मेरा नाम सविता मल्होत्रा है। राजस्थान की रहने वाली हूँ और मेरे घर मे मेरे बड़े भाई सूरज मल्होत्रा, मेरी माँ और मेरे पापा हैं जो कि अक्सर काम के सिलसिले में बाहर ही रहते है। मेरा भाई ठेकेदार है। ये सब तब शुरू हुआ जब मैंने कॉलेज में एडमिशन लिया था। कॉलेज का पहला दिन था और मैं मेरे भैया के साथ कॉलेज गयी। भैया ने मुझे कॉलेज गेट पर ड्राप किया और अपने काम पर निकल गए। कॉलेज में रैगिंग होती है ये बात मैने सुनी थी लेकिन उस दिन मेरे साथ कुछ ऐसा हुआ, जिसने मुझे तोड़ कर रख दिया था। क्लास में एंटर होते ही एक आवाज़ आयी, फर्स्ट ईयर! मैने देखा कुछ लड़के लड़कियां साथ बैठे नए स्टूडेंट्स की रैगिंग ले रहे थे। उन्होंने मुझे अपने पास बुलाया और अपना इंट्रो देने को कहा। मैंने अपना इंट्रो दिया और अपने सीट के तरफ बढ़ने लगी तभी मुझे किसी ने रोक लिया। वो रोशन था, देखने मे क्यूट, स्मार्ट, लेकिन मुझे नही पता था कि वो एक खुदगर्ज और बेहद बेशर्म इंसान है। उसने मुझे मेरे सीट पर जाने से रोका और मुझे डांस करने को कहा। मैने कहा कि मुझे डांस नही आता, तो ये सुनकर सभी हँसने लगे और कहा लड़कियो को डांस सीखने की जरूरत नही होती, वो तो पैदाइशी डांसर होती हैं।
फिर उनलोगों ने जबरदस्ती मुझे नाचने को मजबूर किया। फिर उन्ही में से एक जिसका नाम राजन था, उसने मेरा दुपट्टा खींच लिया, मुझे बहुत बुरा लगा। मैं सोचने लगी कि लय इस कॉलेज में एडमिशन लेकर मैने कोई गलती तो नही कर दी। फिर मैंने अपना दुपट्टा लेना चाहा तो राजन ने दुपट्टा पुनीत को दे दिया। तीनो ने उस दिन मुझे बहुत परेशान किया। रैगिंग के बाद मैं अकेले बैठ कर बहुत रोई। शाम को जब भैया मुझे लेने आये तो मेरी रोने से लाल हुई आंखों को देखकर मुझे पूछने लगे कि क्या हुआ। मैंने कहा कि घर चलो बताती हूँ। घर पहुचने पर मैं फ्रेश हुई और कपड़े चेंज किये, डिनर किया और अपने कमरे में जाकर बैठ गयी। रात को भैया मेरे कमरे में आये, तब भी मैं बैठकर रो ही रही थी। भैया को देखकर मैं और भी ज्यादा इमोशनल हो गयी और उनसे लिपट कर रोने लगी। फिर भैया ने मुझे चुप कराया और मुझसे पूछा। मैने उन्हें सबकुछ बता दिया कि कॉलेज में क्या क्या हुआ। भैया ने कहा कि सब ठीक हो जाएगा और कल से कॉलेज जाने पर सभी तुमसे इज़्ज़त से बात करेंगे। तुम्हे पता नही है मेरी बहन, कि तुम्हारा भाई कौन है। उसके बाद भैया कमरे से चले गए और मैं भी सो गई। रोशन, राजन और पुनीत, तीनो सेकंड ईयर के स्टूडेंट्स थे और बहुत बदमाश, और लड़कियों की तो इज़्ज़त ही नही करते। अगले दिन जब मैं कॉलेज गयी तो मेरे क्लास के सभी स्टूडेंट्स और यहां तक कि टीचर्स भी मुझसे बड़े ही इज़्ज़त से बात कर रहे थे।मुझे समझ आ गया कि भैया ने प्रिंसिपल से बात की होगी, तभी। लेकिन लंच हॉर्स में राजन और पुनीत मुझे फिर से छेड़ने लगे लेकिन तभी रोशन वहां आया और पुनीत और राजन को डांट कर वहां से भगा दिया। रोशन ने मुझसे कहा कि कल जो कुछ भी हुआ उसके लिए सॉरी, लेकिन रैगिंग को कल्चर बना दिया गया है कॉलेजेस में। रैगिंग में डांस करवाने तक ठीक था लेकिन जो हम तीनों ने उसके बाद किया वो बहुत गलत था। मुझे लगा रोशन समझदार है और अच्छा इंसान है, तो मैंने उसे माफ कर दिया। हमारी दोस्ती अच्छी होती गयी और कॉलेज में सभी मुझे और रोशन को बॉयफ्रेंड गर्लफ्रैंड की तरह देखने लगे थे। रोशन मुझे नोट्स बनाने में मदद करता, मेरे साथ टाइम स्पेंड करता और कभी कभी मुझे बहुत छेड़ता। लेकिन अब मुझे बुरा नही लगता क्योंकि मुझे रोशन अच्छा लगने लगा था। भैया को भी मैने रोशन के बारे में बताया तो उन्होंने भी कोई ऐतराज नही जताया। सबकुछ बहुत अच्छा चल रहा था, फिर एक दिन रोशन ने मुझे सभी के सामने प्रोपोज़ किया और मैने भी उसे हाँ कर दिया। उसके बाद रोशन ने मुझे सभी के सामने गाल पर किस किया, मैं शरमा गयी और क्लास में चली गयी। कॉलेज में हर तरफ हम दोनों के ही चर्चे थे।मैं भी किस वाली बात याद कर करके शर्माती, तो कभी मुस्कुराने लगती। लड़कियां भी मुझे रोशन का नाम लेकर छेड़ती और मैं भी शर्म से पानी पानी होने लगती। फर्स्ट ईयर कब निकल गया, इसका पता भी नही चला। अब मैं सेकंड ईयर में थी और रोशन और उसके दोस्त थर्ड ईयर में। मैं हमेशा रोशन से कहती कि उन दोनों से दोस्ती खत्म कर लें, लेकिन उसको उसके दोस्त उतने ही प्यारे थे जितना मैं। एक दिन रोशन मुझे घुमाने ले गया, शाम हुई तो हम एक बार मे गए। हमदोनो ने काफी मस्ती की और फिर रोशन मुझे अपने कमरे पर ले गया। रोशन ने शराब पी हुई थी, एक्चुअली मुझे उसके पीने पर कोई ऐतराज नही था क्योंकि वो एक लिमिट में पीता था। लेकिन उस दिन रोशन के मन मे कुछ और ही था।कमरे में इंटर करते ही रोशन ने इंटरलॉक से कमरा बन्द कर लिया। थोडी देर बाद हम दोनों एक दूसरे की बाहों में थे और हमारा रोमांस मजे में चल रहा था। थोड़ी देर बाद मैं ब्रा पैंटी में और रोशन अंडरविअर में। मैंने रोशन से कहा कि अब हमें रुक जाना चाहिए, लेकिन वो नही रुका। उस शाम हम दोनों के बीच की लिमिट क्रॉस होने से पहले ही दरवाज़े पर किसी की आहट सुनाई दी। अभी शाम के 8 बज रहे थे और ऐसा लगा कि किसी ने दरवाज़े को खोल दिया था। रोशन ने मुझसे कपड़े पहनने को कहा और बाहर चला गया। मैंने अभी चेंज भी नही किया था कि मैंने रोशन, राजन और पुनीत के बीच बहस होती सुनाई दी। मैंने सोचा कि तीनो के बीच बात आगे बढ़ गयी तो रोशन अकेला पड़ जायेगा। फिर मैने भैया को कॉल कर दिया, उन्होंने कहा कि फिक्र मत करो, मैं आधे घंटे में वहां आ जाऊंगा। फिर मैंने देखा उन तीनों के बीच हाथापाई शुरू हो गयी है। राजन और पुनीत ने रोशन के पैरों के बीचोबीच कई बार मारा जिसके बाद रोशन बेहोश हो गया। मैने दरवाजा अंदर से लॉक कर लिया और भैया को कॉल करके सबकुछ बता दिया। कुछ ही देर में भैया भी आ गए और राजन और पुनीत को एक एक चांटा मारा जिसके बाद वो दोनों बेहोश हो गए। भैया और मैं रोशन को लेकर हॉस्पिटल पहुचे, डॉक्टर्स ने रोशन को एमरजेंसी वार्ड में शिफ्ट किया।
मेरा रो रो कर बुरा हाल था, रोशन के माँ बाप भी वह आ गए और वही बैठकर रोने लगे। मैंने उनको शांत करने की कोशिश की, वो थोड़ी देर शांत होते और फिर से रोने लगते। इधर राजन और पुनीत बेहोश पड़े थे। डॉक्टर जब एमरजेंसी वार्ड से बाहर आये तब रोशन के पापा और मेरे भैया को अपने कमरे में बुलाकर कहा कि रोशन अभी ठीक है लेकिन उसका पेनिस पूरी तरह से बर्बाद हो चुका है। आप इस डॉक्युमेंट्स साइन कर दीजिए। रोशन के पापा ने जब डाक्यूमेंट्स को पढा तो उनके होश उड़ गए। ये क्या बोल रहे हो डॉक्टर साब, मैं इस डॉक्यूमेंट पर साईन कैसे कर दूँ। फिर मेरे भैया ने डाक्यूमेंट्स को अच्छे से पढ़ा और रोशन के पापा से कहा कि हालात बहुत नाजुक है, और ये डॉक्टर साब ने बहुत अच्छा सुझाव दिया है। देखिये अंकल, रोशन का पेनिस डिस्ट्रॉय हो चुका है और बिना पेनिस का मर्द किस काम का। आप इस डॉक्यूमेंट पर साइन कर दीजिए, ताकि लड़की बनकर ही सही रोशन अपनी जिंदगी तो संवार ही सकता है। वो सब तो ठीक है बेटा लेकिन मेरा बेटा लड़की बन गया, तो उससे शादी कौन करेगा, उसका घर कैसे बसेगा। मेरे भैया ने कहा कि आपका बेटा लड़की बन जायेगा तो मैं उससे शादी कर लूंगा, आप निश्चिंत रहें और इन डाक्यूमेंट्स पर साइन कर दें। रोशन के पापा ने उन डाक्यूमेंट्स पर साइन कर दिया और डॉक्टर्स ने अपना काम शुरू कर दिया। रोशन के माँ बाप को अब रोशन के भविष्य की चिंता नही थी क्योंकि उनका होने वाला दमाद उनके सामने खड़ा था। मेरे भैया ने ये बात जब मुझे बताई तब मैं बहुत इमोशनल हो गयी, रोने लगी लेकिन अपने भैया पर गर्व महसूस होने पर चुप हो गयी।फिर भैया ने डॉक्टरों को पैसे दिए और रोशन के कमरे पर गए जहां राजन और पुनीत दोनो अभी भी बेहोश पड़े थे। भैया ने उनदोनो को उसी हालत में बहुत मारा और उनके पेनिस को डिस्ट्रॉय कर दिया, और उनदोनो को हॉस्पिटल में एडमिट किया और उन्हें भी औरत बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गयी। पुनीत और राजन के माँ बाप वहां आये और वो भी रोने लगे, कहने लगे कि उनके बेटे औरत बन जाएंगे तो उनसे कौन शादी करेगा। मेरे भैया ने उनसे कहा कि मैं आप दोनों के बेटों के औरत बन जाने के बाद उनसे शादी कर लूंगा, उन्हें अपनी दुल्हन बनाऊंगा आप फ़िक़्र मत कीजिये। राजन और पुनीत के माँ बाप भी अपने बच्चों के भविष्य को लेकर अब निश्चिंत थे।1 साल बाद डॉक्टर ने कॉल करके राजन, पुनीत और रोशन के माँ बाप को बताया कि अब उनके बेटे पूरी तरह से औरत बन चुके हैं, वो आएं और अपने बेटियों को ले जाएं। तीनो के माँ बाप अपने बेटों जो कि उनकी बेटियाँ बन चुकी है, उन्हें लेने हॉस्पिटल पहुचे। उनके पेरेंट्स ने मुझे और भैया को भी वहीं बुलाया। जब मैं और भैया हॉस्पिटल पहुंचे, तब मैंने देखा, तीनो अपने अपने पेरेंट्स के साथ चुपचाप से बैठे थे।
मैने रोशन के लिए नीले रंग का चमकीला पटियाला सूट, चुनरी, कुछ चूड़ियाँ, झुमके, नथिया, और एक 3 इंच वाला हील्स लिए थे, और राजन और पुनीत के लिए लाल रंग की साड़ियाँ, ब्लाउज, चूड़ियाँ, सैंडल्स 4 इंच वाला, झुमके और मध्यम गोल नथिया। मैने आते ही नर्स को वो सारे कपड़े दिए और कहा कि तीनों को तैयार करके ले आयें। नर्स तीनो को लेकर वार्ड में चली गयी, इधर रोशन, पुनीत और राजन के पेरेंट्स से मैने कहा कि मेरी माँ आपकी बेटियों से मिलना चाहती हैं। रोशन, राजन और पुनीत की पेरेंट्स ये सुनकर खुश हो गए। फिर मैंने उन्हें बताया कि मेरी माँ को ये नही पता कि ये तीनो कभी लड़के भी थे, सो प्लीज इस बात का ध्यान रखें। वो सभी खुश हो गए और सहमत भी। थोड़ी देर में रोशन अपने पटियाला सूट और चुनरी ओढ़कर अपने सिर को झुकाये और राजन और पुनीत लाल साड़ी में घूंघट किये और सिर को झुकाये बाहर आये। मैं सबसे पहले रोशन के पास गई, उसे हग किया। रोशन इमोशनल हो गया और रोने लगा। मैन रोशन को समझाया कि तुम्हारी ये हालात तुम्हे उन्ही दोस्तों की वजह से हुआ जिन्हें तुम छोड़ना नही चाहते थे। रोशन के बूब्स 32 D शेप, हिप्स 30, कमर 28, उफ्फ, मैं बता नही सकती कितनी हसीन लग रहा था रोशन। फिर मैंने रोशन को बताया कि आज मेरी माँ ने तुम्हे, राजन को और पुनीत को मिलने को बुलाया है। फिर थोड़ी देर में रोशन, राजन और पुनीत अपने परिजनों के साथ मेरे घर पहुंचे। तीनो ने अपने चेहरे को घूंघट में छिपाया हुआ था। मेरी माँ को तो तीनों एक ही नज़र में पसन्द आ गए। फिर मेरी माँ ने तीनों को एक एक सोने का कंगन और एक एक राजस्थानी नथिया दिया। तीनो की माँ ने उन्हें कंगन तो पहना दिया लेकिन नथिया नही पहनाया। मेरी माँ के पूछने पर उन्होंने कहा कि हमारी बेटी ने नाक कान नही छिदवाए। मेरी माँ ने मुझसे कहा कि सविता तुम जाओ, नोज पियरसिंग गन लेकर आओ और इन तीनो के नाक कान छेद दो। ये नथिया हमारे घर का मान सम्मान है, आज ही तीनो को नथिया पहनाये जाएंगे।इतना नर्वसनेस, बढ़ी हुई हैर्टबीट्स और शर्मिंदगी से झुके सिर और उनके रसीले होंठो को चूमते उनके बड़े बड़े नथिया और मेरे भैया तो लगातार तीनो को देखे जा रहे थे। मेरी माँ ने उन तीनों के परिजनों को शादी का डेट दिया और कहा कि एक ही मंडप पर ये तीनो मेरे घर की बहुएं बनेंगी। फिर तीनो के परिजनों ने मेरी माँ से, मेरे भैया से और मुझसे विदा लिया। मुझे तो यकीन नही हो रहा था कि तीनों पहले मर्द थे और अब औरत बन चुके है और मेरे भैया की दुल्हन बनने जा रहे हैं। मेरे भैया बहुत खुश थे लेकिन कोई था जो खुश नही था। वो थे राजन, पुनीत और रोशन। उन्होंने अपने परिजनों से बहुत मिन्नतें की कि ये शादी रोक दें, लेकिन उनके घरवालों ने साफ मना कर दिया।
सभी के जाने के बाद मैंने भैया से पूछा कि उन्होंने रोशन को अपनी दुल्हन बनाने को राजी हुए ये तो समझ मे आता है, लेकिन राजन और पुनीत को अपनी दुल्हन बनाने को क्यों राजी हुए। भैया ने बताया कि उस दिन रोशन के साथ राजन और पुनीत ने जो किया वो अमानवीय था और उन्हें कोई हक नही बनता कि इस तरह वो किसी की भी लाइफ को स्पोइल करें। राजन और पुनीत के कारण मेरी बहन को आंसू बहाने पड़े, ये मुझसे बर्दाश्त नही। रोशन और तुम्हारी जोड़ी इतनी प्यारी लगती थी मुझे, मेरा तो मन भी बन गया था कि रोशन तुम्हारा पति बने और इस घर का दामाद। लेकिन उस दिन राजन और पुनीत ने मुझसे नशे के हालत में बताया, वो सुनकर मुझे और भी बुरा लगा। रोशन ने तुम्हारे साथ रिश्ता रखा था, क्योंकि उसे पता था कि तुम्हारे पास पैसों की कोई कमी नही है और अपनी मस्ती और गलत कामों जैसे ड्रग्स लेना, लड़कियों के साथ सोना, ये सब करता था। रोशन के साथ भी जो कुछ हुआ वो तो गलत था, लेकिन उसने भी मेरी बहन को छलने की कोशिश की। लेकिन अब वो तीनो औरत बन चुके है। उनकी सज़ा यही है कि वो तीनो अपनी बाकी की जिंदगी मेरी दुल्हन बनकर, मेरे घरवालो की सेवा में बिताएं और तुम इन तीनो से जो करवाना चाहती हो, करवाओ। एक बार इन तीनो को अपनी दुल्हन बना लूं, फिर देखना इनके साथ क्या क्या करता हूँ। उस दिन जब तुम तीनो के नाक कान में छेद किया था, तब तुम्हे नही मालूम मुझे कितनी खुशी मिल रही थी। इन तीनो ने मिलकर तुम्हारी जिंदगी को बर्बाद करना चाहा, अब ये चाह कर भी अपनी जिंदगी के लिए कुछ नही कर पाएंगे। भैया की बाते सुनकर मुझे महसूस हुआ कि मैं कितनी गलत थी, और भैया जो कर रहे हैं, बिल्कुल सही कर रहे हैं। अब मैं भी भैया के साथ थी, इन तीनो को सबक सिखाने के लिए।सात साल गुज़र
चुके हैं इन बातों को, पुनिता, रजनी और रौशनी भाभी दूसरी बार गर्भवती हैं, घर में वैसे चार बच्चे हैं लेकिन पुनिता, रजनी और रौशनी भाभी से मेरे भैया को पांच पांच बच्चे चाहिए
और मैं तीनो को भाभी के रूप में खूब छेड़ती हूँ। अगले महीने मेरी शादी है और मेरी
तीनो भाभियाँ मेरी शादी को लेकर काफी एक्साइटेड हैं।
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