साल २०१२, एक खूबसूरत शाम।
शफ़ीक़ खान की हाइट
कुछ ज्यादा नहीं थी, ५ फिट ५ इंच हाइट, लेकिन स्लिम बॉडी, इंटेलीजेंट ब्रेन और क्यूट चेहरा, स्मार्टनेस ऐसी जो काफी लड़कियों को अपनी ओर
आकर्षित करने के लिए काफी थी। शफ़ीक़ खान एक एंट्रॅप्रॅन्योर जिसने पुरे डेडिकेशन
और पैशन के साथ लेडीज़ गारमेंट्स और इनरवेअर का बिज़नेस खड़ा किया और जूही सिंह,
उसके कॉलेज की फ्रेंड, जिसने कॉलेज में कभी शफ़ीक़ से बात तक नहीं की। लेकिन इन कुछ सालों
से दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ने लगी थीं। जूही का शफ़ीक़ से मिलने उसके ऑफिस और घर
आना जाना शुरू हो गया था और शफ़ीक़ भी जूही से मिलने कॉलेज और उसे ड्राप करने उसके
घर आने जाने लगा।
बस फिर क्या था, दोनों के बीच प्यार के फूल खिलने लगे और डिफरेंट रिलीज़न के होने के बावजूद नेक्स्ट ईयर दोनों ने अपनी फॅमिली को शादी के लिए भी रेडी कर लिया। पहले तो जूही के मोम डैड नहीं माने क्यूंकि लड़का मुसलमान था, लेकिन शफ़ीक़ का यूँ जूही का ख्याल रखते देख वे शादी के लिए मान गए। चूँकि शफ़ीक़ के फैमिली में ज्यादा कोई नहीं था, सिर्फ उसकी अम्मी थी और उसे भी जूही को स्वीकारने में कोई दिक्कत नहीं हुई। ना कोई भाई, ना कोई बहन, शफ़ीक़ के अब्बू दूसरा निकाह करके अपनी दूसरी पत्नी और बच्चों के साथ रहते तो उसे कोई मतलब भी नहीं रहता कि शफ़ीक़ और उसकी अम्मी कैसी है। चूँकि शफ़ीक़ चाहता था कि निकाह मुस्लिम रीती रिवाज़ों से हो, लेकिन जूही के घरवाले इसके लिए नहीं माने और दोनों की शादी हिन्दू रीती रिवाज़ों से हुई।
सुहागरात में फर्स्ट टाइम सेक्स को शफ़ीक़ और जूही ने खूब एन्जॉय किया। हनीमून के लिए शफ़ीक़ जूही को गोवा ले गया और वहां पंद्रह दिन चौदह रातों को प्यार से सराबोर होकर, गोवा वाले बिच पर घूमने निकले। दोनों ने खूब एन्जॉय किया और गोवा से रिटर्न आकर दोनों शादीशुदा लाइफ में मशगूल हो गए। लव मैरिज के कुछ एडवांटेज और कुछ डिसएडवांटेज होते हैं। एक सक्सेस्फुल बिजनेसमैन होने के कारण, समय की कमी, घर लेट से आना, शहर से बाहर मीटिंग्स के लिए आना जाना।शादी के महज आठ दस
महीनों के बाद ही जूही और शफ़ीक़ के बीच मनमुटाव शुरू होने लगा था और दोनों में
अक्सर बहस होती। गर्भावस्था के दौरान जूही का ख्याल रखने में असमर्थ शफ़ीक़ ने एक
मेड को घर में रख लिया जो घर के काम और जूही की देखभाल करती। शफ़ीक़ ने मेड रखने के
बाद अपना पूरा कंसंट्रेशन अपने बिज़नेस पर देना ज्यादा जरुरी समझा, लेकिन जूही को शफ़ीक़ से उम्मीद थी कि गर्भावस्था
के दौरान शफ़ीक़ उसका खुद से ख्याल रखा करेगा। बात बात जूही के ऊपर चिल्लाना,
छोटी छोटी बात पर जूही से लड़ लेना शफ़ीक़ के
लिए नार्मल बातें होने लगी थी। जब सक्सेस सर चढ़ जाता है तब इंसान इंसान नहीं रहता।
सफलता भले ही धीरे-धीरे आती है, पर दिमाग पर जल्दी ही चढ़ जाती है। ज्यादातर को सफलता पाने के बाद उसे
पचाने में दिक्कत ही होती है। यही हाल शफ़ीक़ का भी था, उसे अपनी गलती का एहसास बिलकुल भी नहीं था और अब
तो उसने शराब पीना भी शुरू कर दिया था। शादी से पहले ही जूही ने शफ़ीक़ से कहा था कि शराब
पीने वालों से उसे सख्त नफरत हो जाती है लेकिन सफलता के नशे ने शफ़ीक़ ने उसकी बातों,
उन प्यार भरे वादों को अनदेखा कर अब रोज़
रोज़ शराब पी कर घर आने लगा।
एक दिन,
जूही: शफ़ीक़ शादी से
पहले तो तुम बड़ी बड़ी बातें किया करते थे, प्यार भरी बातें किया करते थे अब क्या हो गया। मेरी कोख में तुम्हारा
अंश पल रहा है, अचानक से ऐसा क्या
हो गया जो तुम मुझसे इतना लड़ते हो?
शफ़ीक़: जूही, घर परिवार ऐसे ही नहीं चलता, म्हणत करनी पड़ती है, पैसे कमाने होते हैं। मुझे तो लगा था कि शादी के बाद तुम पहले से
ज्यादा समझदार हो जाओगी तो मेरी परेशानी समझ सकोगी। यू नो, ऑफिसियल मीटिंग्स, सैलरी डिस्ट्रीब्यूशन, ऑफिसियल ऑडिट, क्लाइंट मीटिंग्स के बाद मुझे इतना टाइम नहीं
मिलता कि मैं तुम्हे समय दे सकूँ। अम्मी हैं ना घर में, मेड भी पुरे दिन घर में रहती है, तुम्हारा मन बहलाने के लिए इतने लोग हैं घर में,
काफी नहीं हैं क्या?
जूही: काफी हैं,
लेकिन मुझे तुम्हे देखकर एक बार भी ऐसा
नहीं लगता कि तुम्हारे मन में मेरे लिए जरा सा भी प्यार है।
शफ़ीक़: नहीं लगता तो
अपने मायके चली जाओ। औरत हो औरत की रहा करो, सर पर मत चढ़ो। औरतों का काम है, शादी के बाद अपने पति की सेवा करना और उनके
बच्चों को जन्म देना। जब बच्चा हो जायेगा तब मुझे कॉल करना, मैं साले को कॉल करके बुला देता हूँ कल। रोज़ रोज़
की खिटपिट मुझे बिलकुल भी पसंद नहीं।
जूही: मैं कोई मशीन
नहीं हूँ बच्चा पैदा करने की, समझे तुम। और रही बात मायके जाने की, मैं खुद कॉल करके मेरे भाई को बुला लुंगी और
मायके चली जाउंगी। मुझे तुम्हारा एहसान नहीं चाहिए।
शफ़ीक़ का बेहेवियर अचानक
से बदल गया और इतने महीनों के बाद जब उसे शफ़ीक़ का कॉल आया तो अपने सभी दुःख और
दर्द को भुलाकर शफ़ीक़ के साथ फिर से एक नई पारी की शुरुआत करने के ख्यालों में खो
गयी। शफ़ीक़ ने अपनी फैक्ट्री और ऑफिस में मिठाई बंटवाई और साथ ही बहुत बड़ी पार्टी
भी दी। अचानक से इतना सबकुछ मिलना जूही को अच्छा लगने लगा। शफ़ीक़ जूही के घर गया,
वहां सभी से माफ़ी मांगी और कहा कि वो फिर
से सबकुछ पहले जैसा करने की बात कही। शफ़ीक़ ने अपने बेटे को गोद में लिया और उसे
खूब दुलार किया। सभी ने शफ़ीक़ और जूही के बेटे का निकनेम मुन्ना रखा और सब उसे उसी
नाम से पुकारते।
साल २०१४,
रोज़ रोज़ के कलह से
परेशान होकर जूही ने फैसला किया कि वो शफ़ीक़ को डाइवोर्स दे देगी, लेकिन डाइवोर्स देने से पहले जूही ने कुछ ऐसा
सोचा जो शायद ही कोई माँ अपने बच्चे के साथ ऐसा करती। जूही ने शफ़ीक़ को सुधरने के
लिए एक साल का समय दिया और अपने बेटे की देखभाल की पूरी जिम्मेदारी सौंपकर अपने
मायके आ गयी। जूही के मायके जाने से शफ़ीक़ को कोई ख़ास फ़र्क़ नहीं पड़ा लेकिन अब उसे
मुन्ना की फिक्र थी जो महज एक साल का था और उसे माँ का दूध उसके पोषण के लिए बहुत
जरुरी था। लेकिन माँ का दूध नहीं मिलने के कारण मुन्ना कमज़ोर होने लगा। मुन्ना की
कमज़ोरी मेड से देखा नहीं गया तो उसने शफ़ीक़ से कहा कि मदर्स मिल्क मार्किट में
मिलता है और फिर शफ़ीक़ अपने बेटे को मदर्स मिल्क देने लगा। जो काम जूही और राहुल
नहीं कर सके वो मुन्ना की वजह से ठीक होने लगा। मुन्ना का हेल्थ काफी अच्छा रहने
लगा और मुन्ना का शरीर भी ग्रो कर रहा था। इधर जब सबकुछ बहुत अच्छा था, शफ़ीक़ मुन्ना के साथ शाम से रात तक खेलता, उसे दूध पिलाता और उसे अपनी गोद में सुलाता।
शफ़ीक़ मुन्ना का खूब
ख्याल रखता और मेड शफ़ीक़ और बच्चे के खाने पीने का पूरा ख्याल रखती। आठवे महीने में
एक ओर जहाँ मुन्ना पूरी तरह से स्वस्थ और अच्छे से बड़ा हो रहा था एक दिन शफ़ीक़ अपने
टेलर के पास अपने लिए नयी शर्ट और पैंट सिलवाने गया। दर्ज़ी ने शफ़ीक़ के बॉडी का माप
लिया और मजाकिया लहज़े में कहा कि साहब, अब आप शर्ट पैंट मत सिलवाओ, आपके बॉडी फिगर के हिसाब से आप लहँगा चोली सिला लो। शफ़ीक़ ने दर्ज़ी की
बातों को मजाकिया लहज़े में टालते हुए कहा कि जब लहँगा चोली सिलवाना होगा तो वो उसी
के पास आएगा, लेकिन अभी उसे शर्ट
पैंट चाहिए! टेलर के यहाँ से निकलने के बाद शफ़ीक़ सोचने लगा कि आखिर टेलर ने उसे
ऐसा क्यूँ कहा। इधर कुछ दिनों से शफ़ीक़ को बॉडी अचिन्ग, उरिनाशन में प्रोब्लेम्स, चेस्ट में स्वेलिंग होनी शुरू हो गयी और इसकी वजह
से शफ़ीक़ काफी परेशान रहने लगा था। शफ़ीक़ को समझ में नहीं आ रहा था कि उसके साथ हो
क्या रहा है तो वो डॉक्टर से जाकर मिला। डॉक्टर ने शफ़ीक़ का पूरा बॉडी डायग्नोस्टिक
टेस्ट्स करवाने के बाद दो दिन बाद हॉस्पिटल बुलाया। दो दिन बाद जब शफ़ीक़ डॉक्टर से
जाकर मिला तो डॉक्टर ने उसे पूरी रिपोर्ट्स को डिटेल्स में बताया जिसे सुनने के
बाद शफ़ीक़ का दिमाग सुन्न पड़ गया।
पहले तो शफ़ीक़ को
बहुत गुस्सा आया कि आखिर जूही ने उसके साथ ऐसा क्यों किया, अगर उसे उससे इतनी ही प्रॉब्लम थी तो डाइवोर्स ले
लेती और अलग हो जाती। शफ़ीक़ ने गुस्से में मेड को एक थप्पड़ लगा दिया और उसे घर से
निकल जाने को कहा। लेकिन मेड शफ़ीक़ के पैरों में गिरकर उससे माफ़ी मांगने लगी। शफ़ीक़
ने भी सोचा कि मेड को उसकी गलती का एहसास है, मुन्ना का देखभाल कौन करेगा और घर में काम करने
वाली की भी कमी हो जाएगी। फिर शफ़ीक़ ने मेड को वार्निंग देकर छोड़ दिया और मेड खुश
होकर घर के काम काज में मशगूल हो गयी। फिर शफ़ीक़ अगले दिन फिर से डॉक्टर के पास गया
और उसने डॉक्टर से कहा कि उसे फिर से नार्मल होना है। डॉक्टर ने शफ़ीक़ को कुछ
मेडिसिन्स दिए और कहा कि तीन महीने में अगर मेडिसिन्स ने काम नहीं किया तो उसके
शरीर में हो रहे फीमेल ऑर्गन्स के डेवलपमेंट को रोकना जानलेवा हो सकता है। जब शफ़ीक़
ने डॉक्टर से बचाव के बारे में पूछा तो डॉक्टर ने बताया कि अगर तीन महीनों में
मेडिसिन्स ने असर नहीं दिखाया तो उसे सेक्स चेंज करवाकर औरत बन जाना होगा, इससे उसकी जान भी बच जाएगी और उसे नए तरीके से
लाइफ को जीने का मौका भी मिल जायेगा। शफ़ीक़ ने डॉक्टर से कहा कि वो औरत नहीं बनना
चाहता और उसे नार्मल आदमी बनना है।
लेकिन डॉक्टर ने शफ़ीक़
को समझाया कि अभी वो कुछ भी नहीं कह सकते, मेडिसिन्स को बिना गैप के खाने के बाद बॉडी में हो रहे बदलाव अगर तीन
महीनों में रुक गए तो कुछ किया जा सकता है, लेकिन अगर मेडिसिन्स ने असर नहीं किया तो लास्ट
ऑप्शन सेक्स चेंज सर्जरी ही होगा और इस क्रम में उसे कम्पलीट बेड रेस्ट करना है,
ज्यादा ट्रैवेलिंग नहीं करना, हैवी वेट नहीं उठाना और ज्यादा स्ट्रेस भी नहीं
लेना। डॉक्टर से मिलकर रिटर्न आने के टाइम शफ़ीक़ ने अपनी कार को एक सुनसान सी जगह
पर रोककर जूही को कॉल मिलाया और कॉल पर ही उससे लड़ने लगा कि आखिर उसने उसके साथ
ऐसा क्यों किया। तो जूही ने शफ़ीक़ से कहा कि वो चाहती है कि वो भी उस प्रोब्लेम्स
को सहे जो इन दो सालों में जूही ने सहे। जूही ने शफ़ीक़ से कहा कि चाहे वो जितनी भी
कोशिश कर ले, अब कुछ भी नहीं बदल
सकता। शफ़ीक़ अंदर से बहुत दुखी था, तीन दिन से वो फैक्ट्री और ऑफिस भी नहीं गया था। कंपनी के जनरल मैनेजर
को शफ़ीक़ ने घर पर ही बुला लिया और फैक्ट्री और ऑफिस के डिटेल्स लेने लगा। मैनेजर
जिसका नाम शिवा ठाकुर था, वो दिखने में शफ़ीक़ से काफी बड़ा, सवा छह फिट हाइट और वेल बिल्ड बॉडी के साथ काफी
स्मार्ट दीखता था और उतना ही ईमानदार भी था। शफ़ीक़ ने शिवा से कहा कि तीन महीनों के
लिए कुछ हेल्थ प्रोब्लेम्स की वजह से आज से वो वीक में एक ही दिन ऑफिस आएगा और
सारा काम उसे अकेले ही देखना है। शफ़ीक़ अब सीसीटीवी से पुरे ऑफिस और फैक्ट्री में
होने एक्टिविटीज को देखते हुए घर से ही
अपनी कंपनी को रन करने लगा। शिवा डेली रिपोर्ट्स के साथ रोज़ घर आता और शफ़ीक़ के
बेटे के साथ अच्छा टाइम स्पेंड करता। शिवा ने शफ़ीक़ से कहा कि उसे बच्चे अच्छे लगते
हैं और उनके उनके साथ खेलने में उसे बड़ा मजा आता है। शफ़ीक़ को अच्छा लगता जब वो शिवा
के साथ मुन्ना को नोर्मल्ली खेलते देखता।
शिवा कुछ दिनों पहले
तक सिर्फ शफ़ीक़ की कंपनी का जनरल मैनेजर था लेकिन अब दोनों अच्छे दोस्त बन चुके थे
साथ ही शिवा की हर एक सलाह से शफ़ीक़ की कंपनी को प्रॉफिट बिज़नेस मिलता जिससे वो शिवा
से काफी खुश रहता। पहले महीने में मेडिसिन्स ने कुछ ख़ास असर नहीं दिखाया जिससे शफ़ीक़
काफी टेंस रहने लगा था। एक दिन स्नान करने के बाद जब शफ़ीक़ वाशरूम से बाहर आया तो
मेड ने उसकी लटकी हुई छाती देखकर सलाह दी कि उसे भी अब ब्रा पहननी चाहिए। शफ़ीक़ ने
मेड को आँख दिखाई तो वो डर गयी लेकिन फिर हिम्मत करके शफ़ीक़ को समझाया कि ब्रा
पहनने से उसके बड़ी छाती को होल्ड करने में आसानी होगी और चेस्ट पेन में काफी आराम
भी मिलेगा।
शफ़ीक़ को मेड ने
सज़्ज़ेस्ट तो किया, लेकिन शफ़ीक़ ने उसे डाँट कर अपने काम से मतलब रखने को कहा और कमरे
में आकर शर्ट पहनने लगा। शफ़ीक़ ने गौर किया कि उसकी शर्ट पहले से कहीं ज्यादा टाइट
फिटिंग हो गयी है और शर्ट पहनने के बाद छाती का उभार साफ़ दिखाई दे रहा था। लड़कियों
जैसा फिगर देखकर शफ़ीक़ ने शर्ट को उतारकर टीशर्ट पहन लिया लेकिन अभी भी उसके छाती
की उभर लड़कियों जैसी दिख रही थी और साथ ही निप्पल्स भी साफ़ झलक रहे थे। शफ़ीक़ काफी
परेशान रहने लगा था, मेडिसिन्स का भी ख़ास
असर नहीं हो रहा था लेकिन शफ़ीक़ औरत बनना नहीं चाहता था। एक भी दिन बिना किसी गैप
के शफ़ीक़ ने दूसरे महीने का भी डोज़ पूरा कर लिया था। कुछ ख़ास असर नहीं दिखने की वजह
से शफ़ीक़ और भी परेशान रहने लगा था। इधर एक दिन शफ़ीक़ की अम्मी उसके कमरे में आयी और
शफ़ीक़ से पूछी कि आखिर ऐसी क्या प्रॉब्लम है जिसकी वजह से वो ना तो ऑफिस जा रहा है
आज कल और ना ही कहीं बाहर घूमने फिरने। शफ़ीक़ ने अपनी एमी को कुछ भी नहीं बताया
लेकिन वो जानता था कि उसकी प्रॉब्लम कुछ ज्यादा ही बड़ी है।
इधर शिवा को भी थोड़ा
बहुत डाउट होने लगा था कि शफ़ीक़ की ताबियत कुछ खराब सी है। शफ़ीक़ का बेहेवियर,
चलने का तरीका, आवाज़ में मिठास और शरीर की बनावट देखकर शिवा ने
उससे प्रॉब्लम जांनने की कोशिश की। पहले तो शफ़ीक़ ने कुछ भी नहीं बताया लेकिन फिर शिवा
ने उसे कहा कि उसका रोज़ ऑफिस ना आने से ऑफिस के स्टाफ तरह तरह की बातें करने लगे
हैं। फिर शफ़ीक़ ने शिवा को बताया कि उसके बॉडी में फीमेल हॉर्मोन्स इतने ज्यादा हो
गए हैं कि ये भी हो सकता है कि उसे अपना सेक्स चेंज करवाना पड़ जाये। ऐसी परिस्थिति
में ऑफिस जाना सही नहीं है।
शिवा: बॉस, आप चाहे जैसे भी रहो, आप हमारे बॉस हैं। कल को अगर आपको सेक्स चेंज भी
करवाना पड़ जाये तो हम सभी तब भी आपकी उतनी ही इज़्ज़त करेंगे जितनी आज करते हैं। आप
बेफिक्र होकर रेस्ट कीजिये, मैं ऑफिस और फैक्ट्री के स्टाफ को समझा लूंगा।
शिवा की
कर्तव्यनिष्ठा देखकर शफ़ीक़ को बहुत अच्छा लगा और फिर शिवा हर रोज़ की तरह थोड़ी देर
तक मुन्ना साथ खेलकर वहां से चला गया। इधर जब मेड ने शफ़ीक़ के हेल्थ इशू के बारे
में उसकी अम्मी को पूरी बात बताई तो वो रोना धोना शुरू कर दीं। अपनी अम्मी का रोना
धोना सुनकर शफ़ीक़ कमरे में आया तो उसकी अम्मी उसे गले से लगा कर रोने लगी।
शफ़ीक़ की अम्मी: हाय
हाय, क्या हो गया मेरे
बेटे के साथ। उस कलमुही को अब इस घर में कदम नहीं रखने दूंगी मैं। हाय हाय,
मेरे बच्चे के साथ ऐसा क्यों हो गया,
या अल्लाह, उस नासपीटी ने क्या हाल कर दिया है मेरे बेटे की।
अल्लाह तुझे कभी माफ़ नहीं करेगा नासपीटी, करमजली।
शफ़ीक़: शांत हो जाओ
अम्मी, अब जो हुआ सो हुआ,
मैं मेडिसिन्स खा रहा हूँ और मैं बहुत
जल्द पहले की तरह ठीक हो जाऊंगा।
शफ़ीक़ की अम्मी: या
अल्लाह, तू जल्दी से ठीक हो
जा। मैं जामा मस्जिद में तेरे लिए चादर चढ़ाउंगी।
शफ़ीक़ ने किसी तरह
अपनी अम्मी को शांत किया और सोने चला गया। तीसरे महीने का आखिरी हफ्ता ख़त्म होने
को था। शफ़ीक़ पहले से काफी स्लिम, चेस्ट काफी राउंड और बड़ी हो गयी थी बिलकुल बूब्स की तरह लेकिन सोलह
साल की लड़की जितनी। शफ़ीक़ की कमर अब छब्बीस ही रह गयी थी और उसके हिप्स काफी वाइड
हो चुकी थी।
उस दिन शफ़ीक़ हॉस्पिटल जाने के लिए रेडी हो रहा था कि अचानक उसे चक्कर आ गया और वो बेहोश हो गया। जब शफ़ीक़ को होश आया तो देखा शिवा वहाँ आया हुआ था और उसकी अम्मी उसके सिरहाने बैठी थी। शफ़ीक़ ने शिवा से कहा कि उसे हॉस्पिटल ले चले और थोड़ी ही देर में शफ़ीक़ शिवा के साथ हॉस्पिटल आ गया और डॉक्टर से मिला। जब शफ़ीक़ ने हॉस्पिटल में अपना डायग्नोस्टिक करवाया और जब डॉक्टर ने उसके रिपोर्ट्स देखे तो डॉक्टर ने उसे सलाह दी कि वो अपना सेक्स चेंज करवा ले या तो वैसे ही रहे। शफ़ीक़ डॉक्टर के सामने ही रोने लगा, लेकिन डॉक्टर ने शफ़ीक़ को समझाया कि लड़की बन कर जीने में कोई बुराई नहीं है और उसके हॉस्पिटल में एडवांस टेक्नोलॉजी की ऐसी मशीनें हैं जिससे शफ़ीक़ को पूरी तरह से लड़की बनाया जा सकता है और वो चाहे तो हर वो काम कर सकता है जो लडकियां कर सकती हैं। शिवा भी सबकुछ सुन रहा था और शफ़ीक़ ने डॉक्टर को एक बार फिर से कहा कि वो औरत नहीं बनना चाहता और मर्द बनकर ही अपनी लाइफ स्पेंड करना चाहता है। लेकिन डॉक्टर ने शफ़ीक़ को समझाया कि अगर ऐसा है तो उसे एक बार फिर से रिस्क लेना पड़ेगा। शफ़ीक़ ने डॉक्टर से कहा कि वो हर वो रिस्क लेने को तैयार है जिससे उसे उसकी मर्दानगी वापिस मिल सके। डॉक्टर ने शफ़ीक़ को समझाया कि वो उसे तरीका और मेडिसिन तो बता देगा लेकिन उसे उम्मीद है कि शफ़ीक़ इसके लिए नहीं मानेगा। शफ़ीक़ ने कहा कि चाहे कैसा भी तरीका हो, वो अपनाने को तैयार है। डॉक्टर ने शफ़ीक़ को बताया कि वो कुछ मेडिसिन्स देगा और उसे तीन महीनों तक किसी मर्द की पत्नी की तरह बितानी होगी। औरतों की तरह सज धज कर रहना पड़ेगा, सेक्स भी करना होगा और कुछ ऐसे सेक्स पोसिशन्स भी, जो इंडिया में शायद ही किसी ने सुना होगा।

शिवा: क्या हुआ बॉस,
आप इतने परेशान क्यों हो?
शफ़ीक़: शिवा, डॉक्टर से मैंने मेडिसिन तो ले ली है लेकिन मैं
किसी मर्द के साथ सेक्स कैसे कर सकता हूँ?
शिवा: आप इतना मत
सोचिये बॉस, आपको आपकी मर्दानगी
वापिस चाहिए तो डॉक्टर की बात तो माननी पड़ेगी ही।
शफ़ीक़: लेकिन शिवा,
तुम्हे तो पता है ना कि डॉक्टर ने क्या
कहा है!
शिवा: हाँ बॉस,
आई नो कि डॉक्टर ने क्या कहा है। आई एम्
नॉट मैरिड और मैं आपकी मदद करने के लिए तैयार हूँ। आप तीन महीनों के लिए मेरे
फ्लैट पर शिफ्ट हो जाइये, मेरी एक फ्रेंड है जो ब्यूटीशियन है। मैं उसे फ्लैट पर ही बुला लूंगा
और वो आपको रेडी कर दिया करेगी और मैं आपकी हेल्प कर दूंगा।
शफ़ीक़: लेकिन बलवत,
तुम तो इतने बड़े हो, तुम्हारे साथ सेक्स कैसे करूँगा मैं?
शिवा: देखिये बॉस,
डॉक्टर ने जो कुछ भी कहा है करने को वो
सेक्स नहीं सिर्फ आपका ट्रीटमेंट है। मैं आपकी हेल्प सिर्फ इसीलिए करना चाहता हूँ
ताकि ये बात मेरे और आपके बीच ही रह सके और आपकी हेल्प भी हो जाये।
शफ़ीक़: थैंक यू शिवा,
तुम मेरी इतनी हेल्प कर रहे हो। ऑफिस
फैक्ट्री और अब मुझे पर्सनली भी हेल्प कर रहे हो। तुम्हारा एहसान मैं कैसे
चुकाऊंगा?
शिवा: सर, ऐसा मत कहो आप। इंसानियत भी कोई चीज़ होती है।
उसी दिन शफ़ीक़ ने
अपनी अम्मी से बात की, उसे बताया कि तीन
महीनों के लिए किसी काम से वो शहर से बाहर जा रहा है और मुन्ना का ख्याल रखने को कहकर शिवा के फ्लैट पर
शिफ्ट हो गया। शफ़ीक़ को अपने फ्लैट पर ड्राप करके शिवा फैक्ट्री चला गया। अभी शफ़ीक़
ने सोचा कि थोड़ी देर रेस्ट कर ले तभी डोरबेल की आवाज़ आयी। शफ़ीक़ ने दरवाज़ा खोला तो
देखा सामने एक बहुत ही खूबसूरत लड़की खड़ी मुस्कुरा रही थी। उस लड़की ने बताया कि वो
एक ब्यूटीशियन है और वो यहाँ शिवा के कहने पर आयी है। उस लड़की ने अपना नाम निशा
बताई और सोफे पर बैठ गयी। इधर निशा और शफ़ीक़ आपस में बातें करने लगी और थोड़ी देर में
शिवा भी फ्लैट पर आ गया और उसके हाथों में पांच बैग्स थे। एक बैग में सिल्क साड़ी,
ब्लाउज, ब्रा, पैंटी, पेटीकोट, दूसरी में ज्वेलरीज, तीसरी में बेबीडॉल, पुशअप ब्रा, साटन साड़ी, ब्लाउज, पेटीकोट, साटन नाईटी और कुछ
ड्रेसेज़, चौथी में सिल्क की
साड़ियाँ, पांचवी में कुछ
पटियाला सूट और एक बड़ा सा लहँगा और बैकलेस चोली था और मेकअप का सामान था। शिवा ने
निशा से मेरा परिचय करवाया और कहा कि मैं उसका दोस्त हूँ जिसे अगले महीने एक
कांटेस्ट में लड़की बन कर परफॉर्म करना है और मुझे पूरी तरह से ट्रेनिंग देने को
कहकर वापिस फैक्ट्री चला गया। निशा शफ़ीक़ को कमरे में ले गयी, कोई बड़ा मिरर नहीं मिला तो उसने शफ़ीक़ को बेड पर
बिठाकर उसे समझाने लगी कि औरतों की तरह सजने संवरने में कितना मजा आता है। वो एक
यूट्यूब चैनल भी चलाती है जिसमे उसके काफी वीडियोस भी थे और वो काफी पॉपुलर भी थी।
सबसे पहले निशा ने शफ़ीक़
को एक क्रीम देते हुए बोली कि इस क्रीम को पुरे बॉडी पर अप्लाई करने के पंद्रह
मिनट्स के बाद गर्म पानी से स्नान करना है। इस क्रीम को सर के बाल और भौं को छोड़कर
शरीर के हर हिस्से पर अप्लाई करना है। शफ़ीक़ ने निशा से पूछा कि इससे क्या होगा तो
निशा ने कहा कि जो कहा है सो करो, फिर खुद ही पता चल जायेगा कि इससे क्या होगा। शफ़ीक़ वाशरूम में गया,
जैसे निशा ने कहा ठीक वैसे ही उस क्रीम को
शफ़ीक़ ने अपने पुरे बॉडी पर अप्लाई किया और जब गर्म पानी से स्नान करने के बाद शफ़ीक़
ने अपनी स्किन को छुआ तो उसके शरीर पर बाल तो क्या, एक रोआं भी नहीं था। शरीर मखमल की तरह सॉफ्ट और
सिल्की हो चूका था और शफ़ीक़ ने टॉवल लपेटा और कमरे से बाहर आ गया। शफ़ीक़ को देखते ही
निशा स्माइल करने लगी। शफ़ीक़ ने निशा से उसकी स्माइल की वजह पूछी तो निशा ने कहा कि
उसने पहली बार ऐसे मर्द को देखा है जिसकी छाती और लम्बे घने बाल बिलकुल लड़कियों
जैसी है। शफ़ीक़ ने बताया कि कुछ हार्मोनल प्रोब्लेम्स की वजह से ऐसा है, वो रेगुलर मेडिसिन्स ले रहा है। फिर निशा ने शफ़ीक़
से कहा कि ठीक है, लेकिन तुम्हे
कम्पटीशन में लड़की के तौर पर पार्टिसिपेट करना है तो लड़कियों की तरह रहना सीख लो।
फिर निशा ने शफ़ीक़ को समझाया कि लडकियां टॉवल को छाती पर लपेटती हैं और शफ़ीक़ के
टॉवल को उसकी छाती पर लपेटने को कहा। शफ़ीक़ ने टॉवल को छाती पर से लपेट लिया और फिर
निशा ने शफ़ीक़ के बालों को हेयर ड्रायर से सुखाया। निशा ने शफ़ीक़ के बालों को जुड़ा
बनाकर शफ़ीक़ के नेल्स ट्रीटमेंट शुरू कर दी। मैनीक्योर, पेडिक्योर के बाद निशा ने शफ़ीक़ के दोनों हाथों और
दोनों पैरों के नाखूनों को गहरे लाल रंग से पेंट कर दी और बॉडी पर एक क्रीम अप्लाई
किया, फिर उसका मेकअप करते
हुए एक एक स्टेप बताने लगी। निशा ने शफ़ीक़ के ऑय ब्रोव्स को स्ट्रैट लुक देने के
बाद उसके चेहरे पर मॉस्चराइज़र, फाउंडेशन, ब्लश करने के बाद शफ़ीक़
की आँखों में काजल और फिर लास्ट में होंठों पर रेड लिपस्टिक के साथ लिप ग्लॉस को
अप्लाई किया। मेकअप पूरा होने के बाद निशा ने शफ़ीक़ के बालों को बहुत ही खूबसूरत बन
स्टाइल लुक में सेट कर दी। अब बारी थी ब्रा और पैंटी की। निशा ने शफ़ीक़ को ब्रा,
पैंटी और पेटीकोट देते हुए कहा कि वो
वाशरूम में जाये और ब्रा पैंटी और पेटीकोट पहनकर बिना टॉवल के कमरे में आये। शफ़ीक़ ने इतने बड़े
फीमेल गारमेंट्स का बिज़नेस तो शुरू कर लिया लेकिन उसे आज तक ये नहीं पता था कि
ब्रा कैसे पहनते हैं। शफ़ीक़ ने पैंटी पहनकर पेटीकोट पहन लिया और कमरे में आकर निशा
से कहा कि उसे ब्रा पहनने में हेल्प करे। निशा ने शफ़ीक़ को समझाया कि ब्रा को सहजता
से कैसे पहनते हैं।
एक दो प्रैक्टिस के बाद शफ़ीक़ ने खुद से उस ब्रा को पहन लिया। ब्रा पहनने के बाद निशा शफ़ीक़ के पास आयी और उसकी छाती हो उस पुशअप ब्रा में ऐसे एडजस्ट किया कि शफ़ीक़ का चेस्ट लड़कियों जैसे बूब्स में तब्दील हो गया। फिर निशा ने शफ़ीक़ को बैकलेस ब्लाउज पहनने को बोली। ये ब्लाउज भी शफ़ीक़ के कंपनी ब्रांड की ही थी और शफ़ीक़ को ब्लाउज पहनने का भी कोई आईडिया नहीं था। निशा ने शफ़ीक़ को ब्लाउज को पहनना और उसकी डोरियों को बांधना सिखाया और कुछ प्रैक्टिस के बाद शफ़ीक़ ने खुद से ब्लाउज पहन लिया और उसकी डोरी भी बाँध ली।
निशा: हाउ आर यू फीलिंग शफ़ीक़?शफ़ीक़: इट इज़ सो
ह्युमिलिएटिंग फॉर मी! आज लाइफ में पहली बार लेडीज वाले कपडे पहनने के बाद काफी
शर्मिंदगी हो रही है।
निशा: कोई बात नहीं शफ़ीक़!
होता है पहली बार है ना, फिर जब इन कपड़ों की आदत हो जाएगी तो तुम सिर्फ साड़ी ही पहनना पसंद
करोगे!
शफ़ीक़: व्हाटएवर!
फिर निशा ने शफ़ीक़ को
समझायी कि साड़ी को कैसे पहनना है।
निशा ने शफ़ीक़ को
बताया कि सबसे पहले उसे साड़ी को पूरा खोलना है और फिर साड़ी को लंबाई का ध्यान
रखते हुए उसके एक सिरे को अपनी कमर के पास अपने पेटीकोट से अटका देना है। शफ़ीक़ ने
ठीक वैसा ही किया और फिर निशा ने नेक्स्ट स्टेप बताया। निशा बोली कि साड़ी के ऊपरी
सिरे को अपने सीधे हाथ में पकडकर अपनी कमर पर एक बार लपेटना है। शफ़ीक़ ने फिर से
स्टेप को फॉलो किया। फिर निशा ने समझाया कि यहां उसे साड़ी की लंबाई पर ध्यान देना
है और याद रहे साड़ी टखनो से थोड़ी निचे रहे और पेटीकोट ढक जाए, फिर अपने साड़ी के ऊपरी हिस्से को अपने पेटीकोट
में दबाना है। शफ़ीक़ ने उस स्टेप को भी फॉलो किया और निशा ने बताया कि अब अपने
सामने आ रही साड़ी की पटली बनना है, इसके लिए उलटे हाथ से साड़ी पकड कर अपने सीधे हाथ का उपयोग करना है और
अब अपने सीधे हाथ की बीच वाली उंगली से साड़ी को आगे पीछे करते हुए पटली बनाने को
बोली। शफ़ीक़ निशा के हर एक स्टेप को फॉलो कर रही थी और जैसा कि निशा ने बताया शफ़ीक़
ने कम से कम 8 से 10 पटली डाली और अपनी उंगलियों में पकड़ कर रखा।
पटली बनाने के बाद साड़ी को व्यवस्थित किया और सभी पटली को एक लंबाई पर लाकर
पेटीकोट के सामने की ओर अटका लिया। फिर निशा ने समझाया कि पटली को पेटीकोट पर
अटकाने के बाद इन्हें एक बार सीधा कर लेना है और अब बचे हुए साड़ी के हिस्से को
अपनी बायी तरफ कमर के पीछे की तरफ ले जाकर अपने बाजुओं के नीचे से अपने कंधे तक ले
जाना है। शफ़ीक़ ने फिर से स्टेप को फॉलो किया और फिर निशा ने समझाया कि कैसे पल्लू
को अपने हिप्स और कमर से खींचते हुए टाइट करना होता है। फिर लास्ट स्टेप में
समझाया कि कैसे साड़ी के पल्लू को अपनी छाती से ले जाकर अपने सिर को ढकना है। निशा
के बताये स्टेप्स को फॉलो करते करते कब शफ़ीक़ साड़ी में तैयार हो गया उसे पता भी
नहीं चला।
निशा: अभी तो मेरी
ट्रेनिंग का पहला ही दिन है शफ़ीक़, मैं हर हफ्ते आउंगी और तुम्हे ट्रेनिंग दूंगी। अभी तो तुम्हे ज्वेलरीज
भी पहनाने हैं, कलाइयों में चूड़ियां
और गले में नेक्लेस, पैरों में पायल,
कानों में झुमके और नाक में छोटी सी नथिया,
इनके बिना स्त्रियों का श्रृंगार अधूरा
होता है।
शफ़ीक़: थैंक्स! लेकिन
इतना कुछ नहीं पहनना मुझे।
निशा: अरे, ऐसे कैसे नहीं पहनना। इसी ट्रेनिंग के तो मुझे
पैसे मिले हैं और मैं कभी अधूरा काम नन्ही करती।
शफ़ीक़: हम्म!
फिर निशा ने शफ़ीक़ की
कलाइयों में गोल्ड मेटल जिरकॉन बैंगल सेट( सत्रह सत्रह के दो पेअर) पहना दी। शफ़ीक़
की गोरी त्वचा के ऊपर गोल्ड मेटल जिरकॉन सेट बहुत ही खूबसूरत दिख रही थी। फिर निशा
ने शफ़ीक़ के दोनों कानों में क्लिप वाले झुमके पहना दी और गले में एक नौलखा हार
पहनाई। शफ़ीक़ के पैरों में हैवी चांदी की पायल और माथे पर दोनों भौहों के बीच एक
लाल बिंदी चिपका दी। फिर शफ़ीक़ के सामने तीन तरह की छोटी छोटी नथ रखकर पसंद करने को
बोली। शफ़ीक़ ने सबसे छोटी वाली नथ को पसंद किया तो निशा बोली कि ये वाली नथ पहनने
के लिए नाक में छेद करवाना होगा। फिर निशा ने दूसरे थोड़ी बड़ी नथ उठाई जो क्लिप
वाली थी, शफ़ीक़ ने लेफ्ट साइड
नाक में पहना दी। फिर निशा ने शफ़ीक़ के ऊपर फीमेल परफ्यूम को स्प्रे कर दी, जिसके बाद शफ़ीक़ के बदन से औरतों जैसी खुशबु आ रही
थी। शफ़ीक़ एक शादीशुदा मर्द और एक बच्चे का बाप होने के बावजूद आज साड़ी में तैयार
बैठा था और उसे काफी शर्मिंदगी भी हो रही थी। निशा ने शफ़ीक़ से कहा कि घूँघट को नाक
तक करके रखने पर वो और भी खूबसूरत दिखेगी तो शफ़ीक़ ने तुरंत घूंघट भी कर लिया।
निशा: ओह्ह! वाओ,
मैंने लाइफ में इतनी सुन्दर लड़की नहीं
देखी, जितने सुन्दर तुम
दिख रहे हो शफ़ीक़।
शफ़ीक़(शर्माते हुए):
थैंक्स!
निशा: लेकिन इतनी
खूबसूरत लड़की को शफ़ीक़ के नाम से पुकारना मुझे अच्छा नहीं लग रहा है।
शफ़ीक़: मेरा निक नेम
संजू है। तुम मुझे संजू कहकर पुकार सकती हो निशा!
निशा: हम्म! ये नाम
ठीक है संजू! लेकिन लड़की बनकर घर से बाहर मत निकलना और अकेली तो बिलकुल भी नहीं?
शफ़ीक़: क्यों?
निशा: किसी मर्द का
दिल आ गया तुम्हारी खूबसूरती पर तो इज़्ज़त की हिफाजत करने वाला भी तो होना चाहिए ना
साथ में।
शफ़ीक़: कुछ भी! मैं
भी एक मर्द हूँ और मुझे पता है कि मुझे अपनी हिफाज़त कैसे करनी है।
निशा: हाहाहा,
तुम मर्द हो? तुम्हारे जैसी खूबसूरत मर्द के ऊपर तो दुनिया
जहाँ के मर्द पागल हो जाएं। चलो अगर तुम कहती हो तो मैं मान लेती हूँ।
शफ़ीक़: टोन कस रही हो?
निशा: नहीं यार,
आई वज जस्ट किडिंग!
शफ़ीक़: हम्म!
शफ़ीक़ को तैयार करके
निशा वहां कुछ देर तक फोटो सेशन करती रही और फिर वहां से चली गयी तो शफ़ीक़ ने
दरवाज़े को अंदर से लॉक कर लिया। शफ़ीक़ ने खुद को आईने में देखा, एक खूबसूरत पेटीट लड़की आईने में नज़र आ रही थी ,
जो कि वो खुद था। निशा के जाने के कुछ देर बाद ही एक बार फिर से
डोरबेल बजा .शफ़ीक़ ने सोचा कि शिवा आ गया
होगा और वो काफी नर्वस्नेस के साथ दरवाज़ा खोलने गया। लेकिन जैसे ही शफ़ीक़ ने दरवाज़ा
खोला, सामने एक उम्रदराज़
आदमी खड़ा था।
वो आदमी: नमस्ते
मेमसाब, शिवा भाई साब नहीं
हैं क्या?
शफ़ीक़(अपने फेमिनिन
आवाज़ में): जी नहीं!
शफ़ीक़ सोचने लगा कि
उस आदमी ने उसे पहचाना नहीं कि वो भी एक मर्द है और अपने लिए मेमसाब सुनकर शफ़ीक़ को
बहुत एम्बैरस्मेंट हुआ।
वो आदमी: आपको आज से
पहले कभी नहीं देखा, शिवा भाई साब ने
शादी कर भी ली और हमें इत्तिला भी नहीं किया!
शफ़ीक़(अपने फेमिनिन
आवाज़ में): जी नहीं, मैं शिवा जी की
दोस्त हूँ, उनकी वाइफ नहीं।
वो आदमी: अच्छा ठीक
है, वो आ जाएं तो
कहियेगा कि रुस्तम आया था।
शफ़ीक़(अपने फेमिनिन
आवाज़ में): ठीक है!
उस आदमी के जाने के बाद, शफ़ीक़ इस दुविधा में था कि वो जो कुछ भी कर रहा है, क्या वो सही कर रहा है। शिवा के साथ औरत बनकर उसके घर में तीन महीनों तक रहने का फैसला करना क्या उसे लिए सही साबित होगा या गलत। इधर औरत की तरह सज धज कर शिवा के सामने वो कैसे जाये इसको लेकर नर्वस था शफ़ीक़। आधे घंटे बाद फिर से डोरबेल बजा और जब शफ़ीक़ ने दरवाज़ा खोला तो देखा सामने शिवा खड़ा था। शफ़ीक़ को देखते ही शिवा का मुँह खुला का खुला रह गया।
शिवा: बॉस, इस साड़ी में आप सच में बहुत खूबसूरत दिख रहे हो। निशा ने तो कमाल ही कर दिया। आप तो बिना सेक्स चेंज करवाए नेचुरल औरत जैसे दिख रहे हो बॉस!शफ़ीक़: थैंक्स,
फैक्ट्री और ऑफिस का अपडेट!
शिवा ने शफ़ीक़ को
बताया कि बांग्लादेश से रेशम के धागों के लिए आज जो मीटिंग हुई थी उसमे वहां के
व्यापारी हमारे साथ बिज़नेस में कदम से कदम मिलाना चाहते है। शिवा और शफ़ीक़ काफी
महीनों से बांग्लादेश के व्यापारियों के साथ ये डील करना चाहते थे और आज जब शिवा
ने शफ़ीक़ को ये खुशखबरी सुनाई तो वो बहुत खुश हुआ और उसने शिवा को शाबाशी और सैलरी
इंक्रीमेंट भी दी।
शिवा: थैंक यू सो मच
बॉस! लेकिन मैं आपसे कुछ बात करना चाहता हूँ, आपके हेल्थ रिलेटेड इश्यूज के बारे में!
शफ़ीक़: बोलो!
शिवा: बॉस! डॉक्टर
ने आपको मर्द के साथ सेक्स करने की सलाह दी है और ये भी कहा है कि आपको नेक्स्ट
तीन महीनों तक उस मर्द के साथ औरत बनकर रहना भी है। लेकिन बॉस!
शफ़ीक़: लेकिन क्या शिवा!
शिवा: इस घर में अगर
आप मेरे बॉस बनकर रहें तो मैं आपकी हेल्प कैसे करूँगा? ऐसे में मैं आपके साथ सेक्स करना तो दूर आपके
करीब आने में भी संकोच होगा।
शफ़ीक़: देखो शिवा,
तुम मेरी कंपनी में सिर्फ जनरल मैनेजर ही
नहीं हो बल्कि मेरे अच्छे दोस्त भी हो और मैं तुम्हारे ऊपर किसी से भी ज्यादा
बिलीव करता हूँ।
शिवा: तो क्या आप
मेरे ऊपर सबसे ज्यादा भरोसा करते हैं?
शफ़ीक़: हाँ शिवा!
शिवा: तो फिर
नेक्स्ट तीन महीने मुझे बिज़नेस संभालने दीजिये और आप यहाँ अपनी रियल आइडेंटिटी को
भुलाकर, मेरी पत्नी बनकर
रहिये। इससे मैं भी कम्फर्टेबल रहूंगा और आपके करीब आने और आपके साथ फिजिकल
रिलेशनशिप बनाने में भी आसानी होगी। आप आज से शफ़ीक़ नहीं, बल्कि सुनैना हैं और आज से आप इसी आइडेंटिटी को
अपना लीजिए। आपकी हेल्प के लिए मैं भी आपको प्रॉपर पत्नी की तरह ट्रीट करूँगा, इससे आपको बहुत अच्छा भी लगेगा और आप मेरे साथ
कम्फर्टेबल भी रहेंगे।
शफ़ीक़: ऐज़ यु विश शिवा।
आज से तीन महीनों के लिए मैं तुम्हारी पत्नी हूँ।
शिवा: तो ठीक है।
सुनैना, मेरे लिए चाय बनाकर
लाओ, मैं थका हारा ऑफिस
से आया हूँ।
शफ़ीक़: एक्सक्यूज़ मी!
शिवा: आज से आप मेरी
पत्नी हो ना! आप अपने कैरक्टर को एक्सेप्ट नहीं करोगे तो मैं कैसे आपकी हेल्प
करूँगा!
शफ़ीक़: ओह्ह! ओके
ओके! सॉरी! लेकिन मुझे चाय बनानी नहीं आती। मैं तो आज तक कभी भी किचन में गया भी
नहीं!
शिवा: सुनैना,
तुम अब मेरी पत्नी हो, लड़कियों की तरह बात करो! जैसे लडकियां बात करती
हैं!
शफ़ीक़: सॉरी, मुझे चाय बनानी नहीं आती।
शिवा: चलो कीचन में,
मैं सीखा देता हूँ। कल से जब भी मैं ऑफिस
से आऊं तो मेरे लिए चाय तुम ही बनाओगी! और मेड तुम्हे खाना पकाना सीखा देगी। अगले
हफ्ते मैं मेड को काम से हटा दूंगा। घर के सभी काम काज सीख लेना अच्छे से और खाना
पकाना भी!
शफ़ीक़: ठीक है!
शिवा: ठीक है,
नहीं, जी ठीक है।
शफ़ीक़: जी ठीक है!
फिर शिवा ने शफ़ीक़ को
चाय बनाना सीखा दिया, दोनों ने चाय पि।
फिर शिवा ने गौर किया कि शफ़ीक़ की मांग सूनी है और गले में मंगलसूत्र भी नहीं है।
फिर शिवा ने बैग्स को चेक किया, उसमे मंगलसूत्र और सिंदूर की डिब्बी थी। शिवा शफ़ीक़ के पास आया,
उसके घूँघट को ऊपर उठाया और गले में
मंगलसूत्र बांध कर मांग में सिंदूर भर दिया। अचानक शिवा के इस एक्शन से शफ़ीक़ शाय
हो गया और उसकी आँखों से आंसू की एक बून्द निकलकर गिरी। फिर शिवा ने शफ़ीक़ के साड़ी
की पल्लू से उसको फिर से घूँघट कर दिया और उसकी कमर में हाथ रख दिया।
शिवा: अपनी पत्नी के
साथ रोमांस कर रहा हूँ!
शफ़ीक़: लेकिन!
शिवा: लेकिन वेकिन
कुछ नहीं!
फिर शिवा ने शफ़ीक़ को
अपनी बाहों में उठा लिया और उसे बिस्तर पर पटक दिया।
शफ़ीक़: ये तुम क्या
कर रहे हो शिवा!
शिवा: शटअप! हमारे
घर की बहुएं अपने पति का नाम नहीं लिया करतीं हैं, समझी तुम? फोकस करो! ऐसे करोगी तो कैसे होगा?
शफ़ीक़: आई एम् सॉरी
जी! लेकिन मैं अभी इन सब के लिए रेडी नहीं हूँ!
शिवा: इन सब के लिए
कोई भी औरत पहली बार रेडी नहीं होती। अभी थोड़ी देर बाद, ये सब तुम्हे अच्छा लगने लगेगा।
शिवा: मेरी पत्नी
कितनी कोमल है। सुनैना, तुम्हे देखकर ऐसा
लगता है मानो स्वर्ग से कोई अप्सरा जमीन पर उतर आई हो। हाउ वाज़ आवर फर्स्ट किस्स सुनैना! तुम्हे अच्छा लगा?
शफ़ीक़: हम्म! इट वज
गुड!
शिवा: इट इज जस्ट अ
स्टार्ट डार्लिंग, यु आर गोइंग तो लव
इट!
फिर शिवा ने थोड़ी
देर तक शफ़ीक़ के अंग अंग को चूमता रहा। रियल मर्द कैसे रोमांस करते हैं, ये आज शफ़ीक़ को पता चला था। एक समय था जब शफ़ीक़
अपनी पत्नी के साथ सेक्स करता था और एक आज का दिन था। जब एक मर्द शफ़ीक़ को अपनी
पत्नी बनाकर उसके साथ रोमांस कर रहा था। थोड़ी ही देर में शफ़ीक़ के बदन से ब्लाउज,
ब्रा और पैंटी भी अलग हो चुकी थी लेकिन
शरीर पर गहने ज्यूँ के त्यों पड़े थे। अब शिवा ने अपना पोजीशन ले लिया था और शफ़ीक़ के
बदन के एक एक अंग को चूमने के बाद शिवा का बिग ब्लैक लंड देखकर शफ़ीक़ चौंक गया।
इतना बड़ा लंड होता है किसी मर्द का, वो भी इतना मोटा। शफ़ीक़ के खुद का लंड शिवा के लंड का एक चौथाई भी नहीं
था लेकिन फिर भी शिवा ने शफ़ीक़ के लंड को अपने मुँह में ले लिया और उसे ब्लोजॉब
देने लगा। शिवा का यूँ ब्लोजॉब देना, शफ़ीक़ को प्लेज़र का अनुभव करवा रहा था लेकिन काफी देर तक शफ़ीक़ के लंड
को मुँह में लेकर चूसने के बावजूद शफ़ीक़ के लंड पर कुछ ख़ास फ़र्क़ नहीं पड़ा और वो
ज्यों का त्यों छोटे साइज में ही रहा।
शफ़ीक़: अच्छा लग रहा
है।
शिवा: लेकिन सुनैना,
तुम्हारा लंड तो पांच साल के बच्चे जितना
ही है और इसमें तो इरेक्शन भी नहीं हो रहा है। मुझे तो डर है कि कहीं मैं तुम्हारे
लंड में अपना लंड घुसाउँ और तुम्हारा लंड फट गया तो?
शफ़ीक़: तो ऐसा मत
करो!
शिवा: लेकिन डॉक्टर ने
तो ऐसा करने को कहा है सुनैना!
इससे पहले शफ़ीक़ कुछ
कहता, शिवा ने अपना बिग
ब्लैक लंड शफ़ीक़ के सामने करके घुटने पर खड़ा हो गया। इससे पहले कि शफ़ीक़ शिवा से कुछ
कहता, शिवा ने शफ़ीक़ के
नाज़ुक हाथ को अपने मजबूत हाथ में लेकर अपने लंड पर रख दिया। शफ़ीक़ ने लाइफ में पहली
बार किसी मर्द के लंड को अपने हाथ में लिया था। शफ़ीक़ को पता था कि उसे आगे क्या
करना है, उसने शिवा के लंड को
सहलाना शुरू किया तो उसका लंड और भी बड़ा और मोटा होकर टाइट हो गया। शफ़ीक़ ने कुछ
देर तक शिवा के लंड को अपने हाथों में लेकर सहलाया और फिर शिवा ने उसे मुँह में
लेने को कहा।
शफ़ीक़: ये तो बहुत
मोटा और बड़ा है।
शिवा: रियल मर्द का
लंड ऐसा ही होता है, चलो मेरी रानी,
जल्दी से इस लंड को अपने मुँह में ले लो
और
मुझे भी ब्लोजॉब का
मजा दो।
शफ़ीक़: लेकिन?
शिवा: लेकिन वेकिन
कुछ भी नहीं!
शफ़ीक़ के मुँह में
स्पर्म डिस्चार्ज होने के बाद जब शिवा ने अपना लंड उसके मुँह से बाहर निकाला तो शफ़ीक़
रोने लगा। शफ़ीक़ अंदर से टूट चूका था, एक मर्द के लंड से निकला स्पर्म शफ़ीक़ के अंदर समा चूका था और शफ़ीक़ को
अब आत्मग्लानि हो रही थी। शफ़ीक़ यकीन नहीं कर पा रहा था कि एक मर्द उसे अपनी हवस की
आग में जला रहा था और वो सिवाए आंसू बहाने के कुछ भी नहीं कर पा रहा था। शिवा ने शफ़ीक़
के चेहरे को ऊपर उठाया और उसके आंसुओं को चुम चुम कर पी गया और एक बार फिर से उसके
अंग अंग को चूमने लगा। बिस मिनट्स के रोमांस के बाद शिवा ने शफ़ीक़ को अपनी बाहों
में उठा लिया और खड़ा हो गया। अब शिवा ने पोजीशन ले लिया था और उसका लंड शफ़ीक़ की
गांड की छेद पर था। शिवा की बाहों में एक छोटी सी लड़की की तरह शफ़ीक़ उसके गले में
हाथ लपेटे बस इसी सोच में था कि अब शिवा का लंड उसकी गांड में घुसेगा, पता नहीं कितना दर्द होगा और उसका क्या हाल होगा
आज की रात। अभी शफ़ीक़ सोच ही रहा था कि शिवा ने शफ़ीक़ की गांड में अपना लंड घुसा
दिया।
शिवा: श्श्श! डोंट
शोउट सुनैना!
शिवा ने थोड़ा होल्ड
किया और फिर से शफ़ीक़ को चोदना शुरू कर दिया।
शफ़ीक़: ये बहुत बड़ा
है, आई कैंट हैंडल,
आह्हः, आह्हः, आई , अम्मी, ओह्ह, प्लीज्, प्लीज्, या अल्लाह, ओह्ह्ह, नो प्लीज्!
शिवा: ट्राय टू बी
कॉम सुनैना! जस्ट रिलैक्स, डोंट शोउट!
शफ़ीक़: आह्ह्ह्ह,
आह्ह्ह्ह, ओह्ह्ह्हह, अल्लाह, अम्मी, नो प्लीज्, प्लीज्, प्लीज्!
एक ओर शिवा शफ़ीक़ के
साथ हार्डकोर सेक्स कर रहा था, दूसरी तरफ शफ़ीक़ जोर जोर से सिसकियाँ ले रहा था। शिवा शफ़ीक़ की आवाज़ को
एन्जॉय कर रहा था, जितना शफ़ीक़ छटपटाता,
शिवा को उतना ही मजा आने लगा था। लगभग आधे
घंटे के हार्डकोर सेक्स के दौरान, शिवा ने शफ़ीक़ को अपनी बाहों में लेकर तो कभी घोड़ी बना कर चोदा। शफ़ीक़
के लिए ये किसी सजा से कम नहीं था वहीँ शिवा के लिए ये मजा से कम नहीं था। आफ्टर हाफ ऐन ऑवर ऑफ़
हार्डकोर सेक्स, शफ़ीक़ को कमज़ोरी फील
होने लगा, उसका बॉडी शिवर करने
लगा और वो लगभग बेहोश होने ही वाला था कि मौके की नज़ाकत को भांप कर शिवा ने शफ़ीक़
की गांड से अपना लंड बाहर निकाल लिया। शफ़ीक़ को बहुत रिलैक्स फील हुआ और इससे पहले
कि शफ़ीक़ नींद की आगोश में समाता, शिवा ने एक बार फिर से उसे अपनी बाहों में उठा लिया और वाशरूम में ले
गया। शफ़ीक़ के अंदर शिवा के साथ सेकंड राउंड सेक्स के लिए बिलकुल भी हिम्मत नहीं
बची थी लेकिन शिवा के ऊपर मानो सेक्स का भुत सवार हो चूका था। वाशरूम ले जाकर शिवा
ने शफ़ीक़ के दोनों पैरों को फैलाकर अपनी बाहों में उठाकर उसके गांड में फिर से अपना लंड घुसाकर उसके साथ
हार्डकोर सेक्स करने लगा।
शफ़ीक़ का यूँ जोर जोर
से आह ओह्ह करना शिवा को फिर से उत्तेजित करने लगा और वो और भी जोश के साथ शफ़ीक़ को
चोदने लगा। शफ़ीक़ शिवा की मजबूत बाहों में अपने आप को संभालने की कोशिश कर रहा था
और शिवा से चुदते समय सिर्फ यही सोच रहा था कि क्या वो सही कर रहा है या गलत। थोड़ी
देर बाद शिवा ने शफ़ीक़ को आईने के पास वाले रैक पर बिठा दिया और उसके लंड पर अपना
लंड सटाने लगा।
शफ़ीक़: ये क्या कर
रहे हो?
शिवा: डिक डॉकिंग,
जस्ट वेट एंड फील द वार्मथ ऑफ़ माय डिक इनसाइड
योर डिक!
इससे पहले शफ़ीक़ संभालता, शिवा ने शफ़ीक़ के लंड में अपना लंड घुसाकर आगे पीछे करने लगा। शिवा का काला मोटा लंड इतना हार्ड हो रखा था कि शफ़ीक़ को डर लगने लगा कि कहीं उसका लंड ही ना फट जाये। थोड़ी देर में ही शिवा पुरे जोश के साथ शफ़ीक़ के लंड में अपना लंड घुसाकर उसकी आगे से चुदाई करने लगा।
दर्द से बुरा हाल हो गया था, रोते रोते शफ़ीक़ की आँखें लाल हो चुकी थी और कमज़ोरी से बदन का एक एक अंग दर्द दे रहा था। पांच मिनट्स के डिक डॉकिंग सेशन के बाद शिवा ने शफ़ीक़ के लंड के अंदर ही अपना स्पर्म डिस्चार्ज कर दिया और अपना लंड बाहर निकाल लिया। शफ़ीक़ के लंड में तेज़ जलन हो गया और उसका लंड शिवा के स्पर्म से भर गया। शफ़ीक़ ने अपने लंड को झाड़कर अपने लंड के अंदर से शिवा के स्पेर्म्स को बाहर निकालने की कोशिश की लेकिन इसमें भी शफ़ीक़ नाकाम रहा। शफ़ीक़ वहीँ रोने लगा तब शिवा ने शफ़ीक़ को आईने की तरफ फेस करके अपनी बाहों में उठा लिया, शफ़ीक़ के दोनों पैरों को फैलाकर एक बार फिर से अपने लंड पर बिठाया और उसके लंड को अपने हाथ में लेकर सहलाते हुए शफ़ीक़ की एक बार फिर से चुदाई करने लगा। अपने आप को एक मर्द की बाहों में, लड़कियों की तरह चुदाई होते देख शफ़ीक़ शर्मिंदगी के उस सागर में था, जहाँ उसे सहारा देने को एक तिनका भी नहीं था। थोड़ी ही देर बाद, शिवा एक बार फिर से फुल एक्साइटेड होकर जैसे ही शफ़ीक़ की गांड में अपना स्पर्म डिस्चार्ज किया, शफ़ीक़ के लंड से उसका और शिवा का मिलाजुला स्पर्म एक झटके में डिस्चार्ज हो गया और शफ़ीक़ शिवा की बाहों में कमज़ोर होकर बेहोश हो कर झूल गया। शिवा ने शफ़ीक़ को लेकर बाथटब में एक बार फिर से अपने लंड पर बिठाया और आधे घंटे तक हार्डकोर सेक्स करता रहा, वहीँ शफ़ीक़ बेहोशी की हालत में हल्की आवाज़ में आह्हः, ओह्ह, प्लीज् नो, करता रहा और शिवा ने एक बार फिर से शफ़ीक़ की गांड में अपना स्पर्म डिस्चार्ज कर दिया और कुछ देर तक दोनों उसी बाथटब में पड़े रहे। फिर शिवा ने शफ़ीक़ की गांड के अंदर से अपना लंड बाहर निकाला और उसकी गांड में ऊँगली घुसाकर उसके गांड से स्पेर्म्स को बाहर निकाल दिया। फिर शफ़ीक़ के बॉडी को सुखाकर कमरे में ले जाकर बिस्तर पर लिटा दिया और खुद को भी सुखाने के बाद शफ़ीक़ की गांड में अपना लंड घुसा कर, उसे अपनी मजबूत बाहों में कस कर सो गया।इट वज फर्स्ट
हार्डकोर सेक्स एनकाउंटर विद अ रियल मैन फॉर शफ़ीक़। अगली सुबह जब शफ़ीक़ की नींद खुली
तो सुबह के ग्यारह बज चुके थे, मेड घर की साफ़ सफाई में लगी थी और शिवा ऑफिस जा चूका था। शफ़ीक़ ने गौर
किया कि उसके बदन पर सिर्फ एक चादर है और वो पूरी तरह न्यूड है लेकिन अभी भी शफ़ीक़
के नाज़ुक बदन पर ज्वेलरीज, नाक में नथिया, कानों में झुमके और पैरों में पायल भी थी। शफ़ीक़ को अभी भी वीकनेस हो
रहा था और हिम्मत करके जब शफ़ीक़ बिस्तर से उठा तो देखा कि एक साटन नाईट वियर ड्रेस
बिस्तर पर रखी थी और साथ ही एक लेटर भी।
गुड मॉर्निंग सुनैना,
आई होप तुम जाग गयी
हो। मेड का नाम शबनम है और मैंने शबनम से कह दिया है कि तुम्हे हाउसहोल्ड थिंग्स
सीखा दे। अब तुम जाग चुकी हो तो बिस्तर से उठो, फ्रेश हो। साटन साड़ी और बैकलेस ब्लाउज के साथ
डार्क मेकअप और पिंक नेलपॉलिश लगा लेना। पिंक लिपस्टिक और आँखों में काजल जरूर लगा
लेना और शबनम से होसहोल्ड थिंग्स की ट्रेनिंग ले लो। आज जब मैं शाम में आऊंगा तो
तुम्हारे हाथों की चाय पियूँगा और एक डिश तो जरूर खाऊंगा। गुड लक स्वीटहार्ट,
हैव अ नाइस डे।
तुम्हारा पति,
शिवा ठाकुर।
इट वज लाइक, शफ़ीक़ ने एक पल के लिए सोचा कि सुसाइड कर ले।
लेकिन इतनी बड़ी कंपनी का मालिक होना और अपनी मर्दानगी वापिस पाने के लिए शफ़ीक़ हर
वो कुछ करने को तैयार था जो उसे नहीं करनी चाहिए थी। फ्रेश होने के बाद शफ़ीक़ ने
साटन साड़ी पहनकर, ज्वेलरीज पहनकर रेडी
हो गया। पिंक नेलपॉलिश और पिंक ग्लॉसी लिपस्टिक लगाने के बाद शफ़ीक़ शबनम से मिलने
गया।
शबनम: बोलो मैडम जी।
आज क्या सिखाऊं आपको? साब जी ने तो बिन
बताये ही शादी कर ली, कोई पार्टी भी नहीं
दी लेकिन ख़ुशी है कि इतनी खूबसूरत दुल्हन लाये हैं। साब जी ने बताया है कि आपको
हाउस होल्ड थिंग्स में सिर्फ चाय बनानी आती है। आप बताओ मैं आपको क्या पकाना
सिखाऊं। वैसे साब जी को शाही पनीर और सॉफ्ट रोटियां बहुत पसंद है, आज आप ये सिख लो। पति से प्यार पाने का रास्ता
उसके पेट से होकर जाता है मैडम जी, आ जाओ मैं आपको शाही पनीर और सॉफ्ट रोटियां पकाना सिखाती हूँ।
शफ़ीक़: ओके!
शबनम: लेकिन मैडम,
आपकी मांग का सिंदूर और गले का मंगलसूत्र
कहाँ है? ये तो सौभाग्य की
निशानी होती है, मंगलसूत्र को अपने
गले से और अपनी मांग को कभी भी सूना नहीं रखना चाहिए।
फिर शफ़ीक़ बैडरूम में
गया और गले में मंगलसूत्र और मांग में सिंदूर भरकर किचन में आ गया। शबनम ने शफ़ीक़
को सॉफ्ट आटा गूंथना सिखाया फिर शफ़ीक़ को गोल रोटी बेलना और सॉफ्ट रोटियां बनाना
सिखाया। शफ़ीक़ ने पुरे दिन रोटी बनानी की प्रैक्टिस की लेकिन गोल रोटी नहीं बनी।
लेकिन जब शबनम ने शफ़ीक़ को शाही पनीर पकाना सिखाया, वो एक बार में सीख गया। शाम होने से पहले शबनम घर
के काम निपटाकर वहां से चली गयी। शाम को शिवा ऑफिस से घर आया तो बिना कुछ कहे ही शफ़ीक़
उसके लिए चाय बनाकर ले आया और उसे सर्व किया।
शिवा ने चाय पी और
बिना तारीफ किये फ्रेश होने वाशरूम में चला गया। शफ़ीक़ ने सोचा था कि शिवा उसके
बनाये चाय की कुछ तो तारीफ करेगा लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ तो शफ़ीक़ को बहुत बुरा
लगा। जब शिवा वाशरूम से बाहर आया तो ड्राइंग रूम में सोफे पर आकर बैठ गया और गंभीर
होकर सोचने लगा।
शफ़ीक़: क्या हुआ?
इतने परेशां क्यों हो?
शिवा: सुनैना,
कुछ भी नहीं, बस ऑफिस वर्क्स स्ट्रेस! तुमने क्या क्या किया
पुरे दिन?
शफ़ीक़: शबनम ने खाना
पकाना सिखाया!
शिवा: वाओ, तो क्या सिखाया शबनम ने आज?
शफ़ीक़: रोटी और शाही
पनीर!
शिवा: शी इज़ सो
ब्रिलियंट, लेकिन इन सब से पहले
मुझे तुमसे कुछ बातें करनी है।
शफ़ीक़: हाँ कहो!
शिवा: मैं तुम्हारी
मदद नहीं कर सकता सुनैना।
शफ़ीक़: लेकिन कल तक
तो तुम मेरी मदद करने के लिए रेडी थे, आज क्या हो गया ?
शिवा: सुनैना,
तुम अपनी मर्दानगी को जब तक भूलेगी नहीं,
तुम्हारे अंदर की औरत जागेगी नहीं और तुम
ये नहीं करना चाहती हो तो छोड़ दो।
शफ़ीक़: नहीं नहीं शिवा,
तुम मेरी मदद कर सकते हो, मैं किसी और के पास मदद मांगने नहीं जाना चाहता।
शिवा: लुक सुनैना,
अभी भी तुम नहीं बल्कि शफ़ीक़, मेरे बॉस ही बोल रहे हैं। चलो थोड़े देर के लिए
मानकर चलो कि आप सुनैना नहीं हो, मेरे बॉस शफ़ीक़ हो।
शफ़ीक़: इसमें मानने
या ना मानने वाली कौन सी बात है शिवा, आई एम् योर बॉस!
शिवा: तो बॉस,
मैं ऐसे में आपकी मदद कैसे करूँ। मैं आपकी
रेस्पेक्ट करता हूँ और सिर्फ इसीलिए आपकी हेल्प करने को रेडी भी हूँ। लेकिन मैंने
आपसे कहा ना कि अगर आप मेरी पत्नी बनकर रहेंगे तभी मैं आपकी मदद कर सकता हूँ।
शफ़ीक़(रोते हुए कहा):
तो मैं तो तुम्हारी पत्नी बनकर ही रह रहा हूँ, मांग में सिंदूर भी तुम्हारे नाम का और गले में
मंगलसूत्र भी तुम्हारे नाम का है। कल रात भर तुमने मेरे साथ हार्डकोर सेक्स किया,
मुझे औरत की तरह चोदा, मैं रोता रहा, चिल्लाता रहा, लेकिन तुम्हारे ऊपर कोई असर नहीं हुआ। आज सुबह से
जैसा तुमने कहा मैंने तुम्हारे लिए रोटी
भी पकाई और शाही पनीर भी जो तुम्हारा फेवरेट है , फिर भी, जैसा तुम कहते हो, मैं वैसा ही तो कर रहा हूँ, और क्या चाहिए!
शिवा: देखिये बॉस,
आप रो मत, अगर आपको चाहिए, जो कि मैं करना भी चाहता हूँ तो आपको सिर्फ मेरी
पत्नी सुनैना बनकर ही नहीं रहना बल्कि स्त्रीत्व को भी अपनाना होगा। आपको
भूलना मेरे बॉस हैं और मैं आपका एम्प्लोयी
और इस घर में आप सिर्फ मेरी पत्नी हैं, ना इससे ज्यादा ना इससे कम। और ये रहा एग्रीमेंट, तीन महीनों तक मैं आपको अपनी पत्नी की तरह ट्रीट
करूँगा और आप मुझे अपने पति की तरह। अगर आपको मंजूर है तो साइन कीजिये इस
एग्रीमेंट पर और उस पल से आप मेरी पत्नी हैं। घर पर कोई भी आये जाए, उसे आप मेरी पत्नी बनकर ही मिलेंगे, मैं जैसा कहूंगा, वैसे ड्रेसअप करेंगे और मेरा हर कहा मानेंगे।
फिर शफ़ीक़ ने
एग्रीमेंट को बिना पढ़े उसपर साइन कर दिया।
शिवा: सुनैना,
बहुत जोरों की भूख लगी है, खाना लगा दो मेरा!
शफ़ीक़: जी अभी लायी।
फिर शफ़ीक़ ने शिवा को खाना सर्व किया। शिवा ने डिनर करने के बाद शफ़ीक़ के हाथों से बने खाने की तारीफ की और शफ़ीक़ से बोला कि वो नाईट वाक पर जा रहा है और जब वो लौटे तबतक डिनर करके, किचन का काम निपटा कर रेडी हो जाने को कहा। शफ़ीक़ ने हामी भरी और शिवा के जाने के बाद डिनर किया और किचन का काम निपटाकर, तैयार होकर शिवा के आने का इंतज़ार करने लगा। शफ़ीक़ ने शिवा के साथ एग्रीमेंट किया था और वो अब सुनैना बनकर अगले तीन महीने काटने वाला था। उस रात जब शिवा नाईट वाक से वापिस आया तो शफ़ीक़ ने गेट खोला और शिवा ने गेट लॉक होते ही शफ़ीक़ को अपनी बाहों में उठा लिया और उसे बिस्तर पर पटक दिया। आज की रात शिवा की बाहों में शफ़ीक़ नहीं बल्कि सुनैना थी। शफ़ीक़ ने तुरंत साड़ी से घूँघट करके अपने हाथों से अपने दोनों पैरों को सिकोड़कर बैठ गया। शिवा जैसे जैसे शफ़ीक़ के नज़दीक आ रहा था शफ़ीक़ उतना ही ज्यादा नर्वस और शॉय फील कर रहा था। आज की रात शिवा ने शफ़ीक़ के साथ काफी देर तक रोमांस किया, उसके छाती को बड़े ही प्यार से चूमा और शफ़ीक़ के निप्पल्स को तो काफी देर तक चूसता रहा। शफ़ीक़ को यकीन नहीं हो रहा था कि जब जब शिवा उसके निपल्स को चुस्त, उसकी उत्तेजना बढ़ जाती, उसके लंड में भी तनाव को वो साफ़ साफ़ फील कर पा रहा था। शफ़ीक़ को अब यकीन हो गया था कि डॉक्टर सही कह रहा था। आज की रात शफ़ीक़ ने शिवा के लंड को बिना कहे अपने मुँह में ले लिया और काफी देर तक उसे लॉलीपॉप की तरह चूसा।
शिवा शफ़ीक़ के इस ट्रांसफॉर्मेशन से बहुत खुश हुआ,
क्यूंकि उसे बहुत मजा आ रहा था। उस रात शिवा
ने शफ़ीक़ के साथ चार राउंड हार्डकोर सेक्स, कभी बाहों में उठाकर, कभी घोड़ी बनाकर, कभी पेट के बल लिटाकर तो कभी सिक्स नाइन पोजीशन में, पूरी रात शिवा ने शफ़ीक़ के जिस्म के एक एक अंग को
प्यार किया और आखिर में बिस मिनट्स के डिक डॉकिंग सेशन के बाद शिवा ने शफ़ीक़ के लंड
से उसके स्पेर्म्स को रिलीज़ करने में हेल्प की तो शफ़ीक़ कल की तरह फिर से थरथरा कर
बेहोश होकर शिवा की बाहों में ही बेहोशी के आगोश में समा गया। अगली सुबह शफ़ीक़ की
नींद खुली तो उसने फील किया कि अभी भी शिवा का लंड उसकी गांड में ही था। शफ़ीक़ को
याद आया कि आज संडे था और शिवा की छुट्टी थी। पुरे दिन शिवा घर पर ही रहा और दिन
में भी शफ़ीक़ के साथ दो राउंड हार्डकोर सेक्स और एक राउंड डिक डॉकिंग सेशन करके शफ़ीक़
को बिस्तर पर बदहवास छोड़कर मार्किट चला गया। संडे को मेड की भी छुट्टी थी, शबनम आज काम करने नहीं आयी तो शफ़ीक़ ने शिवा के
कपडे धोये, उसका कच्चा भी धोया
और शिवा के लिए एक नयी रेसेपी यूट्यूब पर देखकर बनाया। एक पतिव्रता स्त्री की तरह शफ़ीक़
पुरे दिन साड़ी में रहा, मांग में सिंदूर,
गले में मंगलसूत्र के साथ पुरे बदन पर
ज्वेलरीज में सज धज कर शाम को वो शिवा के आने की राह देखने लगा। देखते ही देखते एक
महीना निकल गया, अब शफ़ीक़ के लंड में
इरेक्शन भी होने लगा था और यूरिनेशन के टाइम होने वाली ब्लीडिंग भी रुक गयी थी।
पेट के निचले हिस्से में दर्द भी कभी कभी ही होता। लेकिन इन सब के बावजूद शफ़ीक़ का
चेस्ट पहले से काफी बड़ा और हैवी हो चूका था और साथ ही उसके हिप्स भी पहले के
मुकाबले वाइड और राउंड हो चुकी थी। निशा वीकली शफ़ीक़ को मेकअप के लिए ट्रेनिंग देने
आती और एक महीना पूरा होते होते शफ़ीक़ को खुद से मेकअप करना, तरह तरह की साड़ी पहनना और ज्वेलरीज पहनने का शौक
हावी होने लगा था। पिछले एक महीने में एक भी दिन ऐसा नहीं गया जब शिवा ने शफ़ीक़ के
साथ पांच छह राउंड हार्डकोर सेक्स, ब्लोजॉब और डिक डॉकिंग सेशन ना किया हो। शफ़ीक़ भी सुनैना बनकर शिवा को
अपनी पति मानकर पिछले एक महीने से उसकी हर एक बात को मान रहा था।
शफ़ीक़: क्या बात है,
आप इतने परेशान क्यों हैं?
शिवा: बात ही कुछ
ऐसी है, जिससे मेरी परेशानी
बढ़ गयी है, मेरे समझ में ये
नहीं आ रहा कि मैं क्या करूँ?
शफ़ीक़: आप मुझे अपनी
परेशानी बताइये, क्या पता मैं कुछ
सजेस्ट कर सकूँ!
शिवा: शबनम से मेरी
माँ मेरा हाल चाल लेती रहती है और इस बार जब माँ ने शबनम से बात की तो उसने उन्हें
बता दिया कि मैंने शादी कर ली है वो भी चोरी छुपके। अब आज सुबह माँ का कॉल आया था
और वो कुछ महीनों के लिए यहाँ आने के लिए कल ही फ्लाइट लेने वाली है। कल शाम तक
माँ यहाँ आ जाएगी और आगे क्या होगा ये मैं भी नहीं जानता!
शफ़ीक़: मैं तो आपकी
पत्नी ही हूँ, फिर आप परेशां क्यों
हो रहे हैं। मैं माँ को संभाल लुंगी, आप बिलकुल भी टेंशन ना लें और अपने काम पर फोकस करें।
शिवा: आर यु श्योर!
शफ़ीक़: यस! आई कैन
हैंडल माय मदर इन लॉ, डोंट वोर्री!
शिवा: आई लव यू
सुनैना, यू आर सो क्यूट!
शफ़ीक़: आई लव यू टू!
आई लव यू टू कहने के
साथ ही शफ़ीक़ को एहसास हुआ कि ये क्या कह दिया उसने शिवा से। हाउ कैन ही, शिवा को आई लव यू टू कहने के बाद शफ़ीक़ ने साड़ी की
आँचल से अपने मुँह को ढँक लिया और बैडरूम के बिस्तर पर जाकर बैठ गया। एक मर्द के
लिए उसके मन में ऐसा ख्याल कैसे आ सकता है, अभी शफ़ीक़ ये सोच ही रहा था कि वहां शिवा भी आ
गया। शिवा ने काफी देर तक शफ़ीक़ के साथ रोमांस किया और डिनर के बाद शफ़ीक़ के
साथ फिर से रात भर हार्डकोर सेक्स किया और हर रोज़ की तरह उसकी गांड में अपना लंड
डालकर सो गया। नेक्स्ट डे, शफ़ीक़ की नींद बहुत
जल्दी खुल गयी लेकिन शिवा के बाहों की कसावट से निकलना आसान नहीं था। शफ़ीक़ ने शिवा
की छाती पर एक किस करके उसे जगाया और फिर उसके होंठों पर स्मूच करके उसे कहा कि घर
के काम कुछ ज्यादा हैं और टाइम कम। फिर शिवा ने शफ़ीक़ की गांड से बाहर निकाल लिया
और शफ़ीक़ फ्रेश होकर नहाने के बाद, साड़ी, बैकलेस ब्लाउज,
मेकअप, ज्वेलरी के साथ तैयार होकर मांग में सिंदूर और
गले में मंगलसूत्र पहनकर घर के काम में लग गया। नार्मल हाउसवाइफ की तरह शफ़ीक़ ने
पुरे घर को डेकोरेट किया और घर के सभी सामानों को उसके सही जगह पर रख दिया। शबनम
आयी तो शफ़ीक़ ने उससे कहकर किचन और वाशरूम के साथ पुरे घर की साफ़ सफाई करवाकर दोपहर
से पहले तक घर के सभी काम खत्म कर चूका था। इधर शिवा ने शफ़ीक़ को कॉल करके कहा कि
वो थोड़ी देर में घर आ जायेगा, फिर वहां से माँ को पिक करने साथ में एयरपोर्ट जायेगा। शफ़ीक़ ने शिवा से कहा
कि वो उसे क्यों एयरपोर्ट ले जाना चाहता है तो शिवा ने शफ़ीक़ से कहा कि अगर वो उसके
साथ एयरपोर्ट पर उसकी माँ को पिक करने जाये तो शायद उसकी माँ का गुस्सा कुछ कम हो
जाये।
शफ़ीक़: लेकिन ऐसे मैं
घर के बाहर कभी नहीं गयी।
शिवा: कोई बात नहीं
सुनैना, आज चल लेना मेरे
साथ। और सुनो, कोई कोई अच्छी सी
सिल्क साड़ी पहन लेना। ज्वेलरीज भले ही ज्यादा पहन लेना लेकिन मेकअप थोड़ा लाइट ही
करना। मेरी माँ को लाइट मेकअप ही पसंद है, ठीक है, मैं दो बजे तक घर आ
जाऊंगा।
शफ़ीक़: ठीक है,
मैं तैयार रहूंगी।
सिल्क फैब्रिक की इस साड़ी के बॉर्डर पर बारीक जरी वर्क किया गया था और यही काम शफ़ीक़ के ब्लाउज पर भी नजर आ रहा था। ये साड़ी बांग्लादेशी सिल्क के धागों से शफ़ीक़ की फैक्ट्री में बनी पहली पीस थी और जब शफ़ीक़ ने साड़ी पहना तो साड़ी का स्मूथनेस उसे बहुत ही नरम एहसास दे रहा था। चेस्ट पहले के मुकाबले बड़ा और हैवी होना शफ़ीक़ के लिए ऐसे सीटुएशन्स के लिए फायदेमंद साबित हो रही थी। साड़ी पहनने के बाद शफ़ीक़ ने खुद से मेकअप किया और इस बात का खास ख्याल किया कि मेकअप लाइट रहे। हाथों में पहनने के लिए शफ़ीक़ सोच ही रहा था कि वो क्या पहने और तभी डोरबेल की आवाज़ सुनाई दी। शफ़ीक़ ने दरवाज़ा खोला तो देखा सामने शिवा खड़ा था और उसके हाथ में एक बड़ा सा शॉपिंग बैग भी था।
शिवा: थैंक गॉड, यु आर लुकिंग सो हॉट सुनैना! अच्छा ये कुछ ज्वेलरीज, कंगन चूड़ियां हैं इन्हे पहन लो और साथ में हील्स भी पहन लेना।शफ़ीक़: जी ठीक है।
शफ़ीक़ ने बैग्स खोलकर
देखा तो उसमे गोल्ड ज्वेलरीज थीं और साथ गोल्डन हाई हील्स भी थी। उस बैग में नाक
में पहनने के लिए सोने की बड़ी सी नथिया, उनके लिए जिन्होंने नाक नहीं छिदवाई हो, उसमे एक स्क्रू भी थी जिससे उस नथिया को नाक में
अच्छे से कस कर टाइट किया जा सके। एक सुहाग का छुड़ा सेट भी था जिसके हर सेट में
बाईस बाईस सफ़ेद लाल और गोल्डन चूड़े थे। शफ़ीक़ ने अपनी दोनों कलाइयों में चूड़ा सेट
पहन लिया और गले में गोल्ड नेकलेस और चोकर सेट पहनने के बाद, शफ़ीक़ ने अपने नाक में वो नथिया पहन लिया और उसे
स्क्रू से टाइट कर लिया। उस नथिया से एक चेन भी जुड़ा था तो शफ़ीक़ ने उस चेन को अपने
झुमके हुक कर लिया। फिर शफ़ीक़ ने पैरों में हैवी चाँदी की पायल पहना और साथ में
गोल्डन हाई हील्स वाली सैंडल्स भी। शफ़ीक़ शिवा के साथ एयरपोर्ट जाने को तैयार था तो
शिवा ने शफ़ीक़ से घूँघट कर लेने को कहा और शफ़ीक़ ने अपनी साड़ी की पल्लू से घूँघट कर
लिया। थोड़ी देर में शफ़ीक़ को अपनी दुल्हन बनाकर अपने साथ लेकर शिवा एयरपोर्ट आ गया।
एयरपोर्ट पर काफी मर्द शफ़ीक़ की खूबसूरती को देखकर अपनी एक्साइटमेंट को कण्ट्रोल
करने की कोशिश में थे। शफ़ीक़ नयी नवेली दुल्हन की तरह शिवा के साथ अपनी सास के आने
के इंतज़ार में था और थोड़ी ही देर में शिवा की माँ का प्लेन लैंड कर गया। शिवा ने
अपनी माँ को मिलते ही हग किया और उसके पैरों को छूकर अपनी माँ से आशीर्वाद लिया।
फिर शिवा ने शफ़ीक़ से अपनी माँ को इंट्रोड्यूस करवाया।
शिवा: माँ, ये तुम्हारी बहु है, सुनैना!
शफ़ीक़ ने शिवा की माँ
के पैरों को दोनों हाथों से छूकर उनसे सदा सुहागिन रहने का आशीर्वाद लिया और शिवा
की माँ ने शफ़ीक़ के माथे को चुम लिया।
शिवा की माँ: शिवा,
तूने बहु तो बड़ी सुन्दर ढूंढा लेकिन ये
हाइट में कितनी छोटी है। थोड़ी लम्बी बहु नहीं मिली, जो मेरे बेटे के सीने तक तो आती।
शिवा: माँ, सुनैना बहुत ही टैलेंटेड है और हाइट कम होने के
बावजूद सुनैना जितनी खूबसूरत लड़की तो पूरी दिल्ली में नहीं है।
शिवा की माँ: हाँ हाँ, चल घर चल, जोरू का गुलाम!
शिवा की माँ ने पुरे
रस्ते कार में शफ़ीक़ को अपने पास बिठाया और शिवा के बारे में अच्छी अच्छी बातें
बताती रही। एक बार भी शिवा की माँ ने ना तो शफ़ीक़ के परिवार के बारे में पूछा और ना
ही एक बार भी उसकी खूबसूरती की तारीफ की, सिर्फ अपने बेटे की बात करती रही। आज शफ़ीक़ को एहसास हो रहा था कि जब उसकी अम्मी
जूही के सामने सिर्फ उसकी तारीफ़ किया करती थी तो जूही को कैसा फील हुआ रहा होगा।
घर आने के बाद शिवा की माँ फ्रेश हुई, खाना खाई और बैडरूम में ही
गईं। इधर शिवा को खाना पडोसने उसके खा लेने के बाद शफ़ीक़ ने भी लंच किया और
लंच करने के बाद घूँघट करके बैडरूम में चला गया।
शिवा की माँ: तू आ
गयी बहु, जरा मेरे पैर दबा
दे।
शफ़ीक़: जी माँ जी!
फिर शफ़ीक़ ने शिवा की
माँ के दोनों पैरों को दबाया और पैर दबाते दबाते कब उनके पैरों में ही सो गया,
जिसका उसे पता भी नहीं चला। जब शिवा की
माँ की नींद खुली तो उन्होंने देखा कि उनके पैरों में उनकी बहु सोई हुई है। फिर शिवा
की माँ ने शफ़ीक़ को जगाया और उसे अच्छे से सोने को कहकर फ्रेश होने चली गयी। शफ़ीक़
की नींद भी खुल गयी तो वो भी दुबारा सोने नहीं गया और फ्रेश होकर शिवा की माँ के
लिए चाय बना कर ले आया।
शिवा की माँ: जग जग
जी मेरी बहु, कितनी संस्कारी हो
तुम!
शफ़ीक़: थैंक्स माँ
जी!
फिर शिवा की माँ ने शफ़ीक़
को बताया कि शिवा करोड़ों की संपत्ति का एकलौता वारिस है, पटना में उसके नाम पर काफी जमीन जायदाद है। फिर शिवा
की माँ ने शफ़ीक़ को बैडरूम में साथ आने को कहा। जब शफ़ीक़ शिवा की माँ के साथ बैडरूम
में गया तो शिवा की माँ ने अपने बैग से ज्वेलरी सेट, ढेरों सिल्क साड़ी वो भी मैचिंग ब्लाउज के साथ और
कुछ तीन लहँगा चोली सेट भी शफ़ीक़ को देते हुए बोली कि नयी नवेली दुल्हन को सजधज कर
ही रहना चाहिए। फिर शिवा ने माँ ने ज्वेलरी सेट में से एक बड़ा सा नथिया निकालकर शफ़ीक़
के नाक में पहनाने की कोशिश की तो उन्हें एहसास हुआ कि शफ़ीक़ ने ना तो नाक छिदवाई
है और ना ही कान!
शिवा की माँ: हाय
राम, बहु ये सब क्या है!
अभी तक तुमने अपनी नाक और कान नहीं छिदवाई है। अपशगुन हो जाता है सुनैना, ऐसे नहीं करते बहु। आज तो मैं थकी हुईं हूँ लेकिन
कल मेरे साथ ब्यूटी पारलर चल, मैंने तेरी नाक और कान छिदवा देनी है। हिंदू धर्म में एक चीज सबसे अलग
है वो है किसी महिला का सोलह श्रृंगार। जो पूरी दुनिया में भी फेमस है। इस सोलह
श्रृंगार में माथे की बिंदी से लेकर पांव में पहनी जाने वाली बिछिया तक होता है।
नाक में नथ और पैरों में बिछुआ पहनना हिन्दू धर्म में स्त्रियों के लिए सौभाग्य की
निशानी मानी जाती है और इसके बिना हिन्दू धर्म की स्त्रियों का श्रृंगार भी अधूरा
होता है। बहु तुझे शायद ही यह बात पता हो कि नाक में नथिया पहनने का सीधा संबंध
स्त्रियों के गर्भाशय से है और हमारे नाक की कुछ नसें गर्भ से जुड़ी होती है जिसके
कारण डिलीवरी के समय कम दर्द सहना पडता है। इसके साथ ही आयुर्वेद में माना जाता है
कि अगर किसी लड़की की नाक में ये एक उचित जगह पर छे़द किया जाए तो इसे पीरियड के
समय कम दर्द सहना पड़ सकता है। इसीलिए हमेशा नाक की बाएं ओर छेदी जाती है, क्योंकि इससा संबंध प्रजनन से होता है। जिससे उसे
दर्द कम हो।
शफ़ीक़: लेकिन माँ जी!
शिवा की माँ: लेकिन
वेकिन कुछ नहीं बहु, हमारे घर की बहु
हैवी ज्वेलरीज पहनती हैं, शादी के दो सालों तक तो नई नवेली दुल्हन की तरह ही रहतीं हैं। और
हमारे घर की बहु शादी के पहले साल तो किचन में जाती भी नहीं। इस शिवा के बच्चे ने
तुझे शादी के पहले ही महीने में किचन में घुसा दिया। आने दे, मैं उसकी खबर लेती हूँ।
नाक में नथिया और पैरों में बिछुआ पहनने की साइंटिफिक हिन्दू मान्यताओं के बारे में आज से पहले शफ़ीक़ को कुछ भी नहीं पता था। लेकिन शिवा की माँ के मुँह से पीरियड्स और गर्भावस्था के दौरान होने वाली तकलीफ और दर्द से बचाव की बात सुनकर बहुत ही शर्मिंदगी में अपना सर शर्म से झुका लिया शफ़ीक़ ने। शफ़ीक़ खुश था कि आज के बाद उसे किचन में जाने की जरूरत नहीं होगी और वो आराम से दो महीने काट सकेगा, लेकिन उसके मन में एक डर ये भी था कि कल शिवा की माँ उसे रियल बहु समझकर उसका नाक और कान छिदवाने वाली है। शाम को शिवा की माँ ने शबनम की भी अच्छी क्लास लगायी और उसे कहा आज से सुनैना किचन में नहीं जाएगी और जाएगी भी तो तब जब मैं कहूँगी। शबनम चुपचाप से सबकुछ सुनी और शिवा की माँ की हर बात पर हाँ में हाँ मिलाती रही। रात को शिवा भी काफी लेट घर आया तो उसकी माँ ने घर लेट आने और शफ़ीक़ से किचन का काम करवाने को लेकर खूब फटकार लगायी। इधर शिवा की माँ शिवा को फटकार लगा रही थी तो शफ़ीक़ को अंदर ही अंदर हंसी आ रही थी। शिवा को पहली बार चुप देखकर शफ़ीक़ की मुस्कराहट हंसी में बदल गयी। शफ़ीक़ का यूँ शिवा के ऊपर हंसना शिवा को जरा भी अच्छा नहीं लगा और उसने तय कर लिया कि इसके लिए आज की रात शफ़ीक़ को सजा मिलेगा। रात को शफ़ीक़ जब घर के सभी काम निपटाकर बैडरूम में आया तो शिवा ने शफ़ीक़ को अपनी बाहों में कसकर उसके होंठों को इतने जोर से स्मूच किया कि शफ़ीक़ के होंठ से खून निकल गया। शफ़ीक़ दर्द से रोने लगा और शिवा ने थोड़ी ही देर में शफ़ीक़ को न्यूड कर दिया। शफ़ीक़ अब ब्रा और पैंटी में था और शिवा पूरी तरह से न्यूड। शफ़ीक़ के लिए तो वो दिन हर रोज़ की तरह ही होनी थी, लेकिन शिवा ने शफ़ीक़ के साथ बीडीएसएम करने की पूरी प्लानिंग कर रखी थी।
शिवा ने शफ़ीक़ को बिस्तर पर पटक दिया और फिर अपने वार्डरोब से एक माउथ गैग निकालकर शफ़ीक़ के मुँह पर बाँध दिया। फिर शिवा ने अपने वार्डरोब से दो हैंडकफ निकाले और हर हैंडकफ से शफ़ीक़ के हाथ से पैरों को बाँध दिया। शफ़ीक़ इससे पहले कुछ समझता, शिवा ने शफ़ीक़ की गांड में अपना लंड घुसा कर उसे फुल स्पीड में चोदने लगा। शफ़ीक़ इसके लिए रेडी नहीं था और वो उस दर्द को भी बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था। ना रोमांस, ना प्यार शिवा आज ना जाने किस मूड में था कि वो लगातार शफ़ीक़ को तबतक चोदता रहा जबतक उसके स्पर्म डिस्चार्ज नहीं हो गया। आज बहुत दिनों के बाद शफ़ीक़ बहुत रोया, आँखें लाल हो गयी रोते रोते और शिवा ने तीन राउंड हार्डकोर सेक्स के बाद शफ़ीक़ की गांड में तीन बार अपना स्पर्म डिस्चार्ज किया और शफ़ीक़ को तबतक चोदा जबतक शफ़ीक़ बेहोश नहीं हो गया।अगली सुबह तक शफ़ीक़ वैसे ही हैंडकफ में बंधा और दर्द से कराहता हुआ नींद से जगा तो बगल में शिवा लेटा हुआ था।
शफ़ीक़ ने शिवा को
हिलाकर जगाया और इशारे से माउथ गैग और हैंडकफ खोलने को कहा तो शिवा ने शफ़ीक़ का
हैंडकफ और माउथ गैग को खोल दिया।
शफ़ीक़: आपने मेरे साथ
ऐसा क्यों किया जब मैं अपनी इच्छा से आपको सबकुछ देने को रेडी थी।
शिवा: ये सोचना
तुम्हारा काम है सुनैना और आइंदा अपने पति के ऊपर हंसने से पहले सोच लेना। अपने
पति के ऊपर हंसने वाली औरतें मुझे बिलकुल भी पसंद नहीं और तुम अपनी तमीज सुबारा
भूली तो अगली बार कुछ ज्यादा ही बड़ी सजा मिलेगी, समझी तुम! सुबह के ५ बज रहे हैं, जाओ जाकर फ्रेश हो लो, नहा लो और पूजा भी कर लेना और माँ के लिए कुछ
खाना पका दो। माँ को सुबह जल्दी भूख लग जाती है, ठीक है !
शफ़ीक़: सॉरी! ठीक है,
मैं जा रही हूँ! लेकिन मैं मुस्लमान हूँ,
हमें इस्लाम में पूजा पाठ करने की इज़ाज़त
नहीं है।
शिवा: तुम मेरी
पत्नी बनने से पहले मुस्लमान थी सुनैना, अब तुम मेरी पत्नी हो और अब तुम हिन्दू हो। जाओ नाहा लो और पूजा करके
ही किचन में जाना। और आज से हर रोज़ सुबह सुबह माँ के पैर छूकर उनका आशीर्वाद भी
लेना, समझी, अब जाओ!
शिवा के शफ़ीक़ बिलकुल
ही कमज़ोर पड़ने लगा था। शिवा के हर एक आर्डर को शफ़ीक़ पतिव्रता स्त्री की तरह मानने
लगा था। शफ़ीक़ स्नान करके, लाल साड़ी में तैयार होने के बाद, अगरबत्ती जलाया, देवी देवता की पूजा की और किचन में खाना पकाने
चला गया। सुबह के आठ बजे जब शिवा की माँ जागी, तब तब शफ़ीक़ ने खाना पका लिया था और अपने कमरे में
जाकर आराम कर रहा था। शिवा स्नान करके, मार्किट चला गया था और कमरे में शिवा की माँ आ गयी। शिवा की माँ को
देखकर शफ़ीक़ ने अपना घूँघट ठीक किया और उनके पैरों को छूकर उनका आशीर्वाद लिया।
शिवा की माँ: सदा
सुहागिन रहो बहु, मैंने तुझे किचन में
काम करने को मना किया था ना बहु। फिर भी तूने मेरे लिए नाश्ता बना दिया, तू कितनी प्यारी है, भगवान् तेरी जैसी बहु हर घर में दे।
फिर शिवा की माँ ने शफ़ीक़
को अपने पास बिठाया, साथ में दोनों ने
ब्रेकफास्ट किया और जब शिवा घर में आया तो उसके लिए शफ़ीक़ ने खाना सर्व किया। कल तक
शिवा की माँ उसके बेटे के गुणगान कर रही थी वो आज सुनैना की तारीफ कर रही थी।
शिवा की माँ से अपनी तारीफ सुनकर शफ़ीक़ बहुत खुश हो रहा था। थोड़ी देर बाद जब शबनम घर आयी तो उसे किचन में भेजकर शिवा की माँ शफ़ीक़ को अपने साथ लेकर अपनी पसंदीदा ब्यूटीपार्लर में लेकर आयी। वो ब्यूटीपार्लर काफी खूबसूरत था, और वहां काम करने वाली पांच लड़कियां नेपाली थीं। उनमे से एक ने शिवा की माँ को प्रणाम किया और एक चेयर पर बिठाया और दूसरे लड़की ने शफ़ीक़ को एक चेयर पर बिठाया। शफ़ीक़ को यकीन नहीं हो रहा था कि आज उसका नाक और कान छिदवाया जाना था और वो किसी से कह भी नहीं सकता था। शिवा की माँ ने उस लड़की को समझाया कि कान में कितने छेद करने हैं और नाक की बायीं तरफ किस पॉइंट पर छेद करना है और खुद मैनीक्योर और पैडीक्योर करवाने बैठ गयीं। इधर ब्यूटीशियन ने पियर्सिंग गन लिया, शफ़ीक़ के कान के नीचले हिस्से में एक और ऊपरी हिस्से में दो दो डॉट करके पियर्सिंग से उनमे छेद कर के उनमे एक खास तरह का ऑइंटमेंट लगा दिया। जिससे शफ़ीक़ के दोनों कान का दर्द शांत हो गया। अब ब्यूटीशियन ने शफ़ीक़ के नाक के ठीक उस पॉइंट पर मार्क किया जिसपर शिवा की माँ ने छेद करने को कहा था। ब्यूटीशियन ने पियर्सिंग गन को शफ़ीक़ के नाक के उसी मार्क्ड पॉइंट पर सेट किया और गन का ट्रिगर दबा दिया। पियर्सिंग गन का ट्रिगर दबाते ही उस गन से एक सोने की कील शफ़ीक़ के नाक को छेदते हुए उसी में सेट हो गयी।
दर्द से शफ़ीक़ की आँखों में आंसू आ गए, लेकिन तभी उस ब्यूटीशियन ने शफ़ीक़ को समझाया कि लड़कियों की ऐसे दर्द झेलने पड़ते हैं। फिर ब्यूटीशियन ने शफ़ीक़ के नाक पर वही ऑइंटमेंट को अप्लाई किया और थोड़ी देर बाद शफ़ीक़ के नाक का दर्द शांत हो गया। ब्यूटिशियन ने शफ़ीक़ को कहा कि उसके कानों और नाक का छेद चौबीस घंटे में साफ़ हो जायेगा। फिर ब्यूटीशियन ने शिवा की माँ के कहने पर शफ़ीक़ की माधुरी दीक्षित वाली हेयर स्टाइल बनाई और साथ ही उसका मेकअप भी की। शफ़ीक़ वज लुकिंग सो हॉट एंड ब्यूटीफुल। नाक और कान छिदवाने के बाद शफ़ीक़ शिवा की माँ के साथ ज्वेलरी शॉप पर गया जहाँ शिवा की माँ ने उसके लिए काफी शॉपिंग की। दो अलग अलग डिज़ाइन की हैवी कुमाऊनी, किन्नौरी, गढ़वाली नथिया खरीदने के बाद सोने के दो झुमके और एक सोने का कमरबंद और एक लाल पट्टी वाली सोने की हिमाचली गलबन्द और कुछ कॉटन की साड़ी खरीदकर घर ले आयी।शिवा की माँ और शफ़ीक़
घर आकर, फ्रेश होने के बाद
कुछ देर रेस्ट करने चले गए वहीँ शबनम ने खाना भी पका कर रख दिया था। थोड़ी देर
रेस्ट करने के बाद, शफ़ीक़ की नींद खुली
तो वो शिवा की माँ के लिए चाय बनाने किचन में चला गया और उतने में शिवा भी घर आ
गया। शफ़ीक़ ने शिवा को चाय सर्व किया और फिर शिवा की माँ को जगाकर उन्हें भी चाय
सर्व की। शिवा का बेहेवियर इधर कुछ दिनों से काफी सख्त हो गया था जो शफ़ीक़ को
बिलकुल भी अच्छा नहीं लग रहा था और कुछ दिनों से शिवा शफ़ीक़ से सीधे मुँह बात भी
नहीं करता था। आज रात शफ़ीक़ ने शिवा के पसंद की येल्लो जॉर्जेट ट्रांसपेरेंट साड़ी
और बैकलेस ब्लाउज पहनी और मेकअप कर पैरों में हाई हील्स में बैठकर शिवा के आने का
इंतज़ार करने लगा।
जब शिवा कमरे में
आया तो शफ़ीक़ को घूँघट में बैठा देख उसकी खूबसूरती के आगे पिघल गया और उसे अपनी
बाहों में लेकर पहले की तरह काफी देर तक होंठों पर स्मूच किया, फिर काफी देर तक रोमांस करने के बाद पूरी रात
पांच राउंड हार्डकोर और सेंसुअल तरीके से सेक्स किया। पांच राउंड हार्डकोर सेक्स
करने के दौरान हर बार शिवा शफ़ीक़ की गांड में स्पर्म डिस्चार्ज कर देता और आखिर में
डिक डॉकिंग सेशन देने के बाद शफ़ीक़ को अपनी बाहों में उठाकर बाथटब सेक्स का मजा भी
लिया। शफ़ीक़ को बहुत दिनों बाद अच्छा फील हुआ और शिवा की बाहों में सो गया। अगली
सुबह जब शफ़ीक़ की नींद खुली तो स्नान और पूजा करके शफ़ीक़ ने शिवा की माँ के लिए
ब्रेकफास्ट बना दिया और कमरे में गया जहाँ शिवा ने शफ़ीक़ की साड़ी को ऊपर उठाकर उसके
गांड में अपना लंड डाल दिया और एक राउंड हार्डकोर सेक्स करके नहाने चला गया। शफ़ीक़
ने अपनी साड़ी और मेकअप को ठीक किया और घूंघट करके अपनी सास को ब्रेकफास्ट सर्व
करने चला गया। इधर कुछ दिनों से ना तो शफ़ीक़ को यूरिनेशन के टाइम ब्लीडिंग हुई,
ना ही पेट के निचले हिस्से में दर्द या
चेस्ट में किसी तरह का दर्द भी नहीं हुआ। शफ़ीक़ के लंड में भी बराबर इरेक्शन होने
लगा था और अब उसका लंड पहले की तरह खुद ब खुद खड़ा हो जाता। लेकिन एक ऐसा समस्या थी जो शफ़ीक़ के समझ से परे
थी। पहले लड़कियों को देखकर शफ़ीक़ के लंड में इरेक्शन होता था तो अब मस्कुलर आदमी को
देखते ही उसका लंड खड़ा हो जाता और कभी कभी टीवी में बॉडीबिल्डर हीरो को देखकर उसका
वीर्य भी स्खलित हो जाता। पहले शफ़ीक़ अपने लंड को सहलाता तो उसे इरेक्शन होता तो अब
जब जब शफ़ीक़ अपनी छाती पर हाथ फेरता, अपने निप्पल्स को मसलता तो उसे इरेक्शन होने लगता। लेकिन शफ़ीक़ को
एहसास हो चूका था कि अब बहुत ही जल्द वो फिर से अपनी मर्दानगी पा लेगा।
उस दिन से शिवा की माँ ने शफ़ीक़ के दोनों कानो के ऊपरी छेदों में दो दो सोने की बालियाँ और निचली छेदों में बड़ी बड़ी सोने की झुमकी और नाक में कुमाऊनी नथिया तो कभी गढ़वाली नथिया तो कभी किन्नौरी नथिया पहनाकर रखती। हफ्ते में एक दिन ब्यूटीशियन को बुलवा कर शफ़ीक़ के हाथों और पैरों में मेहँदी लगवातीं और पैरों की उँगलियों में चाँदी के बिछुए पहनाती। और रात को जब घर आता तो शफ़ीक़ के साथ कुछ देर रोमांस करता, फिर सेंसुअल तरीके से सेक्स के बाद हार्डकोर सेक्स और डिक डॉकिंग सेशन के बाद शफ़ीक़ की गांड में लंड घुसाकर सो जाता। शफ़ीक़ भी नयी नवेली शादीशुदा दुल्हन की तरह शिवा के घर की बहु के रूप में दिन काट रहा था। तीसरे महीने के आखिरी हफ्ते में शिवा की माँ ने शफ़ीक़ को बताया कि हरियाली तीज का त्यौहार आने वाला है और उसे अपने पति शिवा के लिए चौबीस घंटे का निर्जल व्रत रखना है। लाइफ में पहली बार शफ़ीक़ ने शिवा की माँ के कहने पर अपने पति के लिए निर्जल फास्टिंग करने का फैसला किया और हरियाली तीज वाले दिन शिवा की माँ के साथ दुल्हन की तरह सजधज कर अपने पति के लिए चौबीस घंटे का निर्जल व्रत रखा।
इस दौरान शिवा की माँ ने शफ़ीक़ को सुहागिन स्त्रियों के लिए हरियाली तीज की महत्वता के बारे में बताया और चौबीस घंटे के दौरान एक मिनट भी अकेले नहीं छोड़ी और उसे सोने भी नहीं दी। इतना लम्बा फ़ास्ट शफ़ीक़ ने लाइफ में पहली बार रखा था और उसे इतनी कमज़ोरी फील हो रही थी कि रुक रुक के चक्कर भी आ रहा था। शफ़ीक़ ने किसी तरह चौबीस घंटे बिना पानी के काटा और हरियाली तीज के त्यौहार की सभी विधि करने के बाद शिवा ने अपने हाथों से शफ़ीक़ को खाना खिलाकर उसका व्रत तोडा। आफ्टर फास्टिंग शफ़ीक़ वज फीलिंग सो वीक और वो कमरे में जाकर सो गया। इधर शिवा की माँ भी कमरे में आकर सो गयीं। शाम को शरीर में थोड़ा ताकत फील हुआ तो शफ़ीक़ जागा, शिवा की माँ के लिए चाय बनाया और दोनों ने साथ बैठकर चाय पी।शिवा की माँ: दुल्हन,
जब शिवा ने बताया कि उसने तुझसे शादी कर
ली है बहुत गुस्सा आया था। लेकिन तेरे साथ
पिछले एक महीने में मुझे एहसास हुआ कि मेरे बेटे को तुझसे अच्छी दुल्हन नहीं मिल
सकती थी। तू मेरे बेटे के लिए परफेक्ट है, भले ही मेरे बेटे से तू कद में काफी छोटी है लेकिन तेरी खूबसूरती तेरी
इस खामी को ढँक देती है। आज के जमाने में तेरे जैसी संस्कारी बहु मिलनी बहुत
मुश्किल है।
शफ़ीक़: थैंक्स माँ
जी!
फिर शिवा की माँ ने शफ़ीक़
की तारीफ की और काफी देर तक शिवा के बारे में ढेर सारी बातें की। इधर तीसरा महीना
पूरा होने को था, शफ़ीक़ को पिछले दो
महीनों में ना तो एक बार भी यूरिनेशन के टाइम ब्लीडिंग हुई, ना ही चेस्ट में कभी दर्द हुआ और ना ही पेट के
नीचले हिस्से में कभी दर्द हुआ। शफ़ीक़ का इरेक्शन भी पहले से काफी ठीक तरीके से हो
गया था और अब शफ़ीक़ डॉक्टर से मिलने को तैयार था। लेकिन एक प्रॉब्लम थी और वो थी शिवा
की माँ। शिवा की माँ वहां से जाने को तैयार ही नहीं थी और ना ही एक भी दिन शफ़ीक़ या
शिवा से वापिस पटना जाने की बात भी नहीं कही। इधर तीन महीना पूरा हो चूका था,
शफ़ीक़ का फिज़िक लड़कियों के जैसा हो गया था,
शफ़ीक़ का चेस्ट अब किसी एडल्ट लड़की की
बूब्स में तब्दील हो चूका था वहीँ राउंड हिप्स हो चूका था जिसे पाने के लिए
लडकियां मरती हैं। इधर तीन महीना हो जाने के बावजूद भी शिवा ने शफ़ीक़ को एक भी दिन
डॉक्टर से मिलने चलने को नहीं कहा, वहीँ शफ़ीक़ जब भी इस बारे में शिवा से कहता तो वो कोई ना कोई बहाना
बनाकर टाल जाता। शफ़ीक़ को एहसास होने लगा था कि शायद शिवा अपनी माँ की वजह से उसे
डॉक्टर के पास नहीं ले जा रहा है, लेकिन ऐसी कोई बात नहीं थी। शिवा के दिमाग में क्या चल रहा था,
शफ़ीक़ को इसका कोई आईडिया नहीं था। इधर शिवा
की माँ ने एक दिन शिवा से कहा कि वो उसका और सुनैना का फ्लाइट टिकट करवा दे और वो शफ़ीक़
को अपने साथ पटना ले जाना चाहती थी। लेकिन शिवा ने अपनी माँ से कहा कि कुछ दिनों
बाद वो खुद सुनैना को लेकर पटना आ जायेगा। कुछ दिनों के बाद जब शिवा की माँ जा रही
थी, तब शफ़ीक़ उनसे गले लग
कर रोने लगा। शिवा की माँ ने उसे समझाया कि वो फिर आ जाएगी और फ्लाइट लेकर पटना
वापिस चली गयी। इधर शिवा की माँ के जाते ही शिवा शफ़ीक़ को डॉक्टर के पास ले गया और
होल बॉडी डायग्नोस्टिक करवा कर डॉक्टर के पास जा पहुंचा।
डॉक्टर ने शफ़ीक़ के
रिपोर्ट्स देखे और उससे कहा कि उसके शरीर में काफी हद तक डेवेलोपमेंट हुआ है,
लेकिन इंटरनल फीमेल ऑर्गन्स का डेवलपमेंट
भी नाइनटी परसेंट हो चूका है। डॉक्टर ने शफ़ीक़ से कहा कि अब उसे अपना सेक्स चेंज
करवा लेना चाहिए, क्यूंकि इससे अच्छा
टाइम दुबारा नहीं आएगा। शफ़ीक़ ने डॉक्टर से कहा कि अपनी मर्दानगी दुबारा पाने के
लिए उसने वो सब किया जो डॉक्टर ने करने को कहा था, फिर भी इंटरनल फीमेल ऑर्गन्स डेवेलोप कैसे हो गए।
डॉक्टर ने शफ़ीक़ को बताया कि ऐसा हो सकता है कि मर्द से सेक्स करने के दौरान उसे
काफी अच्छा महसूस होता रहा हो और मर्द से साथ सेक्स को कुछ ज्यादा ही एन्जॉय कर
लिया जिससे शरीर में ज्यादा मात्रा में फीमेल होर्मोनेस प्रोड्यूस हुआ होगा और
इंटरनल फीमेल ऑर्गन्स का डेवलपमेंट और भी स्पीड में हुआ होगा। डॉक्टर की बात सुनकर
शफ़ीक़ को काफी शर्मिंदगी हुई क्यूंकि शिवा
की पत्नी बनकर उसके साथ सेक्स करना उसे सच में अच्छा लगने लगा था। डॉक्टर ने शफ़ीक़
को हॉस्पिटल में एडमिट होने को कहा तो शफ़ीक़ ने डॉक्टर से कुछ दिनों का समय माँगा
और शिवा से कहा कि वो अपनी अम्मी और अपने बेटे से मिलना चाहता है। शिवा शफ़ीक़ को
लेकर उसके घर गया। शफ़ीक़ को इस बात का एहसास भी नहीं था कि वो औरत बनकर, शिवा के साथ अपने घर के दरवाज़े पर खड़ा था। दरवाज़ा
खुला तो अंदर से जूही और राहुल बाहर आये। उन्होंने शिवा को तो पहचान लिया लेकिन शफ़ीक़
को पहचान नहीं पाए, तभी उनकी मेड वहां आ
गयी और उसने शफ़ीक़ को पहचान लिया।
शफ़ीक़: जूही तुम,
यहाँ? वो भी राहुल के साथ?
जूही: मेरी छोड़ो,
तुम्हारे जाने के बाद तुम्हारी अम्मी एक
दिन मुन्ना को नहीं संभाल पायी और मुन्ना को मेड के साथ छोड़कर अपने मायके चली गयीं
सो आज तक नहीं आयीं। और तुम दुल्हन की तरह सजधज कर आये हो, और ये तुम्हारी मांग में सिंदूर और गले में
मंगलसूत्र, तुमने शिवा के साथ
शादी कर ली शफ़ीक़? क्यों?
शफ़ीक़: नहीं जूही,
मैंने शिवा से शादी नहीं की है। ये सब
सिर्फ डॉक्टर के कहने पर किया है और ये सब तुम्हारी वजह से ही हुआ है। ना तुम मुझे
फीमेल होर्मोनेस के हैवी डोज़ देती और ना ही मुझे ये दिन देखना पड़ता।
राहुल: शफ़ीक़: अंदर आ
जाओ, घर के अंदर आकर बात
करो।
फिर शफ़ीक़ और शिवा घर
के अंदर आ गए।
जूही: तुम डॉक्टर से
मिले थे, क्या कहा डॉक्टर ने?
शिवा: डॉक्टर ने बॉस
से सेक्स चेंज करवा लेने को कहा है। इनके अंदर फीमेल इंटरनल ऑर्गन्स नाईन्टी
परसेंट डेवेलोप हो चुके हैं और अब अगर इन्होने सेक्स चेंज नहीं करवाया तो इनकी जान
को खतरा हो जायेगा।
जूही: तो फिर शफ़ीक़,
अब तुम क्या करोगे?
शफ़ीक़: मैं हॉस्पिटल
में एडमिट हो जाऊंगा कुछ दिनों में। जूही तुमने मेरे साथ जो भी किया, बहुत गलत किया। मैं तुमसे डाइवोर्स लेना चाहता
हूँ।
जूही: हाँ तो मैंने
तो डाइवोर्स पेपर्स रेडी करवा रखा है। राहुल डाइवोर्स पेपर ले आओ भाई। मैं भी नहीं
चाहती कि तुम्हारे जैसे नपुंसक के साथ एक पल भी बिताऊं! तुमने मेरे साथ कौन सा अच्छा काम किया था शफ़ीक़।
लव मैरिज के बाद प्यार बढ़ता है ना, और तुम शराब और पैसों के नशे में मेरा प्यार भूलकर घर का माहौल तुमने
ख़राब किया। यहाँ तक कि तुमने मेरे ऊपर हाथ भी उठाया, यही प्यार था तुम्हारा। मैंने तुम्हारे साथ जो
कुछ भी किया, उसका मुझे कोई अफ़सोस
नहीं है।
शफ़ीक़: मैं भी
तुम्हारे साथ एक पल नहीं रहना चाहता।
राहुल डाइवोर्स पेपर
ले आया और शफ़ीक़ ने उन्हे अच्छे से पढ़ा और उसपर साइन कर दिया। डाइवोर्स पेपर के अनुसार जूही को शफ़ीक़ की
प्रॉपर्टी और बिज़नेस का आधा हिस्सा मिलना था। डाइवोर्स पेपर पर साइन करने के बाद शफ़ीक़
ने शिवा से कहा कि वो इस घर में एक पल भी नहीं रहना चाहता। फिर शिवा शफ़ीक़ को कार
में बिठाकर घर ले आया। शफ़ीक़ ने शिवा से कहा कि वो एक हफ्ते उसके साथ बिताना चाहता
है। शिवा ने शफ़ीक़ को फ्रेंच किस किया और कहा कि वो भी उसके साथ पूरी जिंदगी बिताना
चाहता है। फिर शिवा ने शफ़ीक़ के साथ रोमांटिक इवनिंग और सेंसुअल सेक्स से भरी रात
बितायी और डिक डॉकिंग के बाद शफ़ीक़ शिवा के स्पेर्म्स को अपने लंड में कुछ देर तक
स्टोर करके रखा। लेकिन फिर शिवा ने समझाया कि ऐसे में इन्फेक्शन हो गया तो हेल्थ
इशू हो जायेगा और शफ़ीक़ को बाहो में ले कर हमेशा की तरह शफ़ीक़ को बाथटब में ले गया
और उसकी गांड में अपना लंड घुसा दिया और एक हाथ से उसके लंड को सहलाने लगा। एक
मिनट्स के बाद ही शफ़ीक़ का स्पर्म डिस्चार्ज हो गया और वो शिवा की बाहों में बेहोश
हो गया। एक हफ्ते तक यही चलता रहा, शफ़ीक़ शिवा की बाहों में खुद को न्योछावर कर देने को तैयार था और शिवा
को शफ़ीक़ के सेक्स चेंज ऑपरेशन का इंतज़ार था। एक वीक बाद शिवा और शफ़ीक़ डॉक्टर के पास गए और शफ़ीक़
को हॉस्पिटल में एडमिट कर लिया गया।
3 महीनों में काफी कुछ
बदल गया था, शफ़ीक़ के चेहरे पर एक
ग्लो आ गया था, शरीर भी पहले से
ज्यादा स्मूथ और सेक्सी हो गया था, गर्भाशय का निर्माण 100% हो चुका था, बूब्स भी पहले से काफी सुडौल हो गए थे, हिप्स राउंड और जांघ भी मांसल हो गए थे। चौथे
महीने में वजीनोप्लास्टी की गई, जिसमे शफ़ीक़ का पेनिस उनके शरीर से अलग कर दिया गया और एक गुलाबी
सिलिकॉन की वजाइना को उस जगह सेट कर दिया गया। कुछ दिनों तक तो शफ़ीक़ को बहुत दर्द
रहा, लेकिन कुछ दिनों बाद
वो सिलिकॉन की वजाइना शफ़ीक़ के शरीर का एक हिस्सा बन कर डिसॉल्व हो चुका था। पांचवे
महीने में शफ़ीक़ को एक खास तरह के मशीन में हर रोज़ छह घंटे सुलाया जाता, जिसकी वजह से शफ़ीक़ के शरीर मे लड़कियों की तरह
सॉफ्टनेस आने लगा था और बॉडी में गर्भाशय भी धीरे धीरे वर्किंग भी हो गया था,
लेकिन अभी तक शफ़ीक़ को पीरियड्स नहीं आया
था। छठा और आखिरी महीना शुरू हो गया था, शफ़ीक़ की वोकल कॉर्ड सर्जरी के बाद उसकी आवाज़ में लड़कियों जैसी मिठास
आ गयी थी, शरीर मे अब माखन सा
चिकनापन आ गया था और वजाइना में भी सेंसेशन होना शुरू हो गया था। आखिरी महीना चल
रहा था और शफ़ीक़ को अभी भी पीरियड्स नहीं आया था और डॉक्टर हेल्थ चेकअप को आये तो
नर्स शफ़ीक़ को एक कमरे में ले गयी। डॉक्टर ने नर्स से कहा कि वो शफ़ीक़ को पूरी तरह
से न्यूड कर दे। नर्स ने शफ़ीक़ को न्यूड कर दिया और उसे डॉक्टर के सामने खड़ा कर
दिया। डॉक्टर ने शफ़ीक़ से कहा कि वो अपने दोनों बूब्स को ऊपर की ओर अपने दोनों
हाथों से सपोर्ट दे। शफ़ीक़ ने अपने दोनों हाथों से अपने बूब्स को ऊपर की ओर सपोर्ट
दिया और आईने में खुद को देखकर हैरान रह गया। शफ़ीक़ का फिगर बिलकुल सोफिया लियॉन के
जैसा हो गया था, फिर डॉक्टर ने शफ़ीक़
के बूब्स के निप्पल्स को पिंच किया। शफ़ीक़ के मुँह से जोर से आई आअह अम्मी की आवाज़
निकली और वो भी इतनी मीठी की उसे खुद के आवाज़ पर यकीन नही हुआ। फिर डॉक्टर ने शफ़ीक़
के दोनों पैरों को फैला कर लेटने को कहा, शफ़ीक़ लेट गया। फिर डॉक्टर ने एक डिलडो लिया और शफ़ीक़ के वजाइना की छेद
पे सटा कर उसका वाइब्रेशन मोड ऑन कर दिया और उसे रिमोट से ऑपरेट करने लगे। शफ़ीक़ को
हल्का हल्का दर्द होने लगा और उसे अच्छा भी लग रहा था। शफ़ीक़ ने नर्स की और देखा और
फिर आँखें बंद करके डिलडो के वाइब्रेशन को फील करने लगा। फिर 15 मिनट्स के बाद अब शफ़ीक़ ने एन्जॉय करना शुरू कर
दिया था, उसका मन कर रहा था
की उस डिलडो को फ़ौरन अंदर ले लें, लेकिन तभी डॉक्टर ने डिलडो ऑफ कर दिया। शफ़ीक़ के अधूरे सटिस्फैक्शन ने
उसको अचानक से गुस्सा दिला दिया, लेकिन उसने खुद को कण्ट्रोल कर लिया।
फिर डॉक्टर ने नर्स
से कहा: कुछ मेडिसिन लिख के दे रहा हूँ, अभी इनमे से एक डोज़ शफ़ीक़ को दे दो।
नर्स ने तुरंत उन
मेडिसिन्स का एक डोज़ शफ़ीक़ को दे दिया, डोज़ पड़ते ही शफ़ीक़ बेहोश हो गया। जब शफ़ीक़ की नींद खुली तब उसके पास
नर्स बैठी थी, फिर उसने शफ़ीक़ को
फिर से मेडिसिन दिया। शाम को शफ़ीक़ को उसके लाइफ का पहला पीरियड्स आया, जिसके बाद शफ़ीक़ के पेट के निचले हिस्से में दर्द,
खून का आना, चिड़चिड़ापन और गुस्सा आने लगा।
नर्स ने शफ़ीक़ को
समझाया: पीरियड्स आने का मतलब है कि तुम अब पूरी तरह से औरत बन चुकी हो और तुम
किसी मर्द के साथ फिजिकल रिलेशनशिप में जा सकती हो, सेक्स का आनंद उठा सकती हो, उसके बच्चों की माँ बनने में भी समर्थ हो।
ये सब सुनकर शफ़ीक़ को
बहुत शर्मिंदगी महसूस हो रही थी, लेकिन अब यही उसकी सच्चाई बन चुकी थी कि वो अब एक औरत है, ये सब सुनकर शफ़ीक़ रोने लगा।
नर्स ने फिर से शफ़ीक़
को समझाया, “रोते नहीं शफ़ीक़,
औरतों को ये दर्द जीवन भर सहना पड़ता है।
पीरियड तो हर महीने आएगा और पीरियड आ गया इसका मतलब है कि अब तुम पूरी तरह से औरत
बन चुकी हो। अब तुम खुल के अपनी लाइफ जी सकती हो, किसी भी मर्द के साथ फिजिकल रिलेशनशिप में जा
सकती हो, उसके बच्चे को जनम
भी देने में तुम सक्षम हो। जब तुम बच्चो को जन्म दोगी तो तुम्हारे बूब्स खुदबखुद
दूध से भर जायेगा और तुम अपने बच्चो को अपना दूध पीला सकोगी।
नर्स की बात सुनकर शफ़ीक़
को बहुत शर्मिंदगी फील हो रही थी। उसने क्या कर लिया, महज एक साल पहले तक मर्द का शरीर था, खुद की पत्नी और एक बच्चे का पिता था और आज औरत के रूप में खुद को देखकर अपनी आगे की
लाइफ को लेकर काफी टेन्स हो गया था शफ़ीक़। अगले दिन शफ़ीक़ को हॉस्पिटल से ले जाने को
शिवा आ गया। शिवा ने शफ़ीक़ के लिए फैक्ट्री में बानी पहली कांचीवरम साड़ी लेकर आया
था। डॉक्टर से मिलकर शिवा ने डाक्यूमेंट्स साइन किया और डॉक्टर ने शफ़ीक़ के सेक्स
चेंज और चेंजिंग के लिए हॉस्पिटल से
सर्टिफिकेट इशू करने के लिए नाम पूछा तो शिवा ने डॉक्टर से कहा कि वो अब शफ़ीक़ का
नाम बदल कर सुनैना कर दे। डॉक्टर ने शफ़ीक़ के सेक्स चेंज सर्टिफिकेट में शफ़ीक़ का
नाम बदलकर सुनैना कर दिया। डॉक्टर ने वो कांचीवरम साड़ी नर्स को दे कर शफ़ीक़ को
तैयार करके केबिन में ले आने को कहा। थोड़ी देर बाद नर्स शफ़ीक़ को तैयार करके
डॉक्टर के चैम्बर में ले आयी। लाल रंग की बैकलेस चोली और कांचीवरम साड़ी, गले में डिज़ाइनर नेकलेस, कलाइयों में एक एक मोतियों वाला कंगन और कानों
में झुमके, जिसके साथ साड़ी की
पल्लू को कंधे पर ओढ़कर तैयार सुनैना किसी मॉडल से कम नहीं लग रही थी। शफ़ीक़ ने लाल
लिपस्टिक, लाल नेल पोलिश,
आँखों में मोटा गहरा काजल अप्लाई किया हुआ
था। सुनैना का हुस्न किसी भी शख्स को दीवाना करने के लिए काफी था। डाक्यूमेंट्स
साईन हो जाने के बाद डॉक्टर ने सुनैना को बेस्ट विशेष के साथ डिस्चार्ज कर दिया। शफ़ीक़ से सुनैना बनने
के बाद, साड़ी की आँचल से
घूँघट करके सुनैना ने शिवा से कहा कि वो उसे अपने घर ले चले।
शिवा: कौन से घर
जाना चाहती हो सुनैना?
सुनैना: अपने घर,
जहाँ ऑपरेशन से पहले रहती थी मैं!
शिवा सुनैना को अपने
घर ले गया, घर का दरवाज़ा खोला
तो उसने सुनैना को घर के बाहर ही रोक दिया। फिर शिवा ने एक थाल में थोड़ा अरवा चावल,
थोड़ा लाल सिंदूर और एक पीतल के लोटे में
चावल भर कर चौखट पर रख दिया। फिर एक थाली में लाल रंग भर कर उसके आगे रख दिया और
उसके आगे पीले कपडे को रख दिया। फिर शिवा ने फ़ोन का वीडियो मोड ऑन किया और फिर
सुनैना को बताया कि उसे कैसे घर में आना है। पहले सुनैना ने घूँघट किया, फिर शिवा ने आरती की थाल से सुनैना की आरती
उतारने के बाद सुनैना ने पैर से पीतल के लोटे को हलके से ठोकर मारकर अंदर की और
गिरा दी। फिर लाल रंग वाली थाली में पैर डुबोकर पीले कपडे पर दोनों पैरों को रखकर
घर के अंदर आ गयी। सुनैना का गृह प्रवेश शिवा ने अपने फ़ोन में रिकॉर्ड कर लिया।
औरत बनने से पहले से ही सुनैना शिवा के सामने काफी कमज़ोर पड़ जाती थी लेकिन अब तो
सुनैना पूरी तरह से औरत बन चुकी थी और शिवा के प्रति उसके अंदर प्रेम का सैलाब जाग
उठा था। लेकिन लड़की बनने के बाद सुनैना के अंदर ये डर भी घर कर गया था कि अगर
शिवा के साथ सेक्स करने के बाद वो प्रेग्नेंट हो गयी तो। सुनैना अभी प्रेग्नेंट
नहीं होना चाहती थी, वो तो शिवा के साथ
रोमांस और लिविंग रिलेशनशिप को एन्जॉय करना चाहती थी। जिस दिन सुनैना शिवा के साथ
घर में आयी, तब से लेकर अगले
पंद्रह दिनों तक शिवा ने सुनैना के साथ एक बार भी रोमांस नहीं किया। इधर एक दिन
सुनैना ने शिवा से फैक्ट्री के बंटवारे के बारे में जानने की कोशिश की।
शिवा: जूही को
सुनैना के घर का आधा हिस्सा तो मिल गया था लेकिन फैक्ट्री का एक परसेंट हिस्सा
नहीं मिला।
सुनैना: हाउ?
शिवा: याद है,
इस घर में दूसरे दिन जब मैंने तुमसे
एग्रीमेंट करवा लिया था।
सुनैना: हाँ,
लेकिन वो तो तीन महीनों के लिए था ना!
शिवा: नहीं, वो फैक्ट्री के पेपर्स थे जो मैंने अपने नाम पर
करवा लिया था क्यूंकि मुझे पता था कि जो औरत तुम्हारी जान के साथ खेल सकती है,
उसपर भरोसा नहीं किया जा सकता है। मुझे
पता था कि अगर तुम्हारा जूही के साथ डाइवोर्स हुआ तो वो प्रॉपर्टी और फैक्ट्री का
आधा हिस्सा जरूर मांगेगी। इसीलिए मैंने फैक्ट्री के पेपर्स अपने नाम पर करवा लिया
था ताकि वो तुम्हारे इस हिस्से से बेदखल हो जाये।
सुनैना: आप तो बड़े
इंटेलीजेंट निकले, आई एम् सो प्राउड ऑफ़
यु शिवा।
शिवा: तो बताओ,
फैक्ट्री के पेपर्स कब तुम्हारे नाम पर कर
दूँ।
सुनैना: नहीं शिवा,
मैं अब फैक्ट्री नहीं संभाल सकती।
फैक्ट्री और कंपनी के इम्पोर्टेन्ट डिसीजन्स में आपकी मदद कर सकती हूँ लेकिन अब
फैक्ट्री को आपके मजबूत कन्धों की जरुरत है। मुझे अब कुछ भी करने का मन नहीं है
शिवा, मैं आपका घर संभाल
लूँ, यही बहुत है मेरे
लिए। और हो सके तो माँ को बुला लीजिये, बहुत दिन हो गया, मैं माँ को बहुत मिस करने लगी हूँ।
शिवा: सुनैना,
ऐसा है तो क्या तुम मेरी रियल पत्नी बनोगी?
सुनैना: सीरियसली
शिवा, क्या आप सच में
मुझसे शादी करना चाहते हो। ये जानते हुए भी कि एक साल पहले मैं एक मर्द था।
शिवा: सुनैना,
जब तुम मर्द थी तब भी मेरी रानी ही थी और
आज भी मेरी रानी ही हो और हमेशा मैं तुम्हे अपनी रानी बनाकर रखूँगा। क्या तुम मेरी
दुल्हन बनोगी सुनैना?
सुनैना के लिए शिवा
ने इतना कुछ किया, आधी प्रॉपर्टी जाने
के बावजूद अपने दिमाग से पूरी फैक्ट्री और बिज़नेस को बचा लिया। सुनैना के दिल में
शिवा के प्रति जो प्रेम था वो और भी असीम हो गया था। सुनैना ने शादी के लिए हाँ तो
कर दिया लेकिन शिवा से कहा कि उसे अम्मी को इस शादी के लिए तैयार करना होगा और
शादी के टाइम शिवा को अपनी पूरी फॅमिली को बुला लेना होगा।
शिवा: और अगर
तुम्हारी अम्मी नहीं मानी तो?
सुनैना: मेरी लाइफ
में सिर्फ अम्मी ही है जिसने बुरे से बुरे हालातों का सामना करके मुझे इस काबिल
बनाया कि मैं लाइफ में कुछ अच्छा कर सकूँ। आज ये फैक्ट्री और कंपनी मेरी अम्मी के
बदौलत ही है। लेकिन मुझे यकीन है कि अम्मी इस शादी के लिए ना नहीं कहेगी।
शिवा: आई होप सो!
नेक्स्ट डे, शिवा सुनैना को उसकी अम्मी से मिलवाने उसके घर ले गया। सुनैना ने
डोरबेल प्रेस की तो दरवाज़ा खोलने उसकी अम्मी बाहर आयी।
सुनैना की अम्मी:
शिवा तुम, शफ़ीक़ कहाँ है?
और ये खूबसूरत लड़की कौन है? तुमने तो हमें शादी में भी नहीं बुलाया और चुपके
से शादी भी कर लिया?
शिवा: नहीं माँ जी,
मैंने अभी शादी नहीं की है। अंदर आ जाऊं,
फिर बैठकर बात करते हैं।
सुनैना की अम्मी:
हाँ हाँ, आ जाओ!
शिवा और सुनैना घर
के अंदर आ गए और सुनैना की अम्मी ने दरवाज़े को अंदर से लॉक कर लिया।
शिवा: माँ जी,
मुन्ना कहीं दिखाई नहीं दे रहा है?
सुनैना की अम्मी:
हाँ मेरे पोते को जूही नानीघर ले गयी है।
शिवा: ओह्ह! तो किचन
में कौन है माँ जी?
सुनैना की अम्मी: वो
रुखसार और उसके बच्चे हैं। कल ही तो आये हैं मेहरौली से, अच्छा ये बताओ इतने महीने हो गए शफ़ीक़ का कॉल भी
नहीं आया, है कहाँ वो नालायक?
शिवा: माँ जी आपको
एक खबर देनी थी!
सुनैना की अम्मी:
हाँ बताओ?
शिवा: वो क्या है
ना! आपको तो पता ही था कि शफ़ीक़ को जूही ने चोरी छुपके ऐसी मेडिसिन दी जिससे उसके
बॉडी में मर्दानगी घटने लगी थी।
सुनैना की अम्मी:
हाँ शिवा, नाम ना ले उस कलमुही
का। मेरा हँसता खेलता संसार छीन कर ना जाने कौन सी ख़ुशी मिली होगी उसे।
शिवा: तो माँ जी,
शफ़ीक़ के बॉडी में कुछ ज्यादा ही फीमेल
होर्मोनेस बढ़ जाने की वजह से शफ़ीक़ को अपना सेक्स चेंज करवाना पड़ा और ये लड़की जो
मेरे बगल में बैठी है ना, ये शफ़ीक़ ही है जो अब औरत बनने के बाद सुनैना बन चुकी है, ये अब आपका बेटा नहीं बल्कि आपकी बेटी है अब!
सुनैना की अम्मी: या
अल्लाह! ऐसा ना बोल शिवा, ये नहीं हो सकता। मेरे बेटे को मैंने नाज़ों से पाल पास कर इसलिए बड़ा
नहीं किया था कि वो बड़ा होकर लड़की बन जाये।
सुनैना: अम्मी! ये
सब जूही ने किया। मुझे मजबूरन अपना सेक्स चेंज करवाना पड़ा और आज अगर मैं लड़की बन
गयीं हूँ तो उसकी वजह सिर्फ और सिर्फ जूही है।
सुनैना की अम्मी:
मैंने तो शादी से से पहले ही तुझे आगाह किया था कि गैर मुस्लिमों पर यकीन नहीं
करना चाहिए लेकिन तू तो उसके प्यार में इतनी पागल हो चुकी थी कि तूने मेरी एक ना
सुनी। अब भुगत उसका खामियाज़ा। या खुदा, तू सच में लड़की बन गयी, सुनैना, हाय कितना प्यारा
नाम है। अब जब तू मेरी बेटी बन चुकी है, तेरे लिए मैं खाला से बात
करके हैंडसम नौजवान लड़का देखूंगी और तेरे निकाह के बाद मैं भी अपनी अम्मी के पास
चली जाउंगी।
शिवा: माँ जी,
आप इतना स्ट्रेस मत लीजिये। अगर आप बुरा
ना मानें तो मैं सुनैना का हाथ थामना चाहूंगा और इस बार आपको कतई अफ़सोस नहीं होगा।
मैं सुनैना को दुनिया की वो सब खुशियां दूंगा, रानी बना कर रखूँगा आपकी बेटी को।
सुनैना की अम्मी:
नहीं शिवा, मैने एक गैर मजहबी
लड़की पर भरोसा किया और उसने मेरे बेटे को मुझसे छीन लिया और देखो मेरे बेटे को,
जो उस गैर मजहबी लड़की की वजह से आज खुद एक
लड़की बन गया। मेरे घर का आधा हिस्सा उस लड़की ने हथिया लिया और मुझे यूँ अकेले मरने
को छोड़ गयी। तुम दिल के बहुत अच्छे हो शिवा और शायद तुम्हारे जैसा मर्द मेरी बेटी
को भले ही रानी बनाकर रखेगा लेकिन तुम गैर मजहबी हो और इस बार मैं अपनी बेटी की
शादी गैर मजहब में नहीं करना चाहती।
शिवा: माँ जी,
आप अच्छे से सोच लीजिये। शफ़ीक़ का यूँ
सुनैना बनना आपके आस पड़ोस के लोगों और आपके समाज में इस बारे में किसी को कुछ नहीं
पता आज तक। आप जिस किसी से भी सुनैना की शादी करने जाएँगी तो उन्हें ये सच्चाई भी
तो बताएंगी कि सुनैना एक साल पहले तक एक मर्द था जो सेक्स चेंज करवाकर औरत बनी है।
तो आपको क्या लगता है, सुनैना को ये समाज
इतनी आसानी से एक्सेप्ट कर लेगा, लेकिन सुनैना मेरी माँ को बहुत पसंद है। मेरा घर पटना में है और वहां
सौ एकड़ से ज्यादा की प्रॉपर्टी है मेरे पास। किसी चीज़ की कमी नहीं है मेरे घर में
माँ जी और मुझे यकीन है सुनैना मेरे साथ बहुत खुश रहेगी। मैं इस बात को जानने के बावजूद आपकी बेटी को अपनाने के
लिए तैयार हूँ, फिर आपको ऐतराज़ किस
बात की है। अगर आपको लगता है कि आपका ओरिजिन मुस्लिम है तो आप गलत हैं माँ जी।
अकबर के जमाने में हिन्दू, उनकी बहु बेटियों को जबरन मुस्लमान बनाया गया था और आप सभी उसी धर्म
के सिर्फ फोल्लोवेर्स हैं जो आपके ऊपर जबरन थोपा गया था। आप मुस्लिम नहीं बल्कि
उतनी ही हिन्दू हैं जितना हिन्दू मैं हूँ।
सुनैना की अम्मी
शिवा की बात सुनकर सन्न रह गई। उन्हें समझ में नहीं आ रहा था कि वो कहें तो क्या
कहें। फिर सुनैना की अम्मी ने सांस भरकर शिवा को अपना दामाद एक्सेप्ट कर लिया।
सुनैना की अम्मी के मुँह से हाँ सुनकर सुनैना कमरे में चली गयी और शिवा के लिए शादी की डेट फिक्स करने पंडित के पास।
शिवा और सुनैना दोनों ही बहुत खुश थे, पंडित ने शादी की तारीख बताई तो शिवा ने उस तारीख से एक हफ्ते पहले तक
मेहमानों और लड़की वालों के लिए एक होटल ही बुक कर दिया। शिवा ने अपने परिवार में
सबको बताया कि भल्ले ही उसने एक बार अपने परिवार के बिना लव मैरिज कर लिया, लेकिन वो चाहता है कि पुरे परिवार की उपस्थिति और
उनके आशीर्वाद के साथ वो और सुनैना फिर से शादी के बंधन में बंध जाएं। शिवा के
पेरेंट्स को उसकी कही ये बात बहुत अच्छी लगी और वे सब शिवा की शादी में आने को
रेडी हो गए थे। शिवा ने शादी के इनविटेशन कार्ड्स को छपवाया और एक इनविटेशन कार्ड
जूही को भी भेज दिया। जूही को यकीन नहीं हो
रहा था कि उसका एक्स हस्बैंड अब लड़की बन चुकी थी, जो शिवा की दुल्हन भी बनने जा रही थी। शिवा ने
जिस होटल को बुक करवाया, वहां दूल्हे और दुल्हन के प्रिपरेशन के लिए अलग से कमरा बुक था।
शिवा के परिवार से
काफी लोग आये थे। शिवा की माँ, उसके चाचा चाची, बुआ, फूफा, दादा दादी, नाना नानी, मामा मामी और उनके बच्चों से होटल काफी खुशनुमा
हो गया था। इधर सुनैना के परिवार से उसकी अम्मी, खाला, नानी और उनके बच्चे, ज्यादा लोग तो नहीं थे, लेकिन सब बड़े ही सलीके से शादी अटेंड करने आये थे। हल्दी की रस्म,
लेडीज़ संगीत की रस्म के बाद मेहँदी वाली
रात आयी। सुनैना को तैयार करने निशा खुद आयी थी और उसका बॉयफ्रेंड राजेश शिवा के
ग्रूमिंग के लिए आया था। शादी से एक दिन पहले निशा ने सुनैना के हाथों में कुहनी
तक और पैरों में घुटने तक बहुत ही खूबसूरत राजारानी स्टाइल मेहँदी लगाई और अगली
सुबह तक उसे अच्छे से सूखने का इंतज़ार करने को कहा। इधर शिवा का ग्रूमिंग राजेश कर
रहा था और उसने भी शिवा के हाथों में मर्दों वाली डिज़ाइन में मेहँदी लगाई।
शादी वाले दिन,
निशा ने सुनैना की
मेहँदी धोने से पहले उसपर खास तरह का ऑइंटमेंट लगाने को बोली। सुनैना ने अपने
हाथों और पैरों की मेहँदी पर जब वो ऑइंटमेंट लगायी तो उसके हाथों की मेहँदी का
सूखा भाग झड़ गया और फिर सुनैना ने अपने हाथों और पैरों को अच्छे से धोया तो मेहँदी
देखकर खुश हो गयी।
निशा: वाओ सुनैना,
इतनी डार्क और गहरी मेहँदी, मतलब तुम्हारा पति तुमसे बहुत प्यार करेगा।
सुनैना(शरमाते हुए):
कुछ भी!
सुनैना ने फैसला
किया कि वो अपने होने वाले पति शिवा के लिए एक पहाड़ी दुल्हन स्टाइल में दुल्हन की
तरह सजेगी। शिवा ने वहां की बेस्ट ब्यूटिशियन को सुनैना को सजाने के लिए बुलवाया
था, लेकिन सुनैना ने
ब्यूटिशियन को मना कर दिया और निशा को अपने मेकअप के लिए बुलवा लिया था। निशा ने सुनैना से
कपड़े उतार देने को कहा। सुनैना ने कपड़े उतार दिए, तब कमरे में सिर्फ निशा और सुनैना ही थे। अब
सुनैना सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी और उसके आकर्षक कर्व्स देखकर निशा की आंखें भी
खुली की खुली रह गयी।
निशा: वाओ सुनैना,
मुझे नहीं पता था कि तुम सेक्स चेंज करवा
कर सच में लड़की बन जाओगी लेकिन यकीन मानो, तुमसे हॉट और तुमसे खूबसूरत लड़की पूरी साउथ दिल्ली में नहीं है।
तुम्हारा फिगर तो बिल्कुल सोफ़िया लियोनी जैसा है। बुरा मत मानना लेकिन सच मे तुम
बेहद आकर्षक हो गयी हो।
थैंक्स: सुनैना
स्माइल देते हुए बोली।
कभी सुनैना की तुलना
मोस्ट हैंडसम मैन से होती थी और आज उसकी तुलना सोफ़िया लियोनी जैसी पोर्नस्टार के
साथ कि जा रही थी। पहले सभी शफ़ीक़ सर बोलते थे, अब सब सुनैना मैडम बोलते हैं। फिर ब्लीच, फेसिअल, फाउंडेशन और बेसिक मेकअप के बाद निशा ने सुनैना की आखों में काजल
लगाया, आई लैशेज को सेट
किया, आई ब्रोज़ को छोटी
चमकीली बिन्दियों से सजाया, मिडिल में एक बड़ा बिंदी सेट किया और आखिर में होंठों पर वाटरप्रूफ
लाल रंग का ग्लॉसी लिपस्टिक अप्लाई किया। मेकअप के बाद तो सुनैना का चेहरा बिल्कुल
ही बदल सा गया, ऐसा लग रहा था मानो
स्वर्ग की अप्सरा हो। अब निशा ने सुनैना को लाल रंग का हैवी कढ़ाईदार लहँगा पहनाया,
जो कि काफी बड़ा था। निशा ने नाभि के नीचे
लहँगा पहनाया था। फिर निशा ने सुनैना के कहा कि वो ब्रा उतार दे।
सुनैना ने पूछा:
क्यों, ब्रा क्यों उतारना,
कोई दूसरा ब्रा है क्या?
निशा बोली: नही
सुनैना, शिवा ने कहा है कि
तुम्हे बिना ब्रा वाली चोली पहनाई जाए, अब क्यों कहा ये तो मैं भी नही जानती।
फिर सुनैना ने अपना
ब्रा उतार दिया और अपने दोनों हाथों से अपने दोनों कोमल उरोजों को पकड़कर खड़ी हो
गयी। फिर निशा ने सुनैना को एक लाल रंग की स्ट्रीचबल और बैकलेस चोली पहनाई। चोली
पहनाने के बाद निशा ने सुनैना की चोली में डोरी सेट किया और टाइट कर के बांध दिया।
चोली की फिटिंग बहुत अच्छी थी, लेकिन प्रॉब्लम ये था कि सुनैना को उसके बूब्स ब्रा के बिना काफी
अनकम्फर्टेबल महसूस करवा रहे थे। फिर निशा ने सुनैना को रेड एंड ब्लैक कॉम्बिनेशन
वाली 4 इंच हील वाली सैंडल
पहनाई, जिसके बाद लहँगा का
फिटिंग भी ठीक हो गया। निशा ने सुनैना से चलने को कहा। सुनैना उठी और 2 कदम चल कर रुक गयी, फिर एक कदम चली और फिर से रुक गयी।
निशा: क्या हुआ
सुनैना, तुम रुक क्यों गयीं?
सुनैना: ये चोली
थोड़ी अनकम्फर्टेबल है, मेरे बूब्स बहुत हिल
रहे हैं, पहले ऐसा नही होता
था।
निशा: इस चोली की
यही खासियत है सुनैना, औरतें इसे शादी में
इसीलिए पहनती है ताकि वो अपने बूब्स की हिलने डुलने को महसूस कर सके और साथ ही
अपने होने वाले पति की नज़र को अपने ऊपर आकर्षित करती रहे।
फिर ब्यूटीशियन ने
सुनैना को मेकअप टेबल पर बिठाया और बालों का सुंदर से जुड़ा बना दिया। जुड़े में
चमेली के फूलों को सेट किया। मांग में एक बड़ा सा मांगटीका सेट किया। कानों में दो
बड़े बड़े झुमके, गले मे तीन तरह के
हैवी, मीडियम और एक छोटा
सा हार पहनाया। फिर सुनैना के दोनों हाथों में सोने के कंगन, सुहाग का चूड़ा सेट पहनाई और हाथ की उंगलियों में
पांच रिंग वाला सोने का ब्रेसलेट पहनाया गया। बाहों में बाजूबंद, कमर में कमरबन्द और पैरों में हैवी चांदी की पायल
पहनाई गयी। फिर निशा ने एक बड़ा और हैवी कुमाऊनी नथिया सुनैना के नाक में डाल दी
और उसके सोने के चेन जिसे गुड़िया भी कहते हैं उसको बालों में फंसा दिया। ये नथिया
पहले के मुकाबले बड़ा और कुछ ज्यादा ही हैवी थी। एक बहुत ही हैवी और लंबी चुनरी से
सुनैना के नाक तक उसका घूँघट बना दिया गया और सुनैना ने नाखूनों में लाल नेलपॉलिश
और पैरों की नाखूनों में डार्क लाल नेलपॉलिश अप्लाई किया और निशा बाहर चली गयी। सुनैना चुपचाप,
अकेले उस कमरे में घूँघट के अंदर से अपने
बूब्स को देख रही थी। सुनैना ये सोच रही थी कि औरत बनने के बाद उसका सबसे डरावना
सपना, दुल्हन बनने का,
एक मर्द की बीवी बनने का, ये सब सच होने जा रहा था। सुनैना अपने डरावने
सपने में खोयी हुई थी कि तभी वहां जूही की एंट्री हुई।
जूही:
कॉन्ग्रैचुलेशन्स सुनैना।
अचानक जूही की आवाज़
सुनकर सुनैना का दिल जोर से धड़कने लगा।
सुनैना: थैंक्स
जूही!
जूही: तुम्हारा मर्द
से औरत बनना तो तय था लेकिन तुम शिवा से शादी करके अपना घर बसा लोगी, इस बात का मुझे जरा भी एहसास नहीं था। मैंने तो
सोचा था कि तुम्हारी शादी मैं राहुल से करवा दूंगी। घर की बात घर में रह जाती
लेकिन तुमने तो औरत बनते ही शादी करने फैसला भी कर लिया और मुझे बताया भी नहीं।
सुनैना: तुमसे मैंने
डाइवोर्स ले लिया है। जब कोई रिश्ता बचा नहीं है तो फिर मुझसे अस्पेक्टेशन्स क्यों
रखती हो जूही। मेरे बुरे वक़्त में शिवा मेरे साथ थे, इसी लिए मैं उनसे शादी करने जा रही हूँ और मुझे
इसका कोई दुःख नहीं।
जूही: गुड फॉर यु
माय एक्स हब्बी। तुम्हारा तो जन्म की मर्द की दुल्हन बनने के लिए हुआ था सो टुडे
इज़ द डे, योर वेडिंग डे,
सो जस्ट एन्जॉय! और ज्यादा नर्वस मत होना,
तुम्हारा दूल्हा बारात लेकर आने ही वाला
है। याद है ना तुमने मुझसे क्या कहा था, औरतों का काम है घर संभालना, अपने पति की सेवा करना और उनके बच्चों
को जन्म देना। भगवान् करे, शादी के बाद तुम पहले ही महीने में अपने पति के
अंश को अपनी कोख में संजो कर गर्भवती हो जाओ और भविष्य में शिवा के चार पांच बच्चे
को तो जरूर जन्म दो।
सुनैना: डोंट क्रॉस योर लिमिट जूही!
फिर जूही सुनैना को
गुड लक और गिफ्ट देकर कमरे से बाहर चली गयी। इधर सुनैना की घबराहट, नर्वसनेस और वीकनेस बढ़ने लगी थी।
“ये क्या करने जा रही
हूँ मैं! मैंने तो एक मर्द के रूप में जन्म लिया था, मेरी गर्लफ्रैंड, जिसके साथ ना जाने कितनी बार मैंने सुहागरात मनाई,
ना जाने कितनी बार गर्लफ्रेंड के साथ को
मूवी दिखाने, घुमाने और उसकी हर
ख्वाहिश को पूरा किया। उसी गर्लफ्रेंड से शादी भी की, और जूही ने मेरे बेटे को जन्म भी दिया। एक बच्चे
का पिता भी बनी। पोर्न देखकर भी कितना एन्जॉय करती थी, शर्ट, जीन्स और शूज पहनती थी, कितनी आजाद थी मैं और आज मैं कितना मजबूर हूँ जो आज दुल्हन की लिबास
में यहां बैठी हूँ। मेरे नाक, कान छिदवा दिए गए हैं और नाक में ये सोने का कुमाऊनी नथिया पहनी हुई
हूँ, जो इतना चुभ रहा है,
फिर भी इसे नही खोल सकती, कानो में बड़े बड़े झुमके पहनी हुई हूँ। लहँगा
चोली में तैयार अपने होने वाले पति के बारात के आने का इंतज़ार कर रही हूँ। ये सब
कितनी जल्दी हो गया मेरे साथ। मेरी चौड़ी छाती बूब्स में तब्दील हो गयी है,
जहां सिक्स पैक्स एब्स थे वो अब स्लिम
वेस्ट है, मेरे पेनिस को हटा
कर वहां वजाइना बना दिया, मेरे अंदर गर्भाशय भी विकसित कर दिया है। डॉक्टर ने मुझे मर्द से औरत
बना दिया और एक मर्द शिवा, आज शिवा के साथ मेरी शादी हो रही है, क्या करूँ मैं, कैसे रोकूँ इस शादी को, भाग जाऊं या सुसाइड कर लूं। क्या करूँ मुझे कुछ
भी समझ मे नही आ रहा है” अपने अंतर्द्वंद्व में फंसी हुई सुनैना की हालत ये सब सोंच सोच कर
खराब हुई जा रही थी।
सुनैना की खाला:
दुल्हन कितनी नर्वस है, हाउ क्यूट!
सुनैना की अम्मी:
हम्म! हाय किसी की नज़र ना लगे मेरी बेटी को।
निशा: सुनैना ,
तुम्हारे दूल्हे राजा तुम्हारा इंतेज़ार
कर रहे हैं, चलो।
सुनैना(कंपकंपाती
आवाज़ में): निशा, मुझे बहुत डर लग रहा
है।
निशा: सुनैना, मुझे तो अभी भी यकीन नहीं होता कि कभी तुम शफ़ीक़ खान नाम के आदमी थे। इतना डर, इतना तो लड़कियों का बदन नहीं कंपकंपाता जितना तुम्हारा शरीर कांप रहा है। जो गलती उपरवाले ने तुम्हे मर्द का शरीर देकर किया था, वो गलती उपरवाले ने तुम्हे औरत का जिस्म देकर सुधार लिया है। तुम हमेशा से लड़की हो सुनैना, तभी तो तुमने बिज़नेस भी शुरू किया तो लेडीज़ गारमेंट्स की। आज तुम्हारी शादी शिवा से हो रही है और वो तो सुहागरात मनाएगा ही। आई होप तुम्हारे घर भी खुशियां आये। डरो मत सुनैना, शादी के बाद सब नार्मल हो जायेगा। अब चलो भी, दूल्हे राजा दुल्हन का इंतज़ार कर रहे हैं।
सुनैना को समझ नहीं
आ रहा था कि वो करे भी तो क्या करे। सुनैना का जिस्म कांप रहा था और स्टेज पर शिवा
बड़े ही जोश में अपनी दुल्हन के आने का इंतेज़ार कर रहा था। धीमे धीमे कदमों के
साथ दोनों हाथों से लहँगा को ऊपर उठाये दुल्हन यानी कि सुनैना स्टेज की ओर बढ़ रही
थी, उसका कुमाऊनी नथिया
बार बार उसके होंठो से टकरा रहा था, चोली में बूब्स ऊपर नीचे हो रहे थे और आंखों से रुक रुक कर आंसू के
बून्द गिर रहे थे, शायद ये ख़ुशी के
आंसू थे या अफ़सोस के ये कह नहीं सकते। इन सब के साथ सुनैना निशा और अपनी अम्मी के
साथ स्टेज पर पहुंची। अभी तक सुनैना ने घूँघट किया हुआ था, निशा ने सुनैना का घूँघट को ऊंचा किया, ताकि वो अपने दूल्हे राजा को ठीक से देख सके और
जयमाला का रस्म ठीक से हो सके। वैसे तो सुनैना ने कई दफा शिवा के करीब गयी,
लेकिन आज का दिन कुछ ज्यादा ही स्पेशल था।
जब पहली बार सुनैना ने शिवा को देखा तो उसके होश उड़ गए। इतना लंबा आदमी, देखने मे बॉडीबिल्डर जैसा, दाढ़ी में इतना स्मार्ट लग रहा था और सुनैना ने
हाई हील्स पहना हुआ था, फिर भी शिवा की छाती
के नीचे तक उसका सिर आ पा रहा था। ऐसे आदमी के साथ शादी करने के बाद सुनैना का
क्या होगा, क्या होगा सुहागरात
में जब शिवा के साथ अकेले एक कमरे में उसे बिठाया जाएगा, ये सब सोच कर सुनैना का हालात खराब हुआ जा रहा
था। 35 साल के शिवा के
सामने, चौबीस साल की होने
के बावजूद सुनैना 14-15 साल की लड़की जैसी
छोटी और क्यूट लग रही थी। वरमाला के समय सुनैना के हाथों में आरती की थाली और
फूलों की माला थी। पहले तो सुनैना ने शिवा की आरती उतारी, आरती उतारते समय शिवा की ओर देख कर सुनैना बहुत
ही ज्यादा शरमा रही थी। पहले सुनैना ने शिवा को फूलों की माला पहनना चाहा, तो शिवा तन के खड़ा हो गया। सुनैना ने भी फूलों
की माला हाथ में लिए मुँह फुला के बैठ गयी। शिवा सुनैना के सामने जा कर बैठ गया और
सुनैना ने मुस्कुराते हुए उसे फूलों की माला पहना दी। तालियों की गड़गड़ाहट के बीच
शिवा ने भी सुनैना को फूलों की माला पहना दी। वरमाला के बाद, शिवा के सभी सगे सम्बन्धी उन्हें बेस्ट विशेष विश
करने लगे। सुनैना को ढेर सारे गिफ्ट्स मिले और ढेरों आशीर्वाद भी। ऐसे समय में
सुनैना अपने अतीत को बहुत मिस कर रही थी, आँखों में आंसू आने लगा तो निशा ने रुमाल से सुनैना की आंसुओं को रोका
और उसे समझाया कि रोने से मेकअप ख़राब हो जायेगा। सुनैना ने अपने इमोशंस को
कण्ट्रोल किया और मुस्कुराते हुए सभी से मिली।
उसके बाद पहले शिवा को मंडप पर ले जाया गया और सुनैना को उसके कमरे में। निशा ने फिर सुनैना का मेकअप ठीक किया और उससे कहा कि ज्यादा ना रोये, नही तो मेकअप खराब हो जाएगा। फिर सुनैना को होंठ तक घूँघट बनाकर मंडप पर ले जाया गया। शिवा वहां पहले से ही बैठा था, सुनैना को ठीक शिवा के बगल में बिठाया गया। पंडित ने मंत्रोचारण शुरू किया, फिर पहले शिवा की माँ का भेजा हुआ खानदानी कंगन और बड़ा नथिया को पूजा गया। फिर शिवा ने सुनैना के हाथों में वो कंगन पहनाया और पहले वाला नथिया उतारकर, नया वाला नथिया पहनाया। नथिया पहले जितना ही था, लेकिन पहले वाले नथिया से ज्यादा डिज़ाइनर और भारी था और साथ ही जो जुड़ा हुआ चेन था, वो भी पहले की अपेक्षा ज्यादा भारी था। नथिया पहनते वक़्त सुनैना को बहुत दर्द हुआ और आंखों के आंसुओ को रोक नही सकी। फिर निशा ने सुनैना के आंसुओं को पोछा और उसे शांत किया। फिर शिवा ने सुनैना के साथ सात फेरे लिए। उसके बाद शिवा ने सुनैना की मांग में ढेर सारा सिंदूर भर कर, उसके गले मे मंगलसूत्र पहना दिया। फिर कुछ मंत्रोचारण के बाद पंडित जी ने कहा कि अब शादी सम्पन्न हो चुकी है। शिवा और सुनैना अब आप दोनों पति पत्नी हैं, अपने बड़े बुजुर्गों का आशीर्वाद लीजिये। फिर शिवा और सुनैना ने सबसे पहले पंडित जी का आशीर्वाद लिया, फिर अपने अपने सास ससुर और उसके घर के बड़ों का आशीर्वाद लिया। रात हो चुकी थी और बाराती के साथ साथ मेहमानों के खाने पीने का अच्छा इंतेज़ाम था।
सुनैना शिवा के इतने
रिश्तेदारों से मिलकर बहुत ही ज्यादा इमोशनल हो गयी। सुनैना की अम्मी, खाला और उनके बच्चों ने भी शादी को खूब एन्जॉय
किया। सुनैना अपनी अम्मी को खुश देखकर खुश हो रही थी उधर विदाई का समय भी नज़दीक आ
चूका था। विदाई से पहले शिवा की माँ और पापा के साथ सभी मेहमानों की विदाई करवाई
गयी और फिर आखिर में शिवा के साथ सुनैना की विदाई का समय हो चूका था। बैकग्राउंड
में सैड सांग्स, बाबुल की दुआएं लेती
जा, जा तुझको सुखी संसार
मिले, जैसे गाने सुनैना को
और भी ज्यादा इमोशनल और कमज़ोर कर रहे थे। विदाई के टाइम सुनैना अपनी अम्मी से गले
लग कर बिलख बिलख कर रोई। शायद जिंदगी में पहली बार सुनैना इतना रोई, अपनी अम्मी से बिछड़ने का कम सुनैना से बर्दाश्त
नहीं हो रहा था। तभी शिवा ने सबके सामने सुनैना को अपनी बाहों में उठाकर कार में
बिठा लिया और सुनैना की अम्मी को प्रणाम कर उनका आशीर्वाद लेकर सुनैना को विदा
करवाकर अपने घर ले आया।
जैस्मिन और जुली
शिवा की चचेरी बहनें, शिवा की माँ के साथ
सुनैना और शिवा के गृहप्रवेश के लिए पहले से ही दरवाज़े पर इंतज़ार कर रहीं थीं।
सुनैना और शिवा का एक साथ गृहप्रवेश ठीक वैसे ही करवाया गया जैसे न्यूली वेडेड
कपल्स का गृहप्रवेश होता है। गृहप्रवेश के बाद सुनैना और शिवा को कुलदेवता के
सामने ले जाया गया। सुनैना को आरती की थाली दी गयी और उसने अपने पति शिवा के साथ
पूजा अर्चना की। पूजा करने के बाद शिवा को कमरे के बाहर भेज दिया गया और सुनैना को
शिवा के कमरे में ले जाया गया। वहां पहले से कुछ लड़कियां थीं, जो बिस्तर को फूलों से सजा रही थी, सुनैना के मन में घबराहट होने लगी, उसे समझ नहीं आ रहा था की वो क्या करे! जुली और
जैस्मिन ने सुनैना को मिरर के सामने बिठाया। पहले मेकअप ठीक किया, फिर कुमाऊनी नथिया को उतार कर उससे भी बड़ा तीसरा
कुमाऊनी नथिया पहना दिया।
एक ही दिन में एक के
बाद एक बड़ा और डिज़ाइनर नथिया वो भी इतना बड़ा जो सुनैना ने जिंदगी में पहले कभी
नही देखा था। वो नथिया काफी डिज़ाइनर और हैवी था और उसका नाक भी दर्द देने लगा,
उस नथिया को पहनकर। फिर उन दोनो ने सुनैना
को बनारसी सिल्क साड़ी पहनाई, हेयर स्टाइल ठीक किया और सुनैना को घूँघट कर के फूलों से सजे बिस्तर
पर बिठा दिया। फिर सुनैना को गुडलक विश किया, केसर-दूध का ग्लास टेबल पर रख दिया। सुनैना का
दिल जोरों से धड़क रहा था, सांसें भी तेज़ चलने लगी थी, आँखें शर्म से घूँघट के बाहर देखने की हिम्मत नहीं कर पा रही थी और
बदन की कंपकंपी रोके नहीं रुक रही थी। सुनैना तो अपने पति के इंतज़ार में अपनी
साँसों को कंट्रोल करने की कोशिश करती तो कभी अपनी धड़कनो की स्पीड कम करने को
कोशिश करती। लेकिन सुनैना को तो ना ही उसके धड़कनो पर कोई कण्ट्रोल था और ना बदन
की कंपकंपी पर।
सुनैना घूँघट में
अपने कशमकश के साथ अपने पति शिवा के इंतज़ार में कब नींद के आगोश में समां गयी,
इसकी खबर ना तो सुनैना को थी और ना उसके
चिकने बदन के ऊपर से फिसलती बनारसी सिल्क साड़ी को। सुनैना के जिस्म से वो बनारसी
सिल्क साड़ी फिसल चुकी थी, चोली से बूब्स का उभर साफ़ झलकने लगी और हर सांस और धड़कन के साथ वे
बूब्स ऊपर नीचे हो रहे थे। जब अलेक्स कमरे में आया तो देखा सुनैना सो चुकी थी।
सुनैना के मदहोश कर देने वाले कर्वी जिस्म को देखकर खुद को सुनैना के जिस्म को
छूने से रोक नहीं सका। एक स्पर्श, वो भी एक मर्द का स्पर्श महसूस होते ही सुनैना की आँखें खुल गयी।
सुनैना ने बिना समय गँवाय अपना घूँघट ठीक किया, बिस्तर से उतर कर शिवा के पैरों को छूकर अपने पति
का आशीर्वाद लेने को झुकी। शिवा ने सुनैना के कन्धों को पकड़ा और उसे ऊपर उठाया।
सुनैना की आँखें अभी भी झुकी थी, घूँघट में सिर झुकाये शिवा के सामने हाथ में केसर दूध का लिए खड़ी थी।
शिवा: सुनैना,
आज मैं बहुत खुश हूँ, आज तुम्हे अपनी पत्नी के रूप में पाकर मेरी
जिंदगी ख़ुशी से भर गयी है। मैं तुम्हे बता नहीं सकता सुनैना कि आज मैं कितना खुश
हूँ। आई लव यु सुनैना, आई लव यु सो मच…….
!
सुनैना: आई नो की आप
मुझसे बहुत प्यार करते हैं और आपको अपने पति के रूप में पा कर मेरा जीवन धन्य हो
गया। आपकी अर्धांगिनी बनकर मैं भी बहुत खुश हूँ।
शिवा: सुनैना,
क्या हुआ मेरी जान, मैंने गौर किया है तुम किसी बात से बहुत ही
ज्यादा दुखी हो। मुझे बताओ, किस बात से दुखी हो मेरी जान, मैं तुम्हारे लिए सबकुछ करने को तैयार हूँ।
सुनैना: आई डोंट नो,
आपके साथ मैं इतनी कम्फर्टेबल हूँ लेकिन
मुझे ये समझ नहीं आता कि आखिर मेरे साथ ही ऐसा क्यों हुआ। आपकी दुल्हन बनना मेरा
सौभाग्य है लेकिन मेरे मन में बैठा मेरा अतीत मुझे हर पल इस बात का एहसास कराता है
कि मैं एक ट्रांसवीमेन हूँ।
शिवा: सुनैना,
यु नो ना, मैं तुमसे कितना प्यार करता हूँ। आई नो सुनैना कि
तुम्हारी वाइफ की वजह से तुम्हे अपना सेक्स चेंज करवाकर मर्द से औरत बनना पड़ा
लेकिन एक बात बताओ सुनैना। क्या तुम इस शादी से खुश नहीं हो? क्या मुझे अपने पति के रूप में पाकर तुम्हे अफ़सोस
हो रहा है? नहीं ना! सुनैना,
इतने सालों तक मैंने भी सही पार्टनर का
इंतज़ार किया और तुम मेरी दुल्हन बन गयी। मुझे इस बात से कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता सुनैना,
कि कभी तुम एक मर्द थी लेकिन अब तुम एक
औरत हो, मेरी दुल्हन हो और
इस घर की बहु हो। मैं तुम्हे इतना प्यार दूंगा कि तुम अपने अतीत को भूल जाओगी।
अतीत को भुलाकर वर्तमान को स्वीकार करो और अपने मन रखो। यु नो आई लव यू, तो ठीक है, हम हनीमून मानाने गोवा जायेंगे। कुछ दिन वहां
रहोगी तो तुम्हारे मन का दुःख शांत हो जायेगा। तुम सिर्फ इतना याद रखो कि अब तुम
एक स्त्री हो, जो एक पत्नी है,
एक बहु है और बहुत जल्द मेरे बच्चों की
माँ भी बन जाओगी।।
सुनैना: धत्त आप भी
ना! रियली? आपको कैसे पता कि
मुझे गोवा पसंद है।
शिवा: मेरी दुल्हन
को क्या पसंद है और क्या नापसंद, इसकी पूरी डिटेल्स रखता हूँ सुनैना।
सुनैना: आप बहुत
अच्छे हो! तो हनीमून पर कब जायेंगे?
शिवा: दो दिनों बाद!
शिवा: लेकिन मेरी
रानी, आज हमारी सुहागरात
है जान, बताओ क्या गिफ्ट
चाहिए?
सुनैना: आपकी दुल्हन
बनी मैं, इससे बड़ा गिफ्ट मेरे
लिया और क्या हो सकता है। आपने मुझे मेरे बुरे वक़्त में सहारा दिया और मेरा हाथ
थाम कर मुझे अपनी दुल्हन बनाकर मुझे एक नयी जिंदगी दी। यही मेरा सबसे बड़ा गिफ्ट है,
आई लव यु!
शिवा: नहीं सुनैना,
ये तो तुम्हारा हक़ है। गिफ्ट में क्या
चाहिए, ये बताओ।
सुनैना: गिफ्ट पूछ
कर नहीं दिया जाता, आपको जो भी नेग देनी
है, आप दे दो।
शिवा ने सुनैना के
हाथों में एक गिफ्ट बॉक्स रख दिया। सुनैना ने बॉक्स खोलकर देखा तो उसमे गोवा की दो
फ्लाइट टिकेट्स थीं, साटन नाईटी के तीन
सेट और साथ में एक सोने की चैन, सोने के कंगन, सोने के झुमके, प्लैटिनम की अंगूठी और सोने की छोटी सी नथिया थी। सुनैना की मुस्कान
इस बात की गवाही दे रही थी कि वो कितनी खुश थी। शिवा ने सुनैना का घूँघट उठाया और
माथे पर एक किस्स्स कर लिया। शिवा की वो किस्स्स सुनैना के तन बदन में सिहरन पैदा
करने के लिए काफी थी। इसमें कोई शक नहीं कि लड़कियों को शादी से ज़्यादा अपनी
फर्स्ट नाईट की टेंशन होती है, चाहे लड़की वर्जिन हो या नहीं, टेंशन सबको होती है। अगर वर्जिन लड़की है तो उसे
ब्लीडिंग की टेंशन होती है और अगर कोई वर्जिन नहीं है तो उसे टेंशन होती है कि पति
क्या सोचेगा। सुनैना आज भी वर्जिन थी, उसे बस एक ही बात का टेंशन जो उसे सबसे ज्यादा सता रहा था, वो था सेक्स के दौरान होने वाली दर्द और ब्लीडिंग
का डर।
सुनैना के गालों का
तिल बहुत ही रोमांचक लग रहा था। गुलाब की पंखुड़ियों की तरह सुनैना के होठों को
देखकर शिवा ने अपना आपा खो दिया। सुनैना ने भी अपने गुलाबी होठ शिवा के होठों पर
टिका दिया। मक्खन की तरह मुलायम सुनैना के होठों पर शिवा के होंठ ऊपर नीचे होने
लगे। शिवा ने सुनैना को किस करते हुए उसके होठों को चूसने लगा। कुछ देर तक सुनैना
चुप रहकर अपने होठों को चुसवाती रही। शिवा को सुनैना के सॉफ्ट लिप्स को चूमने में
बहुत मजा आ रहा था। सुनैना ने भी शिवा का साथ दे कर उसका मजा डबल कर दिया। अलेक्स
काफी जोश में आ गया और जोर-जोर से सुनैना के होठों को अब चूसने लगा, उसकी सांसे बहुत तेज हो गई और सुनैना के मुंह से
सिसकारियां निकलने लगी। हालाँकि सुनैना का नथिया अलेक्स और सुनैना के होंठो के
किस्स्स्स के बीच रुकावट बन रही थी, लेकिन शिवा ने सुनैना का नथिया नहीं उतारा और उसे जी भरकर किस्स्स्स
करता रहा।
सुनैना के मुँह से
ममममममम …… ममममममम ……. मममममम ….इसस्स्स्स्…….उ हह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह….” की सिसकारी निकल रही थी। सुनैना के होंठों पर शिवा का यूँ चूमना,
उसे और भी ज्यादा उत्तेजित करने लगी थी।
शिवा सुनैना की चोली को खोलने लगा पीछे की डोरियों को खोलते ही सुनैना के बूब्स
आजाद हो गए। सुनैना के बूब्स देखने में बहुत ही ज्यादा गोरे और टाइट लग रहे थे।
सुनैना के बूब्स पर काला निप्पल बहुत ही अच्छा लग रहा था। शिवा ने पहली बार किसी
लड़की के इतने गोरे गोरे बूब्स को देखा था। दूध की तरह गोरे सुनैना के बूब्स को
देख कर शिवा के मुंह में पानी आने लगा। शिवा ने सुनैना के निप्पल्स को से उसका दूध पीने
के लिए अपना मुंह उसके निप्पल पर लगा दिया। भूखे बच्चे की तरह सुनैना के निप्पल को
शिवा जोर-जोर से खींच खींच कर पीने लगा। सुनैना ने शिवा के बालों को पकड़ कर
जोर-जोर से अपने बूब्स में दबाने लगी। सुनैना को ऐसा करते देख शिवा का जोश और भी
ज्यादा हो गया। शिवा और जोर-जोर से सुनैना के बूब्स को दबा दबा कर पीने लगा। जोर
से दूध पीते ही कभी-कभी शिवा के दांत सुनैना के निप्पल में गड़ जाते थे।
सुनैना: आज तो आपका
हथियार पहले की अपेक्षा काफी बड़ा और मोटा दिख रहा है। नहीं नहीं, मुझसे नहीं होगा, बहुत दर्द होगा प्लीज् !
शिवा: तुम्हे पसंद
आया नहीं क्या?
सुनैना: पसंद तो है
लेकिन मैं वर्जिन हूँ ना। इतना मोटा लंड मेरे अंदर गया तो बहुत दर्द होगा!
शिवा: दर्द तो जरूर
होगा लेकिन मीठा मीठा।
शिवा ने कहा और
सुनैना की आधी अधूरी बची हुई बनारसी सिल्क की साड़ी को उसके जिस्म से उतार दिया। सुनैना अपने दोनों
बूब्स को अपने दोनों हाथों से छुपाकर शरमाते शिवा की ओर देखने लगी, शिवा का लंड भी तन कर लम्बा और काफी मोटा हो गया
था। धीरे धीरे शिवा सुनैना के पुरे जिस्म को चूमता हुआ ऊपर से नीचे आ गया और
सुनैना की वजाइना के ऊपर अपने होंठ रखकर उसे पुरे जोश के साथ चूमना शुरू किया।
सुनैना की सिसकारियां बढ़ने लगी थी, उसकी उत्तेजना भी। एक माहिर खिलाडी की तरह शिवा सुनैना को उत्तेजना की
उस चरम सीमा पर ले जाने को आतुर हो गया था, जहाँ उसे चरम सुख मिलने वाला था। थोड़ी देर बाद
शिवा ने सुनैना की आँखों में देखा। सुनैना की आँखें शर्म से बंद थी और शिवा ने उसे
अपनी बाहों में जकड लिया और उसके होंठों को फिर से चूमने लगा। लेकिन अब शिवा और
सुनैना एक्साइटमेंट की चरम सीमा क्रॉस कर चुके थे, शिवा का लंड सुनैना की गुलाबी वजाइना के अंदर
जाने को बेताब हो चूका था और धीरे धीरे अंदर घुसने लगा था। सुनैना ने शिवा की ओर
देखा, मानो उसे रुकने को
कह रही हो लेकिन शिवा ने बड़े ही प्यार से सुनैना के होंठों पर अपना होंठ और
वजाइना के अंदर अपना लंड समा दिया।
सुनैना का मुह खुला
का खुला रह गया, आँखे बड़ी बड़ी करके
वो उस दर्द को बर्दाश्त करने की कोशिश करने लगी। फिर शिवा ने एक जोर का झटका लगाया
और उसका पूरा लंड सुनैना की वजाइना में पूरी तरह समा गया। सुनैना की झिल्ली फट गयी
और सुनैना से दर्द बर्दाश्त नही हो रहा था, वो रोने लगी और जोर से बोली आआह आआह ओह माई गॉड,
प्लीज्। सुनैना के दर्द को देखते हुए,
शिवा ने उसके होंठो को चूमना शुरू कर
दिया। फिर शिवा ने अपना लंड बाहर निकाल लिया, सुनैना ने देखा शिवा लंड पर खून लगा था, शिवा ने सुनैना से कहा कि इसका मतलब है कि तुम आज
तक वर्जिन थी। शिवा की बात सुनकर सुनैना शर्माने लगी और शिवा को देखकर मुस्कुराने
लगी। शिवा ने दुबारा अपना लंड सुनैना की वजाइना में डाल दिया, इस बार पहले से कुछ कम दर्द हुआ और दोनों के बीच
सेक्स शुरू हो गया।
सुनैना: प्लीज्, प्लीज्, प्लीज्, ओह आआह, उह, अम्मी, आआह प्लीज्!
सुनैना आवाज करने
लगी, शिवा को लगा आवाज़ बहुत तेज़ है
तो उसने सुनैना के होंठो पर अपना होंठ रख दिया और स्पीड बढ़ाने लगा। सुनैना की
आवाज़ और शिवा की स्पीड दोनों एक ही स्पीड से बढ़ती जा रही थी। और १५ मिनट्स तक
लगातार सुनैना के साथ सेक्स करते करते दोनों को एक ओर्गास्म हो गया। शिवा सुनैना
को अपनी बाहों में जकड़कर थोड़ी देर तक वैसे ही लेटा रहा। आज सुनैना को उसके जीवन
का पहला चरमसुख का अनुभव हुआ था, जो काफी सुकून से भरा था। शिवा ने सुनैना के साथ फिर से सेक्स करना
शुरू किया और सुबह के ३ बजे तक उसने सुनैना के साथ 8 राउंड सेक्स किया इन आठ राउंड हार्डकोर सेक्स के
दौरान शिवा ने सुनैना के वजाइना के अंदर तीन बार अपना स्पर्म डिस्चार्ज किया और जब
जब शिवा का स्पर्म डिस्चार्ज होता, सुनैना को भी ओर्गास्म हो जाता। आज सुनैना पहली बार इस चरमसुख को अपने
अंदर ही समाये रखना चाहती थी, ओर्गास्म के बाद होने वाली वीकनेस, इस सुख का अनुभव किसी मर्द को कभी नहीं हो सकता।
अपने पति की बाहों में सुनैना इस चरमसुख को अनुभव करते करते कब नींद के आगोश में
समा गयी, इसका पता भी नहीं
चला। सुनैना की सुहागरात उसके और शिवा के लिए यादगार बन गयी थी, दोनों के चेहरे पर मुस्कराहट और सुकून की चमक
सोते हुए भी साफ़ झलक रही थी।
हर लड़की की शादी के
बाद एक नई जिंदगी शुरू होती है। शादी के बाद पहली सुबह दुल्हन के लिए आसान नहीं
होती। अपनो को छोड़कर नए घर में आना कोई मामुली बात नहीं। वहीं शादी की पहली सुबह
लड़की के मन में काफी कुछ चल रहा होता है, खासकर जब उस लड़की ने लड़के के रूप में जन्म लिया हो। सुनैना के मन
में भी आज कुछ ऐसा ही चल रहा था, मूडस्विंग्स ने सुनैना को अंदर से परेशान कर रखा था। अपने ससुराल की
पहली सुबह, अपने पति शिवा की
बाहों में सुनैना की आँख खुली, सुबह के चार बज रहे थे, शिवा गहरी नींद में सोया हुआ था और सुनैना को अपनेआप में समेटा हुआ भी
था। सुनैना ने महसूस किया, एक घंटे पहले तक उसने और शिवा ने हार्डकोर सेक्स का मजा लिया था और
अभी भी शिवा का लंड सुनैना के वजाइना में उसी जोश के साथ तना हुआ था।
शिवा: कहाँ जा रही
हो सुनैना, इतनी सुबह सुबह!
सुनैना: इतनी सुबह
हो गयी है, तैयार होते होते सात
बज जायेगा, प्लीज् जाने दीजिये
ना !
शिवा: अभी ना जाओ
छोड़कर कर दिल अभी भरा नहीं अभी ना जाओ छोड़कर कर दिल अभी भरा नहीं ……. !
सुनैना(अपने आप को
शिवा की मजबूत बाहों से बाहर निकालने की कोशिश करते हुए): आप भी ना …….. अब छोड़िये भी, जाने दीजिये ना !
शिवा: अभी अभी तो आई
हो, बहार बन के छाई हो
हवा ज़रा महक तो ले, नजर ज़रा बहक तो ले
ये शाम ढल तो ले ज़रा! ये शाम ढल तो ले ज़रा, ये दिल संभल तो ले ज़रा ……….!
सुनैना: शाम नहीं सुबह
हो गयी है, जाने दो ना प्लीज्,
लेट हो जायेगा।
शिवा: मैं थोड़ी देर
जी तो लूँ, नशे के घूँट पी तो
लूँ! नशे के घूँट पी तो लूँ ……. !
सुनैना: प्लीज् आप
समझने की कोशिश कीजिये, आज ससुराल में मेरा
पहला दिन है, बहुत काम होते हैं
और वैसे भी मैं बहुत थक गयी हूँ …… !
शिवा: बस एक बार फिर
से मैं तुम्हे प्यार करना चाहता हूँ सुनैना, सिर्फ एक बार, मना मत करना !
सुनैना: अच्छा,
ठीक है जी, लेकिन मैं स्नान तो कर लूँ !
शिवा: महम्म्म्म,
तो चलो, आज हम साथ में ही नहाएंगे।
सुनैना: नहीं,
मैं अकेले नहाने जा रही हूँ, आती हूँ तो फिर जी भर कर प्यार कर लीजियेगा आप!
सुनैना चहकते हुए
बोली और वाशरूम की ओर जाने के लिए बढ़ी कि अचानक उसे बहुत दर्द हुआ और वो वहीँ बैठ
गयी।
शिवा: क्या हुआ मेरी
जान को!
सुनैना: बहुत दर्द
हो रहा है।
फिर शिवा ने रोमांटिक
अंदाज़ में सुनैना को अपनी गोद में उठा लिया और वाशरूम में ले जाकर उसे उतार दिया।
सुनैना को अपनी गोद से उतारकर जैसे ही शिवा वाशरूम से बहार जाने लगा, सुनैना ने उसका हाथ पकड़ लिया और खड़ी होकर
शरमाते हुए बोली: अभी ना जाओ छोड़कर कर दिल अभी भरा नहीं ……..!
शिवा को सुनैना का
इनविटेशन मिल चूका था, उसने मौका नहीं
गंवाया और सुनैना को फिर से अपनी गोद में उठा लिया और दोनों आधे घंटे तक बाथटब में
रोमांस और सेक्स करते रहे। फिर एक बार सुनैना को चरमसुख का अनुभव हुआ और अथाह
वीकनेस भी। शिवा भी संतुष्ट दिख रहा था और मुस्कुराते हुए वो वाशरूम से ऐसे बाहर
निकला मानो कोई जंग जित कर आया हो। थोड़ी देर बाद सुनैना कमरे में आयी तब उसने
देखा शिवा कमरे में नहीं था। स्नान के बाद सुनैना कमरे में आकर हाथ-मुंह अच्छी
तरह से धोकर अब तैयार होने लगी थी, सुनैना ने पहले से ही ससुराल में सुहागरात के बाद के पहले दिन में
पहनने के लिए एक हलकी ऑरेंज रंग की साटन साड़ी चूस करके रखी थी। सुनैना का सैटिन
से प्यार ही इतना था कि उस ऑरेंज रंग की साटन साड़ी को पहनने से खुद को रोक नहीं
सकी। लहंगा तो सुनैना ने शादी के वक़्त पहनी ही थी तो आज साटन साड़ी ही ठीक रहेगी,
सुनैना ने सोचा… और अपनी टॉवल उतारकर एक ओर रख दी। सुनैना को
बूब्स के ऊपर ब्लाउज पहनते वक़्त हुक लगाने, डोरी बांधने और खोलने में बड़ा मज़ा आने लगा था।
“भले मेरे बूब्स
ज्यादा बड़े नहीं हैं, पर ब्लाउज टाइट हो
तो उसको पहनने का मज़ा ही कुछ और है और इस साड़ी के साथ तो मेरा ब्लाउज भी
डिज़ाइनर वाला है…!”
कितनी खुश थी सुनैना
उसको पहनते वक़्त। फिर अच्छी तरह से मेकअप करने के बाद सुनैना ने पेटीकोट चेंज किया और
अपनी साड़ी पहननी शुरू की। साटन की साड़ी बदन पर चढ़ते ही सुनैना के जिस्म में कुछ
कुछ होने लगा, सुनैना खुद को आईने
में देखकर मुस्कुराती रही।
“आज तो पुरे दिन यूँ
ही खुबसूरत दिखूंगी मैं… न जाने कितने लडको की नज़रे रहेंगी मुझ पर!” सुनैना नई नवेली दुल्हन की तरह शरमाते हुए
मुस्कुरा रही थी।
सुनैना के मन में
तरह तरह के भाव उसे और भी एक्साइटेड कर रहे थे। फिर सुनैना ने अपनी साड़ी की पतली
पतली प्लेट बनाकर अपने ब्लाउज पर पिन कर दी।
“इस तरह से क्लीवेज
और कमर दिखाती हुई पतली प्लेट के साथ साड़ी पहनना आजकल मेरी जैसी दुबली पतली और
लम्बी लड़कियों में फैशन है!” सुनैना ने सोचा।
दो घंटे खुद को
सँवारने के बाद बार बार अपने मेकअप को ठीक करने और ढेर सरे ज्वेलरीज खासकर झुमके,
नथिया, कंगन, मंगलसूत्र और मांग में अपने पति शिवा के नाम का सिन्दूर भरने और गले
में शिवा के नाम का मंगलसूत्र पहनने के बाद जब सुनैना संतुष्ट हो गयी तो नाक तक
साड़ी के पल्लू के छोर से घूँघट करके कमरे से बाहर आयी। सुबह के साढ़े छह बज चुके
थे, सुनैना ने अपनी
साड़ी के आँचल से अपना घूँघट किया हुआ था और वो सीधे पूजा घर में गयी, वहां पूजा आरती की और डाइनिंग हॉल में गयी।
सुनैना ने देखा, उसके सास ससुर आपस
में कुछ डिस्कस कर रहे थे। सुनैना ने अपने सास ससुर के पाओं छूकर उनका आशीर्वाद
लिया और सीधे किचन में चली गयी, सभी के लिए नाश्ता बनाने लगी। सुनैना ने ब्रेकफास्ट तैयार कर लिया और
डाइनिंग टेबल पर अपने पति शिवा और अपने सास ससुर को नाश्ता सर्व किया। उन्होंने
सुनैना को भी अपने साथ बिठाया और उसे भी साथ में ही नाश्ता करने को कहा। सुनैना ने
कहा की वो उनसब से खा लेने के बाद ही खायेगी। सभी ने नाश्ता किया और सुनैना के हाथ के टेस्ट की
बड़ी तारीफ की। आखिर में सुनैना ने भी नाश्ता किया और शिवा के घरवाले भी बहुत खुश
थे। शिवा के परिवार वाले सुनैना की सच्चाई के बारे में कुछ भी नहीं जानते थे।
नेक्स्ट डे मुँह दिखाई की रस्म हुई और आस पड़ोस की औरतें आतीं, सुनैना का घूंघट उठाकर उसका चेहरा देखतीं और उसे
आशीर्वाद के साथ नेग दे जातीं। पुरे दिन बस यही सब चलता रहा और रात हुई तो शिवा और
सुनैना को दूल्हा दुल्हन वाले गेम्स में बिठा दिया गया। गेम्स ख़त्म होने के बाद
शिवा और सुनैना अपने कमरे में थे। सुनैना अभी भी दुल्हन वाले गटेअप में ही थी और
शिवा पुरे मूड में।
आज की रात भी सुनैना
शिवा पर अपना तन बदन प्यार सब न्योछावर करने को तैयार थी और शिवा सुनैना के साथ
दूसरी बार सुहागरात मनाने को तैयार था। शिवा ने पहले तो काफी देर तक सुनैना के साथ
काफी देर तक रोमांस किया, अपनी दुल्हन के एक एक अंग को
अपने चुम्बन से ठीक वैसे ही खीला रहा था, जैसे भंवरा का एक चुम्बन फूल को खिलने पर मजबूर कर देता है। रोमांस
करते करते शिवा ने सुनैना को पूरी तरह से न्यूड कर दिया और उसके बूब्स और निप्पल्स
को पहले तो काफी देर तक चूमा, फिर उसे काफी देर तक चूसता रहा। शिवा का हर एक चुम्बन सुनैना के बूब्स
को और भी ज्यादा टाइट कर रहा था और अब सुनैना ने शिवा से कहा कि वो अपना लंड उसकी
वजाइना में डाल दे। लेकिन शिवा ने सुनैना को कुछ देर और एक्साइटेड किया और फिर
अपना लंड उसकी वजाइना में डालकर उसे अपनी बाहों में उठाकर उसके साथ हार्डकोर सेक्स
करने लगा। सुनैना शिवा के हर स्ट्रोक्स पर जोर जोर से आँहें भरती, कभी आह्हः, कभी ओह्ह्ह। सुनैना को अब दर्द कम प्लेज़र ज्यादा
मिल रहा था, इधर शिवा की स्पीड
काफी तेज़ हो चुकी थी। फिर अचानक से जैसे ही शिवा का स्पर्म डिस्चार्ज हुआ, सुनैना को ओर्गास्म हो गया। सुनैना की वजाईना
शिवा के स्पेर्म्स से भर गयी थी और फिर शिवा और सुनैना सुकून के अनंत सागर में
गोते लगा रहे थे। कामसूत्र के चार अलग अलग तरह के सेक्स पोसिशन्स ट्राय करने के
बाद सुनैना अब कमज़ोर सी हो गयी और वो अपने पति की बाहों में सिकुड़कर सो गयी।
नेक्स्ट डे, सुनैना को अपने साथ लेकर शिवा ने गोवा के लिए
फ्लाइट ली। सुनैना को यकीन नहीं हो रहा था कि शिवा उसे उसी होटल के उसी रूम में
लेकर आया था, जिस होटल और उस रूम
को उसने जूही के साथ हनीमून के टाइम बुक किया था। सुनैना की अतीत के वो सारी यादें
ताज़ी हो गयी और वो फिर से सोचने बैठ गयी।
सुनैना सोचने लगी:
क्या दिन थे वो, कभी इसी होटल के इसी
रूम में मैंने जूही के साथ हनीमून सेलिब्रेट किया था। आज भी होटल का वही मैनेजर है
और वही स्टाफ हैं। लेकिन मैं अपनी पत्नी के बजाये अपने अपने पति के साथ उसकी पत्नी
बनकर इसी होटल के इसी रूम में हनीमून सेलिब्रेट करुँगी। या अल्लाह, कुछ तो रहम कर इस बंदे पर, क्या इससे भी बुरा होना लिखा है मेरे साथ?
इतने में शिवा
सुनैना को अपने साथ लेकर मार्किट चलने को रेडी था।
शिवा: किस सोच में
डूबी हो मेरी रानी!
सुनैना: कुछ नहीं,
बस ऐसे ही!
शिवा: सुनैना!
सुनैना: आपको पता है,
जब मैं मर्द थी और जूही के साथ हनीमून
मनाने आयी थी तब मैं इसी होटल ठहरी थी।
शिवा: कोई बात नहीं,
ये तो और भी अच्छा हुआ। तुम्हारी अतीत की
यादों पर वर्तमान ज्यादा हावी होगा और जब हम अगली बार गोवा आएंगे तो इसी होटल के
इसी रूम को बुक करेंगे। तब तुम मुझसे यही कहोगी कि इस होटल के इस रूम में तुमने
मेरे साथ जिंदगी के सबसे हसीं पल को जिया था।
सुनैना: इतना
पॉजिटिव कैसे सोच लेते हैं आप!
शिवा: अगर मैं
पॉजिटिव नहीं सोचता तो तुम मेरी रानी कैसे बनती सुनैना। अब चलो, गोवा आकर तुम साड़ी पहनकर मेरे साथ बीच पर घूमोगी
तो कैसा लगेगा।
सुनैना: मुझे साड़ी
पहननी पसंद है, इसी लिए तो मैं
सिर्फ साड़ियां ही लायी हूँ।
शिवा: लेकिन आज तुम
साड़ी नहीं पहनोगी, आज तुम मेरी पसंद की
ड्रेस पहनोगी, अब चलो।
फिर शिवा सुनैना को
मार्किट ले आया और उसके लिए ब्लैक मिनी स्कर्ट और हाई हील्स परचेस किया और कुछ
आर्टिफीसियल पेंडेंट्स और ज्वेलरी खरीदने के बाद दोनों पति पत्नी होटल आ गए।
सुनैना को यकीन नही हो रहा था कि होटल का वही मैनेजर और वही स्टाफ उसे मैडम कहकर
सम्बोधित कर रहे थे जो एक टाइम पर उसे सर कहकर सम्बोधित करते थे जब वो जूही के साथ
इस होटल में आयी थी।
थोड़ी देर बाद सुनैना
मिनी स्कर्ट में रेडी हुई, दोनों कानो में एअर रिंग्स और नाक में सोने की लौंग पहन ली जिसमे हीरा
जड़ा था। खुले बाल को समेटकर सुनैना ने जुड़ा बना लिया और हाई हील्स पहनकर अपने पति
शिवा के साथ बीच पर घूमने निकली। बीच पर हील्स में चला नहीं जा रहा था तो सुनैना
ने हील्स को उतार दिया और अपने हाथों में ले ली। हील्स उतारने के बाद शिवा के
सामने सुनैना और भी छोटी दिखने लगी, लेकिन शिवा को इससे फ़र्क़ नहीं पड़ा। शिवा सुनैना की पीठ पर हाथ रखकर
बीच की खूबसूरती को एन्जॉय किया। मिनी स्कर्ट में सुनैना थोड़ी अनकम्फर्टेबल थी
लेकिन अपने पति की ख़ुशी के लिए उसने अपने पति से इसके लिए एक बार भी शिकायत नहीं
की। मिनी स्कर्ट में सुनैना के बूब्स का काफी ज्यादा उभार साफ़ झलक रहा था और शिवा
अपनी पत्नी के सेक्सी लुक को काफी एन्जॉय कर रहा था। वैसे तो बीच पर काफी कपल्स घूम रहे थे और ज्यादातर कपल्स शॉर्ट्स और
बिकिनी में थे लेकिन शिवा और सुनैना इतने हॉट दिख रहे थे कि एक फोटोग्राफर खुद
चलकर आया और शिवा से एक फोटोसेशन की गुज़ारिश की। शिवा ने फोटोसेशन की इज़ाज़त
फोटोग्राफर ने शिवा और सुनैना की काफी हॉट तसवीरो को क्लिक किया। फोटोग्राफर के
रिक्वेस्ट पर शिवा ने सुनैना को सबके सामने लिप्सलॉक किस किया, फोटोग्राफर ने उनके इंटिमेट मोमेंट को काफी
सेंसुअल तरीके से क्लिक किया। शिवा ने फोटोग्राफर का नंबर लिया और उसे नेक्स्ट डे
के लिए बुक कर लिया। सुनैना को बहुत ही शाय फील हुआ, सबके सामने जब शिवा ने अपना हक़ जताते हुए उसे किस
किया, वो मोमेंट सुनैना के
दिल में बस गया। इधर शिवा भी फोटोसेशन को लेकर काफी एक्साइटेड था।
अगले चौदह दिन और
तेरह रातों में शिवा और सुनैना ने हनीमून को पूरी तरह से एन्जॉय किया। इन चौदह
दिनों में बारह दिन अलग अलग बीच पर, अलग अलग ड्रेसेस में शिवा और सुनैना ने फोटोसेशन भी करवाया और एक नाईट
फोटोसेशन भी करवाई जिसमे शिवा और सुनैना के इंटिमेट सीन्स को फोटोग्राफर ने
अपने डीएसएलआर में बखूबी कैद कर लिया।
हनीमून के पंद्रह दिन कैसे निकल गए, सुनैना और शिवा को पता भी नहीं चला, लेकिन इन पंद्रह दिनों में एक भी दिन ऐसा नहीं
गया जब शिवा ने सुनैना के साथ रोमांस नहीं किया हो और एक भी रात ऐसी नहीं गयी जब
शिवा ने सुनैना के साथ पूरी रात हार्डकोर तो कभी सेंसुअल सेक्स का मजा नहीं लिया
हो। फ्लाइट लेने से पहले फोटोग्राफर ने शिवा और सुनैना के फोटोज़ का एक
एल्बम और पुरे फोटोज की फाइल्स पेन ड्राइव में शिवा को दे गया।
हनीमून से वापिस आने
पर घर पर जुली और जैस्मिन सुनैना को हनीमून की कहानी सुनाने को बोल बोल कर छेड़ने
लगीं।
जैस्मिन: भाभी,
आपको पता है, आप हनीमून से वापिस आने के बाद कितनी खिल गयी हो।
बताइये न भाभी, भैया के साथ कहाँ
कहाँ घूमने गयीं, क्या क्या किया?
जुली: सुनैना भाभी,
भैया बता रहे थे कि गोवा की बीच काफी
खूबसूरत है। कौन कौन घूमने गयीं थी आप
भैया के साथ, बताओ ना!
जैस्मिन: नहीं भाभी,
पहले मैंने पूछा तो मेरे सवाल का जवाब दो।
भाभी, वैसे भैया ने आपको
ज्यादा परेशां तो नहीं किया ना!
इससे पहले कि सुनैना
कुछ कहती, कमरे में शिवा आ गया
और जुली और जैस्मिन शिवा को देखते ही कमरे से भाग गयीं।
शिवा: दोनों ने
ज्यादा परेशां तो नहीं किया ना?
सुनैना: उतना नहीं
जितना आपने गोवा में किया।
फिर दोनों मुस्कुराए
और शिवा ने सुनैना के साथ काफी देर तक रोमांस किया। शिवा और सुनैना की हैप्पी
मैरिड लाइफ आगे बढ़ने लगी थी, शिवा हर रोज़ सुनैना के साथ सेक्स करता और सुनैना हर रोज़ शिवा के
स्पेर्म्स को अपने अंदर लेकर चरमसुख को एन्जॉय करती। शिवा और सुनैना की शादी को एक
महीना से ज्यादा हो चला था, सुनैना के पीरियड्स का टाइम आ चूका था लेकिन पीरियड्स नहीं आने पर वो
घबराने लगी। शिवा ने ने कॉल करके ऑफिस से ही सुनैना के चेकअप के लिए लेडी डॉक्टर
को घर पर बुलवा लिया। लेडी डॉक्टर ने सुनैना का हेल्थ चेक किया और कमरे से बाहर आ
गयी।
सुनैना की सास: क्या
बात है डॉक्टर, मेरी बहु ठीक तो है
ना?
लेडी डॉक्टर: घबराने
की कोई बात नहीं है आंटी। खुशखबरी है, मुँह मीठा करवाइये, आपकी बहु अब गर्भवती है।
सुनैना की सास:
डॉक्टर आपने तो बड़ी अच्छी खबर सुनाई, ये लो आप कुछ पैसे हैं। मिठाई खरीद लेना।
सुनैना के गर्भवती
होने की खबर सुनकर सुनैना की सास बहुत खुश हुई और वो सीधे सुनैना के पास गयी। सुनैना
की सास ने उसके माथे को चूमा तो सुनैना एक पल के लिए चौंक गयी।
सुनैना की सास:
सुनैना, तुमने जो कुछ भी इस
परिवार के लिए किया है, कोई और यह कभी न कर
पाता। तुम्हारा दिल से शुक्रिया बहू। तुम्हारे जीवन में चाहे कितनी भी कठिनाइयां क्यों
न हो, हमेशा याद रखना कि
मेरा आशीर्वाद हमेशा तुम्हारे साथ है।
सुनैना: लेकिन मैंने
क्या किया माँ!
सुनैना की सास:
सुनैना, तुझे डॉक्टर ने नहीं
बताया कुछ!
सुनैना: नहीं,
वो तो मेरा चेकअप करके चली गयीं।
सुनैना की सास: हम्म,
सुनैना, तू मेरे शिवा के बच्चे की माँ बनने वाली है। तू
गर्भवती है बहु और मुझे तुम्हारे और शिवा के इस समझदारी भरे फैसले पर बहुत ख़ुशी
है।
सुनैना: माँ,
ये क्या बोल रही हैं आप, मैं गर्भवती कैसे हो सकती हूँ।
सुनैना की सास: वो
तू तुम और शिवा जानो। मुझे तो एक पोता दे दे बस, मुझे और कुछ नहीं चाहिए।
सुनैना की सास के
मुँह से अपने गर्भावस्था की खबर सुनकर सुनैना हतप्रभ थी। सुनैना को समझ नहीं आ रहा
था कि इतनी जल्दी ये सब कैसे हो गया। शाम को जब शिवा घर पर आया तो उसकी माँ ने उसे
सुनैना की गर्भावस्था के बारे बताया तो वो ख़ुशी से झूम उठा।
शिवा कमरे में आया
और सुनैना उसे देख शर्माने लगी। शिवा ने सुनैना का चेहरा अपनी तरफ उठाया और उसके
होंठ पर प्यारा सा किस किया।
शिवा: यु डोंट नो सुनैना, तुमने मुझे कितनी बड़ी ख़ुशी दी है आज। आई एम् सो हैप्पी, देखो अब तुम गर्भवती हो तो ज्यादा वेट उठाना मत, काम कम करना और ज्यादातर टाइम अच्छी अच्छी चीज़ें पढ़ना। माँ तुम्हारा अच्छे से ख्याल रखेगी लेकिन तुम्हे भी अपना उतना ही ख्याल रखना है सुनैना। आई कैंट बिलीव इट, मेरी रानी की कोख में मेरा बच्चा पल रहा है। इससे खूबसूरत पल और क्या हो सकता है। आई एम् सो हैप्पी सुनैना, आई लव यु।
सुनैना: आई लव यु टू
लेकिन इसके लिए मैं रेडी नहीं थी।
शिवा: कोई बात नहीं
मेरी जान! अब तुम गर्भवती हो तो ज्यादा सोचो मत और आराम करो।
शिवा के बच्चे को
अपनी कोख से जन्म देने के बाद सुनैना शिवा के सामने जाने में शर्माने लगी थी।
सुनैना के माँ बनने के बाद भी उसकी सास ने उसका भरपूर ख़याल रखा और अपने पोते के
साथ अपना अधिकतर समय स्पेंड करती। इधर छह महीने होने को था और सुनैना को शिवा के
साथ सेक्स किये पंद्रह महीनों से ज्यादा का टाइम हो गया था। सुनैना शिवा के सामने
पहले की तरह सेक्स करने के लिए बेताब थी और शिवा चाहता था कि सुनैना पहले की तरह
नार्मल हो जाये, फिर वो उसके साथ
सेक्स करेगा। लेकिन सुनैना की बॉडी में हल्का ढीलापन आ गया था, जिसके बाद सुनैना अपने पति के साथ जाकर उसी
डॉक्टर से मिली जिसके पास उसने अपनी सेक्स चेंज सर्जरी करवाई थी। डॉक्टर ने एक
हफ्ते लगातार सुनैना को एक मशीन में दिन के पांच घंटे सुलाया जाता और मशीन को ऑन
कर दिया जाता। एक हफ्ते बाद सुनैना के जिस्म में पहले जैसी कसावट आ गयी थी और
बच्चे को जन्म देते समय जो इंटरनल ऑर्गन्स इधर उधर हो जाते हैं, वे भी वापिस अपने पोजीशन में सेट हो चुके थी। एक
हफ्ते बाद सुनैना अपने बेटे को सुलाकर कमरे में आयी, तो कमरा मोगरे के फूलों की खुशबु से बहुत अच्छा
स्मेल कर रहा था। सुनैना ने बेड पर एक बेबीडॉल ड्रेस रखा देखकर बहुत खुश हो गयी और
बिना देर किये वो बेबीडॉल ड्रेस पहनकर रेडी हो गयी। सुनैना के बूब्स पहले से
ज्यादा बड़े और सुडौल दिख रहे थे वहीँ शिवा भी कमरे को लॉक करके अंदर आ गया। शिवा
ने पहली बार डॉटेड कंडोम पहनकर सुनैना के साथ पांच राउंड हार्डकोर सेक्स किया,
जिसके बाद सुनैना बेसुध हो गयी। तेरह
महीनो बाद शिवा के साथ सेक्स करने में सुनैना को उतना ही मजा आया जितना फर्स्ट
टाइम सेक्स के दौरान मजा आया था।
कुछ दिनों के बाद शिवा, सुनैना, अपने बेटे और अपनी माँ के साथ पटना घुमाने ले आया और पटना आने के बाद सुनैना ने पहली बार शिवा के हवेली जैसे घर में गृहप्रवेश किया। अपने ससुराल में सुनैना नेक्स्ट तीन मंथ्स रही। सुनैना ने अपनी सास के कहने पर अपने पति शिवा के लिए करवाचौथ का व्रत भी रखा। उस दिन सुनैना एक बार फिर से दुल्हन की तरह सजधज कर घूँघट करके औरतों के बैठी करवाचौथ के ब्रैट की महत्वता की कहानी सुन रही थी। रात हुई और चाँद निकला तब शिवा सुनैना को पानी पिलाकर उसका व्रत तुड़वा रही थी, तब सुनैना को इतना वीकनेस हुआ कि वो शिवा की बाहों में ही झूल गयी। शिवा ने सुनैना को अपनी बाहों में उठाया और कमरे में ले आया और अपनी दुल्हन को अपने हाथों से डिनर करवाया और उसका फ़ास्ट तुड़वाया। सुनैना का ये पहला करवाचौथ था और अपने पति के लिए उपवास रखना और अपने पति के हाथों उपवास तुड़वाना सुनैना के लिए बहुत ही सुखद पल था।
दिवाली भी सुनैना ने लाइफ में पहली बार सेलिब्रेट किया अपने पुरे परिवार के साथ, जहाँ सभी खुश थे। दिल्ली वापिस आने से पहले सुनैना ने अपनी सास के साथ बिहार का पोलुलर त्यौहार मनाई जिसे छठ कहते हैं। तीन दिनों के उपवास के बाद सूर्य और अर्घ्य देना और अपने परिवार, घर के बच्चे और अपने पति की सलामती की दुआ करने के बाद छठ पर्व का समापन हुआ। सुनैना अपनी सास के साथ बहुत खुश थी क्यूंकि उसकी सास उसका बहुत ख्याल रखती। इधर दिल्ली वापिस जाने का प्लान बन चूका था, सुनैना चाहती थी कि उसकी सास भी उसके साथ जाये, लेकिन सुनैना की सास ने कहा कि वो फिर आ जाएगी और जैस्मिन को सुनैना की देखभाल करने साथ भेज दिया। दिल्ली आने के बाद, पुरे दिन फैक्ट्री के काम के बाद जब शिवा घर लौटता तब उसकी पत्नी सुनैना और बच्चे की चहचहाहट सुनकर उसके चेहरे पर ख़ुशी छा जाती। सुनैना अपने पति और बच्चे के साथ एक प्रॉपर हाउसवाइफ की लाइफ जी रही है जो पुरे दिन अपने पति के सजती संवारती है। अपने पति की तीज, करवाचौथ और छठ जैसे पर्व में शामिल होती है और अपने बच्चे के लालन पालन की जिम्मेदारी संभालती है।शायद सुनैना का ये
सफर कुछ और ही दिशा में जाता। शायद सुनैना आज कोई और लाइफ जी रही होती। पैसे और
कामयाबी का घमंड बहुत ख़राब होता है। शायद सुनैना बनने से पहले शफ़ीक़ इस बात को समझ
जाता तो वो अपने बीवी बच्चे के साथ खुशहाल जीवन बिता रहा होता। लेकिन शफ़ीक़ इस बात
नहीं समझा, अपनी पत्नी जूही को
हमेशा उपेक्षित करता रहा तो आज देखो, मर्द से औरत बनना, शफ़ीक़ से सुनैना बनना और शिवा की दुल्हन बनकर हाउसवाइफ वाली जिंदगी
जीना, बस यही सुनैना का
भविष्य बन चूका था। और सुनैना अपने इस वर्तमान को अपना अस्तित्व मानकर अपने पति और
बच्चे की सेवा में लगी थी। शिवा एक भी दिन सुनैना को अकेला नहीं छोड़ता, वो कंडोम यूज़ करता और सुनैना के साथ रोज़ हार्डकोर
सेक्स करता। सुनैना भी शिवा के प्यार को
पाकर तृप्त हो चुकी थी और अब वो भी अपने पास्ट को भुलाकर वर्तमान में जी रही
थी।
समाप्त !
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