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Vicky & Amit Part - Final

3 महीने कब बीत गए किसी को पता भी नही चला।

आज करवाचौथ का दिन था, विक्की और अमित ने अपने सास ससुर के कहने पर अपने अपने पतियों के लिए निर्जल व्रत रखा। रुपेश और संजीत ने डिसाइड किया कि अमित और विक्की का पहला करवाचौथ साथ मे मनाएंगे, लेकिन घरवाले राज़ी नही हुए।

एक तरफ अमित को उसकी ननद ने लाल रंग का हैवी लहँगा पहनाया, गोल्डन कलर की डीप नैक स्ट्रेचिंग चोली, हाथों और पैरों में मेहंदी अप्लाई किया। आंखों में मोटा गहरा काजल, चेहरे पर फाउंडेशन, होंठों पर डार्क लाल लिपस्टिक, माथे पर एक बड़ी सी बिंदी और भौं पर छोटी छोटी बिंदियों से सजाया, कलाइयों में लाल चूडियों के 2-2 सेट, सोने के कंगन, 5 अंगुठियों वाला ब्रेसलेट, नेल्स पर लाल नेल पॉलिश, पैरों के नाखूनों पर भी सेम लाल नेल पॉलिश, पैरों की पांचों उंगलियों में चांदी के बिछुआ और हैवी पायल। एक कमरबंद, बाजूबंद, कानों में कंधों तक को छू जाने वाले बड़े बड़े झुमके, माथे पर हैवी मांगटीका और मांग में संजीत के नाम का सिंदूर, गले में 3 तरह के सोने के हार और मंगलसूत्र, और एक बड़ा सा नथ जो काफी डिज़ाइनर और काफी हैवी था, नाक में पहना दिया और उसका चेन झुमके से जोड़ दिया। आखिर में एक कढ़ाईदार ओढ़नी जो मध्यम साइज की थी उससे घूँघट बना दिया। अमित के सास ससुर आये तो अमित ने उन दोनों के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया और अपनी ननद के साथ बैठ कर बातें करने लगा। इधर विक्की की ननद ने भी उसे तैयार किया। विक्की की ननद ने उसे लाल रंग की शिफॉन साड़ी, सिल्वर रंग की छोटी स्ट्रेचिंग बैकलेस चोली पहनाया। आंखों में काजल, होंठों पर ग्लॉसी लाल क्रीम लिपस्टिक, माथे पर बिंदिया और भौं को छोटी छोटी बिंदी से सजाया, गालो पर फाउंडेशन, हाथों और पैरों में काफी ऊपर तक मेहंदी अप्लाई किया। कलाइयों में लाल चूडियों के 3-3 सेट, सोने के कंगन, 5 अंगुठियों वाला ब्रेसलेट, नेल्स पर लाल नेल पॉलिश, पैरों के नाखूनों पर भी सेम लाल नेल पॉलिश, पैरों की पांचों उंगलियों में चांदी के बिछुआ और चांदी की हैवी पायल। एक कमरबंद कमर में और बाजू में बाजूबंद, कानों में कंधों तक को छू जाने वाले बड़े बड़े झुमके, माथे पर हैवी मांगटीका और मांग में रूपेश के नाम का सिंदूर, गले में 3 तरह के सोने के छोटे, मध्यम और बड़ा हार और मंगलसूत्र, और एक बड़ा सा राजस्थानी नथ जो काफी डिज़ाइनर और काफी हैवी था, नाक में पहना दिया और उसका चेन झुमके से जोड़ दिया। आखिर में साड़ी के पल्लू से विक्की का घूँघट बना दिया। विक्की के तैयार हो जाने पर उसके सास ससुर उसके पास आये तो विक्की ने अपना घूँघट ठीक किया और उनसे आशीर्वाद लिया।

"सदा सुहागिन रहो बहु, जग जग जियो, मुह दो नहाओ, पूतो फलो। आज तो मेरी बहु बेहद खूबसूरत दिख रही है।", विक्की की सास ने उसे आर्शीवाद देते हुए कहा।

"वैसे भाभी को इतनी खूबसूरती से सजाया है मैंने और सारा क्रेडिट भाभी को मिल गया।", रिंकी बोली।

"अरे मेरी गुड़िया, तू भी तैयार हो जा ना, आज तू भी व्रत रख ले, क्या पता तुझे भी एक हैंडसम से पति मिल जाये।", विक्की की सास ने रिंकी से कहा।

"ये व्रत वगैरह मुझसे यो ना हो पायेगा, भाभी ने रख लिया ना। वैसे भी ये व्रत मैं क्यों रखु, विक्की भाभी तो अपने पति के लिए रख रही हैं।", और वहां से चली गयी।

" बहु, मेरे पास बैठ। मैं तुझे करवाचौथ की कहानी सुनाती हूँ।", विक्की की सास ने उसे पास बिठाया और कहानी शुरू की।

बहुत समय पहले इन्द्रप्रस्थपुर के एक शहर में वेदशर्मा नाम का एक ब्राह्मण रहता था। वेदशर्मा का विवाह लीलावती से हुआ था जिससे उसके सात महान पुत्र और वीरावती नाम की एक गुणवान पुत्री थी। क्योंकि सात भाईयों की वह केवल एक अकेली बहन थी जिसके कारण वह अपने माता-पिता के साथ-साथ अपने भाईयों की भी लाड़ली थी। जब वह विवाह के लायक हो गयी तब उसकी शादी एक उचित ब्राह्मण युवक से हुई। शादी के बाद वीरावती जब अपने माता-पिता के यहाँ थी तब उसने अपनी भाभियों के साथ पति की लम्बी आयु के लिए करवा चौथ का व्रत रखा। करवा चौथ के व्रत के दौरान वीरावती को भूख सहन नहीं हुई और कमजोरी के कारण वह मूर्छित होकर जमीन पर गिर गई।

सभी भाईयों से उनकी प्यारी बहन की दयनीय स्थिति सहन नहीं हो पा रही थी। वे जानते थे वीरावती जो कि एक पतिव्रता नारी है चन्द्रमा के दर्शन किये बिना भोजन ग्रहण नहीं करेगी चाहे उसके प्राण ही क्यों ना निकल जायें। सभी भाईयों ने मिलकर एक योजना बनाई जिससे उनकी बहन भोजन ग्रहण कर ले। उनमें से एक भाई कुछ दूर वट के वृक्ष पर हाथ में छलनी और दीपक लेकर चढ़ गया। जब वीरावती मूर्छित अवस्था से जागी तो उसके बाकी सभी भाईयों ने उससे कहा कि चन्द्रोदय हो गया है और उसे छत पर चन्द्रमा के दर्शन कराने ले आये। वीरावती ने कुछ दूर वट के वृक्ष पर छलनी के पीछे दीपक को देख विश्वास कर लिया कि चन्द्रमा वृक्ष के पीछे निकल आया है। अपनी भूख से व्याकुल वीरावती ने शीघ्र ही दीपक को चन्द्रमा समझ अर्घ अर्पण कर अपने व्रत को तोड़ा। वीरावती ने जब भोजन करना प्रारम्भ किया तो उसे अशुभ संकेत मिलने लगे। पहले कौर में उसे बाल मिला, दुसरें में उसे छींक आई और तीसरे कौर में उसे अपने ससुराल वालों से निमंत्रण मिला। पहली बार अपने ससुराल पहुँचने के बाद उसने अपने पति के मृत शरीर को पाया। अपने पति के मृत शरीर को देखकर वीरावती रोने लगी और करवा चौथ के व्रत के दौरान अपनी किसी भूल के लिए खुद को दोषी ठहराने लगी। वह विलाप करने लगी। उसका विलाप सुनकर देवी इन्द्राणी जो कि इन्द्र देवता की पत्नी है, वीरावती को सान्त्वना देने के लिए पहुँची। वीरावती ने देवी इन्द्राणी से पूछा कि करवा चौथ के दिन ही उसके पति की मृत्यु क्यों हुई और अपने पति को जीवित करने की वह देवी इन्द्राणी से विनती करने लगी। वीरावती का दुःख देखकर देवी इन्द्राणी ने उससे कहा कि उसने चन्द्रमा को अर्घ अर्पण किये बिना ही व्रत को तोड़ा था जिसके कारण उसके पति की असामयिक मृत्यु हो गई। देवी इन्द्राणी ने वीरावती को करवा चौथ के व्रत के साथ-साथ पूरे साल में हर माह की चौथ को व्रत करने की सलाह दी और उसे आश्वासित किया कि ऐसा करने से उसका पति जीवित लौट आएगा।

इसके बाद वीरावती सभी धार्मिक कृत्यों और मासिक उपवास को पूरे विश्वास के साथ करती। अन्त में उन सभी व्रतों से मिले पुण्य के कारण वीरावती को उसका पति पुनः प्राप्त हो गया। इस व्रत के लिए पतिव्रता और सुहागिन स्त्रियां साल भर इंतज़ार करती हैं। आज का दिन तेरे लिए भी बहुत खास है बहु, क्योंकि ससुराल में आज तेरा पहला कवचौथ है।

विक्की चुपचाप अपनी सास से करवाचौथ की कहानी सुन रहा था। सुबह से कब शाम हो गया पता भी नही चला। अमित की सास ने भी उसे करवाचौथ की यही कहानी सुनाई। अमित और विक्की का भूख से बुरा हाल था और उनकी सास ने उन्हें पानी भी पीने के लिए मना कर रखा था। सुबह से नाक में नथ पहने पहने विक्की और अमित के नाक में दर्द हो रहा था, और नथ का बार बार होंठों से टकराना, चलने पर पैरों में पायल की छन छन की आवाज़ें, और उन्हें चक्कर भी रहा था। विक्की और अमित अपने अपने सास की निगरानी में घूँघट में अपना चेहरा छिपाए किसी तरह खुद को संभाले हुए अपने नसीब को कोस रहे थे। जब विक्की और अमित मर्द हुआ करते थे तब वो कितने आजाद थे, किसी तरह की कोई मजबूरी नही थी और दोनों की गर्लफ्रेंड्स जिनके साथ शादी कर कर अपनी पत्नी बनाने का सपना देखते थे। लेकिन एक आज का दिन है जब विक्की और अमित खुद को इतना मजबूर और असहाय कभी नही समझा। आज विक्की और अमित दोनों ने अपने पति की लंबी उम्र के लिए एक पतिव्रता स्त्री की भांति करवाचौथ का निर्जल व्रत रखा है। सुबह से घूँघट में अपने चेहरे को छुपाये, चाँद के निकलने और अपने अपने पति के जल्दी आने की राह देख रहे थे। विक्की और अमित के ससुराल के आस पास की औरतें भी रात होने पर वहां गईं और एक तरफ अमित और दूसरी ओर विक्की को उसके ससुराल के आस पड़ोस की महिलाएँ घेर कर बैठ गयी और बातें करने लगीं। विक्की और अमित ने सुबह से कुछ भी नही खाया था, यहां तक कि पानी भी नही पिया था। दोनों के शरीर मे कमज़ोरी का अहसास हो रहा था, घूँघट के बाहर चेहरा निकालने के लिए उनकी सास ने मना किया था। थोड़ी देर में संजीत और रूपेश तैयार होकर अपने अपने घर के कमरे में बैठे एक दूसरे से चैटिंग कर रहे थे, इधर चाँद अभी तक नही निकला था। छत पर आस पड़ोस की औरतों के बीच बातें हो रही थीं।

"विक्की बहु का पहला करवाचौथ है आज और देखो जरा चाँद निकलने को तैयार नही।", एक औरत बोली।

"हां, कह तो सही रही हो आप, लेकिन भगवान दुल्हन की पतिव्रत धर्म की परीक्षा ले रहे हैं।", दूसरी औरत बोली।

"हमारी विक्की दुल्हन पतिव्रता है, तभी तो देखो कितनी शांत बैठी है, इतने सब्र से।", पहली औरत बोली।

"विक्की बहु, तुम भी तो कुछ बोलो। आज तुमने अपने पति के लिए करवाचौथ का व्रत रखा है। कैसा लग रहा है तुम्हे?", दूसरी औरत ने विक्की से पूछा।

"जी, मैंने इतना लंबा उपवास कभी नही रखा, कमज़ोरी हो रही है और चक्कर भी रहा है।", विक्की बोला।

"हाहाहाहा, पहली बार है ना, इसीलिए तुम्हे चक्कर रहा है बिटिया।", दूसरी औरत हँसते हुए बोली।

थोड़ी देर बाद चाँद निकल आया। सभी लेडीज़ की तरह विक्की ने चाँद को देखने के बाद रूपेश को देखकर अपना व्रत खोला। उधर अमित ने भी लेडीज के जैसे पहले चाँद को देखा और फिर संजीत को। विक्की और अमित ने व्रत खोलने के बाद अपने अपने पति के हाथों से जल ग्रहण किया। जल ग्रहण करने के बाद विक्की ने रूपेश के पैर छूकर अपने पति से आशीर्वाद लिया और अमित ने संजीत के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। पहली बार निर्जल व्रत करने के कारण कमज़ोरी महसूस हो रहा था और 2 कदम चलना अब मुश्किल हो रहा था। रूपेश और संजीत ने अपनी अपनी पत्नी को अपनी गोद मे उठा लिया और अपने अपने कमरे में पहुचे और अपनी अपनी पत्नी को बिस्तर पर लिटा दिया। फिर रूपेश ने विक्की को और संजीत ने अमित को अपने हाथों से खाना खिलाया। आज अपने अपने पति के हाथों से खाना खाते समय अमित और विक्की की आंखें भर आयी, और दोनों इमोशनल हो गए। खाना खाने के बाद संजीत और रूपेश ने भी अमित और विक्की से कहा कि वो उन्हें अपने हाथों से खाना खिला दे। विक्की और अमित शर्माते हुए अपने अपने पति को खाना खिला रहे थे। रूपेश और संजीत के खाना खा लेने के बाद अमित और विक्की ने दोनों का हाथ धुलवाया और किचन में जाकर बर्तन सिंक में रखकर कमरे में वापिस आये। इस बात से अनजान कि स्काइप पर संजीत और रूपेश अभी भी ऑनलाइन थे और लैपटॉप भी ऐसा रखा था जिसमें सबकुछ साफ नजर रहा था। जब विक्की और अमित कमरे में वापिस आये तब बिना देर किए संजीत और रूपेश ने उन्हें उठाकर बिस्तर पर लिटा दिया और रात भर रूपेश ने विक्की के साथ और संजीत ने अमित के साथ हार्डकोर सेक्स किया, ब्लोजॉब और ऎस फकिंग का पूरा मज़ा लिया। विक्की और अमित को इन सब का आदत हो गया था और हल्का हल्का मज़ा दोनों को भी आने लगा था। विक्की और अमित रात भर आआह, ओह्ह कर रहे थे, और रूपेश और संजीत और भी एक्साइटेड में 8 राउंड सेक्स किया। सुबह अमित के वजाइना में संजीत का लन्ड था और संजीत अमित के ऊपर लेटा था। वही विक्की के वजाइना के अंदर रूपेश का लन्ड और अपने पति के सीने पर सर रखकर सोया हुआ था। विक्की और अमित सुबह जागे, फ्रेश हुए, साड़ी पहना, नथिया पहना, घूँघट किया और घर के काम में लग गए। दिन महीने गुज़र गए। विक्की और अमित को याद भी नही था कि उनके पर्स में आज भी फ्रैंक का दिया वो अंगूठी है, जिसे पहनकर वो ब्लैक मैजिक से 3 बार मर्द बन सकते थे। अगले दिन संजीत और रूपेश ने मिलने का फैसला किया और दोनों चंडीगढ़ सेक्टर 16-17 के मार्केट में मिले।

"हे रूपेश, कल रात तो बहुत मज़ा आया।", संजीत बोला।

"हां संजीत, यार एक बात बताओ, अपना स्काइप तो रात भर ऑनलाइन था। जो मैंने किया वो तुमने देखा और जो तुमने किया वो मैंने। कल रात तो विक्की का भी जवाब नही, ऐसा लग रहा था जैसे लड़कियां मॉनिंग करती हैं, ठीक वैसे ही विक्की भी मॉनिंग कर रही थी। और जितना मॉनिंग करती, उतना ही मज़ा रहा है।", रूपेश बोला।

"अच्छा, ये सब छोड़ यार, अब ये बता बैंकॉक कब चलना है। वो टिकट्स जो हमने जीते थे, उसका वैलिडिटी भी खत्म हो जाएगा।", संजीत बोला।

"तुम जब कहो दोस्त, मेरा दोस्त है ना पप्पू,वो तो चलने को तैयार है, तुम भी देख लो, अगर कोई दोस्त है तो, उसे भी ले चलेंगे।", रुपेश बोला।

"मेरी बहन का एक दोस्त है, सौरभ, वो वहां जाने को तैयार है। अब 4 लोग हो गए तो बताओ कब चलना है?", संजीत बोला।

"नेक्स्ट वीक चलते हैं, क्या बोलते हो!", रुपेश बोला।

"ओके ब्रो, और बताओ घर मे सब कैसे हैं?", संजीत बोला।

"घर मे सभी अच्छे हैं, तुम बताओ तुम्हारे घर मे सब कैसे हैं!", रूपेश बोला।

"सब अच्छे हैं, मैने तो सोचा था कि कल करवाचौथ पर, फिर से वाइफ स्वैपिंग का मज़ा लेते।", संजीत बोला।

"छोड़ो यार, कोई बात नही। ऐसा थोड़े ही ना है कि हमे दुबारा मौका नही मिलेगा। अभी 15 दिन और 14 रातें लगातार नए नए शीमेल, लड़कियां , कमसिन कलियों का लुफ्त उठाएंगे।", रुपेश बोला।

"दूर के ढोल सुनने में काफी अच्छे लगते हैं रूपेश। अब सोमवार को निकलते हैं, क्या कहते हो?", संजीत बोला।

"हहम्म, सही बात है संजीत, चलो फिर सोमवार को चलें?", रूपेश बोला।

"सौरभ और पप्पू को कॉल कर देना, वो दोनों भी चलेंगे। वैसे मैं सोच रहा हूँ कि मुम्बई शिफ्ट हो जाऊं।", संजीत बोला।

"अरे वाह, मैं भी मुंबई शिफ्ट हो जाता हूँ। एक काम करो, 3 बी एच के फ्लैट देख लो, दोनों साथ मे शिफ्ट हो जाते हैं।", रूपेश बोला।

"यार रूपेश, मुझे पता है तुम मुम्बई क्यों शिफ्ट करना चाह रहे हो। तुम्हारी बीवी, मेरी बीवी और क्या चाहिए।", संजीत बोला।

"हाहाहाहा, तुम भी....", रूपेश हंसते हुए बोला।

"ठीक है, फिर बैंकॉक से वापिस आकर शिफ्ट करते हैं।", संजीत बोला।

"मैं क्या बोल रहा हूँ। वहां जाने से पहले ही शिफ्ट कर लेते हैं।", रूपेश बोला।

"जैसा ठीक समझो।", संजीत बोला।

कुछ दिनों बाद रुपेश और संजीत अमिता और विक्की के साथ एक फोर बीएचके फ्लैट में शिफ्ट हो गए। अब आये दिन रुपेश और संजीत वाइफ स्वैपिंग करते। कभी फोरसम तो कभी बीडीएसएम, सेक्स के हर पोसिशन्स के साथ अब विक्की के साथ कभी संजीत हार्डकोर सेक्स करता तो कभी अमिता के साथ रुपेश हार्डकोर सेक्स करता। विक्की और अमिता भी रोज़ रोज़ के हस्बैंड स्वैपिंग से परेशां होकर लेस्बियन सेक्स एन्जॉय करने लगी। लाइफ हमेशा एक जैसा नहीं रहता, सेक्स अब चारो के लिए एंटरटेनमेंट बन चूका था। मुंबई शिफ्ट होने के बाद विक्की ने जिम ज्वाइन किया और अमिता को भी अपने साथ जिम ज्वाइन करवा दी। दोनों रोज़ जिम जतिन और कुछ ही दिनों में दोनों ने अपना फिगर मेन्टेन कर लिया। रुपेश और संजीत अपने दो दोस्तों के साथ बैंकॉक के ट्रिप पर निकल गए वही विक्की और अमिता को एक बार फिर से बॉलीवुड में काम करने का ओप्पोरच्युनिटी मिल गया और कुछ ही दिनों में अमिता और विक्की वेब सीरीज एक्ट्रेस बन कर उभर कर सामने आयीं।

 

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