहा था। अब उसकी srs की सर्जरी की डेट भी फाइनल हो गई थी। अगले छह महीनों में उसकी सर्जरी होनी थी। ये बात सिड को पायल ने बता दी। अगले ही महीने सिड ने आने का समय बता दिया।

आज सिड और पायल गायत्री देवी नेहा दी के साथ नयना के फ्लैट पर आने वाले थे। नयना सोच रही थी कि क्या पहनूं जो मम्मी को पसंद आए।

अब नयना ने एक पिंक ब्रा पैंटी का सेट पहना,फिर पिंक कलर का पेटीकोट और ब्लाउज भी पहन लिया। उसके उन्नत वक्ष अब ब्लाउस से निकल कर बाहर गिरे जा रहे थे। कोई भी मर्द उनको देख कर चकरघिन्नी हो सकता था। एक दम गोल और पुष्ट थे। पैंटी में सैनेट्री पैड लगा कर उसने एक योनि का आकार दे दिया। उसकी पैंटी को देख कर कोई कह नहीं सकता कि इसके अंदर क्या है। अब दोनों कलाइयों में ढेर सारी पिंक कलर की चूड़ियां डालीं जिनकी खन खन वातावरण में एक सुरीला संगीत पैदा कर रही थी। वैसे भी एक cross-dresser के लिए चूड़ियों का क्या महत्व है ये हम सब बहनें जानती हैं। चूड़ियों के बाद पायल भी पहनी। पायल की छम-छम बस जान निकालने को काफी थी। अब उसने अपने कानों में झुमके डाले ये वही झुमके थे जो किसी जमाने में बरेली के बाजार में गिर गए थे।😜 अब फुल मेकअप किया। उसकी बड़ी बड़ी आंखों में काजल गजब ढा रहा था। उसकी ब्लू आइज हिप्नोटाइज कर रही थी। कसम से इतनी खूबसूरत लड़की तो पायल या नेहा दी भी नही लगती। अब उसने आराम से बैठ कर अपने पैरों और हाथों के नेल्स भी शॉकिंग पिंक कलर से पेंट किए। एक दम पिंक diva लग रही थी नयना। इतने दिनों में उसके बाल बेहद सिल्की और लम्बे हो चुके थे उनको उसने एक क्लिप के साथ बांध दिया था। अब बड़ी नज़ाकत के साथ वो ड्रेसिंग टेबल के सामने खड़े होकर पोज देने लगी। ऐसा लगा कि कहीं आइना ही न टूट जाए। तभी डोर बेल बजी। अब नयना ने धड़कते दिल से दरवाजा खोला। 


“आए हाय! क्या लग रही है,यार?” नेहा दी ने उसे प्यार से पूछा।

“दी! आप भी ना।” नयना शरमा कर बोली।

गायत्री देवी चक्कर में पड़ गई। अब नयना को देख कर उनका फ्यूज ही उड़ गया। इतनी खूबसूरत लड़की को देख कर उनको यकीन नहीं हो रहा था कि ये लड़की कोई और नहीं बल्कि उनका बेटा है। जो अब सेक्स चेंज की ओर बढ़ रहा है। नयना को देख कर उनको यकीन नहीं होता कि ये नयन हैं। क्यूं की नयन कि कद काठी,रंग, आचार विचार सब लड़कियों जैसे ही हो चुके थे।

“बेटा, अपनी मां से नहीं मिलोगे।” अंत में गायत्री देवी बोलीं।

“मम्मी” बस नयना के मुंह से बस इतना ही निकला।

दोनों एक दूसरे से लिपट गए। गायत्री देवी को नयना के बदन से एक नारी की गंध मिल रही थी जिसकी वजह से उनको नयन में बसी नयना स्पष्ट दिखाई दे रही थी। वैसे किसी भी मां को अपने बेटे को ट्रांसजेंडर के रूप में स्वीकार करना आसान नहीं होता, लेकिन गायत्री देवी एक बेहद सुलझी हुई महिला थी वो जानती थी कि वो अपने बेटे के लिए कितनी जरूरी है। 



“अगर मां बेटी का मिलन हो गया हो तो अंदर चलें?” नेहा दी ने दोनों को अंदर ठेलते हुए कहा।

अंदर आकर गायत्री देवी फ्लैट के इटिरियर को देख कर दंग रह गई। इतना साफ सुथरा और सुंदर तरीके से फ्लैट को सजाया गया था जिसका कोई जबाव नहीं। वैसे भी नयना को अनाप शनाप पैसा मिलता था जिसको वो अपनी ग्रूमिंग और फ्लैट की सज्जा में उड़ा देती थी। उसकी ड्रेसिंग टेबल अपने आप में एक दुकान जैसी लगती थी। तमाम तरह के लोशन, क्रीम, लिपस्टिक, नेल पेंट का भंडार था। सैकड़ों तरह की रंग बिरंगी चूड़ियां ,क्लिप, इयररिंग्स सब कुछ था।

अब सभी लोग सोफे पर बैठ गए। नयना अपनी मां के बगल में उनकी गोद में सर रख कर बैठी थी। गायत्री देवी अपने हाथों से उसके सिल्की बाल सहला रही थी।

“आप बातें करो तब तक मैं सब के लिए चाय बना कर लाती हूं।” पायल ने उठते हुए कहा।

“अरे पायल तुम बैठो, ये मेरा सौभाग्य है कि मैं सबको चाय पिलाऊं।” नयना ने कहा।

“तू चुपचाप बैठ जा। जब मेरी भाभी बन जाना तब खूब चाय पिलाना।” पायल ने उसे चिढाया।

“सही तो कह रही है, अभी हमारे पास ही रहना।” नेहा दी ने भी हंसते हुए कहा।

पायल नयना को जीभ दिखा कर किचेन में चली गई।

“बेटा,आप को मैंने नहीं देखा कभी !” गायत्री देवी ने सिड की तरफ देख कर कहा। 



“मैं बताती हूं, मम्मी ये सिड है ये पायल के भाई हैं। लंदन में एक कंपनी में मैनेजर हैं।” नेहा दी ने बताया।

“जी मम्मी नेहा दीदी ने सही कहा। मेरा नाम सिद्धांत है, सब प्यार से सिड कहते हैं। मैं नयना से बेहद प्रभावित हूं, कुल मिलाकर मैं इनको अपनी जीवन साथी बनाना चाहता हूं।”

सिड ने एक सांस में सब बोल दिया।

“लेकिन बेटा तुमको नयना के बारे में सब पता है क्या?” गायत्री देवी ने पूछा।

“जी मम्मी पायल ने सब कुछ बता दिया है।,” वो मुस्करा कर बोला।

अब सब नयना की तरफ देखने लगे और नयना शर्म से पानी पानी हो गई। वो बेचैनी से अपनी साड़ी के पल्लू से खेल रही थी। उसके चेहरे पर एक ऐसी लालिमा थी जो किसी नई नवेली दुल्हन के चेहरे पर होती है। वैसे तो उसे सब पता था कि सिड का आने का क्या मतलब है लेकिन आज अपनी मां के सामने उसकी नारी सुलभ लज्जा स्वाभाविक थी। कोई भी लड़का अपनी मां के सामने अपनी होने वाली बीबी की चर्चा कर सकता है लेकिन नयन जैसा लड़का खुद कैसे किसी की पत्नी बनने की इच्छा कर सकता है।

तभी पायल चाय नाश्ता लेकर आ गई। 



“क्या बात है, सब ऐसे क्यूं बैठे हैं?” उसने पूछा।

“कुछ भी तो नहीं।” नेहा दी बोलीं।”

“लगता है कि कुछ खास बात चल रही थीं?” पायल ने नयना की तरफ देख कर पूछा।

“नहीं, बस हम लोग नयना की राय लेना चाहते थे।” नेहा दी बोलीं।

“हम! तो क्या तय हुआ?” पायल ने नयना के पास बैठ कर पूछा।

“हम चाहते हैं कि नयना की सर्जरी के पहले दोनों एक दूसरे को अच्छी तरह से समझ लें। तब हम इस रिश्ते को आगे बढ़ा सकते हैं।” गायत्री देवी ने कहा।

“सिड बेटे, ये तुमको भी पता है कि नयना मेरी बेटी नहीं है, ये एक ट्रांस वुमन है। ये तुम्हारे परिवार को बच्चे का सुख नहीं दे सकती है। फिर भी तुम शादी करना चाहते हो, क्या तुम्हारे माता पिता इस रिश्ते को स्वीकार करेंगे?” उन्होंने आगे पूछा।

“मम्मी नयना क्या है, इसका अतीत क्या था मुझे इससे कोई मतलब नहीं है। मैं इसे चाहता हूं। इसके बिना मैं कैसे जी सकता हूं। रही बात बच्चों की, तो आप बताइए कि जो वास्तविक लड़की होती हैं फिर दुर्भाग्य से मां नहीं बन सकती हैं तो क्या उनका जीवन समाप्त हो जाता है? हर समस्या का कोई न कोई समाधान भी होता है। माना कि ये लड़कों के अंग के साथ पैदा हुई लेकिन अब ये लड़का नहीं है। ये एक बहुत ही कोमल और संवेदनशील लड़की है। अगर आप कुछ बातों को छोड़ दो तो ये किसी अप्सरा से कम नहीं है।” सिड ने मुस्कराते हुए सब कह दिया।

“बेटा मैं कितनी खुशनसीब हूं कि मुझे तुम जैसा दामाद मिला। मैं तो बस इतना कहती हूं कि तुम दोनों हमेशा खुश रहो। मेरी नयना भी तुमको निराश नहीं करेगी ये मेरा विश्वास है।” गायत्री देवी ने नयना के सिर पर हाथ रख कर कहा।

अगले दिन दोनों घरों के लोग नयना के फ्लैट में इकट्ठे हुए सिड ने जब नयना की पतली सी उंगली में सगाई की अंगूठी पहनाई तो नयना को ऐसा लगा कि वो कोई स्वप्न देख रही है। नेहा दी और गायत्री देवी की आंखों में आसूं आ गए। पायल भी उन लोगों को देख कर इमोश्नल हो गई, लेकिन उसने माहौल को सामान्य बनाने के लिए नयना को छेड़ना शुरू कर दिया। 



“नयना भाभी अब तो आप मेरी भाभी बन ही गई हैं तो फिर अब इतना क्या सोच रही हैं?”, पायल बोली।

नयना कुछ नहीं बोली। वो कुछ और सोच रही थी। शायद सिड ने कुछ समझ लिया।

“नयना तुम अपने कैरियर के बारे में मत सोचो। मेरी तरफ से कोई रोक टोक नहीं है। तुम चाहो तो लंदन में तुम अपना बुटीक खोल सकती हो।”

‘सच!!” नयना ने खुश होकर कहा

“बिल्कुल सही,” सिड मुस्कराते हुए बोला

नयना ने खुश होकर सिद का हाथ अपने हाथ में लेकर चूम लिया। ये देख कर नेहा दी, गायत्री देवी और पायल तीनों मुस्कराने लगे।

“नयना बेटा हम बड़े लोगों का तो कुछ खयाल करो।” पायल ने बड़े लोगों की तरह नसीहत देते हुए कहा तो सब हंसने लगे और माहौल एक दम मस्त हो गया।

फिर एक दिन नयना को बंगलुरू के एक बेहद सुविधा संपन्न हॉस्पिटल में एडमिट कराया और उसकी सर्जरी कि गई। नेहा दी, गायत्री देवी और पायल तीनों पूरे समय तक हॉस्पिटल में बने रहे। नयना की वेजैनाप्लास्टी, लिप सर्जरी, ब्रेस्ट सर्जरी और न जाने कितनी सर्जरी हुई। अब नयना के पास आम औरतों की तरह योनि भी थी। लेकिन योनि की एक्सरसाइज बेहद कष्ट देने वाली थी। एक हफ्ते तक नर्स उसकी योनि में डिल्डो से प्रैक्टिस कराती थी, दर्द के मारे नयना की चीख निकल जाती थी। धीरे धीरे दो हफ्ते गुजर गए और उस दिन नयना को पहली बार पिरियड्स आया तो रोते रोते पूरा दिन निकल गया, लेकिन दर्द कम नहीं हुआ। फिर नर्स ने नयना को समझाया कि पीरियड्स आने का मतलब है कि नयना अपने पति के अंश को अपनी कोख मे नौ महीने रखकर उसे जन्म देकर माँ भी बन सकती है। ये सुनकर नयना को बहुत शर्मिंदगी हुई लेकिन अब यही तो लाइफ थी उसकी। जैसे तैसे पिरियड्स खत्म हुए तो नयना को बहुत राहत मिली और नयना ने फिर से डिल्डो पेनिट्रेशन शुरू कर दिया। लेकिन धीरे धीरे अब नयना को भी औरत वाला आनंद प्राप्त होने लगा था। फिर एक दिन जब उसको डिस्चार्ज किया गया।

“नयना भाभी, औरतों की दुनिया में आपका स्वागत है। आज से आप पूरी तरह से मेरी भाभी बन गई हैं।” पायल नयना को ब्रा पहनाते हुए बोली।

नयना को साड़ी पहना कर पायल उसके फ्लैट में ले गई। रात को काफी देर तक नयना सिड से बातें करती रही।

दिन गुजरते रहे। अब नयना एक बेहद खूबसूरत लड़की बन गई थी। पतली कमर, उन्नत वक्ष, लम्बे लंबे बाल। उसका लड़कों वाला अतीत कहां चला गया पता नहीं।

घर से ही वो नए नए फैशन के डिजाइन तैयार करती और कंप्यूटर की मदद से अपने कस्टमर्स को भेज देती। घर पर रहने की वजह ये भी थी कि सर्जरी के बाद उसको बहुत कमजोरी हो गई थी। लेकिन फीमेल हार्मोन्स ने उसको बेहद खूबसूरत बना दिया था। अब वो निश्चिंत होकर पायल के साथ सैलून जाती थी। दोनों मिलकर एक साथ पेडीक्योर, मनिक्योर करवाते। पायल ने जिद करके नयना की नाक भी छिदवा दी। अब नयना कानों में बड़े बड़े झुमके और नाक में बड़ी सी नथ भी पहनने लगी। उधर गायत्री देवी ने नयना की शादी की तैयारी भी शुरू कर दी। 



फिर एक दिन बंगलुरू के होटल में नयना ने सिड उर्फ सिद्धांत की शादी हुई। सिद्धांत ने जब नयना के गले मे मंगलसूत्र पहनाया, मांग मे सिंदूर भर कर नाक से नथिया निकाल कर बहुत बड़ा और हेवी नथिया पहनाया तो नयना के आँखों मे आँसू आ गए और सात फेरे लेने के बाद वो अब मिसेज सिद्धांत बन गई। विदाई के समय पहली बार वो अपनी मां से लिपट कर इतना रोई कि पायल और नेहा दी भी घबरा गई।

मर्सिडीज बेंज मे वो नयना का इंतजार कर रहा था। अब पायल नयना को धीरे धीरे कार तक लेकर आई। सिड ने पीछे की सीट पर उसको पायल के बगल में बैठा दिया। डर से नयना का पूरा बदन थरथर कर रहा था और लगातार रोए जा रही थी । अपनी माँ और बहन से बिछड़ने का गम उसे खाए जा रहा था और इधर सिद्धांत नयना को अपनी बाहों के आगोश मे लिए बैठा उसे चुप कराने की कोशिश कर रहा था।

नयना ने अब पायल के कंधे से सर टिका दिया। और तभी सिड ने स्टीरियो पर गाना लगा दिया।

‘सजदे में यूं ही झुकता हूं, तुमसे ही बातें करता हूं…..!

नयना को ये गाना बहुत ही अच्छा लगता था। उसने मुस्कराने की कोशिश करते हुए सिड की तरफ देखा। उसकी झील की तरह गहरी आंखों में सिद्धांत के प्रति प्यार उमड़ पड़ा। एक बार सिद्धांत ने भी मुढ़ के नयना को देखा। उसने शरारत से एक आंख दबा दी। नयना शर्म से लाल हो गई।

“भाई जरा रोड की तरफ भी देख लो। भाभी तो घर ही जा रही हैं। चैन से उनको निहार लेना।” पायल ने जिस अंदाज़ में ये बात कही नयना का मुंह देखने लायक था। 



अब उनकी कार एक आलीशान महल नुमा कोठी से सामने रुकी। दरवाजे पर पायल की मम्मी आरती लेकर खड़ी थीं। उन्होंने सबसे पहले सिद्धांत और नयना की आरती उतारी और फिर जो भी नई नवेली दुल्हन की औपचारिकताएं होती हैं उनको पूरा किया। पायल नयना को लेकर एक बेहद खूबसूरत रूम में ले गई। अंदर घुसते ही नयना को अपने पसंदीदा परफ्यूम की महक महसूस हुई। वो समझ गई कि ये सब पायल की करामात है। वो बेड पर बैठ गई। थैंक गॉड! उसके मुंह से निकला। दिन भर इतने भारी लहंगे को संभालते संभालते वो थक गई थी।

“ठीक भाभी, अब मैं जाती हूं। किसी चीज की जरूरत हो तो कॉल कर लेना।” पायल नयना को प्यार से बोली।

“वो कब आयेंगे?” नयना ने अपनी मृगनयनी आंखों से देखते हुए पूछा।

“आ जाएंगे बब्बा। भैया तो अब तेरे ही है समझी।” पायल ने उसके गाल खींच कर कहा।

पायल के जाने के बाद नयना ने पूरे कमरे का जायजा लिया।

तभी कमरे का दरवाजा खुला और सिड की मां अंदर आयी।

नयना ने उनके पैर छुए। उन्होंने भी उसको ढेर सारा आशीर्वाद दिया। फिर उन्होंने एक डायमंड का नेकलेस उसकी सुराहीदार गर्दन में पहना दिया।

“बेटा तुमसे मैं कुछ कहना चाहती हूं?” उन्होंने नयना का हाथ पकड़ कर पूछा।

“जी मम्मी कहिए!” नयना बोली

“बेटा आज में तुमको एक राज बताना चाहती हूं।” उन्होंने बताया।

“राज???”

“हां बेटा। मेरा सिद्धांत एक gay है। इसने ये बात मुझे बहुत पहले ही बता दी थी। इसको लड़कियों मैं कभी भी लगाव नहीं रहा। इसको लेकर मैं अक्सर चिंता में रहती थी। सोचती थी कि भगवान जाने इसका भविष्य में क्या होगा। बेहद सीधा और सच्चा बच्चा है मेरा। लेकिन जब पायल ने तुम्हारे बारे में सब बताया तो मैं समझ गई कि भगवान के घर देर है, अंधेर नहीं। तुम मेरे बच्चे के जीवन में खुशी लेकर आई हो, मैं तुम्हारा अहसान कैसे भूल सकती हूं।” इतना कहकर उनकी आंखों मै आंसू निकलने लगे। नयना की भी आंखें गीली हो गई।

“मम्मी आपने मुझे अपनी बहू बनाया है, फिर इसमें अहसान कैसा? सिड मेरे लिए सब कुछ हैं, उनको खुश रखना मेरी ड्यूटी है। आप निश्चिंत रहिए।” नयना ने उनके आंसू पोछते हुए कहा।

सास और बहू दोनों एक दूसरे का सहारा बन सकती है ये इन दोनों को देख कर कहा जा सकता था। नयना वाकई में बड़ी खुशनसीब थी क्यूं कि वो, उसकी मां और सासू मां दोनों की लाडली थी। एक ट्रांस वुमन होने के बावजूद भी ये उसका भाग्य था कि वो ऐसे परिवार की इकलौती बहू बनी जिसका शहर में अच्छा खासा प्रभाव था।

“अच्छा बेटा अब चलती हूं। थक गई होगी तुम भी।” वो उठते हुए बोली।

“जी मम्मी!” नयना ने कहा।

“और हां, एक बात और!” वो रुक कर बोलीं।

“क्या मम्मी?” नयना ने पूछा।

“बेस्ट ऑफ लक!!” वो मुस्करा कर बोली।

“थैंक्यू माम!” नयना शरमाते हुए बोली।

अब नयना फिर से अतीत के सागर में गोते लगाने लगी। उसको सब कुछ किसी फिल्म की कहानी की तरह लग रहा था। शुरू में सिर्फ एक क्रॉस ड्रेसर थी वो, लेकिन धीरे धीरे सब कुछ बदलता चला गया। क्रॉस ड्रेसर से ट्रांसवुमन बनने का सफर इतना आसान नहीं था। बहुत कुछ सहन किया। लोगों के ताने सुने, अपना मज़ाक होते हुए भी देखा। सभी की फिजूल की बातें सुनी, लेकिन पायल की दोस्ती ने उसको जीना सिखाया, खुश रहना सिखाया। 



न जाने कब तक सोचते सोचते उसकी आंख लग गई और वो उसी बेड पर लुड़क गई।

“नयना!” किसी ने पुकारा।

“कौन है? सोने दो.. यार!” वो नींद मैं बोली।

“अरे! ये मैं हूं तुम्हारा सिड।”

“क्या??” वो हड़बड़ा कर उठ गई।

“थक गई होगी तुम।” वो बोला।

“नहीं..ऐसी बात नहीं है, बस आंख लग गई थी।” नयना ने कहा।

अब सिड नयना के पास आकर बैठ गया। उफ्फ! नयना का बदन जल उठा। आज सिड का स्पर्श उसको बेहद जादुई लगा।

अब सिड ने उसका घूंघट उठाया,” माई गॉड!!!”सिड के मुंह से निकला। एक दम क़यामत लग रही थी वो। कमानीदार भवें, गुलाबी होंठ, आंखों में काजल और माथे पर एक प्यारी सी बिंदी। नाक में डायमंड की नथ कानों में झुमके और गले में डायमंड नेकलेस जो अभी मॉम ने पहनाया था।

अब सिड ने उसके होंठों को चूमने को अपना मुंह आगे किया और नयना के होंठ लरजने लगे। कम से कम एक मिनट तक उसने नयना के होंठ नहीं छोड़े। नयना आनंद के सागर में गोते लगाने लगी। लेकिन ये रात सिर्फ गोते लगाने की नहीं थी। नयना भी इस बात को समझती थी।

“अब क्या इनको खा जाने का इरादा है?” उसने हंसते हुए कहा

“यार क्या करूं, कंट्रोल ही नहीं हुआ।” वो बोला।

अब नयना उठी और वार्डरोब की तरफ बढ़ी। धीरे धीरे उसने अपने कपड़े उतारना शुरू किया। कमरे में उसकी चूड़ियों की खनक सुनाई दे रही थी। ये आवाज़ खुद नयना को मदमस्त कर रही थी। अब तो वो भी अन्य औरतों की तरह चूड़ियां पहनने के लिए ऑथराइज्ड हो चुकी थी। अब सिड को भी इंतजार नहीं हो रहा था। वो नयना को कनाखियों से देख रहा था। 



“ऐ मिस्टर! यहां क्या देख रहे हो? ” वो हंस कर बोली।

“कुछ नहीं, बस किसी की सुंदरता का रस पीने की इच्छा कर रही है।” सिड ने आंखे मारते हुए कहा।

“बड़े बेसब्र हो, थोड़ा रुक नहीं सकते बस आ रही हूं फिर खूब मज़े से मुझे ही पी लेना।” नयना हंसकर बोली।

अब नयना ने एक बेहद खूबसूरत बेबीडॉल पहन ली और बड़े ही सेक्सी अंदाज में वो सिड की तरफ चलती हुई आई।

उसके उन्नत वक्ष बेबीडॉल से बाहर निकलने को बेताब हो रहे थे। एक दम कसी हुई पैंटी में उसकी नई नवेली योनि भी आज प्यास से व्याकुल हो रही थी। एक दम चिकनी, दूध जैसी सफेद टांगे देख कर सिड का हाल बेहाल ही रहा था। अब उसका लिंग बेसब्र हो चुका था। चड्डी फाड़ के निकलना चाहता था।

नयना अब आकर बैठ गई। सिड ने भी अपने कपड़े बदल लिए थे। बेड के बगल में स्टूल पर एक ग्लास दूध का रखा था। नयना ने ग्लास उठाया और सिड के मुंह से लगा दिया।

“ये हम दोनों के लिए है “सिड ने कहा।

“जी नहीं, इसकी जरूरत तुमको मुझसे ज्यादा पड़ेगी।” नयना हंस कर बोली।

“अच्छा तो ठीक है। अब ये दूध कौन पिएगा समय बताएगा।” सिड ने भी कह दिया। और दूध का ग्लास स्टूल पर वापस पहुंच गया। 



अब उसने नयना के होंठ पर अपने होंठ रख दिए। नयना के अंदर एक अजीब सी गुदगुदी होने लगी। अब वो भी धीरे धीरे सिड के आगोश में चली गई। कमरे का वातावरण बेहद गर्म हो चला। केवल दोनों की सांसों की आवाज़ सुनाई दे रही थी। सिड ने नयना की नाभि पर एक चुम्बन किया। तड़फ उठी वो। उसका सारा शरीर झनझना उठा। अब धीरे धीरे उसके चुम्बन पेट से गले तक आ चुके थे। नयना की बेचैनी बढ़ती जा रही थी।

“उफ्फ अब क्या करूं??’ नयना अधीर हो उठी।

सिड ने अपना हाथ नयना कि पैंटी में डाल दिया। और धीरे धीरे वो उसकी योनि को सहलाने लगा।

“आ…उई.मां….! क्या कर रहे हो??” वो तड़फ के बोली। उसका शरीर निढाल होता जा रहा था और उधर सिड के हाथ अपना काम कर रहे थे। अब नयना की पैंटी भी गीली होने लगी। वो कसमसा रही थी, उसका शरीर झटके ले रहा था। 



“प्लीज..….! और मत तड़पाओ मेरे सिड.. मर जाऊंगी.. आ…!!.

नयना का बुरा हाल हो गया था। उसने सिड की पीठ पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली। उसके लंबे लंबे नेल्स सिड की पीठ पर गड़ गए। मुंह से बस आह! ओह! निकल रहा था। अब उसने सिड के हाथों को पकड़ कर अपने स्तनों पर रख दिया। ये मर्द के हाथों का चमत्कार था कि नयना के स्तन उत्तेजना से सख्त हो गए। उसके निपल्स मैं झनझनाहट होने लगी। उसकी टांगों ने सिड को कस के पकड़ लिया। अब नयना की उत्तेजना चरम सीमा पर पहुंच गई।

आ…! ओह!! नयना को लगा कि अब झड़ने वाली है। उसकी योनि बुरी तरह से रो रही थी। अब वो जोर जोर से अपने स्तनों को सिड के हाथों से मसलने लगी। सारा बदन पसीने से लथपथ हो गया था। हालांकि नवंबर का महीना था लेकिन इन दोनों के लिए जून का महीना हुआ जा रहा था। सिड ने नयना को एक तरफ किया और रिमोट से एसी को ऑन कर दिया। 

अब नयना को सुकून मिला। लेकिन उसके अंदर की आग अभी भी उसको बेचैन कर रही थी। वो सिड से लिपट गई और आहें भरने लगी। उसने सिड की छाती को चूमना शुरू कर दिया। और सिड का लिंग चड्डी से आज़ाद कर दिया। अचानक उसने उसका लिंग पकड़ा और सहलाने लगी। अब सिड का हाल खराब होने को था। बस यही समय था जब सिड ने अपने अंग को नयना की योनि पर रख दिया। और धीरे धीरे वो उसको उस नई नवेली योनि में प्रवेश कराने लगा। नयना कसमसा रही थी, तड़फ रही थी। लेकिन अब सिड निश्चय कर चुका था कि उसकी योनि की प्यास बुझानी है। अब लिंग योनि में प्रवेश कर चुका था। नयना की हालत ऐसी हो गई थी कि वो उसके उस अंग को अपने अंदर किसी भी कीमत पर समा लेना चाहती थी। बस यहीं पर सिड ने एक जोर का धक्का दिया और बस नयना को लगा कि किसी ने लोहे का धधकता राड उसके अंदर डाल दिया। 



“मम्मी…उई..! बेचारी के मुंह से चीख निकल गई।

अब सिड का अंग किसी पिस्टन की तरह अन्दर बाहर हो रहा था। नयना अब सामान्य हो गई थी बस वो उस आनंद के सागर में गोते लगा रही थी जिसका उसने सपना भी नहीं देखा था। रात धीरे धीरे गुजर रही थी और नयना और सिड दो जिस्म एक जान हो गए थे। आज नयना को औरत होने की सुखद अनुभूति हो रही थी। आज उसने अपना सब कुछ अपने प्यारे सिड पर न्योछावर कर दिया। उसकी आंखों से आंसू निकल रहे थे लेकिन ये आंसू दुख के नहीं बल्कि खुशी के थी, उसके नए जीवन की शुरुआत के थे। इसी बीच सिड के मुंह से एक हल्की कराह निकली और नयना को अपनी योनि में गर्म लावा महसूस हुआ। सिड उसकी योनि में झड़ गया था। नयना ने सिड को जोरों से चिपका लिया और अपने होंठ उसके होठों पर रख दिए। अब दोनों एक दूसरे की बाहों में लिपट कर सो गए। 












पाँच साल गुजर गए, इन पाँच सालों मे नयना तीन बार गर्भवती हुई और सिड से नयना को दो बेटे और एक बेटी हुई। अपने बच्चे, पति और सास ससुर के साथ नयना एक संस्कारी बहु, आदर्श माँ और पतिव्रता पत्नी का जीवन जी रही है।


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