Skip to main content

Sonu's Altered Fate - Glimpse

संजु(घर आते ही): नमस्ते भाभी, कैसे हैं?

भाभी: अरे संजु जी, नमस्ते देवर जी, हम सभी तो बढ़िया हैं, इधर का रास्ता कैसे भूल गए आज? कैसे हैं आप और अमेरिका से कब वापिस आए?

संजु: अरे भाभी, सब बढ़िया हैं। कल ही तो आया हूँ अमेरिका से, ये देखिए, आपके लिए आपकी पसंद नाईटी भी लाया हूँ, आपने नेहा से कहा था ना तो उसी ने भेजी है, आपके लिए। और सोनू की शादी तो बड़े धूमधाम से हुई होगी, मुझे बाद अफसोस है भाभी, मैं शादी मे नहीं आ सका, वैसे है कहाँ सोनू आजकल?

भाभी: शादी के बाद तो सोनू को तो अपने ससुराल मे ही होना चाहिए!

संजु: क्यूँ भाभी, सोनू घरजमाई बन गया है?

भाभी: अरे देवर जी, आपको किसी ने कुछ बताया नहीं?

संजु: किस बारे मे भाभी?

भाभी: संजु की शादी के बारे मे?

संजु: अरे भाभी, बताया है तभी तो मैं आया हूँ सोनू से मिलने! लेकिन सोनू ससुराल मे क्यूँ है?

भाभी: कैसे बताएँ देवर जी?

संजु: क्या बात है भाभी, आप सोनू के बारे मे क्या छिपा रही हैं मुझसे?

भाभी: देवर जी, वो क्या है ना, सोनू की शादी मेरे ही छोटे भाई रमन से हुई है। अब सोनू मेरे भाई की पत्नी बन चुका है, हालांकि सोनू ने सेक्स चेंज सर्जरी नहीं करवाया है फिलहान लेकिन बहुत जल्द सोनू का सेक्स चेंज ऑपरेशन भी हो जाएगा।

संजु(शॉक मे): भाभी, सोनू एक मर्द है, आपके भाई की पत्नी कैसे बन सकता है वो?

भाभी: वो क्या है ना, रमन की शादी तो होनी थी संजना के साथ लेकिन शादी से एक हफ्ते पहले वो अपने बॉयफ्रेंड के साथ भाग गई। दोनों घर की इज्जत बचाने के लिए हमने सोनू को दुल्हन बना कर रमन के साथ उसका ब्याह करवा दिया। पहले तो बात ये हुई थी कि शादी के छह महीने बाद रमन और सोनू डिवोर्स लेकर अलग हो जाएंगे लेकिन अब रमन का कहना है कि वो सोनू को पसंद करने लगा है और बहुत जल्द उसे हनीमून पर ले जाएगा और वहीं उसका सेक्स चेंज ऑपरेशन भी होगा। सोनू के पेरेंट्स इसके लिए रेडी हैं और मुझे यकीन है कि सोनू भी लड़की बनने के लिए राजी हो जाएगा। नसीब नसीब की बात है देवर जी, क्या कर सकते हैं।



Comments

Post a Comment

Popular posts from this blog

Riya D'souza

मैं अपने बड़े समाज के लोगों के साथ कोजागिरी की रात मनाता था , जिसे शरद पूर्णिमा भी कहते हैं। मेरे लिए कोजागिरी की रात किसी मेले से कम नहीं थी , क्यूंकि हमारे शहर के बीचोबीच एक बहुत बड़े मैदान में इसका आयोजन हर साल होता और इस मेले में बहुत सी सुहागिन महिलाएं अपने अपने पतियों और बाल बच्चों के साथ एन्जॉय करने आते। कोजागिरी की रात कुंवारी लडकियां भी आती , जिनकी शादी होने वाली होती और घर के बड़े लड़के के लिए भी ये रात उतनी ही इम्पोर्टेन्ट थी , क्यूंकि इसका बहुत महत्ता थी। इस दिन रात में मां लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण के लिए निकलती हैं और कहते हैं कि दिवाली के अलावा साल में मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए यह तिथि बहुत महत्वपूर्ण मानी गई है। मान्यता है कोजागरी पूर्णिमा की रात जो घर में साफ - सफाई कर मां लक्ष्मी की विधिवत उपासना करता है , देवी उस पर अपनी विशेष कृपा बरसाती हैं और जीवन में उसे कभी धन , सुख - समृद्धि की कमी नहीं होती। लेकिन...

झांकी ने मेरी जिंदगी बदल दी - मिस्टर शानू (डांसर) से मिसेज़ शान्वी (हाउसवाइफ)बनने का सफर

हिमाचल की बड़ी ही खूबसूरत शाम थी वो, जब मैं हर रोज़ की तरह झांकी में परफॉर्म करने के लिए रेडी हो रहा था। मैं नही जानता था कि वो शाम मेरी परफॉरमेंस की आखिरी शाम साबित होगी। मेरे डायरेक्टर के एक कॉल ने मेरी जिंदगी ऐसी दोराहे पर लाकर खड़ी कर दी, जहां से एक नया सफर शुरू हुआ और तब मैम अपनी लाइफ का वो फैसला लिया जिसे लेना मेरे लिए आसान नही था।  मेरा नाम शानू है, उम्र 19 साल और कद काठी से काफी स्लिम और छोटी हाइट का होने के कारण झांकी के डायरेक्टर सिद्धान्त कुमार; हमेशा मुझसे फीमेल रोल्स ही करवाते। मुझे फीमेल रोल्स करने में कोई आपत्ति नही क्योंकि इसी से मेरा घर चलता है और सबसे ज्यादा पैसे भी मुझे ही मिलते हैं। मेरी बूढी माँ और छोटी बहन के सिवा मेरी लाइफ में कुछ भी नही था, ना अपना घर, ना ही कोई जमीन और ना ही कोई सेविंग्स। बहन की शादी समय से हो, इसीलिए मैं सेविंग्स करना शुरू कर दिया, मैं अपनी लाइफ में बड़ा ही खुश था, लेकिन एक दिन कुछ ऐसा हुआ कि मेरी खुशी को ग्रहण लग गया। वैसे तो झांकी परफॉरमेंस के दौरान अक्सर जवान लड़े और बूढ़े मर्द मुझमे इंतेरेस्ट दिखाते, मुझसे मेरा नंबर मांगते और मैं भी किस...

Superstar Part -1

अनिरुद्ध सिंह शहर के जाने माने इंडस्ट्रियलिस्ट थे , जिनकी शहर और समाज में बहुत इज़्ज़त थी। अनिरुद्ध सिंह की पत्नी शहर की जानी मानी डॉक्टर थीं और उनका बड़ा बेटा राज इंजीनियर और छोटा बेटा देवेश अपनी इंजीनियरिंग के पहले साल में कोलकाता में पढाई कर रहा था। टिकटोक और यूट्यूब वीडियोस का चलन जोरों पर था और कोलकाता में ज्यादातर लड़के मोंटी रॉय और संजीब दास को फॉलो करते और देखते ही देखते देवेश भी टिक्टक वीडियोस बनाने लगा ताकि उसकी भी अपनी एक पहचान बने! लेकिन देवेश की यही चाह उसे ऐसे मोड़ पर ले आई जहाँ से कोई यू टर्न नहीं बचा था और यहीं से कहानी की शुरुआत होती है। अनिरुद्ध - देव! ये सब क्या है ? देवेश - वो पापा मैं! अनिरुद्ध - देखो ऋतू , अपने नालायक बेटे की करतूत! यही करने भेजा था कोलकाता मैंने! ऋतू - मैं बात करती हूँ , आप शांत हो जाइए! अनिरुष - समझा लो अपने बेटे को! कोलकाता पढ़ने गया है और अपनी पढाई पर ध्यान दे! ऋतू - आप शांत हो जाइये और आराम करो! मैं देव से बात करती हूँ! अनिरुद्ध - हम्म! अनिरुद्ध के जाने के बाद! ऋतू - ये क्या है देवेश! तुझे ऐसे लड़कियों की तरह कपडे पहनने की क्या ज...