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मेरी अधूरी कहानी - पार्ट - 1

ईयर - 2012

मैं दुबला पतला सा गेहुंआ रंग का लड़का और एक सामान्य परिवार से था। मेरा नाम सफीउल खान और मैं छत्तीसगढ़ के रायपुर का रहने वाला हूं। मेरी उम्र 22 वर्ष और मेरी हाइट 5.4 फीट है। मैं कभी भी एक क्रॉस ड्रेसर नहीं था, लेकिन हालात ऐसे बदले कि मुझे क्रॉसड्रेसिंग करना पड़ा और अब मुझे क्रॉस ड्रेसिंग करना बहुत अच्छा लगता है। मैं सोफ़िया बनकर आपको अपनी स्टोरी बताऊंगा, इसलिए अब आप मुझे सोफ़िया ही समझें। बात उन दिनों की है जब मैं कॉलेज में पहुंची ही थी, मैं नई थी, काफी डरी हुई और बहुत नरवस भी थी क्योंकि मैंने काफी सुना था कॉलेज में रैगिंग के बारे में! मैं डरती हुई अपने कॉलेज पहुँची! मैं एक लड़के के रूप में ही थी और मैंने बिल्कुल क्लीन शेव करवाई हुई थी। मेरे होंठ एकदम से गुलाबी थे, मेरी जीन्स भी टाइट थी। उस वक़्त ना तो मैं क्रॉसड्रेस्सेर थी और ना ही गे फीलिंग्स थी मेरे अंदर लेकिन मेरे अंदर होमोफोबिया का गहरा प्रभाव था, जहाँ चार पांच मुस्टंडे लड़के दीखते, मुझे ना जाने कौन सा डर सताने लगता कि मेरा मन करता कि जितनी जल्दी हो सके, उस जगह से निकल जाऊं। मुझे डर सता रहा था कि न जाने कॉलेज की रैगिंग कैसी होती होगी! पर मैं आगे चलती रही। मैं कैंपस में घुसी तो एक लड़का सामने से आया और वो मुझे एकटक घूर रहा था, मैंने नजर झुका कर ही रखी। 



वो जैसे ही मेरे पास से गुज़रा तो उसने एक हाथ से मेरा बैग पकड़ लिया और बोला- क्या लाया है इसमें?

मैंने आराम से जवाब दिया- जी, किताबे हैं।

उसने पूछा- फर्स्ट ईयर?

मैंने गर्दन हिलाकर हाँ में जवाब दिया.

वो बोला- पहली बार आये हो कॉलेज?

मैंने फिर से हाँ कहा.

वो बोला- रूम कौन सा है तुम्हारा?

मैंने कहा- पता नहीं!

वो बोला- तो ऐसे ही मुंह उठाकर चल दिये?

मैंने कहा- आप कौन से ईयर में हो?

उसने कहा- मैं स्टूडेंट नहीं, तुम्हारा टीचर हूं, तुम पीछे वाली बिल्डिंग में 11 नम्बर के रूम में चले जाओ।

मैंने उसको थैंक्यू बोला और वहां से चली गयी।

जैसे ही मैं 11 नम्बर के रूम में पहुंची तो मैंने देखा कि मुस्टंडे बॉडीबिल्डर टाइप स्टूडेंट्स बेंचों पर बैठे थे और एक लड़की बारी बारी सबको अपने पास बुलाकर परिचय ले रही थी।

मैं जाकर बैठ गयी।

उसने मुझे ही बुला लिया और मुझसे सवाल जवाब करने लगी।

मैं नजरें झुकाकर खड़ी थी।

वो बोली- लड़कियों की तरह क्यों शर्मा रहा है?

मैं कुछ नहीं बोली, कहती भी क्या, होमोफोबिया के कारण मैं उन लड़कों से नज़रे नहीं मिला पा रही थी।

उसने कहा- बाकी सब चले जाओ, इसे ही रहने दो।

उन्होंने मुझे रोक लिया और मैं बाकी लड़कियों को वहां से जाते देखती रह गयी। उस रूम में अब एक मैं ही बची थी जिसकी रैगिंग होने वाली थी और मुझे बहुत डर भी लग रहा था।

उसके बाद वही लड़का (जो आते समय मिला था) और उसके साथ 2 और लड़के व एक लड़की भी आ गये।

मैंने उसको पहचाना और कहा- सर, यहां तो कोई भी नहीं पढ़ा रहा है।

वो बोला- अब मैं पढ़ाऊंगा।

उसने मुझे टेबल पर खड़ी होने के लिए कह दिया।

मैं खड़ी हो गयी।

तो वो बोला- शर्ट उतारो।

मैं चौंक गयी, लेकिन कुछ विरोध नहीं कर सकती थी।

मैंने शर्ट उतार दी।

मेरी बॉडी पर एक भी बाल नहीं था।

वो मुझे गंदी नजरों से देखने लगे।

फिर मेरी जीन्स भी निकलवा दी, फिर मुझसे डांस करने को कहा। मैं लड़कियों की तरह डांस करने लगी।



वो बोले- अब लड़कियों के कपड़े पहन।

मैंने मना किया और बोली- मैं लड़का हूँ और मैं ये सब नहीं करने वाला।

तो वो गुस्सा होने लगे, मुझे लगा कहीं वो मेरे साथ मार पीट ना करने लगे तो मैं उनकी बात मान गयी। फिर वो लड़की जिसका नाम रूपाली था, वो मेरे पास ब्रा लेकर आई और मुझे पहनने को बोली। मैंने ब्रा पहनी लेकिन मेरे बूब्स तो नहीं थे, छोटी छोटी चूची थी। फिर उन्होंने मेरी ब्रा में रुमाल डाल दिये। फिर लड़की की जीन्स मैंने पहनी जो रूपाली की थी। वो बहुत टाइट थी। फिर दूसरी लड़की निशा के ही फुटवियर पहने।

लड़के बोले- वाह … क्या कमाल का फिगर है एकदम लड़कियों जैसा।

उन लड़कों की बात सुनकर मैं काफी डर गयी थी, हालाँकि मैं उनकी बात तो मान रही थी लेकिन एक अनजान सा डर मेरे मन में समा चूका था। फिर वे मेरे सिर पर दुपट्टे से घूँघट करने को कहने लगे। मैंने वैसा ही किया।

फिर एक लड़का बोला- बस लिपस्टिक की कमी रह गयी है।

निशा ने अपनी सीट से लिपस्टिक और ग्लो क्रीम भी निकाली और उसने मेरे होंठों पर लिपस्टिक और ग्लो क्रीम लगा दी। मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर ये लोग मिलकर करना क्या चाहते हैं।

फिर वो मुझे डांस करने के लिए कहने लगे, मुझसे तो चला भी नहीं जा रहा था हाई हील्स में! फिर रूपाली जो केवल पैंटी और फुटवियर में थी, वो मेरे पास आयी और मुझे नचाने लगी। मेरी तो चाल ही बदल गयी थी, फिर राजा नाम का लड़का मेरे पास आया और मेरे साथ डांस करने लगा। दूसरा लड़का करण हंस रहा था, राजा ने मेरी पतली कमर में हाथ डाल लिया और मेरी ब्रा की स्ट्रिप को मसलने लगा। मैं रोने लगी, मैंने उनसे कहा, प्लीज् अब और कुछ मत करो। लाइफ में पहली बार इतना ह्युमिलियेट हुई थी मैं, अपनी नज़रों में ही गिर गयी ऐसा लग रहा था। मेरे मन में अब सुसाइड करने के ख्याल आ रहे थे और मेरी आँखें आंसुओं से डबडब हो चुकी थी। मैंने हिम्मत की और उसकी आंखों में देखने लगी। इतने में राजा ने मुझसे कहा, ठीक है अब तुम जा सकती हो। रोते रोते मैंने अपने आंसू पोंछे और राजा ने मुझे रुमाल से आंसू पोंछने को कहा। मैंने रुपाली को उसके कपडे दिए और अपने कपडे पहनकर क्लासरूम से बाहर आ गयी। क्लासरूम से बाहर आने पर कुछ स्टूडेंट्स जो मेरे ही क्लास के थे, वो मुझे छेड़ने लगे, मुझे कुछ कुछ कहने लगे।

मेरे ही क्लास का एक लड़का अभी बोला- अच्छे भले लड़के को लड़की बना दिया, लेकिन माँ कसम क्या हुस्न की परी दिख रही हो मेरी जान।

अभी की बातों को नज़रअंदाज़ करके मैं सीधे वाशरूम में गयी तो आईने में अपनी लिपस्टिक देखकर बड़ा ही शर्मिंदा हुआ। मैंने तुरंत अपनी लिपस्टिक को साफ़ करके वाशरूम से वापिस आ गयी और अपना गेटअप ठीक करके अपने क्लासरूम में चली गयी।

उस दिन के बाद से, फर्स्ट ईयर से थर्ड ईयर तक मेरे क्लासमेट मुझे सेक्सी, चिकनी, माल और ना जाने कितने अश्लील नामों से पुकारते रहे लेकिन एक सख्श जिसने फर्स्ट ईयर से लास्ट ईयर तक मुझे प्रोटेक्ट किया, वो था राजा जिसके साथ मैं हॉस्टल से लेकर कॉलेज तक हमेशा साथ रही। सभी मुझे और राजा को कपल की नज़र से देखते लेकिन राजा की गर्लफ्रेंड को मैं पसंद नहीं थी। वो हमेशा मुझे हिजड़ा या छक्का कहकर पुकारती लेकिन तब भी राजा मुझे प्रोटेक्ट करता और मेरे लिए अपनी गर्लफ्रेंड से लड़ लेता। मुझे राजा बहुत पसंद था लेकिन मुझे नहीं पता था कि इन चार सालों में राजा मेरे लिए इतना इम्पोर्टेन्ट हो जायेगा और हमारी दोस्ती इतनी मजबूत हो जाएगी। लेकिन हाँ राजा का मेरे लिए प्रोटेक्टिव होना और ओवर पोजेसिव होना, मुझे अंदर से बहुत ख़ुशी देता। इन चार सालों में अगर राजा का साथ ना मिला होता तो मैं शायद ही कॉलेज लाइफ में सर्वाइव कर पाती, या हो सकता है मैं सुसाइड कर लेती। और राजा के लिए मेरे अंदर जो फीलिंग्स थी वो दोस्ती से ज्यादा होने लगी थी। कभी कभी जब राजा की गर्लफ्रेंड कुछ दिनों के लिए अपने घर चली जाती तो राजा मुझे अपनी गर्लफ्रेंड के कपडे पहनने को कहता और मैं बिना रेसिस्ट किये उसके लिए क्रॉसड्रेसिंग करती। राजा मेरे साथ रोमांस करना चाहता था लेकिन मेरे साथ रोमांस करने की बात रखने में उसे बहुत हिचक होती और इन चार सालों में उसने एक बार भी मेरे साथ कुछ भी नहीं किया और मेरे अंदर भी गे फीलिंग्स नहीं थी तब। इन चार सालों की यादों को संजो कर कनवोकेशन के दिन हम आखिरी बार मिले और अपने नंबर्स आपस में शेयर करने के बाद हम अपने अपने जॉब्स प्लेसमेंट की तयारी में लग गए। राजा अपनी गर्लफ्रेंड से उतनी बातें नहीं करता जितनी वो मेरे साथ टाइम स्पेंड करता।

 

साढ़े ६ फिट हाइट और बॉडीबिल्डर टाइप बॉडी थी राजा की और वो एक मल्टी बिलियनेयर बिज़नेसमैन का एकलौता बेटा था और कॉलेज से निकलते ही वो अपने पापा का बिज़नेस संभालने लगा वहीँ उसने अपने पापा की कंपनी में मुझे जूनियर अकाउंटेंट रखवा लिया और हम फिर से साथ रहने लगे। एकाउंटेंसी में मैं बहुत अच्छी थी ये बात राजा को भी पता था और मैं उसे उसके बिज़नेस में दिलोजान से मदद करने लगी। राजा के बिज़नेस में आने के बाद उसकी गर्लफ्रेंड को जब मेरे बारे में मालुम चला तो वो राजा से ब्रेकअप करने की बात करने लगी। राजा ने ये बात मेरे साथ शेयर की तो मेरे तो पैरों तले जमीन ही खिसक गयी। रुपाली चाहती थी कि मैं राजा की कंपनी को छोड़ दूँ और राजा ना तो रुपाली को खोना चाहता था और ना ही मुझे। रुपाली के दबाव में आकर एक दिन राजा ने मुझे अकेले में बुला लिया और मुझे अपने साथ कॉफी शॉप ले गया।

कॉफी शॉप में,

राजा- यार सफीउल, रुपाली नहीं मान रही है, यु नो ना, मैं रुपाली से कितना प्यार करता हूँ, लेकिन तुम मेरे लिए दोस्त से ज्यादा हो और मैं तुम्हे भी नहीं खोना चाहता।

मैंने कहा- राजा, तुम मेरी चिंता मत करो, रुपाली तुम्हारे लिए ज्यादा इम्पोर्टेन्ट है और उसके साथ तुम्हे पूरी जिंदगी बितानी है, मैं कहीं और नौकरी देख लेता हूँ!

राजा- नहीं सफीउल, मेरे पास एक ऑप्शन है तुम्हारे लिए लेकिन क्या तुम मेरी बात मानोगे।

मैंने कहा- बोलो ना!

राजा- मेरे दोस्त ने एक स्टार्टअप शुरु किया है और उसे एक अकाउंटेंट चाहिए, लेकिन एक प्रॉब्लम है सफीउल खान!

मैंने कहा- क्या प्रॉब्लम है राजा!

राजा- उसे इस रोल के लिए फीमेल कैंडिडेट चाहिए।

राजा की बात सुनकर मैं सैड हो गयी, मेरी आँखों में आंसू आ गए तभी राजा ने अपने हैंकि से मेरे आंसुओं को पोछा!

राजा- उदास ना हो सफीउल, मैं चाहता हूँ तुम इस जॉब को एक्सेप्ट कर लो। मैं तुम्हारे लिए बात कर लेता हूँ और वहां तुम्हे इस कंपनी से ज्यादा ही पैसे मिलेंगे।

मैं- नहीं राजा, मैं कोई लड़की नहीं, मैं ऐसे कैसे ये जॉब ज्वाइन कर लूँ!

राजा- सफीउल, आई नो कि तुम्हे क्रॉसड्रेसिंग पसंद है और मैं ये भी जानता हूँ कि अगर तुम लड़कियों की तरह रेडी हो जाओ तो किसी को पता नहीं चल सकेगा कि तुम लड़की नहीं लड़के हो!

मैं- राजा, नहीं, ये गलत है और मैं लड़की बनकर किसी कंपनी में नौकरी नहीं कर सकता। तुम मेरी चिंता छोड़ दो और रुपाली के साथ लाइफ में आगे बढ़ो, मैं अपनी लाइफ देख लूंगा।

इससे पहले कि राजा कुछ कहता, मैं वहां से उठकर अपने ऑफिस केबिन में बैठकर अपना रेज़िग्नशन टाइप करने लगी और शाम होते होते मैंने एचआर को अपना रेसिग्नेशन सबमिट कर दिया। रेसिग्नेशन के पंद्रह दिन के बाद मैंने राजा की कंपनी छोड़ दी और दूसरे नौकरी की तलाश मे निकल पड़ी। मुझे पता था कि इतना आसान नहीं होगा नौकरी पाना, लेकिन फिर भी मुझे इस बात का संतोष था कि राजा की लाइफ से बाहर हों जाने से राजा और रूपाली का रिश्ता फिर से पहले जैसा हो जाएगा। लेकिन मैं गलत थी, राजा और रूपाली के बीच से निकलने के बाद मैंने सोचा था कि दोनों का रिश्ता सुधर जायेगा लेकिन दोनों के बीच का रिश्ता और तनाव भरा होने लगा था। इधर एक महीने बाद, मुझे कहीं नौकरी नहीं मिली, ना ही मैं राजा के पास वापिस जा कर अपने लिए हेल्प मांग सकती थी और ना ही उसे कॉल कर सकती थी। पिछले एक महीनों से राजा मुझे लगातार कॉल्स कर रहा था लेकिन मैंने उसका कॉल पिक नहीं किया और रूम भी शिफ्ट कर ली थी। अब मेरे पैसे ख़त्म होने लगे थे और अब मुझे नौकरी की सख्त जरुरत थी और उसके लिए मैंने सोच लिया था कि राजा ने जो लड़की बनकर नौकरी का सुझाव दिया था, उसपर अमल करूँ और लड़की बनकर नौकरी ज्वाइन कर लूँ। बहुत ही नर्वस होकर मैंने राजा को कॉल किया।

राजा- हाय सफीउल, कैसे हो? अब तो तुम मेरा कॉल भी पिक नहीं करते, इतने गुस्सा हो मुझसे?

मैं- राजा, ऐसी बात नहीं है, मैं बस तुम्हारे और रुपाली के बीच नहीं आना चाहता था।

राजा- कहीं नौकरी मिली?

मैं- नहीं, आई होप इस वीक कहीं नौकरी मिल जाये।

राजा- यू आर सो लकी सफीउल, मैंने जिस दोस्त के कंपनी में तुम्हारे नौकरी के लिए बात की थी, वो पोस्ट अभी भी खाली है। तुम चाहो तो जॉब ज्वाइन कर सकते हो!

मैं- राजा, अपने दोस्त से पूछो ना, क्या ऐसे ही जॉब नहीं कर सकता मैं, क्या उसे लड़की ही चाहिए इस पोस्ट के लिए।

राजा- देखो सफीउल, मेरे दोस्त के क्लाइंट्स फोरेनर हैं और उसे फीमेल कैंडिडेट इसीलिए चाहिए ताकि उसके बिज़नेस पर अच्छा इम्पैक्ट पड़े। 



मैंने तुरंत राजा को जॉब के लिए हाँ कर दिया लेकिन मेरे मन में एक समस्या थी।

मैंने राजा से कहा- मैं इस जॉब के लिए तैयार तो हूँ लेकिन मैंने काफी महीनों से क्रॉसड्रेसिंग नहीं की और जैसी क्रॉसड्रेसिंग मुझे आती है, वैसे में तो कोई भी मुझे रेकग्नाइज़ कर लेगा।

राजा- चिंता मत करो, उसके लिए मैं एक ब्यूटीशियन को तुम्हारे फ्लैट पर भेज दूंगा, वो तुम्हे तैयार भी कर देगी और तुम्हे शॉपिंग भी करवा देगी। आई नो, जॉब लॉस के कारण तुम्हे काफी प्रॉब्लम हुई है लेकिन आई एम् श्योर तुम्हारे आगे की लाइफ सेट हो जाएगी।

मैं- थैंक्स राजा, लेकिन मेरे पास इतने पैसे नहीं हैं कि मैं अपने लिए एक ड्रेस भी खरीद सकूँ!

राजा- उसकी चिंता तुम मत करो सफीउल, मैं हूँ ना! ये लो मेरा क्रेडिट कार्ड और पिन! इसे अपने पास ही रखना और बस इसे मेन्टेन करके रखना।

मैं- तुम मेरे लिए इतना कर रहे हो राजा!

राजा- बस बस, देखो सफीउल, मैं तुम्हारे लिए कुछ भी नहीं कर रहा और मैं बस इतना चाहता हूँ कि तुम अपनी लाइफ में सेटल हो जाओ!

मैं- थैंक्स राजा!

फिर राजा ने अपनी एक फ्रेंड नीलम को कॉल करके बुला लिया। पहले तो राजा ने नीलम से मेरा इंट्रो करवाया और फिर उसे समझा दिया कि क्या करना है। पहले तो नीलम को यकीन नहीं हुआ लेकिन फिर राजा ने उसे समझाया कि ये जॉब मेरे लिए कितना इम्पोर्टेन्ट है।

फिर नीलम मुस्कुराते हुए बोली- राजा अब तुम मेरे हाथों का जादू देखोगे। पता है सफीउल, राजा हमेशा मेरे मेकअप टिप्स का मज़ाक उडाता आया है लेकिन अब मैं इसे दिखाउंगी कि मैं कितनी बड़ी मेकअप आर्टिस्ट हूँ।

मैं- श्योर!

राजा- हाँ हाँ, मैं भी तो देखूं, तू कितनी बड़ी मेकअप आर्टिस्ट है। अच्छा सफीउल, मैं वहां कंपनी में तुम्हारा नाम क्या बताऊँ?

मैं- जो तुम्हारा मन करे!

राजा- ओके, सोफ़िया सही रहेगा!

मैं- अच्छा नाम है!

राजा- नीलम, तुम क्या कहती हो?

नीलम- जो तुम्हे अच्छा लगे लेकिन मेरी मानो तो शेफाली या जैस्मिन में से कोई नाम रख दो!

राजा- चल, तुझे तो नाम रखना भी नहीं आता, सोफ़िया अच्छा नाम है, क्यों सोफ़िया!

मैं- हम्म, अच्छा नाम है!

राजा- देखा, चलो, अब तुम दोनों, शॉपिंग के बाद सीधे रूम पर चली जाना और वहां सोफ़िया को तैयार करके मुझे कॉल करना!

नीलम- ओके!

फिर मैं और नीलम ने ऑटो किया और शॉपिंग के लिए निकल गयीं। मैं और नीलम मॉल पहुंचे तो नीलम तो पहले मुझे एक एक करके मेरे लिए कुछ पांच तरह की कॉटन सिल्क साड़ियां, छह फॉर्मल पंजाबी सलवार कमीज, चार मिनी स्कर्ट्स, ब्लैक सूट्स, जीन्स टॉप्स, तीन प्लाज़ो पैन्ट्स और डिज़ाइनर बैकलेस ब्लाउजेज़ खरीदने के बाद मुझे अपने साथ ज्वेलरी शॉप पर ले गयी और वहां उसने मेरे लिए दो एअररिंग्स, एक झुमकी, एक नोज पिन, एक सानिया मिर्ज़ा स्टाइल नोज रिंग और सोने के दो ब्रेसलेट्स और तीन तरह के हैवी चांदी की पायल ख़रीदे।

मैंने नीलम को कहा- नीलम, पांच लाख की शॉपिंग आलरेडी कर चुकी हो, अब चलो!

नीलम बोली- अभी कहाँ, अभी तो बहुत कुछ करना है, तुम ना ज्यादा दिमाग मत लगाओ सोफ़िया, चुपचाप मेरे साथ चलो!

मैं- ओके!

फिर नीलम अपने साथ मुझे परचून के दूकान में ले गयी और एक मेकअप बॉक्स खरीदी जिसमे तरह तरह के क्रीम्स, लिपस्टिक्स और तरह तरह के मेकअप का सामान भी थी। फिर नीलम मुझे वहां पास के पियर्सिंग शॉप पर ले गयी, मैंने पूछा तो उसने कहा कि नाक और कान छिदवाना भी तो जरुरी है और वहां बैठी एक लड़की को बोलकर दोनों मेरे कान में एक एक छेद करवा दी। वो लड़की मेरे नाक में छेद करने आगे बढ़ी तो मैंने नीलम से कहा कि क्या ये जरुरी है तो वो बोली, हाँ बहुत जरुरी है और पेंसिल से मेरे नाक के लेफ्ट साइड मार्क कर दी और उस लड़की को बोली कि वो मेरे नाक में छेद कर दे। 

जब उस लड़की ने पियर्सिंग गन से मेरे नाक में छेद की तो मुझे बहुत दर्द हुआ, मैं काफी देर तक रोई, फिर उस लड़की ने मेरे नाक और कान के छेद पर एक खास तरह की ऑइंटमेंट लगाई और उसके ऊपर से टिश्यू रख दी और मुझे रेस्ट करने को बोली। दस मिनट्स बाद, मेरे नाक और कान का छेद क्लियर हो गया और नीलम मुझे वहां से एक शूज शॉप पर ले आयी जहाँ उसने मेरे पैरों के नाप की तीन हील्स वाली सैंडल्स खरीदी और फिर हम ब्यूटीपारलर आ गए। नीलम ने ब्यूटीशियन से कहकर मेरा मैनीक्योर और पैडीक्योर करवाई और फिर मेरी नाम मात्र की वैक्सिंग भी करवाई क्यूंकि वैसे भी मेरे शरीर पर नाम मात्र के ही बाल थे। फिर ब्यूटीशियन ने मेरे बालों को पिक्सी कट हेयर स्टाइल लुक दिया और मेरे ऑय ब्रोव्स को शार्प कर दिया। अपरलिप्स पर भी नाम मात्र के बाल थे जो ब्यूटीशियन ने हटा दिया। इधर मैंने देखा ब्यूटीशियन ने नीलम को एक बॉक्स दी है जिसमे ना जाने क्या है मैं देखना चाहती थी, लेकिन नीलम ने मुझसे कहा कि वो घर चलकर दिखाएगी और फिर मैं नीलम को अपने कमरे में ले आयी। वन बीएचके फ्लैट में जहाँ मैं रहती थी, पहली बार किसी को साथ लेकर आयी थी तो मेरे मकानमालिक ने मुझसे नीलम के बारे में पूछा तो मैंने उनसे कहा कि मेरी फ्रेंड है और हमदोनो कमरे में आ गए।

नीलम ने मेरे कमरे को देखकर मुझसे बोली, अरे वाह सोफ़िया, तुम्हारा रूम तो वेल मेन्टेन है, क्या बात है!

मैंने कहा- थैंक्स नीलम!

नीलम बोली- हम्म! तुमको फ्रेश होना है तो फ्रेश हो लो, फिर मैं तुमको तैयार करुँगी!

मैं बोली, ओके!

फिर मैं फ्रेश होने चली गयी और नीलम मेरे घर में सोफे पर बैठकर मेरा इंतज़ार करने लगी। थोड़ी देर में मैं फ्रेश होकर वाशरूम से बाहर आयी तो मैंने ज्यादा कुछ नहीं पहना था। इससे पहली कि मैं कुछ पहनती, नीलम ने मुझसे कहा कि अभी मैं कुछ भी ना पहनूं!

मैंने कहा- ओके नीलम!

फिर नीलम बोली- सोफ़िया, तुम ना ये लड़कों वाले इनरवियर उतार दो और ये ब्रा और पैंटी पहन लो।

जैसा नीलम बोली, मैंने अपने इनरवियर को उतारकर पैंटी पहनकर कमरे में आ गयी और ब्रा पहनने की कोशिश करने लगी तो नीलम ने मुझे ब्रा पहनने में हेल्प की और मुझे बिस्तर पर बिठा दी।

नीलम- तो क्या पहनना पसंद करोगी सोफ़िया?

मैं- जो तुम्हे ठीक लगे नीलम!

नीलम- हम्म, ठीक है, आज मैं तुम्हे साड़ी पहनना सिखाऊंगी और मेकअप करना भी।

मैं- ओके!

फिर नीलम ने मुझे ब्रा खोलने को कहा तो मैंने ब्रा उतार दी। अब नीलम ने उस बॉक्स को खोलकर दिखाया तो उन प्रोडक्ट्स को देखकर मैं समझ नहीं पाई कि आखिर ये सब क्या था।

फिर नीलम बोली- देखो सोफ़िया, ये है सिलिकॉन ब्रैस्ट प्लेट्स हैं। ये बहुत ही सॉफ्ट ऑफ़ नेचुरल होते हैं और ये सिलिकॉन ब्रैस्ट प्लेट्स से तुम्हारे स्किन का रंग मैच भी करता है। फिर नीलम ने वो सिलिकॉन ब्रैस्ट प्लेट्स मुझे पहना दी और उसपर ग्लू लगाकर मेरे बॉडी से चिपका दी। सिलिकॉन ब्रैस्ट प्लेट्स पहनने के बाद मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि मेरा ऊपर का बॉडी बिलकुल लड़कियों के जैसा हो गया था और मेरे ब्रेस्ट्स का वजन मुझे फील हो रहा था।

नीलम ने मुझे पैंटी पहनने को दी लेकिन पैंटी पहनाने से पहले उसने एक स्प्रे देते हुए कहा कि पैंटी पहनने से पहले ये स्प्रे मैं अपने लंड पर स्प्रे कर दूँ। जैसा नीलम ने कहा मैंने ठीक वैसा ही किया लेकिन स्प्रे करते ही मेरा लंड सिकुड़ कर काफी छोटा हो गया और सेंसेशन भी लगभग ख़त्म सी हो गयी। मैंने नीलम से पूछा तो उसने बताया कि जब मैं तैयार हो जाउंगी तो मुझे इरेक्शन ना हो इसीलिए उसने ये स्प्रे मेरे लंड पर अप्लाई करवाया है। मैंने कहा ठीक है और मैंने पैंटी पहन ली। कुछ अलग सी पैंटी थी क्यूंकि जब मैंने पैंटी को पहनी तो मेरा निचला हिस्सा वजाइना जैसा दिख रहा था। ऐसा लग रहा था मानो मैं ऊपर से नीचे तक औरत ही हूँ। फिर नीलम ने मुझे पेटीकोट और बैकलेस ब्लाउज पहनाई जिसके बाद वो मुझे साड़ी पहनाने लगी और स्टेप बाय स्टेप मुझे समझाने लगी कि साड़ी कैसे पहनते हैं। येल्लो एंड गोल्डन कॉटन सिल्क साड़ी में जब मैं तैयार हुई तो सच में मुझे भी यकीन नहीं हो रहा था कि ये मैं ही हूँ और अभी तो मेरा मेकअप भी नहीं हुआ था तब मैं इतनी खूबसूरत दिख रही थी। फिर नीलम ने मेरा लाइट मेकअप की और थोड़े बहुत टचअप के बाद मैं तैयार हो चुकी थी। अब ऑर्नामेंट्स की बारी थी और नीलम ने मेरे कानों में झुमकी, मेरी नाक में से पिन निकालकर सानिया मिर्ज़ा स्टाइल वाली सोने की नोजरिंग पहना दी, मेरी कलाइयों में सिल्वर अमेरिकन चूड़ियां और ब्रेसलेट्स और पैरों में हैवी चांदी की पायल पहना दी और हील्स पहनाने के बाद मेरे नेल पेंट करने बैठ गयी। जब नीलम ने मेरे पैरों और हाथों के नाख़ून को पिंक नेलपेंट कर दी तब वो मेरी साड़ी की पल्लू से मेरे माथे पर आँचल रखकर पिन से सेट कर दी और मुझे देखने लगी।

मैं- ऐसे क्या देख रही हो नीलम?

नीलम- कुछ छूट सा रहा है, अरे हाँ बिंदी !

फिर नीलम ने मेरे माथे पर मेरे भौहों के बीचोबीच एक माध्यम साइज मैरून बिंदी चिपका दी जिसके बाद मैं तैयार थी। लड़का होने के बावजूद आज मैं किसी लड़की से कम नहीं लग रही थी। वैसे तो राजा के लिए मैंने कई बार क्रॉसड्रेसिंग की थी लेकिन आज मुझे ऐसा लग रहा था कि काश मैं ऐसे राजा के सामने जाऊं तो वो कितना एक्साइटेड हो जायेगा मुझे ऐसे सजाधजा देखकर। आज पहली बार खुद को देखकर ऐसा एहसास हुआ कि मानो मैंने गलत जिस्म में जन्म लिया हो और ये साड़ी मुझे स्त्रीत्व का सच्चा अनुभव करवा रही थी। पता नहीं क्यों, औरत के इस अवतार में मैं इतनी खुश क्यों थी लेकिन नीलम समझ चुकी थी कि मुझे औरत के रूप में बहुत ही ख़ुशी मिल रही है और उसने मेरी खूबसूरती की तारीफ की। 

जब नीलम ने मेरी खूबसूरती की तारीफ की तो मैं शाय करने लगी और मैंने सर झुका लिया। नीलम ने राजा को कॉल करके कहा कि वो फ्लैट पर आ जाये तो वो ये देख सकेगा कि उसने कितनी खूबसूरती से मुझे तैयार किया है। इधर नीलम को कोई कॉल आया और उसे अर्जेंट कहीं जाना पड़ा। इधर फ्लैट में मैं अकेली थी और थोड़ी देर में राजा भी आने वाला था। मुझे बहुत डर लग रहा था, राजा मुझे ऐसे देखेगा तो कैसे रियेक्ट करेगा और मुझे बहुत ज्यादा ही डर लगने लगा था। अभी मैं ये सब सोच ही रही थी कि हर रोज़ की तरह अम्मी का कॉल आ गया। मैंने अम्मी से काफी देर तक बातें की और उन्हें बताई कि एक कंपनी में मेरी नौकरी लगने वाली है।

अम्मी मुझसे बोली- देख सफीउल, अब तू निकाह कर ले अच्छी सी लड़की देख कर या फिर खाला के रिश्ते में एक लड़की है वो मुझे बड़ी पसंद है। तू बोल तो मैं तेरी खाला से तेरे निकाह की बात करूँ?

मैंने अम्मी से कहा- अम्मी अभी पहले मुझे सेटल होने दो, फिर निकाह की बात करना।

अम्मी बोली- देख बेटे, तेरे अब्बू अब बूढ़े हो चले हैं और मैं भी। तेरी बहन के निकाह के बाद हम अकेले रह गए हैं, अब हमें भी कुछ आराम करवा।

मैंने कहा- अम्मी आप चिंता ना करो, मैं बहुत जल्द तेरे लिए सुन्दर सी बहु लाऊंगा, तू बस कुछ दिन रुक जा।

फिर कुछ देर अम्मी से बात करके मैंने फ़ोन रख दिया। यहाँ अम्मी मेरी निकाह की बात कर रही थी और यहाँ मैं लड़कियों की तरह सजधज कर बैठा इंतज़ार कर रही थी राजा का। कि वो आये बताये कि मैं कैसी दिख रही हूँ। थोड़ी देर में मैंने दरवाज़े पर नॉक की आवाज़ सुनी तो अब कन्फर्म हो चूका था कि राजा दरवाज़े पर है। मैंने दरवाज़ा खोल कर देखा तो सामने राजा खड़ा था। राजा के हाथ में एक बैग था जिसमे बियर की कुछ बॉटल्स और खाने का सामान था। राजा ने मुझे वो बैग पकड़ा दिया और मैं शर्माते हुए अंदर आ गयी और राजा मेरे पीछे पीछे फ्लैट में आ गया और उसने मुझे पीछे से हग कर लिया। मेरी धड़कन बहुत तेज़ हो गयी और मुझे घबराहट होने लगी। आज पहली बार एक मर्द मेरे इतने करीब आया था और किसी नाज़ुक सी लड़की की तरह मैं इतना घबरा गयी कि मैं रोने लगी।

राजा ने मेरे आंसू पोछे और मेरा चेहरा उठाकर कहा- मैंने लाइफ में इतनी खूबसूरत लड़की नहीं देखा। आज तुम सच में इतनी खूबसूरत दिख रही हो सोफ़िया, आई कैंट बिलीव इट! नीलम तो सच में मेकअप की जादूगरनी है।

मैंने कहा- थैंक्स राजा लेकिन मैं इतनी भी खूबसूरत नहीं। और मैंने लड़की नहीं लड़का हूँ!

राजा- काश तुम लड़की होती, तो आज तुम मेरी गर्लफ्रेंड होती।

मैं- सॉरी राजा लेकिन मैं लड़की नहीं, ये रूप तो सिर्फ नौकरी पाने के लिए है।

राजा- हम्म, आज मैं पहली बार तुम्हारे फ्लैट पर आया हूँ, देखो, इस बैग में खाने का सामान और बियर है। पहले कुछ खाते पीते हैं, फिर बात करेंगे।

मैं- हाँ हाँ, तुम बैठो ना, मैं सर्व कर देती हूँ।

फिर मैं राजा को खाना सर्व करके बियर की बॉटल्स को खोलकर सामने रख दी और हम दोनों खाने पीने लगे। हमने साथ खाना खाया और राजा ने तीन बॉटल्स बियर पी ली और मैंने एक बोतल बियर पी। राजा को तीन बॉटल्स में उतनी नहीं चढ़ी थी जितनी मुझे एक बोतल में चढ़ गयी थी। खा पी लेने के बाद मैंने टेबल साफ़ किया, बॉटल्स डस्टबीन में रख दी और बर्तन वाशबेसिन में। फिर मैं सोफे पर जाकर बैठ गयी, मेरा सर घूम रहा था शायद नशा छा चूका था मुझे और राजा तो पूरा टल्ली हो चूका था। मैंने राजा से कहा कि वो आज यहीं रुक जाये और वो मान भी गया। थोड़ी देर बाद मैंने सोचा थोड़ा पानी गर्म कर लूँ पीने को तो मैं उठकर किचन की और बढ़ी तो राजा ने मेरी कलाई पकड़ ली और उसने मुझे अपनी बाहों में जकड लिया। राजा के सख्त जिस्म के आगे मैं छोटी सी लड़की, कद में राजा से इतनी छोटी कि उसे मुझे अपनी बाहों में लेने के लिए काफी झुकना पड़ रहा था और वो मुझे ऐसे जकड़े हुए था मानो मैं उसकी गर्लफ्रेंड हूँ।

राजा का ऐसे मुझे अपनी बाहों में ले लेना, मुझे बहुत घबराहट होने लगी और मैंने उससे कहा- ये क्या है राजा, छोड़ो ना!

राजा बोला- सोफ़िया, आई लव यू, क्या तुम मुझसे शादी करोगी?

राजा का प्रपोजल सुनकर मैं चौंक गया।

मैंने राजा से कहा- ये क्या बोल रहे हो राजा, तुमने ज्यादा पी ली है राजा, तुम्हे चढ़ गयी है। मैं लड़की नहीं लड़का हूँ। आई एम् सॉरी मैं तुमसे शादी नहीं कर सकती! मेरा लड़की बनना तो सिर्फ नौकरी के लिए है और तुम ये बात जानते हो और फिर तुम तो रुपाली से प्यार करते हो, तुम उससे शादी कर तो रहे हो!

राजा- हाँ मैं रुपाली से शादी करना चाहता था लेकिन तुम उससे बेटर हो मेरे लिए और मैं तुम्हे हमेशा खुश रखूँगा और मैं अब रुपाली से शादी नहीं करना चाहता। वैसे भी मेरा और रुपाली का रिश्ता पहले जैसा नहीं रहा, तुम्हारे नौकरी छोड़ने के बाद हम दोनों लगभग अलग हो ही चुके हैं। तुम मुझसे शादी कर लो सोफ़िया, फिर हम पूरी जिंदगी साथ रहेंगे, तुम मेरे साथ मेरी कंपनी में मेरा साथ भी देना और अपने परिवार को भी सपोर्ट कर सकोगी। मेरे प्रपोजल को अच्छे से सोचो सोफ़िया, तुम जानती हो कि मेरे लिए तुम्हारे लिए कितना इमोशंस है और मैं तुम्हे खुश देखना चाहता हूँ और मैं ये भी नहीं चाहता कि तुम किसी और मर्द की नज़र में आओ।

मैं- राजा, मुझे लगता है कि सच में तुम्हे कुछ ज्यादा चढ़ गयी है, आओ बिस्तर पर लेट जाओ रेस्ट कर लो।

राजा को गर्मी लग रही थी, ऐसी में रहने की आदत जो थी उसे। इसीलिए राजा ने अपने कपडे उतार दिए और बिस्तर पर टॉवल लपेट कर लेट गया। मैं साड़ी में तैयार औरत की तरह ये सोच रही थी कि घर में एक ही बेड है और राजा के साथ ऐसे सोना क्या ठीक रहेगा। राजा लेटे लेटे मुझे घूर रहा था और उसे बिस्तर पर लेटा देख मैंने फैसला कर लिया कि मैं सोफे पर ही सो जाउंगी। मैं कमरे से जाने लगी तो राजा ने मेरी कलाई पकड़ी और मुझे अपने ऊपर खींच लिया। मैं राजा के सीने पर थी राजा का चेहरा मेरे चेहरा से बस कुछ सेंटीमीटर की दुरी पर था। राजा ने मेरी कमर को अपनी मजबूत हाथों से जकड लिया और उसकी गर्म सांसें मेरे चेहरे को जला रही थी। मुझे बहुत शर्म आ रहा था, मैंने खुद को राजा की जकड से छुड़ाने की कोशिश की लेकिन उसके सामने मैं बहुत कमज़ोर थी।



मैंने राजा से कहा- राजा प्लीज् छोड़ो ना, मैं लड़की नहीं हूँ और तुमने बहुत ही ज्यादा पी रखी है।

राजा- सोफ़िया, पीने से नशा नहीं चढ़ा है मेरे ऊपर, तुम्हारे हुस्न का नशा चढ़ चूका है मेरे ऊपर। मैं मज़ाक नहीं कर रहा सोफ़िया, मैं तुमसे शादी करना चाहता हूँ, तुम्हे एक अच्छा भविष्य देना चाहता हूँ और पूरी जिंदगी तुम्हारे साथ बिताना चाहता हूँ। पिछले साढ़े चार सालों से जो कुछ भी मेरे मन में तुम्हारे लिए था आज वो मैंने कह दिया है।

मैं- राजा मैं लड़की नहीं हूँ और मैं गे भी नहीं हूँ। मुझसे शादी करके तुम्हे क्या मिल जायेगा? अपनी खुशियों को क्यों मिटाना चाहते हो राजा, ये समाज, यहाँ तक कि तुम्हारे माँ पापा, कोई भी इस शादी को एक्सेप्ट नहीं करेगा और मेरे अम्मी अब्बू क्या मान जायेंगे! वो तो मेरे लिए लड़की देख रहे हैं ताकि मैं जल्द से जल्द उस लड़की से निकाह करके सेटल हो जाऊं!

राजा- मैं पुरे समाज से लड़ लूंगा और मैं भी गे नहीं हूँ सोफिया। तुम लड़की हो मेरी नज़र में और तुम सिर्फ हाँ करो, मैं सब संभाल लूंगा।

इससे पहले मैं कुछ कहती या रेसिस्ट करती, राजा ने मेरे सर को पीछे से होल्ड करके मेरे होंठों से अपने होंठ सटा कर मुझे हल्का सा किस किया। आई वज लाईक शॉक्ड, राजा की साँसों की गर्माहट और उसके होंठों की नमि मेरे होंठ पर थी और किसी नार्मल लड़की की तरह मैं शर्माने लगी थी। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि ये सब जो हो रहा है, सही हो रहा है ये गलत। लेकिन राजा के साथ मेरे लाइफ की पहली किस इतनी रोमांटिक थी कि मेरा लंड उत्तेजित हो गया और राजा के टाइट लंड को भी मैं क्लेयरली फील कर पा रही थी। 



राजा काफी रोमांटिक हो चूका था, मैं उसे इनसब के लिए रोकना भी चाहती थी लेकिन उसके सामने मैं इतनी कमज़ोर हो चुकी थी कि मैंने अपने तन और मन को आज राजा को समर्पित कर दिया था। राजा के एक किस ने मेरे अंदर की औरत को जगा दिया था और वो औरत चाहती थी कि वो राजा के साथ वो सब करे जो राजा उसके साथ करना चाहता है। राजा नशे में था लेकिन टॉवल में खड़ा उसका लंड मेरे लंड का तीन गुना था और उतना ही मोटा भी जिसे देख मेरी हालत खराब सी हो रही थी। राजा की मर्दानगी के सामने मेरे अंदर का मर्द हार मान चूका था और अब मेरे अंदर इतनी हिम्मत नहीं बची थी कि मैं राजा को किसी भी चीज़ के लिए मना कर सकूँ। राजा मुझे एक किस करने के बाद रुक गया था और मुझे एक टक देखे जा रहा था, काफी देर हो चुकी थी, मैंने अपना सर झुकाया हुआ था और राजा के सीने में अपना सर छुपा रखा था। फिर अचानक राजा ने मेरे बालों को पकड़ लिया और मेरे चेहरे को अपने सामने कर लिया।

फिर राजा बोला- तो फिर क्या सोचा है तुमने सोफिया? क्या तुम मेरी पत्नी बनोगी?

मैं बोली- नहीं राजा, मैं भी आदमी हूँ तुम्हारी तरह, तुम ऐसा सोच भी कैसे सकते हो!

राजा- मैं तो इस बारे में पिछले चार साल से सोच रहा था, तुम बताओ शादी करोगी मुझसे!

मैं बोली- राजा प्लीज्, स्टॉप इट, आई एम् नॉट अ गर्ल, आई एम् अ मैन लाइक यु गॉडडामिट।

 

राजा- प्लीज् आई लव यू सो मच, मैं तुम्हारे सेक्स चेंज का पूरा खर्च उठा लूंगा और तुम्हे रानी बनाकर रखूँगा, प्लीज् मान जाओ ना!

मैं बोली- राजा प्लीज्, नो मतलब नो!

राजा- सोफिया, तुम इतनी सुन्दर हो, समझदार हो, किसी को तुम्हारी आइडेंटिटी के बारे में कुछ भी पता नहीं चलेगा, जस्ट से यस माय लव!

मैं बोली- आई एम् नॉट योर लव राजा! प्लीज् अब इस बारे में और बात नहीं करनी मुझे, प्लीज् लीव दिस टॉपिक!

राजा- तुम ऐसे नहीं मानोगी ना!

मैं- नहीं!

मैंने उसको रोकना चाहा लेकिन उससे पहले राजा ने मेरे माथे को चुम लिया और फिर मेरे नाक की नथिया को चूमा। खुदा कसम, वो फीलिंग मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकती, ऐसा लग रहा था कि राजा वज द गॉड ऑफ़ रोमांस। मेरी धड़कनें राजधानी की स्पीड में भाग रही थी और राजा मेरे होंठों को ऐसे चूस रहा था जैसे आम को चूसते हैं। मैं राजा की बाहों में एक कमज़ोर सी लड़की से ज्यादा कुछ भी नहीं थी और अब राजा ने मुझे अपनी बाहों उठा लिया और मुझे वैसे ही लेकर बिस्तर से उतर कर खड़ा हो गया। मैं साड़ी में राजा की बाँहों में थी और उसके गले में अपनी बाहों का हार डाले उसके होंठों से अपना होंठ चुसवा रही थी। इधर राजा का लंड मुझे अपनी गांड पर टकराता हुआ फील हो रहा था और राजा अब मेरे फेक बूब्स और गले को चूमने लगा था जिससे मैं और भी एक्साइटेड होने लगी थी। एक लड़का होने के बावजूद दूसरे लड़के की बाहों को साड़ी पहने उसके साथ रोमांस कर रही थी मैं। राजा ने मेरी साड़ी को मेरे बदन से अलग कर दिया और मुझे बिस्तर पर लिटाकर कभी मेरे कमर को चूमने लगता तो कभी मेरे पीठ को चूमने लगता, मेरी बैकलेस ब्लाउज की डोरी खोलने के बाद राजा ने मेरी पेटीकोट का नाडा भी खोल दिया। 

अभी मेरी बैकलेस ब्लाउज मेरे बदन से गिरने ही वाली थी कि मैंने अपने दोनों हाथों से अपना ब्लाउज पकड़ लिया लेकिन इतने में ही मेरी पेटीकोट नीचे गिर गयी। राजा ने जब मेरी जाँघों को देखा तो वो और भी एक्साइटेड हो गया और मेरी जाँघों को हवा में उठाकर उसे चूमने लगा। राजा के एक एक चुम्बन से मेरा तन बदन सिहर रहा था, आँखों में आंसू लिए मैं धीरे धीरे सिसकियाँ ले रही थी वहीँ राजा मेरे साथ फुल एक्साइटमेंट में रोमांस कर रहा था। अभी मैं अपने अंतर्द्वंद में ही था कि तभी राजा ने मेरी पैंटी उतार दी और मेरा छोटा सा लंड देखकर मुस्कुराते हुए उसे अपने मुँह में लेकर चूसने लगा। मैं सातवें आसमान में थी, मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि मेरी लाइफ का पहला ब्लोजॉब खुद राजा ही देगा। राजा मेरे लंड को काफी देर तक अपने मुँह में लेकर चूसता रहा लेकिन मेरा लंड और भी ज्यादा सिकुड़कर छोटा हो गया था। मुझे बड़ी शर्मिंदगी हो रही थी कि ऐसे समय पर मेरे लंड ने मुझे धोखा दे दिया था, लेकिन तभी राजा ने अपना टॉवल खोल दिया और हँसते हुए उसने मुझे अपना लंड चूसने को कहा। 

आई वज लाईक, ये मैं क्या करने जा रही थी, लेकिन राजा का मोटा लंड इतना टाइट था कि मैं उसकी ओर खुद ब खुद आकर्षित हो गयी और बिना राजा के कहे उसके लंड को अपने हाथों में लेकर उसके गर्माहट को फील करने लगी। देखते ही देखते मैंने राजा के लंड को चूमने का मन करने लगा तो मैंने उसके लंड को अपने होंठों से बड़े ही प्यार से चूमा। मेरी होंठों की लिपस्टिक का मार्क राजा के लंड पर आ गया और मैंने राजा के लंड से उसके मर्दानगी की असली स्मेल को महसूस किया। मैंने एक बार फिर से राजा के लंड को अपने होंठों से चूसा और राजा की ओर देखी तो राजा आंखें बंद करके एन्जॉय कर रहा था। मैं उसके लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी लेकिन जैसे जैसे मैंने राजा के लंड को चूस रही थी, उसका लंड और भी लम्बा, टाइट और मोटा होता गया। राजा का आधा लंड मेरे गले तक आ रहा था और मैं सबकुछ भूलकर राजा को ब्लोजॉब का मजा दे रही थी। थोड़ी देर बाद राजा ने मेरे बदन से चोली खींच के उतार दिया और मुझे फिर से अपनी बाहों में उठा कर मेरे बदन को चूमने लगा। राजा के गले में अपनी बाहों का हार डालकर मैं चुपचाप राजा की ओर देख रही थी, वो उत्तेजित हो रहा था, उसका फड़फड़ाता हुआ लंड बार बार मेरी गांड से टकरा रही थी और देखते ही देखते उसने मेरी पैंटी भी उतार दी और मेरी गांड की छेद पर अपना लंड टिका दिया तो मैं घबरा गयी। मैं इन सब के लिए तैयार नहीं थी और ना ही चाहती थी कि कोई मर्द मेरी गांड मार ले। लेकिन राजा की बाहों में एक कमज़ोर अबला लड़की की तरह मेरे जिस्म और रूह दोनों अलग अलग भाग में बंट चुकी थी। मेरी जिस्म कह रहा था कि राजा से लिपटकर उसकी सभी बातों को मानती रहूं वहीँ मेरी रूह मुझे बार बार एहसास दिला रही थी कि मैं एक लड़का हूँ, लड़की नहीं और राजा से अपनी गांड मरवाना कतई सही नहीं है। राजा का लंड मेरी गांड की छेद पर आ कर टिक चूका था और मैं निःसहाय उसकी बाहों में थी।

मैंने राजा से रिक्वेस्ट किया- राजा प्लीज् ये मत करो, हम दोनों के बीच जितना हुआ, वो बहुत हुआ।

राजा बोला- घबराओ मत मेरी जान, सोफिया, इस रात की तो मैं पिछले चार साल से इंतज़ार कर रहा था और देखो ना, आज तुम मेरी रानी बनकर मेरी बाहों में हो और अब मेरा इंतज़ार ख़त्म करो सोफ़िया। आज की रात बीएस तुम और मैं, सभी सरहदों को तोड़कर एक हो जाते हैं।

मैं घबराने लगी थी, फिर मैंने फिर से राजा को रोकने की कोशिश की क्यूंकि राजा का इतना मोटा काला लंड मेरी गांड फाड़ने को तैयार था और मैं इतना बड़ा लंड अपनी गांड में नहीं लेना चाहती थी। मैंने एक बार फिर से राजा की ओर देख उसे रुकने को प्लीज् किया, लेकिन राजा ने मेरे होंठों को अपने होंठों में दबा लिया और देखते देखते राजा का लंड मेरी गांड में घुसता चला गया। या अल्लाह, आआह्ह्ह्ह, नो प्लीज् राजा नो प्लीज् प्लीज् आअह्ह्ह्ह, दर्द से मैं चिल्लाने लगी तो राजा रुक गया लेकिन उसने मेरी गांड से अपना लंड नहीं निकाला।



मैं बोली- राजा रुक जाओ ना, ये क्या कर रहे हो तुम, प्लीज्, तुम्हारा लंड बहुत बड़ा है, मुझे दर्द हो रहा है।

राजा बोला- सोफिया, शांत! फील करो मेरे लंड को क्यूंकि भविष्य में तुम इसी लंड की पूजा करोगी और दिन रात इस लंड को अपनी गांड में रखकर सोवेगी!

मैं बोली- ऐसा कुछ नहीं होगा, तुम प्लीज् लंड बाहर निकालो! मुझे दर्द हो रहा है राजा, प्लीज्!

जैसे ही मैं बोली, राजा ने अपना लंड मेरी गांड के छेद पर रखा और एक झटका दे मारा, मेरी तो चीख निकल गयी, जैसे किसी ने मेरी गांड में गर्म चाकू घुसा दिया हो। जलन के मारे मुझे बहुत दर्द हुआ और मेरी आँखों में पानी आ गया और मुंह से आवाज निकलनी तो बंद ही हो गयी। मुझे चक्कर आने लगा लेकिन राजा रुका नहीं, मैंने एक हाथ पीछे ले जाकर उसे हटाना चाहा पर उसकी ताकत मुझसे कई गुणा ज्यादा थी। राजा ने एक शॉट और मारा और उसका आधा लन्ड मेरी गांड के अंदर था। मैं एकदम से खड़ी हो गयी।

राजा ने कहा- कुछ नहीं होगा मेरी जान, आराम से करेंगे।

मगर मेरे पैर कांप रहे थे उसने फिर से मुझे झुकाया और टाँगें फ़ैलाने को बोला। मरती क्या ना करती, मैंने ठीक वैसा ही किया जैसा राजा ने करने को कहा। मेरे पैरों में हील्स अभी भी थी और किसी शीमेल पोर्नस्टार जैसी फीलिंग आ रही थी मुझे जिसे एक मर्द फिर से चोदने जा रहा था। अब मेरी गांड का छेद बिल्कुल उसके लन्ड की सीध में था। राजा ने बड़े ही आराम से फिर से अपना लंड मेरी गांड की छेद घुसाया और मेरे मुंह से बहुत जोर की चीख निकल गयी, मेरी आह्ह निकल गयी, राजा का लंड मेरी गांड में पूरा घुस चुका था और अब दर्द मेरी गांड की छेद में नहीं बल्कि मेरे पेट में हो रहा था, मेरी आंखों से आंसू आ रहे थे। 

दर्द से मैं रो रही थी लेकिन राजा पर इसका कोई असर नहीं हो रहा था और वो मेरी टांगों को हवा में पकडे मेरी गांड को चूत समझकर मुझे चोदे जा रहा था और किसी नार्मल लड़की की तरह मैं सिसकियाँ ले रही थी। मेरी आवाज़ इतनी तेज़ थी कि मुझे पूरा यकीन था कि मेरे मकानमालिक को मेरी आवाज़ साफ़ साफ़ सुनाई दे रही होगी। बिस मिनट्स तक राजा मेरे साथ हार्डकोर एनल सेक्स करता रहा और मेरे शरीर को अपनी हवस की आग शांत करने की कोशिश करता रहा। इधर मेरी गांड में जलन और पेट के नीचले हिस्से में दर्द बहुत तेज़ हो गया था और अब मेरे अंदर और हिम्मत नहीं बची थी। लेकिन राजा, उसे तो कुछ दिख भी नहीं रहा था और वो मेरी चुदाई किये जा रहा था। पता नहीं मेरी गांड का क्या हाल होगा, तेज़ जलन और दर्द हो रहा था कि मुझे समझ भी नहीं आ रहा था कि मैं राजा को कैसे रोकूं! जब थोड़ी देर के लिए राजा शांत हुआ तो मुझे लगा राजा का हो गया और मैंने राजा को उसका लंड मेरी गांड से निकालने को कहने लगी। राजा ने मेरी गांड से अपना लंड बाहर निकाल लिया और जैसे ही मैं बिस्तर से उतरने लगी, उसने एक बार फिर से मुझे अपनी बाहों में ले लिया और स्पूनिंग पोजीशन लेकर मेरी गांड में फिर से अपना लंड घुसा दिया। हाय अल्लाह, मैं तो मर ही गयी, ये आखिर चाहता क्या है मुझसे!



मैंने राजा से कहा- राजा, बस बहुत हुआ, अब मेरे अंदर इसके लिए ताकत नहीं बची है।

राजा बोला- मेरी जान, ये तो सिर्फ शुरुआत है, अभी तो पूरी रात बाकी है!

मैंने राजा से कहा- पूरी रात बची है तो रुपाली को बुला लो और उसके साथ सेक्स कर लो लेकिन मेरा हो गया, अब मुझसे नहीं होगा।

मेरा इतना कहना था कि राजा ने मुझे जोर से तमाचा मारा, मैं रोने लगी। लाइफ में अम्मी अब्बू के सिवा किसी ने आज तक मुझे थप्पड़ नहीं मारा और मेरा बेस्ट फ्रेंड, जिससे मैं गांड मरवा चुकी थी फिर भी उसने मुझे थप्पड़ मारा !मैं जोर जोर से रोने लगी तो राजा सॉरी सॉरी करने लगा, मैंने उसे कहा दूर हटने को लेकिन वो नहीं माना और मुझे गाल पर किस करके तो कभी होंठ पर किस करके मनाने लगा और सॉरी कहने लगा। जब मैं मान गयी तो राजा ने एक राउंड सेक्स की बात कही, मैंने कहा कि चलो एक राऊंड से ज्यादा नहीं और वो भी मान गया। फिर क्या था राजा ने मेरी कमर को अपनी बाहों में जकड़कर मुझे बिस्तर पर गिरा दिया और मेरी गांड में लंड डालकर स्पूनिंग पोजीशन में मुझे चोदने लगा और एक हाथ से मेरे लंड को सहलाने लगा। 

राजा के लंड का एक एक स्ट्रोक मेरी गांड के एन्ड पॉइंट से टकरा रही थी और वो फुल स्पीड में बिना रुके मुझे चोदे जा रहा था, लेकिन इस बार राजा के हाथ में मेरा लंड भी था जिससे मुझे ये सब अच्छा लग रहा था और अगले पंद्रह मिनट्स के भीतर ही राजा और मुझे एक साथ ओर्गास्म हो गया और मुझे आँखों के आगे अँधेरा छाने लगा। राजा के लंड से निकला गर्मागर्म वीर्य से मेरी गांड लबालब थी और मुझे बहुत सुकून मिला और और मैं राजा की बाहों में उसके लंड को अपनी गांड में लिए कब नींद के आगोश में समा गयी, इसका पता भी नहीं चला। अगली सुबह जब मेरी नींद खुली तो देखा राजा बिस्तर पर नहीं था। मैं बिस्तर से उठी और वाशरूम की तरफ बढ़ी लेकिन मुझसे चला भी नहीं जा रहा था। गांड में असहनीय दर्द के कारण मैं लंगड़ा रही थी और दो कदम भी नहीं चला गया मुझसे। मैंने वहीँ बैठ गयी और रोने लगी, ये क्या कर लिया मैंने, एक मर्द ने मुझे चोदना चाहा और मैंने उसे खुद को चोदने दिया, क्यों किया मैंने ऐसा। ये बात अगर किसी को पता चल गया तो मेरी कितनी बदनामी होगी और मेरे अम्मी अब्बू को ये सब पता चला तो ना जाने क्या होगा मेरा। रात को राजा की बात नहीं माननी चहिये थी मुझे। मैं फर्श पर बैठे रो रही थी तभी राजा कमरे में आ गया, उसके हाथों में कुछ बैग्स थे जिसमे ना जाने क्या था। उसने मुझे फर्श पर देखा तो मेरे पास आ गया और मुझे बाहों में उठा लिया। 

राजा- तुम फर्श पर क्यों बैठी हो सोफिया?

मैं- क्यूंकि मुझे दर्द हो रहा है, मुझसे चला नहीं जा रहा है।

राजा- आई नो, तुम्हे बहुत दर्द हो रहा है मेरी रानी, शुरू शुरू में थोड़ा पैन रहता है, फिर आदत हो जाएगी!

मैं राजा की बात सुनकर बोली- शटअप राजा, कल रात जो तुमने मेरे साथ किया, वो अब कभी नहीं होगा। ये सब एक गलती थी, मुझे तुम्हे इसके लिए रोकना चाहिए था।

राजा- प्लीज् ऐसे मत बोलो सोफिया, आई लव यू।

मैं- नो राजा, तुम सिर्फ सेक्स के भूखे हो। तुम्हारी हवस की आग ने मेरी जिंदगी बर्बाद कर दी है और अब मैं इससे ज्यादा बर्बादी नहीं चाहती। तुम प्लीज् चले जाओ मेरी लाइफ से!

राजा- नहीं सोफिया, मैंने फैसला कर लिया है कि मैं तुम्हे अपनी दुल्हन बनाऊंगा।

मैं- नहीं राजा, तुम्हारी दुल्हन नहीं बनना मुझे! आई एम् अ मैन, नॉट अ गर्ल जो तुमसे शादी करूँ और तुम्हारे साथ अपनी लाइफ स्पेंड करूँ!

राजा- सोफिया प्लीज् ऐसे मत कहो, आई लव यू सो मच और मैं तुम्हारे लिए कुछ भी करने को तैयार हूँ!

मैं -तो ठीक है, मेरे लिए किसी लड़की से शादी करके सेटल हो जाओ और मेरी लाइफ से दूर हो जाओ!

राजा- नहीं सोफिया, मैं तुमसे प्यार करता हूँ, शादी भी तुम ही से करूँगा। तुम्हे जितना टाइम लेना है लो, मैं इंतज़ार कर लूंगा।

मैं- ऐज़ यू विश! तुम्हे अपनी लाइफ स्पोइल करने का इतना ही शौक है तो शौक से करो! मुझे ये शौक नहीं है, अब मुझे नीचे उतारोगे प्लीज्!



फिर राजा ने मुझे नीचे उतारा। मैं फिर एक कदम लंगड़ाकर आगे बढ़ी और दर्द से रुक गयी। राजा समझ गया और उसने मुझे फिर से अपनी बाहों में उठा लिया और मुझे लिप टू लिप किस करते हुए वाशरूम में ले गया। राहुल पागल ही हो गया था और  उसका बस चलता तो मुझे दिनभर किस करता रहता। मैंने उसे उतरने को कहा तो उसने मुझे अपनी गोद से उतार दिया और बाहर चला गया। साथ ही राहुल ने मुझे ऑइंटमेंट और मेडिसिन दिया और कहा कि वो जा रहा है और वो चला गया। राजा ने जाते जाते बताया कि एक महीने मेडिसिन खाना पड़ेगा और ऑइंटमेंट भी एक महीने लगाना पड़ेगा। मैंने कहा ठीक है और मैं टॉयलेट सीट पर बैठी तो अंदर से बहुत सारा खून और चिकना सा पानी निकला, दर्द से मैं बहुत रोई फिर उसके बाद मैं फ्रेश हुई और नहाई और अपनी गांड में ऑइंटमेंट लगा ली। मै बहुत थकी हुई थी, ऐसा लग रहा था कि कितने दिनों की थकान है और फिर मैं कमरे में जाकर सो गयी। यहीं से मेरी सोफ़िया बनने की कहानी शुरू हो गयी थी, ये मेरे साथ हुई पहली सेक्स घटना थी, जिसने मेरी लाइफ को टर्निंग पॉइंट पर लाकर छोड़ दिया था। उस दिन दोपहर में जब नीलम फ्लैट पर आयी तो मुझे देखते ही समझ गयी कि मेरे और राजा के बीच क्या कुछ हुआ था। लेकिन नीलम ने मुझसे कुछ भी नहीं कहा और मेरी ट्रेनिंग कंटिन्यू की। एक महीने बाद मैं अब प्रॉपर औरत की तरह खुद से तैयार होने में और तरह तरह की ड्रेसेज़ में तैयार होने में खुद से सक्षम थी। मुझे मेकअप करने और खाना पकाना तो मुझे पहले से ही आता था। मेरे चलने का तरीका बिल्कुल लड़की के जैसी हो गयी थी, मेंरी कमर 28 और चेस्ट पहले से काफी फूल गयी थी। आई डोंट नो कि ऐसा क्यों हो रहा था लेकिन मैं पहले से ज्यादा कॉंफिडेंट थी अब।

एक महीने बाद अब मैं घर में फुल टाइम लड़की बनकर रहने लगी थी और राजा के रिफरेन्स से जो नौकरी मिली उसे भी ज्वाइन कर ली। नौकरी ज्वाइन करने के बाद मैंने राजा का कॉल पिक करना लगभग छोड़ ही दी, कभी कभी जब भी मेरी राजा से बात होती वो शादी की ही बात करता। ऑफिस में दिवाली के दिन मैंने बहुत ही खूबसूरत साड़ी पहनी, लाइट मेकअप के साथ मेहँदी भी लगायी, मेरे बाल पहले से काफी घने, स्किन सॉफ्ट और मर्दों को देखकर मेरी धड़कनें बढ़ने लग जातीं। राजा से व्हाट्सप्प पर दिवाली के दिन मैंने बात की तो उसने मुझे मेरी ही फोटो सेंड की। 

अब ऑफिस राजा के दोस्त की थी और वहां सब मुझे राजा की दोस्त के रूप में जानते थे तो कोई भी मेरे साथ कभी दुर्व्यवहार नहीं करता, लेकिन मेरे कुछ कॉलीग्स मुझे बहुत पसंद करते थे। कोई न कोई बहाना बनाकर वे मेरे केबिन में आ जाते और मेरे साथ फ़्लर्ट करते। उन्हें तो मैं खुद से हैंडल कर लेती और लड़कियों की तरह रहते रहते अब तो मैं लड़कियों की तरह बातें किया करती हूँ, लड़कियों के बीच रहती हूँ तो नेलपॉलिश, मेकअप टिप्स, साड़ी और ड्रेसेज़ के बारे में डिस्कस करती हूँ। घर में हर महीने गृहशोभा खरीदती हूँ और उसे पढ़कर बहुत ही अच्छा लगने लगा था। पिछले एक महीने में राजा कई बार आया शादी के बारे में डिस्कस करने लेकिन मैंने उसे दरवाज़े पर से ही रिटर्न कर दी क्युकी मुझे राजा से शादी नहीं करनी थी। मेरे अम्मी अब्बू मेरी निकाह की बात आगे बढ़ा रहे थे ताकि वो मेरे लिए सुन्दर सी दुल्हन घर ला सकें और इधर राजा मुझे अपनी दुल्हन बनाने के लिए लगातार प्रेशर पर प्रेशर दिए जा रहा था। छह महीने गुजरने के बाद भी वो मेरे साथ ऐसे ट्रीट करता मानो मैं उसके लिए लड़की हूँ। लेकिन मुझे किसी की दुल्हन नहीं बनना, मुझे तो अपने लिए दुल्हन लानी थी। इधर मेरी वार्डरोब में सिर्फ साड़ियां, पेटीकोट, बैकलेस ब्लौसेज़, नाईटी, ब्रा पैंटी और सलवार कमीज, चार सेट हाई हील्स, काफी सारे सोने के जेवर जिनमे मैंने एक भी नहीं खरीदी। राजा जब भी मुझसे मिलने आता, मेरे लीये तरह तरह के ज्वेलेरी, कभी सोने के कंगन, कभी सोने का लॉकेट और सोने की नथिया तो कभी सोने की लौंग और एक दिन तो उसने मेरी रिंग फिंगर के नाप की हीरे की अंगूठी गिफ्ट की और हर बार वो मुझे शादी के लिए प्रोपोज करता और मैं उसे मना कर देती। मैने उसे लाख समझाकर देख लिया, वो नहीं माना तो मैंने भी हाँ नहीं किया और मैं अपनी नौकरी पर फोकस करने लगी थी। ऑफिस में मेरा अच्छा रेपुटेशन हो चूका था और मेरी सैलरी भी अब अच्छी थी और ये सब राजा की वजह से थी। लेकिन सिर्फ इस वजह के लिए मैं राजा से शादी नहीं कर सकती थी। उसके बाद भी मेरी जिन्दगी में बहुत कुछ हुआ मैं फिर कभी बताउंगी।

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मैं अपने बड़े समाज के लोगों के साथ कोजागिरी की रात मनाता था , जिसे शरद पूर्णिमा भी कहते हैं। मेरे लिए कोजागिरी की रात किसी मेले से कम नहीं थी , क्यूंकि हमारे शहर के बीचोबीच एक बहुत बड़े मैदान में इसका आयोजन हर साल होता और इस मेले में बहुत सी सुहागिन महिलाएं अपने अपने पतियों और बाल बच्चों के साथ एन्जॉय करने आते। कोजागिरी की रात कुंवारी लडकियां भी आती , जिनकी शादी होने वाली होती और घर के बड़े लड़के के लिए भी ये रात उतनी ही इम्पोर्टेन्ट थी , क्यूंकि इसका बहुत महत्ता थी। इस दिन रात में मां लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण के लिए निकलती हैं और कहते हैं कि दिवाली के अलावा साल में मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए यह तिथि बहुत महत्वपूर्ण मानी गई है। मान्यता है कोजागरी पूर्णिमा की रात जो घर में साफ - सफाई कर मां लक्ष्मी की विधिवत उपासना करता है , देवी उस पर अपनी विशेष कृपा बरसाती हैं और जीवन में उसे कभी धन , सुख - समृद्धि की कमी नहीं होती। लेकिन

झांकी ने मेरी जिंदगी बदल दी - मिस्टर शानू (डांसर) से मिसेज़ शान्वी (हाउसवाइफ)बनने का सफर

हिमाचल की बड़ी ही खूबसूरत शाम थी वो, जब मैं हर रोज़ की तरह झांकी में परफॉर्म करने के लिए रेडी हो रहा था। मैं नही जानता था कि वो शाम मेरी परफॉरमेंस की आखिरी शाम साबित होगी। मेरे डायरेक्टर के एक कॉल ने मेरी जिंदगी ऐसी दोराहे पर लाकर खड़ी कर दी, जहां से एक नया सफर शुरू हुआ और तब मैम अपनी लाइफ का वो फैसला लिया जिसे लेना मेरे लिए आसान नही था।  मेरा नाम शानू है, उम्र 19 साल और कद काठी से काफी स्लिम और छोटी हाइट का होने के कारण झांकी के डायरेक्टर सिद्धान्त कुमार; हमेशा मुझसे फीमेल रोल्स ही करवाते। मुझे फीमेल रोल्स करने में कोई आपत्ति नही क्योंकि इसी से मेरा घर चलता है और सबसे ज्यादा पैसे भी मुझे ही मिलते हैं। मेरी बूढी माँ और छोटी बहन के सिवा मेरी लाइफ में कुछ भी नही था, ना अपना घर, ना ही कोई जमीन और ना ही कोई सेविंग्स। बहन की शादी समय से हो, इसीलिए मैं सेविंग्स करना शुरू कर दिया, मैं अपनी लाइफ में बड़ा ही खुश था, लेकिन एक दिन कुछ ऐसा हुआ कि मेरी खुशी को ग्रहण लग गया। वैसे तो झांकी परफॉरमेंस के दौरान अक्सर जवान लड़े और बूढ़े मर्द मुझमे इंतेरेस्ट दिखाते, मुझसे मेरा नंबर मांगते और मैं भी किसी किसी को

Superstar Part -1

अनिरुद्ध सिंह शहर के जाने माने इंडस्ट्रियलिस्ट थे , जिनकी शहर और समाज में बहुत इज़्ज़त थी। अनिरुद्ध सिंह की पत्नी शहर की जानी मानी डॉक्टर थीं और उनका बड़ा बेटा राज इंजीनियर और छोटा बेटा देवेश अपनी इंजीनियरिंग के पहले साल में कोलकाता में पढाई कर रहा था। टिकटोक और यूट्यूब वीडियोस का चलन जोरों पर था और कोलकाता में ज्यादातर लड़के मोंटी रॉय और संजीब दास को फॉलो करते और देखते ही देखते देवेश भी टिक्टक वीडियोस बनाने लगा ताकि उसकी भी अपनी एक पहचान बने! लेकिन देवेश की यही चाह उसे ऐसे मोड़ पर ले आई जहाँ से कोई यू टर्न नहीं बचा था और यहीं से कहानी की शुरुआत होती है। अनिरुद्ध - देव! ये सब क्या है ? देवेश - वो पापा मैं! अनिरुद्ध - देखो ऋतू , अपने नालायक बेटे की करतूत! यही करने भेजा था कोलकाता मैंने! ऋतू - मैं बात करती हूँ , आप शांत हो जाइए! अनिरुष - समझा लो अपने बेटे को! कोलकाता पढ़ने गया है और अपनी पढाई पर ध्यान दे! ऋतू - आप शांत हो जाइये और आराम करो! मैं देव से बात करती हूँ! अनिरुद्ध - हम्म! अनिरुद्ध के जाने के बाद! ऋतू - ये क्या है देवेश! तुझे ऐसे लड़कियों की तरह कपडे पहनने की क्या ज