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Sex Change Transformation Story of Bad boy and his goon brothers

साल २०१५,  बहुत ही हसीं शाम, कार्टर बीच रोड के पास रेस्टोरेंट (बरिस्ता) में, राहुल सिंह अपनी गर्लफ्रेंड नेहा पवार के साथ प्यार भरी बातें कर रहा था। एक दूसरे को अपने हाथों से स्नैक्स खिलाते तो कभी एक दूसरे की बाहों में मुस्कुराते हुए समा जाते। मुंबई जैसे शहर में ये सब आम बातें हैं, लड़के लड़कियों के बीच खुलेआम प्यार करना, कहीं भी किस कर लेना और समुद्र किनारे पत्थरों के पीछे एक दूसरे में यूँ समा जाना, ये सब आम बात है। नेहा को उसके घर से पहले ड्राप करके राहुल जैसे ही आगे बढ़ा, उसकी फ़ोन की घंटी बज उठी।

राहुल, “हाय रोज़ी डार्लिंग, मैं रस्ते में ही हूँ। मेरी जान के लिए रोज खरीद रहा था!”

रोज़ी, “जल्दी आ जाओ, प्लीज्!”

उसके बाद राहुल अपनी दूसरी गर्लफ्रेंड रोज़ी के पास पहुंचा। रोज़ी के घर पर आज कोई नहीं था। रोज़ी राहुल के प्यार में इतनी पागल थी कि उसने भी बिना कुछ सोचे समझे राहुल को अपने घर पर नाईट स्टे करने के लिए राज़ी कर लिया। राहुल बहुत खुश था, आखिर उसे पूरी रात अपने साथ रहने का इनविटेशन फ्री फण्ड में जो मिल गया था। राहुल ने अपने फ़ोन से कुछ १० नंबर्स पर मैसेज किया कि वो उन सभी से कल बात करेगा और फ़ोन ऑफ कर लिया। इधर रोज़ी के घर पर राहुल पहली बार गया था। मुंबई में रोज़ी के जैसे घर की कीमत अरबों से कम नहीं होगी, मुंबई के बहुत बड़े बिजनेसमैन की इकलौती बेटी रोज़ी बहुत ही भोली भाली और स्ट्रैट फॉरवर्ड लड़की थी जिसे राहुल की सादगी ने मोहित कर लिया था। पुरे विला में कोई भी नहीं था, गेट के बाहर कुछ सिक्योरिटी गार्ड्स थे, जिन्हे रोज़ी ने समझा रखा था। राहुल जब रोज़ी के कमरे में गया तो उसने देखा कि जिस बिस्तर पर रोज़ी सोती है, वो कितना सॉफ्ट है।

रोज़ी, “बेबी, आप फ्रेश हो जाओ, मैं कुछ स्नैक्स लेकर आती हूँ।”

राहुल को वाशरूम का रास्ता दिखाकर रोज़ी स्नैक्स लेने किचन में चली गयी। रोज़ी के वाशरूम में भी चारो तरफ मिरर और बड़ा सा बाथटब रखा हुआ था। राहुल को ५ स्टार होटल जैसा फील हो रहा था, जब राहुल वाशरूम से फ्रेश होकर बाहर आया तब उसने सिर्फ एक पिंक टॉवल को अपनी कमर में लपेटा हुआ था और तभी रोज़ी भी स्नैक्स और कोल्ड ड्रिंक्स का ट्रे लेकर कमरे में दाखिल हुई। एक तरफ रोज़ी बेबीडॉल ड्रेस में थी तो दूसरी तरफ राहुल सिर्फ टॉवल में। रोज़ी ने ट्रे को बिस्तर पर रखा और राहुल ने रोज़ी को अपनी बाहों में समेट लिया।

रोज़ी, “ये क्या क्र रहे हो राहुल, छोड़ो मुझे!”

राहुल, “ऐसे कैसे छोड़ दूँ मेरी जान!”

रोज़ी, “नहीं राहुल, मुझे अकेले सोने में डर लगता है, सिर्फ इसीलिए आज की रात मैंने तुम्हे यहाँ रुकने को कहा था।”

राहुल, “दो साल से हमदोनो एकसाथ हैं रोज़ी, फिर भी मेरे पास आने से तुम घबरा रही हो?”

रोज़ी, “नहीं राहुल, मुझे तुम्हे कुछ बताना भी है।”

राहुल, “बताओ!”

रोज़ी, “वो क्या है ना, पापा मेरी शादी अपने बचपन के दोस्त के बेटे रौशन मल्होत्रा के साथ कर देना चाहते हैं !”

राहुल, “तुम क्या चाहती हो रोज़ी!”

रोज़ी, “मैंने तो अपना सबकुछ मेरे राहुल को दे दिया है, लेकिन अपने माँ बाप की मर्ज़ी के बिना मैं तुमसे शादी नहीं कर सकती।”

राहुल, “ठीक है, मैं समझ गया। ठीक है रोज़ी, तुम एन्जॉय करो , मैं जाता हूँ!”

रोज़ी, “राहुल, गुस्सा मत हो प्लीज्! आई लव यु बेबी!”

राहुल, “नो यु डोंट!”

रोज़ी, “आई लव यु राहुल! अच्छा इधर देखो मेरी तरफ, देखो ना बेबी!”

राहुल, “हम्म!”

रोज़ी, “तुम्हे मेरा फिगर कैसा लगता है?”

राहुल, “काफी सेक्सी हो रोज़ी, बहुत ही खुशनसीब होगा तुम्हारा होने वाला पति!”

रोज़ी, “लेकिन मैं आज तुम्हे अपना जिस्म सौंपना चाहती हूँ! मैं तुम्हारे बच्चे को अपनी कोख में पालूंगी, इस जिस्म पर सिर्फ और सिर्फ तुम्हारा हक़ है राहुल!”

राहुल, “नहीं रोज़ी, जब तुम मुझसे शादी ही नहीं करना चाहती तो मेरे बच्चे को अपनी कोख में पालकर दुनिया भर की प्रतारणा क्यों झेलोगी?”

रोज़ी, “नहीं राहुल, मैं वर्जिन हूँ और मैं अपनी वर्जिनिटी सिर्फ और सिर्फ तुम्हे सौंपना चाहती हूँ। आज की रात ऐसी बना दो कि मैं पूरी जिंदगी भूल ना पाऊं राहुल!”

राहुल अंदर ही अंदर काफी खुश था, आखिर उसे बिना मांगे सबकुछ मिल गया था। रोज़ी तो वर्जिन थी लेकिन राहुल ने ना जाने कितनी ही लड़कियों के साथ सेक्स किया था इसकी कोई गिनती नहीं थी। राहुल ने रोज़ी को बिस्तर पर पटक दिया और उसके ऊपर आकर उसके साथ रोमांस करने लगा। रोज़ी के साथ रोमांस करते समय राहुल का टॉवल अचानक से खुल गया और उसका बड़ा सा लंड देखकर रोज़ी डर गयी। राहुल ने रोज़ी को समझाया कि ब्लोजॉब कैसे करते हैं और रोज़ी ने लाइफ में पहली बार किसी मर्द के लंड को अपने होंठों से चूमा। अजीब सा स्मेल आने पर रोज़ी ने राहुल से कहा कि उससे ब्लोजॉब नहीं हो पायेगा। लेकिन एक्साइटमेंट में राहुल ने उसकी एक नहीं सुनी और रोज़ी के बालों पर पकड़कर उसे जबरदस्ती ब्लोजॉब देने लगा। रोज़ी को अपनी गलती का एहसास हो गया कि राहुल कितना वेह्शी है। लगभग  १० मिनट्स के ब्लोजॉब के बाद राहुल ने अपने स्पेर्म्स को रोज़ी के मुँह के अंदर ही डिस्चार्ज कर दिया।

रोज़ी, “ये सब क्या है राहुल, तुम मेरे साथ ऐसा कैसे कर सकते हो?”

राहुल, “अभी तो मैंने शुरू भी नहीं किया है डार्लिंग! जस्ट वेट एंड फील!”

रोज़ी, “नहीं राहुल, जब मैं प्यार से सबकुछ तुम्हे दे ही रही हूँ तो फिर ये जबर्दस्ती क्यों?”

राहुल, “मुझे ऐसे सेक्स करने में मजा आता है?”

रोज़ी, “तुम तो ऐसे बोल रहे हो जैसे तुमने ना जाने कितनी लड़कियों के साथ सेक्स किया है?”

राहुल को अपनी पोल खुलती देखकर राहुल ने बात बदल दी।

राहुल, “वो मैंने विडिओस में देखा है। छोड़ो मेरी जान, मेरे पास आओ, अब मैं जबरदस्ती नहीं करूँगा!”

रोज़ी, “राहुल, ये खून कैसा है?”

राहुल, “रोज़ी, ये तुम्हारी वर्जिनिटी लॉस होने का सुबूत है।”

इससे पहले की रोज़ी कुछ कहती, राहुल ने एक बार फिर से रोज़ी की वजाइना में अपना लंड घुसा दिया और धीरे धीरे स्ट्रोक्स लगाने लगा। राहुल स्पीड को धीरे धीरे बढ़ाने लगा, दर्द के साथ रोज़ी को अब अच्छा लगने लगा था। धीरे धीरे राहुल फूल स्पीड में रोज़ी की चुदाई करने लगा और रोज़ी भी जोर जोर से आह, ओह्ह, प्लीज् राहुल, आई, नो, आह आह करके जोर जोर से एन्जॉय करने लगी। दोनों काफी एक्साइटेड हो थोड़ी ही देर में रोज़ी और राहुल को एक साथ ओर्गास्म हो गया। दोनों काफी देर तक एक दूसरे को अपनी बाहों में कसकर सोये रहे और कब सुबह हो गयी, दोनों को पता भी नहीं चला। रात भर राहुल का लंड अपने वजाइना के अंदर रखने के बाद रोज़ी आज बहुत खुश थी और वो राहुल को अपने अंदर से बाहर नहीं देना चाह रही थी। राहुल ने एक राउंड हार्डकोर सेक्स करने के बाद रोज़ी को अपनी बाहों में उठा लिया और वाशरूम में ले गया। दोनों एक साथ नहाये और रोज़ी ने राहुल को अपनी मर्ज़ी से ब्लोजॉब दिया। राहुल खुश था क्यूंकि उसने एक और वर्जिन लड़की की सील तोड़ी थी; वहीँ रोज़ी बहुत खुश थी क्यूंकि उसने उस शख्स को अपना सबकुछ समर्पित कर दिया जिससे वो दुनिया में सबसे ज्यादा प्यार करती थी।

रोज़ी को बाय बोलकर राहुल वहां से चला गया और उसने रोज़ी का नंबर ब्लॉक कर दिया। चूँकि राहुल का काम ख़त्म हो चूका था और वो अब एक नए शिकार की तलाश में निकल चुका था। रोज़ी जैसी ना जाने कितनी ही लड़कियों को अपने प्यार के जाल में फंसाना और उनके पैसों पर ऐश करना और उनके साथ सेक्स करके उन्हें छोड़ देना, यही राहुल की आदत थी। उसके बाद उन लड़कियों का क्या होगा इस बात से राहुल को कोई फरक नहीं पड़ता था। लड़कियों को अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करके छोड़ देना, यही राहुल की प्रवृत्ति थी। राहुल के जाने के बाद रोज़ी ने काफी बार उसका नंबर ट्राय किया लेकिन उससे बात नहीं हो सकी। इधर राहुल हर रोज़ नयी नयी गिर्ल्फ्रेंड्स बनाता और उन्हें अपने प्यार के जाल में फंसा कर उनके साथ हमबिस्तर होता और उनसे पैसे ऐंठता। ना जाने कितनी ही लड़कियों के तो ब्लू फिल्म्स भी चोरी चुपके बना कर उन्हें ब्लैकमेल करता और उनसे भी पैसे ऐंठकर मुंबई जैसे खर्चीले शहर में ऐश की जिंदगी जी रहा था। ये सब तबतक चला जबतक राहुल की लाइफ में बिहार की रहने वाली एक लड़की संजना नहीं आयी।  यादव खानदान के बहुत बड़े जमींदार की बेटी थी संजना जो बिहार से मुंबई मॉडल बनने आयी थी। बहुत ही खूबसूरत, समझदार और नेकदिल होने के साथ संजना किसी के साथ गलत होता देख बर्दाश्त नहीं कर पाती थी। एक निर्मोही बाबा जिसके आशीर्वाद से संजना का पूरा परिवार फलफूल रहा था, उन्होंने संजना को सम्मोहित करने वाली एक अंगूठी दी थी, जिसे संजना किसी भी बुरी परिस्थिति में इस्तेमाल करने के लिए और खुद की बचाव के संभाल कर पहनती थी। राहुल से संजना की मुलाक़ात एक बार में हुआ जहाँ दोनों ने काफी देर तक एक दूसरे से बातें की। संजना को पहली बार में राहुल बहुत अच्छा लगा और उसने राहुल के साथ अपना नंबर शेयर किया। संजना जिस पीजी में रहने आयी थी वहीँ एक और लड़की राधिका भी रहती थी जिसके साथ राहुल ने बहुत गलत किया था। दिन रात राधिका गुमसुम रहती, संजना से जब नहीं रहा गया तो उसने राधिका से उसके बारे में पूछा। राधिका ने उसे कुछ भी नहीं बताया, लेकिन जब उस पीजी की लैंडलेडी ने बताया कि कैसे एक लड़के ने राधिका के साथ इतना गलत किया, तब संजना गुस्से से लाल हो गयी। संजना उठी और सीधे राधिका के पास गयी, उसके हाथ पर अपना हाथ रखा और उसे हग कर लिया। संजना के हग करते ही राधिका रोने लगी और काफी देर तक रोती रही। संजना ने भी उसे रोने दिया और उसे दिलासा दिया कि वो उसे इन्साफ जरूर दिलाएगी। लेकिन राधिका ने संजना से कहा कि वो इन्साफ नहीं चाहती, वो सिर्फ इतना चाहती है कि वो शख्स भी वही दर्द झेले, जिस दर्द ने राधिका को तबाह कर दिया। संजना ने राधिका से कहा कि वो शख्स भी उसी दर्द में जिंदगी बिताएगा, जिस दर्द की आग में राधिका जल रही थी। जब राधिका ने संजना को राहुल की पिक्चर दिखाई और उसे बताया कि यही वो शख्स है जिसकी वजह से आज वो इस हालात में है तब संजना का गुस्सा सातवें आसमान पर जा पहुंचा। लेकिन अपने गुस्से को कण्ट्रोल करके संजना ने राधिका को बताया कि कैसे वो दो दिन पहले ही इस राहुल से मिली थी, एक बार में। संजना ने राधिका को तसल्ली दी कि राहुल के साथ वो होगा, जिसका अनुमान लगाना मुश्किल है। संजना ने अपने पारिवारिक निर्मोही बाबा से फ़ोन पर बात की और उनसे कुछ ऐसा माँगा जिससे राधिका को इन्साफ मिल सके। बाबा ने संजना को उस अंगूठी के बारे में बताया कि वो जब चाहे उस अंगूठी से वो कर सकती है, जो भी वो चाहती है। और ऐसा करने के लिए संजना को उस अंगूठी को अपनी मिडिल फिंगर में धारण करना है। संजना ने बाबा से एक बार फिर से कन्फर्म किया तो उन्होंने कहा कि उस अंगूठी में वो जादू समाहित है जिससे संजना जो चाहे वो कर सकती है और ये अंगूठी सिवाए संजना के किसी और की ऊँगली में काम भी नहीं करेगी। बाबा से बात करने के बाद संजना बहुत ही ज्यादा खुश हो गयी और उसने राधिका से कहा कि प्लान एक्सेक्यूट करने का समय आ गया है। संजना ने राहुल को कॉल किया और उससे मिलने की बात कही और राहुल मान भी गया। उस रात राहुल और संजना एक क्लब में मिले जहाँ राहुल ने ४ बियर पी वहीँ संजना ने सिर्फ एक बियर पी। राहुल को नशा होने लगा तब संजना राहुल को अपने साथ पुणे के एक बुक्ड फार्महाउस पर ले गयी जहाँ पहले से उसका एक दोस्त इंतज़ार कर रहा था। धरमसिंह, बिहार का ही रहने वाला, दिखने में काफी लम्बा करीब ६ फिट और काफी चौड़ा हटा कट्टा था। वो राहुल को अपने साथ अंदर ले गया और संजना भी उसके साथ फार्महाउस पर रुक गयी। थोड़ी देर बाद राहुल के सारे कपडे उतार कर, धरमसिंह ने उसके बॉडी पर एक ख़ास तरह का क्रीम अप्लाई किया। आधे घंटे बाद एक गीले टॉवल से राहुल के बॉडी को अच्छे से पोंछ कर उसे पूरी तरह से चिकना कर दिया। धरमसिंह ने राहुल चेहरे पर भी एक खास तरह की क्रीम को अप्लाई किया, जिसके बाद राहुल का चेहरा हेयरलेस होने के साथ ही काफी ग्लो भी करने लगा। धरमसिंह ने अपना काम कर दिया था और अब संजना की बारी थी। संजना का प्लान पूरी तरह से परफेक्ट था, उसने हर उस सामान का इंतज़ाम करके रखा था, जिसकी जरुरत उसे पड़ने वाली थी। राहुल अभी भी नशे की हालत में बेहोश पड़ा हुआ था और उसे कोई अंदाजा नहीं था कि उसके साथ क्या हो रहा था। संजना ने राहुल के दोनों कानों में पियर्सिंग गन से तीन तीन छेद कर दिए और साथ ही उनमे एअर पिन पहनाकर उसे स्क्रू से कस दिया और उनपर ऑइंटमेंट लगा दिया। अब संजना ने राहुल के नाक पर लेफ्ट साइड में मार्क किया और पियर्सिंग गन से एक छेद करके उसकी नाक में एक नोज पिन पहनाकर उसे स्क्रू से कस दिया। हाथ और पैरों की उँगलियों की नाखूनों पर रेड नेलपॉलिश और मेकअप करने के बाद धरमसिंह ने राहुल को उठा लिया और संजना ने उसे बेबीडॉल ड्रेस में तैयार कर दिया। राहुल को लड़की की तरह तैयार करने के बाद संजना ने राहुल के बालों को पिक्सी कट लुक में डिज़ाइन कर दिया। रात के ३ बज चुके थे इन सब में और राहुल का नशा इतना गहरा था कि उसके साथ इतना कुछ हो गया और उसे पता भी नहीं चला। संजना ने राहुल के बियर में नशे की ऐसी गोली मिलाई थी जिसके बाद १२ घंटे से पहले होश में आ पाना नामुमकिन था। राहुल काफी सुंदर दिख रहा था और धरमसिंह की नज़र उसपर से हट भी नहीं रही थी। सबकुछ होने के बाद संजना और धरमसिंह ने साथ में थोड़ा खाना खाया और संजना राहुल को छोड़ कर वहां से मुंबई वापिस हो गयी।

इधर संजना के जाने के बाद धरमसिंह राहुल के पास जाकर सो गया। इधर संजना मुंबई के लिए रवाना हो गयी थी और राहुल धरमसिंह के साथ अकेला था। संजना के जाते ही राहुल को अपनी बाहों में समेटकर धरमसिंह उसके बदन को चूमने लगा। राहुल के शरीर के एक एक अंग को चूमने के बाद धरमसिंह की उत्तेजना इतनी बढ़ गयी कि उसने अपने पुरे कपडे उतार दिए और न्यूड हो गया। इधर राहुल के साथ जो कुछ भी हो रहा था, उसे इसका जरा भी एहसास नहीं था। धरमसिंह ने राहुल के मुँह में अपना लंड घुसा दिया और उसे ब्लोजॉब देने लगा। राहुल बेहोशी में होने के बावजूद धरमसिंह के लंड को लगातार चूस रहा था। थोड़ी देर में ही धरमसिंह को उत्तेजना हुआ और राहुल के मुँह में ही उसने अपना स्पेर्म्स को डिस्चार्ज कर दिया। राहुल ने भी धरमसिंह के स्पेर्म्स को पी लिया और फिर धरमसिंह ने अपना लंड राहुल की गांड में घुसा दिया। राहुल के गांड की छेद फटते ही राहुल की चीख निकल गयी, उसे दर्द का एहसास होने लगा और धरमसिंह उसे पुरे जोश के साथ चोदने लगा। धरमसिंह के बाहों की जकड इतनी मजबूत थी कि बेहोशी टूटने के बावजूद राहुल खुद को उस चुदाई से बचा नहीं सका।

पूरी रात करीब ३ राउंड हार्डकोर सेक्स के बाद राहुल फिर से बेहोश हो गया और धरमसिंह ने मुस्कुराते हुए वीडियो क्लिप को पॉज कर दिया। सुबह के ७ बजे धरमसिंह ने वो वीडियो संजना को भेज दिया और इधर राहुल अभी भी बेहोश था। धरमसिंह के नंबर से वीडियो मिलते ही संजना के चेहरे पर मुस्कान आ गयी और वो भी मुंबई पहुंच चुकी थी।

राधिका, “आज तो बहुत खुश दिख रही हो संजना!”

संजना, “खुश तो मैं बहुत हूँ आज राधिका और मेरी ख़ुशी की वजह जानकार तुम भी खुश हो जाओगी!”

राधिका, “ऐसी भी क्या बात हो गयी सुबह सुबह संजना!”

संजना, “तुम खुद से देख लो!”

संजना ने राधिका को राहुल की ब्लू फिल्म दिखाई और साथ ही उसका मोबाइल भी दिखते हुए कहा, “ये राहुल का मोबाइल है राधिका, इसका पासवर्ड नहीं मिल रहा है!”

राधिका, “आई नो द पासवर्ड संजना! लेकिन ये बंदा कौन है, जिसके सामने ३ राउंड में ही ढेर हो गया। और ये क्या संजना,  राहुल के तो कान और नाक छिदे हुए हैं। हाय, तुम्हे नहीं पता संजना, राहुल को ऐसे देखकर कितनी ख़ुशी मिल रही है मुझे इसका अंदाजा भी नहीं लगा सकती तुम।”

संजना, “तुम्हारे लिए कुछ भी मेरी जान! तुम्हारे चेहरे की स्माइल देखकर मेरी थकान मिट गयी। चल अब पार्टी तो दो और इस फ़ोन का मैं क्या करूँ, इसका लॉक खुल ही नहीं रहा!”

उसके बाद राधिका ने संजना को पासवर्ड बताया जिस पैटर्न को ड्रा करते ही फ़ोन अनलॉक हो गया।  

राधिका के पासवड देने पर संजना ने फ़ोन को ओपन किया और उसने जब राहुल की चैट पढ़ी, उसका गुस्सा एक बार फिर से सातवें आसमान पर जा पहुंचा।

संजना, “ये तो बहुत ही घटिया इंसान है। ये टोटल ६० ६५ लड़कियों के साथ फ़्लर्ट कर रहा है आज की डेट में और ये ब्लू फिल्म्स दिखा कर भी लड़कियों से पैसे वसूलकर उसी पैसों पर ऐश कर रहा है। बहुत ही घटिया आदमी है, इसे तो और भी ज्यादा कड़ी पनिशमेंट मिलनी चाहिए राधिका, मैं इसकी जिंदगी हेल बना दूंगी, आई स्वैर राधिका!”

राधिका, “अपने दिमाग को ठंडा करो संजना! कुछ भी करने से पहले सोच लेना, इसका भाई इससे भी बड़ा कमीना है। पुनीत नाम है इसके भाई का, वो यहाँ बोरीवली का सबसे खतरनाक क्रिमिनल है।”

संजना, “तुम चिंता मत करो राधिका, मैं राहुल की जिंदगी की धज़्ज़ि उड़ा दूंगी और इसका भाई इसे जिंदगी भर ढूंढता रह जायेगा।”

राहुल, “कौन हो तुम, मेरे साथ ऐसा क्यों कर रहे हो तुम! संजना कहाँ है और मैं अभी कहाँ हूँ!”

धरमसिंह, “बहुत जल्द जान जाओगी तुम, अभी जल्दी से तुम्हारी बेबीडॉल ड्रेस पहनकर तैयार हो जाओ!”

राहुल, “दिमाग ख़राब हो गया है तुम्हारा, तुम्हे क्या लगता है। तुम कहोगे और मैं बेबीडॉल ड्रेस पहन लूंगा!”

“चटाक!” एक थप्पड़ राहुल के गाल पर पड़ी और वो बिस्तर पर गिर पड़ा।

धरमसिंह, “अभी तो एक थप्पड़ ही पड़ा है, दूसरा थप्पड़ लगाऊं?”

राहुल ने बिना कुछ कहे बेबीडॉल ड्रेस पहनकर रेडी हो गया। राहुल के समझ में कुछ भी नहीं आ रहा था कि आखिर ये बंदा है कौन और उसके साथ ये सब क्यों कर रहा है। धरमसिंह के साथ राहुल हॉल में पंहुचा जहाँ उसे बैठने को कहकर धरमसिंह फ़ोन कॉल अटेंड करने चला गया। इधर राहुल ने अपने आप को मिरर में देखा, अपने चिकने बदन, ग्लोइंग चेहरे, नाक में नोज पिन, कानों में इयर पिन को देखकर उसे यकीन नहीं हुआ लेकिन जब राहुल ने अपने नाक और कान को छूकर देखा तो उसे एहसास हुआ कि उसके नाक में बायीं तरफ एक छेद किया हुआ है और दोनों कानों में तीन तीन छेद किया हुआ है। खुद को उस हालत में देखकर राहुल की आँखों में आंसू आ गए और वो सिर झुका कर सोफे पर बैठ कर मन ही मन वहां से निकलने के बारे में प्लान बनाने लगा।

धरमसिंह , “क्या सोच रही हो! यहाँ आओ!”

राहुल, “कौन हो तुम, मेरे साथ ये सब क्यों कर रहे हो? मैंने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है?”

धरमसिंह ने राहुल को कोई जवाब नहीं दिया और टीवी को ऑन करके राहुल के बगल में बैठ गया। टीवी में राहुल के साथ धरमसिंह सेक्स कर रहा था, ३ राउंड हार्डकोर सेक्स के बाद कैसे बेहोश हुआ और कैसे ब्लोजॉब के समय राहुल धरमसिंह के लंड को पुरे जोश में चूस रहा था। ये सब देखकर राहुल को बहुत ही ज्यादा एम्बैरस्मेंट होने लगा।

राहुल, “ये सब क्या है, मेरे साथ ये सब करने की तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई? तू जानता भी है कि मेरा भाई कौन है? मेरे भाई को जब पता चलेगा कि तूने मेरे साथ ये सब किया तो वो तुझे जान से मार देगा, मुझे जाने दे यहाँ से!”

“चटाक!” एक और झन्नाटेदार चांटा पड़ते ही राहुल औंधे मुँह गिर पड़ा।

धरमसिंह , “साली रंडी, बहुत बोलती है तू! इधर आ मेरे सामने और घुटनों पर बैठ जा!”

राहुल, “तू चाहे जितना मार ले मुझे, अब मैं तेरी एक बात नहीं मानूंगा!”

उसके बाद धरमसिंह ने राहुल का हाथ पकड़ लिया और उसे अपनी ओर खिंच लिया।

धरमसिंह, “ये जो वीडियो देखी है ना तूने, ये सबसे पहले मैं तेरे भाई को भेजूंगा! उसके बाद इस वीडियो को सभी पोर्न साइट्स पर अपलोड करूँगा, फिर देखता हूँ कि तेरा भाई क्या करता है?”

राहुल, “नहीं नहीं, प्लीज् ऐसा कुछ भी मत करो, तुम जो कहोगे, वो मैं करूँगा!”

धरमसिंह, “तो फिर देर किस बात की, बैठ घुटनों पर!”

राहुल के पास दूसरा कोई ऑप्शन नहीं था सिवाय धरमसिंह की बात मानने का। राहुल घुटनों पर बैठ गया और और धरमसिंह की तरफ देखने लगा। धरमसिंह का फ़ोन वीडियो रिकॉर्डिंग पर पहले से ही रखा हुआ था। धरमसिंह ने अपना पायजामा खोल दिया, उसका मोटा लम्बा काला लंड राहुल के सामने था।

धरमसिंह, “सोच क्या रही है साली रंडी! शुरू हो जा!”

राहुल धरमसिंह की बात सुनकर शॉक्ड रह गया। राहुल के सामने बड़ा सा काला लंड था और उसे पता था कि उसे क्या करना है। लेकिन राहुल की हिम्मत नहीं हो रही थी कि वो धरमसिंह के लंड को हाथ लगाने की। इधर धरमसिंह ने राहुल के हाथ को पकड़ा और अपने लंड पर रख दिया। राहुल ने धरमसिंह के लंड को अपने हाथ से शेक करने लगा और धरमसिंह ने राहुल के बाल पकड़ लिया और अपना लंड राहुल के मुँह में घुसा कर उसे ब्लोजॉब देने लगा। राहुल के गले के एन्ड तक धरमसिंह का आधा ही लंड जा पा रहा था और राहुल को ऐसा लग रहा था कि उसकी सांस रुक जाएगी। थोड़ी देर बाद धरमसिंह ने राहुल के मुँह में ही अपना स्पर्म डिस्चार्ज कर दिया और उसे पी जाने को मजबूर कर दिया। राहुल अभी भी घुटनो पर ही बैठा था, उसकी आँखों में आंसू थे।

धरमसिंह ने समय बर्बाद किये बिना राहुल की कमर को पकड़ कर उसे अपनी बाहों में उठा लिया और उसे वाशरूम में ले गया। वाशरूम में झरना शुरू करके उसके नीचे खड़े खड़े ही राहुल की गांड में अपना लंड घुसा कर उसे चोदने लगा। राहुल रो रहा था, जोर जोर से चिल्ला रहा था, रहम की भीख मांग रहा था लेकिन धरमसिंह पर कोई फरक नहीं पड़ रहा था। अगले २ राउंड हार्डकोर सेक्स, ४ डिफरेंट पोसिशन्स के बाद राहुल बेहोश हो गया। धरमसिंह ने राहुल के पुरे बदन को टॉवल से पोछा और उसे न्यूड ही बिस्तर पर लिटा दिया और तैयार होकर घर से बाहर चला गया। इधर संजना को धरमसिंह की ओर से एक और वीडियो रिसीव हुआ और संजना और राधिका के चेहरे की मुस्कान देखने लायक थी। संजना ने धरमसिंह से कहा कि अगले १५ दिनों तक राहुल के साथ जो चाहे वो करे, लेकिन हर रोज़ के वीडियोस भेजता रहे।  धरमसिंह भी बहुत खुश था, क्यूंकि संजना उसे पैसे दे रही थी हर दिन का। धरमसिंह खुश था क्यूंकि उसे पैसे के साथ उसकी हसरत को पूरा करने का खुल्ला मौका मिला था। धरमसिंह शुरू से ही एक गे था जो समाज के डर से अपने एक्सप्रेशंस किसी के सामने नहीं रख सका था, लेकिन संजना की वजह से उसे राहुल जैसा चिकना और खूबसरत बंदा मिल गया, जिसके साथ वो जबतक चाहे अपनी हसरतों को पूरा कर सकता था। संजना को धरमसिंह की गे होने की बात पता थी और एक अच्छी दोस्त होने की वजह से वो धरमसिंह की मदद करने के साथ साथ उस बंदे की धज़्ज़ि उड़ा रही थी जिसने ना जाने कितनी ही लड़कियों की जिंदगी खराब की थी।

इधर मुंबई में,

संजना और राधिका ने सभी लड़कियों को कॉल करके कार्टर रोड स्थित एक कैफ़े में इन्वाइट किया और सब की सब आने को तैयार भी हो गयीं। टोटल ६५ लड़कियों के लिए उस कैफ़े को एक दिन के लिए बुक किया गया और सभी लड़कियां दिन के ११ बजे तक आ पहुंची।

संजना और राधिका वहां एंटर हुई और उन्होंने उन सभी लड़कियों का नाम, कांटेक्ट नंबर के साथ घर का एड्रेस मेन्टेन किया।

संजना, “डिअर लेडीज! वेलकम। आप सभी सोच रही होंगी कि आप सभी को यहाँ क्यों बुलाया गया है! डिअर गर्ल्स, आज हम सभी यहाँ इकठ्ठा हुईं हैं ताकि आप सभी को राहुल के बारे में सच्चाई बताई जा सके। लेकिन सबसे पहले आप सभी अपने अपने हाथ खड़े कीजिये जो राहुल की गर्लफ्रेंड हैं!”

एक साथ सभी लड़कियों ने अपने अपने हाथ खड़े कर लिए और एक दूसरे को देखने लगीं।

संजना, “ओके, अब आप सभी आइडेंटिफाई कीजिये कि क्या ये वही राहुल है!”

राहुल की फोटो देखकर सभी एक आवाज़ में बोलीं, “हाँ, ये वही राहुल है!”

संजना, “आप सभी को मैं ये बता दूँ कि ये राहुल है, राहुल सिंह! ये वही बंदा है जिसने आप सभी के साथ गलत किया और आपमें से कईओं को तो ये बंदा ब्लैकमेल भी कर रहा है। लेकिन आप सभी को घबराने की कोई जरुरत नहीं क्यूंकि राहुल नाम के इस बंदे ने आप सभी के साथ जो कुछ भी गलत किया, उसका पनिशमेंट इसे देने का काम मैंने और राधिका ने अपने हाथ में लिया है। लेकिन अगर आप सभी ये देखना चाहते हैं कि राहुल कहाँ है और किस हालत में है तो आप सभी वहां आकर उसे दी जाने वाली पनिशमेंट का जायजा ले सकते हैं और अपना ओपिनियन भी दे सकती हैं कि राहुल के साथ क्या किया जाना चाहिए!”

राधिका, “मेरे साथ भी राहुल ने बहुत बुरा किया, मेरी लाइफ को जहन्नुम बना दिया था उसने। लेकिन अब मैं निश्चिन्त हूँ और आप सभी भी निश्चिन्त हो जाइये। आप सभी को राहुल की पनिशमेंट की एक झलक आपके ग्रुप मैसेज में मिल जाएगी, एक वीडियो भेजी है मैंने।”

सभी लड़कियों ने राहुल की वीडियो देखी जिसमे धरमसिंह का चेहरे ब्लर किया हुआ था और राहुल को दी जाने वाली पनिशमेंट को देखकर सभी बहुत खुश भी थीं।

इधर पुणे में,

दिन के ३ बजे जब धरमसिंह घर के अंदर आया तब उसके हाथ में मेडिसिन्स की थैली साथ में कुछ सामान और खाना था। धरमसिंह ने देखा राहुल अभी तक वैसे ही बेसुध पड़ा था तो उसने राहुल को जगाया और खाने को बुलाया। राहुल ने टॉवल लपेटा और हाथ धोकर खाना खाने धरमसिंह के सामने डाइनिंग टेबल पर बैठ गया।

धरमसिंह, “तू नीचे बैठ साली रंडी, मेरे सामने बैठने की हिम्मत कैसे हुई तेरी। अपना खाना ले और नीचे बैठकर खा और वो भी जल्दी! उसके बाद गंदे और जूते बर्तन कीतचन में ले जाकर धोकर रख दे, समझी साली छिनाल!”

धरमसिंह का निर्दयी व्यव्हार देखकर राहुल फिर से रोने लगा और खाना लेकर नीचे बैठकर खाने लगा। धरमसिंह का खाना ख़त्म होने से पहले राहुल ने खाना खा लिया। फिर अपने और धरमसिंह का बर्तन थाली लेकर किचेन में चला गया। वहां पहले से गंदे बर्तनों का ढेर लगा हुआ था और राहुल ने सभी थाली बर्तन को अच्छे से धोकर रख दिया। राहुल के अंदर का डर इतना ज्यादा था कि कमरे में जाते ही ना ही सोफे पर बैठने की हिम्मत हो रही थी और ना ही बिस्तर पर लेटने की। राहुल को ऐसे देखकर धरमसिंह को बहुत ख़ुशी मिल रही थी, वो उसे दिन भर ऐसे ही निर्दयिता से उलाहने देते हुए डांटता रहा और जब मन करता राहुल को एक थप्पड़ रसीद कर देता। राहुल के कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उसके साथ कभी ऐसा भी होगा। एक मर्द से चुदाई के साथ साथ लड़कियों के कपडे पहनने और घर के कामकाज करने को मजबूर होना पड़ेगा। लेकिन राहुल के जो कुछ हुआ वो तो सिर्फ एक शुरुआत थी और उसके साथ आगे और क्या क्या होना था, इसका फैसला संजना को करना था। लेकिन संजना अगले १५ दिनों के लिए धरमसिंह को ये कह चुकी थी कि अगले १५ दिनों में वो जो चाहे वो कर सकता है राहुल के साथ। धरमसिंह ने रात को डिनर के बाद राहुल को मेडिसिन खाने को दी और उसे कहा कि वो दूसरे रंग की साटन बेबीडॉल नाईटी पहनकर तैयार हो जाये। धरमसिंह ने राहुल के हाथ में एक थैला थमा दिया जिसमे वो नाईटी और हरे रंग की चूड़ियों के साथ मेकअप का सामान भी था।

राहुल, “मुझे मेकअप करना नहीं आता!”

धरमसिंह, “साली मुँह मत खोल तू अपना, जैसे तैयार होना है हो और जल्दी आ! मेरा लंड  मारने के लिए फड़फड़ा रहा है।”

धरमसिंह की बात सुनकर राहुल के मन में आत्महत्या करने का ख़याल आने लगा लेकिन वहां पंखा भी इतनी ऊंचाई पर टँगा था और उसकी हाइट भी साढ़े ५ फिट से ज्यादा नहीं थी। जहर घर में था नहीं और धरमसिंह बाहर इंतज़ार कर रहा था। डर के मारे राहुल की हालत बहुत ख़राब हो रखी थी। बेबीडॉल नाईटी पहनकर, कलाइयों में चूड़ियां पहनकर, होंठों पर लिपस्टिक लगाकर राहुल धरमसिंह के पास डरता हुआ आया।

धरमसिंह, “ये क्या है रंडी साली, हिजड़े की तरह तैयार होकर आयी है। इससे अच्छा तो तू नंगी ही ठीक थी। सारा मजा किरकिरा कर दिया साली तूने। तू कमरे में जा, देख बैग में एक ओढ़नी भी होगी, उससे घूँघट कर के बिस्तर पर बैठ, मैं अभी आता हूँ।”

धरमसिंह की बात सुनकर राहुल ने वही किया जैसा उसे कहा गया। बैग में से ओढ़नी निकालकर उसका घूँघट करके राहुल बिस्तर पर बैठकर धरमसिंह का इंतज़ार करने लगा। थोड़ी देर में धरमसिंह कमरे में आया और उसने फ़ोन का वीडियोरिकॉर्डिंग ऑन कर दिया और खुद राहुल के पास जाकर बैठ गया। राहुल का दिल जोर जोर से धड़क रहा था, उसके साथ एक बार फिर से एक मर्द रेप करने जा रहा था और वो कुछ भी करने या अपना बचाव करने में असमर्थ और निसहाय था। धरमसिंह ने राहुल की ओढ़नी को अलग किया और राहुल के दोनों कन्धों को अपने हाथों से पकड़ कर उसे लिटा कर उसे होंठों पर स्मूच करने लगा। राहुल के मुँह में अपना जीभ डालकर धरमसिंह उसके होंठों को चूसे रहा था। धरमसिंह के दोनों हाथ राहुल के चेस्ट को मसल रहे थे और उसका मोटा काला लंड राहुल की गांड की छेद का दरवाज़ा खटखटा रहा था। थोड़ी देर बाद धरमसिंह ने राहुल की गांड में अपना लंड घुसा दिया और उसके साथ हार्डकोर सेक्स करने लगा। धरमसिंह का हर एक स्ट्रोक्स राहुल की गांड की दीवार से टकराता और राहुल रोने लगता, चिल्लाता और रहम की भीख मांगता लेकिन इससे धरमसिंह पर कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा था। धरमसिंह पुरे फ़ोर्स से राहुल की चुदाई कर रहा था और राहुल की हर एक चीख उसे अंदर ही अंदर तोड़ रही थी। एक ही राउंड में राहुल धराशायी होकर बेहोश हो गया और धरमसिंह उसकी गांड में अपना स्पेर्म्स डिस्चार्ज करके उसके ऊपर ही सो गया। धरमसिंह ने पूरी रात राहुल की गांड में अपना लंड घुसाए रखा और पूरी रात रुक रुक कर उसके साथ सेक्स करता रहा। जब जब राहुल को लगता कि अब सब ठीक हो जायेगा, तभी धरमसिंह उसे फिर से चोदने लगता और राहुल रो पड़ता।पूरी रात एक मर्द से बुरी तरह चुदने के बाद राहुल की हालत इतनी ख़राब हो गयी कि अगली सुबह राहुल से एक कदम भी नहीं चला जा रहा था। धरमसिंह ने राहुल को ऐसे देखा तो उसने राहुल को अपनी बाहों में उठा लिया और वाशरूम में ले गया। राहुल फ्रेश हुआ तब धरमसिंह वाशरूम में आ गया और राहुल के साथ अंडरशावर को एन्जॉय करने लगा। राहुल ने बहुत सी लड़कियों के साथ अंडरशावर रोमांस और हार्डकोर सेक्स किया था लेकिन अब राहुल के साथ एक मर्द अंडरशावर रोमांस कर रहा था। कभी राहुल के होंठ को स्मूच करता तो कभी राहुल के पुरे जिस्म को। राहुल के साथ अंडरशावर रोमांस, ब्लोजॉब और एक राउंड हार्डकोर सेक्स करके धरमसिंह उसे वहीँ छोड़कर बाहर आ गया। धरमसिंह के जाते ही राहुल वहीँ बैठ कर रोने लगा, उसे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था कि उसके साथ आखिर ये सब क्यों हो रहा था। काफी देर तक रोने के बाद राहुल ने टॉवल से खुद को सुखाया और कमरे में आ गया और बिस्तर पर लेट गया। अभी राहुल को बिस्तर पर लेटे  हुए १ ५ मिनट्स भी नहीं हुआ था कि अचानक वहां धरमसिंह आ गया और राहुल को एक लात मारी। राहुल बिस्तर से सीधा जमीन पर जा गिरा और उसे कमर में चोट आयी, जिसकी वजह से वो जोर जोर से रोने लगा।

धरमसिंह, “साली छिनाल, तेरी हिम्मत कैसे हुई, मुझसे बिना पूछे बिस्तर पर लेटने की?”

राहुल, “सॉरी!”

धरमसिंह, “इस घर के नियम कानून मैं बनाता हूँ समझी तू। आइंदा से मुझसे बिना पूछे तू कुछ भी नहीं करेगी। अब वहीँ पड़ी रह, जब तक तुझे उठने को कहा ना जाये!”

राहुल वही अपनी कमर पर हाथ रखकर बैठा रहा, धरमसिंह ने संजना को कॉल किया और राहुल की वीडियो भेज दी। इधर राहुल की नेक्स्ट वीडियो पाकर संजना बहुत खुश थी, उसने राधिका को राहुल की वीडियो दिखाई तो वो भी बहुत खुश हो गयी।

राधिका, “यार संजना, राहुल को जो पनिशमेंट मिल रही है, ये बहुत कम है। राहुल को औरत बनाने के बारे में कुछ सोचो संजना! मैंने अपना एबॉर्शन करवाया था सिर्फ और सिर्फ राहुल की वजह से। शादी का वादा करके राहुल ने मुझे प्रेग्नेंट करके छोड़ दिया था। सिर्फ उसकी चुदाई से मुझे संतुष्टि नहीं मिलने वाली। मैं चाहती हूँ कि राहुल औरत बन जाये और उसके साथ भी ऐसा ही हो। राहुल को प्रेग्नेंट करके उसे उसी हालत में छोड़ दिया जाये।”

संजना, “हाहाहा, यार राधिका, तुम भी कुछ भी कहती हो! राहुल को औरत बनाने तक तो ठीक है लेकिन वो प्रेग्नेंट नहीं हो सकेगा। अभी मेडिकल साइंस ने इतनी तरक्की नहीं की है।”

राधिका, “ऐसे सिर्फ एक मर्द से राहुल की चुदाई करवाकर क्या मिलेगा। मुझे राहुल को उस दर्द में देखना है जिस दर्द को मैंने झेला है और जब तक राहुल की वो दुर्दशा नहीं होगी, मुझे सुकून नहीं मिलेगा।”

संजना, “हम्म! राधिका अभी तो वीडियो एन्जॉय करो राहुल का, इन सब के बारे में कुछ सोचते हैं। राहुल का सेक्स चेंज करवाने में बहुत पैसे खर्च होंगे, इतने पैसे कहाँ से लाएंगे हम ?”

राधिका, “हम्म! लगता है मेरा रिवेंज अधूरा ही रह जायेगा!”

संजना, “छोड़ो राधिका, कहा ना! इन सब के बारे में बाद में सोचेंगे अभी राहुल की वीडियो एन्जॉय करते हैं !”

फिर राधिका और संजना राहुल की जबरदस्त हार्डकोर सेक्स की वीडियो देखने लगे। इधर धरमसिंह ने एक लड़की को घर पर बुलाया और उसे समझाया कि राहुल को औरतों की तरह कपडे पहनना, खाना पकाना और घर के सभी कामकाज की ट्रेनिंग देनी है। उस लड़की का नाम स्नेहा था और वो इस काम में एक्सपर्ट थी। स्नेहा को राहुल को ट्रेनिंग के लिए सिर्फ १० दिनों का समय दिया गया था और स्नेहा ने भी कमिट कर दिया कि वो राहुल को १० दिनों में हाउसहोल्ड ट्रेनिंग पूरी कर देगी। उसी दिन से स्नेहा ने राहुल को ट्रेनिंग देनी शुरू कर दी।

स्नेहा ने एक लिस्ट तैयार की जिसमे राहुल के लिए शेड्यूल था कि वो सुबह से रात तक क्या क्या करेगा। सुबह ४ बजे जागना, ५ बजे तक फ्रेश होकर नहाना और ६ बजे तक ब्रेकफास्ट तैयार करने। उसके बाद ८ बजे तक घर की साफ़ सफाई, बतरन धोने जैसे काम थे। ११ बजे तक दिन का लंच तैयार हो जाना चाहिए। घर में सभी के खाना खा लेने के बाद बचा हुआ खाना राहुल को मिलेगा। १२ बजे से कपडे धोने हैं और उसके लिए कोई वाशिंग मशीन नहीं मिलेगा। २ बजे तक कपडे धुलने के बाद, आधे घंटे का रेस्ट वो भी धरमसिंह की इज़ाज़त से। ३ बजे शाम का नाश्ता तैयार करना, ५ बजे शाम को फिर से घर की साफ़ सफाई और पोछा और फिर रात के ८ बजे से पहले डिनर तैयार हो जाना चाहिए। सभी के डिनर कर लेने के बाद राहुल को डिनर करना है और सभी बर्तन को अच्छे से धोकर किचन की साफ़ सफाई करके धरमसिंह से इज़ाज़त लेकर बिस्तर पर या जमीन पर सोना है। लिस्ट देखकर राहुल की हालत ख़राब होने लगी और वो स्नेहा की ओर देखने लगा।

स्नेहा, “ऐसे मत देखो मुझे राहुल, इतना खूबसूरत लड़का और इतना हैंडसम मर्द एक ही घर में मैंने पहले कभी नहीं देखा। चलो आओ मेरे साथ, तुम्हे साड़ी पहनना सिखाती हूँ!”

स्नेहा राहुल को कमरे में ले गयी और उसके सामने खुद भी न्यूड हो गयी। राहुल पूरी तरह न्यूड था वहीँ स्नेहा ब्रा और पैंटी में थी। स्नेहा को ऐसे देखकर राहुल का लंड टाइट हो गया लेकिन तभी स्नेहा ने उसके लंड पर एक मेडिसिन स्प्रे कर दिया जिससे राहुल का लंड सिकुड़ कर छोटा हो गया।

राहुल, “ये क्या किया तुमने?”

स्नेहा, “तुम मुझसे कोई सवाल करोगे तो मैं धरम जी को यहाँ बुला लुंगी, अब जैसे जैसे सिखाऊं, वैसे वैसे सीखते जाओ, समझे!”

राहुल, “हम्म!”

फिर स्नेहा ने अपनी ब्रा को खोल दी लेकिन स्नेहा को देखकर राहुल के लंड पर कोई फरक नहीं पड़ा। स्नेहा ने राहुल को अपनी पैंटी उतारकर पहनने को दी। राहुल ने वो पैंटी पहन लिया और स्नेहा की तरफ देखने लगा। स्नेहा ने अपनी ब्रा राहुल के हाथ में पकड़ा दी और उसे ब्रा पहनना सिखाया। राहुल ने ब्रा पहनना भी सिख लिया। अब स्नेहा ने राहुल को पेटीकोट पहनने को दिया जो साटन कपडे का बना था और राहुल को पेटीकोट पहनना सिखाया। पहले तो राहुल ने अपनी नाभि के ऊपर पेटीकोट पहनना चाहा तब स्नेहा ने समझाया कि पेटीकोट नाभि के नीचे पहनते हैं। राहुल ने नाभि के नीचे पेटीकोट पहन लिया और उसका नाडा बाँध लिया। फिर स्नेहा ने राहुल को एक सिल्वर चमकीली स्ट्रेची बैकलेस ब्लाउज पहनने को दिया और उसे पहनने का तरीका समझाया। राहुल ने आगे की तरफ से वो स्ट्रेची बैकलेस ब्लाउज को पहन लिया लेकिन ब्लाउज की डोरी बाँधने में उसे दिक्कत हो रहा था। स्नेहा ने राहुल को समझाया कि चोली की डोरी कैसे नॉट करते हैं। राहुल ने चोली की डोरी तो बांध लिया लेकिन वो काफी ढीली थी। स्नेहा ने राहुल को समझाया कि डोरी को टाइट बांधे। राहुल ने अपनी ब्लाउज की डोरी को टाइट करके नॉट कर लिया। अब बारी थी साड़ी पहनने की जिसका कोई नौलेज नहीं था राहुल को। स्नेहा ने साड़ी के लंबे छोर पर प्लेट्स बनाना शुरू किया और राहुल को समझाया कि प्लेट्स कैसे बनाते हैं और उचित प्लेट्स बनाने पर ही रुकते हैं। प्लेटेड सेक्शन को राहुल ने अपनी नाभि के एकदम नीचे ऐसे टक किया कि बाकि की साड़ी सबसे अंदर वाली प्लेट से, बाँई तरफ को आ रही हो। फ़िर अपनी रीढ़ की हड्डी या दाँई ओर पहुँचने तक, प्लेट्स को कमर के साथ ही और टक किया। साड़ी के दूसरे छोर को साधारण रूप से, छोटी साइड के पार प्लीट किया और इस भाग को अपने पीछे से लाया और ऐसे लपेटा ताकि वह राहुल ले दाएँ कूल्हे के ऊपर से होकर, उसके बाएँ कँधे के ऊपर से जाए। फिर स्नेहा ने राहुल को समझाया कि साड़ी की लटक को कैसे ठीक करें, ताकि दाएँ कूल्हे पर एक गहरा U बन जाए और कँधे वाली प्लेट आपके मनचाहे स्तर पर हों और यह भी समझाया कि कँधे के साथ साथ जहाँ कहीं भी ज़रूरत हो, वहाँ पिन करें। जैसे जैसे स्नेहा ने समझाया राहुल ने किया और लाइफ में पहली बार साड़ी पहनकर रेडी हुआ। स्नेहा ने राहुल को तबतक साड़ी ब्लाउज की प्रैक्टिस करवाई, जब तक राहुल के साड़ी पहनने में परफेक्शन नहीं आ गया।

स्नेहा ने राहुल को बंगाली, गुज़रती और राजस्थानी स्टाइल में साड़ी पहनना सिखाकर उससे दुबारा से एक एक स्टाइल में साड़ी पहन कर रेडी होने को कहा और राहुल ने गुजराती, बंगाली और राजस्थानी स्टाइल में खुद से साड़ी पहन कर रेडी हो गया। साड़ी का सॉफ्ट स्पर्श राहुल को आंनद दे रहा था और राहुल ने अंत में नार्मल तरीके से साड़ी पहनकर तैयार हो गया।

स्नेहा, “बड़ी ही खूबसूरत दिख रही हो राहुल! सूना है बहुत सी लड़कियों के साथ सेक्स किया है तुमने, क्या ये सच है?”

राहुल, “हम्म!”

स्नेहा, “आओ मैं मेकअप करना सीखा दूँ!”

राहुल को आईने के सामने बिठाकर स्नेहा ने उसका मेकअप करना और उसे मेकअप करना सिखाना शुरू किया। एक एक प्रोडक्ट की पूरी जानकारी, जिसमे लिपस्टिक और उसके प्रकार, फाउंडेशन, ब्लश, ऑयलाइनर, ऑयशैडो, ऑयलैशेस, काजल, बिंदी, नेलपेंट के साथ कैसे परफेक्ट मेकअप करते हैं, सब समझाया भी और राहुल से भी करवाने के बाद राहुल से तैयार होने को बोली। राहुल ने खुद से अपना मेकअप किया और तैयार हो गया। स्नेहा ने राहुल के कानों में से एक एक एअरपिन रिमूव किया और उनमे बड़े बड़े झुमके पहना दी। फिर स्नेहा ने राहुल के नाक में से नोजपिन को भी रिमूव किया और उसकी नाक में एक छोटी सी डिज़ाइनर नथिया पहना दी। राहुल के दोनों कलाइयों में ढेर सारी हरे और लाल चूड़ियां पहनाई और पैरों की उँगलियों में चांदी की एक एक बिछुआ पहना दी। राहुल को हील्स वाली एक गोल्डन सैंडल भी पहनाई जिसकी हील्स पेन्सिल की तरह नुकीली थी और राहुल से बैलेंस बनाये नहीं बन पा था। काफी कोशिशों के बाद राहुल को हील्स में लड़कियों की तरह चलना आ गया। अब राहुल को एक बार फिर से आईने के सामने बिठाकर स्नेहा ने उसके बालों को बोइश हेअरकट लुक दिया जिसके बाद राहुल और भी खूबसूरत दिख रहा था। स्नेहा ने राहुल की साड़ी का आँचल लिया और उससे घूँघट करके धरमसिंह के सामने लेजाकर खड़ा कर दी। धरमसिंह ने राहुल की काफी तस्वीरों को क्लिक किया और फिर उसके अपनी जाँघों पर बैठने को कहा। मरता क्या नहीं करता, राहुल धरमसिंह की जाँघों पर सर झुककर बैठ गया। फिर धरमसिंह ने स्नेहा से उसकी और राहुल की वीडियो और तस्वीर लेने को कहा और वो राहुल के साथ रोमांस करने लगा। स्नेहा को बहुत मजा आ रहा था, धरमसिंह राहुल के साथ रोमांस कर रहा था तब स्नेहा को भी एक्साइटमेंट होने लगा लेकिन उसने अपने इमोशंस को कण्ट्रोल किया और मौके को एन्जॉय करने लगी। धरमसिंह ने राहुल को अपनी बाहों में उठा लिया और उसे बिस्तर पर लिटा कर उसके ऊपर चढ़ गया। स्नेहा ये सब फ़ोन में रिकॉर्ड कर रही थी। धरमसिंह ने राहुल के नाक का नथिया पकड़कर उसे इधर उधर हिलाना शुरू कर दिया जिससे राहुल के नाक में बहुत दर्द हुआ। राहुल की पतली कलाई में इतनी ताकत नहीं थी कि वो धरमसिंह से किसी भी बात के लिए रेसिस्ट कर सके। धरमसिंह ने राहुल की साड़ी उठायी और पैंटी नीचे करके उसके लंड पर अपना लंड सटा कर सहलाने लगा। इस तरह की सेक्स की अपेक्षा ना तो राहुल को थी और ना ही स्नेहा हो। स्नेहा लाइफ में पहली बार ऐसा सेक्स देख रही थी जिसमे एक आदमी दूसरे आदमी के लंड में अपना लंड घुसाने वाला था और उसे बहुत ही ज्यादा एन्जॉयमेंट मिल रहा था। इधर राहुल के लंड में जैसे ही धरमसिंह ने अपना लंड घुसाया, राहुल बाप बाप करने लगा और छटपटाने लगा।

राहुल, “आह्ह्ह  छोड़ो मुझे, मेरे  लंड से अपना लंड बाहर करो, आआआह, मेरा लंड फट जायेगा , आअह्ह्ह ओह्ह्ह्ह ओह्ह्ह माय गॉड, एआईईईई, नो, प्लीज्!”

राहुल को बेरहमी से उसके लंड में अपना लंड घुसा कर धरमसिंह ने उसे आगे से ही चोदना शुरू कर दिया। राहुल चीखता चिल्लाता रहा लेकिन धरमसिंह की जकड से छूट नहीं सका और लगभग १० मिनट्स के हार्डकोर सेक्स के बाद धरमसिंह  ने अपना स्पेर्म्स राहुल के लंड के अंदर ही डिस्चार्ज कर दिया। जलन के मारे राहुल की इतनी हालत ख़राब हो गयी कि वो दर्द से छटपटाने लगा। धरमसिंह ने राहुल को अपनी बाहों में उठा लिया और वाशरूम में ले गया और इशारे से स्नेहा को भी बुला लिया। राहुल अपनी साड़ी और पेटीकोट लिए खड़ा था और उसे पीछे से जकड़े धरमसिंह खड़ा था जिसका हाथ राहुल के लंड पर था। धरमसिंह राहुल के लंड को सहलाने लगा और पीछे से उसकी गांड में अपना लंड घुसा कर चुदाई करने लगा। एक लड़की के सामने राहुल एक मर्द से चुद रहा था और बहुत शर्मिंदा भी हो रहा था। इधर स्नेहा मुस्कुराते हुए वीडियो रिकॉर्डिंग भी कर रही थी। २ मिनट्स के अंदर ही राहुल को इरेक्शन हो गया और उसके लंड से धरमसिंह के स्पेर्म्स के साथ उसके स्पेर्म्स भी बाहर आ गया और राहुल उसी समय बेहोश होकर धरमसिंह झूल गया। राहुल को अपनी बाहों में उठाकर धरमसिंह बिस्तर पर लिटा दिया और स्नेहा को अपनी बाहों में उठा लिया। स्नेहा के साथ करीब २ राउंड हार्डकोर सेक्स करने के बाद तीनो उसी बिस्तर पर सो गए। अगली सुबह स्नेहा की नींद सुबह ४ बजे की अलार्म के साथ खुली तब उसने देखा कि धरमसिंह राहुल की गांड में अपना लंड डालकर सोया हुआ है। स्नेहा ने राहुल को जगाया और उसे याद दिलाया कि आज से हाउसहोल्ड ट्रेनिंग शुरू करना, जल्दी से फ्रेश होकर नहा कर आ जाये। राहुल ने अपने गांड को आगे सरकाया तो धरमसिंह का मोटा लम्बा लंड उसकी गांड से बाहर आ गया और धरमसिंह ने करवट बदल लिया। राहुल स्नेहा को देखते ही रो पड़ा। स्नेहा ने उसे समझाया कि औरतों की लाइफ आसान नहीं होती और उसे फ्रेश होने को कहकर डाइनिंग रूम में चली गयी। राहुल को जबरदस्ती लड़कियों की तरह लाइफ जीने के लिए मजबूर किया जा रहा था और  राहुल को ऐसी हालत में देखकर धरमसिंह, स्नेहा, संजना और राधिका के साथ वो सभी लड़कियां खुश थीं जिनके साथ राहुल ने गलत किया और उन्हें धोखा दिया। एक दिन बीत चूका था, लेकिन नेक्स्ट १४ दिन कैसे गुजरने वाले थे राहुल के, इसका कोई अंदाज़ा नहीं था राहुल को। क्रॉसड्रेसिंग, हाउसहोल्ड ट्रेनिंग, मर्द के साथ हार्डकोर सेक्स के साथ राहुल को फीमेल होर्मोनेस की हैवी डॉज़ेज़ दी जाने लगीं थीं।   

१० दिनों में राहुल की ट्रेनिंग पूरी होने के बाद अब राहुल लड़कियों की तरह सजने सँवारने, घर के कामकाज करने और लड़कियों की तरह ही बात करना सीख चूका था। अब बात करते समय राहुल अपने लिए फेमिनिन वे का इस्तेमाल करता, हालांकि आवाज़ में उतनी मिठास नहीं थी लेकिन राहुल की कोशिश रहती कि वो धीरे और ज्यादा से ज्यादा मीठी आवाज़ में ही बात करे। १० दिनों में मेडिसिन्स ने भी अपना कमाल दिखाना शुरू कर दिया था जिसकी वजह से राहुल का दिल धरमसिंह या किसी और मर्द को देखते ही धड़कने लगता। स्नेहा राहुल के डेवलपमेंट से काफी खुश थी, राहुल के बॉडी पर बाल आने बंद हो चुके थे, शरीर भी काफी सॉफ्ट और चिकना होने लगा था। राहुल के अंदर हार्मोनल चेंजेस इतनी स्पीड में हो रही थी कि राहुल को समझ नहीं आ रहा था कि वो इतना फेमिनिन कैसे हो गया। इधर इन १० दिनों में एक भी दिन ऐसा नहीं गया जब धरमसिंह ने राहुल के साथ सुहागरात ना मनाई हो। इधर संजना ने बाबा से एक बार फिर से बात की तो बाबा ने बताया कि जैसा उन्होंने कहा था, अंगूठी को अपनी मिडिल फिंगर में धारण करके वो जो चाहे वो कर सकती है। संजना ने भी पहली कोशिश की अंगूठी को अपनी मिडिल फिंगर में धारण किया और एक छोटी सी बोतल में पानी रखकर उसे ऐसे मेडिसिन में तब्दील कर दिया, जिसे कोई भी मर्द पीते ही स्त्री बन जाये। अब बारी थी उस दवाई की टेस्टिंग की, तो उसने राधिका से इस मेडिसिन के बारे में डिस्कस किया।

राधिका, “यार ऐसा कैसे हो सकता है संजना, मैं नहीं मानती!”

संजना, “देखो राधिका, इस मेडिसिन का इस्तेमाल मेल टू फीमेल ट्रांसफॉर्मेशन के लिए किया जाना है और मैं भी अभी तक श्योर नहीं हूँ कि ये मेडिसिन काम करेगी भी या नहीं। लेकिन अगर ये मेडिसिन काम कर गयी तो मजा ही आ जायेगा। टेस्टिंग के लिए हमें एक लड़के की जरुरत है और वो हमें कॉफी शॉप या मॉल में जरूर मिल जायेगा।”

राधिका, “हम्म, छिछोरे लड़कों की कोई कमी नहीं है मुंबई जैसे शहर में। सिर्फ हमदोनो को थोड़ा सेक्सी दिखना होगा!”

संजना और राधिका ने मिनीस्कर्ट पहनी और मेडिसिन को पर्स में रखा और दोनों कॉफी शॉप के लिए निकल पड़ीं। कॉफी शॉप में काफी रश था और दोनों कार्टर रोड बीच पर जाकर वेट करने लगीं। थोड़ी देर में ही कुछ मनचलों की टोली वहां से गुजरी जिनमे एक ऐसा लड़का भी था जो काफी हैंडसम था।

संजना, “ये लड़का ठीक रहेगा टेस्टिंग के लिए, क्या बोलती हो राधिका!”

राधिका, “यार इतना स्मार्ट और हैंडसम लड़का है। इसे तो मेरा बॉयफ्रेंड होना चाहिए!”

संजना, “अच्छा, लाइन दे रहा है तुम्हे, बुला लो अपने पास!”

राधिका ने उस लड़के को इशारे से अपने पास बुलाया। वो लड़का तुरंत राधिका के पास आ गया।

वो लड़का, “नाम क्या है तुम्हारा?”

राधिका, “मेरा नाम रॉक्सी है, तुम्हारा नाम क्या है?”

वो लड़का, “मेरा नाम राज है, बहुत सुंदर हो तुम!”

राधिका, “राज, काफी हैंडसम हो तुम! वो तुम्हारे दोस्त मुझे ऐसे ताड़ रहे हैं मानो कभी खूबसूरत अल्द्की देखि ही नहीं!”

राज, “एक मिनट रुका, मैं अभी आता हूँ!”

राधिका, “हम्म!”

राज अपने दोस्तों के पास गया और उनसे कहा कि लड़की बड़ी भोली भली सी है। ज्यादा टाइम नहीं लगेगा पटाने में, तुम लोग अड्डे पर जाओ, मैं वही लेकर आता हूँ! राज के दोस्त खुश भी हुए और मान भी गए और वहां से चले गए। राज के दोस्तों के जाने के बाद वो राधिका के पास आ गया।

राज, “अब खुश हो, मेरे दोस्तों को भगा दिया मैंने!”

राधिका, “हम्म! वैसे कॉफ़ी पीने चलें!”

राज, “ओफ़्कौर्स!”

राधिका और राज कॉफ़ी शॉप में चले गए। राधिका ने कैपेचीनो आर्डर किया और राज ने फ्रेपे आर्डर किया। राधिका पेमेंट करने गयी तब राज ने उसे एक बार भी ये नहीं कहा कि वो पैसे पे करेगा। राधिका ने पेमेंट किया, राज की ड्रिंक में मेडिसिन मिक्स किया और ट्रे लेकर टेबल पर आ गयी। राधिका ने अपनी कॉफ़ी पी और राज ने फ्रेपे लेकिन राज का ट्रांसफॉर्मेशन नहीं हुआ, वो अभी भी मर्द ही था। थोड़ी देर, लगभग १५ मिनट्स के बाद राज उठा और वाशरूम में चला गया। राधिका ने संजना को कॉल किया और उसे बताया कि राज अभी तक लड़की नहीं बना, मेडिसिन पूरी तरह बेकार निकली और राधिका से घर जाने को कहा। वो भी घर के लिए निकलने से पहले एक बार राज से मिलना चाहती थी लेकिन इट्स बीन मोर दैन १५ मिनट्स, राज अभी भी वाशरूम में ही था। राधिका ने वाशरूम के दरवाज़े पर नॉक किया लेकिन अंदर से रोने की आवाज़ आ रही थी। राधिका के इंसिस्ट करने पर राज ने दरवाज़ा खोला। राधिका राज को देखकर शॉक्ड रह गयी। आखिर मेडिसिन में अपना जादू दिखा दिया, घने लम्बे बाल, छाती फूल कर बड़े बड़े उरोजों में तब्दील हो चुकी थी और राज का प्राइवेट पार्ट भी नहीं था।

राधिका, “राज ये क्या हो गया तुम्हे! तुम लड़की हो?”

राज(अपनी नई फेमिनिन आवाज़ में), “नहीं रॉक्सी, मैं लड़की नहीं हूँ, मैं लड़का हूँ, मतलब था, मतलब अभी तो मैं लड़का था अचानक लड़की कैसे बन गया। अब मैं अपने घरवालों को क्या मुँह दिखाऊंगा, मेरे माँ डैड का एकलौता लड़का हूँ मैं।”

राधिका, “घबराओ नहीं राज, अभी मेरे साथ मेरे घर चलो! वहां मेरी एक सहेली रहती है। हम बैठ कर इस बारे में सोचेंगे!”

राज, “नहीं रॉक्सी, मैंने ऐसे लड़की बनकर नहीं जीना। इसी समुद्र में अपनी जान दे दूंगा मैं!”

राधिका, “घबराओ नहीं राज, आई होप सब ठीक हो जायेगा। अभी मेरे घर चलो, वहां तुम सेफ रहोगे और ये ड्रेस भी तुम्हे काफी ढीला हो रहा है। वहां मेरे कुछ कपडे हैं जो तुम्हे बिलकुल फिट आएगा!”

राधिका के बार बार इंसिस्ट करने पर राज राधिका के साथ उसके पीजी में आ गया। रस्ते में राधिका ने संजना को मैसेज किया कि उसकी मेडिसिन वर्क कर गयी और वो राज को लेकर पीजी आ रही है। इधर राज को अपनी सहेली बताकर राधिका उसे अपने कमरे में ले आयी, जहाँ संजना पहले से उन दोनों का इंतज़ार कर रही थी। 

राधिका, “मीट माय फ्रेंड संजना! संजना, मीट राज!”

संजना सब जानती थी लेकिन फिर भी राधिका को सपोर्ट करते हुए राज का टांग खिचाई करने लगी।

संजना, “राधिका, तुम लेस्बो हो! नाम लड़कों वाला और जिस्म लड़कियों वाला, तुम्हारी दोस्त का नाम राज ही है या कुछ और?”

राधिका, “नहीं संजना, जिस्म से लड़की है तो क्या हुआ। जब हम मिले थे तब तक तो राज मर्द ही था, अचानक लड़की कैसे बन गया मेरे भी समझ में नहीं आया!”

राधिका, “तो राज, कहाँ रहती हो तुम?”

राज, “डोंट यूज़ फेमिनिन वे फॉर मी राधिका। मैं औरत नहीं हूँ, पता नहीं लड़की कैसे  बन गया, मेरी शक्ल तो ठीक ही है लेकिन पूरा जिस्म लड़कियों का कैसे हो गया, मेरे तो कुछ भी समझ में नहीं आ रहा है। मेरे माँ डैड बांद्रा में रहते हैं और अगर उन्हें ये पता चलेगा तो पता नहीं उनपर क्या असर होगा! ऐसे इस हालात में मैं घर कैसे जाऊंगा, वो मुझे पहचान सकेंगे भी या नहीं ! और ऐसे में मुझे एक्सेप्ट करेंगे या नहीं !”

संजना, “डोंट बी स्ट्रेस्ड राज! पहले तुम शर्ट चेंज कर लो। ये लो मेरी शर्ट और जीन्स तुम्हे बिलकुल फिट आएगी!”

राज, “मैं ये लड़कियों वाले कपडे नहीं पहन सकता। मुझे घर जाना है, तुम दोनों मेरे साथ मेरे घर चलो, तुम दोनों मेरे माँ डैड को समझा सकती हो कि मैं लड़की कैसे बन गया?”

राधिका, “नो राज, मैं तुम्हारी सिर्फ इतनी ही मदद कर सकती हूँ कि तुम्हे कपडे दे सकती हूँ। मैं तो तुम्हे जानती भी नहीं, आज ही मिली हूँ। नहीं नहीं, तुम्हे जो भी ड्रेस पसंद आए पहन लो और अपने घर चले जाओ! हाँ वीडियो कॉल करके हमसे बात करवाओगे तो हम बता देंगे कि तुम अचानक लड़के से लड़की बन गए। इससे ज्यादा हम तुम्हारी मदद नहीं कर सकतीं!

राज, “हम्म! थैंक यू रॉक्सी!”

फिर राधिका ने अपनी एक शार्ट जीन्स राज को पहनने को दी, जो उसे पूरी तरह से फिट आ गयी। फिर संजना ने अपनी एक टॉप पहनने को दी, जिसे पहनने के बाद राज बिलकुल लड़कियों की तरह ही दिखने लगा था। राधिका ने राज के लम्बे घने बालों का जुड़ा बना दिया और तीन चार क्लिप्स लगा दिए ताकि बाल ना बिखरे। संजना ने राज का लाइट मेकअप किया और होंठों पर डार्क लिपस्टिक लगाकर उसे तैयार कर दिया। राधिका और संजना ने राज के लिए ऑटो बुक किया और उसे बांद्रा के लिए सी ऑफ करके अपने कमरे में आ गयीं।

राधिका, “वाओ संजना, योर मेडिसिन रियली वर्क्स! लेकिन मुझे राज के लिए बुरा लग रहा है, अपने माँ बाप का एकलौता बेटा था वो जो अब हमारी वजह से लड़की बन गया!”

संजना, “डोंट बी अ फूल राधिका! राज लड़का था तो उसे लड़कियों की कितनी कदर थी, ये तुम्हे भी पता है। तुम्हारे एक इशारे पर वो तुम्हारे पास आ गया तो तुम ही सोचो क़ि राज कैसा लड़का था। लड़की बनकर उसे धीरे धीरे समझ आएगा कि समाज में लड़कियों की लाइफ कितनी टफ होती है।”

राधिका, “हम्म, मैं हूँ ही पागल। इमोशनल हो जाती हूँ, तभी राहुल ने मेरा फायदा उठा लिया था। तुम नहीं होती संजना तो मेरा क्या होता?”

संजना, “कुछ भी नहीं, अब चलो फिर से मेडिसिन बनाकर लाती हूँ!”

थोड़ी देर बाद राधिका ने दूसरी बोतल में दवाई बना कर ले आयी और दोनों ने फैसला किया कि वे दोनों पुणे जाएँगी और राहुल को मेडिसिन खिलाएंगी। उसी शाम संजना ने धरमसिंह को कॉल किया और उसे बताया कि कल वो अपनी एक दोस्त के साथ राहुल से मिलने पुणे आ रही है। राहुल के बारे में कुछ भी बताये बिना धरमसिंह ने संजना का कॉल डिसकनेक्ट कर दिया। धरमसिंह संजना को सरप्राईज़ देना चाहता था और संजना धरमसिंह को एक सरप्राईज़ देना चाहती थी। अगले दिन संजना और राधिका जब बंगलो पर पहुंचे तब उन्होंने डोर बेल बजायी। दरवाजे पर बड़ी ही सुन्दर सी लड़की जिसने घूँघट किया हुआ था और सर झुकाये हुए थी। उस लड़की ने दरवाज़ा खोला और किचन में चली गयी। इधर राधिका और संजना घर के अंदर आ गए और धरमसिंह से मिले। संजना ने राधिका को धरमसिंह से मिलवाया और बताया कि धरमसिंह उसके बचपन का दोस्त है और उसे लड़के पसंद हैं। राधिका ने धरमसिंह से राहुल के बारे में पूछा तो धरमसिंह ने बताया कि घूँघट में जो लड़की दरवाज़ा खोलने आयी थी वही राहुल है। संजना, “आई कैंट बिलीव इट धरमसिंह !”

राधिका, “मी टू, ऐसा कैसे हो सकता है, आप प्लीज् राहुल को बुला दो!”

धरमसिंह, “रानी, इधर आओ!”

संजना, “रानी!”

राधिका, “राहुल का नया नाम रानी है?”

संजना, “आई डोंट नो राधिका!”

तभी वहां घूँघट में राहुल आ गया!

धरमसिंह, “इधर आओ रानी, मेरी जांघ पर बैठो!”

राहुल धरमसिंह की जांघ पर बैठ गया और धरमसिंह ने राहुल का घूँघट हटाया! राहुल की खूबसूरती देखकर राधिका और संजना का मुँह खुला का खुला रह गया।

संजना, “ये क्या धरमसिंह, तुमने तो राहुल को औरत ही बना दिया!”

धरमसिंह, “हम्म संजना,  ये है ही इसी लायक! अभी जिस लड़की को इसे ट्रेनिंग देने को रखा था। इसने उसे भी नहीं छोड़ा, वो भी यहाँ से रोते रोते गयी इस घर से। इतनी पनिशमेंट काफी नहीं है इस रंडी के लिए।”

संजना, “हम्म! मुझे पता था, वन्स अ बीच, ऑलवेज अ बीच! मैं कुछ लायी हूँ इसके लिए, ये लो धरमसिंह। ये मेडिसिन इस रंडी को पीला दो!”

धरमसिंह ने संजना से वो मेडिसिन ली और राहुल को मुँह खोलने को कहा। राहुल ने अपना मुँह खोला और धरमसिंह ने वो मेडिसिन राहुल को पीला दिया।

संजना, “वैसे राहुल का नाक कान छिदवा कर बहुत ही अच्छा किया धरमसिंह तुमने!”

राधिका, “तुम्हारे साथ जोड़ी भी बहुत अच्छी लग रही है रानी की!”

धरमसिंह, “थैंक्स संजना, वैसे मैं रानी के साथ अपनी पूरी लाइफ बिताना चाहता हूँ। अपनी पत्नी बनाकर रखना चाहता हूँ संजना, लेकिन उसके लिए तुम्हारी हाँ बहुत जरुरी है।”

संजना, “धरमसिंह, तुम अच्छे इंसान हो। मेरे कहने पर राहुल के साथ इतना कुछ किया तुमने। लेकिन क्या करोगे इसे अपनी पत्नी बनाकर? इसकी फितरत बदलने वाली नहीं है और माँ बनने का सुख भी नहीं दे सकेगा ये हिजड़ा!”

धरमसिंह, “मैं इसका सेक्स चेंज ऑस्ट्रेलिया में करवाऊंगा जहाँ औरत बनने के बाद राहुल मेरे बच्चों को जन्म भी देगा वो भी अपनी कोख से!”

संजना, “कितना खर्च आएगा?”

धरमसिंह, “मैंने बात की है, २० लाख में इसे पूरी तरह से लड़की बना देने में एक साल का टाइम लगेगा।”

संजना, “तुम मुझे १० लाख दे दो, मैं इसे अभी लड़की बना देती हूँ!”

धरमसिंह, “ऐसा क्या, ठीक है! ले जाओ इसे कमरे में और लड़की बनाकर ले आओ! मैं अभी १० लाख ट्रांसफर कर दूंगा !”

संजना राहुल को लेकर कमरे में गयी और राधिका भी उसके साथ हो ली। संजना ने राहुल को न्यूड होने को कहा तो राहुल न्यूड हो गया। इधर १५ मिनट्स होते ही राहुल को जोर से पेशाब लगा और वो वाशरूम में घुस गया। वाशरूम में जाने के १५ मिनट्स बाद जब राहुल वाशरूम से बाहर नहीं आया तब संजना ने गेट नॉक करना शुरू किया। राहुल ने गेट खोला, जैसा संजना और राधिका ने सोचा था, राहुल लड़की बन चूका था। ऑवरग्लास बॉडी शेप में राहुल बहुत ही खूबसूरत दिख रहा था, पेनिस की जगह पिंक वजाइना ने ले ली थी और दूधिया बूब्स, ब्राउन निप्पल्स, पतली कमर, घने काले घुंघराले लम्बे बाल के साथ राहुल पूरी तरह लड़की बन गया था। बाहर धरमसिंह को ये बात कन्फर्म थी कि संजना जो बोल रही थी वो सात जनम में भी पॉसिबल नहीं। इधर राहुल को भी यकीन नहीं हो रहा था वो लड़की बन चूका है।

अपने आप को देखते ही राहुल बैठकर रोने लगा और संजना के पैरों में गिर कर उसे फिर से मर्द बना देने की गुहार लगाने लगा।

राहुल अब लड़की बन चूका था और उसने संजना से लाख मिन्नतें की करने के बावजूद संजना ने उसे दुबारा लड़का बनाने से साफ़ इंकार कर दिया।

राधिका, “अब रोना बंद करो राहुल, अब तुम्हारा जिस्म एक लड़की का है और बाहर तुम्हारा होने वाला पति तुम्हारे इस जिस्म को देखने के लिए बेताब हुआ जा रहा है।”

राहुल, “प्लीज् राधिका, मुझे फिर से लड़का बनवा दो, मैं प्रॉमिस करता हूँ, आगे से कभी किसी लड़की के साथ गलत नहीं करूँगा। आई एम् सॉरी राधिका, मैंने तुम्हारे साथ जो कुछ भी गलत किया, उसके लिए आई ऍम सॉरी लेकिन मैं ऐसे लाइफ नहीं जीना चाहता। मुझे प्लीज् फिर से लड़का बना दो, प्लीज् राधिका प्लीज् !”

राधिका, “सॉरी राहुल, मैं तुम्हारी कोई मदद नहीं कर सकती!”

संजना, “ज्यादा टाइम वेस्ट मत करो रानी, बाहर तुम्हारा होने वाला पति तुम्हारा इंतज़ार कर रहा है।”

फिर संजना ने राहुल को ब्रा और पैंटी में तैयार करके एक लाल चुनरी से घूँघट बनाकर उसे धरमसिंह के पास ले गयी। राहुल ने फील किया कि अब चलते समय उसके बूब्स ऊपर नीचे हो रहे थे और साथ ही चाल भी बदल गयी। धरमसिंह ने राहुल को देखा तो देखता ही रह गया।

धरमसिंह, “ये कैसे किया तुमने संजना! क्या तुमने सच में राहुल को लड़की बना दिया है या ये सब तुम्हारे हाथों के मेकअप का जादू है?”

संजना, “तुम खुद अपनी रानी को छू कर देख लो!”

धरमसिंह ने राधिका और संजना के सामने ही राहुल के बूब्स, होंठ और वजाइना को चुकार देखा। राहुल सच में औरत बन चूका था कर ये बात कन्फर्म थी। धरमसिंह ने भी बिना देर किये संजना को १० लाख रूपये उसकी अकाउंट में ट्रांसफर किये और उसने संजना और राधिका को थैंक्स कहा।

संजना, “अब तुम अपनी रानी के साथ घर बसा सकते हो धरमसिंह! और हाँ शादी में जरूर बुलाना और बच्चों में ज्यादा जल्दी मत करना। वो क्या है ना, हमारी रानी अभी नई नई औरत बनी है। औरत का शरीर काफी कॉम्प्लिकेटेड होता है, इसे समझने में रानी को कम से कम ३, ४ महीने तो लग ही जायेंगे। मैं जिस काम से आयी थी, वो काम पूरा हो चूका है अब तुम और रानी जैसे चाहो अपनी लाइफ जिओ।”

राधिका, “गुडलक रानी, तुम्हारी शादी में मिलते हैं। एन्जॉय!”

फिर राधिका और संजना वहां से मुंबई के लिए रवाना हो गयी और इधर धरमसिंह भी अपनी रानी को गोद में उठाकर बिस्तर पर लिटा चूका था। धरमसिंह राहुल रानी के साथ आज की रात ही सुहागरात मनाने को आतुर था लेकिन बिस्तर पर जाते ही उसे ख़याल आया कि ऐसे करने से हो सकता है कि राहुल रानी शादी से पहले ही प्रेग्नेंट हो जाएगी। फिर उसने राहुल से कहा कि साड़ी पहन कर तैयार हो जाये, वो उसे घुमाने ले जाना चाहता है।

इधर रस्ते में,

राधिका, “वाओ संजना, आई एम् सो एक्साइटेड। राहुल औरत बन गया और धरमसिंह उससे शादी करेगा। आई एम् श्योर धरमसिंह राहुल को आज की रात तहस नहस कर देगा। शादी तक का वेट धरमसिंह नहीं कर पायेगा, आई एम् १०० परसेंट श्योर।”

संजना, “आई होप सो! राहुल को ऐसे देखकर कैसा लग रहा है?”

राधिका, “बहुत अच्छा, अब मेरे दिल में सुकून है!”

संजना, “राधिका, तुम्हारे फ़ोन पर बार बार किसी नंबर से कॉल आ रहा है। फ़ोन क्यों नहीं उठा रही हो तुम!”

राधिका, “यार ये राज का कॉल आ रहा है।”

संजना, “कॉल तो पिक करो, मैं बात करती हूँ!”

राधिका ने कॉल रिसीव किया और संजना को फ़ोन पकड़ा दिया।

राज, “यार रॉक्सी, मेरे माँ डैड को समझा दो प्लीज्! मेरे माँ डैड नहीं मान रहे हैं कि मैं उनका बेटा राज हूँ!”

संजना, “मैं संजना बात कर रही हूँ राज! अंकल आंटी, ये सच है। राज औरत बन गया था कॉफ़ी शॉप में, कैसे लड़की बन गया, मुझे भी नहीं मालुम! अब राज आपकी बेटी बन चुकी है अंकल, आप एक अच्छा सा नाम रखकर अपनी बेटी के रूप में राज को एक्सेप्ट कर लीजिये!”

राज के पापा, “लेकिन संजना, मेरा बेटा अचानक से लड़की कैसे बन गया! कोई तो वजह होगी ना, ऐसे कैसे राज लड़की बन जायेगा!”

संजना, “अंकल राज से तो हम भी कल पहली बार मिले और ये सब हो गया। आई डोंट नो अंकल कि राज लड़की कैसे बन गया। लेकिन राज लड़की बन ही गया है तो इसे आप अपनी बेटी के रूप में अपना लो अंकल!”

राज के पापा, “बेटा मेरा है तो अपना तो लूंगा मैं। लेकिन इसकी शादी के लिए लड़का कहाँ से ढूंढूंगा। एक बेटा था तो कोई गम नहीं था लेकिन ये भी लड़की बन गया। मोहल्ले में हमारी थू थू हो जाएगी अगर सभी को इस बारे में कुछ भी पता चला।”

संजना, “अंकल आप राज के लड़का देखना शुरू कर दो और अगर ना मिले तो मुझे बताना, मेरा बड़ा भाई कुंवारा है। मैं अपने भाई से आपकी बेटी की शादी करवा दूंगी। डोंट वोर्री!”

राज के पापा, “थैंक यू बेटा ! पहले मेरी बेटी घर के काम काज और लड़कियों की तरह रहना सीख ले, फिर मैं इसकी शादी के लिए तुमसे जरूर बात करूँगा!”

फ़ोन डिसकनेक्ट होने के बाद राधिका संजना की तरफ देखने लगी।

संजना, “क्या?”

राधिका, “ये क्या था, तुम राज की शादी अपने बड़े भाई से करवाना चाहती हो?”

संजना, “अरे यार, ऐसे ही बोल दिया! तुम भी, आज भी भोली ही हो!”

राधिका, “यार संजना, मुझे तो यकीन नहीं हो रहा है। मेरी आँखों के सामने २ लड़के लड़की बन गए, एक के साथ तो एक मर्द शादी करने को तैयार भी है। क्या ये सब सच है या मैं कोई सपना देख रही हूँ!”

संजना, “सच है!”

इधर धरमसिंह ने राहुल रानी को अपने से साथ नाईट आउट पर लोनावला ले गया वो भी अपनी बाइक पर बिठा कर। हिचकोले खाती बाइक पर धरमसिंह के कंधे पर हाथ रखे, लड़कियों की तरह अपने दोनों पैरों को एक तरफ रखकर राहुल पहली बार ऐसे बाइक पर बैठा था। धरमसिंह राहुल को एक रिसोर्ट पर ले गया जहाँ उसने अपने हाथों से राहुल को खाना खिलाया। जो हाथ थप्पड़ के लिए अक्सर उठते थे आज उन्ही हाथों से खाना खाकर राहुल के अंदर उसके प्रति प्यार जाग गया। राहुल ने भी धरमसिंह को अपने हाथों से खाना खिलाया और धरमसिंह ने राहुल को अपने बारे में बताया।

धरमसिंह, “रानी, तुम्हे शादी के बाद मैं अपने घर ले जाऊंगा। मैं बिहार का रहने वाला हूँ और मैंने अपने माँ बाप से तुमसे शादी की बात भी कर ली है। तुम उन्हें पसंद हो और हमने डिसाइड किया है कि हम शादी बिहार में ही करेंगे।”

शादी की बात सुनकर राहुल फिर से इमोशनल हो आया लेकिन उसके नसीब में धरमसिंह की पत्नी बनना लिखा था ये सोचकर राहुल ने भी अपने फेट को एक्सेप्ट कर लिया था। राहुल धरमसिंह के हर बात पर हाँ करता रहा क्यूंकि उसके पास दूसरा कोई ऑप्शन नहीं था और अब तो राहुल पूरी तरह औरत भी बन चूका था।

धरमसिंह, “रानी अगले हफ्ते मैं तुम्हे बिहार ले जाऊंगा और अगर किसी दोस्त या रिलेटिव को शादी में बुलाना चाहती हो तो बुला सकती हो।”

राहुल, “मेरे किसी दोस्त या रिलेटिव को ये नहीं पता कि मैं कहाँ हूँ और अब मैं औरत बन चुकी हूँ। तो उन्हें बुलाने का कोई फायदा नहीं है, आप अपने माँ बाप से कह देना कि मैं एक अनाथ लड़की हूँ।”

धरमसिंह, “जैसी तुम्हारी इच्छा!”

थोड़ा घूमने के बाद धरमसिंह राहुल को अपनी बुलेट पर बिठाकर पुणे ले आया और रात भर रोमांस करता रहा, लेकिन राहुल के साथ सेक्स नहीं किया। अगली सुबह राहुल हर रोज़ की तरह घर के कामकाज में लग गया और धरमसिंह नाश्ता करके अपने काम पर चला गया। इधर रात भर के हर्रास्मेंट के बाद की थकान से चूर राधिका और संजना गहरी नींद में अपनी पीजी में सो रहीं थी। संजना के फ़ोन पर कॉल आ रहा था तो उसने अपना फ़ोन पिक किया।

संजना, “हेलो!”

धरमसिंह, “हेलो, मैं धरम बोल रहा हूँ।”

 संजना, “हाय धरम, सब ठीक तो है ना, इतनी सुबह कॉल किया तुमने?”

धरमसिंह, “हाँ, अगले हफ्ते मैं रानी को अपने साथ लेकर बिहार जा रहा हूँ। शादी का डेट फिक्स होते ही तुम्हे इन्फॉर्म करूँगा, तुम और राधिका जरूर आना हमारी शादी में!”

संजना, “हाँ धरम, तुम्हारी शादी तो हमारे लिए इतनी ख़ास है। हम जरूर आएंगे वैसे रानी क्या कर रही है?”

धरमसिंह, “रानी घर के काम में व्यस्त है और मैं काम पर आ गया था।”

संजना, “घर जाना तो रानी से बात करवाना, राधिका उससे कुछ बात करना चाहती है!”

धरमसिंह, “ओके! टेक केयर!”

कॉल डिसकनेक्ट होने के बाद संजना ने राधिका को जगाया।

संजना, “यार राधिका जाग भी जाओ! पता है ना आज मेरा ऑडिशन है।”

राधिका, “हम्म, गुड लक संजू , मुझे सोने दे आज। इस सुकून की नींद की बात ही कुछ अलग है।”

संजना, “हम्म्म! चल मैं तो चली, तू रेस्ट कर!”

राधिका ऑडिशन के लिए तैयार होकर निकल गयी। संजना का पोर्टफोलियो उसके पास था और उसने अच्छे से ड्रेसअप भी कर रखा था। हाफ साड़ी और चमकीली बैकलेस ब्लाउज, हाई हील्स में काफी बोल्डनेस के साथ वो मॉडलिंग एजेंसी पहुंची। वहां पहुंचने पर संजना ने देखा कि लड़कियों की लम्बी लाइन लगी हुई है और कुछ लड़के वहां मक्खियों की तरह भिनभिना रहे थे। सब्र और शांत मन करके संजना अपनी बारी का इंतज़ार कर रही थी। वहां जितनी भी लड़कियां आयीं थी, सभी काफी बोल्ड, सेक्सी और ड्रेसिंग सेन्स तीनो में ही अच्छी थीं। संजना ने सोच लिया कि अगर यहाँ सिलेक्शन नहीं भी होता है तो कोई बात नहीं, सीखने को बहुत कुछ मिल रहा है। शाम तक ऑडिशंस चलते रहे लेकिन संजना का नंबर नहीं आया, उसके बाद आयी लड़कियों को भी ऑडिशन के लिए बुलाया गया। लेकिन संजना अब अपना सब्र खो रही थी। थोड़ी देर बाद संजना को ऑडिशन के लिए बुलाया गया। तीन एजेंसी ओनर्स ने संजना का पोर्टफोलियो देखा और उसे रैंप वाक करने को कहा गया। संजना ने रामो वाक करके दिखाया तो उन्होंने फेसिंग द कैमरा , फेस द वाल पोज़, सिटींग पोज़, लीनिंग फॉरवर्ड पोज़ देने को कहा जिनमे संजना ने बहुत ही अच्छे अच्छे पोज़ेस दिए। जिसके बाद संजना को ऐज़ अ मॉडल सेलेक्ट कर लिया गया और साथ ही अच्छे पैसे का भी ऑफर मिला। संजना के लिए आज का दिन बहुत ही बड़ा था और वो अपने सिलेक्शन से बहुत खुश थी। संजना ने सबसे पहले अपने घर पर कॉल किया और उन्हें बताया कि एक मॉडलिंग एजेंसी में उसका सिलेक्शन हो गया है। संजना के घरवाले बहुत खुश थे और उन्होंने संजना से  सोच समझ कर कदम उठाने की सलाह दी। संजना इतनी खुश थी कि वो घर आकर राधिका को पार्टी के लिए ले जाने वाली थी। संजना ने राधिका को कॉल किया, लेकिन राधिका ने कॉल पिक नहीं किया। संजना पीजी में आयी तब वहां की ओनर ने बताया कि कुछ गुंडे राधिका को उठा ले गए हैं और तुम्हारे लिए ये लेटर छोड़ा है। संजना समझ गयी कि जरूर ये राहुल का भाई ही है जिसने ये हरकत की है। उस लेटर में सिर्फ एक एड्रेस दिया हुआ था। संजना सोच में पड़ गयी कि राधिका को कैसे बचाया जाये। उसने एक बड़ी बोतल में मेडिसिन बनायीं जिसे पीने भर से मर्द औरत बन जाएं और औरत बनते ही वे कमज़ोर हो जाएँ और उनके पीरियड्स भी शुरू हो जाये। अब संजना के दिमाग में चल रहा था कि राधिका को उन गुंडों के चुंगुल से निकालने के लिए वहां जाना पड़ेगा और वे गुंडे इस पानी को पीयेंगे कैसे! तभी राधिका को याद आया कि बाबा की अंगूठी में वो शक्ति है कि वो जो चाहे वो कर सकती है। संजना ने ऑटो किया और उस एड्रेस पर जा पहुंची, जहाँ राहुल के भाई ने राधिका को बंधक बनाया हुआ था।

जैसे ही संजना वहां एंटर हुई, वहां सामने राधिका जमीन पर बैठी थी। राधिका को देखकर ऐसा लग रहा था मानो उसे उन लोगों ने ३, ४ झापड़ मारा था।

एक गुंडा जिसके सामने राधिका जमीन पर गिरी हुई थी, वो बोला, “तो तू ही है संजना, मेरा भाई कहाँ है और तू जानती नहीं कि मैं कौन हूँ, मेरा बाप कौन है। मेरा नाम मुन्ना है और यहाँ का मैं डॉन हूँ।”

संजना, “नहीं जानती कि कौन हो तुम! राधिका को छोड़ दो तो मैं तुम सब को ऐसे ही जाने दूंगी, वरना तेरे साथ भी वही होगा जो तेरे भाइ के साथ हुआ है।”

मुन्ना, “क्या किया तूने मेरे भाई के साथ? उस रात वो तेरे साथ ही था।”

संजना, “हाँ मुन्ना, तेरा भाई मेरे साथ ही था और मैं जानती हूँ कि तेरा भाई कहाँ है और उसके साथ क्या हुआ!”

मुन्ना, “तेरी दोस्त मेरे कब्ज़े में है, चुपचाप बता दे कि मेरा भाई कहाँ हैं। मैं तुझे यहाँ से जाने दूंगा!”

संजना, “तू मुझे यहाँ से जाने देगा ये तो कन्फर्म है मुन्ना लेकिन पहले राधिका को यहाँ से जाने दे, फिर मैं बताउंगी कि तेरा भाई कहाँ है।”

राधिका ने अपना मोबाइल ऑन किया और संजना से पैसे लेकर पीजी चली गयी। इधर संजना ने अपनी अंगूठी की शक्ति से मुन्ना और उसके ४ गुर्गों को इतना प्यासा कर दिया कि उनसे सब्र भी नहीं हो रहा था। वहां पानी नहीं था और संजना हाथ में उस मेडिसिन का बोतल लिए सामने खड़ी थी। मुन्ना ने संजना के हाथ से वो बोतल लिया और दो घूंट पी कर अपने गुर्गों को पीने को दे दिया। मुन्ना और उसके गुर्गे पानी की जगह वो मेडिसिन पी चुके थे। सबसे पहले मुन्ना को टॉयलेट लगा और वो वाशरूम में चला गया। काफी देर तक मुन्ना बाहर नहीं आया, इधर चारो गुर्गों को बहुत जोर की टॉयलेट लगी थी।  

संजना समझ चुकी थी कि उसका प्लान कामयाब हो चूका था। संजना अपने साथ कुछ ज्यादा ही पैड्स लेकर आयी थी। उसने एक एक पद चारो को दे दिया और एक पैड मुन्ना के लिए रख दिया। मुन्ना अभी भी बाहर नहीं निकला था और चारो ने बाहर गैलरी में टॉयलेट कर लिया। लेकिन कमरा पूरी तरह से खाली थी, मुन्ना वाशरूम में अकेला था।

संजना, “बाहर आ जा मुन्ना, यहाँ कोई भी नहीं है।”

मुन्ना डरते डरते बाहर आया, “ये क्या कर दिया तूने, मैं औरत कैसे बन गया!”

संजना, “तेरे जैसे मर्द को तो हिजड़े भी अपने ग्रुप में नहीं रखना चाहें, भला मान मेरा, मैंने तुझे और तेरे गुर्गों को औरत ही बनाया है। अब बताती हूँ कि तेरे भाई के साथ क्या हुआ, तेरे भाई को क्रॉसड्रेस्सेर बनाकर मेरे एक दोस्त ने उसकी ऐसी चुदाई की, कि तेरा भाई औरत ही बन गया। मेरा दोस्त उसे बिहार ले कर जा रहा है और तेरे भाई को अपनी दुल्हन बनाकर रख लेगा। और तू बता तेरा और तेरे गुर्गों का क्या करूँ मैं।”

मुन्ना, “एक तो तूने हम पाँचों को लड़की बना दिया और हम से पूछ रही है कि क्या करेगी तू। फटाफट हम सबको मर्द बना दे वरना हमसे बुरा कोई नहीं होगा।”    

संजना, “अरे मेरी मुन्नी, इत्तु सी तो है तू, मेरा क्या बिगाड़ लेगी। लेकिन बाहर कहाँ जाएगी तू तो तेरी छमिया लोग। इतनी सेक्सी दिख रही हो तुम पाँचों कि अगर ने रस्ते पर देख लिया तो रस्ते पर ही चुद जाओगी तुम पाँचों। और बाहर जाकर किस्से क्या कहोगी, कि मैं पहले मुन्ना नाम का क्रिमिनल था जिसे इस लड़की ने लड़की बना दिया। हाहाहाहाहा, तरस आता है मुन्नी तेरे और तेरी छमिया लोग को देखकर, लेकिन अब मैं करूँ भी तो क्या करूँ। अब तुम पाँचों क्या करोगी, मेरी मानो तो अच्छा मर्द देखकर शादी करके सेटल हो जाओ। तुम सब की हाइट ५ फुट रह गई है, और इतनी स्लिम ट्रिम लड़कियों को देखकर तो कोई भी मर्द तुम्हे अपनाने को रेडी हो जायेगा। अब तुम पांचों एन्जॉय करो, मैं चलती हूँ!”

मुन्नी, “हमे इस हालत में छोड़कर मत जाओ, हमे फिर से मर्द बना दो। मैं आत्मसमर्पण कर दूंगी पुलिस और अपनी सजा भी भुगतने को तैयार हूँ। आज के बाद मैं कोई गलत काम नहीं करुँगी, प्लीज हम पाँचों को फिर से मर्द बना दो।”

संजना, “घबराओ नहीं, तुम पाँचों को मर्द तो नहीं बना सकती लेकिन तुम पाँचों के लिए एक एक मर्द का इंतेज़ाम जरूर कर सकती हूँ। एन्जॉय!”

संजना उन पाँचों को उस हालात में छोड़कर चली गयी। वो फ्लैट वैसे तो मुन्ना ने वसूली से ख़रीदा था लेकिन अब उस फ्लैट से बाहर निकलना और लोगों को फेस करने उसके और उसकी छमिया लोगों के लिए नामुमकिन था। इधर संजना ख़ुशी ख़ुशी पीजी आ गयी और राधिका को बताया कि कैसे उसने मुन्ना और उसके चारो गुर्गों को औरत बना दिया।

राधिका, “यार ऐसे तो मुंबई की आधी आबादी को तुम औरत बना दोगी संजना। अब रुक जाओ, अब किसी को औरत मत बनाना।”

संजना, “मैं क्यों किसी को औरत बनाने लगी। वो तो मेडिसिन पी कर सब लड़की बन गए। वैसे अब मैं कुछ सोच रही थी।”

राधिका, “क्या?”

संजना, “देखो, मेरा सिलेक्शन हो गया है एक मॉडलिंग एजेंसी में। इसी ख़ुशी में चलो ना पार्टी करते हैं।”

राधिका, “हम्म, यार बड़ी ख़ुशी की बात है ये तो। चलो मैं तो कब से तैयार हूँ।”

फिर राधिका और संजना दोनों बियर बार में जा पहुंचे और दोनों ने बहुत एन्जॉय किया। वहीँ कुछ बार गर्ल डांस करके पैसे कमा रहीं थी तो संजना ने राधिका से कहा कि क्यों ना पैसे कमाए जाये।

राधिका, “बार गर्ल बनकर पैसे कमाऊं मैं, इतने बुरे दिन नहीं आये हैं मेरे !”

संजना, “यार मैं तेरे लिए नहीं बोल रही, मैं तो मुन्नी और उसकी साथियों की बात कर रही हूँ। क्यों ना उन पाँचों को यहाँ बियर बार में नौकरी पर लगवा दूँ और उनके मुनाफे का १०% अपना कमिशन बाँध दूँ। तो मुझे लगता है, महीने का ५ से १० लाख कहीं नहीं गया है। उसके लिए एक बड़ा फ्लैट लेना होगा और वही से इन पांचों को कण्ट्रोल करना होगा।”

राधिका, “यार बेफालतू तुम मॉडलिंग में जा रही हो। तुम्हे तो बिज़नेस वीमेन होना चाहिए।”

संजना, “हाहाहा, बिजनेसमैन की बेटी हूँ, मेरी तो खून में ही बिज़नेस है।”

राधिका, “तो क्या सोचा, उन पाँचों का क्या करना है?”

संजना, “सोचना क्या है? चलो बार ओनर से बात करते हैं !”

संजना बार ओनर से मिलने चली गयी और राधिका वहीँ बैठकर उसका इंतज़ार करने लगी। बार ओनर का नाम सुरेश कालरा था और वो पंजाबी था।

सुरेश, “तो आप मुझे ५ लड़कियां डौगी, जो इस बार में बार डांसर बनकर पैसे कमाएंगी और  उनके मुनाफे का १० प्रतिशत दे दूँ!”

संजना, “बिलकुल, वैसे इन लड़कियों को प्रोस्टीटूशन से भी कोई परहेज़ नहीं है।”

सुरेश, “ये तो सोने पर सुहागा हो गया! डन, आप कल ही अपनी लड़कियों को लेकर बार आ जाओ, लड़कियों के रहने खाने पीने का प्रबंध बार के तरफ से कर दूंगा। और हर महीने की २९ तारीख को आपको आपके पैसे मिल जाया करेंगे!”

संजना, “आपके साथ बिज़नेस में मजा आएगा मिस्टर कालरा!”

संजना राधिका के पास आयी और उसे बताया कि बार ओनर मान गया है और इन पाँचों लड़कियों को अपने बार में रहने और खाने पीने की सुविधा भी दे रहा है। चलो, कल सुबह उस मुन्नी और उसकी सहेलियों को यहाँ शिफ्ट कर देते हैं। राधिका को बहुत मजा आ रहा था, ऐसे गुंडे मावली, लड़की बनकर बार में नाचेंगे, तभी तो वे औरतों की इज़्ज़त करना सिख सकेंगे। राधिका और संजना रिटर्न हो गयीं। अगली सुबह राधिका और संजना मुन्ना के अपार्टमेंट पर गए और काफी देर तक डोरबेल बजाने के बावजूद किसी ने दरवाज़ा नहीं खोला।

राधिका, “संजना, ये तो दरवाज़ा भी नहीं खोल रहीं हैं।”

संजना, “खोलेगी, तुम टेंशन मत लो।”

संजना, “मुन्नी, दरवाज़ा खोलो! मैं हूँ !”

दरवाज़ा अंदर से खुला, संजना और राधिका घर में एंटर हुईं तो देखा अपार्टमेंट में बहुत गन्दगी है।

संजना, “मुन्नी और तुम चारो भी, यहाँ आओ।”

मुन्नी और चारों लड़कियां वहां सिर झुकाये खड़ी हो गयी।

संजना, “सबसे पहले तुम चारों अपना अपना नाम बताओ!”

एक बोला, “मेरा नाम सोनू है!”

संजना, “आज से तुम्हारा नाम सिमरन है, हाँ तुम्हारा नाम क्या है?”

दूसरा बोला, “मेरा नाम सिद्धार्थ है।”

संजना, “हम्म, आज से तुम्हारा नाम सिमी है। हाँ तुम्हारा नाम?”

तीसरा बोला, “रवि!”

संजना, “हम्म, आज से तुम रवीना हो। हाँ तुम?”

चौथा बोला, “मेरा नाम मनोज है।”

संजना, “ठीक है, आज से तुम मंजू हो! तो सुनो मंजू, रवीना, सिमी, सिमरन और मुन्नी! आज से तुम पाँचों बार डांसर बनकर काम करोगी और प्रोस्टीच्यूशन भी करोगी। कोई सवाल जवाब नहीं करोगी तुम पाँचों नहीं तो मैं तुम सब को लड़की से कुतिया बना दूंगी और मोहल्ले में छोड़ दूंगी।”

संजना के डर से पाँचों ने कुछ भी नहीं कहा। फिर संजना और राधिका उन्हें साड़ी में तैयार करके बार ले गयी। पाँचों को बार मालिक ने सेलेक्ट कर लिया और संजना के साथ एग्रीमेंट साइन कर लिया, संजना उन पाँचों को बार मालिक को हैंडओवर करके एडवांस लेकर राधिका के साथ वहां से चली गयी।

राधिका, “अब तो रोज़ बार में आना पड़ेगा संजना, मैं तो इन पाँचों को नाचते हुए देखना चाहती हूँ।”

संजना, “हाँ हाँ क्यों नहीं!”

राधिका और संजना अपनी लाइफ में काफी खुश थीं अब। इधर धरमसिंह रानी को अपनी गर्लफ्रेंड की तरह ट्रीट करने लगा और रानी भी अपनी फीमेल लाइफ में एडजस्ट करने लगी थी। रानी बनने के बाद, बहुत कुछ बदल गया था। अब धरमसिंह को देखते ही रानी का दिल जोरों से धड़कने लगता था और धरमसिंह भी रानी के साथ रोमांस करने से पहले सोचता भी नहीं। जब जी में आता धरमसिंह रानी को अपनी बाहों में समेटकर रोमांस करने लगता, लेकिन इन ३ दिनों में एक बार भी सेक्स नहीं किया। धरमसिंह ने रानी को बताया कि अब वो शादी के बाद सुहागरात में ही सेक्स करेगा। अपने अतीत को याद करके रानी अक्सर रातों को खूब रोती, अपनी मर्दानगी को खोने का गम रानी को अंदर ही अंदर बहुत परेशान कर रहा था। कभी लड़कियों के बीच का प्लेबॉय राहुल, आज एक मर्द के साथ एक ही घर में औरत बनकर लाइफ बिता रही थी। इधर राधिका को भी कॉल पर कॉल आ रहे थे।

संजना, “यार राधिका, किसका कॉल आ रहा है, कॉल पिक करो यार !”

राधिका, “संजना, राज के नंबर से कॉल है!”

संजना, “तो कॉल पिक करो राधिका, तुम इतना डरती क्यों हो, लाओ फ़ोन इधर दो!”

संजना ने कॉल पिक किया।

राज, “हाय रॉक्सी दीदी!”

संजना, “रॉक्सी दीदी! आप कौन बोल रही हैं?”

राज, “इट्स मी, राज! मेरे माँ डैड ने मेरा नाम रागिनी रखा है। वैसे संजना दीदी, मेरे साथ जो कुछ भी हुआ वो भगवान् की मर्ज़ी से हुआ लेकिन अब मैंने अपने इस रूप को स्वीकार लिया है। लेकिन एक बहुत बड़ी प्रॉब्लम आ गयी है।”

संजना, “उमह्म्म, मैं सुन रही हूँ रागिनी!”

राज, “वो मेरे माँ डैड अपने दोस्त के बेटे के साथ मेरी शादी कर देना चाहते हैं और बहुत फाॅर्स कर रहे हैं शादी के लिए!”

संजना, “हम्म, तो शादी कर के घर बसा लो ना!”

राज, “ऐसे कैसे शादी कर लूँ संजना दीदी! उस लड़के की उम्र ३५ साल है और मेरी २० साल। १५ साल बड़ा है वो लड़का मुझसे और वैसे भी मेरी शादी के बाद मेरे माँ डैड का ख़याल कौन रखेगा?”

संजना, “जब माँ डैड के बारे में तुम्हे सोचना था तब तुम लौंडियाबाजी कर रहे थे। देखो रागिनी, तुम्हारे माँ बाप तुम्हारी शादी करना चाहते हैं तो तुम शादी कर लो उनके पसंद के लड़के से।”

राज, “हम्म! आई एम् सॉरी!”

संजना, “सॉरी अपने माँ डैड से कहो और उनके पसंद के लड़के के साथ शादी करके अपना घर बसा लो। और हाँ, शादी में जरूर बुलाना!”

राज, “हाँ दीदी, आप दोनों को तो मेरी शादी में आना ही पड़ेगा!”

कॉल डिसकनेक्ट होने के बाद राधिका संजना की तरफ देखने लगी।

राधिका, “यार संजना, हो क्या तुम! मतलब कोई तुम्हारी बात टाल नहीं पाता, तुम ऐसी दवाई भी बना लेती हो जिससे लड़को को लड़की बनाया जा सके और उन्हें ऐसे आर्डर देती हो मानो तुम उनकी मिस्ट्रेस हो।”

संजना, “इतने बड़े शहर में रहना है तो मिस्ट्रेस बनकर ही रहना पड़ेगा। नहीं तो कोई भी मेरा फायदा उठा लेगा।”

राधिका संजना से बहुत प्रभावित रहने लगी थी। इधर एक हफ्ता पूरा होते ही धरमसिंह राहुल, यानि कि रानी को अपने साथ बिहार ले गया। बिहार पहुंचते ही रानी और धरमसिंह की शादी का डेट फिक्स हो गया और धरमसिंह ने संजना को बताया कि उसकी और रानी की शादी नेक्स्ट वीक ५ तारीख को है। संजना ने शादी में आने का प्रॉमिस किया और राधिका से धरमसिंह और रानी की शादी के बारे में डिस्कस करने लगी।

राधिका और संजना दोनों ही धरमसिंह और रानी की शादी देखने को बहुत एक्साइटेड थीं। शाम को राज ने फिर से राधिका के नंबर पर कॉल किया, लेकिन इस बार राधिका ने कॉल पिक किया।

राज, “हेलो रॉक्सी!”

राधिका, “हाय रागिनी!”

राज, “मेरी शादी का डेट फिक्स हो गया है रॉक्सी दीदी, आप और संजना दीदी मेरी शादी में जरूर आना। दो दिन बाद मेरी शादी है और इनविटेशन मैं अभी व्हाट्सप्प कर रही हूँ, उसमे एड्रेस भी होगा। आप दोनों मेरी शादी में आओगी तो मुझे भी अच्छा लगेगा और मेरे माँ डैड को भी।”

राधिका, “हम जरूर आएंगी! एन्जॉय एंड कांग्रच्युलेशन्स!”

कॉल डिसकनेक्ट होने के बाद संजना के कुछ दोस्तों का कॉल आया तो उसने उसी बियर बार में उन्हें बुला लिया जहाँ सुबह उन पांच लड़कियों को बार डांसर बना कर ले गयी थी। राधिका और संजना बियर बार में पहुंचे तो उन्होंने देखा कि पाँचों लहंगा चोली पहने, डांस फ्लोर पर घूँघट करके डांस कर रही हैं और वह कुछ लोग उनपर पैसे लुटा रहे हैं। थोड़ी देर में संजना के कुछ दोस्त बार में आ गए और संजना ने उन्हें राधिका से मिलवाया। सुरेश और हिमेश दोनों ही मॉडलिंग इंडस्ट्री से थे और राधिका से मिलने के बाद उन्होंने राधिका को भी मॉडलिंग में ट्राय करने की सलाह दी जिसे राधिका ने सिरे से नकार दिया। राधिका का मानना था कि मॉडल बनना उसके बस की बात नहीं है। संजना और उसके दोस्तों ने टॉपिक चेंज किया और राधिका की नज़र उन पाँचों लड़कियों पर थी, जो महज दो दिनों पहले मर्द थे। राधिका पुरे टाइम बियर पीने के साथ उन पांचो को एक एक करके गाहकों के साथ सेक्स करने के लिए जाती देखकर बहुत खुश हुई। सबसे आखिर में जब मुन्नी को एक ग्राहक अपने साथ ले गया, तब राधिका ने संजना से रिटर्न होने की सलाह दी। वैसे भी बहुत रात हो चुकी थी और राधिका और संजना को काफी दूर जाना था तो सुरेश और हिमेश ने उन दोनों को पीजी पर ड्राप किया और अपने अपने घर चले गए। आज रागिनी की शादी में जाना था, तो संजना और राधिका दिन के ३ बजे पटियाला सूट में अच्छे से तैयार होकर उसकी शादी में चली गयीं। एक ओर रागिनी को मराठी की तरह तैयार किया जा रहा था वहीँ दूसरी ओर शादी की तैयारियां चल रहीं थी। राधिका और संजना रागिनी के माँ बाप से मिलीं और उन्हें उनकी बेटी की शादी की बधाई दीं। रागिनी की माँ ने बताया कि रागिनी उधर एक कमरे में बैठी है, वहां कुछ लड़कियां उसे तैयार कर रही हैं। रागिनी और संजना उस कमरे में गयीं जहाँ रागिनी को पूरी तरह मराठी दुल्हन के रूप में तैयार किया जा चूका था। रागिनी को देखकर राधिका बहुत एक्साइटेड हो गयी और वो बस रागिनी को देखती ही रह गयी। मराठी ब्राइडल और मेकअप का थोड़ा भी नौलेज ना तो राधिका को था और ना ही संजना को। उनके पूछने पर ब्यूटीशियन ने बताया कि जब मराठी आभूषण की बात आती है तो सबसे लोकप्रिय और आश्चर्यजनक दिखने वाले डिजाइनों में से एक कोल्हापुरी साज इसे जाव मणि (गोल्डन बीड्स) और 21 पत्तों के आकार के पेंडेंट के साथ बनाया जाता है। हर पेंडेंट का अपना अर्थ होता है। इन 21 पेंडेंट में से, 10 पेंडेंट भगवान विष्णु के दस अवतारों को परिभाषित करते हैं, 2 पेंडेंट में रूबी और पन्ना पत्थर होती हैं, 8 पेंडेंट अष्टमंगल के लिए हैं (अष्ट का अर्थ है आठ और मंगल का मतलब अच्छा है) और अंतिम लटकन एक तावीज़ है। रागिनी ने अपनी नाक में मराठी नथुनी पहना हुआ था, जो असल में एक महाराष्ट्रीयन नोज पिन ही थी और जिसे पारंपरिक रूप से मोतियों और माणिकों में बुना हुआ था। कोल्हापुरी तुशी शुद्ध सोने के मोतियों में एक चोकर शैली का हार पहनाई गयी थी, जिसके पीछे एक समायोज्य डोरी थी और उसे काफी ढीला नॉट किया गया था। ब्यूटीशियन ने बताया कि कोल्हापुरी तुशी, ब्राइडल ज्वैलरी के लिए सबसे लोकप्रिय मराठी ज्वैलरी स्टाइल में से एक होती है। बालों का जुड़ा काफी सुन्दर दिख रहा था और अम्बाडा जो एक हेयर जेवेलरी होती है उसे रागिनी के जुड़े में सजाया गया था। कुल मिलकर रागिनी मराठी दुल्हन के रूप में काफी खूबसूरत दिख रही थी। राधिका और संजना दोनों ही बस रागिनी को देखे जा रहीं थी और वहीँ नौवारी साड़ी में, हाथों में अपने पति के नाम की मेहँदी रचाये रागिनी अपने पति के बारात आने के इंतज़ार में बैठी थी। रागिनी के चेहरे पर वो डर साफ साफ़ दिखाई दे रहा था जो किसी भी दुल्हन को उसकी शादी के दिन लगता है।

राधिका, “संजना, कुछ दिनों पहले तक एक लड़का थी रागिनी और आज देखो लड़की बनकर एक मर्द से शादी होने जा रही है रागिनी की। कितनी नर्वस दिख रही है ना रागिनी, बिलकुल किसी नार्मल लड़की की तरह जो पहली बार दुल्हन बनती है।”

संजना, “हाँ राधिका, दुल्हनों को तो वैसे भी थोड़ा नर्वसनेस तो होती ही है। आखिर एक मर्द उसे अपने साथ ब्याह कर ले जाने वाला होता है। ससुराल में सास ससुर ननद देवर सब कैसे ट्रीट करेंगे, वो सब अभी रागिनी के दिमाग में चल रहा होगा ना!”

राधिका, “हम्म, अब किसी को लड़की मत बनाना!”

संजना, “अब तो जरूरत ही नहीं है कि किसी को लड़की बनाऊं!”

राधिका, “एक बात कहूं!”

संजना, “हाँ बोलो!”

राधिका, “मैं धरमसिंह से शादी करना चाहती हूँ।”

संजना, “व्हाट! मतलब क्या? तुम धरमसिंह से शादी करोगी तो फिर रानी का क्या होगा ?”#

राधिका, “वो भी शादी करे लेकिन मैं भी चाहती हूँ कि मैं धरमसिंह से शादी करूँ।”

राधिका, “ताकि राहुल को जिंदगी भर परेशां कर सकूँ और वैसे भी धरमसिंह काफी स्मार्ट है। उसे दो दो दुल्हनें मिलेंगी एक ही मंडप पर और दोनों राज़ी भी होंगी तो वो भी जरूर मान जायेगा। ताकि धरमसिंह की दुल्हन बनने के बाद राहुल को पूरी लाइफ मेरी शक्ल देखने को मिले। मैं सुहागरात में राहुल का डेफ़लोरशन होते हुए देखना चाहती हूँ और मेरे साथ बिताये हर एक पल की याद भी दिलाते रहूंगी। राहुल को सही मायनों में औरत बनते देखना चाहती हूँ, पीरियड्स के दर्द में उसे कराहते देखना चाहती हूँ जब धरमसिंह राहुल को अपनी बाहों में उठाकर उसके साथ सेक्स करे, तब मैं उसे याद दिलाऊंगी कि कभी वो भी एक मर्द था जिसे एक मर्द चोद रहा है। राहुल को रानी के रूप में पूरी  लाइफ अपनी आँखों के सामने देखना ही मेरी लाइफ का मकसद है। राहुल को रानी बनकर धरमसिंह की बाहों में टूटते हुए देखना, इससे ज्यादा ख़ुशी और शांति का अनुभव कहीं और नहीं मिलेगा।”

संजना, “यार राधिका, मैं तुम्हारा कुछ नहीं कर सकती। लेकिन मेरे पास लड़की को दुबारा से लड़का बनाने वाला फार्मूला नहीं है। तो फ्यूचर में मुझसे ये मत कहना कि रानी को फिर से राहुल बनाओ।”

राधिका, “नहीं कहूँगी, आई एम् एंजोयिंग माय लाइफ संजना। मैं तो पूरी लाइफ रानी के साथ बिताना चाहती हूँ, उसे हर वक़्त परेशां और दुखी करने के लिए कोई तो चाहिए।”

संजना, “ऐज़ यु विश राधिका!”

थोड़ी देर में बारात आ गयी और रागिनी के माँ बाप ने उनका बड़े ही जोश से स्वागत किया। जब राधिका और संजना ने रागिनी के होने वाले दूल्हे को देखा तो वो सच में काफी ऐजेड दिख रहा था। थोड़ी देर बाद रागिनी को मंडप पर ले जाया गया। रागिनी के होने वाले पति ने उसके गले में मंगलसूत्र पहनाया, मांग में सिंदूर भरे, सात फेरे लिए और फिर कुछ एक रस्मों को निभाने के बाद पंडित ने दोनों को पति पत्नी घोषित कर दिया। विदाई के लिए भी किसी ने इंतज़ार नहीं किया और विदाई के टाइम रागिनी को अपने माँ बाप से लिपटकर रोते देख राधिका की आँखें भर आयीं।

संजना, “तुम रो रही हो राधिका? अरे, देखो तो अपने पति के साथ रागिनी की जोड़ी कितनी अच्छी लग रही है। रागिनी का पति उम्रदराज़ तो है लेकिन देखने में स्मार्ट भी है, वो रागिनी को बहुत खुश रखेगा।”

राधिका, “हम्म, विदाई का टाइम थोड़ा इमोशनल होता है संजना !”

संजना, “तुम बहुत ही ज्यादा इमोशनल हो। मुझे तो डर है कि कहीं सुहागरात के टाइम राहुल के डेफ़लोरशन के टाइम उसके रोने से कहीं तुम पिघल नहीं जाओ!”

राधिका, “राहुल के डेफ़लोरशन को तो मैं एन्जॉय करुँगी। आखिर एक असली मर्द से शादी होने जा रही है राहुल की और मेरी भी।”

संजना, “ओ हेलो, अभी धरमसिंह से बात करनी बाकी है राधिका। अभी से सपने मत देखो !”

राधिका, “मुझे तुमपर यकीन है संजना, तुम धरमसिंह को जरूर मना लोगी। देखो 5 को उनदोनो की शादी है और प्लीज् आज ही बात कर लेना।”

संजना, “यार जब से तुम मेरी लाइफ में आयी हो, मन तो करता है पकड़ कर पिटूं तुम्हे, लेकिन इतनी क्यूट हो तुम कि प्यार आ जाता है।”

इधर विदाई के बाद रागिनी को उसका पति अपने साथ ले गया। रागिनी के माँ बाप रो रहे थे, मोहल्ले की औरतें आपस में रागिनी के बारे में बात कर रहीं थी कि कैसे एक लड़के को अपनी दुल्हन बनाकर एक मर्द अपने साथ ले गया। मोहल्ले की लड़कियां जो राज के छेड़खानी की बातें याद करके आपस में डिसकस कर रही थी कि कैसे राज उन्हें छेड़ा करता था और उसके घरवालों से शिकायत करने के बावजूद वे कुछ भी नहीं करते थे। उन लड़कियों का भी यही मानना था कि राज के साथ यही होना चाहिए था। राज को रागिनी के रूप में एक मर्द की दुल्हन बनता देख मोहल्ले की सभी लड़कियां बहुत खुश थीं। संजना और राधिका में मोमेंट्स एन्जॉय किया और डिनर करके रागिनी के माँ बाप से मिलकर अपने पीजी चली गयीं। पीजी रिटर्न आने के बाद संजना ने धरमसिंह से बात की और उसे राधिका से शादी के लिए मना लिया। शादी की डेट नज़दीक थी तो धरमसिंह ने राधिका को बिहार ले आने को कहा और फ्लाइट टिकट्स बुक करवा दिया। राधिका और संजना अगले ही दिन फ्लाइट से पटना आ गयीं जहाँ धरमसिंह ने दोनों को एयरपोर्ट से पिक किया और अपने घर ले आया। धरमसिंह के घरवाले संजना को अच्छे से जानते और पहचानते थे लेकिन राधिका के बारे में उन्हें कुछ भी नहीं पता था। संजना ने धरमसिंह के परिवार वालों को राधिका के बारे में बताया और धरमसिंह और राधिका की शादी की बात भी की। पहले तो घरवाले राज़ी नहीं हुए लेकिन रानी के ख़ुशी ख़ुशी मान जाने के बाद घरवाले भी मान गए। अब घर में राधिका को बड़ी बहु के रूप में और रानी को छोटी बहु के रूप में सभी ने एक्सेप्ट कर लिए था। धरमसिंह के दोनों हाथों में लड्डू थे, एक मंडप पर दो दो खूबसूरत दुल्हनों के साथ शादी जो होने जा रही थी। इस बात को लेकर धरमसिंह के दोस्त और संजना सभी उसे खूब छेड़ रहे थे। शादी की तैयारियां काफी धूम धाम से चल रहीं थी। काफी मेहमान आये थे, कोई पटना से तो कोई मुज़फ़्फ़रपुर से। शादी से पहले ही राधिका और राहुल का कमरा मेहमानों के गिफ्ट्स से भर चूका था। राहुल, राधिका के हाथों और पैरों में मेहँदी रचाई गई और दोनों दुल्हनों के पुरे शरीर पर उबटन लगाया गया। राहुल और राधिका धरमसिंह की दुल्हनें बनने जा रहीं थी, संजना बहुत एक्साइटेड थी वहीँ राधिका और राहुल के दिलों की धड़कनें बढ़ गयीं थी। घर में बहुत सी औरतें राहुल और राधिका को घेर कर बैठीं कभी संगीत का प्रोग्राम करतीं तो कभी डांस का। अगले दिन सुबह से घर में काफी चहलपहल थी, राधिका और राहुल के मेकअप और उन्हें दुल्हन के लाल जोड़े में तैयार करने की पूरी जिम्मेदारी संजना ने अपने सिर ले लिया था। राधिका और राहुल के लिए हैवी डिज़ाइनर लहँगा मुजफ्फरपुर से मंगाया गया था और वो लहँगा काफी हैवी था। चोली पूरी तरह बैकलेस और छोटी थी, जिसे पहनकर कम्फर्टेबल रह पाना राधिका के उतना ही मुश्किल था, जितना मुश्किल राहुल को होने वाली थी। गहने प्योर सोने के हैवी और काफी वजनदार थीं और उन गहनों में सबसे वजनदार नथिया और झुमके थे, जो काफी बड़े, हैवी और डिज़ाइनर थी।शादी के दिन राधिका और राहुल को दुल्हन की तरह सजाया गया । राहुल यानि रानी सोच रही थी की बचपन से हमेशा से यही सोचती थी कि जब उसकी शादी होगी तब वो दूल्हा बनेगी। लेकिन नियति में कुछ और ही लिखा था और राहुल को आज दुल्हन बन कर एक मर्द से शादी करना पड़ेगा। जो लड़की उसकी दुल्हन बन सकती थी आज वही लड़की उसके साथ दुल्हन की तरह सजधज रही थी और दोनों की शादी एक ही मर्द के साथ होने वाली थी। राधिका बहुत खुश और एक्साइटेड थी वहीँ राहुल बहुत ही ज्यादा नर्वस थी।

संजना, “तुम्हे पता है ना राहुल आज की रात धरमसिंह के साथ तुम्हारी पहली रात है। तुम्हे पता है ना सुहागरात में पति पत्नी के बीच क्या होता है राहुल?”

ऐसे बोल कर संजना उसे छेड़ने लगी। जिन हाथो में मर्दो की तरह कड़े और ब्रेसलेट्स होते थे आज उन्ही हाथों में मेहँदी रची है और कंगन चूड़ी और शिशे की चूड़ियाँ, बाजुबन्द पहनाया गया था। जिन आँखों से राहुल सभी पर गुस्सा दिखाती थी आज उन आँखों में काजल लगाया गया और अब वो आँखें शर्म से झुकी हुई थी। कभी शर्ट पैंट और शूज पहनने वाले शरीर पर महारानी स्टाइल लहँगा चोली और 4 इंच वाला हाई हील्स का सैंडल पहनाया गया था। हेयर स्टाइल और आई ब्रो सेट किया गया और माथे पर मांगटीका , नाक में बहोत बड़ा, स्पेशल गढ़वाल से मंगाया हुआ नथुली और कानों में बड़े वाले झुमके पहनाये गए। माथे को बिंदियों से सजाया और होंठ ग्लॉसी लाल कर दिया गया। गले में नौलखाहार जिसका आखिरी छोर राहुल के दोनों बूब्स के बीचोबीच आ गया। चोली टाइट फिटिंग वाली और बैकलैस होने के कारण आगे से जितना तंग पीछे से उतना ही खुला था। कमर में कमरबंद पहनाया था और घूँघट करके बिठा दिया। राधिका को भी सेम तरीके से सजाया गया था और राधिका को भी नथुली पहनने के बाद काफी इरिटेशन हो रहा था।

संजना, ” मुझे तो यकीन ही नही हो रहा तुम दुल्हन बन कर कितनी आकर्षक लग रही हो राहुल और राधिका तुम भी। मुझे पूरा यकीन है कि धरमसिंह तुम दोनों को बहुत प्यार करेगा। अब तो मैं अगले साल तभी आउंगी जब धरमसिंह तुम दोनों की गोद भर देगा।”

राधिका और राहुल दोनों को संजना की बातें अटपटी सी लग रही थी। दुल्हन के रूप में राधिका और राहुल को तैयार करके संजना ने घरवालों को इन्फॉर्म किया। इधर धरमसिंह भी शेरवानी में तैयार था।शादी की तैयारियां पूरी हो चुकी थी। चूँकि राधिक और राहुल का कन्यादान करने वाला कोई भी नहीं था तो ये जिम्मा धरमसिंह के मामा ने अपने हाथ में उठा लिया। राहुल और राधिका को मंडप पर ले जाया गया जहाँ पहले से ही सेहरे में धरमसिंह बैठा हुआ। राहुल और राधिका को धरमसिंह के दाहिने साइड बिठा दिया गया और शादी की रस्में शुरू हुईं। धरमसिंह के साथ सात फेरे लेने के बाद पंडित के कहने पर धरमसिंह ने पहले राधिका की मांग में सिंदूर भर दिया और फिर राहुल की मांग भर दी। मांग भरने के बाद धरमसिंह ने राधिका और राहुल के गले में मंगलसूत्र पहना दिया। फिर धरमसिंह के मामा ने राहुल और राधिका का कन्यादान किया और फिर कुछ छोटी मोटी रस्मों के पूरा होने पर पंडित ने राहुल और राधिका को धरमसिंह की पत्नियाँ घोषित करके सभी से आशीर्वाद लेने को कहा। धरमसिंह को यशश्वी भवः जैसा आशीर्वाद मिला वहीँ राहुल और राधिका को सदा सौभाग्यवती भवः और सदा सुहागिन रहने का आशीर्वाद मिला। शादी की रस्मों के खत्म होने के ठीक आधे घंटे बाद राहुल और राधिका को सुहागरात की तयारी के लिए एक बड़े से कमरे में ले जाया गया वहीँ धरमसिंह और उसके दोस्त काफी खुश थे और शराब की बॉटल्स खोल कर धरमसिंह उनके साथ बैठकर पीने लगा।   संजना, “वाओ, इट वास् सो फ़ास्ट! तुम दोनों धरमसिंह की पत्नियाँ बन चुकी हो। सुहागरात के लिए रेडी तो हो ना तुम दोनों!”

राधिका, “हाँ संजना, आज मेरी सुहागरात है, मुझे तो यकीन ही नहीं होता है।”

संजना, “हाँ राधिका, मुझे भी यकीन नहीं हो रहा है कि तुम दोनों की सुहागरात है आज की रात! आई होप तुम दोनों के साथ तुम्हारा पति पूरी रात एन्जॉय करेगा! रानी मुझे पता है कि तुम बहुत नर्वस हो लेकिन एक रियल मर्द ने तुम्हे अपनी दुल्हन बनाया है तो उसके कुछ फ्यूचर प्लांनिंग्स भी होंगे! समय के साथ सब ठीक हो जायेगा!”

संजना ने दोनों को गुडलक विश किया और वहां से चली गयी। राधिका ने राहुल का घूँघट ठीक किया और खुद भी घूँघट करके बैठ गयी। थोड़ी देर बाद धरमसिंह  कमरे में एंटर हुआ। जैसा राहुल और राधिका की सास ने उन्हें समझाया था ठीक वैसे ही दोनों दुल्हनें बिस्तर से उतरीं, अपना अपना घूँघट ठीक किया और धरमसिंह के पैरों में झुककर उसका आशीर्वाद मिलने का इंतज़ार करने लगीं। पहले धरमसिंह ने राधिका और ऊपर उठाया और उसके माथे को चूमकर कहा कि उसकी जगह उसके दिल में है। राहुल अभी भी धरमसिंह के पैरों में ही था, धरमसिंह ने राहुल का चेहरा अपनी तरफ उठाया और उसे कहा कि वो वहीँ बैठी रहे।  राहुल चुपचाप जमीन पर बैठ गया और धरमसिंह ने राधिका को अपनी बाहों में उठा लिया और उसे बिस्तर पर लिटाकर उसके साथ रोमांस करने लगा। धरमसिंह ने राधिका का घूंघट हटाया, उसके होंठों को चूमने लगा और साथ ही उसकी खूबसूरती की तारीफ भी करने लगा। धरमसिंह के प्यार भरे स्पर्श से राधिका बहुत इमोशनल हो गयी, उसकी आँखों में आंसू आ गए। धरमसिंह ने राधिका के आंसुओं को बहने नहीं दिया और उसे भी चूमकर पी गया। थोड़ी देर के रोमांस और राधिका के एक एक अंग को चूमने के साथ ही कपडे भी शरीर से अलग होते चले गए।

अब राधिका और धरमसिंह दोनों ही न्यूड थे, धरमसिंह ने राधिका के नाक से नथिया को उतार दिया, राधिका शर्माने लगी। फिर धरमसिंह ने राधिका से कहा कि अब वो उसके अंदर समा जाना चाहता है। राधिका ने धरमसिंह की रिक्वेस्ट पर शरमाते हुए मुस्कुरा दी और धरमसिंह को इनविटेशन मिल गया। बड़े ही सेंसुअल तरीके से धरमसिंह ने राधिका की वजाइना में अपना मोटा लंड धीरे धीरे घुसाने लगा। जैसे जैसे धरमसिंह का लंड राधिका की वजाइना में घुसने लगा वैसे वैसे राधिका का दर्द बर्दाश्त से बाहर होने लगा और उसकी सिसकियाँ भी तेज़ चीख में बदल गयी। धरमसिंह के पहले थ्रस्ट के साथ ही राधिका की वजाइना में तेज़ उत्तेजना पैदा होने लगी। धरमसिंह के हर स्ट्रोक्स के साथ ही राधिका का दर्द कम होने लगा और वो एन्जॉय करने लगी। लगभग आधे घंटे तक राधिका के साथ हार्डकोर सेक्स करने के बाद जैसे ही धरमसिंह ने अपना स्पर्म डिस्चार्ज किया, राधिका को भी ठीक उसी समय ओर्गास्म हो गया। दोनों काफी देर तक एक दूसरे को हग करके लेटे रहे। धरमसिंह ने राधिका को बेबीडॉल नाईटी पहनने को कहा और दोनों बिस्तर से उतरे। राधिका जैसे ही बिस्तर से उतरी उसे बहुत तेज़ वीकनेस होने लगा, धरमसिंह ने उसे संभाला और उसे बेबीडॉल ड्रेस पहनने में हेल्प की। फिर दोनों रोमांस करने लगे, धरमसिंह की बाहों में राधिका को देखकर राहुल को इस बात का एहसास होने लगा था कि अब उसकी बारी थी। धरमसिंह ने राधिका को सोफे पर बिठाया और राहुल की तरफ मुड़ा। राहुल अपने दोनों पैरो को समेटकर जमीन पर बैठा था, उसका पूरा बदन  डर से कांप रहा था। धरमसिंह ने राहुल को अपनी बाहों में उठा लिया और उसे बिस्तर पर लिटा दिया। राहुल का पूरा शरीर थरथरा रहा था, धरमसिंह ने उसके घूँघट को उठाया और उसके चेहरे को चूमने लगा। धरमसिंह के एक एक किस से राहुल की आँखों से आंसू बहने लगा जैसा राधिका को फील हुआ ठीक वैसा ही राहुल को भी फील हो रहा था। राहुल की साँसों में धरमसिंह की गर्म सांसें घुलने लगी थी और धरमसिंह ने बिना देर किए राहुल के होंठों पर स्मूच करना शुरू कर दिया। धरमसिंह का जीभ राहुल के होंठों से होते हुए उसके जीभ के साथ वैसे ही लिपट गया जैसे नाग नागिन से लिपट जाता है। राहुल के बदन से एक भी जेवर उतारे बिना उसे बिना समय गँवाय न्यूड करके धरमसिंह उसके बदन के एक एक अंग को चूमने लगा और रोमांस करने लगा। धरमसिंह के कहने पर जब राहुल ने उसका मोटा काला लंड अपने मुँह में लिया तो राधिका राहुल पर टोन कसने लगी।

राधिका, “कैसा लग रहा है राहुल, रानी बनकर! लंड चूसने में मजा तो आ रहा है ना रानी!”

राहुल ने जैसे ही राधिका की तरफ मुड़कर जवाब देना चाहा, धरमसिंह ने उसके बाल पकड़कर उसके मुँह में अपना लंड काफी स्पीड में आगे पीछे करने लगा। राहुल के आंसुओं का ना तो धरमसिंह पर कोई प्रभाव पड़ रहा था, ना ही राधिका पर। दोनों राहुल को ऐसी हालत में देखकर खूब एन्जॉय कर रहे था। नाक का नथिया बार बार राहुल के गाल से टकरा रहा था और उसके नाक में दर्द दे रहा था। लगभग १० मिनट्स के ब्लोजॉब के बाद धरमसिंह ने राहुल के मुँह में ही अपना स्पेर्म्स डिस्चार्ज कर दिया और राहुल को उसे पीने को कहा। राहुल ने भी बिना समय गँवाय उस वीर्य को पी लिया और सिर झुका लिया। पूरी तरह से न्यूड होने के बावजूद राहुल के शरीर पर गेहने ज्यूँ के त्यों थे और धरमसिंह के शरीर के वजन से वो गहने राहुल को चुभ।  धरमसिंह ने राहुल के वजाइना पर अपना लंड सटा दिया और उसके दोनों उरोज़ो को अपने हाथों से मसलते हुए उसके होंठों को फिर से स्मूच करने लगा। स्मूच करते करते धरमसिंह ने अपना मोटा काला लंड राहुल की वजाइना में एक झटके में घुसा दिया और राहुल की चीख निकल गयी। राहुल रोने लगी, उसकी आँखों से आंसू बहने लगा, पूरा शरीर थरथराने लगा और थोड़ी देर के लिए सबकुछ शांत हो गया। धरमसिंह ने अपना लंड राहुल की वजाइना से बाहर निकाला और अपने लंड पर लगे खून को राहुल को दिखाया। राहुल का डेफ़लोरशन हो चूका था और अब वो सही मायनों में अपने कौमार्य को खो चूका था। राधिका ये सब देखकर बहुत खुश थी और राधिका अंदर से बहुत संतुष्ट भी थी। आखिर राहुल का डेफ़लोरशन होते हुए देखना और पूरी जिंदगी उसे डोमिनेट होते हुए देखना चाहती थी राधिका। इधर धरमसिंह ने फिर से स्ट्रोक्स लगाने शुरू कर दिया और लगभग आधे घंटे बिना रुके राहुल के साथ हार्डकोर सेक्स करते रहा और राहुल जोर जोर से रोता रहा। औरत बनने के बाद, एक मर्द की दुल्हन बनना और उस मर्द के साथ सुहागरात मनाना, ये सब राहुल ने कभी नहीं सोचा था लेकिन आज उसके साथ उसका पति सुहागरात मना रहा था। आधे घंटे के हार्डकोर सेक्स के बाद ठीक उसी समय धरमसिंह ने अपने स्पेर्म्स को डिस्चार्ज कर दिया जब राहुल को ओर्गास्म हुआ। उसके बाद भी धरमसिंह नहीं रुका और अगले १ घंटे में राहुल के साथ हार्डकोर सेक्स और ओर्गास्म के टाइम स्पर्म डिस्चार्ज करने के साथ धरमसिंह संतुष्ट दिख रहा था। इधर राधिका कब सो गयी उसे पता भी नहीं चला, राहुल का रो रो कर बुरा हाल था और धरमसिंह भी बहुत खुश था। धरमसिंह ने राहुल को बिस्तर से उतरकर बेबीडॉल ड्रेस पहनने को कहा और खुद राधिका को बिस्तर से उठाकर बिस्तर पर लिटाया। वहीँ राहुल बिस्तर से उतरकर बेबीडॉल ड्रेस उठाने को खड़ा ही हुआ था कि वो लड़खड़ा कर गिर गया। धरमसिंह ने राहुल को अपनी बाहों में उठा लिया और उसे बेबीडॉल ड्रेस पहनने में मदद की।

राहुल, “आपने राधिका के नाक से नथिया को उतार दिया लेकिन मेरा नथिया क्यों नहीं उतारा!”

धरमसिंह, “इस घर की परंपरा है रानी, पत्नियां पति से सवाल नहीं करतीं, समझी तुम। और ये नथिया तुम्हारे नाक में बहुत सेक्सी लग रहा है, तो जबतक मैं तुम्हारे लिए दूसरा नथिया लाकर ना दूँ, इसे ऐसे ही अपने नाक में पहनी रहो, समझी!”

फिर धरमसिंह ने राहुल को बिस्तर पर लिटाया और बीच में खुद लेट गया और रात भर कभी राधिका को स्मूच करता तो कभी राहुल यानि रानी को। राहुल और राधिका ने ठीक एक साल बाद अपने पति के बच्चों को अपने अपने गर्भ में धारण किया और नौ महीने बाद दोनों ने धरमसिंह के बच्चों को जन्म दिया। राहुल ने धरमसिंह के ट्विन्स बेटों को जन्म दिया, वहीँ राधिका ने धरमसिंह के एक बेटे को जन्म दिया। माँ होने का सुख पाकर राहुल और राधिका दोनों ही बहुत खुश थीं। घर की बड़ी बहु राधिका और छोटी बहु रानी (राहुल), दोनों ही अपने बच्चों के पालन पोषण में व्यस्त हो गयीं थी। इधर घर की पूरी रिस्पांसिबिलिटी राधिका ने अपने कन्धों पर उठा लिया और धरमसिंह को रानी के साथ पुणे भेज दिया। इधर घर में सभी राधिका को बड़ी बहु के रूप में पाकर बहुत खुश थे, वहीँ धरमसिंह रानी को अपने साथ पुणे ले गया। दोनों बेटों की परवरिश और घर के कामों में व्यस्त रानी से धरमसिंह को और भी बच्चे चाहिए था जिसके लिए रानी तैयार नहीं थी, लेकिन कुछ ही दिनों में एक बार फिर से प्रेग्नेंट होने के बाद, रानी को धरमसिंह बिहार छोड़ आया। इधर राधिका रानी के प्रेग्नेंट होने पर बहुत खुश थी और उसने पुरे नौ महीने रानी का बहुत ख्याल रखा। नौ महीने बाद रानी ने धरमसिंह की पहली बेटी को जन्म दिया और घर में सभी बहुत खुश हुए लेकिन रानी की सास ने उससे कहा कि दो चार बेटे और हो जाते तो घर भरा पूरा हो जाता। रानी को यकीन नहीं हो रहा था कि उसे बच्चे पैदा करने वाला मशीन बना दिया गया था। राधिका रानी को हर पल इस बात का याद दिलाते रहती कि कभी वो राहुल था, उसके चालीस पचास गिरफ्रेंड्स थीं और आज वो धरमसिंह की बीवी है जो उसके और भी बच्चों को जन्म देने वाली है। इधर संजना एक सक्सेसफुल मॉडल बनने के बाद बॉलीवुड में एंट्री करने वाली थी। एक दिन संजना को रागिनी का कॉल आया और उसने बताया कि उसकी गोदभराई की रस्म और छोटी सी पार्टी है। संजना अकेली थी, लेकिन वो रागिनी के घर गयी जहाँ उसकी गोदभराई की रस्में चल रही थी और उसने गिफ्ट दिया। रागिनी को प्रेग्नेंट देखकर वो बड़ी खुश हुई और पार्टी एन्जॉय करके बार में आ गयी। बियर बार के मालिक ने संजना को बताया कि दुबई का एक शेख मुन्नी, रवीना, सिमी, सिमरन और मंजू को खरीदकर अपने साथ दुबई ले जाना चाहता है। बियर बार के मालिक ने संजना को १० करोड़ का ऑफर दिया और संजना ने तुरंत उस ऑफर को एक्सेप्ट करके अपने अकाउंट पर पैसे ट्रांसफर करवाने के बाद उन पाँचों को अपने तरफ से बार मालिक को सौंप दिया।

 संजना, “मैं एक आखिरी बार इन पाँचों से मिलना चाहती हूँ।”

बार मालिक ने अपने केबिन में पाँचों को बुलवाया और खुद केबिन से बाहर चला गया। पाँचों हाफ साड़ी में थीं और सिर झुकाये वहां खड़ी थीं।

संजना, “मुन्नी, राहुल अब तक ३ बच्चों को जन्म दे चुकी है और उम्मीद है कि अगले साल वो और एक बच्चे को जन्म दे। अगर बेटी हुई तो उसके साथ उसका पति एक बार फिर से ट्राय करेगा। अब तुम पाँचों की बात, दुबई के एक शेख ने तुम पाँचों को खरीद लिया है और वो तुम पाँचों को दुबई ले जाने वाला है। दुबई जाओ लेकिन कोई  शिकायत नहीं आनी चाहिए और खूब अच्छे से सब की सेवा करो।”

मुन्नी, “ये क्या किया तुमने, बार डांसर और प्रोस्टीटूशन क्या कम था जो तुमने हम पाँचों को बेच दिया ?”

संजना, “तुम पाँचों को सवाल करने का किसी तरह का कोई अधिकार नहीं है। अब जाओ, तयारी करो दुबई जाने की।”

मुन्नी, मंजू, रवीना, सिमी और सिमरन संजना के पैरों में गिरकर ऐसा ना करने को गिड़गिड़ाने लगी लेकिन संजना उन्हें छोड़कर वहां से चली गयी। 

शादी के बाद राहुल की जिंदगी में कई नए बदलाव आये, वहीँ राधिका भी राहुल के साथ एक सौतन की जिंदगी में काफी खुश थी। ३ बच्चों की माँ बनाने के बाद राधिका के कहने पर धरमसिंह ने उसे भी पुणे बुला लिया। इधर संजना एक टॉप मॉडल बनकर नाम कमा रही थी। काफी मैगजीन्स के कवर पर अक्सर संजना की फोटो छप जाया करती थी, हज़ारों मर्द संजना के हुस्न के दीवाने बन चुके थे। संजना की शादी एक फैशन डिज़ाइनर और उसके बॉयफ्रेंड देव सिंघानिया से फिक्स होने के बाद उसने राधिका, राहुल और धरमसिंह को अपनी शादी में इन्वाइट करने के लिए उसे कॉल किया।

संजना, “हाय राधिका कैसी हो? मेरे भतीजे कैसे हैं और राहुल कैसी है?”

राधिका, “हाय संजना, मैं तो मस्त हूँ और बच्चे भी! राहुल बेचारी नौकरानी बनी मेरी, बच्चों और मेरे पति की सेवा में दिन रात लगी रहती है। तुम बताओ, कैसी हो?”

संजना, “अच्छा! जरा राहुल के बारे में बताओ? धरमसिंह के साथ उसकी लाइफ कैसे चल रही है?”

राधिका, “हाँ हाँ, मुझे पता है, तुम्हे मुझसे ज्यादा राहुल में इंटरेस्ट है!”

संजना, “बता ना डायन! राहुल के बारे में?”

राधिका, “देख संजना, सुबह से शाम तक राहुल रानी घर के कामों में व्यस्त रहती है, बच्चों का ख्याल मैं खुद रखती हूँ, बच्चे तो वैसे भी नौ बजे तक सो जाते हैं। हर रोज़ रात धरम जी राहुल को अपनी दुल्हन बनाते हैं, उसे रोज़ नए नए नथिया पहनने को कहते हैं और कभी बेबीडॉल ड्रेस में तो कभी साटन नाईटी में राहुल को तैयार होना पड़ता है। राहुल के साथ सेक्स करने में धरम जी को भी उतना ही इंटरेस्ट आता है जितना मुझे आता है। मैंने तो ऑनलाइन आर्डर करके एक बड़ा सा और एक छोटा सा रिमोट ऑपरेटेड डिलडो भी मंगवा लिया है। दिन में जब भी मेरा मन करता है तो मैं भी दो तीन राउंड लेस्बियन सेक्स कर लेती हूँ और जब जब रात में धरम जी राहुल रानी की चुदाई करते हैं, तब तब मैं वहीँ होती हूँ। अक्सर राहुल के दोनों पैरों को फैला कर जब धरम जी अपना लंड राहुल के पिंक वजाइना के घुसाते हैं, तब तब मुझे बहुत ख़ुशी मिलती है। राहुल की चुदाई के समय मुझे जो आनंद मिलता है, उसका कम्पेरिज़न किसी और ख़ुशी से नहीं कर सकती। धरम जी ने तो मुझसे कहा भी है कि वे कम से कम तीन चार और बच्चों के लिए सोच रहे हैं। एक बच्चे के लिए तो मैं भी तैयार हूँ और राहुल तीन बच्चों के लिए माने या ना माने, मुझे पूरा यकीन है कि अगले महीने तक धरम जी राहुल को गर्भवती जरूर कर देंगे।”

संजना, “ओह्ह! राधिका राहुल को कितना गर्भवती करोगी!”

राधिका, “कम से कम तीन बार और!”

संजना, “हाहाहा, वैसे रागिनी से बात होती है?”

राधिका, “हाँ, वो तो हर दो दिन पर मुझे कॉल करती है। उसका पति उसका बहुत ख्याल रखता है और आज की डेट में वो अपने मायके में है।”

संजना, “मायके में, कोई ओकेज़न है ?”

राधिका, “अरे नहीं! जब जब रागिनी गर्भवती होती है, तब तब उसका पति उसे मायके में छोड़ जाता है।”

संजना, “ओह्ह! अच्छा रागिनी का नंबर मैसेज कर देना। अगले महीने मेरी शादी है, देव सिंघानिया जो एक फैशन डिज़ाइनर है उसके साथ। मेरी शादी भी बिहार से ही होगी। धरमसिंह से कहना कि शादी में जरूर आना है और बच्चों के साथ सपरिवार आना है।”

राधिका, “ओह वाओ ग्रेट न्यूज़ संजना! हम जरूर आएंगी।”

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