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मेरी अधूरी कहानी - पार्ट - 2

ईयर - 2013

पिछले एक साल में काफी कुछ बदल चूका था। ऑफिस में जिस पोस्ट पर मैं थी, उस पोस्ट के लिए मेरे कंपनी के ओनर किसी और लड़की को बिठाना चाहते थे क्यूंकि वो लड़की मेरे बॉस की गर्लफ्रेंड थी, लेकिन मुझसे ये बात कहने में मेरे बॉस को काफी संकोच हो रहा था, क्यूंकि मैं उसके दोस्त की फ्रेंड जो थी। इधर मेरे अम्मी अब्बू ने मुझसे निकाह का डेट फाइनल करने को फ़ोर्स करने लगे थे, वे चाहते थे कि मैं उनके पसंद की लड़की से निकाह कर लूँ और उनकी पसंद मुझे भी पसंद थी। वो लड़की जो मेरे अम्मी अब्बू ने मेरे लिए देख रखी थी, वो बहुत ही सुन्दर और मेरी हाइट की ही थी। रुखसार नाम था उस लड़की का और मुझे भी वो लड़की बहुत पसंद थी और मैं भी उस लड़की से निकाह करना चाहती थी, लेकिन मुझे क्रॉसड्रेसिंग की लत लग चुकी थी और लड़कियों के कपडे पहनने में मुझे मजा आने लगा था। इधर राजा मेरी जान नहीं छोड़ रहा था और वो मुझसे शादी करने के लिए अपनी गर्लफ्रेंड रुपाली से ब्रेकअप कर लिया था। रुपाली से ब्रेकअप के बाद राजा का मेरे घर आना जाना ज्यादा होने लगा था और मुझे शादी के लिए बहुत इंसिस्ट करने लगा था। मैं कैसे राजा से शादी करने को हाँ कर देती, मैं लड़की थोड़े ना थी जो राजा की दुल्हन बन जाऊं। वैसे भी मेरे अम्मी अब्बू ने मेरे लिए बहुत ही सुन्दर लड़की देख राखी थी जो मुझे भी बहुत पसंद थी। मैंने अम्मी अब्बू को निकाह के लिए डेट निकलवाने को कहा और राजा को संडे को घर बुला लिया ताकि उसे बता सकूँ कि मैं उससे शादी नहीं कर सकती और मैं जिस लड़की से निकाह करने जा रही हूँ उसके साथ मेरा रिश्ता तय हो चूका था। संडे को मैं फ्री थी और राजा भी सुबह सुबह आ गया।

मुझे पता था कि राजा फ्लैट पर आने वाला है और मैंने गेट खोल रखा था और मैं किचन में उसके लिए नाश्ता बना रही थी। राजा ने गेट खुला देखा, लेकिन वो अंदर आया नहीं, उसने दरवाज़ा नॉक किया।

मैंने आवाज़ दी और बोली- अंदर आ जाओ राजा!

राजा फ्लैट में एंटर हुआ, दरवाज़े को अंदर से लॉक किया और सीधे अंदर आ गया। मैंने साड़ी के पल्लू को कमर में लपेटे रोटियां सेक रही थी। शायद राजा अपनी एक्साइटमेंट को कण्ट्रोल नहीं कर सकता, पुरे एक साल बाद वो मेरे इतने करीब था। मैंने राजा को अपने करीब महसूस करने लगी थी और इससे पहले मैं कुछ कहती, राजा ने मेरी कमर में अपने हाथों से कस कर जकड लिया और मेरे गालों पर किस करने लगा। 

मैं शॉक्ड रह गयी, दो साल बाद राजा मेरे इतने करीब था और उसके एक किस ने मुझे इतना कमज़ोर कर दिया कि मैं उसे खुद से दूर नहीं कर सकी।

मैं बोली- राजा प्लीज्, छोड़ो मुझे, तुम फिर शुरू हो गए!

राजा- तुम कितनी सुन्दर हो गयी हो पहले से और तुम्हारे बदन में कितनी कोमलता आ गयी है। तुम पहले तो इतनी नाज़ुक तो नहीं थी सोफिया।

मैं- आई डोंट नो राजा, एक साल में मेरे शरीर में काफी बदलाव आ गया है और मेरे बाल लम्बे और घने हो गए हैं, चेस्ट पहले से ज्यादा फूल कर गोल हो गया है, हिप्स वाइड होते जा रही है और मेरे लंड में इरेक्शन बिलकुल भी नहीं होता। और मुझे ठीक होना है और पहले की तरह मर्द बनकर जिंदगी बितानी है राजा। मैं अब ये नौकरी वैसे भी नहीं कर सकती क्यूंकि मेरा बॉस मुझे नौकरी से निकालने वाला है और मेरी जगह अपनी गर्लफ्रेंड को देने वाला है। मेरा निकाह रुखसार नाम की लड़की से फिक्स हो चुकी है और मैं अब लाइफ में आगे बढ़ने जा रही हूँ। 

राजा- हम्म! कॉन्ग्रैचुलेशन्स सोफिया! तो तुम एक ऐसी लड़की से निकाह करने जा रही हो, जिसे तुम जानती भी नहीं और क्या तुम मेरी दुल्हन नहीं बनना चाहती!

मैं- नहीं राजा, मैं लड़की नहीं हूँ, मैं एक मर्द हूँ तुम्हारी तरह। मज़बूरी में लड़की बनकर नौकरी करना अलग बात है राजा लेकिन मैं तुम्हारी दुल्हन कैसे बन सकती हूँ।

राजा- तुम किसे धोखा दे रही हो सोफिया, तुमने मेरी दुल्हन बनने को जन्म लिया है और आई एम् श्योर तुम एक दिन तुम खुद चलकर मेरे पास होगी और मुझे अपना पति स्वीकार करोगी सोफिया! वैसे भी तुम्हारे लंड में इरेक्शन नहीं होता, तुम अपनी दुल्हन को कैसे सटिस्फाय करोगी सोफिया, दो दो जिंदिगियां बर्बाद हो जाएँगी जिसे तुम बर्बाद होने से बचा सकती हो!

मैं- मैं कैसे बचा सकती हूँ! इतने समझाने के बाद भी अगर आज भी तुम मेरे कारण अपनी जिंदगी बर्बाद करने को तैयार हो लेकिन क्यों राजा। तुम शादी क्यों नहीं कर लेते राजा, तुम शादी कर लो ना!

राजा- तो फिर तुम मुझसे शादी करने को रेडी हो सोफिया!

मैं- नहीं राजा, तुम किसी लड़की से शादी कर लो, मैं भी तुम्हारी शादी में आउंगी। देखो राजा, मेरी वजह से तुम अपनी लाइफ स्पोइल करो, ये मुझे बिलकुल भी बर्दाश्त नहीं रहा! तुम इतने अच्छे हो, अगर मैं लड़की होती तो तुम्हारे एक प्रपोजल पर तुमसे शादी करने के लिए रेडी हो जाती। लेकिन मैं लड़की नहीं हूँ राजा और अपने अम्मी अब्बू की एकलौती हूँ। मैं अपने अम्मी अब्बू की ख़ुशी को यूँ नहीं छीन सकती।

राजा- सोफिया, आई लव यू और अगर तुम मुझसे शादी नहीं करोगी तो मैं कभी शादी नहीं करूँगा!

मैं- राजा प्लीज्, मेरे लिए सीटुएशन्स वैसे ही बहुत हार्ड है और टफ सिचुऎशन्स मत बनाओ!

राजा- मेरी एक बात मानोगी सोफिया! तुम मेरी अच्छी दोस्त ही नहीं बल्कि एक अच्छी हमसफ़र भी साबित हो, वो चाहे मेरी हमसफ़र हो या तुम्हारी रुखसार की हमसफर बनकर। तुम्हारा भविष्य बहुत ही अच्छा रहेगा सोफिया। मेरी एक रिक्वेस्ट है सोफिया, आज तो मैं हमेशा के लिए तुम्हारी लाइफ से बाहर चला जाऊंगा लेकिन लाइफ में कभी भी तुम्हे मेरी जरुरत हो तो ये मत सोचना कि मैं तुम्हारा साथ नहीं दूंगा। मैं हमेशा तुम्हारा साथ दूंगा सोफिया। 

मैं- आई नो राजा, तुम हमेशा मुझे सपोर्ट करते आये हो। मेरे लिए एक काम करोगे, मेरे लिए एक अच्छी सी नौकरी ढूंढ दो, जहाँ मुझे लड़की बनकर काम ना करना पड़े और मेरी पत्नी को मेरी क्रॉसड्रेसिंग के बारे में कुछ भी मालुम न चले।

राजा- हम्म! अब तुम मेरी कंपनी वापिस से ज्वाइन कर सकती हो सोफिया, चाहे सोफिया बन कर या सफीउल बनकर, मुझे कोई फरक नहीं पड़ता!

मैं- यू आर सो स्वीट राजा, काश मैं लड़की के रूप में जन्म लेती तो तुमसे जरूर शादी कर लेती और तुम्हारी दुल्हन बन कर पुर जिंदगी तुम्हारी सेवा करती राजा।

राजा- तो फिर ठीक है, तुम मुझसे शादी नहीं करो ना सही लेकिन एक दिन के लिए मेरी दुल्हन बनकर मेरे साथ पुरे २४ घंटे गुज़ारो। मैं तुम्हे एक आखिरी बार प्यार करना चाहता हूँ जी भर के और इसके बाद तो मुझे पूरी लाइफ अकेले ही बितानी है। क्या तुम मेरे लिए इतना सा करोगी सोफिया, मेरी एक दिन की दुल्हन बनोगी तुम? मैं अभी भी राजा की बाहों में ही थी, रोटियां सिक चुकी थी और मैं राजा के सवाल का बिना जवाब दिया कमरे में चली गयी और दरवाज़े को अंदर से लॉक कर ली। मैं कमरे में बैठकर सोचने लगी कि राजा ने मुझसे ये क्या मांग लिया और पुरे एक साल बाद वो मेरे इतने करीब आ गया। मैं क्या करूं, राजा मेरे लिए इतना कुछ कर रहा है और मेरे लिए अपनी जिंदगी तबाह कर रखा है। इतना तो मैं कर ही सकती हूँ अपने इस दोस्त के लिए। फिर मैंने अपना मेकअप ठीक किया और अपनी साड़ी के आँचल से घूँघट कर ली और कमरे का दरवाज़ा खोल दी और बिस्तर के कोने पर बिना कुछ कहे बैठ गयी। 
राजा कमरे में आकर मेरे पास बैठ गया, मेरा घूँघट उठाया और मेरा होंठ चूमने लगा और फिर थोड़ी देर रोमांस करता रहा। एक साल बाद राजा के गर्म साँसों को फील करके मुझे ऐसा एहसास हो रहा था मानो मैं सच में औरत हूँ। राजा के सांसों की खुशबु मेरी साँसों में घुल चुकी थी ,आँखों में आंसू लिए मैंने राजा को देखा। राजा ने मेरे होंठ पर एक और किस किया और मुझे एकटक घूरने लगा।

मैं- ऐसे क्या देख रहे हो राजा!

राजा- यही कि मेरी दुल्हन के होंठ पहले से कितने रसीले हो गए हैं और तुम्हारे बदन से आती फीमेल परफ्यूम की खुशबु मुझे बहुत एक्साइटेड कर रही है। लेकिन मुझे ये एक दिन और 24 घंटे तब चाहिए जब मैं कहूं और तब तुम मुझे मना नहीं कर सकती, मंजूर है!


 

मैं- मुझे लगा आज ही मुझे तुम्हारी दुल्हन बनना था। लेकिन तुम रुक क्यों गए राजा!

राजा- क्यूंकि वो एक दिन जब आएगा तब उस दिन तुम सिर्फ और सिर्फ मेरी होगी और उस दिन मैं तुम्हे अपनी दुल्हन बनाऊंगा। वो दिन कब आएगा, ये मैं डिसाईड करूँगा सोफिया और तब तुम मुझे मना नहीं कर सकती।

मैं- ओके, लेकिन!

राजा- लेकिन क्या सोफिया?

मैं नहीं जानती राजा के साथ रोमांस का ये पल मुझे इतना भा जायेगा, मैं क्या कहती राजा से। मैं राजा के साथ आज ही सुहागरात मनाना चाहती हूँ, ये मैं कैसे कहूं राजा से।

मैं- नहीं कुछ नहीं राजा! ऐज़ यू विश राजा! तुम बहुत अच्छे हो और तुम किसी लड़की से शादी कर लो ना प्लीज्!

राजा- सॉरी बट नो, क्यूंकि मेरी सोफिया रानी की जगह कोई दूसरी लड़की नहीं ले सकती।

मैं- तुम्हे समझाना ना! चलो खाना गर्म गर्म है, खा लो और थोड़ी देर रेस्ट कर लो, फिर निकल जाना।

राजा- हम्म, सर्व करो, मैं आता हूँ!

आज राजा के आँखों में आंसू थे, वो और मैं अलग होने वाले थे हमेशा हमेशा के लिए। और राजा को दुखी देखकर मुझे जरा भी अच्छा नहीं लग रहा था, जब मैं बिस्तर से उठी तो राजा के होंठ पर अपनी मर्ज़ी से किस की और किचन में चली गयी। मैंने राजा के लिए खाना सर्व किया और उसे खाना खिलाया और जब राजा ने लंच कर लिया तो मैंने भी लंच कर ली। राजा जाने लगा तो ऐसा लग रहा था कि मेरी रूह दो हिस्सों में बंटने जा रही है। मैंने जैसे ही राजा दरवाज़े पर पहुंचा, मैं उसे सी ऑफ करने दरवाज़े पर आ गयी और मेरे हाथों में उसके दिए ज्वेलरीज का एक बॉक्स भी था। जब मैंने राजा को ज्वेलरी बॉक्स दी तो उसने ज्वेलरीज लेने से मना कर दिया।

राजा ने कहा- सोफिया, ये गहने मेरी दुल्हन के हैं और मेरी दुल्हन के ही रहेंगे। इन गहनों पर तुम्हारा हक़ है सोफिया और ये तुम अपने पास हो रखो!

करीब पच्चीस लाख से ज्यादा के जेवर राजा ने मुझे गिफ्ट किये थे और मैं उन गहनों को अपने पास नहीं रखना चाहती थी। राजा ने एक आखिरी बार मुझे अपनी बाहों में भर लिया और मुझे होंठ पर लगभग पांच मिनट्स तक स्मूच करता रहा और मैंने भी उसे एक बार भी मना नहीं किया। शायद राजा का मुझे यूँ पागलों की तरह प्यार करना मुझे अच्छा लगने लगा था। राजा को जाते हुए देख आज मैं ना चाहते हुए भी बहुत रोई, वो सिर्फ एक आदमी नहीं मेरा प्यार बन चूका था, जिसे मेरे अंदर का मर्द कभी स्वीकार नहीं कर पा रहा था लेकिन मेरी रूह, वो राजा की हो चुकी थी। 
सच कहूं, अगर मैंने लड़की के रूप में जन्म लिया होता तो राजा की दुल्हन बन जाती और पूरी जिंदगी उसकी सेवा करती। राजा जैसा इंसान ढूंढने से नहीं मिलेगा मुझे, ये मैं जानती थी लेकिन मैंने भी डिसाईड कर लिया था कि जिस दिन मैं राजा के लिए दुल्हन बनूँगी, उस दिन मैं उसे पूरा प्यार दूंगी। राजा के जाने के थोड़ी देर बाद, ऐसा लग रहा था कि लाइफ में एक खालीपन आ गया हो और मैं राजा को मिस करने लगी। तभी थोड़ी देर में अम्मी का कॉल आ गया और उसने मुझे बताया कि निकाह नेक्स्ट वीक तय हुई है और मुझे इसी वीक घर आने को कहकर फ़ोन कट कर दी। अब मैं क्या करूँ, इसी वीक घर जाना था, मेरे पास एक भी शर्ट, जीन्स या टीशर्ट नहीं थी। पहले तो मैंने अपना वार्डरोब खोला और जेवर का बॉक्स लाकर में रख दी और अपनी पुराणी शर्ट्स, टीशर्ट्स और जीन्स निकालकर बिस्तर पर रख दी। पिछले एक साल से मैं औरतों की तरह रह रही थी, मेरी सोच, मेरी बोलचाल, मेरे रहने का तौर तरीका सब लड़कियों जैसी हो चुकी थी। जिस कर्वी बॉडी को पाने के लिए मरती हैं आज मैं उस कर्वी बॉडी की मालकिन थी। मैंने अपने पुरे कपडे उतार दिए और जीन्स पहनने की कोशिश करने लगी, जीन्स मेरे हिप्स से ऊपर नहीं आ रही थी और ऐसा लग रहा था कि मेरी गांड कितनी मोटी हो गयी है। फिर मैंने शर्ट ट्राई की तो शर्ट तो बिना ब्रा के भी शर्ट पर मेरी गोल छाती और निप्पल्स का उभार साफ़ दिख रही थी। मैंने टीशर्ट ट्राई की, वो मुझे बिलकुल फिटिंग आ गयी लेकिन मेरा फिगर मर्द की तरह नहीं बल्कि किसी नार्मल सोलह सत्रह साल की लड़की जैसी दिख रही थी। अब तो बॉडी को पहले जैसे मर्दानगी भरी करने के डॉक्टर से मिलना पड़ेगा, लेकिन नेक्स्ट वीक में मेरा निकाह भी है। इतनी जल्दी मेडिसिन क्या असर करेगी, ये सोचकर मैंने डॉक्टर के पास जाने का फैसला ड्राप कर दी और मार्किट से अपने बराबर नाप के जीन्स और शर्ट्स खरीदने का सोची। शाम को मैं फिर से लाल साड़ी में तैयार हुई और मॉल चली गयी। वहां मैंने अपने नाप की जीन्स और शर्ट खरीदी। सेल्स गर्ल मुझे मनीष मल्होत्रा का महारानी स्टाइल लहँगा सजेस्ट कर रही थी, वो नहीं जानती थी कि मैं एक मर्द हूँ। लेकिन लहँगा चोली वाकई बहुत ही ज्यादा सेक्सी थी, अगर मैं वो लहँगा पहनती तो मुझे कम से कम ५ इंच वाली हील्स पहननी पड़ती और उस लहँगे को पहनकर चलना बिलकुल भी पॉसिबल नहीं था। वो काफी बड़ा लहंगा था, मुझे बहुत पसंद आया लेकिन अब मुझे अपने मर्दानगी भरी लाइफ को जीना था। इधर जब मैंने सेल्स गर्ल को लहँगा के लिए मना कर दी तो वो मुझे तरह तरह की ड्रेसेज़ दिखाने लगी जो वाकई बहुत खूबसूरत थीं। अंत में सेल्स गर्ल ने मुझे एक पीले रंग की जॉर्जेट ट्रांसपेरेंट साडी दिखाई जो मुझे बहुत पसंद आयी और साथ में पीले रंग की ब्लाउज की कट पीस और मैचिंग पेटीकोट भी दिखाई। मैंने साड़ी खरीद ली और मैंने सेल्स गर्ल को पेमेंट करवाने को बोली। सेल्स गर्ल मेरे क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करवाने लगी तो मेरी नज़र फिर से उस महारानी स्टाइल लहँगा पर पड़ी। मन तो बहुत था कि लहंगा खरीद लूँ लेकिन फिर मैंने अपने भावनाओं को कण्ट्रोल करके शॉपिंग ख़त्म करके घर आ गयी। घर आकर मैंने शर्ट जीन्स ट्राई की, वो बिलकुल फिट आयी लेकिन मेरी बॉडी देखकर कोई भी कह सकता था कि मैं एक लड़की हूँ। नेक्स्ट डे, मैंने सबसे पहले ब्यूटी पारलर जाकर अपने बाल लड़कों जैसे करवा ली और घर आकर मैंने अपने नाक से नथिया और दोनों कानों से बालियां निकाल कर लाकर में रख दी। मैं लगभग साल भर बाद लड़कों की तरह तैयार हुई, इतना कुछ करने के बावजूद जब मैंने आईने में खुद को देखा तो ऐसा लगा अभी भी मैं लड़की जैसी ही दिख रही थी। मेरे नाक और कान की छेद भी साफ़ दिख रही थी, पिछले एक साल से नाक में नथिया और कान में झुमके और बालियां पहनते पहने मुझे इन सब का आदत हो गया था लेकिन अब मुझे फिर से अपनी मर्दानगी हासिल करनी थी। मैंने सोचा कान में सलमान खान की तरह बालियां पहन लू और नाक का छेद बंद करने के लिए नीलम को कॉल करके पूछ लूँ! मैंने अपने कान में सोने की एक एक बाली पहन ली और नीलम को कॉल करके उससे पूछी कि मेरे नाक का छेद कैसे बंद होगा। 

नीलम बोली- मेरे पास एक ऑइंटमेंट है, जिससे दो तीन दिन में ही तुम्हारे नाक का छेद बंद हो जायेगा और मैं रात में घर आ कर दे जाउंगी।

मैं नीलम को थैंक्स बोली और अपने मर्दानगी को फिर से अपने शरीर में महसूस करने की कोशिश करने लगी। इधर रात हुई तो नीलम घर आ गयी, मुझे लड़कों के गेटअप में देखकर चौंक गयी वो।

नीलम- ये क्या है सोफिया?

मैं- अब मैं सोफिया नहीं, सफीउल खान हूँ। मेरी निकाह है नेक्स्ट वीक।

नीलम- ओह गॉड, तुम सच में राजा की दुल्हन बनने जा रही हो?

मैं- नहीं नीलम, मेरा निकाह मेरी होने वाली दुल्हन के साथ होने को है नेक्स्ट वीक। अब मैं बस इतना चाहती हूँ कि मैं जब निकाह करने जाऊँ तो हैंडसम दिखूं।

नीलम- हाहाहा, सच कहूं तो मुझे यकीन नहीं हो रहा है सोफिया, तुम सच में राजा से शादी नहीं कर रही हो और एक लड़की से शादी करने जा रही हो।

मैं- हाँ नीलम, मैं एक मर्द हूँ तो लड़की से ही शादी करूँगा ना!

नीलम- ओह्ह! राजा का तो दिल ही टूट जायेगा ये सब सुनकर!

मैं- नहीं टूटेगा, मैंने सुबह राजा को सब बता दिया और उसे कोई प्रॉब्लम नहीं है मेरी शादी से!

नीलम- ओके ओके, अच्छा ये लो ऑइंटमेंट, तीन दिन, सुबह दोपहर शाम अपने नाक की छेद पर लगाकर छोड़ देना। चौथे दिन की सुबह तक तुम्हारे नाक का छेद भर जायेगा!

मैं- थैंक्स नीलम, निकाह का कार्ड छपते ही मैंने तुम्हे और राजा को भिजवा दूंगी।

नीलम- ऐसे बात करोगी तो तुम्हारी दुल्हन तुम्हे छोड़कर भाग जाएगी। मर्द हो तो मर्दों की तरह बातें किया करो अब!

मैं- थैंक्स नीलम, अब से मैंने मर्दों की तरह ही बातें किया करूँगा!

फिर नीलम चली गयी तो मैंने अपने नाक पर ऑइंटमेंट लगाई और सोने की तयारी करने लगी। नाईटी पहनकर सोने का आदत मुझे अच्छा लगने लगा था तो मैंने सोचा कि जबतक यहाँ हूँ, नाईटी पहनकर सोने में क्या हर्ज़ और मैं नाईटी पहनकर सो गयी! मैं काफी थकी हुई थी, बिस्तर पर लेटते ही मेरी आँख लग गयी। तीन दिन गुज़र चुके थे, मेरे नाक का छेद लगभग भर चूका था, हल्का सा बारीक़ सा दाग था उससे किसी को कुछ ख़ास पता नहीं चलता। मैंने अपने बैग्स पैक किये और उसी दिन मैं घर के लिए निकल पड़ी। वीकेंड की सुबह मैं अपने घर पहुंच चुकी थी, अम्मी अब्बू से मिलकर मुझे बड़ी ख़ुशी मिली और मेरी बहन और उसका शौहर भी घर आ गया था। रुखसार के साथ मेरी निकाह की तयारी पुरे जोर शोर से की जा रही थी। मेरे लिए रुखसार के घर से शेरवानी आयी, जो मुझे फिट आयी। निकाह के दिन जब मैं तैयार हुआ तब मेरी बहन और अम्मी कमरे में आ चुके थे। अम्मी और मेरी बहन मुझे एकटक देख रहे थे।

 

मैंने पूछा- ऐसे क्या देख रही हो अम्मी!

अम्मी- तूने कान छिदवाये हैं?

मैंने कहा- हाँ अम्मी, क्यों अच्छा नहीं लग रहा क्या?

अम्मी- अच्छा लग रहा है लेकिन तूने कान क्यों छिदवाये?

मैंने कहा- वो मैंने सलमान खान को देखा था कान में बाली पहनते हुए और मुझे अच्छा लग रहा था इसीलिए।

मेरी बहन बोली- लेकिन तू सलमान खान नहीं है शफीउल, ये रिंग्स उतार दे!

मैंने कहा- नहीं अम्मी, मुझे पसंद है ये।

अम्मी- ठीक है, ठीक है। तुझे जो पसंद है पहन ले, आज तेरी निकाह है।

शेरवानी पहनने के बाद अम्मी ने मेरे आँखों में काजल लगा दी और ईथर लगा दी, जिसके स्मेल से मुझे काफी अच्छा लग रहा था।

अम्मी मुझे देखकर बोली- शफीउल तू तो दुल्हन से ज्यादा सुन्दर दिख रहा है।

मैं भी अम्मी की बात सुनकर हँस दिया और मैंने कहा- अम्मी तेरा बेटा है ही क्यूट!

फिर मैं बारात लेकर रुखसार के घर पहुँच गयी, जहाँ सभी ने मेरा, मेरे परिवार और सभी बाराती का जोरदार स्वागत हुआ। काज़ी साहब आलरेडी पहुंचे हुए थे और मैंने देखा, खिड़की से मेरी दुल्हन मुझे देख कर शर्मा रही थी। एक तरफ मुझे बिठाया गया और मेरे साथ मेरे परिवार के पुरे मर्द थे। दूसरी तरफ मेरी दुल्हन रुखसार को बिठाया गया और उसके साथ उसके परिवार की महिलाएं और मेरे परिवार की औरतें बैठीं थी। हमदोनो के बीचोबीच दोनों तरफ से फूलों का पर्दा लगाया गया। ना तो मैं अपनी दुल्हन को देख पा रही थी और ना ही रुखसार मुझे, वो तो वैसे भी सर झुकाये बैठी थी। मैं रुखसार के एक झलक को पाने को बेताब हुई जा रही थी और काज़ी साहब आपस में पता नहीं क्या बात कर रहे थे। अभी मैं सोच ही रही थी कि आखिर चल क्या रहा है तभी काज़ी साहब दुल्हन की तरफ जाकर बैठ गए।

क़ाज़ी साहब बोले- निकाह पारंपरिक इस्लामिक मैरिज सेरेमनी है। निकाह में 3 मुख्य हिस्से होते हैं: निकाह के लिए तैयार एक जोड़ा, गवाह, और एक मेहर, या गिफ्ट जो दूल्हा दुल्हन को देता है। नबी करीम सल्लल्लाहू अलैहे वसल्ल्म (स.अ.व.) ने फरमाया कि, निकाह मेरी सुन्नत है’ इसका मतलब निकाह करना या शादी करना सिर्फ एक कानूनी औपचारिकता ही नही है बल्कि ये पैगम्बर मोहम्मद स.अ.व. की सुन्नत पर अमल करना भी है। ये वास्तविकता शादी करने की अहमियत को कम नहीं करती है, लेकिन स्पष्ट करती है कि अगर कोई व्यक्ति शादी करने के काबिल नहीं है, तो उसने कोई गुनाह नहीं किया है।

फिर क़ाज़ी साहब ने रुखसार से तीन बार पूछा- क्या तुम्हे ये निकाह मंजूर है?

रुखसार ने भी तीनो बार हाँ में जवाब दे दी। फिर क़ाज़ी साहब मेरे पास आकर बैठ गए और क़ुरान के कुछ और आयतें पढ़कर सुनाई और मुझे बताया कि मैहर की रकम पांच लाख तय की गयी है। मैंने हामी भरी। उसके बाद क़ाज़ी साहब में मुझसे भी तीन बार वही सवाल पूछा।

क़ाज़ी साहब- क्या तुम्हे ये निकाह कुबूल है?

मैंने कहा- हाँ! 
फिर क़ाज़ी साहब ने एक एग्रीमेंट पेपर पर रुखसार और मेरे दस्तखत लिए और हमारे निकाह को अपनी मंजूरी दी और एक मैरिज सर्टिफिकेट भी दे दिए। उसके बाद सभी मुझे बधाई देने लगे और दूसरी ओर सभी औरतें रुखसार को बधाई दे रहीं थी। दावते वालामी के बाद अगली सुबह रुखसती का समय रखा गया और आज की रात मैं और रुखसार पहली रात बिताने वाले थे, जिसे सुहागरात कहते हैं। शादी की पहली रात को सुहागरात कहा जाता है, सुहागरात सभी की जिंदगी का एक अहम हिस्सा मानी जाती है। इस रात को लेकर लोगों के मन में कई तरह के प्रश्न होते हैं। इस रात में महिलाओं व पुरुषों दोनों में ही समान उत्सुकता रहती है। सामान्य तौर पर सुहागरात का मतलब शौहर और बीवी का शारीरिक रूप से एक होना माना जाता है। मेरे मन में भी काफी सवाल थे जिसका जवाब तो सुहागरात में ही मिलना था। मैंने भी सोच लिया था कि मैं भी रुखसार के साथ वैसे ही रोमांस और सेक्स करुँगी, जैसे एक टाइम पर राजा ने मेरे साथ किया था। मैं बहुत ही एक्साइटेड थी और डिनर के कुछ देर बाद मेरी सालियाँ मेरे आस पास मंडराने लगीं। मैं चुपचाप बैठी उन सब की बातें सुन रही थी और उन्हें रिप्लाई भी दे रही थी। थोड़ी देर बाद मेरी सास आयी और मुझसे बोली कि दुल्हन कमरे में दामाद का इंतज़ार कर रही है और मेरी सालियों के साथ मैं कमरे के दरवाज़े पर पहुंची। पांच सालियाँ थी मेरी और उनसब ने मुझसे बिस हज़ार मांगे। मैंने उन्हें पचास हज़ार दे दिया तो वे इतनी खुश हो गयीं मुझे आई लव भी बोल गयीं। मैं उनकी बात सुनकर हंसती हुई कमरे में दाखिल हुई और दरवाज़े को अंदर से लॉक कर लिया।

मेरी दुल्हन फूलों से सजे बिस्तर पर घूँघट ओढ़े बैठी मेरा ही इंतज़ार कर रही थी। मैंने और रुखसार ने दो रकअत नमाज़ एक साथ पढ़ी जो सुहागरात मनाने से पहले पढ़ी जाती है। 

उसके बाद मैंने रुखसार को अपनी बाहों में उठा लिया, वो मेरे ही कदकाठी की थी और काफी स्लिम भी थी, लेकिन उसे उठाना मुझे काफी भारी पड़ रहा था। मैंने रुखसार को बिस्तर पर बिठा दिया और उसे एक गिफ्ट दिया, जो आमतौर पर मुंहदिखाई पर दी जाती है। मुंहदिखाई के बाद मैंने रुखसार का घूंघट उठाया तो वो शर्माने लगी। इतनी बला की खूबसूरत दुल्हन मिली थी मुझको, मुझसे तो सब्र ही नहीं हो रहा था। धीरे धीरे मैं रुखसार के करीब गया तो उसने अपनी आँखें बंद कर ली। मैंने उसके नाक से नथिया उतारा और उसके होंठों को चुम लिया। रुखसार के आँखों से आंसू की एक बून्द गिरी और उसने अपने बाहों का हार मेरे गले में डालकर मुझसे लिपट गयी। अचानक रुखसार मुझसे लिपटी तो मेरे लंड में इरेक्शन हो गया और वो टाइट हो गया। रुखसार के गले को चूमता हुआ मैं उसके होंठों को दुबारा चूमने लगी। इस बार रुखसार भी मेरा साथ दे रही थी, वो मेरी आगोश में थी और हमदोनो की सांसें अब एक हो चली थी। काफी देर तक रोमांस करने के बाद जब मैंने रुखसार की ओर देखा तो शर्म से लाल हो रही थी।

मैंने मेरी दुल्हन से पूछा- तुम ठीक तो हो ना रुखसार!

मेरी दुलहन ने हामी भरी और वो एक बार फिर मुझसे लिपट गयी और मेरे होंठ पर किस करने लगी। मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था और अब तो रुखसार की इज़ाज़त भी थी।

मैंने बिना देर किये मेरी नाज़ुक सी दुल्हन से पूछा- तो क्या तुम तैयार हो?

मेरी दुल्हन बोली- तैयार तो हूँ लेकिन मुझे काफी डर लगा रहा है।

मैं समझ गयी थी कि मेरी प्यारी सी दुल्हन की सहेलियों ने उसे कह दिया होगा कि पहली बार करने में बहुत दर्द होता है। मैंने मेरी दुल्हन के मुखड़े को ऊपर उठाया और उसे चूमते हुए उसे समझाया कि पहली बार में तो सब को दर्द होता है, फिर अच्छा लगने लगेगा। मेरी बात मेरी दुल्हन ना माने, ये तो हो ही नहीं सकता। 

मैंने रुखसार की चोली की डोरी खोल दी। रुखसार ने दोनों हाथों से अपनी चोली को थाम ली और आँखें झुका ली। रुखसार ने बिना ब्रा के ही चोली पहन रखा था और फिर मैंने उसके लहँगा को भी खोल दिया और उसे उतारने में उसकी मदद की। रुखसार ने पैंटी भी नहीं पहनी थी, वो पहले से ही मेंटली प्रेपर होकर आयी थी और मैं भी। रुखसार को ऊपर से नीचे देखकर मैं काफी एक्साइटेड होने लगी थी और मैंने भी अपनी शेरवानी उतार दी और पूरी तरह से न्यूड हो गयी। जब रुखसार ने मेरी बॉडी को देखा तो शर्माते हुए मुस्कुराने लगी।

मैंने पूछा- क्या हुआ मेरी रानी, बहुत मुस्कुरा रही हो?

रुखसार बोली- नहीं कुछ नहीं। आपका बदन मेरे जैसा ही नरम और मुलायम दिख रहा है, क्या अपने भी वैक्सिंग करवाई है क्या?

मैंने कहा- नहीं, मेरी बॉडी पर बाल नहीं आते!

रुखसार बोली- और आपकी छाती भी लड़कियों जैसी है, वो क्यों?

मैंने कहा- मुझे नहीं पता मेरी रानी!

इससे पहले रुखसार और कुछ कहती, मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया। 

रुखसार और मेरी हाइट सेम थी और उसके कमर के नीचे की बनावट, मेरी कमर के नीचे की बनावट जैसे ही थी। रुखसार का बूब्स मेरी फूली हुई छाती से थोड़ा ही बड़ा था और उसके निप्पल्स भी मेरे जितने नहीं थे। रुखसार के सामने काफी शर्मिंदगी उठानी पड़ रही थी मुझे। काश खुदा ने थोड़ी ज्यादा हाइट दी होती मुझे तो रुखसार के सामने मर्दानगी दिखाने में मजा भी आता। खैर मैंने ज्यादा सोचा नहीं और और उसके होंठों को चूमना शुरू कर दिया। धीरे धीर रुखसार के गले से होते हुए मैं उसकी छाती पर चूमना शुरू कर दिया। मेरी एक चुम्बन से रुखसार के मुँह से आह निकल गया जिससे मैं और भी एक्साइटेड हो गयी थी। मैंने रुखसार के दोनों बूब्स को एक एक करके बिना रुके चूसने लगी, उसे बहुत अच्छा लग रहा था और मेरी दुल्हन के मुँह से निकलने वाली एक एक सिसकियाँ मेरी उत्तेजना बढ़ाये जा रही थी। जब मैंने, मेरी दुल्हन के मांसल जाँघों को चूमना शुरू किया तो वो काफी गर्म हो चुकी थी और इधर मेरा लंड भी टाइट टाइट फील हो रहा था। मैंने रुखसार की चूत पर अपना लंड टिका दिया और उसके बूब्स को मसलने लगी। 

रुखसार काफी एक्साइटेड हो गयी तो मैंने एक झटके में अपना लंड उसकी चूत में घुसा दी। रुखसार की एक जोर की चीख के बाद मैं रुक गयी और रुखसार के माथे को चूमने लगी। रुखसार दर्द से रो रही थी, वो कहने लगी कि उसे ये सब नहीं करना है, मैंने उसे कहा, शांत हो जाने को तो वो मुझे एकटक देखने लगी। मैंने फिर से उसके बूब्स को अपने होंठों से चूसते हुए अपना लंड बाहर निकाल कर फिर से उसे अंदर डाल दिया और अपनी दुल्हन के साथ सेक्स करने लगी। मैं पुरे जोश में रुखसार के साथ सेक्स कर रही थी और अब उसे भी अच्छा लगने लगा था। तभी तो मेरी दुल्हन भी जोर जोर से सिसकियाँ भी ले रही थी और मेरे पीठ भी खंरोच रही थी। अभी दो मिनट्स हुआ ही था कि रुखसार जोर जोर से, और तेज़, और तेज़ करने को कहने लगी। मैंने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी और कुछ ही पलों में मुझे और रुखसार को एक साथ ओर्गास्म हो गया। रुखसार अपनी आँखें बंद करके इस चरमसुख के अनुभव का आनंद ले रही थी और मैं भी अपनी आँखें बंद करके रुखसार को अपनी बाहों में समेटे हुए इस चरमसुख का सुख भोग रही थी। हमदोनो अब एक हो चुके थे, लेकिन मेरा लंड अब सिकुड़ कर काफी छोटा हो गया और रुखसार की चूत से बाहर आ गया। मैंने सोचा कि एक राउंड कर करके देखूं, लेकिन मेरे लंड का तनाव ख़त्म हो चूका था। मैंने बहुत कुछ सोच रखा था कि सुहागरात में ये करुँगी वो करुँगी, लेकिन मेरी मर्दानगी मेरा साथ ऐसे समय पर छोड़ देगी, इसकी उम्मीद नहीं थी मुझे। राजा का स्ट्रेंथ इतना था कि वो रात भर अपना लंड मेरी गांड में डालकर सो गया था, उस रात और मैं यहाँ अपनी दुल्हन को ठीक से सटिस्फाय भी नहीं कर सकी। खैर मेरी दुल्हन तो गहरी नींद में थी और मैं भी उसे अपनी बाहों में लेकर सो गयी।  अगली सुबह जब मेरी नींद खुली तब तक मेरी दुल्हन बिस्तर से उठ चुकी थी और मैं न्यूड बिस्तर में अकेली थी। मैंने सबसे पहले अपना लंड देखा, वो अभी भी सिकुड़ा हुआ ही था और मुझे एक बार फिर से अपनी मर्दानगी को लेकर गुस्सा आ गया। मैं भी कपडे पहनकर रेडी होकर बिस्तर पर बैठ गयी। मेरी एक साली टॉवल और कपडे लेकर आयी ताकि मैं स्नान करके रेडी हो सकूँ। मैंने फ्रेश होकर स्नान करके तैयार होने में ज्यादा टाइम नहीं लगाया, इधर मेरी दुल्हन भी तैयार बैठी थी कमरे में। थोड़ी देर बाद रुखसती के समय मैं रुखसार को विदा करवा कर अपने परिवार वालों के साथ उसे अपने घर ले आयी। रुखसती के समय से घर पहुंचने तक मेरी दुल्हन रस्ते भर आंसू बहाती रही और मैंने उसे समझाया और उसे अपनी बाहों में रखा। 

घर आने के बाद मेरी पूरा परिवार बहुत खुश था। मेरे अम्मी अब्बू बहुत खुश थे और कुछ दिनों तक मैंने और रुखसार ने हर रात सुहागरात की तरह सेलिब्रेट करी और मनाया और हमदोनो काफी खुश थे। एक दिन मेरे फ़ोन पर राजा का कॉल आया। राजा से मैंने लड़कियों की तरह ही बातें करने की आदत हो गयी थी लेकिन अब मैं फिर से मर्द थी। मैंने राजा का कॉल पिक की तो उसने मुझे शादी की बधाई दी और मुझसे पूछा कि मैं रिटर्न कब आ रही हूँ। मैंने राजा को बताया कि अब कुछ दिन यहाँ रहूँगा और फिर वापिस आ जाऊंगा।

राजा ने मुझसे पूछा- अकेले आओगी सोफिया या अपनी दुल्हन को साथ लाओगी?

मैंने कहा- अकेले ही आऊंगा? दुल्हन को रखने के लिए वैसी जगह भी तो लेनी पड़ेगी ना!

फिर राजा से थोड़ी देर बात करके मैंने कॉल डिसकनेक्ट कर दिया। मुझे राजा से मर्दों के लहज़े में बात करने में कितनी मुश्किल हुई ये मैं ही जानती हूँ और ऊपर से मेरे दिल की धड़कन कितनी तेज़ हो गयी, राजा से बात करते वक़्त, मैं बता नहीं सकती।

मैंने अम्मी अब्बू से वापिस जाने की बात कही तो वे बोले- कम से कम एक महीने तो रह ले दुल्हन अभी नयी है और तू रहेगा तो उसे अच्छा लगेगा।

मैंने कहा- अम्मी तो क्या रुखसार मेरे साथ नहीं जाएगी?

अम्मी बोली- बेटे, तेरी जो दुल्हन है ना, वो इस घर की बहु है। वो अभी एक साल कहीं नहीं जाएगी और हम बूढ़ों की सेवा करेगी, समझा तू!

मैंने कहा- ठीक है अम्मी, तू रख ले अपने पास, मेरी छुट्टी अगले हफ्ते तक ख़त्म हो जाएगी और मैं एक नयी कंपनी ज्वाइन कर रहा हूँ तो मुझे अगले हफ्ते जाना पड़ेगा!

अम्मी बोली- ठीक है।

रुखसार के साथ मैं हर रोज़ रात को सुहागरात मनाती, लेकिन एक राउंड सेक्स के बाद, लाख कोशिश करने पर भी मैं दूसरा राउंड सेक्स नहीं कर पा रही थी। 
कभी कभी मेरी नई नवेली दुल्हन मुझसे खफा हो जाती, उसे मुझसे कुछ ज्यादा ही उम्मीद थी, लेकिन मैं क्या करती? एक हफ्ता बीतने में समय नहीं लगा, मुझे वापिस होना था और रुखसार इमोशनल हो कर मुझसे लिपटकर रोने लगी। मैंने उसे समझाया कि मैं महीने में एक बार जरूर आ जाउंगी और वो अपना ख्याल रखे! अपनी दुल्हन और अम्मी अब्बू से विदा लेकर मैं रिटर्न आ गयी। रिटर्न आते ही मैंने राजा को कॉल करके इन्फॉर्म कर दी कि मैं शहर में रिटर्न आ गयी हूँ और मुझे जॉब ज्वाइन करनी है।

राजा ने मुझसे कहा- आज ही तो आयी हो सोफिया, थक गयी होगी। एक दो दिन रेस्ट कर लो तबतक मैं तुम्हारे ऑफिसियल पेपर्स रेडी करवा देता हूँ।

मैंने कहा- ओके लेकिन मेरे रियल नाम से ही मैं नौकरी ज्वाइन करुँगी।

राजा बोला- हाँ सोफिया, तुम्हे सफीउल बनकर ही जॉब ज्वाइन करनी है, मैं जानता हूँ!

मैंने कहा- राजा मेरी शादी हो चुकी है और अब तो मुझे लड़कियों की तरह मत पुकारा करो, प्लीज्!

राजा बोला- हो नहीं सकता स्वीट हार्ट, मेरे लिए तुम सोफिया हो और सोफिया ही रहोगी!

इससे पहले मैं कुछ कहती, कॉल होल्ड पर चला गया तो मैंने भी कॉल कट कर दी। उस रात जब मैं टॉयलेट करने गयी तो टॉयलेट में तेज़ जलन हुआ और ब्लड भी आ रहा था। मैं बहुत डर गयी और जैसे तैसे खुद को संभालकर कमरे में आ गयी। मैं बिस्तर पर सोने गयी तो मेरे लंड में दर्द और मेरे चेस्ट के मांसपेशियों में दर्द हो रहा था। लाइफ में कभी मुझे ऐसा दर्द नहीं हुआ लेकिन आज की रात जिस दर्द से मैं गुज़र रही थी, मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि आखिर हो क्या रहा था मुझे! अगले दिन सुबह जब टॉयलेट करने गयी तो फिर से तेज़ जलन और दर्द शुरू हो गया और तो और मेरे पेट के नीचले हिस्से में भी अचानक दर्द शुरू हो गया था। मुझसे अब दर्द बर्दाश्त से बाहर हो रहा था लेकिन मुझे पेट दर्द से चला भी नहीं जा रहा था। एक बार मैंने सोचा कि राजा को कॉल कर लूँ, लेकिन फिर मेरे मन ने मना कर दिया। लेकिन मेरे पास कोई दूसरा ऐसा कोई भी नहीं था जो मुझे डॉक्टर के पास ले चले। मैंने हार कर राजा को कॉल किया। 



मैं राजा को बोली- राजा मुझे बहुत तेज़ दर्द हो रहा है पेट में, मुझे डॉक्टर के पास जाना है।

राजा ने कहा- तुम वही रहो सोफिया, मैं अभी आता हूँ और बस तबतक अपना ख्याल रखो।

कॉल काटने के बाद मैं बिस्तर पर लेट गयी और राजा के आने का इंतज़ार करने लगी। थोड़ी ही देर में राजा में फ्लैट के दरवाज़े पर था और मैंने दरवाज़ा खोल कर उसे अंदर आने को कहा।

राजा बोला- सोफिया, तुम ठीक हो?

मैं बोली- नहीं राजा, मुझे बहुत दर्द हो रहा है!

राजा बोला- तो फिर चलो, हॉस्पिटल चलते हैं!

मैं बोली- हम्म! लेकिन मुझसे चला नहीं जा रहा !

राजा बोला- मैं हूँ ना मेरी रानी, तुम फिक्र क्यूं करती हो!

फिर राजा ने मुझे अपनी बाहों में उठा लिया और स्टैर्स से होते हुए नीचे कार में बिठा दिया और हम हॉस्पिटल आ गए। डॉक्टर ने मेरी फुल बॉडी को डायग्नोस्ट किया, मेरी सिटी स्कैन, एमआर, आई, एक्सरे, ब्लडटेस्ट करवाई गई और डॉक्टर ने रिपोर्ट देखने के बाद मुझे एकटक देखने लगा।

डॉक्टर बोला- हाउ इज़ दिस पॉसिबल!

राजा और मैंने एक साथ पूछ लिया- क्या हुआ डॉक्टर, क्या बात है? आप रिपोर्ट्स को देखकर इतने परेशान क्यों हो गए? 



डॉक्टर ने कहा- मिस्टर सफीउल, रिपोर्ट्स के मुताबिक़ आपके बॉडी में हो रहे अनवांटेड चेंज की वजह से आपको ऐसी दिक्कतें हो रही हैं। सबसे पहले, आपके चेस्ट में नए सेल्स और टिश्यू का बनना, दूसरा नंबर आपके बॉडी में फीमेल इंटरनल ऑर्गन्स का डेवलपमेंट होना, तीसरा नंबर उनका डेवलपमेंट तो सही तरीके से हो रहा है लेकिन उन्हें एक प्रॉपर वे में एक दूसरे से कनेक्ट नहीं किया गया तो ये जानलेवा भी हो सकता है। चौथा नंबर आप बॉडी में क्रोमोसोम्स जो कि पहले एक्सवाय थे, जो आमतौर पर मर्दों के क्रोमोसोम्स होते हैं उनमे किसी तरह का म्युटेशन होने की वजह से वे एक्सएक्स क्रोमोसोम्स में तब्दील हो रहे हैं। और यही सबसे बड़ी वजह है कि आपका बॉडी फेमिनिन होता जा रहा है और अभी तो सिर्फ दर्द और ब्लड आ रहे हैं। लेकिन अगर किसी दिन कोई भी फीमेल ऑर्गन मालफंक्शन का शिकार हो गया तो तुम्हारी जान भी जा सकती है। मुझे डर है मिस्टर सफीउल, आगे की लाइफ अच्छे से बिताना हो तो आप अपना सेक्स चेंज करवा लो। लड़के बनकर रहना अब आपके लिए पॉसिबल नहीं है और अगर अपने अपना सेक्स चेंज करवा लिया तो आपके फीमेल इंटरनल ऑर्गन्स अपने अपने पोसिशन्स पर सेट होकर वर्किंग हो जायेंगे और आप वो सब कर सकेंगे जो एक नार्मल लड़की कर सकती है।

मैंने कहा- डॉक्टर, मैं शादीशुदा हूँ। मैंने कैसे अपना सेक्स चेंज करवा सकता हूँ, आप कोई और तरीका बताइये।

डॉक्टर ने कहा- कोई दूसरा तरीका नहीं है और जो तरीका है वो आपसे फॉलो नहीं किया जा सकेगा। आप अपना सेक्स चेंज करवा लो और औरत बनकर अपना लाइफ स्पेंड करो, ऐसे रहे तो आपकी जान भी जा सकती है।

डॉक्टर की बात सुनने के तुरंत बाद ही राजा बोला- नहीं डॉक्टर, ऐसे कैसे बोल रहे है। कुछ नहीं होगा तुम्हे सफी। डॉक्टर इस बीमारी से उबरने का कोई तो तरीका होगा, कोई तो मेडिसिन्स होंगे या कोई तो ट्रीटमेंट होगा।

राजा ने एक ही सांस में सबकुछ कह दिया और मैं देखती रह गयी। 

डॉक्टर ने कहा- देखिये मिस्टर राजा, मिस्टर सफीउल के शरीर में जो चेंज हो चुके हैं उन्हें अब रोका तो नहीं जा सकता। लेकिन कुछ ऐसे मेडिसिन्स और ट्रीटमेंट प्रोसीज़र हैं जिनसे दस प्रतिशत चांस है कि मिस्टर सफीउल का बॉडी ठीक हो सके।  

राजा बोला- तो आप मेडिसन और ट्रीटमेंट प्रोसीज़र शुरू करवाइये, सफीउल आज ही हॉस्पिटल में एडमिट हो जायेगा!

डॉक्टर बोला- सॉरी मिस्टर राजा, ये ट्रीटमेंट प्रोसीज़र घर रहकर ही करना पड़ेगा। लेकिन मुझे डर है कि मिस्टर सफीउल इस प्रोसेस को एक्सेप्ट नहीं कर पाएंगे।

राजा ने कहा- ऐसा कैसा प्रोसेस है जो मेरा दोस्त एक्सेप्ट नहीं कर पायेगा, आप पहले तो प्रोसेस बताइये, उसके बाद देखते हैं।

डॉक्टर ने कहा- ऐज़ यु विश। तो मिस्टर सफीउल, क्या आपने क्रॉसड्रेसिंग का नाम सूना है?

मैं कहा- जी डॉक्टर!

डॉक्टर ने कहा- क्या अपने ये देखा है?

और फिर डॉक्टर ने अपने फ़ोन में एक वीडियो दिखाई जिसमे एक लड़की थी जिसका खुद का लंड भी था और एक मर्द उसके साथ सेक्स कर रहा था। मैंने ऐसी वीडियो तो अपनी लाइफ में कभी नहीं देखि थी।

मैंने कहा- नहीं डॉक्टर!

फिर डॉक्टर ने कहा- क्या आपको पता है कि डिक डॉकिंग किसे कहते हैं?

मैंने कहा- नहीं डॉक्टर!

डॉक्टर ने कहा- आपको क्रॉसड्रेसिंग भी करनी है और ऐसे ही सेक्स भी करना पड़ेगा वो भी इतना ताकि आपको थकान हो जाये। नेक्स्ट एक महीने तक अगर फिर भी आपके बॉडी में कुछ नहीं बदला तो आपके पास एक ही रास्ता बचेगा, सेक्स चेंज करवाकर औरत बनने का। और हमारे हॉस्पिटल में तो हर साल ऐसे तीन चार केस आते हैं। दो साल पहले एक लड़के को हमने सेक्स चेंज ऑपरेशन के जरिये औरत बनाया था, वो आज प्रेग्नेंट है और हमारे ही ओपीडी वार्ड में एडमिट है, आप चाहो तो उनसे मिल भी सकते हो।

राजा ने कहा- डॉक्टर क्या इन सब के अलावे कोई और तरीका नहीं है?

डॉक्टर बोला- सॉरी मिस्टर राजा, कोई और तरीका नहीं है लेकिन आई मस्ट से, मिस्टर सफीउल के नैन नख्श बहुत ही खूबसूरत हैं, इनपे ज्यादा मेहनत नहीं करना पड़ेगा। मैंने तो पहले ही कहा था कि जो तरीका मैं बताऊंगा वो आपको पसंद नहीं आएगा।

मैंने कहा- मुझे मंजूर है डॉक्टर, अपनी मर्दानगी पाने के लिए मैं ये सब करने को तैयार हूँ, लेकिन इससे पहले मैं उस प्रेग्नेंट लेडी से मिलना चाहूंगा, जिसे आपने औरत बनाया था।

फिर डॉक्टर के साथ मैं और राजा ओपीडी वार्ड में गए, जहाँ एक बेड पर एक गर्भवती औरत अपने पति का हाथ थामे उससे बातें कर रही थी। डॉक्टर ने मेरा परिचय उस गर्भवती औरत से करवाया और थोड़ी देर आपस में बात करने को कहकर वहां से चला गया। राजा भी डॉक्टर के साथ वहां से चला गया। उसने अपने पति को देखा और उसने हमे आपस में बात करने को कहा और वहाँ से चला गया।

मैंने कहा- हाय!

उस गर्भवती औरत जिसका नाम अमिता था, उसने भी कहा- हाय सफीउल!

मैंने उससे पूछा- कैसी हो?

अमिता बोली- ठीक हूँ अभी!

मैंने पूछा- तो अमिता, कॉन्ग्रैचुलेशन्स, डॉक्टर ने बताया कि तुम माँ बनने वाली हो!

अमिता बोली- यस सफीउल, मैं माँ बनने वाली हूँ और मैं बहुत खुश हूँ! पता है पेट के अंदर बेबी अपने पापा को जब जब महसूस करता है, वो किक मारता है।

अमिता की बात सुनकर मैं हंसने लगी और बोली- तुम औरत बनकर बहुत खुश हो ना अमिता, मुझे अपने बारे में बताओ ना!

अमिता बोली- आज से डेढ़ साल पहले इसी हॉस्पिटल में मेरा सेक्स चेंज ऑपरेशन हुआ था। बचपन से ही मुझे लड़की बनने का बड़ा शौख था और मौका पाते ही मैं लड़की बनकर इठलाने लगती। बचपन का शौख, मेरा ख्वाब बन गया। जब मैं बड़ी हुई तो ग्रेजुएशन ख़त्म करने के साथ ही अपने भाई विक्की के हेल्प से लड़की बन गयी। घर में सभी ने मुझे सपोर्ट किया और ऑपरेशन के बाद मुझे घर में लड़की बनकर रहने में अब किसी को कोई ऑब्जेक्शन नहीं था। क्यूंकि, अब मैं पूरी तरह से लड़की बन चुकी थी। अगले महीने से ही पीरियड्स भी आने लगा था, जो मेरी लाइफ में पहली बार ऐसा बुरा दौर झेला था मैंने, लेकिन फिर माँ ने बताया कि पीरियड्स आते है तो बॉडी की गंदगी बाहर निकल जाती है और मन स्वच्छ हो जाता है। बस फिर क्या था, छह महीने बाद मेरी शादी की बात चलने लगी और ये मेरे शौहर हैं चंगेज़ अंसारी, इनसे मैंने शादी की और आज मैं यहाँ हूँ। बस यही मेरी कहानी है सफीउल!

मैंने अमिता को देखा, वो काफी खुश थी। गर्भवती होने के बावजूद वो अपने पति के प्यार में पागल थी। मैंने उसे अलविदा कहा और डॉक्टर के केबिन में आ गयी।

मैंने डॉक्टर को कहा- मैं प्रोसेस के लिए रेडी हूँ, आप मेडिसिन्स दे दीजिये।

डॉक्टर ने मुझे मेडिसिन्स दिया और खाने का तरीका समझाया। फिर राजा के साथ फ्लैट पर आ गयी।

फ्लैट पर आकर मैं राजा से लिपट कर रोने लगी, बहुत इमोशनल हो गयी थी मैं। 

मुझे पता था कि अगर डॉक्टर की बात गलत निकली तो मुझे सेक्स चेंज करवाना पड़ेगा। मेरी नयी नवेली दुल्हन रुखसार इन सब से बेखबर मेरे अब्बू अम्मी की खिदमत में थी और यहाँ मैं अपने अस्तित्व को बचाने का लड़ाई लड़ रही थी। राजा ने मुझे शांत किया और मुझे काफी देर तक समझाया कि वो मुझे अभी भी सपोर्ट कर रहा है और हमेशा करेगा।

मैंने रोते हुए राजा से पूछा- अगर डॉक्टर के बताये प्रोसेस से कुछ भी नहीं हुआ तो मेरी तो जिंदगी ही खराब हो जाएगी, मैं क्या करूँ!

राजा ने मुझे समझाया- देखो सोफ़िया, डॉक्टर काफी एक्सपीरियंस वाले हैं, गलत सलाह नहीं देंगे और फिर मैं हूँ ना! अगर डॉक्टर के बताये प्रोसेस से कुछ नहीं हुआ तो मैं तुम्हारे सेक्स चेंज का पूरा खर्च उठा लूंगा!

मैंने कहा- और सेक्स चेंज के बाद का क्या? मेरी दुल्हन का क्या जो मेरी राह देख रही है।

राजा ने कहा- सॉरी लेकिन तुम्हारी दुल्हन को ऐसे में या तो एडजस्ट करना पड़ेगा नहीं तो तलाक़ लेकर तुमसे अलग हो जाना होगा! जब वो तुमसे तलाक़ ले लेगी तो मैं तुमसे शादी कर लूंगा और तुम्हे एक अच्छा भविष्य दूंगा।

मैंने कहा- नहीं राजा, तुम्हे क्या लगता है, ये सब इतना आसान है। मेरी दुल्हन मुझसे बहुत प्यार करती है और वो मुझे कभी तलाक़ नहीं देगी। और अगर रुखसार ने मुझे तलाक़ दे भी दिया और मैं सेक्स चेंज ऑपरेशन करवा कर औरत बन भी गयी। तब भी मेरी शादी मेरे अम्मी अब्बू की मर्ज़ी से ही होगी, वो अपने पसंद के किसी लड़के से मेरी शादी करवा देंगे।

राजा ने कहा- ऐसा कुछ नहीं होगा, मैं कुछ ऐसा करूँगा कि उन्हें तुम्हारा हाथ मेरे हाथ में देना पड़ेगा। लेकिन क्या पता तुम ठीक हो जाओ, फिर तो तुम अपनी पत्नी के साथ अपना लाइफ बिता सकोगी ना! ज्यादा नेगटिव नहीं सोचना चाहिए, सच हो जाता है। एक महीने मैं रहूँगा तुम्हारे साथ सोफिया, अभी कुछ खा पी लो और मेडिसिन खा लो!

मैंने कहा- चलो तुम तो यही चाहते थे ना!

राजा बोला- चाहता तो मैं हमेशा से तुम्हे ही हूँ, लेकिन ऐसे तुम्हे कष्ट में देखकर नहीं।

मुझे लगा कि मैंने राजा से कुछ गलत ही कह दिया था, मैंने राजा को सॉरी कहा। राजा चुपचाप उठा और मेरे लिए खाने को आर्डर करके फ्रेश होने चला गया। हॉस्पिटल से रिटर्न आने के बाद मैं भी फ्रेश होना चाहती थी तो मैं राजा के बाहर आने का इंतज़ार करने लगी। थोड़ी देर में डिलीवरी वाला खाना दे गया और मैं उसे किचन में रख कर सोफे पर आकर बैठ गयी। पांच मिनट्स बाद राजा वाशरूम से बाहर आया। राजा पूरी तरह से न्यूड था और उसने सिर्फ टॉवल लपेट रखा था। मस्कुलर बॉडी, एट पैक्स एब्स, गीले बाल और बाइसेप्स, मर्द हो तो ऐसा हो, उसका तो लंड भी इतना बड़ा कि टॉवल से भी साफ़ झलक रहा था। मैं राजा को एकटक घूर रही थी, नेक्स्ट एक मंथ मुझे इसी हैंडसम हँक की बाहों में बितानी थी और मुझे भी फिर से अपनी मर्दानगी हासिल करनी थी। राजा ने मेरी तरफ देखा तो मैंने अपनी आँखें नीची कर ली। काश मैं भी ऐसी होती, प्रॉपर मर्द, लेकिन अल्लाह की मर्ज़ी क्या है ये तो मुझे अभी भी समझ नहीं आ रहा था। 
  
राजा बोला- क्या हुआ सोफिया, जाओ, तुम भी फ्रेश हो लो!

मैं अपने कमरे में गयी अपने कपडे उठाये और वाशरूम में चली गयी। थोड़ी देर बाद मैं फ्रेश होकर अपनी छाती पर टॉवल लपेटकर कमरे में आ गयी। राजा सोफे पर टॉवल में ही बैठा मैगजीन पढ़ रहा था और अभी भी टॉवल में ही था। मैं कपडे पहनने अपने कमरे में आ गयी और बैठकर सोचने लगी कि क्या पहनूं! 

सामने मेरे मेल ड्रेसेज़ रखे थे तो मैंने अपनी टीशर्ट पहन ली और जीन्स पहनकर कमरे में आ गयी जहाँ राजा अभी भी मैगजीन ही पढ़ रहा था। मैं किचन में गयी, राजा के लिए खाना लेकर उसके सामने बैठ गयी। हमदोनो ने साथ लंच किया और लंच करने के बाद राजा को एक कॉल आ गया और वो मुझसे बोलकर चला गया कि वो थोड़ी देर में आ जायेगा! मेरे कुछ पूछने से पहले राजा जा चूका था। मैंने गेट लॉक कर के बिस्तर पर बैठ गयी गई और लेटकर रेस्ट करने लगी। आगे बहुत कुछ हुआ, मैं अगले पार्ट में जरूर बताउंगी कि आगे क्या हुआ, अभी चलती हूँ, बाय! 




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