मैं अम्मी अब्बू और रुखसार के पीछे पीछे डॉक्टर के केबिन से भागी चली आयी और राजा भी मेरे पीछे पीछे आ गया। मैंने अम्मी अब्बू को आवाज़ लगाई, वे रुक गए। मैं उनके पास गयी, उन्हें बिठाया और उन्हें समझाने के लिए कुछ बोलने ही वाली थी कि रुखसार ने मुझे चुप करा दिया। मैं चुपचाप अम्मी अब्बू और रुखसार के सामने ऐसे बैठी थी मानो मैंने कोई गुनाह कर दिया हो। राजा ये सब देख रहा था, उससे रहा नहीं गया।
राजा मेरी अम्मी अब्बू और रुखसार से बोला- देखिये अंकल आंटी, वैसे तो ये आपका पारिवारिक मामला है, लेकिन इन सब में सफीउल की कोई गलती नहीं है। वो तो मेरी कंपनी में नौकरी कर रहा था और कभी इस बारे में किसी को नहीं बताया।
अम्मी बोली- देखो बेटा आप हमारे बेटे को हॉस्पिटल लेकर आये इसके लिए बहुत बहुत शुक्रिया। लेकिन आप ही बताओ, हम क्या करें। गाँव समाज में हमें किस नज़र से देखा जायेगा और अगर सफीउल सेक्स चेंज करवा कर औरत बन जाता है तो गाँव समाज हमे जिंदगी भर तरह तरह के ताने सुनाएगा। मेरे शौहर की बहुत इज़्ज़त है, सब मिटटी में मिल जाएगी।
राजा बोला- लेकिन अगर सफीउल ऑपरेशन नहीं करवाता है तो उसकी जान को खतरा है।
मेरे अब्बू बोले- खतरा है तो रहे, भले ही सफीउल मर जाये, लेकिन इसे औरत बनता नहीं देख सकते हम। और अगर सफीउल औरत बन जाता है तो फिर रुखसार का क्या होगा और इसकी कोख में जो सफीउल का अंश पल रहा है, उसे तो जिंदगी भर ताना सुन्ना पड़ेगा। स्कूल में एडमिशन भी करवाने जायेंगे तो अम्मी अब्बू का नाम पूछा जाता है, उस नन्ही सी जान से क्या कहेंगे कि तेरे अब्बू सेक्स चेंज करवाकर औरत बन गए।
अम्मी बोली- और अगर सफीउल औरत बन भी जाता है तो फिर आगे का क्या? सफीउल को कौन मर्द अपनाएगा और फिर रुखसार का क्या होगा?
राजा बोला- देखिये अंकल आंटी, रुखसार से तो अभी पिछले महीने ही सफीउल का निकाह हुआ था, उसे तो कोई भी सख्श अपना लेगा।
अम्मी बोली- ऐसे कैसे अपना लेगा, मेरी बहु कोख से है।
अब्बू बोले- सफीउल औरत बन जायेगा तो उसे कौन अपनाएगा! हमारे वंश का तो बंटाधार हो गया, या अल्लाह, क्या यही सब देखने को जिन्दा रखा तो तूने!
राजा बोला- अगर ऐसा है तो ठीक है, मैं सफीउल को अपना लूंगा।
राजा की बात सुनकर अम्मी अब्बू और रुखसार शॉक्ड रह गए।
मैं भी राजा के ऐसे प्रपोजल से शॉक्ड थी, मुझे उम्मीद नहीं थी कि राजा मेरे अम्मी अब्बू से मेरा हाथ मांग लेगा।
अम्मी बोली- नहीं राजा, अगर ऐसा है तो आपको हमारी बहु को भी अपनाना पड़ेगा?
राजा बोला- आपके बेटे को सेक्स चेंज ऑपरेशन के बाद तो मैं अपनाने को तैयार हूँ, लेकिन अगर मैं आपकी बहु को भी अपना लूंगा तो आपकी बहु को कैसा लगेगा? क्या वो अपने पति की सौतन बनकर मेरे साथ जिंदगी बिताने को तैयार होगी?
अम्मी बोली- क्यों रुखसार, क्या तुम्हे कोई ऐतराज़ है?
रुखसार बोली- मुझे कोई ऐतराज़ नहीं है अम्मी, और मैं शफीउल के साथ रहूंगी तो उन्हें वो सबकुछ सीखा भी दूंगी जिसकी जरुरत उन्हें शादी के बाद होगी!
अब्बू- लो राजा, अब तुम बताओ, क्या तुम हमारे दामाद बनने को तैयार हो?
राजा के तो दोनों हाथों में लड्डू थे। मैं सर झुकाये बैठी सबकुछ सुनकर भी कुछ नहीं कह पा रही थी और राजा ने मेरी ओर देखा और मेरे अब्बू से कहा- हाँ, मैं तैयार हूँ।
फिर मेरे अम्मी अब्बू और रुखसार मेरे सेक्स चेंज ऑपरेशन के हंसी ख़ुशी तैयार हो गए। राजा ने उनके रहने का इंतेज़ाम पास के थ्री बीएचके अपार्टमेंट में करवा दिया और अपनी कार से उन्हें अपार्टमेंट में शिफ्ट करवा दिया। इधर मैं हॉस्पिटल में एडमिट हो चुकी थी और राजा ने डॉक्टर से मेरे फिगर के बारे में डिस्कस कर लिया था। वो चाहता था कि सेक्स चेंज ऑपरेशन के बाद मेरा फिगर ऑवरगिलास शेप में रहे ताकि मैं दिखने में और भी खूबसूरत दिखूं। मैं चुपचाप डॉक्टर और राजा की बात सुनती रही और राजा ने सोफिया के नाम से मेरे लिए नए नाम में हुए बदलाव के सर्टिफिकेट्स के लिए डॉक्टर को कह दिया। हॉस्पिटल में एडमिट होने के बाद मुझे तीन महीनों तक फीमेल होर्मोनेस पर रखा गया। उसके बाद मेरे चेस्ट में काफी बदलाव आया, मेरे चेस्ट को देखकर कोई भी ये कह सकता था कि ये ब्रेस्ट्स हैं। मेरे ब्रैस्ट काफी बड़े और सुडौल होते जा रहे थे, वहीँ मेरे इंटरनल ऑर्गन्स की सर्जरी और वजिनोप्लास्टी की गयी। जिसके बाद मेरे शरीर से मेरे लंड को काट कर हटा दिया गया।

बहुत ही इमोशनल पल था वो मेरे लिए और अगर राजा ने मुझे सपोर्ट नहीं किया होता तो शायद मैं उस इमोशनल पल से बाहर नहीं निकल पाती। अगले हफ्ते मेरी नोज लिफ्टिंग और वॉयस फेमिनाइजेशन सर्जरी हुई। ये वॉयस फेमिनाइजेशन सर्जरी की प्रक्रिया से मेरी वोकल कॉर्ड की लंबाई, जकड़न और आकार को बदल दी गयी। एक महीने के बाद जब मेरे नाक और गले की पट्टी खुली तो मेरी शक्ल ही बदल चुकी थी और मेरी आवाज़ में कोयल जैसी मिठास आ गयी थी। थोड़ी वौइस् करेक्शन के बाद मैं अब बोल सकती थी। मेरी नाक की लम्बाई पहले से काफी छोटी कर दी गयी थी,अब मैं बहुत ही खूबसूरत दिखने लगी थी। छह महीने गुज़र चुके थे और अब मेरे ब्रैस्ट काफी बड़े 34 डी साइज के हो चुके थे और अब उन्हें बिना सपोर्ट के संभालना मेरे लिए काफी मुश्किल था। नर्स ने मुझे पुशअप ब्रा पहनाई जिसके बाद मुझे काफी रिलैक्स फील हुआ।

उसके एक महीने बाद से मुझे न्यूड करके एक ख़ास तरह की मशीन में रात भर सुलाया जाने लगा और ऐसा लगभग नेक्स्ट दो महीनों तक चला। इधर मेरी बीवी रुखसार का नौवा महीना शुरू होने जा रहा था और यहाँ डॉक्टर ने मुझसे कहा कि एक महीने बाद या इसी महीने मेरे पीरियड्स आने लगेंगे। मुझे कोई आईडिया नहीं था कि पीरियड्स क्या होता है और ना ही ये पता था कि ऐसा क्यों होता है। मैंने इस बारे में नर्स से सवाल की तो नर्स ने मुझे पीरियड्स के बारे में पूरी बात बताई।

नर्स बोली- किसी भी लड़की के लिए जवानी वह समय होता है, जब उसका शरीर ओवरी द्वारा पैदा हुए हार्मोन की वजह से बदल रहा होता है। आमतौर पर 8 और 13 वर्ष की उम्र के बीच की उम्र में यह शुरू होता है और इसमें स्त्री के ब्रैस्ट का विकास, अंदरुनी अंग और अंडरआर्म जगहों में बाल आना और उसकी ऊंचाई में बढ़ोतरी होती है। आप यह भी नोटिस कर सकती हैं कि आपके शरीर में कोई गंध है और हार्मोन के असर से आपके वजाइना वाले पार्ट से कुछ बहाव होना शुरु होता है।
मैंने पूछा- और क्या क्या होता है?
नर्स बोली- महिलाओं को हर महीने में लगभग एक बार पीरियड्स आने की संभावना होती है। एक सामान्य मैन्सट्रुएशन लगभग 28 दिनों का होता है। इसका मतलब है कि अवधि के पहले दिन से लेकर अगली अवधि के पहले दिन तक लगभग 28 दिन होंगे। 28 दिन एक औसत संख्या है, लेकिन इसका होना 21 से 35 दिनों के बीच भी सामान्य है। खून निकलने या बहने की मात्रा हर दिन अलग-अलग होगी। आमतौर पर शुरुआती पीरियड्स में सबसे अधिक खून निकलता है और अंत में सबसे कम होता है। जब लड़कियों को पहली बार पीरियड्स होते हैं, तब उनकी बहुत हैवी पीरियड्स साइकल हो सकती हैं और अगले में बहुत हल्की हो सकती है। पीरियड्स आने का मतलब है, तुम्हारे अंदुरुनी फीमेल ऑर्गन्स पूरी तरह से विकसित हो चुके हैं और तुम माँ बनना का सुख पा सकती हो।

नर्स की बात सुनकर मुझे एहसास हुआ कि अब कुछ ही दिनों में मैं औरत बन जाउंगी और मुझे भी पीरियड्स आने लगेगा। राजा हर रोज़ समय निकालकर मेरे साथ कुछ पल जरूर बिताता। इधर मेरे अम्मी अब्बू रुखसार को लेकर घर चले गए थे और रुखसार नौवे महीने में दाखिल हो चुकी थी। उसकी देखरेख के लिए अम्मी अब्बू ने मेरी सालियों को घर बुला लिया था और वे मेरी रुखसार का देखरेख करने लगी थीं। इधर डॉक्टर्स मेरे फिगर पर काम कर रहे थे उसके लिए उनके पास एक स्पेशल वाइब्रेटर मसाजर था जिसमे मुझे लिटा दिया जाने लगा था। पंद्रह दिनों बाद इधर मुझे पहली बार पीरियड्स आया और उधर मेरी रुखसार ने मेरे बेटे को जन्म दिया। पीरियड्स के कारण मूड स्विंग होने लगा और चिड़चिड़ापन, पेट में दर्द और कमर के दर्द से मैं परेशान हो गयी। किसी से बात करने का मुझे जरा भी मन नहीं हो रहा था। जिस बेड पर मैं लेटी हुई थी, वो गन्दा हो गया था और मेरा गाउन भी। नर्स मुझे वाशरूम में ले गयी और पैड पहनना सिखाई और मेरे कपडे चेंज करवाकर मेरे बेड पर लिटा दी। तीन दिन गुज़र गए, रुखसार ने जब मेरे बेटे को जन्म दिया तो राजा मेरे अम्मी अब्बू से मिलने चला गया और मेरे बेटे के साथ फोटो क्लिक की। मेरे अम्मी अब्बू और रुखसार और उसकी बहनों के साथ टाइम स्पेंड किया। अगले दिन राजा जब मुझसे मिलने आया तो मुझे रुखसार और मेरे बच्चे के साथ फोटोज दिखाने लगा। मैं खुश भी थी और अपनी बदनसीबी कहूं या खुशनसीबी कुछ समझ नहीं पा रही थी मैं। राजा के साथ मैंने थोड़ा टाइम ही स्पेंड किया और उसे बताया कि मेरे पीरियड्स चल रहे हैं। राजा के चेहरे का स्माइल बता रहा था कि वो इस बात से कितना खुश था। चार दिन बाद मेरे पीरियड्स ओवर हुए तो नर्स ने मुझे शैम्पू करके नहाने को कहा। मैं अच्छे से स्नान की और उसके बाद गाउन पहनकर बेड पर लेट गयी। मेरे बाल पहले से काफी घने हो चुके थे और मेरे पीठ तक आने लगे थे। इधर मेरे पीरियड्स के ख़त्म होने की खबर जब डॉक्टर को मिली तो वो मुझसे मिलने आया।

डॉक्टर बोला- कॉन्ग्रैचुलेशन सोफिया, तुम अब पूरी तरह से औरत बन चुकी हो। तुम्हारा फिगर ठीक वैसे ही ऑवरग्लास शेप में है जैसे मिस्टर राजा ने कहा था और तुम्हे अपना फिगर मेन्टेन करने के लिए ये कुछ योग टिप्स हैं। साल में एक वीक हॉस्पिटल आ जाना और फिगर मेन्टेन करने वाली मशीन को नेक्स्ट पांच साल तक फ्री यूज़ कर सकती हो। तुम अब माँ बनने में भी सक्षम हो और जब तुम शादी करना तो मुझे जरूर बुलाना। मैंने मिस्टर राजा को इन्फॉर्म कर दिया है, वो दोपहर तक आकर तुम्हे डिस्चार्ज करवा लेंगे।
ऐसे बोलकर डॉक्टर वहां से चला गया। दोपहर में राजा मुझे हॉस्पिटल से डिस्चार्ज करवाने आ गया। जब वो मुझसे मिला तो मुझे आँख मारकर नर्स को एक बैग दे दिया और फिर मेरे डिस्चार्ज प्रोसेस के लिए डॉक्टर्स चैम्बर में चला गया। बहुत कमज़ोर महसूस कर रही थी औरत बनने के बाद। मेरा वजन चालीस किलो रह गया था और मेरा ऑवरग्लास फिगर काफी आकर्षक दिख रहा था। जब मैं न्यूड होकर आईने के सामने खड़ी हुई तो मेरे कर्वी फिगर को देखकर अपनी खूबसूरत जिस्म पर यकीन नहीं कर पा रही थी। मेरी पिंक वजाइना किसी नार्मल लड़की की तरह काफी सिकुड़ी हुई थी और मेरे हिप्स काफी राउंड हो गए थे। राजा मेरे लिए साड़ी लाया था और नर्स को पता नहीं था कि मुझे साड़ी पहनने आती हैं। मैं कपडे लेकर वाशरूम में गयी और थोड़ी देर बाद साड़ी पहनकर रेडी हुई। लेकिन मेरी बैकलेस ब्लाउज काफी टाइट फिट हो रही थी और मेरे ब्रैस्ट का उभार साफ़ झलक रहा था। मैंने साड़ी के पल्लू से अपने सीने को ढंकने की कोशिश की लेकिन मेरी साड़ी के पल्लू से घूँघट की तो मेरे सीने से साड़ी थोड़ी टाइट हो गयी और मेरी ब्रैस्ट का उभार झलकने लगा। फिर मैं मेकअप की और ज्वेलरीज पहन ली। छोटी सी नोज़ पिन मैंने अपने नाक में पहन ली और कानों में झुमकी। गोल्डन हील्स पहनकर जब मैं वाशरूम से बाहर आयी तो नर्स से अपनी बाल बनवा ली।
नर्स बोली- अरे वाह सोफिया, तुम्हे तो साड़ी पहननी भी आती है।
मैं बोली- हाँ सिस्टर!
फिर नर्स ने मेरे बालों को अच्छे से ठीक कर दी और अब मैं रेडी थी। नर्स मुझे डॉक्टर्स चैम्बर में ले गयी और डॉक्टर के सामने खड़ी करके चली गयी। सामने राजा भी चेयर पर बैठा था, डॉक्टर ने मुझे बैठने को कहा। मैं डॉक्टर के सामने राजा के साथ बैठी दोनों की बातें सुन रही थी। राजा और डॉक्टर मेरे और मेरी शादी के बारे में बातें कर रहे थे। मुझे बड़ा ही ज्यादा ऐम्बर्रास्मेंट हो रहा था, मैं समझ नहीं पा रही थी कि किस्से क्या कहूं। फिर राजा डॉक्टर से विदा लेकर मुझे अपने साथ निकल गया।

मैंने राजा से पूछा- हम कहाँ जा रहे हैं?
राजा बोला- मेरे घर!
मैंने पूछा- घर क्यों?
राजा बोला- मेरे मॉम डैड को भी तो पता चले कि मेरी होने वाली दुल्हन कैसी दिखती है।
मैंने कहा- धत्त, मुझे पहले बताना था ना राजा!
राजा मेरी बात सुनकर मुस्कुराता रहा। थोड़ी ही देर में हम राजा के घर पर थे। इतना आलिशान घर कम हवेली ज्यादा लग रही थी। राजा अंदर ले गया, नीचे बड़ा सा हॉल, दो तरफी सीढ़ियां और बहुत आलिशान डेकोरेटेड घर देखकर मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि राजा मुझे इस घर में अपनी दुल्हन बनाकर लाएगा। राजा ने मुझे सोफे पर बैठने को कहा और थोड़ी देर में अपने मॉम डैड के साथ हॉल में आ गया। जब राजा की मॉम डैड मेरे सामने आये तो ना जाने मुझे क्या सुझा, मैंने अपनी आँचल को ठीक करके झुक कर उनके पैरों को छूने लगी। मुझे नहीं पता था कि मैं ये क्या कर रही थी लेकिन एक बार नीलम ने मुझे बताया था कि जब लड़के के मॉम डैड से मिलूं तो उनके पैरों को छूकर उनका आशीर्वाद जरूर लेना चाहिए। राजा की मॉम ने मुझे ऊपर उठाया और मुझे आशीर्वाद दी।

राजा की मॉम बोली- तो तुम हो सोफिया, सच में जन्नत की हूर हो तुम। राजा तुम्हारा सिलेक्शन तो कमाल का है, मुझे तो बहु पसंद है। काश सोफिया थोड़ी लम्बी होती तो तुमदोनो की जोड़ी और भी अच्छी लगती!
राजा बोला- मैंने कहा था ना मॉम, मेरी सोफिया तुम्हे एक झलक में पसंद आ जाएगी! पापा आपको कैसी लगी मेरी होने वाली दुल्हन!
राजा के पापा बोले- भला तुम्हारी मॉम गलत हो सकती है? मुझे भी तुम्हारी दुल्हन बहुत पसंद है राजा! पंडित जी को कॉल कर दिया है मैंने, थोड़ी देर में आते होंगे।
राजा की मॉम बोली- सोफिया, तुम मेरे साथ आओ, मैं तुम्हे घर दिखाती हूँ!
मैं राजा की मॉम के साथ घर देखने चली आयी और राजा अपने पापा से मेरे बारे में बातें करने लगा। जब मैं चल रही थी तो पहले की तरह एफर्ट नहीं करना पड़ रहा था और दोनों पैरों के बीच का खालीपन भी फील हो रहा था। मैं सर झुकाये अपनी होने वाली सास के साथ घर देखने लगी।
इसी बीच राजा की मॉम बोली- सोफिया, हमें राजा ने सबकुछ सच सच बता दिया है। तुम पहले मर्द थी और सेक्स चेंज करवा कर औरत बनी हो और तुम्हारी पत्नी को भी राजा अपनी पत्नी का दर्ज़ा देने को तैयार है। हमे कोई आपत्ति नहीं है, राजा हमारा एकलौता बेटा है और उसकी ख़ुशी में हमारी ख़ुशी है। सेक्स चेंज से पहले की तस्वीर मैंने देखि है तुम्हारी लेकिन अब तो तुम्हे देखकर लगता है कि तुमसे सुन्दर और गुणवान बहु मुझे दिया लेकर ढूंढने से भी नहीं मिलेगी कभी। बहुत ही संस्कारी हो तुम और यकीन मानो, राजा तुम्हे बहुत खुश रखेगा।

मैंने अपनी होने वाली सास से पूछा- तो क्या राजा आपसे सब कुछ शेयर करता है?
राजा की मॉम बोलीं- हाँ, मेरे बेटे ने आज तक हमसे कोई बात नहीं छुपाई। तुम्हारे सेक्स चेंज की बात हमें पहले से ही मालुम थी। लेकिन आज से ये कभी मत सोचना कि तुम कभी मर्द थी। अब तुम राजा की होने वाली दुल्हन और इस घर की होने वाली बहु हो। वेलकम तो वीमेनहुड सोफिया!
मैंने कहा- थैंक्स, मॉम!
फिर थोड़ी देर बात करते करते हमदोनो होने वाली सास बहु का रिश्ता काफी अच्छा हो गया था। जब हम हॉल में वापिस आये तो पंडित जी पहले से ही शादी का दिन निकाले बैठे राजा और उसके डैड यानि मेरे ससुर से बातें कर रहे थे।
शादी का डेट फाइनल हो चुका था जो कि आज से छह महीने बाद का था। शादी का डेट फाइनल होने करने के बाद पंडित दक्षिणा लेकर चले गए। उसके बाद राजा की मॉम ने मुझे अपने पास बिठाया।
राजा की मॉम बोलीं- देखो बिटिया, हमारे घर के कुछ रीती रिवाज़ हैं और इन सबसे पहले मैं बता दूँ कि हम प्रॉपर बिहार के रहने वाले हैं और मेरे पति हिमाचल के। इस घर में जितना ट्रेडिशन मेरे बिहार के फॉलो किये जाते हैं उतने ही हिमाचल के भी। तुम वैसे तो मुस्लिम बिरादरी से, हो लेकिन इस घर की बहु बनने के साथ तुम हिन्दू बन जाओगी और तुम्हे हमारे घर में पूरी जिंदगी ये ट्रडिशन्स को फॉलो करोगी। तुम्हे कोई ऐतराज़ तो नहीं है ना सोफिया!
मैं बोली- मुझे कोई ऐतराज नहीं है मॉम!
फिर मेरी होने वाली सास बोली- तो बिटिया, ये ले हमारी ओर से नेग।
और फिर मेरी होने वाली सास ने मेरे हाथों में चार बड़े बड़े गिफ्ट पैक रख दीं, जो काफी हैवी थीं। मैंने उनसे कहा कि इनकी क्या जरूरत है। इसपर राजा के डैड यानि मेरे होने वाले ससुर ने भी मुझे तीन गिफ्ट्स दियें। फिर मुझे और राजा को एक एक अंगूठी देकर आमने सामने बिठा दिया। राजा ने मेरे रिंग फिंगर में डायमंड प्लैटिनम रिंग पहनाया और मैं उसके रिंग फिंगर में सोने की अंगूठी पहना दी। वहां और कोई नहीं था सिवाए मेरे होने वाले सास ससुर के, जो हमदोनो पर फूल बरसा रहे थे।

फिर मेरी सास ने मुझसे कहा- दुल्हन, शादी के दिन राजा बारात लेकर तुम्हारे घर आएंगे। अब तुम हमारे घर की दुल्हन हो तो इस बीच कभी भी, किसी भी चीज़ की जरूरत हो, हमसे कह देना।
मैं बोली- नहीं मॉम, मुझे कुछ नहीं चाहिए!
फिर मेरी सास बोली- देखो बिटिया, इन छह महीनो में ना तो राजा तुम्हे एक बार भी देखेगा और ना ही तुम राजा को देख सकती हो। हाँ एक दूसरे की फोटो या वीडियो देखने में कोई हर्ज़ नहीं है लेकिन तुम दोनों को छह महीने अलग रहना है।
मैं बोली- जी मॉम!
फिर राजा मुझे फ्लैट पर ले आया और थोड़ी देर मेरे साथ रोमांस करने की कोशिश की। मैंने राजा को समझाया कि मॉम ने मना किया है तो रुक जाओ ना। मुझे यकीन था कि राजा नहीं मानेगा तो मैंने भी राजा से कहा कि मुझे मरे अम्मी अब्बू के पास जाना है। राजा मुझे मेरे घर पर छोड़ आया, मेरे अम्मी अब्बू, रुखसार और मेरे बेटे के लिए ढेर सारे गिफ्ट्स भी लेकर आया था, राजा मुझसे ये कहकर चला गया कि अब वो भी छह महीने बाद ही मुझसे मिलेगा। राजा के जाने के बाद जब मैं अपने कमरे में गयीं तो मेरी सालियाँ मुझे घेर कर बैठ गयीं। मैंने उनसे कहा कि पहले मैं अपने बेटे को देखना चाहती हूँ और मैं रुखसार के कमरे में चली गयी। रुखसार मेरे बेटे को अपनी गोद में दूध पीला रही थी और थोड़ी देर बाद उसने मेरे बेटे को पालने में रख दी। मेरा बेटा सो रहा था, उसे पालने में बड़े ही प्यार से सोता देख मेरी आँखें भर आयी। ये मेरा ही बेटा था जो बड़ा होकर मुझे भी माँ ही कहकर पुकारने वाला था। रुखसार मुझे बिस्तर पर बिठाकर मेरे बगल में बैठ गयी और मुझसे बात करने लगी।
रुखसार बोली- तो तुम औरत बन गयी हो, है ना!
मैंने कहा- हाँ!
रुखसार बोली- और कैसा लग रहा है औरत बनकर!
मैंने कहा- आई डोंट नो!
रुखसार बोली- मुझे तो यकीन ही नहीं होता कि मेरे शौहर को अल्लाह मिया ने औरत बना दिया। जरूर पिछले जन्म में मैंने कोई पाप किया होगा जो आज ऐसा दिन देखना पड़ रहा है। तुम्हे पता है, मेरे लिए कितना टफ समय है ये। एक तरफ हमारे अंश ने जन्म लिया और दूसरी तरफ तुम अब्बू बनने के बजाय उसकी बड़ी अम्मी कहलाओगी और एक गैर मर्द जिसे हमारा बेटा जिंदगी भर अपना अब्बू समझेगा!
मैंने कहा- आई एम् सॉरी रुखसार, आई नो, तुम्हारे बहुत एक्सपेक्टेशन थे मुझसे लेकिन मेरे बॉडी में होने वाले चेंज की वजह से आज मुझे औरत बनना पड़ा है। मैं कभी औरत बनकर नहीं जीना चाहती थी लेकिन मैं क्या करती। जो कुछ भी हुआ तुमने भी देखा और डॉक्टर ने भी, आई एम् सॉरी रुखसार!
रुखसार बोली- कोई बात नहीं, वैसे काफी सुन्दर हो गयी हो औरत बनने के बाद और तुम्हारी आवाज़ की मिठास तो सच में बहुत मीठी है।
मैं बोली- थैंक्स रुखसार!
रुखसार बोली- तो कब है शादी?
मैं बोली- छह महीने बाद!
रुखसार बोली- फिर तो तुम, राजा की दुल्हन बन जाओगी ना!
मैं बोली- तुम भी तो राजा की दुल्हन बन जाओगी!
रुखसार बोली- हाँ, मुझे क्या पता था कि कभी ऐसा भी दिन आएगा, जब कोई मर्द मेरे शौहर को अपनी दुल्हन भी बनाएगा!
मैं बोली- इट्स आवर फेट रुखसार! अल्लाह यही चाहते हैं हमसे!
रुखसार बोली- अल्लाह, और कैसे दिन देखने बाकी रह गए हैं, मैं नहीं जानती। अल्लाह से यही दुआ करुँगी कि हमारी आगे की लाइफ ऐसे दुःख भरी ना रहे!

मैं बोली- चिंता मत करो रुखसार, राजा जी बहुत अच्छे इंसान हैं। इतने मुश्किल हालातों में उन्होंने मेरी मदद भी की, मेरे ऊपर इतने पैसे भी खर्च किये और मेरे साथ तुम्हे भी अपनाने को रेडी हो गए। हम हमेशा साथ रहेंगे, भले मैं औरत बन गयी हूँ, लेकिन आज भी मैं तुमसे उतना ही प्यार करती हूँ और ये प्यार कभी कम नहीं होगा!
मेरी बात सुनकर रुखसार थोड़ी इमोशनल हो गयी और उसने मुझे हग कर लिया और हम दोनों एक दूसरे से लिपटकर खूब रोयीं! मेरे बूब्स रुखसार के बूब्स से काफी बड़े थे और जो ब्लाउज मैंने पहनी थी, वो काफी छोटी पड़ रही थी मुझे। अभी हमदोनो आपस में बातें कर ही रहीं थी कि इतने मेरी तीनो सालियाँ कमरे में आ गयी। जैस्मिन, जेसिका और जेनी तीनो मुझे घेर कर बैठ गयीं, रुखसार हमारे लिए चाय बनाने किचन में चली गयीं और तीनो मुझे छेड़ने लगीं।
जैस्मिन बोली- जीजू, आप औरत बन गए और सुना है कि छह महीने बाद राजा जी आपको ब्याह कर अपनी दुल्हन बनाकर ले जायेंगे!
जेसिका बोली- हां जीजू, मैंने भी यही सुना है और मैंने तो ये भी सुना है कि आपके होने वाले शौहर काफी अमीर हैं।
मैं बोली- हाँ ये सच है!
जेनी बोली- तो जीजू हमारी बहन का क्या होगा फिर!
मैं बोली- राजा जी रुखसार को भी अपनाने को तैयार हैं। एक ही मंडप पर मुझे भी राजा जी मुझे और रुखसार से ब्याह करेंगे!

जेनी बोली- मंडप पर, तो क्या हिन्दू रति रिवाज़ों से ये शादी होने वाली है?
मैं बोली- अब हिन्दू परिवार है तो वे तो हिन्दू रीती रिवाज़ों से ही शादी करेंगे ना!
जेसिका बोली- तो जीजू, आप एक्साइटेड हो ना इस शादी को लेकर, सच कहना!
मैं बोली- थोड़ी बहुत!
जैस्मिन बोली- तो अब आपका और हमारा रिश्ता क्या होगा जीजू!
मैं बोली- मैं नहीं जानती!
जेसिका बोली- अरे, जब राजा जी रुखसार आपा से ब्याह करेंगे और जीजू से भी ब्याह रचाएंगे तो अब ये हमारी सोफिया आपा हुईं ना।
जेनी बोली- हाँ, आज से आप हमारे जीजू नहीं, सोफिया आपा हो!
मैं बोली- जैसे आप सभी को ठीक लगे!
जेसिका बोली- तो क्या कोई मुस्लिम परिवार नहीं मिला आपको जो हिन्दू परिवार में शादी कर रही हो सोफिया आपा! मेरे सईद भाईजान भी तो कुंवारे हैं, आप उनसे निकाह कर लेती!
मैं बोली- मेरे मुसीबत के समय तुम्हारे सईद भाईजान नहीं आये थे। और अम्मी अब्बू ने यही शर्त रखी थी राजा जी के सामने कि अगर मेरा ऑपरेशन हुआ और मैं औरत बनी तो उन्हें मुझे अपनाना होगा और साथ ही रुखसार को भी!
जेनी बोली- तो सोफिया आपा! आपको ऑपरेशन करवा कर औरत बनने की क्या जरुरत थी। अच्छे खासे मर्द थे, रुखसार आपा की कोख में आपका बेटा पल रहा था और आज अगर आप मर्द होतीं तो रुखसार आपा का बेटा आपको अब्बू कहता!
मैं बोली- जेनी! मेरे बॉडी में हॉर्मोन इम्बैलेंस होने की वजह से फीमेल होर्मोनेस इतने ज्यादा हो गए कि मेरे बॉडी के अंदर फीमेल इंटरनल ऑर्गन्स तक डेवेलोप हो गए। जब कोई विकल्प नहीं मिला तो मुझे अपना ऑपरेशन करवाना पड़ा और औरत बनना पड़ा।
बोलते बोलते मैं काफी इमोशनल हो गयी और रुखसार कमरे में सभी के लिए चाय लेकर आ गयी।
रुखसार बोली- तुम इन्हे फिर से छेड़ने लगी, चलो चाय पियो!
हम सब ने साथ बैठकर चाय पी और फिर शादी में क्या पहनना है ये डिस्कस करने लगीं। मैं उठकर अपने बेटे के पास आ गयी, वहीँ अम्मी और अब्बू भी बैठे थे, वो मेरी शादी को लेकर आपस में बातें कर रहे थे।
मैंने अम्मी से पूछा- क्या बात कर रही हो अम्मी!
अम्मी बोली- तेरे ब्याह लेकर बातें हो रही हैं।
मैंने पूछा- कैसी बातें!
अब्बू बोले- छह महीने बाद तेरी शादी है राजा बाबू से। दामाद जी बोलकर गए हैं कि वो बारात लेकर इसी घर पर आएंगे और हिन्दू रीती रिवाज़ों से तेरी शादी होगी उनसे।
मैं बोली- मैं जानती हूँ अम्मी!
अब्बू बोले- लेकिन इसके लिए हमारा समाज तैयार नहीं होगा! वे हमे समाज से बेदखल कर देंगे, अगर हिन्दू रीती रिवाज़ों के अनुसार तेरा ब्याह हुआ तो!
मैं बोली- अम्मी, अब्बू, आपको समाज की पड़ी है। ये समाज आपको हर मुसीबत में अकेला छोड़ देता है और मेरी शादी के टाइम इनके नखरे शुरू हो जायेंगे! एक बार मुस्लिम रीती रिवाज़ों से मेरा ब्याह हो चूका, रुखसार के साथ। और अब हिन्दू रीती रिवाज़ों से ब्याह होता भी है तो मुझे नहीं लगता किसी पर कोई फ़र्क़ पड़ेगा। पहले कुछ दिन बोलेंगे फिर चुप हो जायेंगे! आप टेंशन मत लो अम्मी अब्बू! और ऐसा भी नहीं है कि मेरी शादी के बाद मैं आपका ख्याल नहीं रखूंगी, मैं तब भी आप सब का उतना ही ख्याल रखूंगी, जितना अभी रखती हूँ!
अम्मी बोली- तो तेरे ब्याह के बाद रुखसार भी तेरे साथ चली जाएगी। घर सूना सूना हो जायेगा।
मैं बोली- तो अम्मी, रुखसार से राजा जी की शादी रुकवा दूँ!
अम्मी बोली- नहीं मेरी बच्ची, ऐसा मत करना! रुखसार तेरी अमानत है, तू जहाँ जाएगी वो तेरे साथ रहेगी और ऐसे में उसे कौन अपनाएगा!
मैं बोली- जैसा तुम ठीक समझो अम्मी! लेकिन स्ट्रेस बिलकुल भी मत लो, अल्लाह मिया ने जरूर कुछ सोच कर ही मेरी लाइफ को ऐसे बदलकर रख दिया है।
अब्बू बोले- कोई बात नहीं बिटिया, वैसे भी तू अपनी बड़ी बहन जैसी ही दिखने लगी है।
अम्मी बोली- इन छह महीनों में तू घर के काम काज सीख ले, ससुराल में तेरे सास ससुर को लगेगा कि तू बहुत ही संस्कारी है।
मैं बोली- सीख लुंगी अम्मी! आप रेस्ट करो।
शाम में राजा की मॉम ने मुझे कॉल किया और मेरे साथ काफी देर तक बातें करती रहीं। वो मुझे राजा के बारे में सबकुछ बता रहीं थी और उसकी तारीफ़ कर रहीं थी। फिर मैंने अपनी होने वाली सास की बात रुखसार से करवाई और रुखसार ने भी उनसे बड़े ही अदब से बात की। थोड़ी देर बात करने के बाद मेरी सास ने मुझे और रुखसार को अपना आशीर्वाद दिया और कॉल कट कर दिया। मेरी सास से बात करके रुखसार बड़ी खुश हुई, उसे एहसास नहीं था कि मेरी सास जो अब उसकी भी सास बनने जा रही थी, वो इतनी पोलाइट होगी और इतने प्यार से बात करेगी। घर में सब बहुत ही खुश थे और मेरी सालियाँ मुझे छेड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ रही थीं। कभी कभी राजा को मैं बहुत मिस करती, उसके साथ बिताये हर एक पल को, उस एहसास को जब मैं राजा की बाहों में होती थी। वैसे तो मैं राजा की दुल्हन बनने वाली थी लेकिन मन करता कि कब राजा मुझे अपनी बाहों में समेट ले और कब मैं उसकी बाहों में फिर से उस गर्माहट का एहसास करूँ। बहुत मिस कर रही थी मैं राजा को, लेकिन रुखसार और अपनी सालियों के बीच मैं राजा से अपने दिल की बात तक करने में असमर्थ थी। कभी कभी रात को जब मैं अपनी वजाइना को छूती तो एक बिजली सी दौड़ जाती मेरे पुरे शरीर में और मेरी हिम्मत नहीं होती कि मैं अपनी वजाइना को छू कर एन्जॉय भी करूँ! अपनी वजाइना को छूने भर से मुझे इतना सेंसेशन होने लगता तो राजा के साथ सुहागरात में मेरा क्या होगा, ये सोच कर भी मेरी हालत ख़राब हो जाती। कभी कभी अपनी वजाइना को सेहला कर काम चला लेती क्यूंकि मुझे डर था कि अगर मैंने फिंगरिंग की या ऐसा कुछ किया तो कहीं मेरा कौमार्य ना भंग हो जाए, जिसे मैंने अपने राजा जी के लिए संजोय रखी थी। शादी में अभी भी तीन महीने बाकी थे, घर के काम काज के बीच, हर रोज़ मेकअप कम्पटीशन होता, मेरी सालियों के बीच कि कौन ज्यादा अच्छा मेकअप करती हैं। मुझे और रुखसार को बिठाकर रोज़ सजाना, संवारना और ज्वेलरी मैच करना, ये सब नार्मल रूटीन बन गया था। जैस्मिन, जेनी और जेसिका मिलकर मुझे बहुत छेड़तीं।
एक दिन जेनी बोली- जीजू को दुल्हन बनाकर राजा जी ले जाएंगे तो क्या होगा जेसिका!
जेसिका बोली- कुछ नहीं, वही होगा जो शादी के बाद दुल्हनों के साथ होता है।
जैस्मिन बोली- क्या होता है जेसिका, दुल्हनों के साथ।
जेनी बोली- सुहागरात और उसमे क्या होता है ये तो जीजू को पता ही है। रुखसार आपा के साथ सुहागरात में जो हुआ था वही हमारे जीजू के साथ हमारे होने वाले नए जीजू। सुहागरात के हमारे जीजू को हमारे होने वाले जीजू अपने बच्चों की अम्मी बनाएंगे!
जेसिका बोली- इतनी जल्दी अम्मी बना देंगे?
जेनी बोली- और नहीं तो क्या, नए जीजू को देखा नहीं। गामा पहलवान हैं वो, हमारी दोनों दुल्हनों को तो वे बिस्तर पर मसल कर रख देंगे। मुझे तो पूरा यकीन है कि सुहागरात में पलंग जरूर टूटेगी और क्या क्या टूटेगा वो तो अल्लाह मिया ही जानते हैं, हाहाहाहा! सभी सलियाँ घेरे मुझे छेड़ रहीं थीं। मुझे भी पता था कि सुहागरात में क्या होता है लेकिन ये लड़कियां इतनी एडल्ट बातें करेंगी मेरे सामने, मुझे यकीन नहीं है।
रुखसार अक्सर अपनी बहनों को डांट देती और जब कभी राजा का कॉल आता, वे मुझे और रुखसार को घेर के बैठ जातीं। मैं खुद राजा से उतनी बातें नहीं करती और रुखसार को फ़ोन पकड़ा देती, वही राजा से बातें करती। राजा से बात करके रुखसार भी अच्छा फील करती और वो अपनी फीलिंग्स मेरी बजाय राजा के साथ शेयर करने लगी। मैं राजा से बहुत बातें करना चाहती थी, लेकिन मेरी नालायक सालियाँ हर वक़्त मुझे घेरे रहतीं। वे मुझे और रुखसार को एक जैसी साड़ी, प्लाज़ो कुर्ती, सलवार कमीज और नाईटी पहनाती और हमदोनो को एक साथ भी छेड़तीं। उन तीनों को हमे छेड़ने में बहुत मजा आता और मुझे हर बार शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता। अगर मैं औरत नहीं बनती तो आज ये दिन नहीं देखना पड़ता। देखते ही देखते पांच महीने बीत गए, अम्मी ने मुझे बिरयानी, शाही चिकन, मशरूम पनीर, लच्छा परांठा और भी बहुत से लज़ीज़ पकवान पकाना सिखायीं। मेरी सालियाँ मुझे मेकअप टिप्स देतीं और मुझे ज्वेलरीज पहनाकर सेल्फी लेती। इन छह महीनों में रुखसार ने भी अपना फिगर काफी हद तक मेन्टेन कर ली थी और उसका और मेरा फिगर अब लगभग एक जैसा था।

जब मेरी शादी को एक महीना बाकी था तो मेरे सास ससुर मुझसे मिलने मेरे घर आये। मेरे सास ससुर ने मेरे अम्मी अब्बू को ढेरों गिफ्ट्स दिए और साथ ही मेरी सालियों को भी। फिर उन्होंने मुझे और रुखसार को अपने पास बिठाया। हमदोनों को एक जैसी ज्वेलरीज, शादी के लाल एक जैसा महारानी स्टाइल लहँगा चोली और बनारसी साड़ियां दिए। फिर हमदोनो को सदा सौभाग्यवती रहने का आशीर्वाद देकर, शादी का डेट फिर से मेरे अम्मी अब्बू को याद करवाकर, वहां से चले गए। मैं और रुखसार एक ही कद की थीं और ये बात मेरे सास ससुर को मालूम थी। धीरे धीरे शादी की तारीख नजदीक आने लगी, तो रह रह कर मुझे बहुत ही ज्यादा डर महसूस होने लगा था। शादी से कुछ दिन पहले घर में मेरे काफी रिश्तेदार और मेरे दोस्तों का आना जाना शुरू हो गया था। मेरे दोस्त जिनके साथ कभी मैं लड़कों की तरह खेल कूद कर बड़ी हुई, जिन दोस्तों ने मेरी और रुखसार की निकाह में खूब डांस किया था। वो आज मुझे एक मर्द की दुल्हन बनती देख काफी दुखी भी थे। उन्हें यकीन नहीं हो रहा था कि मैं सेक्स चेंज करवा कर औरत बन चुकी हूँ और कुछ ही दिनों में एक मर्द मुझे और मेरी पत्नी रुखसार को अपनी पत्नियों के रूप में ब्याह कर अपने साथ ले जायेगा।
आस पड़ोस की औरतें और लडकियां भी मेरी शादी देखने को बड़ी बेसब्री से इंतज़ार कर रहीं थी। शादी से दो दिन पहले हल्दी की रस्में हुई तो हल्दी मेरे ससुराल से आया था। वो उबटन राजा को लगाया गया था और राजा के पैरों का पानी भी हमारे लिए आया था। मुझे और रुखसार को राजा के पैरों का पानी पिलाया गया और फिर हल्दी उबटन वाली रस्में हुईं। मेरे ससुराल से कुछ लडकियां मेरे घर आ गयीं थी और उनके साथ नीलम भी मेरे घर आ गयी थी। ताकि सभी रस्में अच्छे से हो सके। नीलम एक एक रस्मों को निभाने का तरीका बताते जाती और उसे पूरा करवाती। शादी से एक दिन पहले मेहँदी और संगीत रखा गया। मोहल्ले की औरतें और लड़कियों के साथ मेरे दोस्त भी खूब डांस किये और लास्ट में मुझे भी रुखसार के साथ थोड़ा बहुत डांस करना पड़ा। चूँकि रुखसार को हमारे बेटे को दूध भी पिलाना रहता तो वो मुझे अकेला छोड़ जाती। उस दिन नीलम ने एक बार फिर से मेरे हाथों में कुहनी तक और पैरों में घुटनों तक मेहँदी लगाई और सेम वैसे ही रुखसार को भी मेहँदी लगाई गयी।
लहँगा चोली में मुझे और रुखसार को तैयार किया गया। सुहाग का चूड़ा पहनाया गया वो भी एक जैसा ही था। गहनें भी एक जैसे था, कानों में बड़े बड़े झुमकी भी एक जैसी ही थी और पैरों में पहनने वाले पायल और पैरों की ऊँगली में पहनाई जाने वाली बिछुए भी एक जैसे ही थे। पहले रुखसार को नाक में नथिया पहनाया गया, जो सोने का कुमाऊनी नथुली थी और फिर मुझे नथिया पहनाया गया जो किन्नौरी नथुली थी। बहुत ही भारी नथिया थी वो, नाक में दर्द उठ गया, मेरे भी और रुखसार को भी। क्यूंकि रुखसार ने कभी ऐसी नथिया नहीं पहनी थी नाक में। बिंदियों से हमारे भौंओ को सजा दिया गया था, बालों का जुड़ा बनाकर उसमे जस्मिन के फूलों की एक एक माला लपेट दी गयी थी। माथे पर बहुत ही बड़ी और डिज़ाइनर मांगटीका से सजाया गया था और जब हम तैयार हो गयीं, तो हमें घूँघट करके, गोल्डन हाई हील्स पहना कर बरात के आने का इंतज़ार करने को कहा गया।

राजा के साथ मैं वैसे तो काफी बार सो चुकी थी और ना जाने कितने ही बार सुहागरात मना चुकी थी लेकिन तब मैं लड़की नहीं थी। लेकिन आज मैं लड़की बन चुकी थी और घूँघट में काफी नर्वस भी थी। रुखसार में सामने ठीक वैसे ही बैठी थी, जैसे वो पहली बार मेरी दुल्हन बनकर इस घर में आयी थी। रुखसार भी थोड़ी नर्वस थी लेकिन मेरी सालियाँ मुझे और रुखसार को घेर कर एडल्ट बातें कर रहीं थी। रुखसार ने उन्हें कई बार डांटा भी लेकिन वे नहीं मानी और मुझे भी छेड़ने लगीं। धूम धड़ाके की आवाज़ सुनकर मेरी धड़कनें और भी तेज़ हो गयी, मेरे पुरे बदन में सिहरन और कम्कम्पी होने लगी। बारात आ चुकी थी और मेरी सालियाँ मेरे राजा को देखकर काफी खुश हो रहीं थीं। आज तो लग रहा था मानो मेरे शरीर का ताकत ही खत्म हो गया हो, आँखों में रह रह कर आंसू आ रहे थे। मैं रुखसार को देखती तो कभी सर झुका लेती। मेरे बूब्स का ऊपरी हिस्सा मेरी चोली से साफ़ झलक रही थी और ऐसे में मुझे काफी काफी शर्म आ रहा था। थोड़ी देर बाद अम्मी कमरे में आयी और मेरी सालियों को बोलीं कि मुझे और रुखसार को स्टेज पर ले आएं। मेरी दो सालियों ने मुझे खड़े होने में मदद की, लहँगा काफी भारी और हैवी था तो मैंने उन्हें अपने दोनों हाथों से उठाकर चलने लगी। रुखसार भी ठीक वैसे ही चल रही थी और हम स्टेज के पास पहुंचे। राजा ने एक एक करके मुझे और रुखसार को स्टेज पर चढ़ने में मदद किया। आज राजा नवाब जैसा हैंडसम दिख रहा था और जब वरमाला का टाइम आया तो वो तन कर खड़ा हो गया। मैं और रुखसार स्टेज पर रखी डिज़ाइनर कुर्सी पर बैठ गयीं तो राजा अपने घुटनों पर बैठ गया और मैंने और रुखसार ने उसे वरमाला पहना दी। तालियों की गड़गड़ाहट से स्टेज गूंज उठा।

मैं और रुखसार कद में राजा के सीने तक भी नहीं आ रही थी ठीक से और उसने भी मुझे और रुखसार को फूलों की माला पहनाई। जयमाला से कुछ देर बाद राजा को मंडप पर ले जाया गया और फिर मुझे और रुखसार को मंडप पर ले जाकर बिठा दिया गया। मेरे अम्मी अब्बू ने मेरा और रुखसार का कन्यादान किया, फिर राजा के साथ हमदोनो ने सात फेरे लिए। सात फेरे लेने के बाद राजा ने मेरे और रुखसार के नाक से नथिया उतारकर उससे भी बड़ी बड़ी नथिया पहनाई और हमदोनो के गले में मंगलसूत्र पहना दिया। आखिर में राजा ने मेरे और रुखसार के मांग में सिंदूर भर दिया और थोड़ी देर में पंडित ने मुझे और रुखसार को राजा की पत्नी घोषित किया। सभी बड़े बुजर्ग सहित मेरे रिश्तेदार और अम्मी अब्बू मुझे, रुखसार और राजा को अपना आशीर्वाद दिया। सुबह के चार बज चुके थे और अब विदाई का इमोशनल टाइम भी हो चला था।

बैकग्राउंड में इमोशनल सांग बज रहा था- बाबुल की दुआएं लेती जा, जा तुझको सुखी संसार मिले!
गाना सुनकर और भी रोना आ रहा था। मैं अम्मी अब्बू से लिपटकर बहुत रोई और रुखसार भी हमारे बेटे को गोद में लेकर वहां से रुखसत हुई। मेरी सालियाँ आज बहुत इमोशनल थीं वे मुझसे लिपट कर रोने लगीं और हमे बेस्ट विशेज़ भी दीं। फिर राजा ने मुझे और रुखसार को कार में बिठाया और बीच में खुद बैठ गया। मुझे और रुखसार को अपनी बाहों में भर कर कार घर को रवाना हुई। जब कार राजा के घर पहुंची, मैं और रुखसार राजा की बाहों की गर्माहट पाकर नींद में थीं। फिर राजा ने हमदोनो को जगाया और फिर हम तीनों का एक साथ गृह प्रवेश करवाया गया। मेरी सास ने आरती की थाल से मेरी, रुखसार और हमारे पति राजा की आरती उतारी और हमे गृह प्रवेश के बाद हमारे कमरे में ले जाया गया।

फूलों से सजी किंग साइज डबल बेड और ऊपर से तरह तरह के खुशबूदार फूलों के लच्छों से काफी खूबसूरती से सजाया हुआ था। बिस्तर पर गुलाब के फूलों की पंखुड़ियां बिछी थी और काफी अच्छी खुशबु थी कमरे में। हमें कमरे में घूँघट करके बिठा दिया गया और थोड़ी देर रेस्ट करने को कहकर हमारी सास कमरे से बाहर चली गयीं। मैं और रुखसार जब बिस्तर पर लेटीं तो हमें महसूस हुआ कि बिस्तर कितना नरम और मुलायम था। बिस्तर के बगल में एक बहुत ही बड़ा फूलों से सजा पालना और हमारे बेटे के लिए तरह तरह के कपडे, डायपर्स और उसके एसेंशियल सामान भी रखे थे। रुखसार ने हमारे बेटे को पालने में सुला दी और हम बिस्तर पर लेट गयीं। आपस में बात करते करते हमें कब नींद ने अपनी आगोश में ले लिया, हमें कुछ पता नहीं चला।

ढाई घंटे बाद हमारे बेटे के रोने की आवाज़ सुनकर मेरी और रुखसार की नींद खुल गयी। हमारे बेटे को भूख लगी थी और रुखसार उसे दूध पिलाने बैठ गयी। मैं उसके बगल में बैठकर उसे मेरे बेटे हो दूध पिलाते देख रही थी।
रुखसार बोली- ऐसे क्या देख रही हो सोफिया?
मैं बोली- कुछ नहीं, बेटे को दूध पीते देख रही हूँ!
रुखसार बोली- अच्छा! मजा आ रहा है तुमको!
मैं बोली- नहीं ऐसा कुछ नहीं है।
रुखसार बोली- तुम आज पहली बार राजा जी के साथ सुहागरात मनाओगी सोफिया।
मैं बोली- तुम भी तो मनाओगी ना!
रुखसार बोली- नहीं, डॉक्टर ने मना किया था, एक साल तक सेक्स नहीं करने को!
मैं बोली- नहीं रुखसार, ऐसे मत बोली! मुझे अकेली मत छोड़ो!
रुखसार बोली- मैं इस बारे में राजा जी को पहले भी बता चुकी हूँ। मैं कमरे में ही रहूंगी, बस सुहागरात नहीं मनाऊंगी!
मैं बोली- ओके!
मेरे बेटे को दूध पिलाने के बाद रुखसार ने उसे कुछ देर अपनी गोद में रखकर खेलने लगी तो वो सो गया। तब रुखसार ने मेरे बेटे को पालने में सुला दी और खुद बिस्तर पर लेट गयी।
राजा मेरी अम्मी अब्बू और रुखसार से बोला- देखिये अंकल आंटी, वैसे तो ये आपका पारिवारिक मामला है, लेकिन इन सब में सफीउल की कोई गलती नहीं है। वो तो मेरी कंपनी में नौकरी कर रहा था और कभी इस बारे में किसी को नहीं बताया।
अम्मी बोली- देखो बेटा आप हमारे बेटे को हॉस्पिटल लेकर आये इसके लिए बहुत बहुत शुक्रिया। लेकिन आप ही बताओ, हम क्या करें। गाँव समाज में हमें किस नज़र से देखा जायेगा और अगर सफीउल सेक्स चेंज करवा कर औरत बन जाता है तो गाँव समाज हमे जिंदगी भर तरह तरह के ताने सुनाएगा। मेरे शौहर की बहुत इज़्ज़त है, सब मिटटी में मिल जाएगी।
राजा बोला- लेकिन अगर सफीउल ऑपरेशन नहीं करवाता है तो उसकी जान को खतरा है।
मेरे अब्बू बोले- खतरा है तो रहे, भले ही सफीउल मर जाये, लेकिन इसे औरत बनता नहीं देख सकते हम। और अगर सफीउल औरत बन जाता है तो फिर रुखसार का क्या होगा और इसकी कोख में जो सफीउल का अंश पल रहा है, उसे तो जिंदगी भर ताना सुन्ना पड़ेगा। स्कूल में एडमिशन भी करवाने जायेंगे तो अम्मी अब्बू का नाम पूछा जाता है, उस नन्ही सी जान से क्या कहेंगे कि तेरे अब्बू सेक्स चेंज करवाकर औरत बन गए।
अम्मी बोली- और अगर सफीउल औरत बन भी जाता है तो फिर आगे का क्या? सफीउल को कौन मर्द अपनाएगा और फिर रुखसार का क्या होगा?
राजा बोला- देखिये अंकल आंटी, रुखसार से तो अभी पिछले महीने ही सफीउल का निकाह हुआ था, उसे तो कोई भी सख्श अपना लेगा।
अम्मी बोली- ऐसे कैसे अपना लेगा, मेरी बहु कोख से है।
अब्बू बोले- सफीउल औरत बन जायेगा तो उसे कौन अपनाएगा! हमारे वंश का तो बंटाधार हो गया, या अल्लाह, क्या यही सब देखने को जिन्दा रखा तो तूने!
राजा बोला- अगर ऐसा है तो ठीक है, मैं सफीउल को अपना लूंगा।
राजा की बात सुनकर अम्मी अब्बू और रुखसार शॉक्ड रह गए।
मैं भी राजा के ऐसे प्रपोजल से शॉक्ड थी, मुझे उम्मीद नहीं थी कि राजा मेरे अम्मी अब्बू से मेरा हाथ मांग लेगा।
अम्मी बोली- नहीं राजा, अगर ऐसा है तो आपको हमारी बहु को भी अपनाना पड़ेगा?
राजा बोला- आपके बेटे को सेक्स चेंज ऑपरेशन के बाद तो मैं अपनाने को तैयार हूँ, लेकिन अगर मैं आपकी बहु को भी अपना लूंगा तो आपकी बहु को कैसा लगेगा? क्या वो अपने पति की सौतन बनकर मेरे साथ जिंदगी बिताने को तैयार होगी?
अम्मी बोली- क्यों रुखसार, क्या तुम्हे कोई ऐतराज़ है?
रुखसार बोली- मुझे कोई ऐतराज़ नहीं है अम्मी, और मैं शफीउल के साथ रहूंगी तो उन्हें वो सबकुछ सीखा भी दूंगी जिसकी जरुरत उन्हें शादी के बाद होगी!
अब्बू- लो राजा, अब तुम बताओ, क्या तुम हमारे दामाद बनने को तैयार हो?
राजा के तो दोनों हाथों में लड्डू थे। मैं सर झुकाये बैठी सबकुछ सुनकर भी कुछ नहीं कह पा रही थी और राजा ने मेरी ओर देखा और मेरे अब्बू से कहा- हाँ, मैं तैयार हूँ।
फिर मेरे अम्मी अब्बू और रुखसार मेरे सेक्स चेंज ऑपरेशन के हंसी ख़ुशी तैयार हो गए। राजा ने उनके रहने का इंतेज़ाम पास के थ्री बीएचके अपार्टमेंट में करवा दिया और अपनी कार से उन्हें अपार्टमेंट में शिफ्ट करवा दिया। इधर मैं हॉस्पिटल में एडमिट हो चुकी थी और राजा ने डॉक्टर से मेरे फिगर के बारे में डिस्कस कर लिया था। वो चाहता था कि सेक्स चेंज ऑपरेशन के बाद मेरा फिगर ऑवरगिलास शेप में रहे ताकि मैं दिखने में और भी खूबसूरत दिखूं। मैं चुपचाप डॉक्टर और राजा की बात सुनती रही और राजा ने सोफिया के नाम से मेरे लिए नए नाम में हुए बदलाव के सर्टिफिकेट्स के लिए डॉक्टर को कह दिया। हॉस्पिटल में एडमिट होने के बाद मुझे तीन महीनों तक फीमेल होर्मोनेस पर रखा गया। उसके बाद मेरे चेस्ट में काफी बदलाव आया, मेरे चेस्ट को देखकर कोई भी ये कह सकता था कि ये ब्रेस्ट्स हैं। मेरे ब्रैस्ट काफी बड़े और सुडौल होते जा रहे थे, वहीँ मेरे इंटरनल ऑर्गन्स की सर्जरी और वजिनोप्लास्टी की गयी। जिसके बाद मेरे शरीर से मेरे लंड को काट कर हटा दिया गया।
बहुत ही इमोशनल पल था वो मेरे लिए और अगर राजा ने मुझे सपोर्ट नहीं किया होता तो शायद मैं उस इमोशनल पल से बाहर नहीं निकल पाती। अगले हफ्ते मेरी नोज लिफ्टिंग और वॉयस फेमिनाइजेशन सर्जरी हुई। ये वॉयस फेमिनाइजेशन सर्जरी की प्रक्रिया से मेरी वोकल कॉर्ड की लंबाई, जकड़न और आकार को बदल दी गयी। एक महीने के बाद जब मेरे नाक और गले की पट्टी खुली तो मेरी शक्ल ही बदल चुकी थी और मेरी आवाज़ में कोयल जैसी मिठास आ गयी थी। थोड़ी वौइस् करेक्शन के बाद मैं अब बोल सकती थी। मेरी नाक की लम्बाई पहले से काफी छोटी कर दी गयी थी,अब मैं बहुत ही खूबसूरत दिखने लगी थी। छह महीने गुज़र चुके थे और अब मेरे ब्रैस्ट काफी बड़े 34 डी साइज के हो चुके थे और अब उन्हें बिना सपोर्ट के संभालना मेरे लिए काफी मुश्किल था। नर्स ने मुझे पुशअप ब्रा पहनाई जिसके बाद मुझे काफी रिलैक्स फील हुआ।
उसके एक महीने बाद से मुझे न्यूड करके एक ख़ास तरह की मशीन में रात भर सुलाया जाने लगा और ऐसा लगभग नेक्स्ट दो महीनों तक चला। इधर मेरी बीवी रुखसार का नौवा महीना शुरू होने जा रहा था और यहाँ डॉक्टर ने मुझसे कहा कि एक महीने बाद या इसी महीने मेरे पीरियड्स आने लगेंगे। मुझे कोई आईडिया नहीं था कि पीरियड्स क्या होता है और ना ही ये पता था कि ऐसा क्यों होता है। मैंने इस बारे में नर्स से सवाल की तो नर्स ने मुझे पीरियड्स के बारे में पूरी बात बताई।
नर्स बोली- किसी भी लड़की के लिए जवानी वह समय होता है, जब उसका शरीर ओवरी द्वारा पैदा हुए हार्मोन की वजह से बदल रहा होता है। आमतौर पर 8 और 13 वर्ष की उम्र के बीच की उम्र में यह शुरू होता है और इसमें स्त्री के ब्रैस्ट का विकास, अंदरुनी अंग और अंडरआर्म जगहों में बाल आना और उसकी ऊंचाई में बढ़ोतरी होती है। आप यह भी नोटिस कर सकती हैं कि आपके शरीर में कोई गंध है और हार्मोन के असर से आपके वजाइना वाले पार्ट से कुछ बहाव होना शुरु होता है।
मैंने पूछा- और क्या क्या होता है?
नर्स बोली- महिलाओं को हर महीने में लगभग एक बार पीरियड्स आने की संभावना होती है। एक सामान्य मैन्सट्रुएशन लगभग 28 दिनों का होता है। इसका मतलब है कि अवधि के पहले दिन से लेकर अगली अवधि के पहले दिन तक लगभग 28 दिन होंगे। 28 दिन एक औसत संख्या है, लेकिन इसका होना 21 से 35 दिनों के बीच भी सामान्य है। खून निकलने या बहने की मात्रा हर दिन अलग-अलग होगी। आमतौर पर शुरुआती पीरियड्स में सबसे अधिक खून निकलता है और अंत में सबसे कम होता है। जब लड़कियों को पहली बार पीरियड्स होते हैं, तब उनकी बहुत हैवी पीरियड्स साइकल हो सकती हैं और अगले में बहुत हल्की हो सकती है। पीरियड्स आने का मतलब है, तुम्हारे अंदुरुनी फीमेल ऑर्गन्स पूरी तरह से विकसित हो चुके हैं और तुम माँ बनना का सुख पा सकती हो।
नर्स की बात सुनकर मुझे एहसास हुआ कि अब कुछ ही दिनों में मैं औरत बन जाउंगी और मुझे भी पीरियड्स आने लगेगा। राजा हर रोज़ समय निकालकर मेरे साथ कुछ पल जरूर बिताता। इधर मेरे अम्मी अब्बू रुखसार को लेकर घर चले गए थे और रुखसार नौवे महीने में दाखिल हो चुकी थी। उसकी देखरेख के लिए अम्मी अब्बू ने मेरी सालियों को घर बुला लिया था और वे मेरी रुखसार का देखरेख करने लगी थीं। इधर डॉक्टर्स मेरे फिगर पर काम कर रहे थे उसके लिए उनके पास एक स्पेशल वाइब्रेटर मसाजर था जिसमे मुझे लिटा दिया जाने लगा था। पंद्रह दिनों बाद इधर मुझे पहली बार पीरियड्स आया और उधर मेरी रुखसार ने मेरे बेटे को जन्म दिया। पीरियड्स के कारण मूड स्विंग होने लगा और चिड़चिड़ापन, पेट में दर्द और कमर के दर्द से मैं परेशान हो गयी। किसी से बात करने का मुझे जरा भी मन नहीं हो रहा था। जिस बेड पर मैं लेटी हुई थी, वो गन्दा हो गया था और मेरा गाउन भी। नर्स मुझे वाशरूम में ले गयी और पैड पहनना सिखाई और मेरे कपडे चेंज करवाकर मेरे बेड पर लिटा दी। तीन दिन गुज़र गए, रुखसार ने जब मेरे बेटे को जन्म दिया तो राजा मेरे अम्मी अब्बू से मिलने चला गया और मेरे बेटे के साथ फोटो क्लिक की। मेरे अम्मी अब्बू और रुखसार और उसकी बहनों के साथ टाइम स्पेंड किया। अगले दिन राजा जब मुझसे मिलने आया तो मुझे रुखसार और मेरे बच्चे के साथ फोटोज दिखाने लगा। मैं खुश भी थी और अपनी बदनसीबी कहूं या खुशनसीबी कुछ समझ नहीं पा रही थी मैं। राजा के साथ मैंने थोड़ा टाइम ही स्पेंड किया और उसे बताया कि मेरे पीरियड्स चल रहे हैं। राजा के चेहरे का स्माइल बता रहा था कि वो इस बात से कितना खुश था। चार दिन बाद मेरे पीरियड्स ओवर हुए तो नर्स ने मुझे शैम्पू करके नहाने को कहा। मैं अच्छे से स्नान की और उसके बाद गाउन पहनकर बेड पर लेट गयी। मेरे बाल पहले से काफी घने हो चुके थे और मेरे पीठ तक आने लगे थे। इधर मेरे पीरियड्स के ख़त्म होने की खबर जब डॉक्टर को मिली तो वो मुझसे मिलने आया।
डॉक्टर बोला- कॉन्ग्रैचुलेशन सोफिया, तुम अब पूरी तरह से औरत बन चुकी हो। तुम्हारा फिगर ठीक वैसे ही ऑवरग्लास शेप में है जैसे मिस्टर राजा ने कहा था और तुम्हे अपना फिगर मेन्टेन करने के लिए ये कुछ योग टिप्स हैं। साल में एक वीक हॉस्पिटल आ जाना और फिगर मेन्टेन करने वाली मशीन को नेक्स्ट पांच साल तक फ्री यूज़ कर सकती हो। तुम अब माँ बनने में भी सक्षम हो और जब तुम शादी करना तो मुझे जरूर बुलाना। मैंने मिस्टर राजा को इन्फॉर्म कर दिया है, वो दोपहर तक आकर तुम्हे डिस्चार्ज करवा लेंगे।
ऐसे बोलकर डॉक्टर वहां से चला गया। दोपहर में राजा मुझे हॉस्पिटल से डिस्चार्ज करवाने आ गया। जब वो मुझसे मिला तो मुझे आँख मारकर नर्स को एक बैग दे दिया और फिर मेरे डिस्चार्ज प्रोसेस के लिए डॉक्टर्स चैम्बर में चला गया। बहुत कमज़ोर महसूस कर रही थी औरत बनने के बाद। मेरा वजन चालीस किलो रह गया था और मेरा ऑवरग्लास फिगर काफी आकर्षक दिख रहा था। जब मैं न्यूड होकर आईने के सामने खड़ी हुई तो मेरे कर्वी फिगर को देखकर अपनी खूबसूरत जिस्म पर यकीन नहीं कर पा रही थी। मेरी पिंक वजाइना किसी नार्मल लड़की की तरह काफी सिकुड़ी हुई थी और मेरे हिप्स काफी राउंड हो गए थे। राजा मेरे लिए साड़ी लाया था और नर्स को पता नहीं था कि मुझे साड़ी पहनने आती हैं। मैं कपडे लेकर वाशरूम में गयी और थोड़ी देर बाद साड़ी पहनकर रेडी हुई। लेकिन मेरी बैकलेस ब्लाउज काफी टाइट फिट हो रही थी और मेरे ब्रैस्ट का उभार साफ़ झलक रहा था। मैंने साड़ी के पल्लू से अपने सीने को ढंकने की कोशिश की लेकिन मेरी साड़ी के पल्लू से घूँघट की तो मेरे सीने से साड़ी थोड़ी टाइट हो गयी और मेरी ब्रैस्ट का उभार झलकने लगा। फिर मैं मेकअप की और ज्वेलरीज पहन ली। छोटी सी नोज़ पिन मैंने अपने नाक में पहन ली और कानों में झुमकी। गोल्डन हील्स पहनकर जब मैं वाशरूम से बाहर आयी तो नर्स से अपनी बाल बनवा ली।
नर्स बोली- अरे वाह सोफिया, तुम्हे तो साड़ी पहननी भी आती है।
मैं बोली- हाँ सिस्टर!
फिर नर्स ने मेरे बालों को अच्छे से ठीक कर दी और अब मैं रेडी थी। नर्स मुझे डॉक्टर्स चैम्बर में ले गयी और डॉक्टर के सामने खड़ी करके चली गयी। सामने राजा भी चेयर पर बैठा था, डॉक्टर ने मुझे बैठने को कहा। मैं डॉक्टर के सामने राजा के साथ बैठी दोनों की बातें सुन रही थी। राजा और डॉक्टर मेरे और मेरी शादी के बारे में बातें कर रहे थे। मुझे बड़ा ही ज्यादा ऐम्बर्रास्मेंट हो रहा था, मैं समझ नहीं पा रही थी कि किस्से क्या कहूं। फिर राजा डॉक्टर से विदा लेकर मुझे अपने साथ निकल गया।
मैंने राजा से पूछा- हम कहाँ जा रहे हैं?
राजा बोला- मेरे घर!
मैंने पूछा- घर क्यों?
राजा बोला- मेरे मॉम डैड को भी तो पता चले कि मेरी होने वाली दुल्हन कैसी दिखती है।
मैंने कहा- धत्त, मुझे पहले बताना था ना राजा!
राजा मेरी बात सुनकर मुस्कुराता रहा। थोड़ी ही देर में हम राजा के घर पर थे। इतना आलिशान घर कम हवेली ज्यादा लग रही थी। राजा अंदर ले गया, नीचे बड़ा सा हॉल, दो तरफी सीढ़ियां और बहुत आलिशान डेकोरेटेड घर देखकर मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि राजा मुझे इस घर में अपनी दुल्हन बनाकर लाएगा। राजा ने मुझे सोफे पर बैठने को कहा और थोड़ी देर में अपने मॉम डैड के साथ हॉल में आ गया। जब राजा की मॉम डैड मेरे सामने आये तो ना जाने मुझे क्या सुझा, मैंने अपनी आँचल को ठीक करके झुक कर उनके पैरों को छूने लगी। मुझे नहीं पता था कि मैं ये क्या कर रही थी लेकिन एक बार नीलम ने मुझे बताया था कि जब लड़के के मॉम डैड से मिलूं तो उनके पैरों को छूकर उनका आशीर्वाद जरूर लेना चाहिए। राजा की मॉम ने मुझे ऊपर उठाया और मुझे आशीर्वाद दी।
राजा की मॉम बोली- तो तुम हो सोफिया, सच में जन्नत की हूर हो तुम। राजा तुम्हारा सिलेक्शन तो कमाल का है, मुझे तो बहु पसंद है। काश सोफिया थोड़ी लम्बी होती तो तुमदोनो की जोड़ी और भी अच्छी लगती!
राजा बोला- मैंने कहा था ना मॉम, मेरी सोफिया तुम्हे एक झलक में पसंद आ जाएगी! पापा आपको कैसी लगी मेरी होने वाली दुल्हन!
राजा के पापा बोले- भला तुम्हारी मॉम गलत हो सकती है? मुझे भी तुम्हारी दुल्हन बहुत पसंद है राजा! पंडित जी को कॉल कर दिया है मैंने, थोड़ी देर में आते होंगे।
राजा की मॉम बोली- सोफिया, तुम मेरे साथ आओ, मैं तुम्हे घर दिखाती हूँ!
मैं राजा की मॉम के साथ घर देखने चली आयी और राजा अपने पापा से मेरे बारे में बातें करने लगा। जब मैं चल रही थी तो पहले की तरह एफर्ट नहीं करना पड़ रहा था और दोनों पैरों के बीच का खालीपन भी फील हो रहा था। मैं सर झुकाये अपनी होने वाली सास के साथ घर देखने लगी।
इसी बीच राजा की मॉम बोली- सोफिया, हमें राजा ने सबकुछ सच सच बता दिया है। तुम पहले मर्द थी और सेक्स चेंज करवा कर औरत बनी हो और तुम्हारी पत्नी को भी राजा अपनी पत्नी का दर्ज़ा देने को तैयार है। हमे कोई आपत्ति नहीं है, राजा हमारा एकलौता बेटा है और उसकी ख़ुशी में हमारी ख़ुशी है। सेक्स चेंज से पहले की तस्वीर मैंने देखि है तुम्हारी लेकिन अब तो तुम्हे देखकर लगता है कि तुमसे सुन्दर और गुणवान बहु मुझे दिया लेकर ढूंढने से भी नहीं मिलेगी कभी। बहुत ही संस्कारी हो तुम और यकीन मानो, राजा तुम्हे बहुत खुश रखेगा।
मैंने अपनी होने वाली सास से पूछा- तो क्या राजा आपसे सब कुछ शेयर करता है?
राजा की मॉम बोलीं- हाँ, मेरे बेटे ने आज तक हमसे कोई बात नहीं छुपाई। तुम्हारे सेक्स चेंज की बात हमें पहले से ही मालुम थी। लेकिन आज से ये कभी मत सोचना कि तुम कभी मर्द थी। अब तुम राजा की होने वाली दुल्हन और इस घर की होने वाली बहु हो। वेलकम तो वीमेनहुड सोफिया!
मैंने कहा- थैंक्स, मॉम!
फिर थोड़ी देर बात करते करते हमदोनो होने वाली सास बहु का रिश्ता काफी अच्छा हो गया था। जब हम हॉल में वापिस आये तो पंडित जी पहले से ही शादी का दिन निकाले बैठे राजा और उसके डैड यानि मेरे ससुर से बातें कर रहे थे।
शादी का डेट फाइनल हो चुका था जो कि आज से छह महीने बाद का था। शादी का डेट फाइनल होने करने के बाद पंडित दक्षिणा लेकर चले गए। उसके बाद राजा की मॉम ने मुझे अपने पास बिठाया।
राजा की मॉम बोलीं- देखो बिटिया, हमारे घर के कुछ रीती रिवाज़ हैं और इन सबसे पहले मैं बता दूँ कि हम प्रॉपर बिहार के रहने वाले हैं और मेरे पति हिमाचल के। इस घर में जितना ट्रेडिशन मेरे बिहार के फॉलो किये जाते हैं उतने ही हिमाचल के भी। तुम वैसे तो मुस्लिम बिरादरी से, हो लेकिन इस घर की बहु बनने के साथ तुम हिन्दू बन जाओगी और तुम्हे हमारे घर में पूरी जिंदगी ये ट्रडिशन्स को फॉलो करोगी। तुम्हे कोई ऐतराज़ तो नहीं है ना सोफिया!
मैं बोली- मुझे कोई ऐतराज नहीं है मॉम!
फिर मेरी होने वाली सास बोली- तो बिटिया, ये ले हमारी ओर से नेग।
और फिर मेरी होने वाली सास ने मेरे हाथों में चार बड़े बड़े गिफ्ट पैक रख दीं, जो काफी हैवी थीं। मैंने उनसे कहा कि इनकी क्या जरूरत है। इसपर राजा के डैड यानि मेरे होने वाले ससुर ने भी मुझे तीन गिफ्ट्स दियें। फिर मुझे और राजा को एक एक अंगूठी देकर आमने सामने बिठा दिया। राजा ने मेरे रिंग फिंगर में डायमंड प्लैटिनम रिंग पहनाया और मैं उसके रिंग फिंगर में सोने की अंगूठी पहना दी। वहां और कोई नहीं था सिवाए मेरे होने वाले सास ससुर के, जो हमदोनो पर फूल बरसा रहे थे।
फिर मेरी सास ने मुझसे कहा- दुल्हन, शादी के दिन राजा बारात लेकर तुम्हारे घर आएंगे। अब तुम हमारे घर की दुल्हन हो तो इस बीच कभी भी, किसी भी चीज़ की जरूरत हो, हमसे कह देना।
मैं बोली- नहीं मॉम, मुझे कुछ नहीं चाहिए!
फिर मेरी सास बोली- देखो बिटिया, इन छह महीनो में ना तो राजा तुम्हे एक बार भी देखेगा और ना ही तुम राजा को देख सकती हो। हाँ एक दूसरे की फोटो या वीडियो देखने में कोई हर्ज़ नहीं है लेकिन तुम दोनों को छह महीने अलग रहना है।
मैं बोली- जी मॉम!
फिर राजा मुझे फ्लैट पर ले आया और थोड़ी देर मेरे साथ रोमांस करने की कोशिश की। मैंने राजा को समझाया कि मॉम ने मना किया है तो रुक जाओ ना। मुझे यकीन था कि राजा नहीं मानेगा तो मैंने भी राजा से कहा कि मुझे मरे अम्मी अब्बू के पास जाना है। राजा मुझे मेरे घर पर छोड़ आया, मेरे अम्मी अब्बू, रुखसार और मेरे बेटे के लिए ढेर सारे गिफ्ट्स भी लेकर आया था, राजा मुझसे ये कहकर चला गया कि अब वो भी छह महीने बाद ही मुझसे मिलेगा। राजा के जाने के बाद जब मैं अपने कमरे में गयीं तो मेरी सालियाँ मुझे घेर कर बैठ गयीं। मैंने उनसे कहा कि पहले मैं अपने बेटे को देखना चाहती हूँ और मैं रुखसार के कमरे में चली गयी। रुखसार मेरे बेटे को अपनी गोद में दूध पीला रही थी और थोड़ी देर बाद उसने मेरे बेटे को पालने में रख दी। मेरा बेटा सो रहा था, उसे पालने में बड़े ही प्यार से सोता देख मेरी आँखें भर आयी। ये मेरा ही बेटा था जो बड़ा होकर मुझे भी माँ ही कहकर पुकारने वाला था। रुखसार मुझे बिस्तर पर बिठाकर मेरे बगल में बैठ गयी और मुझसे बात करने लगी।
रुखसार बोली- तो तुम औरत बन गयी हो, है ना!
मैंने कहा- हाँ!
रुखसार बोली- और कैसा लग रहा है औरत बनकर!
मैंने कहा- आई डोंट नो!
रुखसार बोली- मुझे तो यकीन ही नहीं होता कि मेरे शौहर को अल्लाह मिया ने औरत बना दिया। जरूर पिछले जन्म में मैंने कोई पाप किया होगा जो आज ऐसा दिन देखना पड़ रहा है। तुम्हे पता है, मेरे लिए कितना टफ समय है ये। एक तरफ हमारे अंश ने जन्म लिया और दूसरी तरफ तुम अब्बू बनने के बजाय उसकी बड़ी अम्मी कहलाओगी और एक गैर मर्द जिसे हमारा बेटा जिंदगी भर अपना अब्बू समझेगा!
मैंने कहा- आई एम् सॉरी रुखसार, आई नो, तुम्हारे बहुत एक्सपेक्टेशन थे मुझसे लेकिन मेरे बॉडी में होने वाले चेंज की वजह से आज मुझे औरत बनना पड़ा है। मैं कभी औरत बनकर नहीं जीना चाहती थी लेकिन मैं क्या करती। जो कुछ भी हुआ तुमने भी देखा और डॉक्टर ने भी, आई एम् सॉरी रुखसार!
रुखसार बोली- कोई बात नहीं, वैसे काफी सुन्दर हो गयी हो औरत बनने के बाद और तुम्हारी आवाज़ की मिठास तो सच में बहुत मीठी है।
मैं बोली- थैंक्स रुखसार!
रुखसार बोली- तो कब है शादी?
मैं बोली- छह महीने बाद!
रुखसार बोली- फिर तो तुम, राजा की दुल्हन बन जाओगी ना!
मैं बोली- तुम भी तो राजा की दुल्हन बन जाओगी!
रुखसार बोली- हाँ, मुझे क्या पता था कि कभी ऐसा भी दिन आएगा, जब कोई मर्द मेरे शौहर को अपनी दुल्हन भी बनाएगा!
मैं बोली- इट्स आवर फेट रुखसार! अल्लाह यही चाहते हैं हमसे!
रुखसार बोली- अल्लाह, और कैसे दिन देखने बाकी रह गए हैं, मैं नहीं जानती। अल्लाह से यही दुआ करुँगी कि हमारी आगे की लाइफ ऐसे दुःख भरी ना रहे!
मैं बोली- चिंता मत करो रुखसार, राजा जी बहुत अच्छे इंसान हैं। इतने मुश्किल हालातों में उन्होंने मेरी मदद भी की, मेरे ऊपर इतने पैसे भी खर्च किये और मेरे साथ तुम्हे भी अपनाने को रेडी हो गए। हम हमेशा साथ रहेंगे, भले मैं औरत बन गयी हूँ, लेकिन आज भी मैं तुमसे उतना ही प्यार करती हूँ और ये प्यार कभी कम नहीं होगा!
मेरी बात सुनकर रुखसार थोड़ी इमोशनल हो गयी और उसने मुझे हग कर लिया और हम दोनों एक दूसरे से लिपटकर खूब रोयीं! मेरे बूब्स रुखसार के बूब्स से काफी बड़े थे और जो ब्लाउज मैंने पहनी थी, वो काफी छोटी पड़ रही थी मुझे। अभी हमदोनो आपस में बातें कर ही रहीं थी कि इतने मेरी तीनो सालियाँ कमरे में आ गयी। जैस्मिन, जेसिका और जेनी तीनो मुझे घेर कर बैठ गयीं, रुखसार हमारे लिए चाय बनाने किचन में चली गयीं और तीनो मुझे छेड़ने लगीं।
जैस्मिन बोली- जीजू, आप औरत बन गए और सुना है कि छह महीने बाद राजा जी आपको ब्याह कर अपनी दुल्हन बनाकर ले जायेंगे!
जेसिका बोली- हां जीजू, मैंने भी यही सुना है और मैंने तो ये भी सुना है कि आपके होने वाले शौहर काफी अमीर हैं।
मैं बोली- हाँ ये सच है!
जेनी बोली- तो जीजू हमारी बहन का क्या होगा फिर!
मैं बोली- राजा जी रुखसार को भी अपनाने को तैयार हैं। एक ही मंडप पर मुझे भी राजा जी मुझे और रुखसार से ब्याह करेंगे!
जेनी बोली- मंडप पर, तो क्या हिन्दू रति रिवाज़ों से ये शादी होने वाली है?
मैं बोली- अब हिन्दू परिवार है तो वे तो हिन्दू रीती रिवाज़ों से ही शादी करेंगे ना!
जेसिका बोली- तो जीजू, आप एक्साइटेड हो ना इस शादी को लेकर, सच कहना!
मैं बोली- थोड़ी बहुत!
जैस्मिन बोली- तो अब आपका और हमारा रिश्ता क्या होगा जीजू!
मैं बोली- मैं नहीं जानती!
जेसिका बोली- अरे, जब राजा जी रुखसार आपा से ब्याह करेंगे और जीजू से भी ब्याह रचाएंगे तो अब ये हमारी सोफिया आपा हुईं ना।
जेनी बोली- हाँ, आज से आप हमारे जीजू नहीं, सोफिया आपा हो!
मैं बोली- जैसे आप सभी को ठीक लगे!
जेसिका बोली- तो क्या कोई मुस्लिम परिवार नहीं मिला आपको जो हिन्दू परिवार में शादी कर रही हो सोफिया आपा! मेरे सईद भाईजान भी तो कुंवारे हैं, आप उनसे निकाह कर लेती!
मैं बोली- मेरे मुसीबत के समय तुम्हारे सईद भाईजान नहीं आये थे। और अम्मी अब्बू ने यही शर्त रखी थी राजा जी के सामने कि अगर मेरा ऑपरेशन हुआ और मैं औरत बनी तो उन्हें मुझे अपनाना होगा और साथ ही रुखसार को भी!
जेनी बोली- तो सोफिया आपा! आपको ऑपरेशन करवा कर औरत बनने की क्या जरुरत थी। अच्छे खासे मर्द थे, रुखसार आपा की कोख में आपका बेटा पल रहा था और आज अगर आप मर्द होतीं तो रुखसार आपा का बेटा आपको अब्बू कहता!
मैं बोली- जेनी! मेरे बॉडी में हॉर्मोन इम्बैलेंस होने की वजह से फीमेल होर्मोनेस इतने ज्यादा हो गए कि मेरे बॉडी के अंदर फीमेल इंटरनल ऑर्गन्स तक डेवेलोप हो गए। जब कोई विकल्प नहीं मिला तो मुझे अपना ऑपरेशन करवाना पड़ा और औरत बनना पड़ा।
बोलते बोलते मैं काफी इमोशनल हो गयी और रुखसार कमरे में सभी के लिए चाय लेकर आ गयी।
रुखसार बोली- तुम इन्हे फिर से छेड़ने लगी, चलो चाय पियो!
हम सब ने साथ बैठकर चाय पी और फिर शादी में क्या पहनना है ये डिस्कस करने लगीं। मैं उठकर अपने बेटे के पास आ गयी, वहीँ अम्मी और अब्बू भी बैठे थे, वो मेरी शादी को लेकर आपस में बातें कर रहे थे।
मैंने अम्मी से पूछा- क्या बात कर रही हो अम्मी!
अम्मी बोली- तेरे ब्याह लेकर बातें हो रही हैं।
मैंने पूछा- कैसी बातें!
अब्बू बोले- छह महीने बाद तेरी शादी है राजा बाबू से। दामाद जी बोलकर गए हैं कि वो बारात लेकर इसी घर पर आएंगे और हिन्दू रीती रिवाज़ों से तेरी शादी होगी उनसे।
मैं बोली- मैं जानती हूँ अम्मी!
अब्बू बोले- लेकिन इसके लिए हमारा समाज तैयार नहीं होगा! वे हमे समाज से बेदखल कर देंगे, अगर हिन्दू रीती रिवाज़ों के अनुसार तेरा ब्याह हुआ तो!
मैं बोली- अम्मी, अब्बू, आपको समाज की पड़ी है। ये समाज आपको हर मुसीबत में अकेला छोड़ देता है और मेरी शादी के टाइम इनके नखरे शुरू हो जायेंगे! एक बार मुस्लिम रीती रिवाज़ों से मेरा ब्याह हो चूका, रुखसार के साथ। और अब हिन्दू रीती रिवाज़ों से ब्याह होता भी है तो मुझे नहीं लगता किसी पर कोई फ़र्क़ पड़ेगा। पहले कुछ दिन बोलेंगे फिर चुप हो जायेंगे! आप टेंशन मत लो अम्मी अब्बू! और ऐसा भी नहीं है कि मेरी शादी के बाद मैं आपका ख्याल नहीं रखूंगी, मैं तब भी आप सब का उतना ही ख्याल रखूंगी, जितना अभी रखती हूँ!
अम्मी बोली- तो तेरे ब्याह के बाद रुखसार भी तेरे साथ चली जाएगी। घर सूना सूना हो जायेगा।
मैं बोली- तो अम्मी, रुखसार से राजा जी की शादी रुकवा दूँ!
अम्मी बोली- नहीं मेरी बच्ची, ऐसा मत करना! रुखसार तेरी अमानत है, तू जहाँ जाएगी वो तेरे साथ रहेगी और ऐसे में उसे कौन अपनाएगा!
मैं बोली- जैसा तुम ठीक समझो अम्मी! लेकिन स्ट्रेस बिलकुल भी मत लो, अल्लाह मिया ने जरूर कुछ सोच कर ही मेरी लाइफ को ऐसे बदलकर रख दिया है।
अब्बू बोले- कोई बात नहीं बिटिया, वैसे भी तू अपनी बड़ी बहन जैसी ही दिखने लगी है।
अम्मी बोली- इन छह महीनों में तू घर के काम काज सीख ले, ससुराल में तेरे सास ससुर को लगेगा कि तू बहुत ही संस्कारी है।
मैं बोली- सीख लुंगी अम्मी! आप रेस्ट करो।
शाम में राजा की मॉम ने मुझे कॉल किया और मेरे साथ काफी देर तक बातें करती रहीं। वो मुझे राजा के बारे में सबकुछ बता रहीं थी और उसकी तारीफ़ कर रहीं थी। फिर मैंने अपनी होने वाली सास की बात रुखसार से करवाई और रुखसार ने भी उनसे बड़े ही अदब से बात की। थोड़ी देर बात करने के बाद मेरी सास ने मुझे और रुखसार को अपना आशीर्वाद दिया और कॉल कट कर दिया। मेरी सास से बात करके रुखसार बड़ी खुश हुई, उसे एहसास नहीं था कि मेरी सास जो अब उसकी भी सास बनने जा रही थी, वो इतनी पोलाइट होगी और इतने प्यार से बात करेगी। घर में सब बहुत ही खुश थे और मेरी सालियाँ मुझे छेड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ रही थीं। कभी कभी राजा को मैं बहुत मिस करती, उसके साथ बिताये हर एक पल को, उस एहसास को जब मैं राजा की बाहों में होती थी। वैसे तो मैं राजा की दुल्हन बनने वाली थी लेकिन मन करता कि कब राजा मुझे अपनी बाहों में समेट ले और कब मैं उसकी बाहों में फिर से उस गर्माहट का एहसास करूँ। बहुत मिस कर रही थी मैं राजा को, लेकिन रुखसार और अपनी सालियों के बीच मैं राजा से अपने दिल की बात तक करने में असमर्थ थी। कभी कभी रात को जब मैं अपनी वजाइना को छूती तो एक बिजली सी दौड़ जाती मेरे पुरे शरीर में और मेरी हिम्मत नहीं होती कि मैं अपनी वजाइना को छू कर एन्जॉय भी करूँ! अपनी वजाइना को छूने भर से मुझे इतना सेंसेशन होने लगता तो राजा के साथ सुहागरात में मेरा क्या होगा, ये सोच कर भी मेरी हालत ख़राब हो जाती। कभी कभी अपनी वजाइना को सेहला कर काम चला लेती क्यूंकि मुझे डर था कि अगर मैंने फिंगरिंग की या ऐसा कुछ किया तो कहीं मेरा कौमार्य ना भंग हो जाए, जिसे मैंने अपने राजा जी के लिए संजोय रखी थी। शादी में अभी भी तीन महीने बाकी थे, घर के काम काज के बीच, हर रोज़ मेकअप कम्पटीशन होता, मेरी सालियों के बीच कि कौन ज्यादा अच्छा मेकअप करती हैं। मुझे और रुखसार को बिठाकर रोज़ सजाना, संवारना और ज्वेलरी मैच करना, ये सब नार्मल रूटीन बन गया था। जैस्मिन, जेनी और जेसिका मिलकर मुझे बहुत छेड़तीं।
एक दिन जेनी बोली- जीजू को दुल्हन बनाकर राजा जी ले जाएंगे तो क्या होगा जेसिका!
जेसिका बोली- कुछ नहीं, वही होगा जो शादी के बाद दुल्हनों के साथ होता है।
जैस्मिन बोली- क्या होता है जेसिका, दुल्हनों के साथ।
जेनी बोली- सुहागरात और उसमे क्या होता है ये तो जीजू को पता ही है। रुखसार आपा के साथ सुहागरात में जो हुआ था वही हमारे जीजू के साथ हमारे होने वाले नए जीजू। सुहागरात के हमारे जीजू को हमारे होने वाले जीजू अपने बच्चों की अम्मी बनाएंगे!
जेसिका बोली- इतनी जल्दी अम्मी बना देंगे?
जेनी बोली- और नहीं तो क्या, नए जीजू को देखा नहीं। गामा पहलवान हैं वो, हमारी दोनों दुल्हनों को तो वे बिस्तर पर मसल कर रख देंगे। मुझे तो पूरा यकीन है कि सुहागरात में पलंग जरूर टूटेगी और क्या क्या टूटेगा वो तो अल्लाह मिया ही जानते हैं, हाहाहाहा! सभी सलियाँ घेरे मुझे छेड़ रहीं थीं। मुझे भी पता था कि सुहागरात में क्या होता है लेकिन ये लड़कियां इतनी एडल्ट बातें करेंगी मेरे सामने, मुझे यकीन नहीं है।
रुखसार अक्सर अपनी बहनों को डांट देती और जब कभी राजा का कॉल आता, वे मुझे और रुखसार को घेर के बैठ जातीं। मैं खुद राजा से उतनी बातें नहीं करती और रुखसार को फ़ोन पकड़ा देती, वही राजा से बातें करती। राजा से बात करके रुखसार भी अच्छा फील करती और वो अपनी फीलिंग्स मेरी बजाय राजा के साथ शेयर करने लगी। मैं राजा से बहुत बातें करना चाहती थी, लेकिन मेरी नालायक सालियाँ हर वक़्त मुझे घेरे रहतीं। वे मुझे और रुखसार को एक जैसी साड़ी, प्लाज़ो कुर्ती, सलवार कमीज और नाईटी पहनाती और हमदोनो को एक साथ भी छेड़तीं। उन तीनों को हमे छेड़ने में बहुत मजा आता और मुझे हर बार शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता। अगर मैं औरत नहीं बनती तो आज ये दिन नहीं देखना पड़ता। देखते ही देखते पांच महीने बीत गए, अम्मी ने मुझे बिरयानी, शाही चिकन, मशरूम पनीर, लच्छा परांठा और भी बहुत से लज़ीज़ पकवान पकाना सिखायीं। मेरी सालियाँ मुझे मेकअप टिप्स देतीं और मुझे ज्वेलरीज पहनाकर सेल्फी लेती। इन छह महीनों में रुखसार ने भी अपना फिगर काफी हद तक मेन्टेन कर ली थी और उसका और मेरा फिगर अब लगभग एक जैसा था।
जब मेरी शादी को एक महीना बाकी था तो मेरे सास ससुर मुझसे मिलने मेरे घर आये। मेरे सास ससुर ने मेरे अम्मी अब्बू को ढेरों गिफ्ट्स दिए और साथ ही मेरी सालियों को भी। फिर उन्होंने मुझे और रुखसार को अपने पास बिठाया। हमदोनों को एक जैसी ज्वेलरीज, शादी के लाल एक जैसा महारानी स्टाइल लहँगा चोली और बनारसी साड़ियां दिए। फिर हमदोनो को सदा सौभाग्यवती रहने का आशीर्वाद देकर, शादी का डेट फिर से मेरे अम्मी अब्बू को याद करवाकर, वहां से चले गए। मैं और रुखसार एक ही कद की थीं और ये बात मेरे सास ससुर को मालूम थी। धीरे धीरे शादी की तारीख नजदीक आने लगी, तो रह रह कर मुझे बहुत ही ज्यादा डर महसूस होने लगा था। शादी से कुछ दिन पहले घर में मेरे काफी रिश्तेदार और मेरे दोस्तों का आना जाना शुरू हो गया था। मेरे दोस्त जिनके साथ कभी मैं लड़कों की तरह खेल कूद कर बड़ी हुई, जिन दोस्तों ने मेरी और रुखसार की निकाह में खूब डांस किया था। वो आज मुझे एक मर्द की दुल्हन बनती देख काफी दुखी भी थे। उन्हें यकीन नहीं हो रहा था कि मैं सेक्स चेंज करवा कर औरत बन चुकी हूँ और कुछ ही दिनों में एक मर्द मुझे और मेरी पत्नी रुखसार को अपनी पत्नियों के रूप में ब्याह कर अपने साथ ले जायेगा।
आस पड़ोस की औरतें और लडकियां भी मेरी शादी देखने को बड़ी बेसब्री से इंतज़ार कर रहीं थी। शादी से दो दिन पहले हल्दी की रस्में हुई तो हल्दी मेरे ससुराल से आया था। वो उबटन राजा को लगाया गया था और राजा के पैरों का पानी भी हमारे लिए आया था। मुझे और रुखसार को राजा के पैरों का पानी पिलाया गया और फिर हल्दी उबटन वाली रस्में हुईं। मेरे ससुराल से कुछ लडकियां मेरे घर आ गयीं थी और उनके साथ नीलम भी मेरे घर आ गयी थी। ताकि सभी रस्में अच्छे से हो सके। नीलम एक एक रस्मों को निभाने का तरीका बताते जाती और उसे पूरा करवाती। शादी से एक दिन पहले मेहँदी और संगीत रखा गया। मोहल्ले की औरतें और लड़कियों के साथ मेरे दोस्त भी खूब डांस किये और लास्ट में मुझे भी रुखसार के साथ थोड़ा बहुत डांस करना पड़ा। चूँकि रुखसार को हमारे बेटे को दूध भी पिलाना रहता तो वो मुझे अकेला छोड़ जाती। उस दिन नीलम ने एक बार फिर से मेरे हाथों में कुहनी तक और पैरों में घुटनों तक मेहँदी लगाई और सेम वैसे ही रुखसार को भी मेहँदी लगाई गयी।
लहँगा चोली में मुझे और रुखसार को तैयार किया गया। सुहाग का चूड़ा पहनाया गया वो भी एक जैसा ही था। गहनें भी एक जैसे था, कानों में बड़े बड़े झुमकी भी एक जैसी ही थी और पैरों में पहनने वाले पायल और पैरों की ऊँगली में पहनाई जाने वाली बिछुए भी एक जैसे ही थे। पहले रुखसार को नाक में नथिया पहनाया गया, जो सोने का कुमाऊनी नथुली थी और फिर मुझे नथिया पहनाया गया जो किन्नौरी नथुली थी। बहुत ही भारी नथिया थी वो, नाक में दर्द उठ गया, मेरे भी और रुखसार को भी। क्यूंकि रुखसार ने कभी ऐसी नथिया नहीं पहनी थी नाक में। बिंदियों से हमारे भौंओ को सजा दिया गया था, बालों का जुड़ा बनाकर उसमे जस्मिन के फूलों की एक एक माला लपेट दी गयी थी। माथे पर बहुत ही बड़ी और डिज़ाइनर मांगटीका से सजाया गया था और जब हम तैयार हो गयीं, तो हमें घूँघट करके, गोल्डन हाई हील्स पहना कर बरात के आने का इंतज़ार करने को कहा गया।
राजा के साथ मैं वैसे तो काफी बार सो चुकी थी और ना जाने कितने ही बार सुहागरात मना चुकी थी लेकिन तब मैं लड़की नहीं थी। लेकिन आज मैं लड़की बन चुकी थी और घूँघट में काफी नर्वस भी थी। रुखसार में सामने ठीक वैसे ही बैठी थी, जैसे वो पहली बार मेरी दुल्हन बनकर इस घर में आयी थी। रुखसार भी थोड़ी नर्वस थी लेकिन मेरी सालियाँ मुझे और रुखसार को घेर कर एडल्ट बातें कर रहीं थी। रुखसार ने उन्हें कई बार डांटा भी लेकिन वे नहीं मानी और मुझे भी छेड़ने लगीं। धूम धड़ाके की आवाज़ सुनकर मेरी धड़कनें और भी तेज़ हो गयी, मेरे पुरे बदन में सिहरन और कम्कम्पी होने लगी। बारात आ चुकी थी और मेरी सालियाँ मेरे राजा को देखकर काफी खुश हो रहीं थीं। आज तो लग रहा था मानो मेरे शरीर का ताकत ही खत्म हो गया हो, आँखों में रह रह कर आंसू आ रहे थे। मैं रुखसार को देखती तो कभी सर झुका लेती। मेरे बूब्स का ऊपरी हिस्सा मेरी चोली से साफ़ झलक रही थी और ऐसे में मुझे काफी काफी शर्म आ रहा था। थोड़ी देर बाद अम्मी कमरे में आयी और मेरी सालियों को बोलीं कि मुझे और रुखसार को स्टेज पर ले आएं। मेरी दो सालियों ने मुझे खड़े होने में मदद की, लहँगा काफी भारी और हैवी था तो मैंने उन्हें अपने दोनों हाथों से उठाकर चलने लगी। रुखसार भी ठीक वैसे ही चल रही थी और हम स्टेज के पास पहुंचे। राजा ने एक एक करके मुझे और रुखसार को स्टेज पर चढ़ने में मदद किया। आज राजा नवाब जैसा हैंडसम दिख रहा था और जब वरमाला का टाइम आया तो वो तन कर खड़ा हो गया। मैं और रुखसार स्टेज पर रखी डिज़ाइनर कुर्सी पर बैठ गयीं तो राजा अपने घुटनों पर बैठ गया और मैंने और रुखसार ने उसे वरमाला पहना दी। तालियों की गड़गड़ाहट से स्टेज गूंज उठा।
मैं और रुखसार कद में राजा के सीने तक भी नहीं आ रही थी ठीक से और उसने भी मुझे और रुखसार को फूलों की माला पहनाई। जयमाला से कुछ देर बाद राजा को मंडप पर ले जाया गया और फिर मुझे और रुखसार को मंडप पर ले जाकर बिठा दिया गया। मेरे अम्मी अब्बू ने मेरा और रुखसार का कन्यादान किया, फिर राजा के साथ हमदोनो ने सात फेरे लिए। सात फेरे लेने के बाद राजा ने मेरे और रुखसार के नाक से नथिया उतारकर उससे भी बड़ी बड़ी नथिया पहनाई और हमदोनो के गले में मंगलसूत्र पहना दिया। आखिर में राजा ने मेरे और रुखसार के मांग में सिंदूर भर दिया और थोड़ी देर में पंडित ने मुझे और रुखसार को राजा की पत्नी घोषित किया। सभी बड़े बुजर्ग सहित मेरे रिश्तेदार और अम्मी अब्बू मुझे, रुखसार और राजा को अपना आशीर्वाद दिया। सुबह के चार बज चुके थे और अब विदाई का इमोशनल टाइम भी हो चला था।
बैकग्राउंड में इमोशनल सांग बज रहा था- बाबुल की दुआएं लेती जा, जा तुझको सुखी संसार मिले!
गाना सुनकर और भी रोना आ रहा था। मैं अम्मी अब्बू से लिपटकर बहुत रोई और रुखसार भी हमारे बेटे को गोद में लेकर वहां से रुखसत हुई। मेरी सालियाँ आज बहुत इमोशनल थीं वे मुझसे लिपट कर रोने लगीं और हमे बेस्ट विशेज़ भी दीं। फिर राजा ने मुझे और रुखसार को कार में बिठाया और बीच में खुद बैठ गया। मुझे और रुखसार को अपनी बाहों में भर कर कार घर को रवाना हुई। जब कार राजा के घर पहुंची, मैं और रुखसार राजा की बाहों की गर्माहट पाकर नींद में थीं। फिर राजा ने हमदोनो को जगाया और फिर हम तीनों का एक साथ गृह प्रवेश करवाया गया। मेरी सास ने आरती की थाल से मेरी, रुखसार और हमारे पति राजा की आरती उतारी और हमे गृह प्रवेश के बाद हमारे कमरे में ले जाया गया।
फूलों से सजी किंग साइज डबल बेड और ऊपर से तरह तरह के खुशबूदार फूलों के लच्छों से काफी खूबसूरती से सजाया हुआ था। बिस्तर पर गुलाब के फूलों की पंखुड़ियां बिछी थी और काफी अच्छी खुशबु थी कमरे में। हमें कमरे में घूँघट करके बिठा दिया गया और थोड़ी देर रेस्ट करने को कहकर हमारी सास कमरे से बाहर चली गयीं। मैं और रुखसार जब बिस्तर पर लेटीं तो हमें महसूस हुआ कि बिस्तर कितना नरम और मुलायम था। बिस्तर के बगल में एक बहुत ही बड़ा फूलों से सजा पालना और हमारे बेटे के लिए तरह तरह के कपडे, डायपर्स और उसके एसेंशियल सामान भी रखे थे। रुखसार ने हमारे बेटे को पालने में सुला दी और हम बिस्तर पर लेट गयीं। आपस में बात करते करते हमें कब नींद ने अपनी आगोश में ले लिया, हमें कुछ पता नहीं चला।
ढाई घंटे बाद हमारे बेटे के रोने की आवाज़ सुनकर मेरी और रुखसार की नींद खुल गयी। हमारे बेटे को भूख लगी थी और रुखसार उसे दूध पिलाने बैठ गयी। मैं उसके बगल में बैठकर उसे मेरे बेटे हो दूध पिलाते देख रही थी।
रुखसार बोली- ऐसे क्या देख रही हो सोफिया?
मैं बोली- कुछ नहीं, बेटे को दूध पीते देख रही हूँ!
रुखसार बोली- अच्छा! मजा आ रहा है तुमको!
मैं बोली- नहीं ऐसा कुछ नहीं है।
रुखसार बोली- तुम आज पहली बार राजा जी के साथ सुहागरात मनाओगी सोफिया।
मैं बोली- तुम भी तो मनाओगी ना!
रुखसार बोली- नहीं, डॉक्टर ने मना किया था, एक साल तक सेक्स नहीं करने को!
मैं बोली- नहीं रुखसार, ऐसे मत बोली! मुझे अकेली मत छोड़ो!
रुखसार बोली- मैं इस बारे में राजा जी को पहले भी बता चुकी हूँ। मैं कमरे में ही रहूंगी, बस सुहागरात नहीं मनाऊंगी!
मैं बोली- ओके!
मेरे बेटे को दूध पिलाने के बाद रुखसार ने उसे कुछ देर अपनी गोद में रखकर खेलने लगी तो वो सो गया। तब रुखसार ने मेरे बेटे को पालने में सुला दी और खुद बिस्तर पर लेट गयी।
Comments
Post a Comment