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Ishaan has become Ayesha

नोट: “ये कहानी पूरी तरह से काल्पनिक है, कहानी पढ़ते समय आपको ऐसा लग सकता है कि ये कहानी है लेकिन ऐसा होना केवल एक संयोग माना जायेगा।”

उत्तर प्रदेश के लखनऊ के रहने वाले दो दोस्त रमेश और ईशान जिन्होंने सरकारी स्कूल में एक साथ अपनी पढ़ाई पूरी की। रमेश जिसका परिवार एक मिडिल क्लास के दायरे में आता है और जिसने बचपन से एक वकील बनने का सपना देखा था। वही दूसरी तरफ ईशान जिसका परिवर्तो वैसे बहुत ही ज्यादा रिच क्लास के दायरे में आता है, लेकिन उसके माँ बाप के एक रोड एक्सीडेंट में मृत्यु के बाद, उसके चाचा चाची ने पाला। ईशान के चाचा तो बहुत प्यार करते, लेकिन उसकी चाची उसकी जरा भी इज़्ज़त नही करती और हमेशा ईशान से घर के काम करवाती और कभी कभी तो खाना भी पकवाती। बड़ी ही मुश्किल से ईशान ने अपनी पढ़ाई सरकारी स्कूल में पूरी की लेकिन उसके चाचा का लड़का सीबीएसई स्कूल में पढ़ता और इस बात से ईशान का दिल टूट गया था। फ्यूचर के बारे में ईशान ने कुछ भी नही सोचा कभी, वो तो बस इतना चाहता था कि उसे भी परिवार में सब वैसे ही एक्सेप्ट करें, जैसे उसके चचेरे भाई गौतम को एक्सेप्ट किया जाता था।

रमेश और ईशान दोनो ने एक साथ साल 2019 में अपनी ग्रेजुएशन को कम्पलीट करने के बाद दिल्ली जाने का फैसला किया। रमेश के परिवार वालों ने तो उसे सपोर्ट किया, लेकिन ईशान की चाची के बहकावे में आकर ईशान की चाचा ने ईशान के सामने ये प्रस्ताव रखा कि अगर वो दिल्ली गया तो जो पैसे चाचा दे, उसे लेकर हमेशा के लिए घर छोड़ दे। ईशान ने इस बारे में रमेश से बात की, वो पहले तो बहुत गुस्सा हुआ, लेकिन फिर ईशान के लिए चिंतित हुएऔर उसने अपने परिवार वालों से ईशान के लिये बात की। रमेश के परिवार ने ईशान के हौसला बढ़ाया और उसे पैसे लेकर दिल्ली जाकर लाइफ सेट करने की बात कही और फिर ईशान ने अपने परिवार से अलग होने का फैसला कर लिया। ईशान को उसके हिस्से का 10 लाख उसके एकाउंट में भेज कर उसके चाचा ने उसे अपने घर से बेदखल कर दिया फिर वो और रमेश दिल्ली आ गए, जहां सबसे पहले उन्हें रेंट पर रहने के लिए घर की जरूरत थी।

जिस दिन रमेश और ईशान दिल्ली पहुचे, ठीक उसी दिन रमेश के पास जॉब के लिए सिलेक्शन का कन्फर्मेशन आ गया। रमेश ने ईशान को बताया तो वो बहुत खुश हो गया और न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी के ठीक बगल के ओखला लोकेशन में रमेश की जॉब लगी थी तो दोनों ने न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में रूम लेने का फैसला किया। एक तरफ रमेश रूम देखने निकला, दूसरी तरफ ईशान। ईशान को कोई रूम नही मिला लेकिन रमेश को एक फ्लैट मिला। लेकिन उस फ्लैट के ऑनर का टर्म था कि उसके फ्लैट पर सिर्फ मैरिड कपल्स ही रहने को अलाऊ हैं। रमेश ने ईशान को उस फ्लैट के ऑनर की पूरी बात बताई और उसके साथ डिस्कस किया और उससे दो लड़कियों को दिल्ली बुलवाने की बात कही। ईशान ने लड़कियों को फ्लैट में रखने के लिए रमेश को मना किया। दोनो के पास रहने को घर नही था और कही किसी होटल में रहने को दोनों तैयार नही थे। दोनो को पता था कि दिल्ली के होटल में क्या क्या होता है। रमेश और ईशान ने आपस मे डिसाइड किया कि दोनों एक कपल बनकर फ्लैट ले लेंगे और जब कही आस पड़ोस में बैचलर्स के लिए फ्लैट खाली मिलेगा, वे दोनों वही शिफ्ट हो जाएंगे। कुछ दिनों की बात थी सो रमेश और ईशान दोनो ही रेडी हो गए। चूंकि रमेश की हाइट 5’11” थी और ईशान की हाइट 5’6″, तो ये डिसाइड हुआ कि रमेश हस्बैंड बनेगा और ईशान वाइफ।

रमेश और ईशान ने ऑटो लिया और ओखला के एक ब्यूटी पार्लर में जा पहुचे। वैसे तो ब्यूटी पार्लर में लड़कों की एंट्री नही थी लेकिन रमेश ने ब्यूटिशियन को बाहर बुलाया और उसे बताया कि ईशान को औरत की तरह ऐसे रेडी करना है जिससे किसी को उसकी आइडेंटिटी पर कोई शक ना हो। एक तरफ ब्यूटिशियन ईशान को तैयार् करने अंदर ले गयी, वहीं दूसरी तरफ रमेश कैफ़े चला गया जहां उसने ईशान के आधार कार्ड में उसका नाम आयशा करवाया और साथ ही पिता का नाम हटवा कर उसकी जगह पति के नाम की जगह अपना नाम डलवा दिया। लगभग आधे घण्टे बाद जब रमेश उस ब्यूटी पार्लर पर पहुंचा तब उसे ब्यूटिशन ने ईशान के बॉडी साइज के साथ कुछ फीमेल ड्रेस, क्लिप वाली ज्वेलरी, कंगन सेट, हील्स वाली सैंडल्स और मेकअप के समान के साथ आने को कहा। इधर रमेश को सारा सामान खरीदने में करीब 1 घण्टा लगा और वहीं ईशान की बॉडी वैक्सिंग, थ्रेडिंग, मैनीक्योर, पेडिक्योर और मेकअप पूरा हो चुका था। जब रमेश ब्यूटी पार्लर पर पहुंचा तब ब्यूटीशियन उसी के इंतेज़ार में थी। समान लेकर ब्यूटीशियन अंदर चली गयी और रमेश बाहर ही खड़ा उसका इंतेज़ार करने लगा। थोड़ी देर के बाद ईशान ब्यूटी पार्लर के बाहर आया और रमेश के बगल में खड़ा हो गया। पहले तो रमेश ने सोचा कि कोई और लड़की है, लेकिन जब उसने गौर किया तो उसे एहसास हुआ कि ये तो ईशान है। उस ब्यूटी पार्लर में ईशान लड़के के रूप में गया और जब वो बाहर निकला था तो नए जमाने की लड़की बनकर। नीली पटियाला बैकलेस सूट, ट्रांसपेरेंट लाल दुपट्टा, एक्स्ट्रा विग की वजह से बाल काफी घने हो गए थे, आंखों में काजल, होंठों पर लाल लिपस्टिक और लाल नेल पॉलिश पैरो और हाथों की उंगलियों को काफी सुंदर लुक दे रहा था। कानों में झुमके और नाक में क्लिप वाली सानिया मिर्ज़ा स्टाइल नथिया, लाल हील्स वाली सैंडल्स और कलाइयों में ढेरों कंगन सेट के बाद कोई ये नही कह सकता था कि ईशान नए जमाने की यंग लड़की नही है।

रमेश, “यार ईशान तू तो बिल्कुल लड़की लग रहा है। तेरे ऊपर का हिस्सा देखकर तो लग ही नही रहा कि तू एक लड़का है।”

ईशान, “देख रमेश, अब तू शुरू मत हो जा। वैसे ही अंदर लड़कियां बात बात पर छेड़ रहीं थी और अब तू भी। ये फेक बूब्स हैं और इन बूब्स का वजन करीब आधी आधी किलो है। हालांकि ये फेक बूब्स टीशर्ट की तरह पहनी जाती है तो मैंने एक सेट के पैसे दे दिए। देख मेरे भाई ये लड़की वाला रूप मैंने तेरे लिए नही हमदोनो के लिए लिया तो है लेकिन एक दो महीनों के लिए ही ठीक है, उसके बाद कही और फ्लैट मिलने तक बस। मुझे भी नौकरी के लिए अप्लाई करना है और कहीं अच्छी जॉब भी करनी है। अब फ्लैट वाले से बात करने चल, शाम हो गयी है और मैं बहुत थका हुआ हूँ।”

रमेश, “हम्म! सही बोल रहा है तू, चल लेकिन उससे पहले कुछ सामान लेनी है। तू मेरी बीवी बनकर चल रहा है तो सभी से लड़कियों की तरह ही बात करना और मैं तेरे लिए ये सब लेकर आया हूँ!”

रमेश ने ईशान को एक गुलबन्द दिया और बताया कि इस गुलबन्द के अंदर एक वौइस् चेंजर किट लगा हुआ है। ईशान ने गुलबन्द को अपने गले मे कस लिया और जब वो बोला तो उसकी आवाज़ में लड़कियों सा मिठास आ गया था। अब सिर्फ दो चीज़ की कमी थी, ईशान की मांग में सिंदूर और गले में मंगलसूत्र। रमेश और ईशान ने एक लेडीज शॉप से आर्टिफिशियल मंगलसूत्र और लिक्विड सिंदूर खरीदा। रमेश ने ईशान से कहा कि वो मंगलसूत्र वहीं पहन लें। फिर ईशान ने मंगलसूत्र को गले मे पहन लिया और रमेश ने उस मंगलसूत्र को पीछे से सेट कर दिया। फिर रमेश ने ईशान की मांग में लिक्विड सिंदूर लगा दिया। ईशान को इन सब से बहुत शर्म आ रही थी, लेकिन उसे लाइफ में बहुत आगे बढ़ना था और रमेश सिर्फ उसकी मदद कर रहा था। ईशान ने लड़कियों की तरह ओढ़नी से अपना चेहरा ढंक लिया और रमेश के साथ फ्लैट ओनर से बात करने ठीक उसी बिल्डिंग पर जा पहुंचे। रमेश ने फ्लैट ओनर विक्रम राजपूत को अपनी और ईशान की नई आई डी दी और फॉर्म फील करके दोनो फ्लैट में शिफ्ट हो गए। फ्लैट ओनर 50 साल का मिडिल एज्ड विडो आदमी था, जिसकी बेटी के सिवा उसकी लाइफ में कोई भी नही था। दिन में फ्लैट ओनर की लड़की काम पर चली जाती और हर रोज़ रात के आठ बजे तक है घर पर वापिस आती, फ्लैट ओनर रात के डिनर के बाद हर रोज़ दारू पी कर सो जाता। ये सारी बाते रमेश और ईशान को खुद फ्लैट ओनर ने बताई। रमेश और ईशान को अपना अपना फ्यूचर देखना था और फ्लैट ओनर क्या करता है और क्या नही, इससे दोनों को कोई मतलब नही था। रमेश और ईशान अपने फ्लैट पर गए, अपने अपने लगेज को वार्डरोब में रख दिया और खाना आर्डर करके फ्रेश होने चले गए। रमेश ने ईशान को समझाया कि इस फ्लैट में वो उसकी पत्नी बनकर रह रहा है तो मेक श्युर कि वो हमेशा फीमेल गेटअप में ही रहे और हमेशा गले मे गुलबन्द पहन कर रहे। ईशान भी रमेश को सपोर्ट करने के लिए उसकी बात को मानकर सिर्फ हाथ पैर धोकर अपने कपड़ों को तह कर वार्डरॉब में अच्छे से रखने लगा। इतने देर में खाना डिलीवर हो गया और रमेश खाना लेकर ऊपर फ्लैट में आ गया। दोनो ने खाने पीने के लिए राशन, गैस और अनाज के बारे में डिस्कस किया और साथ ही ईशान ने रमेश को उसकी साइज की नाइटी, सलवार कमीज और ब्रा पैंटी लेकर आने को भी कहा। चूंकि ईशान के फीमेल गेटअप में मार्किट के लिए निकलना पॉसिबल नही था तो रमेश ने डिसाइड किया कि मार्किट का काम वो संभालेगा और किचन के साथ घर का सारा काम ईशान सम्भालेगा। रात को दोनों ने खाना खाया और अपने अपने कमरे मे सोने चले गए। रमेश को तो नार्मल लाइफस्टाइल मेन्टेन करना था तो वो चेंज करके सो गया लेकिन ईशान को औरतों वाली लाइफस्टाइल में सेट होने के लिए कुछ दिनों के लिए खुद को औरतों की तरह ही व्यवहार करना उचित लग रहा था। लेकिन ईशान के पास औरतों वाली सिर्फ एक ही ड्रेस थी और उसके बाकी सभी कपड़े लड़कों वाली थी। ईशान ने अपना विग अपने बालों में से निकाल लिया, पटियाला सूट भी खोल लिया। फिर ईशान ने शॉर्ट्स पहने और टीशर्ट पहनकर सो गया। अगली सुबह रमेश को जॉब जॉइन करनी थी और वो तैयार होकर आफिस के लिए निकलने को हुआ, तभी उसने ईशान को जगा दिया और उसे अंदर से गेट लॉक कर लेने को कहा। ईशान ने रमेश को गुड लक विश किया और गेट को अंदर से लॉक करके सो गया। थोड़ी देर बाद डोर बेल्ल की आवाज़ सुनकर ईशान की नींद उड़ गई।

ईशान सोचने बैठ गया, “कौन हो सकता है, रमेश तो आफिस गया है! लैंडलॉर्ड हो सकता है!”

फिर ईशान ने अपने कपड़े ठीक किया,अपना विग पहना और गले मे गुलबन्द पहन लिया। उसके बाद खुद को आईने में देखकर अपने माथे पर दुपट्टा रखककर दरवाज़ा खोला। दरवाज़ा खोलते है ईशान शोकड हो गया।

तुम!😢

तुम!

ईशान, “तुम यहाँ क्या कर रही हो निकिता?”

निकिता, “डिअर, ये मेरा घर है। तो तुमने मेरे पापा से झूठ बोलकर ये फ्लैट रेंट पर लिया है?”

ईशान, “निकिता तुम प्लीज् अंदर आ जाओ! मैं तुम्हे सबकुछ समझा दूंगा।”

निकिता, “मैं पापा को बुला रही हूं, कुछ भी समझना नही है मुझे। तुम यहाँ झूठ बोल कर नही रह सकते।”

ईशान, “निकिता प्लीज्, आई नो कि मैं यहां भेष बदल कर रह रहा हूँ। लेकिन इनसब के पीछे मेरी मजबूरी है डिअर, प्लीज् एक बार मेरी बात सुन लो, डर तुम्हे अगर लगे तो अपने पापा को बुला लेना।”

निकिता, “हम्म!

निकिता कमरे में आ गयी और ईशान ने दरवाजा लॉक कर लिया।

निकिता, “बोलो!”

ईशान, “यू नो, मेरा नाम ईशान है, मेरी फैमिली ने मुझे मेरे मा बाप के मरने के बाद सहारा नही दिया और मेरे साथ मेरा दोस्त जिसका नाम रमेश है। हम दोनो लखनऊ से दिल्ली आए हैं, सिर्फ और सिर्फ अपना कैरियर बनाने के लिए। रमेश की आज ही नई जॉब मिली है और मैं उसे सपोर्ट करने के लिए यहां लड़की बनकर रहने को तैयार हुआ हूँ। देखो रमेश को आफिस में आज ही दिल्ली का लोकल अड्रेस प्रूफ देने के लिए कहा गया था और जैसे ही हमें कोई दूसरा फ्लैट मिल जाएगा, हमदोनो यहां से शिफ्ट कर जायेगें।”

निकिता, “लेकिन ईशान तुम दोनों यहां ऐसे छिप कर रहोगे तो आज नही तो कल किसी और को तुमदोनो की असलियत का जरूर पता चल जाएगा।”

ईशान, “मुझे पता है निकिता कि आज नही तो कल ऐसा जरूर हो सकता है, तभी मैंने फैसला किया है कि इस फ्लैट के बाहर मैं कदम नही रखूंगा। मैं यूपीएससी की तैयारी कर रहा हूँ और इसके लिए मुझे पढ़ाई के लिए काफी शांत माहौल भी मिल रहा है।”

निकिता, “हम्म, ठीक है ईशान तुम यहाँ रह सकते हो। और अपने बारे में कुछ बताओ!”

ईशान, “जैसा कि मैंने बताया कि मेरे परिवार ने मुझे बेदखल कर दिया है तो मुझे अपना सपना पूरा करने के अलावे कोई और ऑप्शन नही है। रमेश के खर्च पर मैं घर के सारे काम के साथ अपनी पढ़ाई कर सकता हूँ।”

निकिता, “तुम्हे क्या क्या आता है?”

ईशान, “मुझे खाना पकाना, घर के काम करना और पढ़ना अच्छा लगता है।”

निकिता, “हम्म! तुम इतने हैंडसम हो ईशान, कि लड़की के रूप में क्या हॉट दिख रहे हो। तुम यहाँ रहना चाहते हो, मैं भी तुम्हे सपोर्ट करूँगी लेकिन उसके बदले तुम्हे भी मेरी बात माननी होगी।”

ईशान, “मुझे मंजूर है निकिता।”

निकिता, “तो फिर कल से, नही आज से ही, तुम्हे तैयार मैं खुद से करूँगी। में तुम्हे साड़ी पहनना सिखाऊंगी, तुम्हारे साथ ब्राइडल मेकअप ट्यूटोरियल, टिकटोक वीडियो और इंस्टाग्राम पर भी वीडियो बनाउंगी। बदले में तुम मुझे खाना पकाना सीखा देना। मुझे बिल्कुल भी खाना पकाना नही आता। और देखो, अभी सेप्टेंबर से लेकर जनवरी तक हिन्दू त्योहारों में भी तुम्हे प्रॉपर हाउस वाइफ की तरह सजधज कर औरतों के बीच बैठना पड़ेगा और साथ ही त्योहारों में शामिल भी होना पड़ेगा। देखो मना मत करना, तीन चार महीने तो रहोगे ना, कम से कम औरत होना फील भी कर लो और मुझे खाना पकाना भी सीखा देना।”

ईशान, “ये कुछ ज्यादा नही हो गया निकिता? देखो औरत बनकर रहना तो पॉसिबल है लेकिन त्योहारों में औरतों के बीच शामिल होना, ये पॉसिबल नही है। देखो मैं एक लड़का हूँ, लड़की के रूप में रहना मेरी मजबूरी है निकिता, प्लीज मेरी मजबूरी का फायदा मत उठाओ।”

निकिता, “आई विश कि मैं तुम्हे हमेशा हमेशा के लिए अपने पास रख सकती। देखो ईशान, पहली बार लाइफ में कोई लड़का पसन्द आया है मुझे, तुम इतना नही कर सकते मेरे लिए? और देखो ईशान,टिकटोक वीडियो और इंस्टाग्राम पर फॉलोवर्स, लाइक्स और शेयरिंग बढ़ने पर पैसे भी मिलते हैं। “

ईशान, “हम्म, ठीक है निकिता।”

निकिता, “ये! आई एम सो हैप्पी!”

निकिता ने ईशान को फ्रेश हो जाने को कहा। जबतक ईशान फ्रेश होकर आया, फ्लैट पूरी तरह से साफ सुथरा हो चुका था और निकिता अपने हाथ मे साड़ी ब्लाउज पेटीकोट ब्रा और पैंटी लिए बैठी थी।

ईशान, “ये क्या निकिता, तुमने मेरे घर को तो बिल्कुल चमका दिया है।”

निकिता, “थैंक्स आयशा! मैं इतना तो कर ही सकती हूं तुम्हारे लिए! खैर, जल्दी से तैयार हो जाओ, मुझे ब्यूटी पार्लर जाने के लिए देर हो रही है। तुम्हे तैयार कर दूं, फिर एक दो टिकटोक वीडियो बनाकर मैं चली जाउंगी। और तुम अपने पति को मत बताना, कि मुझे सच्चाई का पता चल चुका है।”

ईशान, “हम्म! नही बताऊंगा।”

थोड़ी देर बाद, लाल रंग की जॉर्जेट सेमी ट्रांसपरेंट साड़ी, सिल्वर बैकलेस डीप कट ब्लाउज में ईशान को तैयार करके निकिता ने ढेर सारी चूड़ी कंगन पहना दिया। पैरों में पायल, आंखों में काजल, होंठों पर लाल लिपस्टिक, माथे पर बिंदी, नाक में सानिया मिर्ज़ा स्टाइल नथिया और कानों में झुमके पहनाने के बाद ईशान और भी सुंदर दिखने लगा। निकिता ने ईशान को अपनी हील्स वाली सैंडल्स पहनाई जो उसे बिल्कुल फिट आ गयी। फिर ईशान ने गले मे गुलबन्द और मंगलसूत्र पहनकर अपनी मांग में सिंदूर भर लिया। ईशान एक बार फिर से भाभी जी की तरह तैयार निकिता के सामने खड़ा था। निकिता ने ईशान की टिकटोक आईडी बनाई, प्रिंसेस आयशा के नाम से और पहला वीडियो भी बनाया। निकिता ने ईशान की वीडियो पोस्ट की और कुछ बेहतरीन फोटोज़ भी क्लिक की और अपने काम के लिए निकल गयी। निकिता के जाने के बाद ईशान बैठ कर सोचने लगा कि आखिर वो ये सब क्यों कर रहा है। आखिर वो भी तो एक मर्द ही है, लेकिन अपने दोस्त को सपोर्ट करने के लिए औरत बनकर रहने तक तो ठीक था लेकिन उसे अब उसके लैंडलॉर्ड की बेटी अपने इशारे पर नचा रही थी। ईशान ने खाना आर्डर किया और खाना खाकर सो गया। शाम को रमेश आफिस से लौट कर आया तब उसके हाथों में खाने पीने का सामान के साथ एक 5 किलो वाला गैस सिलिंडर भी था। थोड़ी देर बाद फ्लिपकार्ट वाला बर्तन सेट दे गया। किचन का पूरा समान अब फ्लैट पर था और रात के आठ बजे जब निकिता लौटी तो वो सीधे ईशान के फ्लैट पर आ गयी।

निकिता, “तुम्हे यकीन नही होगा आयशा भाभी, टिकटोक पर तुम्हारा वीडियो बहुत वायरल हो गया है। करीब 10000 लोगों ने टिकटोक पर तुम्हारा वीडियो देखा और शेयर किया है। तुमने तो एक ही दिन में तबाही मचा दी आयशा भाभी।”

रमेश ने ईशान के कानों में कहा, “ये सब क्या है ईशान!”

ईशान, “रमेश, ये निकिता है, लैंडलॉर्ड की बेटी।”

रमेश, “ओह्ह, तो आप हमारे लैंडलॉर्ड की बेटी हैं!”

निकिता, “हांजी, रमेश! वैसे आयशा भाभी तो बड़ी शर्मीली हैं। आपदोनो ने हाल फिलहाल ही शादी की है?”

रमेश, “हांजी निकिता!”

निकिता, “बड़े हैंडसम हो आप तो!”

रमेश, “आप भी बेहद खूबसूरत हैं निकिता जी।”

निकिता, “रमेश जी, आयशा भाभी से ज्यादा नही। आपकी पत्नी वाकई बेहद खूबसूरत हैं। पता है, आज मैंने आयशा भाभी की टिकटोक वीडियो बनाई जिसे 10000 से ज्यादा लोगो ने लाइक किया और साथ ही हज़ारो लोगो ने शेयर भी किया। आप तो दिन में जॉब पर चले जाओगे, आयशा भाभी बोर हो जाती हैं।”

रमेश, “थैंक यू निकिता जी, लेकिन आयशा की टिकटोक वीडियो इतनी पॉपुलर हो गयी तो मेरे पास तो इनकी वीडियो नही आई।”

निकिता रमेश से फुल मजे ले रही थी। फिर रमेश में निकिता को अपना व्हाट्सएप्प नंबर शेयर किया और निकिता ने वो वीडियो शेयर किया। रमेश ने जब वीडियो देखी, वो सिर्फ ईशान को ही देखता रह गया। ईशान बहुत ही ज्यादा सुंदर दिख रहा था वीडियो में और रमेश ने ईशान को प्रेज भी किया। निकिता के जाने के बाद रमेश ने भी अपनी टिकटोक आईडी बनाई और आयशा को फॉलो किया। निकिता के रूप में ईशान को एक दोस्त मिल गयी थी, जिसके साथ एक दिन टाइम स्पेंट कर के वो इतना खुश था। ईशान ने सोच लिया था कि वो अपना ज्यादा से ज्यादा टाइम निकिता के साथ स्पेंट करेगा। इतने देर में किचन सेट करके रात का खाना पकाने के लिए जैसे ही किचन में जाने लगा वैसे ही फिर से निकिता आ गयी और अपने कमरे मे चलने की जिद करने लगी। रमेश ने उसे मना किया तो निकिता ने कहा कि उसका खाना आज निकिता के कमरे पर ही बनेगा, फिर निकिता ईशान को अपने साथ अपने घर मे ले गयी। जब ईशान निकिता के कमरे मे गया तो देखा उसके पापा शराब पी रहे थे और निकिता ईशान को सीधे किचन में ले गयी। ईशान ने अपनी साड़ी को कमर में लपेटा और निकिता से पूछा कि उसे क्या खाने का मन है। निकिता ने आलरेडी सब्जी में कटहल काटी हुई थी और फ्रिज से निकाल कर उसने ईशान को देते हुए कहा कि बनाते हुए उसे भी कटहल की सब्जी पकाना सीखा दे। ईशान ने स्टेप बाई स्टेप कटहल की सब्जी पकाई और निकिता को भी बड़े ही आसानी से सीखा दिया। निकिता ने ईशान को बताया कि उसके पापा को कटहल की सब्जी बहुत पसंद है और वो अपने पापा के लिए ये सब्जी बनाना सीखी है। ईशान बड़ा ही खुश हुआ और इमोशनल भी। निकिता जानती थी कि ईशान अपने घर से बेदखल है लेकिन फिर भी उसने ईशान के गाल पर एक किस किया और शर्माने लगी। निकिता के किस से ईशान को अपनी मेहनत का इनाम से मिल गया था, वो बड़ा ही खुश हुआ क्योंकि लाइफ में पहली बार किसी लड़की ने उसे किस किया था और फिर अपने और रमेश के लिए खाना लेकर अपने कमरे में आ गया। रमेश और ईशान ने खाना खाया और अपने अपने बेड पर सोने चले गए। अगली सुबह रमेश के जागने से पहले उसके लिए ब्रेकफास्ट और टिफ़िन रेडी कर के ईशान नहाने चला गया। जब ईशान नहा कर बाहर आया तब रमेश रेडी हो रहा था।

रमेश, “थैंक यू सो मच ईशान। यार तू नही होता तो मेरा क्या होता। इतना टेस्टी ब्रेकफास्ट मैंने लाइफ में पहली बार खाया है, सच माँ कसम!”

ईशान, “तू चिंता मत कर रमेश, जब तक यहां हूँ, तेरे लिए लंच ब्रेकफास्ट डिनर सब बना दिया करूँगा। आफिस का पहला दिन कैसा रहा?”

रमेश, “अच्छा रहा, आफिस में बहुत स्टाफ़स हैं। और सब अपने कामों में बिजी। वर्क लोड भी ठीक ठाक है। मेरे काम से बॉस भी काफी खुश नजर आ रहे थे।”

ईशान, “गुड मैन, चल तू अच्छे से जॉब कर, तब तक मैं घर संभालता हूँ। लेकिन प्लीज मेक श्युर तीन चार महीने बाद कहीं और शिफ्ट कर जाएंगे। यहां लड़की बनकर रहना सही नही है।”

रमेश, “तू फ़िक़्र मत कर ईशान,वो सब मैं देख लूंगा।”

रमेश के आफिस जाने के थोड़ी देर बाद ही निकिता कमरे में आ गयी। ईशान ने सलवार कमीज पहन रखा था और ब्रेकफास्ट कर रहा था।

निकिता, “ये क्या आयशा भाभी, ये क्या पहन रखा है?”

ईशान, “सलवार कमीज, यार प्लीज् तुम मुझे भाभी मत बोला करो?”

निकिता, “भाभी को भाभी ना कहूँ तो क्या नाम से पुकारूँ!”

ईशान, “हाँ निकिता, तुम मुझे नाम से बुलाया करो!”

निकिता, “ओके आयशा! जल्दी से ब्रेकफास्ट कर लो, मैं तुम्हे तैयार कर देती हूं!”

ईशान, “यार सलवार कमीज में कम्फ़र्टेबल फील होता है, तैयार होने की क्या जरूरत?”

निकिता, “प्रिंसेस आयशा ! टिकटोक और इंस्टाग्राम पर वीडियो देखो, 20000 से ज्यादा लाइक्स और फ़ॉलोवर्स भी बढ़ने लगे हैं। एक वीडियो तो बनती है ना, देखो ना मैं कितनी सुंदर अनारकली सूट लेकर आई हूँ तुम्हारे लिए, मैं वीडियो अपलोड करके चली ब्यूटी पार्लर चली जाउंगी।”

ईशान, “हम्म! ओके मैं ब्रेकफास्ट कर लूं?”

ब्रेकफास्ट के बाद निकिता ने ईशान को अनारकली सूट में तैयार किया।वैसे तो अनारकली ड्रेस निकिता का था लेकिन ईशान को फिटिंग अच्छी आयी। डार्क मेकअप, हाथों और पैरों के फिंगर नेल्स में बैंगनी नेल पॉलिश, आंखों में काजल, सेम ज्वेलरीज, पैरों में हैवी चांदी की पायल, बालों में एक्स्ट्रा विग जोड़कर उसका जुड़ा बनाकर ईशान को बहुत ही खूबसूरत ढंग से तैयार किया। ईशान ने पैरों में हाई हील्स वाली सैंडल्स पहना हुआ था जिससे उसकी हाइट काफी अच्छी दिख रही थी। ईशान को ट्रांसपेरेंट दुपट्टा ओढ़ा कर निकिता ने उसके साथ अलग अलग गानों पर टिकटोक और इंस्टाग्राम वीडियो बनाई और थोड़ी देर बाद निकिता अपने ब्यूटी पार्लर चली गयी। ईशान एक बार फिर से अकेला बैठा अपने वीडियोस देख रहा था। ईशान को खुद को देखकर एकबार में यकीन नही हो रहा था कि वीडियो में वो है या कोई सत्रह आठरह साल की लड़की। अब हर रोज़ निकिता ईशान को तैयार करती और बदले में ईशान उसे खाना पकाना सिखाता और रमेश के लिए खाना निकिता के घर मे ही पकाता। निकिता ईशान और रमेश के बीच दोस्ती बढ़ने लगी थी। एक तरफ रमेश को निकिता पसन्द थी, वहीं निकिता को ईशान पसन्द था। अगला एक महीना तो यूँ ही गुज़र गया, ईशान के टिकटोक और इंस्टाग्राम पर करीब पचास से ज्यादा वीडियोस और सौ से ज्यादा फोटोज़ अपलोड हो चुके थे। ईशान को सभी प्रिंसेस आयशा के नाम से जानने लगे थे। लेकिन किसी को भी प्रिंसेस आयशा की सच्चाई के बारे में कुछ भी नही पता था। फोटोज़ और वीडियोस पर कमैंट्स अच्छे भी होते थे और अश्लील भी लेकिन ईशान को इन सब से कोई फर्क नही पड़ रहा था। लड़कियों की तरह रहते रहते फेमिनिन हाव् भाव, लड़कियों की तरह बात करना और स्वभाव में भी थोड़ा बहुत बदलाव आ गया था। निकिता ने ईशान को तरह तरह की साड़ियां पहनना, लहँगा चोली, घाघरा चोली, मिनीस्कर्ट में एडजस्ट करना और लाइट मेकअप हो या हैवी मेकअप, सबकुछ सीखा दिया था। ईशान के बाल पहले के मुक़ाबले काफी लंबे और घने हो गए थे और अब उसे एक्स्ट्रा विग की जरूरत नही पड़ती थी। ईशान ने भी निकिता को तरह तरह के स्वादिष्ट व्यंजन पकाना सीखा दिया था और अब निकिता हर रोज़ रात को ईशान और रमेश के लिए ईशान के साथ अपने कमरे पर ही खाना बना देती। निकिता के पापा भी ईशान और रमेश को काफी लाइक करने लगे थे और निकिता के साथ उसके रहने पर कोई ऐतराज नही होता।

निकिता, “आयशा, आज डांडिया नाईट है, आज तुम भी पार्टिसिपेट कर लो प्लीज्।”

ईशान, “नही यार, घर के अंदर ही ये सब अच्छा होता है। बाहर में किसी ने पहचान लिया तो प्रॉब्लम हो जाएगा।”

निकिता, “कोई प्रॉब्लम नही होगा आयशा, मैं हूँ ना। देखो मैं आज तुम्हारे लिए अपना लहँगा चोली ले आउंगी शाम में और तुम्हे तैयार भी कर दूंगी। मैं साथ रहूंगी ना तुम्हारे, तुम फ़िक़्र मत करो।”

ईशान, “मुझे डर लगता है।”

निकिता, “डरो मत, वैसे भी रमेश से मैने बात की तो वो मान गया है। तुम और रमेश कपल बनकर चलना और मैं तुम दोनों के साथ रहूंगी। आज टिकटोक और इंस्टाग्राम पर सिर्फ प्रिंसेस आयशा ही छाई रहेगी।”

ईशान, “यार, तुम बहुत जिद्दी हो निकिता!”

फिर अचानक निकिता ने ईशान के लिप्स पर स्मूच किया।

निकिता, “आयशा प्लीज्! अब तो मान जाओ!”

ईशान को निकिता ने पहली बार लिप् टू लिप् किस किया था, ईशान आने इमोशन्स पर काबू नही कर सका और उसने भी निकिता के होंठों पर कस कर स्मूच किया। निकिता शर्माने लगी और उसके बाद ईशान मना नही कर सका और डांडिया नाईट में जाने को रेडी हो गया। शाम को निकिता अपने हाथ मे लहँगा चोली लेकर ईशान के कमरे में आ गयी।

ईशान, “निकिता, ये लहँगा चोली तो काफी हैवी डिज़ाइनर है।”

निकिता, “ये मेरी माँ का है। आज रात डांडिया नाईट में मेरी प्रिंसेस आयशा इतनी खूबसूरत दिखेगी कि बाकी लड़कियां जल भून कर रह जाएंगी।”

ईशान, “हाहाहाहा, निकिता! तुम भूल क्यों जाती हो, मैं एक आदमी हूँ।”

निकिता, “नही आयशा, जब मैं तुम्हारे साथ रहूं, तब तुम सिर्फ और सिर्फ औरत हो इस बात का ध्यान रखना।”

ईशान, “हम्म!”

जब निकिता ने ईशान को लहँगा पहनाया तब इस बात का खास ख्याल रखा कि लहँगा ईशान की नाभि के काफी नीचे पहनाये। ईशान ने पहले भी लहँगा पहना था, लेकिन तब निकिता उसे नाभि के ऊपर ही पहनाती थी। ईशान ने पूछा तो निकिता ने बताया कि वो चाहती है कि आज की डांडिया गरबा नाईट में ईशान आकर्षक भी लगे और सेक्सी भी। ईशान के मना करने के बावजूद निकिता नही मानी और ईशान को लहँगा नाभि के काफी नीचे पहनाई। उसके बाद निकिता ने ईशान को बैकलेस चोली जो आगे से छोटी और पीछे से पूरी तरह डोरियों वाली थी। लहँगा चोली पहनाने के बाद ईशान का डार्क मेकअप, ग्लॉसी रेड होंठ, कानों में क्लिप वाली झुमकी, नाक में क्लिप वाली नथिया, माथे पर मांगटीका, हाथों में ढेर सारी अमेरिकन डायमंड सिल्वर चूड़ियाँ, पैरों में चांदी की पायल, कमरबन्द और बाजूबन्द पहनाने के बाद निकिता ने ईशान को डिज़ाइनर चुंदरी से ओढ़नी ओढाया और फिर खुद भी लहँगा चोली में तैयार हुई। निकिता भी उतनी ही सेक्सी दिख रही थी, जितना ईशान खूबसूरत दिख रहा था। फिर उसने ईशान को बताया कि ये लहँगा चोली उसकी माँ की अमानत है। ईशान निकिता की बातों को सुनकर थोड़ा इमोशनल हुआ, लेकिन फिर उसने खुद को संभाला। ईशान और निकिता दोनो सहेलियों की तरह तैयार हो चुकी थी।

निकिता, “आयशा, कुछ भूल तो नही रही हो?”

ईशान, “क्या?”

निकिता, “प्रिंसेस आयशा, तुम एक शादीशुदा औरत हो, सुहागन हो तुम और तुम्हारे गले मे गुलबन्द, मांग में सिंदूर और मंगलसूत्र का होना जरूरी है!”

ईशान, “ओह्ह! थैंक्स मैं तो भूल ही गया था।”

ईशान ने गले मे गुलबन्द पहना, अपनी मांग में सिंदूर भर कर गले मे मंगलसूत्र पहन लिया। अब दोनों डांडिया गरबा में जाने के लिए तैयार थे, रमेश भी कुर्ता पायजामा में तैयार होकर आ गया। डांडिया प्रोग्राम में निकिता के पापा भी पहुंचे थे जिनकी नज़र पूरे डांस के दौरान ईशान पर ही रही। लेकिन सिर्फ निकिता के पापा अकेले नही थे जिनकी नज़र ईशान की खूबसूरती पर थी बल्कि पार्टी में शामिल लड़के, शादीशुदा मर्द और कुछ मवाली टाइप लोग भी ईशान को खूब ताड़ रहे थे। ईशान को इन सब से बहुत शर्मिंदगी महसूस हो रही थी लेकिन लेडीज़ के बीच वो कुछ कहने में भी असमर्थ था। इधर निकिता और रमेश के बीच एक अच्छा तालमेल बैठ गया था, दोनो ने डांडिया को खूब एन्जॉय किया। उधर ईशान लेडीज़ के बीच डांस के दौरान काफी शर्मिंदगी महसूस कर रहा था। डांडिया प्रोग्राम के दौरान निकिता ने ईशान और रमेश को अपने बॉयफ्रेंड राज से मिलवाया। राज देखने मे रमेश जैसा ही लम्बा तगड़ा था। जब हैंडशेक के दौरान राज ने ईशान के हाथ को अपने हाथों में लिया तब अनायास ही उसके मुंह से निकल गया कि आयशा भाभी के हाथ कितनी कोमल है। राज की बात सुनकर निकिता और रमेश जोर से हंस पड़े, लेकिन ईशान ने अपनी नज़रें शर्म से झुका ली। प्रोग्राम ओवर होने के बाद निकिता और राज ने रमेश और ईशान से रिक्वेस्ट किया कि पास के बियर बार चले और दो चार पैग बियर या व्हिस्की पी जाएं। रमेश और ईशान को भी निकिता और राज के साथ बियर बार मे जाने में कोई आपत्ति नही था तो चारो थोड़ी देर में बियर बार जा पहुंचे। सभी ने 2 2 बियर पी और फिर व्हिस्की के 2 2 पैग भी। 2 2पैग में ही ईशान और निकिता कुछ ज्यादा ही नशे में चले गए थे और रमेश और राज अभी भी अपना तीसरा पैग पी रहे थे। थोड़ी देर बाद, रमेश, ईशान, निकिता और राज बिल पे करके बियर बार से बाहर निकले, टैक्सी की। रात के 2 बजे थे तो निकिता ने राज को ईशान और रमेश के साथ ही फ्लैट में रुक जाने को कहा, राज भी निकिता की बात मानकर वहीं रुक गया। इधर निकिता अपने कमरे में जाकर फ्रेश होकर सो गई, उधर रमेश और राज फ्रेश हो गया और आखिर में ईशान फ्रेश होने गया। रमेश को सुबह आफिस भी जाना था तो वो कमरे में जाकर सो गया। राज को नींद नही आ रही थी तो वो सोफे पर बैठकर निकिता से फ़ोन पर बातें करने लगा। इधर जैसे ही ईशान वाशरूम से फ्रेश होकर बाहर निकला, उसका पैर फिसल गया और वो गिर पड़ा। राज तुरन्त दौड़कर ईशान को उठने में मदद की।

राज, “आप ठीक तो हो भाभी?”

ईशान, “आह, मेरा पैर मुड़ गया है, उठा नही जा रहा।”

राज ने ईशान को उठने में मदद की, लेकिन खड़े होने के बावजूद उससे चला नही जा रहा था। राज ने ईशान को अपनी बाहों में उठा लिया और बिस्तर पर लिटाकर निकिता को कॉल करके पूरी बात बताई। निकिता ने बताया कि वो नही आ सकती लेकिन उसके कमरे के गेट के बाहर ऑइंटमेंट और क्रेप बैंडेज रख देगी। राज नीचे गया और निकिता के कमरे के बाहर से ऑइंटमेंट और क्रेप बैंडेज ले आया और ईशान का लहँगा ऊपर उठाकर ऑइंटमेंट लगाने लगा। ईशान को बहुत ही अच्छा फील हो रहा था। ऑइंटमेंट अप्लाई करने के बाद राज ने अच्छे से क्रेप बैंडेज से ईशान के पैर को टाइट करके लपेट दिया।

ईशान, “राज, तुम बहुत ही अच्छे इंसान हो। निकिता खुशनसीब है जो उसे तुम्हारे जैसा बॉयफ्रेंड मिला।”

राज, “थैंक्स भाभी! काश आप मुझे पहले मिली होती तो मैं आपको अपनी गर्लफ्रैंड बनाता।”

ईशान, “हाहाहा, राज कुछ भी?”

राज, “सीरियसली भाभी, आप शादीशुदा नही होतीं तो मैं भगवान कसम निकिता को छोड़ कर आपका बॉयफ्रेंड बन जाता, लेकिन आप तो शादी शुदा हैं।”

ईशान, “सीरियसली राज, निकिता इतनी अच्छी है। तुम्हारा इतना ख्याल रखती है, दिन रात तुम्हारे लिए टेस्टी खाना पकाना सिख रही है और तुम उसे धोखा देने को तैयार हो?”

राज, “अरे भाभी, हम दोनों के बीच ऐसा वैसा कुछ भी नही है। कहने को हम दोनों बॉयफ्रेंड गर्लफ्रैंड हैं, लेकिन हमदोनो के बीच ऐसा कुछ भी नही है।”

ईशान, “राज, ऐसा वैसा क्या होता है?”

राज, “अरे भाभी, बॉयफ्रेंड गर्लफ्रैंड के बीच होता है ना, रोमांस, रोमांच, किस!”

ईशान, “तो क्या बिना रोमांस, रोमांच और किस के बॉयफ्रेंड और गर्लफ्रैंड में प्यार नही होता?”

राज, “होता है भाभी, लेकिन रोमांस रोमांच और किस की कमी तो फील होती है ना?”

ईशान, “तो क्या निकिता ने तुम्हे कभी भी किस नही किया?”

राज, “किस तो दूर, वो तो मुझे अपने पास भी नही आने देती। इतनी शराब पीने के बाद भी निकिता मुझसे कितनी दूर दूर रही, आपने देखा नही?”

ईशान, “हम्म! तुम्हे रोमांस और किस करना आता ही नही होगा? तभी निकिता तुमसे दूर दूर रहती है।”

राज, “भाभी मुझे रोमांस भी आती है और किस करना भी आता है।”

दोनो आपस मे बातें करते करते कब बिस्तर पर एक साथ लेट कर बातें करने लगे, दोनो में से किसी को भी पता नही चला। ईशान को अब नींद आने लगा था लेकिन राज की नज़र ईशान के बॉडी पर थी। थोड़ी देर बाद ईशान गहरी सांसें ले रहा था और राज उसके हर सांस के साथ ऊपर नीचे होते बूब्स को देख कर मदहोश हुआ जा रहा था। राज ने धीरे धीरे ईशान के बॉडी पर अपना हाथ फेरना शुरू किया, ईशान गहरी नींद में था, लेकिन राज के सख्त हथेली के स्पर्श ने उसे जागने पर मजबूर कर दिया।

ईशान, “ये तुम क्या कर रहे हो राज?”

राज, “कुछ भी तो नही भाभी!”

ईशान समझ चुका था कि राज का इरादा कुछ ठीक नही, लेकिन फिर भी उसे हिदायद देकर ईशान फिर से सो गया। लेकिन ईशान के सोते ही राज ईशान के और करीब आ गया। राज की गर्म सांसें ईशान की सांसो में घुलने से पहले राज के होंठ, ईशान के होंठों पर थे। राज ने बड़े ही प्यार से ईशान को स्मूच किया जिसके बाद ईशान की नींद खुल गयी और सांसें भी चढ़ गयीं।

ईशान, “ये क्या बदतमीजी है राज?”

राज, “भाभी, आपके हुस्न ने मुझे पागल कर दिया है। आज की रात आपके हुस्न के समंदर में डूब जाने को मन हो रहा है।”

ईशान, “खबरदार राज जो तुम मेरे पास भी आये! मैं अपने कमरे में जा रही हूं, अब मैं यहां नही सो सकती। तुम निकिता के बॉयफ्रेंड नही होटेटो धक्का मार कर इस कमरे से बाहर कर देती। अब सुबह तक शरीफ इंसान की तरह सो जाओ, नही तो मुझसे बुरा कोई भी नही होगा!”

राज, “भाभी प्लीज् आप गुस्सा मत करो, आई नो कि आपका भी रोमांस करने का मन कर रहा है!”

“चटाक!”

ईशान ने राज जे गाल पर जोर का तमाचा रसीद कर दिया और रमेश के कमरे में जाने को हुआ, लेकिन पैर के दर्द से एक कदम भी नही चल सका। राज ने ईशान को सहारा देने की कोशिश की लेकिन ईशान किसी तरह लंगड़ाते हुए रमेश वाले कमरे में अंदर से लॉक करके उसके बगल में सो गया। इधर राज भी अपनी बेइज़्ज़ती से उदास होकर सो गया। चूंकि दोनो ही नशे में थे तो दोनों को सोने में ज्यादा समय नही लगा। अगली सुबह अर्ली ईशान की नींद खुल गयी। जब ईशान की नींद खुली, वो फ्रेश होने के लिए बिस्तर से उतरा और वाशरूम की ओर जाने को हुआ, तभी उसे अपने पैर का दर्द महसूस हुआ। रात से कम दर्द था लेकिन राज का व्यवहार बहुत ही घटिया था और वाशरूम में फ्रेश होकर ईशान बाहर आया तो सीधे अपने कमरे में चला गया। कमरे में कोई भी नही था, शायद राज जा चुका था। थोड़ी देर में निकिता भी कमरे पर आ गयी और ईशान से बोली कि आज वो उसे साड़ी में देखना चाहती है। ईशान साड़ी पहनने के लिए मान गया लेकिन वो निकिता से कुछ बात करना चाहता था।

ईशान, “निकिता, राज तुम्हारे लिए ठीक नही है। तुम कोई और बॉयफ्रेंड क्यों नही बना लेती?”

निकिता, “ऐसे क्यों बोल रही हो आयशा? कल रात राज ने ही तुम्हारे पैरों पर स्क्रैप बैंडेज बांधा और तुम उसे छोड़ने को बोल रही हो?”

ईशान, “राज से काफी देर तक बात करने से मुझे लगा कि वो तुम्हारे लिए सही नही है! राज तुम्हारे से फिजिकल नही हो सका और इस बात के लिए उसने मुझसे कहा कि बॉयफ्रेंड गर्लफ्रैंड के बीच रोमांस होना चाहिए, किस होना चाहिए। वो तुम्हारा इस्तेमाल करके तुम्हे छोड़ देगा निकिता, मेरी बात मानो और राज से ब्रेकअप कर लो।”

निकिता, “तुम इतनी श्युर कैसे हो सकती हो आयशा?”

ईशान, “क्योंकि राज से बात करके मुझे लगा कि वो एक ओप्पोर्चयुनिस्ट है। तुम दूसरा बॉयफ्रेंड बना लो, लेकिन राज से अलग हो जाओ।”

निकिता, “यार आयशा, राज के परिवार मे मैं सबसे मिली हूँ और मेरे पापा को भी राज बहुत पसंद है, मैं राज को नही छोड़ सकती!”

ईशान, “ऐज़ यू विश निकिता, बाद में मुझसे मत कहना कि मैने तुम्हे आगाह नही किया।”

निकिता, “हम्म! अब आओ मैं तुम्हे तैयार कर दूं, मुझे भी आज जल्दी निकलना है।”

फिर निकिता ने ईशान को पहले ब्रा और फिर बैकलेस स्ट्रेची चोली पहना दी। उसके बाद स्ट्रेची पेटीकोट पहनने के बाद जिर्जेट साड़ी पहनाई जो काफी लाइट वेट था। फिर निकिता ने ईशान का लाइट मेकअप किया, कानों में क्लिप वाली झुमकी, नाक में क्लिप वाली लौंग, आंखों में काजल, होंठों पर लाल लिपस्टिक, गालों पर फॉउंडेशन, गले मे गुलबन्द, मंगलसूत्र, हाथों में बाजूबन्द, कमर में कमरबन्द, पैरों में हैवी चांदी वाली पायल, हाई हील्स की सैंडल्स पहना कर ईशान को तैयार किया। ईशान के पैरों और हाथों के फिंगर नेल्स पर अभी भी नेल पेंट अच्छे कंडीशन में था। ईशान को तैयार करने के बाद निकिता ने उसके साथ बादशाह के गाने “बटरफ्लाई!” पे डांस का वीडियो बनाकर टिकटोक और इंस्टाग्राम पर अपलोड किया।

निकिता, “आयशा, ये क्लिप वाली झुमकी कब तक पहनोगी। तुम अपने कान छिदवा लो, फिर मैं तुम्हे डिज़ाइनर झुमकी, बालियां पहनाऊँगी।”

ईशान, “नही निकिता, क्लिप वाली ही ठीक है। मैं लड़की थोड़े ना हूँ जो कान छिदवाउंगी!”

निकिता, “आयशा प्लीज्, वैसे सलमान खान ने भी तो अपने दोनो कान छिदवाए हुए हैं। वो भी तो मर्द ही है, तुम भी छिदवा लो ना प्लीज्!”

ईशान, “यार निकिता, पिछले डेढ़ महीनों से लड़कियों की तरह रहते रहते सब मुझे लड़की ही समझने लगे हैं लेकिन तुम तो जानती ही हो ना कि मैं एक आदमी हूँ। फिर भी, और अब तुम्हे देर नही हो रही है क्या? इस बारे में मैं सोच कर बताऊंगी।”

निकिता, “देर तो हो रही है आयशा, लेकिन यहां सब तुम्हे औरत के रूप में ही जानते हैं। मैं तो कहूंगी कि दोनों कानों के साथ तुम अपनी नाक भी छिदवा लो। कहीं किसी को शक हो गया तो मुझसे बोलने नही आएगा, वो सीधे पापा से कहेगा।”

ईशान, “ऐसा कुछ नही होगा, तुम ब्यूटी पार्लर जाओ और शाम को जल्दी आना।”

निकिता, “जल्दी क्यों?”

ईशान, “वो आज रमेश का बर्थडे है।”

निकिता, “ओह माय गॉड आयशा, तुमने मुझे पहले क्यों नही बताया! मैं भी अपने दोस्तों को बुला लेती!”

ईशान, “नही निकिता, ज्यादा गैदरिंग नही चाहिए। सिर्फ तुम, तुम्हारे पापा, मैं और रमेश ही काफी हैं।”

निकिता, “आयशा, यार दो चार दोस्तों को तो बुला ही सकती हूं। इसी बहाने बियर और व्हिस्की भी पी लुंगी।”

ईशान, “यार तू तो बड़ी वाली बेवड़ी है, कल पी है ना। अब जाओ और जल्दी आना।”

निकिता ब्रेकफास्ट कर के ब्यूटी पार्लर चली गयी और रमेश के आफिस जाने के बाद ईशान अकेला कमरे पर राज के साथ उन पलों को याद कर रहा था, जिसके बाद राज और ईशान दोनो को शर्मिंदगी महसूस होना लाज़मी था। जब जब ईशान अपनी आंखें बंद करता, उसके आंखों के सामने राज आ जाता और उसकी साँसों में फिर से गर्माहट फील होने लगता। राज के लिप्स का ईशान के लिप्स को चूमना, साँसों में राज की सांसों की गर्माहट याद करते ही ईशान के शरीर मे सिहरन पैदा कर रहा था। बड़ी मुश्किल से ईशान की आंख लगी और वो गहरी नींद में चला गया। शाम में 4 बजे ही निकिता घर आ गयी और फ्रेश होकर सीधे ईशान के पास जा पहुची।

निकिता, “आयशा, तुमने केक कहाँ से आर्डर किया है?”

ईशान, “यार मैने अभी केक आर्डर नही किया। मुझे यहां का कोई नॉलेज नही है, तू आर्डर कर दो। रमेश को ब्लैक फारेस्ट केक बहुत पसंद है।”

निकिता, “क्या बात है आयशा, तुम तो रमेश की पक्की वाली वाइफ निकली!”

ईशान, “नही यार निकिता, रमेश मेरा बेस्ट फ्रेंड है। मुझे उसके बारे में सब पता है।”

निकिता, “ओके! मैं आर्डर कर देती हूं। रात को मेरी एक दो सहेली आएंगी, चलेगा ना?”

ईशान, “हम्म!”

निकिता ने केक आर्डर किया और ईशान को टीवी सीरियल “कसौटी जिंदगी की” की एक्ट्रेस प्रेरणा की तरह बंगाली स्टाइल में तैयार किया। लाल साड़ी में ईशान बेहद खूबसूरत दिख रहा था और लाइट मेकअप, रेड लिपस्टिक, कानो में क्लिप वाली बालियां उसकी खूबसूरती पर चार चांद लगा दिया था। ऊपर से ईशान के माथे पर दोनों भौं के बीचोबीच एक छोटी सी लाल बिंदी चिपका दी जिससे ईशान का लुक और भी ज्यादा सेडयूसिव हो गया। आखिर में मांग में हमेशा की तरह मांग में सिंदूर, गले मे गुलबन्द और मंगलसूत्र पहनकर ईशान रेडी था।

ईशान, “यार निकिता तुमने मुझे फिर से लड़कियों की तरह साड़ी में तैयार कर दिया। आज मैं फिर से ईशान बनकर ही रमेश का बर्थडे सेलिब्रेट करने का सोचा था।”

निकिता, “आयशा, जब तक तुम यहाँ हो, औरत बनकर ही रहना होगा। जब यहां से चली जाओगी तो फिर से ईशान बन जाना।”

ईशान, “हम्म!”

उसके बाद निकिता भी एक घण्टे में रेडी होकर कमरे में आ गयी। मिनी स्कर्ट में निकिता एक दम हॉट मॉडल जैसी दिख रही थी और उसे देख ईशान का मोह खुला का खुला रह गया। लेकिन इस बार निकिता अकेली नही थी। उसके साथ उसकी सहेलियों के एक झुंड था जो सिर्फ और सिर्फ प्रिंसेस आयशा से मिलने को बेताब था। निकिता ने अपने दोस्तों का इंट्रोडक्शन ईशान से प्रिंसेस आयशा भाभी कह कर करवाया। निकिता की सहेलियों में रवीना, नेहा, कविता, संजू और स्नेहा थे। अभी इंट्रोडक्शन खत्म भी नही हुआ था कि राज भी वहां आ गया। राज को देखते ही ईशान का दिल जोर जोर से धड़कने लगा, वो अपनी नज़रें छुपाने लगा। राज मुस्कुराते हुए ईशान के पास आया।

राज, “आयशा भाभी, आई एम सॉरी फ़ॉर यस्टरडे’स बेहवीयर!”

ईशान, “ईट्स ओके राज!”

ईशान ने राज को माफ कर दिए ये सोच कर कि राज अपने किये पर शर्मिंदा है और दुबारा ऐसी हरकत नही करेगा। राज ने रूम डेकोरेट करने में निकिता की मदद की और लड़कियाँ ईशान को घेर कर बैठ गईं और उससे तरह तरह के सवाल करने लगीं। इतनी लड़कियों के बीच वो पहली बार बैठा था, वो बहुत खुश था और उन लड़कियों के सवालों का जवाब दे रहा था। शाम के 7 बजने जा रहा था और रमेश अभी तक नही लौटा था। ईशान ने रमेश को कॉल किया तो रमेश ने बताया कि वो 8 बजे तक आ जायेगा। बातों बातों में 8 बजने जा रहा था तभी डोर बेल बज उठा। ईशान ने दरवाजा खोला, सामने रमेश और उसके साथ एक लड़की खड़ी थी। अंदर आते ही रमेश ने उस लड़की को ईशान से इंट्रोड्यूस करवाया। उस लड़की का नाम सीमा था और वो रमेश की कंपनी में सीनियर थी। रमेश के साथ सीमा बहुत ही कम्फ़र्टेबल थी। बर्थडे पार्टी केक काटने से शुरू हुई, फिर डांस और फिर आखिर में बियर के कार्टन के खुलने के बाद जब एन्जॉय कर रहे थे। ईशान निकिता की सहेलियों के साथ, निकिता राज के साथ और रमेश सीमा के साथ पार्टी एन्जॉय कर रहे थे। रात के 10 बजे, निकिता, उसकी सहेलियां और राज वहां से निकल गए। लेकिन सीमा आज की रात रमेश के साथ रुकने वाली थी। सभी के जाने के बाद ईशान ने साफ सफाई की, फ्रेश हुआ और अपने कमरे में जाने को हुआ तभी सीमा ने उसे रोक लिया।

सीमा, “आयशा भाभी, तुम रमेश का कितना ख्याल रखती हो! आपके हाथ का खाना इतना टेस्टी होता है कि मैं रमेश का पूरा टिफिन खा जाती हूँ। रमेश हमेशा आपकी तारीफ करता है।”

ईशान, “थैंक्स!”

सीमा, “मेरे यहाँ रुकने से तुम्हे कोई इशू तो नही है ना?”

ईशान, “नही सीमा, तुम जब तक चाहो यहां रुक सकती हो।”

सीमा, “सिर्फ आज रात मैं यहां रुकने का सोचा है। तो मैं कहाँ सौं!”

ईशान, “बगल वाले कमरे में तुम सो जाओ!”

सीमा, “थैंक्स आयशा भाभी! मैंने लाइफ में पहली बार ऐसी दोस्ती देखी है जहां एक दोस्त दूसरे दोस्त के लिए औरत बन गया!”

ईशान, “व्हाट, क्या कहा सीमा!”

सीमा, “रमेश ने मुझे सबकुछ बताया है आपके बारे में। कि कैसे आप कुछ महीनों के लिए औरत के इस रूप में रहने को सिर्फ इसलिए तैयार हो गयी ताकि रमेश को सपोर्ट मिल सके!”

ईशान, “तो क्या रमेश ने तुम्हे मेरे बारे में सबकुछ बताया?”

सीमा, “हांजी, मुझे पता है कि आप एक लड़के हो लेकिन सच कहूं तो मैंने लाइफ में आपके जैसा सुंदर लड़का कभी नही देखा।”

ईशान, “थैंक्स सीमा, लेकिन प्लीज् ये बात किसी से मत कहना!”

सीमा, “नही कहूंगी, वैसे आप न एकदम प्रेरणा के जैसी लग रही हो। कसौटी जिंदगी की वाली प्रेरणा जैसी! और आपने तो खुद को इस रूप में ऐसे अडॉप्ट कर लिया है कि जबतक आप खुद ना बताओ तो किसी को पता भी नही चलेगा कि आप औरत नही लड़के हो।”

ईशान, “थैंक्स सीमा, ये सब ब्यूटिशियन के हाथों का कमाल है।”

सीमा, “भाभी मुझे नींद आ रही है, मैं रमेश के साथ सो जाऊं?”

ईशान, “येआ, श्युर!”

फिर ईशान रमेश के पास गया!

ईशान, “रमेश, तुमने सीमा को मेरे बारे में सबकुछ बता दिया। यार सिक्योरिटी का तो ध्यान रखते, सीमा ने किसी से इस बात को डिस्कस कर लिया तो प्रॉब्लम हो जाएगी ना!”

रमेश, “यार ईशान, सीमा मेरी कलीग है और अब तो मेरी गर्लफ्रैंड भी है। उसे सच्चाई का पता होना जरूरी है ना! जब तक सीमा को सच्चाई का पता नही था, तबतक वो मुझसे दूर दूर रहती थी। और जब मैने उसे तुम्हारे बारे में सब सच सच बता दिया तबसे वो मेरे साथ कम्फ़र्टेबल हो गयी। यार सीमा बहुत अच्छी लड़की है, हमारा काम एक जैसा है तो काम करने में भी मजा आता है। कभी कभी सीमा को कॉफी पिलाने भी ले जाता हूँ, उसे कॉफी बहुत पसंद है।”

ईशान, “बस बस, समझ गया मैं, अब जाओ कमरे में, सीमा तुम्हारा वैट कर रही है।”

रमेश, “यू आर द बेस्ट!”

ईशान, “आई नो!”

सीमा और रमेश एक कमरे में और ईशान दूसरे कमरे में। थोड़ी देर बाद रमेश के कमरे से “आह, उह” की आवाज़ें आने लगी और ईशान को ये समझते देर नही लगी कि रमेश और सीमा के बीच सेक्स हो रहा है। थोड़ी देर में दोनों की आवाज़ें और भी ज्यादा तेज हो गईं और लगभग अगले एक घण्टे बाद सीमा की “माँ, ओह्ह” के साथ सन्नाटा छा गया। ईशान दोनो की आवाज की वजह से सो नही सका था। सन्नाटा छाते ही ईशान को नींद ने अपनी आगोश में ले लिया। अभी ईशान नींद की आगिश में गया ही था कि उसने अपने चेहरे पे गर्म सांसो को महसूस किया। ईशान ने देखा कि उसके बगल में राज लेटा हुआ है। इससे पहले कि ईशान राज पर चिल्लाता, राज में अपने मजबूत हाथों से ईशान की कलाई पकड़ ली और उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिये और उसे स्मूच करने लगा। राज के स्मूच करने का तरीका इतना जोरदार था कि ईशान की सांसे फूलने लगीं। ईशान ने राज के साथ बहुत जोर आजमाइश की लेकिन राज के सामने वो बहुत कमजोर साबित हो रहा था। फिर राज ने ईशान को पेट के बल लिटाया और उसका लहँगा उठाकर पैंटी उतार दिया। ईशान चिल्ला उठा, अपने आप को राज के चंगुल से छुड़ाने की पूरी कोशिश कर रहा था। राज ईशान को अपनी बाहों में कसकर उसके साथ जबर्दस्ती कर रहा था और ईशान रोने लगा और जोर जोर से चिल्लाने लगा। तभी वहां रमेश आ गया।

रमेश, “ईशान, ईशान, उठो!”

रमेश ने ईशान को जोर से हिलाया, उसकी आंखें खुल गयी। ईशान उठते ही रोने लगा और बिस्तर पर इधर उधर देखने लगा।

रमेश, “क्या हुआ ईशान? तुम ठीक तो हो?”

ईशान ने खुद को सम्भाला। ईशान सपना देख रहा था और उसने देखा कि वो बिस्तर पर अकेला ही है, उसके कपड़े भी ठीक है और वहां कोई भी नही है।

ईशान, “बहुत बुरा सपना था रमेश!”

रमेश, “हम्म! ये राज तो वही है ना निकिता का बॉयफ्रेंड!”

ईशान, “हम्म!”

रमेश, “खैर छोड़ो, तुम ठीक हो ईशान?”

ईशान, “हम्म! मैं ठीक हूँ, तुम जाओ सीमा के पास, वो अकेली है।”

रमेश ईशान के कमरे से निकल कर अपने कमरे में चला गया। अब ईशान के मन मे यही सोच रहा था कि वो ऐसा सपना कैसे देख सकता है। बहुत कोशिश के बाद ईशान फिर से सो गया और सुबह काफी देर से उसकी नींद खुली। जब ईशान फ्रेश होकर आया तो उसने देखा घर बिल्कुल साफ है, बर्तन भी धुले हैं और कमरे में रमेश और सीमा में से कोई भी नही है। ईशान ने टाइम देखा, सुबह के 10 बज रहे थे। ईशान समझ गया कि हो न हो रमेश भूखे ही आफिस चला गया होगा लेकिन जब उसने फ्रिज खोल कर देखा तो उसमें खाना रखा था। ईशान ने रमेश को कॉल किया तो पता चला कि सीमा ने खाना पका दिया था और बर्तन भी धो दिए थे। ईशान फ्रेश होने के बाद ब्रेकफास्ट करने बैठ गया। ईशान ने ब्रेकफास्ट के बाद अपने पुराने कपड़े निकाले और फेक बूब्स को उतार दिया। फिर शर्ट जीन्स पहन लिया और बाल को रबर से बांध लिया। आईने में जब ईशान ने खुद को देखा तो उसे फील हुआ कि बिना साड़ी या लेडीज़ ड्रेस के भी शर्ट जीन्स में भी वो लड़की जैसा ही दिख रहा था। ईशान ने गले मे गुलबन्द, मंगलसूत्र और मांग में सिंदूर भर लिया। अपने बिस्तर पर जाकर लेट कर अपने भविष्य के बारे में सोचने लगा।

डिंग डाँग!!

डोर बेल की आवाज़ सुनकर ईशान ने दरवाजा खोला, सामने निकिता खड़ी थी। निकिता अंदर आ गयी और ईशान ने डोर लॉक किया।

निकिता, “ये सब क्या है आयशा? ऐसे तुम्हे किसी ने देख लिया तो?”

ईशान, “यहां तुम्हारे सिवा कौन आएगा मुझसे मिलने। वैसे ये बताओ, दिन के 1 बज रहे हैं और तुम यहाँ। आज तुम ब्यूटी पार्लर नही गयी?”

निकिता, “यार आज मन किया कि ऑफ कर लूं। तो क्या सोचा है आयशा?”

ईशान, “किस बारे में?”

निकिता, “शादी के बारे में, कोई मर्द देखूं तुम्हारे लिए?”

ईशान, “ये कैसा मजाक है निकिता?”

निकिता, “यार कल क्या बोली थी मैं! कान छिदवाने के बारे में पूछ रही हूं पागल!”

ईशान, “यार तुमने तो मुझे डरा ही दिया था। कान नही छिदवाने मुझे, बहुत दर्द होगा!”

निकिता, “ऐसे तो लड़कियां डरती हैं, तुम तो मर्द हो ईशान! और मर्द को दर्द नही होता!”

ईशान, “निकिता, लेकिन कान नही छिदवाना चाहता मैं!”

निकिता, “मेरे लिए, इतना नही कर सकते तुम?”

ईशान, “हम्म! ठीक है, सिर्फ तुम्हारे लिए। मैं तैयार हूं!”

निकिता अपने साथ पियरसिंग गन लेकर आई थी। निकिता ने ईशान के दोनों कानों में मार्कर से डॉट बनाया और उसी डॉट को पॉइंट करके ईशान के कान पर गन सेट किया। निकिता ने बातो बातों में गन को पुल किया और ईशान के कान में छेद भी हो गया और एक तांबे की पिन ईशान के कान में समा गई। दर्द तो बहुत हुआ लेकिन ईशान ने अपनी आंखें बंद करके उस दर्द को बर्दाश्त किया। अब निकिता ने ईशान के दूसरे कान पर गन सेट करके पॉइंट किया और गन को पुल किया। ईशान के दूसरे कान में भी छेद हो गया और एक तांबे की पिन उसकी कान में समा गई। इस बार भी बहुत दर्द हुआ, ईशान ने बर्दाश्त करने की बहुत कोशिश की लेकिन उसकी आँखों मे आंसू वो रोक नही सका।

निकिता, “य क्या आयशा! तुम रो रही हो?”

ईशान, “नही यार, लाइफ में पहली बार है ना, हल्का दर्द तो होगा ना!”

फिर निकिता ने ईशान के दोनों कानों पे एक स्पेशल ऑइंटमेंट लगाया।

ईशान, “ये क्या लगा रही हो?”

निकिता, “ये स्पेशल ऑइंटमेंट है आयशा, इससे दर्द कम होगा, एंटीबैक्टीरियल भी है और कान का छेद कल तक क्लियर भी हो जाएगा।”

ईशान, “हम्म!”

निकिता, “आयशा, तुम नाक भी छिदवा लो ना?”

ईशान, “दिमाग खराब है तुम्हारा। कान तक ठीक है।”

निकिता, “अच्छा तो नैवेल पियरसिंग करवा लो! वो तो छिपा रहेगा!”

ईशान, “हम्म! कर दो, लेकिन इसके बाद कोई पियरसिंग नही!”

निकिता, “ओके, डन!”

फिर निकिता ने ईशान का नैवेल पियरसिंग किया। हल्का दर्द हुआ लेकिन ऑइंटमेंट लगाते ही वो दर्द भी शांत हो गया। निकिता और ईशान ने कोई टिकटोक और इंस्टाग्राम वीडियो नही बनाई और आपस मे डिस्कस करते रहे। ईशान ने एक बार फिर आए निकिता को समझाने की कोशिश की कि राज अच्छा लड़का नही है, उसे छोड़कर वो कोई और लड़का देख ले। लेकिन निकिता राज के प्यार में इतनी पागल हो चुकी थी कि उसे ईशान की बातें बेकार लग रही थी। लेकिन निकिता ने ईशान से कहा कि अगर वो उसे इस बात का सुबूत मिल जाये तो वो राज को छोड़ देगी। निकिता ने ईशान से कहा कि नेक्स्ट संडे को वो ईशान का ब्राइडल फोटोशूट करेगी और ईशान को इसके लिए पहले से तैयार रहना होगा। ईशान मान गया तो निकिता ने ईशान को हग किया और उसने ईशान को एक बार फिर से लिप टू लिप स्मूच किया।

निकिता, “यार आयशा, तुम्हारे होंठ कितने रसीले हैं।”

ईशान, “मुझे तो तुम्हारे होंठ ज्यादा रसीले लगे।”

निकिता, “अच्छा आयशा, तुम्हारा फेवरेट रंग कौन सा है?”

ईशान, “पिंक और येल्लो, तुम्हारा?”

निकिता, “ब्लैक, और फेवरेट एक्टर एक्ट्रेस!”

ईशान, “जॉन अब्राहम और कटरीना कैफ! तुम्हारा?”

निकिता, “अक्षय कुमार और करीना कपूर! अच्छा वैसे फ्यूचर के बारे में क्या प्लान है, घर मे हाउसवाइफ ही बनी रहोगी या कहीं जॉब भी करनी है!”

ईशान, “जॉब तो करनी है, कैरियर भी बनाना है। लेकिन जब तक इस फ्लैट में हूँ, तबतक ना तो नौकरी कर पाऊंगी और ना ही कैरियर के बारे में कुछ सोच सकती हूं। यार लड़कियों की तरह रहते रहते लड़कियों जैसा व्यवहार होता जा रहा है मेरा।”

निकिता, “ये तो सच है। अच्छा तो तुम मेरे ब्यूटी पार्लर में जॉब कर लो। मैं तुम्हे ब्यूटीशियन की ट्रेनिंग दे दूंगी, यहां रहते हुए पैसे भी कमा लेना और तुम साथ रहोगी तो ब्यूटी पार्लर में और भी मन लगेगा।”

ईशान, “हम्म! तुम्हारा आईडिया तो बहुत अच्छा है निकिता। मैं रात को रमेश से इस बारे में डिसकस करूँगी।”

निकिता, “यार रमेश तुम्हारा सच मे पति तो है नही जो तुम एक हाउसवाइफ की तरह कुछ भी करने से पहले उससे सवाल करोगी। फैसला हो गया, कल से तुम ब्यूटी पार्लर जॉइन कर रही हो, ओके!”

ईशान, “ओके! यार तुम अपनी बात मनवा ही लेती हो। अब ब्यूटी पार्लर जॉइन करूँगी तो वहां भी लड़कियों की तरह ही सबसे बात करनी होगी, लेकिन वहां तो सब मुझे जानती होंगीं निकिता, उस दिन वैसे भी तुम्हारे ब्यूटी पार्लर में बहुत भीड़ थी।”

निकिता, “तुम फ़िक़्र मत करो आयशा डार्लिंग। मेरे ब्यूटी पार्लर में अब कोई भी पुराना स्टाफ नही है, सब नए स्टाफ हैं। जिनमे कोई तुम्हारे बारे में कुछ नही जानती, तुम बेफिक्र होकर मेरे ब्यूटी पार्लर में काम कर सकती हो। अब कोई और बहाना नही चलेगा, कल से मेरे साथ तुम भी ब्यूटी पार्लर चलोगी। मैं सुबह 6 बजे ही आ जाउंगी, ब्रेकफास्ट पका लेना तबतक!”

ईशान, “मैं तैयार रहूंगी, तुम फ़िक़्र मत करो निकिता!”

निकिता, “आज क्या सीखा रही हो?”

ईशान, “नॉनवेज या वेज!”

निकिता, “नॉनवेज, चिकन चिल्ली!”

फिर निकिता ने चिकन आर्डर किया और थोड़ी देर में चिकन आ गया। ईशान ने निकिता को चिकन चिल्ली पकाना सिखाया। एक घण्टे ही कड़ी मेहनत, और निकिता को चिकन चिल्ली की इंग्रीडिएंट्स, बनाने का सही तरीका और चिकन चिल्ली तैयार था। निकिता ने चिकन चिल्ली टेस्ट किया और इतना टेस्टी चिकन चिल्ली खाने के बाद ईशान के हाथों से बनी चिकन चिली की तारीफ करने से खुद को रोक नही सकी।

निकिता, “काश तुम सच मे औरत होती और मैं मर्द। तो मैं तुम्हे भगा कर शादी कर लेती। लेकिन जिससे भी तुम्हारी शादी होगी, वो बहुत खुश रहेगी।”

ईशान, “मैं औरत नही हूँ निकिता! शादी के बाद मैं किचन में कुछ भी नही पकाने वाली, मेरी बीवी पकाएगी!”

फिर निकिता थोड़ी चिकन चिल्ली अपने पापा के लिए ले गयी। शाम को रमेश आया तो साथ मे सीमा भी थी। ईशान को देखते ही सीमा ने उसे हग किया और कमरे में आ गयी।

सीमा, “वाओ बड़ी अच्छी खुशबू है, क्या पकाई हो आयशा?”

ईशान, “चिकन चिल्ली, तुम दोनक फ्रेश हो जाओ, मैं खाना लगा देती हूं!”

सीमा और रमेश फ्रेश होकर लौटे तब तक दोनो का खाना तैयार था। सीमा और रमेश ने भी ईशान के हाथों से पकी चिकन चिल्ली की बड़ी तारीफ की। आज रात को रमेश और सीमा मूवी देखने जाने वाले थे तो उन्होंने ईशान से भी साथ चलने को कहा। ईशान ने ये कहकर मना कर दिया कि कबाब में हड्डी बनकर वो नही जाना चाहती। लेकिन सीमा नही मानी और ईशान को साथ चलने को फ़ोर्स करने लगी। ईशान साथ चलने को रेडी हो गया लेकिन वो चाहता था कि निकिता भी साथ चले। सीमा और रमेश के लिए ये और भी अच्छा था। ईशान ने निकिता को बुलाया और उससे कहा कि मूवी देखने चलने को। निकिता रेडी थी और ईशान को पटियाला सूट में तैयार करने में बाद खुद भी तैयार होने के लिए चली गयी। थोड़ी देर बाद निकिता भी पटियाला सूट में तैयार होकर कमरे में आ गई। फिर चारो मूवी देखने अम्बिएन्स मॉल साकेत के लिए निकल गए। मूवी थी हॉउसफुल 4, और बालकनी की 4 टिकट्स लेकर रमेश, ईशान, सीमा और निकिता हॉल में एंटर हुए और बालकनी की अपनी अपनी सीट्स पर बैठ गए। ईशान और निकिता एक ओर, रमेश और सीमा दूसरी ओर जाकर बैठ गए। मूवी शुरू हुई, हैरी (अक्षय कुमार), मैक्स (बॉबी देओल) और रॉय (रितेश देशमुख) लंदन में रहते हैं और हेयर कटिंग सैलून चलाते हैं। हैरी जोर की आवाज सुनते ही सबकुछ भूल जाता है। इसी कारण लोग उसे बेवकूफ बनाते रहते हैं। हैरी की इसी भुलक्कड़ी की वजह से एक माफिया डॉन के करोड़ों रुपए लौटाने है। तीनों मिलकर एक रईस ( रंजीत) की तीन बेटियों को पटाने की योजना बनाते हैं। तीनों लड़कियां – कृति सैनन, कृति खरबंदा, पूजा हेगड़े – पट भी जाती हैं। शादी हिंदुस्तान में होने का फैसला होता है। सितम गढ़ में। आज भले सितम गढ़ किसी नक्शे पर ना मिले पर इससे किसी को इंकार करना मुश्किल होगा कि छह सौ साल पहले था। बहरहाल सितम गढ़ पहुंचने पर पहले हैरी को मालूम होता है वो छह सौ साल पहले बाला नाम का राजकुमार था और मैक्स धर्मपुत्र नाम का अंगरक्षक और रॉय एक नृत्य गुरु था। बाला के सिर पर बाल नहीं उगे इसलिए उसे मनोवैज्ञानिक समस्या भी थी। लड़कियां तब भी बहनें थी और इन तीनों से उनकी शादी होने वाली थी। पर जोड़ियां अलग थी। अब बाला यानी हैरी के सामने चुनौती ये है कि बाकी लोगों को याद कैसे दिलाए कि पिछले जन्म में क्या हुआ था और जोड़ियां कैसे ठीक की जाएं कि वही लड़के – लड़की की शादी इस जन्म में भी हो जिनकी छह सौ साल पहले होने वाली थी। फुल कॉमेडी मूवी थी और पूरा हॉल जोक्स के ऊपर ठहाके लगाकर हंसते।

कृति सैनन, कृति खरबंदा और पूजा हेगड़े का एथेनिक लुक इतना सेक्सी था कि निकिता ने ईशान से कहा कि वो उसे पूजा हेगड़े की तरह तैयार करेगी और वो भी संडे को। ईशान ने कहा कि ज्वेलरीज तो काफी हैवी पहनी है पूजा हेगड़े ने और नाक में नथिया भी काफी हैवी दिख रहा था। निकिता ने बताया कि वो काफी लाइट वेट नथिया है, लेकिन संडे को वो ईशान को पूजा हेगड़े की तरह एथेनिक लुक में तैयार करेगी, ये कनफर्म्ड है। निकिता, ईशान, रमेश और सीमा जब मूवी खत्म होने के बाद जब हॉल से निकलकर वापिस आ रहे थे, तब कुछ लड़के ईशान और निकिता को सिटी बजा कर छेड़ने लगे। ईशान और निकिता ने रमेश की तरफ देखा, रमेश ने उन लड़कों को डांट कर भगा दिया। वे लड़के भाग गए, निकिता भी नार्मल हो गयी, लेकिन ईशान का ये पहला अनुभव था, जिससे उसे लड़को की छोटी सोच का एहसास हुआ। ईशान को पहले कभी ऐसे लड़कों के किसी लड़की को छेड़ने से फ़र्क़ नही पड़ता था लेकिन आज जब कुछ मवाली लड़कों ने उसे लड़कियों की तरह ट्रीट करते हुए छेड़ा तो ईशान को बहुत बुरा लगा। रमेश ने निकिता और ईशान को घर भेज दिया और खुद सीमा को ड्राप करने उसके घर चला गया। रास्ते मे ईशान और निकिता आपस मे बातें करते रहे और घर पहुचने के बाद दोनो अपने अपने घर मे चले गए। ईशान लड़कियो की तरह रहते रहते लड़कियों जैसा ही सेंसिटिव हो गया था। चाल ढाल, बात करने का तरीका और अब तो हर किसी से लड़कियों की तरह ही बात करने लगा था। जब रमेश घर आया तो ईशान ने उसे बताया कि अगले दिन से वो निकिता के ब्यूटी पार्लर में जॉब करेगा, रमेश खुश हो गया और ईशान को मोटीवेट किया।

अगले दिन सुबह के 8 बजे तक ब्रेकफास्ट और लंच तैयार करके ईशान नहा कर कमरे में आया तो निकिता तैयार उसके कमरे में बैठी थी। निकिता ने ईशान से कहा कि वो पंजाबी सूट के साथ लाइट अमेरिकन सिल्वर चूड़ियाँ और सैंडल्स पहन लें। ईशान ने थी वैसे ही किया और निकिता ने ईशान का लाइट मेकअप किया। मेकअप के बाद, फिर से ईशान ने गले मे गुलबन्द, मंगलसूत्र और मांग में सिंदूर भर लिया और एक ओढ़नी ओढ़ कर निकिता के साथ ब्रेकफास्ट करने बैठ गयी। निकिता ने ईशान से कहा कि आज वो मार्किट से ईशान के लिएकुछ ड्रेसेस और ज्वेलरीज खरीदने वाली है। ईशान ने निकिता से कहा कि पैसे ले लेने को, लेकिन निकिता नही मानी और उसे कहा कि पहली महीने की सैलरी से दे देने को। ईशान मान गया और ब्रेकफास्ट कर के दोनों ब्यूटी पार्लर पहुंचे। ब्यूटी पार्लर में जाते ही निकिता ने ईशान का इंट्रोडक्शन आयशा भाभी के रूप में अपने सभी नए स्टाफ़स से करवाया। रानी जो महाराष्ट्र की, कंगना हैदराबाद की, अंजली राजस्थान की और नेहा हिमाचल की रहने वाली थी। सभी ने ईशान का वेलकम किया और अपने अपने कामों में लग गयी। निकिता ने ईशान को बताया कि रानी, कंगना, अंजली और नेहा अलग अलग कामों में एक्सपर्ट हैं। निकिता ने बताया कि किसी भी ब्यूटीशियन के कोर्स में सबसे ज्यादा जरूरी होता है स्किन के बारे में सारी जरूरी जानकारी होना। ब्यूटीशियन बनने के लिए आपको स्किन और हेयर के बारे में पता होना चाहिए। निकिता ने बताया कि स्किन एनाटॉमी, स्किन केयर, हेयर स्टाइल, हेयर कलरिंग, हेयर केयर, बेसिक मेकअप, एडवांस मेकअप, पेडीक्योर/ मेनिक्योर, कॉस्मेटोलॉजी, फेशियल ब्लीचिंग, मेहंदी डिजाइन का अच्छा नॉवलेज होना एक सफल ब्यूटिशियन की पहचान होती है। स्किन एनाटॉमी, स्किन केयर और पेडीक्योर/ मेनिक्योर रानी सिखाएगी। हेयर स्टाइल, हेयर कलरिंग और हेयर केयर की ट्रेनिंग अंजली देगी। बेसिक मेकअप और एडवांस मेकअप की ट्रेनिंग कंगना देगी। कॉस्मेटोलॉजी, फेशियल ब्लीचिंग, मेहंदी डिजाइन के साथ फेसिअल टच अप मैचिंग ज्वेलरीज सिलेक्शन की ट्रेनिंग नेहा देगी। और इन सभी ट्रेनिंग को शुरू करने से पहले एक हफ्ते तुम्हे देखना होगा कि क्या कैसे होता है। एक वीक बाद तुम्हारी ट्रेनिंग शुरू होगी, तब तक मेकअप इंस्ट्रूमेंट्स का नॉवलेज होना बहुत जरूरी है। ईशान ने निकिता की बातों को सुनकर हां में सिर हिलाया। पहले दिन ईशान ने सभी ब्यूटिशियन को अलग अलग काम करते देखा और शाम को निकिता के घर वापिस आ गया। ईशान ने फील किया कि ब्यूटी पार्लर में काम के साथ मस्ती भी चलती रहती है, सब खुश रहते हैं और लाइफ को एन्जॉय भी करते हैं। ईशान और निकिता ने सरोजनी नगर मार्किट जाने का फैसला किया और चाय पी कर दोनों मार्केटिंग करने को निकले। अगले 3 घंटे की मार्केटिंग में निकिता ने ईशान के लिए 5 अलग अलग रंग के सिल्क, जॉर्जेट, कॉटन की साडियाँ, 4 पंजाबी सूट, 3 सेट पुशअप ब्रा और पैंटी खरीदी। ईशान ने भी दो सिल्क की साडियों को पसन्द किया, एक ऑरेंज रंग की तो दूसरी हरे रंग की। दोनो साड़ी के साथ मैचिंग पेटीकोट और बैकलेस चोली भी थी। ईशान के साड़ी की सिलेक्शन की निकिता ने भी तारीफ की। ईशान और निकिता ज्वेलरीज शॉप पर पहुंचीं जहां निकिता ने ईशान के लिए 22 कैरट सोने की नथिया पसन्द की जो काफी हैवी था। ईशान पहले तो नही माना लेकिन जब निकिता ने जिद की तो फिर वो भी मान गया। उस नथिया का वजन करीब 50 ग्राम था और उसमें तीन चेन वाली गुड़िया भी अटैच्ड थी। निकिता ने ईशान के बड़ी बड़ी डिज़ाइनर बालियां और 3 सेट चांदी की हैवी पायल भी खरीदी और फिर दोनो वहां से निकलकर जूतों की दुकान में जा पहुंचे। वहां ईशान के पैरों की नाप की दो सैंडल्स एक लाल चमकीली सैंडल तो दूसरी गोल्डन चमकीली सैंडल थी और दोनों की हील्स काफी ऊंची थी। उसके बाद निकिता ने अपने लिए एक दुपट्टा पसन्द किया और पूरे रास्ते बातें करते घर आ गए। रात हो चुकी थी और अभी तक डिनर भी नही पका था तो निकिता और ईशान ने घर आते ही सबसे पहले डिनर रेडी किया और फिर फ्रेश होने गए। फ्रेश होकर निकिता और ईशान डिनर करने बैठे तबतक निकिता के पापा ने डिनर कर लिया था और एक बार फिर से शराब के साथ बैठ गए। उधर रमेश भी आफिस से काफी लेट आया, तबतक ईशान और निकिता दोनो सो चुके थे। रमेश ने डिनर किया और सीमा के साथ कॉल पर बिजी हो गया।

संडे को, निकिता की छुट्टी थी, ईशान को भी उसने घर पर ही रहने को कहा क्योंकि आज निकिता ने ईशान को दुल्हन वाला गेटउप में तैयार करना था। चूंकि ईशान ने हामी भरी थी तो वो चाह कर भी निकिता को मना नही कर सका। निकिता ने ईशान को कहा कि पूरे कपड़े उतारकर टॉवल लपेट कर टूल पर बैठ जाने को। ईशान ने वैसे ही किया जैसे निकिता ने कहा और निकिता ने मेहंदी लगानी शुरू की।

रमेश, “गुड मॉर्निंग निकिता, क्या कर रही हो इतनी सुबह!”

निकिता, “दुल्हन तैयार कर रही हूँ!”

रमेश, “हाहाहाहा, आयशा मैडम को कितनी बार दुल्हन बनना पड़ेगा!”

निकिता, “रमेश जी, आपने तो आयशा भाभी इतनी अर्ली ऐज में ही शादी कर ली और आप दोनों की शादी का एल्बम भी नही दिखाया। मैं भी देखना चाहती हूँ कि शादी के टाइम आयशा भाभी दुल्हन के लिबास में कैसी दिखती थी। आपको कोई ऐतराज तो नही है ना!”

रमेश, “नही नही, मुझे ऐतराज़ क्यों होगा!”

निकिता, “इस गुरुवार करवाचौथ है रमेश जी, भाभी के साथ आप भी फ़ास्ट रखोगे ना!”

रमेश, “हांजी, जरूर!”

निकिता, “हाऊ रोमांटिक रमेश जी!”

निकिता और रमेश की बातें सुनकर ईशान को बड़ी शर्मिंदगी महसूस हुई। करवाचौथ के दिन वो फ़ास्ट तो नही रखने वाला था, लेकिन अगर फ़ास्ट नही रखे तो सबको डाउट हो जाएगा। इधर निकिता ने ईशान के एक हाथ मे कुहनी तक मेहंदी की डिज़ाइन बना दी और ईशान का दूसरा हाथ अपने हाथों में ले लिया था। थोड़ी देर के बाद ईशान के दूसरे हाथ की कुहनी तक मेहंदी का खूबसूरत डिज़ाइन बन चुका था। ईशान से निकिता ने कहा कि दोनों हाथों की मेहंदी के सूखने तक इंतेज़ार करे। तब तक निकिता ने ईशान के दोनों पैरों में घुटनों से लेकर ऐड़ी तक मेहंदी लगाई और अगले दो घण्टों तक उसे सूखने के इंतज़ार करने को कहकर अपने घर चली गयी। ईशान अपने दोनों हाथों को हवा में उठाये और दोनो पैरों को फैला कर मेहंदी के सूखने के इंतेज़ार में बैठ गया। इतने में रमेश फिर से आ गया।

रमेश, “वाओ ईशान, आई कैंट बिलीव इट! तुम मेहंदी लगवा कर बैठे हो, मना नही कर सकते थे निकिता को?”

ईशान, “यार तुम्हे पता है ना कितनी जिद्दी लड़की है। ब्यूटी पार्लर जॉइन करते ही निकिता की फरमाइश बढ़ती जा रही हैं। मना भी नही कर सकता, कहीं डाउट हो गया तो फिर ?”

रमेश, “बात तो तुम्हारी सही है, निकिता के सामने पति पत्नी बने रहने का नाटक करना कुछ ज्यादा ही डिफिकल्ट होता जा रहा है। वो तो हॉल में भी मुझसे पूछ रही थी कि अपनी पत्नी को छोड़कर सीमा के साथ क्यों मूवी देख रहा हूँ!”

ईशान, “तो फिर क्या कहा तुमने?”

रमेश, “क्या कहता, मैने कहा दिया कि आयशा को कोई आपत्ति नही है मेरे गर्लफ्रैंड रखने से।”

ईशान, “हम्म! जॉब कैसी चल रही है? घर पर बात हो रही है, अंकल ऑन्टी कैसे हैं?”

रमेश, “घर पर सभी अच्छे हैं, माँ तो तुम्हारे बारे में अक्सर पूछती है। यार लेकिन मुझे बहुत बुरा लगता है तुम्हारे लिए। मेरी वजह से आज तुम्हे एक मर्द होते हुए भी लड़कियों की तरह लाइफ जीनी पड़ रही है। मैं बहुत जल्द कोई दूसरा फ्लैट देख लूंगा ताकि तुम्हे ऐसी लाइफ ना जीना पड़े।”

ईशान, “कोई बात नही रमेश। यू आर माय बेस्ट फ्रेंड। वैसे भी मैं अगले 6 महीनों तक मैं ब्यूटी पार्लर में काम करके पैसे कमा लूंगा, तुम बुरा फील मत करो।”

रमेश ईशान की बात सुनकर मुस्कुरा कर अपने कमरे में चला गया। दो घण्टे बाद निकिता ईशान के पास आई, मेहंदी अच्छे से सुख चुकी थी । निकिता ने ईशान को एक स्पेशल आयल देते हुए कहा कि इस तेल को अपने हाथों और पैरों को अच्छे से लगा लेने को। ईशान ने ठीक वैसा ही किया जैसा निकिता ने कहा था। जब ईशान ने अपनी मेहंदी साफ की तो वो काफी डार्क लुक दे रही थी और निकिता उसकी मेहंदी देख कर जोर से हसने लगी।

ईशान, “क्या बात है निकिता? ऐसे क्यों हंस रही हो?”

निकिता, “मुझे लगता है, लाइफ में पहली बार तुमने मेहंदी रचाई है। देखो न कितना गहरा और डार्क मेहंदी का रंग आया है।”

ईशान, “गहरा और डार्क तो रंग आया है मेहंदी का, लेकिन इसमें हंसने वाली कौन सी बात है?”

निकिता, “मेहंदी का रंग डार्क और गहरा होने का मतलब होता है कि तुम्हारा पति तुमसे बहुत प्यार करेगा!”

ईशान, “कुछ भी बोलती हो निकिता!”

उसके बाद निकिता ने ईशान का मेकअप किया, पैरो और हाथों की फिंगर नेल्स पर डार्क रेड नेल पॉलिश अप्लाई किया। उसके सूखने के बाद, निकिता ने ईशान को बैकलेस ऑफ शौल्डर चोली पहनाई जो पीछे से कम्प्लीटली डोरियों वाली और आगे से काफी छोटी थी और ईशान के फेक बूब्स का ऊपरी भाग साफ साफ विजिबल हो रहा था।

ईशान, “ये कैसी चोली है निकिता? ये तो बहुत छोटी है!”

निकिता, “यार तुम क्यों परेशान हो रही हो आयशा भाभी, ये कौन से असली हैं?”

ईशान, “नकली ही सही निकिता लेकिन औरत के रूप में मेरे लिए ये सब बहुत शर्मिंदगी भरा है। ऐसे शो ऑफ करने वाली लड़कियां मुझे बिल्कुल भी नही पसन्द!”

निकिता, “रुक जाओ औरत के रूप वाली, एक बार दुल्हन के रूप में तैयार कर दूं तुम्हे, फिर तुम हमेशा दुल्हन बनकर ही रहना पसंद करोगी!”

ईशान, “ऐसा कुछ भी नही होने वाला।”

उसके बाद निकिता ने ईशान को हैवी महारानी स्टाइल लहँगा पहनाया वो भी नाभि के काफी नीचे और हिप्स के जरा सा ऊपर। ईशान को लहँगा का हैवीनेस फील हो रहा था। वो लहँगा काफी बड़ा और हैवी था, निकिता ने गोल्डन हाई हील्स और चांदी की हैवी पायल ईशान के पैरों में पहनाई, जिसके बाद ईशान ने खुद को आईने में देखा। आईने में एक हॉट सी लड़की लहँगा चोली में खड़ी थी। फिर निकिता ने ईशान के दोनो कानों में से पिन को निकालकर दोनो कानों में बड़ी वाली इयररिंग्स पहना दी। ये ईशान के लिए पहली बार था, जब उसने रियल ज्वेलरीज अपनी कान की छेद में पहना था। थोड़ी हैवी बालियां थी, लेकिन ईशान के चेहरे पर काफी सूट कर रहा था। उसके बाद निकिता ने ईशान के बालों को पोनीटेल बनाया और एक मांगटीका बीच मांग में और एक मांगटीका साइड में लेफ्ट कान की तरफ पहनाया। फिर निकिता ने ईशान के माथे को ढेर सारी छोटी छोटी बिंदी से सजाया और गले मे एक डिज़ाइनर नेकलेस, मंगलसूत्र और गुलबन्द पहना दिया। फिर ईशान के दोनों हाथों में सुहाग का छुड़ा सेट पहना दिया जो उसकी कुहनी तक के स्पेस को भर दिया। कोई नई नवेली दुल्हन के हाथों में पहनने वाले चूड़ा पहनकर ईशान और भी खूबसूरत दिख रहा था। ईशान को बिलीव नही हो रहा था कि वो बिल्कुल अपनी माँ की तरह दिख रहा था, ऐसे में ईशान थोड़ा इमोशनल हो गया, लेकिन उसने खुद को संभाल भी लिया। फिर निकिता ने ईशान की नाभि से पिन निकालकर उसमे नेक नैवेल ज्वेलरी पहना दी। ईशान उर से नीचे तक एक खूबसूरत दुल्हन की तरह तैयार हो चुका था।

निकिता, “वाओ आयशा, कितनी खूबसूरत हो तुम! सिर्फ एक चीज़ की कमी दिख रही है चेहरे पर!”

ईशान, “वो क्या?”

निकिता, “सॉरी यार, जल्दी जल्दी में मैंने जो नथिया खरीदी है ना, वो क्लीप वाली नही है। उसे पहनने के लिए नाक में छेद होना बेहद जरूरी है, इसके बिना ये नथिया मैं तुम्हे नही पहना पाऊंगी।”

ईशान, “ठीक है, फिर नथिया रहने दो निकिता, ऐसे ही शूट कर लो!”

निकिता, “यार कितना प्लान बनाया था मैंने, यार प्लीज् तुम नथिया नही पहनोगी तो फिर मजा नही आएगा।”

ईशान, “तो क्लीप वाली नथिया ले आओ, मैं पहन लूंगा।”

निकिता, “यार एक रिक्वेस्ट है, तुम नाक भी छिदवा लो ना। देखो गुस्सा मत होना, देखो ईशान, वैसे भी तुम अगले छह महीने तो मेरे ब्यूटी पार्लर में जॉब करने जा रहे हो। नाक छिदवा लोगे तो तुम एक्सपीरियंस तो कर सकोगे कि ज्वेलरीज पहनने का एहसास क्या होता है। छह महीने बाद मैं एक क्रीम दूंगी, उसे सिर्फ एक वीक अपने नाक की छेद पर अप्लाई करना, वो छेद भी बंद हो जाएगा और किसी को डाउट भी नही होगा कि तुमने कभी अपनी नाक भी छिदवाए थे।”

ईशान, “ठीक है निकिता, मैं तैयार हूं लेकिन प्लीज् आराम से, ज्यादा दर्द हुआ तो मैं जान ले लूंगा तुम्हारी।”

निकिता ने हंसते हुए पियरसिंग गन लेकर आई और ईशान के लेफ्ट नाक पर मार्क करने को बढ़ी।

ईशान, “लेफ्ट नही निकिता, राइट नाक! मेरे घर मे लेडीज सभी राइट नाक छिदवाती हैं।”

निकिता, “ओह्ह! ओके माय डिअर!”

फिर निकिता ने ईशान के राइट नाक पर मार्क किया और पियरसिंग गन को सेट किया। सेट करने के बाद जैसे ही निकिता ने पियरसिंग गन का प्लग दबाया, उसमे से एक पिन ईशान के नाक को छेदता हुआ आर पार हो गया। दर्द से ईशान के आंसू निकल आये और ईशान अपनी नाक को अपनी उंगली से दबा कर दर्द को शांत करने की कोशिश करने लगा। निकिता ने भी देर किए बिना ईशान के नाक पर स्पेशल ऑइंटमेंट लगाया और एक मेडिसिन खाने को दी। मेडिसिन खाने और ऑइंटमेंट लगवाने के आधे घण्टे बाद ईशान के नाक का दर्द कुछ कम हुआ। हालांकि ब्लीडिंग ना के बराबर हुआ, लेकिन ईशान अपनी छिदी हुई नाक पर उंगली रखकर अपनी आंसू बहा रहा था। निकिता ने ईशान के सिर पर हाथ फेरा, उसके माथे पर किस की और ईशान से कहा कि उंगली हटा लेने को। रोने से ईशान की आंखें लाल हो चुकीं थी और जब उसने अपने नाक से अपनी उंगली हटाई, तब निकिता ने उसके नाक से पिन को बाहर निकाल दिया और उसके नाक में वो हैवी नथिया को पहनाने लगी।

ईशान, “आह! बहुत दर्द हो रहा है निकिता, ये बहुत भारी है!”

निकिता, “तुम चिंता मत को ईशान, मैं इसकी गुड़िया से इसे बैलेंस कर दूंगी।”

फिर निकिता ने ईशान के नाक में नथिया का पतले भाग को छेद में घुसाया और उसे दूसरे भाग में घुसा कर उसे अच्छे से कस दिया। फिर नथिया की गुड़िया को ईशान के बालों में फंसा दिया और ईशान के नाक में नथिया को बैलेंस किया।

ईशान, “ये सच मे बहुत भारी है निकिता, मेरे नाक में इसका वजन फील हो रहा है। और ये नथिया काफी बड़ा भी है!”

निकिता, “ईशान, अपने आप को आईने में देखो एक बार, देखो कितनी सुंदर दिख रहे हो तुम!”

ईशान ने खुद को आईने में देखा, उसे अपनी माँ की प्रतिबिंब दिखाई दी।

ईशान, “तुम्हे पता है निकिता, मेरी माँ बिल्कुल ऐसी ही दिखती थी शादी के टाइम। उस समय का एल्बम तो मेरे चाचा चाची ने रख लिया। लेकिन मेरे पास वो एल्बम होती तो मैं तुम्हे जरूर दिखाता कि मेरी माँ कितनी सुंदर दिखती थीं।”

निकिता, “इमोशनल मत हो ईशान, मैं हूँ ना! माँ ना सही, एक दोस्त ही सही, लेकिन तुम अब अकेले नही हो अपने दुख बांटने के लिए, मैं हूँ ना!”

फिर निकिता ने ईशान का मेकअप ठीक किया, हलोसस्य ब्राउन लिपस्टिक और गहरा आइकॉनिक काजल के साथ थोड़ा ब्लश और थोड़ा फॉउंडेशन, ईशान अब पूरी तरह से दुल्हन बनकर रेडी था। कमी था यो सिर्फ एक लाल दुपट्टे की और वो निकिता अपने साथ लायी थी। निकिता ने ईशान को लाल दुपट्टे से ओढ़नी बनाई और ईशान घूंघट में दुल्हन की तरह बैठा था। उधर रमेश तैयार होकर कहीं बाहर निकलने को रेडी था। निकिता ने देखा तो रमेश को फोटोशूट के लिए रोक लिया। ट्रिम दाढ़ी मुछ, वाइट शर्ट, जीन्स, कलाई में मोटो वाली घड़ी, गले मे टाई पहना रमेश बहुत ही ज्यादा हैंडसम दिख रहा था। निकिता ने ईशान और रमेश को न्यूली वेडेड कपल की तरह पोज़ करने को कहा। चूंकि दोनो ही बेस्ट फ्रेंड्स थे तो दोनों ही रेडी हो गए। थोड़ी देर में। फोटोग्राफर भी वहां आ गया और फोटोशूट शुरू हुआ। रमेश और ईशान को निकिता पोज़ बताती गयी और दोनों फॉलो करते गए। कभी एक दूसरे को देखते हुए, कभी रमेश पीछे से ईशान के कमर को अपनी बाहों में जकड़ कर, कभी ईशान को बाहों में उठाकर, कभी रमेश बैठता तो ईशान उसके कन्धों पर हाथ रखकर तो कभी एक दूसरे की आंखों में देखते हुए। बहुत सी तस्वीरें क्लिक हुई लेकिन सबसे मुश्किल था, एक दूसरे को किस करते हुए फ़ोटो क्लिक करवाना। चूंकि दोनो ही मर्द थे इसीलिए पता था कि किस पॉसिबल नही है, लेकिन फोटोग्राफर को शक ना हो इसीलिए दोनो ने लिप टू लिप किस भी किया। किस करते समय ईशान के आंखों में आंसू आ गए लेकिन उसने खुद को सम्भाला। लाइफ में पहली बार किसी मर्द के होंठों ने ईशान के होंठो को चूमा था लेकिन वो मर्द ईशान का बेस्ट फ्रेंड था, जिसकी वजह से दोनो कम्फ़र्टेबल हो गए थे। उसके बाद ईशान का सोलो फोटोशूट किया गया। कभी मेहंदी दिखाते हुए, कभी सुहाग के चूड़े से झांकता मुखरा, कभी नथिया को पकड़े हुए, कभी शर्माते हुए तो कभी आंखों को झुकाये पोज़ देते हुए ढेर सारे फोटोशूट हुए। रमेश को कुछ काम था तो वो जल्दी निकल गया और फोटोशूट ओवर हुआ। कैमरामैन ने फोटोज सिलेक्शन करवाया और वहां से चला गया। कैमरामैन के जाने के बाद ईशान ने निकिता को घूर कर देखा।

ईशान, “यार किस वाला पोज़ करवाना जरूरी था?”

निकिता, “ब्राइडल फोटोशूट था भाभी, आपके पति ने एकाध किस कर भी लिया तो क्या हर्ज है इसमें!”

ईशान, “निकिता, तुम जानती हो ना, मैं रियल औरत नही, फिर भी!”

निकिता, “आई एम सॉरी आयशा भाभी, आगे से ऐसा नही होगा।”

उसके बाद ईशान ने सबसे पहले अपने नाक से नथिया उतारने की कोशिश करने लगा लेकिन उसे समझ नही आ रहा था कि नथिया खुलेगा कैसे! निकिता ने ईशान को नथिया उतारना और पहनना सिखाया और समझाया कि दुल्हन का नथिया केवल उसका दूल्हा उतारता है और हसने लगी। ईशान को बड़ी शर्मिंदगी झेलनी पड़ रही थी, लेकिन फोटोशूट खत्म हो चुका था और अब वो फिर से नॉर्मल ड्रेस पहनने को फ्री था। सबसे पहले ईशान ने अपना लहँगा उतारा, जिसके बाद वो बहुत रिलैक्स हुआ। अभी ईशान चोली उतारने ही जा रहा था कि निकिता ने उस रोका।

ईशान, “अब क्या हुआ निकिता!”

निकिता, “वो हमने कल जो पीली वाली सिल्क साड़ी खरीदी थी, उसे इस चोली पर पहनकर दिखाओ ना!”

ईशान, “नही यार निकिता, अभी ना ही लंच बना है और ना हिहमने कुछ खाया है। मुझे बहुत भूख लग रही है, अब ये सब बाद में।”

निकिता, “आयशा प्लीज्!”

ईशान, “हद हो यार तुम भी, चलो पहना लो!”

ईशान की बात सुनकर निकिता बहुत खुश हो गयी और ईशान को पेटीकोट पहना कर ऊपर से येल्लो सिल्क साड़ी पहनाने लगी। निकिता ने बताया सिल्क साड़ियो की बात ही कुछ और होती हैं वो देखने में जितनी ग्रेसफुल और एलिगेंट होती हैं उतनी ही डेलिकेट भी होती है। सिल्क साड़ियां औरतें बेहद खास मौके पर पहनते हैं। एक या दो सॉफ्टपिन का इस्तेमाल करके निकितन ईशान को सिल्क की साड़ी बड़ी ही स्टाइलिश तरीके से पहनाया जिसमे ईशान बहुत ही स्लिम, हॉट और आकर्षक दिखने लगा था। साड़ी के प्लेट्स भी बड़े ही अच्छे तरीके से बनाये हुए थे और लाल चोली के ऊपर येल्लो सिल्क साड़ी जबरदस्त लुक दे रही थी। निकिता ने एक बार फिर से ईशान को नाक में नथिया पहन लेने को कहा। पहले तो ईशान ने मना किया लेकिन फिर वो मान गया। इस बार खुद से अपने नाक में ईशान ने वो नथिया पहन ली और उसकी गुड़िया को अपने बालों में सेट कर लिया। निकिता गौर से देख रही थी कि ईशान इस स्त्री रूप को कितने अच्छे से स्वीकारा था। उसके बाद ईशान और निकिता ने ढेरों सेल्फी क्लिक की और फिर निकिता ने ईशान से कहा कि अब वो उसे और ज्यादा परेशान नही करेगी। ईशान ने सबसे पहले अपने नाक से नथिया को खोलकर निकाल लिया, दोनो कानों में से बालियां भी निकाल दी। साड़ी चेंज करके ईशान ने फिर से पंजाबी सूट पहन लिया और निकिता के साथ लंच बनाने को रेडी हो गया।

निकिता, “यार ईशान तुम नाक में छोटी वाली लौंग पहन लो और कानों में आर्टिफिशियल झुमके।”

ईशान हर बार क्लिप वाली नथिया और झुमकी पहनता था लेकिन अब जब नाक और कान में बारीक छेद हो चुका था। ईशान ने अपने नाक में छोटी वाली लौंग पहन लिया जिसमे अमेरिकन डायमंड जड़ा हुआ था और आर्टिफिशियल झुमकी भी पहन ली, जिसके बाद ईशान का लुक ही बदल गया। आज ईशान को कम्फ़र्टेबल फील नही हो रहा था, वो बार बार अपने नाक के लौंग को एडजस्ट करने की कोशिश करता और फिर कामों में लग जाता। निकिता ने ईशान के फोटोशूट के एल्बम के लिए फोटोग्राफर को कॉल किया और साथ मे कुछ पिक्स के फोटो फ्रेम्स का आर्डर किया। उसके बाद निकिता ने ऑनलाइन एलिगेंट ऑफ वाइट जॉर्जेट पलाज़ो सलवार सूट आर्डर किया। ईशान को लगा कि निकिता ने ये खुद के लिये आर्डर किया है। धीरे धीरे ईशान फेमिनिन होता जा रहा था और उसे इस बात का एहसास भी नही था। शाम होते होते निकिता का आर्डर घर आ गया और निकिता ने वो पैकेट ईशान को गिफ्ट किया।

ईशान, “ये क्या निकिता, ये पलाज़ो तो तुमने अपने लिए मंगाया था ना!”

निकिता, “नही आयशा, तुमने मेरे लिए ये फोटोशूट किया। मेरे लिए तुमने अपने नाक और कान छिदवाए! ये गिफ़्ट है मेरी तरफ से दुनिया की सबसे खूबसूरत लड़के को।”

ईशान को लाइफ में पहली बार किसी ने गिफ्ट किया था, ही वाज़ सो इमोशनल। निकिता ने ईशान को हग किया और फिर अपने कमरे में जाकर ईशान साड़ी में ही लेट गया। लेटे लेटे ईशान ना जाने किन खयालों में खो गया कि उसे शाम से कब रात हो गया इसका पता भी नही चला।

ईशान, “ये क्या कर रहा हूँ मैं। औरत बनने की एक्टिंग करना तक तो ठीक था, लेकिन अब तो नाक और कान भी छिदवाना पड़ गया। आज तो रमेश ने मुझे क़िस्स भी किया वो भी मेरे होंठों पर और मैंने भी उसे सपोर्ट किया। उस समय से रमेश के बारे में सोचते ही मेरी धड़कनें ना जाने क्यों बढ़ने सी लगी है। किसी मर्द को अपने करीब मैं कैसे आने दे सकता हूँ, मैं भी तो एक मर्द हूँ। मेरे कुछ समझ नही आ रहा है, निकिता जब सामने होती है तो लगता है उसे अपनी बाहों में भर लूं। काश राज से निकिता ब्रेकअप कर ले और मेरी गर्लफ्रैंड बन जाये। खैर अगले 6 महीने तो मैं निकिता के साथ ही रहने वाला हूँ, मैं उसके इतने करीब चला जाऊंगा कि वो राज को भूल जाएगी।”

अभी ईशान अपने ही ख्यालों में खोया हुआ ही था कि तभी डोरबेल बजा। ईशान ने साड़ी को ठीक किया और दरवाज़ा खोला। सामने रमेश खड़ा था, साथ मे सीमा भी थी। लेकिन रमेश को अपने सामने देखकर ईशान की हार्ट बीट्स बढ़ गयी और वो बिना कुछ कहे सीधे अपने कमरे में चला गया। ऐसा क्यों हुआ, ना तो ईशान के समझ मे आया और ना ही सीमा के। सीमा ने भी ईशान के बेहवीयर पर गौर किया कि आखिर ईशान में आज ऐसा क्या चेंज हो गया था। आखिर सीमा एक औरत थी, उसे समझ मे आता था कि लड़कियां ऐसे कब बिहैव करती हैं। सीमा रमेश के कमरे में चली गयी। थोड़ी देर बाद सीमा ईशान के कमरे में गयी जहाँ ईशान बैठा बैठा कुछ सोच रहा था।

सीमा, “हाय ईशान, आज तो तुम बहुत खूबसूरत दिख रहे हो। तुम्हारे हाथों और पैरों की मेहंदी भी बहुत मस्त है, किस्से लगवाया तुमने?”

ईशान, “हाय सीमा, थैंक यू डिअर! तुम भी बहुत सुंदर दिख रही हो!”

सीमा, “ये तुमने नाक और कान छिदवाए हैं?”

ईशान, “क्या बताऊँ सीमा, निकिता बहुत जिद्दी है। उसी ने मेरे नाक और कान में छेद कर दिया, मैं मना भी नही कर सका।”

सीमा, “कोई बात नही, ये लौंग और झुमकी तुम्हारे चेहरे को और भी खूबसूरत बना रहे हैं। वैसे तुमने स्त्रीत्व को बहुत अच्छे से एक्सेप्ट किया है।”

ईशान, “मजबूरी है यार, अभी कुछ महीनों तक ऐसे ही रहना है। उसके बाद मैं फिर से नार्मल लाइफ जीने लगूंगा।”

सीमा, “हम्म! लेकिन कुछ भी कहो, लड़का होने के बावजूद तुम इतनी खूबसूरत दिखते हो कि यकीन ही नही होता कि तुम औरत नही मर्द हो। लेकिन आज तो इस सिल्क साड़ी और बैकलेस चोली में किसी हॉट मॉडल से कम नही लग रहे। क्या तुम पहले से क्रोस्सड्रेसर थे या कभी पहले भी क्रोस्सड्रेसिंग की है?”

ईशान, “नही सीमा, क्रोस्सड्रेसिंग तो मैंने फ्लैट लेने औऱ रमेश को सपोर्ट करने के लिए शुरू की है और अब कुछ महीनों की बात है। फ्लैट चेंज करते ही फिर से ईशान बन जाऊंगा और अपनी लाइफ खुलकर जियूँगा।”

सीमा, “आर यू श्युर!”

ईशान, “हाँ सीमा! बाई द वे आज तुम यहीं रुकोगी?”

सीमा, “हाँ ईशान, वो क्या है ना, पीजी में रहते रहते बोर हो गयी हूँ और जब से रमेश मेरी लाइफ में आये है, तब से इनसे दूर रहना अच्छा नही लगता!”

ईशान, “ओह्हहो! तो फिर तुम दोनों कब शादी करोगे?”

सीमा, “जब तुम दोनों ये फ्लैट छोड़ दोगे। क्योंकि यहां तो आलरेडी तुम रमेश की पत्नी बनकर रह रहे हो। एक पत्नी के रहते दूसरी पत्नी का कांसेप्ट तो हमारे समाज मे अच्छा नही माना जाता है।”

ईशान, “हाहाहाहा, सीमा! अब तो जल्दी से दूसरा फ्लैट देखना पड़ेगा, ताकि मुझे भी एक भाभी मिल सके!”

सीमा, “अच्छा तो सबको दिखाने के लिए इस गुरुवार को करवाचौथ का व्रत रखोगे रमेश के लिये!”

ईशान, “फास्टिंग करना मेरे बस की बात नही। दिखावे के लिए व्रत रखने का नही सोचा है कुछ, लेकिन तुम तो रखोगी ना रमेश के लिए करवाचौथ का व्रत?”

सीमा, “लाइफ में पहली बार मेरा मन कर रहा है कि मैं रमेश के लिए करवाचौथ का व्रत रखूं, लेकिन उसके लिए मुझे यहीं रुकना पड़ेगा। तुम्हे कोई ऐतराज हुआ तो?”

ईशान, “मुझे क्यों ऐतराज़ होगा, मुझे कोई ऐतराज नही।”

दोनो हसने लगे। फिर ईशान डिनर बनाने के लिए बिस्तर से उतरा, साड़ी की पल्लू को गृहणी की तरह कमर में लपेट लिया और किचन में खाना पकाने चला गया। सीमा भी साथ मे आ गयी। आटा गूंथते वक़्त ईशान के हाथों के चूड़े खन खन की आवाज़ कर रहे थे, खासा तकलीफ हो रहा था ईशान को इतनी चूड़ियां पहनकर किचन के काम करने में। सीमा ने ईशान को रोटी बेलने को कहा और खुद रोटियां सेंकने लगी। किसी आम गृहणी की तरह ईशान कभी अपने बाल समेटता तो कभी साड़ी के पल्लू को कमर में कसता। सीमा ने रोटी बनाने के साथ सब्जी और सलाद बनाने में भी ईशान की मदद की। उधर निकिता भी वहां आ गई, उसके हाथों में फिश करी थी जो उसने खुद से पकाया था। डिनर के बाद फिश करी की सबने खूब तारीफ की और सभी अपने अपने कमरे में सोने चले गए। ईशान ने भी चेंज किया और नाइटी पहन लिया, कलाई से चूड़ा उतारने के बाद गले से मंगलसूत्र, नेकलेस और गुलबन्द उतार कर रख दिया। पूरे दिन हैवी ज्वेलरीज और कलाई में चूड़ा पहने पहने ईशान को बहुत हैवी महसूस हो रहा था। साड़ी, ज्वेलरीज और कंगन उतारने के बाद ईशान को बहुत रिलैक्स फील हुआ और बिस्तर पर लेटते ही उसे नींद आ गयी। इधर सीमा और रमेश आपस मे ईशान को लेकर कुछ डिस्कशन कर रहे थे।

सीमा, “रमेश, ईशान औरतों की तरह पिछले डेढ़ महीनों से आपके साथ आपकी पत्नी बनकर रह रहा है। आप कब तक ईशान को अपनी नकली पत्नी बनाकर अपने साथ रखोगे?”

रमेश, “ईशान मेरा बेस्ट फ्रेंड है, बचपन से लेकर आजतक उसने मुझे हर मोड़ पर सपोर्ट किया है, यहां तक कि आज भी वो मुझे सपोर्ट करने के लिए मेरी नकली पत्नी बनकर यहां रह रहा है। बहुत जल्द मैं इस फ्लैट को छोड़कर दूसरा फ्लैट के लूंगा।”

सीमा, “वैसे मुझे क्या लगता है, ईशान को औरत बनकर रहने में मजा आने लगा है।”

रमेश, “नही यार ऐसा नही है। वो तो आइडेंटिटी को हाईड करके रखने के लिए सबके साथ एक जैसा व्यवहार और ड्रेसअप करके रहना ईशान के लिये जरूरी है। हाँ, अगर ईशान लड़की होता तो तुम्हे जरूर कंपीटिशन देता।”

सीमा, “हाहाहा, बात तो सही है आपका। काश ईशान सच मे लड़की होता तो मैं अपने भाई से उसकी शादी करवा देती! मेरे बड़े भाई की हाइट तो आपसे भी ज्यादा है। 6 फिट 2 इंच हाइट है भैया की, ईशान के साथ उनकी जोड़ी कमाल की लगती।”

रमेश, “कुछ भी, ईशान लड़का है और बहुत समझदार भी है। अपने बड़े भाई के लिये कोई और लड़की देख लेना। वैसे भी ईशान ने निकिता के साथ ब्यूटी पार्लर जॉइन किया है और गके छह महीने ब्यूटीशियन बनने की ट्रेनिंग लें रहा है। आज ईशान का ब्राइडल फोटोशूट किया था निकिता ने, मैंने भी ईशान के साथ काफी फोटोज़ क्लिक करवाया।”

सीमा, “क्या, फोटोशूट! मेरे साथ तो आप एक सेल्फी भी नही लेते ठीक से और ईशान के साथ फोटोशूट! क्या बात है!”

रमेश, “अब तुम व्यंग मत करो सीमा, ईशान का मेरे सिवा कोई नही है। उसे सपोर्ट करने के लिए जो मैं कर रहा हूँ, वो बहुत कम है। और जब तुम हमदोनो को पिक्स देखोगी तब मैं बात करूंगा।”

सीमा, “आई नो रमेश, आपको ईशान की बहुत फ़िक़्र होती है। अब मुझे बहुत नींद आ रही है, सो जाइये!”

उसके बाद कुछ रोमांस और कुछ सेक्स के बाद सीमा और रमेश एक दूसरे की बाहों में समा कर सो गए। अगली सुबह निकिता ने ईशान को एलिगेंट ऑफ वाइट जॉर्जेट पलाज़ो सलवार सूट फ़ोर्स फुल्ली पहनाया और अपने साथ ब्यूटी पार्लर ले गयी। ब्यूटी पार्लर में सभी ने ईशान की खूबसूरती की तारीफ की और ईशान ने फिर से ट्रेनिंग पर ध्यान देना शुरू कर दिया। गुरुवार को करवाचौथ की तैयारी के लिये निकिता ने ईशान को बहुत फ़ोर्स किया, लेकिन वो नही माना। लेकिन सीमा को तैयार करने की जिम्मेदारी निकिता के ऊपर दे दिया। निकिता को अच्छा नही लगा, लेकिन वो समझ सकती थी कि ईशान एक मर्द है जो क्रोस्सड्रेसिंग मजबूरी में करता है और उसे ज्यादा फ़ोर्स करना सही नही लगा। बुधवार को फोटोशूट के वीडियोस, एल्बम और फ़ोटो फ्रेम्स आ चुके थे। निकिता ने ईशान को बिना बताए फोटोफ्रेम्स उसके कमरे में रख दिया, जिसमें रमेश के साथ ईशान के रोमांटिक पोज़ थे। जब ईशान ने अपनी दुल्हन वाली तस्वीर को देखा, जिसमे उसके और रमेश रोमांटिक पोज़्स थे तो उसकी धड़कने ऐसे बढ़ गईं जैसे राजधानी एक्सप्रेस की स्पीड होती है। ईशान को निकिता ने फ़ोटो एल्बम दिखाया जिसमे बड़ी ही खूबसूरती से ईशान और रमेश की कपल शूट की गई थी। हर एक फोटो ईशान की धड़कनें बढ़ा देता और जब निकिता ने ईशान को वीडिओज़ दिखाए टैब तो उसने टिकटोक और इंस्टाग्राम पर अपलोड करने के लिए साफ मना कर दिया लेकिन निकिता नही मानी और फोटोशूट से वीडियो की पांच क्लिप्स को सेलेक्ट किया और उसे ईशान के मना करने के बावजूद अपलोड कर दिया। इंस्टाग्राम और टिकटोक पर वीडियोस और फोटोज देखकर फ़ॉलोवेर्स की तादाद ऐसे बढ़ गयी मानो प्रशंषकों बाढ़ आ गयी हो। ईशान ने कई बार अपनी और रमेश की कपल वीडियोस को अकेले में देखा और देखते देखते ही सो गया।

आज करवाचौथ के दिन निकिता और ईशान ने मिलकर सीमा को कांचीवरम साड़ी और ढेरों आर्टिफिशियल गहनों में तैयार किया। सीमा बहुत खूबसूरत दिख रही थी, उसने पूरी लगन से रमेश के लिए करवाचौथ का व्रत रखा और जब चांद निकला तो रमेश ने अपने हाथों से सीमा का व्रत तोड़ा और अपने हाथों से खाना खिलाया। खाना ईशान और निकिता ने मिलकर पकाया था और वो काफी स्वादिष्ट भी था। भले ही ईशान सीमा के करवाचौथ का व्रत रखने पर खुश रहा हो लेकिन निकिता चाहती थी कि ईशान रमेश के लिए करवाचौथ का व्रत रखें और रमेश उसका व्रत अपने हाथों जे तुड़वाये, लेकिन ऐसा कुछ भी नही हुआ और डिनर के बाद सभी सोने चले गए।

सभी अपनी अपनी लाइफ में आगे बढ़ने लगे थे। अगले 3 महीनों में ईशान ने स्किन एनाटॉमी, स्किन केयर, हेयर स्टाइल, हेयर कलरिंग, हेयर केयर, बेसिक मेकअप, एडवांस मेकअप, पेडीक्योर/ मेनिक्योर, कॉस्मेटोलॉजी, फेशियल ब्लीचिंग, मेहंदी डिजाइन में अच्छी महारत हासिल कर ली थी और क्लाइंट्स भी ईशान को एक अच्छे ब्यूटीशियन के तौर पर पहचानने लगे थे। ईशान आलराउंडर ब्यूटीशियन के तौर पर निकिता को सपोर्ट करने लगा था और निकिता के ब्यूटी पार्लर में क्लाइंट्स भी बढ़ने लगे थे। कोई कोई क्लाइंट्स ईशान की खूबसूरती से इतने प्रभावित हो जाते कि उसे अपने घर की बहू बनाने और अपने बेटे के साथ डेट पर भेजने को भी तैयार रहते। बहरहाल निकिता मामले को शांत करती और ऐसे क्लाइंट्स को ये कहकर समझाती कि आयशा का डाइवोर्स हो चुका है। अधिकतर क्लाइंट्स ईशान के डाइवोर्सी होने के कारण अपना फैसला बदल देते और जो नही बदलते उन्हें ईशान खुद से मना कर देता, ये कहकर कि वो लेस्बियन है। इधर रमेश को भी प्रमोशन मिल गया था और उसने सीमा के साथ नया फ्लैट पर शिफ्ट करने का फैसला भी कर लिया था। ईशान इसके लिए रेडी था क्योंकि उसे लगता था कि उसके होने से रमेश और सीमा की प्राइवेट लाइफ पर इफ़ेक्ट पड़ेगा। इसमे एक समस्या था कि सभी के सामने रमेश और ईशान शादीशुदा कपल थे। सीमा से शादी से पहले ईशान और रमेश को एक फर्जी डाइवोर्स लेना जरूरी हो गया था। रमेश ने एडवोकेट से बात करके ईशान से फर्जी डाइवोर्स लिया और चौथे महीने के शुरू होने से पहले सीमा के साथ सेटल हो गया। अब ईशान फ्लैट पर अकेले रहने लगा था, लेकिन अब उसे पहले की तरह मांग में सिंदूर नही भरना पड़ता था और ना ही मंगलसूत्र पहनना पड़ता था। चौथे महीने के दूसरे वीक में शादी की अच्छी तारीख देखकर शादी तय कर दी और शादी के कार्ड्स भी छपवा दिए। 14 फरवरी, जब पूरी दुनिया वैलेंटाइन डे मनाते हैं उस दिन रमेश और सीमा की शादी की तारीख तय की गई थी। रमेश ने शादी की कार्ड ईशान को दिया और साथ ही निकिता और उसके पापा को भी। रमेश की शादी की खबर सुनकर ईशान बहुत खुश था और वो रमेश की शादी में जाने के लिए बहुत एक्सआईटेड भी था।

निकिता, “ईशान, रमेश की शादी में कैसे चलोगे?”

ईशान, “कैसे बोले तो? ऐसे ही चलना है मुझे तो।”

निकिता, “साड़ी पहनोगे या लहँगा चोली?”

ईशान, “निकिता, रमेश की शादी में अभी 11 दिन बाकी हैं। शादी वाले दिन ही डिसाइड कर लेंगे, लेकिन जो ड्रेस मैं पहनूंगा, वही ड्रेस वो भी सेम रंग में तुम भी पहनना, ओके!”

निकिता, “ओके डार्लिंग! अच्छा राज आने वाला है, मैं कैसी दिख रही हूं?”

ईशान, “बेहद खूबसूरत और हॉट! तुम एन्जॉय करो, मैं डिनर तैयार कर के रखूंगा!”

निकिता राज के साथ घूमने चली गयी और ईशान डिनर पकाने की तैयारी कर रहा था। ब्यूटी पार्लर से होने वाली कमाई से ईशान ने एलईडी टीवी, फ्रिज, माइक्रोवेव ओवन और आरओ प्यूरीफायर खरीदा था और अब तरह तरह डिश बनाने और स्टोर करने की भी समस्या नही थी। ब्यूटी पार्लर से होने वाली कमाई इतनी थी कि वो आसानी से किराया भी देने में सक्षम था और निकिता हर जगह सपोर्ट करने को रेडी रहती थी। अब ईशान और निकिता अक्सर शॉपिंग करने साथ ही मार्किट जाते, अनारकली सूट, पलाज़ो सलवार सूट, लहँगा चोली और बनारसी सिल्क साड़ी के प्रति ईशान का आकर्षण इतना बढ़ने लगा था कि हर बार खरीददारी के टाइम या तो एक पलाज़ो सलवार सूट खरीद लेता, या तो बनारसी सिल्क साड़ी। ईशान को कभी कभी लहँगा चोली खरीदने का भी बड़ा मन करता, लेकिन निकिता के पास 10 से ज्यादा लहँगा चोली रखे थे और जब ईशान को लहँगा चोली पहनने का मन होता, निकिता से ले लेता। ईशान ने अपने पैसों से कुछ सोने के कंगन और बिहारी स्टाइल नथिया और झुमकी भी खरीदे, जो छोटे और डिज़ाइनर तो होते ही हैं, लेकिन ईशान के चेहरे पर खूब सूट भी करते। डिनर रेडी करने के बाद ईशान टॉयलेट गया, आज उसे पहली बार टॉयलेट करते समय बहुत ब्लीडिंग हुआ। ईशान अचानक उठे उस ब्लीडिंग के दर्द से कराह उठा और दर्द शांत करने के लिए बिस्तर ओर लेट गया। आधे घण्टे बाद दर्द शांत हुआ, तब तक निकिता भी आ चुकी थी, लेकिन राज भी साथ मे था। हमेशा की तरह राज की एक नज़र निकिता पर तो दूसरी नज़र ईशान पर थी। राज हमेशा इसी ताक में रहता कि उसे ईशान के साथ एक रात बिताने को मिल जाये, लेकिन ऐसा कभी नही होता। डिनर के बाद राज और निकिता चले गए, ईशान ने निकिता को ब्लीडिंग के बारे में कुछ भी नही बताया। अगले दिन सुबह टॉयलेट करते वक़्त ईशान को एक बार फिर से ब्लीडिंग हुआ और सिर चक्कर देने लगा। ईशान फिर से जाकर बिस्तर पर लेट गया, उसे समझ मे नही आ रहा था कि अचानक ब्लीडिंग क्यों हो रहा है। आधे घण्टे के रेस्ट के बाद ईशान का दर्द शांत हो गया और वो फ्रेश होकर ब्यूटी पार्लर जाने को तैयार हो गया। निकिता कमरे में आई तो देखा ईशान कुछ परेशान सा है, निकिता ने पूछा भी लेकिन ईशान ने उसे कुछ भी नही बताया। ईशान ने सलवार सूट पहन लिया और निकिता के साथ ब्यूटी पार्लर के लिए निकल पड़ा। रास्ते मे ईशान के पेट मे काफी दर्द होने लगा और दर्द इतना ज्यादा था कि ईशान को ओपोलो हॉस्पिटल ले जाना पड़ा। डॉक्टर ने कुछ डायग्नोस्टिक लिखे जिसमे अल्ट्रासाउंड, एक्सरे, सिटी स्कैन, एमआरआई स्कैन और कुछ ब्लड टेस्ट्स भी थे। डॉक्टर ने इन बिटवीन दर्द शांत रखने की मेडिसिन दी और ईशान निकिता के साथ ब्यूटी पार्लर आ गया। ईशान को दर्द के कारण काम मे मन भी नही लग रहा था और निकिता ने लाइफ में पहली बार ईशान को इतना चिड़चिड़ापन में देखा था। निकिता ने ब्यूटी पार्लर को जल्दी ही बंद कर दिया और सभी स्टाफ़स को छुट्टी देकर ईशान के साथ घर आ गयी। ईशान को रेस्ट करने और किसी भी चीज़ की जरूरत हो तो कॉल करके बुला लेने को बोल कर वो अपने कमरे में चली गयी। ईशान को कुछ भी अच्छा नही लग रहा था, एक तो ब्लीडिंग, ऊपर से कमर में दर्द इतना हो रहा था कि वो सोने को चला गया। ईशान गहरी नींद में सो ही रहा था कि डोरबेल की आवाज़ सुनकर उसकी नींद खुली। शाम के 7 बज चुके थे और जब ईशान ने गेट खोला तो सामने निकिता खड़ी थी। निकिता ने ईशान से तबियत के बारे में पूछा, ईशान ने बताया कि कमरदर्द भी शुरू हो गया है। निकिता ने ईशान से कहा कि वो सो जाएं और खुद डिनर पकाने किचन में चली गयी। ईशान सोने तो नही गया लेकिन किचन के सामने सोफे पर बैठ गया। ईशान देख रहा था कि निकिता उसकी कितनी केअर करती है और उसका इन ख्याल रखती है। डिनर करने के बाद ईशान ने निकिता के पकाए खाने की तारीफ की तो निकिता ने कहा कि ये सब उसने ईशान से ही तो सीखा है। अगले दिन ईशान और निकिता रिपोर्ट्स देखने हॉस्पिटल गए, सारे रिपोर्ट्स कलेक्ट करके दोनो डॉक्टर के पास जा पहुंचे। डॉक्टर ने लगभग 15 मिनट्स तक सभी रिपोर्ट्स को अच्छे से देखा और चिंता में पड़ गया।

डॉक्टर, “तो आप लड़के हो?”

ईशान, “जी डॉक्टर!”

डॉक्टर, “तो फिर आप लड़कों की तरह क्यों नही रहते। थोड़ी देर पहले तक तो मैं यही समझ रहा था कि आप एक लड़की हो।”

निकिता, “सर, शी इज़ अ क्रोस्सड्रेसर!”

डॉक्टर, “ओके! तो आप लड़की बनने के शौकीन है!”

ईशान, “नही डॉक्टर, मैं क्रोस्सड्रेसिंग पहले मजबूरी में करता था लेकिन अब मैं इसे एन्जॉय भी करने लगा हूँ।”

डॉक्टर, “तो आपने फीमेल हॉर्मोन्स के डोज़ लेने कब शुरू किए?”

ईशान, “ये आप क्या कह रहे हैं? मैं फीमेल हॉर्मोन्स क्यों लूंगा?”

डॉक्टर, “आपके रिपोर्ट्स तो यही कह रहे हैं कि आपके अंदर एस्ट्रोजेन जो एक फीमेल हॉर्मोन होता है, उसकी मात्रा इतनी बढ़ गयी है कि आपके शरीर मे फीमेल ऑर्गन्स डेवेलोप हो रहे हैं। हालांकि इज़ डेवलपमेंट को रोका जा सकता है लेकिन इसमें जान जाने का खतरा बहुत है।”

ईशान, “लेकिन डॉक्टर साहब, मैने आज तक ऐसी कोई भी दवाई नही ली, फिर ये सब कैसे हो सकता है?”

डॉक्टर, “अगर अपने फीमेल हॉर्मोन्स के डोज़ नही लिए हैं तो दूसरा कारण आपका जिन हो सकता है। कभी कभी लड़कियों की तरह रहते रहते शरीर मे फीमेल ऑर्गन्स डेवेलोप होने लगते हैं, लेकिन ऐसा भी तभी होता है जब आपके शरीर मे फीमेल क्रोमोसोम्स मेल क्रोमोसोम्स को डोमिनेट करना शुरू कर देते हैं। जेंडर फ्लूइड कंडीशन मे पेशेंट को अंदाज़ा नही होता कि कब उनके शरीर मे फीमेल ऑर्गन्स के डेवलपमेंट शुरू हो गया।”

निकिता, “तो डॉक्टर् साब, हमे क्या करना चाहिए?”

डॉक्टर, “अंडर डेवेलोप ऑर्गन्स को रिमूव करने में खतरा कुछ ज्यादा ही होता है। ऐसे में हमारी सलाह यही रहती है कि पेशेंट अपना सेक्स चेंज ओरेशन करवा लें क्योंकि ऐसे मर्द नामर्द की श्रेणी में आते हैं। ऐसे मर्द के स्पर्म्स इतने वीक हो जाते हैं कि वो बच्चे के बारे में भविष्य में सोच भी नही सकते। हमारे हॉस्पिटल में एडवांस टेक्नोलॉजी वाली मशीनें हैं। पिछले साल हमने जिस पेशेंट को लड़के से लड़की बनाया था, उसने अभी एक महीने पहले ही बच्चे को जन्म दिया है। पिछले साल हमारे पास इतने एडवांस मशीन्स नही थे लेकिन आज की डेट में हमारे पास अत्याधुनिक मशीनें हैं। आई एम श्युर कि अगर आप हमारे यहां अपना सेक्स चेंज करवाएंगे तो भविष्य में आपको भी माँ बनने का सुख तो मिलेगा ही, साथ मे आपको देखकर कोई अनुमान भी नही लगा सकेगा कि पास्ट में आप एक लड़के थे।”

ईशान, “निकिता, चलो यहाँ से। मैं कोई नामर्द नही और मुझे नही करवाना सेक्स चेंज!”

निकिता, “ईशान, डोंट बी ए फूल! आई नो कि तुम्हे सेक्स चेंज नही करवाना, लेकिन मैं तुम्हे खोना बिल्कुल भी नही चाहती। डॉक्टर साब दिल्ली के सबसे एक्सपेरेंसड डॉक्टर्स में से एक हैं। डॉक्टर साब, क्या हम उस लड़की से मिल सकते हैं, जिसने आपके यहाँ से सेक्स चेंज करवाया और एक महीने पहले माँ बनी।”

डॉक्टर, “प्राइवेसी पॉलिसीज के कारण मैं आपको उनका नंबर तो नही दे सकता लेकिन मैं आपके लिए उनसे मिलने की बात जरूर कर सकता हूँ।”

निकिता, “डॉक्टर साब, कोई भी डिसिशन लेने से पहले हम उस पेशेंट से मिलना चाहेंगे। आप मीटिंग आरेंज करके हमे इन्फॉर्म कर दीजिए।”

उसके बाद निकिता ईशान को लेकर हॉस्पिटल से सीधे घर आ गई। ईशान डॉक्टर की बातों को सुनने के बाद मेन्टल ट्रामा में था। ईशान को यकीन नही हो रहा था कि उसके साथ ये सब हो रहा था।

निकिता, “तुम स्ट्रेस मत लो ईशान, सब ठीक हो जाएगा। हम कल दूसरे डॉक्टर के पास चलेंगे। अगर कोई प्रॉब्लम होगा तो उसका सलूशन भी होगा।”

ईशान, “यार मेरी ही लाइफ में ऐसे प्रोब्लेम्स क्यों आते हैं। बचपन मे मेरे मा बाप मुझे छोड़ कर चले गए। बड़ा हुआ तो चाचा चाची ने घर से निकाल दिया और अब मेरा शरीर भी मेरा साथ नही दे रहा है। मैं क्या करूँ निकिता, मेरे तो कुछ भी समझ मे नही आ रहा है। मुझे औरत नही बनना, ये सब मैं सिर्फ तुम्हारे लिए करता हूँ, मुझे औरत बनने का कोई शौक नही है।”

निकिता, “शांत हो जाओ, कल हम चलेंगे ना दूसरे डॉक्टर के पास।”

ईशान, “नही यार, आज मेरे कारण तुमने ब्यूटी पार्लर ऑफ कर के रखा, कल भी बंद करोगी, ऐसे बहुत नुकसान होगा। तुम ब्यूटी पार्लर चली जाना, मुझे दूसरे डॉक्टर के पास अपॉइंटमेंट ले कर दे देना, मैं अकेला ही चला जाऊंगा। वहाँ से सीधे ब्यूटी पार्लर आ जाऊंगा।”

ईशान की बात सुनकर निकिता को प्राउड फील हुआ। निकिता ने मैक्स हॉस्पिटल में ईशान का अपॉइंटमेंट फिक्स करवाया। नेक्स्ट डे ईशान ने रमेश को कॉल किया और साथ हॉस्पिटल चलने को कहा। रमेश ने ईशान से कहा कि वो रेडी रहे और सुबह के 11 बजे वो ईशान को पिक करने अपनी हीरो होंडा ग्लैमर से ईशान के घर आ गया। ईशान ने पिंक शिफॉन की साड़ी और बैकलेस ऑफ शौल्डर ब्लाउज पहना हुआ था, लाइट मेकअप, ग्लॉसी रेड लिपस्टिक, बालों का जुड़ा बनाया हुआ था और साथ ही हाई हील्स पहन रखा था। माथे पर एक छोटी सी बिंदी, नाक में नथिया, कानों में झुमकी, गले मे गुलबन्द और पैरों लाइट वेट पायल पहना ईशान बहुत ही खूबसूरत दिख रहा था।

रमेश, “ये क्या ईशान, तुमने अभी भी साड़ी ही पहन रखा है!”

ईशान, “तो क्या करूँ मैं। तुम तो डाइवोर्स देकर अलग हो गए लेकिन यहां की सोसाइटी में मुझे तो आज भी तुम्हारी एक्स वाइफ की नज़र से ही देखते हैं सभी।”

रमेश, “हाहाहाहा, ईशान, आओ बैठो बाइक पर।”

ईशान सोच रहा था कि वो रमेश के साथ बाइक पर बैठे तो कैसे बैठे। रमेश ने कहा कि लड़कियों की तरह एक साइड पैर कर के बैठ जाने को। लाइफ में पहली बार ऐसा होने जा रहा था ईशान के साथ, जब वो एक मर्द के पीछे वाली सीट पर लड़कियों की तरह बैठ रहा था। ईशान आम लड़कियों की तरह रमेश के कंधे पर हाथ रखकर एक साइड पैर कर के बैठ गया और अपनी साड़ी की आँचल को कंधे पर लपेट कर टाइट कर लिया। ईशान को पीछे बिठाकर जब रमेश हॉस्पिटल के लिए निकला तब आने वाले किसी भी स्टॉपर पर बाइक स्लो नही किया।

ईशान, “रमेश यार, धीरे बाइक चलाओ, मैं फिसल कर गिर जाऊंगा। और जहां ब्रेकर हो वहां बाइक स्लो कर के चलाओ यार।”

रमेश, “सॉरी यार!”

रमेश ने ईशान को सॉरी तो कहा लेकिन ब्रेकर पर जोर से ब्रेक लगाने लगा। ईशान के फेक बूब्स का बार बार उसके पीठ पर टकराना उसे एक्सआईटेड फील दे रहा था।

ईशान, “रमेश मैं लड़की नही हूँ, थोड़ा आराम से चलाओ।”

थोड़ी देर में ईशान रमेश के साथ मैक्स हॉस्पिटल पहुच गया। वहां जाते ही ईशान डॉक्टर से मिला। जब डॉक्टर ने ईशान के रिपोर्ट्स देखे तो वो शोकड रह गया।

डॉक्टर, “आपके रिपोर्ट्स को देखकर तो यकीन ही नही होता कि आप एक लड़के हो!”

ईशान, “जी डॉक्टर, मैं एक लड़का ही हूँ। इधर कुछ दिनों से ब्लीडिंग हो रही है, समझ नही आ रहा कि क्या हो रहा है मेरे साथ।”

डॉक्टर, “आपके रिपोर्ट्स के हिसाब से आपके शरीर में फीमेल के इंटरनल ऑर्गन्स, चेस्ट में सोइलिंग और ब्लीडिंग जैसी प्रोब्लेम्स हो रही हैं। खासतौर पर ऐसी प्रोब्लेम्स तभी आती हैं जब शरीर मे फीमेल हॉर्मोन्स एस्ट्रोजन की अधिकता हो जाती है। आपके शरीर के अंदर इंटरनल फीमेल ऑर्गन्स जैसे ओवरी, फैलोपियन ट्यूब और साथ के फीमेल ऑर्गन्स का डेवलपमेंट 25% से ज्यादा हो चुका है। ऐसे में आपके शरीर मे होने वाले बदलाव आपको विचलित कर सकते हैं। आपकी कंडीशन ऐसी है कि जल्द से जल्द आपके इन डेवलपमेंट को प्रिवेंट नही किया गया तो आपके जान को खतरा होगा औऱ यही ऑर्गन्स के कारण आपके दूसरे ऑर्गन भी फेलियर हो सकते हैं। मेरी सलाह तो यही होगी कि आप अपना सेक्स चेंज करवा लें और औरत बन जाएं।”

ईशान, “डॉक्टर साब, इनके प्रिवेंशन का उपाय नही है क्या? क्या इन ऑर्गन्स को मेरे शरीर से आपरेशन करके निकाला नही जा सकता? क्या कोई ऐसा उपाय नही है, जिससे मैं एक नार्मल लाइफ जी सकूँ।”

डॉक्टर, “नही मिस्टर ईशान, सेक्स चेंज करवाना आखिरी विकल्प होता है ऐसे केस में। लेकिन एक उपाय है, जिससे इसका प्रिवेंशन किया जा सकता है। लेकिन ऐसे केस में प्रिवेंशन के उपायों को फॉलो करना आसान नही होता है। और ये भी नही कहा जा सकता कि उपाय करने के बाद भी आप 100% ठीक हो सकेंगे या आप बताए उपाय को फॉलो भी करने को रेडी होंगे या नही इसमे डाउट है।”

ईशान, “डॉक्टर साब, मैं दुबारा से नार्मल होने के लिए कुछ भी करने को तैयार हूं। आप सिर्फ उपाय बताइए।”

डॉक्टर, “सोच लीजिये मिस्टर ईशान, ये उपाय आसान नही है और आप पूरी तरह से ठीक हो जाएंगे इसकी भी कोई गारंटी नही है।”

ईशान, “मैंने सोच लिया है डॉक्टर साब, आप उपाय बताइए।”

डॉक्टर, “इसके प्रिवेंशन के लिए कुछ मेडिसिन्स हैं लेकि वो तभी कारगर होगी जब आपका पूरा बॉडी, दिल और दिमाग थके। इसके लिए आपको सेक्स करना पड़ेगा, अगले 1 महीनों तक लगातार।”

ईशान, “मुझे मंजूर है डॉक्टर!”

डॉक्टर, “पूरी बात तो सुन लो! क्या आपको पता है सेक्स क्या होता है? या आपने कभी पोर्न फिल्म देखा है? या कभी मास्टरबेट किया है?”

ईशान, “हांजी डॉक्टर साब, मुझे पता है कि सेक्स कैसे करते हैं। मैंने पोर्न भी देखा है और मास्टरबेट भी किया है, लेकिन कभी सेक्स किया नही। एक मर्द और एक औरत के बीच बनने वाले शारीरिक संबंध को सेक्स करते हैं।”

डॉक्टर, “करेक्ट, तो आपको कम से कम 50 साल के ऊपर के मर्द के साथ सेक्स करना है, औरत बनकर। वो भी बिना कंडोम के! क्या आप कर सकोगे?”

ईशान, “क्या? ये कैसे पॉसिबल है डॉक्टर साब? मैंने सोचा आप मुझे किसी लड़की के साथ सेक्स करने को कह रहे हैं।”

डॉक्टर, “मैंने तो पहले ही कहा था कि आप रेडी नही होंगे मिस्टर ईशान। आप अपना सेक्स चेंज करवा लीजिये और औरत बन जाइये।”

ईशान, “नही डॉक्टर साब, मुझे औरत नही बनना। अगर एक महीने किसी 50 साल के मर्द के साथ सेक्स करने पर मैं फिर से ठीक हो सकता हूँ तो मुझे मंजूर है। आप मेडिसिन्स लिख दो।”

रमेश, “ये तुम क्या बोल रहे हो ईशान! दिमाग तो ठीक है तुम्हारा, और 50 साल के ऊपर का मर्द मिलेगा कहाँ तुम्हे?”

ईशान, “देखो रमेश, मुझे ठीक होना है। पहले की तरह लड़का बनकर अपनी लाइफ में आगे बढ़ना है। मैं औरत नही बनना चाहता और ना ही औरतों वाली लाइफ जीना चाहता हूं।”

रमेश, “कोई भी डिसिशन लेने से पहले सोच लेना। कहना आसान है, करना बहुत मुश्किल।”

डॉक्टर ने ईशान की प्रिस्क्रिप्शन पर मेडिसिन्स लिख दिए और एक महीने बाद आने को कहा। ईशान ने मेडिकल काउंटर से मेडिसिन्स ली और रमेश के साथ ब्यूटी पार्लर वाली गली के सामने उतर गया। रमेश वहां से चला गया तब ईशान ब्यूटी पार्लर में गया।

निकिता, “डॉक्टर ने क्या कहा आयशा?”

ईशान, “डॉक्टर ने मेडिसिन्स दी है। अगर मेरे नसीब अच्छा हुआ तो ये मेडिसिन्स अपना असर दिखाने लगेगी।”

ब्यूटी पार्लर में क्लाइंट्स कुछ ज्यादा थीं तो ईशान और निकिता काम मे बिजी हो गए। शाम को निकिता और ईशान घर पहुंचे, निकिता ने गौर किया कि ईशान अभी भी अपसेट था।

निकिता, “यार ईशान, डॉक्टर ने मेडिसिन दी है ना, फिर इतने अपसेट क्यों हो तुम। तुम ठीक हो जाओगे, टेंशन मत लो!”

ईशान, “निकिता, डॉक्टर ने मेडिसिन्स दी है लेकिन मुझसे कहा है कि मुझे किसी 50 साल से ज्यादा उम्र के मर्द के साथ सेक्स करने को वो भी औरतों की तरह!”

निकिता, “व्हाट, क्या बकवास है। दिमाग खराब है क्या डॉक्टर का?”

ईशान, “यार ये सब अजीबोगरीब आईडिया डॉक्टर का है। लेकिन उसका कहना है कि मेडिसिन और एक महीने के सेक्स के बाद मैं फिर से अपने मर्दानगी को पाने में सक्षम हो सकूंगा।”

निकिता, “क्या गारंटी है कि तुम फिर से ठीक हो ही जाओगे? और 50 साल से ऊपर का मर्द कहाँ मिलेगा तुम्हे?”

ईशान, “गारंटी तो कुछ भी नही है निकिता, लेकिन डॉक्टर ने कहा है कि चांस है। मेय बी, मैं ठीक हो जाऊं!”

निकिता, “देखो ईशान, मुझे लगता है कि पहले वाला डॉक्टर ही सही कह रहा था। ऐसा ना हो कि तुम दूसरे डॉक्टर के कहने पर वो सब करो जो तुम्हे नही करना चाहिये और फिर भी आखिर में तुम्हे पहले वाले डॉक्टर की बात ही माननी पड़े।”

ईशान, “लेकिन निकिता, अगर मैं ठीक हो गया तो! एक चांस लेकर तो देखना ही चाहिए! मुझे फिर से मेरी मर्दानगी वापिस चाहिए, मुझे औरत बनकर लाइफ नही बिताना!”

निकिता, “हम्म! तुम चांस लेने के लिए फ्री हो ईशान। लेकिन 50 के ऊपर का मर्द कहाँ मिलेगा?”

ईशान, “पता नही यार! मुझे तो कुछ भी समझ मे नही आ रहा।”

निकिता, “तुम फ़िक़्र मत करो, मैं कुछ करती हूं!”

निकिता के जाने के बाद ईशान अपने हालात के बारे में सोच सोच कर परेशान हुआ जा रहा था। उसने मर्द के साथ सेक्स करने की बात को एक्सेप्ट तो कर लिया था लेकिन वो ये तय नही कर पा रहा था कि जब सच मे कोई मर्द उसके सामने होगा तो वो कैसे हैंडल करेगा। इधर निकिता भी ईशान के हालात के बारे मे सोच सोच कर परेशान थी कि तभी उसकी नज़र उसके पापा पर पड़ी। उसके पापा हर रोज़ शाम ढलते ही शराब के नशे में ऐसे डूब जाते मानो शराब के बिना कोई लाइफ ही नही होती है। निकिता को पता था कि उसके पापा उसकी मम्मी को बहुत मिस करते हैं, प्यार जो करते थे। लेकिन निकिता ने सोचा कि उसके पापा भी तो 50 प्लस ऐज के हैं। अगर उसके पापा ईशान के लिए मान जाते हैं तो घर की बात घर मे ही रह जायेगी। लेकिन अगर उसके पापा को ये पता चला कि ईशान एक लड़का है तो वो तो ईशान को घर से तत्काल ही निकाल देंगे। बहुत रिस्क था, लेकिन हिम्मत करके निकिता ने अपने पापा से बात की।

निकिता, “पापा, आज से आप शराब नही पियोगे!”

विक्रम राजपूत, “देखो निक्की, तेरी माँ के जाने के बाद यही मेरा सहारा है। अब इसे मत छीन मुझसे!”

निकिता, “पापा, मैं क्या सोच रही थी। मम्मा तो है नही, आप एक गर्लफ्रैंड ही बना लो ना!”

विक्रम, “इस बुढ़ापे में मुझे कौन सी लड़की अपना बॉयफ्रेंड बनाएगी?”

निकिता, “एक लड़की है पापा!”

विक्रम, “कौन वो पड़ोस वाली शर्मा जी की साली या सामने वाले सिन्हा जी की भाभी?”

निकिता, “पापा, मैं ना आपके लिए जवान गर्लफ्रैंड ला दूंगी। बदले में आपको तबतक शराब छोड़ना होगा, जब तक वो लड़की आपकी गर्लफ्रैंड बनकर रहे।”

विक्रम, “इत्ती बड़ी हो गयी है तू, अपने बाप के लिए गर्लफ्रैंड लाएगी?”

निकिता, “देखो पापा, मैंने जो लड़की देखी है आपके लिए, उसे आप रिजेक्ट भी नही कर सकते! वो ऊपर आयशा भाभी रहती हैं ना, जिनके पति ने डाइवोर्स दे दिया इस महीने। वो कैसी लगती है आपको?”

विक्रम, “नालायक, चल जा अपने कमरे में, मेरे पीने का टाइम हो रहा है।”

निकिता, “शर्माओ मत पापा और आज से शराब बन्द आपकी। बोलो न, मैं आपकी सेटिंग कर दूं आयशा भाभी के साथ?”

विक्रम, “और अगर नही कर पाई तो? फिर कभी शराब छोड़ने को नही कहोगी, प्रोमिस करो।”

निकिता, “और अगर मैंने आपकी सेटिंग आयशा भाभी से करवा दी तो आप दुबारा कभी शराब नही पियोगे।”

विक्रम, “ठीक है, जब तक सेटिंग नही करवा देती, तब तक तो पी लूं।”

निकिता, “नही पापा, मैं आती हूँ थोड़ी देर में। तब तक आप शराब को हाथ भी नही लगाओगे!”

विक्रम, “ओके निक्की बेटा!”

निकिता ईशान के कमरे में गयी जहां ईशान ना जाने किन ख्यालों में खोया हुआ था।

निकिता, “ईशान, तुमने मेडिसिन्स ली है?”

ईशान, “नही निकिता, ऐसे कैसे ले लूं मेडिसिन। तुम्हे पता है ना मेडिसिन लेने के बाद क्या करना पड़ेगा?”

निकिता, “हम्म! पता है। तुम एक काम करो, मेडिसिन खा लो और चलो मेरे साथ। तुम्हारे लिए 50 प्लस उम्र का मर्द मिल गया है!”

ईशान, “कौन है वो?”

निकिता, “मेरे पापा, उनकी तो ऐज़ भी 50 प्लस है। घर की बात घर मे ही रह जायेगी और किसी को पता भी नही चलेगा।”

ईशान, “यार विक्रम अंकल के साथ मैं कैसे सेक्स कर सकता हूँ, वो तो मुझे जानते हैं!”

निकिता, “विक्रम अंकल नही, आज से वो तुम्हारे लिए विक्रम जी हैं। अब देर मत करो और चलो मेरे साथ!”

ईशान, “लेकिन निकिता, क्या तुमने उन्हें बताया है कि मैं एक मर्द हूँ?”

निकिता, “नही बताया है, लेकिन तुम अगर खुद से उन्हें अपने बारे में बताओगे तो आई एम श्युर मेरे पापा को इस बात से कोई फर्क नही पड़ेगा।”

इससे पहले कि ईशान कुछ और भी कहता, निकिता ने ईशान को फीमेल परफ्यूम लगाने को कहा और उसका मेकअप ठीक करके अपने साथ नीचे ले गयी। अपने कमरे के दरवाजे पर निकिता ने ईशान की साड़ी के पल्लू से घूंघट कर दिया और अपने पापा के सामने ले गयी।

निकिता, “पापा आपसे कहा था ना कि शराब मत पीना और आपने एक घूंट लगा भी ली!”

विक्रम, “सॉरी बेटा, कंट्रोल नही कर पाया। मुझे लगा तू मजाक कर रही है लेकिन तू तो सच मे आयशा को ले आयी!”

निकिता, “देख लो पापा, आज से शराब बन्द। आयशा भाभी, आप पापा के बगल में बैठो, मैं इन बोतलों को ठिकाने लगा कर आती हूँ। और पापा आज से नो शराब, आयशा भाभी 24 घण्टे आपके साथ रहेगी।”

विक्रम, “क्या निक्की सच बोल रही है आयशा, तुम्हे कोई ऐतराज हो तो अभी बता दो।”

ईशान, “मुझे कोई ऐतराज नही विक्रम जी!”

उसके बाद ईशान विक्रम के बगल में बैठ गया और दोनों आपस मे बातें करने लगे। जब तक निकिता शराब की बॉटल्स को फ्रिज में रखकर आयी तबतक विक्रम ईशान के बेहद करीब आ चुका था। ईशान शर्म से सिर झुकाए बैठा कांप रहा था। उसके तो समझ मे ही नही आ रहा था कि आखिर वो सब होने जा रहा है जिसके लिए लाइफ में कभी नही सोचा। बात करते करते विक्रम ने ईशान के हाथों को अपने हाथ मे ले लिया। उधर निकिता डिनर पकाने चली गयी और इधर ईशान विक्रम के सवालों के जवाब दिए जा रहा था। ईशान को इतना डर लग रहा था कि वो अपने शरीर के थरथराहट को कंट्रोल नही कर पा रहा था। उधर डिनर तैयार था और तीनो ने डिनर किया। निकिता ईशान के कमरे में चली गयी और ईशान अब विक्रम के साथ अकेला था।

विक्रम, “आयशा, तुम्हे पता है! जवानी में निक्की की माँ बिल्कुल तुम्हारे जैसी दिखती थी।”

ईशान, “ओह्ह! मुझे नही पता था। लेकिन आई एम श्युर आप जवानी में और भी हैंडसम रहे होंगे!”

विक्रम, “मैं इतना भी हैंडसम नही था, लेकिन तुम निहायती खूबसूरत हो। ऐसा लगता है कि स्वर्ग से कोई अप्सरा जमी पर उतर आई हो।”

बोलते बोलते विक्रम ने ईशान के हाथों पर किस कर लिया। किस का सेंसेशन इतना था कि ईशान की धड़कनें नई नवेली दुल्हन की तरह बढ़ गईं।

ईशान, “लेकिन मैं अपने बारे में आपको कुछ बताना चाहती हूं!”

विक्रम, “तुम्हारे बारे में मुझे सब पता है, कुछ जानने की जरूरत नही।”

ईशान, “नही विक्रम जी, जानना जरूरी है। मैं एक शीमेल हूँ, लड़की नही और इसीलिए मेरे पति ने मुझे डाइवोर्स दे दिया!”

सन्नाटा छा गया ईशान के कहते ही। विक्रम शोकड होकर ईशान को एकटक देखता रह गया।

विक्रम, “यकीन नही होता, एक शीमेल होने के बावजूद तुम इतनी सुंदर हो। तुम्हारा एक्स हस्बैंड पागल था जो इतनी खूबसूरत पत्नी को छोड़कर दूसरी शादी कर ली। मैं अगर तुम्हारे पति की जगह होता तो तुम्हे कभी खुद से अलग नही होने देता। तुम्हे देखकर मुझे मेरी जवानी के दिन याद आ गए। शीमेल तो नही लेकिन तुम्हारी तरह ही एक खूबसूरत लड़का हमारे कॉलेज में पढ़ता था। उस लड़के को लड़की बनना बहुत पसन्द था और एक दिन वो मेरे लिए दुल्हन भी बना था। उस लड़के के साथ मैंने लाइफ में पहली बार सेक्स किया था और आज तुम मेरे सामने मेरे अतीत का दर्पण बनकर सामने बैठी हो आयशा। मुझे फ़र्क़ नही पड़ता तुम्हारे शीमेल होने से, आओ बैडरूम में चलते हैं, वही एक एक पैग लगाएंगे और एन्जॉय करेंगे!”

ईशान, “सॉरी विक्रम जी, निकिता ने मुझसे कहा था कि अगर मैं आपकी गर्लफ्रैंड बन जाऊं तो आप कभी शराब नही पियोगे। और आप फिर से शराब पीने की बात कर रहे हो!”

ईशान की बात सुनकर विक्रम और भी ज्यादा एक्सआईटेड हो गया और वो खड़ा हो गया। ईशान अभी भी सोफे पर सिर झुकाए बैठा था लेकिन जब उसने विक्रम की हाइट देखी तो उसके होश उड़ गए। कम से कम 6.3 फिट हाइट होगी विक्रम की और उसके सामने हील्स पहनने के बावजूद ईशान काफी छोटा दिख रहा था। विक्रम ने ईशान के कमर में हाथ डाला और उसे अपनी बाहों में उठा लिया। शर्म के मारे ईशान का चेहरा गुलाबी हो गया और शरीर भी कांप रही थी।

ईशान सोचने लगा, “आखिर इस बूढ़े आदमी ने मुझे अपनी बाहों में इतनी आसानी से कैसे उठा लिया। है भगवान, ये मुझे कमरे में ले जा रहा है। ओह्ह माय गॉड, ओह्ह माय गॉड, ये मैं क्या करने जा रहा हूँ। मैं इतना कमजोर क्यों हुआ जा रहा हूँ, ऐसा लग रहा है कि मेरे शरीर मे जान ही नही है।”

इतने में विक्रम ने ईशान को बिस्तर पर बड़े ही प्यार से लिटाया और खुद भी बिस्तर के कोने पर बैठ गया। ईशान ने अपने दोनों पैरों को अपने हाथों से समेट लिया और नज़रें झुकाकर घूंघट ठीक करके बैठ गया। जैसे जैसे विक्रम ईशान के करीब जाने लगा, ईशान की धड़कनें और भी तेज हो गयी, शरीर मे कंपकंपी और रह रह कर शरीर मे सिहरन होने लगा था। पहली बार ईशान के करीब एक मर्द था जो उसे प्यार करने को बेताब हो रहा था। विक्रम ने बिना देर किए ईशान का घूंघट उठाया और उसके चेहरे के करीब जाकर रुक गया। ईशान ने अपनी आंखें बंद कर रखी थी, विक्रम ने ईशान के ठुड्डी को अपने बलिष्ठ हाथों से ऊपर उठाया और ईशान को आंखें खोलने को कहा। जैसे ही ईशान ने अपनी आंखें खोली, विक्रम ने ईशान के होंठों पर एक चुम्बन दिया। चुम्बन इतना रोमांटिक था कि ईशान की आंखें भर आयी। विक्रम ने ईशान के दोनों आंसुओं को चूमा और उसे पी गया। जब विक्रम की गर्म साँसों ने ईशान के चेहरे पर दस्तक दी, तब ईशान ने फिर से आंखें बंद कर ली। अब विक्रम ने ईशान के छोटे से चेहरे को अपने दोनों हथेलियों से पकड़ा और उसके होंठ पर स्मूच करना शुरू कर दिया। ईशान फील कर पा रहा था कि विक्रम का जीभ उसके होंठों को खुलने को मजबूर कर रहा था। ईशान ज्यादा रेसिस्ट नही कर सका और विक्रम की जीभ ने ईशान की जीभ के साथ खेलना शुरू कर दिया। ईशान के होंठ का लिपस्टिक पूरी तरह से साफ हो गया और ईशान को पहली बार एहसास हो रहा था कि निकिता के पापा अपने जमाने मे कितने रोमांटिक रहे होंगे। थोड़ी देर ईशान के चेहरे को चुम्बन से लाल कर देने के बाद विक्रम ने ईशान के गले को चूमना शुरू कर दिया और ईशान का ब्लाउज के डोरी को भी खोल दिया। विक्रम एक माहिर खिलाड़ी आदमी था, उसे पता था कि रोमांस के साथ सेक्स के लिए तैयार कैसे करते हैं। विक्रम ने एक एक करके ईशान के शरीर से साड़ी, पेटीकोट सब अलग कर दिया और खुद के भी सारे कपड़े उतार दिया। जब ईशान ने विक्रम का टाइट लन्ड उसके अंडरवियर में देखा तो उसके होश उड़ गए। विक्रम ने ईशान के पूरे शरीर पर अपने चुम्बन की बौछार कर दी और फिर ईशान का पैंटी भी उतार दिया। इतने रोमांस के बावजूद ईशान का लन्ड किसी छोटे से बच्चे की तरह छोटा सा था।

विक्रम, “आयशा, तुम शीमेल होने के बावजूद कितनी स्लिम ट्रिम हो और तुम्हारा बदन तो मखमल है। और तुम्हारा लन्ड तुम्हारी तरह ही क्यूट है।”

विक्रम के मुह से अपनी खूबसूरती की तारीफ और अपने लन्ड के साइज का छोटे होने का ज़िक्र सुनकर ईशान शर्माने लगा। विक्रम बहुत ही ज्यादा एक्सआईटेड था और देखते ही देखते उसने ईशान के लन्ड को अपने मुह में लेकर चूसने लगा। ऐसे करने से ईशान को बहुत ज्यादा उत्तेजना होने लगा, लेकिन उसके लन्ड पर कुछ खास इफ़ेक्ट नही पड़ा, लेकिन थोड़ा टाइट जरूर हो गया था।

विक्रम, “कैसा लगा ब्लोजॉब?”

ईशान, “बहुत ही अच्छा!”

फिर मुस्कुराते हुए विक्रम ने अपना अंडरवियर को उतार दिया। अंडरवियर उतारते ही विक्रम का मोटा और बड़ा लन्ड खड़ा हो गया। ईशान विक्रम के लन्ड को देखकर शॉक्ड रह गया।

ईशान, “इतनी उम्र में भी आपका लन्ड इतना मोटा और लम्बा है!”

विक्रम, “आज कल के लड़कों की तरह हम हस्तमैथून नही करते थे और ना ही आज कल के लड़कों की तरह बिस्किट खाकर बड़े हुए हैं। दूध दही और घी खाकर मैं बड़ा हुआ हूँ, मैं मर भी जाऊंगा तब भी मेरा लन्ड खड़ा ही रहेगा मेरी रानी! छूकर देखो और बताओ कैसा है मेरा लन्ड!”

जब ईशान ने विक्रम के लन्ड को छुआ तो उसे गर्मी और टाइटनेस फील हुआ और उसने तुरंत अपना हाथ हटा लिया।

विक्रम, “क्या हुआ मेरी रानी, हाथ क्यों हटा लिया तुमने?”

ईशान, “आपका लन्ड तो बहुत गर्म है।”

विक्रम, “हाहाहा, इसे प्यार चाहिए तुमसे। इसे प्यार से सहलाओ, खुद ही ठंडा हो जाएगा।”

ईशान ने विक्रम का लन्ड अपने हाथ मे लिया और उसे सहलाने लगा तो उस लन्ड की गर्माहट और भी बढ़ गयी, साथ ही लन्ड और भी ज्यादा टाइट हो गया। ईशान ने थोड़ी देर तक विक्रम के लन्ड को सहलाता रहा लेकिन वो लन्ड और भी ज्यादा गर्म, टाइट और मोटा होता गया।

ईशान, “आपके लन्ड की गर्मी तो शांत ही नही हो रही है और ये तो पहले से भी मोटा और लम्बा हो गया है!”

विक्रम, “घबराओ मत मेरी रानी, मैंने कहा ना, मेरे लन्ड को तुम्हारे प्यार की जरुरत है।”

ईशान, “लेकिन मैंने कभी ये सब नही किया!”

विक्रम, “नही किया तभी तो पति ने डाइवोर्स दे दिया। अच्छा मेरे लन्ड को अपने होंठों से चूमो ना!”

ईशान ने डरते डरते विक्रम के लन्ड को अपने होंठों से चूम लिया और वो लन्ड और भी कड़ा हो गया और उसका स्मेल ईशान ने पहली बार फील किया। ईशान ने विक्रम की ओर देखा, विक्रम ने उसे चूमते रहने का इशारा किया। ईशान ने विक्रम के लन्ड को फिर से चूमना शुरू किया और उसके होंठ के मुलायम स्पर्श ने विक्रम की एक्सआईटमेन्ट को बढ़ा दिया और विक्रम ने ईशान को ब्लोजॉब करने का इशारा किया। ईशान के पास अब कोई और चारा नही था, उसने विक्रम के लन्ड को अपने मुह में लिया और उसे ब्लोजॉब देना शुरू कर दिया। लगभग पंद्रह मिनट्स तक ब्लोजॉब देने के बाद विक्रम इतना एक्सआईटेड हो गया कि उसने ईशान को अपनी बाहों में उठा लिया और खड़े खड़े ही ईशान के गांड में अपना लन्ड घुसा दिया। ईशान जोर से चिल्लाने के बाद विक्रम को अपने दोनों हाथों से कस के जकड़ लिया। विक्रम ने खड़े खड़े ही ईशान के साथ सेक्स करना शुरू कर दिया। ईशान को बहुत ही ज्यादा दर्द हो रहा था, लेकिन उसके लिए इस दर्द को बर्दाश्त करना बहुत जरूरी था। ईशान ने दर्द को बर्दाश्त करने की कोशिश करने लगा लेकिन अपने आंसुओं को रोक नही पा रहा था। विक्रम ईशान को खड़े खड़े ही चोदे जा रहा था और ईशान आंसू बहाते हुए अपनी चुदाई करवा रहा था। अगले 20 मिनट्स तक ईशान को खड़े खड़े चोदने के बाद विक्रम ने ईशान को बिस्तर पर लिटा दिया और उसके दोनों पैरों को फैलाकर उसके गांड में फिर से अपना लन्ड घुसा दिया।

ईशान, “आह आह प्लीज् प्लीज्, नो आई ओह्ह प्लीज् प्लीज्, स्लो प्लीज्, ओह माय गॉड, ओह्ह माय गॉड, प्लीज् आई आई आई उह……..!”

प्राप के हर स्ट्रोक के साथ ईशान सिसकी ले रहा था। ईशान की आंसू और उसके दर्द का कोई अंत नही था। अगले 15 मिनट्स तक ईशान के साथ हार्डकोर सेक्स करने के बाद विक्रम ने ईशान के लन्ड में अपना मोटा लन्ड घुसा दिया।

ईशान, “आह, ओह माय गॉड, ये आप क्या कर रहे हैं, आई….ये क्या कर रहे हैं आप?”

विक्रम ने ईशान के सवालों को अनदेखा कर दिया और उसके छोटे से लन्ड में अपने लन्ड को घुसा दिया और उसे अगले 10 मिनट्स तक चोदता रहा। ईशान रोने लगा था, जिस बेदर्दी से विक्रम उसे चोद रहा था उसे लगा कहीं उसका लन्ड ना फट जाए। उसके बाद एक बार फिर स विक्रम ने अपना लन्ड ईशान के गांड में घुसा दिया और उसे पेट के बल लिटाकर अगले आधे घण्टे तक चोदता रहा। ईशान के आंखों के सामने अब अंधेरा छाने लगा था। इससे पहले ईशान अपना होश खोता, विक्रम ने अपने स्पर्म्स का पहला लोड से ईशान के गांड को भर दिया उसके बाद विक्रम के लन्ड से तीन बार लोड निकलकर ईशान के गांड में लबालब भर गया। विक्रम ने पिछले 15 सालों से सेक्स नही किया था और जब उसे मजा आया तब ईशान को भी मजा आ गया। ईशान के छोटे से जिस्म को अपने आगोश में लेकर विक्रम ने एक बार फिर से ईशान के लन्ड में अपना लन्ड घुसा दिया और एक बार फिर से उसे चोदने लगा। सेकंड राउंड में विक्रम ने 15 मिनट्स तक ईशान के लन्ड में अपना लन्ड घुसा कर उसे चोदता रहा और अपना स्पर्म ईशान के लन्ड में डिसचार्ज कर दिया। विक्रम के स्पर्म्स का हैवी लोड ईशान के लन्ड में समा गया और ईशान को जलन होने के साथ ही ऐसा लगा कि उसका लन्ड जाम हो गया है।

ईशान, “ये क्यों किया आपने? मुझे बहुत गर्म फील हो रहा है मेरे लन्ड में।”

विक्रम, “चिंता मत करो मेरी जान, आओ मैं निकाल देता हूं ।”

विक्रम ने ईशान को बिस्तर से उतने से पहले ही उसे अपनी बाहों में उठा लिया और वाशरूम में ले गया। विक्रम ने ईशान को खड़ा होने को कहा और उसे मास्टरबेट करने को कहा। ईशान और विक्रम दोनो ही न्यूड थे, रह रह कर ईशान की नज़र विक्रम के लन्ड पर जा कर टिक जा रही थी। आखिर दो राउंड सेक्स और स्पर्म डिस्चार्ज करने के बावजूद उसका लन्ड वैसे ही तना हुआ था। ईशान ने अपने लन्ड को अपने हाथ मे लिया और मास्टरबेट करना शुरू किया लेकिन उसके लन्ड में थोड़ा भी तनाव नही आ रहा था। विक्रम ईशान को परेशान देख रहा था, उसने एक बार फिर से अपना लन्ड ईशान के गांड में घुसा दिया और अपने हाथ से ईशान के लन्ड को सहलाने लगा। 20 मिनट्स बाद इधर विक्रम ने ईशान के गांड में एक बार फिर से स्पर्म डिस्चार्ज किया उसी के साथ ईशान का स्पर्म भी डिस्चार्ज हो गया। स्पर्म डिस्चार्ज होते ही ईशान बेसुध होकर विक्रम की बाहों में झूल गया। विक्रम ने ईशान को गोद मे उठाया और बाथटब में साथ लेट गया। ईशान को अपने लन्ड पर सुला कर उसके साथ एक बार फिर से सेक्स करने लगा। ईशान बेसुध हो चुका था लेकिन उसे एहसास हो रहा था कि विक्रम उसकी चुदाई कर रहा था। थोड़ी देर बाद एक बार फिर विक्रम का स्पर्म ईशान के गांड में डिस्चार्ज हो गया और इस बार विक्रम के भी आंखों के आगे अंधेरा से छाने लगा। विक्रम ने ईशान को अपनी बाहों में उठाया, टॉवल से अपनी और ईशान के बॉडी को पोछ कर सुखाया और अपने बाहों में उठाकर बिस्तर पर लिटा दिया। विक्रम ने ईशान को अपनी बाहों में समा लिया और अपना लन्ड उसके लन्ड में घुसा कर सो गया। दोनो ही लम्बी लम्बी सांसें भर रहे थे। ईशान काफी कमजोर पड़ गया था, लेकिन विक्रम को इससे कोई फर्क नही पड़ा। अगली सुबह डोरबेल की आवाज़ सुनकर ईशान की नींद खुली लेकिन वो इतना कमजोर हो गया था कि बिस्तर से उठना तो दूर हिलना डुलना भी मुश्किल पड़ रहा था। ईशान ने गौर किया कि अभी भी विक्रम का लन्ड उसके लन्ड में घुसा हुआ है। ईशान ने विक्रम को जगाया, उधर डोरबेल लगातार बजे जा रहा था।

ईशान, “उठिए ना विक्रम जी, निकिता आ गयी है। और आप अपना लन्ड मेरे लन्ड से बाहर निकाल दीजिये, प्लीज्!”

विक्रम ने ईशान के लन्ड को सहलाया और हल्के से झटका दिया, उसके साथ ही विक्रम का लन्ड ईशान के लन्ड से बाहर आ गया। ईशान की आंखों में आंसू देखकर विक्रम ने उसे गले से लगा लिया।

विक्रम, “रो मत मेरी रानी, तुम्हे अंदाजा भी नही है कि कल रात तुमने मुझे कितनी खुशी दी है।”

ईशान, “विक्रम जी, पहले दरवाज़ा खोल दीजिये। निकिता को लेट हो जाएगा।”

विक्रम ने लुंगी पहना और दरवाज़ा खोल कर देखा, सामने निकिता खड़ी थी और काफी गुस्से में भी थी।

निकिता, “ये सब क्या है पापा, टाइम देखा है आपने! मुझे लेट करवा दिया आपने।”

विक्रम, “सॉरी निक्की!”

निकिता, “आयशा भाभी कहाँ है?”

विक्रम, “मेरे कमरे में!”

निकित विक्रम के कमरे में गयी तो देखा कि ईशान चादर से अपने आप को ढंक कर सिर झुकाए बैठा था।

निकिता, “आयशा, कैसी रही मेरे पापा के साथ तुम्हारी पहली सुहागरात, आई होप मेरे पापा ने तुम्हे डिसप्पोइन्ट नही किया होगा।”

ईशान, “हम्म, निकिता, आई एम फीलिंग वेरी वीक यार। मुझसे खड़ा भी नही हुआ जा रहा है, कोई मेडिसिन है क्या?”

निकिता, “कोई मेडिसिन खाने की जरूरत नही है, तुम रेस्ट कर लो आयशा! आई एम सॉरी बेबी!”

ईशान, “सॉरी क्यों?”

निकिता, “मेरे पापा ने जो तुम्हारी हालत की है वो साफ दिख रहा है आयशा।”

ईशान, “डोंट बी सॉरी निकिता, इन सब को मुझे एक महीने बर्दाश्त करना है।”

निकिता, “वही तो ईशान, एक दिन में तुम्हारा ये हाल हो गया है, एक महीने कैसे बर्दाश्त करोगे। मुझे लगा था कि पापा तुम्हारे साथ पोलाइट रहेंगे बिस्तर में लेकिन तुम्हारी हालत देखकर तो ऐसा लग रहा है कि पापा ने तुम्हे बिस्तर पर डिस्ट्रॉय कर दिया।”

ईशान, “कोई बात नही निकिता, मैं ठीक हो जाऊंगा, तुम तैयार हो जाओ। वैसे तुम्हारे पापा 50 साल से ज्यादा उम्र के होने के बावजूद इतने सख्त कैसे हैं, ये बात मेरे समझ मे नही आई।”

निकिता, “मेरे पापा सुपरमैन है। तुम लंच बना लेना और टाइम से खाना खा लेना। पापा को शराब मत पीने देना और उन्हें भी टाइम से खाना खिला देना। आज बहुत देर हो गया है, मैं नहाने जा रही हूँ।”

ईशान, “ओके निकिता!

उधर निकिता वाशरूम में गयी , इधर उसके पापा फिर से कमरे में आ गए और ईशान को अपनी बाहों में भर लिया। निकिता के पापा ने ईशान के होंठों पर जोरदार स्मूच किया और उसे कहा कि आज लहँगा चोली पहनने को और साथ मे हैवी ज्वेलरी, स्पेशली हैवी वाला नथिया भी पहन कर भी आने को कहा। फिर जल्दी से कमरे के बाहर चले गए। विक्रम के एक स्मूच के बाद ईशान को अपने अंदर स्ट्रेंथ फील हो रहा था। ईशान बिस्तर पर से उठा और फ्रेश होने ऊपर अपने कमरे में जाने को रेडी हो गया। सिल्क साड़ी पहनकर घूंघट करके ईशान अपने रूम में चला गया। रूम में जाकर ईशान ने अंदर से लॉक किया और वाशरूम में झरना खोलकर बैठ गया और रोने लगा। थोड़ी देर बाद ईशान ने अपने आंसू पोंछे, फ्रेश हुआ और नहाने के बाद कमरे में आ गया। ईशान जब जब खुद को आईने में देखता, उसकी आंखें भर जाती। ईशान फिर से तैयार हुआ, जैसा विक्रम ने कहा था। लहँगा चोली पहनकर ईशान ने लाइट मेकअप किया और फिर गले मे गुलबन्द, कुंदन सेट, कानों में बालियां और नाक में हैवी वाला नथिया पहनकर ईशान ने ट्रांसपेरेंट ओढ़नी से घूंघट बनाकर विक्रम के पास चला गया। ईशान ने डोरबेल बजाया और विक्रम ने दरवाज़ा खोला। ईशान को लहँगा चोली में देखकर विक्रम का एक्सआईटमेंट बढ़ गया, लेकिन खुद पर कंट्रोल करते हुए उसने ईशान को अंदर आ जाने को कहा। ईशान अंदर आते ही विक्रम ने ईशान को अपनी बाहों में भर लिया और उसके गले को चूमने लगा।

ईशान, “ये सब अभी नही विक्रम जी, रात को। अभी लंच बना लूं मैं, देखिए ना, कल रात मुझे इतना वीकनेस हुआ कि आज मैं ब्यूटी पार्लर भी नही गयी।”

विक्रम, “सॉरी रानी, आज रात मैं जेंटल रहूंगा, प्रोमिस!”

ईशान, “आपका भरोसा नही, आप एक बार शुरू हो जाते हैं तो रुकते भी नही।”

विक्रम, “अच्छा, तो क्या मैं अभी शुरू हो जाऊं!”

ईशान, “नही विक्रम जी, मेरी जान लोगे आप!”

विक्रम, “नही रानी, मैं तो प्यार करूँगा मेरी रानी को।”

ईशान, “विक्रम जी, आप मुझे रानी कहकर क्यों बुलाते हैं। मेरा नाम नही ले सकते?”

विक्रम, “क्यों नही लेकिन आयशा रानी, जब मैं तुम्हे रानी कहकर बुलाता हूँ तो मुझे बहुत अच्छा लगता है। निक्की की माँ को भी मैं रानी कहकर ही पुकारता था।”

ईशान, “बस बस, अतीत में खोने की कोई जरूरत नही है। आप जाओ, नहा कर तैयार हो जाओ, मैं लंच पका लूं। आपसे बात करने बैठी तो भूखा ही रहना पड़ेगा। आप और आपकी गोल गोल बातें, अब जाइये!”

इस बीच ईशान ने अपने नाक से नथिया उतारना चाहा तो विक्रम ने ये कहकर रोक लिया कि ये नथिया रात को वो खुद से उतारेगा। ईशान ने विक्रम की बात मान ली और किचन में जाने से पहले एक बार फिर से विक्रम को इशारे से नहाने जाने को कहा। ईशान के आर्डर को विक्रम ने फॉलो किया और नहाने चला गया। नहाने के बाद विक्रम टीवी देखने बैठा तो ईशान उसके लिए चाय लेकर आ गया। इधर विक्रम चाय पीने बैठा, उधर ईशान किचन में खाना पकाने में बिजी हो गया। खाना पकाते वक़्त नथिया बार बार गाल और होंठ से टकरा रही थी और ईशान के नाक में दर्द भी हो रहा था, लेकिन ईशान ने बर्दाश्त किया और इतने में खाना भी पक चुका था, खाने की खुशबू विक्रम तक पहुच रही थी। इससे पहले कि विक्रम उठता, ईशान ने विक्रम के लिये खाना पड़ोस दिया। विक्रम ने खाना खाने के बाद ईशान के हाथों की तारीफ की। ईशान शर्माता हुआ किचन में चला गया और बर्तन धोने लगा। अभी ईशान ने बर्तन धोये और चेहरा धोकर खाने को बैठा कि तभी डोरबेल बजा। ईशान ने दरवाज़ा खोला तो सामने निकिता खड़ी थी।

ईशान, “निकिता तुम, इतनी जल्दी!”

निकिता, “सुबह से कुछ भी नही खाया, कुछ खाने को है!”

ईशान, “है निकिता, तुम फ्रेश हो जाओ, मैं खाना पड़ोस देती हूँ।”

निकिता फ्रेश होकर आयी और ईशान के साथ बैठकर लंच किया। लंच करते समय ईशान नाक से नथिया उतारना चाहता था लेकिन विक्रम ने इशारे से मना किया। ईशान ने एक हाथ से नथिया को ऊपर उठा कर लंच किया, थोड़ी मुश्किल हुई लेकिन विक्रम की बात भी रह गयी।

निकिता, “आज तो बहुत खूबसूरत दिख रही हो आयशा!ये नथिया तुमने पापा के कहने पर पहनी हो ना!”

ईशान, “हांजी, लेकिन तुम्हे कैसे पता?”

निकिता, “वो मेरे पापा हैं, मुझे पता है कि उन्हें क्या पसन्द है और क्या नापसन्द! चलो तुमदोंनो एन्जॉय करो, मैं निकलती हूँ। आज नेहा भी छुट्टी पर है और तुम भी।”

ईशान, “ओके!”

निकिता के जाने के बाद ईशान विक्रम के बगल में बैठकर टीवी देखने लगा। ईशान को अपने बगल में पाकर विक्रम उसे देखने लगा। इतने पास से ईशान की खूबसूरती देखकर विक्रम पागल हुआ जा रहा था, लेकिन खुद के इमोशन्स को कंट्रोल करने की कोशिश कर रहा था।

ईशान, “ऐसे क्या देख रहे हो?”

विक्रम, “आज बहुत खूबसूरत दिख रही हो रानी। चलो ना बैडरूम में!”

ईशान, “विक्रम जी, नाईट में करते हैं ना प्लीज्।”

विक्रम, “सिर्फ एक राउंड, प्लीज् रानी!”

इससे पहले कि ईशान विक्रम को रोकता, विक्रम ने ईशान को अपनी बाहों में उठा लिया। ईशान को एक मर्द अपनी बाहों में ऐसे उठाया हुआ था मानो कोई हल्का सा तकिया उठाया हो। विक्रम ने ईशान को बिस्तर ओर बिठाया, उसके करीब गया और उसके होंठों को चूमने लगा और तब तक चूमता रहा जब तक ईशान के होंठ की लिपस्टिक नही हट गई। विक्रम के जबरदस्त स्मूच के बाद ईशान की धड़कने फिर से बढ़ गयी थी। विक्रम ने ईशान के कमर पर क़िस्स किया और उसे खड़ा होने का इशारा किया। ईशान ने फिर से घूंघट कर लिया और बिस्तर से उतर कर खड़ा हो गया। विक्रम ने ईशान के लहंगे को उठाया और उसकी पैंटी उतार दी।

ईशान, “विक्रम जी प्लीज्, अभी रहने दो!”

विक्रम, “मैं पोलाइट रहूंगा मेरी रानी, सिर्फ एक राउंड!”

ईशान विक्रम को रोकने में असमर्थ था और जैसा विक्रम ने कहा, ईशान ने वही किया। जब विक्रम ने अपना पायजामा उतारा तो ईशान को इशारे से अंडरवियर उतारने को भी कहा। जैसे ही ईशान ने विक्रम का अंडरवियर उतारा, उसका बड़ा काला लन्ड टाइट होकर खड़ा हो गया। ईशान ने विक्रम के लन्ड को अपने हाथों से सहलाया और फिर मुह में रखकर अगले 20 मिनट्स तक ब्लोजॉब दिया लेकिन इस बार विक्रम अपने एक्सआईटमेंट पर कंट्रोल नही कर सका और ईशान के मुह में ही अपने स्पर्म्स का हैवी लोड छोड़ दिया। वो स्पर्म्स के हैवी लोड का टेस्ट ईशान को फील हुआ और विक्रम के इशारे पर उसे स्पर्म्स के उस लोड को पीना पड़ा। उसके बाद विक्रम और भी एक्सआईटेड हो गया और ईशान को अपनी बाहों में उठाकर खडा होकर उसकी आँखों मे देखने लगा। ईशान की शर्मिंदगी की कोई सीमा नही थी, उसने बिना कुछ कहे सिर झुका लिया। विक्रम ने ईशान की ओढ़नी को उसके सिर से हटाकर बिस्तर ओर फेंक दिया और ईशान का लहँगा उठाकर, उसके दोनों पैरों को हवा में फैलाकर अपना लन्ड घुसा दिया। रात के मुकाबले विक्रम का लन्ड कुछ ज्यादा ही डीप जा रहा था। ईशान फिर से रात की तरह “आह, ओह्ह, प्लीज्, प्लीज्, ओह्ह गॉड, नो, आई, माँ, प्लीज, धीरे, आह, कर रहा था और विक्रम फूल एन्जॉय कर रहा था। अगले 20 मिनट्स के हार्डकोर सेक्स के बाद विक्रम एक बार फिर से एक्सआईटेड हो गया और ईशान के गांड में अपने स्पर्म्स का हैवी लोड डिस्चार्ज कर दिया और इतने में ईशान का भी स्पर्म डिस्चार्ज हो गया। विक्रम ईशान को अपने ऊपर लेकर बिस्तर पर लेट गया और ईशान विक्रम के ऊपर ही निढाल हो गया। दोनो एक साथ काफी देर तक सोते रहे। ईशान के नाक में अभी भी नथिया थी और बहुत ज्यादा देर तक विक्रम के सीने पर सोने की वजह से नथिया का दाग भी हो गया।

शाम के 5 बजे डोरबेल बजने से दोनो की नींद खुली, ईशान ने अपना लहँगा ठीक किया और दरवाज़े को खोला। निकिता ब्यूटी पार्लर से वापिस आ चुकी थी, उसके हाथों में एक पॉलीबैग था जिसमे जैस्मिन का कजरा था और उसकी खुशबू ने विक्रम के चेहरे पर स्माइल ला दी थी। निकिता ईशान को देखकर समझ चुकी थी कि उसके पापा ने फिर से ईशान के साथ हार्डकोर सेक्स किया है। निकिता कमरे में चली गयी और चेंज करके फ्रेश हो गयी और डाइनिंग टेबल पर बैठ गयी। इतने में ईशान ने भी अपने कपड़े और मेकअप को ठीक कर लिया, पैंटी पहन लिया और लहँगा को फिर से स्ट्रैट किया। ईशान ने सभी के लिए स्नैक्स और चाय बना कर डाइनिंग टेबल पर निकिता और ओर विक्रम को सर्व किया और खुद भी चाय और स्नैक्स लेकर वही बैठ गया। निकिता ने ईशान को फिर से मेकअप में देखा और समझ गयी कि उसके पापा और ईशान के बीच क्या हुआ होगा। चाय और स्नैक्स के बाद निकिता ने किचन में ईशान की मदद की, उसकी मेडिसिन्स के बारे में पूछा और तीनों ने एक साथ डिनर किया। विक्रम ईशान को अपनी संगिनी के रूप में पा कर इतना खुश था कि शरबके बारे में बिल्कुल ही भूल गया था। इधर निकिता को भी अपने पापा का शराब छोड़ना और ईशान के रूप में हमसफ़र गिफ्ट करके बहुत खुश थी। इधर ईशान भी बहुत खुश था क्योंकि उसे भरोसा था कि सिर्फ एक महीने बाद वो पहले की तरह नार्मल हो जाएगा। डिनर के बाद निकिता ईशान के कमरे में चली गयी और जाने से पहले अपने पापा को इंस्ट्रक्ट किया कि रात को अलार्म लगा कर सोएं। मुस्कुराते हुए निकिता ईशान के कमरे में चली गयी और उसके बाद विक्रम ने ईशान के बालों में खुद से जैस्मिन के फूलों का कजरा पहना दिया और अपनी बाहों में जकड़ लिया। उसके बाद एक बार फिर से ईशान के साथ रोमांस करना शुरू कर दिया।

ईशान, “विक्रम जी, छोड़िए ना, अभी दिन में ही तो आपने सेक्स किया है।”

विक्रम, “मेरी रानी, मेरे बुढ़ापे में तुमने मेरी जवानी की बुझी हुई आग को चिंगारी दे दी है। अब तो दिल करता है कि हर एक पल सिर्फ तुम्हारे साथ बिताना चाहता हूं।”

ईशान, “विक्रम जी आपकी आग कभी शांत नही होती!”

विक्रम ईशान की बात सुनकर मुस्कुराने लगा और एक बार फिर से ईशान को अपने कमरे में ले जाकर बिस्तर पर लिटा दिया। ईशान ने सोचा कि विक्रम फिर से उसके ऊपर चढ़ जाएगा लेकिन विक्रम ने अपनी अलमीरा में से एक ज्वेलरी बॉक्स निकाला और ईशान के हाथ मे रख दिया।

ईशान, “ये क्या है विक्रम जी?”

विक्रम, “ये मेरी रानी के लिए गिफ्ट है मेरी ओर से। इस बॉक्स को खोलकर देखो।”

ईशान ने ज्वेलरी बॉक्स को खोल कर देखा, उसमे बहुत ही बड़ी डिज़ाइनर झुमकी, बहुत बड़ी हैवी डिज़ाइनर नथिया, कुंदन चोकर सेट और सब 22 कैरट सोने का।

ईशान, “ये तो काफी कॉस्टली है विक्रम जी, मैं ये नही ले सकती?”

विक्रम, “मेरी रानी, ये गिफ्ट तुम्हारे लिए है। तुम इन ज्वेलरी को डिज़र्व करती हो।”

इससे पहले कि ईशान कुछ कहता, विक्रम ने अपनी उंगली उसके होंठ पर रख दिये। विक्रम ने अपने हाथों से ईशान के नाक से नथिया को उतार दिया और थोड़ी दी में ही ईशान पूरी तरह न्यूड हो चुका था। विक्रम ने ईशान को न्यूड करने के बाद खुद भी न्यूड हो गया। उसके बाद 3 राउंड हार्डकोर सेक्स, कभी ईशान को घोड़ी बनाकर तो कभी ईशान को खड़े खड़े ही, कभी बिस्तर पर लिटाकर तो कभी दोनो पैरों को हवा में पकड़कर। तीसरे राउंड की हार्डकोर सेक्स और 3 बार ईशान के गांड में अपना स्पर्म डिस्चार्ज करने के बाद विक्रम ने ईशान के लन्ड में एक बार फिर से अपना लन्ड घुसा कर उसे पेनिट्रेशन देना शुरू कर दिया और कुछ देर बाद ईशान के लन्ड के अंदर ही स्पर्म डिसचार्ज कर दिया। ईशान को पिछली रात की याद आ गयी, आज फिर उसके लन्ड में विक्रम का गर्म वीर्य समा गया था। ईशान ने विक्रम की ओर देखा, विक्रम समझ गया। विक्रम ने ईशान को अपनी बाहों में उठाया और वाशरूम में ले गया। वाशरूम में विक्रम ईशान को एक बार फिर से मास्टरबेट करने को कहा और खड़े खड़े ही ईशान के गांड में अपना लन्ड घुसा दिया और उसे पीछे से चोदने लगा, साथ ही अपने हाथों से उसके लन्ड को भी शेक करने लगा। थोड़ी देर के बाद विक्रम और ईशान को फिर से सेम टाइम पर एक साथ एक्सआईटमेंट आ गया। एक तरफ विक्रम ने अपना स्पर्म ईशान की गांड में डिस्चार्ज किया वहीं ईशान के लन्ड से उसके स्पर्म्स के साथ विक्रम के स्पर्म्स का हैवी लोड भी डिसचार्ज हो गया। स्पर्म के डिस्चार्ज होते ही ईशान को बहुत ही ज्यादा वीकनेस हुआ और वो कल की तरह आज भी विक्रम की बाहों में बेसुध होकर झूल गया। विक्रम ने ईशान को फिर से अपनी गोद में उठा लिया और बाथटब में अपने ऊपर लिटाकर उसके गांड में फिर से अपना लन्ड घुसा कर सेक्स करने लगा। थोड़ी देर बाद विक्रम को एक बार फिर से एक्सआईटमेंट आ गया और उसका स्पर्म ईशान की गांड में डिस्चार्ज हो गया। उसके बाद विक्रम ने ईशान के नाज़ुक शरीर को टॉवल से अच्छे से पोछने के बाद खुद को भी उसी टॉवल से सुखाया। उसके बाद विक्रम ईशान को अपने कमरे में ले गया और बिस्तर पर लिटा दिया। ईशान इतने राउंड हार्डकोर सेक्स के बाद कमज़ोर हो गया था लेकिन विक्रम ने कुछ और भी सोच रखा था। विक्रम ने ज्वेलरी बॉक्स को खोला, उसमे से हैवी झुमकी निकाले और ईशान के दोनों कानों में पहना दिया। फिर उसमें से कुंदन चोकर सेट निकाला जो कि काफी हैवी था, उसे ईशान के गले मे पहना दिया। उसके बाद विक्रम ने उस बड़े से नथिया को निकाला और ईशान के नाक में पहना दिया और उसकी गुड़िया को ईशान के बालों में फंसा दिया। वो नथिया ईशान के आधे चेहरे को कवर कर रहा था और ईशान की खूबसूरती देख विक्रम से नही रहा गया। विक्रम ने सुबह 6 बजे का अलार्म सेट किया और ईशान के छोटे से लन्ड में अपना लन्ड घुसाया और साथ ही ईशान को अपनी बाहों में भर कर सो गया। अलार्म की आवाज़ सुनकर ईशान की नींद खुली तो उसने पाया कि विक्रम का लन्ड अभी भी उसके लन्ड में समाया हुआ है और काफी टाइट हो रखा है। ईशान ने विक्रम को जगाया और उससे रिक्वेस्ट किया कि अपना लन्ड बाहर निकाल ले, विक्रम को पता था कि निकिता के लिए ब्रेकफास्ट और लंच तैयार करना जरूरी है। विक्रम ने अपने हाथों से ईशान के लन्ड को दो बार शेक किया और उसका लन्ड बाहर आ गया। ईशान को बहुत रिलैक्स फील हुआ, लेकिन तभी अपने चेहरे और शरीर पर हैवी गहने देखकर शोकड हो गया। ईशान समझ चुका था कि ये काम विक्रम का है। ईशान ने आईने में अपने आप को देखा, नाक में इतना हैवी नथिया जो ईशान के आधे चेहरे को ढंक रहा था, कानों में इतने बड़े बड़े झुमकी जो कन्धों को छू रहा था और गले मे इतना बड़ा और डिज़ाइनर कुंदन चोकर सेट। ये सब ईशान के चेहरे को और भी खूबसूरत बना रहै थे। ईशान फ्रेश हुआ, लहँगा चोली पहना, मेकअप ठीक किया और ब्रेकफास्ट और लंच बनाने किचन में चला गया। लंच और ब्रेकफास्ट बनाने के बाद ईशान जैसे ही मुड़ा, सामने विक्रम नंगा खड़ा था, उसका लन्ड अभी भी टाइट हो रखा था। ईशान समझ गया कि विक्रम डायरेक्ट उठकर किचन में आ गया है।

ईशान, “विक्रम जी, आप फ्रेश होने नही गए?”

विक्रम, “मुझे तो तुमने ऐसा फ्रेश किया है कि अब तो लगता है कि मेरी जवानी लौट आयी हो।”

ईशान, “कुछ भी बोलते हो आप, जाओ फ्रेश हो लो। मैं ब्रेकफास्ट लगा देती हूँ।”

विक्रम ने ईशान से रिक्वेस्ट किया कि एक बार उसे ब्लोजॉब दे। ईशान ने पहले तो ना नुकुर किया लेकिन फिर विक्रम के लन्ड को अपने मुह में लेकर ब्लोजॉब देने लगा। 15 मिनट्स तक ब्लोजॉब देने के बाद विक्रम ने अपना स्पर्म डिस्चार्ज कर दिया और ईशान ने बिना कुछ कहे उस स्पर्म्स के हैवी लोड को पी लिया। इतने में डोरबेल बजा। विक्रम जल्दी से वाशरूम में घुस गया और ईशान ने दरवाज़ा खोला। आंखें मलती निकिता सामने खड़ी थी, ईशान को लहँगा चोली में देखकर बड़ी खुश हुई और उसे गुड मॉर्निंग विश किया। जैसे ही ईशान ने गुड मॉर्निंग विश किया, उसके होंठ से विक्रम के स्पर्म्स लोड की कुछ बूंदे टपकने लगी थी। ईशान ने अपना मुह ढंका और टॉवल से अपने मुह को पोछ लिया। निकिता ने इतना ध्यान नही दिया और अंदर चली गयी। विक्रम फ्रेश होकर बाहर आया तो निकिता फ्रेश होने चली गयी। ईशान ने विक्रम जो ब्रेकफस्ट के साथ चाय सर्व किया और अपने कमरे में नहाने चला गया। अपने कमरे में जाकर ईशान ने कपड़े और ऑर्नामेंट्स उतार दिए और न्यूड होकर वाशरूम में नहाने चला गया। ईशान ने गौर किया कि इन दो दिनों में बहुत कुछ बदल गया है, उसके अंदर विक्रम के प्रति आकर्षण बढ़ने लगा था, विक्रम के वीर्य का एक बूंद भी ईशान बर्बाद नही करना चाहता था क्योंकि वो उसे बहुत अच्छा लगने लगा था। ईशान के लन्ड में विक्रम का लन्ड घुसाना पहले तो दर्द दे रहा था, लेकिन अब ईशान हर रोज़ विक्रम के लन्ड को अपने लन्ड में रखकर सोना चाहता तब। जब विक्रम अपने स्पर्म्स के लोड से ईशान के लन्ड को फील करता, और जब विक्रम के स्पर्म्स लोड को ईशान अपने लन्ड से डिसचार्ज करता, तब उस समय होने वाली वीकनेस हो जाना और विक्रम की बाहों में झूल जाना, साथ ही विक्रम से चुदाई करवाने में मजा आने लगा था और सबसे बड़ी बात जो सबसे ज्यादा जरूरी थी वो ये कि ईशान के लन्ड में तनाव आना शुरू हो गया था। ईशान समझने लगा था कि डॉक्टर की मेडिसिन्स काम करने लगी थी। ईशान ने पलाज़ो सलवार विद बैकलेस कमीज पहन लिया, आंखों में मोटा गहरा काजल, लाल मैट लिपस्टिक, थोड़ा फाउंडेशन, थोड़ा ब्लश, नाक में छोटी सी नथिया डाल ली, कानों में विक्रम के दिये झुमकी पहन ली, गले मे गुलबन्द, कलाइयों में सफेद लाल चूड़ा सेट, कन्धों पर ओढ़नी, खुले बाल और पैरों हैवी चांदी की पायल पहनकर नीचे ब्रेकफास्ट करने आ गया।

निकिता, “आयशा भाभी, आप तो पहले से काफी स्लिम दिख रही हो?”

ईशान, “स्लिम, वो तो वेट लॉस किया है मैंने, वर्कआउट ज्यादा करने लगी हूँ।”

निकिता, “ये तो वही पलाज़ो है ना जो मैंने आर्डर कर के मंगवाया था। तुम ठीक तो हो ना भाभी, तुम्हारी कमर भी पहले से काफी स्लिम दिख रही है।”

ईशान, “हाँ मैं ठीक हूँ निकिता, मुझे कुछ भी नही हुआ।”

निकिता, “कुछ भी कहो पापा, आपकी गर्लफ्रैंड है तो बड़ी सेक्सी!”

विक्रम, “निक्की, तुम्हे लेट नही हो रहा है ब्यूटी पार्लर जाने के लिए!”

निकिता, “हाँ हाँ पापा, जा रही हूँ।”

निकिता फिर तैयार होकर रेडी थी और ईशान भी, फिर दोनों ने साथ मे ब्रेकफास्ट किया। ईशान भी निकिता के साथ ब्यूटी पार्लर जाना चाहता था लेकिन निकिता ने उसे उसके पापा के पास रहने को कहा और कहा कि एक महीने उसके पापा की जी भर के सेवा करने को। ईशान को इसमे कोई ऐतराज नही था, तो वो मान गया। निकिता ब्यूटी पार्लर के लिए अकेले ही निकल गयी और ईशान उसके पापा के साथ घर मे अकेला था। इधर निकिता ने ईशान को अपने पापा के इतने करीब देखा तो वो सोचने लगी कि क्या सच मे ईशान को फिर से मर्द बन जाना चाहिए या औरत बनकर उसके पापा की लाइफ टाइम सेवा करनी चाहिए। एक ईशान के निकिता के पापा की लाइफ में आ जाने भर से उसके पापा ने शराब छोड़ दी और अब उसके पापा की सेहत भी अच्छी दिख रही थी। निकिता ने बहुत सोचा फिर उसी डॉक्टर से मिलने चली गयी, जिससे पहले दिन वो ईशान के साथ जाकर मिली थी। डॉक्टर से मिलकर निकिता ने उसे ईशान का प्रिस्क्रिप्शन दिया।

डॉक्टर, “जी कहिये!”

निकिता, “अच्छा डॉक्टर साब, अपने बताया था ना कि पिछले साल अपने एक लड़के को लड़की बनाया था और उसने इस साल एक बच्चे को जन्म भी दिया। क्या सच मे ऐसा पॉसिबल है, और अगर पॉसिबल है तो मुझे एक बार आपकी उस पेशेंट से मिलना है।”

डॉक्टर, “आपका लक बहुत अच्छा है। आज वो लड़की हॉस्पिटल ही आ रही है, अपने और अपने बच्चे के बॉडी चेकअप के लिए, उसके साथ हो सकता है कि उसका पति भी आये! 11 बजे की अपॉइंटमेंट है, अभी पौने 11 बज रहे हैं। 15 मिनट्स के बाद वो यही होंगी, आप मिल लेना, मैं मिलवा दूंगा आपको!”

निकिता, “ये अच्छा है!”

निकिता ने 15 मिनट्स तक बाहर रिसेप्शन पर वेट किया। उसके बाद एक नर्स आयी और निकिता से कहा कि उसे डॉक्टर साब बुला रहे हैं। निकिता बहुत एक्सआईटेड थी, ये जानने के लिए कि डॉक्टर सच बोल रहे हैं या सिर्फ अपने पैसे चमकाने के लिए हवा में ये बात कही। जब निकिता डॉक्टर्स चैम्बर में गयी तो डॉक्टर की तरफ फेस की हुई, राजस्थानी स्टाइल में साड़ी पहनी, बैकलेस चोली से गोरा पीठ साफ झलक रहा था। जब निकिता उस लड़की से मिली तो उस लड़की से मिलकर एक बार भी एहसास नही हुआ कि वो पहले एक लड़का थी। आलिया नाम था उस लड़की का और उसके पति का नाम मुकेश मीना। दोनो हस्बैंड वाइफ निकिता से बहुत ही अच्छे से मिले।

निकिता, “आप बहुत खूबसूरत हैं आलिया जी और आपका बेटा तो बहुत ही क्यूट है। क्या मैं आपकी पत्नी से अकेले में बात कर सकती हूँ मुकेश जी!”

मुकेश, “हांजी, क्यों नही!”

उसके बाद निकिता और आलिया आपस मे बात करने लगीं।

निकिता, “क्या ये सच है कि पिछले साल आपने इसी हॉस्पिटल में सेक्स चेंज करवाया था और औरत बनने के बाद आपने अपने बच्चे को अपने ही कोख से जन्म भी दिया! क्या आप मुझे अपने बारे में बताओगी, क्योंकि अगर ऐसा सच मे पॉसिबल हुआ तो मेरे दोस्त का सेक्स चेंज आपरेशन इसी हॉस्पिटल में करवाउंगी। क्या सच मे मेडिकल साइंस ने इतनी तरक्की कर ली है।”

आलिया, “निकिता जी, मेरा नाम मोहम्मद अली था। हमारे देश मे गे को अच्छी नज़रों से नही देखा जाता और हमारी सोसाइटी गे लोगों को कभी एक्सेप्ट नही करते। उन्हें हीन भावना से देखा जाता है। मैं और मुकेश एक साथ पढ़े, एक साथ नौकरी की और हमे एक दूसरे से प्यार भी एक ही उम्र में हुआ। ऐसा है निकिता, सोसाइटी का डर और समाज में होने वाली हमारे परिवारों की बेइज़्ज़ती से बचने का हमदोनो ने मिलकर एक तरीका निकाला। चूंकि मेरी हाइट मुकेश से काफी कम और मैं बहुत ही स्लिम भी थी तो मैंने अपना सेक्स चेंज करवाने का फैसला किया। पुछले साल मार्च में डॉक्टर ने मुझे लड़के से लड़की बना दिया और मैंने मुकेश से शादी कर ली। मुकेश के घरवालों को हमने लव मैरिज वाली कहानी सुनाई और उन्हें लगा कि मैं एक नार्मल लड़की हूँ। दूसरे कास्ट की होने के बावजूद मुकेश के घरवालों ने मुझे अपने घर की बहू के रूप में स्वीकारा। पहली बार स्त्रीत्व का अनुभव शादी की पहली रात हुई, जब मुझे लगा कि मैंने लड़की बनकर वो अनुभव किया जो मर्द बने रह कर कभी अनुभव नही किया। नौ महीने बाद मैंने मेरे बेटे को जन्म दिया है और मैं बहुत खुश हूँ। मेरे सेक्स चेंज के टाइम में और अभी के टाइम में हॉस्पिटल में बहुत कुछ बदल गया है। ऐसी ऐसी मशीने नही थी पहले लेकिन तब भी डॉक्टर ने मुझे पूरी तरह से स्त्री बनाया और अगर आपके दोस्त को सेक्स चेंज करवानी है गो दिस इज़ द बेस्ट हॉस्पिटल।”

निकिता, “आलिया जी, ज्यादा टाइम नही लुंगी लेकिन मुझे एक बात बताइए। क्या लड़की बनने के बाद आपको पीरियड्स आने लगे थे और कोई दिक्कत आयी हो?”

आलिया, “नही निकिता जी, ऐसी कोई भी प्रॉब्लम नही हुई। सेक्स चेंज के 3 महीनों बाद से ही मेरे पीरियड्स शुरू हो गए थे।”

निकिता, “थैंक्स आलिया, मैं आपके और आपके पूरे परिवार के उज़्ज़वल भविष्य की कामना करती हूं, मुझे और कुछ भी नही पूछना!”

हॉस्पिटल में आलिया से मिलने के बाद, डॉक्टर से मिली।

निकिता, “डॉक्टर साब, आलिया से मिलकर मेरे सारे डाउट क्लियर हो चुकी है लेकिन मुझे सेक्स चेंज ऑपरेशन्स के बारे में बताइए। ये कैसे होता है, आप आपरेशन के दरम्यान क्या क्या करते हैं। बॉडी में डेवलपमेंट कैसे होती है, मुझे सब कुछ जानना है।”

डॉक्टर, “सेक्स चेंज सर्जरी एक साल पहले तक बहुत ही ज्यादा पेनफुल और कॉम्प्लिकेटेड था, लेकिन आज की डेट में ना ही इतना पेनफुल है और ना ही कॉम्प्लिकेटेड। सेक्स चेंज सर्जरी के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि वो सख्श जिसे अपना जेंडर बदलवाना है, वो सर्जरी के लिए रेडी हो। पहले एक महीने पेशेंट को फीमेल हॉर्मोन्स के मेडिसिन्स और इंजेक्शन्स पर रखा जाता है ताकि पेशेंट्स के शरीर मे इंटरनल फीमेल ऑर्गन्स का डेवलोपमेन्ट अच्छे से हो। फेसिअल फेमिनिन थेरेपी, वोकल कॉर्ड करेक्शन, फीमेल इंटरनल ऑर्गन्स के डेवलपमेंट में एक महीना लगता है, उसके नेक्स्ट महीने उस पेशेंट का पेनिस रिमूवल ऑपेरशन करके सिलिकॉन वजाइना से उस जगह को रिप्लेस किया जाता है। सिलिकॉन वजाइना पेशेंट के शरीर मे रिप्लेसमेंट के टाइम पेशेंट के इंटरनल ऑर्गन्स को वजाइना से अटैचमेंट के लिए एक सर्जरी की जाती है। उस ऑपरेशन के 15 दिन के बाद पेशेंट को ब्रेस्ट एनलार्जमेंट थेरेपी के लिए रेडी किया जाता है। ब्रैस्ट एनलार्जमेंट सर्जरी के बाद एक खास तरह की मशीन्स में पेशेंट्स को हर रोज़ मेडिसिन्स के इंजेक्शन लगाकर 6 घण्टे सुलाया जाता है। ये प्रोसेस अगले एक महीने तक चलेगा और इस प्रोसेस के खत्म होने से लेकर उस सख्श के पहले पीरियड के आने में 15 से 20 दिनों का टाइम लगता है। जैसे ही उस सख्श को पहला पीरियड आता है, उसके एक वीक बाद हम डिक्लेरेशन, एनओसी और सर्टिफिकेट इशू कर के पेशेंट को डिसचार्ज कर देते हैं। और एक बात सेक्स चेंज के 3 महीने बाद पेशेंट का पूरा शरीर फीमेल की तरह फंक्शन करना शुरू कर देता है जिसके बाद वो पेशेंट एक नार्मल लाइफ जी सकता है।”

निकिता, “हम्म! और खर्च कितना आता है ऐसे ऑपरेशन्स में?”

डॉक्टर, “दस लाख इन्क्लूडिंग एवरीथिंग!”

निकिता ने डॉक्टर को बताया कि मैक्स हॉस्पिटल में एक सीनियर डॉक्टर ने ईशान को कुछ ऐसे मेडिसिन्स दी है जिससे वो फिर से अपनी मर्दानगी पाने में समर्थ है। क्या ऐसा पॉसिबल है। डॉक्टर ने बताया कि ऐसा पॉसिबल हो भी सकता है और नही भी। लेकिन ऐसे प्रोसेस से जाने पर ईशान के शरीर पर नेगेटिव इम्पैक्ट पड़ सकता है और उस मेडिसिन से कुछ खास फर्क नही पड़ेगा। निकिता ने डॉक्टर से कहा कि कुछ ऐसी दवाई दें, जिससे ईशान के शरीर मे फीमेल हॉर्मोन्स बढ़ जाए। और दूसरी मेडिसिन्स के बंद करने का कोई साइड इफेक्ट्स ना हो। डॉक्टर ने अगले एक महीनों की दवाई निकिता को दी और उसे सुबह शाम बिना किसी गैप के देने को कहा। निकिता ने काउंटर से मेडिसिन्स खरीदी और अपने ब्यूटी पार्लर पर आ गयी।

दोपहर के 2 बज चुके थे और निकिता को बहुत जोरों की भूख लगी। निकिता ने सोचा कि घर पर लंच बना हुआ है ही तो वो घर आ गयी। डोरबेल बजा, ईशान ने दरवाज़ा खोला। ईशान किचन में खाना पका रहा था और निकिता के पापा टीवी देख रहे थे। निकिता सोच रही थी कि ईशान के अंदर एक अच्छी हाउसवाइफ बनने के सभी गुण हैं। ईशान अच्छा खाना पकाता है, कपड़े धोता है, घर के साफ सफाई का ख्याल रखता है और सबसे बड़ी बात तो ये थी निकिता के पापा ईशान को पाकर बहुत खुश थे। निकिता भी अब यही चाहने लगी कि जल्द से जल्द ईशान को औरत बनवा दिया जाए और फिर वो अपने पापा की शादी ईशान से करवा दे। ईशान को इस बात का थोड़ा भी अंदाज़ा नही था कि निकिता अपने पापा की खुशी के लिये उसकी कुर्बानी ले लेगी। ईशान ने निकिता और उसके पापा को लंच सर्व किया और लंच के बाद निकिता फिर से ब्यूटी पार्लर चली गयी। इधर निकिता के ब्यूटी पार्लर जाने के बाद ईशान ने भी लंच किया। विक्रम ने ईशान को अपनी गोद मे बिठाया और उसके साथ टीवी देखने के साथ साथ रोमांस भी करने लगा। शाम होने और निकिता के ब्यूटी पार्लर से लौटने से पहले विक्रम ने ईशान के साथ 2 राउंड हार्डकोर सेक्स और आखिर में ब्लोजॉब दिया। ईशान को विक्रम के स्पर्म्स का टेस्ट अच्छा लगने लगा तो और उसे पीना भी अच्छा लगने लगा था। निकिता के घर वापसी से पहले ईशान अपने कमरे में चला गया और उसने अपनी मेडिसिन्स खाई। नेक्स्ट डे रमेश और सीमा की शादी थी, ईशान श्युर था कि रमेश की शादी में रमेश के घरवालों के साथ उसके घरवाले भी जरूर आएंगे, ऐसे में साड़ी पहनकर या लड़कियों वाली ड्रेस में शादी में जाना सही नही होगा। रात को डिनर के बाद ईशान ने निकिता से इस बारे में बात की तो उसने कहा कि शादी में साड़ी पहनके चलना है और निकिता भी साड़ी पहनकर ही शादी में जाएगी। ईशान ने निकिता से कहा कि वो अपने असल रुप में शादी में जाना चाहता है, लेकिन निकिता ने उसे समझाया कि डॉक्टर ने कहा है कि इस महीने औरत बनकर ही रहना है। जब रात को निकिता ईशान के रूम में जाने लगी तो ईशान ने उसे रुकने को कहा। निकिता ने ईशान को समझाया कि एक महीने की ही तो बात है, उसके बाद वो फिर से अपनी मरदानगी को पा लेगा। ईशान ने विक्रम की तरफ देखा, वो अपने बेडरूम में ईशान का इंतज़ार कर रहा था। इधर निकिता ने भी ईशान को हौसला बनाये रखने को बोलकर ईशान के कमरे में सोने चली गयी। ईशान एक बार फिर विक्रम के साथ कमरे में अकेला रह गया। निकिता के जाते ही विक्रम ईशान को अपनी बाहों में उठाया और अपने कमरे में ले गया। देर रात तक अलग अलग पोज़िशन्स में ईशान के साथ हार्डकोर सेक्स करने के बाद रोज़ की तरह ईशान के लन्ड में अपना गाढ़ा मोटा स्पर्म्स लोड भरकर उसे वाशरूम में ले गया। जैसे ही ईशान के लन्ड में से विक्रम का स्पर्म लोड डिस्चार्ज हुआ, वो फिर से बेहोश हो गया और विक्रम की बाहों में निढाल हो गया। हमेशा की तरह विक्रम ने ईशान ने बाथटब सेक्स किया और कुछ देर बाद दोनों ने एक साथ अपने स्पर्म्स लोड को डिस्चार्ज किया। ईशान दिन ब दिन कमज़ोर होता जा रहा था और आज तो ईशान का भी स्पर्म लोड डिस्चार्ज हो गया। ईशान को दूसरी बार स्पर्म लोड डिस्चार्ज हुआ, जिसके बाद उसे बहुत ही ज्यादा वीकनेस हो गया और वो बेहोश हो गया। ईशान को टॉवल से पोछने के बाद खुद को भी टॉवल से पोछ कर सुखा कर विक्रम ईशान को अपनी बाहों में उठाकर बिस्तर पर लिटा दिया। आज ईशान का शरीर पहली बार इतना ठंडा पड़ गया था और बिस्तर पर सिकुड़ कर सो गया। विक्रम ने वार्डरोब से कम्बल निकाला और ईशान को ओढा दिया और उसे अपनी बाहों में लेकर सो गया। विक्रम ने आज ईशान के गांड में अपना लन्ड घुसा दिया और स्पूनिंग पोजीशन में दोनों सो गए। डोरबेल की आवाज़ सुनकर विक्रम की नींद तो खुली लेकिन ईशान अभी भी सो ही रहा था। विक्रम ने अपना नाईट वियर पहना और दरवाज़ा खोला, सामने निकिता खड़ी थी।

निकिता, “गुड मॉर्निंग पापा, आयशा भाभी कहाँ हैं?”

विक्रम, “गुड मॉर्निंग निक्की, आयशा सो रही है।”

निकिता, “इतनी देर तक?”

विक्रम, “हम्म!”

उसके बाद विक्रम फ्रेश होने चला गया। निकिता कमरे में गयी जहां ईशान अभी भी सो ही रहा था। निकिता ने ईशान को जगाया।

ईशान, “गुड मोर्निंग निकिता, तुम कब आयी?”

निकिता, “मैं तो अभी आयी, तुम अभी तक सो रही हो! तबियत ठीक तो है ना तुम्हारी?”

ईशान, “हाँ मैं ठीक हूँ, बस थोड़ा वीकनेस हो रहा है।”

निकिता, “यार ईशान, तुम्हारे साथ ये सब करवाना मुझे जरा भी अच्छा नही लग रहा है। मेरे पापा के सामने तुम इतने कमज़ोर हो जाओगे मुझे इसका अंदाज़ा नही था। दिन ब दिन तुम कमज़ोर होते जा रहे हो ईशान। तुम सेक्स चेंज करवा लो, मैं पापा को समझा लुंगी और तुम एक नई लाइफ में आगे बढ़ सकते हो।”

ईशान, “नही निकिता, ये वाकई काम कर रहा है। डॉक्टर ने जैसा कहा था, वैसा हो रहा है और अब तो इरेक्शन भी होना शुरू हो गया है। मुझे पूरा यकीन है कि मैं फिर से ठीक हो जाऊंगा। लेकिन एक बात तो है निकिता, इतने उम्रदराज होने के बावजूद तुम्हारे पापा आजकल के मर्दो को टक्कर दे सकते हैं।”

निकिता, “हाहाहा, अच्छा। मेरे पापा बहुत रोमांटिक भी हैं। बचके रहना कहीं प्यार नही करने लगना मेरे पापा से!”

ईशान, “नही निकिता, ऐसा नही है। लेकिन तुम्हारे पापा रियल मर्द हैं इसमे कोई शक नही।”

निकिता, “हाहाहाहा!”

निकिता ने ब्यूटी पार्लर से हाफ टाइम करके ऑफ लेने की बात कहकर ब्यूटी पार्लर के लिए निकल गयी। ईशान भी अपने कमरे में फ्रेश होने जाने लगा तो विक्रम ने उसे पीछे से पानी बाहों में जकड़ लिया और रोमांस करने लगा। विक्रम के बाहों की कसावट से ईशान के शरीर मे गर्माहट आने लगी और विक्रम का लन्ड भी तनकर खड़ा हो गया।

ईशान, “विक्रम जी अभी नही, आज शादी में जाना है और कल रात के बाद बहुत वीकनेस है।”

विक्रम, “आयशा रानी प्लीज्, सिर्फ एक राउंड उसके बाद मैं खुद तुम्हे ऊपर वाले कमरे में भेज दूंगा।”

ईशान, “प्लीज् विक्रम जी, मुझे पता है, आप एक बार शुरू हो गए तो रुकेंगे नही। और आज निकिता जल्दी आ जायेगी।”

विक्रम, “आई प्रोमिस मेरी रानी, एक राउंड के बाद मैं एक बार भी परेशान नही करूँगा।”

ईशान, “आप समझते क्यों नही है, आपके साथ एक राउंड सेक्स के बाद मुझे इतना वीकनेस होती है कि मैं कोई काम नही कर पाऊंगी। अभी तो ब्रेकफास्ट भी नही बना है, उसके बाद लंच भी बनाना है।”

विक्रम, “शशशश…. ! आई प्रोमिस, सिर्फ एक राउंड ही करूँगा, मुझे ऐसे भी मर तड़पाओ मेरी रानी!”

ईशान, “ठीक है लेकिन सिर्फ एक राउंड!”

ईशान की अनुमति मिलने की देर थी, विक्रम ने ईशान को अपनी बाहों में उठा लिया और अपने कमरे के बिस्तर पर ले जाकर लिटा कर उसके ऊपर आ गया। विक्रम के नीचे ईशान पूरी तरह दब सा गया। थोड़ी ही देर में दोनों न्यूड हो चुके थे और आपस मे रोमान्स कर रहे थे। ईशान सेक्स के टाइम खुद इतना एक्सआईटेड होने लगा था कि जी भर कर विक्रम के होंठो से अपने होंठ को चूमने को कहने लगता। रोमांस के बाद विक्रम भी ईशान के तन बदन को अपने चुम्बन से जगा दिया था। विक्रम ने समय नही गंवाया और ईशान को अपनी बाहों में उठा लिया और खड़े खड़े अगले पंद्रह मिनट्स तक हार्डकोर सेक्स किया और उसके गांड में अपना स्पर्म डिस्चार्ज कर दिया। ईशान ने विक्रम से रिक्वेस्ट किया कि एक बार उसके लन्ड में अपना लन्ड घुसा दे और स्पर्म्स का एक लोड उसमे में उड़ेल दे। विक्रम ने ईशान के लन्ड में अपना लन्ड घुसाया और दस मिनट्स के पेनिट्रेशन के बाद अपने स्पर्म्स का एक लोड ईशान के लन्ड में छोड़ दिया और काफी देर तक उसे अपनी बाहों में रखा। थोड़ी देर बाद ईशान ने अपने लन्ड से विक्रम के लन्ड को निकाला और अकेले ही वॉशरूम चला गया। ईशान ने अपने लन्ड को शेक करना शुरू कर दिया, लेकिन उसके लन्ड में इरेक्शन नही के बराबर हो रहा था। तभी अचानक वहां विक्रम आ गया और ईशान के लन्ड को अपने हाथ मे ले लिया।

ईशान, “विक्रम जी ऐसे नही, बाथटब में ले चलिए।”

ईशान की बात समझने में विक्रम को देर नही लगा और उसने ईशान को अपनी गोद मे उठा लिया, खुद बाथटब में लेट गया और अपने ऊपर ईशान को लन्ड पर बिठा लिया। विक्रम को अंदेशा था कि ईशान का स्पर्म तुरन्त डिस्चार्ज हो जाएगा, इसीलिए उसने अपने एक्सआईटमेंट को कंट्रोल नही किया और ईशान को चोदने लगा। जब क्लाइमेक्स की बारी नज़दीक आने वाला था उससे पहले ही विक्रम ने ईशान के लन्ड को अपने हाथ मे ले लिया और साथ ही सहलाने भी लगा। विक्रम और ईशान को एक साथ क्लाइमेक्स आया और एक साथ दोनो ने अपने स्पर्म्स को डिस्चार्ज कर दिया। ईशान को फिर से वीकनेस होने लगा, उसकी आँखों के आगे अंधेरा सा छाने लगा तब विक्रम ने उसे अपनी बाहों में उठाया और दोनो ने एक साथ स्नान किया। नहाने के टाइम भी ईशान के साथ रोमांस करने का एक भी मौका विक्रम ने नही छोड़ा। नहाने के बाद दोनो ने टॉवल से अपने गीले जिस्म को सुखाया और फिर ईशान वहीं बैठ गया।

ईशान, “आप कुछ भूल तो नही रहे!”

विक्रम, “क्या?”

ईशान, “सच मे आपको नही पता कि आज क्या है!”

विक्रम, “आज क्या है?”

ईशान, “हम्म, मैं किचन में जा रही हूँ, लंच बनाने।”

ईशान को यकीन नही हो रहा था कि दुनिया मे कोई मर्द ऐसा भी है जिसे ये भी नही पता कि आज क्या है। ईशान टॉवल में ही लंच बनाने लगा और दिन के 12 बजे से पहले लंच तैयार कर दिया। लंच तैयार करने के बाद ईशान जैसे ही किचन के बाहर आया, विक्रम ने ईशान को अपनी बाहों में उठा लिया।

विक्रम, “हैप्पी वैलेंटाइन डे आयशा रानी! बोलो क्या गिफ्ट चाहिए?”

ईशान, “याद आ गया आपको, किस्से पूछा आपने? और गिफ्ट पूछ कर नही दिया जाता, वो तो अपने दिल से दिया जाता है।”

विक्रम अपने कमरे में गया, वॉर्डरोब खोला और उसमें से एक नई कांचीवरम साड़ी जिसे एक बार भी निकिता की माँ ने यूज़ भी नही किया था और एक छोटा सा ज्वेलरी बॉक्स भी साथ मे लेकर ईशान के हाथों में रख दिया।

ईशान, “फिर से ज्वेलरी?”

विक्रम, “गिफ्ट टी गिफ्ट होता है मेरी रानी। खोल कर देखो तो सही।”

ईशान ने ज्वेलरी बॉक्स को खोल कर देखा तो उसमें सिर्फ एक ज्वेलरी थी और वो थी, किन्नौरी नथिया जो आम तौर पर पहाड़न औरतें नाक में पहनती हैं। और उस कांचीवरम साड़ी का वजन 5,7 किलो से कम नही था। मैचिंग बैकलेस ब्लाउज और पेटिकोट भी उसी पैकेट में था।

विक्रम, “आयशा, तुम अपनी नाक में ये नथिया पहन लो!”

ईशान, “आपको मेरा नथिया पहनना इतना पसंद है?”

विक्रम, “हां मेरी रानी, मेरा बस चले तो मैं हमेशा तुम्हारे नाक में अपने हाथों से ही नथिया पहनाऊँ!”

ईशान, “ठीक है, पहना दो आप अपने हाथों से, जैसे रात को पहनाया था।”

विक्रम ने जो मांगा ईशान ने उसे मना नही किया। विक्रम ने ईशान ने नाक में वो किन्नौरी नथिया अपने हाथों से पहना दिया और ईशान स्माइल करते हुए विक्रम की तरफ देखा। विक्रम ने ईशान को अपनी बाहों में लेकर स्मूच किया और ईशान से चेंज कर लेने को कहा।

ईशान, “सुनिए ना, ये नथिया तो बहुत ही ज्यादा भारी है। इसके वजन से मेरे नाक में दर्द हो रहा है, क्या मैं इसे उतार दूं?”

विक्रम, “तुम्हे अंदाज़ा भी नही है रानी, इस नथिया को पहनने के बाद तुम कितनी सुंदर दिख रही हो!”

ईशान, “आप भी ना!”

ईशान शरमा गया और उसने मैचिंग बैकलेस ब्लाउज, पेटिकोट के साथ कांचीवरम साड़ी पहन ली। वो साड़ी आम साड़ी के मुकाबले दोगुनी बड़ी थी। साड़ी पहनने के बावजूद ईशान की आँचल जमीन को छू रही थी। ईशान ने साड़ी की आँचल से घूंघट कर लिया और आँचल को अपनी कमर में लपेट लिया। ईशान ने अपने झुमकी पहन ली और अपने कमरे में चला गया। विक्रम अपने सोफे पर बैठ कर टीवी देखने लगा। थोड़ी देर बाद निकिता घर और आ गयी और उसके पापा ने गेट खोला।

निकिता, “पापा आयशा भाभी कहाँ है?”

विक्रम, “वो तो ऊपर अपने कमरे में है।”

निकिता के पास बहुत अच्छी ओप्पोर्चयुनिटी थी, अपने पापा से ईशान के बारे में बात करने की।

निकिता, “पापा, मुझे आपसे बात करनी है!”

विक्रम, “बोलो निक्की!”

निकिता, “पापा, आप आयशा भाभी से शादी करोगे?”

विक्रम, “ये तुम क्या बोल रही हो निक्की! ये तुम्हारी शादी करने का टाइम है, मेरी नही!”

निकिता, “पापा, मेरी शादी के बाद अकेले हो जाओगे। आयशा भी मेरी वजह से यहां रहती है। देखो पापा, मैं आयशा को शादी के लिए तैयार कर लुंगी लेकिन आप प्रोमिस करो कि आप दूसरी शादी करोगे!”

विक्रम, “निक्की, तू बहुत जिद्दी है। आयशा एक शीमेल है, मैं उससे कैसे शादी कर सकता हूँ?”

निकिता, “पापा, उसकी चिंता आप मत करो। मैं आयशा को पूरी तरह से औरत बनवा दूंगी, लेकिन आप प्रोमिस करो कि आप आयशा का हाथ थाम लोगे।”

विक्रम, “क्यों किसी की लाइफ बर्बाद करने पर तुली है निक्की। मेरी शादी की उम्र खत्म हो चुकी है, ऐसा मत कर!”

निकिता, “नही पापा, आपको शादी करना पड़ेगा। आयशा को मैं शादी के लिए रेडी कर दूंगी, हालांकि आयशा को शादी करने के लिए रेडी करने में समय लगेगा लेकिन उसे मैं शादी के लिए तैयार कर लुंगी।”

विक्रम, “ठीक है, मैं आयशा से शादी करने को तैयार हूँ।”

निकिता, “दैट्स माय डैडी! आई लव यू!”

विक्रम, “आई लव यू टू बेटा!”

निकिता ने अपने पापा को हग किया और उन्हें कहा कि जब तक वो कन्फर्म ना करे आयशा के साथ शादी की बात ना करने को। विक्रम ने भी निकिता से कहा कि इसी महीने में राज से शादी कर लेने को, वो भी मान गयी। दोनो खुश हो गए क्योंकि निकिता सिर्फ अपने पापा के खातिर शादी करने को रेडी नही हो रही थी। निकिता ईशान के कमरे में गयी तो देखा उसके बिस्तर पर साड़ियां, अनारकली सूट्स, लहँगा चोली, सलवार कमीज और गहने रखे थे और ईशान अपनी सिल्क साड़ी को कमर में लपेट हुए, नाक में किन्नौरी नथिया और कानों में झुमकी पहने, उनके सामने बैठकर ये सोच रहा था कि शादी में जाने के लिए क्या पहनें।

निकिता, “क्या सोच रही हो डार्लिंग!”

ईशान, “सोच रही हूँ कि शादी में क्या पहनूँ!”

निकिता, “बहुत एक्सआईटेड हो रमेश की शादी में जाने को, क्या बात है?”

ईशान, “ही इज़ माय बेस्ट फ्रेंड यार। शादी में जाना है और रात होने से पहले वापिस घर भी आना है। जल्दी सेलेस्ट करो ना!”

निकिता, “अच्छा, मैं बताती हूँ कपड़े कैसे सेलेक्ट करना है।”

ईशान, “कैसे?”

निकिता, “तुम मेरे लिए एक ड्रेस सेलेक्ट करो।”

ईशान ने निकिता के लिए क्रीम शिफॉन ट्रांसपेरेंट साड़ी और मैचिंग रेड बैकलेस ब्लाउज को सेलेक्ट किया और साथ मे लाइट वेट ज्वेलरीज और हाई हील्स सेलेक्ट किया। निकिता ने ईशान के सिलेक्शन की तारीफ की और उसे भी सेम ऑउटफिट सजेस्ट किया। निकिता ईशान के लिए गुलाबी शिफॉन ट्रांसपेरेंट साड़ी और मैचिंग रेड बैकलेस ब्लाउज के साथ सेम लाइट वेट ज्वेलरीज और हाई हील्स सेलेक्ट किया। दोनो जब तैयार हुई तो ट्विन्स की तरह एक जैसा मेकअप, एक जैसी ज्वेलरीज में कमाल की हॉट दिख रहे थे। तैयार होकर जब ईशान और निकिता रमेश और सीमा की शादी में पहुँचे, तब वहाँ स्टेज पर रमेश दूल्हे के लिबास में और सीमा दुल्हन की लिबास में एक साथ जयमाला के लिये हाथों में फूलों का माला लिये खड़े थे। रमेश के बगल में उसके परिवार के साथ ईशान के चाचा चाची भी खड़े थे। सीमा के बगल में उसके परिवार के सभी लोग खड़े थे। ईशान ने निकिता को बताया कि उसके चाचा चाची भी यहां आए हुए हैं।

ईशान, “निकिता, वो रमेंश के बगल में उसके पेरेंट्स खड़े हैं और ठीक उनके बगल में मेरे वही चाचा चाची खड़े हैं जिन्होंने मुझे घर से बेदखल कर के मेरे पापा के बिज़नेस पर अपना हक जमा लिया।”

निकिता, “कोई बात नही ईशान, पास्ट पर ध्यान मत दो। वैसे भी रमेश और सीमा के अलावे कोई तुम्हारी असलियत नही जानता, सो रिलैक्स एंड एन्जॉय!”

तभी वहां पर एक अनजान शख्स आ गया, विजय नाम था उसका। विजय सीमा का भाई था और वो देखने मे अभिषेक बच्चन की तरह लम्बा लेकिन हेल्थी था।

निकिता, “मे आई नो यू!”

विजय,”नो, आप मुझे नही जानतीं! मैं दुल्हन का भाई हूँ!”

निकिता, “सीमा के भाई हो तुम! ग्रेट!”

विजय, “लेकिन मुझे आपसे नही, आपके साथ जो मैडम हैं उनसे कुछ बातें करनी है।”

निकिता, “हांजी बात कर लो मैडम से!”

विजय, “इनका नाम क्या है!”

निकिता, “इन्ही से बात कर लो!”

विजय, “एक्सक्यूज़ मि, मैं विजय, सीमा का भाई! क्या मैं आपका नाम जान सकता हूँ!”

ईशान, “मेरा नाम आयशा है!”

विजय, “मैं यहां बैठ जाऊं?”

ईशान, “हाँ हाँ, बैठ जाओ!”

विजय, “आप बहुत सुंदर हैं आयशा जी! इस शादी में दूल्हा दुल्हन के अलावे सिर्फ आप दोनों की जोड़ी में ही वो रौनक है जो सभी को अपनी तरफ आकर्षित कर रही है।

ईशान, “थैंक्स!”

विजय, “तो आज पूरी शादी देख कर ही जाओगी ना आप!”

ईशान, “सॉरी विजय जी, जयमाला के बाद निकल जाउंगी। वो क्या है ना, मेरा बॉयफ्रेंड मेरे लिए वेट कर रहा है।”

बॉयफ्रेंड वाली बात सुनते ही विजय वहां से हड़बड़ा के उठकर चला गया। ईशान और निकिता दोनो हसने लगे। जयमाला की रस्म के बाद ईशान और निकिता ने रमेश और सीमा को गिफ्ट दिया और वेल विशेष देने के बाद दोनों ने डिनर किया और घर आ गए। घर आकर निकिता ने चेंज कर लिया और जब ईशान चेंज करने जा रहा था तो विक्रम ने उस रोक लिया। विक्रम ने ईशान से कहा कि वो कल वाली किन्नौरी नथिया ले आने को और साथ ही बड़ी वाली झुमकी भी।

ईशान, “यार आप बड़े वो हैं!”

फिर ईशान अपने कमरे से किन्नौरी नथिया और बड़ी वाली झुमकी ले आया और विक्रम ने एक बार फिर उसके नाक में अपने हाथों से वो नथिया पहना दिया और कानों में झुमकी भी पहनाया।

विक्रम, “ऐसे ही सज धज के रहा करो मेरी रानी!”

ईशान कुछ भी नही बोला और शरमा कर साड़ी के आँचल को अपने कंधे पर रख लिया। जब निकिता फ्रेश होकर वाशरूम से बाहर आई तो उसने ईशान की तरफ देखा और उसकी खूबसूरती की तारीफ की। ईशान ने उसे थैंक्स कहा और निकिता सोने ईशान के कमरे में चली गयी। निकिता के जाते ही विक्रम ने ईशान को अपनी बाहों में भर लिया। दोनो के बीच एक बार फिर से रोमांस शुरू हो गया, उसके बाद 3 राउंड हार्डकोर सेक्स, डिक डॉकिंग सेक्स और बाथटब सेक्स के बाद ईशान के अंदर इतनी ताकत नही बची कि वो खुद से खड़ा भी हो सके। हमेशा की तरह विक्रांत की बाहों में ईशान उसके बैडरूम में गया और दोनो एक दूसरे की बाहों में सो गए। एक बार फिर विक्रांत ने रात भर अपना लन्ड ईशान के लन्ड में घुसाए रखा और बीच बीच मे स्ट्रोक्स भी लगाता रहा। ईशान को विक्रांत के साथ सेक्स और उसके स्पर्म्स लोड को टेस्ट करने में मजा आने लगा था और विक्रांत भी ईशान के साथ बहुत आनन्द में था। इधर निकिता ने ईशान की मेडिसिन्स को बदल दिया था जिसके बाद ईशान के शरीर मे होने वाले बदलाव एक बार फिर से तेज़ हो गए। 15 दिनों के बाद निकिता की शादी का डेट फिक्स किया गया था। ईशान सबकुछ भुला कर दिन रात विक्रांत की सेवा में लगा रहता, निकिता के लिए ब्रेकफास्ट, लंच, डिनर, स्नैक्स सब टाइम से खुद से ही करने लगा था। विक्रांत के अंडरवियर तक ईशान खुद से ही धोता और कभी कभी उसका स्मेल भी करके एक्सआईटेड हो जाता। ईशान के लाइफ में आ जाने भर से विक्रांत की लाइफ स्टाइल चेंज हो चुकी थी, अब वो हर रोज़ सुबह सुबह मॉर्निंग वॉक पर जाने लगा, लोगों से मिलना जुलना शुरू कर दिया, टाइम से खाना पीना, शराब छोड़ दिया और अब तो ईशान के साथ रोमांस का कोई फिक्स टाइम नही होता। जब विक्रांत का मन होता है ईशान को अपनी बाहों में जकड़ लेता और रोमांस करने लगता। इधर ईशान ने गौर नही किया कि उसके शरीर मे कितने बदलाव हो रहे हैं। ईशान के हिप्स पहले के मुकाबले थोड़े वाइड हो गए थे, चेहरे पर बाल का रेशा भी नही आता, चेस्ट भी मोटा और गोल शेप लेने लगा था और लन्ड का स्ट्रेंथ तो बिल्कुल ही खत्म हो गया था। निकिता की शादी की तैयारियों में ईशान इतना व्यस्त हो गया था कि खुद के लिये टाइम ही नही निकाल पा रहा था, दो दिन बचे थे निकिता की शादी में। हालांकि शादी मंदिर में करने की बात हुई थी लेकिन हल्दी और मेहंदी की रस्में अभी बाकी थीं। राज के घर से हल्दी उबटन लेकर उसका भाई आया, जो उम्र में बहुत छोटा था। घर मे निकिता की काफी फ्रेंड्स आयी हुई थी, मेला से लगा था घर मे। उन लड़कियों के रहने का इंतज़ाम ईशान के कमरे में कर दिया गया था और खाने पीने के इंतेज़ाम के लिए खानसामा को बुला लिया गया था।

हल्दी वाली शाम, ईशान वाले कमरे में ही सभी लड़कियों ने लेडीज संगीत का फंक्शन रखा। निकिता को ईशान के कमरे में ले जाया गया और लेडीज़ संगीत शुरू हो गयी। शाम 7 बजे जो लड़कियों नाचना गाना शुरू किया, रात के 10 बजे तक नाचते गाते रहे। लड़कियों ने निकिता को भी नचाया और साथ मे ईशान को भी। लेडीज़ संगीत में सभी लड़कियां और पड़ोस की औरतें थी सिवाय एक लड़के की। ईशान लड़की नही था लेकिन वहां बैठी किसी भी औरत या लड़की को इसका एहसास नही हुआ। अगले दिन मेहंदी की रसमें होनी थी और घर मे बहुत सारा काम पेंडिंग था। रात के 11 बजे जब ईशान और निकिता नीचे कमरे में आये तो देखा कि विक्रांत को भूख लगी थी। ईशान ने तुरंत विक्रांत और निकिता के लिए खाना सर्व किया और दोनो को डिनर करवाने के बाद खुद भी डिनर किया। डिनर के बाद निकिता बहुत देर तक अपने पापा के साथ बात करती रही और फिर अपने कमरे में सोने चली गयी। ईशान समझ पा रहा था कि बेटी की शादी एक बाप के लिए सबसे इमोशनल मोमेंट होता है लेकिन निकिता के सोने जाने के बाद विक्रांत ने ईशान को अपनी बाहों में उठा लिया और कमरे में ले गया। ईशान ने विक्रांत से कहा कि उसका बॉडी पेन कर रहा है तो विक्रांत ने सरसो के तेल से ईशान के पूरे बॉडी पर आधे घण्टे तक मसाज किया जिसके बाद ईशान को बहुत रिलैक्स फील हुआ।

ईशान, “आप तो बहुत अच्छा बॉडी मसाज करते हैं। मेरे शरीर का सारा दर्द गायब हो गया।”

विक्रांत, “हाहाहा, चलो बढ़िया है। वैसे तुम मेरी लाइफ में नही होती तो मेरा क्या होता!”

ईशान, “देवदास बने रहते, और क्या!”

विक्रांत, “हम्म! बात तो सही है!”

इससे पहले की ईशान कोई जवाब देता, विक्रांत ने ईशान को बाहों में भर लिया और एक दूसरे की आगोश में समा गए। पहले कुछ दिनों ईशान को ड्रामा करना पड़ता था, लेकिन अब तो ईशान विक्रांत की बाहों में समाने को चौबीस घण्टे तैयार रहता। रात भर में हर रोज़ की तरह हार्डकोर सेक्स, डिकडॉकिंग सेक्स, बाथटब सेक्स, स्टैंडिंग पोजीशन सेक्स और अब तो विक्रांत ईशान को बीएसडीएम के लिए भी कहने लगा था। इतने सारे हार्डकोर सेक्स पोसिशन्स में सेक्स के बाद ईशान बेसुध हो गया और विक्रांत की बाहों में सो गया। अगली सुबह जल्दी उठकर ईशान ने घर के सारे काम और लंच बना कर 7 बजे तक फ्री हो गया और नहाने के लिये वाशरूम में चला गया। इधर निकिता भी सो रही थी और विक्रांत भी। नहाते समय ईशान ने अपने शरीर पर गौर किया, उसके शरीर की बनावट लड़कियों जैसी कर्वी हो गयी थी, सीना भी पहले के मुक़ाबके ज्यादा मोटा हो गया था, निप्पल्स को छूने भर से ईशान का पूरा शरीर में सिहरन होने लगा था। ईशान ने अपने लंबे घने बालों का जुड़ा बना लिया और अपने शरीर पर एक बार फिर से गौर किया। ईशान के शरीर पर एक भी बाल का रेशा तक नही था और उसका शरीर पहले के मुक़ाबके ग्लो कर रहा था। ईशान ने काफी दिनों बाद अकेले ही बाथटब में स्नान किया और मास्टरबेट करने की कोशिश भी की। लेकिन काफी देर तक मास्टरबेट करने के बावजूद उसके लन्ड पर जरा भी प्रभाव नही पड़ा और वो सिकुड़ कर और भी छोटा दिखने लगा। स्नान करने के बाद जब सीने ओर टॉवल लपेट कर ईशान कमरे में गया तो देखा कि विक्रांत कुछ इमोशनल हो गया है। ईशान विक्रांत के इमोशन्स को समझ सकता था, उसकी बेटी शादी करके हमेशा के लिए घर छोड़कर जाने वाली थी और इस बात से कोई भी बाप का इमोशनल होना वाजिब बात होती है। ईशान ने विक्रांत के कंधों पर हाथ रखा और उसके गालों पर किस करते हुए उससे फ्रेश हो जाने को कहा। विक्रांत ने कोई रिप्लाई नही किया और फ्रेश होने चला गया। जब विक्रांत फ्रेश होकर बाहर आया तो ईशान अभी भी टॉवल में ही बैठा था।

विक्रांत, “तुमने कुछ भी नही पहना अभी तक!”

ईशान, “मैं क्या पहनूँ, मेरे कुछ समझ मे नही आ रहा है!”

विक्रांत, “अच्छा, मैं समझ गया। तुम्हारे लिए मेरे पास एक और साड़ी है, ये लो, इसे पहन लो!”

ऑरेंज साटन साड़ी, सिल्वर बैकलेस ब्लाउज और स्ट्रीचबल पेटिकोट देते हुए विक्रांत ने ईशान से कहा कि वो आज हैवी ज्वेलरीज ही पहने। साड़ी पहन कर तैयार होने में ईशान को ज्यादा टाइम नही लगा, लेकिन साटन साड़ी कुछ ज्यादा लम्बी नही थी और साड़ी पहनने के बाद ईशान को अपनी कमर पर खालीपन फील हो रहा था। जैसे ही ईशान ने अपना मेकअप पूरा किया, विक्रांत ने ईशान के नाक में एक राजस्थानी नथिया, कानों में बड़े वाले झुमकी, कमर में हैवी और काफी भारी भरकम चांदी की पायल अपने हाथों से पहनाया। ईशान को विक्रांत का इतना केयरिंग होना बहुत अच्छा लगने लगा था। उसके बाद ईशान ने विक्रांत के होंठ पर एक किस किया जिसके बाद उसके होंठों का लिपस्टिक मार्क विक्रांत के होंठो ओर छप गया। ईशान ने विक्रांत के लिपस्टिक साफ कर लेने को कहा और सब के लिए खाना पकाने किचन में चला गया। 2 घण्टे में निकिता के सभी फ्रेंड्स के लिए, चाय नाश्ता और खाना रेडी था। इतने देर में निकिता भी गहरी नींद से जाग चुकी थी और अपने दोस्तों से मिलने ऊपर ईशान के कमरे में गयी। निकिता की कुछ एक फ्रेंड्स ईशान के लिए अपने भाई के रिश्ते के लिए झगड़ रहीं थी तब निकिता ने उन्हें समझाया कि ईशान एंगेज़्ड है। फिर भी कुछ लड़कियां ईशान से अपने भाई से ब्याह करवाने की बात में उलझी पड़ीं थी, निकिता अपनी शादी को बहुत एन्जॉय कर रही थी। निकिता की सहेलियों ने उसे मेहंदी लगवाने को अपने पास ही बिठा लिया और मेहंदी लगाने के लिए आपस मे उलझने लगीं। फिर सबने मिलकर निकिता को मेहंदी लगाने के लिए एक मेहंदी एक्सपर्ट को सेलेक्ट किया और मेहंदी का प्रोग्राम शुरू हुआ।

इधर ईशान विक्रांत के साथ बैठा यही सोच रहा था कि कल निकिता को ब्याह कर राज अपने साथ ले जाएगा, एक महीना होने को है, बॉडी पहले से ज्यादा ही फेमिनिन होते जा रहा है और मर्द को देखकर उसके प्रति आकर्षण, ये सब समझ के परे है और वो क्या करेगा इस बारे में सोच सोच कर काफी परेशान हो गया था। एक मर्द की बाहों में खुद की बेबसी ईशान को झकझोरती जा रही थी। आखिर वही हो रहा था जिसका ईशान को डर था, शारीरिक रूप से और चाल ढाल से ईशान दिन ब दिन फेमिनिन होता जा रहा था और जब विक्रांत की बाहों में होता तब तब वो खुद को और भी कमजोर महसूस करने लगता। ईशान का शरीर और दिमाग आपस मे तालमेल नही बिठा पा रहे थे जिसका नेगेटिव इम्पैक्ट ईशान के दिलोदिमाग पर पड़ रहा था। विक्रांत ने ईशान से पूछा कि वो क्यों इतनी परेशान है तो ईशान ने मुस्कुराकर बात को टाल दिया और शादी पर फोकस करने की सलाह दी। निकिता का फोन चार्जिंग में लगा था और बार बार राज का कॉल आ रहा था। विक्रांत ने ईशान से कहा कि ऊपर जाकर निकिता की बात राज से करवा देने को। ईशान निकिता के फोन को लेकर अपने कमरे में गयी जहां लड़कियां आपस मे बैठ कर हंसी मजाक कर रहीं थी और निकिता उन के बीच शरमा रही थी। जब ईशान ने निकिता को फ़ोन दिया तो उसकी एक सहेली ने फ़ोन अपने हाथ मे ले लिया और ईशान को भी अपने बगल में बिठा लिया।

एक सहेली, “निकिता यार, ये राज जीजू तो बड़े ही बेसब्र हो रहे हैं।”

दूसरी सहेली, “हाँ यार, इतनी भी क्या बेचैनी निकिता!”

निकिता, “कुछ काम होगा उनको, एक बार कॉल करके बात करवा दो!”

इतने में राज का वीडियो कॉल आ गया और जिस सहेली के हाथ मे फ़ोन था उसने कॉल पिक कर लिया। थोड़ी हंसी ठिठोली के बाद राज की बात निकिता से हो गई। इधर कुछ लड़कियां ईशान को घेर कर उसे उसके बारे में सवाल पर सवाल किए जा रहीं थी। ईशान उन लड़कियों को कुछ सवालों का जवाब देता तो कुछ सवालों ओर चुप्पी साध लेता। ईशान को कुछ ज्यादा एम्बरर्समेंट होने लगा तो वो उठकर नीचे कमरे में बहाना बना कर चला आया। शादी की तैयारियों में शगुन और तिलक के समान को तैयार करते करते शाम हो गयी। इधर निकिता भी नीचे आ गई, घर मे चलने के लिए जगह कम पड़ रही थी। ईशान और अपने पापा को शगुन का सामान पैक करते हुए देखकर निकिता बहुत इमोशनल हो गयी। निकिता ने अपनी मेहंदी को स्पेशल आयल से साफ किया और फिर जब अपने हाथों को धोकर कमरे में आई तो ईशान ने मुस्कुराते हुए उसका स्वागत किया। निकिता ने ईशान को हग किया और दोनो कुछ इमोशनल हो गए। निकिता को अपने पापा से बिछड़ने का गम था तो उनकी लाइफ में ईशान के होने से खुश भी थी। ईशान ने निकिता से कहा कि वो उससे कुछ बात करना चाहती है और निकिता को उसके पापा के कमरे में ले गया।

ईशान, “यार निकिता, डॉक्टर का दिया एक महीना खत्म होने को है। लेकिन मेरी बॉडी में अभी भी कुछ भी चेंज नही हुआ। यार मैं क्या करूँ, किस डॉक्टर से अपना इलाज करवाऊं?”

निकिता, “ईशान, तुम्हारे शरीर मे होने वाले चेंज को रोकना इम्पॉसिबल था, ओपोलो वाले डॉक्टर ने पहले ही कहा था। मैने भी कहा था कि सेक्स चेंज करवा लो, औरत बन जाओ लेकिन तुम नही माने। और अब देखो अपनी हालत, दिन पर दिन कमज़ोर हुए जा रहे हो, चेस्ट और हिप्स दोनो पहले से काफी गोल शेप में आ गए हैं। अब मैक्स वाले डॉक्टर से मिलने का कोई फायदा नही है। तुम ओपोलो में अपना सेक्स चेंज आपरेशन करवा लो, खर्च मुझसे ले लेना और पापा रहेंगे तुम्हारी देखरेख में। औरत बन जाओ ईशान और अपनी लाइफ को आसान कर लो।”

ईशान, “यार, लेकिन औरत बनकर मेरी लाइफ आसान नही, बर्बाद हो जाएगी। कहाँ जाऊंगा औरत बनकर, कौन नौकरी पर रखेगा मुझे और मैं कैसे लाइफ में आगे बढूंगा?”

निकिता, “उसकी चिंता मत करो ईशान। अगर ज्यादा तकलीफ हो रही है तो मैं चलूं हॉस्पिटल!”

ईशान, “नही यार, तुम्हारी शादी है, मेरी वजह से अपनी शादी के बेहतरीन पलों को बर्बाद मत करो।”

निकिता, “ईशान, मुझे पता है कि मेरी शादी है लेकिन शादी के अगले ही दिन या उसी दिन, पापा को लेकर ओपोलो हॉस्पिटल में जाकर डॉक्टर से मिलना। वैसे ही बहुत देर कर चुके हो, तुम्हारे टेस्ट्स और डायग्नोस्टिक्स भी अब जरूरी हो गया है। ऐसा ना हो कि तुम्हारी जान पर बात बन जाये।”

ईशान, “निकिता, तुमने मुझे इतना सपोर्ट किया है और तुम्हारे पापा ने तो मेरी किसी बात का बुरा नही माना आज तक। इतने अच्छे कैसे हो सकते हो तुमदोनो!”

निकिता, “मेरा तो पता नही लेकिन मेरे पापा बहुत अच्छे हैं। मेरे जाने के बाद वो तुम्हारा ख्याल रखेंगे और हाँ, हॉस्पिटल जाना हो तो मुझे कॉल कर लेना या ब्यूटी पार्लर में आ जाना। वहीं से चलेंगे हॉस्पिटल!”

ईशान ने हामी भरी और निकिता से कहा कि कल वो अपने हाथों से उसे दुल्हन के लिबास में तैयार करेगी। निकिता भी यही चाहती थी, दोनो मुस्कुराते रहे और रात होने तक आपस मे बातें करते रहे। डिनर के बाद निकिता अपने कमरे में सोने चली गयी और ईशान विक्रांत के साथ उसके कमरे में। ईशान और विक्रांत एक ही बिस्तर पर थे, विक्रांत काफी इमोशनल हो रखा था। ऐसे में ईशान से नही रहा गया और उसने विक्रांत से सेक्स करने की अपील की। पहले विक्रांत ने ईशान से कहा कि उसका मन नही है लेकिन जब ईशान ने बिना उससे पूछे उसे 20 मिनट्स तक ब्लोजॉब दिया और उसके स्पर्म के लोड को पी लिया तब विक्रांत उत्तेजित हो गया। विक्रांत ने ईशान के पूरे कपड़े खुद ही उतार दिए और खुद भी न्यूड हो गया। विक्रांत ने ईशान को अपनी बाहों में उठाया और खड़े खड़े ही ईशान की चुदाई करने लगा। अलग अलग पोज़िशन्स में 4 राउंड हार्डकोर सेक्स के बाद जब ईशान ने विक्रांत से डिक डॉकिंग के लिये कहा तो वो तैयार हो गया। अगले 20 मिनट्स के डिकडॉकिंग सेशन के बाद ईशान के लन्ड में अपने स्पर्म का हैवी लोड डिस्चार्ज करने के बाद वो ईशान को बाथटब सेक्स के वाशरूम में ले गया। नेक्स्ट 10 मिनट्स के बाथटब सेक्स के बाद एक साथ ईशान और विक्रांत का स्पर्म डिस्चार्ज हो गया। दोनो कुछ देर तक ऐसे ही लेटे रहे। ईशान ने अपना होश संभाला तो विक्रांत की बाहों में उसके बिस्तर में हग करके सो गया। ईशान और विक्रांत के शरीर आपस मे चिपके हुए थे और विक्रांत का लन्ड ईशान के लन्ड में समा गया था। ईशान को विश्वास नही होता था कि किसी 50 साल से ज्यादा उम्र के आदमी के अंदर इतना सेक्स पावर भी रहता है और एक पल में उत्तेजना आ जाती है। ये सब कैसे पॉसिबल है, लेकिन पुराने जमाने का खानपान इस ढंग का होता था कि मर्द की मर्दानगी मरते दम तक रहती थी।

अगली सुबह, निकिता फ्रेश होकर नहाने के बाद रेडी थी, इधर ईशान ने ब्रेकफास्ट बना लिया था, लेकिन निकिता ने कहा कि आज वो फास्टिंग करेगी। ईशान और विक्रांत ने ब्रेकफास्ट किया और ईशान निकिता को सजाने के लिए ड्रेस और ऑर्नामेंट्स सेलेक्ट करने बैठ गए। निकिता ने महारानी स्टाइल डिज़ाइनर लहँगा, स्लीवलेस बैकलेस चोली, डिज़ाइनर ट्रांसपेरेंट दुपट्टा को सेलेक्ट किया। लहँगा वाकई काफी हैवी और उसका घेरा काफी बड़ा और लगभग 7 से 10 किलो का लहँगा था। ज्वेलरीज में निकिता ने अपनी पसंद की बड़ी बड़ी झुमकी, अपनी माँ के सोने के कंगन, सुहाग का चूड़ा सेट, हाथों में पहनने वाली सोने की हाथफूल, सोने के कमरबन्द, बाजूबन्द, मांगटीका, कुंदन सेट नेकलेस, नाक में पहनने के लिए बड़ी सी सोने की कुमाऊनी नथिया को सेलेक्ट किया। ईशान ने गौर किया कि जितनी भी नथिया निकिता ने अपने लिए रखा था वो काफी हल्का और मध्यम साइज का था। ईशान ने निकिता को विक्रांत का दिया सोने का किन्नौरी नथिया पहनने को दिया।

निकिता, “नही ईशान, ये मेरे पापा ने तुम्हे वैलेंटाइन डे पर गिफ्ट में दिया है, ये मैं नही ले सकती।”

ईशान, “नही निकिता, ये नथिया भले तुम्हारे पापा ने मुझे वैलेंटाइन डे पर गिफ्ट किया हो लेकिन ये नथिया तुम्हारी माँ की अमानत है। इस नथिया पर मुझसे ज्यादा तुम्हारा हक़ है और तुम्हारे चेहरे पर ये नथिया बहुत अच्छी लगेगी।”

निकिता ने बहुत मना किया लेकिन ईशान नही माना। शादी के लिए ड्रेस, ऑर्नामेंट्स, मेकअप किट, हील्स और तीन बैग्स में निकिता के कपड़े और जरूरी सामान लेकर ईशान, विक्रांत, निकिता एक कार में और निकिता की सहेलियां दूसरी कार में मंदिर पहुंचे। ईशान ने निकिता को लहँगा चोली में तैयार किया, ऑर्नामेंट्स और मेकअप का कमाल देखकर निकिता ने ईशान को एक बार फिर से गले से लगा लिया। निकिता के फिंगर नेल्स पर रेड नेल पॉलिश शाइन कर रहा था और नेल्स की शेप भी इतनी सुंदर कि कोई भी मर्द पागल हो जाये इतने सुंदर हाथ को देखकर। निकिता का मेकअप इतना सुंदर था कि निकिता की सहेलियों ने भी ईशान की खूब तारीफ की। निकिता ने जब अपने आप को आईने में देखा तो खुद को देखकर शरमा गयी। निकिता को आज ईशान के ब्यूटीशियन होने पर प्राउड फील हो रहा था। ईशान ने गौर किया कि निकिता का नैवेल ज्वेलरी मिसिंग है तो अपनी नाभि से नैवेल ज्वेलरी निकालकर निकिता की नाभि में पहना दी। बिंदी से निकिता का फ़ॉरहेड बहुत ही सुंदर तरीके से सजाया गया था। दुल्हन के लाल जोड़े में निकिता तैयार बैठी अपने होने वाले दूल्हा का इंतज़ार कर रही थी और उसकी सहेलियां उसे घेरे बैठीं हंसी मजाक कर रहीं थी। ईशान साइड में बैठा सबकुछ देखसुन रहा था और सोच रहा था कि लड़कियां इतनी एडल्ट बातें भी करती हैं। सुहागरात का डिस्कशन, हनीमून का डिस्कशन ये सब चल रहा था और ईशान निकिता को ऊपर से नीचे बार बार देख रहा था, वो कुछ भी मिस नही करना चाहता था। निकिता के हाथों में हथफूल बहुत ही सुंदर दिख रही थी, मांगटीका भी बड़ी वाली थी और किन्नौरी नथिया निकिता के छोटे फेस कट पर काफी सूट कर रही थी। थोड़ी देर में राज दूल्हे की तरह शेरवानी में तैयार होकर माथे लर राजस्थानी पगड़ी पहनकर आ गया था। जितनी अच्छी राज की हाइट थी, उसके ऊपर शेरवानी फब रही घी, कलाई में रोलेक्स घड़ी उसकी पर्सनालिटी पर चार चांद लगा रहे थे। पंडित पहले से ही शादी के हवन सामग्री के साथ दूल्हा दुल्हन का इंतज़ार कर रहे थे। मुहूर्त निकलने से पहले ही दूल्हा दुल्हन को मंडप पर बिठा दिया गया और पंडित के मंत्र भी शुरू हो गए। राज ने निकिता की मांग में सिंदूर भरा, गले मे मंगलसूत्र पहनाया और नाक से किन्नौरी नथिया उतारकर उससे भी हैवी किन्नौरी नथिया अपने हाथों से पहनाया। आधे घण्टे के रस्मो के बाद पंडित ने निकिता और राज को पति पत्नी घोषित किया। शादी के विधि पूरी होने के बाद विदाई का वक्त आ गया, सब इमोशनल हो गए। लेकिन निकिता के पापा सबसे ज्यादा इमोशनल हो गए। ईशान ने निकिता के पापा को सम्भाला और निकिता की विदाई के बाद उसकी सहेलियां भी अपने अपने घर चले गए। ईशान और विक्रांत अकेले बचे, बहुत मनाने पर विक्रांत को शांत करने के बाद ईशान उसे घर ले आया। आज ईशान ने देखा कि एक बेटी का बाप होना क्या होता है, कितनी जिम्मेदारियों को निभाना पड़ता है और जब बेटी विदा होकर अपने ससुराल चली जाती है तब उस बाप पर क्या गुज़रती है। खैर घर आने तक रास्ते भर ईशान ने विक्रांत को अपने सीने से लगाये रखा और घर आने के बाद विक्रांत को फ्रेश हो जाने को कहा। विक्रांत फ्रेश होकर आया तब उसने देखा कि ईशान घर की साफ सफाई में लगा था। पूरा घर अस्त व्यस्त हो रखा था लेकिन रात होने से पहले ईशान ने कमरे और किचन की साफ सफाई पूरी कर ली थी। ईशान ने देखा कि विक्रांत टीवी के सामने बैठे सिर्फ चैनल्स चेंज किये जा रहा था, ईशान समझ गया कि विक्रांत अभी भी अपसेट है। ईशान ने विक्रांत को डिनर सर्व किया।

विक्रांत, “मेरा मन नही है आयशा, निकिता को कॉल करके पूछो ना, कैसी है?”

ईशान, “आप डिनर कर लो ना, प्लीज्! मैं निकिता से कॉल करके पूछती हूँ!”

विक्रांत ईशान की बात को टाल नही सका और डिनर करने बैठ गया। इधर ईशान ने निकिता को कॉल किया, निकिता की ननद राशि ने कॉल पिक किया और बताया कि घर मे गृहप्रवेश की रसमें चल रही हैं और घर मे सभी बहुत खुश हैं। जब ईशान ने विक्रांत को बताया कि निकिता और राज का गृहप्रवेश की रसमें हो रही हैं और सभी बहुत खुश हैं। ये सुनकर विक्रांत बहुत खुश हो गया और डिनर करके फिर से टीवी देखने बैठ गया। ईशान ने भी डिनर किया और किचन में बर्तन धोने चला गया। बर्तन धोने के बाद ईशान ने देखा कि विक्रांत अभी भी अपसेट ही बैठा है।

ईशान, “आप अभी भी अपसेट हो। निकिता अपने ससुराल में कितनी खुशी खुशी गयी है। और जब उसको पता चलेगा कि आप इतने अपसेट हो तो उसे कितना बुरा लगेगा, ये बताओ जरा!”

विक्रांत, “आई नो आयशा, लेकिन लाइफ में पहली बार अकेलापन फील हो रहा है।”

ईशान, “ऐसे क्यों बोल रहे हो आप? मैं हूँ ना आपके पास, आपका ख्याल रखने को!”

विक्रांत, “आयशा, तुम हसीन हो, जवान हो और अभी उम्र ही क्या है तुम्हारी। मैं एक बूढ़ा आदमी जिसकी एक टांग कब्र में लटकी हुई है, मेरा क्या भरोसा, आज हूँ, कल नही!”

ईशान, “आप ऐसे बोलोगे तो मैं आपको छोड़कर चली जाउंगी, हमेशा के लिए!”

विक्रांत, “निक्की की माँ के बाद आज निक्की भी तो चली गयी, कल को तुम भी चली जाओगी फिर मैं और भी ज्यादा अकेला हो जाऊंगा!”

ईशान, “तो फिर मरने वाली बात दुबारा मत करना!”

विक्रांत, “हम्म!”

ईशान समझ चुका था कि विक्रांत अपनी बेटी के चले जाने से बहुत दुखी है।

ईशान, “मुझे कमरे में नही ले चलोगे आज?”

ईशान ने इतने प्यार से पूछा कि विक्रांत पिघल गया। उसने ईशान को अपनी बाहों में उठा लिया और कमरे में बिस्तर पर लिटा दिया लेकिन विक्रांत ने गौर किया कि ईशान का नाक खाली है।

विक्रांत, “आयशा, मैंने जो नथिया पहनाई थी सुबह, वो तुमने क्यों उतार दिया।”

ईशान, “वो मैने निकिता को दे दिया। आज निकिता की शादी में सबसे सुंदर नथिया की जरूरर उसे थी।”

विक्रांत, “हम्म! रुको एक मिनट!”

फिर विक्रांत ने चार पांच ज्वेलरी बॉक्स निकाला और ईशान से कहा कि उसमें से कोई भी नथिया को पसन्द कर ले। चूंकि सभी नथिया हैवी डिज़ाइनर और वजनदार थीं तो सेलेक्ट करने में प्रॉब्लम हो रहा था।

ईशान, “इतने सारे हैं ये तो, आप ही पसन्द करके पहना दो ना!”

फिर विक्रांत ने एक हैवी राजस्थानी नथिया निकाली और ईशान के नाक में डाल दिया। उस नथिया का वजन काफी ज्यादा था और उसमें गुड़िया भी नही लगी हुई थी। लेकिन विक्रांत की खुशी के लिए ईशान ने उस नथिया को स्वीकार कर लिया। उसके बाद ईशान ने विक्रांत को अपने ऊपर खींच लिया और उसे लिप टू लिप किस करने लगा। ईशान के एक चुम्बन ने विक्रांत को इतना एक्सआईटेड कर दिया कि उसका सोया हुआ लन्ड फिर से उत्तेजित हो गया। विक्रांत ने ईशान के सारे कपड़े खोल कर उसे न्यूड कर दिया और फिर खुद भी न्यूड हो गया। विक्रम ने ईशान के पूरे शरीर को चूमा और ईशान ने भी उसके हर एक चुम्बन पर आह निकालकर उसको और भी ज्यादा उत्तेजित करने लगा।

ईशान ने विक्रांत के लन्ड को अपने होंठों से ऐसे चूमना शुरू किया कि 15 मिनट्स से पहले ही विक्रांत का स्पर्म डिस्चार्ज हो गया और ईशान उस स्पर्म के लोड को पी गया। विक्रांत की उत्तेजना और भी ज्यादा हो गयी थी, ईशान का ऐसे सेंसुअल तरीके से ब्लोजॉब का मजा देना विक्रांत को बहुत मजा दे रहा था। विक्रांत ने भी ईशान के दोनों पैरों को फैलाकर उसके अंदर अपना सख्त लन्ड घुसा दिया और ईशान के अंदर अपने लन्ड की गर्मी पहुंचाने लगा। थोड़ी देर बाद ईशान को गोद मे उठाकर खड़े खड़े हार्डकोर सेक्स, फिर ईशान को घोड़ी बनाकर एक्सट्रीम सेक्स करने के बाद विक्रांत ने कई बार ईशान के गांड में अपना स्पर्म का हैवी लोड छोड़ता गया। डिकडॉकिंग सेशन के बाद बाथटब में हार्डकोर सेक्स के दौरान ईशान का स्पर्म डिस्चार्ज होते ही ईशान का बीपी ईतना लौ हो गया कि विक्रांत को उसे अपनी बाहों में उठाये रखकर उसके शरीर को सुखाना पड़ा। ईशान ने फिर भी अपनी आंखें नही खोली और उसका पूरा शरीर ठंडा पड़ गया था। विक्रांत ने ईशान को अपनी बाहों में लिया, उसकी गांड में अपना लन्ड घुसाया और कम्बल ओढ़ कर सो गया। एक मर्द के शरीर की गर्माहट पाकर ईशान आधी रात के बाद नार्मल हुआ और उसकी सांसें और कम्पकम्पी शांत हुई। सुबह के 8 बजे तक ईशान विक्रांत की बाहों में स्पूनिंग पोजीशन में सोया रहा। सुबह के 8 बजे विक्रांत का फोन बजने से विक्रांत और ईशान दोनो की नींद खुली। विक्रांत ने ईशान के गांड में से अपना लन्ड निकाल लिया और फोन पिक करके सोफे पर बैठ गया और निकिता से बात करने लगा। इधर आवाज़ सुनकर ईशान की भी नींद खुल गयी, ईशान नींद से जाग गया तो देखा विक्रांत सोफे पर बैठा निकिता से बात कर रहा है। ईशान ने कपड़े भी नही पहना और जाकर विक्रांत की गोद मे लेट गया। विक्रांत एक बार फिर से उत्तेजित हो गया और ईशान के मुह में अपना लन्ड घुसा कर उसे ब्लोजॉब देने लगा। थोड़ी देर बाद जब ईशान ने विक्रांत के गर्म वीर्य के लोड को पी लिया और उठकर वाशरूम की तरफ बढ़, वैसे ही विक्रांत खड़ा हो गया और ईशान की कमर को अपनी बाहों में जकड़कर उसके गांड में अपना लन्ड घुसा दिया और अगले 20 मिनट्स के हार्डकोर सेक्स के बाद ईशान के गांड में अपना स्पर्म लोड डिस्चार्ज कर दिया। फिर ईशान को अपनी बाहों में लेकर विक्रांत वाशरूम में नहाने ले गया। दोनो ने साथ में स्नान किया और फिर बाहर आकर ईशान ने विक्रांत की पसन्द की साड़ी पहनकर ब्रेकफस्ट और लंच तैयार करने चला गया। ब्रेकफस्ट और लंच तैयार करने के बाद ईशान और विक्रांत ने साथ बैठकर ब्रेकफास्ट किया और फिर टीवी खोलकर दोनो एक साथ सोफे पर बैठ गए!

ईशान, “विक्रांत जी, आपने दूसरी शादी क्यों नही की?”

विक्रांत, “ना तो मैंने कभी दूसरी शादी के बारे में सोचा और ना कभी दूसरी शादी के लिए लड़की देखी?”

ईशान, “आप अपनी पत्नी से बहुत प्यार करते थे ना?”

विक्रांत, “हाँ, मैं आज भी रानी से बहुत प्यार करता हूँ और मरते दम तक करता रहूंगा।”

ईशान, “आप मुझे किस नज़र से देखते हैं?”

विक्रांत, “तुम तो मेरी जान हो! आज तुम्हारे कारण ही निकिता की शादी हो सकी है और तुम ही हो जिसकी वजह से आज मैं देवदास नही बना! मेरी रानी के जाने के बाद और तुम्हारे मेरे लाइफ में आने के बाद मुझे पहली बार एहसास हुआ कि मुझे दूसरी शादी कर लेनी चाहिए थी।”

ईशान, “मैं आपसे कुछ कहना चाहती हूं!”

विक्रांत, “बोलो मेरी जान!”

ईशान, “आज मै हॉस्पिटल में एडमिट होने जा रही हूं?”

विक्रांत, “क्यों तुम्हे क्या हुआ? तुम ठीक तो हो ना!”

ईशान, “हाँ मैं ठीक हूँ, लेकिन जब से आपके साथ रिलेशनशिप में आई हूं। मेरी बॉडी पहले की अपेक्षा बहुत ही ज्यादा फेमिनिन हो गयी है। मेरे शरीर मे फीमेल इंटरनल ऑर्गन्स डेवेलोप हो रहे है, मुझे डॉक्टर से मिलना होगा।”

विक्रांत, “ठीक है, मैं भी तुम्हारे साथ हॉस्पिटल चलूंगा!”

ईशान, “नही विक्रांत जी, निकिता से बात हो गयी है। ब्यूटी पार्लर से हमदोनो एकसाथ हॉस्पिटल चले जाएंगे।”

विक्रांत, “हम्म! हॉस्पिटल में आज ही एडमिट हो जाओगी?”

ईशान, “कह नही सकती लेकिन अगर एडमिट होना पड़ा तो अगले 3 महीनों या उससे भी ज्यादा टाइम तक मुझे हॉस्पिटल में एडमिट रहना होगा।”

विक्रांत, “ठीक है आयशा! आई होप सब अच्छा हो!”

ईशान, “आप आना मुझसे मिलने हॉस्पिटल में, आओगे ना आप?”

विक्रांत, “जरूर आऊंगा! लेकिन आज डॉक्टर से बात करके कॉल जरूर करना और बताना कि डॉक्टर ने क्या कहा है!”

ईशान, “हम्म! हॉस्पिटल कौन सी साड़ी पहनकर जाऊं?”

विक्रांत, “कांचीवरम साड़ी, यहां आओ मेरे पास।”

ईशान विक्रांत के पास गया तो विक्रांत ने ईशान को अपनी बाहों में भर लिया और उसे जबरदस्त स्मूच किया। उसके बाद विक्रांत कमरे में गया और ईशान के लिये सोने की लौंग लेकर आया जिसमे हीरा जड़ा था। विक्रांत ने ईशान के नाक में वो सोने का लौंग पहना दिया और फ़ी ईशान तैयार होने ऊपर अपने कमरे में गया। ईशान के कमरे की हालत अच्छी नही थी। ईशान ने कमरे की साफ सफाई की और फिर तैयार होकर घर से निकल गया। ईशान घर से सीधे ब्यूटी पार्लर में गया जहां से निकिता के साथ वो हॉस्पिटल जा पहुंचा और डॉक्टर से मिला। डॉक्टर ने ईशान के सिटी स्कैन, एमआरआई स्कैन, एक्सरे, ब्लड टेस्ट्स करवाया और 2 घण्टे के अंदर सभी के रिपोर्ट्स भी आ गए। डॉक्टर ने रिपोर्ट्स को अच्छे से देखा।

डॉक्टर, “ईशान, आपके शरीर मे फीमेल ऑर्गन्स 40 परसेंट डेवेलोप हो चुके हैं और आपके ब्लड टेस्ट्स के हिसाब से आपके शरीर मे अब 90 परसेंट फीमेल हॉर्मोन्स है जो आपके 10 परसेंट मेल हॉर्मोन्स को डोमिनेट कर रहे हैं। अब आपको अपना सेक्स चेंज करवा लेना चाहिए।”

ईशान, “जी डॉक्टर मैं तैयार हूँ, यहां एडमिट होने के लिए क्या करना होगा?”

बोकते बोलते ईशान की आंखें डबडबा गयी। आखिर ये फैसला लेना कितना मुश्किल था ईशान के लिये, ये ईशान भी जानता था और निकिता भी। ईशान ने इस दिन से बचने के लिए खुद को औरत समझ कर एक मर्द को अपना एक महीना समर्पित कर दिया था। क्या नही किया ईशान ने , एक मर्द के साथ दिन रात हार्डकोर सेक्स हो या ब्लोजॉब हो, फिर से अपनी मर्दानगी को हासिल करने के लिये लेकिन हुआ वही जो नसीब में लिखा था। ईशान को अपना सेक्स चेंज करवाना पड़ रहा था। नर्स आयी और डॉक्टर ने उसे बताया कि ईशान सेक्स चेंज करवाने वाले पेशेंट है और नर्स ईशान को अपने साथ ले गयी। नर्स ने ईशान को हॉस्पिटल में एडमिट करने के प्रोसीज़र्स करवाने के बाद ईशान को एडमिट ले लिया। नर्स ने ईशान को हॉस्पिटल गाउन दिया और कहा कि वो चेंज कर ले और अपनी सारी ऑर्नामेंट्स भी उतार दे। ईशान ने गाउन पहन ली और कपड़े और ऑर्नामेंट्स निकिता को बैग में पैक करके दे दिया। इधर निकिता ने ईशान के बॉडी स्ट्रक्चर के बारे में डॉक्टर से डिस्कस किया और ऑवरग्लास बॉडी शेप पर बात फाइनल हुई। निकिता ने जाने से पहले ईशान को कहा था कि उसके पापा रात को हॉस्पिटल में ही रुकेंगे और दिन में किसी भी टाइम वो ईशान से मिलने आ जाया करेगी। डॉक्टर की फिस सहित 7 लाख रुपये एडवांस जमा करने के बाद निकिता ईशान को हॉस्पिटल में अकेला छोड़ कर चली गयी। ईशान बहुत ही इमोशनल हो रहा था और बहुत ही ज्यादा अकेलापन महसूस कर रहा था, तब नर्स ने उसे समझाया कि सेक्स चेंज आपरेशन करवानी हो तो अंदर से खुद को मजबूत करना होगा। ईशान ने भी समझा कि अब उसे लाइफ में आगे बढ़ने का समय आ गया है और इस स्त्रीत्व को स्वीकारना ईशान का फेट बन चुका था। अभी ईशान अपने भविष्य के लिए सोचना शुरू भी नही किया था कि उसका फोन बज उठा। विक्रांत ने कॉल किया था और ईशान ने कॉल पिक किया।

विक्रांत, “आयशा, क्या तुम हॉस्पिटल में एडमिट हो गयी? क्या हुआ है तुम्हे? तबियत ज्यादा खराब है क्या?”

ईशान, “नही विक्रांत जी, मैं ठीक हूँ। मैं अपना सेक्स चेंज करवा रही हूँ ताकि मैं पूरी तरह औरत बन सकूँ!”

विक्रांत, “मैं रात को आऊंगा हॉस्पिटल, निकिता से बात की है मैंने। वो तो अपने ससुराल चली जायेगी, मैं रात को आऊंगा!”

ईशान, “ओके विक्रांत जी!”

फ़ोन कटने के तुरंत बाद रमेश ने भी कॉल किया। ईशान ने रमेश को बताया कि उसे अपना सेक्स चेंज आपरेशन करवाना पड़ रहा है। रमेश ने ईशान से कहा कि वो हिम्मत ना हारे, वो और सीमा कल ही उससे मिलने आएंगे।

अगले दिन से ईशान का ऑपरेशन शुरू हुआ। पहले 1 महीने तक उसे फीमेल हॉर्मोन्स और कुछ इंजेक्शन्स लगाये गए। ईशान को अगले 15 दिनों तक मेल ब्लॉकर हॉर्मोन्स, फीमेल हॉर्मोन्स के इंजेक्शन्स पर और एक खास तरह के मशीन में रखा गया। ईशान पहले से कहीं ज्यादा इमोशनल और मर्दो के प्रति आकर्षित होने लगा था। जब डॉक्टर उसे चेकअप के लिए बॉडी को टच करता तो उसकी सांसें तेज़ होने लगती। इधर पूरे देश मे कोविड19 के बढ़ते प्रकोप के कारण लॉकडाउन लगा दिया गया । अब ईशान से मिलने ना तो विक्रांत ही आता और ना ही निकिता, लेकिन दोनों 24 घण्टे ईशान के टच में रहने लगे। ईशान को इमोशनली सपोर्ट की बहुत जरूरत पड़ने लगी थी और अब हॉस्पिटल में नर्सेज भी कम कर दी गईं थी। पूरा देश बन्द था और ऐसी शांति कि 10 किलोमीटर पर कहीं कोई बात भी करता तो उसकी आवाज़ गूंजती। इंडियन गवर्नमेंट में डॉक्टर्स को हॉस्पिटल जाने की छूट दी हुई थी तो डायरेक्ट डॉक्टर के कंसल्टेशन में ईशान का ऑपेरशन आगे बढ़ा। दूसरा महीने के खत्म होने से पहले ईशान के लेग्स और कमर शेप लेने लग गए, चेहरे पर दाढ़ी के रेशे भी आने बन्द हो गए, चेस्ट अब बूब्स में कन्वर्ट होने लगी और हिप्स भी राउंड होने लगी। महीने के अंत मे ईशान का ब्रैस्ट एनलार्जमेंट, गर्भाशय का निर्माण 100%, बॉडी की लेज़र ट्रीटमेंट, और बॉडी की री मॉडिफिकेशन की गई। जिसके बाद, ईशान का शरीर पहले से काफी कोमल और सेंसेटिव हो गया। तीसरे महीने में ईशान का पेनिस उसके बॉडी से रिमूव कर दिया गया और वजीनोप्लास्टी के माध्यम से उस जगह पर सिलिकॉन की पिंक वजाइना को सेट कर दिया गया और उसे गर्भाशय से जोड़ दिया गया। ईशान को उस दर्द का एहसास हुआ, जिस दर्द के बारे सोच सोच कर पिछले दो महीनों से वो घबरा रहा था। जब वजीनोप्लास्टी के बाद ईशान पहली बार खुद चल कर वाशरूम में गया, जब उसके बड़े बड़े 32D बूब्स उसके हर कदम के साथ ऊपर नीचे बाउंस कर रहे थे, पैरों के बीच लन्ड भी नही था तो ईशान की चलने का तरीका आटोमेटिक फेमिनिन हो गया। था। वाशरूम में जाकर जब ईशान रो रहा था तब उसने गौर किया कि उसका आवाज़ अभी भी लड़को के जैसी ही है, बूब्स आहूत ही सुंदर और आकर्षक थे, निप्पल्स का हल्का उभार ईशान के बूब्स की खूबसूरती और बढ़ा रही थी। जब ईशान ने पैरों म बीच देखा तो उसकी वजाइना काफी हद तक नेचुरल दिख रही थी। तीसरे महीने के 15 दिनों में ईशान को एक खास तरह की मशीन में पूरे महीने सुलाया जाने लगा, जिसके बाद उसके शरीर में पहले से कहीं ज्यादा सॉफ्टनेस, मखमली त्वचा और उसके बूब्स के निप्पल्स को छूने भर से सेंसिटिविटी आने लगी, वजाइना भी 100% नेचुरल दिखने लगा था और बॉडी के स्टिच मार्क्स भी गायब हो चुके थे। ईशान पहले तो गोरा था ही लेकिन अब और भी ज्यादा गोरा और शरीर से पहले के मुकाबले कुछ हेल्थी भी दिखने लगा था। डॉक्टर ईशान के वीकली बॉडी टेस्ट्स के आधार पर उसे डिलडो पेनिट्रेशन की सलाह दी ताकि सेक्स के दौरान उसे ज्यादा दर्द ना हो। जब पहली बार ईशान ने डिलडो पेनिट्रेशन की तो उसके शरीर ने उसका साथ नही दिया, दर्द भी बहुत हुआ। लेकिन नर्स ने ईशान को इस हालत में देखा तो वो खुद ईशान की मदद के लिए वहां आ गयी। चूंकि हॉस्पिटल लगभग खाली पड़ा था, कुछ एक नर्स फ्लोर वाइज ही रहती थी। नर्स ने ईशान को ब्लू फिल्म्स दिखाने लगी, और उसे एहसास दिलाने लगी कि वीडियो में वो हीरोइन की जगह है। उसके बाद ईशान ने हीरोइन की तरह डिलडो पेनिट्रेशन किया और आफ्टर सेक्स वीकनेस का रियल अनुभव किया। तीसरे महीने के आखिरी 10 दिनों में ईशान को उसकी लाइफ का पहला पीरियडस आ गया। दर्द, कमज़ोरी, कमरदर्द और ब्लडलॉस से ईशान ने अगले एक हफ्ते में वो असहनीय दर्द और तकलीफ का अनुभव किया जो नार्मल लड़कियों को लाइफ में पहली पीरियड में आती है। डॉक्टर ने ईशान को पीरियडस के बारे में समझाया और पैड पहनने की सलाह दी। ईशान शर्म से जमी में गड़ा जा रहा था। ईशान उस दिन वाशरूम में गया और अपने सारे कपड़े उतार दिए और आईने में खुद को देखने लगा। ईशान का शरीर ऑवरग्लास शेप में बहुत ही आकर्षक दिख रहा था साथ ही उसके बाल पहले।से कहीं ज्यादा घने और लंबे हो गए थे। बड़े बड़े 32D हैवी बूब्स, गोल हिप्स, 26 साइज की कमर, होंठो के नीचे एक काला तिल जो पहले नही था, वजाइना पिंक कलर की और छूने पर इतना ज्यादा सेंसेशन कि दर्द उठ से शरीर थर्रा जाता और शरीर मे सॉफ्टनेस इतना जैसे मलाई। ईशान खुद को देखकर काफी देर तक रोता रहा, अपने गलतियों पर पछताता रहा, लेकिन अब कुछ नही हो सकता था। ईशान औरत बन चुका था और डॉक्टर के मुताबिक अगर कोई मर्द उसके साथ शारिरिक संबंध बनाता है तो वो प्रेग्नेंट होने में भी सक्षम है। फिर डॉक्टर ने ईशान को 5 दिन 5 जून 2020 को बाद वहां से डिस्चार्ज करने को कह दिया।

सेक्स चेंज सर्जरी के दौरान ईशान के बुरे वक्त में विक्रांत और निकिता हर पल उसके साथ रहे जबकि जिस दोस्त रमेश के कारण वो इस स्थिति में पहुंचा था, उसे इस बात से कोई फर्क नही पड़ रहा था। रमेश और सीमा अपनी लाइफ में इतने खोए हुए थे कि ईशान कहाँ है, किस हालात में है उन्हें इस बात की भी जरा भी परवाह नही हुई। इधर देश भर में लॉकडाउन को लेकर कर्फ्यू जैसा माहौल बना हुआ था, ईशान को लेने आने के लिए निकिता कैब करके घर से निकली और हॉस्पिटल जाकर डॉक्टर से ईशान के ड्यूज़ क्लियर किया और डिस्चार्ज की फॉर्मेलिटी शुरू कर दी गयी। निकिता ईशान के लिए मेकअप किट, बॉडी साइज का पलाज़ो सलवार सूट और ऑर्नामेंट्स के साथ हाई हील्स वाले सैंडल्स और सैनिटरी पैड्स भी लेकर आई थी। चूंकि ईशान खुद एक आल राउंडर ब्यूटीशियन था तो उसे तैयार होने में जरा भी वक़्त नही लगा। आज पहली बार ईशान ने बिना गुलबन्द पहने इतनी निकिता से बात की, इतनी मीठी आवाज़ सुनकर निकिता बहुत ही ज्यादा खुश हो गई। डॉक्टर ने निकिता और ईशान को बताया कि अब ईशान ऑफिशियल नाम आयशा कर दिया गया है और जेंडर भी फीमेल कर दिया गया है। डॉक्टर ने ईशान के बारे में बताया कि अब वो प्रेग्नेंट होने में भी सक्षम है, लेकिन बॉडी शेप को मेन्टेन रखने के लिए कुछ योगा टिप्स और साल में एक बार हॉस्पिटल आकर बॉडी शेप क्रिएटर मशीन मीक वीक का टाइम देते रहना होगा। इधर डॉक्टर ईशान के बॉडी के बारे में निकिता के साथ डिस्कस कर रहा था उधर ईशान ये सब सुनकर शर्म से जमीन में गड़ा जा रहा था। थोड़ी देर बाद निकिता। निकिता ईशान को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज करवा कर सीधे घर ले आयी। जब विक्रांत ने ईशान को देखा तो उसे यकीन नही हो रहा था कि ये वही आयशा है। विक्रांत ने ईशान को गुलाब का फूल दिया और ईशान ने मुस्कुराते हुए वो गुलाब ले लिया। निकिता और विक्रांत ईशान के परिवार बन चुके थे। विक्रांत ने ईशान को देखकर अपने इमोशन्स को कंट्रोल करने की कोशिश करने लगा लेकिन उसके तने हुए लन्ड की वजह से टाइट होते पैंट को देखते ही ईशान को ओर्गास्म हो गया, अचानक ऐसा क्यों हुआ ये बात ईशान को समझ मे नही आया, लेकिन पैड की वजह से एम्बरर्समेंट से बच गया।

ईशान ऊपर अपने कमरे में जाने लगा तब निकिता ने उसे बताया कि ऊपर वाला रूम में नए किरायेदार आ गए हैं और उसके रहने की पूरी व्यवस्था नीचे कर दी गयी है। जब ईशान कमरे में गया तो देखा, पिंक रंग से रँगी दीवारें बहुत ही खूबसूरत दिख रही घी और ईशान के लिए नया मैट्रेस काफी सॉफ्ट थी। ईशान ने अपना वार्डरोब को खोलकर देखा तो उसमें ढेर सारी साड़ियां, सलवार कमीज, पलाज़ो, पटियाला सूट और कुछ मिनी स्कर्ट्स भी रखे थे। दूसरे सेक्शन में ढेर सारे ऑर्नामेंट्स रखे थे और वो भी पहले से कहीं ज्यादा। ईशान ने सबसे नीचे वाले सेक्शन में देखा तो उसमें बहुत तरह की डिज़ाइनर हाई हील्स और सैंडल्स रखे थे। ईशान ने रेस्ट करने का सोचा तभी कमरे में विक्रांत आ गया। विक्रांत को देखते ही ईशान की धड़कनें तेज़ हो गईं लेकिन विक्रांत ने ईशान के साथ कुछ भी ऐसा वैसा नही किया। विक्रांत अपने साथ एक ज्वेलरीज बॉक्स लेकर आया था और उसने ईशान के नाक में अपने हाथों से हैवी राजस्थानी नथिया पहना दिया और कानों में झुमके भी। एक मर्द के हाथों के स्पर्श मात्र से ईशान का यौवन मचल उठा और एक बार फिर से ओर्गास्म हो गया। अपनी नज़रें झुकाये ईशान बिस्तर पर यूँही बैठा रहा और विक्रांत के जाने के बाद लेट गया। ईशान अब सही मायनों औरत बन चुका था और विक्रांत का छूने भर से ओर्गास्म हो जाना, ईशान को अंदर से डरने पर मजबूर कर दिया। ईशान लेटा हुआ यही सोच रहा था कि देखते ही देखते क्या से क्या हो गया, एक मर्द से औरत बनने का सफर इतनी जल्दी तय हो गया। आगे की लाइफ कैसे बितानी है यही सोच कर ईशान परेशान हुए जा रहा था कि तभी कमरे में निकिता भी आ गयी।

निकिता, “क्या कर रही हो आयशा!”

ईशान, “कुछ भी नही निकिता, यार तुम मुझे ईशान ही कहकर पुकारा करो!”

निकिता, “क्यों, अब तुम्हे ईशान नही आयशा के नाम से पूरी दुनिया जानेगी। अब तुम औरत हो तो मर्दों वाले नाम और बात करने का सलीका सब बदलना पड़ेगा। औरतों की तरह बातें करनी होगी और एक औरत की तरह आगे की लाइफ भी बितानी होगी। जब तन से औरत बन गयी हो तो मन से भी अपने इस नए अस्तित्व को स्वीकार करो आयशा!”

ईशान, “हम्म तुम ठीक कह रही हो निकिता, मुझे अपने अस्तित्व को स्वीकारना होगा, लेकिन मैं अपनी आगे की लाइफ कैसे जियूँ। मेरे पास सिवाय तुमदोनो के कोई भी नही है। तुम्हारे पापा जिन्होंने मुझे सपोर्ट किया और तुम जिसने मुझे मेंटली सपोर्ट किया। रमेश के लिए मैंने इतना कुछ किया लेकिन उसने तो मुझे कॉल करने भी बंद कर दिया, सीमा से शादी के बाद वो इतना कैसे बदल सकता है?”

निकिता, “रमेश ने सीमा से शादी करके लाइफ में आगे बढ़ गया है। मेरी मानो तो तुम पास्ट को भूलकर अपनी लाइफ में आगे बढ़ो। मेरा ब्यूटी पार्लर वैसे भी बंद हो चुका है लेकिन तुम ऐज़ अ ब्यूटीशियन बहुत ही आगे बढोगी।”

ईशान, “लॉकडाउन खुलने के बाद तो ब्यूटी पार्लर फिर से ओपन होगा ना!”

निकिता, “हाँ ओपन होगा लेकिन पहली वाली बात नही रही अब। ब्यूटी पार्लर में स्टाफ़स नही है अब, सिर्फ मैं हूँ और तुम अगर चाहो तो लॉकडाउन के बाद मेरे ब्यूटी पार्लर में काम कर लेना।”

ईशान, “कितना एहसान करोगी निकिता! सर्जरी का इतना खर्च, मेरे देखरेख, खानपान और यहां तक कि मेरे रहने के लिए तुमने मुझे अपने घर मे जगह दी। विक्रांत जी भी कितने अच्छे हैं, तुम दोनों ने मिलकर मुझे इतना सपोर्ट किया जितना कभी मेरे अपनो ने नही किया। मैं भी तुम दोनों के लिए कुछ करना चाहती हूँ, तुम मुझसे कुछ भी मांग लो, मैं मना नही करूँगी और आज से मैं आयशा हूँ।”

निकिता, “आयशा, हम तुम्हारे अपने ही तो हैं। फिर भी अगर तुम चाहती हो कि मैं तुमसे कुछ माँगूँ तो ठीक है। तुम्हारी वजह से मेरे पापा ने शराब छोड़ी और आज वो एक स्वस्थ लाइफ जी रहे हैं, तुमने उनकी कितनी सेवा की है, आज उनका टाईमटेबल, खानपान और रहनसहन सब बिल्कुल वैसा है जैसा मैं हमेशा से चाहती थी। लेकिन मेरे पापा के लाइफ में एक हमसफ़र की कमी है, मैं चाहती हूँ, तुम मेरे पापा से शादी कर लो।”

ईशान ने काफी सोचा। निकिता ने ये क्या मांग लिया? ईशान से सोचा कि वैसे भी बिना शादी के वो विक्रांत के साथ इतनी दफा सोया है, अब आएशा बनने के बाद विक्रांत से शादी करने में क्या ऐतराज़। ईशान ने विक्रांत से शादी के लिए हां कर दिया। निकिता बहुत खुश हो गई और ईशान को हग करके उसके गालों पर किस किया। ईशान ने मान लिया था कि वो आज स आएशा है लेकिन निकिता के पापा चाहते थे कि शादी का फैसला सोच समझ कर लिया जाए। निकिता ने ईशान से पूछा कि क्या वो अपने दोस्त रमेश को बुला ले और इस बारे में डिस्कस करके फैसला ले। निकिता को ये बात सही लगी और उसने रमेश को कॉल किया और उसे घर आने को कहा। जब रमेश निकिता के घर आया तो वो अकेला नही था, उसके साथ सीमा और उसका भाई विजय भी था।

सभी एक कमरे में बैठे और आपस मे डिस्कस करने लगे कि क्या ईशान की शादी विक्रांत के साथ करने में किसी को आपत्ति है या ये करना सही होगा या नही, इस बात का फैसला मिलजुल कर करना था। ईशान आएशा बन साड़ी में चुपचाप बैठा था। एक तरफ विक्रांत निकिता, दूसरी तरफ रमेश, सीमा और विजय बैठे थे।

रमेश, “देखो अंकल, मैं आपकी बहुत इज़्ज़त करता हूँ, लेकिन ईशान से आपकी शादी हो, इस बात के बिल्कुल ही अगेंस्ट हूँ मैं।”

निकिता, “रमेश, मुझे पता है कि तुम आएशा के बेस्ट फ्रेंड हो लेकिन तुम्हे भी पता है कि मेरे पापा ने हमेशा आएशा को सपोर्ट किया है। आज शादी की बात आई तब भी पापा ने खुद ही कहा कि शादी का फैसला डिस्कस करने के बाद ही लिया जाए।”

सीमा, “हमे पता है निकिता, तुमने और विक्रांत अंकल ने ईशान के इस डिफिकल्ट टाइम में इतना सपोर्ट किया है। लेकिन आएशा की उम्र देखो 24 साल की उम्र और विक्रांत अंकल की उम्र देखो 55 से 60 साल की उम्र और ऐसे में शादी करके कितने साल आएशा खुश रह सकेगी, तुम ही बताओ? मैं तो कहूंगी कि आएशा की शादी विजय से करवानी चाहिए। मेरे भाई की उम्र 26 साल है, पूरी लाइफ आएशा को सपोर्ट करेगा और मेरा भाई दिल का बहुत अच्छा है।”

निकिता, “लेकिन सीमा, मेरे पापा……!”

विक्रांत, “नही निक्की, सीमा सही कह रही है। मेरे बाद आएशा का क्या होगा, इस बारे में भी सोचो! शादी बार बार नही की जाती और ना ही ये डिसिशन आसान है।”

रमेश, “अंकल सही कह रहे हैं निकिता, आई नो कि ये डिसिशन आसान नही है। लेकिन अगर आएशा की शादी का फैसला करना है तो एक बार आएशा से पूछ लेना सही रहेगा। आएशा तुम खुद ही डिसाइड करो कि तुम्हे किसके साथ अपनी लाइफ में आगे बढ़ना है?”

आयेशा ने बहुत सोचा, एक तरह रमेश और सीमा थे जो विजय से उसकी शादी के लिए उसे फैसला करने को कह रहे थे। रमेश और सीमा जिन्होंने अपनी शादी होते ही आयेशा को दरकिनार कर दिया। और एक तरफ निकिता और विक्रांत थे, जिन्हीने इस मुश्किल वक़्त में आयेशा को सपोर्ट किया, हर पल उसे अकेलापन से दूर रखा और पूरा खर्च भी खुद से ही किया। आयेशा ने फैसला कर लिया कि वो किसकी दुल्हन बनेगी।

आयेशा, “मैने फैसला कर लिया है। मैं विक्रांत जी के साथ अपनी लाइफ में आगे बढ़ना चाहती हूँ!”

आयेशा का फैसला सुनाते ही रमेश ने खुशी खुशी आयेशा को सपोर्ट किया। सीमा और विजय के पैरों तले जमीन खिसक गई। विजय भी कुछ बोल नही सका और फिर तीनो उठकर वहां से चल दिये।

रास्ते मे,

सीमा “इतनी मेहनत की मैंने, सब बेकार चली गयी विजय!”

विजय, “आई नो दीदी, फीमेल हॉर्मोन्स के इतने हैवी डोज़ देने का सुझाव भी तो आपका ही था। आज आयेशा लड़की तो बन गयी लेकिन उसने किसी और को हमसफ़र चुन लिया।”

सीमा, “इस बात को हमदोनो के बीच ही दफन कर दो। आफिस में नया लड़का आया है, बहुत ही फेमिनिन है। सोनू नाम है उसका, अगर वो लड़की बन जाये तो तुम्हारे साथ उसकी जोड़ी खूब जमेगी।”

विजय , “रियली दीदी। यू आर द बेस्ट सिस्टर।”

इधर निकिता और आयेशा के इस फैसले पर यकीन नही हो रहा था। कोई भी जवान लड़की ऐसा फैसला नही करती, एक जवान मर्द को छोड़कर एक बूढ़े मर्द से शादी नही करती। लेकिन आयेशा के इस फैसले ने निकिता और विक्रांत दोनो का दिल जीत लिया था। हक़ीक़त से अनजान रमेश अपने काम पर चला गया और विजय और सीमा घर पर। इधर शादी के लिए पंडित से बात करके निकिता ने 2 दिन बाद, 7 जून 2020 का ही दिन निकलवा लिया। पंडित ने भी घर आकर दोनो की शादी करवाने की बात की। देश मे लॉकडाउन में काफी रियायत मिलने लगी थी और 50 कि संख्या में शादी करने वाले लोगों की संख्या को तय कर दिया गया था। लेकिन निकिता ने शादी में रमेश, सीमा, राज और उसके घरवालों को शामिल करने का फैसला किया।

निकिता, “शादी के बाद मैं तुम्हे माँ बोलू या मम्मा?”

आयेशा, “मेरे नाम से पुकारना! आयेशा!”

निकिता, “नही मम्मा कहकर बुलाऊंगी!”

आयेशा, “नही, मम्मा नही प्लीज निक्की!”

निकिता, “नही, अब तुम मेरी माँ बनने जा रही हो आयेशा मैं तुम्हारी बेटी!”

इतने में कमरे में विक्रांत भी आ गया।

निकिता, “पापा, आप अपने कमरे में जाओ, पंडित जी ने शादी होने तक दूल्हा दुल्हन को एक दूसरे को देखने को मना किया है।”

निकिता के कहते ही विक्रांत अपने कमरे में चला गया और निकिता ने आयेशा को मेहंदी लगानी शुरू की। पूरे हाथों में कुहनी तक राजा रानी स्टाइल डिज़ाइनर मेहंदी लगाने के बाद निकिता ने आयेशा के घुटनो तक दोनो पैरों में डिज़ाइनर मेहंदी लगाई। 5 घण्टे तक मेहंदी सूखने के बाद स्पेशल आयल अप्लाई करके आयेशा ने अपनी मेहंदी धोयी। मेहंदी का रंग गहरा ब्राउन रेड रंग का चढ़ा था और मेहंदी का रंग देखकर निकिता बहुत खुश हुई और आयेशा को ये कहकर छेड़ने लगी कि दुल्हन के मेहंदी का रंग इतना गहरा तभी चढ़ता है जब उसका दूल्हा उसे बहुत प्यार करे। निकिता की बातें सुनकर आयेशा शरमाने लगी, उसकी धड़कनें वैसे ही बहुत तेज़ दौड़ रही थी ऊपर से निकिता उसे छेड़ने का एक भी मौका नही छोड़ रही थी। आयेशा ने जिस मर्द को सेक्स चेंज आपरेशन से पहले अपना जिस्म सौंपा था, आज वही मर्द उसे अपनी दुल्हन बनाने जा रहा था। आयेशा का एक एक पल ठीक वैसे ही गुज़र रहा था जैसे किसी दुल्हन का हर एक पल गुज़रता है, शादी से पहले। इधर हल्दी उबटन का विधि आयेशा ने अकेले की किया। आयेशा ने अपने पापा को पूरे शरीर मे हल्दी का उबटन लगाया और जो उबटन बच गया, आयेशा को वही हल्दी का उबटन पूरे शरीर पर लगाया। शादी वाले दिन तक हल्दी के उबटन को दूल्हा दुल्हन के शरीर पर लगाने का काम निकिता अकेले ही करती रही। शादी वाले दिन जब स्नान करके रेडी होने के लिये बैठे तब निकिता ने अपने पापा को तैयार करवाने के लिए अपने मेकअप आर्टिस्ट दोस्त को बुलवा लिया। इधर आयेशा को दुल्हन के लिबास में तैयार करने की पूरी जिम्मेदारी निकिता की ही थी।

निकिता ने आयेशा का डार्क मेकअप किया, शार्प ऑयब्रोस और ऑय लैशेज को खूबसूरत लुक देने के बाद होंठों पर रेड ग्लॉसी लिपस्टिक और माथे को रंग बिरंगी बिंदी से इतनी खूबसूरती से सजाया था कि आयेशा भी खुद को देखकर यकीन नही कर पा रही थी, ये कोई और नही बल्कि वही है। उसके बाद निकिता ने आयेशा को बिना ब्रा के चोली पहनाई जो पीछे से पूरी तरह बैकलेस और आगे से यू शेप में थी। निकिता ने आयेशा की चोली को अच्छे से डिज़ाइन में टाई किया और उसे लहँगा पहनने को कहा। लहँगा महारानी स्टाइल काफी बड़ी और फैली हुई होने के साथ काफी कढ़ाईदार भी थी। नाभि के काफी नीचे लहँगा पहनने के बाद निकिता ने एक बार फिर से आयेशा को बैठने को कहा और उसके हाथों और पैरों के फिंगरनेल्स को रंगने बैठ गयी। आयेशा की फिंगरनेल्स लम्बी और वेलशेप्ड थी और जब निकिता ने उन्हें ब्लड रेड नेल पॉलिश से रँगा तब वे और भी खूबसूरत दिखने लगीं। गोर हाथों पर मेहंदी और नेलपोलिश का कम्पोजीशन काफी खूबसूरती बिखेर रहा था। मेकअप और ड्रेस के बाद अब ऑर्नामेंट्स की बारी थी। बड़ी वाली माथापट्टी वाला मांगटीका, कानों में बड़े बड़े झुमके, बालों को सजाने के लिए खास ऑर्नामेंट्स जिसे झुमकों से हुक कर दिया गया, गले मे नौलखा हार, कुंदन चोकर सेट, सोने के नेकलेस के साथ गुलबन्द भी पहनाया गया। बाजू में बाजूबन्द और कलाई में सुहाग का चूड़ा वो भी कुहनी तक लम्बा सहित सोने के कंगन, पंजाबी कलीरे और हैवी हथफूल पहनाये गए। अब बारी थी कमर और पैरों की सजावट की और इसमें भी निकिता ने कोई कमी नही छोड़ी। निकिता ने आयेशा के कमर में कमरबन्द, नाभि में नैवेल ऑर्नामेंट, पैरों में बड़ी और हैवी चांदी की पायल, पैरों की उंगलियों में चांदी के बिछुए और गोल्डन हाई हील्स पहनाने के बाद एक हैवी कढ़ाईदार साटन चुनरी को कन्धों पर सेट किया। अब बारी थी नथिया के सिलेक्शन की और सामने ढेर सारी नथिया, राजस्थानी नथिया, गढ़वाली नथ, किन्नौरी नथुली, कुमाऊनी नथुली, बंगाली लाइट वेट नथिया सहित काफी छोटी बड़ी नथिया रखीं थी। निकिता ने आयेशा के नाक में पहनने के लिये किन्नौरी नथुली को पसन्द किया और उसकी नाक में पहना कर आईने में देखने को कहा। इतने बड़े और हैवी किन्नौरी नथुली को पहनने के बाद आयेशा को नाक में दर्द होने लगा था, लेकिन विक्रांत को हैवी नथिया पसन्द थी तो उसने एक बार भी शिकायत नही की। दुल्हन तो तैयार थी लेकिन दूल्हे की तैयारी कैसी चल रही थी, इसे जानने निकिता अपने पापा के कमरे में गयी। पिंक शेरवानी और नीले सलवार में विक्रांत उम्रदराज होने के बावजूद हैंडसम दिख रहा था, हाथ मे नई घड़ी, गले मे सोने का चेन और पैरों में राजा महाराजाओं की तरह खड़ाऊ! दूल्हा दुल्हन दोनो ही तैयार थे और छत पर शादी का पूरा इंतेज़ाम किया गया था। मुबर्ट से पहले पंडित और राज के साथ उसके परिवार वाले भी आ गए। इधर रमेश भी अपने बेस्ट फ्रेंड की शादी मिस नही करना चाहता था, सीमा तो नही आई, लेकिन रमेश और उसका साला विजय शादी में आये।

पंडित, “दूल्हा और दुल्हन को मंडप पर बुलाइये, मुहूर्त का समय होता जा रहा है।”

निकिता पहले अपने पापा को मंडप पर लेकर आई, उन्हें एक तरफ बिठाया। फिर निकिता आयेशा को मंडप पर लाने उसके कमरे में चली गयी। आयेशा शादी से बहुत घबरा रही थी, उसकी धड़कनें तेज़ थी और आंखें डबडबाई हुई थी।

निकिता, “क्या बात है आयेशा, तुम इतनी परेशान क्यों हो?”

आयेशा, “निक्की, ये मैं सही कर तो रही हूं ना! एक मर्द से शादी होने जा रही है मेरी, अंदर से बहुत डर लग रहा है।”

निकिता, “हाँ आयेशा, तुम बिल्कुल सही कर रही हो। मेरे पापा के साथ तुम हमेशा खुश रहोगी, किसी भी चीज़ की कमी नही होने देंगे मेरे पापा! और सबसे बड़ी बात, वो तुमसे बहुत प्यार करते है। अब चलो मुहूर्त का समय निकला जा रहा है।”

निकिता ने आयेशा के दोनों कन्धों पर हाथ रखा और उसे उठने को कहा। आयेशा उठी लेकिन घूंघट से कुछ भी नही दिख रहा था। हर एक कदम के साथ आयेशा के बूब्स ऊपर नीचे तैर रहे थे, नथुली बार बार होंठों से टकरा रही थी और ऑर्नामेंट्स की मिलीजुली छन छन की आवाज़ उसे अंदर से और भी डरा रही थी। मंडप पर लेजाकर अपने पापा के राइट साइड में आयेशा को बिठा दिया। पंडित ने भी मंत्रोच्चार शुरू किया और थोड़ी ही देर में आयेशा ने विक्रांत के साथ अग्नि देवता के सात फेरे पूरे हुए, हर फेरे के साथ एक वचन और दोनो ने एक दूसरे को उसे पूरा करने का वादा किया। उसके बाद विक्रांत ने आयेशा की मांग में सिंदूर भरा वो भी मुट्ठी भर भर कर। मांग में सिंदूर भरने के क्रम में आयेशा के नाक पर भी ढेर सारी सिंदूर गिर गयी, लेकिन पंडित ने उसे शुभ माना और फिर विक्रांत ने आयेशा के गले मे सोने का मंगलसूत्र बांध दिया। उसके बाद पंडित ने आधे घण्टे पूजा करवाई, विक्रांत ने आयेशा के नाक से नथिया निकाला और उससे भी बड़ा, डिज़ाइनर और हैवी किन्नौरी नथुली आयेशा के नाक में पहना दिया और फिर पंडित ने विक्रांत और आयेशा को पति पत्नी घोषित किया। सभी ने फूल बरसाए और निकिता तो सबसे ज्यादा खुश थी। पंडित ने आयेशा को सदा सुहागिन रहने का विक्रांत को यशश्वी भवः का आशीर्वाद दिया। सभी बुजुर्ग और उम्रदराज़ लोगों ने आयेशा और विक्रांत को अपना आशीर्वाद दिया और पार्टी के बाद सभी चले गए। विजय देखता रह गया, कैसे उसकी आँखों के सामने आयेशा किसी और की हो गयी। शादी के बाद जब सभी गिफ्ट्स देकर लौट गए तब घर पर सिर्फ निकिता, आयेशा और विक्रांत ही बचे। निकिता के साथ आयेशा और विक्रांत कमरे के दरवाज़े पे रुके जहां निकिता ने दोनों के गृहप्रवेश की तैयारी की हुई थी। आयेशा ने पैरों से चावल ज़्स भरा लोटे को पुश किया और फिर घर के अंदर आ गयी, पीछे से विक्रांत भी अंदर आ गया। दोनो को बैठने को कहकर निकिता ने सुहागरात का बिस्तर सजाया और आधे घण्टे बाद तीनों ने एक साथ बैठकर डिनर किया। डिनर के बाद निकिता ने आयेशा को सुहागरात के बिस्तर पर बीचोबीच घुटनों को मोड़कर बैठा दिया और घूंघट कर दिया।

निकिता, “जबतक पापा तुम्हे कोई गिफ्ट ना दे दें, तबतक उन्हें घूंघट मत हटाने देना!”

इधर रात हो रही थी और दरवाजा छेंकने का काम भी निकिता को अकेले ही करना था। जब विक्रांत कमरे में जाने को हुआ तो निकिता ने उसे बाहर ही रोक लिया। विक्रांत समझ गया कि ये वही रस्म है जब दूल्हे से पैसे ऐंठते हैं। विक्रांत ने अपने गले से सोने का चेन निकालकर निकिता के हाथों में रख दिया और फिर निकिता ने दरवाज़ा छोड़ा। विक्रांत कमरे में गया जहां आयेशा घूंघट में बैठी थी। विक्रांत ने कमरे को अंदर से लॉक किया और आयेशा का घूंघट उठाने आगे बढ़ा तभी आयेशा ने अपना हाथ आगे कर दिया। मुह दिखाई में आयेशा को गिफ्ट चाहिए था और विक्रांत उसके लिए कुछ भी नही लेकर आया था। विक्रांत ने अपना वार्डरोब को खोला और उसने आयेशा के हाथों में घर के पेपर्स रख दिए।

आयेशा, “ये क्या है?”

विक्रांत, “ये इस घर के कागजात है, आज से मैं भी तुम्हारा और ये घर भी तुम्हारा।”

आयेशा की आंखें भर आयी, उसने विक्रांत को कस के गले लगा लिया। विक्रांत ने आयेशा का घूंघट उठाया और उसकी खूबसूरती की काफी तारीफ की। आयेशा ने वैसे तो बहुत बार विक्रांत के साथ सेक्स किया था लेकिन जब वो लड़का थी। लेकिन आज औरत बन कर विक्रांत की दुल्हन के रूप में सुहागरात मनाने बैठी, डर से उसका पूरा बदन कांप रहा था। जैसे जैसे विक्रांत आयेशा के करीब हो रहा था, आयेशा सिकुड़ते जा रही थी। विक्रांत ने भी जी भर कर आयेशा की खूबसूरती को अपनी आंखों में बसा लिया, लेकिन अब उससे अपनी एक्सआईटमेंट कंट्रोल नही की जा रही थी। विक्रांत ने आयेशा के नाज़ुक होंठों को अपने होंठों में समा लिया और जी भर कर उसके होंठों का रस को पीने के बाद उसने आयेशा को अपनी बाहों की आगोश में भर लिया। आयेशा का नाज़ुक शरीर विक्रांत के बलिष्ट शरीर मे समा सी गयी थी। हर एक किस के साथ विक्रांत आयेशा के शरीर से ऑर्नामेंट्स उतारता गया। धीरे धीरे विक्रांत ने आयेशा की चोली खोल दी और फिर लहँगा। कलाइयों में ढेर सारे कंगन और सुहाग का चूड़ा, हाथ फूल सहित कानों में झूमके, गले मे गुलबन्द और मंगलसूत्र, माथे पर मांगटीका और नाक में किन्नौरी नथुली के सिवा आयेशा के पैरों में पायल थी और आयेशा अब पूरी तरह से न्यूड हो चुकी थी। अपने उरोजों को अपने दोनों हाथों से छिपाने की कोशिश करती आयेशा ज्यादा देर तक शर्म और हया से खुद को विक्रांत को न्यूड होते देख कंट्रोल नही कर सकी। जैसे ही विक्रांत न्यूड हुआ, उसका तना हुआ लन्ड देखकर आयेशा ने अपनी आंखें बंद कर ली। विक्रांत ने आयेशा को सीने से लगा लिया और दोनो अब बिस्तर से नीचे उतर चुके थे।

विक्रांत ने आयेशा के पूरे शरीर के एक एक अंग को चूमा, आयेशा ने ऐसा अनुभव पहले कभी नही किया। इससे पहले इशांत के रूप में जब आयेशा ने विक्रांत के साथ सेक्स किया तब भी आज जैसा अनुभव कभी महसूस नही किया था। आयेशा अंदर से कमज़ोर हो रही थी, एक एक चुम्बन आयेशा के शरीर मे सिहरन पैदा करने लगा था। थोड़ी देर बाद आयेशा घुटनो पर थी और उसने विक्रांत के लन्ड को अपने मुह में लेकर ब्लोजॉब दे रही थी। विक्रांत ने भी ब्लोजॉब का खूब मजा लिया और फिर आयेशा को अपनी बाहों में उठा लिया। अब विक्रांत का लन्ड आयेशा के वजाइना को चूम रहा था लेकिन अंदर नही जा रहा था। विक्रांत ने आयेशा के बूब्स के निप्पल्स को चूमना शुरू किया और आयेशा की एक्सआईटमेंट बढ़ने लगी। अब आयेशा को विक्रांत का लन्ड अपने अंदर महसूस करने की जल्दी होने लगी और देखते ही देखते विक्रांत का लन्ड आयेशा के वजाइना की झिल्ली को फाड़ते हुए अंदर समा गया। एक हल्की सी चीख और विक्रांत को कस कर जकड़ कर अपनी दर्द को शांत करने की कोशिश करती आयेशा रोने लगी। विक्रांत ने अपना लन्ड बाहर निकाला, आयेशा को लिप टू लिप किस किया और उसे बताया कि अब वो वर्जिन नही रही। आयेशा को बहुत शर्म आ रहा था और उसने विक्रांत की छाती में अपना सिर छुपा लिया। विक्रांत ने एक बार फिर से अपना लन्ड आयेशा के वजाइना में घुसाया और आयेशा एक बार फिर दर्द से रोने लगी।

आयेशा, “हहहह, आह, प्लीज् प्लीज्, ओह्ह माय गॉड, ओह्ह माय गॉड, आह!”

विक्रांत ने आयेशा के रोने पर ज्यादस ध्यान नही दिया और धीरे धीरे अपना स्पीड बढाने लगा। थ्रस्ट आफ्टर थ्रस्ट, आयेशा के दर्द को प्लेज़र में बदलता गया । थोड़ी देर बाद ही आयेशा के अंदर विक्रांत के स्पर्म्स का हैवी लोड समा गया और आयेशा को भी ठीक उसी समय ओर्गास्म हो गया। दोनो बिस्तर पर लेट गए और तूफान के। बाद की शांति का मजा लेने लगे।

विक्रांत, “आयेशा, कैसा लगा!”

विक्रांत के सवाल ओर आयेशा ने एक बार फिर से अपनी नज़रें झुका ली। ऐसा पहले कभी नही हुआ था कि पहले राउंड के बाद इतना वीकनेस हो जाये लेकिन आयेशा को अभी से ही वीकनेस फील होने लगा था। विक्रांत दूसरे राउंड के लिए तैयार था लेकिन आयेशा नही। लेकिन इस बात से विक्रांत को कुछ खास फर्क नही पड़ रहा था। विक्रांत ने आयेशा को लिटाया और उसके बूब्स को फिर से चूमने लगा, थोड़ी देर बाद आयेशा फिर से एक्सआईटेड होने लगी और विक्रांत ने उसके दोनों पैरों को हवा में फैलाकर एक बार फिर अपना लन्ड उसकी वजाइना में घुसा दिया। इस बार आयेशा को कुछ कम दर्द हुआ। लेकिन विक्रांत के थ्रस्ट में काफी प्रेशर था और आयेशा अब अपने पति के लन्ड को अपने अंदर काफी डीप फील कर रही थी। आयेशा की सोल अब विक्रांत के प्यार से परिपूर्ण हो चुका था। एक आखिरी थ्रस्ट के साथ विक्रांत के स्पर्म्स के हैवी लोड के साथ ही आयेशा को भी ओर्गास्म हो गया। विक्रांत ने दूसरे राउंड के बाद तीसरे राउंड की पहल नही की और आयेशा को अपनी बाहों में समा लिया और अपने लन्ड को आयेशा के वजाइना के अंदर ही रहने दिया और दोनो सो गए। सुकून की नींद क्या होती है, आयेशा को आज पता चला था। सुबह के 4 बजे आयेशा की नींद खुली तो उसने विक्रांत की तरफ देखा। विक्रांत लम्बी सांसें ले रहा था और आयेशा ने उसे किस किया और अपने आप को विक्रांत के शरीर से आजाद कर वाशरूम में फ्रेश होने चली गयी। आयेशा बहुत खुश थी, अपने पति के प्यार को पाकर आयेशा कली से फूल बन गयी थी। फ्रेश होने के बाद आयेशा जब कमरे में आई तब देखा कि विक्रांत का लन्ड काफी तना हुआ है। आयेशा अपने पति के पास गई, उसके लन्ड को अपने मुह में लिया और उसे बिना जगाए ही ब्लोजॉब देने लगी। विक्रांत को फील हुआ कि आयेशा उसे ब्लोजॉब दे रही है तो उसने भी एन्जॉय करना शुरू कर दिया और थोड़ी देर में आयेशा ने औरत बनने के बाद अपने पति विक्रांत का पहला स्पर्म लोड पी लिया। विक्रांत को भी बहुत खुशी मिली लेकिन उसे नींद आ रही थी, वो सो गया। आयेशा ने घर की साफ सफाई करने के बाद किचन में गयी, ब्रेकफास्ट पकाया और फिर स्नान करने को तैयार हुई। आयेशा चाहती थी कि विक्रांत भी उसके साथ स्नान करें लेकिन घर मे निकिता भी थी, इसीलिए वो अकेली नहाने चली गयी। नहाकर आने के बाद आयेशा कांचीवरम साड़ी और ऑर्नामेंट्स के साथ अपने पति के नाम का सिंदूर अपनी मांग में भर कर और मंगलसूत्र गले मे पहनकर तैयार हो गयी। निकिता भी जाग गयी तबतक, वो सबसे पहले अपनी नई माँ आयेशा के पास गई और उसे हग किया और उससे पूछा कि सुहागरात कैसी रही। आयेशा ने कोई जवाब नही दिया और निकिता से नाश्ता करने को कहा और चाय बनाने चली गयी।

अब आयेशा अपने पति के साथ हर रोज़ सुहागरात मनाने लगी और उसे पता भी नही चला कि वो कब प्रेग्नेंट हो गयी। अगले महीने से ही आयेशा के पीरियड्स आने बन्द हो गए, टेस्ट करने और पता चला कि वो प्रेग्नेंट है लेकिन उसने ये बात विक्रांत को नही बताया। कुछ दिनों बाद एक दिन जब निकिता आयेशा और अपने पापा से मिलने आए तब उसने गौर किया कि आयेशा प्रेग्नेंट है। आयेशा ने कन्फर्म किया कि वो प्रेग्नेंट है, लेकिन अभी विक्रांत को बताने को मना किया तो निकिता और भी खुश हो गयी और विक्रांत के लिए सरप्राईज़ बनाये रखा। अब निकिता हर हफ्ते आयेशा का ख्याल रखने घर आ जाती, खाने पीने का ख्याल रखती। समय कैसे बीतने लगा इसका पता ना तो विक्रांत को चला और ना ही आयेशा ने। विक्रांत के जन्मदिन पर आयेशा ने उसे खुशखबरी सुनाई जिसे सुनकर विक्रांत बहुत खुश हुआ। इससे बड़ा गिफ्ट विक्रांत के लिए क्या हो सकता था, विक्रांत ने अपने होने वाली सन्तान के लिए एक कमरा भर कर खिलौने खरीदे, छत को प्ले हाउस बना दिया और आयेशा को काम करने को मना करने लगा। लेकिन डॉक्टर के हिसाब से आयेशा का आठवें महीने तक काम करते रहने से बच्चे पर कोई बुरा असर नही पड़ेगा और सेक्स के लिए भी विक्रांत को नही रोका, लेकिन विक्रांत ने प्रेकौशन्स रखते हुए उसने सेक्स ना करने का फैसला किया।

6 मार्च 2021, आयेशा ने विक्रांत के बेटे को सिजेरियन आपरेशन के बाद जन्म दिया। अपने पति के पहली संतान कक जन्म देने बाद आयेशा ने जब पहली बार अपने बेटे को अपना दूध पिलाया तो उसे मातृत्व का वो अनुभव हुआ जो सिर्फ एक माँ अनुभव कर सकती है। अभी तक तो सब ठीक चल रहा है, लेकिन आगे भविष्य में क्या होना है ये तो भविष्य ही बताएगा। विक्रांत के बेटे को निकिता ने अपनी गोद मे सिर्फ एक बार खेलाया चूंकि अगले 10 दिन आयेशा को हॉस्पिटल में ही रहना है। उसके बाद ही विक्रांत अपने बेटे को गोद मे लेगा। घर मे सभी खुश है और अच्छे भविष्य की कामना है।

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