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रसम रिवाज by Dressing desire

 मेरा नाम सुमित है और में एक छोटे से गांव में रहता हूं।हमारे गांव में एक प्रथा है कि हर साल बारी बारी से दो परिवार के पुत्र और पुत्री के बीच विवाह होगा और वह दंपति को गांव के मुख्य मंदिर में पूजा करना अनिवार्य है।गांव में मान्यता है की इसे गांव की खुशहाली रहती है।

इस साल मेरी शादी होनी थी,मैंने सोचा की मुझे सुंदर कन्या मिलेगी पर मेरे होश उड़ गए जब पाता चाला की दूसरे परिवार जहां मेरी शादी होनी थी उनके यहां पुत्री नहीं थी।अब गांव के बुजुर्गों ने कहा की शादी तो होगी और वोह भी तय परिवार के बीच ही।बुजुर्गों ने कहा की शादी के लिए मुझे दुल्हन बना पड़ेगा क्यूंकि दूसरे परिवार का लड़का मुझसे जायदा बड़ा था।मैंने माना करना चाहा पर मेरी बात कोई नहीं समझा।शादी की तारीख 10 दिन बाद की चुनी गई।मेरे परिवार से कहा गया की मुझे अगले एक साल तक सादिसुदा औरत की तरह रहना पड़ेगा।जिस लड़के से मेरी शादी तय की गई उसका नाम राहुल था।

मेरे घर में शादी की तयारी शुरू हो गई।मेरी मां ने मुझे कहा की अब आदत डाल ले लड़कियों की तरह रहने का और आज से तेरा बाहर जाना बंद,घर में लड़कियों की तरह कपड़े पहनकर रहना और मेरे साथ किचन में काम करना सीखो।

मां मुझे अपने कमरे में ले आई,मैंने देखा की मेरे बेड पर कई तरह के नए कपड़े रखे थे।

मां ने मुझे फिर बाथरूम में जा कर बैठा दिया और मेरे सारे कपड़े उतार कर रख दिया।मां ने फिर मेरे शरीर पर जितने बाल थे उन्हें शेव करने लगी।फिर मां ने पूरे शरीर पर लोशन लगा दिया।मां वापस रूम गई और मेरे लिए ब्रा और पैंटी की सेट लेकर आई।मां ने मुझे वाशरूम में अकेला छोड़ दिया।मैंने पैंटी तोह पहन ली पर ब्रा पहने में दिक्कत हो रही थी।मैंने मां को आवाज़ लगाई,मां ने फिर मुझे ब्रा पहने में मदत की ओर यह भी कहा कि जल्द ही ब्रा पहनना सीख जाओ,ससुराल में कौन मदद करेगा।ससुराल का नाम सुनके मेरी नज़रे झुका गई।

मां ने उसके बाद मुझे सलवार कमीज़ पहनने में मदद की।फिर मां ने मुझे विग पहनाई और उसे बढ़िया से स्टाइल कर दिया।मां को आचनक कुछ याद आया और फिर उन्होंने मेरी ब्रा में मोजे भर दिए जिससे की मेरे स्तनों में उभर आ गई।जब मैंने अपने आपको को आईने में देखा तो में एक दम सुंदर कन्या लग रहा था।मां ने मुझे देखते हुए कहा की तुमको किसकी नजर ना लगे।


अगले कुछ दिन शादी से पहले मेरे कैसे गुजर गया पाता ही नहीं चला। इन दिनों में मां ने मुझे लड़कियों की तरह रहना,पहना,चलना सिखाया।मैंने साड़ी,सलवार कमीज़ सब पहनना सीख लिया और किचन में काम भी करने लगा।मां ने सख्त हिदायत दी थी की मुझे हमसे अपने शरीर पर ब्रा होनी चाहिए।अब शादी की रश्म भी चालू हो गई थी मेरा मन तो भगाने का कर रहा था पर भगा नहीं पाया।

शादी वाले दिन शाम को मां ने एक पार्लर वाली को बुलाया मुझे तैयार करने के लिए।पार्लर वाली ने मेरे पूरे शरीर पर वैक्स करके सारे बाल हटा दिया यहां तक की उसने मेरे लन्ड के पास के बाल भी हटा दिया।
उसने फिर पैकेट से एक ब्रीस्टफॉम निकाल कर मुझे पहना दिया।मेरे छाती पर आचनक से वजन बढ़ गया। पार्लर वाली ने फिर मुझे स्पेशल ब्राइडल ब्रा और पैंटी पहनाई। उसने फिर मुझे विग पहनाते हुए कहा की यह स्पेशल विग है इसमें ग्लू लगा है,अब से तुम यहीं विग पहनना।

पार्लर वाली ने फिर मेरे चेहरे पर मेकअप करना शुरू कर दिया और थोड़ी देर बाद उसने मेरे होठों पर लिपस्टिक लगा दी।मां ने कुछ दिन पहले ही मेरे नाक और कान छेदवा दिया था।फिर पार्लर वाली ने मुझे ब्लाउस और पेटीकोट पहनाई और फिर मुझे साड़ी पहनें लगी।साड़ी बहुत भारी था  पर अब उसने मुझे नोज रिंग और इयररिंग्स पहना दिया।पार्लर वाली ने फिर मुझे गहने पहने लगी,हाथों मैंने काफी चूड़ी भी पहना दी और कुछ देर में में दुल्हन की तरह तैयार हो गया।

मां जब कमरे में आई तोह मुझे देख कर खुश हो गई और कहा एक दम परी लग रहे हो।मां ने पार्लर वाली को बाहर जाने को कहा और फिर कमरे को बंद कर दिया और मुझसे कहा की आज से अगले एक साल तक तुम्हे औरतों की तरह रहना होगा,बहुत तकलीफ़ होगी पर याद रखना की यह सब तुम सारे गांव के लिए कर रहे हो।मां ने आगे कहा की आज से एक साल तक तुम सुमिती नाम से जाने जाओगे और राहुल ही तुम्हारा सब कुछ होगा,एक मर्द हो के भी तुम्हे उसके साथ सम्बन्ध बनाना पड़ सकता है।

मां ने मुझे फिर रूम में अकेले छोड़ कर चली गई,रूम में कुछ देर बाद गांव की कुछ लड़कियां आ गई।उनमें से एक लड़की ने मज़ाक करते हुए कहा की भईया आप तोह दुल्हन के ड्रेस में जच रहे हैं,उसकी बात सुनकर बाकी लड़कियां भी हसने लगी।मुझे बुरा तोह लग रहा था पर में चुप ही रहा।कुछ देर बाद राहुल बारात लेकर आ गया।मुझे लड़कियों ने वरमाला के लिए ले आई।राहुल ने शेरवानी पहनी हुई थी और फिर हमने एक दूसरे को माला पहना दिया।फिर हम दोनों मंडप में गए जहां हमने सात फेरे लिए।राहुल ने फिर मेरी मांग भरी और मुझे  मंगलसूत्र पहना दिया।हमने शादी की सारी रस्में पूरी की और फिर सब बड़ों से आशीर्वाद लिया।कुछ देर खाना खाने के बाद मेरी विदाई की बारी आई तो घर की कुछ औरतें रोने लगी,उन्हें देख कर मुझे भी रोना आ गया।राहुल मुझे कार में बैठा कर अपने घर में ले आया।

राहुल का घर यानी मेरा ससुराल काफी बड़ा घर था।वहां के लोग ने भी कुछ रश्मे की फिर मुझे एक कमरे में ले गए।कमरा पहले से ही साजा हुए था।यहां की लड़कियां मुझे भाभी भाभी कहा रही थी।मेरी सास अाई तोह मैंने उन्हें देख कर पैर छू कर प्रणाम किया।सास ने कहा की मुझे पता है की तुम असली औरत नहीं हो पर तब भी मैंने तुम्हे अपनी बहू के तौर पर स्वीकार कर लिया है,उम्मीद है तुम एक बहू के तौर पर खरी उत्तरों गए।मैंने सिर्फ अपना सिर हिलाया।सास ने मुझे दूध का ग्लास दिया और फिर वहां से चली गई।
कुछ देर बाद राहुल कमरे में आया और मेरे बगल में बैठ गया।मैंने उसे दूध का ग्लास दिया और उसने आधा पिया और आधा मुझे पीला दिया।राहुल ने फिर कहा की मुझे तुमसे कुछ बात करना है,मैंने कहा की कहो क्या बात है।राहुल ने कहा की हम दोनों को यह शादी पसंद नहीं है पर एक साल तोह झेलना पड़ेगा,मैंने पहले सोचा की मै तुम्हे एक साल तक तुम्हारे साथ सेक्स नहीं करूंगा पर आज तुम्हे देख कर मुझे विश्वास नहीं हो रहा है की असल में तुम एक मर्द हो।में आश्चर्य हो गया और कहा की मुझे तुम्हारे साथ सेक्स नहीं करना है।राहुल ने हस्ते हुए कहा की तुम अब मेरी बीवी हो और तुम्हे मेरी जरुरत पूरी करनी पड़ेगी।
मुझे लगा था की राहुल तोह मेरी बात समझेगा पर वोह तोह मुझे चोदने की तैयारी कर रहा था।में जब समझ गया की अब यह सेक्स करके ही मानेगा तोह मैंने कहा की में भी तुम्हारे साथ सेक्स करने के लिए खुद राज़ी हो जाऊं गा अगर तुम मेरी दो बातें मान लो।राहुल ने हस्ते हुए कहा की मुझे तुम्हारे साथ सेक्स करने के लिए तुम्हारी इजाज़त नहीं चाहिए पर फिर भी बोलो।मैंने कहा की अगर तुम आज मेरे साथ सेक्स करते हो तो फिर मुझे भी बाकी दिन तुम्हे चोदने का मौका मिलना चाहिए और दूसरी बात की तुम मुझे महीने में एक बार शहर ले जाओ गए घूमने कमसे कम दो दिन।राहुल मेरी बात सुन कर थोड़ा सोचने लगा और फिर कहा की ठीक है अगर तुम बढ़िया से घर की बहू बन कर रहोगी।
राहुल फिर अचानक से मेरे होठों को चूसने लगा,उसने करीब पांच मिनट तक मुझे चूमा।उसके बाद उसने मुझे लेटा दिया और मेरे पूरे शरीर पर चूमने लगा।राहुल ने कहा की तुम्हारा शरीर तो एक दम औरतों जैसा ही है।राहुल ने फिर मेरी साड़ी निकालनी शुरू की और धीरे धीरे उसने मेरी पेटिकोट और ब्लाउज भी निकाल दी।अब में सिर्फ ब्रा और पैंटी में उसके सामने था।राहुल ने मेरे स्तनों को दबाने लगा और फिर उसने ब्रा भी खोल दिया।में दोनों हाथों से अपने नकली स्तन को ढक लिया।राहुल थोड़ा नीचे झुका और उसने मेरी पेंटी उतार दी और मेरे लन्ड को हिलाने लगा,उसने मेरे लन्ड को जोर से हिलने लगा जब तक की मेरा पानी ना निकाल जाए।



राहुल ने फिर अपने हाथ साफ किए और अपने कपड़े उतारने लगा।राहुल अब मेरे सामने नग्न खड़ा था और उसका लन्ड देख कर मुझे डर लग गया क्यूंकि उसका लन्ड मेरे लन्ड से काफी बड़ा था।राहुल ने  मेरे दोनों टांगों को फैला दिया और एक ही झटके में अपना लन्ड घुसा दिया,मुझे काफी दर्द हुआ और में जोर से चिल्लाया।राहुल ने मेरी एक ना सुनी और मेरे गान्ड में लगातार अपने लन्ड घुसा कर अंदर बाहर करने लगा,कुछ देर बाद उसने अपना पानी मेरे गान्ड में ही छोड़ दिया।मेरी आंखों से आंसू निकालने लगे,राहुल उसके बाद मेरे बगल में आकर लेट गया और मेरी नंग पीठ पर चूमते हुए कहा की तुम तोह असली औरत से भी ज्यादा मस्त हो।राहुल ने फिर मुझे अपनी बाहों में ले लिया और मुझसे लिपट कर सो गया।मेरे आंखों से अभी भी आंसों गिर रहे थे और में सोच रहा था कि दस दिन पहले तोह में एक मर्द था पर आज एक औरत की तरह सुहागरात मना रहा हूं।
अगली सुबह में जब उठा तो मुझे याद आया की आज तोह मुझे सारे घर का खाना बना पड़ेगा और आज ही हमें मंदिर जाना है।कल रात की चोदई से मेरे गान्ड में दर्द तो था फिर भी में बिस्तर से उठ कर वॉशरूम गया और नहा कर बाहर आ गया।मैैं अपने ब्रीस्टफॉम नहने से पहले खोल दिया थे पर विग उतारना भूल गया था।मुझे लगा की विग खराब हो जाएगी पर विग काफी बढ़िया क्वालिटी का था।मैंने फिर अपने ब्रीस्टफॉम लगाए और फिर मैैं अपने कपड़े पहने शुरू कर दिए।मुझे मां ने बताया था की शादीशुदा औरतों को मांग में सिन्दूर और गले में मंगलसूत्र लगना जरूरी है।मैंने भी वैसा ही किया और फिर मैंने घूंघट ओढ़ कर बाहर आ गया किचन में।
पहला दिन नई दुल्हन की तरह ठीक ठाक ही गुजरा।मैंने पहले सारे घर के लिए खाना बनाया और फिर राहुल के साथ मंदिर गया।मंदिर में  पूजा करने के बाद पुजारी ने कहा की तुम एक मर्द हो कर भी दुल्हन बन गई, तुमें एक औरत जैसी ही तेज है,तुम किसी भी दूसरी औरतों की तरह ही हो।मंदिर के आस पास के कुछ लोग मुझे देख कर तने दे रहे थे और मेरा मज़ाक उड़ा रहे थे।राहुल ने मुझसे कहा की तुम उनकी तरफ ध्यान मत दो।घर के लोग ने मुझे कभी भी मुझे मर्द होने एहसास नहीं दिलाया।


शादी के करीब एक महीने के बाद राहुल ने कहा की कल हम दोनों शहर जाएगें। पिछले एक महीने में राहुल ने करीब करीब हर रात मुझे चोदा।अगली सुबह मैं और राहुल गाड़ी में बैठ कर शहर चल पड़े।शहर में पहुंचने के बाद हम दोनों ने मिल कर बहुत शॉपिंग की और राहुल ने मुझे कुछ वेस्टर्न ड्रेस भी दिलाई जोह मैंने कभी भी नहीं देखी थी।हमने बाहर खाना खाया और मूवी भी देखी।रात में रूम पहुंचने पर मैंने राहुल से कहा की आज में तुम्हे चोदना चाहती हूं।राहुल मान गया।मैंने आज फिर से शादी वाली साड़ी पहनी और दुल्हन की तरह तैयार हो गई।पर आज मैंने खुद अकेले दूध पिया और फिर राहुल को लेटा दिया।राहुल ने शर्ट पैंट पहनी हुई थी,मैंने उसके कपड़े उतार कर फेंक दिया और फिर राहुल को पूरे शरीर पर चूमने लगी।मैंने राहुल को होठों पर भी चूमा। मैंने राहुल की अंडरवियर उतार दी उसके मोटे लन्ड को अपने मुंह में ले लिया और उसे चूसने लगी।कुछ देर बाद राहुल ने सारा पानी मेरे मुंह में ही छोड़ दिया।मैंने ज़िन्दगी में पहेली बार लन्ड मुंह में लिया था।
उसके बाद मैं अपने विग को पोनीटेल की तरह कर लिया और उसके बाद राहुल की टांगों को फैला दिया।मैंने राहुल की गान्ड में अपना लन्ड घुसा दिया और उसे चोदने लगा।उस समय वह काफी आलौकिक दृश्य था जहां एक दुल्हन अपने पति को अपने लन्ड से चोद रही थी। मैंने उस रात राहुल को और दो बार चोदा, शायद मेरे अंदर काफी गुस्सा था।राहुल बेचारा कुछ नहीं कर पाया।हम अगले दिन वापस गांव आ गए।



इस बीच में अपने सास के साथ बाहर आना जाना करने लगा और अब लोग भी मेरे बारे में कुछ नहीं बोलते थे।इस बीच में और राहुल हर महीने एक बार शहर जाने लगे।में इस बीच अपने पिछली ज़िंदगी बारे में लग भग भूल ही गया।पता ही नही चला की कब एक साल निकाल गया।मेरे घर वाले मुझे लेने आ गए।पता नहीं क्यूं पर मेरा जाने का मन नहीं कर रहा था,मैंने मन ही मन में राहुल को अपना पति मान लिया था और उसके घर वाले भी काफी ख्याल रखते थे मेरा।राहुल मेरे पिताजी के पास पहुंचा और कहा की पिछले एक साल में मैंने और मेरे परिवार ने आपके बेटे को बहू बाना कर रखा।आपके बेटे ने भी हमरी बहुत इज्जत की।यह सुन कर मेरे आंसू निकल पड़े और मैंने राहुल को गले लगा लिया और कहा की मुझे यहां रहने दीजिए पिताजी,अब में आपका बेटा नहीं इस घर का बहू हूं।मेरे पिताजी और मां के आंख से आंसू निकाल गए और उन्होंने ने कहा की अगर तुम यहीं चाहते हो तो हमे कोई दिक्कत नही है,हमने तो घर से बेटा नहीं बेटी विदाई की थी।

उसे दिन बाद से में और राहुल एक दूसरे के और करीब आ गए। राहुल मुझे शहर के एक डॉक्टर के पास ले गए और मेरे शरीर को पूरी तरह से औरत की तरह करने को कहा।मैंने राहुल से कहा की में पूरी तरह से औरत बने के लिए तैयार हूं बस में अपना लन्ड नहीं निकलवाना चाहती हूं।राहुल मेरी बात मान गया और फिर कुछ दिन तक मैंने हार्मोन्स लिए और उसके बाद मेरा ऑपरेशन हुआ।अब मेरे पास सही के स्तन हैं और मेरे शरीर का फिगर भी मुझे हॉट है।अब मेरी गान्ड काफी बड़ी हो गई है।जब हम वापस गांव गए तो लोग मुझे देख दंग रह गए।ऑपरेशन के बाद सेक्स करने मैं और जायदा माजा आने लगा।मैंने एक बार राहुल को बहुत जोर दिया की तुम एक बार मेरे कपड़े पहन कर देखो।राहुल ने बहुत मना किया पर मैंने उसे मना लिया और एक दिन मैंने उसे दुल्हन की तरह तैयार किया और उसके साथ सुहागरात मनाया जहां वह पत्नी और में पति की तरह थे।उसके बाद कभी भी राहुल ने औरतों के कपड़े नहीं पहने पर में उसे चोदती जरूर हूं अपने लन्ड से।मेरे और राहुल के प्यार की कहानी दूर दूर तक प्रसिद्ध हो चुकी है।मेरी ज़िंदगी काफी बदिया चल रही है और में खुश हूं कि एक मर्द के रूप में जन्म लेने के बाद भी में एक सफल बीवी,बहू और बेटी बन पाया।

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