मेरे घर में मैं मेरी मां, मेरे चाचा चाची और उनका लड़का विक्की रहते हैं। मेरी उमर अभी 22 साल की है और विक्की की 15 साल। मैं उससे 7 साल बड़ा हूं फिर भी वो मुझे भैया कहने के बजाए मेरे नाम से ही मुझे बुलाता है। मैं एक पतला दुबला सा लड़का हूं और मेरे चेहरे की बनावट और बाकी पूरा फिगर काफी हद तक लड़कियों के जैसा है..और मैंने अपने बाल भी लंबे रखे हुए हैं। मेरे पापा की मृत्यु बहुत पहले ही हो चुकी थी। इसिलिए मेरी मां ने अकेले ही मुझे संभाला और मेरी देखभाल की, जो शुरू से ही मुझे अपना बेटा कम और बेटी ही ज्यादा मानती थी। शायद इसीलिए मेरी मां ने मेरी पढाई में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई। मैं सिर्फ नाम के वास्ते स्कूल जाया करता था और कुछ पढाई नहीं करता था। खैर स्कूल से पास होने के बाद मैंने बी.कॉम में एडमिशन लिया, फिर कॉलेज जाने लगा, फिर वहां मुझे कुछ अच्छा नहीं लगता था। इसलिए मैंने जैसे तैसे बी.कॉम पास की और फिर पढाई छोड दी। फिर मैंने मां से पूर्णकालिक बुटीक में काम करने की इच्छा जताई तो मेरी मां भी मान गई। अब मैं रोज बुटीक जाने लगा था और मुझे लड़कियौं की ड्रेसेस में काफी इंटरेस्ट आने लगा था। अब मुझे लड़कियों के सभी कपड़ों के काफी ज्ञान हो गया था। जैसी कि साड़ी के तरह तरह के डिजाइन, सामग्री, सलवार सूट, कुर्ती के डिजाइन और बाकी कपड़े के बारे में भी .. पर मुझे लड़कियों के घाघरा चोली और लेहंगा चोली अच्छे लगते हैं। मुझे कभी घाघरा या लहँगा और चोली पहनने का मन भी करता था, पर लड़के होने के करन मैं ऐसा नहीं कर पाता था। बुटीक में जो आंटीयां आती थी, वो मुझसे काफ़ी घुलमिल गयीं थी और मुझे सभी लड़की कहकर चिढ़ाया भी करती थी। जब मैं कभी अपने बालो को खुला रखकर कुर्ता पायजामा पहनता तो सारी आंटीयां जो पहली बार आती थी, मुझे एक लड़की ही समझ कर बातें करने लगती थी। फिर मेरी आवाज से उनको मालुम पड़ता कि मैं लड़का हूं। ऐसा कई बार हुआ था मेरे साथ, इसीलिए मुझे हमेशा लड़की बनने का ख़याल आता। मेरी क्रॉसड्रेसिंग की शुरुआत कुछ ऐसे हुई, जिसके फ्लो में मैं कब अंदर ही अंदर लड़की बनता जा रहा था, मुझे इसका जरा भी एहसास नहीं था।घर पर भी मैं सारा काम करता था। जैसे कि सुबह चाची के साथ नाश्ता बनाना, फिर सबको नास्ता सर्व करना, फिर विक्की के कपड़े निकले कर उसे तैयार करके स्कूल भेजना। थोड़ी बहुत घर की सफाई करना और चाची के साथ साथ सबके कपड़े धोना, और फिर छत पर जाकर उन कपड़ो को सुखाना। मुझे ये घरेलु काम काम करने में बहुत अच्छा लगा तो, विक्की मेरे लिए स्त्रीलिंग का उपयोग करता था, वो भी सबके सामने और कोई कुछ भी नहीं कहते थे उसे। मेरे को थोड़ा अजीब लगता था, विक्की मुझसे छोटा है और सबके सामने लड़की कहता है, पर मैं उसे अपना छोटा भाई समझकर माफ़ कर देता। मेरे बुटीक में शामिल होने के बाद करीब ऐसा एक साल तक चलता रहा, अगले एक साल में मैंने अपने बाल नहीं कट करवाए तो अब मेरे बाल कंधे के आला तक आने लगे थे। तो मेरी मां ने मेरे बाल की चोटी करने लगी थी और फिर मैं अपनी चोटी को अपने शर्ट के अंदर दाल लेता था। विक्की अब १२वीं कक्षा में आ गया था, उसकी पढाई काफ़ी कठिन हो गई थी, इसिलिए चाची ने मुझ उसको थोड़ा और पढाने के लिए कहा तो मैं मान गया और रोज़ सुबह नाश्ता करके विक्की को पढाने लगा। वो मुझे हमेश लड़की लड़की कह कर चिढ़ाता था, पर मुझे बुरा नहीं लगता था। मैं विक्की को बच्चा बनाता और माफ कर देता था फिर एक दिन विक्की को पढ़ाते वक्त, उसने मुझसे कहा। भैया मुझे पता है की तुम एक लड़की बनाना चाहता हो और मुझे ऐसा लगता है, तभी तुम घर के सारे काम करते हो, खाना बनाते हो! और कहा कि भैया तुम ये पैंटी पहन लो, तुमको अच्छा लगेगा। मेरे तो ये सब सुनकर होश उड़ गए, मुझे बहुत गुस्सा भी आया विक्की पर और उसे एक थप्पड़ मारने का भी मन किया, पर प्यार से उसे समझाया कि विक्की ऐसा कुछ नहीं है, जैसा कि वो समझता है और मैंने विक्की से कहा कि विक्की मुझे लड़कों के काम करने में मजा आता है, पर इसका मतलब ये तो नहीं तो है, फिर विक्की ने कहा कि फिर क्यों तुम लंबे बाल रखते हो और बुटीक में काम करते हो। तो मैंने कहा कि लंबे बाल तो फैशन के लिए रखे हैं और बुटीक में तो मैं मेरी मां की मदद करता हूं, बस! पर उसे यकीन नहीं हुआ और ज़िद करने लगा, मुझे पैंटी पहनने के लिए। आखिर मैं उसके ज़िद के सामने हार गया और मैंने पैंटी पहनने के लिए हां कर दिया। और बाथरूम में जाकर पैंटी पहन ली, फिर उसने मुझसे कहा, कि भैया आज से तुम मेरे लिए दीदी हो अब मैं तुमको लड़की की तरह ही बुलाउंगा। मैंने कहा, जैसी तेरी मर्जी...!
क्यों मैं जानता था की विक्की बहुत ज़िद्दी है और उसके मन में जो आता है जो वही करता है और किसी की नहीं सुनता है। विक्की अब मुझे अब हर रोज़ नई पैंटी पहनने को लाकर देने लगा, करीब 10 पैंटियां हो चुकीं थी। मैं अब रोज एक पैंटी पहन लेता... मैं अब अपने अंडरवियर को पहनना ही भूल गया था। ये बात अब घर पर सभी को मालुम पड़ चुकी थी और सबने मुझे इस तरह से स्विकार कर भी लिया। किसी ने मुझसे कोई भी सवाल नहीं पूछा कि मैं लड़का होकर भी कैसे पैंटी पहन सकता हूं! मेरी चाची से मुझसे कहता है कि अगर मुझे और भी पैंटी चाहिए तो बाजार से ले आना। मैंने चची से कहा कि अभी मुझे और पैंटी नहीं चाहिए, तो फिर चाची ने कहा ठीक है। फिर ग्यारवें दिन विक्की ने मुझसे पूछा कि अमिता, तुमको पैंटी कैसा महसूस होता है।
तब मैंने विक्की से कहा कि पैंटी पहनने से मुझे बहुत अच्छा लगता है और पैंटी की फीलिंग मुझे बहुत अच्छी लगती है और मैं ज्यादा कॉन्फिडेंट फील करता हूं। विक्की मेरी बाते सुनकर हंसने लगा और कहने लगा, बहुत अच्छा अमिता दीदी अब तुम आगे देखना मैं क्या करता हूं, तुम्हे मैं एकदम खुश कर दूंगा। मैं हैरान हो गया और सोचने लगा ये क्या बोल रहा है, पर मैंने उसकी पढाई पर ज्यादा ध्यान देना सही समझा। मैंने विक्की को पढ़ने के लिए कहा। फिर अगले दिन विक्की मुझे बाजार ले गया और एक ब्यूटी पार्लर में ले जाकर मेरी पूरी बॉडी लेजर वैक्सिंग करवा दी। मैने उसे मना भी किया पर विक्की मेरी एक नहीं माना और लास्ट में मुझे पूरी वैक्सिंग कारवानी पड़ी। फिर उसे ब्यूटी पार्लर वाली से मेरे आइब्रो थ्रेडिंग करवाई और बिलकुल लड़कियों की जैसी बनवा दी और मेरे दोनो कानो में छेद करवा दिया और मेरे कानो में इयर स्टड भी पहनने को कहा। मुझे विक्की पर बहुत तेज़ गुसा आया और उसे थप्पड़ मारने का भी मन किया। लेकिन मैंने उसे अपना छोटा भाई समझकर माफ कर दिया और उससे कुछ नहीं कहा, वो काफ़ी ख़ुश था मुझे ऐसे देख कर। इसीलिए मैं भी उसके ख़ुशी में ही ख़ुश हो गया और उल्टा उसे मैंने थैंक यू कहा। वो हंसने लगा और कहा, अमिता अभी तू तुझे स्टड सिर्फ शुरुआत है, पर बहुत जल्द मैं तुझे झुमके और बालियां लाकर भी दूंगा, जिससे तू और भी खूबसूरत लगोगी!
मैंने कहा, विक्की मुझे बालियां नहीं पहननी और हम दोनों हंसने लगे। फिर हम घर वापस आ गए और सब ने मेरी कान की बाली के बार में बहुत अच्छा अच्छा कहा और सबको काफ़ी पसंद आया। माँ ने मुझसे कहा कि अमिता अब से तुम कानों में रोज़ स्टड्स पहनना, ये तुम पर अच्छा लगता है। मैंने भी हां कर दिया और हम सब अपने काम में लग गए। फिर अगले दिन विक्की ने मुझे कुछ दवाइयां दी और कहने लगा कि इन दवाइओं को रोज़ लेना है विदाउट फेल। मैंने पूछा कि ये कैसी दवाइयां है, तो उसे कहा की ये मेरी बॉडी को स्ट्रॉन्ग और सेक्सी बनाना के लिए है। मैं शरमा गया, फिर मैंने हां कह दी। अब मैं रोज़ दवाइयां लेने लग गया था और अब मेरी चेस्ट अब लड़कियों के ब्रेस्ट जैसी हो गई थी। मैं काफ़ी इमोशनल भी हो गया था और मुझ में लड़कियों वाली फीलिंग हावी होने लगी थी। मुझसे बुटीक में काम करना और भी अच्छा लगा था और मैं भी बालों का डिजाइन बनाना लगा था। मेरी मां मेरे हर काम में मुझे प्रोत्साहित करती थी और अब घर में सब मुझे अमिता के लगे कर बुलाने लगे थे। अब सब मुझे स्त्रीलिंग वे यूज करके बुलाने लगे थे, अब विक्की 12वीं पास करके कॉलेज चला गया था और उसकी एक जीएफ भी बन गई थी और विक्की ने मुझे उससे अपनी दीदी कह कर ही परिचय करवा था। अब मैं पैंटी के साथ साथ ब्रा भी पहनने लगा था और मुझे ब्रा भी विक्की ने ही लाकर दी थी। करीब 2 महाने पहले, मैंने विक्की से कहा कि मुझे मेरे चेस्ट अजीब से लगने लगे हैं, वो काफ़ी सॉफ्ट हो गए हैं और काफ़ी बड़े भी। तब विक्की मुझे एक डॉक्टर.के पास ले गया और मेरा चेकअप करवाया। डॉक्टर ने कहा की मेरी छाती अब ब्रेस्ट हो गई है और अब मुझे ब्रा पहननी चाहिए, जिस्से की मेरी ब्रेस्ट की ग्रोथ सही तारिके से हो। और मैं अगर ब्रा नहीं पहनता हूं तो मुझे काफी दर्द भी होगा, इसलिये मैंने ब्रा पहनने का फैसला किया। फिर डॉक्टर कुछ और दवा लिख कर दी और कहा कि 6 ये महीने के मेडिसिन्स है, रोज़ लेनी पड़ेगी और 6 महीने के बाद आना मेरे पास, पुरे शरीर की जांच के लिए। विक्की ने मुझे वो दवा दिला दी और फिर हम लेडीज इनर गारमेंट्स शोरूम में गए। वहां मैंने अपने लिए १० ब्रा पैंटी के सेट लिए और फिर घर आ गए हैं। अब मैं रोज़ अपने कपड़ो के अंदर ब्रा पैंटी पहनने लगा था, मेडिसिन्स के असर से मेरी हिप्स अब काफ़ी चौड़ी हो चुकी थी और मेरी पैंटी टाइट होने लगी थी। अब मेरी शर्ट भी मुझे फ़िट नहीं आती थी, और मैं अब शर्ट पैंट में बिलकुल भी अच्छा नहीं लगता था। इधर एक दिन विक्की मेरे लिए एक पटियाला सूट लाया और मुझे पहनने को कहा। मैंने पटियाला सूट पहन लिया, मुझे बहुत अच्छा लगा और ये सूट मुझे पूरी तरह से फिटिंग भी हुआ। विक्की ने मुझसे कहा, अब से तुम लड़कियों वाले कपडे ही पहनोगे , क्यूंकि अब तुमको ये जायदा फिट आएंगे। मैं शर्मा गया और फिर मैंने और विक्की ने जाकर बाजार से ढेर सारे चमकीले पटियाला सलवार सूट ले आये। अब मैंने अपने कानों में बालियाँ पहनना शुरू कर दिया था और एक लड़की के रूप में सभी ने मुझे एक्सेप्ट कर लिया था। मेरे ब्रैस्ट अब ३० बी साइज़ की हो गई थी और अब मेरे अंदर लड़कियों वाली फीलिंग्स भी बहुत तेज़ हो गई थी
अब मुझे खुद को सजने संवारने में मजा आने लगा था, मैं एक दिन अपने हाथों और पैरों के नाखूनों में नेल पॉलिश लगा ली और चेहरा का मेकअप किया और ग्लॉसी लिपस्टिक लगा ली। सबने मुझे ऐसे करते देखा और कहने लगे सुन,अमिता के लिए एक अच्छा सा लड़का देख इसकी शादी कारवानी पड़ेगी। ये सुनकर मैं शरमा गया और फिर कुछ दिन बाद मैंने विक्की से कहा कि वो मुझे किसी और ब्यूटी पार्लर ले चले। वो मुझे अपनी बाइक पर बिठाकर ब्यूटी पार्लर ले आया। विक्की ने पार्लर वाली से कहकर जबरदस्ती मेरा नाक छिदवा दिया, बहुत दर्द हुआ मुझे और मैं बहुत रोया। लेकिन फिर पारलर वाली ने एक सुंदर सी सोने की नाक की रिंग पहना दी, जो विक्की मेरे लिए लाया था। मैं अपना दर्द भूलकर अपनी खूबसूरती निहारने लगा। फिर मैंने अपना फेशियल करवाया और लड़कियों की तरह मेकअप भी करवा लिया। फिर मैंने पेडीक्योर और मैनीक्योर भी करवाया, ये सब देख कर विक्की बोला, अमिता अब तो तू मान ले की तू खुद एक लड़की बन गई है। मैंने विक्की से कहा कि आज से मैं खुद लड़कियों की तरह ही व्यवहार करूंगी और अपने लिए स्त्रीलिंग वे का ही उपयोग करुँगी। फिर हम डॉक्टर के पास गए, उसने मेरा पूरा बॉडी चेक अप किया और कहा कि आज से ठीक 1 महीने बाद मेरा एसआरएस सर्जरी की जाएगी और तब जाकर मैं संपूर्ण औरत बन पाऊँगी। जोश जोश में मैंने डॉक्टर की बात तो मान ली लेकिन मैं क्या करने जा रही थी मुझे इसका जरा भी अंदाज़ा नहीं था। मैंने ये बात सब घर वालों को बतायी तो सब खुश हो गए, किसी ने मुझे ऐसा करने से नहीं रोका और सब उस दिन का इंतजार करने लगे। तभी मेरी मां ने सबके सामने मेरे हाथों में 16-16 हरी हरी कांच की चूड़ियां और दो सोने के कंगन, गले में एक सुंदर सा सोने का हार और नाक में बड़ा सा भारी सा नथिया भी पहना दी और मेरी नजर उठा दी तो मैं शर्माने लगी। फिर मैंने अपने मां के पांव छूए, चाची के भी पांव छुए और चाचा के पांव छुए और घर के काम में लग गई। अब मैं 24/7 लड़कियों के कपड़े पहनने वाली लड़की की तरह ही रहने लगी थी, नाक में हमेश नथिया पहनती, फिर मेरा जन्मदिन आया तो सब ने मुझे हैप्पी बर्थडे विश किया। विक्की उस दिन मेरे लिए एक सुंदर सी सिल्क की साड़ी ले आया और मुझसे कहने लगा कि मैं आज ये साड़ी पहनूं। मैंने कहा, साड़ी के लिए मेरे पास कोई ब्लाउज नहीं है उसने कहा कि कोई टेंशन नहीं है। उसने बाजार से एक रेडीमेड गोल्डन बैकलेस ब्लाउज ले आया। फिर क्या, मुझे वो साड़ी पहननी पड़ी और मैं उसमे काफ़ी सुंदर भी लग रही थी। सब ने मेरा जन्मदिन मनाया ख़ूब धूम धाम से। मेरे इस जन्मदिन में विक्की की जीएफ करिश्मा भी आई थी। मुझे साड़ी में देख कर वो भी बहुत खुश हुई और मुझसे बोली कि दीदी आप बहुत हॉट लग रही हैं और आपकी बैकलेस चोली से आपकी गोरी पीठ को देखकर ना जाने कितने जवान मर्दों का मन मचल रहा होगा। मैंने करिश्मा से कहा, चल झूठी और फिर मैने उसे धन्यवाद कहा और पार्टी एन्जॉय करने के लिए कहा। करिश्मा मेरे लिए ब्राइडल चूड़ियां और कंगन का सेट लेकर आई थी जिसमे लाल सफ़ेद और गोल्डन रंग की चूड़ियों का सेट बना हुआ था। करिश्मा मुझे उन सेट को पहनने को फाॅर्स करने लगी तो मैंने उस ब्राइडल चूड़े के सेट को उसके सामने ही अपने कलाइयों में पहन ली। फिर हम सभी ने एक साथ डिनर किया और उसके बाद करिश्मा को लेकर विक्की उसे घर ड्राप करने चला गया।
बर्थडे पर साड़ी पहनने के बाद मैंने कुछ ही दिनों में अपने लिए कई साड़ियाँ खरीद ली और मैचिंग ब्लाउज भी सिल्वा लिए थे, वो भी कम्पलीट बैकलेस और स्लीवलेस। अब मैं भी घर पर हमेशा साड़ियाँ ही पहनने लगी थी। फिर कुछ दिन ऐसे ही गुजर गए और अब मेरा एसआरएस सर्जरी का टाइम भी आ गया था। विक्की मुझे डॉक्टर के पास ले गया और डॉक्टर ने मेरा चेकअप करके हॉस्पिटल में एडमिट कर लिया। फिर 7 दिन तक मेरा एसआरएस ऑपरेशन और बाकी के छोटे छोटे ऑपरेशन होते रहे। जैसे की वोकल कॉर्ड का ऑपरेशन (जिससे पुरुष की आवाज़ को महिला आवाज़ में बदल दिया जाता है), नोज़ अपलिफ्टिंग (जिससे नाक को थोड़ा ऊँचा और छोटा कर दिया जाता है), चेस्ट का उपचार, मांसपेशियों का संतुलन, आदि…। फिर करीब १० दिन के बाद डॉक्टर ने मुझे घर जाने की अनुमति दे दी थी। अब मैं संपूर्ण १००% औरत बन गई थी अपनी खुद की योनि के साथ और डॉक्टर ने ये भी कहा कि लेटेस्ट तकनीक के सहारे मेरे अंदर और फैलोपियन ट्यूब और गर्भाशय को सेट कर दिया गया है, जिसमे की अंडे फर्टिलाइज होते हैं और लड़कियों की तरह हर महीने पीरियड्स आने लगेंगे।
डॉक्टर ने बताया कि अब मुझे भी हर महिने नॉर्मल पीरियड्स होने लगेंगे। मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि मैं सही किया या गलत लेकिन मैं बहुत खुश थी क्यूंकि मैं हमेशा से औरत बनकर ज्यादा खुश रहती थी और कभी कभी मन करता था कि किसी की बीवी और मां भी बन जाऊँ। अब डॉक्टर्स अनुसार मैं गर्भवती होने में सक्षम थी और बचे हुए महीने में मुझे कोई समस्या नहीं थी। डॉक्टर ने मेरी चाची को एक डिल्डो दे दिया और कहा की इस डिलडो से मेरी योनि में रोज 30 मिनट दिन में 3 बार अंदर बाहर अगले 3 महिने तक करना पड़ेगा, जिससे कि मेरी योनि थोड़ी ढीली हो जाएगी और अपने पोजीशन पर बिलकुल सेट हो जाएगी और फिर मुझे सेक्स करने कोई समस्या नहीं होगी। चाची समझ गई और फिर हम घर वापिस आ गए। अगले तीन महीनों के लिए मुझे चाची के कमरे में शिफ्ट किया गया। मेरा ऑपरेशन हुआ था, तो डॉक्टर ने 7 दिन ले मुझे बिलकुल बेड रेस्ट के लिए कहा था। तभी चाची मेरा ख्याल रखती थी। मेरे कपड़े उतारकर कर मेरे वजाइना में डिल्डो अंदर बाहर करती, ठीक वैसे ही जैसा कि डॉक्टर ने बोला था। फिर मुझे नहलाती और फिर मुझे साड़ी पहनाती और मेरा मेकअप करके मुझे तैयार भी करती है। 7 दिन तक मैं चाची के साथ ही रही रात में चाची मुझे सिर्फ एक पतली सी नाईटी पहना देती और वो भी बिना ब्रा और पैंटी के। मैं रात भर चाची के साथ बिस्तर में सो जाती थी। क्यूंकि नींद में नाइटी तो अपने आप मेरे बदन से हट जया करती थी और चाची ये सब देखकर हंसती थी। और कहती थी, जो भी मुझसे शादी करेगा, वो बहुत खुश रहेगा। क्यूंकि उसे मेरे कपडे उतारने की तकलीफ नहीं उठानी पड़ेगी क्यूंकि, मैं तो खुद अपने कपड़े उतार देती हूं और आसनी से नंगी भी हो जाती हूं। ये सब सुनकर मैं पानी पानी हो गयी और चाची से कहा कि मुझे शादी नहीं करनी और किसी मर्द से तो बिलकुल भी नहीं, क्योंकी मैं खुद एक मर्द हूं। तब चाची ने कहा, चल पगली, तू पहले मर्द थी, पर अब तू एक औरत है। और सब औरतों को तो एक ना एक दिन अपना मायका छोडकर, सास ससुर और पति की सेवा करनी पड़ती है। वो जैसे भी चाहे रहना होगा। चाची की बात सुनकर मैं रोने लगी और चाची से कहने लगी कि चाची मुझे यही रहना है, आप लोगों के साथ। मुझे कहीं नहीं जाना, फिर चाची ने मुझे गले से लगा लिया लिया और कहने लगी कि ये विधि का विधान है बेटी। कहां तो तेरे लिए सुंदर सी बहू लाने का सोचते थे और पोते पोती के सपने देखते थे। और अब तो तुझे ही दुल्हन की बनाकर, तुझे सजा धज़ा कर तेरे नाक में सोने की नथिया, गले में हार और कानों में झुमकी पहनाकर, लाल जोडे में दुल्हन की तरह सजा कर, किसी गैर मर्द के यहां बहू बनाकर भेजा जाएगा, फिर वही तेरा घर होगा। अब बच्चों का बाप बनने की जगह अपने पति के बच्चों को अपने गर्भ में पालेगी और उन्हें जन्म देकर उनकी माँ बनेगी तू। अब बचाओ के बाप की जग की माँ बनने तू। फिर मैं चाची से लिपट कर बहुत रोई और रोते रोते सो गयी।
आधी रात को जब सब सो गए तब चाची ने मेरी योनि में डिलडो अंदर बाहर करने लगी तो मैं भी जोर जोर से आह उह्ह्ह की आवाज़ निकालने लगी। मेरी आह उह्ह सुनकर चाची बोली, हाय रे मेरी प्यारी बेटी, इतना भी जोर से मत चिल्ला कि पडोसी भी सुन तेरी सिसकारियां सुनकर सुबह शिकायत करने आ जाएं। तू और तेरी ऊह-आह की आवाज़ें, जब सुहागरात में तुझे तेरा पति तुझे चोदेगा तो भी क्या तू ऐसी ही सिस्कियां लेगी। मैं कहा हां और मैं शर्मा गई। और फिर मैं सो गयी। सुबह चाची ने मुझे फिर से नहलाकर तैयार कर दिया। 7 दिन के बाद मैं ठीक हो गई थी, चलने में भी अब दिक्कत नहीं होती तो फिर मैं अपने कमरे में गई और खुद डिल्डो करने लगी थी। फिर 3-4 महीने ऐसे ही गुजर गए थे, सब कुछ नॉर्मल चल रहा था। मैं और माँ सुबह बुटीक जाते थे, विक्की अपना कॉलेज और फिर वहां से पार्ट टाइम पर जॉब पर। चाचा आपने दुकान पर और चाची घर संभालती थी। सब नॉर्मल रूटीन लाइफ चल रही थी हमारी, सिर्फ इतना फ़र्क था की अब मैं पूरी तरह से औरत बन गई थी और सब मेरे पास्ट को जैसे भूल ही गए थे। घर में किसी को याद ही नहीं था कि एक लडका था। लेकिन मुझे कभी ऐसा लगता था कि अगर मैं अपने भावनाओं को कंट्रोल कर लेती और औरत न बनती तो मैं इस घर का बेटा होती और मुझे मेरे ही घर से नहीं जाना होता। लेकिन आज मेरे मन में सिर्फ एक ही डर घर कर बैठा था कि मुझे भी दुल्हन बनकर पराये घर में बहु बनकर जाना होगा।
खैर तीन महीने और गुज़र गए, कुछ भी चेंज नहीं हुआ। मैं हमेशा की तरह अपनी माँ के साथ बुटीक चली गयी थी और चाची घर के काम में व्यस्त थी। फिर एक दिन, मेरे चाचा दूकान से जल्दी घर आ गए और मुझे और मेरी मां को बुटीक से जल्दी घर बुला लिया। मैं भी मां के साथ बुटीक से घर आ गयी, घर आते ही मैंने सबके लिए चाय बनायी और सबको चाय सर्व की। फिर चाचा ने मेरी माँ को मेरे रिश्ते के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि पास के गांव के ठेकेदार के घर से रिश्ता आया है। वो लोग पठान है और चाचा के दोस्त भी। चाचा ने जब अपने दोस्त को मेरी फोटो दिखाई तो वो मेरी फोटो देखते ही मुझे अपनी बहु बनाने के लिए राज़ी हो गए। मेरी माँ ने मेरी तरफ देखा और मैं शर्मा गई और वहां से अपने कमरे पर चली आई। फिर माँ, चाचा और चाची आपस में मेरी शादी की बात करने लगे। लड़के वाले पठान मुस्लिम कूल के थे, पर चाचा ने मां को समझा लिया कि आज कल जात-पात नहीं देखना चाहिए, और उनका घराना तो नवाब घराना था, हमारी अमिता वहां बहू बनकर जाएगी तो राज करेगी। माँ ने मेरी ख़ुशी और अच्छे भविष्य के बारे में सोचकर चाचा को हाँ कर दी। फिर चाचा ने लड़के वालों को मुझे दिखाने के लिए अगले रविवार का समय भी दे दिया। ये सब सुनकर मैं एकबार तो दुखी हुई। उस दिन चाची ने मुझे हरे रंग की साटन साड़ी में बैकलेस ब्लाउज और डार्क मेकअप करके रेडी की। मेरी कलाइयों में सोने के कंगन और लाह के कंगन सेट, गले में हैवी गहने, बड़े बड़े झुमके और पैरों हैवी चांदी की पायल पहनाने के बाद मेरे नाक में सोने की लौंग पहना दी। और आखिर में माथे पर एक ग्रीन और रेड कलर की बड़ी से बिंदी भी लगा दी थी। फिर घूंघट कर के मैं सबके सामने चाय की ट्रे लेकर आई।
तब मुझे मेरी होने वाली सास ने मुझे अपने साथ बैठाया और मेरा घूंघट हटा कर मेरा चेहरा देखने लगी। फिर मुझसे बोली, तू तो बड़ी सुंदर है! तेरा क्या नाम है लड़की? मैं बोली, मेरा नाम अमिता है फिर उन्होन मेरे ठुड्डी पर हाथ रख मेरा सर उठाते हुए कहा,क्यों री, मेरे बेटे की दुल्हन बनेगी क्या? मैं शर्मा गई और मैंने अपना सर शर्म से झुका लिया। फिर क्या था, सब कहने लगे, लड़की शरमा गयी और सभी हसने लग गए। फिर थोड़ी देर बाद मैंने चंगेज़ को देखा, वो काफ़ी लंबा था। करीब 6.5 फीट का तगड़ा बदन, चौड़ी छाती, घने दाढ़ी मूछें, बाल बिलकुल घने और काले और सही ढंग से बने हुए। वो एक सफारी सूट में था, हाथों में बहुत ही महंगी सोने की घडी लग रही थी और उसकी आंखें बहुत बड़ी बड़ी थी और चेहरा बिलकुल राजकुमारों जैसा था। मैंने जब इतने करीब से उनको देखा तो मैं बहुत ज्यादा शर्मा रही थी। फिर चंगेज़ ने मुझसे कई सवाल पूछा, मुझे ज्यादा आता था मैंने बताया दिया। फिर मेरा और चंगेज़ का सगाई करवा दिया गया, उसने मुझे सगाई की रिंग पहना दी। फिर मेरी मां ने भी मुझे रिंग दी, जो मैंने चंगेज़ की रिंग फिंगर में पहनाई। फिर मेरी सासु माँ ने मेरे नाक की लौंग निकाल दी और अपना एक बड़ा सा खानदानी नथिया मेरे नाक में पहना दी और मेरे दोनों हाथों में खानदानी सोने के बड़े बड़े कंगन पहना दी। मेरी सगाई हो चुकी थी और मेरी शादी दो महीने बाद की तय कर दी गयी। सगाई के बाद घर से जाते समय मेरी सास मुझसे बोली, सुन लड़की, तुम अब हमारे खानदान की बहु बनने जा रही है तो धीरे धीरे मुस्लिम तौरतरीके सीख ले। तेरी नाक में जो खानदानी नथिया मैंने पहनाई है, उसे उतारना मत और ना ही कंगन उतारना। ये अब तुझे हमारे खानदान की बहु बनने का रुतबा मिलने वाला है और अब से तुझे हमारे खानदान की मान मर्यादा का खास ख्याल रखना है, समझी तू ? मैंने अपनी सास से हां कहा और वो मुझे आशीर्वाद देकर वहां से चली गयीं।
अब मैं मिस अमिता खन्ना से मिसेज़ अमिता खान बनने वाली थी, दो महीने तक मेरी शादी की तयारी चलती रही और फिर वो दिन आ गया। मैंने मां से कहा, मां मैं शादी नहीं कर सकती, क्योंकी मेरा मन अब भी एक मर्द का है। मैं मानती हूं की मेरा शरीर एक औरत का है पर, मेरा मन अब भी एक मर्द का है। तब मां को गुस्सा आ गया और वो बोली, अब क्या बोल रही है, जब तेरी सगाई हुई थी तब तू बड़ी खुश थी और खुशी खुशी चंगेज़ को अपना पति मान लिया था। और 2 महिनो में तूने तो अपने लिए काफी शॉपिंग भी की है। इसी दिन के लिए ही तो तेरी सास ने तेरे लिए इतने हैवी जेवर भिजवायीं थी, अपना एक बड़ा सा खानदानी नथिया पहनाया था न तेरी सास ने तेरी नाक में, देख अमिता, अब सुन कुछ नहीं हो सकता, तुझे तो ये शादी करनी ही होगी, किसी भी हाल में और वैसा भी चंगेज क्या तुझे अब छोड़ देगा? और तेरे इन रसीले होंठों को क्या चूमे बिना मान जायेगा? और क्या, वो अब तेरे बड़े बड़े बूब्स को चुसे बिना मान जाएगा, या फिर तुझे चोदे बिना मान जाएगा। देख अमिता, वैसे भी सगाई वाले दिन भी उसकी नज़रें सिर्फ तेरे बूब्स पर ही थी और अब तो मैं भी कुछ नहीं कर सकती। चंगेज़ ने तो तुझे अपने सपनो में ना जाने कई बार चोद भी दिया होगा। अब कुछ नहीं हो सकता है, तू रोना बंद कर और अपनी शादी पर फोकस कर।
मेरी माँ मेरे बारे में ऐसा कैसे कह सकती थी, माँ के कहने पर मुझे बहुत बुरा लगा लेकिन फिर मैंने अपना ख्याल रखा और अपनी शादी की तैयारी करने लगी। मुझे बहुत कमजोरी महसूस हो रही थी, मेरा शरीर मेरे वश में नहीं था, मेरा मन इतना भावुक हो रहा था कि मैं बार-बार रो रहा था। फिर मेरी माँ बोली, चल अब तू ये तेरा नाटक बंद कर और तयार हो जा, तेरी बारात आने वाली ही है। फिर मां ने और चाची ने मिलकर मुझे तैयर किया, मैं बहुत ज्यादा, खूबसूरत लग रही थी। दुल्हन के लाल जोड़े में हैवी महारानी स्टाइल लहँगा, बैकलेस चोली, हाथों में कुहनी तक और पैरों में घुटने तक मेहँदी और रेड नेल पोलिश मेरी खूबसूरती में चार चाँद लगा रहीं थी। नाक में सास का दिया हैवी नथिया जो इतना बड़ा था कि मेरे एक तरफ के पुरे चेहरे को ढँक दिया था। मेरे हाथों में सुहाग का चूड़ा, कलीरे और हाथफूल पहनाया गया था और और पैरों में हैवी चाँदी की पायल भी थी। मेरे बूब्स का उभार मेरी चोली के बाहर साफ़ झलक रहा था और हाई हील्स पहनकर इतना हैवी पहनकर चलना और बैलेंस करने काफी मुश्किल था मेरे लिए। चंगेज़ की माँ तो चाहती थी कि हमारी शादी मुस्लिम तौर तरीके से हो लेकिन मेरे चाचा और मेरी माँ ने उनसे कहा कि हिन्दू तौर तरीके से शादी होगी, उसके बाद वे चाहें तो फिर से मुस्लिम तौर तरीके से शादी करवा दें, उन्हें कोई ऐतराज़ नहीं। फिर चंगेज़ की फॅमिली मान गयी और मेरी शादी हिन्दू तौर तरीके से की गयी। थोड़ी देर में मेरे होने वाले पति बारात लेकर मेरे घर आ गए थे, फिर पंडितजी ने मुझे मंडप पर बुलाया। वहां चंगेज़ पहले से ही शेरवानी पहने बैठा था। मैं उसे देखकर शरमा भी रही थी और थोड़ा डर लगा रहा था ये सोच कि पता नहीं आज रात को ये मेरे साथ क्या करने वाला है। पंडित जी मात्र पढ़ रहे थे और मैं ये सोच रही थी कि सुहागरात में मेरे साथ क्या करेगा चंगेज़। मुझे बहुत घबराहट हो रही थी कि चंगेज़ का लंड कितना मोटा और बड़ा होगा, ये सब करुँगी। इधर चंगेज़ ने मुट्ठी से मेरी मांग में सिन्दूर भरा, मेरे गले में सोने का मंगलसूत्र पहनाया और मुझे सबके सामने गोद में उठाकर सात फेरे लिए। मुझे बड़ी शर्मिंदगी हुई और फिर पंडितजी ने हमारी शादी करवा दी। अब मैंने चंगेज़ की पत्नी बन चुकी थी और थोफडी ही देर में विदाई का समय भी आ गया। मेरे कुछ दोस्तों को भी मेरी माँ और चाचा ने शादी में इन्वाइट किया था। मेरे बीकॉम वाले दोस्तों ने जब मुझे दुल्हन की लिबास में देखा तो वे मुझसे ये जानने की कोशिश करने लगे कि मैं मर्द से औरत कैसे बन सोचकर एक मर्द के साथ शादी करने का फैसला कर लिया मैंने। मैंने उनसे कहा कि जो भी हुआ जल्दीबाज़ी में हुआ। फिर मेरे कुछ और दोस्त जब मुझे गिफ्ट देने आये तो उन्होंने मुझसे कहा कि मेरा दूल्हा चंगेज़ तो काफी लम्बा और बॉडीबिल्डर टाइप है, सुहागरात में तो वो पलंगतोड़ सेक्स करेगा मेरे साथ। मैं काफी शर्मिंदा थी, लेकिन अब कुछ नहीं हो सकता था। फिर उनहोने मुझसे कहा कि अमिता तुम लडकी बनकर बहुत सुंदर दिख रही हो, तुम्हारा पति भी आज रात तम्हे जी भरकर प्यार करेगा। भगवन करे कि तुम्हे जल्द से जल्द तुम्हारे जैसी संतान का सुख मिले और फिर वे मुझे गिफ्ट्स देकर वहां से चले गए। फिर विदाई के वक्त मेरी मेरी माँ ने मुझसे कहा, देख अमिता अब चंगेज़ तेरे लिए भगवान के समान है, अब जो है वही है तुम्हारा। अपने पति ससुर की बातों को मानना और अब ससुराल को संभालने की पूरी जिम्मेवारी तेरे हाथों में है, समझी! मैने कहा हाँ माँ, मैं समझ गयी और फिर मैं माँ और चाची से लिपटकर खूब रोई। चाची ने भी मुझे बहुत समझाया कि औरतों को एक ना एक दिन ससुराल जाना पड़ता है और फिर अपने पति की दासी बन कर उसकी सेवा में जीना पड़ता है, सारी उमर! फिर सबके सामने चंगेज़ ने मुझे अपनी गोद में उठा लिया और अपनी कन्वर्टबल मर्सिडीज़ में मुझे बिठा लिया और विदा करवाकर चंगेज़ मुझे अपने घर ले आया। पुरे रास्ते चंगेज़ ने मुझे अपनी बाहों में रखा और चंगेज़ की मजबूत बाहों की कसावट में मैं चुपचाप आंसू बहाती अपने ससुराल पहुंची।
मेरे नए घर में मेरी सास ने मुस्लिम होते हुए रीती रिवाज़ों के हिसाब से मेरा गृहप्रवेश करवाई और मुझे एक सोने का खानदानी जेवर का सेट दिया, जिसमे की सोने का नौलखा हार, कान की डिज़ाइनर बाली, बड़ी और हैवी डिज़ाइनर नोज़रिंग और सोने के कंगन और चुड़ियां थी। ये देख कर मैं बहुत भावुक हो गयी और मैंने झुककर अपनी सास का आशीर्वाद लिया और फिर मुझे एक कमरे में ले जाया गया जहाँ काफी लेडीज़ बैठीं थी। मैंने एक एक करके सबके पैरों को छूकर उनसे सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद लिया और फिर मेरा सबसे परिचय करवा गया। चंगेज़ का एक छोटा भाई था सिकंदर, वो भी कफी लंबा चौडा था और मेरी तरह जैसे घूर रहा था मानो मुझे अभी भी खा जाएगा। उसकी आँखों में साफ़ साफ़ वासना झलक रही थी मेरे लिए, मैं समझ गई थी। और इसीलिए मुस्कुराते हुए सिकंदर से कहा, देवर जी, आज ही पहली बार आई हूं आपके यहाँ, क्या आपी हमारा स्वागत नहीं करेंगे। इसपर सिकंदर बोला, भाभी मैं तो आपकी ऐसी खातिरदारी करना चाहता हूँ कि आप कभी भूल ना सकें मेरी खातिरदारी, पर सही मौके की तलाश है। मैंने कहा कि आपको बहुत जल्द अच्छा सा मौका मिल जाये, मैं यही दुआ करती हूँ। फिर ना जाने क्यों मेरी नज़र सिकंदर की नज़रों में खो सी गयी, ऐसा क्यों हुआ मैं नहीं जानती लेकिन तभी चंगेज़ का एक दोस्त मेरे पास आया और बोला, भाभी शादी मुबारक ! मैं चंगेज़ का दोस्त हैदर अली हूं। हमारे पठान खानदान में आपका तहे दिल से स्वागत है और मेरे लिए घर के नौकरों से कहकर मेरे लिए जूस मांगवा लिया। मैंने जूस पि और कहने लगी, लगता है आप काफी करीबी दोस्त हैं इनके। तब हैदर ने बताया, भाभी! हम बचपन से दोस्त हैं ,साथ में पढाई की, एक स्कूल में पढाई की, फिर एक ही कॉलेज से डिग्री की। और फिर एक साथ ही बिजनेस स्टार्ट किया, हम साथ में ही बिजनेस करते हैं और चंगेज को जितने अच्छे से मैं जनता हूं और कोई नहीं जानता। पर अब तो आप आ गई हो, लगता है, अब हम दोस्तों में दूरियां बढ़ जाएगी। वो तो पहले दिन से आप पर लट्टू है और उसने जबसे आपको देखा है तब से बस आपकी ही खूबसूरती के गुण गाये जा रहा था। लेकिन भाभी, यकीन मानो, आप सच में बहुत खूबसूरत हैं, ऐसा लगता है जन्नत के बहत्तर हूरों में से आप एक हो! अब तो ऐसा लगता है कि हमारी दोस्ती भी खतरे में है आजकल! मैंने कहा, कोई बात नहीं भाईसाब, मैं आ गई हूं ना, मैं आप लोगों की दोस्ती नहीं टूटने दूंगी। बीवी अपनी जगह होती हैं और दोस्त अपनी जगह, दोनों के लिए इंसान के दिल में अहमियत होनी चाहिए भाईसाब। मैंने ये कहकर हैदर से विदा लिया और फिर सासु मां मुझे मेरे कमरे में ले जाकर बैठा दिया। मेरी पूरी जेवेलरीज़ को उतारकर हैवी जेवेलरीज़ पहना दी और घूँघट करके फूलों से सजी बिस्तर के बीचोबीच बिठा दिया। अब मैं सेहमी सिकुड़ी, दोनों हाथों से अपने दोनों पैरों को सिकोड़कर, घूँघट में सिर झुकाये बैठकर अपने पति के आने का इंतजार करने लगी। मुझे बहुत डर लग रहा था, क्या होगा मेरे साथ अभी मैं सोच ही रही थी कि तभी चंगेज़ कमरे में आया और रूम का दरवाजा बंद कर लिया। मेरी तो हार्टबीट ही बढ़ गयी, आँखों में आंसू आ गए। फिर चंगेज़ मेरे पास आकार बैठा गया और कहने लगा की आज उसके लाइफ का सबसे बड़ा दिन है क्यूंकि आज उसने अपनी सपनों की रानी यानि मुझे अपनी दुल्हन बना लिया था। मैं भूल गई थी कि मैं भी कभी एक मर्द थी, अब तो यही मेरा सब कुछ था, जिसे मैंने अपना वर्तमान मान लिया था।
फिर मेरे पति ने मेरे घुंघट को उठाया और मेरे होंठों को चुम लिया। मैं चंगेज़ के चुम्बन से बहोत सहम गई और शर्माने लग गई। फिर चंगेज़ ने मुझसे मेरे ज़ेवर उतरने को मना कर दिया। चंगेज़ ने मुझे अनड्रेस्स होने में मेरी मदद की, मेरे गले में सिर्फ मंगलसूत्र, कलाइयों में सुहाग का चूड़ा और चुड़ियां, नाक में सोने की नथिया और कानों में झुमकी पहनने रखा। पैरों के हैवी चाँदी के पायलों को भी उतारने से मना करके चंगेज़ मेरे करीब आ चुके थे। चंगेज़ की सांसों की गर्माहट मेरे सांसों में घुलने लगी थी और मैं मोम की तरह पिघलने लगी थी। फिर चंगेज़ ने धीरे धीरे मेरे अंग अंग को चूमना शुरू कर दिया और उनके हर एक चुम्बन से मेरे शरीर में एक अज़ाब सी सिहरन होने लगी थी। फिर चंगेज़ ने मुझे अपने बाँहों में भर लिया और अपनी मजबूत बाहों में कसकर से मेरे सारे बदन को फिर से चूमने लगा, जीभ से चाटने लगा। अब मैं गर्म होने लगी थी और मैंने खुद अपनी ब्रा और पैंटी को उतार दी। और चंगेज को मेरी चुत को रगड़ने को कहने लगी। चंगेज़ मेरी चुत को अपने जीभ से चाटने लगा और फिर अपनी ऊँगली से रगड़ने लगा और इससे मैं बहुत ज्यादा एक्साइटेड हो गई। अब मुझे सिर्फ अपने पति का काला लंबा मोटा लंड दिखाई दे रहा था, जिसे देखकर मेरे तो होश ही उड़ गए। चंगेज़ ने अपने पुरे कपडे उतार दिए और वो पूरी तरह न्यूड हो गया। फिर चंगेज़ ने मेरे होंठों में अपना लंड घुसकर अंदर बाहर करने लगे। चॉकलेट कंडोम वाला काला मोटा लंड मैंने बेझिझक अपने मुँह में ले ली और उसे लॉलीपॉप की तरह मैं उसे चूसे जा रही थी। चंगेज़ मेरे बूब्स को दबाये जा रहा था, मुझे बहुत मजा आ रहा था।
फिर उसने मुझे अपनी तरफ खिच लिया और अपने लंड से कंडोम निकालकर फेंक दिया और एक झटके से मेरी चुत में अपना 8 इंच लंबा और 2 इंच मोटा लंड मेरी चुत में में घुसा दिया। मेरी तो जान ही निकल गई, मेरी वजाइना में फिट नहीं हो रहा था और मुझे अच्छा लगा लगा था। फिर उसे करीब 45 मिनट तक मुझे काफ़ी जोर जोर से चोदा। दो बार ओर्गास्म होने के बाद मुझे ऐसा लग रहा था मानों इस फीलिंग को मैं कहीं समेट कर रख लूँ, मैं एक दम निहाल हो गई थी। चंगेज़ रुका नहीं और रात भर मुझे रुकरुक कर चोदता रहा और करीब चार बार मेरे वजाइना के अंदर अपना स्पर्म डिस्चार्ज किया। आज रात तो लग रहा था कि वो मुझे आज ही प्रेग्नेंट ना कर दे और फिर लास्ट राउंड में उन्होंने मेरे मुँह में बिना कंडोम ही अपना लंड घुसाया और मेरे मुँह में स्पेर्म्स का हैवी लोड डिस्चार्ज करके मुझे पीने को मजबूर किया। मैंने चंगेज़ के सारे वीर्य को पे लिया और चाट कर उसके लंड को भी साफ कर दिया। फिर चंगेज़ ने मुझे अपनी बाहों में समेट लिया और अपना 8 इंच लंबा और 2 इंच मोटा लंड मेरी चुत में डालकर अगले 1 घंटा और चोदा और हम तक ऐसे ही लेटे रहे और फिर आधे घंटे बाद उन्होंने मुझे दोबारा चोदना चालू किया जो इस बार से और ज़ोरो से किय। चंगेज़ मुझे चोदे जा रहा था, मैं भी ऊह आह की आवाज बड़ी तेजी से निकाल रही थी और हार्डकोर सेक्स का मजा ले रही थी। मैंने चंगेज़ से कहा, कम मेरी नथिया तो उतार दो फिर उन्होंने मेरे नाक से नथिया को उतार दिया। मुझे बहुत रिलैक्स फील हुआ और अपने पति की बाहों में सुकून की नींद सो गयी।
फिर सुबह हुई तो मैं जल्दी से उठी और नहाने चली गयी। नहाकर जब मैं वापिस आई तो मैंने सिर्फ तौलिया लपेटा हुआ था और फिर मैंने देखा कि मेरे पति परमेश्वर चंगेज, जो अभी तक तो रहे थे। उसके पास आकर, अपने भीगे बालो से ऊपर पानी छिड़कने लगी, तभी चंगेज़ की आंख खुल गई और उसे मुझे अपनी बाहों में खिंच लिया और अपने मजबूत बाहों में कस लिया। फिर उन्होंने मेरे बड़ा से तौलिया निकाल दिया और मैं बिलकुल नंगी हो गयी। फिर उन्होंने मेरे होंठों पर काफी देर तक स्मूच करते रहे और मेरे होंठों पर काट लिया, मेरे होंठ से जब हल्का सा खून निकला तो वो उसे भी चूस गए। मेरी आँखों में आंसू आ गए और मैंने उनकी तरफ देखा तो वो पूछने लगे कि रात कैसी रही? मैंने शर्माते हुए कहा, सुनिए, रात तो बहुत अच्छी थी, मुझे तो डर है कि कहीं मैं प्रेग्नेंट ना हो जाऊँ। वैसे मुझे ऐसी रात हर रोज़ चाहिए लेकिन आप रुकते नहीं हैं। पता है कितना वीकनेस फील कर रही हूँ मैं और आज ससुराल में मेरा पहला दिन है, कितने काम हैं। अब छोड़िये मुझे जाने दीजिये, तैयार भी होना है। और फिर मैं मुस्कुरा दी। चंगेज़ नहीं माने और उन्होंने मेरे स्तनों को दबाने लगे और होंठ से मेरे निप्पल्स को चूसने लगे। मैं अपने आप एक्साइटेड होने लगी और उन्होंने मेरे साथ एक राउंड हार्डकोर सेक्स किया, और मुझे बिस्तर पर पटककर खुद वाशरूम चले गए। मुझे बहुत वीकनेस हो रहा था, आँखों के आगे अँधेरा छाने लगा था, मैंने सोचा कुछ रेर रेस्ट कर लूँ। अभी तो मैंने आँख बंद की हुई थी कि चंगेज़ नहाकर कमरे में आ गए। वो कमरे में आये और मुझेएक बार फिर से अपनी बाहों में भर लिया और मेरे साथ रोमांस करने लगे। मैं शरमा गई और उनसे कहा, आपने क्या मुझे कोई मशीन समझ रखा है कि जब मर्जी चालू कर देते हो। चंगेज़ हसने लगे और उन्होंने कहा, हां मेरे लिए तो तुम एक मशीन ही हो, जिससे मैं बहुत प्यार करता हूं, और इसे कोई भी हाथ लगाएगा तो मैं उसे जान भी ले लूंगा। और फिर से उसे मुझे अपनी बाहों में भर लिए और मुझे चूमने लगे। फिर मैं धीरे से प्यार से कहा, सुनिए ना, अब मुझे छोड दो। सुबह हो गयी है, मुझे तैयार भी होना है और मां जी के पास जाना और काम पर लगना है। फिर रात को मैं सारी की सारी आपकी ही हूं ना। फिर उन्होंने कहा, अमिता, ये दिल है की मानता नहीं, पर हम 5 मिनट का एक फ्रेंच किस और फिर मैं तैयार होकर मेरी सास के कहे अनुसार सभी जेवर, नाक में साने वाली बड़ी सी नथ, कानो में झुमके .. गले में हार और कमर में कमरबंद, और एक अच्छी सी बनारसी सिल्क साड़ी और मैचिंग बैकलेस ब्लाउज पहनकर तैयार हुई। इन्होने मेरे मांग में सिंदूर भर दिया और गले मंगलसूत्र पहनाया और फिर मैं अपनी सास के पास किचन में गई। तब तक 9 बज गए थे, फिर मेरी सास ने गुस्से में कहा, ये कोन सा समय है किचन में आने का? कल से और सुबह जागना नहीं तो सजा मिलेगी। तुम अब एक नवाब खानदान की बहू हो और ये क्या तुमने घूंघट भी नहीं किया अभी तक, चलो घूँघट करो और अब से घूंघट में ही रहना है। मैं डर कर रोने लगी और फिर अपनी सास से माफ़ी मांगी। फिर सास ने मेरे आँसू पोछे और फिर मैंने उनसे कहा कि किचन का काम समझा दो और आप रेस्ट करो।
फिर मेरी सास ने मुझे किचन के सारे काम अच्छा समझा दिया। मैं अच्छे से घर का सारा काम करने लगी फिर ससुमा कहने लगी, बहू तेरे आने से घर की खुशियां वापिस आ गई है। मुझे सारे घर के काम समझाने लगी, जैसे की घर पर नाश्ता कितने बजे बनता है, लंच कब तक बनता है और शाम को चाय नास्ते में क्या होता है और रात को डिनर में खाना कब लगता है। और फिर किचन में साफ सफाई के बारे में बताने लगी। मैंने कहा माँ जी, आप आराम कीजिये, अब मुझे सब मालूम है। अब मैं आ गई हूं ना, मैं सब संभाल लूंगी। फिर घर का सारा काम ख़त्म किया। मेरी सास ससुर, देवर और मेरे पति चंगेज़ ने मेरे हाथों से बने स्वादिष्ट व्यंजनों की खूब तारीफ की।
फिर दिन गुजरे लगे इतनी हैवी डिज़ाइनर सिल्क साड़ी पहने रखना, नाक में हमेशा नथिया पहनती जो हमेशा मेरे होंठों से टकराकर मुझे एहसास दिलाती कि अब मैं एक औरत हूँ लेकिन कभी कभी ये भी सोचने बैठ जाती कि काश मैं औरत ना बनी होती और अगर मैंने अपनी फीलिंग को कण्ट्रोल किया होता तो आज मैं भी एक मर्द होती और सीना तानकर अपने घर में किसी लड़की को ब्याहकर लाती। लेकिन मेरे सोचने से अब कुछ भी नहीं बदलने वाला था, मुझे एक मर्द ब्याहकर अपने घर की बहु बना चूका था और मैं अब उसकी दासी थी। मेरे नाक से नथिया सिर्फ मेरे पति चंगेज़ ही उतारते और अब तो आदत सी हो गई। कभी कभी दुख भी होता था, लेकिन अपने इमोशंस को कण्ट्रोल करके मैं अपने पति की सेवा में दिनरात लगी रहती। कभी कभी देर से उठती तो मेरी सास मुझे अलग कमरे में लेजा कर डंडे से बहुत मारती और मैं घर के एक कोने में बैठकर बहुत रोती। लेकिन इस बारे में मैंने कभी अपने माँ या चाची या चाचा को कुछ भी नहीं बताई, उन्हें बहुत दुःख भी होता और मैं उन्हें दुखी नहीं देखना चाहती थी। फिर एक साल गुजर गया, पिछले एक साल में मैं दो बार प्रेग्नेंट हुई लेकिन चंगेज़ मुझे गर्भनिरोधक गोली खिला देते और कहते कि अभी हमे बच्चा नहीं चाहिए। जब जब मैं गर्भनिरोधक गोली खाती, मेरी पीरियड्स का टाइम आगे पीछे हो जाता।
एक दिन मेरे माँ, चाची और विक्की मुझसे मिलने आए। मैं किचन का काम निपटाकर अपने कमरे में आराम कर रही थी। फिर मेरी सास ने मुझे नीचे बुलाया, मैं नीचे आई तो देखा माँ, चाची और विक्की मुझसे मिलने आए हैं। अपनी माँ, चाची और विक्की को देखकर मैं बहुत ईमोशनल हो गई, होऊ भी क्यूँ ना, शादी के पूरे एक साल बाद मेरी माँ, चाची और विक्की से मिलन का मौका मिला था। फिर मैं माँ और चाची से लिपटकर बहुत रोई। काफ़ी देर तक मैं चाची और माँ से लिपट कर रोई फिर उन्होंने मुझे। फ़िर विक्की मुझे छेड़ने लगा, बोल जिजू कहाँ हैं? मैंने कहा वो ऑफिस गए हैं। फ़िर विक्की बोला, ये नथिया तुम हमेशा नाक मे पहनती हो? फिर मैंने कहा, हाँ विक्की, ये नथिया, ये झुमके, ये पायल, अब ये सारे जेवर मुझे जीवन भर पहनने है, इस घराने की परंपरा है। फिर विक्की बोला, खुशखबरी कब सुना रही हो अमिता। विक्की के इस सवाल का जवाब देती उससे पहले ही मेरी माँ ने मुझसे कहा कि अब देर नहीं करनी चाहिए और हमे जल्द से जल्द नाती नतिनी का सुख दिला दे। फिर विक्की बोला कि उसे भी मामा बनना है और तभी मेरी सास वहाँ आ गई और बोली, हाँ बहु, हमे भी पोते पोतियों का सुख दे दे अब इंतज़ार नहीं होता, मुझे तो इसी साल पोता चाहिए। सभी की बातें सुनकर मैं शरमाने लगी और मैंने सिर झुका लिया। फिर माँ ने भी मुझे कुछ जेवर दिए जिसमे बड़ा सा जोधा स्टाइल नथिया था और सोने के कंगन थे और झुमके भी दिए जो काफी बड़े बड़े थे और उन जेवर को देखकर मेरी सास ने मुझसे कहा, इन्हे पहनकर दिखाओ जरा! फिर मैंने वो नथिया अपने नाक मे पहन ली और कानों मे झुमके पहन लिए जो मेरे कंधों को छू रहा था। मेरी कलाई मे वो सोने का कांग बहुत ही सुंदर दिख रहा था। जब मैंने घूँघट कर ली तो मेरी सास और मां दोनो ने एक साथ कहा, कितनी सुंदर लग रही है मेरी बेटी! ये सुन कर मुझे काफ़ी अच्छा लगा, फिर सास बोली, लाल सिल्क सारी भी पहन ले, फिर मैं साड़ी चेंज कर के सबके सामने आई तो सभी मेरी खूबसूरती की तारीफ कर रहे थे। तबी चंगेज़ और उनका दोस्त हैदर अली आ गया। उन्होंने मेरी मां को सलामवालेकुम किया और मुझे मेरे कानो कहा, क्या लग रही हो मेरी जान, एकदम अप्सरा जैसी। फिर वो रूम मे चले गए, लेकिन उनका दोस्त हैदर मझे घुरे जा रहा था, ऐसा लग रहा था जैसा मैंने अभी खा जाएगा। मेरे बूब्स का उभार भी लाल साड़ी में साफ झलक रहा था। मुझे अच्छा नहीं लग रहा था तो मैंने अपनी मां, चाची और विक्की से विदा लिया और अपने कामरे में चली गई। जैसे ही मैं कमरे मे आई, चंगेज़ ने मुझे देखते ही अपने मजबूत बाहों में जकड़ लिया और मझे बिस्तर पर लिटा कर मेरे साथ रोमांस करने लगे। मैंने उनसे कहा लेकिन वो नही माने और अगले 15 मिनट तक मेरे होंठों को चूसते रहे, जैसे मेरा होंठ ना हो, कोई आम हो। फिर मैंने चंगेज़ से कहा, मझे बेबी चाहिए तो मेरे कहा, मैं तो तुम्हारे मुह से बस यही सुनना चाहता था, अब मुझे भी एक बेबी चाहिए जो तुम्हारे जैसा सुंदर सा हो!
फिर क्या था, अब हर रोज चंगेज के दफ्तर से घर आते तो मैं उन्हे खाना पड़ोसती और रात के खाने के बाद जब मैं कमरे में जाती तो वो मुझे बाहों में उठाकर बहुत प्यार करते, जब तक मैं मेरे साथ हार्ड्कोर सेक्स नहीं कर लेते और मैं बेहोश नहीं हो जाती वो मुझे चोदते रहते। अब हर सुबह जब मैं उठती तो मैं अपनी योनि से उसका लंड निकालने के लिए कहती, तब वो एक राउन्ड हार्डकोर सेक्स करते और उसके बाद मैं उनके लंड को लॉलीपॉप की तरह चुस्ती और ब्लोजॉब का आनंद लेती। १ साल और बीत गया, उस दिन मेरा जन्मदिन था, इसलिए वह घर जल्दी आ गए और एक बड़ा केक भी लाए। मैंने पूछा जन्मदिन का तोहफा कहाँ है, फिर वो मुझे एक नारंगी रंग की ट्रैन्स्पैरन्ट साड़ी और गहनों का एक सेट दिया। इसमें काफी बड़ी और डिजाइनर हिमाचली शैली की नथिया भी थी और बाकी में सोने के आभूषण थे। फिर उन्होंने मेरे होठों पर किस किया।
अगले दिन अचानक मुझे उल्टियां होने लगीं, लेकिन मैंने किसी को नहीं बताया, उलटी बात। फिर मैंने विक्की को घर बुलाया और डॉक्टर के पास आया, डॉक्टर ने मेरा चेकअप किया और कहा कि तुम प्रेग्नेंट हो। मैं खुशी से रोने लगा तो डॉक्टर ने कहा, तुम वही अमित हो, जिसका इलाज 2 साल पहले सेक्स चेंज सर्जरी के लिए हुआ था। मैंने कहा हां, तो उन्होंने कहा कि अगर तुम लड़के होते तो यह सब नहीं होता, लेकिन लड़की बनने के बाद तुम्हारी शादी भी हो गई। मैं हाँ अब मैं शादीशुदा हूँ। फिर डॉक्टर बोले, और तुम दिन भर में इतने गहने पहनती हो, क्या तुम घर से बाहर इतनी सजावट के साथ आती हो? मैंने कहा हाँ, घर हो या बाहर, ससुराल हो या मायके, मुझे ऐसे ही सजधज कर निकलना पड़ता है । फिर उन्होंने बताया कि अल्ट्रासाउंड के रिपोर्ट के अनुसार, तम्हारे कोख में 1 महीने की बेटी है, तुम बेटी चाहती हो या अबॉर्शन करवाना चाहती हो। फिर मुझे रोना आ गया, मैंने कहा कि मैं अपनी बेटी को जन्म देना चाहती हूँ! विक्की ने मुझे चुप कराया और डॉक्टर ने कहा, देखो बेटी अब तुम माँ बनने वाली हो, तो ज्यादा तनाव मत लो और घर जाकर भारी काम मत करना। तुम अब लड़का नहीं हो, अब एक औरत हो और किसी की बीवी और किसी की बहू भी हो और माँ बनने से पहले अपने हेल्थ का पूरा ख्याल रखना बहुत जरुरी होता है। अब घर जाओ और आराम करो। डॉक्टर ने उन दवाओं का प्रिस्क्रीप्शन दिया और कहा, लापरवाही बिलकुल भी मत करना और फिर विक्की मुझे मेरे घर छोड़ गया। रस्ते में विक्की मुझसे बोला, तुम्हे तो मुझे थैंक कहना चाहिए अमिता, अगर मैं तुम्हे फीमेल होर्मोनेस की हैवी डोज़ नहीं देता और सही समय पर तुम्हे औरत नहीं बनवाया होता तो आज तुम माँ बनने की ख़ुशी से अनजान रह जाती और एक क्रॉसड्रेस्सेर की तरह बड़ी चाची के साथ बुटीक में काम कर रही होती। विक्की की बात बिलकुल सही थी और फिर मैंने उसे थैंक कहा और वो मुझे मेरे ससुराल ड्राप करने आ गया। मेरी सास अपनी बहन के घर गई थी तो घर में कोई नहीं था, मैंने विक्की को घर पर रोक लिया। थोड़ी देर बाद हैदर अली घर आया। मैंने हैदर को कहा, वो तो घर पर नहीं हैं और माँ जी भी नहीं हैं। इसपर हैदर ने कहा, हाँ भाभी मुझे पता है, आप बीएस ये बैग रख लो और जब चंगेज़ घर आये तो उसे ये बैग दे देना। फिर मैंने विक्की को हैदर से मिलवाया और दोनों आपस में बातें करने लगे। मैं उन्दोनो के लिए नाश्ता लेकर आयी और थोड़ी देर बाद हैदर जाने लगा। मैंने हैदर से कहा कि थोड़ी देर बाद चले जाना तो उसने काम का बहाना बनाकर वहां से चला गया और जाते जाते मुझसे कहा, भाभी आपका भाई इतना क्यूट है, आपकी कोई और बहन नहीं है क्या? मैंने हैदर से कहा, बहन तो नहीं है हैदर लेकिन मेरा भाई सच में बहुत क्यूट है। फिर हैदर बोला, हाँ भाभी, काश आपका भाई ना होकर बहन होती तो मैं इससे अभी निकाह कर लेता। मैं हैदर की बात सुनकर हंसने लगी और फिर हैदर वहां से चला गया। विक्की वाशरूम में था तो उसने सुना भी नहीं कि हैदर ने उसके लिए क्या कहा।
फिर शाम को चंगेज़ घर आये, खाना खाने के बाद मैंने उन्हें वो बैग पकड़ा दी। उस बैग को चंगेज़ ने बहुत ही संभालकर रख दिया और फिर मेरे पास आ गए। डिनर के बाद जब रात को वो कमरे में आये तब मैंने उन्हें शरमाते हुए कहा, मैं आपके बच्चे की मां बनने वाली हूं। ये सुनकर चंगेज़ बहुत खुश हो गए और उन्होंने मुझे अपनी बाहों में ऊपर की और उठाकर ख़ुशी से झूमने लगे। फिर मैंने चंगेज़ से कहा कि डॉक्टर ने सेक्स करने के लिए मना किया है तो वो बोले कि छह महीनो तक सेक्स तो कर ही सकते हैं, सातवें महीने से सेक्स नहीं करूँगा। मैंने उनसे कहा कि एक बार कंसल्ट कर लीजिये डॉक्टर से, फिर वो मान गए और फिर उन्होंने मुझसे पूछा, लडका है ना! तो मैने कहा कि लड़की है। फिर वो बोले, तुम अबॉर्शन करवा लो, मुझे पहले लडका चाहिए। मैंने चंगेज़ को प्यार से समझाया कि हम नेक्स्ट टाइम फिर ट्राई कर लेंगे। अब जो उस खुदा ने दिया है हमारे लिए अपना लो। फिर वो मेरी बात मान गए। फिर मेरी सास घर आई तो उन्होंने भी मुझे अबॉर्शन के लिए फोर्स किया, लेकिन मैंने और चंगेज़ ने मिलकर उन्हे समझा लिया। अब मैं बहुत खुश थी और चंगेज़ भी।
2 महीन गुजर गए, फिर मेरे घर वाले और मेरे दोस्त मुझसे मिलने आए। तो मेरी चाची ने मुझे समझाया और बोली, देख बेटी लड़कियों का जीवन ऐसा ही होता है, कष्ट तो जीवन भर रहेंगे, बस हिम्मत मत हरना कभी। तू अगर औरत न बनती तो आज हमारे पोते पोतियों को तुम्हारी बीवी जन्म देती और ये विक्की ना जाने कब शादी करेगा। तू अब औरत बन गई और खुद ही बच्चों को जन्म भी देने वाली है, अपना ख्याल रखा कर। अब तू लड़का नहीं है जो कड़ी मेहनत खुद से कर सके। अब तू एक औरत है, और काफ़ी कमज़ोर भी लग रही है। मैंने उनसे कहा, ऐसे ही ! फिर मेरे दोस्तों को बुलाया, उन्हे देखकर मझे शर्म सी आ रही थी। मेरे दोस्तो ने अच्छी अच्छी लड़कियों से शादी की और इधर मैं औरत बनकर एक मर्द से शादी की और दुल्हन बन कर इस घर में आ गयी। मेरे सब दोस्त जान गए थे कि मैं गर्भवती हूँ और सबने मुझे गुड विशेष भी दिए। एक ने कहा, काश अमिता तुम भी लड़के ही रहते तो हम सब खूब एन्जॉय करते, लेकिन अब तुम एक औरत हो और तुम्हारा पति तो बॉडीबिल्डर भी है। और यहाँ तुम अपने ससुराल में दिन भर घुंघट में रहती हो, नाक म नथिया डाले रहती हो, नवाब खानदान की बहु बन गयी हो। दूसरा बोला, हां अमिता, क्या हस्बैंड मिला है तुम्हे, एकदम जॉन अब्राहम टाइप बॉडीबिल्डर और तुम्हे गर्भवस्था में देखकर यकीन हो गया है कि भविष्य का कुछ नहीं कहा जा सकता है। फिर सभी मुझे गुड विशेज देकर वहाँ से चले गए।
दो महीने बाद एक दिन मैंने विक्की को बुलाया और बोला डॉक्टर के साथ अपॉइंटमेंट है। फिर विक्की मझे डॉक्टर के पास ले गया। डॉक्टर ने मेरी जांच की फिर बोले, बेबी की हेल्थ अच्छी और तुम्हारी हेल्थ भी। फिर डॉक्टर मुझसे अकेले में ले गई, फिर मुझसे पूछा, तुम पहले लड़के थे और अब औरत हो, मां भी बनने वाली हो। क्या तुम्हारे पति को पता है कि तुम पहले एक लडके थे और बाद में लड़की बने। मैने कहा नहीं, उन्हे नहीं पता। फिर उन्होंने मुझसे पूछा, मान लो कि तुम्हारे पति को इस बारे मे कभी पता चल गया तो फिर तुम क्या करोगी? मैंने कहा, ऐसे मत कहो, आप डॉक्टर हो, मुझे क्यूँ डरा रहीं हो? डॉक्टर बोली, इस बात का ख्याल रखना कि तुम्हारे पट्टी को तुम्हारे अतीत के बारे मे कुछ भी मालूम ना चले। मर्दों मे ईगो कुछ ज्यादा ही होता है। फिर डॉक्टर ने मुझे समझाते हुए बोली, बेबी के जन्म होने के बाद अपने फिगर को मैंटेन रखना नहीं तो बूब्स मे ढीलापन और वजाइन काफी ढीले हो जाएगी। तुम्हारा फिगर खराब ना हो इसके लिए मैं कुछ योग टिप्स दे रही हूँ। इससे तुम्हारा शरीर वेल मैन्टैन रहेगा। मैं डॉक्टर कि बातें सुनकर काफी ईमोशनल हो गई। फ़िर मैं विक्की के साथ घर आ गई। 6 महीने बाद मेरी डिलीवरी की तारीख आ गई। अपनी बेटी को जन्म देते हुए काफ़ी दर्द हुआ, आठ दस घंटे लेबर पैन रहा और फिर भी मैंने अपनी बेटी को जन्म दिया। सभी बहुत खुश थे, चंगेज़ भी बहुत खुश हुए और मेरी सास ने कहा कि घर मे पहली बेटी हुई है तो आज से इस्का नाम लक्ष्मी होगा। जब बेटा होगा तो उसका नाम मुस्लिम के अनुसार रख लेंगे। मेरे घरवालों ने पूरे अस्पताल में मिठाई बँटवाए और डॉक्टर ने अगले छह कम्प्लीट महिने बेड रेस्ट को कहा। चंगेज़ को सेक्स के लिए बिलकुल मना कर दिया और फिर हम सब घर आ गए। मैने अपनी बेटी को जब पहली बार अपना दूध पिलाया, बहुत अच्छा लग रहा था माँ बनकर। मैंने कभी सोचा नहीं था कि मैं लड़के से लड़की बनूँगी, फिर औरत से किसी की बीवी और किसी के घर की बहू बनूंगी। और अब मां बनने के बाद सब कुछ अच्छा लगने लगा था। अगले सात दिन तक घर में त्योहार सा महल था। मेरी चाची भी यही आ गई थी अब मेरा ख्याल रखने के लिए और विक्की भी मामा बन गया था। अब विक्की दिन भर मेरी बेटी को गोदी में ले कर सबको बताता रहता, देखो मेरी भांजी।
पहले 6 महीने गुजर गए, योग और दवाएं की वजह से मेरे फिगर पर कोई फरक नहीं पड़ा, अब मैंने फिर से घर के काम करना शुरू कर दिया था। फिर एक दिन मैंने मेरी सास से कहा कि ये जेवर, नथिया और झुमके काफी भारी हैं, क्या मैं इन्हे उतार दूँ! अब तो ढाई साल हो गए हैं माँ जी। फिर उन्होंने मुझे देखा और एक कमरे में ले गईं और कहा, ये गहने तुझे मरते दम तक पहनना है। तेरे नाक में इससे भी बड़ी बड़ी नथिया पहनाई जानी बाकी है, तेरे कानो में झुमके, गले में हार और कमरबंद हमेशा पहने रख, समझी तू । तू इस घर की बहु है, मेरे बेटे की दुल्हन है, साज धज कर रहा कर और तू दुल्हन है घर की। फिर कभी ये सवाल किया तो जोर का थप्पर पड़ेगा, समझी तू?अब जा किचन मे और खाना तैयार करो सबके लिए। मैं रोते रोते किचन में गई और सब के लिए खाना पका दी। फिर रात को चंगेज़ आ गए तब हम सब ने एक साथ डिनर किया और बेटी को माँ जी के पास सुला कर कमरे मे आ गई। फिर उन्होंने मुझसे कहा, दस महिनो से हमने सेक्स नहीं किया, फिर मेने कहा अब कर लो आप। बस फिर क्या था, पूरी रात उन्होन मुझे जी भर कर चोदा, कभी घोड़ी बनाकर तो कभी बाहों मे उठाकर, कभी खड़े खड़े तो कभी बिस्तर पर औंधे मुह लिटाकर। दस महीने बाद लगातार चार बार ऑर्गैज़म के बाद मेरे शरीर का ताकत खत्म हो गया और मेरे अंदर इतना भी हिम्मत नहीं बचा कि मैं टॉइलेट के लिए भी उठकर खड़ी हो सकूँ। अगली सुबह नींद देर से खुली तो मेरी सास गुस्से मे तमतमाई मुझे एक कमरे मे ले जाकर मुझे बहुत मारी और मुझे किचन मे खाना पकाने के लिए भेज दी। रोते रोते मैं किचन मे गई, सबके लिए खाना बनाई और सोचती रही कि कक्ष मैं लड़का से लड़की नहीं बनी होती, ना लड़की से औरत बनना पड़ता और ना ही ये दिन देखना पड़ता। मेरी सास मुझे टीवी नहीं देखने देती, मुझे अखबार नहीं पढ़ने देती, दिन रात घूँघट मे रखती और दिन रात ताने देती। औरत बनने के बाद चंगेज़ की पत्नी बनने का फैसला सही था या गलत ये तो मैं नहीं जानती लेकिन इतना जरूर जानती हूँ कि अगर विकी ने मुझे फीमैल हॉर्मोन्स के हेवी डोज़ ना दिया होता तो ना मैं लड़की बनती और ना चंगेज़ से मेरी शादी होती। आज मैं अपना दर्द किसी से शेयर नहीं कर सकती, मेरी सास की मार पिटाई, उनके ताने और उनके लेक्चर, मेरे पास अब आँसू बहाने के सिवा दूसरा कोई रास्ता नहीं बचा था।
लेकिन मेरी इस लाइफ और मेरे दर्द का सिर्फ और सिर्फ एक ही कारण है, वो है विकी, मेरा भाई, जिसकी नासमझी ने मुझे भी नासमझ बना दिया और मुझे आज ये दिन देखना पड़ रहा था। एक दिन करिश्मा मुझसे मिलने आई, शायद विक्की से उसका झगड़ा हुआ था। मैंने जब करिश्मा से पूछा तो वो बोली कि विकी अब उसके साथ हम लड़ता झगड़ता रहता है, टाइम बिल्कुल भी नहीं देता है और उसे काफी इग्नोर भी करता है और बोलते बोलते रोने लगी। मैंने करिश्मा को चुप कराया तो वो बोली, दीदी आप कितनी अच्छी हो, विकी ने आपके साथ कितना गलत किया। मेरे समझ मे नहीं आया तो मैंने करिश्मा से कहा कि विकी ने मेरे साथ क्या गलत किया है तो करिश्मा बोली, दीदी आप नहीं जानती, आप लड़के से लड़की बन गईं वो भी इतने स्मूथली, और इन सब के लिए आपको तैयार किया गया, ये सब क्यूँ हुआ, आपको इसका कोई अंदाजा भी है? पहले तो मुझे लगा कि विकी से लड़ाई की वजह से करिश्मा ऐसे बोल रही है लेकिन अब करिश्मा की बातें सुनकर मैं काफी कन्फ्यूज़ हो रही थी। मैंने करिश्मा से सब सच सच बताने को कहा तो करिश्मा बोली, दीदी आप नहीं जानती, आपको लड़का से लड़की बनाने का प्लान सिर्फ अकेले विकी का नहीं था बल्कि चाचा चाची का भी था। आपके सेक्स चेंज के तुरंत बाद आपकी शादी भी इसीलिए कारवाई गई ताकि विकी पूरी प्रॉपर्टी का एकलौता मालिक बन सके। दीदी आपकी माँ के ऊपर जो दस लाख का कर्ज था, वो कर्ज आपके पति चंगेज़ ने आपसे शादी करने के लालच मे चुकाया। दीदी सही मायनों मे कहूँ तो आपकी शादी नहीं हुई है, आपको बेच दिया गया है। वरना बताओ, आपके लिए पठन खानदान मे शादी की इतनी भी क्या जल्दी थी और हिन्दू परिवार मे आपकी शादी नहीं हो सकती थी क्या? करिश्मा की बातें सुनकर मुझे बहुत दुख हुआ, मैं तो सिर्फ एक क्रॉसड्रेसर थी, लेकिन मेरी क्रॉसड्रेसिंग को ढाल बनाकर विकी, चाची और चाचा ने मिलकर मुझे लड़के से लड़की बनवा दिया। मैंने करिश्मा से कहा, अब जो हुआ सो हुआ, भूल जाओ इन बातों को! मैं विकी को समझाऊँगी कि तुमसे प्यार से पेश आया करे और फिर मैंने करिश्मा को नाश्ता करवाया। अभी करिश्मा नाश्ता कर ही रही थी कि वहाँ हैदर अली आ गया और मुझसे बोल, भाभी, मैं भी नाश्ता करूंगा, मेरे लिए भी नाश्ता लगा दो, और वो करिश्मा के बगल मे बैठ गया। मैंने हैदर को नाश्ता सर्व किया और करिश्मा मुझसे बोली, मैं चलती हूँ दीदी, आप अपना और जिजू का ख्याल रखना, बाय! करिश्मा के जाने के बाद हैदर को नाश्ता कारवाई और फिर वो मुझे पैसों से भरा बैग देकर कहा, भाभी, चंगेज़ आए तो उसे ये बैग दे देना, मैं कल मिल लूँगा उससे!
जबतक करिश्मा घर मे थी, हैदर की नजर, एक पल के लिए भी उसके ऊपर से नहीं हटी। मुझे बहुत गुस्सा आया लेकिन इनके दोस्त होने की वजह से मुझे चुप रहना पड़ा। इधर हैदर और करिश्मा के जाने के बाद मैं कमरे मे बैठकर सोचने लगी कि क्या करिश्मा सच कह रही थी। घर मे मुझे कभी क्रॉसड्रेसिंग करने से नहीं रोका गया, जब विकी पहली बार मेरे लिए फीमैल हॉर्मोन्स की टैबलेट ले कर आया, तब भी किसी ने उसे नहीं रोका। मेरे क्रॉसड्रेसिंग करने से लेकर सेक्स चेंज तक के बीच किसी ने भी घर मुझे ऐसा करने से क्यूँ नहीं रोका। अब मुझे यकीन हो रहा था कि करिश्मा सच कह रही थी और विकी के ऊपर तो वैसे ही मुझे इतना गुस्सा आ रहा था और अब करिश्मा ने आग मे घी डालने का काम भी कर ही दिया था। रात को जब चंगेज़ घर आए तो बड़े खुश थे, ऑफिस मे एक डील मे उन्हें लाखों का फायदा हुआ था और वो बहुत खुश थे तो मैंने उनसे ज्यादा कुछ पूछना सही नहीं समझी। इनको खाना खिलाने के बाद जब हम बिस्तर पर साथ आए तो मैंने इनसे एक सवाल पूछा। मेरा सवाल बस इतना ही था कि मेरे साथ शादी करने के एवज मे क्या दस लाख रुपये इन्होंने माँ को दिए थे। पहले तो चंगेज़ हिचकिचाए लेकिन फिर इन्होंने कहा कि ये मुझे पहली नजर मे ही दिल दे बैठे थे और किसी भी कीमत मे ये मुझे हासिल करना चाहते थे, इसीलिए इन्होंने मेरी माँ का कर्ज का दस लाख रुपया शादी से पहले मेरी माँ को दिया। मेरी माँ का कर्ज उतारने के बाद मेरे साथ शादी करना और हमारी बिटिया के जन्म तक इन्होंने ये बात मुझसे छिपाई इसके लिए मैंने इनसे गुस्सा होने का नाटक किया लेकिन जब इन्होंने मुझे मनाया तो मैं मान गई और हमदोनों ने रात भर सेक्स किया। अगली सुबह मैंने इनसे कहा कि मुझे घरवालों की बहुत याद आ रही है और मैं कुछ दिनों के लिए घर जाना चाहती हूँ। फिर ये तो मान गए लेकिन इन्होंने मुझे कहा, तुम अम्मी से भी पर्मिशन ले लेना अमिता, अगर वो हाँ कहे तो तुम अपने घर चली जाना। मैंने इनसे कहा, आप ही अम्मी से पूछ लो और उन्हे राजी कर लो लेकिन ये नहीं माने और मुझसे बोले कि अम्मी से तो मुझे ही बात करनी पड़ेगी। जब मैं अम्मी से इस बारे मे बात करने गई तो अम्मी बोली, महारानी जी तो मायके जाना है और यहाँ का काम कौन करेगा? कोई जरूरत नहीं है अभी मायके जाने का, और मायके की ज्यादा याद आए तो उन्हे यहीं बुला ले। अम्मी से मैंने कुछ भी नहीं कहा लेकिन मुझे अम्मी का ये व्यवहार बहुत बुरा लगा। मैं रोते हुए किचन मे गई और खाना पकाकर अपने कमरे मे जाकर अपने ऊपर कि पाबंदियों के बारे मे सोचने लगी। जब मैं लड़का थी तो कितनी अच्छी लाइफ थी मेरी, कुछ भी करने को आजाद थी मैं, लेकिन अब तो कुछ भी करने से पहले अपने पति से पर्मिशन लो और फिर सास से पर्मिशन लो। दिन भर गहने मे लदी रहूँ और बिना सास या पति के पर्मिशन के टीवी भी नहीं देख सकती नया ही न्यूज़ पेपर पढ़ सकती हूँ।
कुछ दिनों बाद मेरी माँ और चाची मेरे घर आए तो उनसे मिलकर मैं बहुत रोई। शादी से पहले लड़कियों की लाइफ कितनी अच्छी होती है और मैं तो फिर भी लड़का थी। फिर मैंने माँ से कहा, माँ मैं कुछ दिनों के लिए आपके साथ रहना चाहती हूँ। इसपर चाची बोली, हम तो तुझे लेने ही आए हैं, विकी की सगाई होने वाली है करिश्मा के साथ, तुम और दामाद जी कुछ दिनों के लिए घर चलो, पूरा परिवार साथ होगा तो सगाई को हम सब इन्जॉय करेंगे। मैंने कहा, चाची लेकिन मेरी सास मुझे जाने देंगी? इसपर मेरी चाची बोली, उन्हे दामाद जी समझा लेंगे, तुम चलने की तैयारी करो और लक्ष्मी के कपड़े, मेडिसन और दूध का बोतल भर लेना। मैंने हाँ कहा और खुश होकर कपड़े पैक करने कमरे मे चली गईं। इधर मेरे शौहर ने मेरी खाड़ूस सास को कल करके मना लिया था और जब मैं बाग पैक करके आई, तबतक वहाँ हैदर आ चुका था और वो मेरे बैग्स को उठाकर कार मे रख आया। मैं गोद मे लक्ष्मी को लिए अपनी सास से विदा ली तो मेरी सास बोली, जल्दी आना और मेरी पोती का ख्याल रखना, समझी! और हाँ, हर रोज विडिओ कॉल जरूर करना और जैसे यहाँ रहती है, वैसे ही वहाँ भी रहना। मेरे पास शिकायत नहीं आनी चाहिए तेरी, समझी! मेरी सास के इन्स्ट्रक्शन सुनकर उन्हे हाँ बोलकर मैंने अपनी माँ, बेटी, और चाची के साथ अपने मायके आ गई। दो दिनों के बाद विकी की सगाई होनी थी और विकी बहुत खुश था। विकी की लाइफ बिल्कुल नॉर्मल चल रही थी, जॉब, सुंदर सी गर्लफ्रेंड और इतना सपोर्टिव परिवार। विकी बहुत खुश था, उसे किसी भी चीज की कमी नहीं थी और वो जो चाहता, उसे हाथों मे मिलता। मैंने भी ठान लिया था कि जैसे मैं अपने घर की बजाय अपने ससुराल में रहने को मजबूर हूँ आज, ठीक वैसे ही एक दिन विक्की को भी अपना घर छोड़कर अपने ससुराल जाना पड़ेगा और उसे भी मेरी तरह एक मर्द की पत्नी बनकर अपनी लाइफ स्पेंड करना होगा, चाहे इसके लिए मुझे को करना पड़े, मैं जरूर करुँगी। प्रॉपर्टी की लालच में जैसे मेरे चाचा, चाची और भाई विक्की ने मुझे अपने कॉन्फिडेंस में लेकर मुझे लड़के से लड़की बनाकर एक मर्द से ब्याह करवा दिया ठीक वैसे ही उन्हें भी अपने बेटे को मर्द से औरत बनते देखकर दुखी होना पड़ेगा और ना चाहते हुए भी एक मर्द से उसका ब्याह करवाना पड़ेगा और तब मैं बैठकर उस पल को एन्जॉय करुँगी। सगाई से कुछ दिनों पहले एक दिन मैंने विक्की से कहा, विक्की मुझे डॉक्टर से मिलने जाना है। विक्की के पास टाइम नहीं था, पहले तो उसने मुझे मना कर दिया लेकिन फिर मैंने विक्की को बताया कि डॉक्टर से मिलना कुछ ज्यादा ही जरूरी है तो वो मान गया और मुझे डॉक्टर के क्लिनिक के पास ड्राप करके बोला, अमिता दीदी, जब डॉक्टर से मिल लेना तो कॉल कर लेना, मैं आकर पिक कर लूंगा। मैंने विक्की से कहा, ठीक है भाई, अब तो तुम्हारी शादी होने जा रही है, बहन के लिए टाइम कहाँ से निकलोगे। फिर विक्की मुस्कुराते हुए वहां से चला गया और मैं डॉक्टर से मिलने आ गयी। जब मैं डॉक्टर से मिली तो मैंने इस बात पर काफी डिस्कशन किया कि विक्की को लड़की कैसे बनाया जाये। डॉक्टर का क्या था, उसे तो विक्की के ट्रांसफॉर्मेशन और उसे गलत इनफार्मेशन देने के पैसे मिलते तो वो मान गया। मैंने मेडिसिन्स ली और ऑटो करके घर आ गयी। घर आते ही मेरी सास का कॉल आ गया, मैंने झटपट अपने गहने पहन ली और तैयार होकर घूँघट करके उन्हें वीडियो कॉल की। मेरी सास ने मुझे वीडियो कॉल पर देखा और बोली, बहु, इतना टाइम कहाँ लग गया तुझे एक कॉल करने में? इसपर मैं सास से बोली, वो अम्मी, मैं वाशरूम में थी, कपडे धो रही थी। इसपर मेरी सास बोली, इतने बनठन कर कपडे कौन धोता है? मेरे पास जवाब नहीं था, लेकिन मैं फिर बोली, अम्मी, कपडे धुलने के बाद मैं फिर से तैयार हो गयी, जैसा आपने कहा था, और मैं आपकी बात कैसे टाल सकती हूँ? मेरी सास ने ठीक है कहा और फ़ोन कट कर दी। इतनी खड़ूस सास भगवान् किसी को ना दे। अब मैंने मैंने रोज़ उन मेडिसिन्स को विक्की के खाने में मिलाना शुरू कर दिया। विक्की का सगाई का दिन भी आ गया। विक्की ने बढ़िया सा सूट पैंट टाई और कलाई में बढ़िया सी राडो की घडी पहना हुआ था, देखने में बहुत ही हैंडसम और शेव करने के बाद तो क्या क्यूट दिख रहा था मेरा भाई, मैं बता नहीं सकती। मेरे सिवा घर में कोई नहीं इस बात को नहीं जानता था कि बहुत जल्द मेरा क्यूट भाई, लड़की बनने वाला था और आज लड़की से सगाई करने के बावजूद उसे एक मर्द की दुल्हन बनने को मजबूर भी होना पड़ेगा।
विक्की की सगाई करिश्मा के साथ बहुत ही धूमधाम से की गयी। करिश्मा की फैमिली से जब मैं पहली बार मिली तो वे मुझे देखकर काफी खुश हुए। करिश्मा की बुआ मुझे एक तरफ ले गयीं और बैठकर मेरे पति और मेरे ससुराल वालों के बारे में सवाल जवाब करने लगीं। फिर करिश्मा की बुआ ने मुझसे कहा, मुझे तो यकीन नहीं होता है कि तू कभी एक मर्द थी अमिता! करिश्मा की बुआ के मुँह से ये बात सुनकर मैं चौंक गयी, किसी ने सुन लिया तो बवाल हो जाना था तो मैंने करिश्मा की बुआ से कहा, बुआ जी, मैं पास्ट को भुलाकर अपने प्रेजेंट में जी रही हूँ, मेरे पति को इस बारे में कुछ भी नहीं पता, सो प्लीज्, इस बारे में और बात नहीं कीजिये! करिश्मा की बुआ ने मुस्कुराते हुए हामी भरी और हँसते हुए अपने बाकी फैमिली के पास चली गयीं। इधर मैं सोचने लगी कि चंगेज़ को इस बारे में पता चल गया तो वो कैसे रियेक्ट करेंगे और मेरा क्या होगा फिर! मैं एक तरफ चेयर पर चुपचाप बैठी थी और चंगेज़, मेरे देवर सिकंदर और अपने दोस्त हैदर के साथ बैठे पार्टी एन्जॉय कर रहे थे। सगाई की पार्टी ओवर होने के साथ ही सभी अपने अपने घर को लौट गए और मुझे मेरी फैमिली के साथ छोड़कर चंगेज़, सिकंदर और हैदर के साथ घर को लौट गए। इधर सगाई के कुछ हफ़्तों तक मैंने विक्की को फीमेल हॉर्मोंस के हैवी डोज़ उसके फवरेट ड्राई फ्रूट्स में मिलाकर देती रही और एक एक किलो के तीन डब्बों में ड्राई फ्रूट्स में मेडिसिन मिलाकर उसे दे दी। मुझे पता था कि विक्की को ड्राई फ्रूट्स कितने पसंद थे और इसी का मैंने पूरा फायदा उठाया। एक दिन मैं किचन में काम कर रही थी तो विक्की वहां आ गया और मुझसे बोला, अमिता दीदी, मुझे एक भांजा चाहिए जो देखने में बिलकुल जीजू जैसा हो। मैं विक्की को समझाया, विक्की मैं इसके लिए रेडी नहीं हूँ अभी! इसपर विक्की बोला, ठीक है दीदी, मैं जीजू से कह दूंगा! मैंने कहा, विक्की पागल हो गया है क्या, बच्चा जन्म देने की मशीन हूँ क्या मैं? फिर मैंने विक्की को किचन से भगा दिया और खाना पकाने लगी। एक दिन चंगेज़ घर आ गए और मुझे अपने साथ ससुराल ले आये। ससुराल आते ही मेरी सास के ताने शुरू हो गए। लेकिन अब इनसब का आदत हो गया था, मेरी सास को मुझे ताना सुनाने में बड़ा मजा आता लेकिन इधर कुछ दिनों से मेरी सास की तबियत कुछ ज्यादा ही खराब होने लगी थी। वो अक्सर बीमार रहती, मैं, चंगेज़ और सिकंदर दिन रात उनकी सेवा में लगे रहते।
इधर फीमेल हॉर्मोंस ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया था, विक्की अपने बॉडी में होने वाले चेंज को लेकर परेशान रहने लगा, चाचा चाची भी काफी परेशान रहते। एक दिन चंगेज़ के फ़ोन पर मेरी माँ ने कॉल किया और मुझे पूरी बात बताई। मैंने उन्हें बिना कुछ बताये कहा कि विक्की को अच्छे हॉस्पिटल में ट्रीटमेंट करवाना और बहुत अच्छे से एक्टिंग करते हुए इमोशनल होने का ड्रामा भी करने लगी। मेरी माँ ने समझाया कि विक्की को चाचा चाची हॉस्पिटल ले कर जाने वाले हैं और फिर उन्होंने फ़ोन कट कर दिया। मैं बहुत खुश थी, आखिकार वही होने जा रहा था जो मैंने सोचा हुआ था। विक्की ने जो कुछ भी मेरे साथ किया, अब उसका एक एक हिसाब करने का समय आ चूका था। इधर मेरी सास अब पूरी तरह से ठीक हो चुकी थीं और मेरी बेटी के साथ पुरे दिन खेलतीं और सिंकंदर को शादी के लिए भी काफी फ़ोर्स करने लगीं थीं। कुछ दिनों के बाद मुझे करिश्मा ने कॉल किया और बताया कि विक्की के साथ उसकी सगाई टूटने वाली हैं और बहुत रोई। फिर मैंने करिश्मा से सगाई टूटने की वजह पूछी तो वो बोली कि विक्की भी अब कुछ दिनों में औरत बन जायेगा और दो औरतें आपस में शादी कैसे कर सकती हैं और फिर वो रोते रोते कॉल कट कर दी। मैं तो बहुत खुश थी, विक्की के साथ जो कुछ भी होने जा रहा था वो सब प्री प्लांड था। इस बारे में किसी को मैंने कुछ भी नहीं बताई लेकिन उस रात चंगेज़ मुझसे बोले, अमिता, तुम्हारा भाई सेक्स चेंज करवा कर औरत बनने जा रहा है, क्यों ना उसकी शादी सिकंदर से करवा दिया जाये। दोनों बहनें एक ही घर में एक साथ रहेंगी तो कितना अच्छा रहेगा ना! मैंने चंगेज़ से कहा, ये तो बहुत ही अच्छा ख़याल है लेकिन विक्की क्या सच में लड़की बनने जा रहा है? चंगेज़ बोले, हाँ मेरी जान, तुम्हारा भाई अब सच में लड़की बनने जा रहा है और इससे पहले कि उसके घरवाले उसके लिए किसी और घर में रिश्ता देखें, मैं कल ही उनसे जाकर मिलकर सिकंदर और विक्की की निकाह की बात कर लेता हूँ। मैंने कहा, इतनी भी क्या जल्दी है जी, विक्की तो अभी लड़का ही है और अभी तो शायद सेक्स चेंज सर्जरी में समय भी होगा! इसपर ये बोले, हम्म! ठीक है लेकिन अभी से बात करके रखूँगा तभी तो आगे शादी की बात करने में आसानी होगी। मैंने कहा, जैसा आप ठीक समझें! और फिर चंगेज़ ने मुझे बाहों में भर लिया और हार्डकोर सेक्स, वो भी दस तरह के अलग अलग कामसूत्र के पोसिशन्स में, इन्होने मेरे अंदर अपने स्पेर्म्स के दस लोड भर दिए, मैं समझ चुकी थी कि अब मैं फिर से प्रेग्नेंट हो जाउंगी और फिर अपने पति की बाहों में सिकुड़कर सो गयी। अगले दिन चंगेज़ मेरे परिवार से मिलने चले गए। मेरे परिवार से मिलकर उन्होंने विक्की के बारे में पूरी जानकारी ली कि कैसे विक्की को सेक्स चेंज करवाना पड़ रहा है। चंगेज़ विक्की से भी मिले और उसे हिम्मत रखने को कहा और समझाया कि लड़की बनकर जीना भी पड़ रहा है तो कोई बात नहीं, क्या फरक पड़ता है। फिर चंगेज़ ने मेरी माँ से कहा, माँ जी मैं चाहता हूँ कि विक्की की शादी सिकंदर से करवा दें , घर की बात घर में ही रह जाएगी और बाहर इस बारे में कोई हो हल्ला भी नहीं होगा। मेरी माँ ने चंगेज़ से कहा कि वो इस बारे में चाचा चाची से बात करेंगी और फिर सबसे विदा लेकर चंगेज़ ऑफिस चले गए। रात में मेरी माँ ने मुझे कॉल किया और पूरी बात बताई तो मैंने भी उन्हें कहा कि इतना अच्छा प्रपोजल है, इसे ठुकराना सही नहीं होगा। फिर रात को चंगेज़ कमरे में आये, मेरे साथ रोमांस किया और मुझे खूब प्यार किया और अपनी बाहों में लेकर सो गए। चंगेज़ बहुत खुश थे और मैं भी।
इधर मेरे घर पर मेरी माँ ने चाचा और चाची के सामने मेरे ससुराल वालों का प्रपोजल रखा। पहले तो वे नहीं माने फिर मेरी माँ ने चाचा से कहा, आप तो हिन्दू मुस्लिम नहीं मानते भाई साहब, वैसे अमिता की शादी के टाइम तो आप सब बड़े एक्साइटेड हो गए थे और एक पठान परिवार में मेरी बेटी की शादी करवाने से पहले इतना तो नहीं सोचा था आपने फिर आज क्यों सोच रहे हैं। वैसे भी जिस घर में अमिता है उस घर में अगर विक्की दुल्हन बनकर जायेगा तो दोनों बहनें एक साथ भी रहेंगी और एक दूसरे का ख्याल भी रख लेंगी। मेरी माँ ने चाचा को कन्विंस कर लिया और वे विक्की की शादी सिकंदर से करवाने को तैयार हो गए। मेरी माँ ने उस रात मुझे कॉल किया और बोली, अमिता, अपने पति से कह दो, सिकंदर और विक्की की शादी के लिए तुम्हारे चाचा चाची मान गए हैं। मैं एकदम से खुश हो गयी और रात को चंगेज़ को इस बारे में सबकुछ बता दिया तो वे बहुत खुश हुए और मुझे अपनी बाहो में समेटकर बहुत प्यार किया। अगले दिन ही चंगेज़ ने अम्मी को भी इस निकाह के लिए रेडी कर लिया। अम्मी ने चंगेज़ से कहा कि मेरे एक बेटे की शादी हिन्दू रीती रिवाज़ों से हुई है, कम से कम सिकंदर की शादी मुस्लिम रीती रिवाज़ों से हो और इसके लिए चंगेज़ भी मान गए। चंगेज़ मेरे घर गए, मेरी माँ, मेरे चाचा और चाची ने मेरे पति को बड़े ही आदर से स्वागत किया। चंगेज़ ने मेरी माँ, चाचा और चाची से कहा, अम्मी सिकंदर की होने वाली दुल्हन विक्की को देखना चाहती हैं, तो आप लोग जिस भी दिन का समय फिक्स करें उस दिन पुरे परिवार के साथ हम विक्की को देखने आना चाहेंगे। मेरे चाचा और चाची ने संडे का दिन फिक्स किया और चंगेज़ की पूरी खातिरदारी करके उन्हें वहां से विदा किया। रात को चंगेज़ ने मुझे इस बारे में बताया तो मैं भी बहुत खुश हो गयी और चंगेज़ को लिप टू लिप किस करके कमरे में चली गयी। इधर विक्की को इनसब के बारे में कुछ भी नहीं पता था और इन सब से अनजान विक्की अपने औरत बनने को लेकर चिंता के सागर में इस कदर डूबा था कि दो दिनों से उसने कुछ भी खाया पिया नहीं था। अभी विक्की के सेक्स चेंज सर्जरी में दो महीने का टाइम था और उसे पता भी नहीं था कि संडे को उसे देखने मेरे पति चंगेज़, मेरे देवर सिकंदर और मेरी सास आने वाली थीं। दो दिन पहले, चाची ने मेरी माँ को कहा कि विक्की को तैयार करने की पूरी जिम्मेदारी अब उसकी है और मेरी माँ विक्की को बुटीक ले आयी जहाँ करिश्मा पहले से कुछ कपडे लेने आयी हुई थी। करिश्मा को देखकर विक्की अपने इमोशंस को कण्ट्रोल नहीं कर सका और उससे लिपटकर खूब रोया। करिश्मा भले ही विक्की से अलग हो चुकी थी, लेकिन विक्की के साथ जो कुछ भी होने जा रहा था उसको लेकर वो भी काफी डिप्रेस्ड थी।
विक्की करिश्मा से से बोला, करिश्मा, क्या तुम सच में मुझसे प्यार करती हो? करिश्मा बोली, हाँ विक्की! फिर विक्की बोला, तो फिर तुम मेरे साथ सगाई क्यों तोड़ रही हो, हम ऐसे भी तो साथ रह सकते हैं ना? करिश्मा बोली, नहीं विक्की, मेरे माँ बाप का समाज में वैसे भी नाक कट चुका है तुम्हारी वजह से। मैं अपने माँ बाप को और शर्मिन्दा होते नहीं देख सकती, मुझे पता होता कि तुम नपुंसक हो और कुछ ही दिनों में अपनी बड़ी बहन की तरह औरत बनने वाले हो तो मैं तुमसे कबकी अलग हो गयी होती और वैसे भी तुम्हारा रिश्ता तो अमिता दीदी के देवर सिकंदर के साथ जुड़ने वाला है, फॉर गॉड सेक और नाटक मत करो और मुझे अपनी लाइफ में आगे बढ़ने दो। मैं यहाँ तुमसे फालतू की बातें करने नहीं आयी हूँ, आज मेरी सगाई होने वाली है राज के साथ, मैं तुम्हे इन्वाइट करने आयी हूँ, मेरी सगाई में जरूर आना विक्की, साड़ी पहनकर आना ताकि किसी को पता ना चले कि तुम मेरे एक्स बॉयफ्रेंड हो! विक्की ने करिश्मा से कहा, करिश्मा मेरा रिश्ता अमिता के देवर के साथ कब जुड़ गया, मैं शादी नहीं करने वाला, तुम मुझसे सगाई कर चुकी हो करिश्मा, तुम मेरे बुरे वक़्त में ऐसे साथ छोड़कर नहीं जा सकती! करिश्मा बोली, जा सकती हूँ, और ये रहा तुम्हारी सगाई की अंगूठी, काश कॉलेज में मैंने तुम्हारी जगह राज का प्रपोजल एक्सेप्ट किया होता तो इतनी शर्मिंदगी का सामना ना तो मुझे करना पड़ता और ना ही मेरी फॅमिली को। विक्की बोला, करिश्मा, प्लीज्, आई लव यू और राज तो तुम्हे शुरु से पसंद नहीं था ना, फिर आज कैसे राज के साथ तुम सगाई करने जा रही हो! करिश्मा बोली, क्यूंकि राज अब सरकारी नौकरी में अच्छे पोजीशन पर पोस्टेड है, और उसने इतनी अच्छी बॉडी भी बना ली है, उसके साथ मेरी लाइफ सिक्योर है। तुम अपने आप को देखो विक्की, तुम्हारा खुद का रिश्ता एक मर्द से हो रहा है, तुम उसकी दुल्हन बनकर अमिता की तरह हाउसवाइफ बनकर लाइफ स्पेंड करोगे और तुम मुझे किस एंगल से अपने लिए सूटेबल मानते हो। तुम सिकंदर से शादी करो और हाउसवाइफ बनकर उसकी सेवा करो, एहि तुम्हारी नियति है विक्की। देखो अब और ज्यादा इमोशनल ड्रामा नहीं चाहिए, गुड बाय, मेरी सगाई में जरूर आना और हाँ आंटी आप भी। फिर करिश्मा वहां से चली गयी, विक्की मेरी माँ से लिपटकर खूब रोया। विक्की अंदर से पूरी तरह से टूट चूका था और मेरी माँ ने उसे समझाया की लाइफ में ऐसी मुश्किलें आती हैं, इंसान को आगे बढ़ना चाहिए। फिर मेरी माँ ने विक्की को कहा, विक्की मेरे बच्चे, अमिता की शादी के बाद हमने तो सोचा था कि तू हमारे घर की बहु लेकर आएगा लेकिन अब तो तेरे लिए भी रिश्ता आ चूका है और तू भी अमिता की तरह हमे छोड़कर चला जायेगा विक्की! विक्की मेरी माँ की बात सुनकर काफी इमोशन हो गया और रोते हुए बोला, चाची मुझे शादी नहीं करनी किसी मर्द से, मैं तो अभी भी एक मर्द ही हूँ, अभी मैं लड़की बना भी नहीं और मुझे अपने छोटे बेटे के लिए देखने क्यों आने वाले हैं। मेरी माँ बोली, विक्की तुम्हारे माँ बाप को तुम्हे विदा करने की इतनी जल्दी क्यों है ये तो मैं नहीं जानती बेटे लेकिन तुम्हे दुल्हन की तरह तैयार करने की जिम्मेदारी उन्होंने मुझे सौंपा है। विक्की रोते हुए बोला, चाची मुझे शादी नहीं करनी किसी मर्द से! मेरी माँ बोली, अब क्या कर सकते हैं विक्की, तुम अपने माँ बाप से इस बारे में बात कर लेना तबतक जैसा उन्होंने कहा है, वैसे तुम्हे तैयार करके घर चलना है आज लेकिन सबसे पहले हम ब्यूटी पारलर चलेंगे। विक्की बोला, ब्यूटी पारलर क्यों चाची? मेरी माँ बोली, तू तो सबकुछ मानो भूल ही गया है विक्की, याद है तू पहली बार अमिता को ब्यूटी पारलर ले गया था, तुझे भी इसी लिए ब्यूटी पारलर चलना है ताकि तू सजना संवारना सीख सके। विक्की बोला, मुझे नहीं सीखना सजना संवारना चाची, मुझे शादी नहीं करनी सिकंदर से, मैं आप सब के साथ ही रहना चाहता हूँ। मेरी माँ ने फिर से विक्की को समझाया, विक्की अब तू लड़की बनने जा रहा है, अभी से आदत डाल दे, अच्छा रहेगा। वैसे तेरे नखरे तो लड़कियों जैसी ही है और बात बात पर लड़कियों की तरह रोने लगता है तू तो। अब चल ब्यूटी पारलर चलते हैं, वहां आकर तुझे साड़ी पहनाकर तैयार करके घर ले चलूंगी। फिर माँ विक्की को ब्यूटी पारलर ले गयी, वहां उन्होंने विक्की को व्होल बॉडी वैक्सिंग करवाई, मैनीक्योर और पैडीक्योर करवाया। फिर एक ब्यूटीशियन ने विक्की के हाथों और पैरों के नाखूनों पर रेड नेल पोलिश से पेंट किया। नेलपॉलिश के सूखने के बाद ब्यूटीशियन ने विक्की के हाथों में कुहनी तक और पैरों में घुटनों तक मेहँदी का अच्छा सा डिज़ाइन अप्लाई किया और मेरी माँ से बोली कि तीन घंटे बाद मेहँदी को धोना है। मेरी माँ ने ब्यूटीशियन से कहा, ठीक है तबतक आप विक्की के दोनों कान में एक एक छेद कर दो और नाक में बायीं तरफ एक छेद कर दो। ये सुनते ही विक्की का होश ही उड़ गया, वैसे ही काफी ह्युमिलिएशन का सामना कर रहा था वो और अब नाक और कान छिदवाना, इससे विक्की को और भी शर्मिंदगी हो रही थी लेकिन माँ ने ब्यूटीशियन से कहा कि विक्की के कान और नाक छेद दो। उसके बाद ब्यूटीशियन ने विकी के दोनों कानों और नाक पर लेफ्ट साइड एक एक डॉट मार्क किया और पियर्सिंग गन से विक्की के कान में दोनों साइड छेद कर दिया, दर्द और ह्युमिलिएशन से विक्की बहुत रोया, फिर मेरी माँ ने उसके आंसू पोंछे और फिर ब्यूटीशियन ने विक्की के नाक अपर पियर्सिंग गन को सेट किया और विक्की के नाक में छेद कर दी। विक्की फिर से रोई, माँ ने उसे समझाया कि लड़कियों को ऐसे दर्द झेलने पड़ते हैं, ये तो सिर्फ एक शुरुआत है और तीन घंटे बाद विक्की की मेहँदी धो दिया गया। गहरी मेहँदी का रंग देखकर मेरी माँ और ब्यूटीशियन बहुत खुश हो गए और एक ब्यूटीशियन बोली, मैडम आपकी मेहँदी का रंग देखकर तो लगता है आपके पति आपसे बहुत प्यार करने वाले हैं। विक्की बोला, आई एम् नॉट मैडम मिस ब्यूटीशियन! आई एक अ मैन! फिर दूसरी ब्यूटीशियन बोली, ओह माय गुडनेस, इतना सुंदर मर्द, हमारे ब्यूटीपार्लर में! आई कैंट बिलीव इट, आप मर्द होकर इतनी सुन्दर हो और आपने तो अपना नाक और कान भी छिदवा लिया है। तभी मेरी माँ बोली, हाँ लेकिन अब ये बहुत जल्दी लड़की बनने वाला है, सेक्स चेंज के बाद इसकी शादी होनी है अब आप लोग अपना अपना काम करो और आप इन्हे जल्दी से तैयार कर दो, हमे कुछ ड्रेसेज़ खरीदने भी जाना है, ये लो साड़ी, ब्लाउज, ब्रा पैंटी और ब्रैस्ट फॉर्म्स और कुछ ज्वेलरीज! उसके बाद ब्यूटीशियन ने विक्की को साड़ी में तैयार किया, और विक्की बहुत खूबसूरत दिख रहा था। विक्की के बाल भले ही छोटे थे लेकिन ब्यूटीशियन ने उसके बालों को पिक्सी कट हेयर स्टाइल लुक दिया और फिर विक्की के नाक में सोने की लौंग पहना दी और साथ ही दोनों कानों में झुमकी भी। गले ने सोने का नेकलेस पहनाई और पैरों में पायल और हाई हील्स पहनकर विक्की को पूरी तरह से तैयार कर दिया गया। मेरी माँ ने जब विक्की से पूछा, कैसा लग रहा है विक्की? विक्की ने कहा, चाची, मैं ऐसे बाहर कैसे जाऊं, औरतों की तरह साड़ी पहना हुआ हूँ, मुझे बहुत ही ज्यादा एम्बैरस्मेंट हो रही है, मैं ऐसे सबके सामने कैसे जाऊंगा, आपने तो मेरे नाक और कान भी छिदवा दी हो, मेरे दोस्त मुझे ऐसे देख्नेगे तो क्या कहेंगे? मेरी माँ बोली, कोई भी तुझे देखेगा तो यही कहेगा, कितनी सुन्दर लड़की है, अब चल। मेरी माँ विक्की को अपने साथ लेकर घर आ गयी, हाई हील्स में विक्की से चला नहीं जा रहा था और उसका सर शरम से झुका हुआ था। विक्की की माँ ने उसके चेहरे को ऊपर उठाकर देखा और उसे देखते ही इमोशनल हो गयी और बोली, हाय राम, ये क्या हो गया? ये दिन दिखाने से पहले भगवान् तूने मुझे उठा क्यों नहीं लिया, मेरे बच्चे को औरत बनना पड़ रहा है और हम कुछ भी नहीं कर सकते हैं। विक्की के पापा ने उसकी माँ को समझाया, कोई बात नहीं, विक्की के नसीब में एक मर्द की पत्नी बनकर जीवन बिताना पड़ेगा और यही विक्की की नियति है। अच्छा विक्की, आज करिश्मा की सगाई है, तुम अपनी माँ के साथ वहां चली जाना और उससे मिल लेना, वो घर आई थी।
विक्की ये सुनकर बहुत घबरा गया और अपनी माँ से बोला, माँ मुझे नहीं जाना किसी पार्टी में, तुम्हे जाना है तो जाओ। विक्की की माँ बोली, विक्की अब तू बहुत ही जल्द एक औरत बनने वाले हो और साथ ही तुम्हे देखने परसो लड़के वाले भी घर आ रहे हैं। अब तुम्हे इस बात को स्वीकारना होगा कि बहुत जल्द तुम औरत बनने वाले हो, वैसे भी तुम बहुत अच्छे लग रहे हो साड़ी में बस थोड़ा सा मेकअप ठीक करना पड़ेगा, आओ मेरे साथ और फिर विक्की को उसकी माँ अपने साथ कमरे में ले गयी और डार्क मेकअप करके, खुद भी रेडी हो गयी और शाम में विक्की को लेकर करिश्मा की सगाई में गिफ्ट लेकर चली गयी। विक्की बहुत ही ज्यादा नर्वस हो रहा था, एक तो साड़ी और हील्स में पहला दिन था ऊपर से नाक में सोने की लौंग और कान की झुमकी बार बार कन्धों को छू रहे थे जिससे विक्की को काफी शर्मिंदगी हो रही थी। करिश्मा की सगाई में विक्की साड़ी पहनकर अपनी माँ के साथ पहुंचा। जिस लड़की के साथ उसकी सगाई महज एक महीने पहले हुई थी आज उसी लड़की की सगाई में लड़कियों की तरह साड़ी पहनकर हाई हील्स में विक्की अपनी माँ के साथ उसकी सगाई में आया था। विक्की और उसकी माँ स्टेज पर गए जहाँ करिश्मा राज के साथ बैठी थी। विक्की ने करिश्मा और राज को गिफ्ट दिया और उनके साथ कैमरामैन ने एक फोटो क्लिक की। विक्की की माँ करिश्मा की माँ से बात कर रहीं थी वहीँ विक्की करिश्मा के साथ स्टेज पर खड़ा था। हाई हील्स में होने के बावजूद विक्की राज के कंधे के काफी नीचे तक आ रहा था वहीँ करिश्मा उससे भी छोटी दिख रही थी। विक्की ने राज और करिश्मा को कॉन्ग्रैचुलेट किया और करिश्मा ने विक्की को सिकंदर के साथ होने वाली सगाई के लिए बेस्ट विशेज़ दी। फिर विक्की वहां से अपनी माँ के पास जा पहुंचा जो करिश्मा की माँ के साथ अपना दुःख शेयर कर रहीं थी। करिश्मा की माँ बोली, विक्की, तुम हमारे घर के दामाद बनने वाले थे और मुझे तुम दामाद के रूप में बड़े अच्छे लगते थे लेकिन तुम्हारे साथ ये सब हो जायेगा, ये मैं नहीं जानती थी। तुम्हारे माँ बाप तुमसे बहुत प्यार करते हैं और वो तुम्हारे लिए हमेशा अच्छा ही सोचेंगे। अगर तुम्हारा रिश्ता ना हुआ होता तो मैं अपने बड़े बेटे के लिए तुम्हारा हाथ मांग लेती, जिस घर के दामाद ना बन सके, उस घर की बहु ही बन जाते, लेकिन तुम्हारी माँ ने बताया कि तुम्हारा रिश्ता तुम्हारी अमिता दीदी के देवर सिकंदर के साथ तय हो चूका है। चलो अच्छा ही है, अपनी बहन के साथ एक ही घर में रहोगे तो तुम्हे दुःख भी कम ही होगा और तुम्हे सहारा भी मिल जायेगा। तुम्हारी शादी में मैं जरूर आउंगी इनके साथ और देखूंगी, राज और करिश्मा भी साथ आएं तो उन्हें भी तुम्हारी शादी में लेकर आउंगी। फिर करिश्मा की माँ दूसरे गेस्ट्स से मिलने चली गयीं और विक्की अपनी माँ के साथ घर आ गया। रात को माँ से बात हुई, तो माँ ने मुझे सबकुछ बताया कि घर में क्या क्या हुआ और विक्की की क्या हालत है। ये सब सुनकर मेरी एक्साइटमेंट बढ़ गयी थी और मैं संडे का वेट करने लगी। संडे का दिन आया, चंगेज़, सिकंदर और मेरी सास के साथ मैं भी सजधज कर अपने मायके आयी तो देखा, ब्यूटीशियन विक्की को लाल डिज़ाइनर महारानी स्टाइल लहँगा में रेडी कर रही है और विक्की चुपचाप बैठा ब्यूटीशियन के इंस्ट्रक्शंस को फॉलो कर रहा था। मैं विक्की के पास गयी तो विक्की मुझे देखते ही इमोशनल हो गया और कहने लगा, अमिता दीदी, ये लोगं जबरदस्ती मेरी सगाई करवा रहे हैं आपके देवर के साथ, मुझे ये सगाई नहीं करनी, प्लीज् ये सब रुकवा दो दीदी! मैं बोली, विक्की, तू कितनी खूबसूरत दिख रही है और जब तू दुल्हन की तरह तैयार हो जाएगी तब तो और भी खूबसूरत दिखेगी। देख चाचा चाची ने फैसला कर लिया है कि तेरी शादी मेरे देवर सिकंदर के साथ ही होगी तो उनके फैसले के खिलाफ तो मैं भी नहीं गयी कभी फिर तेरे लिए मैं कैसे उनके फैसले के खिलाफ जाऊं। इसपर विक्की बोला, दीदी मैं अभी लड़की नहीं बना हूँ, मैं अभी भी लड़का ही हूँ और मेरी सगाई एक मर्द के साथ, ये कहाँ का न्याय है दीदी! मैं बोली, विक्की, तेरे माँ बाप तेरा भला ही सोचकर ये शादी करवाने जा रहे हैं, तू भले ही लड़का है अभी भी लेकिन सिकंदर को तो तू ऐसे ही पसंद है और वो तो तुझसे ऐसे ही शादी करने को भी तैयार है। इतने बड़े खानदान की बहु बनेगी, तू राज करेगी अपने पति के साथ और फिर मैं भी तो रहूंगी वहां तेरे साथ। अब तू रोना बंद कर और जल्दी से तैयार हो जा, सिकंदर की आँखें तुझे देखने को तरस गयीं है, दस बार मुझसे तेरे बारे में पूछ चूका है वो! इससे पहले की विक्की और ड्रामा करता, मैंने ब्यूटीशियन से कहा कि विक्की को जल्दी से तैयार कर दे और मैं किचन में चली गयी जहाँ मेरी माँ और चाची सबके लिए खाना पका रहीं थी। मुझे देखकर मेरी माँ और चाची इमोशनल हो गयीं और दोनों मुझसे लिपट कर खूब रोयीं, मैं भी रोई लेकिन मुझे विक्की की सगाई देखने की इतनी एक्साइटमेंट थी कि मैं वहां ज्यादा देर तक नहीं रुक सकी और फिर से विक्की के कमरे में चली गयी।थोड़ी देर में विक्की तैयार थी। महारानी स्टाइल लहँगा, स्लीवलेस बैकलेस चोली, ट्रांसपेरेंट चुन्नी, बॉब कट हेयरस्टाइल, माथे पर मांगटीका, बिंदियों से सजे भौंहे, आँखों में काजल, कानों में बड़े बड़े झुमकी, गले में नौलखा हार, नाक में बड़ी सी डिज़ाइनर नथिया जिसमे तीन सोने की चेन जुड़ीं थी, कलाइयों में सुहाग का रंगीन चूड़ा सेट, सोने के कंगन, कलीरे और सोने का हाथफूल, कमर में कमरबंद, बाहों में बाजूबंद, पैरों में हैवी चाँदी की पायल, हाई हील्स और पैरों की उँगलियों में एक एक चाँदी के बिछुए और गोल्डन हाई हील्स में विक्की की खूबसूरती वाकई कहर ढाने वाली दिख रही थी।
मैं सोचने लगी, गुलाबी ग्लॉसी होंठ देखकर तो मेरा मन मचल रहा था फिर सिकंदर कैसे कण्ट्रोल कर सकेगा विक्की को देखकर। फिर मेरी माँ और चाची कमरे में आयी और ट्रांसपेरेंट लाल चुन्नी से विक्की का घूँघट करके मेरी सास के सामने ले जाकर बिठा दिया। मैं भी उनके पीछे पीछे घूँघट करके हॉल में आ गयी और विक्की को ऐसे देखकर मुझे बहुत ख़ुशी हो रही थी, विक्की मेरे सामने चुनरी से घूँघट किये मेरी सास और उसके होने वाले पति सिकंदर के सामने सर झुकाये बैठा था और शायद बहुत ही ज्यादा नर्वस भी हो रहा था। विक्की मुझसे कहीं ज्यादा गोरा था जिसकी वजह से सिकंदर की नज़र विक्की से हट ही नहीं रही थी और उसे देखकर तो ऐसा लग रहा था मानो वो विक्की को अभी सबके सामने खा जायेगा। आस पड़ोस की दो चार अंटियाँ और एक दो लड़कियां भी आयीं थी और सब के सब खिलखिलाकर हंस रहीं थी और मेरी तरह इस मोमेंट को खूब एन्जॉय कर रहीं थीं। मेरी सास ने विक्की को अपने पास बिठाया और उसके चेहरे को ऊपर उठाकर बोली, तू तो बड़ा सुन्दर हो गया है विक्की, मेरे छोटे बेटे की दुल्हन बनेगा क्या? देख मेरे दो बेटे ही हैं और मैं नहीं चाहती कि तेरा रिश्ता मेरे घर में सिर्फ इस वजह से हो कि तेरी बहन मेरे घर में ब्याही हुई है। तू लड़का है लेकिन इस लहंगा चोली में बड़ा खूबसूरत दिख रहा है, अब बता, क्या तू सिकंदर से निकाह करने को तैयार है? क्या तू मेरे बेटे की दुल्हन बनेगी? तुझे कोई ऐतराज़ तो नहीं है ना? विक्की ने ना में सर हिलाया और सब हंसने लगे। फिर सबने कहा कि दूल्हा दुल्हन को आपस में कुछ देर बात कर लेने दो। फिर विक्की को सिकंदर के साथ उसके कमरे में बिठा दिया और सिकंदर को गुड लक बोलकर मैं लड़कियों के साथ बाहर आ गयी।
थोड़ी देर बाद सिकंदर कमरे से बाहर आया, उसे देखकर ऐसा लग रहा था मानो उसने कोई जंग जीत ली हो और बाहर आते ही उसने कहा, अम्मी, मुझे विक्की पसंद है और मैं इस निकाह के लिए रेडी हूँ। मैं अकेली कमरे में गयी तो देखा विक्की अपनी चुनरी को ठीक कर रहा था और उसका मेकअप भी कुछ तहसनहस हो गया था। मैं विक्की के पास गयी और उससे पूछी, तुम्हारे मेकअप को क्या हुआ विक्की? विक्की ने कुछ भी नहीं कहा और अपने आंसू पोंछते हुए कहा, कुछ भी नहीं दीदी! मुझे लग रहा था कि कुछ तो गड़बड़ है इसीलिए मैंने विक्की से फिर से पूछा, इस बार विक्की अपने इमोशंस को कण्ट्रोल नहीं कर सका और मुझसे लिपट कर रोने लगा। मैंने पूछा, क्या हुआ विक्की? विक्की ने कहा, अमिता दीदी, ये सब क्या हो रहा है मेरे साथ। मुझे ये शादी नहीं करनी, मैं आदमी हूँ, कोई औरत नहीं? मैं बोली, हां मेरे भाई तू आदमी है लेकिन डॉक्टर ने क्या कहा था, याद हैं ना? कुछ दिनों में तू औरत बन जायेगा तो फिर तेरी शादी तो होगी ना, तो टाइम क्यों वेस्ट करना! विक्की ने कहा, दीदी, सिकंदर आउट ऑफ़ कण्ट्रोल आदमी है, मुझे इससे तो शादी बिलकुल भी नहीं करनी। मैंने पूछा, ऐसा क्या कर दिया सिकंदर ने? विक्की ने कहा, दीदी, मैंने सिकंदर से कहा कि मैं एक आदमी हूँ, कोई औरत नहीं तो वो मुझसे क्यों शादी करना चाहता है। इसपर सिकंदर ने मुझे अपनी बाहों में जकड लिया और बिना मुझसे परमिशन लिए मेरे होंठों पर इतने जोर से स्मूच किया, दीदी ये देखो ब्लड आ गया, अब तू ही बता अमिता दीदी, मैं सिकंदर से कैसे शादी कर लूँ? मैंने विक्की से कहा, विक्की, अब जो भी है, सिकंदर के साथ तेरी निकाह होने वाली है और वो तेरा होने वाला शौहर है। तू चिंता मत कर विक्की, निकाह के बाद सिकंदर तुझे बहुत प्यार करेगा। वो तुझे अपनी दुल्हन के रूप में पाकर काफी एक्साइटेड है, शायद इसीलिए उससे रहा नहीं गया और उसने तेरे रसीले होंठों का रस पी लिया। फिर विक्की बोला, दीदी वो भले ही मुझसे शादी करने जा रहा हो लेकिन ये कैसा व्यव्हार है, वो मुझे शादी से पहले किस कैसे कर सकता है। मैंने कहा, विक्की तुमने करिश्मा के साथ काफी बार किस किया था, कई बार तो मेरे सामने भी तो फिर तेरा होने वाला शौहर अगर तुझे शादी से पहले किस करता है तो क्या हो गया। विक्की ने कहा, नहीं दीदी, करिश्मा भी मुझसे प्यार करती थी और हम दोनों के बीच रोमांस था। लेकिन सिकंदर के साथ रोमांस, नॉट पॉसिबल दीदी। फिर मैं बोली, देवर जी के साथ फर्स्ट किस, हाउ रोमांटिक विक्की, तेरा पति तो अभी से तेरे ऊपर पागल है, तू चिंता मत कर, फर्स्ट किस था ना इसीलिए सिकंदर से कण्ट्रोल नहीं हुआ, शादी के बाद सब ठीक हो जायेगा। अब तू एक काम कर, मैं ब्यूटीशियन को भेजती हूँ अंदर और वो तुझे अच्छे से रेडी कर देगी तबतक तू यहीं बैठी रह। मैं कमरे से बाहर गयी, ब्यूटीशियन को कमरे में भेज दी और किचन में माँ और चाची के पास चली गयी।
शाम हो चुकी थी, रात होने से पहले मेरी सास ने विक्की के लिए डिनर कमरे में ही भिजवा दिया और मैंने सबको खाना पडोसकर फिर खाना खाकर अपने कमरे में चली गयी, मैंने भी अपना बिस्तर ठीक किया क्यूंकि लगभग तीन महीनों से मैंने भी अपने पति के आगोश को बहुत मिस कर रही थी। अपने पति का प्यार पाने को मेरा भी तन मन बेताब हुआ जा रहा था। मैंने अपने बिस्तर पर कुछ फूलो को तोड़कर बिस्तर सजा दी और फिर मैं नाईटी पहनने जा ही रही थी कि मेरी सास कमरे में आ गयीं। कमरे में सास के आते ही मैंने अपनी साड़ी के पल्लू से घूँघट कर ली और वो बोलीं, बहु, तू छोटी दुल्हन के कमरे में चली जा और ये नथिया ले और उसे नाक में पहना देना और उसे सुहागरात के लिए रेडी कर के आ। मेरी सास मुझे ऐसे बोलकर कमरे से बाहर चली गयीं और मैं विक्की के कमरे में। विक्की किंग साइज बिस्तर के कार्नर पर घूँघट में बैठा अपने पति के आने का इंतज़ार कर रहा था। मैंने विक्की को बताया कि सुहागरात की तयारी करनी है और उसे मेकअप टेबल के सामने बिठा दी। मैंने विक्की के नाक से नथिया उतारी और उसका मेकअप ठीक किया और साथ ही उसके नाक में सास की दी नथिया पहना दी जो काफी बड़ी, लगभग सौ ग्राम की वजनदार थी और उसमे कोई सपोर्टिंग चेन भी नहीं थी। नथिया का वजन विक्की के नाक में दर्द देने लगा और उसका दर्द उसके आँखों के आंसुओं से साफ़ मालुम चल रहा था। मैंने विक्की को सांत्वना दी और उसे मेकअप के बाद समझायी कि जब उसके पति कमरे में आएं तो उसके पैरों को छू कर उसका आशीर्वाद लेना और उसे केसर दूध पीला देना।
विक्की ने हाँ में सर हिलाया और मैंने उसका माथा चुम लिया और उसे बिस्तर के बीच बिठाकर घूँघट कर दी और सिकंदर के कमरे में आने का इंतज़ार करने लगी। मैं जबतक विक्की के पास रही, उसे समझाती रही, विक्की देख तू अब सिकंदर की बीवी बन चुकी है और इस घर की छोटी बहु भी। सिकंदर या सासुमा की किसी भी बात को नकारने की कोशिश मत करना और आज रात तुम दोनों की पहली सुहागरात भी है। सिकंदर जो भी कहे, चुपचाप कर देना, उसके सामने नखरे मत करना। आई डोंट नो विक्की कि तुम सिकंदर के सामने कितने देर टिक सकोगे लेकिन सिकंदर को देखकर तो ऐसा लग रहा है कि वो तेरे साथ ना जाने क्या क्या करेगा। सिकंदर के साथ सुहागरात मनाने के लिए खुद को रेडी कर लो विक्की। क्या होगा आज की रात ये तो मैं नहीं जानती लेकिन कल सुबह ही तुझसे मिल सकुंगी। कल ससुराल में तेरा पहला दिन होगा तो सुबह जल्दी उठ जाना, आई नो सोने में देरी तो हो जाएगी आज की रात लेकिन फिर भी , कोशिश करना कि कल सुबह सबसे पहले जाग जाओ और सबके लिए नाश्ता भी तुम्हे ही पकाना होगा। और हाँ विक्की, ज्यादा जोर जोर से मत चिल्लाना, दर्द हो तो तकिया पर अपने दांत गड़ा कर अपनी आवाज़ को कमरे से बाहर निकलने से रोक लेना। थोड़ी देर बाद, सिकंदर ने कमरे के दरवाज़े पर दस्तक दी और उसे देखते ही मैंने विक्की से कहा, लो विक्की, तेरे दूल्हे राजा आ गए, गुड लक छोटी दुल्हन, आज तो सिकंदर तुझे रात भर चोदेगा। मेरी बात सुनकर विक्की बोला, अमिता दीदी, ऐसे मत कहो, मुझे डर लग रहा है। माँ पापा ने तो मुझे लड़की बनने से पहले ही दुल्हन बनवा दिया और सिकंदर के साथ मेरा ब्याह भी करवा दिए। दीदी मैं क्या करूँ, मैं आज भी लड़का ही हूँ, सिकंदर के साथ सुहागरात मैं कैसे मना सकता हूँ। विक्की की बात सुनकर मैं बोली, विक्की तू बड़ी भोली है, देख इमोशनल ड्रामा बंद कर और सुहागरात के लिए खुद को रेडी कर। तू भले ही अभी एक लड़के की तरह सोच रही है लेकिन सुहागरात के कल होकर तू भी लड़कियों के जैसे ही सोचेगी। मैंने तो कभी नहीं सोचा था कि मेरी तरह मेरे प्यारे से भाई को भी दुल्हन बनकर इसी घर में आना पड़ेगा लेकिन अब जब तू आ ही गयी है तो तू चिंता मत कर। सिकंदर को देखा है ना तूने, आज की रात जब वो तेरे साथ सुहागरात मनाएगा तो पता नहीं क्या क्या करेगा तेरे साथ लेकिन आई एम् श्योर, वो तेरे अंदर के मर्द को औरत जरूर बना देगा। अब देख ज्यादा टाइम वेस्ट मत कर, घूँघट कर ले जल्दी से और टेबल पर दूध, मंगलसूत्र और सिंदूर की डिब्बी रखी है। तुझे कुछ भी नहीं करना है, बस जब तेरा पति कमरे में आये तो उसके पैरों को छूकर उससे आशीर्वाद लेना और उसे दूध पीला देना और वो जो भी कहे, ना नुकुर मत करना। अब मैं जाती हूँ, देर हो रही है और हाँ, गुड लक देवरानी जी। मेरी बात सुनकर एक पल के लिए विक्की के चेहरे पर मुस्कान आ गयी और उसने शरमाते हुए चेहरा झुका लिया। मैं दरवाज़े पर गयी तो सिकंदर कमरे में घुसने को रेडी हो गया, फिर मैंने सिकंदर से कहा, देवर जी, ऐसे ही अंदर नहीं जाने दूंगी। सिकंदर समझ गया और उसने मेरे हथेली पर ५०००० रूपये रख कर अंदर चला गया और अंदर से कुण्डी लगा दी। सिकंदर के कमरे के अंदर जाने के बाद मैं अपने कमरे में चली गयी और मैं भी दुल्हन की तरह घूँघट करके बिस्तर पर बैठकर अपने पति के आने का इंतज़ार करने लगी। इधर चंगेज़ कमरे में आये, मैं पहले से सुहागरात मनाने को रेडी बैठी थी। वो आये, उन्होंने मेरा घूंघट उठाया और मेरी खूबसूरती की तारीफ़ करते हुए मेरे साथ रोमांस करने लगे। एक एक करके मेरे बदन से कपडे हटते चले गए और कुछ ही देर में मैं अपनी पति की बाहों में न्यूड उनके प्यार के सागर में गोते खा रही थी। चंगेज़ आज कुछ ज्यादा ही एक्साइटेड हो रखे थे और मेरे पुरे बदन को अपने होंठों के चुम्बन से मेरे फूलों की कली जैसे बदन को फूलों की तरह खिलने को मजबूर कर दिया। थ्रस्ट आफ्टर थ्रस्ट और मेरे मुँह से सिर्फ आह्हः ओह्ह्ह उह्ह की आवाज़ें निकल रहीं थीं और कुछ ही देर में मुझे ओर्गास्म हो गया और मैं अपने कंपकंपाते हुए बदन को अपने पति के मजबूत बाहों के आगोश में समाकर सोने लगी।
जब मैं विक्की को तैयार कर रही थी तो मैंने उससे पूछा, सुहागरात कैसी रही देवरानी? विक्की बोली, अमिता दीदी, प्लीज्, मैं इस बारे में कुछ भी बात नहीं करना चाहती! मैं बोली, अच्छा तो दुल्हन शरमा रही है! विक्की ने कहा, नहीं दीदी, लेकिन मैं क्या बताऊं आपको कि मेरे साथ क्या हुआ और इससे क्या बदल जायेगा? मैं बार बार विक्की को उकसाती रही ताकि विक्की मुझे वो सब कुछ बताये जो मैं जानना चाहती थी और जिसे सुनकर मुझे बहुत सुकून मिलने वाला था। मेरे बार बार पूछने पर विक्की ने कहा, दीदी, मैं दोपहर में आपको सब बता दूंगी लेकिन प्लीज् अभी ये सब रहने दो ना, प्लीज्! मैने विक्की से कहा, ओके मेरी प्यारी देवरानी! थोड़ी देर में मैरून सिल्क साड़ी में विक्की रेडी थी, बैकलेस चोली काफी छोटी थी, आगे से फेक बूब्स का उभर साफ़ झलक रहा था लेकिन विक्की की नाभि और कमर का ज्यादातर हिस्सा विज़िबल था जिससे वो काफी सेक्सी दिख रही थी। सास के दिए ज्वेलेरोइएस पहनने के बाद विक्की की खूबसूरती में चार चाँद लग गया और जब मैंने विक्की के नाक में वो बड़ी वाली सोने की नथिया पहनाई तो विक्की अपने हाथ से उस नथिया को बैलेंस करने की कोशिश करने लगी। मैंने विक्की की नथिया में सपोर्टिंग चेन को अटैच की और उसके बाल में फंसा दी। अब विक्की को थोड़ी रहत थी लेकिन विक्की की खूबसूरती इतनी मानो कोई अप्सरा ने इस घर में कदल रखा हो। फिर विक्की ने गले में मंगलसूत्र और मांग में सिंदूर भरा और फिर मैंने विक्की का घूँघट किया और मैंने उसे समझाया, देख विक्की, अपने पति, सास और अपने जेठ यानी मेरे पति के पैरों को छूकर उनका आशीर्वाद लेना और अम्मी के साथ कीचन में उनकी हेल्प भी करना। और फिर विक्की का घूँघट करके मैं उसे सास के पास ले गयी। मेरी सास अभी भी सो ही रही थी और विक्की और मैंने उनके पैरो को छुआ तो उनकी नींद खुल गयी। मुझे और विक्की को एक साथ देखकर वो मुस्कुराते हुए हमदोनो का माथा चुम ली और बड़े प्यार से विक्की को अपने बगल में बिठाई और बोली, छोटी बहु, तेरे आ जाने से घर पूरा हो गया है अब बस तू भी सिकंदर से दो तीन बच्चे कर ले और फिर मैं अपने पोते पोतियों के साथ ख़ुशी ख़ुशी रह लुंगी। विक्की ने सास की बात सुनकर शर्माते हुए सर झुका ली और मैं उसे अपने साथ किचन में ले आयी। किचन में आते ही मैंने विक्की को छेड़ते हुए कहा, तो विक्की, जल्दी से तू अपने पति से तीन चार बच्चे कर ले, तेरी सास कितनी बेचैन है तेरे बच्चों को पालने के लिए।
मेरी बात सुनकर विक्की अपसेट हो गयी, उसकी आँखों में आंसू आ गए और वो मुझसे लिपटकर रोने लगी। मैंने विक्की को शांत करने की कोशिशकरने लगी लेकिन विक्की अपने इमोशंस को कण्ट्रोल नहीं कर पा रही थी। थोड़ी देर बाद जब विक्की चुप हुई तो वो और भी इमोशनल होते हुए मुझसे बोली, दीदी, कल रात मेरे पति ने मेरे साथ इतना हार्डकोर सेक्स किया। मैं कोई खिलौना हूँ क्या, कभी मेरे टांग फैलाकर तो कभी मुझे बाहों में उठाकर तो कभी मुझे बाथटब में लिटाकर मेरे साथ रातभर सेक्स किये।
और तो और मेरे लंड में अपना लंड घुसाकर मुझे आगे से भी चोदे। मैंने उनको समझाने की बहुत कोशिश की लेकिन वो जबतक मेरे लंड को अपने स्पेर्म्स से भर नहीं दिए तबतक शांत नहीं हुए। फिर मेरे लंड से अपने स्पर्म के साथ मेरे स्पर्म के डिस्चार्ज होते ही मुझे आँखों के आगे अँधेरा सा छाने लगा। इनका लंड काफी मोटा और इतना बड़ा है, मैंने लाइफ में कभी इतना बड़ा लंड नहीं देखा और आज इन्होने मेरे साथ रात भर सेक्स किया वो भी हार्डकोर। इतना मोटा लंड जब मेरे अंदर गया तो मेरी जान ही निकल गयी, मैंने इनको बहुत रोका लेकिन ये नहीं माने और मेरे साथ जबरदस्ती सेक्स करते रहे। आज की रात तो मैंने किसी तरह बर्दाश्त कर लिया दीदी लेकिन मुझे और नहीं हो सकेगा। मैं इतनी वीक कैसे हो गई कि एक मर्द मुझे रात भर चोद कर बेसुध कर दिया।विक्की ऐसा कहते ही रोने लगी, फिर मैंने विक्की को शांत किया और उसे समझाया कि जबतक वो पूरी तरह लड़की नहीं बन जाती, ऐसा तो रोज़ हो होगा और सेक्स चेंज में अब ज्यादा समय नहीं रह गया है। सिकंदर ने मुझे बताया है कि कल वो तुझे हनीमून पर बैंकाक ले जाने वाला है और वहां तुम्हारा सेक्स चेंज ऑपरेशन भी होगा। फिर तू भी मेरी तरह पूरी तरह से औरत बन जाएगी और फिर तू भी मेरी तरह बच्चों को जन्म दे सकेगी। फिर विक्की शर्माने लगी और बोली, दीदी मुझे सेक्स करवाना, मैं ऐसे ही ठीक हूँ। मैंने कहा, जैसी तेरी मर्ज़ी, चल कुछ अच्छा सा पका दे। फिर मैंने और विक्की ने मिलकर बहुत ही स्वादिष्ट नाश्ता और दिन में खाना भी पकाया। मेरी बात सुनकर विक्की को काफी शर्मिंदगी हुई जो उसके चेहरे से साफ़ झलक रही थी। घर में सभी ने विक्की के हाथ के बने नाश्ते और लंच की खूब तारीफ की। शाम को मुंहदिखाई की रस्म रखी गयी और विक्की को मैंने फिर से तैयार किया। बिलकुल मुस्लिम दुल्हन की तरह अनारकली सलवार सूट में। विक्की का फिगर काफी हद तक लड़कियों जैसा ही था और यही वजह थी कि विक्की इतनी हॉट दिख रही थी। एक दुपट्टे से मैंने विक्की का घूँघट करके लेडीज़ के बीच ले गयी और उसे बिठाकर सभी के लिए नाश्ता बनाने किचन में आ गयी। किचन के एक कोने से मैं सबकुछ देख रही थी, औरतें विक्की को अपना आशीर्वाद तो दे ही रहीं थी लेकिन साथ ही उसे सिकंदर के बच्चे को जन्म देने की भी सलाह दे रहीं थी।
मोहल्ले की कुछ लड़कियां जो विक्की से सुहागरात के बारे में सवाल पर सवाल किये जा रहीं थी वहीँ कुछ लड़कियों को ये पता था कि विक्की के लड़का होते हुए भी सिकंदर की दुल्हन बन गयी थी जिसको लेकर वे काफी एक्साइटेड थीं। विक्की चुपचाप बैठी आँखें झुकाये बिना कुछ कहे सबकी बातें सुन रहीं थी। विक्की की आंखें आंसुओं को रोके अपने इमोशन को कण्ट्रोल करने की कोशिश में थी, लेकिन सबकी बातें सुनकर शर्मिंदगी होना लाज़मी थी। मुँह दिखाई की रस्मों के ख़त्म होने के बाद घर के बड़ों ने डिनर किया और आखिर में मैं और विक्की डिनर करने किचन के एक कोने में बैठ गयीं और हम दोनों ने एक साथ डिनर किया। डिनर करने के बाद किचन की साफ़ सफाई की और फिर हम दोनों अपने अपने कमरे में चली गयीं। जब मैं कमरे में गयीं तब कमरे में चंगेज़ और सिकंदर बैठे आपस में बातें कर रहे थे और मेरे आते ही चंगेज़ कमरे से बाहर चला गया। मैं बिस्तर से थोड़ी दुरी पर अपने पति को देख रही थी और वो मुझे देखकर मुस्कुरा रहे थे। उन्होंने मुझसे पूछा, अमिता, लक्ष्मी सो गई? मैंने कहा, हाँ वो अपनी दादी के साथ सो रही है। फिर उन्होंने मुझसे कहा, मेरी जान यहाँ आओ? मैं उनके पास गयी तो उन्होंने मुझे अपनी बाहों में कस कर बिस्तर पर लिटा दिए और बोले, मुझे एक बेटा चाहिए अमिता जो हमारे वंश को आगे बढ़ाये। मैंने उनसे कहा कि अभी कुछ दिन रुक जाते हैं ना लेकिन वो नहीं माने। आज की रात कैसे कटेगी मैं नहीं जानती थी, लेकिन मेरे पति ने मन बना लिया था और वो दरवाज़े की कुण्डी लगाकर बिस्तर पर आ गए। वो मेरे ऊपर ऐसे चढ़ गए, मानो किसी बकरी पर शेर ने चढ़ाई कर दी हो। चंगेज़ मुझे लगातार चूमे जा रहे थे और एक एक करके मेरे बदन के कपडे भी अलग होते चले गए। चंगेज़ के किस करने का अंदाज़ मुझे बहुत पसंद था, वो जब भी मुझे फ्रेंच किस करते, मेरी एक्साइटमेंट चरम पर चली जाती और आज भी यही हो रहा था। मैं एक्साइटेड हो गयी और गर्म भी। चंगेज़ को इससे ज्यादा क्या चाहिए था, उनके लिए ये बहुत अच्छा मौका था और उन्होंने बिना एक भी पल गंवाए खुद भी न्यूड हो गए और मुझे अपनी बाहों में भर लिए और मेरी छोटी सी वजाइना में अपना लंड घुसेड़ दिए और मेरी चुदाई करने लगे। आज तो ऐसा लग रहा था मानो ये रात क़यामत की रात साबित होने वाली थी और ये फुल स्पीड में चोदने लगे। मैं अपने दर्द बर्दाश्त करने की कोशिश करती रही लेकिन इनका एक एक स्ट्रोक मेरे मुँह से चीख निकालने को काफी थे। चंगेज़ एक मिनट्स के लिए भी नहीं रुके, मैंने इतना मनाया लेकिन आज मुझे यकीन हो गया था कि ये मुझे प्रेग्नेंट करके ही मानेंगे।
अगले बिस मिनट्स की चुदाई के बाद इन्होने मेरे अंदर अपना गर्म लावा जैसा वीर्य उड़ेल दिया और ठीक उसी समय मेरे अंदर का पानी भी निकल गया। मैं निढाल हो गयी और ये भी शांत होकर मेरे ऊपर मुझे अपनी बाहों में कस कर आराम करने लगे। कुछ देर बाद मैंने इनसे कहा कि मेरे ऊपर से हट जाएं लेकिन ये नहीं माने और मुझे बाहों में लेकर खड़े हो गए और फिर से मेरी चुदाई करने लगे वो भी खड़े खड़े। जलन के मारे मेरे मुँह से लगातार चीख निकल रही थी, मैं दर्द बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी और ये लगे पड़े थे मेरी चुदाई करने में।
अगले आधे घंटे बाद इन्होने एक बार फिर से मेरे अंदर अपना गर्म लावा भर दिए और मुझे बाहों में लेकर सो गए। मुझे यकीन था आज की रात मैं एक बार फिर से प्रेग्नेंट हो जाउंगी और मैंने इनसे कहा भी कि मैं वाशरूम से आती हूँ लेकिन ये नहीं माने और तीसरे राउंड के रेडी हो गए।
मेरा पूरा बदन टूट रहा था, बॉडी वीकनेस इतनी कि सांस लेने भर से थक जा रही थी और इन्हे मना करने के बावजूद ये नहीं माने और मुझे अगले आधे घंटे फिर से चोदे, घोड़ी बना कर तो कभी मेरे दोनों टांग फैलाकर। मैं दर्द से रो रही थी, लेकिन इनपर कोई असर नहीं हो रहा था, ऐसा लग रहा था मानो कोई ताकत की दवाई खाकर मेरी चुदाई कर रहे हों और फिर आखिरी बार जब इन्होने मेरे अंदर अपना लावा जैसा वीर्य उड़ेला, मेरा पानी फिर से निकल गया और मैं बेसुध हो कर कब बेहोश हो गयी, मैं नहीं जानती। अगली सुबह के चार बजे दरवाज़े पर नॉक हुई तो मेरी नींद खुली, मैं इनके ऊपर, इनका गांड में लिए सो रही थी और जब हमदोनो की नींद खुली तो मैंने इनसे कहा कि दरवाज़े पर कोई है।
मैंने चादर से अपना जिस्म ढँक लिया और ये दरवाज़ा खोलने चले गए। दरवाज़े पर विक्की थी, वो रो रही थी और उसने भी अपना बदन चादर से ओढ़ा हुआ था। दरवाज़ा खुलते ही विक्की मेरे पास दौड़ कर आयी और मुझसे लिपट कर रोने लगी। मैंने चंगेज़ को इशारे से बाहर जाने को कहा तो वे बाहर चले गए। पहले तो मैंने विक्की को चुप कराइ और फिर उससे पूछी, क्या हुआ विक्की, तुम इतनी सुबह यहाँ और तुम रो क्यों रही हो इतना! विक्की मेरे सवाल का कोई जवाब नहीं दे रही थी और लगातार रोये जा रही थी। मैंने विक्की को फिर से शांत करने की कोशिश की तो वो मुझे वाशरूम में चलने को बोली। मैंने पहले तो कमरे को अंदर से लॉक की और फिर विक्की को लेकर वाशरूम में आ गयी। मैंने विक्की से फिर से पूछा, क्या हुआ विक्की, तुम इतना रो क्यों रही हो और मुझे वाशरूम में लेकर क्यों आई हो। विक्की ने रोते रोते अपने बदन से वो चादर को हटा दी और मैंने देखा, विक्की के चेस्ट पर, गले पर, कमर पर, जाँघों पर सिकंदर के लव बाइट्स के निशान थे और विक्की की गांड पर खून लगा हुआ था। विक्की ने रोते हुए कहा, अमिता दीदी, प्लीज् मुझे इस दरिंदे के साथ नहीं रहना, ये मुझे जीते जी खा जायेगा, भूखे शेर की तरह मेरे साथ सेक्स करता है और मेरी हालत तो देखो दीदी। इतना सेक्स कौन करता है दीदी, ये तो मेरे गांड और लंड को चुत समझ कर बेतहाशा चोदे जाते हैं और मैं कितना भी रोऊँ, ये नहीं रुकते हैं। मैं ऐसी लाइफ नहीं जीना चाहती अमिता दीदी, मुझे यहाँ से निकालो दीदी, मैं जहर खाकर मर जाउंगी लेकिन अब दुबारा सिकंदर के कमरे में नहीं जाउंगी। मैंने कहा, चुप कर जा, इतना नहीं रोते, ये मर्द लोग होते ही ऐसे हैं। एक बार किसी लड़की को अपनी बाहों में लेते हैं तो रुकते ही नहीं। तुम अभी से इतना घबरा रही हो और मुझे देखो, मैं तो सालों से इन्हे झेल रही हूँ। और कल रात तो इन्होने मुझे रात भर चोदे, और मैं कुछ नहीं कर सकी। मुझे लगता है, मैं फिर से प्रेग्नेंट हो जाउंगी। देख विक्की, अब हमारे पति हमारे सबकुछ हैं, ये चाहे तो हमसे प्यार करें, चाहे तो रोमांस और चाहे तो हमें रात भर चोदें, हमें बस इनका कहा मानना है मेरी बहना, अब यही हमारी लाइफ है।
तू रोना बंद कर और आज तो तू हनीमून पर बैंकाक जाने वाली है ना अपने पति के साथ। विक्की बोली, हाँ दीदी, इनका क्लाइंट मीटिंग भी है वहां तो। मैं बोली, अच्छा है ना, तूझे भी बैंकाक घूमने का मौका मिल जायेगा। छह महीने के हनीमून के बाद तेरे हनी तुझे मून बना देंगे और ये सब दर्द उसके आगे कुछ भी नहीं है। मेरी बात सुनकर विक्की की आँखें भर आयी और वो बोली, दीदी मुझे औरत नहीं बनना, आपने कैसे अपना सेक्स चेंज करवा लिया, मुझे नहीं लगता कि मुझे ये सब हो पायेगा और सेक्स चेंज के बाद मेरी मर्दानगी की आखिरी निशानी मुझसे छीन ली जाएगी। मैं बोली, तेरी मर्दानगी की आखिरी निशानी तो ये लव बाइट्स हैं जो तेरे पति ने तुझे दिए हैं और वैसे भी, तू मर्द होकर भी एक मर्द की दुल्हन बन गयी तो अब तू सेक्स चेंज करवा लेगी तो क्या फ़र्क़ पद जायेगा। कम से कम तू अपनी लाइफ एन्जॉय तो कर सकेगी, माँ बनने का सुख तो भोग सकेगी और औरत होने का असली मतलब क्या होता है वो तो समझ सकोगी। मेरी बात सुनकर विक्की झेंप गयी और चादर लपेटे अपने कमरे में चली गयी।
थोड़ी देर बाद फ्रेश होकर तैयार होने के बाद जब मैं विक्की के कमरे में गयी तो मैंने देखा, विक्की को अपनी बाहो में उठाये सिकंदर उसके होंठों में अपने होंठ से चूमे जा रहा था। मैंने ऊहु उह्हू किया तो दोनों ने मेरी और देखा और सिकंदर विक्की को गोद से उतारकर कमरे से बाहर चला गया। शायद विक्की नहाकर ही बाहर आयी थी तो मैंने उसे साड़ी में तैयार किया और सास के पास ले गयी। मैंने और विक्की ने अपनी सास के पैरों को छूकर उनका आशीर्वाद लिया और फिर किचन में खाना पकाने में बिजी हो गयी। दोपहर में सिकंदर विक्की को अपने साथ बैंकाक ले जाने वाला था तो पैकिंग की जिम्मेदारी भी मेरे ही कन्धों पर थी। ग्यारह बजते बजते काम ख़त्म करके विक्की के कपडे पैक करने में हेल्प करने उसके कमरे में चली गयी। थोड़ी देर बाद सिकंदर भी अपना बैग पैक कर के रेडी हो गया और जब उसने देखा कि मैंने इतनी सारी साड़ियां और जेवर पैक किये थे तो उसने मुझसे कहा, भाभी, बैंकॉक में कौन लड़की साड़ी पहनती है, आप ना विक्की के लिए सूट्स और कुछ साड़ी पैक कर दो, मैं वहां इसे और कपडे और जेवर दिलवा दूंगा। फिर मैंने सिकंदर के कहे अनुसार विक्की का बैग पैक कर दिया और विक्की चुपचाप खड़ी सबकुछ देखती रह गयी। थोड़ी देर बाद सिकंदर विक्की को अपने साथ लेकर बैंकाक की ओर रवाना हुआ और चंगेज़ उनदोनो को एयरपोर्ट ड्राप करने चले गए। दो घंटे बाद चंगेज़ सिकंदर और विक्की को ड्राप करके घर आ गए। घर आने के बाद चंगेज़ अम्मी के साथ बैठकर बातें करने लगे और मैं फिर से किचन में दोनों के लिए चाय बनाने आ गयी। मेरी बेटी अपनी दादी और पापा के साथ हॉल में खेल रही थी। जब मैं चाय सर्व करने कमरे में आयी तो मैं सुनी की दोनों बच्चे के लिए आपस में बातें कर रहे थे। अपनी सास को जब मैंने चाय सर्व की तो वो मुझसे बोली, बहु, अब तू भी और बच्चे के लिए कुछ सोच, एक बेटी है तो दो चार बेटे हो जाएं तो मैं भी पोते पोतियों का सुख भोग लुंगी, ना जाने कितने दिन और बचे हैं मेरे अब तो मेरी ख्वाहिश पूरी कर दे। मेरी सास की बात सुनकर मैं शरमा गयी और अपने कमरे में चली गयी। पीछे पीछे मेरे शौहर भी कमरे में आ गए और मुझे बाहों में लेकर बोले, अमिता, मेरी रानी अम्मी सही कह रही है, अब हमें और बच्चे कर लेने चाहिए, मुझे तो पुरे पांच लड़के चाहिए और मुझे पूरा यकीन है कि इस बार तुम्हारे कोख से लड़का ही पैदा होगा। इनकी बातें सुनकर मैं शरम से पानी पानी हो गयी, एक समय था जब मैं एक मर्द थी, अपनी होने वाली पत्नी और बच्चों के बारे में सोचती थी और एक आज का दिन है जब मैं खुद एक मर्द की पत्नी बनकर उसके बच्चों को जन्म देने के बारे में सोचना पड़ रहा है। मैं शरमाने लगी तो इन्होने मुझे अपनी बाहों में समेटकर मेरे साथ रोमांस करने लगे। मैंने इनसे कहा, अभी रात को ही तो आपने मेरे साथ हार्डकोर सेक्स किया था और शुरू हो गए आप। मैं कोई मशीन थोड़े ना हूँ, छोड़िये ना कोई देख लेगा। ये बोले, तुम तो मेरे लिए मशीन ही हो जिससे मैं बहुत प्यार करता हूँ और मेरे पांच बेटे की होने वाली माँ, अब तो मैं नहीं रुकने वाला। इससे पहले मैं कुछ कहती ये शुरू हो गए और मुझे नंगी कर के वाशरूम में ले गए और बाथटब में लिटाकर शाम तक हार्डकोर सेक्स किये
और वो भी तबतक, जबतक मैं बेहोश ना हो गयी। जब मेरी नींद खुली तो मैंने देखा, मैं कमरे के बिस्तर पर औंधे मुँह पड़ी हूँ और मेरे ऊपर एक सफ़ेद चादर रखा था। दरवाज़ा खुला देख मैंने चादर से अपने बदन को ढंककर कमरे के दरवाज़े पर गयी उसे अंदर से लॉक कर ली और साड़ी पहनकर तैयार हुई। चौबीस घंटे घूँघट में कामकाज करते कब शाम हो जाती इसका पता चलता भी नहीं और आज तो शाम के सात बज चूका था और मैं कमरे में ही थी। अभी मैं सोच ही रही थी कि मेरी सास की आवाज़ आयी, अरी ओ महारानी, कमरे में ही पड़े रहोगी या खाने को कुछ बनाओगी। मेरी सास बड़े ही गुस्से में थी और उनकी बात सुनकर मुझे भी गुस्सा आ रहा था, अपने बेटे को तो हैवान बना रखी हैं और मैं जो घर के सारे काम करती हूँ, उसे हमेशा डांटती रहती हैं। घूँघट करके जब मैं किचन में गयी तो देखा मेरी सास वही चाय बना रही थीं तो मैं उनसे बोली, आप आराम कीजिये, मैं चाय बना देती हूँ। इतने में मेरी सास बोली, करमजली, ये कौन सा समय है आराम फरमाने का और मुझे एक चांटा रसीद कर दीं और किचन से बाहर चली गयीं और मैं बहुत रोई लेकिन चाय सर्व करने के बाद किचन में आयी और सबके लिए खाना पकाई। एहि लाइफ रह गयी है मेरी, ना टीवी देख सकती हूँ और ना ही मोबाइल यूज़ कर सकती हूँ और मेरी सास दिन भर टीवी और मोबाइल में लगी रहती हैं और मुझे ताना मारने का एक भी मौका नहीं छोड़तीं। इधर थोड़े देर बाद सिकंदर ने कॉल किया और कन्फर्म किया कि वो और विक्की अब बैंकाक पहुंच चुके हैं और होटल में चेकइन भी कर चुके हैं। इधर मेरी सास और पति को डिनर करवाने के बाद अपनी बेटी को अपना दूध पिलाकर सुला दी और उसे सास के कमरे में सुला कर अपने कमरे में आ गयी। मेरी बेटी अब बड़ी होने लगी थी और वो बिलकुल देखने में मेरे जैसी लेकिन हरकतें अपने बाप की तरह शैतानियों में पूरा दिन निकलता उसका और मेरी सास उसके साथ खूब खेलती और खुश रहतीं। विक्की और सिकंदर के बैंकाक जाने के कुछ हफ़्तों में चंगेज़ ने मेरे साथ जी भर के सेक्स किया, सुबह शाम रात दिन सिर्फ सेक्स और कुछ भी नहीं दीखता उनको।
दर्द और कमज़ोरी से मेरा पूरा बदन टूटता लेकिन इनपे कोई असर नहीं होता इन सब का। मैंने इन्हे कई दफा रोका भी लेकिन ये जब शुरू हो जाते हैं तब मेरे रोके नहीं रुकते। एक महीना पूरा हुए चार दिन गुज़र चुके थे, मेरे पीरियड्स इस महीने नहीं आये तो मैं घबराने लगी। एक दिन अचानक मुझे मिचली आयी और मुझे खट्टा खाने का फिर से मन करने लगा। मैं कन्फर्म थी कि मैं अब एक बार फिर से प्रग्नेंट थी लेकिन एक दिन मैं इसी हालत में काम करते करते किचन में बेहोश होकर गिर गयी तो मेरी सास ने डॉक्टर को बुलवा लिया और चंगेज़ मुझे अपनी बाहों में उठाकर कमरे में ले आये। डॉक्टर आयी, मेरा चेकअप किया और मुझसे बोली, बधाई हो, तुम गर्भवती हो अमिता, बहुत जल्द तुम चंगेज़ के दूसरे बच्चे की माँ बनने वाली हो। मुझे तो ये सब पता ही थी लेकिन अब कन्फर्म हो चूका था कि मैं प्रेग्नेंट हूँ। मैंने उन्हें थैंक्स कहा तो मेरी सास ने डॉक्टर को मिठाई खाने के पैसे फीस देकर उन्हें विदा किया। इधर मेरे प्रेग्नेंसी के बारे में सुनकर मेरी माँ, चाचा और चाची ने मेरे पति को बधाई दी और उन्होंने सबसे मेरी बात करवाई।
मैं इमोशनल होकर रोने लगी तो मेरी माँ ने मेरे पति से कहा कि गर्भावस्था के दौरान वो मुझे घर ले आएं लेकिन वो नहीं माने और बोले कि वो मेरा ख्याल रख लेंगे। अगले ही दिन घर में एक काम वाली रख लिए जो खाना भी पकाती और मेरा ख्याल भी रखती। उस दिन बैंकाक से विक्की ने सिकंदर के फ़ोन से मेरे शौहर के फ़ोन पर कॉल की। वो तो अम्मी के साथ बाहर बैठे थे तो मैंने कॉल पिक कर लिया। उधर से विक्की के रोने की आवाज़ सुनकर मैं डर गयी और मैं हेलो हेलो करने लगी। फिर उधर से विक्की की आवाज़ आई, दीदी, मैं लड़की नहीं बनना चाहती, प्लीज्! मैंने राहत की सांस ली और बोली, विक्की देख तेरे शौहर से इस बारे में जो बात करनी है कर लेकिन मैं इन सब में तेरी कोई मदद नहीं कर सकती। आखिर तेरा शौहर भी तो इंसान ही है, कब तक वो तेरी गांड से काम चलाता रहेगा! उसे भी बाप बनने का पूरा हक़ है और उसे तुझसे ही बच्चों की उम्मीद है। तू एक मर्द से शादी कर चुकी, उसके साथ सुहागरात मना चुकी, उसके नाम का मंगलसूत्र तेरे गले में रहता है, उसके नाम का सिंदूर तेरी मांग सजाता है और सबसे बड़ी बात, सिकंदर तुझसे बहुत प्यार करता है। उसके लिए तू लड़की बन जाएगी तो वो भी अपनी हसरतों को पूरा कर सकेगा। विक्की बोली, दीदी, ये सब ठीक है लेकिन औरत बनने के बाद वो मुझे अपने बच्चों की अम्मी बनाने पर जोर देंगे और वो अभी अभी यही बोलकर बाहर गए हैं। मेरे शौहर को बच्चा चाहिए मेरी कोख से। मैं भला बच्चे कैसे पैदा कर सकती हूँ दीदी, नहीं नहीं दीदी, ये सब मुझसे नहीं होगा। मैं बोली, देख विक्की, तेरी तरह मैं भी तो कभी एक लड़का थी ना, लेकिन आज मैं अपने शौहर के दूसरे बच्चे को अपनी कोख में पाल रही हूँ। तू भी सब कर लेगी, टेंशन ना ले और जल्दी से लड़की बनकर वापिस आजा घर। विक्की बोली, लेकिन दीदी, मैं लड़की बन गयी तो मुझे भी आपकी तरह बच्चे पैदा करने पड़ेंगे और मैं ये सब नहीं चाहती। मैंने विक्की को समझाया, शादी के बाद तो तेरे पति की उम्मीद होगी ना बच्चे करने की। वो भी चाहता होगा कि वो तुझे अपने बच्चों की अम्मी बनाये इसमें गलत क्या है। कोई भी शौहर अपनी पत्नी से यही चाहता है। अब बचपना छोड़ और अपने बच्चों के बारे में सोचना शुरू कर। जल्दी से सेक्स चेंज करवा कर पूरी तरह से औरत बन जा, और नखरे कम किया कर समझी, चल वो आ रहे हैं मैं कॉल काट रही हूँ। और फिर मैंने कॉल डिसकनेक्ट कर दिया। इधर मेरे शौहर कमरे में आ गए तो आते ही मेरे पास आकर बैठ गए और पहले तो मेरे साथ रोमांस किये और फिर सेक्स करने को कहने लगे। मैंने उनको समझाया कि अभी सेक्स करना बच्चे के लिए अच्छा नहीं तो वे मुँह फुलाकर कमरे के बाहर चले गए। उनके जाने के बाद मैं रेस्ट करने लगी और उधर विक्की को सेक्स चेंज ऑपरेशन के लिए सिकंदर हॉस्पिटल में एडमिट करके घर पर अम्मी को सूचित कर दिए।
तब मैंने विक्की से कहा कि पैंटी पहनने से मुझे बहुत अच्छा लगता है और पैंटी की फीलिंग मुझे बहुत अच्छी लगती है और मैं ज्यादा कॉन्फिडेंट फील करता हूं। विक्की मेरी बाते सुनकर हंसने लगा और कहने लगा, बहुत अच्छा अमिता दीदी अब तुम आगे देखना मैं क्या करता हूं, तुम्हे मैं एकदम खुश कर दूंगा। मैं हैरान हो गया और सोचने लगा ये क्या बोल रहा है, पर मैंने उसकी पढाई पर ज्यादा ध्यान देना सही समझा। मैंने विक्की को पढ़ने के लिए कहा। फिर अगले दिन विक्की मुझे बाजार ले गया और एक ब्यूटी पार्लर में ले जाकर मेरी पूरी बॉडी लेजर वैक्सिंग करवा दी। मैने उसे मना भी किया पर विक्की मेरी एक नहीं माना और लास्ट में मुझे पूरी वैक्सिंग कारवानी पड़ी। फिर उसे ब्यूटी पार्लर वाली से मेरे आइब्रो थ्रेडिंग करवाई और बिलकुल लड़कियों की जैसी बनवा दी और मेरे दोनो कानो में छेद करवा दिया और मेरे कानो में इयर स्टड भी पहनने को कहा। मुझे विक्की पर बहुत तेज़ गुसा आया और उसे थप्पड़ मारने का भी मन किया। लेकिन मैंने उसे अपना छोटा भाई समझकर माफ कर दिया और उससे कुछ नहीं कहा, वो काफ़ी ख़ुश था मुझे ऐसे देख कर। इसीलिए मैं भी उसके ख़ुशी में ही ख़ुश हो गया और उल्टा उसे मैंने थैंक यू कहा। वो हंसने लगा और कहा, अमिता अभी तू तुझे स्टड सिर्फ शुरुआत है, पर बहुत जल्द मैं तुझे झुमके और बालियां लाकर भी दूंगा, जिससे तू और भी खूबसूरत लगोगी!
अब मुझे खुद को सजने संवारने में मजा आने लगा था, मैं एक दिन अपने हाथों और पैरों के नाखूनों में नेल पॉलिश लगा ली और चेहरा का मेकअप किया और ग्लॉसी लिपस्टिक लगा ली। सबने मुझे ऐसे करते देखा और कहने लगे सुन,अमिता के लिए एक अच्छा सा लड़का देख इसकी शादी कारवानी पड़ेगी। ये सुनकर मैं शरमा गया और फिर कुछ दिन बाद मैंने विक्की से कहा कि वो मुझे किसी और ब्यूटी पार्लर ले चले। वो मुझे अपनी बाइक पर बिठाकर ब्यूटी पार्लर ले आया। विक्की ने पार्लर वाली से कहकर जबरदस्ती मेरा नाक छिदवा दिया, बहुत दर्द हुआ मुझे और मैं बहुत रोया। लेकिन फिर पारलर वाली ने एक सुंदर सी सोने की नाक की रिंग पहना दी, जो विक्की मेरे लिए लाया था। मैं अपना दर्द भूलकर अपनी खूबसूरती निहारने लगा। फिर मैंने अपना फेशियल करवाया और लड़कियों की तरह मेकअप भी करवा लिया। फिर मैंने पेडीक्योर और मैनीक्योर भी करवाया, ये सब देख कर विक्की बोला, अमिता अब तो तू मान ले की तू खुद एक लड़की बन गई है। मैंने विक्की से कहा कि आज से मैं खुद लड़कियों की तरह ही व्यवहार करूंगी और अपने लिए स्त्रीलिंग वे का ही उपयोग करुँगी। फिर हम डॉक्टर के पास गए, उसने मेरा पूरा बॉडी चेक अप किया और कहा कि आज से ठीक 1 महीने बाद मेरा एसआरएस सर्जरी की जाएगी और तब जाकर मैं संपूर्ण औरत बन पाऊँगी। जोश जोश में मैंने डॉक्टर की बात तो मान ली लेकिन मैं क्या करने जा रही थी मुझे इसका जरा भी अंदाज़ा नहीं था। मैंने ये बात सब घर वालों को बतायी तो सब खुश हो गए, किसी ने मुझे ऐसा करने से नहीं रोका और सब उस दिन का इंतजार करने लगे। तभी मेरी मां ने सबके सामने मेरे हाथों में 16-16 हरी हरी कांच की चूड़ियां और दो सोने के कंगन, गले में एक सुंदर सा सोने का हार और नाक में बड़ा सा भारी सा नथिया भी पहना दी और मेरी नजर उठा दी तो मैं शर्माने लगी। फिर मैंने अपने मां के पांव छूए, चाची के भी पांव छुए और चाचा के पांव छुए और घर के काम में लग गई। अब मैं 24/7 लड़कियों के कपड़े पहनने वाली लड़की की तरह ही रहने लगी थी, नाक में हमेश नथिया पहनती, फिर मेरा जन्मदिन आया तो सब ने मुझे हैप्पी बर्थडे विश किया। विक्की उस दिन मेरे लिए एक सुंदर सी सिल्क की साड़ी ले आया और मुझसे कहने लगा कि मैं आज ये साड़ी पहनूं। मैंने कहा, साड़ी के लिए मेरे पास कोई ब्लाउज नहीं है उसने कहा कि कोई टेंशन नहीं है। उसने बाजार से एक रेडीमेड गोल्डन बैकलेस ब्लाउज ले आया। फिर क्या, मुझे वो साड़ी पहननी पड़ी और मैं उसमे काफ़ी सुंदर भी लग रही थी। सब ने मेरा जन्मदिन मनाया ख़ूब धूम धाम से। मेरे इस जन्मदिन में विक्की की जीएफ करिश्मा भी आई थी। मुझे साड़ी में देख कर वो भी बहुत खुश हुई और मुझसे बोली कि दीदी आप बहुत हॉट लग रही हैं और आपकी बैकलेस चोली से आपकी गोरी पीठ को देखकर ना जाने कितने जवान मर्दों का मन मचल रहा होगा। मैंने करिश्मा से कहा, चल झूठी और फिर मैने उसे धन्यवाद कहा और पार्टी एन्जॉय करने के लिए कहा। करिश्मा मेरे लिए ब्राइडल चूड़ियां और कंगन का सेट लेकर आई थी जिसमे लाल सफ़ेद और गोल्डन रंग की चूड़ियों का सेट बना हुआ था। करिश्मा मुझे उन सेट को पहनने को फाॅर्स करने लगी तो मैंने उस ब्राइडल चूड़े के सेट को उसके सामने ही अपने कलाइयों में पहन ली। फिर हम सभी ने एक साथ डिनर किया और उसके बाद करिश्मा को लेकर विक्की उसे घर ड्राप करने चला गया।
बर्थडे पर साड़ी पहनने के बाद मैंने कुछ ही दिनों में अपने लिए कई साड़ियाँ खरीद ली और मैचिंग ब्लाउज भी सिल्वा लिए थे, वो भी कम्पलीट बैकलेस और स्लीवलेस। अब मैं भी घर पर हमेशा साड़ियाँ ही पहनने लगी थी। फिर कुछ दिन ऐसे ही गुजर गए और अब मेरा एसआरएस सर्जरी का टाइम भी आ गया था। विक्की मुझे डॉक्टर के पास ले गया और डॉक्टर ने मेरा चेकअप करके हॉस्पिटल में एडमिट कर लिया। फिर 7 दिन तक मेरा एसआरएस ऑपरेशन और बाकी के छोटे छोटे ऑपरेशन होते रहे। जैसे की वोकल कॉर्ड का ऑपरेशन (जिससे पुरुष की आवाज़ को महिला आवाज़ में बदल दिया जाता है), नोज़ अपलिफ्टिंग (जिससे नाक को थोड़ा ऊँचा और छोटा कर दिया जाता है), चेस्ट का उपचार, मांसपेशियों का संतुलन, आदि…। फिर करीब १० दिन के बाद डॉक्टर ने मुझे घर जाने की अनुमति दे दी थी। अब मैं संपूर्ण १००% औरत बन गई थी अपनी खुद की योनि के साथ और डॉक्टर ने ये भी कहा कि लेटेस्ट तकनीक के सहारे मेरे अंदर और फैलोपियन ट्यूब और गर्भाशय को सेट कर दिया गया है, जिसमे की अंडे फर्टिलाइज होते हैं और लड़कियों की तरह हर महीने पीरियड्स आने लगेंगे।
डॉक्टर ने बताया कि अब मुझे भी हर महिने नॉर्मल पीरियड्स होने लगेंगे। मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि मैं सही किया या गलत लेकिन मैं बहुत खुश थी क्यूंकि मैं हमेशा से औरत बनकर ज्यादा खुश रहती थी और कभी कभी मन करता था कि किसी की बीवी और मां भी बन जाऊँ। अब डॉक्टर्स अनुसार मैं गर्भवती होने में सक्षम थी और बचे हुए महीने में मुझे कोई समस्या नहीं थी। डॉक्टर ने मेरी चाची को एक डिल्डो दे दिया और कहा की इस डिलडो से मेरी योनि में रोज 30 मिनट दिन में 3 बार अंदर बाहर अगले 3 महिने तक करना पड़ेगा, जिससे कि मेरी योनि थोड़ी ढीली हो जाएगी और अपने पोजीशन पर बिलकुल सेट हो जाएगी और फिर मुझे सेक्स करने कोई समस्या नहीं होगी। चाची समझ गई और फिर हम घर वापिस आ गए। अगले तीन महीनों के लिए मुझे चाची के कमरे में शिफ्ट किया गया। मेरा ऑपरेशन हुआ था, तो डॉक्टर ने 7 दिन ले मुझे बिलकुल बेड रेस्ट के लिए कहा था। तभी चाची मेरा ख्याल रखती थी। मेरे कपड़े उतारकर कर मेरे वजाइना में डिल्डो अंदर बाहर करती, ठीक वैसे ही जैसा कि डॉक्टर ने बोला था। फिर मुझे नहलाती और फिर मुझे साड़ी पहनाती और मेरा मेकअप करके मुझे तैयार भी करती है। 7 दिन तक मैं चाची के साथ ही रही रात में चाची मुझे सिर्फ एक पतली सी नाईटी पहना देती और वो भी बिना ब्रा और पैंटी के। मैं रात भर चाची के साथ बिस्तर में सो जाती थी। क्यूंकि नींद में नाइटी तो अपने आप मेरे बदन से हट जया करती थी और चाची ये सब देखकर हंसती थी। और कहती थी, जो भी मुझसे शादी करेगा, वो बहुत खुश रहेगा। क्यूंकि उसे मेरे कपडे उतारने की तकलीफ नहीं उठानी पड़ेगी क्यूंकि, मैं तो खुद अपने कपड़े उतार देती हूं और आसनी से नंगी भी हो जाती हूं। ये सब सुनकर मैं पानी पानी हो गयी और चाची से कहा कि मुझे शादी नहीं करनी और किसी मर्द से तो बिलकुल भी नहीं, क्योंकी मैं खुद एक मर्द हूं। तब चाची ने कहा, चल पगली, तू पहले मर्द थी, पर अब तू एक औरत है। और सब औरतों को तो एक ना एक दिन अपना मायका छोडकर, सास ससुर और पति की सेवा करनी पड़ती है। वो जैसे भी चाहे रहना होगा। चाची की बात सुनकर मैं रोने लगी और चाची से कहने लगी कि चाची मुझे यही रहना है, आप लोगों के साथ। मुझे कहीं नहीं जाना, फिर चाची ने मुझे गले से लगा लिया लिया और कहने लगी कि ये विधि का विधान है बेटी। कहां तो तेरे लिए सुंदर सी बहू लाने का सोचते थे और पोते पोती के सपने देखते थे। और अब तो तुझे ही दुल्हन की बनाकर, तुझे सजा धज़ा कर तेरे नाक में सोने की नथिया, गले में हार और कानों में झुमकी पहनाकर, लाल जोडे में दुल्हन की तरह सजा कर, किसी गैर मर्द के यहां बहू बनाकर भेजा जाएगा, फिर वही तेरा घर होगा। अब बच्चों का बाप बनने की जगह अपने पति के बच्चों को अपने गर्भ में पालेगी और उन्हें जन्म देकर उनकी माँ बनेगी तू। अब बचाओ के बाप की जग की माँ बनने तू। फिर मैं चाची से लिपट कर बहुत रोई और रोते रोते सो गयी।
आधी रात को जब सब सो गए तब चाची ने मेरी योनि में डिलडो अंदर बाहर करने लगी तो मैं भी जोर जोर से आह उह्ह्ह की आवाज़ निकालने लगी। मेरी आह उह्ह सुनकर चाची बोली, हाय रे मेरी प्यारी बेटी, इतना भी जोर से मत चिल्ला कि पडोसी भी सुन तेरी सिसकारियां सुनकर सुबह शिकायत करने आ जाएं। तू और तेरी ऊह-आह की आवाज़ें, जब सुहागरात में तुझे तेरा पति तुझे चोदेगा तो भी क्या तू ऐसी ही सिस्कियां लेगी। मैं कहा हां और मैं शर्मा गई। और फिर मैं सो गयी। सुबह चाची ने मुझे फिर से नहलाकर तैयार कर दिया। 7 दिन के बाद मैं ठीक हो गई थी, चलने में भी अब दिक्कत नहीं होती तो फिर मैं अपने कमरे में गई और खुद डिल्डो करने लगी थी। फिर 3-4 महीने ऐसे ही गुजर गए थे, सब कुछ नॉर्मल चल रहा था। मैं और माँ सुबह बुटीक जाते थे, विक्की अपना कॉलेज और फिर वहां से पार्ट टाइम पर जॉब पर। चाचा आपने दुकान पर और चाची घर संभालती थी। सब नॉर्मल रूटीन लाइफ चल रही थी हमारी, सिर्फ इतना फ़र्क था की अब मैं पूरी तरह से औरत बन गई थी और सब मेरे पास्ट को जैसे भूल ही गए थे। घर में किसी को याद ही नहीं था कि एक लडका था। लेकिन मुझे कभी ऐसा लगता था कि अगर मैं अपने भावनाओं को कंट्रोल कर लेती और औरत न बनती तो मैं इस घर का बेटा होती और मुझे मेरे ही घर से नहीं जाना होता। लेकिन आज मेरे मन में सिर्फ एक ही डर घर कर बैठा था कि मुझे भी दुल्हन बनकर पराये घर में बहु बनकर जाना होगा।
खैर तीन महीने और गुज़र गए, कुछ भी चेंज नहीं हुआ। मैं हमेशा की तरह अपनी माँ के साथ बुटीक चली गयी थी और चाची घर के काम में व्यस्त थी। फिर एक दिन, मेरे चाचा दूकान से जल्दी घर आ गए और मुझे और मेरी मां को बुटीक से जल्दी घर बुला लिया। मैं भी मां के साथ बुटीक से घर आ गयी, घर आते ही मैंने सबके लिए चाय बनायी और सबको चाय सर्व की। फिर चाचा ने मेरी माँ को मेरे रिश्ते के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि पास के गांव के ठेकेदार के घर से रिश्ता आया है। वो लोग पठान है और चाचा के दोस्त भी। चाचा ने जब अपने दोस्त को मेरी फोटो दिखाई तो वो मेरी फोटो देखते ही मुझे अपनी बहु बनाने के लिए राज़ी हो गए। मेरी माँ ने मेरी तरफ देखा और मैं शर्मा गई और वहां से अपने कमरे पर चली आई। फिर माँ, चाचा और चाची आपस में मेरी शादी की बात करने लगे। लड़के वाले पठान मुस्लिम कूल के थे, पर चाचा ने मां को समझा लिया कि आज कल जात-पात नहीं देखना चाहिए, और उनका घराना तो नवाब घराना था, हमारी अमिता वहां बहू बनकर जाएगी तो राज करेगी। माँ ने मेरी ख़ुशी और अच्छे भविष्य के बारे में सोचकर चाचा को हाँ कर दी। फिर चाचा ने लड़के वालों को मुझे दिखाने के लिए अगले रविवार का समय भी दे दिया। ये सब सुनकर मैं एकबार तो दुखी हुई। उस दिन चाची ने मुझे हरे रंग की साटन साड़ी में बैकलेस ब्लाउज और डार्क मेकअप करके रेडी की। मेरी कलाइयों में सोने के कंगन और लाह के कंगन सेट, गले में हैवी गहने, बड़े बड़े झुमके और पैरों हैवी चांदी की पायल पहनाने के बाद मेरे नाक में सोने की लौंग पहना दी। और आखिर में माथे पर एक ग्रीन और रेड कलर की बड़ी से बिंदी भी लगा दी थी। फिर घूंघट कर के मैं सबके सामने चाय की ट्रे लेकर आई।
तब मुझे मेरी होने वाली सास ने मुझे अपने साथ बैठाया और मेरा घूंघट हटा कर मेरा चेहरा देखने लगी। फिर मुझसे बोली, तू तो बड़ी सुंदर है! तेरा क्या नाम है लड़की? मैं बोली, मेरा नाम अमिता है फिर उन्होन मेरे ठुड्डी पर हाथ रख मेरा सर उठाते हुए कहा,क्यों री, मेरे बेटे की दुल्हन बनेगी क्या? मैं शर्मा गई और मैंने अपना सर शर्म से झुका लिया। फिर क्या था, सब कहने लगे, लड़की शरमा गयी और सभी हसने लग गए। फिर थोड़ी देर बाद मैंने चंगेज़ को देखा, वो काफ़ी लंबा था। करीब 6.5 फीट का तगड़ा बदन, चौड़ी छाती, घने दाढ़ी मूछें, बाल बिलकुल घने और काले और सही ढंग से बने हुए। वो एक सफारी सूट में था, हाथों में बहुत ही महंगी सोने की घडी लग रही थी और उसकी आंखें बहुत बड़ी बड़ी थी और चेहरा बिलकुल राजकुमारों जैसा था। मैंने जब इतने करीब से उनको देखा तो मैं बहुत ज्यादा शर्मा रही थी। फिर चंगेज़ ने मुझसे कई सवाल पूछा, मुझे ज्यादा आता था मैंने बताया दिया। फिर मेरा और चंगेज़ का सगाई करवा दिया गया, उसने मुझे सगाई की रिंग पहना दी। फिर मेरी मां ने भी मुझे रिंग दी, जो मैंने चंगेज़ की रिंग फिंगर में पहनाई। फिर मेरी सासु माँ ने मेरे नाक की लौंग निकाल दी और अपना एक बड़ा सा खानदानी नथिया मेरे नाक में पहना दी और मेरे दोनों हाथों में खानदानी सोने के बड़े बड़े कंगन पहना दी। मेरी सगाई हो चुकी थी और मेरी शादी दो महीने बाद की तय कर दी गयी। सगाई के बाद घर से जाते समय मेरी सास मुझसे बोली, सुन लड़की, तुम अब हमारे खानदान की बहु बनने जा रही है तो धीरे धीरे मुस्लिम तौरतरीके सीख ले। तेरी नाक में जो खानदानी नथिया मैंने पहनाई है, उसे उतारना मत और ना ही कंगन उतारना। ये अब तुझे हमारे खानदान की बहु बनने का रुतबा मिलने वाला है और अब से तुझे हमारे खानदान की मान मर्यादा का खास ख्याल रखना है, समझी तू ? मैंने अपनी सास से हां कहा और वो मुझे आशीर्वाद देकर वहां से चली गयीं।
अब मैं मिस अमिता खन्ना से मिसेज़ अमिता खान बनने वाली थी, दो महीने तक मेरी शादी की तयारी चलती रही और फिर वो दिन आ गया। मैंने मां से कहा, मां मैं शादी नहीं कर सकती, क्योंकी मेरा मन अब भी एक मर्द का है। मैं मानती हूं की मेरा शरीर एक औरत का है पर, मेरा मन अब भी एक मर्द का है। तब मां को गुस्सा आ गया और वो बोली, अब क्या बोल रही है, जब तेरी सगाई हुई थी तब तू बड़ी खुश थी और खुशी खुशी चंगेज़ को अपना पति मान लिया था। और 2 महिनो में तूने तो अपने लिए काफी शॉपिंग भी की है। इसी दिन के लिए ही तो तेरी सास ने तेरे लिए इतने हैवी जेवर भिजवायीं थी, अपना एक बड़ा सा खानदानी नथिया पहनाया था न तेरी सास ने तेरी नाक में, देख अमिता, अब सुन कुछ नहीं हो सकता, तुझे तो ये शादी करनी ही होगी, किसी भी हाल में और वैसा भी चंगेज क्या तुझे अब छोड़ देगा? और तेरे इन रसीले होंठों को क्या चूमे बिना मान जायेगा? और क्या, वो अब तेरे बड़े बड़े बूब्स को चुसे बिना मान जाएगा, या फिर तुझे चोदे बिना मान जाएगा। देख अमिता, वैसे भी सगाई वाले दिन भी उसकी नज़रें सिर्फ तेरे बूब्स पर ही थी और अब तो मैं भी कुछ नहीं कर सकती। चंगेज़ ने तो तुझे अपने सपनो में ना जाने कई बार चोद भी दिया होगा। अब कुछ नहीं हो सकता है, तू रोना बंद कर और अपनी शादी पर फोकस कर।
मेरी माँ मेरे बारे में ऐसा कैसे कह सकती थी, माँ के कहने पर मुझे बहुत बुरा लगा लेकिन फिर मैंने अपना ख्याल रखा और अपनी शादी की तैयारी करने लगी। मुझे बहुत कमजोरी महसूस हो रही थी, मेरा शरीर मेरे वश में नहीं था, मेरा मन इतना भावुक हो रहा था कि मैं बार-बार रो रहा था। फिर मेरी माँ बोली, चल अब तू ये तेरा नाटक बंद कर और तयार हो जा, तेरी बारात आने वाली ही है। फिर मां ने और चाची ने मिलकर मुझे तैयर किया, मैं बहुत ज्यादा, खूबसूरत लग रही थी। दुल्हन के लाल जोड़े में हैवी महारानी स्टाइल लहँगा, बैकलेस चोली, हाथों में कुहनी तक और पैरों में घुटने तक मेहँदी और रेड नेल पोलिश मेरी खूबसूरती में चार चाँद लगा रहीं थी। नाक में सास का दिया हैवी नथिया जो इतना बड़ा था कि मेरे एक तरफ के पुरे चेहरे को ढँक दिया था। मेरे हाथों में सुहाग का चूड़ा, कलीरे और हाथफूल पहनाया गया था और और पैरों में हैवी चाँदी की पायल भी थी। मेरे बूब्स का उभार मेरी चोली के बाहर साफ़ झलक रहा था और हाई हील्स पहनकर इतना हैवी पहनकर चलना और बैलेंस करने काफी मुश्किल था मेरे लिए। चंगेज़ की माँ तो चाहती थी कि हमारी शादी मुस्लिम तौर तरीके से हो लेकिन मेरे चाचा और मेरी माँ ने उनसे कहा कि हिन्दू तौर तरीके से शादी होगी, उसके बाद वे चाहें तो फिर से मुस्लिम तौर तरीके से शादी करवा दें, उन्हें कोई ऐतराज़ नहीं। फिर चंगेज़ की फॅमिली मान गयी और मेरी शादी हिन्दू तौर तरीके से की गयी। थोड़ी देर में मेरे होने वाले पति बारात लेकर मेरे घर आ गए थे, फिर पंडितजी ने मुझे मंडप पर बुलाया। वहां चंगेज़ पहले से ही शेरवानी पहने बैठा था। मैं उसे देखकर शरमा भी रही थी और थोड़ा डर लगा रहा था ये सोच कि पता नहीं आज रात को ये मेरे साथ क्या करने वाला है। पंडित जी मात्र पढ़ रहे थे और मैं ये सोच रही थी कि सुहागरात में मेरे साथ क्या करेगा चंगेज़। मुझे बहुत घबराहट हो रही थी कि चंगेज़ का लंड कितना मोटा और बड़ा होगा, ये सब करुँगी। इधर चंगेज़ ने मुट्ठी से मेरी मांग में सिन्दूर भरा, मेरे गले में सोने का मंगलसूत्र पहनाया और मुझे सबके सामने गोद में उठाकर सात फेरे लिए। मुझे बड़ी शर्मिंदगी हुई और फिर पंडितजी ने हमारी शादी करवा दी। अब मैंने चंगेज़ की पत्नी बन चुकी थी और थोफडी ही देर में विदाई का समय भी आ गया। मेरे कुछ दोस्तों को भी मेरी माँ और चाचा ने शादी में इन्वाइट किया था। मेरे बीकॉम वाले दोस्तों ने जब मुझे दुल्हन की लिबास में देखा तो वे मुझसे ये जानने की कोशिश करने लगे कि मैं मर्द से औरत कैसे बन सोचकर एक मर्द के साथ शादी करने का फैसला कर लिया मैंने। मैंने उनसे कहा कि जो भी हुआ जल्दीबाज़ी में हुआ। फिर मेरे कुछ और दोस्त जब मुझे गिफ्ट देने आये तो उन्होंने मुझसे कहा कि मेरा दूल्हा चंगेज़ तो काफी लम्बा और बॉडीबिल्डर टाइप है, सुहागरात में तो वो पलंगतोड़ सेक्स करेगा मेरे साथ। मैं काफी शर्मिंदा थी, लेकिन अब कुछ नहीं हो सकता था। फिर उनहोने मुझसे कहा कि अमिता तुम लडकी बनकर बहुत सुंदर दिख रही हो, तुम्हारा पति भी आज रात तम्हे जी भरकर प्यार करेगा। भगवन करे कि तुम्हे जल्द से जल्द तुम्हारे जैसी संतान का सुख मिले और फिर वे मुझे गिफ्ट्स देकर वहां से चले गए। फिर विदाई के वक्त मेरी मेरी माँ ने मुझसे कहा, देख अमिता अब चंगेज़ तेरे लिए भगवान के समान है, अब जो है वही है तुम्हारा। अपने पति ससुर की बातों को मानना और अब ससुराल को संभालने की पूरी जिम्मेवारी तेरे हाथों में है, समझी! मैने कहा हाँ माँ, मैं समझ गयी और फिर मैं माँ और चाची से लिपटकर खूब रोई। चाची ने भी मुझे बहुत समझाया कि औरतों को एक ना एक दिन ससुराल जाना पड़ता है और फिर अपने पति की दासी बन कर उसकी सेवा में जीना पड़ता है, सारी उमर! फिर सबके सामने चंगेज़ ने मुझे अपनी गोद में उठा लिया और अपनी कन्वर्टबल मर्सिडीज़ में मुझे बिठा लिया और विदा करवाकर चंगेज़ मुझे अपने घर ले आया। पुरे रास्ते चंगेज़ ने मुझे अपनी बाहों में रखा और चंगेज़ की मजबूत बाहों की कसावट में मैं चुपचाप आंसू बहाती अपने ससुराल पहुंची।
मेरे नए घर में मेरी सास ने मुस्लिम होते हुए रीती रिवाज़ों के हिसाब से मेरा गृहप्रवेश करवाई और मुझे एक सोने का खानदानी जेवर का सेट दिया, जिसमे की सोने का नौलखा हार, कान की डिज़ाइनर बाली, बड़ी और हैवी डिज़ाइनर नोज़रिंग और सोने के कंगन और चुड़ियां थी। ये देख कर मैं बहुत भावुक हो गयी और मैंने झुककर अपनी सास का आशीर्वाद लिया और फिर मुझे एक कमरे में ले जाया गया जहाँ काफी लेडीज़ बैठीं थी। मैंने एक एक करके सबके पैरों को छूकर उनसे सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद लिया और फिर मेरा सबसे परिचय करवा गया। चंगेज़ का एक छोटा भाई था सिकंदर, वो भी कफी लंबा चौडा था और मेरी तरह जैसे घूर रहा था मानो मुझे अभी भी खा जाएगा। उसकी आँखों में साफ़ साफ़ वासना झलक रही थी मेरे लिए, मैं समझ गई थी। और इसीलिए मुस्कुराते हुए सिकंदर से कहा, देवर जी, आज ही पहली बार आई हूं आपके यहाँ, क्या आपी हमारा स्वागत नहीं करेंगे। इसपर सिकंदर बोला, भाभी मैं तो आपकी ऐसी खातिरदारी करना चाहता हूँ कि आप कभी भूल ना सकें मेरी खातिरदारी, पर सही मौके की तलाश है। मैंने कहा कि आपको बहुत जल्द अच्छा सा मौका मिल जाये, मैं यही दुआ करती हूँ। फिर ना जाने क्यों मेरी नज़र सिकंदर की नज़रों में खो सी गयी, ऐसा क्यों हुआ मैं नहीं जानती लेकिन तभी चंगेज़ का एक दोस्त मेरे पास आया और बोला, भाभी शादी मुबारक ! मैं चंगेज़ का दोस्त हैदर अली हूं। हमारे पठान खानदान में आपका तहे दिल से स्वागत है और मेरे लिए घर के नौकरों से कहकर मेरे लिए जूस मांगवा लिया। मैंने जूस पि और कहने लगी, लगता है आप काफी करीबी दोस्त हैं इनके। तब हैदर ने बताया, भाभी! हम बचपन से दोस्त हैं ,साथ में पढाई की, एक स्कूल में पढाई की, फिर एक ही कॉलेज से डिग्री की। और फिर एक साथ ही बिजनेस स्टार्ट किया, हम साथ में ही बिजनेस करते हैं और चंगेज को जितने अच्छे से मैं जनता हूं और कोई नहीं जानता। पर अब तो आप आ गई हो, लगता है, अब हम दोस्तों में दूरियां बढ़ जाएगी। वो तो पहले दिन से आप पर लट्टू है और उसने जबसे आपको देखा है तब से बस आपकी ही खूबसूरती के गुण गाये जा रहा था। लेकिन भाभी, यकीन मानो, आप सच में बहुत खूबसूरत हैं, ऐसा लगता है जन्नत के बहत्तर हूरों में से आप एक हो! अब तो ऐसा लगता है कि हमारी दोस्ती भी खतरे में है आजकल! मैंने कहा, कोई बात नहीं भाईसाब, मैं आ गई हूं ना, मैं आप लोगों की दोस्ती नहीं टूटने दूंगी। बीवी अपनी जगह होती हैं और दोस्त अपनी जगह, दोनों के लिए इंसान के दिल में अहमियत होनी चाहिए भाईसाब। मैंने ये कहकर हैदर से विदा लिया और फिर सासु मां मुझे मेरे कमरे में ले जाकर बैठा दिया। मेरी पूरी जेवेलरीज़ को उतारकर हैवी जेवेलरीज़ पहना दी और घूँघट करके फूलों से सजी बिस्तर के बीचोबीच बिठा दिया। अब मैं सेहमी सिकुड़ी, दोनों हाथों से अपने दोनों पैरों को सिकोड़कर, घूँघट में सिर झुकाये बैठकर अपने पति के आने का इंतजार करने लगी। मुझे बहुत डर लग रहा था, क्या होगा मेरे साथ अभी मैं सोच ही रही थी कि तभी चंगेज़ कमरे में आया और रूम का दरवाजा बंद कर लिया। मेरी तो हार्टबीट ही बढ़ गयी, आँखों में आंसू आ गए। फिर चंगेज़ मेरे पास आकार बैठा गया और कहने लगा की आज उसके लाइफ का सबसे बड़ा दिन है क्यूंकि आज उसने अपनी सपनों की रानी यानि मुझे अपनी दुल्हन बना लिया था। मैं भूल गई थी कि मैं भी कभी एक मर्द थी, अब तो यही मेरा सब कुछ था, जिसे मैंने अपना वर्तमान मान लिया था।
फिर मेरे पति ने मेरे घुंघट को उठाया और मेरे होंठों को चुम लिया। मैं चंगेज़ के चुम्बन से बहोत सहम गई और शर्माने लग गई। फिर चंगेज़ ने मुझसे मेरे ज़ेवर उतरने को मना कर दिया। चंगेज़ ने मुझे अनड्रेस्स होने में मेरी मदद की, मेरे गले में सिर्फ मंगलसूत्र, कलाइयों में सुहाग का चूड़ा और चुड़ियां, नाक में सोने की नथिया और कानों में झुमकी पहनने रखा। पैरों के हैवी चाँदी के पायलों को भी उतारने से मना करके चंगेज़ मेरे करीब आ चुके थे। चंगेज़ की सांसों की गर्माहट मेरे सांसों में घुलने लगी थी और मैं मोम की तरह पिघलने लगी थी। फिर चंगेज़ ने धीरे धीरे मेरे अंग अंग को चूमना शुरू कर दिया और उनके हर एक चुम्बन से मेरे शरीर में एक अज़ाब सी सिहरन होने लगी थी। फिर चंगेज़ ने मुझे अपने बाँहों में भर लिया और अपनी मजबूत बाहों में कसकर से मेरे सारे बदन को फिर से चूमने लगा, जीभ से चाटने लगा। अब मैं गर्म होने लगी थी और मैंने खुद अपनी ब्रा और पैंटी को उतार दी। और चंगेज को मेरी चुत को रगड़ने को कहने लगी। चंगेज़ मेरी चुत को अपने जीभ से चाटने लगा और फिर अपनी ऊँगली से रगड़ने लगा और इससे मैं बहुत ज्यादा एक्साइटेड हो गई। अब मुझे सिर्फ अपने पति का काला लंबा मोटा लंड दिखाई दे रहा था, जिसे देखकर मेरे तो होश ही उड़ गए। चंगेज़ ने अपने पुरे कपडे उतार दिए और वो पूरी तरह न्यूड हो गया। फिर चंगेज़ ने मेरे होंठों में अपना लंड घुसकर अंदर बाहर करने लगे। चॉकलेट कंडोम वाला काला मोटा लंड मैंने बेझिझक अपने मुँह में ले ली और उसे लॉलीपॉप की तरह मैं उसे चूसे जा रही थी। चंगेज़ मेरे बूब्स को दबाये जा रहा था, मुझे बहुत मजा आ रहा था।
फिर उसने मुझे अपनी तरफ खिच लिया और अपने लंड से कंडोम निकालकर फेंक दिया और एक झटके से मेरी चुत में अपना 8 इंच लंबा और 2 इंच मोटा लंड मेरी चुत में में घुसा दिया। मेरी तो जान ही निकल गई, मेरी वजाइना में फिट नहीं हो रहा था और मुझे अच्छा लगा लगा था। फिर उसे करीब 45 मिनट तक मुझे काफ़ी जोर जोर से चोदा। दो बार ओर्गास्म होने के बाद मुझे ऐसा लग रहा था मानों इस फीलिंग को मैं कहीं समेट कर रख लूँ, मैं एक दम निहाल हो गई थी। चंगेज़ रुका नहीं और रात भर मुझे रुकरुक कर चोदता रहा और करीब चार बार मेरे वजाइना के अंदर अपना स्पर्म डिस्चार्ज किया। आज रात तो लग रहा था कि वो मुझे आज ही प्रेग्नेंट ना कर दे और फिर लास्ट राउंड में उन्होंने मेरे मुँह में बिना कंडोम ही अपना लंड घुसाया और मेरे मुँह में स्पेर्म्स का हैवी लोड डिस्चार्ज करके मुझे पीने को मजबूर किया। मैंने चंगेज़ के सारे वीर्य को पे लिया और चाट कर उसके लंड को भी साफ कर दिया। फिर चंगेज़ ने मुझे अपनी बाहों में समेट लिया और अपना 8 इंच लंबा और 2 इंच मोटा लंड मेरी चुत में डालकर अगले 1 घंटा और चोदा और हम तक ऐसे ही लेटे रहे और फिर आधे घंटे बाद उन्होंने मुझे दोबारा चोदना चालू किया जो इस बार से और ज़ोरो से किय। चंगेज़ मुझे चोदे जा रहा था, मैं भी ऊह आह की आवाज बड़ी तेजी से निकाल रही थी और हार्डकोर सेक्स का मजा ले रही थी। मैंने चंगेज़ से कहा, कम मेरी नथिया तो उतार दो फिर उन्होंने मेरे नाक से नथिया को उतार दिया। मुझे बहुत रिलैक्स फील हुआ और अपने पति की बाहों में सुकून की नींद सो गयी।
फिर सुबह हुई तो मैं जल्दी से उठी और नहाने चली गयी। नहाकर जब मैं वापिस आई तो मैंने सिर्फ तौलिया लपेटा हुआ था और फिर मैंने देखा कि मेरे पति परमेश्वर चंगेज, जो अभी तक तो रहे थे। उसके पास आकर, अपने भीगे बालो से ऊपर पानी छिड़कने लगी, तभी चंगेज़ की आंख खुल गई और उसे मुझे अपनी बाहों में खिंच लिया और अपने मजबूत बाहों में कस लिया। फिर उन्होंने मेरे बड़ा से तौलिया निकाल दिया और मैं बिलकुल नंगी हो गयी। फिर उन्होंने मेरे होंठों पर काफी देर तक स्मूच करते रहे और मेरे होंठों पर काट लिया, मेरे होंठ से जब हल्का सा खून निकला तो वो उसे भी चूस गए। मेरी आँखों में आंसू आ गए और मैंने उनकी तरफ देखा तो वो पूछने लगे कि रात कैसी रही? मैंने शर्माते हुए कहा, सुनिए, रात तो बहुत अच्छी थी, मुझे तो डर है कि कहीं मैं प्रेग्नेंट ना हो जाऊँ। वैसे मुझे ऐसी रात हर रोज़ चाहिए लेकिन आप रुकते नहीं हैं। पता है कितना वीकनेस फील कर रही हूँ मैं और आज ससुराल में मेरा पहला दिन है, कितने काम हैं। अब छोड़िये मुझे जाने दीजिये, तैयार भी होना है। और फिर मैं मुस्कुरा दी। चंगेज़ नहीं माने और उन्होंने मेरे स्तनों को दबाने लगे और होंठ से मेरे निप्पल्स को चूसने लगे। मैं अपने आप एक्साइटेड होने लगी और उन्होंने मेरे साथ एक राउंड हार्डकोर सेक्स किया, और मुझे बिस्तर पर पटककर खुद वाशरूम चले गए। मुझे बहुत वीकनेस हो रहा था, आँखों के आगे अँधेरा छाने लगा था, मैंने सोचा कुछ रेर रेस्ट कर लूँ। अभी तो मैंने आँख बंद की हुई थी कि चंगेज़ नहाकर कमरे में आ गए। वो कमरे में आये और मुझेएक बार फिर से अपनी बाहों में भर लिया और मेरे साथ रोमांस करने लगे। मैं शरमा गई और उनसे कहा, आपने क्या मुझे कोई मशीन समझ रखा है कि जब मर्जी चालू कर देते हो। चंगेज़ हसने लगे और उन्होंने कहा, हां मेरे लिए तो तुम एक मशीन ही हो, जिससे मैं बहुत प्यार करता हूं, और इसे कोई भी हाथ लगाएगा तो मैं उसे जान भी ले लूंगा। और फिर से उसे मुझे अपनी बाहों में भर लिए और मुझे चूमने लगे। फिर मैं धीरे से प्यार से कहा, सुनिए ना, अब मुझे छोड दो। सुबह हो गयी है, मुझे तैयार भी होना है और मां जी के पास जाना और काम पर लगना है। फिर रात को मैं सारी की सारी आपकी ही हूं ना। फिर उन्होंने कहा, अमिता, ये दिल है की मानता नहीं, पर हम 5 मिनट का एक फ्रेंच किस और फिर मैं तैयार होकर मेरी सास के कहे अनुसार सभी जेवर, नाक में साने वाली बड़ी सी नथ, कानो में झुमके .. गले में हार और कमर में कमरबंद, और एक अच्छी सी बनारसी सिल्क साड़ी और मैचिंग बैकलेस ब्लाउज पहनकर तैयार हुई। इन्होने मेरे मांग में सिंदूर भर दिया और गले मंगलसूत्र पहनाया और फिर मैं अपनी सास के पास किचन में गई। तब तक 9 बज गए थे, फिर मेरी सास ने गुस्से में कहा, ये कोन सा समय है किचन में आने का? कल से और सुबह जागना नहीं तो सजा मिलेगी। तुम अब एक नवाब खानदान की बहू हो और ये क्या तुमने घूंघट भी नहीं किया अभी तक, चलो घूँघट करो और अब से घूंघट में ही रहना है। मैं डर कर रोने लगी और फिर अपनी सास से माफ़ी मांगी। फिर सास ने मेरे आँसू पोछे और फिर मैंने उनसे कहा कि किचन का काम समझा दो और आप रेस्ट करो।
फिर मेरी सास ने मुझे किचन के सारे काम अच्छा समझा दिया। मैं अच्छे से घर का सारा काम करने लगी फिर ससुमा कहने लगी, बहू तेरे आने से घर की खुशियां वापिस आ गई है। मुझे सारे घर के काम समझाने लगी, जैसे की घर पर नाश्ता कितने बजे बनता है, लंच कब तक बनता है और शाम को चाय नास्ते में क्या होता है और रात को डिनर में खाना कब लगता है। और फिर किचन में साफ सफाई के बारे में बताने लगी। मैंने कहा माँ जी, आप आराम कीजिये, अब मुझे सब मालूम है। अब मैं आ गई हूं ना, मैं सब संभाल लूंगी। फिर घर का सारा काम ख़त्म किया। मेरी सास ससुर, देवर और मेरे पति चंगेज़ ने मेरे हाथों से बने स्वादिष्ट व्यंजनों की खूब तारीफ की।
फिर दिन गुजरे लगे इतनी हैवी डिज़ाइनर सिल्क साड़ी पहने रखना, नाक में हमेशा नथिया पहनती जो हमेशा मेरे होंठों से टकराकर मुझे एहसास दिलाती कि अब मैं एक औरत हूँ लेकिन कभी कभी ये भी सोचने बैठ जाती कि काश मैं औरत ना बनी होती और अगर मैंने अपनी फीलिंग को कण्ट्रोल किया होता तो आज मैं भी एक मर्द होती और सीना तानकर अपने घर में किसी लड़की को ब्याहकर लाती। लेकिन मेरे सोचने से अब कुछ भी नहीं बदलने वाला था, मुझे एक मर्द ब्याहकर अपने घर की बहु बना चूका था और मैं अब उसकी दासी थी। मेरे नाक से नथिया सिर्फ मेरे पति चंगेज़ ही उतारते और अब तो आदत सी हो गई। कभी कभी दुख भी होता था, लेकिन अपने इमोशंस को कण्ट्रोल करके मैं अपने पति की सेवा में दिनरात लगी रहती। कभी कभी देर से उठती तो मेरी सास मुझे अलग कमरे में लेजा कर डंडे से बहुत मारती और मैं घर के एक कोने में बैठकर बहुत रोती। लेकिन इस बारे में मैंने कभी अपने माँ या चाची या चाचा को कुछ भी नहीं बताई, उन्हें बहुत दुःख भी होता और मैं उन्हें दुखी नहीं देखना चाहती थी। फिर एक साल गुजर गया, पिछले एक साल में मैं दो बार प्रेग्नेंट हुई लेकिन चंगेज़ मुझे गर्भनिरोधक गोली खिला देते और कहते कि अभी हमे बच्चा नहीं चाहिए। जब जब मैं गर्भनिरोधक गोली खाती, मेरी पीरियड्स का टाइम आगे पीछे हो जाता।
एक दिन मेरे माँ, चाची और विक्की मुझसे मिलने आए। मैं किचन का काम निपटाकर अपने कमरे में आराम कर रही थी। फिर मेरी सास ने मुझे नीचे बुलाया, मैं नीचे आई तो देखा माँ, चाची और विक्की मुझसे मिलने आए हैं। अपनी माँ, चाची और विक्की को देखकर मैं बहुत ईमोशनल हो गई, होऊ भी क्यूँ ना, शादी के पूरे एक साल बाद मेरी माँ, चाची और विक्की से मिलन का मौका मिला था। फिर मैं माँ और चाची से लिपटकर बहुत रोई। काफ़ी देर तक मैं चाची और माँ से लिपट कर रोई फिर उन्होंने मुझे। फ़िर विक्की मुझे छेड़ने लगा, बोल जिजू कहाँ हैं? मैंने कहा वो ऑफिस गए हैं। फ़िर विक्की बोला, ये नथिया तुम हमेशा नाक मे पहनती हो? फिर मैंने कहा, हाँ विक्की, ये नथिया, ये झुमके, ये पायल, अब ये सारे जेवर मुझे जीवन भर पहनने है, इस घराने की परंपरा है। फिर विक्की बोला, खुशखबरी कब सुना रही हो अमिता। विक्की के इस सवाल का जवाब देती उससे पहले ही मेरी माँ ने मुझसे कहा कि अब देर नहीं करनी चाहिए और हमे जल्द से जल्द नाती नतिनी का सुख दिला दे। फिर विक्की बोला कि उसे भी मामा बनना है और तभी मेरी सास वहाँ आ गई और बोली, हाँ बहु, हमे भी पोते पोतियों का सुख दे दे अब इंतज़ार नहीं होता, मुझे तो इसी साल पोता चाहिए। सभी की बातें सुनकर मैं शरमाने लगी और मैंने सिर झुका लिया। फिर माँ ने भी मुझे कुछ जेवर दिए जिसमे बड़ा सा जोधा स्टाइल नथिया था और सोने के कंगन थे और झुमके भी दिए जो काफी बड़े बड़े थे और उन जेवर को देखकर मेरी सास ने मुझसे कहा, इन्हे पहनकर दिखाओ जरा! फिर मैंने वो नथिया अपने नाक मे पहन ली और कानों मे झुमके पहन लिए जो मेरे कंधों को छू रहा था। मेरी कलाई मे वो सोने का कांग बहुत ही सुंदर दिख रहा था। जब मैंने घूँघट कर ली तो मेरी सास और मां दोनो ने एक साथ कहा, कितनी सुंदर लग रही है मेरी बेटी! ये सुन कर मुझे काफ़ी अच्छा लगा, फिर सास बोली, लाल सिल्क सारी भी पहन ले, फिर मैं साड़ी चेंज कर के सबके सामने आई तो सभी मेरी खूबसूरती की तारीफ कर रहे थे। तबी चंगेज़ और उनका दोस्त हैदर अली आ गया। उन्होंने मेरी मां को सलामवालेकुम किया और मुझे मेरे कानो कहा, क्या लग रही हो मेरी जान, एकदम अप्सरा जैसी। फिर वो रूम मे चले गए, लेकिन उनका दोस्त हैदर मझे घुरे जा रहा था, ऐसा लग रहा था जैसा मैंने अभी खा जाएगा। मेरे बूब्स का उभार भी लाल साड़ी में साफ झलक रहा था। मुझे अच्छा नहीं लग रहा था तो मैंने अपनी मां, चाची और विक्की से विदा लिया और अपने कामरे में चली गई। जैसे ही मैं कमरे मे आई, चंगेज़ ने मुझे देखते ही अपने मजबूत बाहों में जकड़ लिया और मझे बिस्तर पर लिटा कर मेरे साथ रोमांस करने लगे। मैंने उनसे कहा लेकिन वो नही माने और अगले 15 मिनट तक मेरे होंठों को चूसते रहे, जैसे मेरा होंठ ना हो, कोई आम हो। फिर मैंने चंगेज़ से कहा, मझे बेबी चाहिए तो मेरे कहा, मैं तो तुम्हारे मुह से बस यही सुनना चाहता था, अब मुझे भी एक बेबी चाहिए जो तुम्हारे जैसा सुंदर सा हो!
अगले दिन अचानक मुझे उल्टियां होने लगीं, लेकिन मैंने किसी को नहीं बताया, उलटी बात। फिर मैंने विक्की को घर बुलाया और डॉक्टर के पास आया, डॉक्टर ने मेरा चेकअप किया और कहा कि तुम प्रेग्नेंट हो। मैं खुशी से रोने लगा तो डॉक्टर ने कहा, तुम वही अमित हो, जिसका इलाज 2 साल पहले सेक्स चेंज सर्जरी के लिए हुआ था। मैंने कहा हां, तो उन्होंने कहा कि अगर तुम लड़के होते तो यह सब नहीं होता, लेकिन लड़की बनने के बाद तुम्हारी शादी भी हो गई। मैं हाँ अब मैं शादीशुदा हूँ। फिर डॉक्टर बोले, और तुम दिन भर में इतने गहने पहनती हो, क्या तुम घर से बाहर इतनी सजावट के साथ आती हो? मैंने कहा हाँ, घर हो या बाहर, ससुराल हो या मायके, मुझे ऐसे ही सजधज कर निकलना पड़ता है । फिर उन्होंने बताया कि अल्ट्रासाउंड के रिपोर्ट के अनुसार, तम्हारे कोख में 1 महीने की बेटी है, तुम बेटी चाहती हो या अबॉर्शन करवाना चाहती हो। फिर मुझे रोना आ गया, मैंने कहा कि मैं अपनी बेटी को जन्म देना चाहती हूँ! विक्की ने मुझे चुप कराया और डॉक्टर ने कहा, देखो बेटी अब तुम माँ बनने वाली हो, तो ज्यादा तनाव मत लो और घर जाकर भारी काम मत करना। तुम अब लड़का नहीं हो, अब एक औरत हो और किसी की बीवी और किसी की बहू भी हो और माँ बनने से पहले अपने हेल्थ का पूरा ख्याल रखना बहुत जरुरी होता है। अब घर जाओ और आराम करो। डॉक्टर ने उन दवाओं का प्रिस्क्रीप्शन दिया और कहा, लापरवाही बिलकुल भी मत करना और फिर विक्की मुझे मेरे घर छोड़ गया। रस्ते में विक्की मुझसे बोला, तुम्हे तो मुझे थैंक कहना चाहिए अमिता, अगर मैं तुम्हे फीमेल होर्मोनेस की हैवी डोज़ नहीं देता और सही समय पर तुम्हे औरत नहीं बनवाया होता तो आज तुम माँ बनने की ख़ुशी से अनजान रह जाती और एक क्रॉसड्रेस्सेर की तरह बड़ी चाची के साथ बुटीक में काम कर रही होती। विक्की की बात बिलकुल सही थी और फिर मैंने उसे थैंक कहा और वो मुझे मेरे ससुराल ड्राप करने आ गया। मेरी सास अपनी बहन के घर गई थी तो घर में कोई नहीं था, मैंने विक्की को घर पर रोक लिया। थोड़ी देर बाद हैदर अली घर आया। मैंने हैदर को कहा, वो तो घर पर नहीं हैं और माँ जी भी नहीं हैं। इसपर हैदर ने कहा, हाँ भाभी मुझे पता है, आप बीएस ये बैग रख लो और जब चंगेज़ घर आये तो उसे ये बैग दे देना। फिर मैंने विक्की को हैदर से मिलवाया और दोनों आपस में बातें करने लगे। मैं उन्दोनो के लिए नाश्ता लेकर आयी और थोड़ी देर बाद हैदर जाने लगा। मैंने हैदर से कहा कि थोड़ी देर बाद चले जाना तो उसने काम का बहाना बनाकर वहां से चला गया और जाते जाते मुझसे कहा, भाभी आपका भाई इतना क्यूट है, आपकी कोई और बहन नहीं है क्या? मैंने हैदर से कहा, बहन तो नहीं है हैदर लेकिन मेरा भाई सच में बहुत क्यूट है। फिर हैदर बोला, हाँ भाभी, काश आपका भाई ना होकर बहन होती तो मैं इससे अभी निकाह कर लेता। मैं हैदर की बात सुनकर हंसने लगी और फिर हैदर वहां से चला गया। विक्की वाशरूम में था तो उसने सुना भी नहीं कि हैदर ने उसके लिए क्या कहा।
फिर शाम को चंगेज़ घर आये, खाना खाने के बाद मैंने उन्हें वो बैग पकड़ा दी। उस बैग को चंगेज़ ने बहुत ही संभालकर रख दिया और फिर मेरे पास आ गए। डिनर के बाद जब रात को वो कमरे में आये तब मैंने उन्हें शरमाते हुए कहा, मैं आपके बच्चे की मां बनने वाली हूं। ये सुनकर चंगेज़ बहुत खुश हो गए और उन्होंने मुझे अपनी बाहों में ऊपर की और उठाकर ख़ुशी से झूमने लगे। फिर मैंने चंगेज़ से कहा कि डॉक्टर ने सेक्स करने के लिए मना किया है तो वो बोले कि छह महीनो तक सेक्स तो कर ही सकते हैं, सातवें महीने से सेक्स नहीं करूँगा। मैंने उनसे कहा कि एक बार कंसल्ट कर लीजिये डॉक्टर से, फिर वो मान गए और फिर उन्होंने मुझसे पूछा, लडका है ना! तो मैने कहा कि लड़की है। फिर वो बोले, तुम अबॉर्शन करवा लो, मुझे पहले लडका चाहिए। मैंने चंगेज़ को प्यार से समझाया कि हम नेक्स्ट टाइम फिर ट्राई कर लेंगे। अब जो उस खुदा ने दिया है हमारे लिए अपना लो। फिर वो मेरी बात मान गए। फिर मेरी सास घर आई तो उन्होंने भी मुझे अबॉर्शन के लिए फोर्स किया, लेकिन मैंने और चंगेज़ ने मिलकर उन्हे समझा लिया। अब मैं बहुत खुश थी और चंगेज़ भी।
2 महीन गुजर गए, फिर मेरे घर वाले और मेरे दोस्त मुझसे मिलने आए। तो मेरी चाची ने मुझे समझाया और बोली, देख बेटी लड़कियों का जीवन ऐसा ही होता है, कष्ट तो जीवन भर रहेंगे, बस हिम्मत मत हरना कभी। तू अगर औरत न बनती तो आज हमारे पोते पोतियों को तुम्हारी बीवी जन्म देती और ये विक्की ना जाने कब शादी करेगा। तू अब औरत बन गई और खुद ही बच्चों को जन्म भी देने वाली है, अपना ख्याल रखा कर। अब तू लड़का नहीं है जो कड़ी मेहनत खुद से कर सके। अब तू एक औरत है, और काफ़ी कमज़ोर भी लग रही है। मैंने उनसे कहा, ऐसे ही ! फिर मेरे दोस्तों को बुलाया, उन्हे देखकर मझे शर्म सी आ रही थी। मेरे दोस्तो ने अच्छी अच्छी लड़कियों से शादी की और इधर मैं औरत बनकर एक मर्द से शादी की और दुल्हन बन कर इस घर में आ गयी। मेरे सब दोस्त जान गए थे कि मैं गर्भवती हूँ और सबने मुझे गुड विशेष भी दिए। एक ने कहा, काश अमिता तुम भी लड़के ही रहते तो हम सब खूब एन्जॉय करते, लेकिन अब तुम एक औरत हो और तुम्हारा पति तो बॉडीबिल्डर भी है। और यहाँ तुम अपने ससुराल में दिन भर घुंघट में रहती हो, नाक म नथिया डाले रहती हो, नवाब खानदान की बहु बन गयी हो। दूसरा बोला, हां अमिता, क्या हस्बैंड मिला है तुम्हे, एकदम जॉन अब्राहम टाइप बॉडीबिल्डर और तुम्हे गर्भवस्था में देखकर यकीन हो गया है कि भविष्य का कुछ नहीं कहा जा सकता है। फिर सभी मुझे गुड विशेज देकर वहाँ से चले गए।
पहले 6 महीने गुजर गए, योग और दवाएं की वजह से मेरे फिगर पर कोई फरक नहीं पड़ा, अब मैंने फिर से घर के काम करना शुरू कर दिया था। फिर एक दिन मैंने मेरी सास से कहा कि ये जेवर, नथिया और झुमके काफी भारी हैं, क्या मैं इन्हे उतार दूँ! अब तो ढाई साल हो गए हैं माँ जी। फिर उन्होंने मुझे देखा और एक कमरे में ले गईं और कहा, ये गहने तुझे मरते दम तक पहनना है। तेरे नाक में इससे भी बड़ी बड़ी नथिया पहनाई जानी बाकी है, तेरे कानो में झुमके, गले में हार और कमरबंद हमेशा पहने रख, समझी तू । तू इस घर की बहु है, मेरे बेटे की दुल्हन है, साज धज कर रहा कर और तू दुल्हन है घर की। फिर कभी ये सवाल किया तो जोर का थप्पर पड़ेगा, समझी तू?अब जा किचन मे और खाना तैयार करो सबके लिए। मैं रोते रोते किचन में गई और सब के लिए खाना पका दी। फिर रात को चंगेज़ आ गए तब हम सब ने एक साथ डिनर किया और बेटी को माँ जी के पास सुला कर कमरे मे आ गई। फिर उन्होंने मुझसे कहा, दस महिनो से हमने सेक्स नहीं किया, फिर मेने कहा अब कर लो आप। बस फिर क्या था, पूरी रात उन्होन मुझे जी भर कर चोदा, कभी घोड़ी बनाकर तो कभी बाहों मे उठाकर, कभी खड़े खड़े तो कभी बिस्तर पर औंधे मुह लिटाकर। दस महीने बाद लगातार चार बार ऑर्गैज़म के बाद मेरे शरीर का ताकत खत्म हो गया और मेरे अंदर इतना भी हिम्मत नहीं बचा कि मैं टॉइलेट के लिए भी उठकर खड़ी हो सकूँ। अगली सुबह नींद देर से खुली तो मेरी सास गुस्से मे तमतमाई मुझे एक कमरे मे ले जाकर मुझे बहुत मारी और मुझे किचन मे खाना पकाने के लिए भेज दी। रोते रोते मैं किचन मे गई, सबके लिए खाना बनाई और सोचती रही कि कक्ष मैं लड़का से लड़की नहीं बनी होती, ना लड़की से औरत बनना पड़ता और ना ही ये दिन देखना पड़ता। मेरी सास मुझे टीवी नहीं देखने देती, मुझे अखबार नहीं पढ़ने देती, दिन रात घूँघट मे रखती और दिन रात ताने देती। औरत बनने के बाद चंगेज़ की पत्नी बनने का फैसला सही था या गलत ये तो मैं नहीं जानती लेकिन इतना जरूर जानती हूँ कि अगर विकी ने मुझे फीमैल हॉर्मोन्स के हेवी डोज़ ना दिया होता तो ना मैं लड़की बनती और ना चंगेज़ से मेरी शादी होती। आज मैं अपना दर्द किसी से शेयर नहीं कर सकती, मेरी सास की मार पिटाई, उनके ताने और उनके लेक्चर, मेरे पास अब आँसू बहाने के सिवा दूसरा कोई रास्ता नहीं बचा था।
जबतक करिश्मा घर मे थी, हैदर की नजर, एक पल के लिए भी उसके ऊपर से नहीं हटी। मुझे बहुत गुस्सा आया लेकिन इनके दोस्त होने की वजह से मुझे चुप रहना पड़ा। इधर हैदर और करिश्मा के जाने के बाद मैं कमरे मे बैठकर सोचने लगी कि क्या करिश्मा सच कह रही थी। घर मे मुझे कभी क्रॉसड्रेसिंग करने से नहीं रोका गया, जब विकी पहली बार मेरे लिए फीमैल हॉर्मोन्स की टैबलेट ले कर आया, तब भी किसी ने उसे नहीं रोका। मेरे क्रॉसड्रेसिंग करने से लेकर सेक्स चेंज तक के बीच किसी ने भी घर मुझे ऐसा करने से क्यूँ नहीं रोका। अब मुझे यकीन हो रहा था कि करिश्मा सच कह रही थी और विकी के ऊपर तो वैसे ही मुझे इतना गुस्सा आ रहा था और अब करिश्मा ने आग मे घी डालने का काम भी कर ही दिया था। रात को जब चंगेज़ घर आए तो बड़े खुश थे, ऑफिस मे एक डील मे उन्हें लाखों का फायदा हुआ था और वो बहुत खुश थे तो मैंने उनसे ज्यादा कुछ पूछना सही नहीं समझी। इनको खाना खिलाने के बाद जब हम बिस्तर पर साथ आए तो मैंने इनसे एक सवाल पूछा। मेरा सवाल बस इतना ही था कि मेरे साथ शादी करने के एवज मे क्या दस लाख रुपये इन्होंने माँ को दिए थे। पहले तो चंगेज़ हिचकिचाए लेकिन फिर इन्होंने कहा कि ये मुझे पहली नजर मे ही दिल दे बैठे थे और किसी भी कीमत मे ये मुझे हासिल करना चाहते थे, इसीलिए इन्होंने मेरी माँ का कर्ज का दस लाख रुपया शादी से पहले मेरी माँ को दिया। मेरी माँ का कर्ज उतारने के बाद मेरे साथ शादी करना और हमारी बिटिया के जन्म तक इन्होंने ये बात मुझसे छिपाई इसके लिए मैंने इनसे गुस्सा होने का नाटक किया लेकिन जब इन्होंने मुझे मनाया तो मैं मान गई और हमदोनों ने रात भर सेक्स किया। अगली सुबह मैंने इनसे कहा कि मुझे घरवालों की बहुत याद आ रही है और मैं कुछ दिनों के लिए घर जाना चाहती हूँ। फिर ये तो मान गए लेकिन इन्होंने मुझे कहा, तुम अम्मी से भी पर्मिशन ले लेना अमिता, अगर वो हाँ कहे तो तुम अपने घर चली जाना। मैंने इनसे कहा, आप ही अम्मी से पूछ लो और उन्हे राजी कर लो लेकिन ये नहीं माने और मुझसे बोले कि अम्मी से तो मुझे ही बात करनी पड़ेगी। जब मैं अम्मी से इस बारे मे बात करने गई तो अम्मी बोली, महारानी जी तो मायके जाना है और यहाँ का काम कौन करेगा? कोई जरूरत नहीं है अभी मायके जाने का, और मायके की ज्यादा याद आए तो उन्हे यहीं बुला ले। अम्मी से मैंने कुछ भी नहीं कहा लेकिन मुझे अम्मी का ये व्यवहार बहुत बुरा लगा। मैं रोते हुए किचन मे गई और खाना पकाकर अपने कमरे मे जाकर अपने ऊपर कि पाबंदियों के बारे मे सोचने लगी। जब मैं लड़का थी तो कितनी अच्छी लाइफ थी मेरी, कुछ भी करने को आजाद थी मैं, लेकिन अब तो कुछ भी करने से पहले अपने पति से पर्मिशन लो और फिर सास से पर्मिशन लो। दिन भर गहने मे लदी रहूँ और बिना सास या पति के पर्मिशन के टीवी भी नहीं देख सकती नया ही न्यूज़ पेपर पढ़ सकती हूँ।
इधर फीमेल हॉर्मोंस ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया था, विक्की अपने बॉडी में होने वाले चेंज को लेकर परेशान रहने लगा, चाचा चाची भी काफी परेशान रहते। एक दिन चंगेज़ के फ़ोन पर मेरी माँ ने कॉल किया और मुझे पूरी बात बताई। मैंने उन्हें बिना कुछ बताये कहा कि विक्की को अच्छे हॉस्पिटल में ट्रीटमेंट करवाना और बहुत अच्छे से एक्टिंग करते हुए इमोशनल होने का ड्रामा भी करने लगी। मेरी माँ ने समझाया कि विक्की को चाचा चाची हॉस्पिटल ले कर जाने वाले हैं और फिर उन्होंने फ़ोन कट कर दिया। मैं बहुत खुश थी, आखिकार वही होने जा रहा था जो मैंने सोचा हुआ था। विक्की ने जो कुछ भी मेरे साथ किया, अब उसका एक एक हिसाब करने का समय आ चूका था। इधर मेरी सास अब पूरी तरह से ठीक हो चुकी थीं और मेरी बेटी के साथ पुरे दिन खेलतीं और सिंकंदर को शादी के लिए भी काफी फ़ोर्स करने लगीं थीं। कुछ दिनों के बाद मुझे करिश्मा ने कॉल किया और बताया कि विक्की के साथ उसकी सगाई टूटने वाली हैं और बहुत रोई। फिर मैंने करिश्मा से सगाई टूटने की वजह पूछी तो वो बोली कि विक्की भी अब कुछ दिनों में औरत बन जायेगा और दो औरतें आपस में शादी कैसे कर सकती हैं और फिर वो रोते रोते कॉल कट कर दी। मैं तो बहुत खुश थी, विक्की के साथ जो कुछ भी होने जा रहा था वो सब प्री प्लांड था। इस बारे में किसी को मैंने कुछ भी नहीं बताई लेकिन उस रात चंगेज़ मुझसे बोले, अमिता, तुम्हारा भाई सेक्स चेंज करवा कर औरत बनने जा रहा है, क्यों ना उसकी शादी सिकंदर से करवा दिया जाये। दोनों बहनें एक ही घर में एक साथ रहेंगी तो कितना अच्छा रहेगा ना! मैंने चंगेज़ से कहा, ये तो बहुत ही अच्छा ख़याल है लेकिन विक्की क्या सच में लड़की बनने जा रहा है? चंगेज़ बोले, हाँ मेरी जान, तुम्हारा भाई अब सच में लड़की बनने जा रहा है और इससे पहले कि उसके घरवाले उसके लिए किसी और घर में रिश्ता देखें, मैं कल ही उनसे जाकर मिलकर सिकंदर और विक्की की निकाह की बात कर लेता हूँ। मैंने कहा, इतनी भी क्या जल्दी है जी, विक्की तो अभी लड़का ही है और अभी तो शायद सेक्स चेंज सर्जरी में समय भी होगा! इसपर ये बोले, हम्म! ठीक है लेकिन अभी से बात करके रखूँगा तभी तो आगे शादी की बात करने में आसानी होगी। मैंने कहा, जैसा आप ठीक समझें! और फिर चंगेज़ ने मुझे बाहों में भर लिया और हार्डकोर सेक्स, वो भी दस तरह के अलग अलग कामसूत्र के पोसिशन्स में, इन्होने मेरे अंदर अपने स्पेर्म्स के दस लोड भर दिए, मैं समझ चुकी थी कि अब मैं फिर से प्रेग्नेंट हो जाउंगी और फिर अपने पति की बाहों में सिकुड़कर सो गयी। अगले दिन चंगेज़ मेरे परिवार से मिलने चले गए। मेरे परिवार से मिलकर उन्होंने विक्की के बारे में पूरी जानकारी ली कि कैसे विक्की को सेक्स चेंज करवाना पड़ रहा है। चंगेज़ विक्की से भी मिले और उसे हिम्मत रखने को कहा और समझाया कि लड़की बनकर जीना भी पड़ रहा है तो कोई बात नहीं, क्या फरक पड़ता है। फिर चंगेज़ ने मेरी माँ से कहा, माँ जी मैं चाहता हूँ कि विक्की की शादी सिकंदर से करवा दें , घर की बात घर में ही रह जाएगी और बाहर इस बारे में कोई हो हल्ला भी नहीं होगा। मेरी माँ ने चंगेज़ से कहा कि वो इस बारे में चाचा चाची से बात करेंगी और फिर सबसे विदा लेकर चंगेज़ ऑफिस चले गए। रात में मेरी माँ ने मुझे कॉल किया और पूरी बात बताई तो मैंने भी उन्हें कहा कि इतना अच्छा प्रपोजल है, इसे ठुकराना सही नहीं होगा। फिर रात को चंगेज़ कमरे में आये, मेरे साथ रोमांस किया और मुझे खूब प्यार किया और अपनी बाहों में लेकर सो गए। चंगेज़ बहुत खुश थे और मैं भी।
विक्की करिश्मा से से बोला, करिश्मा, क्या तुम सच में मुझसे प्यार करती हो? करिश्मा बोली, हाँ विक्की! फिर विक्की बोला, तो फिर तुम मेरे साथ सगाई क्यों तोड़ रही हो, हम ऐसे भी तो साथ रह सकते हैं ना? करिश्मा बोली, नहीं विक्की, मेरे माँ बाप का समाज में वैसे भी नाक कट चुका है तुम्हारी वजह से। मैं अपने माँ बाप को और शर्मिन्दा होते नहीं देख सकती, मुझे पता होता कि तुम नपुंसक हो और कुछ ही दिनों में अपनी बड़ी बहन की तरह औरत बनने वाले हो तो मैं तुमसे कबकी अलग हो गयी होती और वैसे भी तुम्हारा रिश्ता तो अमिता दीदी के देवर सिकंदर के साथ जुड़ने वाला है, फॉर गॉड सेक और नाटक मत करो और मुझे अपनी लाइफ में आगे बढ़ने दो। मैं यहाँ तुमसे फालतू की बातें करने नहीं आयी हूँ, आज मेरी सगाई होने वाली है राज के साथ, मैं तुम्हे इन्वाइट करने आयी हूँ, मेरी सगाई में जरूर आना विक्की, साड़ी पहनकर आना ताकि किसी को पता ना चले कि तुम मेरे एक्स बॉयफ्रेंड हो! विक्की ने करिश्मा से कहा, करिश्मा मेरा रिश्ता अमिता के देवर के साथ कब जुड़ गया, मैं शादी नहीं करने वाला, तुम मुझसे सगाई कर चुकी हो करिश्मा, तुम मेरे बुरे वक़्त में ऐसे साथ छोड़कर नहीं जा सकती! करिश्मा बोली, जा सकती हूँ, और ये रहा तुम्हारी सगाई की अंगूठी, काश कॉलेज में मैंने तुम्हारी जगह राज का प्रपोजल एक्सेप्ट किया होता तो इतनी शर्मिंदगी का सामना ना तो मुझे करना पड़ता और ना ही मेरी फॅमिली को। विक्की बोला, करिश्मा, प्लीज्, आई लव यू और राज तो तुम्हे शुरु से पसंद नहीं था ना, फिर आज कैसे राज के साथ तुम सगाई करने जा रही हो! करिश्मा बोली, क्यूंकि राज अब सरकारी नौकरी में अच्छे पोजीशन पर पोस्टेड है, और उसने इतनी अच्छी बॉडी भी बना ली है, उसके साथ मेरी लाइफ सिक्योर है। तुम अपने आप को देखो विक्की, तुम्हारा खुद का रिश्ता एक मर्द से हो रहा है, तुम उसकी दुल्हन बनकर अमिता की तरह हाउसवाइफ बनकर लाइफ स्पेंड करोगे और तुम मुझे किस एंगल से अपने लिए सूटेबल मानते हो। तुम सिकंदर से शादी करो और हाउसवाइफ बनकर उसकी सेवा करो, एहि तुम्हारी नियति है विक्की। देखो अब और ज्यादा इमोशनल ड्रामा नहीं चाहिए, गुड बाय, मेरी सगाई में जरूर आना और हाँ आंटी आप भी। फिर करिश्मा वहां से चली गयी, विक्की मेरी माँ से लिपटकर खूब रोया। विक्की अंदर से पूरी तरह से टूट चूका था और मेरी माँ ने उसे समझाया की लाइफ में ऐसी मुश्किलें आती हैं, इंसान को आगे बढ़ना चाहिए। फिर मेरी माँ ने विक्की को कहा, विक्की मेरे बच्चे, अमिता की शादी के बाद हमने तो सोचा था कि तू हमारे घर की बहु लेकर आएगा लेकिन अब तो तेरे लिए भी रिश्ता आ चूका है और तू भी अमिता की तरह हमे छोड़कर चला जायेगा विक्की! विक्की मेरी माँ की बात सुनकर काफी इमोशन हो गया और रोते हुए बोला, चाची मुझे शादी नहीं करनी किसी मर्द से, मैं तो अभी भी एक मर्द ही हूँ, अभी मैं लड़की बना भी नहीं और मुझे अपने छोटे बेटे के लिए देखने क्यों आने वाले हैं। मेरी माँ बोली, विक्की तुम्हारे माँ बाप को तुम्हे विदा करने की इतनी जल्दी क्यों है ये तो मैं नहीं जानती बेटे लेकिन तुम्हे दुल्हन की तरह तैयार करने की जिम्मेदारी उन्होंने मुझे सौंपा है। विक्की रोते हुए बोला, चाची मुझे शादी नहीं करनी किसी मर्द से! मेरी माँ बोली, अब क्या कर सकते हैं विक्की, तुम अपने माँ बाप से इस बारे में बात कर लेना तबतक जैसा उन्होंने कहा है, वैसे तुम्हे तैयार करके घर चलना है आज लेकिन सबसे पहले हम ब्यूटी पारलर चलेंगे। विक्की बोला, ब्यूटी पारलर क्यों चाची? मेरी माँ बोली, तू तो सबकुछ मानो भूल ही गया है विक्की, याद है तू पहली बार अमिता को ब्यूटी पारलर ले गया था, तुझे भी इसी लिए ब्यूटी पारलर चलना है ताकि तू सजना संवारना सीख सके। विक्की बोला, मुझे नहीं सीखना सजना संवारना चाची, मुझे शादी नहीं करनी सिकंदर से, मैं आप सब के साथ ही रहना चाहता हूँ। मेरी माँ ने फिर से विक्की को समझाया, विक्की अब तू लड़की बनने जा रहा है, अभी से आदत डाल दे, अच्छा रहेगा। वैसे तेरे नखरे तो लड़कियों जैसी ही है और बात बात पर लड़कियों की तरह रोने लगता है तू तो। अब चल ब्यूटी पारलर चलते हैं, वहां आकर तुझे साड़ी पहनाकर तैयार करके घर ले चलूंगी। फिर माँ विक्की को ब्यूटी पारलर ले गयी, वहां उन्होंने विक्की को व्होल बॉडी वैक्सिंग करवाई, मैनीक्योर और पैडीक्योर करवाया। फिर एक ब्यूटीशियन ने विक्की के हाथों और पैरों के नाखूनों पर रेड नेल पोलिश से पेंट किया। नेलपॉलिश के सूखने के बाद ब्यूटीशियन ने विक्की के हाथों में कुहनी तक और पैरों में घुटनों तक मेहँदी का अच्छा सा डिज़ाइन अप्लाई किया और मेरी माँ से बोली कि तीन घंटे बाद मेहँदी को धोना है। मेरी माँ ने ब्यूटीशियन से कहा, ठीक है तबतक आप विक्की के दोनों कान में एक एक छेद कर दो और नाक में बायीं तरफ एक छेद कर दो। ये सुनते ही विक्की का होश ही उड़ गया, वैसे ही काफी ह्युमिलिएशन का सामना कर रहा था वो और अब नाक और कान छिदवाना, इससे विक्की को और भी शर्मिंदगी हो रही थी लेकिन माँ ने ब्यूटीशियन से कहा कि विक्की के कान और नाक छेद दो। उसके बाद ब्यूटीशियन ने विकी के दोनों कानों और नाक पर लेफ्ट साइड एक एक डॉट मार्क किया और पियर्सिंग गन से विक्की के कान में दोनों साइड छेद कर दिया, दर्द और ह्युमिलिएशन से विक्की बहुत रोया, फिर मेरी माँ ने उसके आंसू पोंछे और फिर ब्यूटीशियन ने विक्की के नाक अपर पियर्सिंग गन को सेट किया और विक्की के नाक में छेद कर दी। विक्की फिर से रोई, माँ ने उसे समझाया कि लड़कियों को ऐसे दर्द झेलने पड़ते हैं, ये तो सिर्फ एक शुरुआत है और तीन घंटे बाद विक्की की मेहँदी धो दिया गया। गहरी मेहँदी का रंग देखकर मेरी माँ और ब्यूटीशियन बहुत खुश हो गए और एक ब्यूटीशियन बोली, मैडम आपकी मेहँदी का रंग देखकर तो लगता है आपके पति आपसे बहुत प्यार करने वाले हैं। विक्की बोला, आई एम् नॉट मैडम मिस ब्यूटीशियन! आई एक अ मैन! फिर दूसरी ब्यूटीशियन बोली, ओह माय गुडनेस, इतना सुंदर मर्द, हमारे ब्यूटीपार्लर में! आई कैंट बिलीव इट, आप मर्द होकर इतनी सुन्दर हो और आपने तो अपना नाक और कान भी छिदवा लिया है। तभी मेरी माँ बोली, हाँ लेकिन अब ये बहुत जल्दी लड़की बनने वाला है, सेक्स चेंज के बाद इसकी शादी होनी है अब आप लोग अपना अपना काम करो और आप इन्हे जल्दी से तैयार कर दो, हमे कुछ ड्रेसेज़ खरीदने भी जाना है, ये लो साड़ी, ब्लाउज, ब्रा पैंटी और ब्रैस्ट फॉर्म्स और कुछ ज्वेलरीज! उसके बाद ब्यूटीशियन ने विक्की को साड़ी में तैयार किया, और विक्की बहुत खूबसूरत दिख रहा था। विक्की के बाल भले ही छोटे थे लेकिन ब्यूटीशियन ने उसके बालों को पिक्सी कट हेयर स्टाइल लुक दिया और फिर विक्की के नाक में सोने की लौंग पहना दी और साथ ही दोनों कानों में झुमकी भी। गले ने सोने का नेकलेस पहनाई और पैरों में पायल और हाई हील्स पहनकर विक्की को पूरी तरह से तैयार कर दिया गया। मेरी माँ ने जब विक्की से पूछा, कैसा लग रहा है विक्की? विक्की ने कहा, चाची, मैं ऐसे बाहर कैसे जाऊं, औरतों की तरह साड़ी पहना हुआ हूँ, मुझे बहुत ही ज्यादा एम्बैरस्मेंट हो रही है, मैं ऐसे सबके सामने कैसे जाऊंगा, आपने तो मेरे नाक और कान भी छिदवा दी हो, मेरे दोस्त मुझे ऐसे देख्नेगे तो क्या कहेंगे? मेरी माँ बोली, कोई भी तुझे देखेगा तो यही कहेगा, कितनी सुन्दर लड़की है, अब चल। मेरी माँ विक्की को अपने साथ लेकर घर आ गयी, हाई हील्स में विक्की से चला नहीं जा रहा था और उसका सर शरम से झुका हुआ था। विक्की की माँ ने उसके चेहरे को ऊपर उठाकर देखा और उसे देखते ही इमोशनल हो गयी और बोली, हाय राम, ये क्या हो गया? ये दिन दिखाने से पहले भगवान् तूने मुझे उठा क्यों नहीं लिया, मेरे बच्चे को औरत बनना पड़ रहा है और हम कुछ भी नहीं कर सकते हैं। विक्की के पापा ने उसकी माँ को समझाया, कोई बात नहीं, विक्की के नसीब में एक मर्द की पत्नी बनकर जीवन बिताना पड़ेगा और यही विक्की की नियति है। अच्छा विक्की, आज करिश्मा की सगाई है, तुम अपनी माँ के साथ वहां चली जाना और उससे मिल लेना, वो घर आई थी।
मैं सोचने लगी, गुलाबी ग्लॉसी होंठ देखकर तो मेरा मन मचल रहा था फिर सिकंदर कैसे कण्ट्रोल कर सकेगा विक्की को देखकर। फिर मेरी माँ और चाची कमरे में आयी और ट्रांसपेरेंट लाल चुन्नी से विक्की का घूँघट करके मेरी सास के सामने ले जाकर बिठा दिया। मैं भी उनके पीछे पीछे घूँघट करके हॉल में आ गयी और विक्की को ऐसे देखकर मुझे बहुत ख़ुशी हो रही थी, विक्की मेरे सामने चुनरी से घूँघट किये मेरी सास और उसके होने वाले पति सिकंदर के सामने सर झुकाये बैठा था और शायद बहुत ही ज्यादा नर्वस भी हो रहा था। विक्की मुझसे कहीं ज्यादा गोरा था जिसकी वजह से सिकंदर की नज़र विक्की से हट ही नहीं रही थी और उसे देखकर तो ऐसा लग रहा था मानो वो विक्की को अभी सबके सामने खा जायेगा। आस पड़ोस की दो चार अंटियाँ और एक दो लड़कियां भी आयीं थी और सब के सब खिलखिलाकर हंस रहीं थी और मेरी तरह इस मोमेंट को खूब एन्जॉय कर रहीं थीं। मेरी सास ने विक्की को अपने पास बिठाया और उसके चेहरे को ऊपर उठाकर बोली, तू तो बड़ा सुन्दर हो गया है विक्की, मेरे छोटे बेटे की दुल्हन बनेगा क्या? देख मेरे दो बेटे ही हैं और मैं नहीं चाहती कि तेरा रिश्ता मेरे घर में सिर्फ इस वजह से हो कि तेरी बहन मेरे घर में ब्याही हुई है। तू लड़का है लेकिन इस लहंगा चोली में बड़ा खूबसूरत दिख रहा है, अब बता, क्या तू सिकंदर से निकाह करने को तैयार है? क्या तू मेरे बेटे की दुल्हन बनेगी? तुझे कोई ऐतराज़ तो नहीं है ना? विक्की ने ना में सर हिलाया और सब हंसने लगे। फिर सबने कहा कि दूल्हा दुल्हन को आपस में कुछ देर बात कर लेने दो। फिर विक्की को सिकंदर के साथ उसके कमरे में बिठा दिया और सिकंदर को गुड लक बोलकर मैं लड़कियों के साथ बाहर आ गयी।
इधर किचन में मेरी माँ और चाची आपस में विक्की के फ्यूचर के बारे में बातें कर रहीं थी, उधर हॉल में मेरे पति, मेरी सास और मेरे देवर जी अपना अपना खाना खत्म कर चुके थे। चाचा जी मेरे ससुराल वालों के खिदमद में लगे थे और पड़ोस की अंटियाँ और लड़कियां मेरे देवर के साथ बैठकर गप्पे लड़ा रहीं थी। चाची बोली, अमिता, तेरी सास तो बोल रही हैं कि शादी मुस्लिम तरीके से होगी और विक्की को मुस्लिम औरतों की तरह ससुराल में रहना पड़ेगा। मैं बोली, तो क्या हो गया चाची, मेरी शादी हुई तो मैं भी मुस्लिम तौर तरीके से रहती हूँ ना ससुराल में, भले मेरे पति की ओर से मंगलसूत्र, मांग में सिंदूर, कुछ त्यौहार जैसे होली, दिवाली, तीज और करवाचौथ के व्रत रखने पर कोई पाबन्दी नहीं है ठीक वैसे ही विक्की भी मेरी तरह ही रहेगा ना अपने पति के साथ। आखिर ससुराल की मान मर्यादा का ख्याल रखेगा तभी तो अच्छी बहु का दर्ज़ा मिल सकेगा विक्की को। और फिर मैं भी तो हूँ ना चाची, विक्की का ख्याल रखने को, आप ज्यादा टेंशन ना लिया करो और मैं तो कहती हूँ, आज ही विक्की और सिकंदर की सगाई करवा दो। तभी मेरी माँ बोली, अमिता बिलकुल सही कह रही है, इससे अच्छा रिश्ता हमारे विक्की के लिए मिलेगा और ये भी तो देखो ना, ससुराल में विक्की का साथ देने के लिए अमिता भी तो है। मेरी और मेरी माँ की बात सुनकर मेरी चाची बोली, अब क्या कहु मैं, मैंने तो सोचा था कि विक्की इस घर की बहु लेकर आएगा, लेकिन अब तो विक्की को ब्याह के ले जाने के लिए रिश्ता भी आ गया है ,कल को मेरे बच्चे को तेरा देवर ब्याह कर ले जायेगा, ससुराल में कैसे रहेगा विक्की, उसे तो खाना पकाना तो दूर, एक कप चाय बनाना भी नहीं आता। इसपर मैं बोली, कोई चाची, तुम अगर सिखाऊंगी तो विक्की कुछ दिनों में टेस्टी चाय बनाना भी सिख जायेगा और खाना पकाना भी। आखिर तुमने ही तो मुझे भी चाय बनाना और खाना पकाना सिखाया था, भूल गयी क्या? मेरी बात सुनकर मेरी चाची ने मेरा माथा चुम लिया और बोली, हाँ मेरी बेटी, मैंने ही तुझे ये सब सिखाया था और अब विक्की को भी मैं ये ट्रेनिंग दूंगी। तू एक काम कर, बाहर हॉल में जाकर देख, सबने खाना खा लिया क्या? मैंने कहा, ठीक है चाची, वैसे मैं क्या कह रही थी, विक्की और सिकंदर की सगाई में अब और देर करना सही नहीं होगा। चाची बोली, हाँ मैं भी यही सोच रही थी अमिता ! फिर मैंने अपना घूँघट ठीक की और हॉल में गयी, जहाँ सभी खाना खा कर आराम कर रहे थे। मैंने चाचा जी से कहा, चाचा, सगाई के लिए बात कर लीजिये, शाम होने वाली है! मेरे चाचा ने मेरी सास से सगाई की बात की तो मेरी सास बोली, हाँ हाँ बिलकुल लेकिन उससे पहले लेन देन की कुछ बातें कर लें। मेरी सास दहेज़ की बात कर रही थी और मेरे चाचा ने मेरी सास से कहा, अब जो कुछ भी है आपका ही है। इसपर मेरी सास बोली कि दहेज़ में कम से कम बिस लाख नकद और दस लाख के जेवर दुल्हन को देना होगा और मेरे चाचा ये सुनते ही घबरा गए। मेरे चाचा बोले, समधन जी, हमारे पास इतना पैसा नहीं है। अभी तो विक्की के सेक्स चेंज सर्जरी में ही दस लाख से ज्यादा लग जाने हैं और दहेज़ में इतना पैसा हम कहाँ से लाएंगे। मेरी सास बोली, देखिये समधी जी, आपकी एक बेटी को तो मेरे बेटे ने बिना किसी दहेज़ के ही ब्याह लिया लेकिन सिकंदर मेरा दूसरा बेटा है और इसकी शादी में मैं दहेज़ तो जरूर लुंगी। मेरे चाचा ने जब ये सुना तो वे मेरी सास को बिठाकर कमरे में आकर मायूस होकर बैठ गए। मैं चाचा के पास गयी, चाचा, क्या हुआ, आप इतने मायूस क्यों हैं? इसपर चाचा बोले, देख नहीं रही है तेरी सास कितना दहेज़ लोभी है, उसे बिस लाख नकद और दस लाख के जेवर चाहिए। मैंने कहा, चाचा. विक्की के अलावे अब तो कोई है नहीं परिवार में, अब तो जो है विक्की ही है। क्या करोगे पैसे रखकर, पैसों से अगर खुशियों को ख़रीदा जा सके तो उसे खरीद लेने में कोई बुराई नहीं। आप बिस लाख सिकंदर के अकाउंट में डिपाजिट करवा देना और दस लाख के जेवर विक्की को दे देना। मेरी सास इतनी भी बुरी नहीं है चाचा, वो दोनों का फ्यूचर सिक्योर करना चाहती है। मेरे चाचा मेरी बात सुनकर थोड़े सम्भले और मेरी सास से जाकर बोले, समधन जी, मुझे आपका ये प्रस्ताव मंजूर है। फिर मेरी सास ने चाचा से कहा कि सगाई की तयारी शुरू करवाई जाये। थोड़ी देर बाद विक्की और सिकंदर की रिंग फिंगर के नाप की सोने की अंगूठियां आ गयीं और सगाई की रस्में शुरू हुईं। विक्की को तैयार करके फिर से सिकंदर के सामने घूँघट करके बिठाया गया और उसे अंगूठी देकर सिकंदर को पहनाने को कहा गया। विक्की ने कांपते हुए सिकंदर के रिंग फिंगर में सोने की अंगूठी पहनाई और फिर सिकंदर ने विक्की के रिंग फिंगर में अंगूठी पहना दी। तालियों के गड़गड़ाहट से हॉल गूंज उठा और सभी विक्की और सिकंदर के ऊपर फूल बरसाने लगे और दोनों को सगाई की बधाई देने लगे। सगाई के बाद मेरी सास मुझसे बोली, देख अमिता, विक्की भले ही मेरे बेटे की दुल्हन बनने जा रहा है लेकिन उसे निकाह के लिए पूरी तरह से रेडी करने की पूरी जिम्मेदारी तेरे ऊपर सौंप रही हूँ और सिकंदर और विक्की के निकाह तक तू विक्की के साथ रह, उसे तौर तरीके सीखा और निकाह के बाद तू विक्की के साथ घर आ जाना। मैंने मेरी सास से कहा, ठीक है अम्मी! फिर मेरी सास ने विक्की को अपने पास बिठाया, उसकी कलाई में सोने के खानदानी कंगन पहना दी और उसके नाक से नथिया निकाल कर उसे पहाड़ी नथिया पहना दी जो काफी बड़ी और हैवी थी।
फिर मेरी सास विक्की के चेहरे को उठाकर बोली, देख दुल्हन, तू पठान खानदान की होने वाली बहु है तो आज से निकाह होने तक तू इस घर में भी ठीक वैसे ही रहेगी जैसे तेरी दीदी तुझे रहने को कहे और घर के कामकाज भी सिख ले अच्छे से। विक्की ने मेरी सास को हाँ में सर हिलाकर हामी भरा और फिर हमारी सास, मेरे पति चंगेज़ और मेरे देवर सिकंदर के साथ विदा लेकर घर चले गए और जाते जाते शादी का डेट फिक्स करने को भी कह गए। मेरी सास, पति और देवर के जाने के बाद चाचा चाची अपने कमरे में चले गए और विक्की के कमरे में मैं और माँ चले गए। इधर मोहल्ले की औरतें और लड़कियां विक्की को अपने बेस्ट विशेज़ और गिफ्ट्स देकर अपने अपने घर को चली गयीं। विक्की के लिए ये सब काफी ह्यूमालियटिंग था, वो अभी भी मर्द था जिसकी सगाई दूसरे मर्द से हो चुकी थी। इधर जब मैं और माँ विक्की के कमरे में गयी तो देखा वो वहां बैठा रो रहा था। मैंने और माँ ने मिलकर विक्की को चुप कराया और उसे समझाया कि जो हुआ वही उसके नसीब में था। मैंने माँ को कहा, माँ विक्की ने सुबह से कुछ भी नहीं खाया पिया है, इसके लिए खाने को कुछ ले आओ, देखो ना कितनी दुबली हो गयी है मेरी होने वाली देवरानी! और अगर ऐसा ही रहा तो देवर जी के सामने दो मिनट्स नहीं टिकोगी सुहागरात में। मेरे ऐसा कहते ही माँ हँसते हुए कमरे से बाहर चली गयी और विक्की को गुस्सा आ गया और वो बोला, अमिता, मुझसे ऐसे बात मत करो, मैं आज भी मर्द हूँ कोई औरत नहीं जो तुम मुझसे ऐसे बात कर रही हो! मैंने कहा, तुम मेरी होने वाली देवरानी हो विक्की, वो भी छोटी देवरानी, थोड़ा तमीज़ से बात किया करो। और बाकी की लाइफ तुम्हे सिकंदर की दुल्हन और मेरी देवरानी बनकर ही गुज़ारनी है तो आज से तू मुझसे तमीज से बात करेगी, समझी तू? मेरी बात सुनकर विक्की को रोना आ गया और वो इमोशनल हो गया।
मैंने विक्की को समझाया, विक्की अभी से तुम्हे पूरी लाइफ ऐसे ही रहना है और देखो मैं कितनी खुश हूँ औरत बनकर, मेरे पति जैसे मुझसे इतना प्यार करते हैं, तुम्हारा पति भी तुमसे बहुत प्यार करेगा। विक्की बोला, लेकिन दीदी, तुम्हारी बात कुछ और थी, तुम शुरू से ही औरतों के बीच रही, चाहे वो क्रॉसड्रेसिंग हो या फिर सेक्स चेंज, तुम्हे इन सब में खूब मजा आता था शुरू से ही लेकिन मेरे साथ ऐसा कुछ भी नहीं था। मैं शुरू से ही मर्द था, मैंने कभी क्रॉसड्रेसिंग नहीं की और ना ही औरतों के बीच रहा और आज मेरे अंदर फीमेल हॉर्मोन्स इतने ज्यादा बढ़ गए कि मुझे औरत बनना पड़ेगा। तुम शुरू से ही एक मर्द से शादी करके अपना घर बसाना चाहती थी लेकिन मैं नहीं और आज तो मुझे गे होने जैसी फीलिंग्स आ रही है। मैंने विक्की से कहा, विक्की अब यही तेरी नियति है मेरी छोटी बहन, अब से आदत डाल ले औरतों की तरह रहने का और औरतों की तरह बातें करने का तभी लाइफ में तू अपने पति के साथ खुश रह सकेगी। विक्की फिर से इमोशनल हो गया और मुझसे लिपट कर फिर से रोने लगा। मैंने विक्की को शांत किया, इतने में माँ खाना लेकर कमरे में आ गयी और विक्की को खाने को दिया। विक्की अपने नाक से नथिया उतारकर खाना खाना चाहता था लेकिन माँ ने उसे कहा, विक्की! अब तेरा पति तेरे साथ सुहागरात में ही ये नथिया उतारेगा अब तो तू एक हाथ से अपने नथिया को ऊपर कर और फिर खाना खा, धीरे धीरे आदत हो जाएगी। माँ की बात सुनकर विक्की को बहुत शर्मिंदगी हुई और वो चुपचाप से ठीक वैसे ही खाने लगा जैसा माँ ने कहा। विक्की को ऐसे ह्युमिलियटेड देख मेरी ख़ुशी का कोई अंत नहीं था और मैं विक्की को और ह्युमिलियटेड होते देखना चाहती थी। सिकंदर के साथ विक्की की सगाई के साथ ही चाचा और चाची बिस लाख रूपये के इंतेज़ाम में लग गए और विक्की के सेक्स चेंज सर्जरी के लिए दस लाख रूपये भी लगने थे।
इधर पैसों के इंतेज़ाम में दिन निकलने लगे और विक्की के सेक्स चेंज ऑपरेशन की तारीख भी नज़दीक आ रही थी। विक्की के शरीर में हो रहे बदलाव और एक मर्द से सगाई हो जाने के बाद विक्की को अब दिन भर घर में मेरी तरह गहनों में लदे रहना पड़ रहा था और वो इससे बिलकुल भी खुश नहीं था, हालांकि किचन के सारे कामों में अब विक्की पूरी तरह से पारंगत हो चूका था और उसके हाथ की बनी चाय पी कर तो मजा ही आ जाता।
एक दिन सिकंदर ने मुझे कॉल किया और कहा, भाभी मेरी दुल्हन से बात करवा दो ना एक बार। मैं अपने देवर की बात कैसे टालती, मैंने विक्की को फ़ोन पकड़ा दिया और स्पीकर ऑन करके बात करने को कहा। सिकंदर विक्की से रोमांटिक बातें कर रहा था और विक्की चुपचाप बिना जवाब दिए सबकुछ सुन रहा था। मैंने विक्की से कहा, विक्की अपने होने वाले शौहर से तुम भी कुछ प्यार भरी बातें कर लो। इसपर विक्की गुस्सा हो गया और मुझे आँख दिखाने लगा। मैंने हँसते हुए फ़ोन ले लिया और सिकंदर से कहा, देवर जी, आपकी दुल्हन के नखरे बहुत हैं, मैं कॉल करती हूँ फिर। और मैंने फ़ोन डिसकनेक्ट कर दी। थोड़ी देर बाद फिर से सिकंदर का कॉल आ गया और उसने मुझसे पूछा, भाभी, वहां सब ठीक तो है ना! मैंने सिकंदर से कहा, हाँ देवर जी सब ठीक है लेकिन चाचा और चाची आपकी और विक्की की शादी को लेकर काफी परेशान चल रहे हैं। बिस लाख का इंतज़ाम तो वे कर लेंगे लेकिन विक्की के सेक्स चेंज सर्जरी के लिए उन्हें अपने गहने गिरवी रखने पड़ेंगे। मेरी बात सुनकर सिकंदर ने कहा, भाभी आप सब बिलकुल भी टेंशन नहीं लीजिये, विक्की से निकाह करने के लिए मुझे उसके सेक्स चेंज की कोई जल्दी नहीं है, मैं ऐसे भी विक्की को अपनाने को तैयार हूँ। और हाँ भाभी, शादी के बाद मैं अपने पैसों से विक्की का सेक्स चेंज सर्जरी करवा दूंगा, शायद इससे आप सभी थोड़ा स्ट्रेस फ्री हो सकेंगे। सिकंदर की बात सुनकर मुझे अंदाजा हो गया कि वो विक्की को कितना चाहने लगा है। मैंने सिकंदर से कहा, देवर जी मैं चाचा चाची के सामने आपका प्रस्ताव रखूंगी, अगर वो मान जाते हैं तो मैं आपको इन्फॉर्म करती हूँ। उसके बाद कॉल डिसकनेक्ट करके मैं सीधे चाचा चाची के पास गयी और उन्हें बता दी कि ससुराल से कॉल आया था। मेरी बात सुनकर मेरे चाचा और चाची दोनों घबरा गए और चाचा बोले, तेरे ससुराल वाले क्या बोल रहे थे अमिता? मैंने कहा, चाचा जी, वो पूछ रहे थे कि पैसों का इंतेज़ाम हुआ कि नहीं। चाचा मायूस होकर बोले, अमिता, तू तो सब जानती ही है, बिस लाख रुपयों का इंतेज़ाम तो मैंने कर दिया है लेकिन विक्की के सेक्स चेंज सर्जरी के लिए पैसे कहाँ से लाऊँ और विक्की को पूरी तरह लड़की बनाकर ही तो उसे सिकंदर के साथ ब्याह करवाना होगा। मैंने चाचा से कहा, चाचा जी, इस बारे में मैंने सिकंदर से बात की है, देवर जी ने कहा है कि वो बिना सेक्स चेंज सर्जरी के ही विक्की को अपनाने को तैयार हैं। और तो और देवर जी ने ये भी कहा है कि शादी के कुछ महीनो बाद वो अपने पैसों से विक्की का सेक्स चेंज सर्जरी करवा देंगे। चाचा चाची ने खुश होकर मेरा सर चुम लिया। चाची बोलीं, अमिता बिटिया, तू कितना कुछ कर रही है इस परिवार के लिए। मैंने कहा, चाची ये परिवार भी तो मेरा ही परिवार है, विक्की मेरा भाई या अब कहूं तो मेरी बहन है। चाचा जी आप सब विक्की की शादी का डेट निकलवाइये, फिर मैं उन्हें अपडेट कर दूंगी। इधर विक्की हाउसहोल्ड थिंग्स सीखने में व्यस्त था, साड़ी कैसे पहननी है, लेहंगा चोली कैसे पहनते हैं, मेकअप कैसे करते हैं, टेस्टी खाना कैसे पकाते हैं, इन सब में विक्की पारंगत हो चूका था और इधर इन सब से अनजान अपनी लाइफ में व्यस्त था। विक्की को अंदाजा भी नहीं था कि उसकी शादी सेक्स चेंज करवाए बिना होने जा रही थी और इधर चाचा जी ने पंडित से शादी के लिए अगले महीने की तारीख निकलवाकर मेरी सास को दे दिया और शादी की तैयारिओं में व्यस्त हो गए।
इधर मैंने भी विक्की को बताया कि उसकी शादी के कुछ महीनों के बाद उसका सेक्स चेंज सर्जरी होगा। मेरी बात सुनकर विक्की को बहुत गुस्सा आया और वो मुझपर बरस पड़ा, तभी कमरे में चाची आ गयी और विक्की को डांटते हुए बोलीं, थोड़ी तो शर्म कर ले, तेरी शादी है एक हफ्ते बाद और तेरी बहन ने तेरे लिए इतना कुछ किया है और तू इसी के साथ बदतमीज़ी कर रही है। एक बात ध्यान से सुन ले विक्की, ये बात मैं पहले और आखिरी बार बोल रही हूँ तुझे, और मैं दुबारा नहीं समझाउंगी। सिकंदर तेरा होने वाला शौहर है और अमिता तेरी जेठानी है। आज के बाद अगर तूने अमिता के साथ बदतमीज़ी से बात की तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा और हाँ, दो दिन बाद से घर में मोहल्ले की औरतें और लड़कियों का जमघट रहेगा, उनके सामने तू सर झुका कर बैठ और अपनी शादी को एन्जॉय कर, समझी तू? विक्की को फटकार लगाकर चाची तो कमरे से बाहर चली गयीं लेकिन विक्की बुरी तरह से रोने लगा तो मैंने विक्की को चुप कराया और उसे समझाया कि अब जो है यही है और यही तेरी नियति है। इधर हल्दी, मेहँदी और संगीत की रस्में ख़त्म होते देर नहीं लगी और शादी में बस एक दिन रह गया था।
आज विक्की की शादी थी और उसके नर्वस्नेस को जितना मैं एन्जॉय कर रही थी, शायद ही किसी और को इस शादी की उतनी ख़ुशी हो रही थी। चाचा चाची अपने एकलौते बेटे को किसी और मर्द के साथ ब्याहने के फैसले पर, अपने बेटे को दुल्हन लाने के बजाय किसी मर्द की दुल्हन बनते देखना काफी दुखी हो रहे थे लेकिन अब वो कर भी क्या सकते थे। शाम होने को थी, विक्की दुल्हन के लिबास में कहर ढा रहा था और उसके माँ बाप उसे ऐसे हाल में देखकर अपने आंसू नहीं रोक पा रहे थे। मेरी माँ चाची के बगल में बैठी यही सांत्वना दे रही थी और उसे बार बार यही समझा रही थी कि बेटियों को एक ना एक दिन अपना मायका छोड़कर अपने पति के घर जाना पड़ता है। इधर विक्की अपने में बैठा था, हाथों में कुहनी तक मेहँदी और पैरों में घुटनों तक मेहँदी रची थी। माथे पर सोने का बड़ा सा मांगटीका और दोनों भौहों के बीच बड़ी सी बिंदी और दोनों भौहों को ऊपर से लाल पीली बिंदियों से सजा दिया गया था। विक्की के दोनों कानों में बड़े बड़े सोने के झुमकीयां और नाक में बड़ा सा राजस्थानी नथिया जो काफी वजनदार और डिज़ाइनर थी। विक्की के गले में नौलखा हार और सोने के तीन अलग अलग तरह के हार, जिसमे से सबसे बड़ा हार विक्की के फेक बूब्स के बीचोबीच आकर अटक गया था। टाइट फिटिंग चोली जो पूरी तरह से बैकलेस और स्ट्रचेबल थी और लहँगा तो काफी बड़ा और डिज़ाइनर लगभग पंद्रह किलो का रहा होगा। विक्की के दोनों कलाइयों में एक एक दर्जन सुहाग का चूड़ा जो लाल और सफ़ेद रंग के कॉम्बिनेशन में था, साथ में सोने के चार चार कंगन, कलीरे और सोने का हाथफूल पहनाया गया था।
बाहों में सोने का बाजूबंद और कमर में कमरबंद पहनाया गया था। विक्की की नाभि साफ़ साफ़ दिख रही थी और उसके पैरों में गोल्डन सैंडल्स के साथ चांदी के हैवी पायल भी पहनाये गए थे। विक्की की लाल सिल्क ओढ़नी काफी डिज़ाइनर थी और विक्की जब घूँघट में था तो उसे कुछ भी नहीं दिख रहा था सिवाए खुद के खूबसूरती के। मैं विक्की के पास जाकर बैठ गयी और विक्की से पूछी, विक्की नर्वस हो? विक्की ने जवाब दिया, हाँ दीदी, बहुत ही ज्यादा। मैंने कहा, हम्म! जब मेरी शादी हुई थी तब मैं भी काफी नर्वस थी। विक्की बोला, अमिता दीदी, आपकी बात अलग थी और मेरी बात अलग है। मैंने विक्की की बात सुनकर हाँ में सर हिलायी और बोली, विक्की, करिश्मा अपने पति राज के साथ तुमसे मिलने आयी है, उन्हें अंदर बुला लूँ? करिश्मा और राज की बात सुनते ही विक्की घबराने लगा और मुझसे बोला, नहीं दीदी, मुझे नहीं मिलना करिश्मा और राज से। उन्हें बोल दो वे शादी में आये हैं तो खाना खाएं जाएं, मुझे नहीं मिलना किसी से भी! इतने में दरवाजे पर करिश्मा और राज ने एक साथ दस्तक दिया और करिश्मा बोली, विक्की तुम भले ही मुझसे नहीं मिलना चाहती लेकिन मैं तुमसे मिले बगैर यहाँ से नहीं जाने वाली। फिर करिश्मा बोली, विक्की तुम वाकई बहुत खूबसूरत दिख रही हो और तुम्हारा होने वाला पति थोड़ी देर में आएगा और तुम्हे ब्याह कर अपनी दुल्हन बनाकर अपने साथ लेकर चला जायेगा, ये सोचकर मुझे बहुत दुःख हो रहा है। मुझे यकीन नहीं हो रहा है विक्की, तुमने सेक्स चेंज भी नहीं करवाया और सिकंदर से शादी कर रही हो, क्या तुम गे थी या फिर क्रॉसड्रेस्सर! इसपर मैं बोली, करिश्मा, विक्की ना तो गे है और ना ही क्रॉसड्रेस्सेर, वो तो पैसों की प्रॉब्लम हो गयी तो शादी के बाद विक्की का सेक्स चेंज ऑपरेशन होगा और विक्की भी मेरी तरह एक नार्मल हाउसवाइफ वाली लाइफ जियेगी। राज बोला, अमिता दीदी, मैं जानता हूँ कि आप और विक्की दोनों की शादी मर्द से होना ये कोई इत्तेफ़ाक़ नहीं है लेकिन आपने जिस तरीके से अपनी स्त्रीत्व को एक्सेप्ट किया है, विक्की को भी अपने स्त्रीत्व को वैसे ही एक्सेप्ट कर लेना चाहिए। राज की बात सुनकर मैं बोली, राज तुम फिक्र मत करो, विक्की मेरी छोटी बहन है और मुझे पूरा यकीन है कि विक्की स्त्रीत्व को करिश्मा से भी अच्छे से एक्सेप्ट कर लेगी। राज ने कहा, आई होप सो अमिता दीदी और फिर राज और करिश्मा ने विक्की को प्रेजेंट गिफ्ट किया और गिफ्ट देने के कुछ देर बाद यहाँ से चले गए।
शादी में आस पड़ोस की औरतें और हमारे रिश्तेदारों के अलावे भी काफी बिन बुलाये औरतें आयीं थी जो सिर्फ विक्की को देखने आयीं थीं। उन औरतों के अंदर एक तलब थी और वे देखना चाहती थीं कि एक लड़का जो दुल्हन बना है और एक मर्द जो दूल्हा बना है उन्दोनो की शादी कैसे हो रही है। आधी से ज्यादा औरतें विक्की से मिलने आयीं थीं और उनमे से काफी औरतें मेरी माँ के बुटीक की क्लाइंट थीं इसलिए हम उन्हें घर आने से नहीं रोक सके और अब बारात होने का टाइम हो रहा था। मैं विक्की के बगल में बैठी उसे पल पल का अपडेट दे रही थी जिससे उसकी नर्वस्नेस और भी बढ़ते जा रही थी। विक्की को शादी के नाम पर बहुत डर लग रहा था। मैंने विक्की को समझाने की कोशिश की कि शादी के बाद जब सिकंदर उसके साथ सुहागरात मना लेगा, फिर उसे कोई डर नहीं लगेगा। इसपर विक्की ने कहा, अमिता दीदी, सिकंदर सुहागरात में मेरे साथ क्या कर लेगा, मैं उसे कुछ करने ही नहीं दूंगा। मैं बोली, तू सिकंदर की होने वाली दुल्हन है विक्की, कैसे बात कर रही है? औरतों के लेहज़े में बात कर समझी। विक्की ने कहा, ओके दीदी, लेकिन औरतों की तरह बात करने में मुझे शरम आती है। मैंने विक्की को समझाया, विक्की देख, सिकंदर की पत्नी बनने के साथ ही तू पठान खानदान की छोटी बहु भी बन जाएगी और ऐसे लड़कों की तरह बातें करेगी तो वे गुस्सा करेंगे। मेरी बात सुनकर विक्की ने हाँ में सर हिलाया और सर झुका कर बैठ गया। मैं विक्की के शर्मिंदगी भरे इस पल को जी भर के एन्जॉय कर रही थी। थोड़ी देर में धूम धड़ाके की आवाज़ सुनकर मैं समझ गयी कि बरात आ चुकी है। मैं खिड़की से झाँक कर देखी तो सच में बरात आ चुकी थी।थोड़ी देर के बाद मेरे चाचा ने बारात का स्वागत सत्कार किया। शेरवानी में सिकंदर अपने बड़े भाई यानि मेरे शौहर चंगेज़ के साथ स्टेज पर बैठे दुल्हन के आने का इंतज़ार कर रहे थे और उनके साथ उनके कुछ दोस्त और हैदर अली भी थे। क़ाज़ी को वो अपने साथ लेकर आये थे, चूँकि ये शादी मुस्लिम तौर तरीके से होनी थी इसीलिए उनके साथ मेरी सास और मौलवी साब भी आये थे। मौलवी साब ने मेरी सास से कहा, निकाह का समय हो गया था, दुल्हन को परदे के दूसरे तरफ बिठा दिया जाये। मेरी सास ने मेरी माँ से ये बात कही तो माँ विक्की को लेने कमरे में आ गयी।
बाहों में सोने का बाजूबंद और कमर में कमरबंद पहनाया गया था। विक्की की नाभि साफ़ साफ़ दिख रही थी और उसके पैरों में गोल्डन सैंडल्स के साथ चांदी के हैवी पायल भी पहनाये गए थे। विक्की की लाल सिल्क ओढ़नी काफी डिज़ाइनर थी और विक्की जब घूँघट में था तो उसे कुछ भी नहीं दिख रहा था सिवाए खुद के खूबसूरती के। मैं विक्की के पास जाकर बैठ गयी और विक्की से पूछी, विक्की नर्वस हो? विक्की ने जवाब दिया, हाँ दीदी, बहुत ही ज्यादा। मैंने कहा, हम्म! जब मेरी शादी हुई थी तब मैं भी काफी नर्वस थी। विक्की बोला, अमिता दीदी, आपकी बात अलग थी और मेरी बात अलग है। मैंने विक्की की बात सुनकर हाँ में सर हिलायी और बोली, विक्की, करिश्मा अपने पति राज के साथ तुमसे मिलने आयी है, उन्हें अंदर बुला लूँ? करिश्मा और राज की बात सुनते ही विक्की घबराने लगा और मुझसे बोला, नहीं दीदी, मुझे नहीं मिलना करिश्मा और राज से। उन्हें बोल दो वे शादी में आये हैं तो खाना खाएं जाएं, मुझे नहीं मिलना किसी से भी! इतने में दरवाजे पर करिश्मा और राज ने एक साथ दस्तक दिया और करिश्मा बोली, विक्की तुम भले ही मुझसे नहीं मिलना चाहती लेकिन मैं तुमसे मिले बगैर यहाँ से नहीं जाने वाली। फिर करिश्मा बोली, विक्की तुम वाकई बहुत खूबसूरत दिख रही हो और तुम्हारा होने वाला पति थोड़ी देर में आएगा और तुम्हे ब्याह कर अपनी दुल्हन बनाकर अपने साथ लेकर चला जायेगा, ये सोचकर मुझे बहुत दुःख हो रहा है। मुझे यकीन नहीं हो रहा है विक्की, तुमने सेक्स चेंज भी नहीं करवाया और सिकंदर से शादी कर रही हो, क्या तुम गे थी या फिर क्रॉसड्रेस्सर! इसपर मैं बोली, करिश्मा, विक्की ना तो गे है और ना ही क्रॉसड्रेस्सेर, वो तो पैसों की प्रॉब्लम हो गयी तो शादी के बाद विक्की का सेक्स चेंज ऑपरेशन होगा और विक्की भी मेरी तरह एक नार्मल हाउसवाइफ वाली लाइफ जियेगी। राज बोला, अमिता दीदी, मैं जानता हूँ कि आप और विक्की दोनों की शादी मर्द से होना ये कोई इत्तेफ़ाक़ नहीं है लेकिन आपने जिस तरीके से अपनी स्त्रीत्व को एक्सेप्ट किया है, विक्की को भी अपने स्त्रीत्व को वैसे ही एक्सेप्ट कर लेना चाहिए। राज की बात सुनकर मैं बोली, राज तुम फिक्र मत करो, विक्की मेरी छोटी बहन है और मुझे पूरा यकीन है कि विक्की स्त्रीत्व को करिश्मा से भी अच्छे से एक्सेप्ट कर लेगी। राज ने कहा, आई होप सो अमिता दीदी और फिर राज और करिश्मा ने विक्की को प्रेजेंट गिफ्ट किया और गिफ्ट देने के कुछ देर बाद यहाँ से चले गए।
शादी में आस पड़ोस की औरतें और हमारे रिश्तेदारों के अलावे भी काफी बिन बुलाये औरतें आयीं थी जो सिर्फ विक्की को देखने आयीं थीं। उन औरतों के अंदर एक तलब थी और वे देखना चाहती थीं कि एक लड़का जो दुल्हन बना है और एक मर्द जो दूल्हा बना है उन्दोनो की शादी कैसे हो रही है। आधी से ज्यादा औरतें विक्की से मिलने आयीं थीं और उनमे से काफी औरतें मेरी माँ के बुटीक की क्लाइंट थीं इसलिए हम उन्हें घर आने से नहीं रोक सके और अब बारात होने का टाइम हो रहा था। मैं विक्की के बगल में बैठी उसे पल पल का अपडेट दे रही थी जिससे उसकी नर्वस्नेस और भी बढ़ते जा रही थी। विक्की को शादी के नाम पर बहुत डर लग रहा था। मैंने विक्की को समझाने की कोशिश की कि शादी के बाद जब सिकंदर उसके साथ सुहागरात मना लेगा, फिर उसे कोई डर नहीं लगेगा। इसपर विक्की ने कहा, अमिता दीदी, सिकंदर सुहागरात में मेरे साथ क्या कर लेगा, मैं उसे कुछ करने ही नहीं दूंगा। मैं बोली, तू सिकंदर की होने वाली दुल्हन है विक्की, कैसे बात कर रही है? औरतों के लेहज़े में बात कर समझी। विक्की ने कहा, ओके दीदी, लेकिन औरतों की तरह बात करने में मुझे शरम आती है। मैंने विक्की को समझाया, विक्की देख, सिकंदर की पत्नी बनने के साथ ही तू पठान खानदान की छोटी बहु भी बन जाएगी और ऐसे लड़कों की तरह बातें करेगी तो वे गुस्सा करेंगे। मेरी बात सुनकर विक्की ने हाँ में सर हिलाया और सर झुका कर बैठ गया। मैं विक्की के शर्मिंदगी भरे इस पल को जी भर के एन्जॉय कर रही थी। थोड़ी देर में धूम धड़ाके की आवाज़ सुनकर मैं समझ गयी कि बरात आ चुकी है। मैं खिड़की से झाँक कर देखी तो सच में बरात आ चुकी थी।थोड़ी देर के बाद मेरे चाचा ने बारात का स्वागत सत्कार किया। शेरवानी में सिकंदर अपने बड़े भाई यानि मेरे शौहर चंगेज़ के साथ स्टेज पर बैठे दुल्हन के आने का इंतज़ार कर रहे थे और उनके साथ उनके कुछ दोस्त और हैदर अली भी थे। क़ाज़ी को वो अपने साथ लेकर आये थे, चूँकि ये शादी मुस्लिम तौर तरीके से होनी थी इसीलिए उनके साथ मेरी सास और मौलवी साब भी आये थे। मौलवी साब ने मेरी सास से कहा, निकाह का समय हो गया था, दुल्हन को परदे के दूसरे तरफ बिठा दिया जाये। मेरी सास ने मेरी माँ से ये बात कही तो माँ विक्की को लेने कमरे में आ गयी।
अब तो विक्की की हालत बिलकुल ही खराब हो गयी थी क्यूंकि उसकी शादी एक मर्द से होने जा रही थी। विक्की ने कहा, माँ मुझे ये शादी नहीं करनी, प्लीज ये शादी रुकवा दो ना! मेरी चाची विक्की की बात सुनकर गुस्सा हो गयी और बोली, इस लड़की का दिमाग तो ख़राब नहीं हो गया है अमिता, तूने समझाया नहीं इसे। सुन लड़की, आज तेरी शादी है, बारात आ चुकी है और बाहर तेरा होने वाला दूल्हा तेरा इंतज़ार कर रहा है। तुझे क्या लगता है विक्की, क्या तू शादी के लिए ना कर देगी तो वो लोग मान जायेंगे। ऐसा कुछ नहीं होने जा रहा है, अब नखरे मत कर और चल। और हाँ, देख मौलवी तुझसे पूछे कि क्या तुझे ये निकाह कुबूल है तो कह देना, हाँ कुबूल है। अमिता, सब दुल्हन का इंतज़ार कर रहे हैं, तू दुल्हन को लेकर आ जा और ऐसे बोलकर चाची कमरे से बाहर चली गयीं। चाची के जाने के बाद मैंने विक्की का लम्बा घूँघट कर दी और उसे लेकर स्टेज पर आने को कमरे से निकली। विक्की अपने दोनों हाथों से अपना लहँगा उठाये मेरे साथ धीरे धीरे चल रहा था। विक्की की नाभि, उसके फेक बूब्स साफ़ झलक रहे थे। पायल की छम छम, गहनों की खनकनाहट और विक्की के शरीर के थरथराहट मैं साफ़ साफ़ फील कर रही थी। स्टेज पर पहुंचने के बाद सिकंदर ने विक्की का हाथ थाम लिया और उसे अपनी बाहों में उठाकर स्टेज पर ले गया जहाँ जयमाला हुई। जयमाला के बाद विक्की को औरतों के बीच बिठाया गया और सिकंदर मर्दों के बीच जाकर बैठ गया। ट्रांसपेरेंट परदे के इस पार विक्की औरतो के बीच था और उसे दुल्हन की तरह ट्रीट किया जा रहा था वहीँ मौलवी ने विक्की से तीन बार पूछा, क्या तुम्हे ये निकाह कुबूल है, विक्की ने तीनो बार हाँ में जवाब दिया। फिर मौलवी ने सिकंदर से तीन बार पूछा कि क्या उसे ये निकाह कुबूल है, सिकंदर ने भी हाँ में जवाब दिया और सभी औरतें विक्की को निकाह की मुबारकबाद देने लगीं वहीँ सभी मर्द सिकंदर को निकाह की बधाई देने लगे। दोनों के बीच एक पेपर भी साईन करवाई गयी और निकाह के बाद सभी ने डिनर किया और अब विदाई का टाइम हो गया था। विदाई की बात सुनकर विक्की जोर जोर से रोने लगा, इतना तो रोई थी अपनी विदाई के टाइम। फिर मैंने चाची ने और मेरी माँ ने विक्की को समझाया कि लड़कियों को अपना घर छोड़कर अपने ससुराल जाना ही पड़ता है। फिर सिकंदर ने सभी से आशीर्वाद लिया और विक्की को अपनी कार में बिठाकर विदा करवाकर ले गया। इधर मैं भी चंगेज़ के साथ अपने बच्चे को लेकर ससुराल आ गयी।
विक्की ने अपने पति सिकंदर के साथ अपने ससुराल में बहु के रूप में पहली बार कदम रखा। विक्की के स्वागत में काफी औरतें खड़ीं थीं और उनमे सबसे आगे मेरी सास खड़ी थी। कार से उतरते ही विक्की को मेरी सास सिकंदर के कमरे में ले गयीं और मुझसे बोली, अमिता, तू छोटी दुल्हन का ख़याल रख, सिकंदर को कमरे में आने मत देना और तबतक मैं हाल में मेहमानों की खातिरदारी करने जा रही हूँ। मैंने हाँ किया और मैं विक्की के साथ बैठ गयी। रो रो कर विक्की ने अपना पूरा मेकअप खराब कर लिया था और जबकि सास बाहर थीं तो मैंने सोचा कि विक्की का मेकअप ठीक कर दूँ और उसे आईने के सामने बिठा दी। मैंने विक्की के जेवर उतारे और विक्की का मेकअप ठीक करने बैठ गयी। विक्की का मेकअप ठीक करने के बाद मैंने विक्की को समझाया, देख विक्की, अब रोने से कुछ नहीं हो सकेगा, तू अब इस घर की छोटी बहु बन चुकी है और तेरा पति आज की रात तेरे साथ पहली रात यानी सुहागरात मनाएगा। विक्की बोला, अमिता दीदी, मेरे साथ क्या सुहागरात मनाएंगे वो, मेरे पास आपके जैसी वजाइना थोड़े ना है जो वो मेरे साथ सेक्स करेंगे। विक्की की बात सुनकर मैं हंस दी और बोली, विक्की, तू बड़ी भोली है रे, तुझे क्या लगता है, सिकंदर तेरे हुस्न का दीवाना ऐसे ही थोड़े ना हो गया है। तेरे लंड की वजह से उसने तेरे साथ निकाह किया और तुझे ब्याह कर इस घर में ले आया है। उसे तो तेरे जैसे लड़के ही पसंद हैं, लड़कियां नहीं। मेरी बात सुनकर विक्की का होश ही उड़ गया, ये क्या बोल रही हो दीदी, ऐसा नहीं हो सकता। मैं गे नहीं हूँ जो दूसरे मर्द के साथ सुहागरात मनाऊं! इसपर मैं बोली, विक्की तुम शायद भूल रही हो कि अब तुम एक ब्याही औरत हो जिसका पति आज की रात उसके साथ ना जाने क्या क्या करेगा। आई एम् सो एक्साइटेड विक्की, मेक श्योर विक्की सिकंदर कहीं तेरे छोटे से लंड को वजाइना समझकर उसमे ही अपना लंड ना घुसा दे। ऐसे में तू अगर प्रेग्नेंट हो गयी तो बड़ा जुल्म हो जायेगा। तेरे बच्चे कैसे होंगे फिर, ध्यान रखना अपने पति को कण्ट्रोल करने को कहना और एन्जॉय करना। देख दुःख करके तो अब कुछ हो नहीं सकता, पुरे हिन्दू और मुस्लिम समाज के सामने सिकंदर ने तुझे अपनी दुल्हन बनाया है और वो अपना हक़ तो लेकर रहेगा। मेरी बात सुनकर विक्की और भी डरने लगा, उसका बदन कांपने लगा और वो डरते डरते मुझसे बोला, दीदी, मेरे साथ ये सब क्यों हुआ? मैंने कहा, शायद तेरी नियति में ही ये सब होना लिखा था, शायद इसीलिए!
विक्की ने हाँ में सर हिलाया और मैंने उसका माथा चुम लिया और उसे बिस्तर के बीच बिठाकर घूँघट कर दी और सिकंदर के कमरे में आने का इंतज़ार करने लगी। मैं जबतक विक्की के पास रही, उसे समझाती रही, विक्की देख तू अब सिकंदर की बीवी बन चुकी है और इस घर की छोटी बहु भी। सिकंदर या सासुमा की किसी भी बात को नकारने की कोशिश मत करना और आज रात तुम दोनों की पहली सुहागरात भी है। सिकंदर जो भी कहे, चुपचाप कर देना, उसके सामने नखरे मत करना। आई डोंट नो विक्की कि तुम सिकंदर के सामने कितने देर टिक सकोगे लेकिन सिकंदर को देखकर तो ऐसा लग रहा है कि वो तेरे साथ ना जाने क्या क्या करेगा। सिकंदर के साथ सुहागरात मनाने के लिए खुद को रेडी कर लो विक्की। क्या होगा आज की रात ये तो मैं नहीं जानती लेकिन कल सुबह ही तुझसे मिल सकुंगी। कल ससुराल में तेरा पहला दिन होगा तो सुबह जल्दी उठ जाना, आई नो सोने में देरी तो हो जाएगी आज की रात लेकिन फिर भी , कोशिश करना कि कल सुबह सबसे पहले जाग जाओ और सबके लिए नाश्ता भी तुम्हे ही पकाना होगा। और हाँ विक्की, ज्यादा जोर जोर से मत चिल्लाना, दर्द हो तो तकिया पर अपने दांत गड़ा कर अपनी आवाज़ को कमरे से बाहर निकलने से रोक लेना। थोड़ी देर बाद, सिकंदर ने कमरे के दरवाज़े पर दस्तक दी और उसे देखते ही मैंने विक्की से कहा, लो विक्की, तेरे दूल्हे राजा आ गए, गुड लक छोटी दुल्हन, आज तो सिकंदर तुझे रात भर चोदेगा। मेरी बात सुनकर विक्की बोला, अमिता दीदी, ऐसे मत कहो, मुझे डर लग रहा है। माँ पापा ने तो मुझे लड़की बनने से पहले ही दुल्हन बनवा दिया और सिकंदर के साथ मेरा ब्याह भी करवा दिए। दीदी मैं क्या करूँ, मैं आज भी लड़का ही हूँ, सिकंदर के साथ सुहागरात मैं कैसे मना सकता हूँ। विक्की की बात सुनकर मैं बोली, विक्की तू बड़ी भोली है, देख इमोशनल ड्रामा बंद कर और सुहागरात के लिए खुद को रेडी कर। तू भले ही अभी एक लड़के की तरह सोच रही है लेकिन सुहागरात के कल होकर तू भी लड़कियों के जैसे ही सोचेगी। मैंने तो कभी नहीं सोचा था कि मेरी तरह मेरे प्यारे से भाई को भी दुल्हन बनकर इसी घर में आना पड़ेगा लेकिन अब जब तू आ ही गयी है तो तू चिंता मत कर। सिकंदर को देखा है ना तूने, आज की रात जब वो तेरे साथ सुहागरात मनाएगा तो पता नहीं क्या क्या करेगा तेरे साथ लेकिन आई एम् श्योर, वो तेरे अंदर के मर्द को औरत जरूर बना देगा। अब देख ज्यादा टाइम वेस्ट मत कर, घूँघट कर ले जल्दी से और टेबल पर दूध, मंगलसूत्र और सिंदूर की डिब्बी रखी है। तुझे कुछ भी नहीं करना है, बस जब तेरा पति कमरे में आये तो उसके पैरों को छूकर उससे आशीर्वाद लेना और उसे दूध पीला देना और वो जो भी कहे, ना नुकुर मत करना। अब मैं जाती हूँ, देर हो रही है और हाँ, गुड लक देवरानी जी। मेरी बात सुनकर एक पल के लिए विक्की के चेहरे पर मुस्कान आ गयी और उसने शरमाते हुए चेहरा झुका लिया। मैं दरवाज़े पर गयी तो सिकंदर कमरे में घुसने को रेडी हो गया, फिर मैंने सिकंदर से कहा, देवर जी, ऐसे ही अंदर नहीं जाने दूंगी। सिकंदर समझ गया और उसने मेरे हथेली पर ५०००० रूपये रख कर अंदर चला गया और अंदर से कुण्डी लगा दी। सिकंदर के कमरे के अंदर जाने के बाद मैं अपने कमरे में चली गयी और मैं भी दुल्हन की तरह घूँघट करके बिस्तर पर बैठकर अपने पति के आने का इंतज़ार करने लगी। इधर चंगेज़ कमरे में आये, मैं पहले से सुहागरात मनाने को रेडी बैठी थी। वो आये, उन्होंने मेरा घूंघट उठाया और मेरी खूबसूरती की तारीफ़ करते हुए मेरे साथ रोमांस करने लगे। एक एक करके मेरे बदन से कपडे हटते चले गए और कुछ ही देर में मैं अपनी पति की बाहों में न्यूड उनके प्यार के सागर में गोते खा रही थी। चंगेज़ आज कुछ ज्यादा ही एक्साइटेड हो रखे थे और मेरे पुरे बदन को अपने होंठों के चुम्बन से मेरे फूलों की कली जैसे बदन को फूलों की तरह खिलने को मजबूर कर दिया। थ्रस्ट आफ्टर थ्रस्ट और मेरे मुँह से सिर्फ आह्हः ओह्ह्ह उह्ह की आवाज़ें निकल रहीं थीं और कुछ ही देर में मुझे ओर्गास्म हो गया और मैं अपने कंपकंपाते हुए बदन को अपने पति के मजबूत बाहों के आगोश में समाकर सोने लगी।
कुछ देर बाद चंगेज़ फिर से एक्साइटेड हो गए और फिर से मेरी चुदाई करने लगे। मुझे बहुत ही ज्यादा जलन हो रहा था लेकिन चंगेज़ के हर एक थ्रस्ट से होने वाले प्लेज़र मुझे बहुत ही अच्छी अनुभूति दे रही थी। मैं सबकुछ भूलकर अपने पति की बाहों में सो गयी। अगली सुबह चार बजे जब मेरी नींद खुली तो मैं सीधे विक्की को जगाने चली गयी। मैंने दरवाज़ा खटखटाया तो सिकंदर ने दरवाज़ा खोला और वो कमरे से बाहर चला गया। मैंने देखा, विक्की न्यूड थी और बिस्तर पर औंधे मुँह गहरी नींद की आगोश में समाई हुई थी और उसके बदन पर जेवर के सिवा कुछ भी नहीं था। विक्की के गांड पर खून के कुछ छींटे थे और बिस्तर पर भी। मैंने विक्की को जगाया, विक्की मुझे देखते ही रोने लगी, मैंने उसे शांत किया और समझाया कि औरतों को ये सब झेलना पड़ता है। मैं विक्की को वाशरूम तक ले गयी और विक्की दर्द से एक कदम नहीं चल पा रही थी। विक्की को वाशरूम में फ्रेश होने को कहकर मैं अपने कमरे में फ्रेश होने चली गयी। मैं फ्रेश होकर कमरे में आयी और सिल्क साड़ी पहनकर रेडी हुई और फिर विक्की के कमरे में चली गयी। जब मैं विक्की के कमरे में गयी तो वहां सिकंदर विक्की को अपनी बाहों में समेटे उसके साथ रोमांस कर रहा था। विक्की को अपनी बाहों में उठाये हुए विक्की होंठों को अपने होंठों से चूस रहा था और मैं बाहर तबतक खड़ी रही जबतक दोनों को मेरे कमरे में होने का एहसास नहीं हुआ। मुझे देखते ही सिकंदर विक्की को नीचे उतारा और मुझसे कहा, भाभी आप कब आयीं? मैंने कहा, घबराइए नहीं देवर जी, मैं तो बस अभी आयी। सिकंदर बोला, सॉरी भाभी, आपने सब देख लिया? मैं बोली, नहीं देवर जी, मैंने कुछ भी नहीं देखा, आपकी दुल्हन को तैयार कर दूँ। सिकंदर बोला, हाँ हाँ भाभी, मैं बाहर चला जाता हूँ और ऐसा कहकर सिकंदर कमरे से बाहर चला गया। सिकंदर के बाहर जाने के बाद विक्की ने अपना टॉवल ठीक किया और शर्माते हुए चेहरा झुका कर बिस्तर के कोने पर बैठ गयी। विक्की के बिखरे बाल और चेहरे पर बिखरा लिपस्टिक और काजल और आँखों में आंसू लिए विक्की मेरी तरफ देखने लगी। मैं विक्की के पास गयी और बोली, विक्की, इसमें शर्माने वाली क्या बात है, मिया बीवी में ये सब चलता है और सिकंदर तो तुझसे इतना प्यार भी करता है, आज वो भी मैंने देख लिया। विक्की ने कहा, नहीं दीदी ऐसा कुछ भी नहीं है, ये सिर्फ हवस है। मैंने कहा, चलो छोड़ो, आओ मैं तुम्हे तैयार कर दूँ, देख ना तेरी सास ने तेरे लिए ये साड़ी ब्लाउज और ज्वेलरीज भेजी हैं। विक्की को मेकअप टेबल के सामने बिठाकर मैं उसे तैयार करने बैठ गयी।
मेरी बात सुनकर विक्की अपसेट हो गयी, उसकी आँखों में आंसू आ गए और वो मुझसे लिपटकर रोने लगी। मैंने विक्की को शांत करने की कोशिशकरने लगी लेकिन विक्की अपने इमोशंस को कण्ट्रोल नहीं कर पा रही थी। थोड़ी देर बाद जब विक्की चुप हुई तो वो और भी इमोशनल होते हुए मुझसे बोली, दीदी, कल रात मेरे पति ने मेरे साथ इतना हार्डकोर सेक्स किया। मैं कोई खिलौना हूँ क्या, कभी मेरे टांग फैलाकर तो कभी मुझे बाहों में उठाकर तो कभी मुझे बाथटब में लिटाकर मेरे साथ रातभर सेक्स किये।
और तो और मेरे लंड में अपना लंड घुसाकर मुझे आगे से भी चोदे। मैंने उनको समझाने की बहुत कोशिश की लेकिन वो जबतक मेरे लंड को अपने स्पेर्म्स से भर नहीं दिए तबतक शांत नहीं हुए। फिर मेरे लंड से अपने स्पर्म के साथ मेरे स्पर्म के डिस्चार्ज होते ही मुझे आँखों के आगे अँधेरा सा छाने लगा। इनका लंड काफी मोटा और इतना बड़ा है, मैंने लाइफ में कभी इतना बड़ा लंड नहीं देखा और आज इन्होने मेरे साथ रात भर सेक्स किया वो भी हार्डकोर। इतना मोटा लंड जब मेरे अंदर गया तो मेरी जान ही निकल गयी, मैंने इनको बहुत रोका लेकिन ये नहीं माने और मेरे साथ जबरदस्ती सेक्स करते रहे। आज की रात तो मैंने किसी तरह बर्दाश्त कर लिया दीदी लेकिन मुझे और नहीं हो सकेगा। मैं इतनी वीक कैसे हो गई कि एक मर्द मुझे रात भर चोद कर बेसुध कर दिया।विक्की ऐसा कहते ही रोने लगी, फिर मैंने विक्की को शांत किया और उसे समझाया कि जबतक वो पूरी तरह लड़की नहीं बन जाती, ऐसा तो रोज़ हो होगा और सेक्स चेंज में अब ज्यादा समय नहीं रह गया है। सिकंदर ने मुझे बताया है कि कल वो तुझे हनीमून पर बैंकाक ले जाने वाला है और वहां तुम्हारा सेक्स चेंज ऑपरेशन भी होगा। फिर तू भी मेरी तरह पूरी तरह से औरत बन जाएगी और फिर तू भी मेरी तरह बच्चों को जन्म दे सकेगी। फिर विक्की शर्माने लगी और बोली, दीदी मुझे सेक्स करवाना, मैं ऐसे ही ठीक हूँ। मैंने कहा, जैसी तेरी मर्ज़ी, चल कुछ अच्छा सा पका दे। फिर मैंने और विक्की ने मिलकर बहुत ही स्वादिष्ट नाश्ता और दिन में खाना भी पकाया। मेरी बात सुनकर विक्की को काफी शर्मिंदगी हुई जो उसके चेहरे से साफ़ झलक रही थी। घर में सभी ने विक्की के हाथ के बने नाश्ते और लंच की खूब तारीफ की। शाम को मुंहदिखाई की रस्म रखी गयी और विक्की को मैंने फिर से तैयार किया। बिलकुल मुस्लिम दुल्हन की तरह अनारकली सलवार सूट में। विक्की का फिगर काफी हद तक लड़कियों जैसा ही था और यही वजह थी कि विक्की इतनी हॉट दिख रही थी। एक दुपट्टे से मैंने विक्की का घूँघट करके लेडीज़ के बीच ले गयी और उसे बिठाकर सभी के लिए नाश्ता बनाने किचन में आ गयी। किचन के एक कोने से मैं सबकुछ देख रही थी, औरतें विक्की को अपना आशीर्वाद तो दे ही रहीं थी लेकिन साथ ही उसे सिकंदर के बच्चे को जन्म देने की भी सलाह दे रहीं थी।
मोहल्ले की कुछ लड़कियां जो विक्की से सुहागरात के बारे में सवाल पर सवाल किये जा रहीं थी वहीँ कुछ लड़कियों को ये पता था कि विक्की के लड़का होते हुए भी सिकंदर की दुल्हन बन गयी थी जिसको लेकर वे काफी एक्साइटेड थीं। विक्की चुपचाप बैठी आँखें झुकाये बिना कुछ कहे सबकी बातें सुन रहीं थी। विक्की की आंखें आंसुओं को रोके अपने इमोशन को कण्ट्रोल करने की कोशिश में थी, लेकिन सबकी बातें सुनकर शर्मिंदगी होना लाज़मी थी। मुँह दिखाई की रस्मों के ख़त्म होने के बाद घर के बड़ों ने डिनर किया और आखिर में मैं और विक्की डिनर करने किचन के एक कोने में बैठ गयीं और हम दोनों ने एक साथ डिनर किया। डिनर करने के बाद किचन की साफ़ सफाई की और फिर हम दोनों अपने अपने कमरे में चली गयीं। जब मैं कमरे में गयीं तब कमरे में चंगेज़ और सिकंदर बैठे आपस में बातें कर रहे थे और मेरे आते ही चंगेज़ कमरे से बाहर चला गया। मैं बिस्तर से थोड़ी दुरी पर अपने पति को देख रही थी और वो मुझे देखकर मुस्कुरा रहे थे। उन्होंने मुझसे पूछा, अमिता, लक्ष्मी सो गई? मैंने कहा, हाँ वो अपनी दादी के साथ सो रही है। फिर उन्होंने मुझसे कहा, मेरी जान यहाँ आओ? मैं उनके पास गयी तो उन्होंने मुझे अपनी बाहों में कस कर बिस्तर पर लिटा दिए और बोले, मुझे एक बेटा चाहिए अमिता जो हमारे वंश को आगे बढ़ाये। मैंने उनसे कहा कि अभी कुछ दिन रुक जाते हैं ना लेकिन वो नहीं माने। आज की रात कैसे कटेगी मैं नहीं जानती थी, लेकिन मेरे पति ने मन बना लिया था और वो दरवाज़े की कुण्डी लगाकर बिस्तर पर आ गए। वो मेरे ऊपर ऐसे चढ़ गए, मानो किसी बकरी पर शेर ने चढ़ाई कर दी हो। चंगेज़ मुझे लगातार चूमे जा रहे थे और एक एक करके मेरे बदन के कपडे भी अलग होते चले गए। चंगेज़ के किस करने का अंदाज़ मुझे बहुत पसंद था, वो जब भी मुझे फ्रेंच किस करते, मेरी एक्साइटमेंट चरम पर चली जाती और आज भी यही हो रहा था। मैं एक्साइटेड हो गयी और गर्म भी। चंगेज़ को इससे ज्यादा क्या चाहिए था, उनके लिए ये बहुत अच्छा मौका था और उन्होंने बिना एक भी पल गंवाए खुद भी न्यूड हो गए और मुझे अपनी बाहों में भर लिए और मेरी छोटी सी वजाइना में अपना लंड घुसेड़ दिए और मेरी चुदाई करने लगे। आज तो ऐसा लग रहा था मानो ये रात क़यामत की रात साबित होने वाली थी और ये फुल स्पीड में चोदने लगे। मैं अपने दर्द बर्दाश्त करने की कोशिश करती रही लेकिन इनका एक एक स्ट्रोक मेरे मुँह से चीख निकालने को काफी थे। चंगेज़ एक मिनट्स के लिए भी नहीं रुके, मैंने इतना मनाया लेकिन आज मुझे यकीन हो गया था कि ये मुझे प्रेग्नेंट करके ही मानेंगे।
अगले बिस मिनट्स की चुदाई के बाद इन्होने मेरे अंदर अपना गर्म लावा जैसा वीर्य उड़ेल दिया और ठीक उसी समय मेरे अंदर का पानी भी निकल गया। मैं निढाल हो गयी और ये भी शांत होकर मेरे ऊपर मुझे अपनी बाहों में कस कर आराम करने लगे। कुछ देर बाद मैंने इनसे कहा कि मेरे ऊपर से हट जाएं लेकिन ये नहीं माने और मुझे बाहों में लेकर खड़े हो गए और फिर से मेरी चुदाई करने लगे वो भी खड़े खड़े। जलन के मारे मेरे मुँह से लगातार चीख निकल रही थी, मैं दर्द बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी और ये लगे पड़े थे मेरी चुदाई करने में।
अगले आधे घंटे बाद इन्होने एक बार फिर से मेरे अंदर अपना गर्म लावा भर दिए और मुझे बाहों में लेकर सो गए। मुझे यकीन था आज की रात मैं एक बार फिर से प्रेग्नेंट हो जाउंगी और मैंने इनसे कहा भी कि मैं वाशरूम से आती हूँ लेकिन ये नहीं माने और तीसरे राउंड के रेडी हो गए।
मेरा पूरा बदन टूट रहा था, बॉडी वीकनेस इतनी कि सांस लेने भर से थक जा रही थी और इन्हे मना करने के बावजूद ये नहीं माने और मुझे अगले आधे घंटे फिर से चोदे, घोड़ी बना कर तो कभी मेरे दोनों टांग फैलाकर। मैं दर्द से रो रही थी, लेकिन इनपर कोई असर नहीं हो रहा था, ऐसा लग रहा था मानो कोई ताकत की दवाई खाकर मेरी चुदाई कर रहे हों और फिर आखिरी बार जब इन्होने मेरे अंदर अपना लावा जैसा वीर्य उड़ेला, मेरा पानी फिर से निकल गया और मैं बेसुध हो कर कब बेहोश हो गयी, मैं नहीं जानती। अगली सुबह के चार बजे दरवाज़े पर नॉक हुई तो मेरी नींद खुली, मैं इनके ऊपर, इनका गांड में लिए सो रही थी और जब हमदोनो की नींद खुली तो मैंने इनसे कहा कि दरवाज़े पर कोई है।
मैंने चादर से अपना जिस्म ढँक लिया और ये दरवाज़ा खोलने चले गए। दरवाज़े पर विक्की थी, वो रो रही थी और उसने भी अपना बदन चादर से ओढ़ा हुआ था। दरवाज़ा खुलते ही विक्की मेरे पास दौड़ कर आयी और मुझसे लिपट कर रोने लगी। मैंने चंगेज़ को इशारे से बाहर जाने को कहा तो वे बाहर चले गए। पहले तो मैंने विक्की को चुप कराइ और फिर उससे पूछी, क्या हुआ विक्की, तुम इतनी सुबह यहाँ और तुम रो क्यों रही हो इतना! विक्की मेरे सवाल का कोई जवाब नहीं दे रही थी और लगातार रोये जा रही थी। मैंने विक्की को फिर से शांत करने की कोशिश की तो वो मुझे वाशरूम में चलने को बोली। मैंने पहले तो कमरे को अंदर से लॉक की और फिर विक्की को लेकर वाशरूम में आ गयी। मैंने विक्की से फिर से पूछा, क्या हुआ विक्की, तुम इतना रो क्यों रही हो और मुझे वाशरूम में लेकर क्यों आई हो। विक्की ने रोते रोते अपने बदन से वो चादर को हटा दी और मैंने देखा, विक्की के चेस्ट पर, गले पर, कमर पर, जाँघों पर सिकंदर के लव बाइट्स के निशान थे और विक्की की गांड पर खून लगा हुआ था। विक्की ने रोते हुए कहा, अमिता दीदी, प्लीज् मुझे इस दरिंदे के साथ नहीं रहना, ये मुझे जीते जी खा जायेगा, भूखे शेर की तरह मेरे साथ सेक्स करता है और मेरी हालत तो देखो दीदी। इतना सेक्स कौन करता है दीदी, ये तो मेरे गांड और लंड को चुत समझ कर बेतहाशा चोदे जाते हैं और मैं कितना भी रोऊँ, ये नहीं रुकते हैं। मैं ऐसी लाइफ नहीं जीना चाहती अमिता दीदी, मुझे यहाँ से निकालो दीदी, मैं जहर खाकर मर जाउंगी लेकिन अब दुबारा सिकंदर के कमरे में नहीं जाउंगी। मैंने कहा, चुप कर जा, इतना नहीं रोते, ये मर्द लोग होते ही ऐसे हैं। एक बार किसी लड़की को अपनी बाहों में लेते हैं तो रुकते ही नहीं। तुम अभी से इतना घबरा रही हो और मुझे देखो, मैं तो सालों से इन्हे झेल रही हूँ। और कल रात तो इन्होने मुझे रात भर चोदे, और मैं कुछ नहीं कर सकी। मुझे लगता है, मैं फिर से प्रेग्नेंट हो जाउंगी। देख विक्की, अब हमारे पति हमारे सबकुछ हैं, ये चाहे तो हमसे प्यार करें, चाहे तो रोमांस और चाहे तो हमें रात भर चोदें, हमें बस इनका कहा मानना है मेरी बहना, अब यही हमारी लाइफ है।
तू रोना बंद कर और आज तो तू हनीमून पर बैंकाक जाने वाली है ना अपने पति के साथ। विक्की बोली, हाँ दीदी, इनका क्लाइंट मीटिंग भी है वहां तो। मैं बोली, अच्छा है ना, तूझे भी बैंकाक घूमने का मौका मिल जायेगा। छह महीने के हनीमून के बाद तेरे हनी तुझे मून बना देंगे और ये सब दर्द उसके आगे कुछ भी नहीं है। मेरी बात सुनकर विक्की की आँखें भर आयी और वो बोली, दीदी मुझे औरत नहीं बनना, आपने कैसे अपना सेक्स चेंज करवा लिया, मुझे नहीं लगता कि मुझे ये सब हो पायेगा और सेक्स चेंज के बाद मेरी मर्दानगी की आखिरी निशानी मुझसे छीन ली जाएगी। मैं बोली, तेरी मर्दानगी की आखिरी निशानी तो ये लव बाइट्स हैं जो तेरे पति ने तुझे दिए हैं और वैसे भी, तू मर्द होकर भी एक मर्द की दुल्हन बन गयी तो अब तू सेक्स चेंज करवा लेगी तो क्या फ़र्क़ पद जायेगा। कम से कम तू अपनी लाइफ एन्जॉय तो कर सकेगी, माँ बनने का सुख तो भोग सकेगी और औरत होने का असली मतलब क्या होता है वो तो समझ सकोगी। मेरी बात सुनकर विक्की झेंप गयी और चादर लपेटे अपने कमरे में चली गयी।
थोड़ी देर बाद फ्रेश होकर तैयार होने के बाद जब मैं विक्की के कमरे में गयी तो मैंने देखा, विक्की को अपनी बाहो में उठाये सिकंदर उसके होंठों में अपने होंठ से चूमे जा रहा था। मैंने ऊहु उह्हू किया तो दोनों ने मेरी और देखा और सिकंदर विक्की को गोद से उतारकर कमरे से बाहर चला गया। शायद विक्की नहाकर ही बाहर आयी थी तो मैंने उसे साड़ी में तैयार किया और सास के पास ले गयी। मैंने और विक्की ने अपनी सास के पैरों को छूकर उनका आशीर्वाद लिया और फिर किचन में खाना पकाने में बिजी हो गयी। दोपहर में सिकंदर विक्की को अपने साथ बैंकाक ले जाने वाला था तो पैकिंग की जिम्मेदारी भी मेरे ही कन्धों पर थी। ग्यारह बजते बजते काम ख़त्म करके विक्की के कपडे पैक करने में हेल्प करने उसके कमरे में चली गयी। थोड़ी देर बाद सिकंदर भी अपना बैग पैक कर के रेडी हो गया और जब उसने देखा कि मैंने इतनी सारी साड़ियां और जेवर पैक किये थे तो उसने मुझसे कहा, भाभी, बैंकॉक में कौन लड़की साड़ी पहनती है, आप ना विक्की के लिए सूट्स और कुछ साड़ी पैक कर दो, मैं वहां इसे और कपडे और जेवर दिलवा दूंगा। फिर मैंने सिकंदर के कहे अनुसार विक्की का बैग पैक कर दिया और विक्की चुपचाप खड़ी सबकुछ देखती रह गयी। थोड़ी देर बाद सिकंदर विक्की को अपने साथ लेकर बैंकाक की ओर रवाना हुआ और चंगेज़ उनदोनो को एयरपोर्ट ड्राप करने चले गए। दो घंटे बाद चंगेज़ सिकंदर और विक्की को ड्राप करके घर आ गए। घर आने के बाद चंगेज़ अम्मी के साथ बैठकर बातें करने लगे और मैं फिर से किचन में दोनों के लिए चाय बनाने आ गयी। मेरी बेटी अपनी दादी और पापा के साथ हॉल में खेल रही थी। जब मैं चाय सर्व करने कमरे में आयी तो मैं सुनी की दोनों बच्चे के लिए आपस में बातें कर रहे थे। अपनी सास को जब मैंने चाय सर्व की तो वो मुझसे बोली, बहु, अब तू भी और बच्चे के लिए कुछ सोच, एक बेटी है तो दो चार बेटे हो जाएं तो मैं भी पोते पोतियों का सुख भोग लुंगी, ना जाने कितने दिन और बचे हैं मेरे अब तो मेरी ख्वाहिश पूरी कर दे। मेरी सास की बात सुनकर मैं शरमा गयी और अपने कमरे में चली गयी। पीछे पीछे मेरे शौहर भी कमरे में आ गए और मुझे बाहों में लेकर बोले, अमिता, मेरी रानी अम्मी सही कह रही है, अब हमें और बच्चे कर लेने चाहिए, मुझे तो पुरे पांच लड़के चाहिए और मुझे पूरा यकीन है कि इस बार तुम्हारे कोख से लड़का ही पैदा होगा। इनकी बातें सुनकर मैं शरम से पानी पानी हो गयी, एक समय था जब मैं एक मर्द थी, अपनी होने वाली पत्नी और बच्चों के बारे में सोचती थी और एक आज का दिन है जब मैं खुद एक मर्द की पत्नी बनकर उसके बच्चों को जन्म देने के बारे में सोचना पड़ रहा है। मैं शरमाने लगी तो इन्होने मुझे अपनी बाहों में समेटकर मेरे साथ रोमांस करने लगे। मैंने इनसे कहा, अभी रात को ही तो आपने मेरे साथ हार्डकोर सेक्स किया था और शुरू हो गए आप। मैं कोई मशीन थोड़े ना हूँ, छोड़िये ना कोई देख लेगा। ये बोले, तुम तो मेरे लिए मशीन ही हो जिससे मैं बहुत प्यार करता हूँ और मेरे पांच बेटे की होने वाली माँ, अब तो मैं नहीं रुकने वाला। इससे पहले मैं कुछ कहती ये शुरू हो गए और मुझे नंगी कर के वाशरूम में ले गए और बाथटब में लिटाकर शाम तक हार्डकोर सेक्स किये
और वो भी तबतक, जबतक मैं बेहोश ना हो गयी। जब मेरी नींद खुली तो मैंने देखा, मैं कमरे के बिस्तर पर औंधे मुँह पड़ी हूँ और मेरे ऊपर एक सफ़ेद चादर रखा था। दरवाज़ा खुला देख मैंने चादर से अपने बदन को ढंककर कमरे के दरवाज़े पर गयी उसे अंदर से लॉक कर ली और साड़ी पहनकर तैयार हुई। चौबीस घंटे घूँघट में कामकाज करते कब शाम हो जाती इसका पता चलता भी नहीं और आज तो शाम के सात बज चूका था और मैं कमरे में ही थी। अभी मैं सोच ही रही थी कि मेरी सास की आवाज़ आयी, अरी ओ महारानी, कमरे में ही पड़े रहोगी या खाने को कुछ बनाओगी। मेरी सास बड़े ही गुस्से में थी और उनकी बात सुनकर मुझे भी गुस्सा आ रहा था, अपने बेटे को तो हैवान बना रखी हैं और मैं जो घर के सारे काम करती हूँ, उसे हमेशा डांटती रहती हैं। घूँघट करके जब मैं किचन में गयी तो देखा मेरी सास वही चाय बना रही थीं तो मैं उनसे बोली, आप आराम कीजिये, मैं चाय बना देती हूँ। इतने में मेरी सास बोली, करमजली, ये कौन सा समय है आराम फरमाने का और मुझे एक चांटा रसीद कर दीं और किचन से बाहर चली गयीं और मैं बहुत रोई लेकिन चाय सर्व करने के बाद किचन में आयी और सबके लिए खाना पकाई। एहि लाइफ रह गयी है मेरी, ना टीवी देख सकती हूँ और ना ही मोबाइल यूज़ कर सकती हूँ और मेरी सास दिन भर टीवी और मोबाइल में लगी रहती हैं और मुझे ताना मारने का एक भी मौका नहीं छोड़तीं। इधर थोड़े देर बाद सिकंदर ने कॉल किया और कन्फर्म किया कि वो और विक्की अब बैंकाक पहुंच चुके हैं और होटल में चेकइन भी कर चुके हैं। इधर मेरी सास और पति को डिनर करवाने के बाद अपनी बेटी को अपना दूध पिलाकर सुला दी और उसे सास के कमरे में सुला कर अपने कमरे में आ गयी। मेरी बेटी अब बड़ी होने लगी थी और वो बिलकुल देखने में मेरे जैसी लेकिन हरकतें अपने बाप की तरह शैतानियों में पूरा दिन निकलता उसका और मेरी सास उसके साथ खूब खेलती और खुश रहतीं। विक्की और सिकंदर के बैंकाक जाने के कुछ हफ़्तों में चंगेज़ ने मेरे साथ जी भर के सेक्स किया, सुबह शाम रात दिन सिर्फ सेक्स और कुछ भी नहीं दीखता उनको।
दर्द और कमज़ोरी से मेरा पूरा बदन टूटता लेकिन इनपे कोई असर नहीं होता इन सब का। मैंने इन्हे कई दफा रोका भी लेकिन ये जब शुरू हो जाते हैं तब मेरे रोके नहीं रुकते। एक महीना पूरा हुए चार दिन गुज़र चुके थे, मेरे पीरियड्स इस महीने नहीं आये तो मैं घबराने लगी। एक दिन अचानक मुझे मिचली आयी और मुझे खट्टा खाने का फिर से मन करने लगा। मैं कन्फर्म थी कि मैं अब एक बार फिर से प्रग्नेंट थी लेकिन एक दिन मैं इसी हालत में काम करते करते किचन में बेहोश होकर गिर गयी तो मेरी सास ने डॉक्टर को बुलवा लिया और चंगेज़ मुझे अपनी बाहों में उठाकर कमरे में ले आये। डॉक्टर आयी, मेरा चेकअप किया और मुझसे बोली, बधाई हो, तुम गर्भवती हो अमिता, बहुत जल्द तुम चंगेज़ के दूसरे बच्चे की माँ बनने वाली हो। मुझे तो ये सब पता ही थी लेकिन अब कन्फर्म हो चूका था कि मैं प्रेग्नेंट हूँ। मैंने उन्हें थैंक्स कहा तो मेरी सास ने डॉक्टर को मिठाई खाने के पैसे फीस देकर उन्हें विदा किया। इधर मेरे प्रेग्नेंसी के बारे में सुनकर मेरी माँ, चाचा और चाची ने मेरे पति को बधाई दी और उन्होंने सबसे मेरी बात करवाई।
मैं इमोशनल होकर रोने लगी तो मेरी माँ ने मेरे पति से कहा कि गर्भावस्था के दौरान वो मुझे घर ले आएं लेकिन वो नहीं माने और बोले कि वो मेरा ख्याल रख लेंगे। अगले ही दिन घर में एक काम वाली रख लिए जो खाना भी पकाती और मेरा ख्याल भी रखती। उस दिन बैंकाक से विक्की ने सिकंदर के फ़ोन से मेरे शौहर के फ़ोन पर कॉल की। वो तो अम्मी के साथ बाहर बैठे थे तो मैंने कॉल पिक कर लिया। उधर से विक्की के रोने की आवाज़ सुनकर मैं डर गयी और मैं हेलो हेलो करने लगी। फिर उधर से विक्की की आवाज़ आई, दीदी, मैं लड़की नहीं बनना चाहती, प्लीज्! मैंने राहत की सांस ली और बोली, विक्की देख तेरे शौहर से इस बारे में जो बात करनी है कर लेकिन मैं इन सब में तेरी कोई मदद नहीं कर सकती। आखिर तेरा शौहर भी तो इंसान ही है, कब तक वो तेरी गांड से काम चलाता रहेगा! उसे भी बाप बनने का पूरा हक़ है और उसे तुझसे ही बच्चों की उम्मीद है। तू एक मर्द से शादी कर चुकी, उसके साथ सुहागरात मना चुकी, उसके नाम का मंगलसूत्र तेरे गले में रहता है, उसके नाम का सिंदूर तेरी मांग सजाता है और सबसे बड़ी बात, सिकंदर तुझसे बहुत प्यार करता है। उसके लिए तू लड़की बन जाएगी तो वो भी अपनी हसरतों को पूरा कर सकेगा। विक्की बोली, दीदी, ये सब ठीक है लेकिन औरत बनने के बाद वो मुझे अपने बच्चों की अम्मी बनाने पर जोर देंगे और वो अभी अभी यही बोलकर बाहर गए हैं। मेरे शौहर को बच्चा चाहिए मेरी कोख से। मैं भला बच्चे कैसे पैदा कर सकती हूँ दीदी, नहीं नहीं दीदी, ये सब मुझसे नहीं होगा। मैं बोली, देख विक्की, तेरी तरह मैं भी तो कभी एक लड़का थी ना, लेकिन आज मैं अपने शौहर के दूसरे बच्चे को अपनी कोख में पाल रही हूँ। तू भी सब कर लेगी, टेंशन ना ले और जल्दी से लड़की बनकर वापिस आजा घर। विक्की बोली, लेकिन दीदी, मैं लड़की बन गयी तो मुझे भी आपकी तरह बच्चे पैदा करने पड़ेंगे और मैं ये सब नहीं चाहती। मैंने विक्की को समझाया, शादी के बाद तो तेरे पति की उम्मीद होगी ना बच्चे करने की। वो भी चाहता होगा कि वो तुझे अपने बच्चों की अम्मी बनाये इसमें गलत क्या है। कोई भी शौहर अपनी पत्नी से यही चाहता है। अब बचपना छोड़ और अपने बच्चों के बारे में सोचना शुरू कर। जल्दी से सेक्स चेंज करवा कर पूरी तरह से औरत बन जा, और नखरे कम किया कर समझी, चल वो आ रहे हैं मैं कॉल काट रही हूँ। और फिर मैंने कॉल डिसकनेक्ट कर दिया। इधर मेरे शौहर कमरे में आ गए तो आते ही मेरे पास आकर बैठ गए और पहले तो मेरे साथ रोमांस किये और फिर सेक्स करने को कहने लगे। मैंने उनको समझाया कि अभी सेक्स करना बच्चे के लिए अच्छा नहीं तो वे मुँह फुलाकर कमरे के बाहर चले गए। उनके जाने के बाद मैं रेस्ट करने लगी और उधर विक्की को सेक्स चेंज ऑपरेशन के लिए सिकंदर हॉस्पिटल में एडमिट करके घर पर अम्मी को सूचित कर दिए।
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